संजू के साथ संबंध ना बन पाने के कारण मनीषा काफी गुस्से में थी वह कोशिश तो बहुत की थी लेकिन सफल नहीं हो पाई थी कोचिंग क्लास में भी और घर पर भी उसे ऐसा ही लग रहा था कि घर पर वह बेझिझक संजू के साथ अपनी जवानी की प्यास बुझा पाएगी भले ही उसकी मां घर में मौजूद थी तो क्या हुआ वह कमरे का दरवाजा बंद करके टेस्ट का पेपर तैयार करने का बहाना भर कर वह निश्चित रूप से बंद कमरे में संजू के साथ चुदाई का मजा लूट सकती थी लेकिन एन मौके पर ही उसके दरवाजे का लोक खराब हो गया था और इस कारण वह अंदर ही अंदर जल भून जा रही थी,,,, संजू भी किसी सूरत में मनीषा की चुदाई नहीं कर पाएगा इस बात को जानकर वह धीरे से बिस्तर पर से उठकर घर से बाहर निकल गया था दुख उसे भी हुआ था क्योंकि वह भी काफी उत्तेजित था मनीषा को लेकर क्योंकि बहुत दिनों बाद मनीषा के साथ संबंध बनाने का उसे मौका मिला था हालांकि है कोई आखिरी मौका नहीं था लेकिन इस समय दोनों का मन बहुत कर रहा था लेकिन दोनों संबंध बनाने में कामयाब नहीं हो पाए थे,,,,।
घर पहुंचने में संजू को थोड़ी देर हो गई थी लगभग 9:00 बज गए थे इसलिए उसकी मां और उसकी बहन दोनों चिंतित थे संजू को लेकर लेकिन दरवाजे पर दस्तक होते ही दोनों के चेहरे पर राहत भरी मुस्कान नजर आने लगी और मोहिनी जल्दी से उठकर दरवाजे को खोल दी तो सामने उसका भाई ही था मोहिनी कुछ बोलती इससे पहले ही आराधना बोल पड़ी,,,।
आज इतनी देर कहां लगा दीया ,,,
अरे आज वो अगले सप्ताह टेस्ट है ना उसकी तैयारी करने में देर हो गई,,,,(संजू कमरे में प्रवेश करता हुआ बोल और उसकी बात सुनकर उसकी मां बोली)
हम दोनों कब से तेरा इंतजार कर रहे हैं जल्दी से हाथ मुंह धो ले मैं खाना लगा देती हुं,,,,
ठीक है मम्मी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू हाथ पैर धोने लगा और आराधना खाना परोसने लगी और तीनों साथ में बैठकर खाना खाने लगे खाना खाते हुए संजू अपने मन में अपने परिवार को देखकर यही सोच रहा था कि उसके और उसके परिवार के बीच कितना खुलापन है कोई झिझक नहीं है कोई डर नहीं है जब चाहे तब वह किसी के साथ भी चुदाई का मजा लूट सकता है उसकी बहन के साथ और मां के साथ और फिर कभी-कभी दोनों के साथ ऐसा अक्सर होता आ रहा था इसलिए संजू अपने आप को बहुत ही भाग्यशाली समझ रहा था लेकिन आज जो कुछ भी मनीषा के घर पर हुआ था उसे देखकर वह अपने मन में यही सोच रहा था कि अगर जैसा उसके घर में सब कुछ खुलापन का वातावरण हो चुका है अगर मनीषा के घर में भी ऐसा हो जाए तो कितना मजा आए वह जब चाहे तब जाकर तभी मनीषा को तो कभी उसकी मां की चुदाई कर सकता है कभी दोनों की चुदाई कर सकता है और अपने मन में यह सोचकर और भी ज्यादा उत्साहित हो गया कि अगर ऐसा हो गया तो दोनों मां बेटी की एक ही बिस्तर पर लेने में बहुत मजा आएगा,,,, एक साथ दोनों मां बेटे की चुदाई करके दोनों की गरमा गरम सिसकारी को सुनने में कितना मजा आएगा जैसा कि वह रोज अपने घर में सुनता आ रहा था लेकिन यह होगा कैसे वह अपने मन में इन्हीं सबकी युक्ति सोच रहा था और यह सोचकर उत्साहित हो रहा था कि अगर किसी तरह से मनीषा मान जाए और मनीषा की आंखों के सामने वह उसकी मां की चुदाई करता हुआ मनीषा के हाथों पकड़ा जाए या फिर उसकी मां को मना कर कुछ ऐसा नाटक प्रस्तुत किया जाए जिसमें वह मनीषा की चुदाई कर रहा और उसकी मां अपनी आंखों से देख ले और फिर ऐसा संभव है कि फिर दोनों एक साथ चुदाई का मजा लूट सके और किसी का डर ना हो लेकिन यह सब होगा कैसे यही सोचकर वह थोड़ा परेशान नजर आ रहा था उसे इस तरह के ख्याल में डूबा हुआ देखकर आराधना बोली,,,,।)
क्या हुआ कहां खोया हुआ है,,,?
नहीं कुछ नहीं अपने मन में ही सवाल का जवाब ढूंढ रहा था,,,
मिला जवाब,,(भोजन का निवाला अपने मुंह में डालते हुए आराधना बोली,,,)
मिल जाएगा मुझे पूरा विश्वास है,,,,
(अभी यह सब बातचीत हो ही रही थी कि,,, बीच में मोहिनी बोल पड़ी,,,)
मम्मी आज से शुरुआत करें तीनों एक साथ सोने की बहुत मजा आएगा,,,,,(भोजन का निवाला मुंह में डालकर मोहिनी दोनों की तरफ देखते हुए बोली,,,)
मैं तो तैयार हूं वैसे भी मुझे तुम दोनों की एक साथ लेने में बहुत मजा आता है,,,,(संजू हाथ आगे बढ़कर अपनी मां की चूची को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाते हुए बोला,,, संजू की हरकत से आराधना थोड़ा चौक सी गई क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि संजू इस तरह की हरकत कर देगा लेकिन उसकी हरकत का अहसास होते ही आराधना के चेहरे पर मुस्कान तैरने लगी,,,, लेकिन संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) मम्मी की बड़ी-बड़ी गांड और तेरी छोटी छोटी गांड दोनों को एक साथ चोदने में बहुत मजा आता है,,,
मुझे भी भैया मां की चूत चाटने में बहुत मजा आता है मुझे तो पहले पता ही नहीं था की चूत चाटने में इतना मजा आता होगा तुम जब मेरी चूत चाटते थे मजा आता ही था लेकिन मुझे इस बात का एहसास नहीं होता था कि तुम्हें उतना ही मजा आ रहा होगा जितना कि मुझे मिल रहा था लेकिन जब मैं पहली बार मां की चूत को अपने होठों से लगे तो एकदम पागल हो गई और मुझे यकीन हो गया कि तुम्हें भी बहुत मजा आता होगा तभी तो तुम पागल हो जाते हो मेरी दोनों टांगों के बीच आने के लिए,,,,,
(भाई बहन एकदम खुले शब्दों में अपना अनुभव व्यक्त कर रहे थे यह देखकर आराधना मन ही मन मुस्कुरा रही थी और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू बोला)
मोहिनी को तो तुम्हारी चूत चाटने में मजा आता है लेकिन क्या तुम्हें भी मोहिनी की चूत चाटने में मजा आता है,,,,
क्यों नहीं,,,? आखिरकार चूत चाटने में दोनों को मजा आता है तो मुझे भी बहुत आता है खासकर के मोहिनी की चुची दबाते हुए मुंह में भरकर पीने में तो मुझे और भी ज्यादा मजा आता है,,,, सच कहूं तो मुझे मोहिनी की चूची बहुत अच्छी लगती है,,, छोटी-छोटी कश्मीरी सेव की तरह,,,,ऊमममममम,,,(ऐसा कहते हुए मन में ही सोचकर एकदम उत्तेजित हो गई और अपना एक हाथ बढ़ाकर मोहिनी की चूची को कुर्ती के ऊपर से ही दबा दी कहां पीछे हटने वाली थी वह भी तुरंत अपना हाथ आगे बढ़कर अपनी मां की चूची को ब्लाउज के ऊपर से दबाते हुए बोली)
मुझे तो मम्मी की चुची से बहुत मजा आता है,,,,
और मेरे लंड से,,,,
ओ भाई तेरा लंड तो गधा का लंड है,,, इतना मजा देता है कि पूछ मत क्यों मम्मी सच कह रही हु ना,,,,
हां तु सच कह रही है तेरे भाई का लंड इंसान का नहीं बल्कि गधा का हीं है,,,, और मोहिनी तेरे पापा का तो संजू से पतला और एकदम आधा ही था तू ही सोच भला ऐसे लंड से औरत को मजा मिल पाता भला,,,।
तुम सच कह रही हो मम्मी अब तो ऐसा लगता है कि अच्छा ही हुआ की पापा घर छोड़ कर चले गए हम लोगों को इतना मजा तो मिल रहा है और वैसे भी वह इस घर के लिए अब और तुम्हारे लिए किसी लायक नहीं थे,,,,
(मोहिनी के मुंह से इस तरह की बात सुनकर आराधना कुछ देर तक खामोश रही और फिर बोली)
सच कह रही है तू तेरे पापा इस घर के और मेरे लायक बिल्कुल भी नहीं थे अगर वह इस घर में होते तो शायद हम लोग जो इतना सुख भोग रहे हैं और आराम से जिंदगी जी रहे हैं शायद ऐसा मुमकिन न हो पाता,,,
हां मम्मी यह सच है जो कुछ भी होता है अच्छे के लिए होता है,,,, हम तीनों की किस्मत में इस तरह का सुख लिखा हुआ था इसलिए ऐसा हुआ,,,,
चलो ठीक है जल्दी से खाना खत्म करो बर्तन भी साफ करना है,,,,।
लेकिन आज से साथ में सोएंगे ना मम्मी,,,(मोहिनी बोली)
मन तो मेरा भी बहुत है लेकिन क्या करूं,,,, ऐसा हो नहीं पाएगा,,,(आराधना संजू और मोहिनी की तरफ देखते हुए बोली उसकी बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों आश्चर्य से अपनी मां की तरफ देखने लगे और मोहिनी बोली,,,)
लेकिन क्यों,,,?
क्योंकि आज से मेरा पीरियड शुरू हो गया है और कुछ दिन तक संभव नहीं है कि हम तीनों एक साथ मजा ले सकें,,,,।
(पीरियड वाली बात सुनकर संजू और मोहिनी दोनों का चेहरा उतर गया क्योंकि मोहिनी के साथ-साथ संजू का भी बहुत मन था दोनों की एक साथ चुदाई करने का लेकिन अपनी मां की बात सुनकर उसका अरमान पर पानी फिर गया था दोनों के उदास चेहरे देखकर आराधना दोनों को शांतव्ना देते हुए बोली,,,)
अरे तो क्या हो गया संजू तुम्हारे पास मोहिनी तो है ना जी भर कर उसकी चुदाई करो और मोहिनी तुम अपने भाई के साथ मजा लो ऐसा जीवन कहां मिलने वाला है,,,,
क्या मम्मी सुबह से सोच रही थी कि आज तुम्हारे साथ हम सब मिलकर मजा लेंगे और तुम,,,(मोहिनी थोड़ा उदास होते हुए बोली,,)
अरे यह सब मेरे बस में थोड़ी है यह तो सब प्राकृतिक है क्या मेरा मन नहीं कर रहा है मेरा भी मन बहुत कर रहा है लेकिन क्या करें,,,,(इतना कहते हुए आराधना खाना खाकर अपनी जगह से उठी और फिर सफाई में लग गई आज भी मोहिनी और संजू अपनी कमरे में मजा लूटते रहे,,,,)
दूसरे दिन संजू और मनीषा दोनों कॉलेज के रेस्टोरेंट में एक कोने में बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे मनीषा का मूड अभी भी खराब था वह कल की बात को लेकर थोड़ा गुस्सा भी थी और उसे शांत करने की कोशिश करते हुए संजू बोला,,,)
क्या मनीषा तुम भी बेवजह परेशान हो रही हो तुम तो ऐसा बर्ताव कर रही हो कि जैसे मौका मिलने वाला ही नहीं है,,,
तुम समझ नहीं रहे हो संजू कल मेरा बहुत मन था एक तो कई दिनों बाद तुमसे मिलना हुआ और उसमें भी,,,,, (थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए शांत हो गई उसकी बातें सुनकर संजू धीरे से अपना हाथ आगे बढ़कर टेबल पर उसकी हथेली को अपने हथेली में लेते हुए बोला)
तुम परेशान मत हो तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि तुम लंगड़ा कर चलोगी,,,,,(संजू किस बात को सुनकर तिरछी नजर से मनीषा संजू की तरफ देखने लगी और मुस्कुरा दी उसकी हंसी छूट गई,,,, उसको हंसना देखकर संजू भी मुस्कुराने लगा और बोला,,,)
तुम हंसते हुए ही बहुत अच्छी लगती हो,,, उदास चेहरा तुम पर बिल्कुल भी नहीं जंचता,,,,, मैं तो कहता हूं अच्छा ही होता अगर मौसी हम दोनों को देख लेती तो कम से कम पर्दा तो है जाता और हम दोनों जब चाहे तब आपस में मजा कर सकते थे ,,,,
(संजू की यह बात सुनते ही मनीषा थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए बोली)
अरे पागल हो गए हो क्या,,,? मम्मी अगर यह सब देख लेगी तो मुझे मार डालेगी,,,,
तुम भी मनीषा खामखा डरती हो तुम ही जरा दिमाग से सोचो अगर ऐसा हो जाए कि सच में हम दोनों को संबंध बनाते हुए मौसी देख ले तो फिर क्या होगा थोड़ा गुस्सा करेंगे तुम्हें मारेंगी मुझे भगा देंगे लेकिन उन्हें इतना तो पता चल जाएगा ना कि हम दोनों के बीच क्या चल रहा है और हम दोनों जब चाहे तब संबंध बना सकते हैं मैं तुम्हारे घर पर भी आकर तुम्हारी कमरे में संबंध बन सकता हूं तुम्हारी गांड मार सकता हूं यह सब जानते हुए भी मौसी कुछ नहीं कर पाएगी,,,,।
(संजू की बात सुनकर मनीषा को गुस्सा तो आ रहा था लेकिन कुछ देर तक वह सोचने के बाद बोली,,,)
तुम्हारा सपना सपना ही रह जाएगा ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है,,,,
क्यों नहीं हो सकता मनीषा जरा तुम दिमाग से सोचो अगर ऐसा हो गया तो फिर कितना मजा आएगा किसी से भी डरने की जरूरत नहीं है जैसा कि कल तुम्हारे मन की नहीं हो पाई वैसा बिलकुल भी नहीं होगा,,,(संजू किसी भी तरह से मनीषा को मनाना चाहता था वह मनीषा को मना कर दोनों मां बेटी के बीच की दूरी को खत्म कर देना चाहता था जैसा की साधना ने उसके और उसकी मां के बीच अपनी नजरिया में सारी दूरी खत्म कर दी थी संजू को इसका फायदा भी था अगर दोनों मां बेटी को एक दूसरे के बारे में पता चल जाता तो वह दोनों मां बेटी की एक साथ चुदाई करके आनंद लूट सकता था इसीलिए वह किसी भी तरह से मनीषा को मनाने का प्रयास कर रहा था,,,,)
नहीं नहीं मुझे तो सोच कर ही डर लगता है मैं और तुम एक साथ संबंध बनाते हुए अगर मां ने देख ली तो गजब हो जाएगा,,,,
कुछ गजब नहीं होगा मनीषा मैं जो कुछ भी कह रहा हूं उसके पीछे एक तर्क है और हकीकत भी तुम नहीं जानती कि मेरा दोस्त अपनी चाची के साथ संबंध बनाता है और तो और चाची की लड़की के साथ भी संबंध बनाया है और पता है यह सब कैसे हो गया,,,,
कैसे,,,?(मनीषा भी संजू की बात में दिलचस्पी लेते हुए बोली)
हुआ यू की मेरे दोस्त का संबंध उसकी चाची के साथ था,,, जोकि उसकी सगी चाची थी,,,, और उसकी भी जवान बेटी जैसा कि तुम,,, एक दिन शाम के समय जब उसकी मां खाना बना रही थी तभी मेरा दोस्त रसोई घर में गया और अपनी चाची को बाहों में जाकर उसकी साड़ी को कमर तक उठाकर उसकी चुदाई करना शुरू कर दिया उसकी चाची जानती थी कि शाम के समय उसका भतीजा इस तरह की हरकत करता है इसलिए वह चड्डी नहीं पहनती थी और उसकी किस्मत पहले तो खराब का लो क्योंकि इस समय उसकी बेटी ने सब कुछ अपनी आंखों से देख ली थी और हंगामा खड़ा कर दी थी हालांकि इस बात का पता परिवार के किसी सदस्य को नहीं चल पाया था और उसकी खुशकिस्मती कह लो कि उसके भतीजे ने अपनी सूझबूझ से उसकी लड़की को भी मना लिया उसकी चाची को तो मानना ही था क्योंकि अगर वह नहीं मानती तो उसकी बेटी अपने पापा को बता देती और फिर बदनामी हो जाती और इसी बदनामी के दर से उसकी मां भी खामोश रही और मेरा दोस्त अपनी ही चाचा की लड़की के साथ संबंध बना लिया और आज मेरा दोस्त एक साथ एक ही बिस्तर पर चाचा और उसकी लड़की दोनों की जमकर चुदाई करता है और दोनों खुश भी हैं,,,,।
(इस बात को सुनकर मनीषा की सांस ऊपर नीचे होने लगी लेकिन फिर वह बोली)
लेकिन तुम्हें कैसे मालूम,,,,?
मेरे दोस्त ने बताया और वह मेरा बहुत ही जिगरी और खास दोस्त है ,,, और वह मेरे से कुछ भी नहीं छुपा था उसने एक-एक शब्द मुझे बताया था और इसका सुबोध भी मुझे अपने घर ले जाकर दिया था और चोरी छुपे मुझे यह भी दिखाया था कि वह किस तरह से दोनों के साथ संबंध बनाता है कसम से यह देखकर तो मेरी हालत खराब हो गई थी,,,,, मेरा दोस्त एक ही बिस्तर पर मां बेटी दोनों को नंगी करके बारी-बारी से ले रहा था ,,, सच में वह दृश्य बहुत ही गरम था,,,।
(संजू अपनी बनी बनाई बात से मनीषा को लाइन पर लाना चाहता था अपना उल्लू सीधा करना चाहता था मनीषा भी उसकी बात सुनकर पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी लेकिन फिर थोड़ी देर बाद बोली)
नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो सकता तुम्हारे दोस्त की चाची थी जिसको चुदवाते हुए उसकी बेटी ने देखी थी लेकिन यहां तो मैं हूं अगर मेरी मां देख लेगी तो जान ले लेगी,,,,
(मनीषा की बात सुनकर संजू को ऐसा एहसास हो रहा था कि वह भी अपने मन में यही चाह रही थी कि उसकी भी जिंदगी उसके दोस्त की चाची और उसकी बेटी की तरह हो जाए लेकिन अंदर ही अंदर डर रही थी और उसके इसी डर को दूर करने के लिए कुछ सोचने के बाद संजू बोला,,,)
तुम पागल हो मनीषा मौसी यह सब देखकर तुम्हारी जान नहीं लेंगी बल्कि गर्म हो जाएंगी,,,,
क्या बकवास कर रहे हो,,,, मेरी मां बहुत ही सख्त है,,,,
लेकिन तुम्हारी मां मेरी मौसी भी है तुम अपनी मां के बारे में बहुत कुछ जानती होगी लेकिन कुछ बातें तुम भी नहीं जानतीं,,,,
मैं कुछ समझी नहीं तुम क्या कहना चाह रहे हो,,,,
तुम्हें विश्वास नहीं होगा लेकिन मनीषा जो कुछ भी मैं तुम्हें बताने जा रहा हूं वह एकदम सच है मैं एक दिन तुम्हारे घर गया था दोपहर में रजा के दिन मुझे लगा कि तुम घर पर होगी,,,, घर पर पहुंचा तो दरवाजा हल्का सा खुला हुआ था मैं बिना कुछ बोले घर में प्रवेश कर गया लेकिन कोई दिखाई नहीं दे रहा था तो मैं अंदर की तरफ बढ़ गया और मैं जैसे ही किचन की तरफ आगे बढ़ा अंदर से अजीब अजीब सी आवाज आने लगी मैं एकदम से घबरा गया और वही दीवार से सेट कर खड़ा हो गया और चोरी से अंदर की तरफ देखा तो अंदर का नजारा देखकर मेरा होश उड़ गया,,,,।
(संजू की बात सुनकर मनीष कभी दिल जोरो से धड़कने लगा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि संजू क्या बोलने वाला है लेकिन इतना तो समझ में आई गया था कि जो कुछ भी वह बताने जा रहा है वह शम नाक है,,,, इसलिए वह दबे श्वर में बोली,,,)
कैसा नजारा,,,?
मनीषा कसम से बना चेहरा देखकर तो मैं झूठ नहीं बोलूंगा मेरा तो उस समय पूरा लंड खड़ा हो गया था,,,
लेकिन बताओगे क्या देख लिए थे,,,!(मनीषा भी काफी उत्सुक नजर आ रही थी संजू से सुनने के लिए कि आखिरकार उसने क्या देख लिया था संजू तो बनी बनाई बात बता रहा था ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था लेकिन यह सब कुछ नाटक वह मनीषा को राजी करने के लिए बता रहा था वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)
मनीषा मैंने देखा कि तुम्हारी मां किचन की दीवार से सेट कर खड़ी थी और उनकी साड़ी कमर तक उठी हुई थी और उनकी चड्डी उनके घुटनों में फंसी हुई थी वह अपनी दोनों टांगों को खोलकर हाथ में मोटी सी ककड़ी लेकर अपनी चूत में डालकर अंदर बाहर कर रही थी,,,, वह इतनी ज्यादा मदहोश हो गई थी कि उनकी आंखें बंद थी मैं कुछ देर खड़ा होकर उसे गरमा गरम नजारे को देखता रह गया कसम से उसे समय मेरा मन बहुत कर रहा था की रसोई घर में चला जाऊं और उसे ककड़ी की जगह मौसी की चूत में अपना लंड डाल दुं,,,,
क्या कह रहे हो संजू,,,(एकदम आश्चर्य से हैरान होते हुए मनीष बोली)
मैं एकदम सच कह रहा हूं मनीषा मैं यह सब बताना नहीं चाहता था लेकिन कल रात जो कुछ भी हुआ उसे देखने के बाद मेरे मन में यही ख्याल आया कि अगर इसमें मौसी भी शामिल हो जाती या उन्हें सब कुछ पता चल जाता तो शायद कल रात को तुम प्यासी ना रह जाती,,,,
मम्मी ऐसा कर सकती है मैं कभी सोच भी नहीं सकती,,,,
कसम से मनीषा उसे दिन तो वह सब देख कर मैं अपना इरादा बना लिया था कि किचन में जाकर मौसी की चुदाई कर दो और उसे समय सच कहूं तो मौसी मन भी जाती क्योंकि वह पूरी तरह से चुदवासी थी बस उन्हें सिर्फ मेरा लंड दिखाने की दे रही थी वह मेरे लंड के लिए अपनी टांग खोल देती,,,,
नहीं नहीं संजू ऐसा नहीं हो सकता मम्मी ऐसा नहीं कर सकती,,,,
क्यों नहीं हो सकता मनीषा एक औरत होते हुए भी तुम औरतों के मन को नहीं समझ पा रही हो आखिरकार मौसी बुढी नहीं हो गई है अभी भी उनके बदन में जवानी बरकरार है उनका बदन कितना कसा हुआ है जानती हो,,, मैंने देखा था उसे दिन मोती-मोती चिकनी जांघें केले के तने की तरह एकदम मजबूत,,, और उनकी चूत एकदम चिकनी गुलाबी देखकर ही मेरे मुंह में पानी आ गया था तुम जरा सोचो जब मौसी कोई हालत में देख कर एक जवान लड़के का लंड खड़ा हो सकता है तो क्या तुम्हें मौसी बुढी लगती है,,,
लेकिन यह कैसे हो सकता है,,,, मैं मम्मी के बारे में कभी इस तरह से सोच भी नहीं सकती थी,,,(मनीषा हैरान होते हुए बोली)
तुम पागल हो मनीषा एक औरत होते हुए भी औरत को नहीं समझ पा रही हो आखिरकार मौसी भी जवान है उनके भी अरमान है उनके भी बदन की कुछ ज़रूरतें हैं और मौसा जी को देखकर मुझे नहीं लगता की मौसी की जरूरत को मौसा जी पूरा कर सकते हैं होंगे और जरा इतना तो सोचो मौसी संस्कारी भी हैं भले ही उसे दिन अपने हाथों से अपनी प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थी वह चाहती तो बाहर भी किसी दूसरे के साथ संबंध बना सकती थी और उनके एक ईशारे पर उनके साथ चुदाई करने के लिए बहुत से लड़के तैयार हो सकते थे,,,, क्या तुम्हें नहीं लगता की मौसा जी मौसी की इच्छा को पूरी नहीं कर पाते होंगे देखते नहीं हो दिन भर तो बैठे रहते हैं और तुम तभी कितनी बाहर निकली हुई है मुझे नहीं लगता की मौसा जी का खड़ा भी होता होगा,,,
संजू,,,,(संजू की बात सुनकर थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए मनीष बोली)
मैं तो कहता हूं मनीषा इस खेल में मौसी को भी शामिल कर लेते हैं बहुत मजा आएगा उनकी भी इच्छा पूरी हो जाएगी और तुम्हारी भी झिझक खत्म हो जाएगी और जब चाहे तब अपने दोनों चुदाई का मजा लूट सकते हैं,,,,,(संजू की बात सुनकर मनीषा तिरछी नजर से उसकी तरफ देख रही थी वह थोड़ा गुस्सा भी कर रही थी और उसे गुस्से में देख कर संजू बोला) तुम समझ नहीं पा रही हो मनीषा तुम इस तरह से अपनी मम्मी की मदद कर सकोगी वरना किसी दिन अगर जवानी का तूफान उनके दिमाग से बाहर हो गया तो बाहर जाकर संबंध बना लेंगे और फिर ऐसे में बदनामी होने का भी डर रहेगा सब कुछ तुम्हारे हाथ में है अगर तुम चाहो तो सब कुछ हो सकता है,,,,
(संजू की बात सुनकर मनीषा भी मन ही मन तैयार होने लगी थी वह भी अपनी मां के बारे में सुनकर अपनी मां के प्रति थोड़ा सा नरम हो गई थी एक औरत होने के नाते उसे भी इस बात का अंदाजा था कि एक औरत के मन में कैसी प्रतिक्रिया होती है जब उसकी प्यास नहीं बुझ पाती जैसा कि कल रात उसके साथ हुआ था,,, कुछ देर तक सोचने के बाद वह धीरे से बोली,,,)
लेकिन यह सब होगा कैसे,,,!(मनीषा के चेहरे पर आशा की किरण साफ नजर आ रही थी लेकिन वह समझ नहीं पा रही थी कि अगर यह सब होगा तो होगा कैसे संजू मनीषा के इस प्रश्न पर मन ही मन प्रसन्न होने लगा क्योंकि वह अपनी चालाकी से मनीषा को लाइन पर ला चुका था और वह बोला,,,)
तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो सब कुछ मैं सही कर दूंगा,,,, बस इस रविवार को छुट्टी के दिन देखना सब कुछ सही हो जाएगा,,
लेकिन अगर मम्मी तुम्हारी हरकत से गुस्सा हो गई तो गजब भी हो जाएगा,,,
ऐसा कुछ भी नहीं होगा मनीषा,,, मौसी की उसे दिन की चाहत और प्यास देखकर मुझे पूरा यकीन है कि मेरे लंड को देखकर मौसी की चूत पानी छोड़ देगी,,,
(संजू की बात सुनकर शर्म के मारे मनीषा का चेहरा लाल हो गया और होता भी क्यों नहीं क्योंकि वह उसकी मम्मी के बारे में ही बात कर रहा था फिर दोनों फुटकर वहां से चले गए)