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चलो ठीक है अाईंदा से ऐसा नहीं होगा,,,,,।
(ऐसा कहते हुए दोनों हरे-भरे खेत के बीचो-बीच पतली सी उबड़खाबड़ पगडंडी पर से आगे बढ़ने लगे मौसम बहुत सुहाना था दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था और संजू को इस तरह से एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमने में बहुत मजा आ रहा था,,,,,,,, संजू की नजर आगे आगे चल रही लल्ली की गोलाकार नितंबों पर ही टिकी हुई थी जो की चलने की वजह से ऊपर नीचे हो रही थी और नितंबों का ऊपर नीचे होना संजू के लंड की स्थिति को डामाडोल कर रही थी,,,,, संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि लल्ली बला की खूबसूरत थी एक मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने का हर एक खूबसूरत अंग उसके बदन की खूबसूरती को बढ़ा रहा था,,,,, और संजू की सबसे बड़ी कमजोरी थी गोल-गोल नितंब जोकि बेहद आकर्षक रूप से बाहर की तरह उभरी हुई नजर आ रही थी जिसे देखकर संजू पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था,,,,,,,, संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वह लल्ली से बात करने की शुरुआत कैसे करें,,,, औपचारिकता वस्तु वह बातें औपचारिक रुप की करी रहा था लेकिन संजु को उस तरह की बातें करनी थी जिससे दोनों के बीच कुछ होने की संभावना निश्चित हो जिसे सुनकर लल्ली के तन बदन में हलचल मच जाए,,,, वैसे तो इस तरह की बातें करने में संजू पूरी तरह से निपुण था लेकिन अपने मां की लड़की से इस तरह की बात करने में उसे थोड़ी घबराहट हो रही थी क्योंकि वह लाली के व्यक्तित्व से बिल्कुल भी वाकिफ नहीं,,, था उसे इस बात का डर था कि कहीं,,, उसे बुरा लग गया तो उसके लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी इसीलिए वहां लाख मन होने के बावजूद भी इस तरह की बातें करने से कतरा रहा था लेकिन आगे आगे चल रही लल्ली की गांड को देख कर संजू कमल मचलने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी और वह बात की शुरुआत करते हुए बोला,,।
Sanju lalli k sath sPna dekhne laga tha
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लल्ली एक बात पूछूं,,,,
पूछो,,,,(संजू की तरफ देखे बिना ही वह बोली)
जिससे तुम्हारा विवाह होने वाला है मतलब की जीजा जी को तुमने देखी हो कभी,,,,
(संजू का यह सवाल सुनकर लल्ली मन ही मन मुस्कुराने लगी और अपनी जगह पर अपनी कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गई और संजू की तरफ देखकर बोली,,,)
नहीं तो,,,,
क्या कह रही हो लल्ली,,,,(एकदम आश्चर्य जताते हुए संजू बोला) क्या सच में तुमने अपने होने वाले पति को नहीं देखी हो,,,,
नहीं तो,,,,
तो तुम तैयार कैसे हो गई विवाह के लिए,,,,
कैसी बातें कर रहे हो संजू मम्मी पापा ने देखा है परिवार वालों ने देखा है मेरे देखने ना देखने से कोई फर्क नहीं पड़ता,,,,।
नहीं लल्ली यह तो गलत बात है अपने होने वाले पति के बारे में तुम्हें जानना चाहिए उसे देखना चाहिए कैसा है कैसा नहीं है कल को अगर तुमसे विपरीत किसी भी लड़के से शादी हो गई तो तुम्हारी तो जिंदगी खराब हो जाएगी तुम इतनी खूबसूरत दूध जैसी गोरी,,,, चिट्ठी अगर कोई सावला मिल गया तो,,,,।
Sanju ko pura yakin th ki lalli bahot maja degi
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(संजू की बात सुनकर लल्ली सोच में पड़ गई थी,,,, एक तरफ संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर वह मन ही मन प्रसन्न भी हो रही थी तो उसके मुंह से ,,, हकीकत की सभ्यता के बारे में सोचकर परेशान भी हो रही थी इस बात को तो अभी अच्छी तरह से जानती थी कि वह बेहद खूबसूरत लड़की थी और ऐसे में अगर सच में उसे उसके मन का राजकुमार ना मिला तो उसकी जिंदगी खराब हो जाएगी जैसा कि वह चाहती नहीं थी,,,,, फिर भी वह बोली,,,,)
नहीं नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा मम्मी पापा ने अच्छा ही देखा होगा,,,,
हां यह बात तो सच है कि मामा मामी ने देखा है तो अच्छा ही देखा होगा लेकिन फिर भी कुछ गलत हो गया तो,,,,
तो क्या किस्मत में जैसा लिखा होगा वैसा ही होगा किसी के चाहने न चाहने से तो कुछ होता नहीं है,,,,
लेकिन फिर भी लल्ली कुछ तो सोच ही होगी अपने सपनों के राजकुमार के बारे में कैसा दिखता होगा कैसा होगा क्या करता होगा कुछ तो,,,,,
(चलते चलते दोनों काफी दूर निकल चुके थे एक घने से पेड़ के नीचे उसकी शीतल छांव में दोनों खड़े हो गए थे लल्ली अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर इधर-उधर देखते हुए कुछ सोचकर बोली,,,)
देखो भाई तुमसे क्या छुपाना तुम शहर के हो समझदार हो इसलिए तुमसे कहती हूं सभी लड़कियों की तरह मेरे भी तो कुछ अरमान है ना मैं भी तो चाहती हूं कि मेरा होने वाला पति बहुत खूबसूरत हो हीरो की तरह दिखता हूं अच्छा कद काठी गोरा रंग,,,,,
Sanju or lalli
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कुछ नहीं तो मेरे जैसा,,,(संजू बीच में तपाक से बोला,,,, संजू किस तरह की बात सुनते ही लाली के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी और वह मुस्कुराते हुए संजू की तरफ देखकर बोली)
हां कुछ-कुछ तुम्हारे जैसा वैसे भी देखने में तुम बुरे नहीं हो,,,,।
(लाली की यह बात सुनकर संजू मुस्कुरा दिया)
चलो यही रुके रहोगे आगे गांव में भी जाना है ,,,,
हां हां चलो चलो,,,,,,(इतना कहते हुए आगे हाथ बढ़ा कर संजू लल्ली को आगे आगे चलने के लिए बोला जिसमें उसका खुद का स्वार्थ निहित था,,, क्योंकि इस तरह से वह लाली की खूबसूरत गोल-गोल नितंबों के हालांकि चालान और आपस में घर्षण को अच्छी तरह से अपनी नजरों से देख सकता था,,,, और संजू का इशारा बातें ही हाथ में अपनी ही शादी का कार्ड लिए वह आगे आगे चलने लगी,,,,, अब तक की बातचीत से संजू संतुष्ट था क्योंकि इस तरह के सवाल का जवाब लल्ली नाराज होकर नहीं बल्कि मुस्कुरा कर दी थी इसलिए संजू की हिम्मत बढ़ने लगी थी,,,, इसलिए संजू अपने मन में आगे का सवाल सोच रहा था और फिर बोला,,,)
अच्छा एक बात बताओ लल्ली वैसे तो यह सवाल तुमसे पूछना नहीं चाहिए था लेकिन,,, अब तुम्हारा विवाह होने वाला है तुम समझदार हो इसलिए तुमसे पूछना चाहता हूं अगर इजाजत हो तो,,,,
Sanju or lalli
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कैसा सवाल,,,,(रास्ते में खड़ी होकर संजू की तरफ ऊपर से नीचे तक देखते हुए कुछ सोचकर लल्ली बोली,,,)
सवाल थोड़ा अटपटा है लेकिन मैं जानता हूं कि तुम जवाब देने में सक्षम हो,,,,
(लल्ली कुछ बोली नहीं और फिर से आगे आगे चलने लगी,,,, संजू की हिम्मत बढ़ने लगी और वह बोला)
तुमने किसी से प्यार किया है,,,, देखो मैं औपचारिक रूप से पूछ रहा हूं क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत हो और अभी तक मैं इस पूरे गांव में तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की देखा नहीं हूं इसलिए कह रहा हूं कितनी खूबसूरत लड़की अगर गांव में है तो जरूर गांव के लड़के पीछे तो पढ़ते ही होंगे तो ऐसे में कहीं किसी से प्यार हो जाए,,,,,।
(संजू औरतों को अपने झांसे में लेने में पूरी तरह से माहिर हो चुका था वह जानता था कि किस बात से लड़कियां नाराज होती है और किस बात से उन्हें प्रसन्नता होती है इसलिए अपने सवाल के साथ-साथ वह अपने सवाल में लल्ली की खूबसूरत की तारीफ भी कर दिया था जिससे माहौल पूरी तरह से बदल गया था,,,, संजू के इस सवाल पर पहले तो लल्ली एकदम से चौक गई थी लेकिन फिर अपनी खूबसूरती की तारीफ को सुनकर वह थोड़ा सा सहज हुई और बोली,,,)
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है हमने कभी इस बारे में कुछ सोचा ही नहीं घर का कामकाज पढ़ाई बस यही तक हम सीमित हैं हमारी गांव में कोई सहेलियां भी नहीं है क्योंकि हम किसी से मिलते भी नहीं है तो प्यार होने का कोई सवाल नहीं पैदा नहीं होता,,,,
(लल्ली की यह बात सुनकर संजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था उसे यकीन हो चला था कि लल्ली पूरी तरह से अनछुई है,,,, और फिर आश्चर्य जताने का नाटक करते हुए बोला,,,)
क्या बात कर रही हो लल्ली मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा है,,,,
क्यों यकीन नहीं हो रहा है,,,,
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hathaway sycamores
अरे कैसे यकीन हो जाएगा इतनी बला की खूबसूरत लड़की गांव में लगता है कि जैसे कोई परी उतर आई हो और कोई उसका चाहने वाला ना हो ऐसा कैसे हो सकता है,,,,
देखो संजू यह तो मुझे नहीं मालूम लेकिन इस तरह की बातें मुझसे मत करो,,,,
कोई बात नहीं नहीं करूंगा यह तो मैं ऐसे ही पूछ रहा था क्योंकि शहर में तो यह सब आम बात है,,,,,
मतलब कि तुम शहर में,,,,,(इतना कहकर लल्ल६ खामोश हो गई क्योंकि इस तरह की बातें उसने कभी कि नहीं थी इसलिए आगे क्या कहना है उसे समझ में नहीं आया लेकिन संजू उसके कहने के मतलब को समझ गया था इसलिए उसकी बात सुनते ही वह बोला,,,,)
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हां क्यों नहीं शहर में तो यह सब आम बात है मेरी तो वहां पर दो-तीन गर्लफ्रेंड है,,,, गर्लफ्रेंड का तो मतलब समझती हो ना,,,,
ऊमम,,,,
मुझे लगा कि इस तरह का तुम्हारा कुछ चक्कर ही नहीं है तो इस बारे में भी पता नहीं चलता होगा,,,
गवार नहीं है हम पढ़े लिखे हैं समझे,,,, लेकिन क्या,,, बुआ जी को पता है,,,,
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तो क्या लल्ली,,,, मम्मी को सब पता है,,,, और सच कहूं तो,,,,, हम दोनों के बीच बहुत कुछ हो चुका है,,,,।
(संजू जानबूझकर उसके सामने इस तरह की बातें कर रहा था क्योंकि संजू अच्छी तरह से जानता था कि वह उसके मामा की लड़की थी जिसके साथ उसे प्यार व्यार का चक्कर तो करना नहीं था,,,, जो दो-तीन लड़की के बारे में सुनकर जल्दी के गुस्से में आने का उसे कोई फिक्र हो वह तो अपने तरीके से लल्ली जैसी खूबसूरत लड़की के मन में जवानी का जोश जगाना चाहता था,,,, क्योंकि संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसका विवाह होने वाला है और ऐसे में अगर वह कुछ भी नहीं जानती हो लेकिन इतना तो जानती हो कि शादी के बाद सुहागरात में एक औरत और मर्द के बीच क्या होता है इसलिए संजू इस तरह की बातों को छोड़कर उसके मन में जवानी की उमंग को पूछना चाहता था जिससे वह थोड़ा बहुत बहक सके और जिसका फायदा वह उठा सकें,,,, संजू की बात सुनकर लल्ली के कान खड़े हो गए थे और वह बिना संजू की तरफ देखे बिना बोली ,,,)
बहुत कुछ मतलब,,,,
अरे बहुत कुछ मतलब बहुत कुछ मतलब एक औरत और मर्द के बीच जो कुछ भी होता है वह सब कुछ,,,,
बाप रे संजू बुआ को नहीं पता है,,,(इस बार लल्ली एकदम आश्चर्य के साथ संजू की तरफ घूम कर शर्म के मारे अपने मुंह पर हाथ रखते हुए बोली)
मम्मी को इस बारे में थोड़ी पता है और वैसे भी मम्मी को इतना तो पता ही होगा कि एक लड़के और लड़की के बीच किस तरह के संबंध स्थापित हो सकते हैं,,,,
बाप रे बाप,,,,,
बाप रे बाप क्या,,,, इसमें आश्चर्य जताने वाली कोई बात नहीं है शहर में तो यह सब आम है,,,, तुम्हें सुनकर थोड़ा और आश्चर्य होगा कि संबंध बनाने के लिए मैं नहीं बल्कि उस लड़की ने हीं पहल की थी,,,,।
(इस बार जैसे फिर से लल्ली के सर पर बम फूटा हो वह फिर से आश्चर्य से संजू की तरफ देखते हुए बोली)
क्या बकवास कर रहे हो संजू कोई लड़की भला इस तरह से थोड़ी रहेगी,,,,,,
अरे तुम नहीं जानती लल्ली,,,,,(संजू का इतना कहना था कि ललित उसे हाथ के इशारे से चुप कराने लगी क्योंकि वह दोनों उस द्वार पर पहुंच चुके थे जहां पर उन्हें निमंत्रण देना था और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू भी एकदम खामोश हो गया और लल्ली मुस्कुरा कर अपना निमंत्रण कार्ड उस व्यक्ति को थमाते हुए,,,,, आगे निकल गई और सभी निमंत्रण कार्ड को बांटने के बाद ही जब वह दोनों वापस घर लौटते समय बीच सड़क पर पहुंचे तब लल्ली मन में उत्सुकता लिए एक अजीब सी हलचल लिए संजू से बोली,,,)
हां तो तुम क्या कह रहे थे,,,, की लड़की ने,,,,
हां हा में सच कह रहा हूं भला तुमसे झूठ कहकर मुझे क्या मिलेगा,,,, और सच कहूं तो मेरे साथ संबंध बनाने के लिए उसे लड़की का दिया हुआ कारण भी बहुत ठोस था सुनोगी तो तुम भी हैरान रह जाओगी और वास्तव में वह सच ही कह रही थी,,,,।
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कैसा ठोस कारण,,,,,(संजू को लाली के सवाल में उसकी बातों में उसके चेहरे पर उत्सुकता और हैरानी के साथ-साथ एक अजीब सी मदहोशी भारी हलचल भी दिखाई दे रही थी जिसे देखकर संजू मन ही मन बहुत प्रसन्न हो रहा था इस हलचल इस मदहोशी को वह अच्छे से पहचानता था जो कि इसी तरह की हलचल और उत्सुकता को वह अपनी मम्मी अपनी बहन अपनी मौसी के साथ-साथ अपनी मौसी की लड़की के चेहरे पर भी देख चुका था और वही भावेश उसे अपनी मां की लड़की के चेहरे पर दिखाई दे रहा था जो की आने वाले अच्छे संकेत की निशानी थी,,,, जो कुछ भी संजू कह रहा था उसमें किसी भी प्रकार की सच्चाई नहीं थी वह मनगढ़ंत कहानी सुना रहा था केवल अपने मामा की लड़की को अपने झांसे में लेने के लिए और उसका यह करण कारगर भी हो रहा था ,,,,)
अरे रुको तो सही बताता हूं थोड़ा सा नल चला दो बहुत प्यास भी लगी हो थोड़ी थकान भी हो गई है,,,,।
(दोनों आम के बड़े से घने पेड़ के नीचे उसकी घनी छांव में खड़े हो गए थे जहां पर हेड पंप लगा हुआ था और लल्ली संजू की तरफ देखकर हेडपंप चलाने लगी और संजू थोड़ा सा नीचे झुक कर अपने दोनों हाथों को आगे नल के नीचे रखकर उसमें गिर रहे पानी को पीने लगा और फिर प्यास बुझाने के बाद उसे ठंडे पानी से अपने चेहरे को धो कर रुमाल से पोछने लगा ,,,,, लल्ली उसी तरह से खड़ी थी उसके चेहरे पर अपने सवाल का जवाब पाने की उत्सुकता एकदम साफ दिखाई दे रही थी और वैसे भी जवाब भी कहीं ना कहीं एक लड़की होने के नाते उससे भी जुड़ा हुआ था इसलिए वह जब आपको सुनने के लिए उत्सुक दिखाई दे रही थी संजू अपने आपको तरोताजा करने के बाद हेडपंप को पकड़ लिया और उसे चलाने लगा और बोला,,,)
तुम भी पानी पी लो बहुत ठंडा है,,,,,
(और फिर लल्ली भी नीचे छुपकर संजू की तरह ही पानी पीने लगी लेकिन संजू की नजर उसकी कुर्ती में से झांक रहे उसके दोनों नारंगी ऊपर चली गई जो कि एकदम साफ नजर आ रहे थे ऐसे हालात में संजू को इस बात का एहसास हुआ कि लंबी कुर्ती के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी जिसकी वजह से उसके नारंगी हो की शोभा बढ़ा रहे छोटे से किसमिस भी नजर आ रहे थे जिसे देखकर संजू का लंड पूरी तरह से टनटना गया,,,,, और इस बात से अनजान की ऐसी हालत में पानी पीने के लिए झुकाने की वजह से उसकी दोनों चूचियां एकदम साथ नजर आ रही है और उसे देखकर संजू मन ही मन उत्तेजित हुआ जा रहा है वह औपचारिक रूप से एकदम सहज होकर पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई और फिर अपने ही दुपट्टे से अपना मुंह साफ करके गहरी सांस लेने लगी संजू बड़े इत्मीनान से लाली को बनी बनाई बात कहना चाहता था इसलिए बोला,,,,)
और कुछ देर यहीं बैठकर बातें करते हैं थोड़ा सा थकान भी महसूस हो रहा है और यहां पर ठंडी हवा चल रही है,,,।
(अगर कोई और बात होती तो शायद ललली इस जगह पर रुकने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं होती लेकिन जिस तरह की बात की जिक्र संजू कर रहा था उसका जवाब सुनने के लिए वह तड़प रही थी इसलिए ना चाहते हो हुए भी वह वहीं पर बड़े से पत्थर पर बैठ गई और संजू की तरफ देखकर बोली,,,)
अब बताओ कौन सा कारण था जो उस लड़की ने तुमसे कह कर तुम्हारे साथ,,,,,(इतना कहकर वह आगे कुछ बोल नहीं पाई और चुप हो गए संजू जानता था कि इस समय वह क्या सुनना चाहती है इसलिए अंदर ही अंदर प्रसन्न होते हुए बोला,,,)
देखो लल्ली वैसे तो वह लड़की मेरे साथ 2 साल से थी उसे प्यार भी बहुत करती थी लेकिन उसकी शादी कहीं और तय हो गई थी और उसके विवाह में 1 साल का समय था और उसे अनुभव लेना था,,,
अनुभव,,,, कैसा अनुभव,,,,(वह आश्चर्य जताते हुए बोली)
संभोग का अनुभव,,,,, (इतना कहकर वह लल्ली की तरफ देखने लगा और वह समझ गया कि उसके कहने का मतलब को लल्ली समझ नहीं पाई इसलिए वह बोला) चुदाई का अनुभव,,,,.
(संजू के मुंह से चुदाई शब्द सुनते ही लल्ली के खूबसूरत चेहरे पर लालिमा छाने लगी हो शर्म से एकदम लाल हो गई और अपने चेहरे को दूसरी तरफ शर्म के मारे घुमाते हुए बोली)
छी,,,,,,,
इसमें छी करने वाली कौन सी बात है,,, उसकी बात सुनोगे तो तुम्हें भी समझ में आएगा कि वह किस लिए कह रही थी,,,,,
किस लिए,,,,,
उसका विवाह होने वाला था और विवाह होने के बाद पहली रात सुहागरात मनाई जाती है इतना तो पता ही होगा तुम्हें,,,,,(वह बोली कुछ नहीं बस खामोश रही) उसमें एक दूल्हा अपनी बीवी के साथ क्या करता है पता है ना और शादी की रात सुहागरात को जो क्रिया की जाती है उसके बारे में उसे लड़की को बिल्कुल भी अनुभव नहीं था वह बिल्कुल अनजान थी उसे नहीं मालूम था कि उसे रात को लड़की को क्या करना चाहिए,,,,, और वह वही जानना चाहती थी वही सीखना चाहती थी,,,, और लल्ली इसमें कुछ गलत भी नहीं था तुम तो यह सब बातों से बिल्कुल अनजान हो लड़कियों को पता होना चाहिए कि उनकी चुत,, में कितना मोटा लंड घुस सकता है,,,,।
(संजू के मौसी चूत और लंड के बारे में खुले शब्दों में सुनकर लल्ली के तो होश उड़ गए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और उसकी हिम्मत नहीं थी कि संजू की तरफ नजर उठा कर देख सके वह एकदम शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी और उसी का फायदा उठाते हुए संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
इसी अनुभव के लिए वह लड़की मुझसे खुले शब्दों में बोली थी कि तुम मुझे चोदो मैं देखना चाहती हूं कि मेरी चूत में तुम्हारा मोटा लंड घुस पाता है या नहीं क्योंकि पहली रात में अगर पति का नहीं घुस पाया तो बड़ा गजब हो जाएगा पता नहीं पति मेरे बारे में क्या क्या सोचेगा,,,,,
(संजू अपनी मनगढ़ंत बातों को लल्ली से कहे जा रहा था और उसकी तरफ देखे जा रहा था लाली शर्म से पानी पानी हो रही थी संजू के मुंह से निकले एक-एक शब्द उसके तन बदन में आग लग रहे थे खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की स्थिति एकदम खराब होती जा रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसकी चूत में से कुछ पानी जैसा बाहर निकल रहा है,,,,, संजू लल्ली के भोलेपन का पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपने मुंह से जितना हो सकता था उतना अश्लील से अश्लील गंदी बातें उसके सामने कर रहा था उसके चेहरे का हाव भाव उसकी तेज चलती सांसों के साथ उठते ही बैठती चूचियों को देखकर समझो कि तन बदन में आग लग रही थी और उसे इस बात का अहसास हो रहा था कि लल्ली इस बात से पूरी तरह से अनजान है उसे कुछ भी नहीं मालूम एक औरत और मर्द के बीच के बारे में,,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,,)
लल्ली उसे बिल्कुल भी ऐतराज नहीं था वह कुछ सीखना चाहती थी अपने पति को सुख देना चाहती थी वह पहली रात में ही पागलों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहती थी वह नहीं चाहती थी कि उसका पति उसके बारे में कुछ गलत सोचे क्योंकि वह पढ़ी लिखी थी समझदार थी और वह चाहती थी कि उसका पति भी उसे समझदार समझे पढ़ी-लिखी समझे ना कि गवार जिसे औरत और मर्द के बीच के रिश्ते के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान ना हो और मैंने इसी अनुभव के लिए उसे वह सुख दिया जिस की हकदार थी और सच कहूं तो,,,, उसको चोदने में जितना मुझे मजा आया था उससे कहीं ज्यादा उसे मजा आया था क्योंकि मेरा मोटा और लंबा लंड उसकी चूत में थोड़ी मशक्कत के बाद खुश हो गया था लेकिन इतना मजा उसे दिया था कि वह पागल हो गई थी इतना सुख उसने कभी प्राप्त नहीं की थी और वह मुझे कसके अपने गले लगा ली थी और मुझे बार-बार धन्यवाद कह रही थी और धन्यवाद मालूम है किस लिए,,,,
किस लिए,,,,(उत्तेजना भरे शब्दों में ललली बोली,,,,)
वह इसलिए कि मैं बड़े आराम से उसकी चूत में अपना मोटा लंड डालकर उसकी चूत में एक मोटे तगड़े लंड के लिए जगह बना दिया था वरना उसे इस बात का डर था कि कहीं जोश में जाकर उसका पति पहली रात में अगर एक झटके में भी उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया तो उसकी चूत एकदम फट जाएगी और वह दर्द सह नहीं पाएगी इसी बात का डर उसके मन में हमेशा से बना हुआ था और वह मेरे साथ संबंध बनाकर अपना यह डर खत्म कर दी थी,,,, क्योंकि तुम नहीं जानती लल्ली लड़कियों की चूत एकदम कोमल होती है अगर उसने एक झटके से लंड डाला जाए तो उसके फैलने और फटने का डर बना रहता है अगर आदमी समझदार मिल गया तो कोई बात नहीं अगर ना समझी मैं जोश में आकर कुछ ऐसा कर दिया तो गजब हो जाएगा और लल्ली मुझे तो सच कहूं तुम्हारी फिक्र है क्योंकि तुम बहुत खूबसूरत हो और मुझे नहीं लगता कि पहली रात में जीजा अपने आप पर सब्र कर पाएंगे क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत हो कि हमसे सब्र होगा ही नहीं और कहीं एक झटके में तुम्हारी चूत में अपना लंड डाल दी तो तुम्हारी चूत फट जाएगी और तुम दर्द से तिल मिला उठोगी,,,,।
(जहां एक तरफ संजू की मदहोशी भरी बातों को सुनकर लल्ली के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी वहीं दूसरी तरफ चूत फटने वाली बात को सुनकर वह थोड़ा सा हम गई थी लेकिन जो कुछ भी वह अपने कानों से सुन रही थी वह बेहद शर्मनाक और उत्तेजना से भरी हुई थी और इस तरह की बातों को कभी भी लल्ली सुनी नहीं थी इसलिए वह मदहोश भी हो रही थी और घबरा गई रही थी उसकी चूत से काम रस की बूंद टपक रही थी वह पूरी तरह से गीली होती जा रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई है वह अब इससे ज्यादा सुनना नहीं चाहती थी इसलिए अपनी जगह पर खड़ी हुई और अपने दोनों हाथों से अपने पिछवाड़े पर लगी मिट्टी को झाड़ते हुए बोली,,,)
चलो अब बहुत देर हो रहा है,,,,
(उसकी बात सुनते ही संजू की अपनी जगह से खड़ा हो गया और बोला)
हां हां चलते हैं लेकिन तुम नाराज तो नहीं हो ना जो कुछ भी मैंने कहा,,,,,
(संजू की बात सुनकर वह कुछ बोली नहीं बस ना में सिर हिला दी और आगे चलने लगी,,, उत्तेजना की वजह से उसकी चूत से काम रस टपक रहा था और उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे से बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई हैं,,,, उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह कुछ दूरी पर जाकर जब छोटी नलियां पर आ गई तो,,,,, इधर-उधर देखते हुए वह संजू से बोली,,,)
तुम यही रुकना मैं 1 मिनट में आती हुं,,,,,(इतना कहकर वह पगडंडी से नीचे की तरफ उतरने लगी तो संजू पीछे से बोला,,,)
अरे कहां जा रही हो,,,,
अभी आती हूं,,,,, लेकिन इधर बिल्कुल भी मत आना वहीं खड़े रहना,,,,(और इतना कहकर वह नीचे झाड़ियां की तरफ उतरने लगी संजू को समझते देर नहीं लगी कि वह क्या करने जा रही है और सोच कर ही उसके तन-बाद में अजीब सी हलचल होने लगी और उसके लंड का आकार बढ़ने लगा वह समझ गया था कि लल्ली पेशाब करने जा रही है,,,,, और संजू उसे तिरछी नजर से देखता रह गया और वह बड़े से पत्थर के पीछे चली गई संजू अपने मन में ही सोचने लगा कि वह पत्थर के पीछे जाकर क्या कर रही होगी वह अपने मन में सोचने लगा कि वह अपने सलवार की डोरी खोल रही होगी अपनी कुर्ती को अपनी तोड़ी से छाती पर दबाकर अपनी सलवार को खोल रही होगी और अपनी कुर्ती को संभाल रही होगी और धीरे-धीरे अपनी सलवार को पेंटी सहित गोरी गोरी जांघों तक खींचकर वही पत्थर के पीछे बैठकर अपनी गुलाबी छेद में से पेशाब की धार मार रही होगी और यही सोचकर उसके तन-बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह अपने आप को रोक नहीं पाया और धीरे से नीचे की तरफ उतरा और धीरे से पत्थर के पीछे देखने लगा जहां पर वहां पत्थर के सामने की तरफ मुंह करके पेशाब कर रही थी और उसे बिल्कुल भी ऐसा आज तक नहीं हुआ कि संजू पत्थर के करीब आ गया है और संजू को उसकी गोरी गोरी गांड दिखाई दे रही थी जिस पर काला सा तिल था जिसे देखकर संजू की उत्तेजना एकदम से बढ़ गई वह ज्यादा देर तक इस नजारे को देख नहीं पाया और जल्दी से वापस अपनी जाकर पर आकर खड़ा हो गया लेकिन इस बीच लल्ली को इस बात का एहसास हुआ कि शायद जैसे उसके पास कोई आया था,,,,, थोड़ी ही देर में पेशाब करने के बाद लल्ली अपनी जगह पर खड़ी हुई और अपने सलवार को अपनी चड्डी सहित ऊपर करके बांधकर बड़े से पत्थर के पीछे से बाहर आ गई और वापस संजू के पास आकर आगे आगे चलने लगी,,,, संजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था आगे आगे चलती हुई लाली की मदमस्त कर देने वाली गांड को देखकर जो कि कुछ देर पहले उसकी नंगी गांड को वह देख चुका था संजू से रहा नहीं गया,,,, वह लोग घर के करीब भी पहुंच गए थे सामने ही घर दिखाई दे रहा था इसलिए संजू हिम्मत करके लल्ली से बोला,,,,।)
एक बात कहूं लल्ली नाराज मत होना,,,
क्या,,,?(उसी तरह से चलते हुए संजू की तरफ देख कर वह बोली)
तुम्हारी गांड पर जो काला तिल है ना एकदम जानलेवा है मैं तो देख कर एकदम मस्त हो गया,,,,।
(लल्ली तो संजू की यह बात सुनते ही एकदम सन्न रह गई उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह क्या सुन रही है और संजू क्या बोल रहा है उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू की बात पर गुस्सा करे खुश होए या इस बात को किसी से बता दें क्योंकि वह अपने घर पर पहुंच भी चुकी थी वह शर्म से पानी पानी में जा रही थी क्योंकि संजू के मुंह से अपने लिए इस तरह के शब्द सुनने कि उसे बिल्कुल भी आशंका नहीं थी वही हमसे शर्म आती थी और संजू की तरफ देखे बिना ही वह भागते हुए अपने कमरे की ओर चली गई थी संजू से जाता हुआ देख रहा था और भागते हुए उसके बदन का कटाव और नितंबों का थीरकन और उठाव और भी ज्यादा मदहोश कर देने वाला लग रहा था संजू इस बात से खुश था कि आज उसने अपना काम कर दिया था अब उसकी बात का असर कितना होता है बस यह देखना था,,,।)
(ऐसा कहते हुए दोनों हरे-भरे खेत के बीचो-बीच पतली सी उबड़खाबड़ पगडंडी पर से आगे बढ़ने लगे मौसम बहुत सुहाना था दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था और संजू को इस तरह से एक खूबसूरत लड़की के साथ घूमने में बहुत मजा आ रहा था,,,,,,,, संजू की नजर आगे आगे चल रही लल्ली की गोलाकार नितंबों पर ही टिकी हुई थी जो की चलने की वजह से ऊपर नीचे हो रही थी और नितंबों का ऊपर नीचे होना संजू के लंड की स्थिति को डामाडोल कर रही थी,,,,, संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि लल्ली बला की खूबसूरत थी एक मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने का हर एक खूबसूरत अंग उसके बदन की खूबसूरती को बढ़ा रहा था,,,,, और संजू की सबसे बड़ी कमजोरी थी गोल-गोल नितंब जोकि बेहद आकर्षक रूप से बाहर की तरह उभरी हुई नजर आ रही थी जिसे देखकर संजू पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था,,,,,,,, संजू को समझ में नहीं आ रहा था कि वह लल्ली से बात करने की शुरुआत कैसे करें,,,, औपचारिकता वस्तु वह बातें औपचारिक रुप की करी रहा था लेकिन संजु को उस तरह की बातें करनी थी जिससे दोनों के बीच कुछ होने की संभावना निश्चित हो जिसे सुनकर लल्ली के तन बदन में हलचल मच जाए,,,, वैसे तो इस तरह की बातें करने में संजू पूरी तरह से निपुण था लेकिन अपने मां की लड़की से इस तरह की बात करने में उसे थोड़ी घबराहट हो रही थी क्योंकि वह लाली के व्यक्तित्व से बिल्कुल भी वाकिफ नहीं,,, था उसे इस बात का डर था कि कहीं,,, उसे बुरा लग गया तो उसके लिए मुसीबत खड़ी हो जाएगी इसीलिए वहां लाख मन होने के बावजूद भी इस तरह की बातें करने से कतरा रहा था लेकिन आगे आगे चल रही लल्ली की गांड को देख कर संजू कमल मचलने लगा था उसकी हिम्मत बढ़ने लगी थी और वह बात की शुरुआत करते हुए बोला,,।
Sanju lalli k sath sPna dekhne laga tha
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लल्ली एक बात पूछूं,,,,
पूछो,,,,(संजू की तरफ देखे बिना ही वह बोली)
जिससे तुम्हारा विवाह होने वाला है मतलब की जीजा जी को तुमने देखी हो कभी,,,,
(संजू का यह सवाल सुनकर लल्ली मन ही मन मुस्कुराने लगी और अपनी जगह पर अपनी कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गई और संजू की तरफ देखकर बोली,,,)
नहीं तो,,,,
क्या कह रही हो लल्ली,,,,(एकदम आश्चर्य जताते हुए संजू बोला) क्या सच में तुमने अपने होने वाले पति को नहीं देखी हो,,,,
नहीं तो,,,,
तो तुम तैयार कैसे हो गई विवाह के लिए,,,,
कैसी बातें कर रहे हो संजू मम्मी पापा ने देखा है परिवार वालों ने देखा है मेरे देखने ना देखने से कोई फर्क नहीं पड़ता,,,,।
नहीं लल्ली यह तो गलत बात है अपने होने वाले पति के बारे में तुम्हें जानना चाहिए उसे देखना चाहिए कैसा है कैसा नहीं है कल को अगर तुमसे विपरीत किसी भी लड़के से शादी हो गई तो तुम्हारी तो जिंदगी खराब हो जाएगी तुम इतनी खूबसूरत दूध जैसी गोरी,,,, चिट्ठी अगर कोई सावला मिल गया तो,,,,।
Sanju ko pura yakin th ki lalli bahot maja degi
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(संजू की बात सुनकर लल्ली सोच में पड़ गई थी,,,, एक तरफ संजू के मुंह से अपनी खूबसूरती की तारीफ सुनकर वह मन ही मन प्रसन्न भी हो रही थी तो उसके मुंह से ,,, हकीकत की सभ्यता के बारे में सोचकर परेशान भी हो रही थी इस बात को तो अभी अच्छी तरह से जानती थी कि वह बेहद खूबसूरत लड़की थी और ऐसे में अगर सच में उसे उसके मन का राजकुमार ना मिला तो उसकी जिंदगी खराब हो जाएगी जैसा कि वह चाहती नहीं थी,,,,, फिर भी वह बोली,,,,)
नहीं नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा मम्मी पापा ने अच्छा ही देखा होगा,,,,
हां यह बात तो सच है कि मामा मामी ने देखा है तो अच्छा ही देखा होगा लेकिन फिर भी कुछ गलत हो गया तो,,,,
तो क्या किस्मत में जैसा लिखा होगा वैसा ही होगा किसी के चाहने न चाहने से तो कुछ होता नहीं है,,,,
लेकिन फिर भी लल्ली कुछ तो सोच ही होगी अपने सपनों के राजकुमार के बारे में कैसा दिखता होगा कैसा होगा क्या करता होगा कुछ तो,,,,,
(चलते चलते दोनों काफी दूर निकल चुके थे एक घने से पेड़ के नीचे उसकी शीतल छांव में दोनों खड़े हो गए थे लल्ली अपनी कमर पर दोनों हाथ रख कर इधर-उधर देखते हुए कुछ सोचकर बोली,,,)
देखो भाई तुमसे क्या छुपाना तुम शहर के हो समझदार हो इसलिए तुमसे कहती हूं सभी लड़कियों की तरह मेरे भी तो कुछ अरमान है ना मैं भी तो चाहती हूं कि मेरा होने वाला पति बहुत खूबसूरत हो हीरो की तरह दिखता हूं अच्छा कद काठी गोरा रंग,,,,,
Sanju or lalli
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कुछ नहीं तो मेरे जैसा,,,(संजू बीच में तपाक से बोला,,,, संजू किस तरह की बात सुनते ही लाली के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी और वह मुस्कुराते हुए संजू की तरफ देखकर बोली)
हां कुछ-कुछ तुम्हारे जैसा वैसे भी देखने में तुम बुरे नहीं हो,,,,।
(लाली की यह बात सुनकर संजू मुस्कुरा दिया)
चलो यही रुके रहोगे आगे गांव में भी जाना है ,,,,
हां हां चलो चलो,,,,,,(इतना कहते हुए आगे हाथ बढ़ा कर संजू लल्ली को आगे आगे चलने के लिए बोला जिसमें उसका खुद का स्वार्थ निहित था,,, क्योंकि इस तरह से वह लाली की खूबसूरत गोल-गोल नितंबों के हालांकि चालान और आपस में घर्षण को अच्छी तरह से अपनी नजरों से देख सकता था,,,, और संजू का इशारा बातें ही हाथ में अपनी ही शादी का कार्ड लिए वह आगे आगे चलने लगी,,,,, अब तक की बातचीत से संजू संतुष्ट था क्योंकि इस तरह के सवाल का जवाब लल्ली नाराज होकर नहीं बल्कि मुस्कुरा कर दी थी इसलिए संजू की हिम्मत बढ़ने लगी थी,,,, इसलिए संजू अपने मन में आगे का सवाल सोच रहा था और फिर बोला,,,)
अच्छा एक बात बताओ लल्ली वैसे तो यह सवाल तुमसे पूछना नहीं चाहिए था लेकिन,,, अब तुम्हारा विवाह होने वाला है तुम समझदार हो इसलिए तुमसे पूछना चाहता हूं अगर इजाजत हो तो,,,,
Sanju or lalli
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कैसा सवाल,,,,(रास्ते में खड़ी होकर संजू की तरफ ऊपर से नीचे तक देखते हुए कुछ सोचकर लल्ली बोली,,,)
सवाल थोड़ा अटपटा है लेकिन मैं जानता हूं कि तुम जवाब देने में सक्षम हो,,,,
(लल्ली कुछ बोली नहीं और फिर से आगे आगे चलने लगी,,,, संजू की हिम्मत बढ़ने लगी और वह बोला)
तुमने किसी से प्यार किया है,,,, देखो मैं औपचारिक रूप से पूछ रहा हूं क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत हो और अभी तक मैं इस पूरे गांव में तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की देखा नहीं हूं इसलिए कह रहा हूं कितनी खूबसूरत लड़की अगर गांव में है तो जरूर गांव के लड़के पीछे तो पढ़ते ही होंगे तो ऐसे में कहीं किसी से प्यार हो जाए,,,,,।
(संजू औरतों को अपने झांसे में लेने में पूरी तरह से माहिर हो चुका था वह जानता था कि किस बात से लड़कियां नाराज होती है और किस बात से उन्हें प्रसन्नता होती है इसलिए अपने सवाल के साथ-साथ वह अपने सवाल में लल्ली की खूबसूरत की तारीफ भी कर दिया था जिससे माहौल पूरी तरह से बदल गया था,,,, संजू के इस सवाल पर पहले तो लल्ली एकदम से चौक गई थी लेकिन फिर अपनी खूबसूरती की तारीफ को सुनकर वह थोड़ा सा सहज हुई और बोली,,,)
नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है हमने कभी इस बारे में कुछ सोचा ही नहीं घर का कामकाज पढ़ाई बस यही तक हम सीमित हैं हमारी गांव में कोई सहेलियां भी नहीं है क्योंकि हम किसी से मिलते भी नहीं है तो प्यार होने का कोई सवाल नहीं पैदा नहीं होता,,,,
(लल्ली की यह बात सुनकर संजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था उसे यकीन हो चला था कि लल्ली पूरी तरह से अनछुई है,,,, और फिर आश्चर्य जताने का नाटक करते हुए बोला,,,)
क्या बात कर रही हो लल्ली मुझे तो बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा है,,,,
क्यों यकीन नहीं हो रहा है,,,,
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hathaway sycamores
अरे कैसे यकीन हो जाएगा इतनी बला की खूबसूरत लड़की गांव में लगता है कि जैसे कोई परी उतर आई हो और कोई उसका चाहने वाला ना हो ऐसा कैसे हो सकता है,,,,
देखो संजू यह तो मुझे नहीं मालूम लेकिन इस तरह की बातें मुझसे मत करो,,,,
कोई बात नहीं नहीं करूंगा यह तो मैं ऐसे ही पूछ रहा था क्योंकि शहर में तो यह सब आम बात है,,,,,
मतलब कि तुम शहर में,,,,,(इतना कहकर लल्ल६ खामोश हो गई क्योंकि इस तरह की बातें उसने कभी कि नहीं थी इसलिए आगे क्या कहना है उसे समझ में नहीं आया लेकिन संजू उसके कहने के मतलब को समझ गया था इसलिए उसकी बात सुनते ही वह बोला,,,,)
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हां क्यों नहीं शहर में तो यह सब आम बात है मेरी तो वहां पर दो-तीन गर्लफ्रेंड है,,,, गर्लफ्रेंड का तो मतलब समझती हो ना,,,,
ऊमम,,,,
मुझे लगा कि इस तरह का तुम्हारा कुछ चक्कर ही नहीं है तो इस बारे में भी पता नहीं चलता होगा,,,
गवार नहीं है हम पढ़े लिखे हैं समझे,,,, लेकिन क्या,,, बुआ जी को पता है,,,,
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तो क्या लल्ली,,,, मम्मी को सब पता है,,,, और सच कहूं तो,,,,, हम दोनों के बीच बहुत कुछ हो चुका है,,,,।
(संजू जानबूझकर उसके सामने इस तरह की बातें कर रहा था क्योंकि संजू अच्छी तरह से जानता था कि वह उसके मामा की लड़की थी जिसके साथ उसे प्यार व्यार का चक्कर तो करना नहीं था,,,, जो दो-तीन लड़की के बारे में सुनकर जल्दी के गुस्से में आने का उसे कोई फिक्र हो वह तो अपने तरीके से लल्ली जैसी खूबसूरत लड़की के मन में जवानी का जोश जगाना चाहता था,,,, क्योंकि संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि उसका विवाह होने वाला है और ऐसे में अगर वह कुछ भी नहीं जानती हो लेकिन इतना तो जानती हो कि शादी के बाद सुहागरात में एक औरत और मर्द के बीच क्या होता है इसलिए संजू इस तरह की बातों को छोड़कर उसके मन में जवानी की उमंग को पूछना चाहता था जिससे वह थोड़ा बहुत बहक सके और जिसका फायदा वह उठा सकें,,,, संजू की बात सुनकर लल्ली के कान खड़े हो गए थे और वह बिना संजू की तरफ देखे बिना बोली ,,,)
बहुत कुछ मतलब,,,,
अरे बहुत कुछ मतलब बहुत कुछ मतलब एक औरत और मर्द के बीच जो कुछ भी होता है वह सब कुछ,,,,
बाप रे संजू बुआ को नहीं पता है,,,(इस बार लल्ली एकदम आश्चर्य के साथ संजू की तरफ घूम कर शर्म के मारे अपने मुंह पर हाथ रखते हुए बोली)
मम्मी को इस बारे में थोड़ी पता है और वैसे भी मम्मी को इतना तो पता ही होगा कि एक लड़के और लड़की के बीच किस तरह के संबंध स्थापित हो सकते हैं,,,,
बाप रे बाप,,,,,
बाप रे बाप क्या,,,, इसमें आश्चर्य जताने वाली कोई बात नहीं है शहर में तो यह सब आम है,,,, तुम्हें सुनकर थोड़ा और आश्चर्य होगा कि संबंध बनाने के लिए मैं नहीं बल्कि उस लड़की ने हीं पहल की थी,,,,।
(इस बार जैसे फिर से लल्ली के सर पर बम फूटा हो वह फिर से आश्चर्य से संजू की तरफ देखते हुए बोली)
क्या बकवास कर रहे हो संजू कोई लड़की भला इस तरह से थोड़ी रहेगी,,,,,,
अरे तुम नहीं जानती लल्ली,,,,,(संजू का इतना कहना था कि ललित उसे हाथ के इशारे से चुप कराने लगी क्योंकि वह दोनों उस द्वार पर पहुंच चुके थे जहां पर उन्हें निमंत्रण देना था और मौके की नजाकत को समझते हुए संजू भी एकदम खामोश हो गया और लल्ली मुस्कुरा कर अपना निमंत्रण कार्ड उस व्यक्ति को थमाते हुए,,,,, आगे निकल गई और सभी निमंत्रण कार्ड को बांटने के बाद ही जब वह दोनों वापस घर लौटते समय बीच सड़क पर पहुंचे तब लल्ली मन में उत्सुकता लिए एक अजीब सी हलचल लिए संजू से बोली,,,)
हां तो तुम क्या कह रहे थे,,,, की लड़की ने,,,,
हां हा में सच कह रहा हूं भला तुमसे झूठ कहकर मुझे क्या मिलेगा,,,, और सच कहूं तो मेरे साथ संबंध बनाने के लिए उसे लड़की का दिया हुआ कारण भी बहुत ठोस था सुनोगी तो तुम भी हैरान रह जाओगी और वास्तव में वह सच ही कह रही थी,,,,।
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कैसा ठोस कारण,,,,,(संजू को लाली के सवाल में उसकी बातों में उसके चेहरे पर उत्सुकता और हैरानी के साथ-साथ एक अजीब सी मदहोशी भारी हलचल भी दिखाई दे रही थी जिसे देखकर संजू मन ही मन बहुत प्रसन्न हो रहा था इस हलचल इस मदहोशी को वह अच्छे से पहचानता था जो कि इसी तरह की हलचल और उत्सुकता को वह अपनी मम्मी अपनी बहन अपनी मौसी के साथ-साथ अपनी मौसी की लड़की के चेहरे पर भी देख चुका था और वही भावेश उसे अपनी मां की लड़की के चेहरे पर दिखाई दे रहा था जो की आने वाले अच्छे संकेत की निशानी थी,,,, जो कुछ भी संजू कह रहा था उसमें किसी भी प्रकार की सच्चाई नहीं थी वह मनगढ़ंत कहानी सुना रहा था केवल अपने मामा की लड़की को अपने झांसे में लेने के लिए और उसका यह करण कारगर भी हो रहा था ,,,,)
अरे रुको तो सही बताता हूं थोड़ा सा नल चला दो बहुत प्यास भी लगी हो थोड़ी थकान भी हो गई है,,,,।
(दोनों आम के बड़े से घने पेड़ के नीचे उसकी घनी छांव में खड़े हो गए थे जहां पर हेड पंप लगा हुआ था और लल्ली संजू की तरफ देखकर हेडपंप चलाने लगी और संजू थोड़ा सा नीचे झुक कर अपने दोनों हाथों को आगे नल के नीचे रखकर उसमें गिर रहे पानी को पीने लगा और फिर प्यास बुझाने के बाद उसे ठंडे पानी से अपने चेहरे को धो कर रुमाल से पोछने लगा ,,,,, लल्ली उसी तरह से खड़ी थी उसके चेहरे पर अपने सवाल का जवाब पाने की उत्सुकता एकदम साफ दिखाई दे रही थी और वैसे भी जवाब भी कहीं ना कहीं एक लड़की होने के नाते उससे भी जुड़ा हुआ था इसलिए वह जब आपको सुनने के लिए उत्सुक दिखाई दे रही थी संजू अपने आपको तरोताजा करने के बाद हेडपंप को पकड़ लिया और उसे चलाने लगा और बोला,,,)
तुम भी पानी पी लो बहुत ठंडा है,,,,,
(और फिर लल्ली भी नीचे छुपकर संजू की तरह ही पानी पीने लगी लेकिन संजू की नजर उसकी कुर्ती में से झांक रहे उसके दोनों नारंगी ऊपर चली गई जो कि एकदम साफ नजर आ रहे थे ऐसे हालात में संजू को इस बात का एहसास हुआ कि लंबी कुर्ती के नीचे ब्रा नहीं पहनी थी जिसकी वजह से उसके नारंगी हो की शोभा बढ़ा रहे छोटे से किसमिस भी नजर आ रहे थे जिसे देखकर संजू का लंड पूरी तरह से टनटना गया,,,,, और इस बात से अनजान की ऐसी हालत में पानी पीने के लिए झुकाने की वजह से उसकी दोनों चूचियां एकदम साथ नजर आ रही है और उसे देखकर संजू मन ही मन उत्तेजित हुआ जा रहा है वह औपचारिक रूप से एकदम सहज होकर पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई और फिर अपने ही दुपट्टे से अपना मुंह साफ करके गहरी सांस लेने लगी संजू बड़े इत्मीनान से लाली को बनी बनाई बात कहना चाहता था इसलिए बोला,,,,)
और कुछ देर यहीं बैठकर बातें करते हैं थोड़ा सा थकान भी महसूस हो रहा है और यहां पर ठंडी हवा चल रही है,,,।
(अगर कोई और बात होती तो शायद ललली इस जगह पर रुकने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं होती लेकिन जिस तरह की बात की जिक्र संजू कर रहा था उसका जवाब सुनने के लिए वह तड़प रही थी इसलिए ना चाहते हो हुए भी वह वहीं पर बड़े से पत्थर पर बैठ गई और संजू की तरफ देखकर बोली,,,)
अब बताओ कौन सा कारण था जो उस लड़की ने तुमसे कह कर तुम्हारे साथ,,,,,(इतना कहकर वह आगे कुछ बोल नहीं पाई और चुप हो गए संजू जानता था कि इस समय वह क्या सुनना चाहती है इसलिए अंदर ही अंदर प्रसन्न होते हुए बोला,,,)
देखो लल्ली वैसे तो वह लड़की मेरे साथ 2 साल से थी उसे प्यार भी बहुत करती थी लेकिन उसकी शादी कहीं और तय हो गई थी और उसके विवाह में 1 साल का समय था और उसे अनुभव लेना था,,,
अनुभव,,,, कैसा अनुभव,,,,(वह आश्चर्य जताते हुए बोली)
संभोग का अनुभव,,,,, (इतना कहकर वह लल्ली की तरफ देखने लगा और वह समझ गया कि उसके कहने का मतलब को लल्ली समझ नहीं पाई इसलिए वह बोला) चुदाई का अनुभव,,,,.
(संजू के मुंह से चुदाई शब्द सुनते ही लल्ली के खूबसूरत चेहरे पर लालिमा छाने लगी हो शर्म से एकदम लाल हो गई और अपने चेहरे को दूसरी तरफ शर्म के मारे घुमाते हुए बोली)
छी,,,,,,,
इसमें छी करने वाली कौन सी बात है,,, उसकी बात सुनोगे तो तुम्हें भी समझ में आएगा कि वह किस लिए कह रही थी,,,,,
किस लिए,,,,,
उसका विवाह होने वाला था और विवाह होने के बाद पहली रात सुहागरात मनाई जाती है इतना तो पता ही होगा तुम्हें,,,,,(वह बोली कुछ नहीं बस खामोश रही) उसमें एक दूल्हा अपनी बीवी के साथ क्या करता है पता है ना और शादी की रात सुहागरात को जो क्रिया की जाती है उसके बारे में उसे लड़की को बिल्कुल भी अनुभव नहीं था वह बिल्कुल अनजान थी उसे नहीं मालूम था कि उसे रात को लड़की को क्या करना चाहिए,,,,, और वह वही जानना चाहती थी वही सीखना चाहती थी,,,, और लल्ली इसमें कुछ गलत भी नहीं था तुम तो यह सब बातों से बिल्कुल अनजान हो लड़कियों को पता होना चाहिए कि उनकी चुत,, में कितना मोटा लंड घुस सकता है,,,,।
(संजू के मौसी चूत और लंड के बारे में खुले शब्दों में सुनकर लल्ली के तो होश उड़ गए उसकी सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और उसकी हिम्मत नहीं थी कि संजू की तरफ नजर उठा कर देख सके वह एकदम शर्म से पानी-पानी हुई जा रही थी और उसी का फायदा उठाते हुए संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला)
इसी अनुभव के लिए वह लड़की मुझसे खुले शब्दों में बोली थी कि तुम मुझे चोदो मैं देखना चाहती हूं कि मेरी चूत में तुम्हारा मोटा लंड घुस पाता है या नहीं क्योंकि पहली रात में अगर पति का नहीं घुस पाया तो बड़ा गजब हो जाएगा पता नहीं पति मेरे बारे में क्या क्या सोचेगा,,,,,
(संजू अपनी मनगढ़ंत बातों को लल्ली से कहे जा रहा था और उसकी तरफ देखे जा रहा था लाली शर्म से पानी पानी हो रही थी संजू के मुंह से निकले एक-एक शब्द उसके तन बदन में आग लग रहे थे खास करके उसकी दोनों टांगों के बीच की स्थिति एकदम खराब होती जा रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसकी चूत में से कुछ पानी जैसा बाहर निकल रहा है,,,,, संजू लल्ली के भोलेपन का पूरा फायदा उठाना चाहता था इसलिए अपने मुंह से जितना हो सकता था उतना अश्लील से अश्लील गंदी बातें उसके सामने कर रहा था उसके चेहरे का हाव भाव उसकी तेज चलती सांसों के साथ उठते ही बैठती चूचियों को देखकर समझो कि तन बदन में आग लग रही थी और उसे इस बात का अहसास हो रहा था कि लल्ली इस बात से पूरी तरह से अनजान है उसे कुछ भी नहीं मालूम एक औरत और मर्द के बीच के बारे में,,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,,)
लल्ली उसे बिल्कुल भी ऐतराज नहीं था वह कुछ सीखना चाहती थी अपने पति को सुख देना चाहती थी वह पहली रात में ही पागलों जैसा व्यवहार नहीं करना चाहती थी वह नहीं चाहती थी कि उसका पति उसके बारे में कुछ गलत सोचे क्योंकि वह पढ़ी लिखी थी समझदार थी और वह चाहती थी कि उसका पति भी उसे समझदार समझे पढ़ी-लिखी समझे ना कि गवार जिसे औरत और मर्द के बीच के रिश्ते के बारे में बिल्कुल भी ज्ञान ना हो और मैंने इसी अनुभव के लिए उसे वह सुख दिया जिस की हकदार थी और सच कहूं तो,,,, उसको चोदने में जितना मुझे मजा आया था उससे कहीं ज्यादा उसे मजा आया था क्योंकि मेरा मोटा और लंबा लंड उसकी चूत में थोड़ी मशक्कत के बाद खुश हो गया था लेकिन इतना मजा उसे दिया था कि वह पागल हो गई थी इतना सुख उसने कभी प्राप्त नहीं की थी और वह मुझे कसके अपने गले लगा ली थी और मुझे बार-बार धन्यवाद कह रही थी और धन्यवाद मालूम है किस लिए,,,,
किस लिए,,,,(उत्तेजना भरे शब्दों में ललली बोली,,,,)
वह इसलिए कि मैं बड़े आराम से उसकी चूत में अपना मोटा लंड डालकर उसकी चूत में एक मोटे तगड़े लंड के लिए जगह बना दिया था वरना उसे इस बात का डर था कि कहीं जोश में जाकर उसका पति पहली रात में अगर एक झटके में भी उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया तो उसकी चूत एकदम फट जाएगी और वह दर्द सह नहीं पाएगी इसी बात का डर उसके मन में हमेशा से बना हुआ था और वह मेरे साथ संबंध बनाकर अपना यह डर खत्म कर दी थी,,,, क्योंकि तुम नहीं जानती लल्ली लड़कियों की चूत एकदम कोमल होती है अगर उसने एक झटके से लंड डाला जाए तो उसके फैलने और फटने का डर बना रहता है अगर आदमी समझदार मिल गया तो कोई बात नहीं अगर ना समझी मैं जोश में आकर कुछ ऐसा कर दिया तो गजब हो जाएगा और लल्ली मुझे तो सच कहूं तुम्हारी फिक्र है क्योंकि तुम बहुत खूबसूरत हो और मुझे नहीं लगता कि पहली रात में जीजा अपने आप पर सब्र कर पाएंगे क्योंकि तुम इतनी खूबसूरत हो कि हमसे सब्र होगा ही नहीं और कहीं एक झटके में तुम्हारी चूत में अपना लंड डाल दी तो तुम्हारी चूत फट जाएगी और तुम दर्द से तिल मिला उठोगी,,,,।
(जहां एक तरफ संजू की मदहोशी भरी बातों को सुनकर लल्ली के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी वहीं दूसरी तरफ चूत फटने वाली बात को सुनकर वह थोड़ा सा हम गई थी लेकिन जो कुछ भी वह अपने कानों से सुन रही थी वह बेहद शर्मनाक और उत्तेजना से भरी हुई थी और इस तरह की बातों को कभी भी लल्ली सुनी नहीं थी इसलिए वह मदहोश भी हो रही थी और घबरा गई रही थी उसकी चूत से काम रस की बूंद टपक रही थी वह पूरी तरह से गीली होती जा रही थी उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई है वह अब इससे ज्यादा सुनना नहीं चाहती थी इसलिए अपनी जगह पर खड़ी हुई और अपने दोनों हाथों से अपने पिछवाड़े पर लगी मिट्टी को झाड़ते हुए बोली,,,)
चलो अब बहुत देर हो रहा है,,,,
(उसकी बात सुनते ही संजू की अपनी जगह से खड़ा हो गया और बोला)
हां हां चलते हैं लेकिन तुम नाराज तो नहीं हो ना जो कुछ भी मैंने कहा,,,,,
(संजू की बात सुनकर वह कुछ बोली नहीं बस ना में सिर हिला दी और आगे चलने लगी,,, उत्तेजना की वजह से उसकी चूत से काम रस टपक रहा था और उसे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे से बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई हैं,,,, उसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वह कुछ दूरी पर जाकर जब छोटी नलियां पर आ गई तो,,,,, इधर-उधर देखते हुए वह संजू से बोली,,,)
तुम यही रुकना मैं 1 मिनट में आती हुं,,,,,(इतना कहकर वह पगडंडी से नीचे की तरफ उतरने लगी तो संजू पीछे से बोला,,,)
अरे कहां जा रही हो,,,,
अभी आती हूं,,,,, लेकिन इधर बिल्कुल भी मत आना वहीं खड़े रहना,,,,(और इतना कहकर वह नीचे झाड़ियां की तरफ उतरने लगी संजू को समझते देर नहीं लगी कि वह क्या करने जा रही है और सोच कर ही उसके तन-बाद में अजीब सी हलचल होने लगी और उसके लंड का आकार बढ़ने लगा वह समझ गया था कि लल्ली पेशाब करने जा रही है,,,,, और संजू उसे तिरछी नजर से देखता रह गया और वह बड़े से पत्थर के पीछे चली गई संजू अपने मन में ही सोचने लगा कि वह पत्थर के पीछे जाकर क्या कर रही होगी वह अपने मन में सोचने लगा कि वह अपने सलवार की डोरी खोल रही होगी अपनी कुर्ती को अपनी तोड़ी से छाती पर दबाकर अपनी सलवार को खोल रही होगी और अपनी कुर्ती को संभाल रही होगी और धीरे-धीरे अपनी सलवार को पेंटी सहित गोरी गोरी जांघों तक खींचकर वही पत्थर के पीछे बैठकर अपनी गुलाबी छेद में से पेशाब की धार मार रही होगी और यही सोचकर उसके तन-बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह अपने आप को रोक नहीं पाया और धीरे से नीचे की तरफ उतरा और धीरे से पत्थर के पीछे देखने लगा जहां पर वहां पत्थर के सामने की तरफ मुंह करके पेशाब कर रही थी और उसे बिल्कुल भी ऐसा आज तक नहीं हुआ कि संजू पत्थर के करीब आ गया है और संजू को उसकी गोरी गोरी गांड दिखाई दे रही थी जिस पर काला सा तिल था जिसे देखकर संजू की उत्तेजना एकदम से बढ़ गई वह ज्यादा देर तक इस नजारे को देख नहीं पाया और जल्दी से वापस अपनी जाकर पर आकर खड़ा हो गया लेकिन इस बीच लल्ली को इस बात का एहसास हुआ कि शायद जैसे उसके पास कोई आया था,,,,, थोड़ी ही देर में पेशाब करने के बाद लल्ली अपनी जगह पर खड़ी हुई और अपने सलवार को अपनी चड्डी सहित ऊपर करके बांधकर बड़े से पत्थर के पीछे से बाहर आ गई और वापस संजू के पास आकर आगे आगे चलने लगी,,,, संजू मन ही मन बहुत खुश हो रहा था आगे आगे चलती हुई लाली की मदमस्त कर देने वाली गांड को देखकर जो कि कुछ देर पहले उसकी नंगी गांड को वह देख चुका था संजू से रहा नहीं गया,,,, वह लोग घर के करीब भी पहुंच गए थे सामने ही घर दिखाई दे रहा था इसलिए संजू हिम्मत करके लल्ली से बोला,,,,।)
एक बात कहूं लल्ली नाराज मत होना,,,
क्या,,,?(उसी तरह से चलते हुए संजू की तरफ देख कर वह बोली)
तुम्हारी गांड पर जो काला तिल है ना एकदम जानलेवा है मैं तो देख कर एकदम मस्त हो गया,,,,।
(लल्ली तो संजू की यह बात सुनते ही एकदम सन्न रह गई उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि वह क्या सुन रही है और संजू क्या बोल रहा है उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी,,,, वह कुछ भी बोल सकने की स्थिति में नहीं थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू की बात पर गुस्सा करे खुश होए या इस बात को किसी से बता दें क्योंकि वह अपने घर पर पहुंच भी चुकी थी वह शर्म से पानी पानी में जा रही थी क्योंकि संजू के मुंह से अपने लिए इस तरह के शब्द सुनने कि उसे बिल्कुल भी आशंका नहीं थी वही हमसे शर्म आती थी और संजू की तरफ देखे बिना ही वह भागते हुए अपने कमरे की ओर चली गई थी संजू से जाता हुआ देख रहा था और भागते हुए उसके बदन का कटाव और नितंबों का थीरकन और उठाव और भी ज्यादा मदहोश कर देने वाला लग रहा था संजू इस बात से खुश था कि आज उसने अपना काम कर दिया था अब उसकी बात का असर कितना होता है बस यह देखना था,,,।)
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