संजू अपनी सबसे छोटी वाली मामी की चूत का मजा ले चुका था और उसे इस बात का एहसास हुआ कि शादीशुदा होने के बावजूद भी उसकी छोटी वाली मामी की चूत एकदम कसी हुई थी जिसके अंदर अपने लंड को डालकर उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी,,,,, जब से वह अपनी छोटी वाली मामी के दर्शन किया था तब से वह उसे चोदने के फिराक में था लेकिन इतने जल्दी उसे इतना सुनहरा मौका मिल जाएगा उसे विश्वास नहीं हो रहा था दूसरी मुलाकात में ही वह अपनी छोटी वाली मामी की जवानी पर काबू पा चुका था,,,,, उसे पूरा विश्वास था कि आज उसकी छोटी वाली मामी उसके मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी चूत में लेकर पूरी तरह से मस्त हो गई होगी और ऐसा ही था जिंदगी में पहली बार,,,, रितु किसी मर्द के साथ संभोग सुख प्राप्त की थी अपने पति के साथ तो उसे चुदाई क्या होती है इस बात का एहसास तक नहीं होता था,,,, लेकिन अपने भांजे के साथ जिस तरह का सुख उसने प्राप्त की थी वह कभी अपने जीवन में भूलने वाली नहीं थी रितु को इस बात का एहसास हो रहा था कि उसके भांजे ने अपनी हर एक तेज धक्के से उसके बदन के पोर पोर को हिला कर रख दिया था,,,, उसका हर एक धक्का स्वर्ग का सुख दे रहा था हर एक धक्के के साथ उसका लंड उसके बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा था जिसका एहसास उसे आज तक नहीं हुआ था रितु को ऐसा महसूस होता था कि जैसे उसकी चूत की अंदरूनी दीवारों की नसें एकदम रगड़ रगड़ कर अपना पानी छोड़ रही थी,,,,,, और रितु इस बात से भी पूरी तरह से मस्त हो गई थी कि पहली बार तथा उसकी चूत को किसी ने चाटा था अपनी जीभ से,,,, और यह एहसास उसके लिए बेहद अद्भुत था,,,,,,,
संजू घर पर पहुंचा तो बहुत खुश नजर आ रहा था घर के सभी लोग खाना खा चुके थे केवल संजू ही रह गया था संजू को देखकर उसकी बड़ी वाली मामी बोली,,,।
कहां चले गए थे संजू,,,,,
छोटी वाली मामी के घर चला गया था,,,,
वहां क्यों गए थे तुम जानते हो ना उन लोगों से हमारा कोई रिश्ता नहीं है,,,,
Sanju or uski choti maami
ऐसा नहीं है मामी इसका पछतावा छोटी वाली मामी को बहुत है वह मुझसे कह रही थी जो कुछ भी हुआ बहुत गलत हुआ,,,,, परिवार से अलग होकर वह भी दुखी है,,,
यह सब किसने कहा तुमसे,,,,
छोटी वाली मामी ने उनका भी बहुत मन करता था परिवार के साथ रहने के लिए लेकिन वह खुद बता रही थी कि ना जाने उन्हें भी क्या हो गया कि गुस्से गुस्से में सब कुछ अलग कर ली,,,,
आग तो उसे ही लगी थी हम तो चाहते नहीं थे कि वह अलग हो,,,,
तभी तो इस बात का पछतावा है मामी,,,,,
अपने छोटे वाले मामा से मिला वह क्या कह रहा है,,,,
मिला था वह बाजार के लिए निकल रहे थे उनसे ज्यादा बातचीत तो नहीं हुई लेकिन मामी बता रही थी कि,,,, आप लोगों के साथ बात करने का उठने बैठने का उनका भी बहुत मन करता है,,,,।
मन करता है तो चले आना चाहिए था ना रोका किसने है अगर यह सोचकर उन लोगों का सर नीचा हो जा रहा है कि हम लोग कुछ कह नहीं रहे हैं तो सामने से क्यों चलकर रिश्ता बढ़ाएं इस गलतफहमी में ना रहे मैं उनके हाथ पर जोड़ने वाली नहीं हुं,,,,
ी
ऐसा कुछ भी नहीं है मामी शादी में आने के लिए कह रही थी और यह भी कह रही थी कि मैं लल्ली की शादी में बहुत नाचूंगी,,,,,
चलो देर आए दुरुस्त आए आंख तो खुली उन लोगों की,,,,, तुम जाकर खाना खा लो सब लोग खाना खा लिए हैं सुहानी तुम्हारा इंतजार कर रही थी,,,,, सुहानी संजू आ गया है खाना निकाल देना तो,,,,
Sanju or uski choti maami
जी दीदी अभी आई,,,,,,(अंदर के कमरे से आवाज आई और संजू बोला)
तब तक मैं हाथ मुंह धो कर आ जाता हूं,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही संजु हाथ मुंह धोने चला गया अपनी छोटी वाली मामी के बारे में संजू सब कुछ अपने मन से कह रहा था वह किसी भी तरह से दोनों परिवारों को मिलाना चाहता था उसे अच्छा नहीं लग रहा था कि एक मामा मामी अकेले रह रहे हैं वह चाहता था कि वह दोनों भी साथ में मिलकर रहें और उसे इस बात की खुशी थी कि उसकी बात सुनकर उसकी बड़ी वाली मामी को थोड़ी तसल्ली हुई थी,,,,, थोड़ी देर में संजू हाथ मुंह धोकर रसोई घर की तरफ आगे बढ़ने लगा वह रसोईघर के दरवाजे पर पहुंचकर देखा कि उसकी मामी हाथ ऊपर करके कुछ उतारने की कोशिश कर रही थी जब ध्यान से देखा तो उसकी मामी आचार के डिब्बे को उतार रही थी और वहां तक उनका हाथ पहुंच नहीं रहा था और जिस तरह से वह अपने पैर की उंगलियों पर खड़ी होकर अचार के डिब्बे को उतारने की कोशिश कर रही थी ऐसे हालात में उनका पूरा बदन एकदम सीधा टटा्र हो चुका था और इस अवस्था में उसके नितंबों का आकार कुछ ज्यादा ही गोल और बाहर की तरफ निकला हुआ नजर आ रहा था जिसे देखते ही संजू के मुंह में पानी आ गया अभी कुछ देर पहले ही अपनी जवानी से भरी हुई छोटी वाली मामी के खूबसूरत बदन से जी भर कर खेल कर आ रहा था और आते ही रसोई घर में अपनी बीच वाली मामी के नितंबों को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,,,,,।
इस नजारे को देखकर संजू अगल-बगल नजर दौड़ा कर देखने लगा कि कहीं कोई है तो नहीं लेकिन दोपहर का समय हो रहा था और सब लोग खाना खाकर अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे इस समय रसोई घर में सिर्फ उसकी बीच वाली मामी की और दरवाजे पर सिर्फ वह खड़ा था और कोई भी नहीं था संजू को छत वाली बात याद आ गई जब वह अपनी मामी की आंखों के सामने उसकी ब्रा और उसकी चड्डी को हाथ में लेकर दिखा रहा था और तो और,,,,, उसे संभालने के चक्कर में जिस तरह से अनजाने में ही उसके हाथ सुहानी के सूचियों पर पड़ गई थी और ऐसे हालात में उसकी मामी के तन बदन में जो लहर उठ रही थी उस बात से संजू अनजान बिल्कुल भी नहीं था इसलिए उसके मन में शरारत सोचने लगी और वह बिना कुछ सोचे समझे एक बार फिर से चारों तरफ नजर उठाकर रसोई घर में प्रवेश कर गया सुहानी को इस बात का अहसास तक नहीं हुआ कि संजू रसोई घर में आ गया है,,,,। और संजू ने तुरंत अपनी मामी के पीछे आकर उसकी कमर में दोनों हाथ डालकर उसे उठा दिया और इस हरकत से सुहानी एकदम से चौक गई और उसके मुंह से हल्की सी चीख निकल गई,,,, सुहानी कुछ समझ पाती इससे पहले ही संजु ने उसे उठा लिया था और वह एकदम से उठ गई थी,,,,।
घबराओ मत मामी में हूं कितनी मेहनत कर रही हो आचार के डिब्बे तक पहुंचने की,,,,
मुझे नीचे उतार संजू तु गिरा देगा,,,,
अरे कुछ नहीं होगा मामी मेरी भुजाओं में बहुत दम है कहो तो इसी तरह से उठाकर पूरे घर में घूम सकता हूं,,,,
Sanju apni sabse choti maami k sath
नहीं नहीं ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,,
तुम डर रही हो इसलिए कह रहा हूं,,,,(ऐसा कहते हुए धीरे-धीरे संजू उसे थोड़ा और ऊपर उठाने लगा और देखते ही देखते उसके नितंबों को वह एकदम अपने चेहरे पर लाकर स्थिर कर दिया और ऐसे हालात में समझे अपने चेहरे को उसके नरम नरम गोल-गोल नितंबों के बीच सटा दिया ऐसा करने में उसे इतना अद्भुत आनंद की प्राप्ति हुई कि पल भर में उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो गया,,,,,, गहरी सांस लेते हुए संजू बोला)
उतार लो मामी जो उतारना चाहती हो,,,,।
(अभी तक सुहानी इस तरह से उठाए जाने पर हड़बड़ा रही थी लेकिन उसे भी इस बात का एहसास हो गया कि कुछ अजीब हो रहा है उसे अपने नितंबों पर अपने भांजे का चेहरा एकदम साफ महसूस हो रहा था और ऐसी स्थिति में उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होना शुरू हो गई थी वह मदहोश में जा रही थी अपने भांजे की भुजाओं का दम देखकर,,,,, और उसकी कामातुर हरकत देखकर,,,, आज तक उसके पति ने भी इस तरह से अपनी गोद में उसे नहीं उठाया था लेकिन आज अपने भांजे की हरकत पर वह पूरी तरह से मस्त हो गई थी खास करके उसकी गोल-गोल नितंबों के बीच में बीच अपने भांजे के चेहरे को महसूस करके और उसके नथुनों से निकल रही गर्म सांसो को अपने नितंबों के बीचो बीच अपनी चूत तक महसूस करके वह अपनी चूत में मदन रस का रिसाव होता हुआ महसूस करने लगी थी,,,,,, पल भर में ही सुहानी की सांसे गहरी हो चली थी वह अपने बदन में अद्भुत उत्तेजना का संचार होता हुआ महसूस कर रही थी,,,,। वह धीरे से अपना हाथ अचार की बरनी पर रख दी संजू ने उसे इतना ऊपर उठा लिया था कि उसे हाथ ऊपर करने की जरूरत नहीं की बल्कि अचार की बलि लेने के लिए उसे नीचे हाथ करना पड़ रहा था और अचार की बरनी को दोनों हाथ में पकड़ कर वह बोली,,,)
बस कर संजू अब नीचे उतार,,,,,
(सुहानी पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि वह एक मर्दाना बलिष्ठ भुजाओं के बीच सिमटी हुई थी जिसका एहसास उसे आज तक नहीं हुआ था और वह अपने आपको इसी तरह की भुजाओं में सी मरती हुई महसूस करना चाहती थी लेकिन उसकी यह मनसा ख्वाब बनकर ही रह गई थी लेकिन आज उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका ख्वाब सच हो रहा हो अपनी मम्मी की बात सुनकर संजू बोला,,,)
Sanju apni sabse choti maami k sath
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और कुछ लेना हो तो ले लो मामी घबराओ मत मैं थकने वाला नहीं हूं,,,,
नहीं नहीं बस हो गया,,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मामी को धीरे-धीरे नीचे की तरफ उतारने लगा संजू को यह अच्छी तरह से मालूम था कि अब आगे क्या होने वाला है अपनी हरकत के बारे में उससे पहले से ही मालूम था वह धीरे-धीरे सुहानी को अपनी भुजाओं से नीचे उतारने लगा,,,, और देखते-देखते संजू सुहानी के पैर जमीन पर पड़ते इससे पहले वह अपनी मामी को अपने बदन से एकदम सटाया हुआ था,,,, और जैसे ही सुहानी के नितंबों का उभार संजू के तने हुए खुंटे के पास आया संजु जानबूझकर अपनी कमर को आगे की तरफ फेल दिया था ताकि उसके तने हुए लंड का एहसास उसकी मामी अपने नितंबों पर अच्छी तरह से कर सके,,,,, और ऐसा ही हो रहा था सुहानी मदहोश हो जा रही थी लेकिन जैसे ही उसके नितंबों के नीचे ली छोर पर कुछ चुभता हुआ गडता हुआ महसूस हुआ उसे समझते देर नहीं लगी कि उसके नितंबों पर संजू के बदन का कौन सा हिस्सा चुभ रहा है वहउस हिस्से के बारे में सोच कर ही पानी पानी होने लगी,,,, उसकी सांसों की गति बड़ी तेजी से चलने लगी देखते ही देखते संजु का खूंटा उसके नितंबों के फांकों के बीच की दरार में से रगड़ता हुआ ऊपर की तरफ आ रहा था,,,, और इस अद्भुत एहसास के चलते उसकी सांस उखड़ने लगी थी वह पल भर में ही भांप गई थी कि संजू का हथियार कितना जबरदस्त है,,,, संजू का खून था बड़े आराम से उसकी गांड की फांकों के बीच की दरार के बीचो बीच से रगड़ता हुआ ऊपर की तरफ आ रहा था,,,, और जैसे ही सुहानी के पैर जमीन पर पड़े संजू का लंड भी एकदम ऊपर की तरफ स्थिर हो गया और संजू धीरे से अपने आपको अपनी मामी के बदन से अलग करते हुए बोला,,,,।
Sanju apni choti maami ki chudai karta hua
अचार लगता है बहुत स्वादिष्ट है यहां तक खुशबू आ रही है,,,,।
(सुहानी कुछ बोली नहीं वह अचार की भरने को किचन पर रखते हुए तिरछी नजर संजू के पेंट की तरफ डाली तो एकदम भौंचक्की रह गई,,,, क्योंकि उसने जो नजारा देखी उसे देखकर वह खुद हैरान हो गई थी संजू के पेंट में बना तंबू ऐसा लग रहा था कि जैसे गाय भैंस को बांधने वाला कोई खूंटा हो सुहानी पल भर में ही यह सोचने लगे कि अगर संजू का लंड चूत में घुस जाए तो कैसा गदर मचाएगा,,,, संजू ने अपना काम कर दिया था वह अपनी मर्दाना अंग की ताकत की रगड़ को वह अपनी मामी के नितंबों पर महसूस करा कर उसे यह जता दिया था कि उसका इरादा क्या है और मदहोश होते हुए सुहानी अपने आप को सहज करते हुए बोली,,,,)
हाथ मुंह धो कर आए हो ना,,,,
हां मामी,,,,, जल्दी से खाना लाओ मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,,,(इतना कहते हुए संजू वही रसोई मे हीं पलाठी मारकर बैठ गया,,,,)
जब भूख बर्दाश्त नहीं हो रही थी तो जहां गए थे वही खाकर आ गए होते,,,,
ऐसा नहीं है खाना तो मुझे तुम्हारे हाथों का ही बहुत अच्छा लगने लगा है तुम्हारे हाथों में तो जादू है,,,,
अच्छा तो यह बात है लेकिन घर वालों ने तो यह बात कभी नहीं कहा,,,,
उन लोगों को स्वाद के बारे में कुछ पता नहीं है मामी वैसे भी वह लोग घर वाले हैं हम तो बाहर वाले हैं और किसी भी चीज की उत्तमता की परख केवल बाहर वाले ही बता सकते हैं,,,,
तो तुम घर वाले नहीं हो,,,,
नहीं अगर बनाना चाहती हो तो बना लो अपना घर वाला,,,,।
(संजू क्या कहने के मतलब को समझते ही सुहानी के गाल सुर्ख लाल हो गए और वह मुस्कुराते हुए बोली)
Sanju apni choti maami ki chudai karta hua
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बहुत शैतान हो गए हो तुम,,,,(और इतना कहने के साथ है स्वादिष्ट भोजन को थाली में परोस कर संजू के सामने रख दी,,,,, और संजू अपनी मम्मी की आंखों के सामने ही अपनी आंखों को बंद करके भोजन की खुशबू को ऐसे अपने नाखूनों से खींचने लगा उसकी खुशबू लेने लगा मानो कि जैसे किसी खूबसूरत औरत की दोनों टांगों के बीच अपनी नाक टीका कर उसकी खुशबू अपने अंदर ले रहा हो इस बात का एहसास होते ही सुहानी एक बार फिर से शर्म से पानी पानी हो गई,,,,, और खुशबू लेने के बाद निवाला मुंह में डालते हुए संजू बोला,,,)
सच में मामी बहुत स्वादिष्ट खाना है,,,,, मन तो करता है कि तुम्हारे हाथ को चूम लूं,,,,
चलो रहने दो इतना भी स्वादिष्ट नहीं है वह तो तुम्हें इतनी जोरों की भूख लगी है इसलिए,,,,
नहीं नहीं मामी मैं सच कह रहा हूं मेरे सर की कसम,,,
कसम खाने को रहने दो और खाना खाओ मुझे आराम करना है,,,,
बाकी सभी लोग खाना खा लिए क्या,,,?
सब लोग खा लिए हैं सिर्फ तुम नहीं गए हो तुम्हारी वजह से ही मैं जाग रही हूं वरना कमरे में जाकर आराम कर रही होती,,,,
यह बात है मामी तो मैं माफी चाहता हूं,,,, आइंदा से ऐसा नहीं होगा लेकिन मैं सोचता हूं कि मामाजी कितने खुश किस्मत है कि आप जैसी खूबसूरत बीवी मिली है जो खाना खाने के लिए भी इतना इंतजार करती है,,,,
खुशकिस्मत,,,,, तुम्हारे मामा होंगे लेकिन मैं बिल्कुल भी खुशकिस्मत नहीं हूं इस घर में तो आकर ऐसा लगता है कि मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया है,,,
ऐसा क्यों कह रही हो मामी इतना अच्छा परिवार तो है,,,,(निवाला मुंह में डालते हुए बोला)
परिवार अच्छा होने से क्या होता है संजू जिसके साथ विवाह कर के घर में आए हैं उसे भी तो अच्छा होना चाहिए,,,,
तुम ऐसा क्यों कह रही हो मामी,,,,(खाना खाते खाते एकदम से शांत होते हुए संजू बोला)
तुम नहीं जानते संजू तेरे मामा मेरी जगह से भी ना तो बात मानते ना तो इज्जत करते हैं देख रहे हो इतना समय हो गया है लेकिन अभी तक खाना खाने घर पर आए नहीं है और ना ही कभी मुझसे खाना खाने के लिए पूछते हैं कि खाना खाई हो कि नहीं खाई हो,,,, एक औरत को और क्या चाहिए सिर्फ इतना ही कि उसका पति की इज्जत करें और उससे प्यार करें और फिर औरत हंसते-हंसते पूरी जिंदगी उसके साथ गुजार देती है ताकि तेरे मामा यह सब नहीं समझते,,,,
Sanju ki choti maami or sanju
a photo
तुम खाना नहीं खाई हो मामी,,,,(संजू एकदम से अपनी मामी की आंखों में देखते हुए बोला तो सुभानी की आंखों में आंसू चमकने लगे और वह अपने चेहरे को दूसरी तरफ घुमा ली,,,,, संजू ने तुरंत एक निवाला बनाकर अपनी मामी के होठों से लगाते हुए बोला,,,)
तुमको मेरे सर की कसम मामी मेरे हाथ से खाना खाना पड़ेगा,,,,
नहीं संजू मैं खाना खाई हूं,,,,
नहीं नहीं तुम्हें खाना ही होगा मैंने तुम्हें अपनी कसम दिया हूं,,,,,।
(और इस बार संजू की जीद और उसका प्यार उसकी दी हुई कसम देखकर सुहानी अपने लाल-लाल होठों को हल कैसे खोलते हुए निवाले को अपने मुंह में भर लिया और उसे खाने लगी जैसे तैसे करके संजू तीन-चार निवाला अपनी मामी को खिलाया और सुहानी एकदम से शर्मा गई जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि वह क्या कर रही है क्योंकि भावनाओं में वह पूरी तरह से हो गई थी और संजू इसी मौके का फायदा उठाना अच्छी तरह से जानता था लेकिन संजू कुछ आगे कर पाता उससे पहले ही सुहानी वहां से उठी और लगभग भागते हुए अपने कमरे की ओर चली गई हो अपने कमरे में प्रवेश कर के दरवाजे को बंद कर दी और गहरी गहरी सांस लेने लगी पल भर में ही वह सारी घटनाओं के बारे में सोचने लगी खास करके बरनी उतारते समय संजू ने जिस तरह से उसके नितंबों पर अपने चेहरे को बनाकर गहरी गहरी सांस लिया था उसकी गर्माहट उसे अभी तक अपनी चूत पर महसूस हो रही थी,,,, और अपने मर्दाना अंग को गांड के बीचो-बीच रगड़ कर उसकी मदहोशी को जिस तरह से बढ़ाया था उसके चलती है उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस हो रही थी,,,,,।
Sanju apni maami k sath
संजू ने सुहानी को पूरी तरह से उत्तेजित कर दिया था अपनी उत्तेजित हरकतों से और उससे भावनात्मक रूप से जुड़कर पूरी तरह से सुहानी के दिलों दिमाग पर संजू ने अपना जादू चला दिया था,,,, उसकी सांसे ऊपर नीचे हो रही थी अभी भी अपने कमरे में होने के बाद जेसी उसे अपने नितंबों पर अपने भांजे के मोटे तगड़े हथियार की रगड़ महसूस हो रही थी जिसकी वजह से उसकी चूत पानी छोड़ रही थी उसे रहा नहीं जा रहा था वह अपने पति से संतुष्ट बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि उसका पति सिर्फ अपनी प्यास बुझाने में अपना पानी निकाल देता था वह कभी भी अपने पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाया था बस पानी निकलते ही करवट लेकर सो जाता था तभी पूछने की भी कोशिश नहीं किया था कि उसे कैसा लग रहा है,,,,, सुहानी यही सब सोचते हुए अपने बिस्तर पर आकर बैठ गई थी और दूसरी तरफ समझो खाना खाकर अपने कमरे में चला गया था जो कि कमरे का दरवाजा खुला हुआ था क्योंकि उसकी मां और मौसी जानते थे कि संजू आएगा और कमरे में आते ही वह कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और देखा कि उसकी मां और मौसी दोनों आपस में बातें कर रही थी,,,,।
तुम दोनों जन आराम नहीं कर रही हो मुझे तो लगा कि सो गई होंगी,,,,
तू था कहां पर,,,,(साधना बोली,,,)
अरे कहीं नहीं बस छोटी वाली मामी से मिलने चला गया था,,,,
Sanju apni mami k sath
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मिलने ही गया था कि कहीं कुछ और करने,,,, देख भाई तेरा भरोसा नहीं है तो किसी के ऊपर भी चढ जाएगा मौका देख कर,,,(साधना मुस्कुराते हुए बोली तो आराधना भी मुस्कुराने लगी,,,)
क्या मौसी तुम भी सिर्फ मिलने गया था क्योंकि वह बहुत अकेली रहती है मैं चाहता हूं कि दोनों परिवार फिर से एक हो जाए,,,,
क्या बात है संजू बेटा तेरी सोच तो बहुत अच्छी है,,,, लेकिन यह सब होगा कैसे,,,(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना बोली)
हो जाएगा,,,,
अरे वह सब छोड़ो मैं तेरी मम्मीजी से बातें कर रही थी उस दिन के बारे में,,,
किस दिन के बारे में मौसी,,,,(अपनी टीशर्ट को उतारकर सिरहाने रखते हुए बोला)
अरे उस दिन के बारे में तूफानी रात तेज बारिश बिजली की गड़गड़ाहट और वह खंडहर,,,,,।
(अपनी मौसी की बात सुनकर ही संजू मुस्कुराने लगा और बोला)
क्या मौसी तुम भी,,,
नहीं रे मैं सच कह रही हूं तेरी मम्मी से पूछ रही थी कि तुझे कैसा लगा,,,,
तो मम्मी क्या बोली,,,(संजू अपनी मां की तरफ देखते हुए बोला)
Sanju ki maami
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कुछ बता नहीं रही है बस मुस्कुराए जा रही है,,,,
मुस्कुराए जा रही है मतलब मम्मी को अच्छा लगा,,, क्यों मम्मी सच कह रहा हूं ना,,,,
धत् तुम दोनों भी ना,,,,(आराधना एकदम से शर्माने का नाटक करते हुए बोली)
तुम दोनों भी क्या अरे मैं भी तो थी उसे दिन मैं तो नहीं शर्मा रही हूं तू क्यों शर्मा रही है बल्कि उसे दिन तो अच्छा ही हुआ कि सब कुछ हो गया तेरे लिए एक सहारा तो मिल गया,,,, वरना तो मुझे इस बात का डर था कि अब बिना पति के तू जिंदगी कैसे गुजारे गी अशोक का तो मैं देख ही रही हूं,,, और आराधना मुझे तो इस बात का डर भी था कि तो ऑफिस आती जाती थी कहीं ऐसा ना हो जाए कि ऑफिस में किसी से तेरा चक्कर चलने लगी और फिर किसी और को ही अपनी चूत दे बैठे,,,,
क्या दीदी तुम भी,,,,
तुम सच कह रही है मौसी मुझे भी इस बात का डर था क्योंकि मम्मी जिस तरह से सज धज कर निकलती थी ना मेरी खुद की हालत खराब हो जाती थी तो दूसरों की बात ही क्या करना ,,,,
अच्छा,,,,,(अपने बेटे की बात सुनते ही आराधना संजू की तरफ आंख निकाल कर बोली)
हां मम्मी मैं सच कह रहा हूं,,,,
अच्छा यह बता तेरी मम्मी में तुझे क्या अच्छा लगता था,,,,
Apni mami ki gadrayi jawani dekhkar kitchen me sanju ka lund khada hone laga
देखो मौसी अब हम तीनों के बीच इस तरह का रिश्ता हो चुका है उसके चलते में सब कुछ बता देता हूं वरना यह सब बताना शर्म से डूब मरने जैसी बात थी,,,,
हां बताना क्या अच्छा लगता था,,,,,(साधना उत्सुकता दिखाते हुए बोली आराधना भी अपने बेटे की तरफ देखने लगी उन दोनों के बीच पहले से ही इस तरह का रिश्ता पनप चुका था वह तो केवल आराधना अपनी बहन के सामने अनजान बनने का नाटक कर रही थी शर्मा ने का नाटक कर रही थी)
मौसी जब भी मम्मी तैयार होती थी ना और जब अपनी साड़ी को अपनी कमर पर कसकर बनती थी ना तो मम्मी की गांड और ज्यादा बड़ी लगने लगती थी सच कहूं तो मम्मी की बड़ी-बड़ी और कशी भी गांड देखकर मेरा लंड हमेशा खड़ा हो जाता था,,,
बाप रे बहुत चालू है तू,,, और क्या अच्छा लगता था बता,,,,
मम्मी की चूचियां बहुत लाजवाब लगती थी एक आद बार तो मैं बिना ब्लाउज के लिए मम्मी की चूची को देख चुका था इसलिए मेरा आकर्षण मम्मी की चूची की तरफ बहुत ज्यादा था मन करता था कि दोनों हाथों में पकड़ कर जोर जोर से,,,,दबाऊं,,,,
यह बात है कब देखा था तू,,,,
कमरे में जब मम्मी कपड़े बदल रही थी तो मैं अनजाने में पहुंच गया था उस समय मम्मी ब्लाउज तो पहन चुकी थी लेकिन उसका बटन नहीं बंद करी थी और मुझे देखते ही एकदम से घबरा गई थी,,,,।
(इतना सुनते ही आराधना शर्माने का नाटक करने लगी और वह चित्र से जानती थी कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था संजू बनी बनाई बात कह रहा था जिसे सुनकर आराधना तो मजे ले रही थी साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी और उसकी चूत पानी छोड़ रही थी)
Kitchen me sanju or suhani kuch is tarah se
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बाप रे आराधना तू भी ना अपने बेटे पर अपनी जवानी का जलवा दिखा रही थी,,,,
क्या दीदी तुम भी वह तो सब अनजाने में हो गया था,,,,
जाने नहीं सब कुछ होता है मेरी रानी अगर तेरा बेटा तेरे बदन के तरफ आकर्षित ना होता तो शायद तेरी चूत में उसका लंड ना होता,,,, और बात संजू,,,,,
और क्या मौसी यह सब के बारे में सोचने पर देखने पर हम जैसे जवान लड़कों का ध्यान सबसे ज्यादा कहां जाता है बताओ,,,,
कहां जाता है तू ही बता अपने मुंह से,,,,
चूत पर,,,,, हालांकि मैंने कभी मम्मी की चूत को देखा नहीं था लेकिन कल्पना करता था कि मम्मी की चूत कैसी दिखती होगी और सही कहूं तो मैं किसी की चूत देखा भी नहीं था इसलिए उसके आकार के बारे में कोई सही निष्कर्ष मेरे दिमाग में नहीं आता था लेकिन फिर भी जब भी मैं मम्मी की चूत के बारे में सोचता था तो मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो जाता था और मुझे अपने आप को शांत करने के लिए अपने हाथ से हीलाना पड़ता था,,,,।
संजू तू भी दूसरे लड़कों की तरह हो गया था,,,,(आराधना आश्चर्य जताते हुए बोली)
क्या करूं मम्मी तुम्हारी जवानी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी,,,
और आखिरकार संजू की चाहत रंग लाई और जिस छूत में से बाहर निकला था उसी चूत में लंड डालने का सुनहरा मौका भी मिल गया अच्छा यह बता समझो अपनी मां को चोदने में तुझे कैसा महसूस हो रहा था,,,,
Sanju ki bich wali mami suhani
पूछो मत मौसी स्वर्ग का मजा मिल रहा था मैं कभी सोचा नहीं था कि मुझे अपनी ही मां की चूत मिलेगी और इतनी कसी हुई थी कि मेरा लंड फटने की स्थिति में हो गया था,,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना शर्माने का नाटक करते हो अपने दोनों हाथों से अपने खूबसूरत चेहरे को छुपा ली थी यह देखकर साधना बोली)
अब शर्म आने का कोई मतलब नहीं है मेरी रानी उस समय तो कितना मजा ले रही थी संजू के हर एक धक्के पर चीख निकल जा रही थी,,,,
संजू का मोटा और लंबा भी तो है दीदी,,,,
हां सो तो है,,,,, लेकिन तुझे भी बहुत मजा आया ना,,,,
(इस सवाल पर आराधना कुछ बोली नहीं बस शर्मा कर आंखें बंद करके हां में सिर हिला दी और आराधना का जवाब सुनकर साधना मुस्कुराने लगी और बोली)
तूने अभी ठीक से चुदाई का मजा नहीं ली है आराधना चल इसी कमरे में हो जाए एक बार क्यों संजू तैयार है,,,।
मैं तो हमेशा से तैयार हूं मौसी मम्मी की चूत में फिर से डालने के लिए तो मैं तड़प रहा हूं,,,,
ओहहह हो,,, बेटा तो तैयार है क्या मां भी तैयार है,,,,
नहीं दीदी कोई आ गया तो,,,,
अरे कोई नहीं आएगा मेरी रानी और दरवाजा बंद तो है और इतनी कड़ी धूप है सब अपने अपने कमरे में आराम कर रहे हैं चल एक बार हो जाए,,,,।
(संजू बहुत खुश था आज वह अपनी छोटी वाली मामी को चोद कर आ रहा था और बीच वाली मामी को पूरी तरह से उत्तेजित करके अपने कमरे में आ चुका था और अब उसे इस कमरे में दो-दो चूत मिलने वाली थी चोदने के लिए वह अपने आपको किस्मत का धनी समझ रहा था और दूसरी तरफ संजू की हरकतों की वजह से पूरी तरह से उत्तेजित होकर सुहानी अपने बिस्तर पर बैठकर अपनी साड़ी को अपने कंधे पर से गिरा कर खुद ही ब्लाउज के ऊपर से अपनी चूची को जोर जोर से दबाकर गर्म आहै भर रही थी उसे रहा नहीं जा रहा था अगर इस समय संजू उसके पास होता तो शायद वह अपना सब रखो देती और खुद ही उसके साथ संभोग करने के लिए तैयार हो जाती,,,, लेकिन जिस तरह का तूफान चूत में उठ रहा था उसे शांत करना बहुत जरूरी था इसलिए वह अपने हाथों से अपने ब्लाउज का बटन खोलने लगी,,,, और देखते ही देखते अपने ब्लाउज का सारे बटन खोलकर वह अपनी नंगी चूचियों को अपनी हथेली में लेकर संजू के बारे में कल्पना करते हुए अपनी चूचियों को दबाना शुरू कर दी मानो कि जैसे उसकी चुचियों को खुद संजु अपनी हथेली में लेकर दबा रहा हो उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी की आवाज फुट रही थी,,,,, सुहानी अपनी गोल-गोल चुचियों से कह रही थी यह पहली मर्तबा था जब वह अपने ही हाथ से अपनी चूचियों को मसल रही थी उसे दबा रही थी ऐसा करने में उसे उत्तेजना का अनुभव हो रहा था वह देखते ही देखते अपनी चूचियों को हाथ से दबा कर दबा कर बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई और उसे गर्म सांसे लेते हुए साड़ी के ऊपर से अपनी चीज पर अपनी हथेली का दबाव बनाने लगी जिससे उसे महसूस होने लगा कि उसकी चूत गीली हो चुकी थी,,,,,। इस समय सुहानी को संजू के मोटे तगड़े लंड की अत्यधिक आवश्यकता थी लेकिन इस समय वह मजबूर थे वह धीरे-धीरे की साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगी और देखते ही देखते अपनी पूरी साड़ी को कमर तक खींच ली थी कमर के नीचे वह पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और अपनी चूत पर हथेली रखकर अपनी ही चूत के पानी से गीलेपन को महसूस करके वह मस्त होने लगी और हल्की सी सिसकारी की आवाज के साथ वह अपनी हथेली को अपनी चूत पर रगड़ना शुरू कर दी,,,,।
Sanju ki harkat se suhani ekdam mast ho gayi thi
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सहहहह आहहहहह,,,,,ऊममममममम ,,,(इस तरह की कामुक आवाज के साथ वह बिस्तर पर तड़पने लगी वह चुदवाना चाहती थी अपने भांजे से अपने भांजे के मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई में महसूस करना चाहती थी वह देखना चाहती थी कि जब अपनी हरकतों से वह एक औरत को इतना ज्यादा मस्त कर सकता है तो उसकी चूत में लंड डालकर बार औरत को कितना सुख प्रदान कर सकता है,,,,,, वह अपनी आंखों को बंद करके कल्पना करने लगे कि उसकी दोनों टांगों के बीच उस का भांजा संपूर्ण नगर अवस्था में अपने मोटे तगड़े लंड को हाथ में लेकर हिलाते हुए उसकी तरफ आगे बढ़ रहा है और दोनों टांगों के बीच जगह बनाकर अपनी मोटे तगड़े लंड के मोटे आलूबुखारे जैसे सुपाड़े को,,,,, उसकी गुलाबी चूत पर पटक रहा है और उसके वार से वह मचल रही है सक पका रही हैं,,,, संजू के बारे में कल्पना करके सुहानी इतना अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रही थी कि अपनी बीच वाली उंगली को धीरे से अपनी गुलाबी छेद में डालना शुरू कर दी और महसूस करने लगी कि जैसे संजू अपने लंड को उसकी चूत में प्रवेश कर रहा हूं और देखते ही देखते संजू का पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में घुस गया और अपनी कमर हिला करवा उसे चोदना शुरू कर दिया और यही सोचकर सुहानी अपनी उंगली को अंदर बाहर करके आनंद के सागर में गोते लगाने लगी यह पहली मर्तबा था जब सुहानी अपने ही उंगली से अपने आप को संतुष्ट करने की कोशिश कर रही थी,,,,,।
Suhani apne hath se maja lete huye
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दूसरी तरफ साधना बिस्तर पर बैठी हुई थी और ठीक उसके बगल में आराधना करवट लेकर लेटी हुई थी और संजू की तरफ देख रही थी संजू अपने बिस्तर पर से उठाकर मदहोशी भरे आलम में धीरे-धीरे अपनी पेंट उतारने लगा देखते देखते वह अपनी पैंट उतार कर केवल अंडरवियर में खड़ा हो गया और उसके अंडरवियर में लाजवाब खूंटा बना हुआ था जिसे देखकर दोनों बहने पानी पानी हो रही थी,,,,।
संजू अपनी मां की तरफ देखकर उत्तेजित होता हुआ अपने होंठ को अपने दांत से काटने लगा और अपनी मां को देखकर मदहोश होते हुए चड्डी के ऊपर से तो अपने लंड को पकड़ कर जोर से दबाना शुरू कर दिया यह देखकर आराधना की हालत खराब होती जा रही थी उसका मन कर रहा था कि आगे बढ़कर खुद ही अपने बेटे की चड्डी उतार कर उसके लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दे,,,, संजू उसी तरह से अपने अंडरवियर के छेद में सेल अपने लंड को बाहर निकाला और पिलाना शुरू कर दिया गया देखा करो साधना की खुद की चूत पानी फेंकने लगी उसका खुद का मन संजू से चुदवाने के लिए तड़पने लगा लेकिन वह आज पहले अपनी छोटी बहन की चूत में संजू के लंड को डलवाना चाहती थी इसलिए वह बात आगे बढ़ा कर समझो कि लंड को पकड़ लिया और लंड को पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचने लगी और बोली,,,,।
Sanju or uski choti maami
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अरे हरामि कितना तड़पाएगा अपनी मां को देख नहीं रहा है कितना तड़प रही है मुंह में लेने के लिए,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू के लंड को पकड़कर हुआ थी आराधना के मुंह के सामने उसके लंड को कर दी और आराधना प्यासी नजरों से संजू के लंड की तरफ और फिर अपनी बहन की तरफ देखने लगी और हां में सिर हिला कर आराधना उसे आगे बढ़ने की इजाजत दे दी बस फिर क्या था आराधना अपना हाथ आगे बढ़ाई और अपने बेटे के लंड को पकड़ ली जो कि बहुत गर्म था और फिर अपनी लाल-लाल होठों को खोलकर अपने बेटे के आलूबुखारे जैसे सुपाड़े को अपने होंठों के बीच लेकर चाटना शुरू कर दी,,,,, इस गरमा-गरम दृश्य को देखकर साधना बोली,,,,।
बाप रे कितना जबरदस्त दृश्य है मैंने तो कभी इसकी कल्पना भी नहीं की थी एक माह अपने ही बेटे के लंड को मुंह में लेकर चूस रही है यह देखकर तो मेरी हालत खराब हो रही है,,,,सहहहहह आहहहहहहह संजू,,,,,,(साधना का इतना कहना था कि आराधना अपना पूरा मुंह खोल कर अपने बेटे के लंड को मुंह में भर ली और संजू अपना हाथ आगे बढ़ाकर ब्लाउज के ऊपर से ही अपनी मौसी की चूची को दबाना शुरू कर दिया देखते ही देखते दोनों बहने मदहोश होने लगी और संजू अपनी कमर आगे पीछे करके हिलाता हुआ दोनों हाथों से अपनी मौसी के ब्लाउज का बटन खोलने लगा और देखते-देखते वह अपनी मौसी के ब्लाउज के सारे बटन खोल कर उसकी नंगी चूची को हाथ में लेकर जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया आराधना पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी वह पागल हो जा रही थी,,,,
वह दोनों कभी सपने में नहीं सोची थी कि अपने मायके में आकर उन्हें इतना सुनहरा मौका मिलेगा अपने बेटे के साथ वक्त गुजारने के लिए इसलिए इस तरह के सुनहरे मौके को वहां अपने हाथों से जाने नहीं देना चाहती थी,,,,, आराधना अपने बेटे के लंड को पहले तक लेकर उस का आनंद ले रही थी और साधना अपनी जीभ को लंड के नीचे दोनों गोटे को चाट कर मजा ले रही थी यह देखकर आराधना अपने मुंह में से अपने बेटे के लंड को निकाल कर उसे अपनी बड़ी बहन के मुंह में डाल देती थी और दोनों बारी-बारी से संजू के लंड की चुसाई का मजा ले रहे थे,,,,,
कैसा लग रहा है संजू अपनी मां के मुंह में देकर,,,,
पूछ मत मौसी इतना आनंद तो मुझे कभी नहीं आया,,,,
ओहहहह संजू मस्त कर दे अपनी मां को आज,,,,,
Sanju apni choti maami k sath
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(और संजू कुछ दिन तक इसी तरह से अपनी कमर आगे पीछे हिला कर अपनी मां के मुंह को संजू अपनी सबसे छोटी वाली मामी की चूत का मजा ले चुका था और उसे इस बात का एहसास हुआ कि शादीशुदा होने के बावजूद भी उसकी छोटी वाली मामी की चूत एकदम कसी हुई थी जिसके अंदर अपने लंड को डालकर उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी,,,,, जब से वह अपनी छोटी वाली मामी के दर्शन किया था तब से वह उसे चोदने के फिराक में था लेकिन इतने जल्दी उसे इतना सुनहरा मौका मिल जाएगा उसे विश्वास नहीं हो रहा था दूसरी मुलाकात में ही वह अपनी छोटी वाली मामी की जवानी पर काबू पा चुका था,,,,, उसे पूरा विश्वास था कि आज उसकी छोटी वाली मामी उसके मोटे तगड़े लंबे लंड को अपनी चूत में लेकर पूरी तरह से मस्त हो गई होगी और ऐसा ही था जिंदगी में पहली बार,,,, रितु किसी मर्द के साथ संभोग सुख प्राप्त की थी अपने पति के साथ तो उसे चुदाई क्या होती है इस बात का एहसास तक नहीं होता था,,,, लेकिन अपने भांजे के साथ जिस तरह का सुख उसने प्राप्त की थी वह कभी अपने जीवन में भूलने वाली नहीं थी रितु को इस बात का एहसास हो रहा था कि उसके भांजे ने अपनी हर एक तेज धक्के से उसके बदन के पोर पोर को हिला कर रख दिया था,,,, उसका हर एक धक्का स्वर्ग का सुख दे रहा था हर एक धक्के के साथ उसका लंड उसके बच्चेदानी पर ठोकर मार रहा था जिसका एहसास उसे आज तक नहीं हुआ था रितु को ऐसा महसूस होता था कि जैसे उसकी चूत की अंदरूनी दीवारों की नसें एकदम रगड़ रगड़ कर अपना पानी छोड़ रही थी,,,,,, और रितु इस बात से भी पूरी तरह से मस्त हो गई थी कि पहली बार तथा उसकी चूत को किसी ने चाटा था अपनी जीभ से,,,, और यह एहसास उसके लिए बेहद अद्भुत था,,,,,,,
संजू घर पर पहुंचा तो बहुत खुश नजर आ रहा था घर के सभी लोग खाना खा चुके थे केवल संजू ही रह गया था संजू को देखकर उसकी बड़ी वाली मामी बोली,,,।
कहां चले गए थे संजू,,,,,
छोटी वाली मामी के घर चला गया था,,,,
वहां क्यों गए थे तुम जानते हो ना उन लोगों से हमारा कोई रिश्ता नहीं है,,,,
ऐसा नहीं है मामी इसका पछतावा छोटी वाली मामी को बहुत है वह मुझसे कह रही थी जो कुछ भी हुआ बहुत गलत हुआ,,,,, परिवार से अलग होकर वह भी दुखी है,,,
यह सब किसने कहा तुमसे,,,,
छोटी वाली मामी ने उनका भी बहुत मन करता था परिवार के साथ रहने के लिए लेकिन वह खुद बता रही थी कि ना जाने उन्हें भी क्या हो गया कि गुस्से गुस्से में सब कुछ अलग कर ली,,,,
आग तो उसे ही लगी थी हम तो चाहते नहीं थे कि वह अलग हो,,,,
तभी तो इस बात का पछतावा है मामी,,,,,
अपने छोटे वाले मामा से मिला वह क्या कह रहा है,,,,
मिला था वह बाजार के लिए निकल रहे थे उनसे ज्यादा बातचीत तो नहीं हुई लेकिन मामी बता रही थी कि,,,, आप लोगों के साथ बात करने का उठने बैठने का उनका भी बहुत मन करता है,,,,।
मन करता है तो चले आना चाहिए था ना रोका किसने है अगर यह सोचकर उन लोगों का सर नीचा हो जा रहा है कि हम लोग कुछ कह नहीं रहे हैं तो सामने से क्यों चलकर रिश्ता बढ़ाएं इस गलतफहमी में ना रहे मैं उनके हाथ पर जोड़ने वाली नहीं हुं,,,,
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ऐसा कुछ भी नहीं है मामी शादी में आने के लिए कह रही थी और यह भी कह रही थी कि मैं लल्ली की शादी में बहुत नाचूंगी,,,,,
चलो देर आए दुरुस्त आए आंख तो खुली उन लोगों की,,,,, तुम जाकर खाना खा लो सब लोग खाना खा लिए हैं सुहानी तुम्हारा इंतजार कर रही थी,,,,, सुहानी संजू आ गया है खाना निकाल देना तो,,,,
जी दीदी अभी आई,,,,,,(अंदर के कमरे से आवाज आई और संजू बोला)
तब तक मैं हाथ मुंह धो कर आ जाता हूं,,,,।
(और इतना कहने के साथ ही संजु हाथ मुंह धोने चला गया अपनी छोटी वाली मामी के बारे में संजू सब कुछ अपने मन से कह रहा था वह किसी भी तरह से दोनों परिवारों को मिलाना चाहता था उसे अच्छा नहीं लग रहा था कि एक मामा मामी अकेले रह रहे हैं वह चाहता था कि वह दोनों भी साथ में मिलकर रहें और उसे इस बात की खुशी थी कि उसकी बात सुनकर उसकी बड़ी वाली मामी को थोड़ी तसल्ली हुई थी,,,,, थोड़ी देर में संजू हाथ मुंह धोकर रसोई घर की तरफ आगे बढ़ने लगा वह रसोईघर के दरवाजे पर पहुंचकर देखा कि उसकी मामी हाथ ऊपर करके कुछ उतारने की कोशिश कर रही थी जब ध्यान से देखा तो उसकी मामी आचार के डिब्बे को उतार रही थी और वहां तक उनका हाथ पहुंच नहीं रहा था और जिस तरह से वह अपने पैर की उंगलियों पर खड़ी होकर अचार के डिब्बे को उतारने की कोशिश कर रही थी ऐसे हालात में उनका पूरा बदन एकदम सीधा टटा्र हो चुका था और इस अवस्था में उसके नितंबों का आकार कुछ ज्यादा ही गोल और बाहर की तरफ निकला हुआ नजर आ रहा था जिसे देखते ही संजू के मुंह में पानी आ गया अभी कुछ देर पहले ही अपनी जवानी से भरी हुई छोटी वाली मामी के खूबसूरत बदन से जी भर कर खेल कर आ रहा था और आते ही रसोई घर में अपनी बीच वाली मामी के नितंबों को देखकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,,,,,।