संजू ने अपनी सूझबूझ चालाकी से जवानी से भरी हुई मोहिनी को इस खेल में सम्मिलित होने के लिए मना लिया था ऐसा आराधना को लगता था आराधना अपने बेटे की इस चालाकी से उसकी सूझबूझ से बहुत प्रभावित हुई थी उसे अब अपने बेटे पर कुछ ज्यादा ही गर्म होने लगा था अगर आज संजू मोहिनी को इस खेल में सम्मिलित होने के लिए ना मना पाता तो शायद गजब हो जाता और खुद आराधना अपनी बेटी से नजर नहीं मिला पाती लेकिन अब नजारा पूरी तरह से बदल चुका था आराधना के सोच के विरुद्ध संजू ने खेल को पलट दिया था पासा अपनी तरफ कर लिया था जिसके चलते मोहिनी भी इस खेल में पूरी तरह से सम्मिलित हो चुकी थी इसीलिए तो आराधना के कमरे का नजारा और भी ज्यादा गर्म हो चुका था मां बेटे पहले से ही अपने सारे कपड़े उतार कर नंगे हो चुके थे आराधना तथा में अपने आप को अपने बदन को अपनी बेटी से छुपाते हुए बिस्तर पर बैठी हुई थी,,,,, लेकिन संजू की वजह से अब मोहिनी भी अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी हो चुकी थी आराधना अपनी जवान हो चुकी बेटी को पहली बार बिना कपड़ों के देख रही थी और उसके अंगों को उसके बदन के उभरते हुए उठाव और कटाव को देखकर कुछ ज्यादा ही प्रभावित हो रही थी उसे इस बात का गर्व हो रहा था कि उसकी ही तरह उसकी बेटी भी बहुत खूबसूरत है,,,,,
मोहिनी जो किस खेल में सम्मिलित होने के लिए सारा खेल रही थी इस समय अपनी मां के सामने और अपने भाई के समय नगना वस्था में शर्म आने का नाटक कर रही थी वह अपने हथेली का सहारा लेकर अपनी टांगों के बीच के उस खूबसूरत खजाने को छुपाने की कोशिश कर रहे थे जिसे नाकाम करते हुए संजू उसकी कलाई पकड़ कर उस जगह से हटाते हुए बोला,,,।
अरे पगली अब इसका कोई फायदा नहीं है अब तो भी इस खेल में शामिल हो चुकी है इसलिए तुझे भी जी भरकर खेलना होगा अगर ऐसे करेगी तो खेल नहीं पाएगी,,,,,
(मोहिनी तो अपने भाई के बारे में सब कुछ जानती थी लेकिन आराधना मोहिनी के चरित्र से बिल्कुल अनजान थी इसलिए मोहिनी अपने भाई की हरकत पर शर्मा कर अपनी मां की तरफ देख रही थी,,,, जो कि बिस्तर पर अभी भी उसी स्थिति में बैठी हुई थी,,,,, संजू मोहिनी की कलाई पकड़ कर उसे अपनी मां के बिस्तर के करीब लेकर जा रहा था,,,)
मोहिनी आज तुझे जन्नत का मजा दुंगा,,,, तुझे इतना मजा आएगा कि तू खुद इस खेल को खेलने के लिए तड़प उठेगी,,,,, कभी तो ने औरत के हमको से खेली नहीं है ना आज देखना तुझे मम्मी के खूबसूरत अंगों से खेलने में कितना मजा आता है,,,,,(मोहिनी अब कुछ भी बोल नहीं रही थी वो एकदम खामोश थी उसके चेहरे पर उत्तेजना के बादल कुमार आए थे वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी अपने भाई के मोटे तगड़े लंड का मजा तो हर रोज लेती थी लेकिन आज अपनी मां की चूची और उसकी चूत का मजा लेना चाहती थी उसके रस को अपने होठों से लगाकर पीना चाहती थी वह भी देखना चाहती थी कि कैसे चूत चाटने में मजा आती है,,,,. देखते ही देखते संजू मोहिनी को अपनी मां के बिस्तर के बेहद करीब लेकर पहुंच गया,,, और संजू अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत पर रखते हुए बोला,,,,)
सहहहरह आहहहहहह मम्मी मोहिनी की चूत तो तुमसे भी ज्यादा गर्म लग रही है आज तो बहुत मजा देगी,,,,
(संजू अपनी मां की आंखों के सामने अपनी बहन की मखमली चूत से खेलते हुए बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अश्लील बातें कर रहा था जो कि इस समय आराधना को भी अपने बेटे की इस तरह की गंदी बातें बहुत ही लुभावनी लग रही थी,,, क्योंकि संजू की बदोलत मोहिनी बीच खेल में शामिल होकर अपने मुंह को बंद किए हुए थी,,,, अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने भाई की इस तरह की हरकत को महसूस करके मोहिनी अपनी मां की आंखों के सामने शर्माने का नाटक कर रही थी मचलने का नाटक कर रही थी हांलाकि संजू की हरकत की वजह से उसके तन बदन में आग लगी थी,,,, इस जवानी की आग को किसी भी तरह से बुझाना चाहती थी,,,,। संजू अभी भी अपनी हथेली से अपनी बहन की चूत को रगड़ रगड़ कर अपनी हथेली को गर्म कर रहा था और उत्तेजना के मारे मोहिनी की चूत से काम रस टपक रहा था जो कि उसकी पूरी हथेली को गिली कर रहा था,,,, संजू अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत से हटाकर उसके गीले पन को मोहिनी की तरफ दिखाते हुए और अपनी मां की तरफ देखकर बोला,,,)
देख रही हो मम्मी मोहिनी हम दोनों का राज खोलना चाहती थी लेकिन खुद कितना पानी छोड़ रही है उसे खुद इसका एहसास नहीं है मैं अच्छी तरह से जानता हूं मोहिनी भी मोटे तगड़े लंड के लिए तड़प रही है ,,आज मोहिनी की इच्छा को पूरी कर दूंगा,,,,(और इतना कहने के साथ ही अपनी हथेली में लगे मोहिनी के काम रस को मलाई समझकर अपनी जीभ से चाटने लगा यह देखकर आराधना के तन बदन में भी आग लग गई उसकी चूत पानी के बुल्ले छोड़ने लगी,,,, संजू कुछ अद्भुत करना चाहता था इसलिए अपनी बहन की गर्मी को और ज्यादा बढ़ाने के लिए वह अपने खड़े लंड को लेकर मोहिनी के पीछे चला गया और उसकी चूची को अपनी बांहों में भरते हुए उसे जोर जोर से दबाते हुए अपने लंड की ठोकर को उसकी गुदाज गांड पर मारते हुए बोला,,,)
मम्मी रोज तो मैं तुम्हारी चूत चाटता हूं,,,, लेकिन आज मोहिनी की जीभ का मजा ले लो,,,,।
(संजू की इस तरह की बातें मोहिनी और आराधना दोनों के कानों में मिश्री घोल रही थी दोनों को संजू की बातें सुनकर उत्तेजना का अनुभव हो रहा था और संजू की इस बात पर तो दोनों मां बेटी एक दूसरे को देखने लगे दोनों की नजरें आपस में टकराई और मोहिनी शर्मा कर अपनी नजरों को नीचे झुका ली लेकिन आराधना कि तन बदन में आग लग गई वह भी इस अनुभव के लिए तड़प उठे वह भी अपनी बेटी की जीभ को अपनी चूत के अंदर महसूस करना चाहती थी इसलिए उसका बदन कसमसाने लगा,,, और संजू के यह शब्द तो आग में घी डालने का काम कर दिया,,,, संजू एकदम बेशर्मी दिखाते हुए बोला,,,)
आप शर्मा क्यों रही हो मेरी रानी अपनी दोनों टांगे खोलो और अपनी चूत के दर्शन अपनी बेटी को कराओ,,,, ताकि तुम्हारी बेटी तुम्हारी चूत को अपने होठों से लगाकर उसका रसपान कर सकें,,,,,।
(संजू की यह बात सुनते ही मोहिनी और आराधना दोनों के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी आराधना पूरी तरह से अपने बेटे की बातों में और उसके इरादों में मदहोश होने लगी थी उसकी आंखों में खुमारी जाने लगी थी और वह बिना किसी झिझक के उसी तरह से बैठे हुए ही अपनी हथेली का सहारा लेकर पलंग के एकदम किनारे आ गई आराधना को अब मोहिनी के सामने बिल्कुल भी शर्म महसूस नहीं होती बल्कि अब तो मोहिनी के सामने वह और भी ज्यादा उत्तेजित हुए जा रही थी अपने बदन में और भी ज्यादा उत्तेजना काम तो कर रही थी उसकी चूत से लगातार उत्तेजना के मारे काम रस का बुल्ला छुट रहा था,,,, देखते-देखते आराधना पलंग के किनारे अपनी बेटी की आंखों के ठीक सामने आ गए और उत्तेजना के मारे मोहिनी को दिखाते हुए अपनी दोनों टांगों को फैला दीदी महीने की नजर जैसे ही अपनी मां की दोनों टांगों के बीच उसकी कचोरी जैसी फूली हुई चूत पर पहुंची तो उसकी आंखों में वासना की चमक साफ नजर आने लगी मोहिनी पूरी तरह से उत्तेजित हो गई उसके होंठ,,, खुले के खुले रह गए शायद वह अपनी मां की चूत की खूबसूरती को बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी जो कि वाकई में बहुत खूबसूरत लग रही थी एकदम चिकनी मखमली कचोरी की तरफ खुली हुई और अभी भी उसकी गुलाबी पत्तियां चूत के बाहर ठीक तरह से खिली हुई नहीं थी ऐसा लग रहा था कि जैसे किसी जवान लड़की की चूत हो,,,,, कुछ पल तक मोहिनी एक तक अपनी मां की चूत को देखती रह गई यह देखकर संजू मोहिनी की उभरी हुई गांड पर अपनी हथेली रखते हुए बोला,,,)
देख क्या रही है मोहिनी मम्मी की चूत तेरा इंतजार कर रही है आज तुझे एक अद्भुत अनुभव मिलने वाला है आज देखना तुझे कितना मजा आता है,,,,, बस अब कुछ सोच मत आगे बढ़ो और मम्मी की चूत को होठ से लगा ले मम्मी की चूत तेरे होंठ के स्पर्श के लिए तड़प रही है,,,,,।
(संजू की बात सुनकर गहरी सांस लेते हुए वह संजू की तरफ देखी और फिर जैसे कि अपने आप को अगले पल के लिए तैयार कर रही हो इस तरह से आगे बढ़ी और अपनी मां की दोनों टांगों के बीच पलंग के नीचे घुटनों के बल बैठ गई और अपनी मां की चूत को नजर भर कर देखती रही यह देखकर आराधना के तन बदन में मदहोशी छा रही थी,,,,, आराधना के लिए भी है पल बेहद शर्मनाक और शर्मसार कर देने वाला था लेकिन इस समय यही पल उसके लिए उत्तेजना का चरम शिखर बना हुआ था जिस पर वह खुद विराजमान थी,,,,,, मोहिनी आश्चर्य से अपनी मां की चूत को देख रही थी लेकिन आराधना से रहा नहीं जा रहा था वह जल्द से जल्द मोहिनी के लाल लाल होठों को अपनी चूत पर रगड़ना चाहती थी उसका स्पर्श महसूस करना चाहती थी इसलिए आराधना खुद अपना हाथ आगे बढ़ाकर मोहिनी के सर पर रख ली मानो कि जैसे मोहिनी को आगे बढ़ने के लिए आशीर्वाद दे रही हो मोहिनी भी आश्चर्यचकित थी अपनी मां की हरकत को देखकर मोहिनी साफ तौर पर देख रही थी कि उसकी मां की आंखों में शर्म बिल्कुल भी नहीं थी शायद इसी वजह से आज तीनों एक ही कमरे में नंगे थे,,,,, आराधना मोहिनी के सर पर हाथ रखकर उसकी आंखों में देखते हुए आंखों को नीचे झपका कर इशारा करने लगी और अपनी हथेली का दबाव उसके सर पर बढ़ाते हुए उसे अपनी चूत की तरफ,,, बढ़ाने लगी देखते ही देखते मोहिनी के होठ आराधना की चूत से जा लगे,,,, और जैसे ही आराधना को अपनी चूत पर मोहिनी के होंठ का स्पर्श हुआ आराधना के तन बदन में मानो कि जैसे करंट फैल गया हो वो एकदम से गनगना गई और उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,,।
सहहहरह,,, आहहहहहह,,,,,, मोहिनी,,,,,,
(अपनी मां की गरमा गरम सिसकारी की आवाज सुनते ही और अपनी मां की तरफ देखते ही मोहिनी के तन बदन में आग लग गया और वह एक औरत के साथ पूरी तरह से खुलने की कोशिश करते हुए अपने लाल-लाल होठों का दबाव अपनी मां की चूत पर बढ़ाते हुए उसके गुलाबी छेद में अपनी जीभ से कुरेदने लगी,,,, यह पहला मौका था जब मोहिनी एक औरत के अंगों से खेल रही थी और उसे इतना अधिक आनंद की प्राप्ति हो रही थी कि पूछो मत आराधना को,,, ऐसा ही लग रहा था कि इस तरह के खेल में पहली बार मोहिनी सम्मिलित हुई है लेकिन वह इस बात से अनजान थी कि मोहिनी इस खेल में पूरी तरह से खिलाड़ी बन चुकी थी लेकिन सिर्फ अपनी मां के सामने अनजान बनने का केवल नाटक कर रही थी अपनी मां की चूत में से आ रही मादक खुशबू को अपने सीने में महसूस करके मोहिनी और भी ज्यादा उत्तेजित होने लगी और वह अपनी जीभ को पूरी तरह से अपनी मां की चूत के नीचे से ऊपर तक ले जा कर चाटना शुरू कर दी मोहिनी की चूत से पहले ही काम रस पूरी तरह से भर भराकर बह रहा था जिसे मोहिनी अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दी थी,,,,, मोहिनी की दोनों हथेलियां आराधना की मोटी मोटी जांघों पर थी जिससे वह अपनी मां की टांगों को फैलाए हुए थी,,,,
आराधना को लग रहा था कि जैसे पहली मर्तबा ही उसकी बेटी चूत चाटने में पूरी तरह से माहिर हो चुकी है लेकिन वह यह बात कहां जानती थी कि उसकी बेटी चूत तो पहली बार चार्ट रही है लेकिन लंड चाटने में पूरी तरह से माहिर हो चुकी है और लंड चाटने के ही अनुभव को वह अपनी मां की चूत पर उतार रही थी जोकि सफल भी हो रही थी,,,,।
देखते ही देखते मोहिनी अपनी मां की चूत को चाटते हुए पूरी तरह से मस्त होने लगी और आराधना को अपनी मां को अद्भुत सुख प्रदान करने लगी आराधना की चूत पर पहली बार किसी लड़की के होंठों का स्पर्श हो रहा था उसकी जीभ का उसकी चूत में रगड़न हो रहा था जिसकी बदौलत आराधना पूरी तरह से मस्त हो जा रही थी और पीछे खड़ा संजू अपनी बहन की गोल-गोल गांड को मिलते हुए देखकर बिल्कुल भी अपने काबू में नहीं था और वह भी घुटनों के बल बैठ कर अपनी बहन की गोल गोल रानी को दोनों हथेली में लेकर से दबाते हुए उसकी गांड पर अपने होठों से चुंबन कर रहा था वह अपनी बहन की गांड को चाट रहा,,,, था,,,,, आराधना मस्ती के कुमारी में अपनी आंखों को बंद कर ले रही थी लेकिन जिस तरह का नजारा उसकी आंखों के सामने पेश हो रहा था उसे देखने के लिए वह अपनी आंखों को खोल दे रही थी और अपनी दोनों टांगों के बीच अपनी जवान बेटी और अपनी जवान बेटी की मदमस्त कर देने वाली गांड से खेलते हुए अपने जवान बेटे को देखकर और भी ज्यादा मस्त हो जा रही थी संजू पागलों की तरह मोहिनी की गांड को अपनी जीभ से चाट चाट कर गिरा कर रहा था वह गोल-गोल गांड को अपनी हथेली में लेकर जोर जोर से दबा रहा था जिसका असर मोहिनी पर बहुत ही गहरा पढ़ रहा था और वहां अपने इस उत्तेजना के असर को अपनी मां की चूत पर उतार रही थी,,,,,
अपने भाई को अपनी गांड से खेलता हुआ देखकर मोहिनी की चूत भी गीली हो रही थी वह चाहती थी कि उसका भाई भी उसकी चूत को चाटने इसलिए अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठा दी थी लेकिन जिस तरह की पोजीशन में तीनों थे उस तरह के पोजीशन में समझो अपनी बहन की चूत तक पहुंचने में दिक्कत महसूस कर रहा था वह ठीक तरह से अपनी बहन की गुलाबी चूत के लोग अपने होठों को ले जा नहीं पा रहा था इसलिए संजू अपनी बहन की गांड के ठीक पीछे उसकी गांड के लगा अपना सर रखकर पीठ के बल लेट गया और अपनी बहन की दोनों टांगों को अपने हाथों से पकड़कर फैलाने की कोशिश करने लगा मोहिनी अपने भाई की हरकत से प्रभावित होकर समझ गए कि उसे क्या करना है और वह अपनी दोनों टांगों को खोल दी और उसकी दोनों टांगों के बीच उसका भाई अपने सर को डाल कर दोनों हाथों से उसकी कमर को पकड़े हुए उसे नीचे की तरफ झुकाने लगा और जैसे ही मोहिनी की चूत संजू की नाक से टकराने लगी वह एकदम से अपने होठों को ऊपर की तरफ उठाकर अपनी जीभ बाहर निकाल लिया और अपनी बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया,,,,,
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बेहद अद्भुत और कामोत्तेजना से भरा हुआ यह मादक दृश्य बेहद प्रभावशाली और मस्त कर देने वाला था लेकिन इस समय इस दृश्य को देखने वाला वहां पर कोई नहीं था मां बेटे और बेटी तीनों आपस में मिलकर काम क्रीडा का यह अद्भुत खेल खेल रहे थे ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था आराधना अपने कमरे में अपने ही बच्चों के साथ काम क्रीड़ा में लगी हुई थी और इस खेल में उसे इतना आनंद आ रहा था कि वह किसी भी स्थिति में यह सोचने के काबिल नहीं थी कि यह सही है या गलत क्योंकि ऐसे माहौल में ऐसे हालात में सही क्या है गलत क्या है इस बारे में फैसला कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था इस समय गलत भी उसे सही लग रहा था इसीलिए तो वह समझदार पढ़ी-लिखी और संस्कारी होने के बावजूद अपनी बेटी के सामने अपनी दोनों टांगें खोलकर उससे अपनी चूत चटवा रही थी,,,,,,,
आराधना अपने दोनों बच्चों को ऐसी स्थिति में देखकर इस समय खुशी से फूली नहीं समा रही थी वह अपने मन में यह सोच रही थी कि अच्छा हुआ कि उसका पति घर छोड़कर चला गया वरना इस तरह के अद्भुत सुख से वह पूरी तरह से वंचित रह जाती,,, वह तो कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उसके जीवन में ऐसा भी दौर आएगा जब वह अपने ही बच्चों से जवानी का मजा लूटेगी,,,,,
सहहहह ,,,,आहहहहहहह मोहिनी,,,आहहहहहह,,,, बहुत मजा आ रहा है,,,, जीभ अंदर तक डाल बेटी,,,,,आहहहहह,,, एकदम अंदर तक,,,,(अपनी मां की बात सुनकर मोहिनी अपनी जीभ को और अंदर तक डालते हुए) हां मोहिनी ऐसे ही बहुत मजा आ रहा है रे,,,,,आहहहहहह तू तो बहुत मस्त चाटती है,,,,,ऊममममममम,,,,,(आराधना इतनी उत्तेजित हो जा रही थी कि रह रह कर अपनी गांड को ऊपर की तरफ उठा दे रही थी जिसे मोहिनी अपने हाथों से पकड़कर काबू में रखे हुए थे और पीछे से संजू पूरी तरह से अपनी बहन की जवानी का रस चाटने में लगा हुआ था मोहिनी भी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी गांड को गोल-गोल अपने भाई के चेहरे पर घूम रही थी ऐसा करने में उसे अद्भुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,,, इस समय दीवार पर टली घड़ी में 2:00 बज रहे थे लेकिन तीनों की आंखों से नींद कोसों दूर थी दोनों पूरी तरह से मस्त होकर एक दूसरे से मजा लूट रहे थे,,,, कुछ देर तक यह खेल ऐसे ही चलता रहा,,,,,,,, लेकिन आप खेल की स्थिति आराधना बदलना चाहती थी जिस तरह से मोहिनी अद्भुत साहस का परिचय दिखाते हुए उसकी चूत को अपनी होठ से चाट रही थी अपनी जीभ अंदर तक डाल रही थी अब यही खेल आराधना मोहिनी के साथ खेलना चाहती थी,,,,, इसलिए आराधना बोली,,,,।
ससहहहहह आहहहहह बस कर मोहिनी,,,,अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है,,,,,,,ऊमममम तूने तो मुझे पागल कर दिया है मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा है कि पहली बार में ही तू इतना अच्छा कैसे कर ले रही है,,,,,(अपनी मां के मुंह से इतना सुनते ही मोहिनी थोड़ा सा चौक गई लेकिन वह बिल्कुल भी अपने चेहरे पर वह भाव नहीं लाई बल्कि एकदम सहज और उत्तेजित बनी रही और उसी तरह से अपनी मां की चूत को चाटती रही,,,,,) सच में इतना मजा मुझे पहले कभी नहीं आया,,,,,(संजू की अपनी मां की बात सुनकर अंदर ही अंदर बेहद खुश और उत्तेजित हुआ जा रहा था वह अभी भी अपनी बहन की चूत चाटने में लगा हुआ था,,,,,)
बस मोहिनी अब मुझे थोड़ा सा मौका दें तेरी चूत की सेवा करने का,,,,,, मैं भी तो देखूं मेरी बेटी की चूत कितना पानी छोड़ती है,,,,,
(अपनी मां के मुंह से इस तरह की बात सुनकर मोहिनी का दिल जोरो से धड़कने लगा वह भी यही चाहती थी उसके मन में भी यही अच्छा थी कि उसकी मम्मी उसकी चूत पर अपने लाल लाल होठ लगाए उसे चाटे,,, उसे अद्भुत आनंद प्रदान करें,,,, इसलिए वह भी अपनी मां की बात सुनकर गहरी सांस लेते हुए अपनी मां की चूत पर से अपने होंठ हटाकर अपनी मां की तरफ देखने लगी मोहिनी को अपनी मां की आंखों में मदहोशी की खुमारी एकदम साफ नजर आ रही थी,,,, आराधना की आंखों में उत्सुकता थी अपनी चूत पर अपनी बेटी के होठो का स्पर्श पाने के लिए एक अद्भुत सुख को अपने अंदर महसूस करने के लिए वह पूरी तरह से पागल हुए जा रही थी उसका चेहरा उत्तेजना के मारे तमतमा रहा था,,,, खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी चूचियां देखकर मोहिनी के मुंह में पानी आ रहा था वह अपनी मां की चूची की तरफ देखकर अपनी संतरे जैसी चूची की तरफ देखकर एकदम से शर्मा गई क्योंकि उसे भी इस बात का एहसास था कि उसकी मां के खरबूजे जैसे चूची के आगे उसकी संतरे जैसी चूची कुछ भी नहीं थी,,,,,,, दोनों मां बेटी पूरी तरह से मदहोशी के आलम में खो चुकी थी और संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच टिका हुआ था वह अभी भी पागलों की तरह अपनी बहन की चूत से काम रस चाट रहा था,,,,, मोहिनी को इस समय बहुत मजा आ रहा था अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने भाई से अपनी चूत चटवाने ने जिस तरह की अद्भुत आनंद की प्राप्ति उसे हो रही थी इस तरह से वह कभी भी मदहोश नहीं हुई थी,,,,, फिर भी वह अपनी मां की तरफ से आए हुए आमंत्रण को ठुकराना नहीं चाहते थे वह भी अपनी मां से भाई क्रिया कराना चाहती थी जैसा कि वह खुद अपनी मां की चूत के साथ कर रही थी,,,,।
1st
आराधना के कमरे में काम क्रीड़ा का अद्भुत खेल चल रहा था जो कि ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में एकदम साफ तौर पर दिखाई दे रहा था कुछ भी छुपाने लायक नहीं था मां बेटी बेटा तीनों पूरी तरह से नग्न अवस्था में एक दूसरे के अंगो का मजा लूट रहे थे और इस समय दो-दो जवानी से भरी हुई औरतों की प्यास बुझाने का जिम्मा संजू के सर पर था जिसे वह बखूबी निभाना जानता था,,, और वह भी खुद बेकरार था मचल रहा था अपनी बहन और अपनी मां की चूत में अपनी मोटे लंड को डालकर अपनी गर्मी के साथ-साथ अपनी मां और अपनी बहन की जवानी की गर्मी पिलाने के लिए लेकिन इससे पहले वह अपनी मां और अपनी बहन की खूबसूरत बदन के खूबसूरत रंगों से पूरी तरह से मजा ले लेना चाहता था,,,, मोहिनी अपने भाई के ऊपर से धीरे से उठी और बिस्तर की तरफ आगे बढ़ने ही वाली थी कि आराधना पूरी तरह से सारे खेल को अपने काबू में कर लेना चाहते थे इसलिए धीरे से महीने की तरफ देखते हुए पलंग पर पीठ के बल लेट गई है और मोहिनी को इशारे से अपने ऊपर आने के लिए बोली,,,, अपने भाई के संगत में संभोग सुख का अद्भुत खेल खेलने के बाद मोहिनी को अच्छी तरह से मालूम था कि उसकी मां क्या चाहती है और उसे क्या करना है धीरे-धीरे मोहिनी पैर के घुटनों के बल पलंग पर चढ़ी और धीरे-धीरे अपनी मां की तरफ आगे बढ़ने लगी आराधना अपने दोनों पैरों को अपने बेटे की तरफ करके पीठ के बल लेटी हुई थी और मोहिनी धीरे-धीरे अपने दोनों घुटनों को आराधना के खूबसूरत बदन के इर्द-गिर्द रखकर आगे बढ़ रही थी और देखते ही देखते मोहिनी अपनी मां की छातियों तक आ गई थी,,,, लेकिन चुचियों के ऊपर ही छातियों के इर्द-गिर्द अपने घुटनों को टिका कर वह स्थिर हो गई थी तो आराधना खुद ही अपने दोनों हाथों को मोहिनी के पीछे ले जा कर के उसके गोल गोल नितंबों पर रखकर अपनी हथेली में दबा ली और एकदम से मस्त हो गई यह पहला मौका था जब आराधना अपनी बेटी की गांड को अपने दोनों हाथों में पकड़ कर दबा रही थी एकदम नरम नरम मखमली रुई की तरह,,, अपनी बेटी की गांड को अपनी हथेली में महसूस करके वह पूरी तरह से मदहोश हो गई,,,,,, मोहिनी की चूत आराधना को एकदम साफ नजर आ रही थी एकदम कसी हुई पतली दरार के रूप में उसकी चूत बहुत खूबसूरत लग रही थी,,,, अपनी बेटी की चूत देखकर आराधना से बिल्कुल भी रहा नहीं गया और वह अपना हाथ अपनी बेटी के दोनों टांगों के बीच नहीं जा करके अपनी हथेली को उसकी चूत पर रख दिया जिसकी गर्माहट को अपनी हथेली पर महसूस करते ही आराधना की चूत फुदकने लगी,,,,, मुझे की चूत को अपनी हथेली से रगडते हुए आराधना अपनी बेटी की आंखों में झांकते हुए बोली,,,,,।
सहहहहहह आहहहहहह मोहिनी वाकई में तेरी चूत बहुत खूबसूरत और एकदम गरम है तू जानती है मेरी चूत भी बिल्कुल तेरी तरह ही थी जब मैं तेरी उम्र की थी एकदम कसी हुई एकदम पतली दरार और कचोरी की तरह फूली हुई मुझे मेरी चूत बहुत खूबसूरत लगती थी मैं हमेशा बाथरूम में एकदम नंगी होकर आईने में अपने नंगे बदन को देखती थी और मन ही मन में प्रसन्न होती थी हालांकि मैं किसी लड़के के प्रति कभी भी आकर्षित नहीं हुई थी ना ही किसी को अपने बदन को छूने देती बस अपने में ही मस्त रहती थी आज बरसों बाद तेरी मस्त चूत देखकर मुझे अपनी जवानी के दिन याद आ गए,,,,।
मम्मी,,,,(एकदम मदहोश स्वर में) तुम्हारी चूत अभी भी एकदम जवान है कचोरी की तरह फूली हुई एकदम सीधी लीटी,,,, लगता ही नहीं कि तुम दो बच्चों की मां हो,,,, सच मम्मी मेरी जिंदगी में ऐसा पहली बार हो रहा है और इतना मजा आ रहा है कि पूछो मत अच्छा हुआ कि मैं तुम दोनों की बात मान गई वरना इस अद्भुत सुख से वंचित रह जाती मुझे तुम्हारी चूत चाटने में इतना मजा आया कि पूछो मत और मेरी चूत में और तुम्हारी चूत में कुछ ज्यादा फर्क नहीं है बल्कि मम्मी मुझे तो तुम्हारी चूत बहुत खूबसूरत लग रही है शाहिद भाई का लंड चूत में ले ले कर तुम्हारी चूत और भी ज्यादा हसीन हो गई है,,,,
हाय मोहिनी,,,, तेरे मुंह से चूत और लंड से तो सुनकर कितना मजा आ रहा है कसम से तेरी उम्र की जब मैं थी तो आते जाते लड़कों को इस तरह की गाली देते सुनती थी जिसमें चूत और लंड का जिक्र होता था उस समय ना जाने मुझे अजीब सा लगने लगता था गिन्न सा लगता था सच कहूं तो मुझे उससे मैं बहुत खराब लगता था क्योंकि मुझे उस समय पता नहीं था ना कि लंड और चूत का क्या महत्व है लेकिन यह सब जान जाने के बाद मुझे इस तरह के शब्दों को सुनने में इतना मजा आता है कि पूछो मत और आज तो तेरे मुंह से सुनकर मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है,,,,(इतना सुनते ही मोहिनी पीछे की तरफ नजर घुमाकर अपनी मां की चूत की तरफ देखने लगी जिसे संजू अपनी हथेली से हल्के हल्के होले होले सहला रहा था,,,,,,,)
तुम चिंता मत करो मम्मी भाई है ना तुम्हारी चूत का पूरा रस जीभ लगाकर चाट जाएगा,,,,
हारे मैं जानती हूं तेरे भाई पर मुझे पूरा विश्वास है वही तो है जो तेरे पापा के जाने के बाद मुझे स्वर्ग का सुख दे रहा है वरना मुझे भी इस तरह का सुख कहां मिलने वाला था,,,,,
ओहहहह मम्मी अब तो भाई मुझे भी इसी तरह का सुख देगा ना मुझे भी मजा आएगा ना,,,,(एकदम अनजान बनते हुए मोहिनी अपनी मां से बोली तो आराधना मोहिनी की बात सुनकर एकदम खुश होते हुए बोली,,,)
बिल्कुल देगा कैसे नहीं देगा मर्दों को औरत की यही तो चीज सबसे ज्यादा पसंद है तेरे भाई को भी यही (मोहिनी के चूत को कस के हथेली में दबाते हुए)सबसे ज्यादा पसंद है देखना जब तेरे भाई का लंड तेरी चूत में जाएगा तो तो एकदम मस्त हो जाएगी,,,,
ओहहहह मम्मी मैं एकदम पागल हो जाऊंगी,,,(अपनी चूत को अपनी मम्मी के चेहरे की तरफ आगे बढ़ाते हुए) मुझसे रहा नहीं जा रहा है मम्मी कुछ करो,,,,
ओहहहह मेरी बच्ची अभी तुझे मजा देती हुं,,,(और इतना कहने के साथ ही आराधना एकदम मदहोश होते हुए मोहिनी की गांड को दोनों हाथों से पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपने प्यासे होठों को मोहिनी की चूत से लगा ली,,,, यह पल दोनों मां बेटी के लिए बेहद अद्भुत था,,, मैंने कभी सोचा नहीं थी कि वह अपनी ही बेटी की चूत को अपने होठों से लगाएगी और बेटी ने भी कभी यह नहीं सोची थी और ना ही कल्पना की थी कि खुद उसकी सगी मां उसकी चूत पर अपने होंठ लगाकर उसके काम रस को चाटेगी,,,, लेकिन इस समय सारे समीकरण बदल चुके थे रिश्ते नातों के सारे गणित फेल हो चुके थे,,,, आराधना पागलों की तरह अपनी बेटी की कुंवारी चूत जो कि अभी भी आराधना की नजरों में कुंवारी थी उसे चाट कर पूरी तरह से मस्त भी जा रही थी यह क्रिया वैसे तो मोहिनी के साथ हर रात को उसका भाई करता था लेकिन आज अपनी मां के साथ इस क्रिया को करने में उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी और संजू जो कि अभी तक अपनी मां की पूरी हुई चूत को सहला रहा था अपनी मां और अपनी बहन की हरकत को देखकर पूरी तरह से काम भावना से ग्रस्त होकर वह अपनी मां की दोनों टांगों को फैला कर उसकी चूत पर अपने होंठ रख कर चाटना शुरू कर दिया,,,,
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अब इस खेल को खेलने के लिए किसी का रोक-टोक नहीं था घर में तीन ही सदस्य थे और तीनों काम क्रीडा में पूरी तरह से लिप्त हो चुके थे इसलिए अब किसी से झुकने छुपाने का कोई कारण ही नहीं था सब कुछ शीशे की तरह साफ हो चुका था आराधना की दोनों टांगों को अपने हाथों से फैला कर संजू जहां तक हो सकता था वहां तक अपनी जीभ अपनी मां की चूत में डालकर उसकी मलाई को खींचकर चाट रहा था और मोहिनी अपनी चूत को अपनी मां के होठों पर रखकर गोल-गोल अपनी गांड घुमाकर अपनी चूत को अपनी मां के चेहरे पर ही लग रही थी जिससे आराधना को ही बहुत मजा आ रहा था आराधना पागलों की तरह अपनी जीभ से अपनी बेटी के चूत से निकले काम रस को चाट रही थी,,,,
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पूरे कमरे में मोहिनी और आराधना की गरम सिसकारी पूछ रही थी जो कि अब किसी के भी सुने जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था संजू से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था उसका लैंड पूरी तरह से टनटनाया हुआ था,,,, लंड की बेकरारी चूत में घुसने के लिए बढ़ती जा रही थी इस समय संजू अपनी मां की चूत में बड़ा लंड डालना चाहता था जो कि पूरी तरह से अपनी औकात में आकर लोहे के रोड की तरह हो गया था,,,,,, बस फिर क्या था संजू अपनी जगह से उठा और अपनी मां की दोनों टांगों को उसी तरह से फैलाए हुए ही पलंग के नीचे खड़े होकर थोड़ा सा आगे झुका और अपने लंड को पकड़ कर उसे अपनी मां की चूत का रास्ता दिखाते हुए एक झटका मारा और लंड पूरा का पूरा चूत में घुस गया,,,, संजू की हरकत की वजह से आराधना के मुंह से हल्की सी चीखने की आवाज आई और फिर क्या था वह पूरी तरह से मस्त हो गई लेकिन उसके चीखने की आवाज से शायद मोहिनी को शक हो गया था और वह पीछे नजर घुमा कर देगी तो वाकई में संजू अपनी मां की दोनों टांगों के बीच खड़ा होकर उसकी चूत में अपना लंड पेलकर उसे चोदना शुरू कर दिया था,,,, मोहिनी और संजू की नजरें आपस में टकराई और दोनों के होठों पर मुस्कान छा गई संजू अपनी बहन के दोनों कंधों पर अपनी हथेली पर रखकर उसका सहारा लेकर अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था वह ताबड़तोड़ अपनी मां की चुदाई कर रहा था,,,, संजू इतनी ज्यादा उत्तेजना का अनुभव कर रहा था कि उससे रहा नहीं जा रहा था वैसे भी अपनी मां के कमरे में है उसे 3 घंटे जैसा समय हो गया था लेकिन अभी तक उसके अंदर से पानी नहीं निकला था इसलिए तो वह पूरी तरह से पागल हो गया था और अपनी बहन के कंधों को कस के पकड़ कर वह अपनी कमर हिला रहा था मोहिनी भी अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से उत्तेजित हो गई थी और गोल गोल अपनी गांड को घुमाते हुए अपनी मां के चेहरे को पूरी तरह से अपने काम रस में भिगो देना चाहती थी,,,,, संजू के धक्के इतनी तेज थी कि बार-बार आराधना के मुंह से आह निकल जा रही थी,,,,, संजू चाहता था कि वह ज्यादा देर तक टिके रहे लेकिन मैदान पूरी तरह से गिला होने की वजह से वह लाख कोशिश करने के बावजूद भी संभल नहीं पा रहा था और देखते ही देखते उसके लंड से गर्म पानी का फव्वारा फुटा और अपनी मां की चूत को भरने लगा,,,,, संजू झड़ चुका था,,,,,, अपनी चूत में अपने बेटे के गर्म लावा का पिचकारी महसूस करते ही आराधना पूरी तरह से भाव विभोर हो गई पागल हो गई वह अपने हाथ को ऊपर की तरफ बढ़ा कर अपनी लड़की की दोनों संतरे जैसे चूचियों को पकड़ लिया और उसे जोर जोर से दबाते हुए उसकी चूत को चाट ना शुरू कर दी,,,,
संजू का लंड झड़ चुका था 3 घंटों के अंतराल में वह दो बार कर चुका था एक बार मोहिनी के साथ और एक बार अपनी मां के साथ और अब तो कमरे में उसकी मां और बहन दोनों की दोनों की प्यास बुझा ना था लेकिन उसका लंड पानी फेंक चुका था लेकिन तभी मोहिनी की गर्म सिसकारी की आवाज तेज होने लगी उसकी सांसे और रुपए चलने लगी,,,,
ओहहह मम्मी मुझे कुछ और है,,,आहहहह मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है कुछ अजीब सा लग रहा है,,,आहहह आग्रह मम्मी,,,,,आहहहह मुझे बड़ी जोरों की पेशाब लगी है,,,, आहहहरहह,,,,ऊमममम मम्मी,,,।
(मोहिनी झड़ने वाली थी लेकिन अपनी मां के सामने जानबूझकर इस तरह का नाटक कर रही थी कि झड़ने के बारे में उसे कुछ पता ही नहीं है और उसकी मां अनजान थी मोहिनी के नाटक से इसलिए वह कसके मोहिनी की कमर को पकड़ कर उसकी गांड को अपने चेहरे पर रखते हुए उसकी चूत को जोर-जोर से चाट रही थी और अगले ही पल उसकी चूत से पानी का फव्वारा फूट पड़ा जोकि आराधना के पूरे चेहरे को भिगो दिया,,,,, आराधना मोहिनी और संजू तीनों झड़ चुके थे संजू धीरे से अपने लंड को अपनी मां की चूत से बाहर निकाल दिया जो कि ,, दो बार झढ़ने के बाद झुल चुका था,,,, अपनी सांसो को दुरुस्त करने के बाद मोहिनी अपनी मां के ऊपर से नीचे उतरी और जैसे ही उसकी नजर संजू के लंड पर पड़ी तो वह एकदम से चौक ने का नाटक करते हुए बोली,,,,।
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यह क्या मम्मी भाई का लंड तो एकदम ढीला हो गया अब क्या होगा मम्मी,,,,।
(मोहिनी के भोलेपन जो कि केवल नाटक ही था उसकी बात सुनते ही आराधना हंसने लगी और हंसते हुए बोली)
तू चिंता मत कर मेरी रानी भाई का लंड फिर खड़ा कर दूंगी,,,
फिर से कैसे,,,?(मोहिनी जानबूझकर आश्चर्य जताते हुए बोली)
हो जाएगा बस थोड़ा सब्र रख मैं तेरे भाई के लंड को फिर खड़ा करके तेरी चूत के लिए तैयार कर दूंगी देखना फिर कैसे तेरा भाई तेरी चुदाई करता है,,,,(अपनी मां की बात सुनकर मोहिनी जानबूझकर शर्माने का नाटक करते हुए दूसरी तरफ मुंह घुमा कर खड़ी हो गई जिससे उसकी गांड एकदम साफ नजर आने लगी और आराधना मोहिनी की गांड पर चपत लगाते हुए बोली,,,)
तुम 1 मिनट रुको मैं पेशाब करके आती हूं,,,
ठीक है मम्मी,,,,(
और फिर आराधना पलंग पर से नीचे उतरी और चादर को उठाकर अपने नंगे बदन पर डालने लगी तो संजू अपनी मां के भजन से चादर को खींचकर उसे फिर से नंगी करता हुआ बोला)
अब इस,,, घर में पर्दा किस बात का ऐसे ही जाओ,,,,,
तू बहुत शैतान हो गया है,,,(इतना कहने के साथ ही आराधना नंगी दरवाजे तक गई और दरवाजे की घड़ी खोले लगी लेकिन दरवाजे की घड़ी खोल दे खोल दे अपनी नजर घुमा कर पीछे की तरफ देखने लगी बिस्तर पर संजु और मोहिनी दोनों बैठे हुए थे एकदम नंगे उन दोनों को देखकर आराधना मुस्कुराने लगी और दरवाजा खोलकर बाथरूम की तरफ आगे बढ़ गई,,,,)
बहुत अच्छा नाटक की मोहिनी तूने,,,(एकदम धीमे स्वर में संजू बोला)
सच भाई मैं कभी सोची नहीं थी कि मम्मी से इस तरह से झूठ बोल पाऊंगी लेकिन आज बहुत मजा आया मम्मी की चूत वाकई में एकदम करारी है तभी तो तू पागल हुआ है मम्मी की चूत के पीछे,,,
तो क्या मम्मी को चोदने में कितना मजा आता है,,,,,
(दोनों धीरे-धीरे फुसफुसा रहे थे कि तभी दोनों को बाथरूम में पानी गिरने की आवाज आई इसलिए दोनों एकदम से चौकन्ना हो गए,,)
बस चुप कर भाई मम्मी आने वाली है,,,,,,,,
(लेकिन खेल तो पूरी तरह से शुरु हो गया था इसलिए अपनी मम्मी के आने से पहले ही संजू अपनी बहन को अपनी बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा और तभी आराधना भी अंदर आ गई संजू और मोहिनी को इस अवस्थामें देखकर वह मुस्कुराने लगी और बोली,,,)
वाह भाई अपनी बहन को सुख देने में लगा हुआ है लेकिन तेरी बहन को इस तरह के चुंबन की नहीं बल्कि तेरे मोटे तगड़े लंड की जरूरत है जो कि इस समय झूल गया है उसे खड़ा करना जरूरी है,,,,,
लेकिन यह होगा कैसे मम्मी,,,,(अपने होठों को संजू के होठों से अलग करते हुए मोहिनी बोली)
आराधना अपनी बेटी के सामने अपने बेटे पर चढ़ी हुई
तू चिंता मत कर अभी हो जाएगा,,,,।
(इतना कहने के साथ ही आराधना संजू के ठीक सामने घुटनों के बल बैठ गई संजू पलंग के नीचे दोनों पैर को लटकाए बैठा हुआ था और उसकी दोनों टांगों के बीच उसका मर्दाना लंड झुल रहा था और उसे खड़ा करके अपनी बेटी के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी इस समय आराधना के सिर पर आ गई थी जिसे वह बखूबी निभा ना जानती थी अपनी मां को अपनी आंखों के सामने घुटनों के बल बैठता हुआ देखकर संजू समझ गया कि उसकी मां क्या करने वाली है इसलिए वह मोहिनी से बोला,,,)
अब देखना मम्मी क्या करती हो मेरा लंड फिर से खड़ा हो जाएगा और तुम्हारी चूत में जाने के लिए तैयार हो जाएगा,,,,
(मोहिनी को सब कुछ पता था कि क्या होने वाला है लेकिन वह जानबूझकर ऐसा बता रही थी कि उसे कुछ भी मालूम नहीं है और वह बड़े गौर से अपनी मम्मी की हरकत को देखने लगी और आराधना मुस्कुराते हुए अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के झूलते हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर उसे ऊपर नीचे करके हिलाते हुए मुट्ठीयाने लगी और बोली,,,)
देखना मोहिनी कैसे खड़ा होता है,,,,
स
संजु इस तरह से भारी बारिश है आराधना और मोहिनी की चुदाई करता हुआ,,
(इतना कहने के साथ ही आराधना अपने बेटे के ढीले लंड को मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दी और यह देख कर मोहिनी के तन बदन में आग लग गई हालांकि वह अपनी मां को इस तरह की क्रिया करते हुए रोज रात को दरवाजे के पीछे खड़ी हो कर देती थी लेकिन आज अपनी आंखों के ठीक सामने अपनी मां को इस तरह की हरकत करते हुए देखकर वह खुद अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव कर रही थी वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी उसकी आंखों में नशा छा रहा था,,,,, और कुछ ही देर में आराधना की मेहनत रंग लाई और उसके बेटे का लंड एक बार फिर से चोदने लायक एकदम खड़ा हो गया,,,,, लेकिन आराधना अपने बेटे के लंड को चूसने का मजा ले रही थी और मुंह में गले तक लंड लिए हुए हाथ के इशारे से मोहिनी को भी संजू के लंड को मुंह में लेने के लिए इशारा कर रही थी जो कि मोहिनी अपनी मां के इशारे को अच्छी तरह से समझ रही थी लेकिन जानबूझकर उसके सामने हिचकीचाने का नाटक कर रही थी और उसकी यही झिझक को खत्म करते हुए संजु उसका हाथ पकड़कर पलंग के नीचे बिठाने लगा,,,,
संजू अपने हाथों से अपनी मां की चड्डी उतारता हुआ
मोहिनी भी अपनी मां के बगल में जाकर घुटनों के बल बैठ गई क्योंकि वह भी अब मजा लेना चाहती थी अपनी मां के सामने अपने ही भाई के लंड को मुंह में लेकर चूसने चाहती थी इसलिए वह भी अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर चुकी थी ,,, आराधना अपने मुंह में से अपने बेटे के लंड को बाहर निकालकर मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाने लगी जो की पूरी तरह से उसके लार और थोक से सना हुआ था,,,,, आराधना इस खेल में अपनी बेटी को पूरी तरह से उतार लेना चाहती थी ताकि आगे का रास्ता तीनों के लिए एकदम साफ हो जाए और आराधना अपने बेटे के लंड को पकड़े हुए ही उसे मोहिनी की तरफ आगे बढ़ाकर उसके होठों से लगा दी मोहिनी को लंड चूसने का अनुभव बहुत पहले से ही था इसलिए वह बिना झिझक के,, अपने भाई के मोटे लंड को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी अपनी मां के सामने इस तरह की हरकत करने में उसे भी अत्यधिक उत्तेजना का अनुभव हो रहा था,,,, आराधना दो मोहिनी के मुंह में अपने बेटे के लंड को अंदर बाहर होता हुआ देखकर पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी उसकी चूत भी फिर से पानी फेकने लगी थी,,,,,।
अपनी बेटी की उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए ,,, आराधना घुटनों के बल बैठे हुए ही अपनी हथेली को अपनी बेटी की चूत पर रख कर उसे मसलते हुए बोली,,,,।
मा बेटी दोनों मजे लेती हुई
सहहहह आहहहहह बहुत गरम चूत है मोहिनी तेरी अच्छे से चूस अपने भाई के लंड को क्योंकि इसी लंड से तेरी चूत की सेवा करनी है तो अच्छा करेगी तभी तेरा भाई तेरे साथ अच्छा कर पाएगा,,,,,आहहहह ऐसे ही,,,, बहुत अच्छा लग रहा है,,,,।
मोहिनी पूरी तरह से चुदवाती हो चुकी थी अपनी मां की आंखों के सामने अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए,,,, संजू का लंड चूत में जाने के लिए तैयार हो चुका था जिसका सिग्नल खुद संजू ने दिया और बोला,,,,।
बस मोहिनी तेरी चूत कितने मेरा लंड तैयार हो गया है अब जल्दी से टांग फैला कर लेट जा,,,,,।
(इतना सुनना था कि मोहिनी अपनी जगह पर खड़ी,,, होने लगी,,,, और अपनी मां की तरफ देखने लगी उसकी मां भी उसे आगे बढ़ने का इशारा कर दी और देखते ही देखते मोहिनी पलंग के ऊपर अपने भाई की आंखों के सामने अपनी दोनों टांगे फैलाकर अपनी चूत को उसके सामने परोस दी,,,, संजू भी ऐसा बर्ताव कर रहा था कि मानव जैसे वह मोहिनी की चूत को पहली बार देख रहा हूं इसलिए अपने लंड को हिलाता हुआ अपनी मां की तरफ देख कर बोला,,,)
आराधना की चूची पीता हुआ संजू
ओहहह मम्मी लगता है आज मोहिनी की चूत से बहुत मजा आने वाला है देख कितनी पानी छोड़ रही है,,,,
हां बेटा बिल्कुल भी देर मत कर अपनी बहन की चूत में अपना लंड डालकर उसका उद्घाटन कर दें ताकि इस खेल में मोहिनी भी हमेशा के लिए शामिल हो जाए,,,
तुम चिंता मत करो मम्मी,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू घुटनों के बल पलंग के ऊपर चढ़ा और मोहिनी को कमर से पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया उसकी गांड अपनी जांघ पर चढ़ाकर वह अपने मोटे लंड को मोहिनी की चूत में डालने की कोशिश करने लगा वैसे भी पहले से ही मोहिनी की चूत में संजू के लंड का सांचा बन चुका था इसलिए बड़े आराम से अंदर प्रवेश करने लगा लेकिन फिर भी जानबूझकर मोहिनी अपनी मां की आंखों के सामने ,,, पहली बार चुदाई करवाने का नाटक करते हुए हल्के हल्के चीखने लगी और उसके चीखने की आवाज सुनकर आराधना भी घुटनों के बल पलंग पर चड़ गई और मोहिनी का हाथ पकड़कर उसे दिलासा देते हुए बोली,,,)
आराधना और मोहिनी दोनों चुदवाने के लिए तैयार
बस बस बैठी हो गया एक बार अंदर चला गया तब देखना कितना मजा आएगा,,,,
(और संजू पूरी तरह से नाटक करते हुए ऐसा बर्ताव कर रहा था जैसे बड़ी मुश्किल से मोहिनी की चूत में लंड जा रहा हो,,,, जैसे तैसे करके अपनी मां के सामने पहली बार चुदाई करने का दोनों भाई बहन नाटक करते हुए मस्त भेजा रहे थे और देखते ही देखते संजू का लंड पूरी तरह से मोहिनी की चूत के अंदर समा गया था अब संजू मोहिनी को चोदना शुरू कर दिया था आराधना अपनी आंखों के सामने अपने जवान बेटे को अपनी जवान बेटी को चोदते हुए देख रही थी जिसकी उत्तेजना के फलस्वरूप उसकी चूत से काम रस का बहाव बड़ी जोर शोर से हो रहा था वह पागल हुए जा रही थी,,,, संजू बड़े आराम से अपनी कमर हिला था वह मोहिनी को चोद रहा था और आराधना यह देखकर पागल हो जा रही थी अपनी चूत की गर्मी शांत करने के लिए आराधना तुरंत अपनी बेटी के इर्द-गिर्द छाती के करीब अपने घुटनों को रखती और अपनी बेटी की दोनों चूची को दोनों हाथों में पकड़ कर दबाने लगी जिससे मोहिनी की उत्तेजना और आनंद दोनों बढ़ता जा रहा था इस अवस्था में संजू के ठीक सामने आराधना की बड़ी-बड़ी गांड हवा में लहरा रही थी जिसे देखकर संजू का जोश बढ़ता जा रहा था और वह अपने दोनों हाथों से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पकड़कर उसे थोड़ा अपनी तरफ खींचा और उसकी चूत पर अपने होंठ रख कर चाटना शुरू कर दिया एक साथ तीनों अलग-अलग अवस्था में मजा ले रहे थे संजू पागल हुआ जा रहा था क्योंकि उसकी आंखों के सामने तो दो औरत थी जो कि पूरी जवानी से भरी हुई थी और दोनों की कसी हुई जवानी का मजा संजू एक साथ लेना चाहता था इसलिए संजू अपनी मां की कमर दोनों हाथों से पकड़कर उसे नीचे की तरफ झुकाने लगा और देखते ही देखते आराधना अपने बेटे की आंखों के सामने घोड़ी बन गई इस अवस्था में अपनी मां को देखकर संजू से रहा नहीं गया और संजू अपनी बहन की चूत में से अपना लंड बाहर निकालकर अपनी मां की चूत में डाल दिया और उसे चोदना शुरू कर दिया और देखते ही देखते संजू बारी-बारी से कभी अपनी बहन की चूत में डालते तो कभी अपनी मां की चूत में,,,
आराधना और मोहिनी
गजब का कामुक दृश्य बना हुआ था मां बेटी और बेटा तीनों चुदाई के खेल में पूरी तरह से लेफ्ट हो चुके थे संजू अपने मोटे लंड को कभी अपनी बहन की चूत में डालते तो कभी उसकी चूत से बाहर निकालकर अपनी मां की मदमस्त रसीली चूत में डाल देता एक साथ दो दो औरतों को चोदने का अद्भुत सुख संजू प्राप्त कर रहा था और अपने आपको धन्य समझ रहा था क्योंकि उसकी आंखों के सामने दुनिया की सबसे ज्यादा खूबसूरत औरत और उसकी बहन थी जो कि दोनों की मलाई से भरी हुई चूत में अपना लंड डालकर दोनों की मलाई बाहर निकाल रहा था देखते ही देखते दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी दोनों झड़ने के करीब थी लेकिन संजू अपनी बहन की चूत में से अपने लंड को बाहर निकालकर अपनी मां की चूत में डाल दिया और उसे जोर जोर से धक्का देकर चोदना शुरू कर दिया और देखते ही देखते आराधना का पानी,,,, छूट गया वह पूरी तरह से मस्त हो गई वह भी अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी अपनी भारी-भरकम गांड को अपने बेटे का लंड पर पटक रही थी और साथ ही मोहिनी की संतरे जैसे चूचियों को दबा दबा कर खरबूजा बना रही थी,,,, अपनी मां का पानी निकालने के बाद संजू तुरंत अपनी मां की चूत से बाहर अपने लंड को निकाल कर उसे मोहिनी की चूत पर भटकते हुए उसे अंदर डाला और फिर जोर शोर से उसे चोदना शुरु कर दिया क्योंकि उसका भी पानी निकलने वाला था और खुद वह भी झड़ने वाला था और देखते-देखते मोहिनी भी गरम आहें भरते हुए अपना पानी छोड़ दी और संजू भी भलभला कर ,,, अपनी बहन की चूत में अपना गरम लावा उड़ेल दिया,,,,।
तीनों एकदम थक चुके थे इसलिए चुदाई के बाद जैसे ही बिस्तर पर पड़े तीनों को नींद आ गई तीनों एकदम नग्न अवस्था में नींद की आगोश में खो गए,,, सुबह सबसे पहले जब आराधना की आंख खुली तो वह पहले तो बिस्तर पर मोहिनी को भी नंगी देखकर एकदम से चूक गई लेकिन फिर उसे याद आया कि हम तीनों के बीच सबकुछ साफ हो चुका है और वह मुस्कुरा कर अपने कमरे से बाहर आ गई और बाथरूम में जाकर सबसे पहले पैसा आपकी और फिर वापस अपने कमरे में आकर कपड़े पहनने लगे अपने बिस्तर पर अपनी बेटी और अपने बेटे को पूरी तरह से नग्न अवस्था में देखकर आराधना के चेहरे पर सुकून साफ नजर आ रहा था वह पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी और अपने और अपने बेटे के बीच जो राज था उसकी सहभागी अब उसने अपनी बेटी को भी बना ली थी,,,,।