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Incest मजबूरी या जरूरत

cool_rock21

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Amazing Update bro.....Yeh kahani to next level me le jao, ek sath five some sex
Sanju Ki Ma, Behan, Mousi aur uski beti

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Alok

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Waiting for next update bhai
 
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Ajju Landwalia

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कमरे का माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था गांव जाने की तैयारी में सारी पैकिंग हो चुकी थी और ऐसे में मोहिनी अपनी सहेलियों से मिलने के लिए कमरे से बाहर चली गई थी और मां बेटे दोनों एकांत पाकर एक दूसरे से बात करते हुए ही मदहोश होने लगे और एक दूसरे के साथ चुंबन का आनंद लेते हुए एक दूसरे की आंखों से खेलने लगी संजू और आराधना अपने मन में यही सोचे कि गांव जाने के बाद ना जाने ऐसा मौका मिले ना मिले इसलिए इसी समय चुदाई का आनंद लूट लेना चाहते थे और इसीलिए संजू अपनी मां को सूटकेस पर बिठाकर उसकी दोनों टांगों को खोल चुका था और उसकी रसीली फूली हुई चूत में अपने लंड डालने की तैयारी कर ही रहा था कि दरवाजे पर दस्तक होने लगी दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज सुनकर तो पहले दोनों मां बेटों को बिल्कुल भी चिंता नहीं हुई क्योंकि उन्हें ऐसा ही लग रहा था कि दरवाजे पर मोहिनी होगी लेकिन बाहर से आ रही आवाज को सुनकर बाद उन्हें एक दम से चौंक गए थे एकदम से हड़बड़ा गए थे,,,, संजू तुरंत उठ कर खड़ा हो गया और अपने पेंट को पहन कर अपनी स्थिति को सामान्य करने लगा,,, और आराधना की भी हालत खराब हो गई थी वह तुरंत खड़ी होकर अपने ब्लाउज का बटन बंद करके अपने कपड़ों को व्यवस्थित करके कुर्सी पर बैठ गई थी क्योंकि दरवाजे के बाहर जो शख्स खड़ा था वह अशोक था आराधना का पति संजू का बाप जो कि महीनों बाद उसके घर पर आया था,,,,,।

रंग में भंग पड़ गया था राजू चाहता तो दरवाजा खोले बिना अपनी मां की चुदाई करने के बाद ही दरवाजा खोलता लेकिन वह कुछ सोच नहीं पाया था और अपने पापा की आवाज सुनकर एकदम से घबरा गया था लेकिन जैसे-जैसे उसकी स्थिति सामान्य हुई उसे लगने लगा कि खामखा वह अपने पापा से डर गया था लेकिन फिर भी औपचारिक रूप से आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया दरवाजा खुलते ही अशोक लगभग लड़खड़ाते हुए कमरे में दाखिल हुआ और कमरे में शराब की दुर्गंध फैल गई,,,,, अपने पति की स्थिति को देखकर कुर्सी पर बैठी हुई आराधना थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली और वैसे तो गुस्सा उसे इस बात का ही था कि गलत समय पर उसका पति घर पर आया था अगर कुछ देर बाद आता तो भी उसका काम बन जाता उसके बेटे का लंड उसकी चूत की गर्मी को शांत कर देता लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था इसलिए आराधना सहज रूप से थोड़ा गुस्से में थी और बोली,,,।

इतने महीनों बाद घर पर आए तो वह भी शराब पीकर तुम्हें शर्म नहीं आती,,,,


शर्म तो मुझे नहीं तुम दोनों को आनी चाहिए हरामजादी,,,, पूरे बाजार में कमर में हाथ डालकर गाड़ी पर बैठकर घूम रहे हो तुम दोनों समझ में नहीं आता कि तुम दोनों मां-बेटे हो कि प्रेमी प्रेमिका,,,,


यह क्या बकवास है,,,,( अपने बाप के मुंह से इस तरह की बात सुनकर संजू गुस्सा करते हुए बोला और उसकी बात सुनकर अशोक लगभग लगभग उसे डांटते हुए बोला)

चुप कर मादरचोद,,,, तेरे से बात नहीं कर रहा हूं मैं,,,,(तभी उसकी नजर पैकिंग किए हुए सामान पर गई और वह कुटिल मुस्कान अपने चेहरे पर लाते हुए बोला)


pick a number 1 through 12

ओ,,हो,,,, कहां जाने की तैयारी हो रही है हनीमून पर गजब है एक बेटा अपनी मां को हनीमून पर ले जा रहा है,,,

क्या बकवास कर रहे हैं आप तुम्हें कुछ समझ में आ रहा है कि क्या कह रहे हो,,,,


मुझे सब समझ में आ रहा है कि मैं क्या कह रहा हूं हरामजादी तु एकदम रंडी हो गई है,,,,


खबरदार जो तुमने मम्मी को गाली दी तो मैं भूल जाऊंगा कि तुम मेरे बाप हो,,,


क्या बात है मम्मी को गाली दी तो या माशूका को गाली दे दो,,,,,
(अशोक की बातों को सुनकर आराधना के तन बदन में आग लग रही थी वह क्रोधित हो रही थी वह चित्र से जानती थी कि उसके और उसके बेटे के बीच किस प्रकार का रिश्ता है लेकिन अपने पति के मुंह से अपनी और अपने बेटे के बारे में इस तरह की बातें सुनकर उसे गुस्सा आ रहा था वह नहीं चाहती थी कि उन दोनों के बीच जो कुछ भी चल रहा है वह किसी समाज को पता चलेगा कोई अपने मुंह से बताएं इसलिए अपने पति की बात उसे एकदम कड़वी लग रही थी वह एकदम गुस्से में थी और अशोक था कि अनाप-शनाप बक रहा था,,,)

मैं देख रहा हूं मां बेटे दोनों कैसे चिपक कर पूरे बाजार में घूमते फिर रहे हैं लगता ही नहीं है कि मां बेटे हैं तभी तो मैं कहूं कि इस रंडी को मेरी जरूरत क्यों नहीं पड़ रही है क्यों मुझे बुला नहीं रही है अब पता चला,,,, नया लंड मिल गया है और वह भी एकदम जवान तभी तो अपनी चूत की प्यास बुझा रही है,,,, मेरे लंड से तो इसे पूरा ही नहीं पड़ता था,,,,।
(अपनी मां के बारे में अपने पापा के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर संजू एकदम क्रोधित अवस्था में अपने पापा को तमाचा जड़ दिया इतने पर एकदम से हड़बड़ा कर आराधना खड़ी हो गई लेकिन वह कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी अपने बाप को तमाचा मार कर संजू बोला,,,)

तुम्हें समझ में आ रहा है कि कितना गंदा लांछन लगा रहे हम दोनों पर कुछ समझ में आ रहा है,,,,,(संजू किसी भी तरह से अपने आप अपनी मां के बीच के नाजायज रिश्ते को दुनिया वालों से अपने वालों से छुपाना चाहता था इसलिए वह इस तरह का बर्ताव कर रहा था कि मानो उसके और उसकी मां के बीच किसी भी प्रकार का नाजायज संबंध नहीं है)

मादरचोद तूने मुझ पर हाथ उठाया,,,,

यह मादरचोद मादरचोद क्या लगा रखा है,,,,, समझ में आता है कि मादरचोद किसे कहते हैं,,,,,


कहने दे संजू कहने दे शायद मादरचोद का मतलब यह जानता तू जानना चाहता है कि हम दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता है,,,,,,,,, तू तो अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ कर चला गया सब कुछ छोड़ कर चला गया और बाहर रंडियों के साथ मजा लेने लगा,,,,,
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हां तो
हुआ तो एकदम ठंडी औरत है मुझे गर्म होना चाहिए इसलिए मुझे तेरे साथ सोने में मजा नहीं आता और मैं बाहर रंडियों के साथ मजे उड़ाता हूं,,,,


हां अब आया ना असलियत पर यही तेरी असलियत है और तेरी असलियत जानने के बाद मैं भी सोचने लगी की मैं क्यों सती सावित्री बनकर अपनी जिंदगी को खराब करो और जानता है फिर मैंने क्या किया,,,,,
(अशोक नशे की हालत में आराधना की तरफ देख रहा था और आराधना गहरी गहरी सांस ले रही थी वह थोड़ा गुस्से में जरूर थी लेकिन अपने होशो हवास में थी अच्छी तरह से जानती थी कि वह क्या कह रही है क्या कर रही है और वह अपने पति के सामने ही अपने बेटे का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगी यह देखकर अशोक की आंखें फटी की फटी रह गई वह तो सिर्फ साफ कर रहा था लेकिन आज अपनी आंखों से देख रहा था वह कुछ समझ पाता इससे पहले ही संजू भी अपने बाप को अपनी और अपनी मां की असलियत बताते हुए अपने दोनों हाथों को साड़ी के ऊपर से उसकी गांड पर रखकर जोर जोर से दबाते हुए उसके होठों का रस पीने लगा,,,, क्रोधित अवस्था में भी आराधना पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी क्योंकि आज अपने पति के सामने हुआ है अपनी असलियत उसे दिखाते हुए अपने बेटे के साथ गंदी हरकत कर रही थी और संजू भी पूरी तरह से अपनी मां को अपनी आगोश में लेकर उसकी बड़ी बड़ी गांड को जोर जोर से दबा रहा था और अपने बाप के सामने ही धीरे-धीरे उसके साड़ी ऊपर करके उसकी नंगी गांड को अपने बाप की आंखों के सामने ही जोर जोर से दबा रहा था पागलों की तरह दोनों एक दूसरे से प्यार कर रहे थे कुछ देर चुंबन का मजा देने के बाद आराधना बोली,,,,।


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देख लिया हरामि मेरे और मेरे बेटे के बीच किस तरह का रिश्ता है तुझे अपनी मर्दाना ताकत पर बड़ा घमंड था ना तो अगर मेरे बेटे का लंड देखेगा तो शर्म से पानी पानी हो जाएगा दिखाऊं तुझे,,,, मादरचोद,,,(आराधना आज अपनी असलियत पर उतर आई थी आज उसे अपने पति का बिल्कुल भी डर नहीं था बिल्कुल भी खौफ नहीं था वह अपने पति को अपने बेटे के सामने लज्जित कर देना चाहती थी और ऐसा करने से संजू कि उसे रोकने वाला नहीं था वाली अपने बाप की तरफ देखकर गुस्से में मुस्कुरा भी रहा था देखते ही देखते आराधना अपने घुटनों के बल बैठ गए और अपने पति की तरफ देखते हुए अपने बेटे की पेंट की बटन खोलने लगी यह देखकर अशोक को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करेगा तो पूरी तरह सदमे में था उसे बिल्कुल भी होशो हवास नहीं था और अपने पति के सामने ही आराधना अपने बेटे की पेंट घुटनों तक सरका कर उसके मोटे तगड़े लंबे लंड को जो कि अभी भी पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था उसे हाथ में पकड़ लिया और उसे हीलाना शुरू कर दी अशोक पहली बार,,, इस तरह के मोटे तगड़े और लंबे लंड को देख रहा था इसलिए वो और ज्यादा आश्चर्य में था,,,,, अपनी बीवी को अपने ही बेटे का लंड हिलाते यह देखकर अशोक थोड़ा सदमे से बाहर आया और बोला,,,।

यययय,,, क्या कर रही हरामजादी अपने ही बेटे का,,,,


हां तो किसका तुझे बहुत घमंड था अपने लंड पर जो कि एकदम छोटा है तुझे लगता था कि तेरे साथ चुदवाकर ही मुझे मजा आएगा,,,,ना,,, इसलिए तू ज्यादा मेरे साथ नाटक करता था ना देख ले अपनी आंख से तेरा तो मेरे बेटे के सामने कुछ भी नहीं है तू तो 1 मिनट में ही ढेर हो जाता था ना मेरा बेटा तो घंटों तक पेलते रहता है,,,,।

तततत,,,,, तुझे शर्म नहीं आ रही है ऐसा करते हुए,,,,

कैसी शर्म और क्यों आएगी पहले तो आती थी लेकिन अब बिल्कुल भी नहीं आती तूने तो पहले से ही हम दोनों के बीच गलत रिश्ते का इल्जाम लगा दिया था जब जब संजू मुझे बचाने के लिए आता था तो हम दोनों के बीच गलत रिश्ते का इल्जाम लगाकर गाली देता था ना तेरे लगाए गए एग्जाम का ही नतीजा है कि मैं आज अपने बेटे के साथ खुश हूं तुझे क्या लगा था तेरे जाने के बाद हमें तड़प तड़प कर मर जाऊंगी तू बाहर रंडी औरतों से आई याद करते रहे और मैं बिस्तर पर करवटें बदलते रहु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता हरामजादे,,,,(आराधना अपने बेटे के लंड को पकड़ कर हिला रही थी वह अपने पति से बात भी कर रही थी लेकिन संजू अपने बाप को और ज्यादा लज्जित करने के लिए उसके सर पर हाथ रख कर उसे अपने लैंड की तरफ बढ़ा रहा था और इशारों में उसे अपने मुंह में लेने के लिए कर रहा था जो कि गुस्से में आराधना अपने पति से बात किए जा रही थी उसे बुरा भला कह रहे थे और बात हुई बातों में संजू अपने लंड को उसके होठों पर लगा दिया जिसे आराधना भी अपने होठों को खोल कर उसे अपनों में लेकर चूसना शुरू कर दिया देखकर अशोक एकदम हैरान हो गया और उसके अंदर भी गुस्सा आने लगा और संजू अपने बाप के गुस्से को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा और अपनी आंखों को बंद करते हुए बोला,,,)

आहहहह मम्मी बहुत मजा आ रहा है तुम बहुत मजा देती हो तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा पता नहीं इस इंसान को तुम्हारे साथ मजा क्यों नहीं आया ना जाने क्या सोचकर यह तुम्हें छोड़कर रंडी लोग के साथ मजा ले रहा था यह एकदम पागल है बुद्धू है खूबसूरती का इसे पता नहीं है इसे तो यह भी नहीं पता होगा कि इस उम्र में भी तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है बस डालता था और निकालता था इससे ज्यादा इसे और कुछ नहीं आता,,,,,आहहहहह मम्मी पूरा अंदर तक,,,, लो,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना भी अपने पति को जलाने के उद्देश्य से उसके मोटे लंड को पूरा गले तक उतार कर चूसना शुरू कर दी यह देख कर अशोक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ने लगा और वह गुस्से में संजू को मारने के लिए आगे बढ़ा और लेकिन संजू भले ही अपनी मां के मुंह में लंड दिया हुआ था लेकिन फिर भी वह पूरी तरह से तैयार था क्योंकि वह जानता था कि उसका बाप इस तरह की हरकत जरूर करेगा और वह गुस्से में उसे मारने के लिए उसके करीब आया,,,, लेकिन पहले से ही तैयार संजू ने उसे धक्का मारा और वह जाकर बिस्तर पर धम्म करके गिर गया अगर बिस्तर ना होता तो वह नीचे गिरता है और उसे चोट लग जाती,,,,, अशोक समझ गया था कि वह नशे में है और संजू उससे ज्यादा मजबूत शरीर का है क्योंकि अभी तक उसने उसके गाल पर तमाचा भी जड़ दिया था और उसे धक्का देकर गिरा भी दिया था और अशोक उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं पाया था इस तरह से वह पहले भी अशोक को मार चुका था इसलिए अशोक समझ गया कि संजू से वह जीत नहीं पाएगा और इसलिए उसके पास देखने किसी और कोई रास्ता नहीं था,,,, अशोक हैरान था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है वह तो सिर्फ उन दोनों पर शक कर रहा था लेकिन उसका शक पूरी तरह से हकीकत में खुद उन दोनों ने ही बदल दिया था अशोक साफ तौर पर देखा था कि उसकी बीवी जो इस समय बला थी खूबसूरत लग रही थी,,,, उसकी खूबसूरती देखकर अशोक खुद हैरान था क्योंकि उसके साथ उसकी बीवी इस तरह का बर्ताव खुले तौर पर बिल्कुल भी नहीं करती थी और हमेशा डरी सहमी रहती थी लेकिन इस समय तो वह पूरी तरह से बदल चुकी थी और वह देख रहा था कि उसकी बीवी निडर और एकदम बेशर्म औरत की तरह अपने बेटे के लंड को ही गले तक लेकर मजे लेकर चूस रही थी,,,, और ऐसा उसने उसके साथ कभी भी नहीं करती थी,,,,,

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अशोक के सामने जो कुछ भी हो रहा था उसे देखकर अशोक को समझ में नहीं आ रहा था कि वह सपना देख रहा है या हकीकत में हो रहा है ऐसा उसे लग रहा था कि जैसे वह पोर्न मूवी देख रहा हूं क्योंकि इस तरह सेवा पोर्नमूवी में ही देखा था संजू बड़े मजे लेकर अपनी मां के मुंह में लंड डालकर अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपनी आंखों को बंद करके उस अनुभव में पूरी तरह से खो चुका था उन दोनों मां-बेटे को बिल्कुल भी शर्म नहीं था कि उसके सामने उसका पति उसका बाप बैठा है,,,,,

एक बाप होने के नाते उसे इस तरह का नजारा देखने में शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि उसके सामने कोई गैर मर्द और औरत नहीं बल्कि उसकी बीवी और उसका बड़ा बेटा ही थे दोनों अपने ही बाप के सामने अपने ही पति के सामने पोर्न मूवी की तरह मजे ले रहे थे अशोक का मन कर रहा था कि वहां से उठकर चला जाए लेकिन इस तरह के गरमा-गरम दृश्य को देखकर ना जाने क्यों उसके पैर एकदम से जम गए थे क्योंकि आज तक उसने अपने बीवी को इस रूप में खुद अपने साथ नहीं देखा था और आज तक उसकी आंखों के सामने इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड नहीं आया था जिसे देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी कुछ देर बाद इसी तरह से मजा लेते हुए संजू अपने लंड को अपनी मां के मुंह में से बाहर निकाला और उसकी बांह पकड़कर उसे उठाते हुए खड़ी कर दिया और उसे बाहों में लेकर अपने बाप की तरफ देखते हुए बोला,,,,।

हम दोनों के बीच तुम ही गलत रिश्ते का इल्जाम लगाते थे ना उसी में मुझे ऐसा लगता था कि तुम नशे में किस तरह का अनाप-शनाप बक रहे हो लेकिन तुम्हारी उस तरह के इल्जाम में ही मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया क्योंकि तुम्हारी नजर तो अंधी हो गई थी तुम देख नहीं सकते थे कितनी खूबसूरत बीवी होने के बावजूद भी तुम बाहर मुंह मारते फिरते रहते हो मैंने अपनी मां की खूबसूरती को देखा उसके बदन की बनावट से मदहोश हो गया और फिर जो एक मर्द को औरत के साथ करना चाहिए था वही मैंने मम्मी के साथ भी किया और मम्मी इससे खुश भी है देखना चाहते हो तुमसे ज्यादा सुख मै देता हूं मम्मी को,,,,


तुम दोनों के बीच जो कुछ भी चल रहा है मैं सबको बता दूंगा तुम दोनों को बदनाम कर दूंगा,,,

हमें बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुझे जैसे शराबी का कोई विश्वास नहीं करेगा जो कि अपने परिवार को इतने महीनों से छोड़कर कोई खबर अंतर भी नहीं पूछा और बाहर दूसरी औरतों के साथ गुलछर्रे उड़ाता फिरता है,,,।
(अशोक इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि अगर इस बात को वह बाहर किसी से कहेगा भी तो लोग उसे ही भला बुरा कहेंगे क्योंकि कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं करेगा क्योंकि उसका खुद का चरित्र इतना गिरा हुआ है कि सब जानते हैं कि यह जो भी कहता है उसमें बिलकुल भी सच्चाई नहीं होती और इस तरह से अगर अपने ही बीवी और बच्चे के बारे में बाहर किसी से बात कहेगा तो लोग उसे ही भला बुरा कह कर भगा देंगे,,,,)

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छोड़ो ना मम्मी इन सब बातों को,,,, अभी हमें तैयार भी होना है,,,, तुम्हें पता है,,,(अपने बाप की तरफ देख कर) हम दोनों गांव जा रहे हैं मामा की लड़की की शादी है,,,,

क्या,,, लेकिन मुझे तो पता ही नहीं,,,

क्योंकि तुम्हारी जरूरत भी नहीं है तुम्हारे बारे में मैंने भैया से सब कुछ बता दिया हूं और उन्होंने कहा है कि उस हरामजादे को एक बार मेरी आंखों के सामने लेकर आना उसकी हड्डी पसली एक कर दूंगा,,,,,

जाने दो ना मम्मी अपना काम करते हैं,,,, आज हम दोनों के पास मौका है इस आदमी से बदला लेने का इस आदमी ने तुम को ठुकरा कर दिया था ना तुम आज दिखा दो कि इसके बिना भी जिंदगी कितने मजे से जी सकती हो,,,

तू सच कह रहा था इसे अपनी मर्दाना ताकत पर घमंड था जो कि बिल्कुल भी मर्द नहीं है देखना चाहेगा तो मर्द किसे कहते हैं देखना चाहेगा मेरे बेटे की ताकत को,,,,,
(आराधना का इतना कहना था कि संजू तुरंत अपनी मां की साड़ी को एकदम कमर तक उठाकर अपने बदन से सब डाल दिया और उसे तुरंत उठा कर अपनी गोद में उठा लिया दोनों टांगे आराधना अपने बेटे की कमर पर लपेट लें और संजू बिना किसी सहारे की अपनी मां को गोद में उठाए हुए अपने हाथ को नीचे की तरफ लाया और अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की चूत के छेद पर रख कर उसे अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया यह देखकर अशोक एकदम हैरान हो गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह हकीकत में सब कुछ देख रहा है क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बीवी का वजन कुछ ज्यादा था,,, लेकिन संजू बिना हड़बड़ाए बेझिझक अपनी मां को गोद में उठाए हुए उसे चोदना शुरु कर दिया था अशोक यह नजारा देखकर अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और बिस्तर से उठ कर खड़ा हो गया उसकी आंखें फटी की फटी थी और मुंह खुला का खुला रह गया था अशोक पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो गया था संजु अपनी मां को गोद में उठाए हुए अपनी कमर हिला कर अपनी मां को चोद रहा था और आराधना अपने पति की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी और बोल रही थी,,,,

इसे कहते हैं असली मर्द हरामजादे इसे कहते हैं मादरचोद तुझे शायद मादरचोद का मतलब समझ में नहीं आ रहा था और तू हमेशा मेरे बेटे को मादरचोद कह रहा था ना तेरी बदौलत ही मेरा बेटा आज मादरचोद बन गया है वह देख कितना अच्छा मादरचोद ना मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में डाल कर मेरा पानी निकाल देता है मुझे तो तेरे साथ बिल्कुल भी मजा नहीं आया था,,, लेकिन मेरे बेटे ने मुझे एहसास दिलाया की चुदाई क्या होती है,,,,,आहहह आहहहह बेटा मुझे जमकर मेरी चुदाई कर,,,, बता दे इस हरामजादे को की चुदाई क्या होती है,,,,आहहहह आहहहह मेरे बच्चे तेरा लंड बहुत मोटा है रे मेरे बच्चेदानी तक जा रहा है,,,,आहहहरहह

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी मैं इस हारामी के सामने तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि यह रंडी के पास जाने में भी शर्म महसूस करेगा,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां को गोद में उठाए हुए ही दिवार के पास पहुंच गया और दीवार से सटाकर उसे जमकर चोदना शुरु कर दिया,,,,, अशोक फटी आंखों से सब कुछ देख रहा था बड़ी बेरहमी से उसका बेटा अपनी ही मां को चोद रहा था और उसके हर एक धक्के पर उसकी बीवी गरमा गरम सिसकारी ले रही थी अशोक समझ गया था कि उसका बेटा अपनी मां को पूरी तरह से संतुष्टि दे रहा है वह ज्यादा देर तक खड़े रहना उचित नहीं समझ रहा था लेकिन फिर भी वह खड़ा था,,,,, इस समय अशोक को अपनी बीवी बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ऐसा लग रहा था कि उसके जाने के बाद उसकी खूबसूरती में निखार आ गया था और वह अपने बेटे की गोद में साड़ी कमर तक उठाए हुए जिस तरह से अपनी चूत में लंड ले रही थी वह काबिले तारीफ थी इस समय अशोक यही सोच रहा था क्योंकि इस तरह से उसने अशोक के साथ बिल्कुल भी बर्ताव नहीं की थी इतना खुलापन उसके साथ बिस्तर में कभी नहीं लाई थी शायद यह अशोक की ही गलती थी और इसी बात को याद दिलाते हुए एहसास कराते हुए आराधना अपनी चूत में अपने बेटे का लंड लेते हुए बोली,,,,,,)

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अशोक तेरे साथ मैंने क्या कुछ नहीं की थी तेरे साथ जीवन बिताने की कसम खाई थी तेरी थी इज्जत करती थी कि मैं खुद तेरी पूजा रन बन गई थी लेकिन तूने मेरी जरा भी इज्जत नहीं की मेरी कदर नहीं की दूसरी औरतों की तुलना में तूने मुझे बहुत दुख दिया बिस्तर पर आकर तुम मुझे प्यार से समझाया होता मेरे साथ नरमी दिखाया होता तो शायद आज जो मैं अपने बेटे के साथ कर रही उसे सुख दे रही हूं यही सुख में तुझे दे दी लेकिन तू नीच निकला तो एकदम गिरा हुआ निकला मेरा साथ देने की जगह तो मुझे छोड़कर दूसरी औरतों के संगत में चला गया इसी का बदला मैं तुझे दे रही हूं,,,,,आहहहह आहहहह संजू मेरा होने वाला है मेरा निकलने वाला है संजू,,,,।
(आराधना चरम सुख के बेहद करीब पहुंच गई थी लेकिन जानबूझकर अपने पति के सामने झड़ने का नाम ले गई थी वो झड़ने वाली थी और अपने मुंह से यह बता रही थी जो कि आज तो कुछ नहीं कभी भी यह एहसास नहीं की थी और ना ही अपने पति को कुछ बोल ही थी अशोक अपनी बीवी के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर शर्म से पानी पानी हो जा रहा था अब उसके लिए वहां खड़े रहना गवारा नहीं था और वह तुरंत कमरे से बाहर निकल गया और आराधना असीम शांति अपने अंदर लिए हुए अपने बेटे के लंड के धक्के को पूरी तरह से महसूस करते हुए झढ़ने लगी और थोड़ी देर बाद संजू भी अपना गरम लावा निकाल दिया आराधना को आज एकदम हल्का पर महसूस हो रहा था सुबह अपने पति के सामने अपने बेटे से चुदवाया कर अपनी बेइज्जती का अपने अपमान का अपने पति से बदला ले चुकी थी,,,,,।


शाम को तैयार होकर संजू आराधना और मोहिनी तीनों ऑटो पकड़ कर साधना के घर की तरफ निकल गए और जाने से पहले स्कूटी को घर में रख दी थी ताकि कोई नुकसान ना कर सके और थोड़ी देर में तीनों साधना के घर पहुंच गए और वहां से साधना और मनीषा भी ऑटो में बैठकर ट्रैवल एजेंसी के पास पहुंच गई वहां पहुंचते पहुंचते हैं अंधेरा हो चुका था,,,, साधना में सलवार और सूट पहनी थी कसी हुई सलवार में साधना की गांड को ज्यादा ही बड़ी लग रही थी जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था और ऑटो में उसी ने बताई थी कि सफर के दौरान वह हमेशा साड़ी की जगह सलवार सूट पहनना पसंद करती है,,,,, ट्रैवल एजेंसी से थोड़ी ही दूरी पर बस खड़ी थी लोग धीरे-धीरे अपना सामान रखकर उस पर चल रहे थे अंधेरा हो चुका था इसलिए मोहिनी और मनीषा का वहां ज्यादा देर तक ठहरना ठीक नहीं था,,,,, इसलिए संजू ने मनीषा और मोहिनी को दोनों को घर जाने के लिए बोला और जाते-जाते यह हिदायत भी दिया कि,,, दोनों आराम से रहना और मिल पाटकर काम कर लेना,,,,, मनीषा से संजू की दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए उसकी आंखों में आंसू भर आए थे जो कि जैसे तैसे करके वह अपने आप को संभाल लेती क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि किसी को इस बात का आभास हो कि उसके और संजू के बीच में कुछ चल रहा है,,,,

संजू कुछ ट्यूशन की बात करने के बहाने उसे बस के पीछे लेकर गया जहां पर कुछ ज्यादा दे रहा था वहां पर जाते ही वह मनीषा के होंठों पर अपने होंठ रख कर से चुंबन करने लगा मनीषा पूरी तरह से तड़प उठी और कसके संजू को पकड़ लि और संजू ने भी उसे अपनी बाहों में भर कर उसकी गोल गोल गाना पर अपना हाथ रख कर दबाते हुए उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा समय कुछ ज्यादा नहीं था किसी भी वक्त मोहिनी या उसके घर का कोई भी उधर आ सकता था इसलिए वह उसे ना चाहते हुए भी अपनी बाहों की कैद से आजाद कर दिया,,,,, मोहिनी की आंखों में आंसू भर आए थे जिसे खुद संजू नहीं अपने रुमाल से साफ करते हुए उसे धैर्य रखने के लिए बोला और फिर वह वापस अपनी जगह पर आकर दोनों को एक ऑटो में बैठा कर घर की तरफ रवाना कर दिया,,,।


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Amazing update rohnny4545 Bhai,

Sanju aur aardhna ne ashok ko bahut hi badhiya sabak sikhaya he...........

Ab gaanv me maja karenge sanju, aardhana aur sadhna

Keep posting Bhai
 
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