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Incest मजबूरी या जरूरत

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Awesome update
 
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Enjoywuth

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Bahut door ki chal chali hai sanju ne.. Yah toh sab khatam ya sab ek sath.. Phir maje he maje
 
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Herry

Prince_Darkness
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Update please
 
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VijayD

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संजू की खुशी का ठिकाना ना था आखिरकार उसने अपनी बातों से बहला कर अपनी मां को अपनी बात मनवाने पर मना ही लिया था और उसकी मां की संजू की बात मानते हुए कमरे में चली गई थी लेकिन इस डर से कि कहीं संजू उसके पीछे पीछे ना जाए वह तुरंत दरवाजा को बंद कर ली थी,,,, बाहर खड़ा संजू पूरी तरह से उत्तेजित हो चुका था जिस तरह से उसने आज अपनी मां की चूत की फांकों के बीच अपना अंगूठा रखकर दबाया था वह पल संजू के लिए बेहद अविस्मरणीय और अतुलनीय था इस पल को वह कभी अपनी जिंदगी में नहीं पहुंच सकता था,,,, कुछ ही क्षण का यह दृश्य और उसकी हरकत पूरी तरह से संजू के तन बदन में आग लगा गई थी,,,, आज संजू बेहद करीब से अपनी मां की चूत के दर्शन किया था और वह भी आधी,,, आधी चूत की खूबसूरती से आज पहली बार वह वाकिफ हुआ था,,, अपनी मां की आधी चूत की खूबसूरती उसे आधे चांद की तरह लग रही थी,,,, जो कि हकीकत भी था मर्दों के लिए हमेशा से औरतों की चूत चांद से कम नहीं होती जितनी खूबसूरत मर्दों के औरत का चेहरा लगता था उससे कई ज्यादा खूबसूरत मर्द को औरत की चूत लगती थी,,,,


अपनी मां की चूत के बारे में सोच कर संजू का लंड अभी भी पूरी तरह से टनटनाया हुआ था,,,, संजू की उंगली से अभी भी उसकी मां की चूत के काम रस की मादक खुशबू अभी भी आ रही थी जिसे बार-बार संजू अपने अंगूठे को अपने नाक से लगा उसकी मादकता भरी खुशबू को अपने नथुनों के द्वारा अपने पूरे वजूद में उतार रहा था,,,,, संजू का रोम-रोम पुलकित हुआ जा रहा था अपनी मां की गदराई चूत की तुलना में उसे और किसी की भी चूत उतनी रसभरी नहीं लग रही थी जितना कि उसकी मां की चूत लग रही थी,,, संजू कुर्सी पर बैठकर अपनी मां की चूत के बारे में सोच रहा था उसकी गुलाबी पत्तियां ऐसा लग रहा था कि जैसे मानो अभी-अभी ताजा खीले हो,,, चूत के होठ एकदम मोटे मोटे थे एकदम रस से भरे हुए जिसे संजू अपने होठों से लगाकर उसका रसपान करना चाहता था,,,,, चूत एकदम चिकनी थी जो कि अपनी चिकनाहट के कारण और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी संजू अपने मन में ही सोच रहा था कि उसकी मां एक-दो दिन के अंतराल में ही अपनी चूत पर क्रीम लगाकर साफ की है तभी तो चूत इतनी मक्खन की तरह चिकनी थी,,,, संजू अपने मन में सोच रहा था कि उसका बाप कितना किस्मत वाला है जो उसे इतनी खूबसूरत चूत चोदने को मिलती थी लेकिन साला एकदम गांडू निकला कितनी खूबसूरत औरत इतनी अच्छी माल को छोड़कर बाजारू औरतों के पीछे घूम रहा है,,,, अपनी मां को माल के रूप में सोचकर संजू के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि अगर उसकी मां किसी के प्रेम में पड़ जाए तो वह आदमी उसकी मां को माल कहकर ही संबोधित करेगा और अपने दोस्तों में इतनी खूबसूरत माल पाकर उसके बारे में गंदी गंदी बातें करके खुशी और गर्व से फूला नहीं समाएगा,,,,,, संजू अपने मन में यही सोच रहा था कि सही मायने में उसकी मां एक बेहतरीन किस्म की माल ही है जिसे पाकर दुनिया का कोई भी मर्द गर्व का अनुभव करेगा और यह अनुभव किसी और को लेने देना नहीं चाहता था संजू यही चाहता था कि उसकी मां किसी और के बस में हो जाए इससे पहले वह अपनी मां पर उसकी खूबसूरत रस से भरी जवानी पर काबू पा लेगा और फिर उसे किसी और के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी,,,,, यही सोचकर वह पेंट के ऊपर से कुर्सी पर बैठा बैठा अपने लंड को दबा रहा था और अंदर आराधना शर्म से पानी पानी में जा रही थी अपने बेटे की हरकत पर उसकी चूत कचोरी की तरफ फूल चुकी थी क्योंकि वह कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसका बेटा उसकी चूत को स्पर्श कर लेगा,,,, लेकिन इस बात से वह इनकार भी नहीं कर पा रही थी कि उसके बेटे को स्पर्श में एक जादू था एक आकर्षण था जिसका स्पर्श पाकर उसकी चूत मैं गरम लावा का उबाल पैदा हो रहा था अंदर ही अंदर चूत की दीवारें रिस रही थी,,,,,, जिसका मचा हुआ अभी ले रही थी उसके बदन में अभी भी सिहरन सी दौड़ रही थी उसका पूरा बदन कसमसा रहा था अपने बेटे की हरकत बार-बार उसकी आंखों के सामने नाच उठती थी जब वह अपना अंगूठा उसकी चूत पर रखकर कब आया था उस पल को याद करके अभी भी आराधना की चूत से काम रस की बूंद टपक रही थी,,,, अपने बेटे की जीत पर उसे गुस्सा भी आ रहा था और प्यार भी आ रहा था इस बात का एहसास उसे अच्छी तरह से हो रहा था कि उसका बेटा उसकी खूबसूरती है उसकी खूबसूरत बदन का दीवाना हो चुका था और एक नौजवान लड़के को इस तरह से अपने पीछे दीवाना होता देखकर वह मन ही मन अपने बदन की बनावट पर अपने स्वस्थ बदन पर गर्व कर रही थी,,,,, उसे इस बात का भी गर्व हो रहा था कि अभी भी वह किसी का भी लंड खड़ा करने में पूरी तरह से सक्षम है इस बात को सोचकर वह अपने बेटे के पेंट में बने तंबू के बारे में सोच रही थी और तब्बू के अंदर छिपे हथियार के बारे में सोचते ही उसकी आंखों के सामने वह रात वाला दृश्य घूमने लगा जब वह अनजाने में ही अपने बेटे को अपनी बड़ी दीदी की चुदाई करते हुए देखी थी उसका हर एक धक्का आराधना को अभी तक अंदर तक सिहरन पैदा कर दे रहा था,,,, आराधना कुछ देर तक अपने कमरे में खड़ी होकर अपने बेटे के बारे में सोच रही थी उसकी हरकत के बारे में सोच कर उत्तेजित हो जा रही थी फिर धीरे से अलमारी की तरफ गई और अलमारी खोलकर उस दिन मॉल में से खरीद कर लाई हूं चड्डी और ब्रा का पैकेट खोलने लगी,, थेली को खोलते समय आराधना अपने मन में यही सोच रही थी कि यह कैसी जिद है अपनी ही मां को पेंटी और ब्रा में देखना चाहता है,,, आखिरकार मुझे ब्रा और पेंटी में देखकर उसे क्या मिलेगा,,,, अपने मन में यही सोचते हुए मॉल में से लाई हुई पेंटी और ब्रा को निकालकर अपने हाथ में लेकर देखने लगी उसकी खूबसूरती उसकी मुलायम पन का अहसास खुद उसके तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था अपनी ब्रा और पेंटी को देखकर आराधना अपने ही मन में कहने लगी,,,, नहीं औरतों को इस तरह के लिबास में देखकर मर्दों की हालत खराब हो जाती है,,,,,, इस बारे में सोच कर चाहा वह अपने बेटे की हरकत उसकी चाहत से हैरान और परेशान थी वहीं दूसरी तरफ अंदर ही अंदर ना जाने क्यों खुश भी हो रही थी,,, मॉल से लाई हुई वह पेंटी और ब्रा को अपने हाथों में लेकर देख रही थी तभी उसके हाथ में जालीदार पेंटी और ब्रा आ गई जिसको देखने पर ही उसकी आंखों में शर्म उतर आई थी अपने मन में सोचने लगी कि इसे पहनने के बाद भी छुपाने लायक कुछ भी नहीं रहता,,, चूत को छुपाने के लिए जो कपड़ा होता है वह पूरी तरह से जालीदार था जिसमें से उसकी गुलाबी चूत की गुलाबी पत्तियों सहित पूरा भूगोल साफ-साफ नजर आता अगर आराधना उसे पहन ले तो और पीछे केवल एक लेस थी जो कि गोल-गोल गांड की दरार में जीते हुए कमर के बीचोबीच आकर खत्म हो जाती थी इस तरह की पेंटी आज तक आराधना में नहीं पहनी थी और ना ही इसके बारे में कभी सोची ही थी लेकिन अपने बेटे के द्वारा खरीद कर लाने पर वह अनजाने में उसे पहनने के बाद की कल्पना करने लगी थी के इस पेंटी और ब्रा को पहनने के बाद वह कैसी लगेगी उसे इतना तो पूरी तरह से आत्मविश्वास ताकि वह बहुत खूबसूरत थी अगर खूबसूरत ना होती तो उसका जवान बेटा इस कदर उसके पीछे ना पडा होता और जालीदार पेंटी और ब्रा पहनने के बाद तो वह अपने बेटे पर पूरी तरह से कहर ढाएगी,,,,,, क्योंकि इसे पहन लेने के बाद भी उसके बेटे से उसके खूबसूरत बेशकीमती अंग छुप नहीं पाएंगे,,, उसे देखते ही जरूरत के बेटे के मुंह में पानी आ जाएगा इस बात का ख्याल उसके मन में आते ही उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी लेकिन इस समय वहां जालीदार ब्रा और पेंटी पहनने का जोखम बिल्कुल भी नहीं रह सकती थी इसलिए वह दूसरी ब्रा और पेंटी को लेकर बाकी की अलमारी में रखकर अलमारी को बंद कर दी,,,, और बेटी को अपने हाथ में लेकर इधर-उधर करके उसकी बनावट को उसके मुलायम कपड़े को देख कर उसे पहनने के बाद आरामदायक महसूस करने का एहसास उसके चेहरे पर हो रहा था वह साड़ी को अपने दोनों हाथों से पकड़कर थोड़ा सा ऊपर उठाई और नीचे झुक कर पेंटिं के एक हिस्से में अपने पैर को डालने लगी,,, और पैर को उस में डालते हुए यह सोचने लगी कि अब वह अपने बेटे को कैसे अपनी पहनी हुई ब्रा और पेंटी दिखाएगी क्या फिर से उसे अपनी साड़ी ऊपर उठा कर दिखाना पड़ेगा ऐसा किए बिना तो उसका बेटा देख नहीं पाएगा एक ख्याल मन में आते हैं उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठने लगी और यही सोचते हुए अपने दूसरे पर को भी उठा कर उस पेंटी के दूसरे हिस्से में डाल दिया और उसे धीरे से नाजुक उंगलियों का सहारा देकर ऊपर की तरफ खींचने लगी देखते ही देखते आराधना पेंटी को अपनी कमर तक खींचकर अपनी गुलाबी चूत को उस में छुपा ली,,,,,, पेंटी पहनने के बाद उसके आरामदायक पन का एहसास उसे हो रहा था नरम नरम मुलायम कपड़ा उसकी गुलाबी और मुलायम चूत को अपनी आगोश में लेकर उसे और ज्यादा आराम दे रही थी इसका अहसास होते ही उसके होठों पर मुस्कान तैरने लगी और वह अपनी पहनी हुई नई पेंटी को देखने के लिए आईने के सामने जाकर खड़ी हो गई वह उसी स्थिति में थी साड़ी को कमर तक उठाए हुए और वह अपनी पेंटी को देख रही थी गोल गोल घूम कर पीछे नजर करके वह अपने नितंबों पर पेंटिं के कसाव को देख रही थी और वाकई में उसकी गोल-गोल गांड चांद की तरह नजर आ रही थी,,,,
Aradhna panty try karti huyi



अपनी गोल-गोल गांड को देख कर उसे अपने बेटे की कही बात याद आ गई वह उसकी आधी चूत को आधा चंद्रमा का उपमा दे रहा था और इसीलिए आराधना अपने मन में सोचने लगी कि उसकी गोल-गोल गांड को देखकर तब तो उसका बेटा उसे थोड़ा कक्षा में खिला हुआ चांद का उपमा उसकी गांड को देगा यह सोचकर उसके होठों पर मुस्कान आ जाए और वह तुरंत साड़ी को नीचे करके कंधे पर से अपनी साड़ी को हटा दी और ब्लाउज का बटन खोलने लगी अपने ब्लाउज के बटन को खोलते समय आईने में देखते हैं ना जाने क्यों उसके मन में यह ख्याल आने लगा कि काश अपने हाथों से उसका बेटा उसके ब्लाउज का बटन खोलता तो कितना अच्छा होता यह सोचकर उसके तन बदन में आग लगने लगी और वह देखते ही देखते अपने ब्लाउज के सारे बटन को खोलकर ब्लाउज को उतार कर एक तरफ रख दी और नई ब्रा को अपने हाथ में लेकर उलट-पुलट कर देखने लगी साथ ही आईने में अपनी गोल-गोल चुचियों को देखकर मन ही मन खुश हो रही थी वाकई में 2 जवान बच्चों की मां होने के बावजूद भी चुचियों का कसाव बरकरार था ,,चुचीया एकदम कसी हुई थी,,,, और अपनी कसी हुई चूची को देखकर अपने मन में सोचने लगी तभी तो उसका बेटा पागल हुआ जा रहा है,,,,,।



थोड़ी ही देर में आराधना ब्रा को पहनकर अपनी लाजवाब चूची को उस में छुपा ली और ब्लाउज पहनकर साड़ी को दुरुस्त कर ले अब अपने बेटे को यह बताने में उसे शर्म महसूस हो रही थी कि वह ब्रा और पेंटी पहन चुकी है उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने बेटे से कैसे बताएं की उसकी लाई हुई ब्रा और पेंटी वह पहन चुकी है आखिरकार ऐसी कौन सी मां होगी जो अपने ही बेटे को ऐसी कौन सी मां होगी जो बताएगी कि मैं तेरी लाई हुई ब्रा और पेंटी पहन ली हूं तुझे देखना है तो आजा,,,, यह सोचकर उसके बदन मे कसमसाहट बढ़ती जा रही थी,,, उसका दिल जोरो से धड़क रहा था सांसों की गति तेज होती जा रही थी बाहर खड़ा संजू पूरी तरह से व्याकुल था अपनी मां को एक नए लिबास में देखने के लिए,,,,, आराधना दरवाजे की तरफ ही देख रही थी किसी भी वक्त उसका बेटा दरवाजे पर दस्तक दे सकता था बाहर खड़ा संजू व्याकुलता की सारी सीमाओं को पार कर चुका था उससे बिल्कुल भी सब्र नहीं हो रहा था तो वह एक हाथ से पैंट के ऊपर से ही अपने लंड को दबाए हुए वह आगे बढ़ा दरवाजे पर दस्तक देते हुए बोला,,,।

क्या हुआ मम्मी पहन ली कि नहीं,,,,

(दरवाजे की दस्तक और अपने बेटे की आवाज सुनते हैं आराधना का दिल धक से करके रह गया,,,, वह क्या जवाब दे उसे समझ में नहीं आ रहा था शर्म और उत्तेजना के मारे उसके बदन में कपकपी हो रही थी,,,, वह दरवाजे पर ही टकटकी लगाए देख रही थी,,,, अंदर से किसी भी प्रकार की हलचल होता ना देखकर संजू फिर से दरवाजे पर दस्तक देते हुए बोला,,,।)

क्या हुआ मम्मी तुम कुछ बोल क्यों नहीं रही हो,,,
(बाहर खड़े संजू की भी व्याकुलता बढ़ती जा रही थी वह बेहद उत्सुक था अपनी मां को ब्रा और पेंटी में देखने के लिए और कमरे के अंदर आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था तो कुछ समझ नहीं पा रही थी लेकिन वह समझ गई थी कि उसका बेटा अपनी जिद पूरी करके ही रहेगा इसलिए मैं धीरे से आगे बढ़ी और दरवाजे की सीटकनी को खोल कर वापस आकर बिस्तर पर बैठ गई दरवाजे की सीटकनी की आवाज सुनकर संजू समझ गया कि उसकी मां दरवाजा खोल दिए और वह तुरंत दरवाजे को दोनों हाथ से धक्का मार कर खोल दिया तो देखा उसकी मां बिस्तर पर एक नवी नवेली दुल्हन की तरह शर्मा कर बैठी हुई थी,,,, अपनी मां को इस रूप में देखकर संजू का लंड उबाल मारने लगा जवानी जोर मारने लगी और वो धीरे से आगे बढ़े लेकिन आगे बढ़ने से पहले वह दरवाजा को अपने हाथों से बंद करके सीटकनी लगा दिया अपने बेटे के द्वारा दरवाजा बंद करना और सिटकिनी लगाना यह सब आराधना को शर्मसार कर रहा था वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी उसे ऐसा एहसास हो रहा था कि जैसे उसका प्रेमी या पति उसके साथ संभोग करने के लिए दरवाजा बंद कर रहा है,,,, इस अहसास से आराधना की चूत पानी छोड़ने लगी वह अपनी जगह पर बैठे-बैठे कसमसाने लगी,,,,,।


संजू धीरे-धीरे चलती है ठीक है अपनी मां के सामने जाकर खड़ा हो गया और उसके कंधे पर अपने हाथ रखते हुए बोला,,,।

यह क्या मम्मी तुम तो साड़ी पहनी हो मैं ऐसा थोड़ी कहा था मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी पहनने के लिए बोला था,,,,,,
(एक तो ऐसे माहौल में अपने बेटे की हथेली को अपने कंधों पर महसूस करके ही एकदम से सिकुड़ने लगी थी और ऊपर से उसकी फरमाइश को सुनकर उसके तन बदन में अजीब सी हलचल होने लगी थी वह अपनी कंपकपाते होठो से बोली,,,,)

केवल ब्रा और पेंटी में मुझे शर्म आ रही थी,,,,

शर्माते हुए तो तुम और भी खूबसूरत लगती हो,,,,, लाओ मैं बताता हूं कैसे,,,।(इतना कहने के साथ ही संजु अपनी मां के कंधों को पकड़कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा उसके साथ क्या करने वाला है लेकिन फिर भी एक अजीब से आकर्षण के तहत वह अपने बेटे की बात मानते हुए खड़ी हो गई,,,,,, और संजू अपनी मां को बिस्तर पर से खड़ी करके एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया यह एहसास आराधना के लिए काटो तो खून नहीं इस तरह की स्थिति पैदा कर रहा था वह बर्फ की तरह जमने लगी थी अपने बेटे की हथेली को अपनी चिकनी कमर पर महसूस करते हैं उसके तन बदन में लहू का दौरा एकदम से रुक सा गया था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी आज तो पूरी तरह से लगता था अपनी मनमानी करने पर उतर आया था वह अपनी मां के कमर में हाथ डाले हुए ही उसे ठीक आईने के सामने ले जा करके खड़ी कर दिया और अगले ही पल उसके पीछे एकदम से उससे सेट कर खड़ा हो गया पैंट में तंबू सीधे-सीधे आराधना की गांड पर रखा था अपने बेटे के लंड़ कों जो की पेंट के अंदर था फिर भी उसके इस पर से‌ वह पूरी तरह से गरमा चुकी थी,,, पल भर में ही आराधना की सबसे बड़ी तेजी से चलने लगी वह अपने आप को संभालने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं हुई संजू आईने में अपने आप को और अपनी मां को देखकर मंद मंद मुस्कुरा रहा था और आराधना आईने में अपने आप से नजर मिलाने में शर्म आ रही थी इसलिए अपनी नजरों को नीचे झुका ली थी,,,,,, बार-बार उसके मन में ख्याल आ रहा था कि अपने बेटे को यहीं रोक दे लेकिन अपने पति की बेवफाई के चलते वहां ऐसा करने में असमर्थ महसूस कर रही थी एक तरह से अपने पति से बदला लेना चाहती थी लेकिन यह नहीं जानती थी कि अपने पति से लिया गया बदला उसके और उसके बेटे के बीच के पवित्र रिश्ते को तार-तार कर देगा इस बात का ख्याल उसके दिलो-दिमाग पर बिल्कुल नहीं आ रहा था मां बेटे दोनों के सर पर मदहोशी छाई हुई थी,,,,, संजू अपनी मां के गर्दन पर अपनी थोड़ी रखते हुए मुस्कुराते हुए अपनी मां से बोला,,,)


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आंखें खोलो मम्मी देखो तो कितनी खूबसूरत लग रही हो आसमान से उतरी हुई परी लग रही हो,,,,
( आराधना अपनी आंखों को खोना नहीं चाहती थी वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी लेकिन अपने बेटे की आवाज में उसकी बातों में एक अजीब सा जादू था जिसके चलते वह अपनी आंखों को खोलने में मजबूर हो गई और आंखें खोलकर आईने में अपनी परछाई को देखने लगे जोकि वाकई में इस समय बहुत ही खूबसूरत लग रही थी उसका बेटा उसे बिल्कुल सटके खड़ा था आराधना की गांड पर संजू के लंड की ठोकर बार-बार लग रही थी जिससे वह अपने बदन में उत्तेजना का अनुभव कर रही थी,,,, संजू अपनी मां की उत्तेजना बढाते हुए उसके कान के नीचले पट्टे पर अपनी नाक रखकर जोर से अपनी मां के बदन से उठने माता खुशबू को अपने अंदर उतारने लगा और उसकी यह हरकत आराधना की चूत से उसके काम रस को बुंद बनाकर टपकाने लगी,,,, आराधना पूरी तरह से उत्तेजित हो जा रही थी संजू की हर एक हरकत उसके लिए असहनीय साबित हो रही थी,,,। आराधना इस तरह के मादकता भरे दौर से कभी नहीं गुजरी थी संजू की हरकतें धीरे-धीरे बढ़ रही थी और ना जाने क्यों उम्र के इस दौर पर पहुंचने के बावजूद भी आराधना अनाड़ी और संजू खिलाड़ी साबित होता जा रहा था,,,,, उसी तरह से गहरी सांस लेते हुए संजू आईने में देखते हुए बोला)



देख रही हो मम्मी तुम कितनी खूबसूरत लग रही हो तुम्हारे सामने तो जवान लड़कियां भी पानी भरे इसीलिए तो मैं तुम्हारी खूबसूरती का दीवाना हूं,,,,(संजू समझ गया था कि उसकी चिकनी चुपड़ी बातों में उसकी मां पूरी तरह से आ चुकी थी वरना इस तरह से उसकी बात मानते हुए ब्रा और पैंटी पहने का साहस ना करती हो उसकी आंखों के सामने अपनी साड़ी उठाकर कुछ ना पहने होने का नहीं दिखाती संजू को इस बात का एहसास था कि उसके पिताजी की बेवफाई उसके लिए वरदान साबित होगी इसीलिए तो वह पूरी तरह से आत्मविश्वास के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था आराधना अपने बेटे की बातों को सुनकर आईने में अपने आप को देख रही थी वाकई में उसकी खूबसूरती इस उम्र में भी बरकरार थी संजू अपनी हरकत बढ़ाते हुए अपने दोनों हाथों को साड़ी के ऊपर से ही ब्लाउज पर रखकर हल्के से अपने दोनों हाथों को अपनी मां की चूची पर रखकर दबाते हुए बोला,,,)

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देख रही हो मम्मी कितनी उठी हुई है मैंने आज तक किसी भी औरत की इतनी खूबसूरत चूची नहीं देखा,,,(मर्दाना हाथों का स्पर्श अपने बदन पर महसूस करके और वहां पर अपने सबसे संवेदनशील अंग पर महसूस करते हैं उसके तन मन में आग लगने लगे वह अपने आप को संभालने में असमर्थ साबित हो रही थी उसके घुटने कांप रहे थे और उसके मुख से एक भी शब्द नहीं फुट रहे थे,,,, संजू की कामुक हरकतों का सिर्फ अपनी गहरी सांस लेकर उसका जवाब दे रही थी अपनी मां की तरफ से एक भी हरकत का प्रतिकार होता ना देखकर संजू की हरकतें पल-पल बढ़ती जा रही थी वह देखते ही देखते अपनी मां के कंधे पर से साड़ी का पल्लू हटाते हुए बोला,,,)

इस तरह से कैसे पता चलेगा कि तुम्हारे बदन पर ब्रा कैसी लग रही है,,,,
(जवाब में आराधना केवल गहरी गहरी सांस ले रही थी जो कि ना चाहते हुए भी उसकी संमंती दर्शा रहा था,,,, साड़ी का पल्लू हटने से आराधना की भारी-भरकम छातियां ब्लाउज की शक्ल में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और संजू ब्लाउज के ऊपर से एक बार फिर से अपने दोनों हथेली को अपनी मां की चूची पर रखते हुए उसे टेनिस के गेंद की तरह हल्कै से दबाते हुए बोला,,,)


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सहहहरह ,,,, कितनी बड़ी बड़ी है एकदम खरबूजे की तरह मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है कि तुम्हारी इतनी बड़ी चूची झांकी खरबूजे की तरह है ब्रा‌, में कैसे समा पाई होगी,,,, यही तो मैं देखना चाहता हूं,,,,।
(आराधना अपने बेटे की हरकत को सहन नहीं कर पा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,, ब्लाउज के ऊपर से अपनी चूची पर मर्दाना हाथों का स्पर्श पाकर वह पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी उसके मुंह से सिर्फ इतना ही निकला,,,)

सहहहरह संजू यह क्या कर रहा है,,,,

कुछ नहीं मम्मी ब्रा और पैंटी में तुम कैसी दिखती हो यह देखने की कोशिश कर रहा हूं,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजू पूरी तरह से बेशर्मी की हद पार करते हुए आईने में देखते हुए अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खोलना शुरू कर दिया आराधना आईने में अपने आपको अपने बेटे की हरकत को देखकर शर्म से पानी पानी हो जा रहे थे लेकिन वह अपने बेटे को रोक नहीं पा रही थी क्योंकि अंदर ही अंदर वह भी यही चाहती थी,,, उसका बेटा पूरी तरह से मर्द हो चुका था जिसका उदाहरण वह अपनी आंखों से देख चुकी थी अपनी ही बड़ी दीदी के साथ,,, और कहीं ना कहीं आराधना के मन के कोने में भी मर्दाना सुख की कामना पनप रही थी और इसीलिए ही आराधना अपने बेटे के सामने कमजोर पड़ती चली जा रही थी एक-एक करके संजू अपनी मां के ब्लाउज का बटन खोल रहा था और साथ ही जिस तरह से और पीछे अपनी मां के बदन से सटकर खडा था उसका लंड आराधना की गांड के बीचो-बीच घुसने का प्रयास कर रहा था जिसका एहसास आराधना को एकदम साफ तौर पर हो रहा था बार-बार उसकी चूत से मदन रस की बूंद टपक जा रही थी जिससे उसकी पेंटी गीली हो रही थी,,,। एक-एक करके संजू ने अपनी मां के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए बटन के खुलते ही ब्लाउज की दोनों परते अलग हो गई जिससे,,, संजू के द्वारा खरीद कर लाई गई ब्रा नजर आने लगी जिसको देखते ही संजू की आंखों में चमक आ गई गोरे बदन पर लाल रंग की ब्रा बेहद खूबसूरत लग रही थी,,, आराधना की नजर बार-बार शर्म के मारे नीचे झुक जा रही थी लेकिन अपने आप पर अपने गोरे बदन पर अपनी चूचियों को लाल रंग की ब्रा में कैद देखकर खुद आराधना को अच्छा लग रहा था लाल रंग की ब्रा में उसकी कसी हुई चूचियां और भी ज्यादा अपना असर बिखेर रही थी,,,,,


संजू की हालत पल-पल खराब होती जा रही थी उसके लंड का यह हाल था कि अगर उसकी मां उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ ले तो शायद उसका लंड पानी फेंक दें इतना ज्यादा कड़क और उत्तेजित हो चुका था लेकिन फिर भी वह अपनी कमर को आगे किए हुए अपने लंड को पेंट के ऊपर से ही और अपनी मां की साड़ी के ऊपर से ही उसकी गांड के बीचों-बीच धंसाने की पूरी कोशिश कर रहा था,,,,, अपनी मां को बिल्कुल भी विरोध करते ना देख कर संजू कंधे की तरफ से दोनों तरफ से अपनी मां के ब्लाउज को पकड़कर उसे नीचे की तरफ खींचने लगा शायद आराधना अपने बेटे के मकसद को समझ गई थी और इसीलिए वह अपने दोनों हाथ को एकदम अकेला छोड़ दी थी और पीछे की तरफ हल्के से कर दी थी ताकि उसका बेटा बड़े आराम से उसके ब्लाउज को उतार सके और देखते ही देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज को उसकी चिकनी मोटी बाहों में से अलग करके उतार दिया,,,,,,, अब आराधना आईने के सामने अपने बेटे के बदन से सटकर अर्धनग्न अवस्था में खड़ी थी कमर के नीचे अभी भी साड़ी लिपटी हुई थी लेकिन कमर के ऊपर वह सिर्फ एक ब्रा में थी जिसमें उसकी भारी-भरकम गोल-गोल खरबूजे जैसी छातियां ब्रा में से बाहर छलकने के लिए बेताब हुए जा रही थी,,, संजू के मुंह के साथ-साथ उसके लंड़‌ में भी पानी आ रहा था,,,, अपनी मां की खूबसूरती को आज बेहद करीब से अपने हाथों में लेकर वह महसूस कर रहा था देख रहा था लंड की ठोकर आराधना बार-बार अपनी गांड के बीचो बीच महसूस करके पानी पानी हुए जा रही थी,,, कुछ भी कर सकने की यह कहने की शक्ति आराधना में बिल्कुल भी नहीं थी ब्रा के ऊपर से ही अपनी मां की चूची पर हाथ रखते हुए संजू बोला,,,,,।



आहहहहह इसे कहते हैं खूबसूरती एक खूबसूरत औरत की खूबसूरत चुची,,,(अपने बेटे के मुंह से बार-बार चूची शब्द सुनकर आराधना का चेहरा शर्म से लाल हुआ जा रहा था और संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) कसम से मैंने आज तक कितनी खूबसूरत चूची नहीं देखा ब्रा में कितनी खूबसूरत लग रही है मम्मी देख रही हो कितनी बड़ी बड़ी है,,,(दोनों हथेली को ब्रा की कटोरी के नीचे रखकर उसे गेंद की तरह दोनों हाथों में लेकर ऊपर की तरफ उछालते हुए बोला,,,)
देख रही हो मम्मी कितनी बड़ी बड़ी है एकदम मक्खन मलाई की तरह,,, लाजवाब खूबसूरत सोचो जरा ब्रा में इतनी खूबसूरत लग रही है तो बिना ब्रा के कितनी खूबसूरत दिखेगी,,,।
(अपने बेटे के मुंह से यह बात सुनते ही उत्तेजना के मारे आराधना की चुचियां तन गई रीड की हड्डी में सिहरन सी दौड़ने लगी अपने बेटे के कहने के मतलब को आराधना अच्छी तरह से समझ गई थी वह समझ गई थी कि उसका बेटा एक बहाने से उसे नंगी करना चाहता है लेकिन वह कुछ भी कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी वह अपने बेटे के हाथों की कठपुतली बन चुकी थी,,, संजू एक बहाने से अपनी मां के खूबसूरत अंग से खेल रहा था ब्रा के ऊपर से ही सही उसका इस तरह से अपनी हथेली में लेकर चूचियों को दबाना आराधना के तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था महीनों बाद किसी मर्द का स्पर्श चुचियों पर हो रहा था जिसका एहसास उसे पूरी तरह से गर्म किया जा रहा था सबसे ज्यादा हालत खराब थी उसकी चूत की जिसमें से लगातार काम रस टपक रहा था आराधना यह सोचकर परेशान हुए जा रही थी कि जब उसका बेटा उसकी पेंटी देखेगा और वह भी काम रस में एकदम भीगी हुई तब हो क्या सोचेगा उसे तो पता चल जाएगा कि उसकी हरकत उसे भी अच्छी लग रही है,,,,,
आदम कद आईने के सामने अपने अर्धनग्न बदन को अपने बेटे की बाहों में देखकर आराधना की आंखों में शर्म भर आया था चेहरा लाल गुलाबी हो चुका था पैरों में कंपन लगातार होता जा रहा था और संजू अपनी हरकतों से बिल्कुल भी बाज नहीं आ रहा था,,, संजू अपनी मां के खूबसूरत चेहरे के बदलते भाव को अच्छी तरह से देख रहा था उसके चेहरे की बदलती हुई रंगत साहब बयां कर रहे थे कि उसे भी उसकी हरकत अच्छी लग रही थी और वह धीरे-धीरे मदहोश हो जा रही थी क्योंकि बार-बार उसकी आंखें बंद हो जा रही थी संजू ब्रा के ऊपर से ही अपनी मां की दोनों गोलाईयो को अपनी हथेली में भरते हुए बोला,,,।)

ओहहहह मम्मी कसम से बहुत मजा आ रहा है मेरे हथेली में तुम्हारी चूचियां एकदम पके हुए आम की तरह है ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं तुम्हारी चूची नहीं बल्कि स्वादिष्ट दशहरी आम को अपने हाथ में लेकर दबा रहा हूं,,,,

सहहह संजू तु जो कुछ भी कर रहा है गलत है यह ठीक नहीं है,,,

गलत सही क्या है यह ना मुझे पता है या ना तुम्हें पता है लेकिन इस समय जो कुछ भी हो रहा है वह अच्छा हो रहा है मैं तुम्हारी खूबसूरती को अपनी आंखों से देख रहा हूं तुम्हारे खूबसूरत अंगों को निहार रहा हूं कसम से मैंने आज तक इतनी खूबसूरत औरत नहीं देखा,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की चूची पर से हाथ हटाकर नीचे की तरफ ले गया और साड़ी को ऊपर की तरफ उठाने लगा,,, तो तुरंत आराधना संजू का हाथ पकड़ ली और कंपकपाते भरे स्वर में बोली,,,।

नहीं संजू ऐसा मत कर मुझे शर्म आ रही है,,,,

इसमें शर्म कैसी मम्मी साड़ी उठाएगी ना तो मैं देख नहीं पाऊंगा की पेंटी कैसी दिखती है तुम्हारे खूबसूरत बदन पर,,,


कोई बेटा ऐसा करता है क्या,,,?

तुम देखना चाहती हो क्या किसी के घर पर,,,, सबके सामने तो सब लोग अच्छे ही बने रहते हैं लेकिन चारदीवारी के अंदर इसी तरह का खेल होता है,,,, इसने तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो जो होता है हो जाने दो,,,,(इतना कहने के साथ संजू फिर से अपनी मां की साड़ी ऊपर की तरफ उठाने लगा तो आराधना फिर से उसका हाथ पकड़ते हुए बोली,,)

रहने दे सच में मुझे शर्म आ रही है किसी को इस बारे में पता चल गया तो क्या होगा,,,

कुछ नहीं होगा और किसी को भी पता नहीं चलेगा,,,, और हां साड़ी उठाकर नहीं बल्कि साड़ी खोलकर देखने का अलग मजा है,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू साड़ी के गठन पर हाथ रख दिया और साड़ी को खोलना शुरू कर दिया आराधना की सांसे फिर से बड़ी तेजी से चलने लगी वह जानती थी कि उसकी एक चलने वाली नहीं है और जिस तरह का माहौल बना हुआ है और जैसे हालात में वह फंसी हुई है उसके बदन में भी मदहोशी जा रही थी क्योंकि लगातार संजू का लंड उसकी गांड पर ठोकर मार रहा था और इतने मोटे बड़े लंड का स्पर्श ही आराधना के तन बदन में उत्तेजना की लहर बढ़ा रहा था और वह ना चाहते हुए भी अपने बेटे के वश में होती चली जा रही थी,,,, आराधना अपने दोनों हाथों को खोल चुकी थी अब उसमें विरोध करने की क्षमता बिल्कुल भी नहीं रह गई थी क्योंकि संजू ने अपनी हरकतों से उसके मन पर पूरी तरह से काबू पा लिया था देखते ही देखते संजू अपनी मां की सारी हो आदम कद आईने के सामने खोल कर अलग कर दिया था और उसे बिस्तर पर फेंक दिया था इस समय उसकी मां केवल पेटीकोट और ब्रा में खड़ी थी,,,,, आईने में संजू को अपनी मां की पेटीकोट की डोरी साफ नजर आ रही थी,,, संजू को मालूम था कि अब उसे क्या करना है,,,।

दिन में आज घर पर आकर आराधना पछता रही थी,,, क्योंकि आप उसे डर लगने लगा था कि आज नहीं होने का हो जाएगा क्योंकि अब उसका बस अपने आप पर बिल्कुल भी नहीं चल रहा था अपने बेटे की हर हरकत पर वह पूरी तरह से मदहोश में जा रही थी इस तरह की मदहोशी आज तक वह कभी महसूस नहीं की थी,,,,, उत्तेजना के मारे आराधना का गला सूखता चला जा रहा था आईने में हल्की खुली आंखों से वह अपने पूरे वजूद को देख रही थी अर्धनग्न अवस्था में वह अपने बेटे की बाहों में खड़ी थी,,, लाल रंग की ब्रा में उसकी गोरी गोरी खरबूजे जैसी चूचियां खूब जंच रही थी ,,,इस बात का एहसास उसे भी अच्छी तरह से हो रहा था,, अपने मक्खन जैसे बदन पर अपने बेटे की मजबूत हथेलियों का स्पर्श पाकर वह पूरी तरह से पानी पानी हो जा रही थी उसकी चूत लगातार पानी बहा रही थी जिससे उसकी पेटीकोट पूरी तरह से गीली हो गई थी अब उसे इस बात का डर था कि किसी भी वक्त उसके बेटे की नजर उसकी गीली पेंटी पर पड़ जाएगी फिर उसके बाद वह अपने मन में क्या सोचेगा,,,, आज संजू बहुत खुश नजर आ रहा था वह अपनी मां की पेटीकोट की डोरी पर अपनी उंगलियों को रखते हुए बोला,,,।)

आज सच में मेरे लिए बहुत ही अच्छा दिन है मैं कभी सोचा नहीं था कि मेरी जिंदगी में ऐसा भी पल आएगा कि मैं एक खूबसूरत औरत के कपड़े अपने हाथ से उतारुंगा,,,।(अपने बेटे की बात को सुनकर उसकी सांसे गहरी गहरी चल रही थी उसके तन बदन में उत्तेजना अपना असर दिखा रही थी अपने बेटे की बातों के मतलब को अच्छी तरह से समझ रही थी अब उसके बेटे की नजर में वह उसकी मां नहीं बल्कि एक औरत थी और वह एक मर्द और एक मर्द और औरत के बीच के रिश्ते को हुआ अच्छी तरह से समझती थी जिसमें किसी भी प्रकार का रिश्ता नहीं होता केवल शारीरिक रिश्ते को छोड़कर और शायद उसका बेटा भी उसी रिश्ते के लिए तड़प रहा था,,,,, आराधना अपने बेटे को रोकना चाह रही थी लेकिन वह एकदम कमजोर पड़ चुकी थी,,,, अपने बेटे को रोक सकने की हिम्मत उसमें बिल्कुल भी नहीं थी,,,। और उसकी आंखों के सामने ही उसका बेटा उसकी पेटीकोट की डोरी को पकड़कर एक झटके से खींच दिया और तुरंत ही पेटिकोट का कसाव उसकी कमर पर एकदम ढीला पड़ गया,,,, आराधना की भारी भरकम गजराई गांड का आकार मटके जैसा था बीच से गोल और ऊपर से संकरा इसकी वजह से पेटीकोट अटक सा गया था जिससे संजू को ही अपने दोनों हाथों का सहारा लेकर अपनी मां के पेटीकोट को थोड़ा और ढीला करना पड़ा और ढीला करते ही संजू अपनी मां की पेटीकोट को उसी स्थिति में छोड़ दिया और पेटीकोट भर भराकर उसके कदमों में जा गिरा,,, आराधना आईने में अपनी स्थिति और हालात को देखकर एकदम पानी पानी हो गई वह अपनी आंखों को तुरंत बंद कर ली,,,, और संजू की खुशी का ठिकाना ना था संजू को इस बात की भी खुशी अत्यधिक थी कि उसकी मां जरा भी विरोध नहीं कर रही थी बल्कि उसका साथ दे रही शांत खड़ी होकर,,,,, आईने में अपनी मां के अर्धनग्न बदन को देख कर संजू बोला,,,,।

बाप रे कहीं में मर ना जाऊं इतनी खूबसूरत औरत तो मैंने आज तक नहीं देखा क्या मस्त चीज हो तुम मम्मी,,,, अब तो सच में मुझे पापा पर तरस आता है कि ईतनी खूबसूरत औरत छोड़कर वह बाजारु औरतों के पीछे घूम रहे हैं,,,, अगर मेरी इतनी खूबसूरत औरत होगी तो मैं उसे जिंदगी में कहीं छोड़कर नहीं जाऊंगा ,,,,
(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मन ही मन प्रसन्न होने लगी उसे अपनी खूबसूरत बदन पर गर्व होने लगा था,,,, लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि संजू की बातें बेशर्मी भरी थी ऐसा आराधना कोई समय लग रहा था यही बात वह किसी और औरतों से कहां होता तो वह उस पर पूरी तरह से अपनी जान लुटा देती क्योंकि अभी भी आराधना अपने बेटे को एक मर्द के नजरिए से नहीं बल्कि एक बेटे के नजरिए से ही देख रही थी,,,,, संजू के लिए अभी भी वह एक मा ही थीअभी वह एक औरत नहीं बनी थी लेकिन उसे इस बात का डर भी लग रहा था कि,,,, अपने बेटे की हरकत देखते हुए वह आपकी मां से औरत बनने में देर नहीं लगाएगी,,,,)
कितनी खूबसूरत हो मम्मी तुम लाल कलर की ब्रा और पेंटी में तो तुम स्वर्ग से उतरी हुई है कोई परी लग रही हो,,,, तुम्हारा यह चिकना संगमरमरी बदन देख कर किसी की भी हालत खराब हो जाए मेरी खुद की हालत खराब होती जा रही है,,,,(साड़ी और पेटीकोट उतर जाने के बाद आराधना की गोरी गोरी गांड और उसके लंड के बीच केवल उसका पैंट का कपड़ा होर पेंटिं का कपड़ा बाधा बन रही थी लेकिन संजू अपने लंड की मर्दाना ताकत को पूरी तरह से यहां पर अपनी मां पर आजमा लेना चाहता था क्योंकि बार-बार वह अपनी मां की बड़ी-बड़ी गांड पर एकदम से सट जाता था जिससे उसका लंड पहनती सहित गांड की दरार के बीचो-बीच घुसता हुआ आगे बढ़ रहा था जिसका एहसास आराधना के तन बदन में आग लगा रहा था,,,,, अपनी मां की कदर आई जवानी को आईने में देखकर संजू बोला,,,)

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है मम्मी अब मैं तुम्हारे बदन से तुम्हारी यह ब्रा और पेंटी दोनों उतार दूंगा क्योंकि मैं भी देखना चाहता हूं कि एक औरत के वजह से उसका आखिरी वस्त्र ब्रा और पेंटी उतारने में मर्दों को कैसा महसूस होता है,,,,


नहीं संजू ऐसा मत कर मैं कोई जरूरत नहीं बल्कि तेरी मां हूं,,,, ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है,,,

मैं ज्यादा कुछ नहीं करूंगा बस अपने हाथों से तुम्हारे यह कपड़े उतार लूंगा तुम्हें नंगी करूंगा मैं देखना चाहता हूं कि वह रात के बदन से कपड़े उतारने में मर्दों को कैसा लगता है,,,


उतार तो दिया है अब बाकी क्या रह गया,,, है,,,,(आराधना मदहोशी भरे स्वर में बोली)

अभी भी तुम्हारे बदन पर ब्रा और पेंटी बाकी है इसे तो उतार लेने दो मैं कुछ भी नहीं करूंगा कसम से,,,,

(अपने बेटे की यह बात सुनकर आराधना गहरी सांस लेने लगी क्योंकि अंदर ही अंदर हुआ भी यही चाहती थी कि उसका बेटा अपने हाथों से उसके आखिरी वस्त्र भी उतार दे वह अपने बेटे के हाथों से नंगी होना चाहती थी उसके बदन में सुरसुराहट बढती जा रही थी,,,, संजू अपनी मां की खामोशी को उसकी स्वीकृति समझकर अपने आगे का कार्यक्रम जारी रखते हुए अपनी मां की ब्रा का हुक वाला लगा अपने बेटे की उंगलियों का स्पर्श अपनी चिकनी पीठ पर महसूस करते ही आराधना के तन बदन में आग लग गई क्योंकि वह जानती थी कि किसी भी वक्त उसकी दोनों चूचियां एकदम आजाद हो जाएंगी उसके बेटे के सामने एकदम नंगी,,,, और उसकी नंगी चूची को देखकर पता नहीं वह क्या करेगा ऐसा मन में सोच कर उसकी चुत से पानी टपक रहा था,,,, ब्रा का हुक खोलने का अनुभव संजू को अच्छी तरह से था इसलिए वह बिल्कुल भी देर किए बिना अपनी मां की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को उसकी दोनों नारंगीयो से अलग करने लगा देखते ही देखते संजू ने अपनी मां के बदन पर से ब्रा उतार कर बिस्तर पर रख दिया आईने में अपनी मां की नंगी बड़ी बड़ी चूची यों को देखकर संजू के मुंह में पानी आ गया और आराधना की तो हालत खराब हो गई उसकी तो काटो तो खून नहीं ऐसी हालत हो गई थी वह ज्यों की त्यों खड़ी की खड़ी रह गई थी अपनी खरबूजे जैसी बड़ी बड़ी चूचियों को देखता खुद शर्म से पानी पानी में जा रही थी और अगले ही पल संजू ने अपना दोनों हाथों को अपनी मां की चूची पर रखते हुए उसे जोर से दबाते हुए बोला,,,।

सहहहरह इसे कहते हैं सूची इतनी लाजवाब चूची तो मैंने आज तक नहीं देखा जोकि ब्लाउज में कैद होने के बावजूद भी इतनी खूबसूरत लगती है और नंगी होने के बाद तो जानलेवा नजर आ रही है,,,,उफफफ,,,, यह तो मेरी जान ले लेगी,,,,( संजू इस मौके का फायदा उठाते हुए अपनी मां की बड़ी बड़ी चूची को जोर जोर से दबा रहा था और यह भी देख रहा था कि इस तन मन धन से उसकी मां के चेहरे के भाव बदल रहे थे उसे मजा आ रहा था आनंद की अनुभूति उसे भी हो रही थी और आईने में संजू साफ तौर पर देख रहा था कि उसकी मां की पेंट गीली हो चुकी थी इसका मतलब साफ था कि उसकी मां पानी छोड़ रही थी कुछ देर तक अपनी मां की चूची को दबाने के बाद वह आगे से अपना हाथ को अपनी मां की चूत पर पेंटी के ऊपर से ही रखते हुए बोला,,,)
बाप रे मम्मी तुम्हारी पेंटी तो गीली हो गई है तुम बहुत पानी छोड़ रही हो,,,,(संजू के मुंह से पानी छोड़ने वाली बात बेहद शर्मनाक थी यह आराधना के लिए शर्म से मर जाने जैसी बात थी लेकिन इस समय उसके बदन में भी खुमारी छाई हुई थी इसलिए ना जाने क्यों अपने बेटे की यह बात उसके तन बदन में और ज्यादा उत्तेजना की लहर भर रही थी वह पूरी तरह से मधु छुए जा रही थी अपने बेटे की बात और उसकी हरकतें उसके तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रही थी जिसमें वह पूरी तरह से डूबती चली जा रही थी ,,,,,, अपनी मां की खामोशी से संजू को उसका समर्थन मिल रहा था जिसके चलते हुए हिम्मत दिखाते हुए आगे बढ़ रहा था अब पेंटी के उतारने का समय आ चुका था,,,, वैसे भी संजू का लंड अपनी मां की गांड से रगड़ खा खा कर पूरी तरह से गर्म हो चुका था संजू का मन तो कर रहा था कि इसी समय झुका कर पीछे से अपनी मां की चूत में लंड डाल दें लेकिन फिर भी वह अपने आप को बहुत संभाले हुए था आईने में देखते हुए अपने दोनों हाथों को अपनी मां की पेंटी पर रखकर धीरे-धीरे उतारना शुरू कर दिया एक बार फिर से आराधना उसे रोकने की कोशिश करते हुए उसके हाथ पर अपना हाथ रख दी लेकिन संजू ने तुरंत अपनी मां की गर्दन पर अपने होंठ रख कर अपने चुंबन की गर्मी से उसे शांत कर दिया और संजू के हाथ पर उसके हाथ की पकड़ ढीली हो गई और संजू देखते ही देखते अपनी मां की चड्डी को नीचे की तरफ ले जाते हुए उतारना शुरू कर दिया,,,,०
संजू अपनी मां की चड्डी उतारते हुए धीरे-धीरे अपने घुटनों के बल पीछे की तरफ बैठ गया और उसकी गोल-गोल गांड पर से उस कपड़े के छोटे से टुकड़े को अलग करने लगा देखते ही देखते संजू अपनी मां की चड्डी को खींचते हुए उसके घुटनों तक ले आया और पल भर में ही उसे उसके कदमों में लाकर छोड़ दिया आराधना के बदन में मदहोशी पूरी तरह से अपना असर दिखा रही थी उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी आईने में वहां हल्की खुली आंखों से अपने बेटे की हरकत को देखकर मस्त हुए जा रही थी ना चाहते हुए भी वह अपने बेटे के द्वारा अपने कपड़े उतारने का सुख भोग रही थी,,,, कदमों में जैसे ही उसकी पेंटी पहुंची आराधना ने अपने आप ही अपने पैरों का सहारा लेकर पेंटी को अलग कर दी यह देखकर संजू का लंड एकदम कड़क हो गया,,,, संजू समझ गया था कि उसकी मां उसका पूरा समर्थन कर रही है और संजू भी अपनी हरकत बढ़ाते हुए,,, अपनी मां की गोरी गोरी गदराई घर पर अपने होंठ रख कर चुंबन करने लगा अपने बेटे के द्वारा अपनी गांड पर चुंबन करने की वजह से आराधना एकदम से सिहर उठी और उसके मुख से गरमा गरम सिसकारी फूट पड़ी,,,,।
ससससहहहह यह क्या कर रहा है संजू,,,

तुम्हारी खूबसूरत जिस्म को इज्जत दे रहा हूं तुम्हारी खूबसूरत बदन को पापा से जितना सम्मान मिलना चाहिए था उतना कभी नहीं मिल पाया है इसलिए तुम्हारे बदन को अपने चुंबन से सम्मानित कर रहा हूं,,,

लेकिन यह गलत है,,,

गलत होता तो तुम्हारी,,,(तुरंत अपनी मां की चूत पर हथेली रखते हुए) चूत पानी ना छोड़ रही होती,,,,
(अपने बेटे की हथेली को अपनी चूत पर महसूस करते हैं आराधना की थोड़ी बहुत जो हिम्मत ही वह भी जवाब देगी वह पूरी तरह से अपने बेटे के आगे घुटने टेक दी,,)

चाहता क्या है तु,,,

मैं भी वही चाहता हूं जो एक मर्द एक औरत से चाहता है,,,,।(इतना कहने के साथ ही राजू अपनी जगह से खड़ा हुआ और अपनी मां का हाथ पकड़कर उसे कुर्सी के करीब लेकर आया और कुर्सी पर बैठा दिया आराधना पूरी तरह से अपने बेटे की आंखों के सामने नंगी थी गोरा बदन ट्यूबलाइट की रोशनी में चमक रहा था,,,, आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि उसका बेटा करने क्या वाला है लेकिन शर्म के मारे वह कुछ बोल नहीं पा रही थी वह नजर झुका है कुर्सी पर बैठ गई थी और संजू तुरंत अपनी मां की टांग को पकड़कर कुर्सी के ऊपरी हत्थे पर चढ़ा कर छोड़ दिया और दूसरी टांग को भी उसी तरह से पकड़कर कुर्सी के दूसरे हफ्ते पर चढ़ा दिया जिससे आराधना की चूत एकदम खुलकर नजर आने लगी अपनी स्थिति पर आराधना पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी क्योंकि जिस तरह से उसके बेटे ने कुर्सी पर उसे बिठाया था उसकी गुलाबी चूत अपनी संपूर्ण अवस्था में उसके बेटे की आंखों के सामने अपना कहर बरसा रही थी आराधना को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें वह अपने बेटे की तरफ देख ले रही थी जो कि प्यासी नजरों से उसकी चूत को ही देख रहा था मानो कि उसके बदन में केवल उसकी चूत ही हो और वैसे भी मर्द को औरत के बदन में सबसे ज्यादा प्रिय और आकर्षक उसकी चूत ही लगती है,,,,।

करने क्या वाला है संजू तु,,(आराधना उत्तेजना भरे कांपते पतेश्वर में बोली,,,)

কিছু না, আমি শুধু তোমার সুন্দর গুদ দেখতে চাই, (এই বলে সঞ্জু চেয়ারের সামনে হাঁটু গেড়ে বসে পড়ল, তার দুই হাত চেয়ারটা ধরে আছে আর চোখ ছিল আরাধনের পায়ের ফাঁকে। সে বিশ্রাম নিচ্ছিল। সেই গোলাপি জায়গাটা যেখান থেকে মুক্তোর ফোঁটার মত যৌন রস বের হচ্ছিল,,,, সঞ্জু কিছুক্ষন তার মায়ের গোলাপী গুদের দিকে তাকিয়ে থাকল আর এটা দেখে আরাধনের অবস্থা না ইচ্ছে করেও খারাপ হয়ে যাচ্ছিল।উত্তেজনার কারণে, ওর গুদ থেকে যৌন রস গড়িয়ে পড়ছিল, এখন সঞ্জুর জন্য ধৈর্য ধরা কঠিন হয়ে যাচ্ছিল, সে তার মায়ের দিকে তাকালো, তাদের চোখ একে অপরের সাথে মিলিত হল এবং আরাধনা লজ্জায় দূরে তাকালো। সে চোখ বন্ধ করে এই সুযোগের সদ্ব্যবহার করল। সঞ্জু আস্তে আস্তে মায়ের পায়ের মাঝখানের গোলাপী জায়গার দিকে ঠোঁট সরাতে শুরু করে যেখান থেকে উত্তেজনা বেরিয়ে আসে এবং কিছুক্ষণের মধ্যেই সঞ্জু তার তৃষ্ণার্ত ঠোঁট অনুভব করে। সে তার মায়ের গুদে ঠোঁট রাখল, আর সঞ্জুর ঠোঁট আরাধনের গুদে স্পর্শ করার সাথে সাথেই আরাধনা। উত্তেজনায় কান্নাকাটি করতে লাগলো, আর ইচ্ছে না করেও আরাধনের কোমরটা সাথে সাথেই আপনা থেকেই শক্ত হয়ে গেল। সে ধীরে ধীরে উঠে গেল এবং আরাধনা সাথে সাথে তার হাতটা এগিয়ে নিয়ে ছেলের মাথায় রাখল এবং তার উপর হাতের চাপ বাড়াতেই সে। ওর গুদে ওর ঠোঁট টিপতে লাগলো,,,, মায়ের অবস্থা দেখে সঞ্জু সে পুরোপুরি মগ্ন হয়ে গেল এবং পরের মুহুর্তে মায়ের গুদের ভিতর নিজের জিভটা যতটা পারলো ঢুকিয়ে দিল, কিন্তু তখনই সে আনন্দ উপভোগ করতে পারল। মায়ের গুদ চাটতে লাগল।কিন্তু ধাক্কাধাক্কি শুরু হল,

মোহিনী বাড়ি চলে এসেছে। দরজায় টোকা পড়ার সাথে সাথেই আরাধনা জ্ঞান হারিয়ে ফেলে। মেয়েকে দুই পায়ের মাঝে দেখে নিজেকে সম্পূর্ণ নগ্ন অবস্থায় দেখে সে আকাশ থেকে মাটিতে লুটিয়ে পড়ে। লজ্জায় অশ্রুসজল চোখে, সে সাথে সাথে চেয়ারের হাতল থেকে তার পা নামিয়ে নিচে রাখল, উঠে দাঁড়িয়ে বলল,

মোহিনী এসেছে, এখন কি হবে?

একদম চিন্তা কোরো না মা, (এই বলে সঞ্জু দেয়ালে টাঙানো ঘড়ির দিকে তাকাল আর আসলে ৩ ঘন্টা পার হয়ে গেছে বুঝতে না পেরে মাকে বলল) তুমি তাড়াতাড়ি তোমার জামাকাপড় পরে নাও।,,,, আর হ্যাঁ দরজাটা ভিতর থেকে বন্ধ কর, আমি সব সামলে নেব,,,,
(এ কথা বলার পর, সঞ্জু তার মায়ের ঘরে দাঁড়িয়ে রইল যতক্ষণ না সে তার জামাকাপড় পরল এবং তার ছেলের সামনে ভয় ও আতঙ্কের কারণে, সে দ্রুত তার পেটিকোট ব্লাউজটি পরল এবং নিজেকে একটি শাড়িতে জড়িয়ে নিল। সে তার প্যান্টি এবং ব্রা পরেনি এবং ওগুলো আবার আলমারিতে রাখো। শাড়ি পরলে সঞ্জু বলল,

তুমি তাড়াতাড়ি দরজাটা বন্ধ করে চাদর দিয়ে ঢেকে ঘুমাও, বাকিটা আমি সামলে নেব। (এটা বলে সঞ্জু ঘর থেকে বেরিয়ে গেল আর আরাধনা তাড়াতাড়ি দরজা বন্ধ করে চাদর দিয়ে ঢেকে ঘুমিয়ে গেল। .) অনবরত দরজায় কড়া নাড়ছে।এই হচ্ছে, সঞ্জু সাথে সাথে দরজার কাছে গিয়ে দরজা খুলতে লাগলো এবং এমন অভিনয় করছিল যেন সে এইমাত্র মামার সাথে ঘুম থেকে জেগে উঠেছে,,,, দরজা খোলার সাথে সাথে,,,,

আরে মোহিনী, তুমি এসেছ, কয়টা বাজে?

ঘড়ির দিকে তাকান ভাই, (রুমে ঢুকে) ঘুমাচ্ছিলেন?

হ্যাঁ, সে মায়ের মাথা ব্যথা করছিল, তাই তাকে ওষুধ দেওয়ার পর আমিও শুয়ে পড়লাম এবং আহত হয়ে পড়লাম।

এখন মায়ের মাথা ব্যথা কেমন?

কতক্ষণ ঘুমিয়ে আছে জানি না।
(সঞ্জু তখনই এমন একটা পরিবেশ তৈরি করেছিল যে ঘরের ভিতরে কী ঘটছে তা নিয়ে মোহিনীর বিন্দুমাত্র সন্দেহ ছিল না। সঞ্জু চাইলে মোহিনীকে সব বলতে পারত কারণ মোহিনীও তাই চায়, কিন্তু সে কিছু বলতে চায় না। এই মুহূর্তে। ছিল,,,)
Purely unique concept plot. 🙏🏻
 
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Enjoywuth

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rohnny4545

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Sir ji kahani to aapki bahit achhi hai per ab boring si lagne lagi hai pls isme or character bhi add kijiye nhi to Aisa lag rha hai jaise whi sab repeat sa ho rha hai....

Okay
Sir ji kahani to aapki bahit achhi hai per ab boring si lagne lagi hai pls isme or character bhi add kijiye nhi to Aisa lag rha hai jaise whi sab repeat sa ho rha hai....


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