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Incest मजबूरी या जरूरत

Tiger 786

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आराधना और संजू मोहिनी को लेकर पहले अपनी मौसी के घर गए और वहां से साधना और मनीषा को साथ लेकर बस स्टैंड पर सही समय पर पहुंच गए थे धीरे-धीरे बस के पैसेंजर राते जा रहे थे और अपना-अपना सामान बस में रखकर अपनी सीट पर बैठते चले जा रहे थे,,, अंधेरा हो चुका था इसलिए मोहिनी और मनीषा का वहां ठहरना उचित ना समझते हुए संजू ने उन्हें जाने के लिए बोल दिया था और वह दोनों थोड़ी देर रुक कर वहां से चली गई थी,,,, बस के चलने में अभी भी बहुत समय था,,,, बस मुख्य सड़क के किनारे खड़ी थी ठीक उसके सामने ही ढाबा था कुछ लोग ढाबे पर बैठकर चाय नाश्ता कर रहे थे,,,, क्योंकि उन्हें भी पता था कि बस के निकलने में अभी समय है इसलिए निश्चिंत होकर भर लोग अपना समय व्यतीत करते हुए चाय नाश्ता कर रहे थे,,,, संजू और साधना के पास कुछ ज्यादा समय नहीं था कुल मिलाकर चार बैग थे जो कि अभी भी उन लोगों के पास ही नीचे जमीन पर रखे हुए थे और उसके चारों तरफ तीनों खड़े होकर बातें कर रहे थे संजू की नजर बार-बार अपनी मौसी की सलवार सूट पर चली जा रही थी वह मन ही मन में उत्तेजित हुआ जा रहा था क्योंकि सलवार सूट में उसकी मौसी की गांड कुछ ज्यादा ही गदराई हुई नजर आ रही थी,,,,,,

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ना जाने कभी अब बस चलने को तैयार होगी,,,(आराधना दोनों हाथों को बात कर अपनी छाती से सटाते हुए बोली,,)

सारे यात्री आ जाएंगे तभी यह बस निकलेगी क्योंकि बहुत लोग दूर-दूर से आते हैं उन्होंने आने में समय हो जाता है तोबा लोग फोन करके ईत्ला कर देते हैं जब तक सारे यात्री बस में बैठ ना जाए तब तक बस जाएगी नहीं,,,,(संजू अपनी मां को समझाते हुए बोला)

तभी तो दिमाग खराब हो रहा है इससे अच्छा तो ट्रेन का रिजर्वेशन मिल गया होता तो अच्छा होता,,,(साधना भी अपने चारों तरफ नजर घुमाते हुए बोली,,,,,, बात ऐसी थी कि साधनों को बड़ी जोरों की पैसाब लगी हुई थी और वह अपने चारों तरफ नजर घुमाकर पेशाब करने के लिए सुनसान जगह ढूंढ रही थी पेशाब की तीव्रता इतनी तेज थी कि वह बार-बार अपने पैर को एकदम से जमीन पर पटक दे रही थी,,,,)

बात तो तुम सही कह रही है मौसी तकिन कर भी क्या सकते हैं शादी का सीजन चल रहा है इसलिए रिजर्वेशन मिल पाना मुश्किल हो गया इसीलिए तो बस की टिकट निकाले हैं और वैसे भी बस से जाने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी आराम से हवा पानी लेते हुए पहुंच जाएंगे यह तो सिर्फ यहां से दिक्कत हो रही है एक बार चल पड़ी तो चल पड़ी,,,,


बात तो तू ठीक ही कह रहा है संजू,,,, गर्मी भी बहुत है,,,,

सो तो है मम्मी लेकिन कर भी क्या सकते हैं,,,,

(इसी तरह से बातें करते करते समय व्यतीत होने लगा संजू अपनी मौसी को सलवार सूट में देखकर उत्तेजित तो हो जा रहा था लेकिन वह इस बात से थोड़ा खफा था कि अगर उसकी मौसी सलवार सूट की जगह साड़ी पहन कर आती तो शायद थोड़ी सी छेड़खानी हो जाती उसकी चूत से,,,,,,,, एक तरफ संजू अपनी मौसी को देखकर उत्तेजित भी हो रहा था उसके सलवार सूट से थोड़ा नाराज भी था लेकिन दूसरी तरफ साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी अगर वह इस समय पेशाब करने का निर्णय नहीं ले पाती तो कुछ ही देर में उसकी चूत से पेशाब की धार फूट पड़ती और फिर दिक्कत हो जाती है और इसी दिक्कत से बचने के लिए वह संजू से बोली,,,,)

संजु अभी बस के चलने में थोड़ा समय है,,,, क्यों ना सामने के ढाबे से कुछ वेफर वगैरा ले लिया जाए ताकि रास्ते में खाते हुए समय व्यतीत कर लेंगे,,,

इतना नाश्ता तो है ना दीदी,,,,


अरे वह तो खाना है मैं पड़ी के की बात कर रही हूं,,,,

हां मम्मी मौसी ठीक कह रही हैं खाना तो इतनी गर्मी में खराब हो जाएगा बस कल शाम को जाकर पहुंचेगी रात भी हो सकती है इसलिए कुछ तो चाहिए ना रास्ते के लिए,,,,

ठीक है जाओ लेकिन जल्दी आना,,,,


ठीक है मम्मी तुम समान का ख्याल रखना हम जल्दी आते हैं,,,,।

(इतना कहने के साथ ही संजू और उसकी मौसी दोनों सड़क के दाएं बाएं देखकर अच्छे तरीके से सड़क पार कर के सामने ढाबे पर पहुंच गए जहां पर थोड़ी भीड़ बढ़ती आराधना उन दोनों को देखती रही लेकिन भीड़ भाड़ होने की वजह से दोनों भीड़ में कहीं खो गए आराधना को दोनों नजर नहीं आ रहे थे,,,, आराधना अपनी आंखों से अपनी बड़ी दीदी को अपने जवान बेटे से चुदवाते हुए देख चुकी थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसके बेटे संजू और उसकी बड़ी बेटी के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो चुका है दोनों एक दूसरे से मजा लेते हैं,,,,, यह सब जानने के बावजूद भी आराधना के मन में किसी भी प्रकार का शंका नहीं हो रहा था,,,, वैसे भी इस जगह पर आराधना के लिए शक करने जैसा कुछ भी नहीं था अगर कोई और जगह होती तो साधना और अपने बेटे को एकांत में देखकर उसे जरूर शक होता कि दोनों के बीच जरूर कुछ ना कुछ शुरू हो गया होगा लेकिन इस समय मुख्य सड़क पर भीड़ भाड़ में ऐसा कुछ भी संभव नहीं था इसलिए वह निश्चित थी,,,,,
सड़क पार करते हुए ही संजू अपने मन की बात को अपनी मौसी से बताते हुए बोला,,,

मौसी तुम सलवार सूट में एकदम पटाखा लग रही हो तुम्हारी गांड को ज्यादा ही बड़ी-बड़ी दिख रही है मेरा तो लंड खड़ा हो गया,,,

संभाल कर रख बेटा हर जगह शुरू नहीं हो जाने का वैसे मेरी तारीफ करने के लिए शुक्रिया,,,


तुम तारीफ के ही लायक हो मौसी वैसे कोई और जगह होती तो मैं सच में तुम्हारी चुदाई कर दिया होता लेकिन इस समय मैं मजबूर हूं और हां तुम साड़ी पहनकर क्यों नहीं आई साड़ी पहन कर आई होती तो शायद बस के अंदर हम दोनों थोड़ा बहुत मजा कर सकते थे,,,,


नहीं नहीं बस के अंदर कुछ भी नहीं वैसे भी तेरी मां भी है साथ में समझा हम दोनों के लिए होते तो पूरे सफर पर चुदाई का मजा लेते चलते लेकिन बस में ऐसा कुछ भी मत करना कि तेरी मां को जरा भी शक हो और वैसे भी सफर के दौरान मुझे साड़ी नहीं बल्कि सलवार सूट में ही आरामदायक महसूस होता है इसलिए मैं सलवार सूट पहन कर आई हूं,,,,,

लेकिन तुम्हारी सलवार सूट बहुत खुशी हुई है तुम्हारी गांड तुम्हारी चूची एकदम बाहर निकली हुई नजर आ रही है जिस किसी की भी नजर तुम्हारे पर पड़ रही है सबसे पहले तुम्हारी गांड को ही देख रहे हैं,,,,

देखने दे मेरी गांड देखकर मस्त हो जाएंगे और अपना हाथ से ही लाकर शांत हो जाएंगे उन्हें भी तो पता चलना चाहिए कि उनके बीच से कौन सी हसीना गुजरी है,,,


बात तो तुम सही कह रही हो मौसी,,,,
(इस तरह की बातें करते हुए दोनों सड़क पार कर चुके थे और ढाबे पर पहुंच चुके थे ढाबे पर पहुंचते ही आराधना कुछ वेफर और स्नेक के पड़ीके खरीद ली और उन पड़ी को को संजू को थमाते हुए इधर-उधर चकर पकर देखने लगी तो अपनी मौसी को इस तरह से इधर उधर देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

क्या हुआ मौसी इधर उधर क्या देख रही हो,,,


अरे बुद्धू मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,,

तो कर लो ना इसमें कौन सी बड़ी बात है,,,

अरे पागल कहां कर लूं कहीं अच्छी जगह दिखी होती तो मैं वहीं नहीं कर लेती एक बहाने से तो मैं इधर आई हूं,,,

क्या मौसी पेशाब करने के लिए आना था तो मम्मी को लेकर आ गई होती उन्हें पता चलेगा तो वह क्या सोचेंगी,,,

अरे उन्हें कैसे पता चलेगा,,,, तू बातों में वक्त बर्बाद कर रहा है और मेरा प्रेशर बढ़ता जा रहा है ऐसा ना हो कि सलवार में ही मेरा पैसाब छुट जाए,,,

ऐसा बिल्कुल भी मत करना मौसी वरना सफर का मजा किरकिरा हो जाएगा,,,

तभी तो कह रही हूं जल्दी से कोई जगह बता यहां तो सब लोग खड़े हैं,,,,

कोई बात नहीं चलो भाभी के पीछे लेकर चलता हूं,,,


वहां तो बहुत अंधेरा है,,,

तो क्या हुआ उजाले में पेशाब करोगी,,,,


अच्छा चल जल्दी चल,,, इसीलिए तो मैं तुझे लेकर आई हूं तेरी मम्मी के साथ आती तो कोई भी अंधेरे का फायदा उठाते हुए पकड़ लेता और फिर मेरे साथ से तेरी मां की भी चुदाई कर देता,,,

वैसे भी मौसी तुम चोदने लायक हो,,,,(अपनी छोटी सी मोबाइल की बैटरी जलाकर वह ढाबे के पीछे आगे आगे चलने लगा और पीछे पीछे साधना चलने लगी संजू की बात सुनकर वह बोली)

मैं चोदने लायक हूं तेरी मां तेरी मां को तो कोई आ जाए तो दिन रात चोदते ही रहे,,,,
(अपनी मौसी कि मुझे अपनी मां के बारे में इस तरह की गंदी बातें सुनकर संजू को बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आ रहा था बल्कि वह तो मन ही मन उत्तेजित हो रहा था क्योंकि अगर यह बात कोई और कहां होता तो शायद वह गुस्से से आगबबूला हो जाता लेकिन उसकी मां के बारे में अश्लील बातें करने वाली उसकी मां की खुद की सगी बड़ी बहन थी इसलिए वह कुछ बोल नहीं रहा था देखते ही देखते दोनों ढाबे के पीछे पहुंच चुके थे चारों तरफ झाड़ियां झाड़ियां थी और चारों तरफ अंधेरा ही था सिर्फ मोबाइल का टॉर्च जल रहा था जिसने थोड़ा थोड़ा साफ नजर आ रहा था एक अच्छी सी जगह देखकर संजू अपनी मौसी से बोला,,,)

बस मौसी यही कर लो इससे अच्छी जगह कोई और नहीं है,,,,


ठीक है संजू ले मेरा पर्स पकड़,,,।
(इतना कहने के साथ ही साधना अपने पर्स को संजू को पकड़ते हुए तुरंत अपने सलवार की डोरी खोलने लगी और इस दौरान संजू मोबाइल के टॉर्च से सब कुछ साफ दिख रहा था उसकी आंखों के सामने उसकी मौसी अपनी सलवार की टोपी खोलकर तुरंत अपनी चड्डी सहित उसे घुटनों तक खींचकर तुरंत नीचे बैठ गई और पेशाब की धार मारने लगी उसे इतने जोरो की पिशाब लगी हुई थी कि तुरंत उसकी चूत से सीटी की आवाज आने लगी जिसे सुनकर संजू का धैर्य जवाब दे रहा था उसका लंड अपनी औकात में आकर खड़ा हो चुका था वह मोबाइल के टॉर्च में अपनी मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड देख रहा था और उत्तेजित हो रहा था थोड़ी ही देर में साधना पेशाब करके खड़ी हो गई हो अपनी सवार को ऊपर करने ही वाली थी कि संजु से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपनी मौसी का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा और से बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों को चूसना शुरू कर दिया इस दौरान उसने अपने मोबाइल के टॉर्च को बंद कर दिया था ताकि दूर से कोई देख ना सके,,,)

अरे पागल हो गया है क्या थोड़ा तो शर्म कर कहां पर हैं इसका तो लिहाज कर कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,


कुछ खराब नहीं होगा मौसी अब ना जाने कब तुम्हारी चूत चोदने को मिले इससे अच्छा मौका मुझे कभी नहीं मिलेगा तुम्हारी गांड में देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया है देखो तो जरा,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और साधना भी पूरी तरह से मजा लूटी जब उसका हाथ संजू के लैंड पर जो की पैंट के अंदर पूरी तरह से खड़ा हो चुका था उस पर पड़ा वह उत्तेजना के मारे पेंट के ऊपर से ही संजू के लंड को दबा दीं,,,, उसका इस तरह से लंड को दबाना संजू के लिए आगे बढ़ने का सिग्नल था और संजू इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था इसलिए वह तुरंत अपनी मौसी के कंधों को पकड़कर घुमा दिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोल दिया,,,,, सलवार पहले से ही खुली हुई थी इसलिए मौके का फायदा उठाते हुए साधना भी जल्दी से झुक कर अपनी बड़ी बड़ी गांड संजू के सामने परोस दी और संजू बिना मोबाइल की टॉर्च जलाए अंधेरे में ही अपनी मौसी की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर टटोल ते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया और एक हाथ से अपनी मौसी की चूत को टटोलकर उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रखकर जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड एक बार में ही साधना की चूत में समा गया,,,,,

साधना एकदम उत्तेजना से गदगद हो गई,,,, वह भी काफी दिनों बाद संजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई में महसूस करके पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसी जगह पर संजू उसकी चुदाई कर देगा लेकिन जो कुछ भी संजु कर रहा था उसमें साधना को बहुत मजा आ रहा था,,,, संजू के पास ज्यादा समय नहीं था वह अपनी मौसी की कमर पकड़कर बड़ी रफ्तार से अपने मोटे लंड को अपनी मौसी की चूत के अंदर बार कर रहा था,,, साथ ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर कुर्ती के ऊपर से ही बड़ी बड़ी चूची को दबा रहा था देखते ही देखते जबरदस्त चुदाई का प्रदर्शन करते हुए संजू अपनी मौसी का पानी निकालते हुए खुद झड़ गया,,,,, संजू अपने लंड को अपनी मौसी की चूत से बाहर निकाल कर हांफते हुए बोला,,,)

सच में मौसी तुम बहुत कमाल हो मजा आ गया,,,(इतना कहते हुए वह अपने लंड को पकड़ कर हीलाते हुए पेशाब करने लगा और साधना अपनी सलवार और चड्डी को एक साथ ऊपर करके अपने सलवार की डोरी बांधने लगी और बोली,,,)

अब जल्दी कर आखिर कर लिया ना अपनी मनमानी,,,, जल्दी हम दोनों को काफी समय हो गया है पता नहीं आराधना क्या सोचती होगी,,,,।
(इतना कहने के साथ ही दोनों वापस ढाबे पर आ गए और साधना पानी की 2 बोतल खरीदने लगी दोनों बोतल को हाथ में लेकर वह दोनों बस की तरफ चल दिए काफी समय से साधना दोनों को देखने की कोशिश कर रही थी लेकिन दोनों दिखाई नहीं देने थे और जैसे ही दोनों दिखाई दिए आराधना के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव में जान आ जाएगी और वह दोनों जैसे ही आराधना के पास पहुंचे आराधना बोली)

कहां देर लगा रही थी कब से बस वाला बोल रहा है कि जो भी सवारी है जल्दी से बैठ जाओ 10 मिनट में चलने वाली है,,,

अरे क्या बताऊं आराधना ढाबा वाला तो लूट मचाया है पानी के बोतल का डबल भाव मांग रहा था इसलिए रिकझिक में देर हो गई,,,, चलो जल्दी से अपना सामान रखते हैं,,,,।
(इतना कहने के साथ ही संजू बस के क्लीनर से बस का कंपार्टमेंट खुलवा कर उसमें सामान रख दिया और फिर तीनों अपने बस की केबिन में जाकर बैठ गए,,, अंदर बैठने के बाद क्लीनर को अपनी बस की टिकट दिखा कर सब कुछ क्लियर कर लिया और फिर केबिन का दरवाजा बंद करके खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया था कि हवा आ सके और रात का समय होने के नाते ठंडी ठंडी हवा चल रही थी और थोड़ी देर में बस भी स्टार्ट हो गई तीनों का बस का सफर शुरू हो चुका था,,,)

आराधना और संजू मोहिनी को लेकर पहले अपनी मौसी के घर गए और वहां से साधना और मनीषा को साथ लेकर बस स्टैंड पर सही समय पर पहुंच गए थे धीरे-धीरे बस के पैसेंजर राते जा रहे थे और अपना-अपना सामान बस में रखकर अपनी सीट पर बैठते चले जा रहे थे,,, अंधेरा हो चुका था इसलिए मोहिनी और मनीषा का वहां ठहरना उचित ना समझते हुए संजू ने उन्हें जाने के लिए बोल दिया था और वह दोनों थोड़ी देर रुक कर वहां से चली गई थी,,,, बस के चलने में अभी भी बहुत समय था,,,, बस मुख्य सड़क के किनारे खड़ी थी ठीक उसके सामने ही ढाबा था कुछ लोग ढाबे पर बैठकर चाय नाश्ता कर रहे थे,,,, क्योंकि उन्हें भी पता था कि बस के निकलने में अभी समय है इसलिए निश्चिंत होकर भर लोग अपना समय व्यतीत करते हुए चाय नाश्ता कर रहे थे,,,, संजू और साधना के पास कुछ ज्यादा समय नहीं था कुल मिलाकर चार बैग थे जो कि अभी भी उन लोगों के पास ही नीचे जमीन पर रखे हुए थे और उसके चारों तरफ तीनों खड़े होकर बातें कर रहे थे संजू की नजर बार-बार अपनी मौसी की सलवार सूट पर चली जा रही थी वह मन ही मन में उत्तेजित हुआ जा रहा था क्योंकि सलवार सूट में उसकी मौसी की गांड कुछ ज्यादा ही गदराई हुई नजर आ रही थी,,,,,,

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ना जाने कभी अब बस चलने को तैयार होगी,,,(आराधना दोनों हाथों को बात कर अपनी छाती से सटाते हुए बोली,,)

सारे यात्री आ जाएंगे तभी यह बस निकलेगी क्योंकि बहुत लोग दूर-दूर से आते हैं उन्होंने आने में समय हो जाता है तोबा लोग फोन करके ईत्ला कर देते हैं जब तक सारे यात्री बस में बैठ ना जाए तब तक बस जाएगी नहीं,,,,(संजू अपनी मां को समझाते हुए बोला)

तभी तो दिमाग खराब हो रहा है इससे अच्छा तो ट्रेन का रिजर्वेशन मिल गया होता तो अच्छा होता,,,(साधना भी अपने चारों तरफ नजर घुमाते हुए बोली,,,,,, बात ऐसी थी कि साधनों को बड़ी जोरों की पैसाब लगी हुई थी और वह अपने चारों तरफ नजर घुमाकर पेशाब करने के लिए सुनसान जगह ढूंढ रही थी पेशाब की तीव्रता इतनी तेज थी कि वह बार-बार अपने पैर को एकदम से जमीन पर पटक दे रही थी,,,,)

बात तो तुम सही कह रही है मौसी तकिन कर भी क्या सकते हैं शादी का सीजन चल रहा है इसलिए रिजर्वेशन मिल पाना मुश्किल हो गया इसीलिए तो बस की टिकट निकाले हैं और वैसे भी बस से जाने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी आराम से हवा पानी लेते हुए पहुंच जाएंगे यह तो सिर्फ यहां से दिक्कत हो रही है एक बार चल पड़ी तो चल पड़ी,,,,


बात तो तू ठीक ही कह रहा है संजू,,,, गर्मी भी बहुत है,,,,

सो तो है मम्मी लेकिन कर भी क्या सकते हैं,,,,

(इसी तरह से बातें करते करते समय व्यतीत होने लगा संजू अपनी मौसी को सलवार सूट में देखकर उत्तेजित तो हो जा रहा था लेकिन वह इस बात से थोड़ा खफा था कि अगर उसकी मौसी सलवार सूट की जगह साड़ी पहन कर आती तो शायद थोड़ी सी छेड़खानी हो जाती उसकी चूत से,,,,,,,, एक तरफ संजू अपनी मौसी को देखकर उत्तेजित भी हो रहा था उसके सलवार सूट से थोड़ा नाराज भी था लेकिन दूसरी तरफ साधना के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसे बड़े जोरों की पेशाब लगी हुई थी अगर वह इस समय पेशाब करने का निर्णय नहीं ले पाती तो कुछ ही देर में उसकी चूत से पेशाब की धार फूट पड़ती और फिर दिक्कत हो जाती है और इसी दिक्कत से बचने के लिए वह संजू से बोली,,,,)

संजु अभी बस के चलने में थोड़ा समय है,,,, क्यों ना सामने के ढाबे से कुछ वेफर वगैरा ले लिया जाए ताकि रास्ते में खाते हुए समय व्यतीत कर लेंगे,,,

इतना नाश्ता तो है ना दीदी,,,,


अरे वह तो खाना है मैं पड़ी के की बात कर रही हूं,,,,

हां मम्मी मौसी ठीक कह रही हैं खाना तो इतनी गर्मी में खराब हो जाएगा बस कल शाम को जाकर पहुंचेगी रात भी हो सकती है इसलिए कुछ तो चाहिए ना रास्ते के लिए,,,,

ठीक है जाओ लेकिन जल्दी आना,,,,


ठीक है मम्मी तुम समान का ख्याल रखना हम जल्दी आते हैं,,,,।

(इतना कहने के साथ ही संजू और उसकी मौसी दोनों सड़क के दाएं बाएं देखकर अच्छे तरीके से सड़क पार कर के सामने ढाबे पर पहुंच गए जहां पर थोड़ी भीड़ बढ़ती आराधना उन दोनों को देखती रही लेकिन भीड़ भाड़ होने की वजह से दोनों भीड़ में कहीं खो गए आराधना को दोनों नजर नहीं आ रहे थे,,,, आराधना अपनी आंखों से अपनी बड़ी दीदी को अपने जवान बेटे से चुदवाते हुए देख चुकी थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसके बेटे संजू और उसकी बड़ी बेटी के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो चुका है दोनों एक दूसरे से मजा लेते हैं,,,,, यह सब जानने के बावजूद भी आराधना के मन में किसी भी प्रकार का शंका नहीं हो रहा था,,,, वैसे भी इस जगह पर आराधना के लिए शक करने जैसा कुछ भी नहीं था अगर कोई और जगह होती तो साधना और अपने बेटे को एकांत में देखकर उसे जरूर शक होता कि दोनों के बीच जरूर कुछ ना कुछ शुरू हो गया होगा लेकिन इस समय मुख्य सड़क पर भीड़ भाड़ में ऐसा कुछ भी संभव नहीं था इसलिए वह निश्चित थी,,,,,
सड़क पार करते हुए ही संजू अपने मन की बात को अपनी मौसी से बताते हुए बोला,,,

मौसी तुम सलवार सूट में एकदम पटाखा लग रही हो तुम्हारी गांड को ज्यादा ही बड़ी-बड़ी दिख रही है मेरा तो लंड खड़ा हो गया,,,

संभाल कर रख बेटा हर जगह शुरू नहीं हो जाने का वैसे मेरी तारीफ करने के लिए शुक्रिया,,,


तुम तारीफ के ही लायक हो मौसी वैसे कोई और जगह होती तो मैं सच में तुम्हारी चुदाई कर दिया होता लेकिन इस समय मैं मजबूर हूं और हां तुम साड़ी पहनकर क्यों नहीं आई साड़ी पहन कर आई होती तो शायद बस के अंदर हम दोनों थोड़ा बहुत मजा कर सकते थे,,,,


नहीं नहीं बस के अंदर कुछ भी नहीं वैसे भी तेरी मां भी है साथ में समझा हम दोनों के लिए होते तो पूरे सफर पर चुदाई का मजा लेते चलते लेकिन बस में ऐसा कुछ भी मत करना कि तेरी मां को जरा भी शक हो और वैसे भी सफर के दौरान मुझे साड़ी नहीं बल्कि सलवार सूट में ही आरामदायक महसूस होता है इसलिए मैं सलवार सूट पहन कर आई हूं,,,,,

लेकिन तुम्हारी सलवार सूट बहुत खुशी हुई है तुम्हारी गांड तुम्हारी चूची एकदम बाहर निकली हुई नजर आ रही है जिस किसी की भी नजर तुम्हारे पर पड़ रही है सबसे पहले तुम्हारी गांड को ही देख रहे हैं,,,,

देखने दे मेरी गांड देखकर मस्त हो जाएंगे और अपना हाथ से ही लाकर शांत हो जाएंगे उन्हें भी तो पता चलना चाहिए कि उनके बीच से कौन सी हसीना गुजरी है,,,


बात तो तुम सही कह रही हो मौसी,,,,
(इस तरह की बातें करते हुए दोनों सड़क पार कर चुके थे और ढाबे पर पहुंच चुके थे ढाबे पर पहुंचते ही आराधना कुछ वेफर और स्नेक के पड़ीके खरीद ली और उन पड़ी को को संजू को थमाते हुए इधर-उधर चकर पकर देखने लगी तो अपनी मौसी को इस तरह से इधर उधर देखता हुआ पाकर संजू बोला,,,)

क्या हुआ मौसी इधर उधर क्या देख रही हो,,,


अरे बुद्धू मुझे बड़े जोरों की पेशाब लगी है,,,,

तो कर लो ना इसमें कौन सी बड़ी बात है,,,

अरे पागल कहां कर लूं कहीं अच्छी जगह दिखी होती तो मैं वहीं नहीं कर लेती एक बहाने से तो मैं इधर आई हूं,,,

क्या मौसी पेशाब करने के लिए आना था तो मम्मी को लेकर आ गई होती उन्हें पता चलेगा तो वह क्या सोचेंगी,,,

अरे उन्हें कैसे पता चलेगा,,,, तू बातों में वक्त बर्बाद कर रहा है और मेरा प्रेशर बढ़ता जा रहा है ऐसा ना हो कि सलवार में ही मेरा पैसाब छुट जाए,,,

ऐसा बिल्कुल भी मत करना मौसी वरना सफर का मजा किरकिरा हो जाएगा,,,

तभी तो कह रही हूं जल्दी से कोई जगह बता यहां तो सब लोग खड़े हैं,,,,

कोई बात नहीं चलो भाभी के पीछे लेकर चलता हूं,,,


वहां तो बहुत अंधेरा है,,,

तो क्या हुआ उजाले में पेशाब करोगी,,,,


अच्छा चल जल्दी चल,,, इसीलिए तो मैं तुझे लेकर आई हूं तेरी मम्मी के साथ आती तो कोई भी अंधेरे का फायदा उठाते हुए पकड़ लेता और फिर मेरे साथ से तेरी मां की भी चुदाई कर देता,,,

वैसे भी मौसी तुम चोदने लायक हो,,,,(अपनी छोटी सी मोबाइल की बैटरी जलाकर वह ढाबे के पीछे आगे आगे चलने लगा और पीछे पीछे साधना चलने लगी संजू की बात सुनकर वह बोली)

मैं चोदने लायक हूं तेरी मां तेरी मां को तो कोई आ जाए तो दिन रात चोदते ही रहे,,,,
(अपनी मौसी कि मुझे अपनी मां के बारे में इस तरह की गंदी बातें सुनकर संजू को बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आ रहा था बल्कि वह तो मन ही मन उत्तेजित हो रहा था क्योंकि अगर यह बात कोई और कहां होता तो शायद वह गुस्से से आगबबूला हो जाता लेकिन उसकी मां के बारे में अश्लील बातें करने वाली उसकी मां की खुद की सगी बड़ी बहन थी इसलिए वह कुछ बोल नहीं रहा था देखते ही देखते दोनों ढाबे के पीछे पहुंच चुके थे चारों तरफ झाड़ियां झाड़ियां थी और चारों तरफ अंधेरा ही था सिर्फ मोबाइल का टॉर्च जल रहा था जिसने थोड़ा थोड़ा साफ नजर आ रहा था एक अच्छी सी जगह देखकर संजू अपनी मौसी से बोला,,,)

बस मौसी यही कर लो इससे अच्छी जगह कोई और नहीं है,,,,


ठीक है संजू ले मेरा पर्स पकड़,,,।
(इतना कहने के साथ ही साधना अपने पर्स को संजू को पकड़ते हुए तुरंत अपने सलवार की डोरी खोलने लगी और इस दौरान संजू मोबाइल के टॉर्च से सब कुछ साफ दिख रहा था उसकी आंखों के सामने उसकी मौसी अपनी सलवार की टोपी खोलकर तुरंत अपनी चड्डी सहित उसे घुटनों तक खींचकर तुरंत नीचे बैठ गई और पेशाब की धार मारने लगी उसे इतने जोरो की पिशाब लगी हुई थी कि तुरंत उसकी चूत से सीटी की आवाज आने लगी जिसे सुनकर संजू का धैर्य जवाब दे रहा था उसका लंड अपनी औकात में आकर खड़ा हो चुका था वह मोबाइल के टॉर्च में अपनी मौसी की गोरी गोरी बड़ी बड़ी गांड देख रहा था और उत्तेजित हो रहा था थोड़ी ही देर में साधना पेशाब करके खड़ी हो गई हो अपनी सवार को ऊपर करने ही वाली थी कि संजु से रहा नहीं गया और वह तुरंत अपनी मौसी का हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचा और से बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों को चूसना शुरू कर दिया इस दौरान उसने अपने मोबाइल के टॉर्च को बंद कर दिया था ताकि दूर से कोई देख ना सके,,,)

अरे पागल हो गया है क्या थोड़ा तो शर्म कर कहां पर हैं इसका तो लिहाज कर कोई आ गया तो गजब हो जाएगा,,,


कुछ खराब नहीं होगा मौसी अब ना जाने कब तुम्हारी चूत चोदने को मिले इससे अच्छा मौका मुझे कभी नहीं मिलेगा तुम्हारी गांड में देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा है मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया है देखो तो जरा,,,(इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मौसी का हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया और साधना भी पूरी तरह से मजा लूटी जब उसका हाथ संजू के लैंड पर जो की पैंट के अंदर पूरी तरह से खड़ा हो चुका था उस पर पड़ा वह उत्तेजना के मारे पेंट के ऊपर से ही संजू के लंड को दबा दीं,,,, उसका इस तरह से लंड को दबाना संजू के लिए आगे बढ़ने का सिग्नल था और संजू इस मौके को गंवाना नहीं चाहता था इसलिए वह तुरंत अपनी मौसी के कंधों को पकड़कर घुमा दिया और उसे घोड़ी बनने के लिए बोल दिया,,,,, सलवार पहले से ही खुली हुई थी इसलिए मौके का फायदा उठाते हुए साधना भी जल्दी से झुक कर अपनी बड़ी बड़ी गांड संजू के सामने परोस दी और संजू बिना मोबाइल की टॉर्च जलाए अंधेरे में ही अपनी मौसी की गांड को दोनों हाथों से पकड़कर टटोल ते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया और एक हाथ से अपनी मौसी की चूत को टटोलकर उस पर अपने लंड का सुपाड़ा रखकर जोरदार धक्का मारा और पूरा का पूरा लंड एक बार में ही साधना की चूत में समा गया,,,,,

साधना एकदम उत्तेजना से गदगद हो गई,,,, वह भी काफी दिनों बाद संजू के मोटे तगड़े लंड को अपनी चूत की गहराई में महसूस करके पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसी जगह पर संजू उसकी चुदाई कर देगा लेकिन जो कुछ भी संजु कर रहा था उसमें साधना को बहुत मजा आ रहा था,,,, संजू के पास ज्यादा समय नहीं था वह अपनी मौसी की कमर पकड़कर बड़ी रफ्तार से अपने मोटे लंड को अपनी मौसी की चूत के अंदर बार कर रहा था,,, साथ ही अपना हाथ आगे बढ़ाकर कुर्ती के ऊपर से ही बड़ी बड़ी चूची को दबा रहा था देखते ही देखते जबरदस्त चुदाई का प्रदर्शन करते हुए संजू अपनी मौसी का पानी निकालते हुए खुद झड़ गया,,,,, संजू अपने लंड को अपनी मौसी की चूत से बाहर निकाल कर हांफते हुए बोला,,,)

सच में मौसी तुम बहुत कमाल हो मजा आ गया,,,(इतना कहते हुए वह अपने लंड को पकड़ कर हीलाते हुए पेशाब करने लगा और साधना अपनी सलवार और चड्डी को एक साथ ऊपर करके अपने सलवार की डोरी बांधने लगी और बोली,,,)

अब जल्दी कर आखिर कर लिया ना अपनी मनमानी,,,, जल्दी हम दोनों को काफी समय हो गया है पता नहीं आराधना क्या सोचती होगी,,,,।
(इतना कहने के साथ ही दोनों वापस ढाबे पर आ गए और साधना पानी की 2 बोतल खरीदने लगी दोनों बोतल को हाथ में लेकर वह दोनों बस की तरफ चल दिए काफी समय से साधना दोनों को देखने की कोशिश कर रही थी लेकिन दोनों दिखाई नहीं देने थे और जैसे ही दोनों दिखाई दिए आराधना के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव में जान आ जाएगी और वह दोनों जैसे ही आराधना के पास पहुंचे आराधना बोली)

कहां देर लगा रही थी कब से बस वाला बोल रहा है कि जो भी सवारी है जल्दी से बैठ जाओ 10 मिनट में चलने वाली है,,,

अरे क्या बताऊं आराधना ढाबा वाला तो लूट मचाया है पानी के बोतल का डबल भाव मांग रहा था इसलिए रिकझिक में देर हो गई,,,, चलो जल्दी से अपना सामान रखते हैं,,,,।
(इतना कहने के साथ ही संजू बस के क्लीनर से बस का कंपार्टमेंट खुलवा कर उसमें सामान रख दिया और फिर तीनों अपने बस की केबिन में जाकर बैठ गए,,, अंदर बैठने के बाद क्लीनर को अपनी बस की टिकट दिखा कर सब कुछ क्लियर कर लिया और फिर केबिन का दरवाजा बंद करके खिड़की को थोड़ा सा खोल दिया था कि हवा आ सके और रात का समय होने के नाते ठंडी ठंडी हवा चल रही थी और थोड़ी देर में बस भी स्टार्ट हो गई तीनों का बस का सफर शुरू हो चुका था,,,)
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Tiger 786

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सफर की शुरुआत हो चुकी थी यह सफर बेहद रोमांचक होने वाला था लेकिन इस बात का एहसास उन तीनों को बिल्कुल भी नहीं था रोमांच की शुरुआत तो ढाबे के पीछे ही हो चुकी थी जिसका पूरा फायदा उठाते हुए अंधेरे में अपनी मौसी को पेशाब कराने के लिए संजु ढाबे के पीछे ले गया था, और अपनी मौसी की नंगी गांड देखकर और उसकी चूत से आ रही सीटी की आवाज को सुनकर वह पूरी तरह से कामज्वर में जलने लगा जिसके चलते राजू समय और स्थान का भी ख्याल किए बिना ही मौके का फायदा उठाते हुए ढाबे के पीछे अंधेरे में ही अपनी मौसी को घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी चूत में लंड डालकर उसकी गरमा गरम चुदाई कर दिया था और इस चुदाई से साधना भी पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी,,, साधना को इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि संजू ऐसे हालात में उसकी चुदाई करेगा वैसे भी वह अपनी सलवार और सूट जो कि बेहद कसी हुई थी उसकी बदौलत उसका प्रभाव संजू पर किस तरह से पड़ रहा है वह अच्छी तरह से समझ गई थीं,,,, अपनी खूबसूरती और कसी हुई सूट सलवार का प्रभाव संजू पर किस तरह से पढ़ रहा है इस बात का अंदाजा तो साधना लगा दी थी लेकिन इस प्रभाव के चलते संजू किस तरह से प्रतिक्रिया करेगा इस बारे में उसे जरा भी अहसास नहीं था और उसी के चलते वह बेफिक्र होकर संजू के साथ ढाबे के पीछे पेशाब करने के लिए गई थी लेकिन वहां पर अपनी मौसी की मत मत जवानी देख कर संजू से रहा नहीं गया और संजू घोड़ी बनाकर उसी जगह पर उसकी चुदाई कर दिया था जिससे वह पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी इस बात को अभी अच्छी तरह से जानती थी कि वह विवाह में जा रही थी और अपने मायके वहां पर इस तरह का मौका उसे बिल्कुल भी मिलने वाला नहीं था क्योंकि विवाह में सभी रिश्तेदार घर में मौजूद होने वाले थे और ऐसे में उन दोनों को एकांत मिल जाए ऐसा बिल्कुल भी नहीं था इसलिए साधना भी अपने भतीजे संजू को बिल्कुल भी इंकार नहीं कर पाई और उसके मोटे तगड़े लंड का मजा ले ली,,,।

बस के केबिन में तीनों आराम से बैठ चुके थे किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं थी,,, राजू एकदम खिड़की के करीब बैठा हुआ था जहां से उसे बहुत अच्छी हवा लग रही थी और ठंडी हवा के चलते उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे और उसके बगल में उसकी मौसी साधना बैठी हुई थी और उसके बगल में आराधना,,,, आराधना खुद अपने बेटे के बगल में बैठना चाहती थी क्योंकि वह अपनी बड़ी बहन के चरित्र से अच्छी तरह से वाकिफ थी इसीलिए वह नहीं चाहती थी कि उसका बेटा उसके बावजूद भी उसकी बड़ी बहन के साथ किसी भी प्रकार का संबंध बनाकर रखें,,,,

एक तरफ वह अपनी बहन के चरित्र को लेकर अपने बेटे के संबंध में परेशान थी तो दूसरी तरफ वह अपने मन में यही सोचती थी कि आज जो कुछ भी जिस तरह का वाह मजा अपने बेटे के साथ ले रही है वह उसकी बड़ी बहन के ही बदौलत मुमकिन हुआ है अगर वह अपनी बड़ी बहन को अपने बेटे के साथ रंगरलिया मनाते ना देखी होती तो शायद उसके मन में अपने ही बेटे के प्रति इस तरह का बदलाव ना आया होता और आज वह संभोग के अद्भुत सुख को भोग ना रही होती,,,, इसलिए रह रहे कर उसे अपनी बहन के प्रति किसी भी प्रकार की ईर्ष्या भी नहीं होती थी क्योंकि एक औरत होने के नाते वह एक औरत की व्यथा को अच्छी तरह से समझती थी,,,, क्योंकि वह खुद इस तरह के दौर से गुजर चुकी थी एक पति के साथ के लिए एक मर्दाना जिस्म के लिए जो उससे पलंगतोड़ प्यार करें और वही पलंगतोड़ प्यार उसे उसके सगे बेटे ने दिया था जिस की हकदार खुद साधना भी थी क्योंकि वह साधना के पति मतलब अपने जीजा जी के कार्य क्षमता को अच्छी तरह से समझ रही थी वह देख रही थी कि किस तरह से उसके जीजा जी का शरीर एकदम भारी था और आगे से पेट निकला हुआ था और भाई अभी अच्छी तरह से जानती थी कि उसके जीजा के मुकाबले उसकी बड़ी बहन की जवानी और गूगल रही थी और इसे मैं धरती हुई जवानी पर काबू पाना उसके जीजा जी के पास में बिल्कुल भी नहीं था इसलिए वह इस बात को अच्छी तरह से समझती थी कि जिस तरह से उसके बेटे की जरूरत उसे खुद है उसी तरह से उसकी बड़ी दीदी को भी उसके बेटे की जरूरत है इसलिए वह निश्चिंत होकर सफर का मजा ले रही थी,,,,।

बस रफ्तार से मुख्य सड़क पर भागती चली जा रही थी लोग पीछे छूटे चले जा रहे थे छोटी छोटी गाड़ियों को ओवरटेक करते हुए बस अपने गंतव्य स्थल पर पहुंचने के लिए मचल रही थी,,,,, साधना जो कि कुछ देर पहले ही चुदाई का मजा ले चुकी थी वह संतुष्ट होकर सोने की तैयारी कर रही थी क्योंकि देखते ही देखते रात के 12:00 बज गए थे इस दौरान बस एक भी जगह रुकी नहीं थी,,,,, एक तो साधना का शरीर थोड़ा भारी था और वहां आराधना और संजू के बीच में लेटी हुई थी इसलिए उसे थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो वह संजू से बोली,,,


संजू बेटा तू मेरी जगह पर आजा वैसे भी तुझे नींद नहीं आ रही है और मुझे बहुत गहरी नींद आ रही है ,,,, मुझे खिड़की के पास सोने दे मैं बहुत थक गई हूं,,,,।
(अपनी बड़ी दीदी के मुंह से इतना सुनते ही आराधना के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आने लगे एकदम से खुश हो गई और वह खुद चहकते हुए बोली,,,)

हां हां संजू तू मौसी को खिड़की के पास सोने दी वैसे भी दीदी थक गई होगी,,,,


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ठीक है कोई बात नहीं,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू धीरे से उठ कर बैठ गया और साधना खिड़की के पास सड़क पर पहुंच गई और संजू दोनों खूबसूरत औरतों के बीच में हो गया और अपनी मां की तरफ देख कर मुस्कुराने लगा अपने बेटे को मुस्कुराता हुआ देखकर आराधना के चेहरे पर मुस्कान आ गई ऐसा लग रहा था कि जैसे दोनों इसी पल का इंतजार कर रहे थे दोनों के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे,,,, खिड़की के पास पहुंचते ही साधना लंबी आह भरते हुए बोली)

अब सोने में मजा आएगा,,,,(इतना कहने के साथ ही साथ ना फिर से आंखों को बंद करके खिड़की में से आ रही ठंडी हवा का मजा लेते हुए नींद की आगोश में चली गई और दूसरी तरफ संजू जो कि कुछ देर पहले ही अपनी मौसी की जबरदस्त चुदाई करके तृप्त हुआ था एक बार फिर से अपनी मां के करीब उसके बदन से चिपक ते ही उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ में लगी और की अकड़ अपनी औकात दिखाने लगी,,,,, दोनों के बीच किसी भी प्रकार की वार्तालाप नहीं हो रही थी संजू बार-बार अपनी मौसी की तरफ देख ले रहा था कि कहीं उसकी मौसी जाग तो नहीं रही है लेकिन वह आंखों को बंद किए हुए पीठ के बल लेटी हुई थी और उसे आंखें बंद करके सोते हुए देखकर संजू जल्दी से अपनी मां के लाल लाल होठों पर अपने होठ रख कर उसे चुंबन कर ले रहा था और अपने बेटे के इस चुंबन से आराधना के तन बदन में पूरी तरह से उत्तेजना की लहर दौड़ में लगती थी घर से निकलने से पहले ही वह अपने बेटे से चुदाई का भरपूर मजा लूट चुकी थी,,,,, और वह अपने पति की आंखों के सामने,,,,

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आराधना कभी सपने में नहीं सोचा थी कि उसके जीवन में ऐसा पल आएगा जब वह बेशर्म और निर्लज्ज होकर अपने ही पति के सामने अपने बेटे से चुदाई का आनंद प्राप्त करेगी लेकिन माहौल और हालात इस कदर बदल चुके थे कि आराधना भी अपने पति से बदला लेने की सोच रही थी और मौका मिलते ही वह अपने पति के सामने ही अपनी गांड खोलकर अपने बेटे से चुदवाया शुरू कर दी थी वह अपने पति को दिखाना चाहती थी कि उसे अपनी मर्दानगी पर बड़ा गर्व है तो वह संजू की मर्दानगी के आगे कुछ भी नहीं है,,,,, और इस बात को उसका पति भी मान लिया था जब उसने,,, अपने बेटे के लंड को पहली बार देखा था वाकई में लंड इतना बड़ा होता है उसने आज तक सिर्फ पोर्नमोबी नहीं देखा था लेकिन असली जिंदगी में अपनी ही बेटी के मोटे तगड़े लंड को देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी,,,,, आराधना उस पल को याद कर रही थी जब वह शर्मा होकर अपने ही पति के सामने अपने बेटे से चुदाई का आनंद ले रही थी वह अपने पति के चेहरे को देखकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी क्योंकि उसके पति के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी शायद उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि उसकी बीवी वाकई में बहुत खूबसूरत है,,,,,

दिन-ब-दिन अपने पति के मुंह से अपने ही बेटे और अपने आप के बारे में गंदी बातें और गंदे इल्जाम को सुन सुनकर वह‌ परेशान हो चुकी थी आज ने इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि जब तक उसका पति उन दोनों के बीच के स्लिप नहीं जान जाएगा तब तक दोनों के बीच के गलत रिश्ते को अपने मुंह से बकता रहेगा और नशे की हालत में और किसी और को भी बता सकता था इसीलिए आराधना अपने पति से बदला लेने की खातिर ही उसकी आंखों के सामने अपने जवान बेटे से चुदवाई थी इस बात का भी एहसास उसे अच्छी तरह से हो रहा था कि अपने बाप के सामने संजू भी पूरी तरह से मर्द बंद कर अपने बाप को नीचा दिखाते हुए उसकी चूत में कस कस के धक्के लगा रहा था उसका हर एक धक्का उसके बाप के सीने पर छुरी की तरह चल रहा था,,,,,।

आराधना उस पल को याद करके पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी,,,, और वह भी रह रह कर अपनी बड़ी दीदी की तरफ देख ले रही थी और कोई तसल्ली लिख कर लेने के बाद वह भी अपने होठों को अपने बेटे के होठों पर रख दे रही थी,,,, दोनों ईस तरह से चुंबन का आदान प्रदान कर रहे थे और अपनी इस हरकत से दोनों मां-बेटे पूरी तरह से उत्तेजित हो चुके थे,,,,,, संजू अपनी मौसी से नजर बचाकर जो कि वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो चुकी थी फिर भी उसके जाग जाने का डर था और इसीलिए अपनी मौसी की तरफ देखते हुए वह साड़ी के ऊपर से ही अपनी मां की चूत को जोर जोर से दबा रहा था जिसके चलते आराधना की चूत से काम रस टपकने लगा था और उत्तेजित अवस्था में संजू अपनी मां के लाल लाल होठों को अपने मुंह में लेकर उसका रस चूस रहा था,,,,,

मां बेटे दोनों के बदन में चुदास की लहर उठ रही थी,,,, बस की केबिन में होने की वजह से किसी के भी देखे जाने का डर उन दोनों को बिल्कुल भी नहीं था केवल डर था तो साधना का जो कि वह भी पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही थी,,,,,

मौसी जाग गई तो,,,,


लगता तो नहीं है कि वह सुबह तक ऊठने वाली है,,(अपनी बड़ी दीदी की तरफ देखते हुए)

जाग गई तो गजब हो जाएगा,,,,

नहीं जागेंगी,,,(अपनी बेटी का एक हाथ पकड़ कर अपनी चूची पर रखते हुए जो कि ब्लाउज के अंदर कह देती अपनी मां की हरकत देख कर संजू के तन बदन में आग लग गई उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में आकर खड़ा हो गया संजू अच्छी तरह से देख रहा था कि उसकी मां पूरी तरह से बेकरार हो रही थी मसल रही थी इसलिए संजू भी एक नजर अपनी मौसी के ऊपर डाला हो ब्लाउज के ऊपर अपना दूसरा हाथ भी रखकर ब्लाउज के ऊपर सही अपनी मां की बड़ी बड़ी चूची को दबाना शुरू कर दिया संजू के द्वारा स्तन मर्दन का आनंद लेकर आराधना के चेहरे का हाव भाव पूरी तरह से बदलने लगा था उसका चेहरा सुर्ख गुलाबी होता जा रहा था और संजू अपनी मौसी की तरफ देखते हुए,,,, अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलने लगा अपने बेटे को अपने ब्लाउज का बटन खोलता हुआ देखकर आराधना नजर उठा कर अपनी बड़ी दीदी की तरफ देखने लगी जो की पूरी तरह से निश्चिंत होकर गहरी नींद में सो रही थी बस के अंदर इस तरह की हरकत से आराधना के तन बदन में अजीब सी हलचल मची हुई थी या पहला मौका था जब वह घर के बाहर इस तरह से पब्लिक बस में बेटे की हरकतों का मजा ले रही थी उसकी पानी-पानी हो रही थी उसकी पेंटी गीली हो चुकी थी,,,,,)

सारे बटन मत खोल देना अगर दीदी जाग गई तो गजब हो जाएगा बंद नहीं कर पाऊंगी,,,

तो क्या हुआ साड़ी का पल्लू छाती पर डाल कर देख लेना अगर मौसी देखेंगी फिर भी कह देना कि गर्मी की वजह से खोल दी थी,,,

नहीं नहीं तू तो बटन रहने दे नीचे के भले सारे बटन खोल दे,,,,

जैसी तुम्हारी मर्जी मेरी जान,,,(धीरे से अपनी मां की कान में कहां हो ऊपर के दो बटन छोड़कर व नीचे के 4 बटन को खोल चुका था और ब्लाउज के दोनों भागों को ऊपर की तरफ करके ब्रा के ऊपर से ही अपनी मां की चूची को जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया था,,,,)

सहहह आहहहहहह ,,,,,,हमममममम,,,,
(आराधना अंगड़ाई लेते हुए सिसकारी भर रही थी यह देखकर संजू बोला)

बहुत मजा आ रहा है,,ना ,,,,,

हां,,,,,,,, बहुत मजा आ रहा है लेकिन मेरी चूत में आग लगी हुई है,,,,,
Apni ma k blouse ka button kholta hua Sanju

(संजू अपनी मां की तरफ को और उसके कहने का मतलब को अच्छी तरह से समझ रहा था वह जान रहा था कि उसकी मां को अपनी चूत में उसके मोटे लंड की जरूरत है लेकिन इस समय शायद वह भी यही सोच रही है कि यह काम मुमकिन नहीं हो पाएगा,,,, संजू अपनी मां की चूत की गर्मी को थोड़ा शांत करने के लिए पेट पर हाथ रखते हुए अपनी उंगली को धीरे से उसके पेटीकोट के अंदर सरकाया और सीधे उसकी चूत के साम्राज्य पर पहुंच गया और उस पर पूरी हथेली रखकर उसे अपनी हथेली में दबोच लिया अपने बेटे की इस हरकत पर आराधना पूरी तरह से सिहर उठी वह पूरी तरह से मस्त हो गई,,,, और इसी दौरान संजू अपनी मां के बदन की गर्मी को और ज्यादा बढ़ाता हुआ उसकी ब्रा को ऊपर की तरफ उठाकर उसकी नंगी चूची को,,, मुंह में भर लिया और पीना शुरू कर दिया,,,,, आराधना पूरी तरह से गरम हो गई वह मदहोश होने लगी बस यात्री से भरी हुई थी लेकिन किसी को इस बात का अहसास तक नहीं था कि केबिन के अंदर मां बेटे इस तरह की कामलीला कर रहे होंगे,,,,,

संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूची को पीता हुआ अपनी हथेली से बार-बार अपनी मां की चूत को दबोच ले रहा था उसकी नंगी चूत संजू की हथेली में पूरी तरह से गर्माहट फैला रही थी और अपना काम रस से भिगो रही थी संजू मस्त होकर अपनी मां की चूत में बीच वाली उंगली डालकर उसे अंदर बाहर करते हुए उसे अद्भुत सुख प्रदान कर रहा था आराधना से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था वह बर्दाश्त से बाहर होता चला जा रहा था इसलिए आराधना मदहोश शब्दों में बोली,,,।

बेटा उंगली नहीं अपना लंड डाल दे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है,,,,,(अपनी मां के मुंह से इतना सुनते ही संजू का लंड पूरी तरह से बगावत पर उतर आया था और पेंट फाड़ कर बाहर आने के लिए तैयार हो चुका था वह अपनी मां की बात सुनते ही अपनी मां को आश्चर्य से देखने लगा वह अपनी मां की हिम्मत की दाद दे रहा था कि बगल में बड़ी बहन होने के बावजूद भी वह चुदवाने के लिए तैयार हो चुकी थी,,,, संजू की अपनी मां को चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका था वह घुटनों के बल बैठकर अपनी मौसी की तरफ देखते हुए अपने पेंट का बटन खोलने लगा था कि तभी बस की ब्रेक लगी और बस रुक गई संजू गिरता गिरता बचा और खिड़की से बाहर देखने लगा,,,, बस एक ढाबे पर आकर खड़ी हो चुकी थी और तभी क्लीनर की आवाज उसके कानों में आई,,,,।

Apne bete ki harkat ki wajah se kasmasati huyi aradhna

यहां पर बस 15 मिनट के लिए रुकेगी जिसे चाय पानी करना है उतर कर कर ले,,,,।
(सारा मजा किरकिरा हो चुका था अगर बस 10 मिनट और रुकी होती तो वह अपने अरमान पूरा कर लिया होता लेकिन किस्मत खराब थी,,,, हाथ में बनी घड़ी की तरफ देखा तो 2:00 बज रहे थे दोनों की क्रियाकलाप में 2 घंटे से ज्यादा का समय गुजर चुका था लेकिन इस दौरान दोनों संभोग सुख प्राप्त नहीं कर पाए थे,,,,, धीरे धीरे बस में से पैसेंजर नीचे उतरना शुरू हो गए,,,,, संजू का मूड खराब हो चुका था चलती बस में चुदाई करने का मजा ही कुछ और होता है इसलिए वह अपनी मां से बोला,,,)

रुको मैं पेशाब करके आता हूं,,,

नहीं चाहती हूं मुझे तो बड़े जोरों की लगी है तुम्हारी हरकत की वजह से तो ऐसा लग रहा था कि आप पेशाब निकल जाएगा,,,,
(इतना सुनकर संजू मुस्कुराने लगा और बोला)

चलो,,,

दीदी को जगा दूं क्या,,,?

नहीं मौसी को सोने दो अगर जाग गई तो हो सकता है उन्हें नींद ना लगे और फिर हम दोनों का काम अधूरा ही रह जाएगा,,,,
Sanju or aradhna

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सही कह रहा है तू,,,(मुस्कुराते हुए आराधना बोली थोड़ी ही देर में दोनों मां-बेटे बस से नीचे उतर गए कुछ लोग ही बस से नीचे उतरे थे रात के 2:00 बज रहे थे इसलिए बहुत से यात्री सो रहे थे,,,, कुछ लोग खाना खाने के लिए ढाबे पर चले गए कुछ लोग बैठ कर चाय पी रहे थे संजू की ढाबे पर से पानी लिया और हाथ मुंह धोने लगा,,,,, अंधेरे का फायदा उठाते हुए पेशाब करके आ चुका था लेकिन आराधना अभी भी खड़ी थी उसे यूं खड़ा देखकर संजू बोला,,,)

क्या हुआ खड़ी क्यों हो जाओ मुत कर‌ आओ,,,,,


कहां जाऊं,,,(पेशाब की तीव्रता के चलते अपने पैर को पटक ते हुए बोली तो संजू उसे एक अच्छी सी जगह दिखाते हुए बोला,,,)


वह देखो उधर अंधेरा है और कोई देख भी नहीं रहा जल्दी से जाकर करके आ जाओ मैं तुम्हारे लिए भी चाय ले लेता हूं,,,,


ठीक है मैं जल्दी से आती हूं,,,,
(और इतना कहने के साथ ही आराधना अपने चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए आगे बढ़ने लगी और अपने बेटे के बताए अनुसार उस जगह पर पहुंचकर खड़ी हो गई वहां पर अंधेरा था,,,, फिर भी अपने चारों तरफ नजर घुमा कर देख रही थी कि कहीं कोई उसकी तरफ देख तो नहीं रहा है लेकिन उसके बेटे को छोड़कर और किसी का भी ध्यान उसकी तरफ नहीं था इसलिए निश्चिंत होकर धीरे से अपनी साड़ी को कमर तक उठाई और,,,, अपनी चड्डी को घुटनों तक खींचकर तुरंत बैठ गई और पेशाब करना शुरू कर दी संजू चाय खरीदते खरीदते अपनी मां की तरफ देख ले रहा था,,, आराधना की गाड़ी तेरी गोरी थी कि अंधेरे में बैगन साफ नजर आया था जिसे देखकर संजू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था,,,, और संजू इस बात पर भी गौर कर रहा था कि कहीं कोई उसकी मां को देख तो नहीं रहा है लेकिन 2:00 बजे रात को किसी का भी ध्यान उस तरफ नहीं था इसलिए निश्चिंत होकर चाय लेकर पीने लगा था और आराधना पेशाब करने के बाद उसके मन में क्या सुझाव है तुरंत अपनी चड्डी को अपनी टांगों से नीचे करके निकाल ली और उसे तुरंत अपने पर्स में लपेटकर भरली अब वह चड्डी बिगर थी,,,, अपनी मां की हरकत की खबर संजू के तन बदन में आग लग गई थी और जैसे ही उसकी मां उसके करीब आई थी सबसे पहले संजू ने यही सवाल पूछा,,,।
Sanju or aradhna


चड्डी क्यों निकाल ली,,,


ताकि बस में दिक्कत ना हो,,,

ओ,,,,हो,,,,, एकदम शातीर हो गई हो,,, जल्दी से हाथ मुंह धो कर चाय पी लो मैं चाय ले लेता हूं,,,,।
(थोड़ी देर में आ रहा था ना हाथ मुंह धो कर फ्रेश हो गई और अपने बेटे से चाय लेकर पीने लगी देखते ही देखते 15 मिनट गुजर चुके थे और धीरे-धीरे सब लोग बस के अंदर जाना शुरु कर दिए थे संजू भी बस के अंदर आया और तुरंत अपने केबिन में अपनी मां को लेकर घुस गया,,, और केबिन का दरवाजा बंद कर लिया दोनों साधना की तरफ देख रहे थे जो कि अभी भी गहरी नींद में सो रही थी इसलिए वह दोनों निश्चिंत हो चुके थे थोड़ी ही देर में,,, बस होर्न देकर इशारा की ओर चल पड़ी,,,,, देखते ही देखते बस फिर से मुख्य सड़क पर दौड़ने लगी थी और एक बार फिर से ठंडी हवा का झोंका खिड़की से पूरे कैबिन में ठंडक पर आने लगा था लेकिन फिर भी मां बेटे के बदन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा था क्योंकि दोनों की जवानी की गर्मी पसीने के रूप में दोनों के माथे से टपक रही थी,,,,
sasanju or aradhna

केबिन में छोटा सा बल्ब जल रहा था जिससे केबिन के अंदर हो जाना था और इसीलिए संजू केबिन के चारों तरफ उसका स्विच ढूंढने लगा और तुरंत उसकी नजर एकदम कोने में लगी स्विच पर गई और उसे स्विच को देखते ही संजू के चेहरे पर प्रश्ननता के भाव नजर आने लगे और अगले ही पल वह तुरंत स्विच दबाकर केबिन में अंधेरा कर दिया यह देखकर आराधना के भी चेहरे पर मुस्कान करने लगी और अगले ही पल संजू बिना देर की अपनी मां को अपनी बाहों में लेकर उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने वाला दोनों फिर से एक दूसरे के अंगों को नोचने खरोंचने लगे तो में पूरी तरह से मदहोश हुए जा रहे थे,,,, देखते-देखते आराधना खुद अपने बेटे को पीठ के बल लिटा कर उसके जींस के पेंट की बटन को खोने लगी और देखते ही देखते उसे खींचकर घुटनों तक कर दी और अंधेरे में ही अपने बेटे के लंड को पकड़ कर ही लाना शुरू कर दी जो कि हाईवे पर स्ट्रीट लाइट के उजाले में कभी-कभी नजर आ जा रहा था अपने बेटे के मोटे लंड को अपनी हथेली में लेते ही आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ नहीं लग रही थी और चूत से काम रस टपक रहा था उसी से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और अंधेरे का फायदा उठाते हुए अपनी बड़ी बहन की मौजूदगी नहीं वह अपने लाल-लाल होठों को अपने बेटे के लंड पर रखकर उसे मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दी,,, पहली बार में ही आराधना जल्दबाजी दिखाते हुए अपने बेटे के लंड को पूरा गला तक लेकर चूसने लगी थी जिससे संजू के मुंह से आह निकल गई थी और संजू अपने मन में सोचने लगा कि अच्छा हुआ उसे बल्ब बंद करने की बटन मिल गई थी वरना इस तरह का आनंद उसकी मां चलती बस में कभी नहीं दे पाती और ना ही ले पाती संजू पागलों की तरह अपने दोनों हाथ को अपनी मां के सर पर रख कर उसे ऊपर नीचे करते हुए नीचे से अपनी कमर हिला रहा था वह पागल हुआ जा रहा था,,,,
Apne bete k lund ko sahlaati huyi arDhna

आराधना अपनी गरमा-गरम सिसकारी पर बेहद काबू किए हुए थी ताकि उसकी बहन जाग ना जाए,,, संजू एक तरफ अपनी मां के मुंह में लंड को अंदर बाहर करते हुए नीचे से कमर हिला रहा था और दूसरी तरफ अपने हाथ को अपनी मां की साड़ी में डालकर उसकी चूत के गुलाबी पतियों को अपनी उंगली में लेकर दबा रहा था जिससे आराधना पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी केबिन के अंदर इतनी जगह तो थी कि दोनों आराम से मजे ले सकते थे इसलिए अपने बेटे की हरकत से बेकाबू होकर हुआ तुरंत अपनी स्थिति को बदलते हुए अपने घुटनों के बल अपने बेटे की छाती के इर्द-गिर्द रख दी और वह अपनी बड़ी बड़ी गांड सहित अपनी गुलाबी चूत को अपने बेटे के मुंह पर रख दी,,,

और जैसे ही संजू अपनी मां की गुलाबी चूत को अपने होठों पर महसूस किया वैसे ही अपने होठों को खोल कर अपनी जीभ बाहर निकाल लिया और अपनी मां की गुलाबी चूत में प्रवेश कराकर उसे चाटना शुरू कर दिया संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूत को चाट रहा था और आराधना अपने बेटे के लंड को पूरी तरह से अपनी चूत के लायक बना रही थी,,,,,,, केबिन में पूरी तरह से अंधेरा छा चुका था कुछ भी नजर नहीं आ रहा था इसलिए दोनों पूरी तरह से निश्चिंत हो चुके थे कुछ देर तक दोनों इसी तरह से एक दूसरे को आने देते थे रहे लेकिन अब आराधना की चूत में चींटियां रेंग रही थी उसे अब अपने बेटे की जीभ नहीं अपने बेटे का लंड चाहिए था,,,,,,, इसलिए वह तुरंत अपनी बड़ी बड़ी गांड को अपने बेटे के मुंह पर से हटाई और स्थिति को बदलते हुए अपने घुटनों को अपने बेटे के कमर के इर्द-गिर्द रख दी और एक हाथ नीचे की तरफ ले जाकर अपने बेटे के लंड को पकड़ लिया और उसे अपनी गुलाबी चूत से सटाते हुए अपनी बड़ी बड़ी गांड का दबाव अपने बेटे के लंड पर बढ़ाने लगी देखते ही देखते संजू का मोटा तगड़ा लंबा लंड धीरे-धीरे करके आराधना की चूत की गहराई में घुसता चला जा रहा था और देखते ही देखते उसका समुचा लंड चूत की गहराई में खो गया,,,

दोनों किसी भी प्रकार की खुसरूपुर नहीं कर रहे थे क्योंकि उन्हें इस बात का डर था कि कहीं उनकी आवाज सुनकर साधना जागना जाए इसीलिए अपनी बहन को वह किसी भी तरह से जगाना नहीं चाहती थी और धीरे-धीरे अपनी बेटे के लंड पर उठक बैठक करना शुरू कर दी थी,,,, संजू को स्वर्ग का मजा प्राप्त हो रहा था अपनी मां की हरकत देखकर वह पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था और अपने दोनों हाथ को अपनी मां की चूची पर रख कर दबाना शुरू कर दिया था जो कि वह केबिन में आते ही अपनी मां के ब्लाउज को उसके बटन को पूरी तरह से खोद चुका था क्योंकि अब उसकी मौसी के देखे जाने का डर बिल्कुल भी नहीं था इसलिए पागलों की तरह अपनी मां की चूची दबाते हुए धीरे-धीरे नीचे से भी अपनी कमर को ऊपर की तरफ धक्के लगा रहा था,,,, आराधना बड़ी मुश्किल से अपनी सिसकारी को रोके हुए थी वह बार-बार अपना हाथ अपने मुंह पर लगा दे रहे थे ताकि उसके मुंह से आवाज नहीं निकल सके वह बड़ी मस्ती से अपने बेटे के लंड को सीधा अपनी चूत की गहराई में अपने बच्चेदानी तक ले ले रही थी,,,, इसीलिए तो उसकी मदहोशी बढ़ती जा रही थी और चलती हिलती दुलती बस में पूरा जोर लगा कर अपनी कमर उछाल रही थी अपनी गांड अपने बेटे के लंड पर पटक रही थी,,,,
ArDhna apne blouse ka button kholte huye

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तकरीबन अपनी बड़ी बहन की मौजूदगी में ही आधे घंटे की जबरदस्ती चुदाई के बाद वह अपने बेटे का भी पानी निकाल दी और फिर गहरी सांस लेते हुए अपने बेटे के लंड पर से नीचे उतरी और कुछ दिन तक उसी तरह से बैठी रही और फिर धीरे-धीरे अपने ब्लाउज के बटन बंद करने लगी और फिर अपने कपड़ों को दुरुस्त करके अपनी जगह पर लेट गई,,,, तब तक संजू भी अपने कपड़ों को ठीक कर लिया था और फिर केबिन के अंदर की लाइट को ऑन कर दिया था और एक बार फिर से केबिन के अंदर उजाला फैल गया था अपनी घड़ी में देखा तो रात के 3:00 बज रहे थे और वह मुस्कुराता हुआ अपनी मां के गाल पर चुंबन किया और फिर दोनों मां-बेटे गहरी नींद में सो गए सुबह जब आंख खुली तो सुबह के 6:00 बज रहे थे,,,।
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रोनी भाई आप तो इतना इंतजार नहीं करवाते थे, ओर अब तो बैलगाडी भी ख़तम हो गई, अब तो ज्यादा समय इस कहानी को दीजिये
 
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