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Incest मजबूरी या जरूरत

Ajju Landwalia

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ननिहाल में आकर संजू के मजे ही मजे हैं संजू हर तरफ से मजा लूट रहा था,,,,, अपनी मां और मौसी दोनों का प्यार तो उसे मिलता ही था लेकिन अब मामीया भी लाइन में थी और वह भी एक से बढ़कर एक,,,,, छोटी वाली मामी की जवानी पर काबू तो पा चुका था और अपनी बीच वाली मामी के बदन में चुदास की जो लहर उसने उठाया था वह बहुत ऊंची उठने वाली थी और इसमें संजू को पूरी तरह से भिगो देने वाली थी संजू की संगत में संजू की हरकत से कामातुर होकर सुहानी जीवन में पहली बार अपनी जवानी की आग बुझाने के लिए अपनी उंगलियों का सहारा ली थी और इसमें तो उसे संतुष्टि प्रदान नहीं हुई बल्कि उसकी प्यास और ज्यादा बढ़ गई बार-बार उसे अपनी गांड की दरार के बीचोबीच संजू का मोटा तगड़ा लंड रगड़ खाता हुआ महसूस होता था,,,,। जिसके चलते बार-बार उसकी चूत गीली हो जाती थी चूत को इस कदर प्यासी उसने कभी महसूस नहीं की थी,,,,, अपनी भावनाओं को संस्कार और मर्यादा की डोरी में वह पूरी तरह से बांधकर काबू में की हुई थी लेकिन उसे ऐसा लगने लगा था कि अब उसकी संस्कार और मर्यादा की दूरी उसकी भावनाओं के आगे कमजोर पड़ती जा रही थी,,,, उसे महसूस होने लगा था कि किसी भी वक्त संजू के हाथों उसके संस्कार और मर्यादाओं की डोरी टूट जानी है,,,,, और वह खुद अंदर से मचल रही थी अपनी मर्यादा की दीवार को गिराने के लिए क्योंकि उसे लगने लगा था कि शायद मर्यादा की दीवार के आगे ही जिंदगी का असली सुख छुपा हुआ है और उसे सुख को पाने के लिए वह अपनी मर्यादा की दीवार को लांघने के लिए उसे गिराने के लिए तैयार हो चुकी थी,,,,,,,।

दूसरी तरफ लल्ली एकदम अनछुई कली थी जिसका जल्द ही विवाह होने वाला था और उसे औरत और मर्द के बीच के रिश्ते के बारे में पता तो था लेकिन कभी उसे ना तो अपनी आंखों से देखी थी ना तो कानों से सुनी थी और ना ही कभी महसूस की थी इसीलिए तो अपनी बुआ के कमरे में से आ रही मादक सिसकारियां की आवाज भी उसे दर्द भरी कराह की आवाज लग रही थी इसलिए वह,, कमरे में से आ रही मादक शिसकारीयो की आवाज को पहचान नहीं पाई,,,,, और उसके भोलेपन के चलते हैं आराधना साधना और संजू का गहरा राज ,,,,राज बनकर रह गया वरना जल्दी जरा सा भी खेली खाई लड़की होती तो ‌ उसे पता चल जाता कि बंद कमरे के अंदर क्या हो रहा है,,,,,

रात को खाना खाते समय घर के सभी लोग बैठे हुए थे और संजू के बड़े मामा सबको बता रहे थे कि क्या क्या करना है क्योंकि विवाह का दिन नजदीक आ रहा था और ढेर सारे काम बाकी थे,,,,,, निमंत्रण बांटने का कार्य बीच वाले मामा को दे दिया गया,,,,, घर का रंग रोगन तो पहले से ही हो चुका था बस थोड़ी बहुत सफाई करनी बाकी थी जो की घर की औरतें अच्छी तरह से जानती थी कि कैसे करना है और,,,, हलवाई को बुलाकर कितने प्रकार के व्यंजन बनाना है मिठाईयां बनानी है सबकुछ की लिस्ट बना ली गई थी और लिस्ट के मुताबिक सामान खरीदने के लिए खुद बड़े वाले मामा जाने वाले थे,,,,, सभी को थोड़ा-थोड़ा कम दे दिया गया था,,,,, संजू इस तरह के विवाह में पहली बार सम्मिलित हो रहा था इसलिए उससे ज्यादा तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या क्या करना है लेकिन फिर भी छोटे-मोटे काम में वह हाथ बंटाता ही रहता था,,,,

दूसरे दिन सुबह सुबह वह जल्दी उठ गया था,,,, बिस्तर पर से उठ कर वह बैठ गया उसकी मां चुकी उसके ही बिस्तर पर सोई थी और रात भर जमकर चुदवाई भी थी जिसके चलते वह पूरी तरह से नग्न अवस्था में थी,,,, संजू अपनी मां के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखा तो देखता ही रह गया सुबह सुबह उसके चेहरे पर कुछ ज्यादा ही मासूमियत और खूबसूरती भरी हुई नजर आ रही थी जिसके चलते संजू से रहा नहीं गया और वह नीचे झुक कर अपनी मां के गाल पर होठ रख कर चुंबन कर लिया और इस वजह से आराधना के बदन में थोड़ी सी हरकत हुई और उसकी आंख खुल गई,,,,,,,,, अपने बेटे पर नजर पड़ते ही आराधना के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी और मुस्कुराते हुए अंगड़ाई लेने लगी और बोली,,,,।


क्या बात है आज बहुत जल्दी उठ गया,,,,,

क्या करूं तुम्हारी नंगी जवानी की गर्मी,,(आराधना की बड़ी-बड़ी गांड पर हाथ रखते हुए) बर्दाश्त नहीं हुई तो मेरी नींद खुल गई,,,,,

रात भर मजे किया है फिर भी,,,,,

तो क्या हुआ यह प्यास ही ऐसी है कि बार-बार लग जाती है कभी बुझने वाली नहीं है,,,,,,,,,, मौसी को देखो कैसे सो रही है इतनी गहरी नींद में भी अगर मैं उनकी चूत में लंड डाल दु तो भी वह इनकार नहीं करेंगी और मजे लेना शुरू कर देंगी,,,,,,,(संजू अपनी मां से बातें भी कर रहा था और साथ में उसकी गोल-गोल गांड को सहलाने के साथ-साथ उसकी चूची को भी तक आ रहा था जिसके चलते आराधना के तन बदन में मदहोशी एक बार फिर से अपना असर दिखाने लगी थी वैसे भी सुबह के समय प्राकृतिक रूप से मर्द और औरत दोनों के बदन में उत्तेजना का असर रहता ही है और संजू किस तरह की हरकत से बहुत ही जल्द आराधना उत्तेजित हो गई,,,,, संजू की हरकत से उत्तेजित होने के बावजूद भी नाटक करते हुए आराधना बोली,,,)

मुझे सोने दे नींद आ रही है,,,

मेरी नींद उड़ा कर बोलती हो कि मुझे सोने दे,,,,


मैंने कब तेरी नींद उड़ाई,,,

मेरे बगल में इस तरह से नंगी सोऔगी तो भला मेरे जैसे जवान लड़के को नींद कैसे आने वाली है,,,, देखो तो सही सुबह के समय खिड़की से कितनी ठंडी ठंडी हवा रही है,,,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना खिड़की की तरफ देखने लगी जिसमें से ठंडी ठंडी हवा कमरे में आ रही थी और पूरे कमरे को ठंडा कर रही थी यही तो गांव की अद्भुत बात होती है कि सुबह के समय एकदम स्वर्ग का सुकून प्राप्त होता है जिसे महसूस करने के लिए गांव में होना बहुत जरूरी होता है वरना इस तरह का आनंद इस तरह की ठंडी हवा का अनुभव शहर में कहां मिलता है,,,, संजू की बात सुनकर आराधना बिस्तर पर उठ कर बैठ गई और खिड़की की तरफ देखने लगी,,,,, संजू भी नंगा ही था वो धीरे से बिस्तर पर से उठाकर नंगा ही खिड़की की तरफ जाने लगा उसे इस तरह से चलता हुआ देखकर आराधना की नजर अपने बेटे के हिलते हुए लंड पर पड़ी जिसे देखते ही उसकी खुद की चूत में उबाल आना शुरू हो गया,,,,,।

सुबह होने वाली थी लेकिन अभी भी हल्का-हल्का अंधेरा था इस तरह के मौसम का अनुभव शहर में देखने को बिल्कुल भी नहीं मिलता था इसलिए अपने बेटे की हरकत से उत्तेजित अवस्था में और सुबह की ठंडी हवा के चलते वह भी धीरे से बिस्तर पर से उठकर खड़ी हो गई और अपने बदन पर बिना कोई कपड़ा लपेट वह भी नग्न अवस्था में दो कदम चलकर खिड़की के पास पहुंच गए संजू को अपनी मां का यह रूप बेहद मदहोश कर देने वाला लग रहा था वह अपनी मां को प्यासी आंखों से देख रहा था,,,, वैसे भी आराधना की यह अदा किसी भी मर्द को पागल बना देने में सक्षम थी क्योंकि अक्सर कई मर्दों की जिंदगी केवल बिस्तर पर औरत को नंगी देखने में ही और उनके साथ संभोग करने में गुजर जाती है वह जिंदगी भर एक खूबसूरत औरत को भले ही उसकी पत्नी क्यों ना हो घर में चल का आदमी करते हुए नग्न अवस्था में नहीं देख पाते,,,,,, इसीलिए यह पल संजू के लिए बेहद खास था वह अपनी मां को नग्न अवस्था में खिड़की की तरफ चहल कदमी करते हुए देखकर पूरी तरह से उत्तेजित हो गया था और जो कुछ पल पहले ऊपर नीचे होकर लंड ही रहा था वह पूरी तरह से लोहे की रोड की तरह छत की तरफ मुंह उठाए खड़ा हो चुका था,,,,,

आराधना खिड़की के पास पहुंच चुकी थी और अपने दोनों हाथों को खिड़की पर टिका कर खड़ी हो गई थी और अपनी आंखों को बंद करके शीतल हवाओं का आनंद लेते हुए मन ही मन खुश होते हुए अपने बेटे से बोली,,,,।

आहहहहह इस तरह का आनंद केवल गांव में ही मिल सकता है,,,,(ओर ऐसा कहते हुए अपनी गोल-गोल भारी भरकम गांड को मादक अदा के साथ दाएं बाएं हिलाते हुए अपने बेटे को अपनी तरफ रिझाने की कोशिश करने लगी और संजू की अपनी मां का यह रूप देखकर पूरी तरह से कामा तूर हो गया उससे अब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हुआ जा रहा था वह तुरंत अपनी खड़े लंड को लेकर अपनी मां के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया और अपनी मां की चिकनी कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे हल्के से आगे की तरफ दबाकर उसकी गोल गोल गांड को ऊपर की तरफ उठाने का इशारा करते हुए बोला,,,)

और ऐसा मजा केवल एक मा ही दे सकती है,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजू अपने लंड को छुपाने को अपनी मां की गुलाबी चूत के सिरहाने रख कर एक जोरदार धक्का मारा और पहले प्रयास में ही आराधना की गीली चूत में उसके बेटे का लंड आधा घुस गया संजू ने इतनी जोरदार से धक्का मारा था कि आराधना के मुंह से चीख निकलते निकलते रह गई,,,,, और दूसरे प्रयास में ही संजु ने बाकी बचा लंड भी अपनी मां की चूत में डाल दिया उसी तरह से उसकी कमर पकड़े हुए अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया इस तरह से खिड़की पर वह पहली बार अपनी मां को चोद रहा था,,,,, ऐसा संजू अपने मन में सोच रहा था कि तभी उसे ख्याल आया कि इस तरह से तो वह गेस्ट हाउस में भी अपनी मां को खिड़की के करीब ले जाकर उसे चोद रहा था,,,,, लेकिन अपनी मां की चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि गेस्ट हाउस के कमरे से ज्यादा मजा उसे गांव के इस कमरे में आ रहा था सुबह की ठंडी तेज हवा दोनों के बदन को ठंडा करने का प्रयास कर रही थी लेकिन जवानी की गर्मी गांव कि शीतलता भरी हवा पर भी भारी पड़ रही थी,,,,, संजू पागलों की तरह धक्के पर धक्के लगा रहा था और आराधना,,,,आहहह ऊहहहह की आवाज के साथ चुदवाने का मजा लूट रही थी खुली खिड़की से भी किसी के देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था क्योंकि ठीक सामने घने घने पेड़ और हरे भरे खेत नजर आ रहे थे और ठीक उसके पीछे नदी बह रही थी इसलिए यह दृश्य और भी ज्यादा नयनरम्य होता जा रहा था,,,, संजू के हर एक तेज धक्के के साथ आराधना का संपूर्ण वजूद हील जा रहा था,,, खिड़की से आ रही तेज हवाओं के साथ आराधना के खुले रेशमी बाल हवा में लहरा उठाते थे जिसके चलते संजू की उत्तेजना और ज्यादा बढ़ जा रही थी संजू अपनी मां की नंगी चूचियों को दोनों हाथों में दशहरी आम की तरह पकड़कर उसे दबाते हुए अपनी कमर हिला रहा था,,,,

रात भर आराधना अपने बेटे के लंड से चोदने के बाद संतुष्ट होकर गहरी नींद में सो गई थी लेकिन सुबह सुबह अपने बेटे के साथ संभोग करने में एक बार फिर से उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और वह अपने बेटे की हरकत से पूरी तरह से खुश नजर आ रही थी उसका चेहरा उत्तेजना के मारे टमाटर की तरह तमतमा रहा था ,,, संजू का लंड इस अवस्था में भी आराधना की भारी-भरकम गांड‌ की गोलाई के चलते भी बड़े आराम से उसके बच्चेदानी तक पहुंच रहा था देखते ही देखते दोनों की सांसें उखड़ने लगी और फिर आखरी तेज धक्को के साथ संजू अपनी मां के ऊपर ही ढेर हो गया,,,,,,,,,

संजू को अपने बदन में थकान महसूस होने लगी और वह बिस्तर पर थोड़ा आराम करने के लिए लेट गया और कब उसकी आंख लगती है उसे पता ही नहीं चला लेकिन आराधना सुबह हो चुकी थी इसलिए अपने कपड़े पहन कर एकदम तरोताजा हो गई थी,,,,,,,


समय पर आराधना और साधना दोनों उठकर कमरे से बाहर चली गई थी और नहा धोकर तैयार हो गई थी लेकिन संजू फिर से अपने उसी समय पर उठा और जल्दी जल्दी नहा कर‌ वह भी चाय नाश्ता करके तैयार हो गया,,,,, चाय नाश्ता कर लेने के बाद वह बरामदे में अपने बड़े वाले मामा के पास पहुंचा और उन्हें नमस्कार करते हुए बोला,,,,।

मामा जी मुझे भी कोई काम बताइए ताकि मैं आप लोगों की कोई मदद कर सकूं,,,,


क्या बात है संजू तुम्हारे अंदर तुम्हारी मां का ही संस्कार है हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हो,,,, वैसे तो आज कोई इतना काम नहीं है तुम्हारे छोटे वाले मामा निमंत्रण बांटने के लिए निकल चुके हैं,,,, लेकिन हां,,,(इतना कहने के साथ ही पास में पड़े टेबल पर से कुछ निमंत्रण कार्ड उठाते हुए उसे देख कर उस पर लिखा नाम पढ़ते हुए बोले) इतने निमंत्रण कार्ड गांव के और गांव के अगल-बगल के ही हैं इन्हें पहुंचाना था लेकिन तुम तो यहां किसी को जानते नहीं हो,,,,,


तो क्या हुआ मामा जी मेरे साथ किसी को भेज दो,,,,,, मैं पहुंचा दूंगा,,,,


हां यह तुम ठीक कह रहे हो लेकिन किसको भेजूं तुम्हारे साथ,,,(कुछ सोचते हुए इधर-उधर नजर घूमाकर देखते हुए,,) लल्ली,,,,, जरा इधर आना तो,,,,,
(जो की आंगन में झाड़ू लगा रही थी और झाड़ू लगाते समय झुकाने की वजह से बार-बार संजू की नजर उसकी गोलाकार गांड पर चली जा रही थी जिसे देखकर मन ही मन भर उत्तेजित हुआ जा रहा था,,,,)

जी पिताजी,,,,


बेटी यह कुछ कार्ड है गांव के ही हैं संजू तो किसी को जानता नहीं है लेकिन तुम सब को जानती हो और गांव की ही बात है इसलिए कोई दिक्कत नहीं होगी तुम संजू को लेकर चली जाओ और इतने निमंत्रण कार्ड अगर पहुंचा देती तो अच्छा होता,,,,

जी पिताजी,,,,,(इतना कहने के साथ ही लल्ली हाथ बढ़ाकर अपने पिताजी के हाथ में से निमंत्रण कार्ड ले ली और,,, संजू को लेकर कार्ड को बांटने के लिए निकल पड़ी,,,, लल्ली के साथ गांव घूमने में संजू को बहुत मजा आ रहा था रास्ते पर संजू की नजर केवल लल्ली के खूबसूरत बदन के कटाव पर ही टीकी रहती थी,,, लल्ली का बोलना जालना उठना बैठना बात करना चलने का ढंग पैर उठाने का ढंग बात करते समय अपनी उंगलियों का इशारा करने का ढंग उसके नितंबों का घेराव उसकी छाती की शोभा बढ़ा रहे दो अमरुद सब कुछ बेहद लाजवाब किस्म के थे संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि जिसके नसीब में यह फूल जा रहा है इसे पाकर वह पूरी तरह से मस्त हो जाएगा और जी भर कर नीचोड़कर इसका रस निकालेगा,,,,। दो चार घरों में देने के बाद लल्ली संजू से बोली,,,)

यहां का हो गया अब हमें अकेले गांव की तरफ जाना होगा,,,,

ठीक है कोई बात नहीं,,,,,
(इतना कहने के साथ ही दोनों हरे भरे खेतों के बीच से आगे की तरफ जाने लगे और चलते-चलते बात की शुरुआत करते हुए लल्ली बोली)

एक बात तो है संजू तुम बड़े निर्मोही हो तुम्हारे में दया भाव बिल्कुल भी नहीं है,,,,


यह क्या कह रही हो,,,, दीदी,,,,

दीदी मत कहो मेरी और तुम्हारी उम्र मैं कुछ ज्यादा फर्क नहीं है इसलिए नाम लेकर कहो तो भी चलेगा,,,

ठीक है लल्ली,,,, लेकिन तुम यह क्या बोल रही थी कि मेरे में दया भाव नहीं है,,,,,

हां तो सही तो कह रही हो,,,(पतली सी पगडंडी के ऊपर से अपने पैर को संभाल कर रखते हुए ललित आगे-आगे चल रही थी और संजू पीछे-पीछे इस तरह से गांव की ऊंची नीची पगडंडी पर चलते समय जिस तरह की चाल लल्ली चल रही थी उसके नितंबों का आकार कभी बढ़ जा रहा था तो कभी फेल जा रहा था उसकी गांड की दोनों फांके आपस में बराबर रगड़ खाते हुए ऊपर नीचे हो रही थी जिसे देखकर संजू का लंड अपनी औकात में आ चुका था,,,)

नहीं-नहीं या झूठ है ऐसा कुछ भी नहीं है,,,

अगर ऐसा नहीं है तो बताओ उस दिन तुम्हारी मम्मी दर्द से कराह रही थी लेकिन तुम बगल में सो रहे थे चैन की नींद बोलो जरा भी तुम्हें शर्म नहीं आई तुम्हारी मम्मी दर्द से तड़प रही थी और तुम आराम से सो रहे थे,,,,।


किस दिन की बात कर रही हो,,,,(संजू समझ गया था की लाली किस दिन की बात कर रही है,,,,,)

अरे कल ही की तो बात है,,, मैं चाय लेकर आई थी और कमरे से बुआ की दर्द भरी कराहने की आवाज आ रही थी,,,,।
(संजू समझ गया था वह अपने मन में बोला कि दर्द भरी कहानी की आवाज नहीं बल्कि मस्ती भरी सिसकारी की आवाज थी,,,, लेकिन संजू को यह समझ में नहीं आ रहा था कि औरत और मर्द के रिश्ते के बारे में सचमुच लल्ली अनजान है या फिर अनजान बनने की कोशिश कर रही है संजू को समझ में नहीं आ रहा था फिर भी वह बोला,,,)

वह कहना कि मैं बहुत थक गया था इसलिए मुझे कुछ भी पता नहीं है,,,,

अरे इतना भी लापरवाह मत बन जाओ अपनी मम्मी का ख्याल रखा करो,,,,


रखता हूं ना बहुत रखता हूं,,,,


क्या खाक रखते हो,,,,,

( लल्ली की बात सुनकर और उसकी गोल-गोल गांड की तरफ देखते हुए अपने मन में ही संजू बोला मैं अपनी मां का कितना ख्याल रखता हूं तुम्हें क्या पता काश तुम्हारी मां का भी ख्याल रखने का मौका मिल जाता तो बहुत मजा आता,,,,)

चलो ठीक है अाईंदा से ऐसा नहीं होगा,,,,,।
(ऐसा कहते हुए दोनों हरे-भरे खेत के बीचो-बीच पतली सी उम्र खबर पगडंडी पर से आगे बढ़ने लगे मौसम बहुत सुहाना था दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था और संजू को इस तरह से एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमने में बहुत मजा आ रहा था,,,,)

Wah rohnny4545 Bhai,

Gajab ki kamuk update he..............morning sex ka alag hi maja he............Sanju aur Aardhna jindagi ke asli maje le rahe he..........

Keep posting Bhai
 

Tiger 786

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संजू ने अपनी सूझबूझ चालाकी से जवानी से भरी हुई मोहिनी को इस खेल में सम्मिलित होने के लिए मना लिया था ऐसा आराधना को लगता था आराधना अपने बेटे की इस चालाकी से उसकी सूझबूझ से बहुत प्रभावित हुई थी उसे अब अपने बेटे पर कुछ ज्यादा ही गर्म होने लगा था अगर आज संजू मोहिनी को इस खेल में सम्मिलित होने के लिए ना मना पाता तो शायद गजब हो जाता और खुद आराधना अपनी बेटी से नजर नहीं मिला पाती लेकिन अब नजारा पूरी तरह से बदल चुका था आराधना के सोच के विरुद्ध संजू ने खेल को पलट दिया था पासा अपनी तरफ कर लिया था जिसके चलते मोहिनी भी इस खेल में पूरी तरह से सम्मिलित हो चुकी थी इसीलिए तो आराधना के कमरे का नजारा और भी ज्यादा गर्म हो चुका था मां बेटे पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर नंगे हो चुके थे आराधना तथा में अपने आप को अपने बदन को अपनी बेटी से छुपाते हुए बिस्तर पर बैठी हुई थी,,,,, लेकिन संजू की वजह से अब मोहिनी भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो चुकी थी आराधना अपनी जवान हो चुकी बेटी को पहली बार बिना कपड़ों के देख रही थी और उसके अंगों को उसके बदन के उभरते हुए उठाव और कटाव को देखकर कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो रही थी उसे इस बात का गर्व हो रहा था कि उसकी ही तरह उसकी बेटी भी बहुत खूबसूरत है,,,,,


मोहिनी जो किस खेल में सम्मिलित होने के लिए सारा खेल रही थी इस समय अपनी मां के सामने और अपने भाई के समय नगना वस्था में शर्म आने का नाटक कर रही थी वह अपने हथेली का सहारा लेकर अपनी टांगों के बीच के उस खूबसूरत खजाने को छुपाने की कोशिश कर रहे थे जिसे नाकाम करते हुए संजू उसकी कलाई पकड़ कर उस जगह से हटाते हुए बोला,,,।


अरे पगली अब इसका कोई फायदा नहीं है अब तो भी इस खेल में शामिल हो चुकी है इसलिए तुझे भी जी भरकर खेलना होगा अगर ऐसे करेगी तो खेल नहीं पाएगी,,,,,
(मोहिनी तो अपने भाई के बारे में सब कुछ जानती थी लेकिन आराधना मोहिनी के चरित्र से बिल्कुल अनजान थी इसलिए मोहिनी अपने भाई की हरकत पर शर्मा कर अपनी मां की तरफ देख रही थी,,,, जो कि बिस्तर पर अभी भी उसी स्थिति में बैठी हुई थी,,,,, संजू मोहिनी की कलाई पकड़ कर उसे अपनी मां के बिस्तर के करीब लेकर जा रहा था,,,)


मोहिनी आज तुझे जन्नत का मजा दुंगा,,,, तुझे इतना मजा आएगा कि तू खुद इस खेल को खेलने के लिए तड़प उठेगी,,,,, कभी तो ने औरत के हमको से खेली नहीं है ना आज देखना तुझे मम्मी के खूबसूरत अंगों से खेलने में कितना मजा आता है,,,,,(मोहिनी अब कुछ भी बोल नहीं रही थी वो एकदम खामोश थी उसके चेहरे पर उत्तेजना के बादल कुमार आए थे वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी अपने भाई के मोटे तगड़े लंड का मजा तो हर रोज लेती थी लेकिन आज अपनी मां की चूची और उसकी चूत का मजा लेना चाहती थी उसके रस को अपने होठों से लगाकर पीना चाहती थी वह भी देखना चाहती थी कि कैसे चूत चाटने में मजा आती है,,,,. देखते ही देखते संजू मोहिनी को अपनी मां के बिस्तर के बेहद करीब लेकर पहुंच गया,,, और संजू अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत पर रखते हुए बोला,,,,)


सहहहरह आहहहहहह मम्मी मोहिनी की चूत तो तुमसे भी ज्यादा गर्म लग रही है आज तो बहुत मजा देगी,,,,
(संजू अपनी मां की आंखों के सामने अपनी बहन की मखमली चूत से खेलते हुए बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अश्लील बातें कर रहा था जो कि इस समय आराधना को भी अपने बेटे की इस तरह की गंदी बातें बहुत ही लुभावनी लग रही थी,,, क्योंकि संजू की बदोलत मोहिनी बीच खेल में शामिल होकर अपने मुंह को बंद किए हुए थी,,,, अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने भाई की इस तरह की हरकत को महसूस करके मोहिनी अपनी मां की आंखों के सामने शर्माने का नाटक कर रही थी मचलने का नाटक कर रही थी हांलाकि संजू की हरकत की वजह से उसके तन बदन में आग लगी थी,,,, इस जवानी की आग को किसी भी तरह से बुझाना चाहती थी,,,,। संजू अभी भी अपनी हथेली से अपनी बहन की चूत को रगड़ रगड़ कर अपनी हथेली को गर्म कर रहा था और उत्तेजना के मारे मोहिनी की चूत से काम रस टपक रहा था जो कि उसकी पूरी हथेली को गिली कर रहा था,,,, संजू अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत से हटाकर उसके गीले पन को मोहिनी की तरफ दिखाते हुए और अपनी मां की तरफ देखकर बोला,,,)



देख रही हो मम्मी मोहिनी हम दोनों का राज खोलना चाहती थी लेकिन खुद कितना पानी छोड़ रही है उसे खुद इसका एहसास नहीं है मैं अच्छी तरह से जानता हूं मोहिनी भी मोटे तगड़े लंड के लिए तड़प रही है ,,आज मोहिनी की इच्छा को पूरी कर दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अपनी हथेली में लगे मोहिनी के काम रस को मलाई समझकर अपनी जीभ से चाटने लगा यह देखकर आराधना के तन बदन में भी आग लग गई उसकी चूत पानी के बुल्ले छोड़ने लगी,,,, संजू कुछ अद्भुत करना चाहता था इसलिए अपनी बहन की गर्मी को और ज्यादा बढ़ाने के लिए वह अपने खड़े लंड को लेकर मोहिनी के पीछे चला गया और उसकी चूची को अपनी बांहों में भरते हुए उसे जोर जोर से दबाते हुए अपने लंड की ठोकर को उसकी गुदाज गांड पर मारते हुए बोला,,,)

मम्मी रोज तो मैं तुम्हारी चूत चाटता हूं,,,, लेकिन आज मोहिनी की जीभ का मजा ले लो,,,,।
(संजू की इस तरह की बातें मोहिनी और आराधना दोनों के कानों में मिश्री घोल रही थी दोनों को संजू की बातें सुनकर उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और संजू की इस बात पर तो दोनों मां बेटी एक दूसरे को देखने लगे दोनों की नजरें आपस में टकराई और मोहिनी शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ली लेकिन आराधना कि तन बदन में आग लग गई वह भी इस अनुभव के लिए तड़प उठे वह भी अपनी बेटी की जीभ को अपनी चूत के अंदर महसूस करना चाहती थी इसलिए उसका बदन कसमसाने लगा,,, और संजू के यह शब्द तो आग में घी डालने का काम कर दिया,,,, संजू एकदम बेशर्मी दिखाते हुए बोला,,,)

आप शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी अपनी दोनों टांगे खोलो और अपनी चूत के दर्शन अपनी बेटी को कराओ,,,, ताकि तुम्हारी बेटी तुम्हारी चूत को अपने होठों से लगाकर उसका रसपान कर सकें,,,,,।

(संजू की यह बात सुनते ही मोहिनी और आराधना दोनों के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी आराधना पूरी तरह से अपने बेटे की बातों में और उसके इरादों में मदहोश होने लगी थी उसकी आंखों में खुमारी जाने लगी थी और वह बिना किसी झिझक के उसी तरह से बैठे हुए ही अपनी हथेली का सहारा लेकर पलंग के एकदम किनारे आ गई आराधना को अब मोहिनी के सामने बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं होती बल्कि अब तो मोहिनी के सामने वह और भी ज्यादा उत्तेजित हुए जा रही थी अपने बदन में और भी ज्यादा उत्तेजना काम तो कर रही थी उसकी चूत से लगातार उत्तेजना के मारे काम रस का बुल्ला छुट रहा था,,,, देखते-देखते आराधना पलंग के किनारे अपनी बेटी की आंखों के ठीक सामने आ गए और उत्तेजना के मारे मोहिनी को दिखाते हुए अपनी दोनों टांगों को फैला दीदी महीने की नजर जैसे ही अपनी मां की दोनों टांगों के बीच उसकी कचोरी जैसी फूली हुई चूत पर पहुंची तो उसकी आंखों में वासना की चमक साफ नजर आने लगी मोहिनी पूरी तरह से उत्तेजित हो गई उसके होंठ,,, खुले के खुले रह गए शायद वह अपनी मां की चूत की खूबसूरती को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी जो कि वाकई में बहुत खूबसूरत लग रही थी एकदम चिकनी मखमली कचोरी की तरफ खुली हुई और अभी भी उसकी गुलाबी पत्तियां चूत के बाहर ठीक तरह से खिली हुई नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी जवान लड़की की चूत हो,,,,, कुछ पल तक मोहिनी एक तक अपनी मां की चूत को देखती रह गई यह देखकर संजू मोहिनी की उभरी हुई गांड पर अपनी हथेली रखते हुए बोला,,,)



देख क्या रही है मोहिनी मम्मी की चूत तेरा इंतजार कर रही है आज तुझे एक अद्भुत अनुभव मिलने वाला है आज देखना तुझे कितना मजा आता है,,,,, बस अब कुछ सोच मत आगे बढ़ो और मम्मी की चूत को होठ से लगा ले मम्मी की चूत तेरे होंठ के स्पर्श के लिए तड़प रही है,,,,,।
(संजू की बात सुनकर गहरी सांस लेते हुए वह संजू की तरफ देखी और फिर जैसे कि अपने आप को अगले पल के लिए तैयार कर रही हो इस तरह से आगे बढ़ी और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच पलंग के नीचे घुटनों के बल बैठ गई और अपनी मां की चूत को नजर भर कर देखती रही यह देखकर आराधना के तन बदन में मदहोशी छा रही थी,,,,, आराधना के लिए भी है पल बेहद शर्मनाक और शर्मसार कर देने वाला था लेकिन इस समय यही पल उसके लिए उत्तेजना का चरम शिखर बना हुआ था जिस पर वह खुद विराजमान थी,,,,,, मोहिनी आश्चर्य से अपनी मां की चूत को देख रही थी लेकिन आराधना से रहा नहीं जा रहा था वह जल्द से जल्द मोहिनी के लाल लाल होठों को अपनी चूत पर रगड़ना चाहती थी उसका स्पर्श महसूस करना चाहती थी इसलिए आराधना खुद अपना हाथ आगे बढ़ाकर मोहिनी के सर पर रख ली मानो कि जैसे मोहिनी को आगे बढ़ने के लिए आशीर्वाद दे रही हो मोहिनी भी आश्चर्यचकित थी अपनी मां की हरकत को देखकर मोहिनी साफ तौर पर देख रही थी कि उसकी मां की आंखों में शर्म बिल्कुल भी नहीं थी शायद इसी वजह से आज तीनों एक ही कमरे में नंगे थे,,,,, आराधना मोहिनी के सर पर हाथ रखकर उसकी आंखों में देखते हुए आंखों को नीचे झपका कर इशारा करने लगी और अपनी हथेली का दबाव उसके सर पर बढ़ाते हुए उसे अपनी चूत की तरफ,,, बढ़ाने लगी देखते ही देखते मोहिनी के होठ आराधना की चूत से जा लगे,,,, और जैसे ही आराधना को अपनी चूत पर मोहिनी के होंठ का स्पर्श हुआ आराधना के तन बदन में मानो कि जैसे करंट फैल गया हो वो एकदम से गनगना गई और उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,,।


सहहहरह,,, आहहहहहह,,,,,, मोहिनी,,,,,,

(अपनी मां की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही और अपनी मां की तरफ देखते ही मोहिनी के तन बदन में आग लग गया और वह एक औरत के साथ पूरी तरह से खुलने की कोशिश करते हुए अपने लाल-लाल होठों का दबाव अपनी मां की चूत पर बढ़ाते हुए उसके गुलाबी छेद में अपनी जीभ से कुरेदने लगी,,,, यह पहला मौका था जब मोहिनी एक औरत के अंगों से खेल रही थी और उसे इतना अधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी कि पूछो मत आराधना को,,, ऐसा ही लग रहा था कि इस तरह के खेल में पहली बार मोहिनी सम्मिलित हुई है लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि मोहिनी इस खेल में पूरी तरह से खिलाड़ी बन चुकी थी लेकिन सिर्फ अपनी मां के सामने अनजान बनने का केवल नाटक कर रही थी अपनी मां की चूत में से आ रही मादक खुशबू को अपने सीने में महसूस करके मोहिनी और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगी और वह अपनी जीभ को पूरी तरह से अपनी मां की चूत के नीचे से ऊपर तक ले जा कर चाटना शुरू कर दी मोहिनी की चूत से पहले ही काम रस पूरी तरह से भर भराकर बह रहा था जिसे मोहिनी अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दी थी,,,,, मोहिनी की दोनों हथेलियां आराधना की मोटी मोटी जांघों पर थी जिससे वह अपनी मां की टांगों को फैलाए हुए थी,,,,
आराधना को लग रहा था कि जैसे पहली मर्तबा ही उसकी बेटी चूत चाटने में पूरी तरह से माहिर हो चुकी है लेकिन वह यह बात कहां जानती थी कि उसकी बेटी चूत तो पहली बार चार्ट रही है लेकिन लंड चाटने में पूरी तरह से माहिर हो चुकी है और लंड चाटने के ही अनुभव को वह अपनी मां की चूत पर उतार रही थी जोकि सफल भी हो रही थी,,,,।


देखते ही देखते मोहिनी अपनी मां की चूत को चाटते हुए पूरी तरह से मस्त होने लगी और आराधना को अपनी मां को अद्भुत सुख प्रदान करने लगी आराधना की चूत पर पहली बार किसी लड़की के होंठों का स्पर्श हो रहा था उसकी जीभ का उसकी चूत में रगड़न हो रहा था जिसकी बदौलत आराधना पूरी तरह से मस्त हो जा रही थी और पीछे खड़ा संजू अपनी बहन की गोल-गोल गांड को मिलते हुए देखकर बिल्कुल भी अपने काबू में नहीं था और वह भी घुटनों के बल बैठ कर अपनी बहन की गोल गोल रानी को दोनों हथेली में लेकर से दबाते हुए उसकी गांड पर अपने होठों से चुंबन कर रहा था वह अपनी बहन की गांड को चाट रहा,,,, था,,,,, आराधना मस्ती के कुमारी में अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी लेकिन जिस तरह का नजारा उसकी आंखों के सामने पेश हो रहा था उसे देखने के लिए वह अपनी आंखों को खोल दे रही थी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी जवान बेटी और अपनी जवान बेटी की मदमस्त कर देने वाली गांड से खेलते हुए अपने जवान बेटे को देखकर और भी ज्यादा मस्त हो जा रही थी संजू पागलों की तरह मोहिनी की गांड को अपनी जीभ से चाट चाट कर गिरा कर रहा था वह गोल-गोल गांड को अपनी हथेली में लेकर जोर जोर से दबा रहा था जिसका असर मोहिनी पर बहुत ही गहरा पढ़ रहा था और वहां अपने इस उत्तेजना के असर को अपनी मां की चूत पर उतार रही थी,,,,,



अपने भाई को अपनी गांड से खेलता हुआ देखकर मोहिनी की चूत भी गीली हो रही थी वह चाहती थी कि उसका भाई भी उसकी चूत को चाटने इसलिए अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठा दी थी लेकिन जिस तरह की पोजीशन में तीनों थे उस तरह के पोजीशन में समझो अपनी बहन की चूत तक पहुंचने में दिक्कत महसूस कर रहा था वह ठीक तरह से अपनी बहन की गुलाबी चूत के लोग अपने होठों को ले जा नहीं पा रहा था इसलिए संजू अपनी बहन की गांड के ठीक पीछे उसकी गांड के लगा अपना सर रखकर पीठ के बल लेट गया और अपनी बहन की दोनों टांगों को अपने हाथों से पकड़कर फैलाने की कोशिश करने लगा मोहिनी अपने भाई की हरकत से प्रभावित होकर समझ गए कि उसे क्या करना है और वह अपनी दोनों टांगों को खोल दी और उसकी दोनों टांगों के बीच उसका भाई अपने सर को डाल कर दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़े हुए उसे नीचे की तरफ झुकाने लगा और जैसे ही मोहिनी की चूत संजू की नाक से टकराने लगी वह एकदम से अपने होठों को ऊपर की तरफ उठाकर अपनी जीभ बाहर निकाल लिया और अपनी बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया,,,,,


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बेहद अद्भुत और कामोत्तेजना से भरा हुआ यह मादक दृश्य बेहद प्रभावशाली और मस्त कर देने वाला था लेकिन इस समय इस दृश्य को देखने वाला वहां पर कोई नहीं था मां बेटे और बेटी तीनों आपस में मिलकर काम क्रीडा का यह अद्भुत खेल खेल रहे थे ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था आराधना अपने कमरे में अपने ही बच्चों के साथ काम क्रीड़ा में लगी हुई थी और इस खेल में उसे इतना आनंद आ रहा था कि वह किसी भी स्थिति में यह सोचने के काबिल नहीं थी कि यह सही है या गलत क्योंकि ऐसे माहौल में ऐसे हालात में सही क्या है गलत क्या है इस बारे में फैसला कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था इस समय गलत भी उसे सही लग रहा था इसीलिए तो वह समझदार पढ़ी-लिखी और संस्कारी होने के बावजूद अपनी बेटी के सामने अपनी दोनों टांगें खोलकर उससे अपनी चूत चटवा रही थी,,,,,,,



आराधना अपने दोनों बच्चों को ऐसी स्थिति में देखकर इस समय खुशी से फूली नहीं समा रही थी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि उसका पति घर छोड़कर चला गया वरना इस तरह के अद्भुत सुख से वह पूरी तरह से वंचित रह जाती,,, वह तो कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उसके जीवन में ऐसा भी दौर आएगा जब वह अपने ही बच्चों से जवानी का मजा लूटेगी,,,,,


‌स‌हहहह ,,,,आहहहहहहह मोहिनी,,,आहहहहहह,,,, बहुत मजा आ रहा है,,,, जीभ अंदर तक डाल बेटी,,,,,आहहहहह,,, एकदम अंदर तक,,,,(अपनी मां की बात सुनकर मोहिनी अपनी जीभ को और अंदर तक डालते हुए) हां मोहिनी ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है रे,,,,,आहहहहहह तू तो बहुत मस्त चाटती है,,,,,ऊममममममम,,,,,(आराधना इतनी उत्तेजित हो जा रही थी कि रह रह कर अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठा दे रही थी जिसे मोहिनी अपने हाथों से पकड़कर काबू में रखे हुए थे और पीछे से संजू पूरी तरह से अपनी बहन की जवानी का रस चाटने में लगा हुआ था मोहिनी भी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी गांड को गोल-गोल अपने भाई के चेहरे पर घूम रही थी ऐसा करने में उसे अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,,, इस समय दीवार पर टली घड़ी में 2:00 बज रहे थे लेकिन तीनों की आंखों से नींद कोसों दूर थी दोनों पूरी तरह से मस्त होकर एक दूसरे से मजा लूट रहे थे,,,, कुछ देर तक यह खेल ऐसे ही चलता रहा,,,,,,,, लेकिन आप खेल की स्थिति आराधना बदलना चाहती थी जिस तरह से मोहिनी अद्भुत साहस का परिचय दिखाते हुए उसकी चूत को अपनी होठ से चाट रही थी अपनी जीभ अंदर तक डाल रही थी अब यही खेल आराधना मोहिनी के साथ खेलना चाहती थी,,,,, इसलिए आराधना बोली,,,,।



सस‌हहहहह आहहहहह बस कर मोहिनी,,,,अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,,,ऊमममम तूने तो मुझे पागल कर दिया है मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि पहली बार में ही तू इतना अच्छा कैसे कर ले रही है,,,,,(अपनी मां के मुंह से इतना सुनते ही मोहिनी थोड़ा सा चौक गई लेकिन वह बिल्कुल भी अपने चेहरे पर वह भाव नहीं लाई बल्कि एकदम सहज और उत्तेजित बनी रही और उसी तरह से अपनी मां की चूत को चाटती रही,,,,,) सच में इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया,,,,,(संजू की अपनी मां की बात सुनकर अंदर ही अंदर बेहद खुश और उत्तेजित हुआ जा रहा था वह अभी भी अपनी बहन की चूत चाटने में लगा हुआ था,,,,,)

बस मोहिनी अब मुझे थोड़ा सा मौका दें तेरी चूत की सेवा करने का,,,,,, मैं भी तो देखूं मेरी बेटी की चूत कितना पानी छोड़ती है,,,,,
(अपनी मां के मुंह से इस तरह की बात सुनकर मोहिनी का दिल जोरो से धड़कने लगा वह भी यही चाहती थी उसके मन में भी यही अच्छा थी कि उसकी मम्मी उसकी चूत पर अपने लाल लाल होठ लगाए उसे चाटे,,, उसे अद्भुत आनंद प्रदान करें,,,, इसलिए वह भी अपनी मां की बात सुनकर गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की चूत पर से अपने होंठ हटाकर अपनी मां की तरफ देखने लगी मोहिनी को अपनी मां की आंखों में मदहोशी की खुमारी एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, आराधना की आंखों में उत्सुकता थी अपनी चूत पर अपनी बेटी के होठो का स्पर्श पाने के लिए एक अद्भुत सुख को अपने अंदर महसूस करने के लिए वह पूरी तरह से पागल हुए जा रही थी उसका चेहरा उत्तेजना के मारे तमतमा रहा था,,,, खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां देखकर मोहिनी के मुंह में पानी आ रहा था वह अपनी मां की चूची की तरफ देखकर अपनी संतरे जैसी चूची की तरफ देखकर एकदम से शर्मा गई क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास था कि उसकी मां के खरबूजे जैसे चूची के आगे उसकी संतरे जैसी चूची कुछ भी नहीं थी,,,,,,, दोनों मां बेटी पूरी तरह से मदहोशी के आलम में खो चुकी थी और संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच टिका हुआ था वह अभी भी पागलों की तरह अपनी बहन की चूत से काम रस चाट रहा था,,,,, मोहिनी को इस समय बहुत मजा आ रहा था अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने भाई से अपनी चूत चटवाने ने जिस तरह की अद्भुत आनंद की प्राप्ति उसे हो रही थी इस तरह से वह कभी भी मदहोश नहीं हुई थी,,,,, फिर भी वह अपनी मां की तरफ से आए हुए आमंत्रण को ठुकराना नहीं चाहते थे वह भी अपनी मां से भाई क्रिया कराना चाहती थी जैसा कि वह खुद अपनी मां की चूत के साथ कर रही थी,,,,।

1st
आराधना के कमरे में काम क्रीड़ा का अद्भुत खेल चल रहा था जो कि ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में एकदम साफ तौर पर दिखाई दे रहा था कुछ भी छुपाने लायक नहीं था मां बेटी बेटा तीनों पूरी तरह से नग्न अवस्था में एक दूसरे के अंगो का मजा लूट रहे थे और इस समय दो-दो जवानी से भरी हुई औरतों की प्यास बुझाने का जिम्मा संजू के सर पर था जिसे वह बखूबी निभाना जानता था,,, और वह भी खुद बेकरार था मचल रहा था अपनी बहन और अपनी मां की चूत में अपनी मोटे लंड को डालकर अपनी गर्मी के साथ-साथ अपनी मां और अपनी बहन की जवानी की गर्मी पिलाने के लिए लेकिन इससे पहले वह अपनी मां और अपनी बहन की खूबसूरत बदन के खूबसूरत रंगों से पूरी तरह से मजा ले लेना चाहता था,,,, मोहिनी अपने भाई के ऊपर से धीरे से उठी और बिस्तर की तरफ आगे बढ़ने ही वाली थी कि आराधना पूरी तरह से सारे खेल को अपने काबू में कर लेना चाहते थे इसलिए धीरे से महीने की तरफ देखते हुए पलंग पर पीठ के बल लेट गई है और मोहिनी को इशारे से अपने ऊपर आने के लिए बोली,,,, अपने भाई के संगत में संभोग सुख का अद्भुत खेल खेलने के बाद मोहिनी को अच्छी तरह से मालूम था कि उसकी मां क्या चाहती है और उसे क्या करना है धीरे-धीरे मोहिनी पैर के घुटनों के बल पलंग पर चढ़ी और धीरे-धीरे अपनी मां की तरफ आगे बढ़ने लगी आराधना अपने दोनों पैरों को अपने बेटे की तरफ करके पीठ के बल लेटी हुई थी और मोहिनी धीरे-धीरे अपने दोनों घुटनों को आराधना के खूबसूरत बदन के इर्द-गिर्द रखकर आगे बढ़ रही थी और देखते ही देखते मोहिनी अपनी मां की छातियों तक आ गई थी,,,, लेकिन चुचियों के ऊपर ही छातियों के इर्द-गिर्द अपने घुटनों को टिका कर वह स्थिर हो गई थी तो आराधना खुद ही अपने दोनों हाथों को मोहिनी के पीछे ले जा कर के उसके गोल गोल नितंबों पर रखकर अपनी हथेली में दबा ली और एकदम से मस्त हो गई यह पहला मौका था जब आराधना अपनी बेटी की गांड को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर दबा रही थी एकदम नरम नरम मखमली रुई की तरह,,, अपनी बेटी की गांड को अपनी हथेली में महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,,,, मोहिनी की चूत आराधना को एकदम साफ नजर आ रही थी एकदम कसी हुई पतली दरार के रूप में उसकी चूत बहुत खूबसूरत लग रही थी,,,, अपनी बेटी की चूत देखकर आराधना से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह अपना हाथ अपनी बेटी के दोनों टांगों के बीच नहीं जा करके अपनी हथेली को उसकी चूत पर रख दिया जिसकी गर्माहट को अपनी हथेली पर महसूस करते ही आराधना की चूत फुदकने लगी,,,,, मुझे की चूत को अपनी हथेली से रगडते हुए आराधना अपनी बेटी की आंखों में झांकते हुए बोली,,,,,।


सहहहहहह आहहहहहह मोहिनी वाकई में तेरी चूत बहुत खूबसूरत और एकदम गरम है तू जानती है मेरी चूत भी बिल्कुल तेरी तरह ही थी जब मैं तेरी उम्र की थी एकदम कसी हुई एकदम पतली दरार और कचोरी की तरह फूली हुई मुझे मेरी चूत बहुत खूबसूरत लगती थी मैं हमेशा बाथरूम में एकदम नंगी होकर आईने में अपने नंगे बदन को देखती थी और मन ही मन में प्रसन्न होती थी हालांकि मैं किसी लड़के के प्रति कभी भी आकर्षित नहीं हुई थी ना ही किसी को अपने बदन को छूने देती बस अपने में ही मस्त रहती थी आज बरसों बाद तेरी मस्त चूत देखकर मुझे अपनी जवानी के दिन याद आ गए,,,,।

मम्मी,,,,(एकदम मदहोश स्वर में) तुम्हारी चूत अभी भी एकदम जवान है कचोरी की तरह फूली हुई एकदम सीधी लीटी,,,, लगता ही नहीं कि तुम दो बच्चों की मां हो,,,, सच मम्मी मेरी जिंदगी में ऐसा पहली बार हो रहा है और इतना मजा आ रहा है कि पूछो मत अच्छा हुआ कि मैं तुम दोनों की बात मान गई वरना इस अद्भुत सुख से वंचित रह जाती मुझे तुम्हारी चूत चाटने में इतना मजा आया कि पूछो मत और मेरी चूत में और तुम्हारी चूत में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है बल्कि मम्मी मुझे तो तुम्हारी चूत बहुत खूबसूरत लग रही है शाहिद भाई का लंड चूत में ले ले कर तुम्हारी चूत और भी ज्यादा हसीन हो गई है,,,,


हाय मोहिनी,,,, तेरे मुंह से चूत और लंड से तो सुनकर कितना मजा आ रहा है कसम से तेरी उम्र की जब मैं थी तो आते जाते लड़कों को इस तरह की गाली देते सुनती थी जिसमें चूत और लंड का जिक्र होता था उस समय ना जाने मुझे अजीब सा लगने लगता था गिन्न सा लगता था सच कहूं तो मुझे उससे मैं बहुत खराब लगता था क्योंकि मुझे उस समय पता नहीं था ना कि लंड और चूत का क्या महत्व है लेकिन यह सब जान जाने के बाद मुझे इस तरह के शब्दों को सुनने में इतना मजा आता है कि पूछो मत और आज तो तेरे मुंह से सुनकर मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है,,,,(इतना सुनते ही मोहिनी पीछे की तरफ नजर घुमाकर अपनी मां की चूत की तरफ देखने लगी जिसे संजू अपनी हथेली से हल्के हल्के होले होले सहला रहा था,,,,,,,)

तुम चिंता मत करो मम्मी भाई है ना तुम्हारी चूत का पूरा रस जीभ लगाकर चाट जाएगा,,,,


हारे मैं जानती हूं तेरे भाई पर मुझे पूरा विश्वास है वही तो है जो तेरे पापा के जाने के बाद मुझे स्वर्ग का सुख दे रहा है वरना मुझे भी इस तरह का सुख कहां मिलने वाला था,,,,,

ओहहहह मम्मी अब तो भाई मुझे भी इसी तरह का सुख देगा ना मुझे भी मजा आएगा ना,,,,(एकदम अनजान बनते हुए मोहिनी अपनी मां से बोली तो आराधना मोहिनी की बात सुनकर एकदम खुश होते हुए बोली,,,)

बिल्कुल देगा कैसे नहीं देगा मर्दों को औरत की यही तो चीज सबसे ज्यादा पसंद है तेरे भाई को भी यही (मोहिनी के चूत को कस के हथेली में दबाते हुए)सबसे ज्यादा पसंद है देखना जब तेरे भाई का लंड तेरी चूत में जाएगा तो तो एकदम मस्त हो जाएगी,,,,

ओहहहह मम्मी मैं एकदम पागल हो जाऊंगी,,,(अपनी चूत को अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ आगे बढ़ाते हुए) मुझसे रहा नहीं जा रहा है मम्मी कुछ करो,,,,


ओहहहह मेरी बच्ची अभी तुझे मजा देती हुं,,,(और इतना कहने के साथ ही आराधना एकदम मदहोश होते हुए मोहिनी की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपने प्यासे होठों को मोहिनी की चूत से लगा ली,,,, यह पल दोनों मां बेटी के लिए बेहद अद्भुत था,,, मैंने कभी सोचा नहीं थी कि वह अपनी ही बेटी की चूत को अपने होठों से लगाएगी और बेटी ने भी कभी यह नहीं सोची थी और ना ही कल्पना की थी कि खुद उसकी सगी मां उसकी चूत पर अपने होंठ लगाकर उसके काम रस को चाटेगी,,,, लेकिन इस समय सारे समीकरण बदल चुके थे रिश्ते नातों के सारे गणित फेल हो चुके थे,,,, आराधना पागलों की तरह अपनी बेटी की कुंवारी चूत जो कि अभी भी आराधना की नजरों में कुंवारी थी उसे चाट कर पूरी तरह से मस्त भी जा रही थी यह क्रिया वैसे तो मोहिनी के साथ हर रात को उसका भाई करता था लेकिन आज अपनी मां के साथ इस क्रिया को करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और संजू जो कि अभी तक अपनी मां की पूरी हुई चूत को सहला रहा था अपनी मां और अपनी बहन की हरकत को देखकर पूरी तरह से काम भावना से ग्रस्त होकर वह अपनी मां की दोनों टांगों को फैला कर उसकी चूत पर अपने होंठ रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,,



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अब इस खेल को खेलने के लिए किसी का रोक-टोक नहीं था घर में तीन ही सदस्य थे और तीनों काम क्रीडा में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे इसलिए अब किसी से झुकने छुपाने का कोई कारण ही नहीं था सब कुछ शीशे की तरह साफ हो चुका था आराधना की दोनों टांगों को अपने हाथों से फैला कर संजू जहां तक हो सकता था वहां तक अपनी जीभ अपनी मां की चूत में डालकर उसकी मलाई को खींचकर चाट रहा था और मोहिनी अपनी चूत को अपनी मां के होठों पर रखकर गोल-गोल अपनी गांड घुमाकर अपनी चूत को अपनी मां के चेहरे पर ही लग रही थी जिससे आराधना को ही बहुत मजा आ रहा था आराधना पागलों की तरह अपनी जीभ से अपनी बेटी के चूत से निकले काम रस को‌ चाट रही थी,,,,


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पूरे कमरे में मोहिनी और आराधना की गरम सिसकारी पूछ रही थी जो कि अब किसी के भी सुने जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था संजू से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था उसका लैंड पूरी तरह से टनटनाया हुआ था,,,, लंड की बेकरारी चूत में घुसने के लिए बढ़ती जा रही थी इस समय संजू अपनी मां की चूत में बड़ा लंड डालना चाहता था जो कि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर लोहे के रोड की तरह हो गया था,,,,,, बस फिर क्या था संजू अपनी जगह से उठा और अपनी मां की दोनों टांगों को उसी तरह से फैलाए हुए ही पलंग के नीचे खड़े होकर थोड़ा सा आगे झुका और अपने लंड को पकड़ कर उसे अपनी मां की चूत का रास्ता दिखाते हुए एक झटका मारा और लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया,,,, संजू की हरकत की वजह से आराधना के मुंह से हल्की सी चीखने की आवाज आई और फिर क्या था वह पूरी तरह से मस्त हो गई लेकिन उसके चीखने की आवाज से शायद मोहिनी को शक हो गया था और वह पीछे नजर घुमा कर देगी तो वाकई में संजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच खड़ा होकर उसकी चूत में अपना लंड पेलकर उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,, मोहिनी और संजू की नजरें आपस में टकराई और दोनों के होठों पर मुस्कान छा गई संजू अपनी बहन के दोनों कंधों पर अपनी हथेली पर रखकर उसका सहारा लेकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था वह ताबड़तोड़ अपनी मां की चुदाई कर रहा था,,,, संजू इतनी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव कर रहा था कि उससे रहा नहीं जा रहा था वैसे भी अपनी मां के कमरे में है उसे 3 घंटे जैसा समय हो गया था लेकिन अभी तक उसके अंदर से पानी नहीं निकला था इसलिए तो वह पूरी तरह से पागल हो गया था और अपनी बहन के कंधों को कस के पकड़ कर वह अपनी कमर हिला रहा था मोहिनी भी अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी और गोल गोल अपनी गांड को घुमाते हुए अपनी मां के चेहरे को पूरी तरह से अपने काम रस में भिगो देना चाहती थी,,,,, संजू के धक्के इतनी तेज थी कि बार-बार आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी,,,,, संजू चाहता था कि वह ज्यादा देर तक टिके रहे लेकिन मैदान पूरी तरह से गिला होने की वजह से वह लाख कोशिश करने के बावजूद भी संभल नहीं पा रहा था और देखते ही देखते उसके लंड से गर्म पानी का फव्वारा फुटा और अपनी मां की चूत को भरने लगा,,,,, संजू झड़ चुका था,,,,,, अपनी चूत में अपने बेटे के गर्म लावा का पिचकारी महसूस करते ही आराधना पूरी तरह से भाव विभोर हो गई पागल हो गई वह अपने हाथ को ऊपर की तरफ बढ़ा कर अपनी लड़की की दोनों संतरे जैसे चूचियों को पकड़ लिया और उसे जोर जोर से दबाते हुए उसकी चूत को चाट ना शुरू कर दी,,,,



संजू का लंड झड़ चुका था 3 घंटों के अंतराल में वह दो बार कर चुका था एक बार मोहिनी के साथ और एक बार अपनी मां के साथ और अब तो कमरे में उसकी मां और बहन दोनों की दोनों की प्यास बुझा ना था लेकिन उसका लंड पानी फेंक चुका था लेकिन तभी मोहिनी की गर्म सिसकारी की आवाज तेज होने लगी उसकी सांसे और रुपए चलने लगी,,,,

ओहहह मम्मी मुझे कुछ और है,,,आहहहह मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है कुछ अजीब सा लग रहा है,,,आहहह आग्रह मम्मी,,,,,आहहहह मुझे बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,, आहहहरहह,,,,ऊमममम मम्मी,,,।
(मोहिनी झड़ने वाली थी लेकिन अपनी मां के सामने जानबूझकर इस तरह का नाटक कर रही थी कि झड़ने के बारे में उसे कुछ पता ही नहीं है और उसकी मां अनजान थी मोहिनी के नाटक से इसलिए वह कसके मोहिनी की कमर को पकड़ कर उसकी गांड को अपने चेहरे पर रखते हुए उसकी चूत को जोर-जोर से चाट रही थी और अगले ही पल उसकी चूत से पानी का फव्वारा फूट पड़ा जोकि आराधना के पूरे चेहरे को भिगो दिया,,,,, आराधना मोहिनी और संजू तीनों झड़ चुके थे संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल दिया जो कि ,, दो बार झढ़ने के बाद झुल चुका था,,,, अपनी सांसो को दुरुस्त करने के बाद मोहिनी अपनी मां के ऊपर से नीचे उतरी और जैसे ही उसकी नजर संजू के लंड पर पड़ी तो वह एकदम से चौक ने का नाटक करते हुए बोली,,,,।


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यह क्या मम्मी भाई का लंड तो एकदम ढीला हो गया अब क्या होगा मम्मी,,,,।
(मोहिनी के भोलेपन जो कि केवल नाटक ही था उसकी बात सुनते ही आराधना हंसने लगी और हंसते हुए बोली)

तू चिंता मत कर मेरी रानी भाई का लंड फिर खड़ा कर दूंगी,,,


फिर से कैसे,,,?(मोहिनी जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोली)

हो जाएगा बस थोड़ा सब्र रख मैं तेरे भाई के लंड को फिर खड़ा करके तेरी चूत के लिए तैयार कर दूंगी देखना फिर कैसे तेरा भाई तेरी चुदाई करता है,,,,(अपनी मां की बात सुनकर मोहिनी जानबूझकर शर्माने का नाटक करते हुए दूसरी तरफ मुंह घुमा कर खड़ी हो गई जिससे उसकी गांड एकदम साफ नजर आने लगी और आराधना मोहिनी की गांड पर चपत लगाते हुए बोली,,,)

तुम 1 मिनट रुको मैं पेशाब करके आती हूं,,,

ठीक है मम्मी,,,,(

और फिर आराधना पलंग पर से नीचे उतरी और चादर को उठाकर अपने नंगे बदन पर डालने लगी तो संजू अपनी मां के भजन से चादर को खींचकर उसे फिर से नंगी करता हुआ बोला)


अब इस,,, घर में पर्दा किस बात का ऐसे ही जाओ,,,,,


तू बहुत शैतान हो गया है,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना नंगी दरवाजे तक गई और दरवाजे की घड़ी खोले लगी लेकिन दरवाजे की घड़ी खोल दे खोल दे अपनी नजर घुमा कर पीछे की तरफ देखने लगी बिस्तर पर संजु और मोहिनी दोनों बैठे हुए थे एकदम नंगे उन दोनों को देखकर आराधना मुस्कुराने लगी और दरवाजा खोलकर बाथरूम की तरफ आगे बढ़ गई,,,,)


बहुत अच्छा नाटक की मोहिनी तूने,,,(एकदम धीमे स्वर में संजू बोला)

सच भाई मैं कभी सोची नहीं थी कि मम्मी से इस तरह से झूठ बोल पाऊंगी लेकिन आज बहुत मजा आया मम्मी की चूत वाकई में एकदम करारी है तभी तो तू पागल हुआ है मम्मी की चूत के पीछे,,,

तो क्या मम्मी को चोदने में कितना मजा आता है,,,,,

(दोनों धीरे-धीरे फुसफुसा रहे थे कि तभी दोनों को बाथरूम में पानी गिरने की आवाज आई इसलिए दोनों एकदम से चौकन्ना हो गए,,)

बस चुप कर भाई मम्मी आने वाली है,,,,,,,,

(लेकिन खेल तो पूरी तरह से शुरु हो गया था इसलिए अपनी मम्मी के आने से पहले ही संजू अपनी बहन को अपनी बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा और तभी आराधना भी अंदर आ गई संजू और मोहिनी को इस अवस्थामें देखकर वह मुस्कुराने लगी और बोली,,,)

वाह भाई अपनी बहन को सुख देने में लगा हुआ है लेकिन तेरी बहन को इस तरह के चुंबन की नहीं बल्कि तेरे मोटे तगड़े लंड की जरूरत है जो कि इस समय झूल गया है उसे खड़ा करना जरूरी है,,,,,


लेकिन यह होगा कैसे मम्मी,,,,(अपने होठों को संजू के होठों से अलग करते हुए मोहिनी बोली)
आराधना अपनी बेटी के सामने अपने बेटे पर चढ़ी हुई

तू चिंता मत कर अभी हो जाएगा,,,,।
(इतना कहने के साथ ही आराधना संजू के ठीक सामने घुटनों के बल बैठ गई संजू पलंग के नीचे दोनों पैर को लटकाए बैठा हुआ था और उसकी दोनों टांगों के बीच उसका मर्दाना लंड झुल रहा था और उसे खड़ा करके अपनी बेटी के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी इस समय आराधना के सिर पर आ गई थी जिसे वह बखूबी निभा ना जानती थी अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घुटनों के बल बैठता हुआ देखकर संजू समझ गया कि उसकी मां क्या करने वाली है इसलिए वह मोहिनी से बोला,,,)

अब देखना मम्मी क्या करती हो मेरा लंड फिर से खड़ा हो जाएगा और तुम्हारी चूत में जाने के लिए तैयार हो जाएगा,,,,

(मोहिनी को सब कुछ पता था कि क्या होने वाला है लेकिन वह जानबूझकर ऐसा बता रही थी कि उसे कुछ भी मालूम नहीं है और वह बड़े गौर से अपनी मम्मी की हरकत को देखने लगी और आराधना मुस्कुराते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के झूलते हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलाते हुए मुट्ठीयाने लगी और बोली,,,)

देखना मोहिनी कैसे खड़ा होता है,,,,
संजु इस तरह से भारी बारिश है आराधना और मोहिनी की चुदाई करता हुआ,,

(इतना कहने के साथ ही आराधना अपने बेटे के ढीले लंड को मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी और यह देख कर मोहिनी के तन बदन में आग लग गई हालांकि वह अपनी मां को इस तरह की क्रिया करते हुए रोज रात को दरवाजे के पीछे खड़ी हो कर देती थी लेकिन आज अपनी आंखों के ठीक सामने अपनी मां को इस तरह की हरकत करते हुए देखकर वह खुद अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रही थी वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी उसकी आंखों में नशा छा रहा था,,,,, और कुछ ही देर में आराधना की मेहनत रंग लाई और उसके बेटे का लंड एक बार फिर से चोदने लायक एकदम खड़ा हो गया,,,,, लेकिन आराधना अपने बेटे के लंड को चूसने का मजा ले रही थी और मुंह में गले तक लंड लिए हुए हाथ के इशारे से मोहिनी को भी संजू के लंड को मुंह में लेने के लिए इशारा कर रही थी जो कि मोहिनी अपनी मां के इशारे को अच्छी तरह से समझ रही थी लेकिन जानबूझकर उसके सामने हिचकीचाने का नाटक कर रही थी और उसकी यही झिझक को खत्म करते हुए संजु उसका हाथ पकड़कर पलंग के नीचे बिठाने लगा,,,,
संजू अपने हाथों से अपनी मां की चड्डी उतारता हुआ

मोहिनी भी अपनी मां के बगल में जाकर घुटनों के बल बैठ गई क्योंकि वह भी अब मजा लेना चाहती थी अपनी मां के सामने अपने ही भाई के लंड को मुंह में लेकर चूसने चाहती थी इसलिए वह भी अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर चुकी थी ,,, आराधना अपने मुंह में से अपने बेटे के लंड को बाहर निकालकर मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाने लगी जो की पूरी तरह से उसके लार और थोक से सना हुआ था,,,,, आराधना इस खेल में अपनी बेटी को पूरी तरह से उतार लेना चाहती थी ताकि आगे का रास्ता तीनों के लिए एकदम साफ हो जाए और आराधना अपने बेटे के लंड को पकड़े हुए ही उसे मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाकर उसके होठों से लगा दी मोहिनी को लंड चूसने का अनुभव बहुत पहले से ही था इसलिए वह बिना झिझक के,, अपने भाई के मोटे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी अपनी मां के सामने इस तरह की हरकत करने में उसे भी अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,, आराधना दो मोहिनी के मुंह में अपने बेटे के लंड को अंदर बाहर होता हुआ देखकर पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी उसकी चूत भी फिर से पानी फेकने लगी थी,,,,,।


अपनी बेटी की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए ,,, आराधना घुटनों के बल बैठे हुए ही अपनी हथेली को अपनी बेटी की चूत पर रख कर उसे मसलते हुए बोली,,,,।
मा बेटी दोनों मजे लेती हुई

सहहहह आहहहहह बहुत गरम चूत है मोहिनी तेरी अच्छे से चूस अपने भाई के लंड को क्योंकि इसी लंड से तेरी चूत की सेवा करनी है तो अच्छा करेगी तभी तेरा भाई तेरे साथ अच्छा कर पाएगा,,,,,आहहहह ऐसे ही,,,, बहुत अच्छा लग रहा है,,,,।

मोहिनी पूरी तरह से चुदवाती हो चुकी थी अपनी मां की आंखों के सामने अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,,, संजू का लंड चूत में जाने के लिए तैयार हो चुका था जिसका सिग्नल खुद संजू ने दिया और बोला,,,,।

बस मोहिनी तेरी चूत कितने मेरा लंड तैयार हो गया है अब जल्दी से टांग फैला कर लेट जा,,,,,।
(इतना सुनना था कि मोहिनी अपनी जगह पर खड़ी,,, होने लगी,,,, और अपनी मां की तरफ देखने लगी उसकी मां भी उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दी और देखते ही देखते मोहिनी पलंग के ऊपर अपने भाई की आंखों के सामने अपनी दोनों टांगे फैलाकर अपनी चूत को उसके सामने परोस दी,,,, संजू भी ऐसा बर्ताव कर रहा था कि मानव जैसे वह मोहिनी की चूत को पहली बार देख रहा हूं इसलिए अपने लंड को हिलाता हुआ अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,,)
आराधना की चूची पीता हुआ संजू


ओहहह मम्मी लगता है आज मोहिनी की चूत से बहुत मजा आने वाला है देख कितनी पानी छोड़ रही है,,,,

हां बेटा बिल्कुल भी देर मत कर अपनी बहन की चूत में अपना लंड डालकर उसका उद्घाटन कर दें ताकि इस खेल में मोहिनी भी हमेशा के लिए शामिल हो जाए,,,


तुम चिंता मत करो मम्मी,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू घुटनों के बल पलंग के ऊपर चढ़ा और मोहिनी को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया उसकी गांड अपनी जांघ पर चढ़ाकर वह अपने मोटे लंड को मोहिनी की चूत में डालने की कोशिश करने लगा वैसे भी पहले से ही मोहिनी की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था इसलिए बड़े आराम से अंदर प्रवेश करने लगा लेकिन फिर भी जानबूझकर मोहिनी अपनी मां की आंखों के सामने ,,, पहली बार चुदाई करवाने का नाटक करते हुए हल्के हल्के चीखने लगी और उसके चीखने की आवाज सुनकर आराधना भी घुटनों के बल पलंग पर चड़ गई और मोहिनी का हाथ पकड़कर उसे दिलासा देते हुए बोली,,,)
आराधना और मोहिनी दोनों चुदवाने के लिए तैयार

बस बस बैठी हो गया एक बार अंदर चला गया तब देखना कितना मजा आएगा,,,,

(और संजू पूरी तरह से नाटक करते हुए ऐसा बर्ताव कर रहा था जैसे बड़ी मुश्किल से मोहिनी की चूत में लंड जा रहा हो,,,, जैसे तैसे करके अपनी मां के सामने पहली बार चुदाई करने का दोनों भाई बहन नाटक करते हुए मस्त भेजा रहे थे और देखते ही देखते संजू का लंड पूरी तरह से मोहिनी की चूत के अंदर समा गया था अब संजू मोहिनी को चोदना शुरू कर दिया था आराधना अपनी आंखों के सामने अपने जवान बेटे को अपनी जवान बेटी को चोदते हुए देख रही थी जिसकी उत्तेजना के फलस्वरूप उसकी चूत से काम रस का बहाव बड़ी जोर शोर से हो रहा था वह पागल हुए जा रही थी,,,, संजू बड़े आराम से अपनी कमर हिला था वह मोहिनी को चोद रहा था और आराधना यह देखकर पागल हो जा रही थी अपनी चूत की गर्मी शांत करने के लिए आराधना तुरंत अपनी बेटी के इर्द-गिर्द छाती के करीब अपने घुटनों को रखती और अपनी बेटी की दोनों चूची को दोनों हाथों में पकड़ कर दबाने लगी जिससे मोहिनी की उत्तेजना और आनंद दोनों बढ़ता जा रहा था इस अवस्था में संजू के ठीक सामने आराधना की बड़ी-बड़ी गांड हवा में लहरा रही थी जिसे देखकर संजू का जोश बढ़ता जा रहा था और वह अपने दोनों हाथों से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पकड़कर उसे थोड़ा अपनी तरफ खींचा और उसकी चूत पर अपने होंठ रख कर चाटना शुरू कर दिया एक साथ तीनों अलग-अलग अवस्था में मजा ले रहे थे संजू पागल हुआ जा रहा था क्योंकि उसकी आंखों के सामने तो दो औरत थी जो कि पूरी जवानी से भरी हुई थी और दोनों की कसी हुई जवानी का मजा संजू एक साथ लेना चाहता था इसलिए संजू अपनी मां की कमर दोनों हाथों से पकड़कर उसे नीचे की तरफ झुकाने लगा और देखते ही देखते आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने घोड़ी बन गई इस अवस्था में अपनी मां को देखकर संजू से रहा नहीं गया और संजू अपनी बहन की चूत में से अपना लंड बाहर निकालकर अपनी मां की चूत में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया और देखते ही देखते संजू बारी-बारी से कभी अपनी बहन की चूत में डालते तो कभी अपनी मां की चूत में,,,
आराधना और मोहिनी

गजब का कामुक दृश्य बना हुआ था मां बेटी और बेटा तीनों चुदाई के खेल में पूरी तरह से लेफ्ट हो चुके थे संजू अपने मोटे लंड को कभी अपनी बहन की चूत में डालते तो कभी उसकी चूत से बाहर निकालकर अपनी मां की मदमस्त रसीली चूत में डाल देता एक साथ दो दो औरतों को चोदने का अद्भुत सुख संजू प्राप्त कर रहा था और अपने आपको धन्य समझ रहा था क्योंकि उसकी आंखों के सामने दुनिया की सबसे ज्यादा खूबसूरत औरत और उसकी बहन थी जो कि दोनों की मलाई से भरी हुई चूत में अपना लंड डालकर दोनों की मलाई बाहर निकाल रहा था देखते ही देखते दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी दोनों झड़ने के करीब थी लेकिन संजू अपनी बहन की चूत में से अपने लंड को बाहर निकालकर अपनी मां की चूत में डाल दिया और उसे जोर जोर से धक्का देकर चोदना शुरू कर दिया और देखते ही देखते आराधना का पानी,,,, छूट गया वह पूरी तरह से मस्त हो गई वह भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी अपनी भारी-भरकम गांड को अपने बेटे का लंड पर पटक रही थी और साथ ही मोहिनी की संतरे जैसे चूचियों को दबा दबा कर खरबूजा बना रही थी,,,, अपनी मां का पानी निकालने के बाद संजू तुरंत अपनी मां की चूत से बाहर अपने लंड को निकाल कर उसे मोहिनी की चूत पर भटकते हुए उसे अंदर डाला और फिर जोर शोर से उसे चोदना शुरु कर दिया क्योंकि उसका भी पानी निकलने वाला था और खुद वह भी झड़ने वाला था और देखते-देखते मोहिनी भी गरम आहें भरते हुए अपना पानी छोड़ दी और संजू भी भलभला कर ,,, अपनी बहन की चूत में अपना गरम लावा उड़ेल दिया,,,,।

तीनों एकदम थक चुके थे इसलिए चुदाई के बाद जैसे ही बिस्तर पर पड़े तीनों को नींद आ गई तीनों एकदम नग्न अवस्था में नींद की आगोश में खो गए,,, सुबह सबसे पहले जब आराधना की आंख खुली तो वह पहले तो बिस्तर पर मोहिनी को भी नंगी देखकर एकदम से चूक गई लेकिन फिर उसे याद आया कि हम तीनों के बीच सबकुछ साफ हो चुका है और वह मुस्कुरा कर अपने कमरे से बाहर आ गई और बाथरूम में जाकर सबसे पहले पैसा आपकी और फिर वापस अपने कमरे में आकर कपड़े पहनने लगे अपने बिस्तर पर अपनी बेटी और अपने बेटे को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देखकर आराधना के चेहरे पर सुकून साफ नजर आ रहा था वह पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी और अपने और अपने बेटे के बीच जो राज था उसकी सहभागी अब उसने अपनी बेटी को भी बना ली थी,,,,।
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संजू ने बड़ी चालाकी से अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी छोटी बहन की चुदाई करके उसे भी इस खेल में पूरी तरह से शामिल कर लिया था और यह खेल दोनों भाई बहन मिलकर सफलतापूर्वक निपटा चुके थे,,,, संजू और मोहिनी दोनों नाटक कर रहे हैं इस बात का आभास तक नहीं हुआ आराधना को वह तो मूकदर्शक बनकर सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी अपनी आंखों के सामने ही अपने परिवार को वासना के सागर में डूबते हुए देख रही थी वह कभी सोची नहीं थी कि उसके परिवार में इस तरह के रिश्ते कायम हो जाएंगे बहन का भाई के साथ भाई का मां के साथ लेकिन आराधना यह सब अच्छी तरह से जानती थी कि जो कुछ भी हो रहा है सब कुछ गलत है समाज की नजर में लेकिन इस बात की संतुष्टि उसे थी कि जो कुछ भी हो रहा है वह चारदीवारी के अंदर हो रहा है पर वह भी एक दूसरे की सम्मति से जिसके बारे में बाहर वालों को कानो कान खबर तक नहीं पड़ेगी इस बात की तसल्ली से वह अपने मन को दिलासा देती थी,,,, और इस खेल का भरपूर मजा भी ले रही थी,,,,



रात की घमासान चुदाई और थकान से चूर होकर तीनों एक ही बिस्तर पर नग्न अवस्था में सो गए थे और सुबह सबसे पहले आराधना की नींद खुली थी और वह नित्यक्रम करके नहा धोकर तैयार हो गई थी और अपने कमरे में आकर अपने बेटे और अपनी बेटी को नग्न अवस्था में देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी मोहिनी के नंगे बदन पर नजर डालकर वह अपने आप पर गर्व कर रही थी कि उसकी बेटी भी उसकी तरह ही खूबसूरत है,,,,, आराधना मोहिनी को जगाते हुए उसकी गोल-गोल गांड पर हाथ रखकर उसे झकझोरते हुए बोली,,,,।


उठ मोहिनी सुबह हो गई है देख तो सही तू किस अवस्था में सोई है तुम दोनों इतना थक गई कि सुबह होने का भान तक नहीं है,,,,,।

(अपनी मां की आवाज को सुनकर मोहिनी और संजू दोनों धीरे से आंख खुले तो दोनों की नजर आपस में टकरा गई दोनों को जब स्थिति का भान हुआ तो दोनों एकदम से चौंक गए मोहिनी की तो एकदम से हालत खराब हो गई वह अपनी मां की आंखों के सामने अपनी मां के बिस्तर पर अपने भाई के साथ नंगी सोई हुई थी,,,, वैदम से उठ कर बैठ गई और बिस्तर पर पड़ी चादर को अपने नंगे बदन पर डालते हुए बोली,,,।



कितना बज रहा है मम्मी मेरी तो आंख ही नहीं खुली,,,


कैसे खुलेगी रात भर मेहनत जो की हो,,,,।
(मेहनत शब्द के मतलब को मोहिनी अच्छी तरह से समझती थी इसलिए अपनी मां की बात सुनते ही उसके चेहरे पर शर्म की लालिमा छा गई और वह शरमा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ली लेकिन संजू बिल्कुल बेशर्म बना हुआ था सुबह का समय था इसलिए औपचारिक रूप से उसके बदन की गर्मी से उसके लंड में तनाव बरकरार था,,, वह भी अपनी बहन की तरह बिस्तर पर उठ कर बैठ गया लेकिन अपने नंगे बदन को छुपाने की बिल्कुल की कोशिश नहीं कर रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि आप छुपाने लायक कुछ भी नहीं है,,,,, पर अपनी मां की बात सुनकर वह मोहिनी की तरफ मुस्कुरा कर देखते हुए बोला,,,)



तुम दोनों से ज्यादा तो मुझे मेहनत करना पड़ा था,,,, तुम दोनों की चूत इतनी कसी हुई है कि मेरे लंड की हालत खराब हो गई,,,,।
(मोहिनी तो अपने भाई के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर एकदम शर्म से पानी-पानी हो गई और थोड़ा बहुत शर्म की लालिमा आराधना के भी चेहरे पर साफ झलक रही थी लेकिन वह अपने बेटे की बात सुन कर मुस्कुरा रही थी,,,, और अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोली,,,)

मेरी तो ठीक है लेकिन मोहिनी की चोट पर तुझे कुछ ज्यादा मेहनत करनी पड़ गई मोहिनी का पहली बार था ना इसके लिए मम्मी की चूत कुछ ज्यादा ही कसी हुई होगी,,,,,
(मोहिनी तो अपनी मां की बात सुनकर उत्तेजना और शर्म से गदगद हुए जा रही थी,,, अपनी मां की बेशर्मी से भरी हुई रंडी वाली हरकत को तो अच्छी तरह से जानती थी लेकिन उसकी मौजूदगी में भी और पहली बार में ही उसकी मां इस तरह से बात करेगी उसे यकीन नहीं हो रहा था इसलिए सुबह-सुबह अपनी मां के मुंह से इस तरह की गंदी बात सुनकर वह हैरान भी हुए जा रही थी और अत्यधिक उत्तेजित भी हो जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें चादर के अंदर उसका पूरा बदन नंगा था, जो कि रात को उसके भाई ने अपने हाथों से उसके एक-एक कपड़े उतारकर उसे नंगी किया था,,,,, अपनी मां की बात सुनकर आग में घी डालने का काम करते हुए संजू बोला,,,,)



रात को मेरा लंड ले लेकर मोहिनी की चूत अब थोड़ी ढीली हो गई होगी,,,,,,,, क्यों मोहिनी सच कह रहा हूं ना,,,,

(मोहिनी क्या कहती उससे तो कुछ भी बोला नहीं जा रहा था भले ही वह अपने भाई के साथ पूरी तरह से खुल चुकी थी और रात को बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अपनी मां के सामने भी अपने भाई के लैंड को अपनी चूत में लेकर चुदाई का अद्भुत आनंद लूट चुकी थी लेकिन फिर भी इस समय अपनी मां के सामने उसे शर्म महसूस हो रही थी इसलिए अपने भाई की बात सुनते ही वह अपने बदन पर चादर लपेटे हुए ही बिस्तर से उठने की कोशिश करते हुए बोली,,,)



बाप रे तुम दोनों की बातें सुनकर तो मुझे ना जाने क्या हो रहा है तुम दोनों बातें करो मैं जा रही हूं,,,,,(उसका इतना कहकर बिस्तर से उठना था कि संजू उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच लिया,,,, और मोहिनी सीधे जाकर संजू की गोद में गिर गई संजु पूरी तरह से नंगा था और पीछे से मोहिनी की गांड एकदम खुली हुई थी और जैसे ही अपने भाई के गोद में गिरी उसका खड़ा लंड उसकी गांड में एकदम से धंस गया और वह एकदम से चौक कर उठने को हुई लेकिन संजू अपने दोनों हाथ को उसकी कमर पर रखकर उसे कस के पकड़ लिया था और अपनी गोद में से उसे उठने नहीं दे रहा था आराधना खड़ी-खड़ी यह द्रश्य देख कर मुस्कुरा रही थी,,,, वह अपनी आंखों के सामने अपने बेटे को अपनी बहन के साथ मस्ती करते हुए देख रही थी लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी क्योंकि अब बोलने जैसा कुछ भी नहीं था रिश्तो के बीच की मर्यादा तार-तार हो चुकी थी,,,, वह अपनी बहन की कमर को कस के पकड़ कर उसकी गोल-गोल कांड को अपने लंड पर दबाते हुए बोला,,,)



कहां चली मेरी जान सुबह-सुबह तुम्हारी गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया है,,,,,


जाने दो भाई कुछ तो शर्म करो मम्मी खड़ी है,,,,

रात को मम्मी भी बिस्तर पर नंगी ही थी मैं बारी-बारी से तुम दोनों की चूत में बड़ा लंड डाल रहा था तब शर्म नहीं आ रही थी और अभी शर्म आ रही है,,,,

भाई,,,,आहहह जाने दो भाई,,,,(संजू की पकड़ से छूटने की नाकाम कोशिश करते हुए मोहिनी अपने भाई के लंड पर छटपटा रही थी हालांकि उसे मजा भी बहुत आ रहा था लेकिन अपनी मां के सामने जानबूझकर शर्माने का नाटक कर रही थी लेकिन इसी बीच संजू जल्दबाजी दिखाता हु आपने खड़े लंड को बहुत ही जल्द ही अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद पर रखकर उसकी कमर को नीचे की तरफ दबा दिया और उसकी चूत में लब लबाकर संजू का लंड घुसता चला गया और अपनी मां की आंखों के सामने शर्म और हया का ढोंग करते-करते मदहोशी में मोहिनी की आंखें बंद होने लगी वह मदहोश होने लगी उसके बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी अपने भाई के मोटे तगड़े लंड को अपनी बहन चूत की गहराई में महसूस कर के वह‌ पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी,,,,। और संजू इसी बीच अपनी बहन की कमर को पकड़े हुए उसे ऊपर नीचे करके अपने लंड पर उठाने और बैठाने के बाद ऐसा करने पर मोहिनी की चूत में संजू का लंड अंदर बाहर होने लगा और लंड के घर्षण से चूत की अंदरूनी दीवारें पिघलने लगी और मोहिनी को आनंदित करने का की मोहिनी मदहोश होकर अपने आप ही अपनी कार को अपने भाई के लंड पर उछालना शुरू कर दी,,,, चुदाई का सुख ईतना अद्भुत और कमाल का होता है कि रिश्ते नातों की गहराई को एक तरफ करके बस आनंदित हो उठता है रिश्ता चाहे जो भी हो बस उसे चुत या बुर की जरूरत होती है लड़कियों और औरतों को लंड के पीछे का रिश्ता बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता और ठीक है ऐसा ही लड़कों को भी चूत के पीछे का रिश्ता चाहे जैसा भी हो उसे बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता उसे दिखाई देती है तो सिर्फ चुत,,,,।



और इस समय संजू और मोहिनी के साथ भी यही हो रहा था अपनी मां की मौजूदगी में ही संजू अपनी बहन की चूत में लंड डाल रहा था और मोहिनी भी अपनी मां की मौजूदगी में पूरी तरह से मस्त होकर अपने भाई के लंड पर कूद रही थी,,,, यह गरमा गरम नजारा देखकर खुद आराधना की चूत से पानी निकलने लगा लेकिन वह अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए बोली,,,।

बाप रे तुम दोनों अभी भी शुरू पड़ गए जल्दी से काम खत्म करके नहा धोकर तैयार हो जाना मैं नाश्ता तैयार करती हूं,,,,,
(इतना कहने के साथ ही आराधना कमरे से बाहर निकल गई हालांकि अपनी बेटी के लंड को अपनी बेटी की चूत में अंदर-बाहर होता हुआ देखकर खुद उसकी चूत पानी छोड़ रही थी और वह खुद अपने बेटे के लंड पर उठक बैठक करना चाहती थी लेकिन वह नहा धोकर तैयार हो चुकी थी इसलिए ऐसा करना इस समय वह जरूरी नहीं समझी,,,,
आराधना की कमरे से बाहर जाते ही संजू अपनी बहन की चूत में लंड डाले हुए उसे घोड़ी बना लिया और घुटनों के बल खड़ा होकर जबरदस्त धक्का लगाना शुरू कर दिया,,, और अपनी बहन की नंगी चूची को जोर जोर से दबाते हुए बोला,,,)


तुमने तो कमाल कर दी मोहिनी रात में मम्मी को ऐसा बेवकूफ बनाई कि मम्मी को चारों खाने चित कर दी मम्मी को तो बिल्कुल भी एहसास तक नहीं हुआ कि तुम नाटक कर रही हो,,,,


भाई तुम भी तो बाद में सारी बाजी को पलट कर रख दिया,,,,


अब हमें किसी का डर नहीं है जब चाहे तब चुदाई का मजा लूट सकते हैं,,,


आहहह आहहहह तुम सच कह रहे हो,,,आहहहह भाई थोड़ा धीरे से,,,,आहहहह अब हमें किसी का डर नहीं है,,,,


हां मेरी रानी अब तेरी चूत से मुझे कोई अलग नहीं कर सकता,,,,,

(कुछ ही देर में संजू अपनी बहन की चुदाई करता हुआ,,, उसे पूरी तरह से तृप्त करता हुआ झड़ गया,,,, अब तीनों को खुला दौर मिल चुका था तीनों को किसी का डर नहीं था तीनों घर की चारदीवारी में सारे रिश्ते नाते को भूल कर एक दूसरे में समा जाते थे और बाहर समाज के सामने रिश्तेदारी निभाते थे इसी तरह से उन तीनों का जीवन अच्छी तरह से गुजरने लगा था तीनों को अब किसी बात की कमी नहीं थी ट्यूशन का काम अच्छा चल रहा था आराधना का ऑफिस का काम भी बहुत अच्छा चल रहा था आमदनी ठीक-ठाक हो जा रही थी जिससे तीनों की जरूरतें पूरी हो जा रही थी और शरीर की जरूरत भी आपस में पूरी हो जा रही थी,,,,,,, जैसे तैसे करके महीनों गुजर गए और तीनों का शारीरिक संबंध और भी ज्यादा गहरा होता चला गया बीच-बीच में संजू मौका मिलते ही अपनी मौसी की चुदाई कर देता था उसे भी पूरी तरह से तृप्ति का एहसास कराता था और मनीषा तो उसकी दीवानी हो चुकी थी खास करके उसकी मर्दानगी की,,,,,,,

अशोक के जाने के बाद आराधना अपने बेटे और बेटी का प्यार पाकर बहुत खुश थी उसे किसी बात की फिक्र नहीं होती थी बीच-बीच में उसे अशोक की चिंता होती जरूर थी लेकिन अब वह अशोक को भी भूल चुके थे क्योंकि संजू भी उसे इतना प्यार और सुख देता था कि अशोक कि उसे जरूरत ही नहीं थी ऐसे ही एक दिन आराधना के मोबाइल की घंटी बजी और आराधना कॉल रिसीव करके हेलो बोली क्योंकि अनजान नंबर था,,,,।


हेलो कौन,,,?


अरे मुझे भूल गई,,,,,
(आवाज कुछ जानी पहचानी लग रही थी वैसे भी कुछ ही महीने हुए थे आराधना को मोबाइल लिए हुए,,,, इसलिए वह समझ नहीं पा रही थी कि आवाज किसकी है,,,)

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मैं माफी चाहती हूं मैं पहचानी नहीं,,,,


अरे पगली सुखदेव बोल रहा हूं,,,,


भैया,,,,,, आप,,,,, नमस्ते भैया,,,,, तबीयत कैसी है सब मजे में तो है ना बच्चे कैसे हैं,,,,


अरे पगली सब एक ही सांस में पूछ डालेगी क्या,,,, सब कुशल मंगल है सब ठीक है,,,,

बहुत दिनों बाद मुझे याद कर रहे हो,,,


क्या करूं आराधना कैसे खबर अंतर पूछता कुछ समझ में नहीं आता यह तो अच्छा हुआ कि मोबाइल है तो आज साधना से नंबर लेकर तुझे फोन किया हूं,,,, और हां लल्ली की शादी तय हो गई है,,,,

क्या बात कर रहे हो भैया हमारी बिटिया इतनी बड़ी हो गई अब शादी लायक,,,


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हां आराधना इसलिए तो फोन किया हूं,,,, 1 सप्ताह बाद शादी है इतनी जल्दबाजी में शादी तय हो गई कि कुछ कर नहीं पा रहा हूं अगर समय होता तो मैं खुद वहां आकर तुम लोगों को गांव लेकर आता लेकिन शादी की तैयारी भी करना है इसलिए फोन से आमंत्रण भेज रहा हूं,,,,, शादी से 5 दिन पहले ही तुम दोनों को परिवार सहित आना है,,,,


इतनी जल्दी,,,,


अरे पगली यह जल्दी है मेरा बस चलता तो महीना पहले से बुला लेता,,,,, कोई दिक्कत है तो बता देना,,,,


नहीं नहीं भैया कोई दिक्कत नहीं है,,,,, मैं आ जाऊंगी वैसे भी बहुत समय हो गया है गांव आए,,,,


ठीक है आराधना मैं फोन रखता हूं दूसरों लोगों को भी बुलाना है,,,,


ठीक है भैया नमस्ते,,,


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खुश रहो,,,,।
(फोन कट गया था आराधना के चेहरे पर संतुष्टि के भाव नजर आ रहे थे बरसो बाद वह गांव जाने वाली थी वह तो अपना मायका ही भूल चुकी थी क्योंकि अपनी गृहस्ती में इतना उलझ गई थी और इतना दुखी थी कि उसे कुछ समझ में नहीं आया और कब इतना समय गुजर गया उसे इस बात का अहसास तक नहीं हुआ लेकिन आज अपने भाई के फोन से पुरानी यादें ताजा हो गई थी वह तुरंत अपनी बड़ी बहन साधना को फोन लगाइ ,,)

हेलो दीदी,,, भैया का फोन आया था,,,

आराधना मुझे भी भैया का फोन आया था लल्ली की शादी तय हो गई है,,,, मैं तो बहुत खुश हूं गांव जाने के नाम से,,, कुछ दिन वहां आराम तो करेंगे,,,


सच कह रही हो दीदी मैं भी यही सोच रही थी,,,,


बात तो ठीक है लेकिन मनीषा नहीं जा पाएगी और ना ही मनीषा के पापा जा पाएंगे मनीषा का एग्जाम शुरू होने वाला है,,,,,


मेरी भी यही दिक्कत है दीदी मोहिनी का एग्जाम शुरू होने वाला है,,,,,


तो कोई बात नहीं मैं तो और संजू चलेंगे बहुत मजा आएगा वैसे भी संजू बहुत छोटा था तब गांव गया था अब गांव जाएगा तो वहां का माहौल देखकर खुश हो जाएगा,,,,


तुम ठीक कह रही हो दीदी,,,,,,


हां आराधना दो दिन बाद ही हमें निकलना होगा क्योंकि 5 दिन पहले से ही भैया हमें अपने घर देखना चाहते हैं,,,,


ठीक है दीदी संजू के आते ही जाने की तैयारी शुरू कर देती हूं लेकिन एक दिक्कत है,,,


कैसी दिक्कत,,,,


मोहिनी,,,,


अरे बुद्धू मैं भी जानती हूं मोहिनी को मेरे घर पर छोड़ देना मनीषा के साथ,,,,

आराधना और मोहिनी इस तरह से मजा लेते हुए

हा दीदी यह ठीक रहेगा,,,,, मनीषा के साथ मोहिनी को छोड़कर मैं निश्चिंत हो जाऊंगी,,,,

चल ठीक है आराधना मैं रखती हूं तैयारी भी करना है 2 दिन का ही समय भी है,,,,


हां दीदी मैं भी संजू से बात कर लूं,,,,


ठीक है,,,(इतना कहकर साधना फोन काट दि)
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आराधना गांव जाने के नाम पर बहुत खुश थी और वह भी अपने भाई के लड़की की शादी में जा रही थी बरसों बाद वह घर के किसी सदस्य की शादी में गांव जा रही थी इसलिए खुशी लाजमी थी,,,,,, बहुत जल्द ही उसे तैयारी भी करनी थी शादी में पहनने के लिए नई साड़ी नए कपड़े चाहिए थे इसलिए खरीदी करना भी जरूरी था,,, गांव जाने की बात केवल आराधना और साधना को ही मालूम था आराधना को इस बात से तसल्ली थी कि उसकी बड़ी बहन भी साथ में थी वरना अकेले वहां इतना सफर नहीं कर सकती थी लेकिन वह संजू को भी लेकर जाना चाहती थी क्योंकि संजू अगर साथ में रहेगा तो अच्छा ही रहेगा,,,,,।

आराधना मोहिनी और संजू को रात को खाना खाते समय बताई की लल्ली की शादी में गांव जाना है,,,, इतना सुनते ही संजू और मोहिनी दोनों एकदम खुश हो‌गए क्योंकि गांव जाना होने भी अच्छा लगता था लेकिन कुछ वर्षों से किसी को भी मौका नहीं मिला था गांव जाने का और अब मामा की लड़की में वह लोग शामिल होना चाहते थे लेकिन तभी मोहिनी को याद आया उसका तो एग्जाम है और वो एकदम से निराश हो गई बोली,,,,।

ओहहह नो,,,, मेरा तो एग्जाम है मैं तो नहीं जा पाऊंगी,,,

मुझे मालूम था मोहिनी क्योंकि तुम 3 दिन पहले ही मुझे बताई थी इसलिए तो मुझे चिंता हो रही है कि मैं जाऊंगी कैसे,,,,, वैसे तो बड़ी दीदी भी जा रही है और उन्हें बताया था कि मनीषा के एग्जाम है मनीषा शादी में नहीं जा पाएगी,,,,,,

मैं तो चलूंगा मम्मी कोचिंग का काम मनीषा ही संभाल लेगी,,,,,


चलो यह तो अच्छा हुआ कि तू चलने को तैयार है,,, तू साथ रहेगा तो अच्छा रहेगा,,,,,

मौसी भी चल रही है मम्मी,,,

हां बड़ी दीदी भी जा रही है मतलब कि यह तय हो गया कि हम तीनों को चलना है,,,,


यह तो ठीक है मम्मी लेकिन मोहिनी घर में अकेले कैसे रहेगी,,,,


मोहिनी मनीषा के साथ रहेगी दोनों को एक दूसरे का साथ मिल जाएगा,,,


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हां जी ठीक रहेगा मम्मी मनीषा दीदी के साथ मुझे भी रहने का मौका मिल जाएगा,,,,(मोहिनी एकदम से खुश होते हुए बोली,,,)

वैसे निकलना कब है,,,,?(संजु निवाला मुंह में डालते हुए बोला,,,)

भैया तो जल्दी ही बुलाए हैं 2 दिन बाद निकलते हैं,,,,


हां यह ठीक रहेगा मम्मी तो मैं कल ही हम तीनों की बस की टिकट बुक करवा देता हूं क्योंकि रिजर्वेशन ट्रेन का मिलने से रहा क्योंकि सीजन ही शादी का चल रहा है तो टिकट मिल नहीं पाएंगी बस से सही रहेगा,,,,


हां तु ठीक कह रहा है,,,, हम लोगों को गांव में 15 दिन लग जाएगा मोहिनी तू अपना ख्याल ठीक से रखना वैसे तो मनीषा के साथ किसी भी तरह की तुझे परेशानी नहीं आएगी लेकिन फिर भी मैं बता देती हूं कि पढ़ाई में ध्यान देना और अच्छे मार्क्स लाना,,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी,,,,

(तीनों खाना खा चुके थे,,,,,,, बैठकर गांव जाने की तैयारी करने की बात कर रहे थे उन्हें कपड़े खरीदना था जिसके लिए कल मार्केट जाना था तीनों को बातें करते करते रात के 12:00 बज गए थे संजू अपनी जगह से उठा और बाथरूम में पेशाब करने के लिए चला गया और उसी समय मोहिनी को बड़े जोरों की पेशाब लगी,,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह जब अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाई तो बाथरूम के बाहर ही,,, जहां पर बर्तन धोया जाता था और पानी निकलने के लिए जुगाड़ बना हुआ था वहीं पर मोहिनी खड़ी होकर अपनी सलवार की डोरी खोल कर तुरंत सलवार को नीचे घुटनों तक कर दी और अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी गोल गोल गांड दिखाते हुए बैठ गई और पेशाब करने लगी,,,,, आराधना मोहिनी की गोरी गोरी और गदराई गांड देखकर एकदम मदहोश हो गई,,,, ऐसा उसके साथ पहले बिल्कुल भी नहीं होता था,,, लेकिन जब से बिस्तर पर अपने बेटे और अपनी बेटी का साथ पाई थी तब से उसे भी औरतों के अंगों के प्रति आकर्षण होने लगा था और इस समय मोहिनी की गोरी गोरी गांड देखकर उसके मुंह में पानी आ रहा था,,,, वह अपने मन में सोचने लगी कि 15 दिन के लिए गांव जा रही है 15 दिन तक वह मजा नहीं ले पाएगी क्यों ना जो दो रात बची है उसी में मजा लिया जाए,,,,,।


मन में यही सोचकर उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ देने की उसकी चूत से पानी झरने लगा और देखते ही देखते मोहिनी पर साफ करके उठ कर खड़ी हो गई और अपनी सलवार को ऊपर उठा पाती इससे पहले बाथरूम का दरवाजा खुला और संजू बाहर आ गया और देखा तो मोहिनी की नंगी गांड देख कर उसके मुंह में पानी आ गया और वह मुस्कुराता हुआ एक चपत अपनी बहन की गांड पर लगा दिया,,,, जिससे वो एकदम से उछल गई और अपनी सलवार को कमर तक उठाते हुए बोली,,,।

क्या भैया तुम भी मैं तो एकदम से डर गई,,,,


चल कमरे में अभी और तुझे डराऊंगा,,,,

कमरे में मुझे डर नहीं लगता,,,,


क्यों डर नहीं लगता,,,


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कमरे में तुम जो मेरे साथ रहते हो,,,,


तो चल फिर देर किस बात की है,,,(इतना कहने के साथ ही संजु मोहिनी की कलाई पकड़ कर उसे अपने कमरे की ओर ले जाने लगा तभी आराधना बोली,,,,)

तुम दोनों मेरे कमरे में चलो वहीं पर मजा करते हैं वैसे भी 15 दिन तक कुछ करने को मिलेगा नहीं,,,,।
(इस बात से संजू एकदम से हैरान होता हु आराधना की तरफ देखा और बोला)

15 दिन तक कुछ भी नहीं करने को मिलेगा तब तो गांव जाने का कोई फायदा नहीं है तुम तो जानती हो मम्मी तुम्हारी चूत के बिना मुझे नींद नहीं आती,,,,


यही तो 15 दिन तक मुझे भी तो यहां अकेले रहना है मेरा क्या होगा तुम दोनों ने मिलकर जो मेरे बदन में नशा भरा है वह अगर नहीं मिलेगा तो मेरा तो बुरा हाल हो जाएगा,,,,


गांव में शादी का माहौल है सब रिश्तेदार नाती आस-पड़ोस के लोग घर में इकट्ठा रहेंगे तो मौका कहां मिलेगा इसीलिए तो कहती हूं कि दो रात है तो रात में मजा कर लो,,,,
Mohini kurti utarte huye


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हां यह आइडिया तो बिल्कुल ठीक है,,,(मोहिनी एकदम से खुश होते हुए बोली,,, तीनों में अब बिल्कुल भी शर्म नहीं रह गई थी तीनों एक दूसरे की हाजिरी में ही एक दूसरे से मजाक और मस्ती किया करते थे एक दूसरे के अंगों को अपने हाथों से पकड़ कर दबा दिया करते थे और ऐसा करने में तीनों को अलग ही मजा मिलता था चारदीवारी के बाहर दुनिया वालों के लिए समाज वालों के लिए वह तीनों मां बेटे भाई बहन थे लेकिन चारदीवारी के अंदर केवल औरत और मर्द थे जो एक दूसरे से आनंद के सिवा और कुछ नहीं चाहते थे,,,,,,


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आराधना संजु मोहिनी को लेकर अपने कमरे में दाखिल हो गई और खुद ही दरवाजा बंद करके कभी लगा दी यह जानते हुए भी कि घर में उन तीनों को सिवा और कोई भी नहीं है और कोई आने वाला नहीं है लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर वह दरवाजा बंद करके कड़ी लगाती थी क्योंकि बंद दरवाजे के अंदर यह खेल खेलने में कुछ ज्यादा ही मजा आता है,,,,, कमरे में प्रवेश करते ही संजू से रहा नहीं गया और संजू तुरंत अपनी मां को उसका हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया और उसे अपनी बाहों में भर लिया वह पीछे से अपनी मां को अपनी बाहों में फंसा हुआ था उसकी बड़ी बड़ी गांड उसके खड़े लंड पर एकदम टनटना रहा था,,,, आराधना अपनी गांड पर अपने बेटे के लंड की चुभन को महसूस करके पूरी तरह से मस्त हो गई और जो क्रिया उसके बेटे ने उसके साथ किया था वही क्रिया को दोहराते हुए वह मोहिनी की कलाई पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींच ली और उसे वह खुद अपने पीछे से उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसकी छोटी छोटी चूची को कुर्ती के ऊपर से ही दबाते हुए बोली,,,,।


ओहहह मोहिनी देखना तेरी चूची भी बड़ी बड़ी हो जाएगी तो भी बहुत मस्त लगने लगेगी,,,,।

ओहहहह मम्मी ने भी यही चाहती हूं कि मेरी चूची भी तुम्हारी चूची की तरह हो जाए क्योंकि तुम्हारी क्योंकि मुझे बहुत अच्छी लगती है बड़ी-बड़ी एकदम कैसी हुई,,,

हो जाएगी मेरी रानी जब तेरा भाई से मुंह में लेकर पिएगा ना तब तेरी चूची भी मेरी तरह हो जाएगी,,,,(ऐसा बोलते हुए आराधना अपनी बेटी की कुर्ती को ऊपर की तरफ उठाकर उसे नंगी करने लगी और मोहिनी भी अपनी मां का साथ देते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर कुर्ती को निकलवाने में उसकी मदद करने लगी और देखते ही देखते आराधना मोहिनी की कुर्ती को निकाल कर बिस्तर पर फेंक दिया और उसकी ब्रा के हुक को खोलना शुरू कर दी और पीछे संजू अपनी मां की साड़ी की गीठान को खोलकर उसे धीरे-धीरे उतारना शुरू कर,,,, दिया,,, और देखते ही देखते संजू अपनी मां की साड़ी को खोलकर नीचे जमीन पर फेंक दिया और उसके ब्लाउज के बटन को खोलने लगा,,,,।

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तीनों अपने अपने तरीके से मजा ले रहे थे समझो देखते ही देखते अपने हाथों से अपनी मां के कपड़े उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया था और आराधना ब्रा का हुक खोलने के बाद मोहिनी की बाहों में से उसके ब्रा को निकाल कर बाहर फेंक दी थी और उसकी सलवार की डोरी को एक झटके से खींचकर उसकी सलवार को ढीली कर दी है उसे नीचे की तरफ उतारने लगी जोकि मोहिनी खुद ही अपने कपड़े उतार कर नंगी होने के लिए उतावली होने लगी देखते ही देखते मोहिनी संजू और आराधना कमरे के अंदर पूरी तरह से नग्न अवस्था में हो गए संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था जिसे आराधना घुटनों के बल बैठ कर उसे पकड़कर अपने मुंह में ले कर रही थी और आराधना भी अपनी मां के बगल में बैठ कर अपने नंबर का इंतजार कर रही थी जो की आराधना खुद उसे यह शुभ अवसर देते हुए अपने हाथों से अपने बेटे के लंड को पकड़ कर अपनी बेटी के मुंह में डालकर उसे चूसने के लिए दे रही,,, थी,,,,।

एक साथ दो दो मादरजात नंगी औरतों को अपना लंड चूस वाकर संजू पूरी तरह से आसमान में उड़ने लगा था वह अपनी कमर को हल्के हल्के आगे पीछे करके हिलाता हुआ अपनी आंखों को बंद करके अपने दोनों हाथों को अपनी मां और अपनी बहन के सर पर रख कर उन पर दबाव देता हुआ अपने लंड की तरफ खींच रहा था,,,,, कुछ देर तक इसी तरह से मजा लेने के बाद संजू अपनी बहन को बिस्तर पर लिखकर पर लेटा कर उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी चिकनी चूत पर अपने होंठ लगाकर उसकी मलाई को चाटने शुरू कर दिया और आराधना अपनी दोनों टांगों को मोड़कर घुटनों के बल होकर अपनी चूत को मोहिनी के होठों पर रखकर उसे रगड़ना शुरु कर दी मोहिनी भी मौके की नजाकत को समझते हुए,,,, अपनी जीभ को बाहर निकालकर अपनी मां की मोटी मोटी जागो को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी मां की चूत चाटना शुरू कर दी,,,,


बेहद उन्मादक और मदहोश कर देने वाला दृश्य आराधना के कमरे में रचा जा रहा था,,,, एक तरफ संजू अपनी बहन की चूत चाट रहा था और दूसरी तरफ मोहिनी अपनी मां की चूत चल रही थी आराधना गरमा गरम सिसकारी लेते हुए अपने हाथों से अपनी बड़ी बड़ी चूची को दबा रही थी और समझो भी दोनों हाथों को आगे बढ़ाकर अपनी बहन के नारंगी को पकड़कर उसका रस निचोड़ रहा था,,,,,, कुछ देर तक आराधना अपनी बेटी के चेहरे पर ही अपनी चूत कोरा करती रही और अपनी चूत की मलाई से उसके चेहरे का फेशियल करती रही और फिर अपनी बड़ी बड़ी गांड को घुटनों के बल पीछे की तरफ लाकर अपने बेटे की आंखों के सामने कर दी और संजू पागलों की तरह अपनी बहन की चूत चाटते हुए अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर बारी बारी से अपनी मां और बहन दोनों की चूत को चाटना शुरू कर दिया और आराधना अपनी छाती पर लटकती हुई पपिया जिसे चूची का एक हाथ से पकड़ कर अपनी बेटी के मुंह में डालकर उसे पीने के लिए इशारा करने लगी और मदहोशी में मोहिनी भी अपनी मां की दोनों चूची को हाथ में पकड़ कर उसे बारी-बारी से अपने मुंह में लेकर पी रही थी,,,,
Sanju mohini ko god me uthakar

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गरमा गरम शिसकारियों से पूरा कमरा गूंज रहा था यही तो सबूत था तीनों की आनंददायक काम क्रीड़ा का मां बेटी दोनों अपने संजू के लंड के लिए तड़प रही थी वह दोनों जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में लेकर तृप्त हो जाना चाहती थी,,,, और संजू सर्वप्रथम अपनी मां की चूत को अग्रिमता देते हुए अपने मोटे और लंबे लंड को अपनी मां की चूत के छेद पर रखकर एक हल्का सा प्रहार किया और चूत की चिकनाहट पाकर लंड सटासट अंदर की तरफ घुस गया और संजू अपनी मां की कमर को पकड़े अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया 20-25 धक्के लगाया था कि फिर अपनी मां की चूत से अपने लंड को बाहर निकालकर अपनी बहन की चूत के मुहाने पर रख दिया और उसकी कमर को पकड़ कर एक धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में समा गया इस तरह से बारी-बारी से संजू अपनी मां और बहन दोनों को चोद रहा था दोनों एक ही बिस्तर पर संजू की चुदाई का मजा लूट रही थी,,,, आराधना और मोहिनी अच्छी तरह से जानते थे कि 15 दिन तक शायद हो सकता है उन्हें लंड के दर्शन तक ना हो इसीलिए वह दोनों पूरी तरह से इस शुभ अवसर का मजा ले लेना चाहते थे और यह काम क्रीड़ा का खेल सुबह 4:00 बजे तक चला और फिर गहरी नींद में तीनों एक ही बिस्तर पर सो गए,,,,।


दूसरे दिन सुबह जल्दी से उठ गई और नहा धोकर तैयार हो गए आराधना को जल्दी ऑफिस पहुंचने का और अपनी छुट्टी के लिए अर्जी देना था और जाते-जाते आराधना संजू से कह दी थी कि अपनी मौसी से पूछकर परसों की टिकट निकलवा ले,,,,,, और शाम को आकर खरीदी करने के लिए भी जाना था,,,,,,, संजू ने ठीक वैसा ही किया अपनी मौसी को फोन करके वह तीन टिकट बस की कंफर्म करवा दिया था,,,,,,



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15 दिन की छुट्टी लेकर आ रहा था ना शाम को जल्दी घर आ गई हो और संजू के साथ खरीदी करने के लिए निकल गई शादी में पहनने के लिए उसने नई-नई 2 साड़ियां और कुछ कपड़े ली संजू ने भी अपने लिए कपड़े खरीदे पैसों की चिंता अब उन्हें बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए निश्चिंत होकर वालों खरीदी कर रहे थे,,,,, आराधना अपनी बेटी के साथ शारीरिक संबंध का रिश्ता बनाकर उसके साथ पूरी तरह से खुल चुकी थी इसलिए बाजार में सबसे नजर बचा कर जब कभी भी दूर जाना होता था तो वह एक बीवी और प्रेमिका की तरह ही संजू की कमर में अपने दोनों हाथ डाल देती थी और,,, खरीदी करते-करते शाम ढल चुकी थी अंधेरा हो चुका था इसलिए लौटते समय खुशी के मारे आराधना अपने बेटे से एकदम से चिपक कर बैठी हुई थी जो कि अशोक की नजर में यह आ चुका था क्योंकि शाम को अशोक भी बाजार में ही था,,,,, अपनी बीवी को इतना निश्चिंत और खुश देखकर और अपने बड़े बेटे के साथ इस तरह से चिपक कर बैठी हुई देखकर अशोक की शंक६ एकदम द्रढ हो गई वह समझ गया कि जरूर उन दोनों के बीच कुछ चल रहा है और वह गुस्से से आगबबूला हो गया लेकिन इस समय वह अपने घर पर जा नहीं सकता था क्योंकि वह भी किसी औरत के साथ ही बाजार में घूम रहा था,,,,।
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गांव जाने की सारी तैयारियां हो चुकी थी,,,, बस की टिकट कंफर्म हो चुकी थी आराम से गांव जा सके सफर का मजा मिल सके इसलिए संजू ने बस की केबिन बुक करवाई थी जिसमें तीनों आराम से जा सकते थे,,,, केबिन होने से तीनों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होती इसीलिए संजू ने कभी नहीं बुक करवाया था ताकि लेटे-लेटे जा सके क्योंकि सफर थोड़ा लंबा था सीट पर बैठे बैठे कमर दुखने लगती,,,,
संजू और आराधना बैग में नए-नए कपड़े और जरूरत का सामान रख रहे थे जिसमें मोहिनी मदद भी कर रही थी,,,

साधना भी अपना बैग तैयार कर चुकी थी रात 8:00 बजे की बस्ती जो कि दूसरे दिन रात को 9:00 बजे गंतव्य स्थान पर पहुंचा देती,,,, सफर में 24 घंटे से ज्यादा का समय लगने वाला था वैसे तो ट्रेन की रिजर्वेशन ही सही पसंद होती लेकिन विवाह का समय होने की वजह से रिजर्वेशन नहीं मिल पा रहा था इसलिए ना चाहते हुए भी संजू ने बस की टिकट करवाई थी,,,, लगभग लगभग सारी पैकिंग हो चुकी थी फिर भी आराधना याद कर कर के एक-एक सामान को बैग में रख रही थी ताकि गांव में जरूरत पड़ने पर इधर-उधर भागना‌ ना पड़े,,,,,

अभी दोपहर के 12:00 बज रहे थे अभी बहुत समय था बस पकड़ने में इसलिए मोहिनी सोची की आज तो वह अपनी मौसी के घर चली जाएगी तो क्यों ना अपनी सहेलियों से मिल लिया जाए,,, और यही सोचकर वह अपनी मम्मी से बोली,,,


मम्मी मैं अपनी सहेलियों से मिलकर आती हूं क्योंकि मौसी के घर चली जाऊंगी तो उनसे मिलना नहीं हो पाएगा,,,


ठीक है जा लेकिन जल्दी आ जाना अभी सफर के लिए खाना भी बनाना है,,,,


ठीक है मम्मी मैं जल्दी से आ जाऊंगी,,,,।
(इतना कहकर मोहिनी घर से बाहर चली गई और संजू और उसकी मां दोनों बैग के पास ही थक कर बैठे हुए थे,,,, दोनों पसीने से लथपथ थे आराधना के माथे से पसीना टपक रहा था और पसीने की खुशबू दे उसकी गर्दन से हो करके उसकी दोनों चूचियों के बीच की घाटी में झरने की तरह बह रही थी जिसे देखकर संजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)


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देखो तो सही मम्मी पसीने की बूंदें भी तुम्हारी चूचियों के बीच ही जाना चाहती हैं देखो तो सही कैसे दोनों चूचियों के बीच की घाटी में जा रही हैं,,,,।
(अपने बेटे के मुंह से इतना सुनकर आराधना सहज रूप से अपनी छातियों की तरफ देखने लगी ब्लाउज का पहला बटन खुला हुआ था इसलिए दोनों चूचियों के बीच की घाटी और भी ज्यादा गहरी और उभरी हुई नजर आ रही थी जिसमें वाकई में पसीने की बूंदे जा रही थी अपने बेटे की बात और अपनी हालत को देखकर आराधना मुस्कुराते हुए बोली,,,)
आजकल सब का ठिकाना वहीं पर है,,,

क्यों ना हो मम्मी आखिरकार इतनी खूबसूरत जगह जो है,,,

उससे भी खूबसूरत जगह तो,,,(अपने चेहरे की टोढी को इशारे से अपनी दोनों टांगों के बीच नीचे की तरफ करते हुए) यहां पर है,,,,,


हाय,,, सच कह रही हो मम्मी दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह तुम्हारी दोनों टांगों के बीच ही है,,,, उधर भी पसीना बह रहा होगा,,,,

क्यों,,,?(आराधना मुस्कुराते हुए बोली)

क्योंकि तुम्हारी चूत बहुत गर्म है इसलिए वहां ज्यादा गर्मी के साथ-साथ पसीना छूट रहा होगा,,,


नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है,,, हम औरतों का पसीना छोड़ता नहीं बल्कि हम औरतें मर्दों का पसीना छुड़ा देते हैं,,,


यह तो सच कही लेकिन सभी मर्दों के साथ ऐसा नहीं होता है टक्कर का मर्द होना चाहिए जो औरतों का खुद का पसीना छुड़ा दे जैसा कि मैं मैं हमेशा तुम्हारा पसीना छुड़ा देता हूं माना कि तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है लेकिन मेरा लंड भी कुछ कम नहीं है,,, एक बार तुम्हारी चूत में जाता है ना मम्मी तो तुम,,आहहहह ऊहहहह करने लगती हो,,,, मेरा लंड घुसते ही देखती है तुम्हारी चूत की हालत कैसी हो जाती है तुम्हारी चूत में छल्ला बन जाता है और कैसे कचोरी की तरह फुल जाती है,,,,


चल रहने दे अपनी मर्दानगी की महान गाथा कहने को देखता नहीं जब मैं तेरे मोटे लंड को अपनी चूत के अंदर दबा लेती हो तो कैसा तू हांफने लगता है,,,,

वह तो मम्मी इतना थोड़ा सा होगा ही ना के पास तुम इतनी खूबसूरत औरत जो हो तुम्हारा बदन इतना खूबसूरत है गदराया हुआ और तो और तुम्हारी चूत की फांके कितनी मोटी है वह तो मैं हूं कि झेल लेता हूं दूसरा कोई हो तो डालते ही झड़ जाए,,,


जैसा कि तेरे पापा,,,,


हां अभी तुमने सच कही ,,,,, पापा तो 1 2 धक्के में ही ढेर हो जाते होंगे,,,, सच मम्मी पापा को देखता था तो यकीन ही नहीं होता था कि वह तुम्हारे पति है क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत हसीन जवान हो और पापा बिल्कुल भी तुम्हारे लायक नहीं है,,,


तू तो है ना मेरे राजा मेरे लायक,,,,

हां वह तो हूं,,,, तभी तो तुम्हें मस्त कर देता हूं,,,,


और मैं तुझे मस्त नहीं करती क्या,,,,


तुम तो मुझे पानी पानी कर देती हो,,,,(इतना कहते हुए संजू अपने होठों को अपनी मां की फोटो की तरफ आगे बढ़ने लगा दोनों इस तरह की अश्लील बातें करते हुए पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रहे थे,,,, देखते ही देखते दोनों मां बेटों के होठों का मिलन हो गया और संजू अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने होंठों के बीच लेकर उसके रस को चूसना शुरू कर दिया और साथ ही अपना एक हाथ आगे बढ़ा कर ब्लाउज पर रखकर अपनी मां के खरबूजे को दबाना शुरू कर दिया,,,, पल भर में ही दोनों के बीच उन्मादक स्थिति पैदा हो गई दोनों मदहोश में जा रहे थे,,,, सफर में ले जाने के लिए एक किए हुए बैग के बगल में बैठ कर दोनों आनंद की पराकाष्ठा तक पहुंचने की कोशिश करने लगे संजू पागलों की तरह अपनी मां के लाल लाल होठों को चूस रहा था और उसकी चूची को दबा रहा था साथ ही आराधना भी कम नहीं थी वह भी अपने हाथ को अपनी बेटी के पेंट पर रखकर उसकी खड़े लंड को पेंट के ऊपर से ही जोर जोर से दबा रही थी,,,,,

दोनों की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी दोनों की सांसो की आवाज कमरे में सुनाई दे रही थी दोपहर का समय था साथ में गर्मी भी पढ़े जोरों की थी इसलिए घर के बाहर सड़क पर वाहनों का शोर भी बहुत कम था और लोग अपने अपने घरों में आराम कर रहे थे इसलिए इस सन्नाटे में दोनों की गरमा गरम सिसकारी की आवाज कमरे में एकदम साफ सुनाई दे रही थी देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज को लगभग फाड़ने की स्थिति में उसके बटन को खोलना शुरू कर दिया जैसे-जैसे संजू अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोल रहा था कैसे-कैसे उसका उतावलापन और ज्यादा बढ़ता जा रहा था आराधना भी अपने बेटे की पेंट को खोलने की कोशिश कर रही थी लेकिन वह खोल नहीं पा रही थी,,,,, पेंट के अंदर संजू का लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था जो कि पेंट के ऊपर से कुछ ज्यादा ही मोटा तगड़ा लग रहा था जिसे आराधना अपनी हथेली में लेकर मस्त हुए जा रही थी,,,,

दोनों का प्रगाढ़ चुंबन पूरी तरह से उन्मादक स्थिति में पहुंचता चला जा रहा था दोनों के थूक और लार जीभ के द्वारा एक दूसरे के मुंह के अंदर आदान-प्रदान हो रहा था,,, उत्तेजना और गर्मी का समन्वय से आराधना का बदन पसीने से तरबतर हो चुका था,,,,, देखते-देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन को खोल दिया था और पल भर में उसकी ब्रा को ऊपर की तरफ खींच कर उसकी नंगी चूचियों पर दोनों हाथ रख कर उसे दबाने का मजा लूट रहा था पसीने से तरबतर चूचियां संजू के हाथों में छटक रही थी,,,, पसीने की वजह से चुचियों पर फिसलन थी जो कि बार-बार संजू कोशिश करता था और बार-बार फिसल जा रहा था और इस तरह से करने में आराधना को भी बहुत मजा आ रहा था,,,,,

हाय तेरी चूची कितनी मस्त है रे,,,,आहररर मन करता है कच्चा चबा जाऊं,,,,।

सहहहरह आहहहहह मादरचोद चबा जाना रोका किसने है,,,,


हाय मेरी छिनार तेरी यही अदा तो मुझे पागल कर देती है,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां की चूची को अपने मुंह में भर कर पीना शुरू कर दिया और आराधना भी अपने बेटे को अच्छी तरह से अपना दूध पिला सके इसलिए पीछे की तरफ अपने दोनों हाथों की हथेली का सहारा लेकर अपनी छातियों को थोड़ा ऊपर की तरफ उठा दी,,,, खरबूजे की तरह गोल-गोल बड़ी चूचियां आराधना की छातियों की शोभा बढ़ा रही थी जिसे संजू अपने हाथों से पकड़कर रोंदता हुआ उसे अपने मुंह में लेकर पी रहा था,,,, मजा ले रहा था लेकिन जिस तरह का मजा आराधना लेना चाह रही थी उसे थोड़ी दिक्कत पेश आ रही थी इसलिए वह संजू से बोली,,,)

अरे मादरचोद तू तो मजा ले रहा है मुझे भी तो मजा दे लंड तो बाहर निकाल,,,,

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अरे छिनार पहले बोली होती तेरे लिए ही तो खड़ा हुआ है,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू थोड़ा सा अपने आप को दुरुस्त किया और अपने पेंट का बटन खोल कर पल भर में है उसे अपने घुटनों का खींच कर नीचे कर दिया और अपना खड़ा लंड पकड़कर हिलाना शुरू कर दिया वह इस तरह से हरकत करते हुए अपनी मां को अपने लंड की तरफ आकर्षित कर रहा था और आराधना भी अपने बेटे के लैंड के आकर्षण में पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी और बिल्कुल भी देर किए बिना वह तुरंत अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के लंड को तो कभी नहीं जो की पूरी तरह से गर्म हो चुका था मानो कि उसके लिए कोई स्वादिष्ट व्यंजन गरमा गरम परोसा जा रहा हो,,,,,,, कमरे का हालात मां बेटे दोनों के काबू में बिल्कुल भी नहीं था दोनों मदहोश हो जा रहे थे पागल हुए जा रहे थे आराधना चुदवासी हुए जा रही थी इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि गांव जाने पर पता नहीं है मौका मिले या ना मिले इसलिए जो मजा लेना था इसी समय ले लेना चाहती थी और यह सोचकर वह और भी खुश थी कि अच्छा हुआ कि मोहिनी चली गई उन दोनों को एकांत मिल गया वरना मोहिनी को भी भाग देना पड़ता,,,, वैसे तो आराधना को अपनी बेटी के साथ अपने बेटे से मजा लेने में किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं थी लेकिन वह अकेले में खुलकर मजा लेना चाहती थी बिना संजू को किसी से बातें,,,, और इसमें उसे बिल्कुल भी शक नहीं था कि उसका बेटा उन दोनों की जवानी का रस निचोड़ ने में पूरी तरह से सक्षम है वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा अपने खड़े लंड से दोनों का पानी निकालने में पूरी तरह से समर्थ है लेकिन फिर भी वह इस तरह के मजे को अकेले लेना चाहती थी वह अपने बेटे के लंड को पूरी तरह से अपनी चूत में रहना चाहती थी अंदर तक लेना चाहती थी इसलिए वह पूरी तरह से मदहोश होकर अपने प्यासे होठों को अपने बेटे के लंड की गरम सुपाड़े पर रख दी और अपने होठों का दबाव सुपाडे पर एकदम से बढा दी,,,, अपनी मां की इस हरकत पर संजू पूरी तरह से मदहोश हो गया और मदहोशी में उसकी आंखें एकदम से बंद हो गई वह अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर अपनी मां की हरकत का मजा लेने लगा देखते ही देखते आराधना धीरे-धीरे करके अपने बेटे के समूचे लंड को अपने मुंह में गप्प कर गई,,,, अपनी मां की इसी अदा पर उसकी इसी हरकत पर संजू चारों खाने चित हो जाता था,,,,, आराधना अपनी हरकत से अपने बेटे को तड़पाना भी अच्छी तरह से जानती थी वह संजू के लंड को अपने गले तक उतार कर कुछ देर तक उसे पूरी तरह से अपने मुंह में लेकर उसे दाएं बाएं हिलाकर झनझना देती थी,,,, और जैसे ही उसे लगने लगता था कि सांस लेने में से थोड़ी तकलीफ हो रही है वह तुरंत बाहर निकाल देती थी और संजू का लंड पूरी तरह से उसके थूक और लार में सना हुआ और भी ज्यादा मादकता लिए हुए नजर आता था,,, और फिर अपने सांसों को दुरुस्त करके आराधना फिर से उसे अपने मुंह में ले लेती थी इस तरह से संजू की तड़प अपने लंड को अपनी मां की चूत में डालने के लिए और ज्यादा बढ़ जाती थी आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि जब जब वह अपने बेटे के साथ इस तरह की हरकत करके उसे पूरी तरह से मदहोश करती थी तब तक संजू उसे जमकर चोदता था,,,,, और ऐसा चोदता था कि उसकी चूत फैला देता था जिससे आराधना को दो-तीन दिन चलने में तकलीफ होने लगती थी लेकिन यह तकलीफ इस आनंद के आगे कुछ भी नहीं थी आराधना के लिए यह सुख थोड़ी सी तकलीफ के लिए छोड़ नहीं सकती थी,,,।
आराधना अपने बेटे को मस्त करती हुई


आराधना आज संजू पर पूरी तरह से छा चुकी थी एक तरह से,,, आज वह अपने बेटे को पूरी तरह से मस्त कर देना चाहती थी और खुद भी मस्त हो जाना चाहती थी कुछ देर तक इसी तरह से वह अपने बेटे को लंड चुसाई का आनंद देती रही,,,, लेकिन अब उसकी चूत में भी खुजली मच रही थी वह भी अपने बेटे के आगे अपनी चूत परोस कर उसकी सेवा का आनंद लेना चाहती थी,,,, इसलिए वह घुटनों के बल बैठ गई और अपनी साड़ी को धीरे-धीरे कमर तक उठाते वह साड़ी के अंदर कुछ भी नहीं पहनी थी वह साड़ी के अंदर पूरी तरह से नंगी थी यह देखकर संजू के तन बदन में आग लग गई और वह बोला भी,,,।
आराधना अपने बेटे के सामने अपनी गांड परोसती हुई


मम्मी आज तुमने चड्डी नहीं पहनी हो,,,,


नहीं रे आज बिल्कुल भी नहीं पहनी हुंं,(ऐसा कहते हुए आराधना सूटकेस के ऊपर टांग फैला कर बैठ गई जिसमें से कपड़े निकाल कर वह बैग में भर रही थी सूटकेस पूरी तरह से मजबूत थी ,,,, आराधना बड़े आराम से सूटकेस पर दोनों टांगे फैला कर बैठ गई थी और अपने बेटे को अपनी चूत दिखा कर उसके मुंह में पानी ला रही थी आराधना इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि वीआईपी की सूटकेस होने की वजह से उसकी सूटकेस पर उसकी वजन का कोई भी असर पड़ने वाला नहीं था,,,,, इसलिए वह निश्चिंत होकर अपनी टांगे पसार कर बैठी थी संजू तो अपनी मां की चूत देखकर एकदम मदहोश हो गया,,, उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसे क्या करना और वह तुरंत अपनी घुटनों के बल ही आगे बढ़ा और अपनी मां की मोटी मोटी जांघों पर अपनी हथेली रखकर उसकी लप-लपाती हुई चूत पर अपने होंठ रख कर से चाटने शुरू कर दिया संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूत को चाट रहा था उसमें मदन रस भरा हुआ था जिसे वह अपनी जीभ से चाट कर गले के नीचे उतार रहा था अपने बेटे की हरकत पर आराधना गहरी गहरी सांस लेते हुए सिसकारी छोड़ रही थी दोनों पूरी तरह से मस्त हो चुके थे संजू का लंड पूरी तरह से तैयार था अपनी मां की चूत में जाने के लिए और वह धीरे से अपने होठों को अपने मां की चूत से अलग किया और अपने लंड को अपनी मां की चूत में डालने की तैयारी करने ही वाला था कि दरवाजे पर दस्तक होने लगी,,,,,,, दरवाजे पर दस्तक की आवाज को सुनकर दोनों एक दूसरे को देखते हुए यह सोचने लगी कि शायद दरवाजे पर मोहिनी है इसलिए दोनों निश्चिंत हो गए और दोबारा संजू अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की चूत की तरफ़ आगे बढ़ने लगा लेकिन फिर से दस्तक की आवाज हुई और आवाज आई,,,,
संजू अपनी मां की चूत में डालने की तैयारी में

दरवाजा खोल,,,,
(इतना सुनते ही दोनों एकदम से घबरा गए)
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कमरे का माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था गांव जाने की तैयारी में सारी पैकिंग हो चुकी थी और ऐसे में मोहिनी अपनी सहेलियों से मिलने के लिए कमरे से बाहर चली गई थी और मां बेटे दोनों एकांत पाकर एक दूसरे से बात करते हुए ही मदहोश होने लगे और एक दूसरे के साथ चुंबन का आनंद लेते हुए एक दूसरे की आंखों से खेलने लगी संजू और आराधना अपने मन में यही सोचे कि गांव जाने के बाद ना जाने ऐसा मौका मिले ना मिले इसलिए इसी समय चुदाई का आनंद लूट लेना चाहते थे और इसीलिए संजू अपनी मां को सूटकेस पर बिठाकर उसकी दोनों टांगों को खोल चुका था और उसकी रसीली फूली हुई चूत में अपने लंड डालने की तैयारी कर ही रहा था कि दरवाजे पर दस्तक होने लगी दरवाजे पर हो रही दस्तक की आवाज सुनकर तो पहले दोनों मां बेटों को बिल्कुल भी चिंता नहीं हुई क्योंकि उन्हें ऐसा ही लग रहा था कि दरवाजे पर मोहिनी होगी लेकिन बाहर से आ रही आवाज को सुनकर बाद उन्हें एक दम से चौंक गए थे एकदम से हड़बड़ा गए थे,,,, संजू तुरंत उठ कर खड़ा हो गया और अपने पेंट को पहन कर अपनी स्थिति को सामान्य करने लगा,,, और आराधना की भी हालत खराब हो गई थी वह तुरंत खड़ी होकर अपने ब्लाउज का बटन बंद करके अपने कपड़ों को व्यवस्थित करके कुर्सी पर बैठ गई थी क्योंकि दरवाजे के बाहर जो शख्स खड़ा था वह अशोक था आराधना का पति संजू का बाप जो कि महीनों बाद उसके घर पर आया था,,,,,।

रंग में भंग पड़ गया था राजू चाहता तो दरवाजा खोले बिना अपनी मां की चुदाई करने के बाद ही दरवाजा खोलता लेकिन वह कुछ सोच नहीं पाया था और अपने पापा की आवाज सुनकर एकदम से घबरा गया था लेकिन जैसे-जैसे उसकी स्थिति सामान्य हुई उसे लगने लगा कि खामखा वह अपने पापा से डर गया था लेकिन फिर भी औपचारिक रूप से आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया दरवाजा खुलते ही अशोक लगभग लड़खड़ाते हुए कमरे में दाखिल हुआ और कमरे में शराब की दुर्गंध फैल गई,,,,, अपने पति की स्थिति को देखकर कुर्सी पर बैठी हुई आराधना थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली और वैसे तो गुस्सा उसे इस बात का ही था कि गलत समय पर उसका पति घर पर आया था अगर कुछ देर बाद आता तो भी उसका काम बन जाता उसके बेटे का लंड उसकी चूत की गर्मी को शांत कर देता लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था इसलिए आराधना सहज रूप से थोड़ा गुस्से में थी और बोली,,,।

इतने महीनों बाद घर पर आए तो वह भी शराब पीकर तुम्हें शर्म नहीं आती,,,,


शर्म तो मुझे नहीं तुम दोनों को आनी चाहिए हरामजादी,,,, पूरे बाजार में कमर में हाथ डालकर गाड़ी पर बैठकर घूम रहे हो तुम दोनों समझ में नहीं आता कि तुम दोनों मां-बेटे हो कि प्रेमी प्रेमिका,,,,


यह क्या बकवास है,,,,( अपने बाप के मुंह से इस तरह की बात सुनकर संजू गुस्सा करते हुए बोला और उसकी बात सुनकर अशोक लगभग लगभग उसे डांटते हुए बोला)

चुप कर मादरचोद,,,, तेरे से बात नहीं कर रहा हूं मैं,,,,(तभी उसकी नजर पैकिंग किए हुए सामान पर गई और वह कुटिल मुस्कान अपने चेहरे पर लाते हुए बोला)


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ओ,,हो,,,, कहां जाने की तैयारी हो रही है हनीमून पर गजब है एक बेटा अपनी मां को हनीमून पर ले जा रहा है,,,

क्या बकवास कर रहे हैं आप तुम्हें कुछ समझ में आ रहा है कि क्या कह रहे हो,,,,


मुझे सब समझ में आ रहा है कि मैं क्या कह रहा हूं हरामजादी तु एकदम रंडी हो गई है,,,,


खबरदार जो तुमने मम्मी को गाली दी तो मैं भूल जाऊंगा कि तुम मेरे बाप हो,,,


क्या बात है मम्मी को गाली दी तो या माशूका को गाली दे दो,,,,,
(अशोक की बातों को सुनकर आराधना के तन बदन में आग लग रही थी वह क्रोधित हो रही थी वह चित्र से जानती थी कि उसके और उसके बेटे के बीच किस प्रकार का रिश्ता है लेकिन अपने पति के मुंह से अपनी और अपने बेटे के बारे में इस तरह की बातें सुनकर उसे गुस्सा आ रहा था वह नहीं चाहती थी कि उन दोनों के बीच जो कुछ भी चल रहा है वह किसी समाज को पता चलेगा कोई अपने मुंह से बताएं इसलिए अपने पति की बात उसे एकदम कड़वी लग रही थी वह एकदम गुस्से में थी और अशोक था कि अनाप-शनाप बक रहा था,,,)

मैं देख रहा हूं मां बेटे दोनों कैसे चिपक कर पूरे बाजार में घूमते फिर रहे हैं लगता ही नहीं है कि मां बेटे हैं तभी तो मैं कहूं कि इस रंडी को मेरी जरूरत क्यों नहीं पड़ रही है क्यों मुझे बुला नहीं रही है अब पता चला,,,, नया लंड मिल गया है और वह भी एकदम जवान तभी तो अपनी चूत की प्यास बुझा रही है,,,, मेरे लंड से तो इसे पूरा ही नहीं पड़ता था,,,,।
(अपनी मां के बारे में अपने पापा के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर संजू एकदम क्रोधित अवस्था में अपने पापा को तमाचा जड़ दिया इतने पर एकदम से हड़बड़ा कर आराधना खड़ी हो गई लेकिन वह कुछ कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी अपने बाप को तमाचा मार कर संजू बोला,,,)

तुम्हें समझ में आ रहा है कि कितना गंदा लांछन लगा रहे हम दोनों पर कुछ समझ में आ रहा है,,,,,(संजू किसी भी तरह से अपने आप अपनी मां के बीच के नाजायज रिश्ते को दुनिया वालों से अपने वालों से छुपाना चाहता था इसलिए वह इस तरह का बर्ताव कर रहा था कि मानो उसके और उसकी मां के बीच किसी भी प्रकार का नाजायज संबंध नहीं है)

मादरचोद तूने मुझ पर हाथ उठाया,,,,

यह मादरचोद मादरचोद क्या लगा रखा है,,,,, समझ में आता है कि मादरचोद किसे कहते हैं,,,,,


कहने दे संजू कहने दे शायद मादरचोद का मतलब यह जानता तू जानना चाहता है कि हम दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता है,,,,,,,,, तू तो अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ कर चला गया सब कुछ छोड़ कर चला गया और बाहर रंडियों के साथ मजा लेने लगा,,,,,
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हां तो
हुआ तो एकदम ठंडी औरत है मुझे गर्म होना चाहिए इसलिए मुझे तेरे साथ सोने में मजा नहीं आता और मैं बाहर रंडियों के साथ मजे उड़ाता हूं,,,,


हां अब आया ना असलियत पर यही तेरी असलियत है और तेरी असलियत जानने के बाद मैं भी सोचने लगी की मैं क्यों सती सावित्री बनकर अपनी जिंदगी को खराब करो और जानता है फिर मैंने क्या किया,,,,,
(अशोक नशे की हालत में आराधना की तरफ देख रहा था और आराधना गहरी गहरी सांस ले रही थी वह थोड़ा गुस्से में जरूर थी लेकिन अपने होशो हवास में थी अच्छी तरह से जानती थी कि वह क्या कह रही है क्या कर रही है और वह अपने पति के सामने ही अपने बेटे का हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसे अपनी बाहों में लेकर उसके होठों पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगी यह देखकर अशोक की आंखें फटी की फटी रह गई वह तो सिर्फ साफ कर रहा था लेकिन आज अपनी आंखों से देख रहा था वह कुछ समझ पाता इससे पहले ही संजू भी अपने बाप को अपनी और अपनी मां की असलियत बताते हुए अपने दोनों हाथों को साड़ी के ऊपर से उसकी गांड पर रखकर जोर जोर से दबाते हुए उसके होठों का रस पीने लगा,,,, क्रोधित अवस्था में भी आराधना पूरी तरह से उत्तेजित हुए जा रही थी क्योंकि आज अपने पति के सामने हुआ है अपनी असलियत उसे दिखाते हुए अपने बेटे के साथ गंदी हरकत कर रही थी और संजू भी पूरी तरह से अपनी मां को अपनी आगोश में लेकर उसकी बड़ी बड़ी गांड को जोर जोर से दबा रहा था और अपने बाप के सामने ही धीरे-धीरे उसके साड़ी ऊपर करके उसकी नंगी गांड को अपने बाप की आंखों के सामने ही जोर जोर से दबा रहा था पागलों की तरह दोनों एक दूसरे से प्यार कर रहे थे कुछ देर चुंबन का मजा देने के बाद आराधना बोली,,,,।


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देख लिया हरामि मेरे और मेरे बेटे के बीच किस तरह का रिश्ता है तुझे अपनी मर्दाना ताकत पर बड़ा घमंड था ना तो अगर मेरे बेटे का लंड देखेगा तो शर्म से पानी पानी हो जाएगा दिखाऊं तुझे,,,, मादरचोद,,,(आराधना आज अपनी असलियत पर उतर आई थी आज उसे अपने पति का बिल्कुल भी डर नहीं था बिल्कुल भी खौफ नहीं था वह अपने पति को अपने बेटे के सामने लज्जित कर देना चाहती थी और ऐसा करने से संजू कि उसे रोकने वाला नहीं था वाली अपने बाप की तरफ देखकर गुस्से में मुस्कुरा भी रहा था देखते ही देखते आराधना अपने घुटनों के बल बैठ गए और अपने पति की तरफ देखते हुए अपने बेटे की पेंट की बटन खोलने लगी यह देखकर अशोक को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करेगा तो पूरी तरह सदमे में था उसे बिल्कुल भी होशो हवास नहीं था और अपने पति के सामने ही आराधना अपने बेटे की पेंट घुटनों तक सरका कर उसके मोटे तगड़े लंबे लंड को जो कि अभी भी पूरी तरह से अपनी औकात में खड़ा था उसे हाथ में पकड़ लिया और उसे हीलाना शुरू कर दी अशोक पहली बार,,, इस तरह के मोटे तगड़े और लंबे लंड को देख रहा था इसलिए वो और ज्यादा आश्चर्य में था,,,,, अपनी बीवी को अपने ही बेटे का लंड हिलाते यह देखकर अशोक थोड़ा सदमे से बाहर आया और बोला,,,।

यययय,,, क्या कर रही हरामजादी अपने ही बेटे का,,,,


हां तो किसका तुझे बहुत घमंड था अपने लंड पर जो कि एकदम छोटा है तुझे लगता था कि तेरे साथ चुदवाकर ही मुझे मजा आएगा,,,,ना,,, इसलिए तू ज्यादा मेरे साथ नाटक करता था ना देख ले अपनी आंख से तेरा तो मेरे बेटे के सामने कुछ भी नहीं है तू तो 1 मिनट में ही ढेर हो जाता था ना मेरा बेटा तो घंटों तक पेलते रहता है,,,,।

तततत,,,,, तुझे शर्म नहीं आ रही है ऐसा करते हुए,,,,

कैसी शर्म और क्यों आएगी पहले तो आती थी लेकिन अब बिल्कुल भी नहीं आती तूने तो पहले से ही हम दोनों के बीच गलत रिश्ते का इल्जाम लगा दिया था जब जब संजू मुझे बचाने के लिए आता था तो हम दोनों के बीच गलत रिश्ते का इल्जाम लगाकर गाली देता था ना तेरे लगाए गए एग्जाम का ही नतीजा है कि मैं आज अपने बेटे के साथ खुश हूं तुझे क्या लगा था तेरे जाने के बाद हमें तड़प तड़प कर मर जाऊंगी तू बाहर रंडी औरतों से आई याद करते रहे और मैं बिस्तर पर करवटें बदलते रहु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता हरामजादे,,,,(आराधना अपने बेटे के लंड को पकड़ कर हिला रही थी वह अपने पति से बात भी कर रही थी लेकिन संजू अपने बाप को और ज्यादा लज्जित करने के लिए उसके सर पर हाथ रख कर उसे अपने लैंड की तरफ बढ़ा रहा था और इशारों में उसे अपने मुंह में लेने के लिए कर रहा था जो कि गुस्से में आराधना अपने पति से बात किए जा रही थी उसे बुरा भला कह रहे थे और बात हुई बातों में संजू अपने लंड को उसके होठों पर लगा दिया जिसे आराधना भी अपने होठों को खोल कर उसे अपनों में लेकर चूसना शुरू कर दिया देखकर अशोक एकदम हैरान हो गया और उसके अंदर भी गुस्सा आने लगा और संजू अपने बाप के गुस्से को और ज्यादा बढ़ाते हुए अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा और अपनी आंखों को बंद करते हुए बोला,,,)

आहहहह मम्मी बहुत मजा आ रहा है तुम बहुत मजा देती हो तुम्हारी जैसी खूबसूरत औरत मैंने आज तक नहीं देखा पता नहीं इस इंसान को तुम्हारे साथ मजा क्यों नहीं आया ना जाने क्या सोचकर यह तुम्हें छोड़कर रंडी लोग के साथ मजा ले रहा था यह एकदम पागल है बुद्धू है खूबसूरती का इसे पता नहीं है इसे तो यह भी नहीं पता होगा कि इस उम्र में भी तुम्हारी चूत एकदम कसी हुई है बस डालता था और निकालता था इससे ज्यादा इसे और कुछ नहीं आता,,,,,आहहहहह मम्मी पूरा अंदर तक,,,, लो,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना भी अपने पति को जलाने के उद्देश्य से उसके मोटे लंड को पूरा गले तक उतार कर चूसना शुरू कर दी यह देख कर अशोक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ने लगा और वह गुस्से में संजू को मारने के लिए आगे बढ़ा और लेकिन संजू भले ही अपनी मां के मुंह में लंड दिया हुआ था लेकिन फिर भी वह पूरी तरह से तैयार था क्योंकि वह जानता था कि उसका बाप इस तरह की हरकत जरूर करेगा और वह गुस्से में उसे मारने के लिए उसके करीब आया,,,, लेकिन पहले से ही तैयार संजू ने उसे धक्का मारा और वह जाकर बिस्तर पर धम्म करके गिर गया अगर बिस्तर ना होता तो वह नीचे गिरता है और उसे चोट लग जाती,,,,, अशोक समझ गया था कि वह नशे में है और संजू उससे ज्यादा मजबूत शरीर का है क्योंकि अभी तक उसने उसके गाल पर तमाचा भी जड़ दिया था और उसे धक्का देकर गिरा भी दिया था और अशोक उसका कुछ भी बिगाड़ नहीं पाया था इस तरह से वह पहले भी अशोक को मार चुका था इसलिए अशोक समझ गया कि संजू से वह जीत नहीं पाएगा और इसलिए उसके पास देखने किसी और कोई रास्ता नहीं था,,,, अशोक हैरान था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है वह तो सिर्फ उन दोनों पर शक कर रहा था लेकिन उसका शक पूरी तरह से हकीकत में खुद उन दोनों ने ही बदल दिया था अशोक साफ तौर पर देखा था कि उसकी बीवी जो इस समय बला थी खूबसूरत लग रही थी,,,, उसकी खूबसूरती देखकर अशोक खुद हैरान था क्योंकि उसके साथ उसकी बीवी इस तरह का बर्ताव खुले तौर पर बिल्कुल भी नहीं करती थी और हमेशा डरी सहमी रहती थी लेकिन इस समय तो वह पूरी तरह से बदल चुकी थी और वह देख रहा था कि उसकी बीवी निडर और एकदम बेशर्म औरत की तरह अपने बेटे के लंड को ही गले तक लेकर मजे लेकर चूस रही थी,,,, और ऐसा उसने उसके साथ कभी भी नहीं करती थी,,,,,

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अशोक के सामने जो कुछ भी हो रहा था उसे देखकर अशोक को समझ में नहीं आ रहा था कि वह सपना देख रहा है या हकीकत में हो रहा है ऐसा उसे लग रहा था कि जैसे वह पोर्न मूवी देख रहा हूं क्योंकि इस तरह सेवा पोर्नमूवी में ही देखा था संजू बड़े मजे लेकर अपनी मां के मुंह में लंड डालकर अपनी कमर आगे पीछे करते हुए अपनी आंखों को बंद करके उस अनुभव में पूरी तरह से खो चुका था उन दोनों मां-बेटे को बिल्कुल भी शर्म नहीं था कि उसके सामने उसका पति उसका बाप बैठा है,,,,,

एक बाप होने के नाते उसे इस तरह का नजारा देखने में शर्म महसूस हो रही थी क्योंकि उसके सामने कोई गैर मर्द और औरत नहीं बल्कि उसकी बीवी और उसका बड़ा बेटा ही थे दोनों अपने ही बाप के सामने अपने ही पति के सामने पोर्न मूवी की तरह मजे ले रहे थे अशोक का मन कर रहा था कि वहां से उठकर चला जाए लेकिन इस तरह के गरमा-गरम दृश्य को देखकर ना जाने क्यों उसके पैर एकदम से जम गए थे क्योंकि आज तक उसने अपने बीवी को इस रूप में खुद अपने साथ नहीं देखा था और आज तक उसकी आंखों के सामने इतना मोटा तगड़ा लंबा लंड नहीं आया था जिसे देख कर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी कुछ देर बाद इसी तरह से मजा लेते हुए संजू अपने लंड को अपनी मां के मुंह में से बाहर निकाला और उसकी बांह पकड़कर उसे उठाते हुए खड़ी कर दिया और उसे बाहों में लेकर अपने बाप की तरफ देखते हुए बोला,,,,।

हम दोनों के बीच तुम ही गलत रिश्ते का इल्जाम लगाते थे ना उसी में मुझे ऐसा लगता था कि तुम नशे में किस तरह का अनाप-शनाप बक रहे हो लेकिन तुम्हारी उस तरह के इल्जाम में ही मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया क्योंकि तुम्हारी नजर तो अंधी हो गई थी तुम देख नहीं सकते थे कितनी खूबसूरत बीवी होने के बावजूद भी तुम बाहर मुंह मारते फिरते रहते हो मैंने अपनी मां की खूबसूरती को देखा उसके बदन की बनावट से मदहोश हो गया और फिर जो एक मर्द को औरत के साथ करना चाहिए था वही मैंने मम्मी के साथ भी किया और मम्मी इससे खुश भी है देखना चाहते हो तुमसे ज्यादा सुख मै देता हूं मम्मी को,,,,


तुम दोनों के बीच जो कुछ भी चल रहा है मैं सबको बता दूंगा तुम दोनों को बदनाम कर दूंगा,,,

हमें बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं अच्छी तरह से जानती हूं कि तुझे जैसे शराबी का कोई विश्वास नहीं करेगा जो कि अपने परिवार को इतने महीनों से छोड़कर कोई खबर अंतर भी नहीं पूछा और बाहर दूसरी औरतों के साथ गुलछर्रे उड़ाता फिरता है,,,।
(अशोक इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि अगर इस बात को वह बाहर किसी से कहेगा भी तो लोग उसे ही भला बुरा कहेंगे क्योंकि कोई भी उसकी बात पर यकीन नहीं करेगा क्योंकि उसका खुद का चरित्र इतना गिरा हुआ है कि सब जानते हैं कि यह जो भी कहता है उसमें बिलकुल भी सच्चाई नहीं होती और इस तरह से अगर अपने ही बीवी और बच्चे के बारे में बाहर किसी से बात कहेगा तो लोग उसे ही भला बुरा कह कर भगा देंगे,,,,)

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छोड़ो ना मम्मी इन सब बातों को,,,, अभी हमें तैयार भी होना है,,,, तुम्हें पता है,,,(अपने बाप की तरफ देख कर) हम दोनों गांव जा रहे हैं मामा की लड़की की शादी है,,,,

क्या,,, लेकिन मुझे तो पता ही नहीं,,,

क्योंकि तुम्हारी जरूरत भी नहीं है तुम्हारे बारे में मैंने भैया से सब कुछ बता दिया हूं और उन्होंने कहा है कि उस हरामजादे को एक बार मेरी आंखों के सामने लेकर आना उसकी हड्डी पसली एक कर दूंगा,,,,,

जाने दो ना मम्मी अपना काम करते हैं,,,, आज हम दोनों के पास मौका है इस आदमी से बदला लेने का इस आदमी ने तुम को ठुकरा कर दिया था ना तुम आज दिखा दो कि इसके बिना भी जिंदगी कितने मजे से जी सकती हो,,,

तू सच कह रहा था इसे अपनी मर्दाना ताकत पर घमंड था जो कि बिल्कुल भी मर्द नहीं है देखना चाहेगा तो मर्द किसे कहते हैं देखना चाहेगा मेरे बेटे की ताकत को,,,,,
(आराधना का इतना कहना था कि संजू तुरंत अपनी मां की साड़ी को एकदम कमर तक उठाकर अपने बदन से सब डाल दिया और उसे तुरंत उठा कर अपनी गोद में उठा लिया दोनों टांगे आराधना अपने बेटे की कमर पर लपेट लें और संजू बिना किसी सहारे की अपनी मां को गोद में उठाए हुए अपने हाथ को नीचे की तरफ लाया और अपने लंड को पकड़ कर अपनी मां की चूत के छेद पर रख कर उसे अंदर की तरफ डालना शुरू कर दिया यह देखकर अशोक एकदम हैरान हो गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह हकीकत में सब कुछ देख रहा है क्योंकि वह अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बीवी का वजन कुछ ज्यादा था,,, लेकिन संजू बिना हड़बड़ाए बेझिझक अपनी मां को गोद में उठाए हुए उसे चोदना शुरु कर दिया था अशोक यह नजारा देखकर अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और बिस्तर से उठ कर खड़ा हो गया उसकी आंखें फटी की फटी थी और मुंह खुला का खुला रह गया था अशोक पूरी तरह से आश्चर्यचकित हो गया था संजु अपनी मां को गोद में उठाए हुए अपनी कमर हिला कर अपनी मां को चोद रहा था और आराधना अपने पति की तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी और बोल रही थी,,,,

इसे कहते हैं असली मर्द हरामजादे इसे कहते हैं मादरचोद तुझे शायद मादरचोद का मतलब समझ में नहीं आ रहा था और तू हमेशा मेरे बेटे को मादरचोद कह रहा था ना तेरी बदौलत ही मेरा बेटा आज मादरचोद बन गया है वह देख कितना अच्छा मादरचोद ना मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में डाल कर मेरा पानी निकाल देता है मुझे तो तेरे साथ बिल्कुल भी मजा नहीं आया था,,, लेकिन मेरे बेटे ने मुझे एहसास दिलाया की चुदाई क्या होती है,,,,,आहहह आहहहह बेटा मुझे जमकर मेरी चुदाई कर,,,, बता दे इस हरामजादे को की चुदाई क्या होती है,,,,आहहहह आहहहह मेरे बच्चे तेरा लंड बहुत मोटा है रे मेरे बच्चेदानी तक जा रहा है,,,,आहहहरहह

तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी मैं इस हारामी के सामने तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि यह रंडी के पास जाने में भी शर्म महसूस करेगा,,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां को गोद में उठाए हुए ही दिवार के पास पहुंच गया और दीवार से सटाकर उसे जमकर चोदना शुरु कर दिया,,,,, अशोक फटी आंखों से सब कुछ देख रहा था बड़ी बेरहमी से उसका बेटा अपनी ही मां को चोद रहा था और उसके हर एक धक्के पर उसकी बीवी गरमा गरम सिसकारी ले रही थी अशोक समझ गया था कि उसका बेटा अपनी मां को पूरी तरह से संतुष्टि दे रहा है वह ज्यादा देर तक खड़े रहना उचित नहीं समझ रहा था लेकिन फिर भी वह खड़ा था,,,,, इस समय अशोक को अपनी बीवी बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ऐसा लग रहा था कि उसके जाने के बाद उसकी खूबसूरती में निखार आ गया था और वह अपने बेटे की गोद में साड़ी कमर तक उठाए हुए जिस तरह से अपनी चूत में लंड ले रही थी वह काबिले तारीफ थी इस समय अशोक यही सोच रहा था क्योंकि इस तरह से उसने अशोक के साथ बिल्कुल भी बर्ताव नहीं की थी इतना खुलापन उसके साथ बिस्तर में कभी नहीं लाई थी शायद यह अशोक की ही गलती थी और इसी बात को याद दिलाते हुए एहसास कराते हुए आराधना अपनी चूत में अपने बेटे का लंड लेते हुए बोली,,,,,,)

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अशोक तेरे साथ मैंने क्या कुछ नहीं की थी तेरे साथ जीवन बिताने की कसम खाई थी तेरी थी इज्जत करती थी कि मैं खुद तेरी पूजा रन बन गई थी लेकिन तूने मेरी जरा भी इज्जत नहीं की मेरी कदर नहीं की दूसरी औरतों की तुलना में तूने मुझे बहुत दुख दिया बिस्तर पर आकर तुम मुझे प्यार से समझाया होता मेरे साथ नरमी दिखाया होता तो शायद आज जो मैं अपने बेटे के साथ कर रही उसे सुख दे रही हूं यही सुख में तुझे दे दी लेकिन तू नीच निकला तो एकदम गिरा हुआ निकला मेरा साथ देने की जगह तो मुझे छोड़कर दूसरी औरतों के संगत में चला गया इसी का बदला मैं तुझे दे रही हूं,,,,,आहहहह आहहहह संजू मेरा होने वाला है मेरा निकलने वाला है संजू,,,,।
(आराधना चरम सुख के बेहद करीब पहुंच गई थी लेकिन जानबूझकर अपने पति के सामने झड़ने का नाम ले गई थी वो झड़ने वाली थी और अपने मुंह से यह बता रही थी जो कि आज तो कुछ नहीं कभी भी यह एहसास नहीं की थी और ना ही अपने पति को कुछ बोल ही थी अशोक अपनी बीवी के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर शर्म से पानी पानी हो जा रहा था अब उसके लिए वहां खड़े रहना गवारा नहीं था और वह तुरंत कमरे से बाहर निकल गया और आराधना असीम शांति अपने अंदर लिए हुए अपने बेटे के लंड के धक्के को पूरी तरह से महसूस करते हुए झढ़ने लगी और थोड़ी देर बाद संजू भी अपना गरम लावा निकाल दिया आराधना को आज एकदम हल्का पर महसूस हो रहा था सुबह अपने पति के सामने अपने बेटे से चुदवाया कर अपनी बेइज्जती का अपने अपमान का अपने पति से बदला ले चुकी थी,,,,,।


शाम को तैयार होकर संजू आराधना और मोहिनी तीनों ऑटो पकड़ कर साधना के घर की तरफ निकल गए और जाने से पहले स्कूटी को घर में रख दी थी ताकि कोई नुकसान ना कर सके और थोड़ी देर में तीनों साधना के घर पहुंच गए और वहां से साधना और मनीषा भी ऑटो में बैठकर ट्रैवल एजेंसी के पास पहुंच गई वहां पहुंचते पहुंचते हैं अंधेरा हो चुका था,,,, साधना में सलवार और सूट पहनी थी कसी हुई सलवार में साधना की गांड को ज्यादा ही बड़ी लग रही थी जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था और ऑटो में उसी ने बताई थी कि सफर के दौरान वह हमेशा साड़ी की जगह सलवार सूट पहनना पसंद करती है,,,,, ट्रैवल एजेंसी से थोड़ी ही दूरी पर बस खड़ी थी लोग धीरे-धीरे अपना सामान रखकर उस पर चल रहे थे अंधेरा हो चुका था इसलिए मोहिनी और मनीषा का वहां ज्यादा देर तक ठहरना ठीक नहीं था,,,,, इसलिए संजू ने मनीषा और मोहिनी को दोनों को घर जाने के लिए बोला और जाते-जाते यह हिदायत भी दिया कि,,, दोनों आराम से रहना और मिल पाटकर काम कर लेना,,,,, मनीषा से संजू की दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही थी इसलिए उसकी आंखों में आंसू भर आए थे जो कि जैसे तैसे करके वह अपने आप को संभाल लेती क्योंकि वह नहीं चाहती थी कि किसी को इस बात का आभास हो कि उसके और संजू के बीच में कुछ चल रहा है,,,,

संजू कुछ ट्यूशन की बात करने के बहाने उसे बस के पीछे लेकर गया जहां पर कुछ ज्यादा दे रहा था वहां पर जाते ही वह मनीषा के होंठों पर अपने होंठ रख कर से चुंबन करने लगा मनीषा पूरी तरह से तड़प उठी और कसके संजू को पकड़ लि और संजू ने भी उसे अपनी बाहों में भर कर उसकी गोल गोल गाना पर अपना हाथ रख कर दबाते हुए उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा समय कुछ ज्यादा नहीं था किसी भी वक्त मोहिनी या उसके घर का कोई भी उधर आ सकता था इसलिए वह उसे ना चाहते हुए भी अपनी बाहों की कैद से आजाद कर दिया,,,,, मोहिनी की आंखों में आंसू भर आए थे जिसे खुद संजू नहीं अपने रुमाल से साफ करते हुए उसे धैर्य रखने के लिए बोला और फिर वह वापस अपनी जगह पर आकर दोनों को एक ऑटो में बैठा कर घर की तरफ रवाना कर दिया,,,।


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