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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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तलाक के कागजात देने के दो दिन बाद ही अशोक वापस घर पर आया और तलाक के बारे में बातें करने लगा उस समय घर पर केवल संजू और आराधना ही थे,,,।


तो क्या सोची है तूने,,,, मुझे तुझसे तलाक चाहिए और उससे शादी करना है,,,, वैसे तो मैं तुझे तलाक दिए बिना ही शादी करके कहीं भी रह सकता था लेकिन मुझे तुझे दिखाना भी है कि पति के बिना जिंदगी कैसी हो जाती है,,,


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तू क्या दिखाएगा मुझे तुझे क्या लगा था कि मैं तुझे तलाक नहीं दूंगी मैं भी तुझसे छुटकारा चाहती हूं,,,


हां वह तो है छुटकारा तो तू मुझसे चाहती ही है क्योंकि जवान लंड जो मिल गया है चूत में लेने के लिए,,,
(संजू वहीं खड़ा अपने बाप की गंदी बातों पर सुन रहा था उसका भी मन जवाब देने को कर रहा था कि तभी उसे पहले ही आराधना बोल उठी,,,)


हां तो सच कह रहा है तेरे लंड में तो दम ही नहीं था मेरी जवानी की प्यास बुझाने के लिए,,, तभी तो दो धक्के में ही पस्त हो जाता था,,, ।
(जब बात मर्दानगी पर आ गई तो अशोक एकदम आग बबूला हो गया क्योंकि उसकी बीवी सीधे-सीधे उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रही थी उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह एकदम से गुस्से में आगे बढ़ते हुए बोला,,,)


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हरामजादी मुझे नामर्द कहती है,,,(इतना कहने के साथ ही वह आगे बड़ा और आराधना को करने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाया संजू तुरंत लपक कर उसका हाथ पकड़ लिया और गुस्से में बोला,,,)


हाथ चला कि तो बिल्कुल भी मत करना वरना ही टांगे भी तोड़ दूंगा क्योंकि हम दोनों के पीछे बाप बेटे का रिश्ता बिल्कुल भी नहीं रह गया है और रही बात मर्दानगी की तो वाकई में तेरे में अगर दम होता तो यह,,(अपनी मां की तरफ इशारा करके) कभी प्यासी ना रहती,,,,


देख में कुछ भी बर्दाश्त करता हूं लेकिन मर्दानगी पर अगर कोई उंगली उठाए तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता,,, अगर तुम दोनों की बातों में जरा भी सच्चाई होती तो वह औरत मेरे साथ ना रहती,,, मुझसे शादी करने के लिए तैयार नहीं होती,,,

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वह तो तेरी सरकारी नौकरी की वजह से तेरे साथ में है तेरी तनख्वाह के कारण तेरे साथ में है वरना तेरे में दम कहां की तू किसी औरत की जवानी की आग को बुझा सके,,,,(गुस्से से आग बबूला होते हुए आराधना बोली)


हरामजादी,,, तू अच्छी तरह से जानती है कि तू दूसरी औरतों की तरह थी कि नहीं एकदम ठंडी है मर्दों को अपनी तरफ आकर्षित करने का हुनर तुझ में है ही ना हीं तेरे बदन में किसी भी प्रकार का आकर्षण है कि कोई तुझे देख कर आकर्षित हो और किसी का खड़ा हो,,,
(अपने आप के मुंह से अपनी मां के लिए गाली सुनकर एक बार फिर से संजू उसकी बाहों को जोर से पकड़ कर झगझोड़ते हुए बोला,,,)


देख मैं तुझे अभी भी कहता हूं की गली से बात मत कर और जो तू कहता है ना कि इसमें,,,(एक बार फिर से अपनी मां की तरफ आंखों से इशारा करके) इसमें कोई दम ही नहीं है इसके बदन में कोई आकर्षण ही नहीं है कि किसी का इसे देखकर खड़ा हो तो फैसला इसी समय हो जाए अगर तू एक बाप की औलाद है तो,,,


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poems about despair
हरामी के पिल्ले बाप का नाम मत लेना,,,,


इसलिए तो कह रहा हूं दूध का दूध पानी का पानी हो जाए अगर तू एक बाप की औलाद है तो अभी फैसला करने के लिए तैयार हो जाएगा,,,,।
(अपने बेटे को अपनी तरफ से लड़ता हुआ देखकर आराधना मन ही मन बहुत ज्यादा प्रसन्न हो रही थी लेकिन आज उसे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि वह एक बेटे की हैसियत से उसकी तरफदारी कर रहा था बल्कि ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका कोई प्रेमी हो जो उसकी तरफदारी करके उसके पति से उसे पाने के लिए लड़ रहा हो और संजू की यही हरकत आराधना के मन में उतरती चली जा रही थी आराधना भी पूरी तरह से अपने बेटे की बातों को सुनकर पूरी तरह से प्रसन्नता के शिखर पर चली जा रही थी आज वह बहुत खुश नजर आ रही थी,,, लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह किस तरह से फैसला करेगा उसके मन में इस बात का डर भी था कि कहीं वह फिर से तो नहीं अपने ही बाप के सामने उसको चोदेगा,,,, और इस बात से उसे घबराहट भी हो रही थी और मन में उत्तेजना भी हो रही थी क्योंकि अपने ही पति के सामने अपने बेटे के द्वारा चुदवाने में उसे बहुत मजा आया था उसे उसे समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे वह अपने पति से अपनी बेइज्जती का अपने अपमान का बदला ले रही हो और जी भर कर उसने बदल ली भी थी लेकिन इस समय क्या होने वाला है उसे पता नहीं था संजू की बातों को सुनकर अशोक खामोश हो चुका था,,,, लेकिन बाद उसकी मर्दानगी पर आ गई थी इसलिए वह भी काफी गुस्से में नजर आ रहा था और वह भी समझ नहीं पा रहा था कि उसका बेटा ऐसा क्या करेगा कि जिससे दोनों की मर्दानगी के बारे में पता चलेगा और इस बात के बारे में पता चलेगा की आराधना में अभी भी पूरी तरह से जवानी बरकरार है जो की हकीकत ही था कि उम्र के इस पड़ाव में भी आराधना बेलगाम घोड़ी की तरह थी वह पूरी तरह से जवानी से भरी हुई थी और कोई भी जवां मर्द उसकी जवानी उसकी चूत से निचोडने के लिए व्याकुल नजर आता था,,, कुछ देर तक कमरे में खामोशी छाई रही तो इस खामोशी भरे सन्नाटे को तोड़ते हुए संजू बोला,,,)

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है तैयार अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए,,,


चल रहने दे कल का लौंडा मुझसे क्या टक्कर लेगा,,,


कल का लौंडा ही तेरी बीवी की जवानी की प्यास बुझा रहा है अपने मोटे लंड से और तेरी बीवी भी जी भरकर चुदाई का मजा लूट रही है,,,।
(संजू किस तरह की बातों को सुनकर आराधना की चूत से मदन रस टपकने लगा क्योंकि वह पूरी तरह से एक उसके प्रेमी की भाषा बोल रहा था ना कि उसके बेटे की आज पूरी तरह से आराधना को संजू में अपना प्रेमी अपना पति नजर आ रहा था जो कि उसकी तरफदारी कर रहा था और बातों ही बातों में उसकी जवानी की तारीफ भी कर रहा था अशोक तो अपने ही बेटे के मुंह से अपनी मां के लिए इस तरह के शब्दों को सुनकर पूरी तरह से हैरान हो चुका था लेकिन इसमें कुछ ज्यादा हैरानी की बात नहीं थी क्योंकि इससे भी ज्यादा हैरानी भरी हरकत को तो वह अपनी आंखों से ही उसे दिन देख चुका था जब उसकी आंखों के सामने ही उसका जवान बेटा अपनी ही मन की चुदाई कर रहा था और उसकी मां भी बेशर्म बनाकर अपने ही पति के सामने अपने ही बेटे से चुदवा रही थी,,,,,, संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


क्या हुआ आगे बढ़ाना है कि यहीं से हार मान लेना है,,,,


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जाने दे मेरे राजा इसमें दम ही नहीं है दम होता तो आज मैं इसके बिस्तर पर होती,,,
(अपनी पत्नी के मुंह से इस तरह की बेशर्मी भरी बातें सुनकर अशोक पूरी तरह से दंग हो गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके सामने उसकी बीवी खड़ी है ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी रेड लाइट एरिया में खड़ा है और उसके सामने कोई रंडी उस भाव तोल कर रही है लेकिन अपनी बीवी के मुंह से अपनी मर्दानी की पर सवाल उठता हुआ देख कर वह एकदम कड़े स्वर में बोला,,,)


मैं तैयार हूं क्या करना होगा,,,,,,(अशोक ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता था लेकिन बाद मर्दानगी पर आ गई थी इसलिए उसे हां कहना ही पड़ा,,,)


सोच लो अभी भी तुम्हारे पास समय है,,,, क्यों बेइज्जत होकर इस घर से जाना चाहते हो वैसे भी पहले से ही इतनी बेइज्जती करवा चुके हो एक खूबसूरत जवानी से भरी हुई औरत तुमसे नहीं संभाली गई,,,,,,,


वह सब बातें छोड़ अभी जो करना है वह बता ना तुझे पानी पिला दिया तो मेरा नाम अशोक नहीं,,,,


मेरा मन नहीं मान रहा है आखिरकार तुम हो तो मेरे आप ही इसलिए कहता हूं कि शांति से तलाक के लिए ₹100000 नगद और यह घर हमारे नाम कर दो अगर मेरे सर के पीछे पड़ो के तो फिर एक बार फिर से अपने ही नजर में गिर जाओगे,,,,


मैं एक फूटी कौड़ी नहीं देने वाला और यहां से धक्के मार कर निकाल दूंगा,,,

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ऐसा कभी सपने में भी मत सोचना,,, वरना रांडवा ही रह जाओगे शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकते मुझे भी थोड़ा बहुत कानून मालूम है जिंदगी भर खर्चा देने से अच्छा है कि एक ही बार में ₹100000 और यह घर हमारे नाम कर दो और रुखसत हो जाओ यहां से वरना शादी के बारे में सोचना भी नहीं और अगर मैं अपने पर आ गई तो तुम्हें जेल की चक्की पीसने के लिए मजबूर कर दूंगी,,,,


तु मुझे धमकी दे रही है हरामजादी,,,


वैसे तो यह तेरे लिए सलाह ही है लेकिन इसे धमकी ही समझना,,,, तू भले घाट घाट का पानी पिया होगा लेकिन,,, तू औरत की ताकत तो नहीं जानता तुझे तो सिर्फ बिस्तर पर ही मर्दानगी दिखाने आती है और वह भी ठीक से नहीं दिखा पाता,,,,


साली मेरी मर्दानगी पर सवाल मत उठाना अगर मैं मर्द नहीं होता तो दो-दो बच्चों की मां नहीं बनी होती,,,

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मैं तो मां बन गई लेकिन तू बाप बन पाया तु कभी बाप नहीं बन पाया,,,, यह जो कुछ भी हो रहा है सब तेरी ही करनी धरनी है,,,,।
(आराधना की बात बिल्कुल सही थी जो कुछ भी आराधना के घर में हो रहा था उसके पीछे पूरी तरह से अशोक ही जिम्मेदार था क्योंकि पहले संजू ऐसा बिल्कुल भी नहीं था वह अपनी मां को एक मां के नजरिया सही देखा था लेकिन घर मे हो रहे झगड़े को देखकर और आधी आधी रात को अपने आप की काली करतूतों को देखकर और वह भी अपनी बीवी के साथ,,, यह सब देखकर संजू अपने आप में ही बड़ा होने लगा और अपनी मां को अपने आप की जुर्म से बचने के लिए उसे बीच में कूदना ही पड़ा और समय जिस तरह के हालात उसे कमरे में नजर आते थे उसे देखकर उसकी आंखों में भी वासना के डोरे उपसने लगे थे,,, अपनी मां को अर्धनग्न अवस्था में देखकर और उसे अपने पाप के जुर्म से बचने के लिए इधर-उधर हाथ लगाना ही पड़ता था और ऐसे में वह पूरी तरह से जवान था और एक जवान खूबसूरत औरत के अंगों पर हाथ पडते ही उसके अंदर की भी जवान और करने की दोनों फुटने लगती थी,,, और बार-बार अपनी और अपनी बीवी के बीच में अपने बेटे को आता देख कर अशोक गुस्से से तिल मिला जाता था और जवान बेटे के सामने बेबसी की हालत में वह अपने ही बेटे और अपनी ही बीवी पर झूठा इल्जाम लगाता था दोनों के बीच शारीरिक संबंध को लेकर बातें बनाया करता था और इन्हीं बातों को सुनकर जो कुछ भी संजू अपने मन में सोचा नहीं था उसे करने के लिए प्रेरित होने लगा,,,, और पति से प्यार न पाकर अपने बेटे के द्वारा अपने आप को संभालने की स्थिति में आराधना का भी झुकाव अपने बेटे की तरफ बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते इतना बढ़ गया कि दोनों एक ही बिस्तर तक आ गए और दोनों के बीच जिस्मानी ताल्लुकात पैदा हो गए,,,, ओर यह सिलसिला अभी तक शुरू था,,,)

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अपने आप को छुपाने के लिए मुझ पर झूठा इल्जाम मत लगा,,,,(अशोक गुस्से में बोला)


तुम बात को बदलने की कोशिश कर रहे हो इसीलिए कह रहा हूं कि हमारी शर्त मान कर चले जाओ,,,,,,


नहीं मैं यहां हार मानने के लिए नहीं आया हूं,,,,


तो तैयार हो,,,


हां मैं बिल्कुल तैयार हुं ,,


सोच लो अगर हार गए तो,,,,


जैसा तुम दोनों कहते हो वैसा ही करूंगा,,,,


मम्मी पापा तो एकदम तैयार हो गए हैं,,,, तो शुरू करें ,,,,


लेकिन करना क्या है,,,?(आराधना भी आश्चर्य जताते हुए बोली क्योंकि उसे भी नहीं मालूम था कि संजू कौन सा खेल खेलने वाला है,,,)


बहुत आसान है मेरी जान,,,(अपनी मां को जान कहकर संबोधित करते हुए) तुम्हें ज्यादा कुछ नहीं करना है बस अपनी साड़ी कमर तक उठाना है और अपनी चड्डी को अपने हाथों से एकदम मादक अदा भी खैर कर उसे उतरना है बस इतनी से ही मर्दानगी का पता चल जाएगा अगर इतना देखकर इनका लंड खड़ा हो गया,,, तो सही मायने में यह पूरे मर्द हैं और अगर मेरा नहीं खड़ा हुआ तो मैं हार मान लूंगा,,,, और फिर समझ जाऊंगा कि इनमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं है,,,,।


यह कैसा खेल है,,,(आराधना फिर से संजू की तरफ देखते हुए बोली)


तुम नहीं जानती रानी जवानी का थर्मोमीटर औरतों की दोनों टांगों के बीच होती है उसे देखकर ही मर्दों का पर चढ़ने लगता है बस यही देखना है कि तुम्हारी टांगों के बीच की पतली दरार को देखकर कौन सबसे पहले उत्तेजित होता है और कितना होता है,,,,

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(संजू एकदम बेशर्मी भरी बातें अपनी मां के सामने तो करता ही था लेकिन अपने आप के सामने भी वह पूरी तरह से बेशर्म हो चुका था क्योंकि वह जानता था कि उसके बाप से अब उसका कोई रिश्ता नहीं है वह इस परिवार के लिए बिल्कुल अनजान बन गया था,,, संजू की बातों को सुनने के बाद अशोक कुछ देर खामोश रहने के बाद बोला,,,)


मैं बिल्कुल तैयार हूं,,,,


ऐसे नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने पेट की बटन खोलने लगा और देखते ही देखते संजू पेट की बटन खोलने के बाद अपने अंडरवियर सहित अपनी पेट को नीचे घुटनों तक खींच दिया और,,, कमर के नीचे दोनों टांगों के बीच उसका हथियार एकदम से झुलने लगा जो कि सुषुप्त अवस्था में भी गजब का लग रहा था जिसे देखकर ही अशोक के पसीने छूट रहे थे,,,) अपनी पैंट इस तरह से उतार दो,,,, तभी तो पता चलेगा की मम्मी का थर्मामीटर हम दोनों के पारे को कितना ऊपर ले जाता है ,,,,

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(अशोक को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, अपने बेटे के लंड को जो कि अभी खड़ा भी नहीं था उसे देखकर उसके खुद के पसीने छूट रहे थे लेकिन वह इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं था,,, वह भी संजू की तरह अपने पेंट को घुटनों के नीचे खींच दिया,,, और उसके लंड को देखकर आराधना की हंसी छूटने वाली थी लेकिन वह अपने आप को किसी तरह से रोक ले गई आराधना की जवानी के दिन अशोक के छोटे से लंड से गुजर रही थी और जब तक उसने अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में नहीं ली थी तब तक उसे अपने पति का ही लंड बड़ा लगता था लेकिन अब बात कुछ और थी इसीलिए तो अपने पति के छोटे से लंड को देखकर उसकी हंसी छूटने वाली थी,,,,।)


अब शुरू करो मम्मी,,,,

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(अपने बेटे की बेशर्मी भरी बातों को सुनकर आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी थी उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी,,, अपने पति और अपने बेटे को अर्धनग्न अवस्था में देखकर वह भी अपने काम को अंजाम देने के लिए तैयार हो गई कमरे के अंदर का दृश्य धीरे-धीरे पूरी तरह से अपने पूरे सबाब में अपनी रंगत बिखेर रहा था,,,,, आराधना अपने बेटे के द्वारा बताए गए खेल को खेलने के लिए काफी उत्सुक भी थी और काफी उत्तेजित भी थी वह धीरे-धीरे अपनी मादक अदा बिखेरना शुरू कर दी वह दोनों हाथों को अपनी जांघों के इर्द-गिर्द रखकर अपनी नाजुक उंगलियां के सहारे अपनी साड़ी को पकड़ ली और उसे उंगलियों के सहारे से ऊपर की तरफ उठाना शुरू कर दी और जैसे-जैसे साड़ी ऊपर की तरह पड़ रही थी अशोक के लंड में तो नहीं लेकिन संजू के लंड में गजब की हरकत हो रही थी,,, देखते ही देखते अपनी मादक मुस्कान बिखरे हुए आराधना अपनी साड़ी को घुटनों तक उठा दी थी और उसकी नंगी मांसल चिकनी पिंडलियों को देखकर अशोक के लंड में अभी भी जरा सा भी हरकत नहीं हुआ,,, लेकिन संजू के लंड में भूचाल आना शुरू हो गया,,, संजू अपनी कमर पर दोनों हाथ रखकर मुस्कुराता हुआ अपनी मां की तरफ देख रहा था वह अपने लंड की तरफ देख भी नहीं रहा था लेकिन उसे एहसास हो रहा था कि उसके लंड में हरकत हो रही है और वह इस बात से बहुत खुश भी था,,,,।

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अपनी मां की नंगी चिकनी टांग को देखकर ही संजू से रहा नहीं गया और वह अपनी मां की खूबसूरती की तारीफ में बोला,,,।


वाह मेरी जान क्या मस्त जवानी है तेरी,,, तेरी तो पिंडलियों पर ही लंड रगड़ रगड़ कर पानी निकाल दुं,,,।
(एक तरफ आराधना की नंगी घुटनों के नीचे के भाग को देखकर संजू की हालत खराब हो रही थी वहीं दूसरी तरफ अशोक के लंड में जरा भी हरकत नहीं हो रही थी तो वह खुद ही अपने लंड को पकड़कर झटका मार कर उसे नींद से जगाने की कोशिश कर रहा था,, )


और ऊपर कर मेरी रानी साड़ी उठा अपना जलवा दिखा जवानी दिखा,,,,
(अपने बेटे के लंड की हालत और अपने बेटे के जोश को देखकर आराधना मन ही मन में मुस्कुरा रही थी खुश हो रही थी उत्तेजित हो रही थी और देखते ही देखते वह अपनी साड़ी को अपनी आधी जांघो तक उठा दी उसकी मोटी मोटी केले के तने के समान चिकनी जांघों को देख कर तो संजू का लंड जैसे ग्रीन सिग्नल पकड़ फाटक का डंडा एकदम से खड़ा हो जाता है इस तरह से उसका लंड भी पूरी तरह से खड़ा हो गया मानो कि जैसे ढीले डाले फुग्गे में हवा भर दी गई हो,,, वहीं दूसरी तरफ अशोक की हालत खराब हुई जा रही थी वह अपने लंड को पकड़ कर जोर-जोर से हिला रहा था लेकिन उसमें बिल्कुल भी हरकत नहीं हो रही थी,,, उसकी एक बजा यह भी थी कि वह अपनी आंखों के सामने अपनी जवान बेटे और अपनी बीवी की शर्म भरी हरकत को देख रहा था,,,,)


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वाह मेरी आराधना रानी क्या मस्त मोटी मोटी जांगे हैं तेरी आहहहह इसे देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए,,,,ऊफफ,,,, कमर तक उठा मेरी जान अपनी साड़ी को,,,आहहहहह क्या मस्त नजारा है इसे देखने के लिए ही तो मैं तड़प रहा हूं,,,,।


(अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हो रही थी ना तो लंड से और ना ही मुंह से लेकिन संजू की तरफ से उसका लंड और मुंह दोनों हरकत में आ चुके थे,,,, और दोनों बराबर हरकत कर रहे थे अपने बेटे की बात को सुनकर आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में डूबने के लिए तैयार थी और अपने बेटे की बात सुनते ही वह एकदम से अपनी साड़ी को कमर तक उठा दी और उसकी साड़ी कमर तक उठते ही उसकी पीले रंग की लाजवाब चड्डी नजर आने लगी जो कि उसके गोरे रंग पर और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी चड्डी आगे से पूरी तरह से खेली हो चुकी थी जो कि इस बात का सबूत था कि इस खेल में उसे भी बहुत मजा आ रहा था और यह नजारा अशोक भी देख रहा था अशोक भी अपनी बीवी की चड्डी के आगे वाले गीलेपन को देखकर अंदर ही अंदर गुस्से से आग बबूला हो रहा था,,,,। वहीं दूसरी तरफ संजू और आराधना दोनों एकदम खुश नजर आ रहे थे वह दोनों जानबूझकर अशोक के सामने इस तरह की हरकत करके मुस्कुरा रहे थे वह अशोक को बेइज्जत करना चाहते थे अशोक को उसके ही नजर में गिराना चाहते थे और जो की इसमें दोनों कामयाब भी होते नजर आ रहे थे अपनी मां की गली चड्डी को देखकर संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया उसे धीरे-धीरे मुठीयाते हुए बोला,,,)

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देख रहे हो अशोक बाबू तुम्हारी बीवी पानी छोड़ रही है मेरे लंड को देखकर,,,,(अपने लंड को बेशर्मी से मुट्ठी आते हुए) तुम्हारी बीवी अपनी चूत में मेरे लंड को लेना चाहती है,,,, इस बेहतरीन नजारे को देखकर भी अशोक बाबू तुम्हारे लंड में तो बिल्कुल भी हरकत नहीं हो रही है,,,,(अपने बाप के लंड की तरफ देखकर,,,,,, अशोक को तो जैसे काटो तो खून नहीं वह बेहद शर्मिंदगी महसूस कर रहा था उसकी हालत एकदम खराब हो रही थी अपनी आंखों के सामने ही अपनी बीवी और अपने बेटे की शर्मनाक हरकत को देखकर वह गुस्से से आग बबूला होता जा रहा था लेकिन वह इस समय शर्त के अधीन हो चुका था और इस बात तो उसे भी एहसास था कि वाकई में उसके लंड में किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हो रही थी,,,, संजू अपनी बेशर्मी भरी बातों को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


हाय मेरी जान तू कितना पानी छोड़ती है आज तो तेरी चुत की खैर नहीं,,, बस अब जल्दी से अपनी चड्डी उतार दे और नंगी हो जा,,,,


बस मेरे राजा देर किस बात की है,,,,(और इतना कहने के साथ ही आराधना अपने दोनों हाथों की नाजुक उंगलियों से अपनी पीली चड्डी पकड़ कर उसे उतारना शुरू कर दी और देखते ही देखते वह पूरी तरह से नंगी हो गई कमर के नीचे वह पूरी तरह से नंगी थी एकदम पागल कर देने वाले अंदाज में वह अपनी दोनों टांगों को थोड़ा सा खोल कर अपनी चूत को संजू की तरफ आगे परोसते हुए अपनी हथेली को अपनी चूत पर रखकर रगड़ते हुए बोली,,,,)


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हाय मेरे राजा तेरे लंड को देखकर मेरी चूत पानी छोड़ रही है,,, और इन महाशय को देखो अभी तक इनके लंड में हरकत ही नहीं हुई है,,,,(अशोक की तरफ देखकर एक कदम आगे बढ़कर संजू के खड़े लंड को अपने पति के सामने ही पकड़ ली और उसे आगे पीछे करके हिलाते हुए बोली,,,) इसे कहते हैं मर्द और इसे कहते हैं मर्दानगी,,,,,
(अपनी मां का हाथ अपने लंड पर पडते ही,,, संजू अपने आप के सामने अपनी उत्तेजना को संभाल नहीं पाया और तुरंत उसे अपनी बाहों में भरकर उसके लाल-लाल होठों को अपने होठों में भरकर चूसना शुरू कर दिया यह देखकर तो अशोक की हालत एकदम से खराब हो गई वह पागलों की तरह दोनों की हरकत को देखने लगा एक बार पहले भी उसकी आंखों के सामने ही दोनों बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके थे लेकिन आज फिर से उसकी आंखों के सामने वही दृश्य दोहराया जा रहा था,,, संजू से रहा नहीं जा रहा था वह पागलों की तरह अपनी मां को चूमते हुए उसे अपनी बाहों में पकड़ कर धीरे-धीरे दीवार की तरफ आगे पढ़ने लगा और जैसे ही उसकी पीठ को वह दीवार से सटाया वह अपने सब्र का बांध एकदम से तोड़ दिया,,, और तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों को पड़कर उसे दीवार के सहारे ऊपर उठाया और अपनी कमर से लपेट दिया इस तरह से उसकी मां उसकी गोद में आ चुकी थी और संजू अपने लंड को अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसे पकड़ लिया और उसके गुलाबी छेद पर लगाकर एक धक्का मारा और पूरा का पुरा लंड एक ही बार में आराधना की चूत में समा गया,,,,।


अशोक कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि आराधना से तलाक मांगने पर उसके घर में इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा संजू पागलों की तरह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और आराधना पागलों की तरह गरमा गरम सिसकारी छोड़ रही थी जो कि इस बात का सबूत था कि उसे अपने बेटे के साथ कितना मजा मिल रहा था,,,,, संजू और आराधना को इस बात की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी कि वह अशोक के सामने संभोग कर रहे हैं उन्हें तो बल्कि इस बात की खुशी थी कि वह वाकई में अशोक के सामने फिर से चुदाई का खेल खेल रहे हैं अशोक पूरी तरह से अपनी नजरों में गिर चुका था अशोक ने अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड का लोहा भी मान लिया था क्योंकि किसी भी सूरत में,,, संजू के लंड के आगे उसका लंड कुछ भी नहीं था और जिस तरह से वह दम खम दिखा कर अपनी गोद में उठाए हुए उसकी चुदाई कर रहा था यह उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था कुछ देर तक दोनों इसी तरह से गुत्थम गुत्था होकर एक दूसरे को मजा लेते और देते हुए झड़ना शुरू कर दिए,,,, और फिर धीरे से संजू अपने लंड को अपनी मां की चूत में से बाहर निकाला और अपनी मां को धीरे से अपनी गोद में से नीचे उतार दिया आराधना गहरी गहरी सांस लेते हुए बोली,,,)


देख लिया इसे कहते हैं मर्द अब तू अपनी शर्तें भी हार चुका है अगर मुझे छुटकारा चाहता है तलाक जाता है तो मेरी शर्त मानने वरना जिंदगी भर तुझे इसी तरह से बेइज्जत करते रहूंगी,,,,


(अशोक के पास दूसरा कोई चारा नहीं था वह किसी भी तरह से अब संजू और अपनी बीवी से आंख मिलाकर उनके सामने खड़ा नहीं हो सकता था क्योंकि वह पूरी तरह से उन दोनों की आंखों के सामने भेज तो चुका था सर ऊंचा करके अपनी बीवी और बच्चों के सामने जीना उसके लिए बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था इसलिए वह उन दोनों की शर्त मानते हुए बोला,,,)


ठीक है मुझे मंजूर है परसों में₹100000 नगद हो रही है यह घर तुम्हारा नाम कर दूंगा,,,,(इतना कहने के साथ ही अशोक घर से बाहर निकल गया बेइज्जत होकर और उसे जाता हुआ देखकर दोनों के चेहरे पर सुकून नजर आने लगा)
 
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Enjoywuth

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Wah kya mast khel khela hai.. Maza aagaya.. Bade be abru ho kar tere kuche se hum nikle.. Ashok ke liye yahi haal hai.. Naa biwi mili na ghar raha aur paisa bhi gaya bejati alag
 

Ajju Landwalia

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तलाक के कागजात देने के दो दिन बाद ही अशोक वापस घर पर आया और तलाक के बारे में बातें करने लगा उस समय घर पर केवल संजू और आराधना ही थे,,,।


तो क्या सोची है तूने,,,, मुझे तुझसे तलाक चाहिए और उससे शादी करना है,,,, वैसे तो मैं तुझे तलाक दिए बिना ही शादी करके कहीं भी रह सकता था लेकिन मुझे तुझे दिखाना भी है कि पति के बिना जिंदगी कैसी हो जाती है,,,


तू क्या दिखाएगा मुझे तुझे क्या लगा था कि मैं तुझे तलाक नहीं दूंगी मैं भी तुझसे छुटकारा चाहती हूं,,,


हां वह तो है छुटकारा तो तू मुझसे चाहती ही है क्योंकि जवान लंड जो मिल गया है चूत में लेने के लिए,,,
(संजू वहीं खड़ा अपने बाप की गंदी बातों पर सुन रहा था उसका भी मन जवाब देने को कर रहा था कि तभी उसे पहले ही आराधना बोल उठी,,,)


हां तो सच कह रहा है तेरे लंड में तो दम ही नहीं था मेरी जवानी की प्यास बुझाने के लिए,,, तभी तो दो धक्के में ही पस्त हो जाता था,,, ।
(जब बात मर्दानगी पर आ गई तो अशोक एकदम आग बबूला हो गया क्योंकि उसकी बीवी सीधे-सीधे उसकी मर्दानगी पर सवाल उठा रही थी उसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वह एकदम से गुस्से में आगे बढ़ते हुए बोला,,,)


हरामजादी मुझे नामर्द कहती है,,,(इतना कहने के साथ ही वह आगे बड़ा और आराधना को करने के लिए जैसे ही हाथ आगे बढ़ाया संजू तुरंत लपक कर उसका हाथ पकड़ लिया और गुस्से में बोला,,,)


हाथ चला कि तो बिल्कुल भी मत करना वरना ही टांगे भी तोड़ दूंगा क्योंकि हम दोनों के पीछे बाप बेटे का रिश्ता बिल्कुल भी नहीं रह गया है और रही बात मर्दानगी की तो वाकई में तेरे में अगर दम होता तो यह,,(अपनी मां की तरफ इशारा करके) कभी प्यासी ना रहती,,,,


देख में कुछ भी बर्दाश्त करता हूं लेकिन मर्दानगी पर अगर कोई उंगली उठाए तो मुझसे बर्दाश्त नहीं होता,,, अगर तुम दोनों की बातों में जरा भी सच्चाई होती तो वह औरत मेरे साथ ना रहती,,, मुझसे शादी करने के लिए तैयार नहीं होती,,,


वह तो तेरी सरकारी नौकरी की वजह से तेरे साथ में है तेरी तनख्वाह के कारण तेरे साथ में है वरना तेरे में दम कहां की तू किसी औरत की जवानी की आग को बुझा सके,,,,(गुस्से से आग बबूला होते हुए आराधना बोली)


हरामजादी,,, तू अच्छी तरह से जानती है कि तू दूसरी औरतों की तरह थी कि नहीं एकदम ठंडी है मर्दों को अपनी तरफ आकर्षित करने का हुनर तुझ में है ही ना हीं तेरे बदन में किसी भी प्रकार का आकर्षण है कि कोई तुझे देख कर आकर्षित हो और किसी का खड़ा हो,,,
(अपने आप के मुंह से अपनी मां के लिए गाली सुनकर एक बार फिर से संजू उसकी बाहों को जोर से पकड़ कर झगझोड़ते हुए बोला,,,)


देख मैं तुझे अभी भी कहता हूं की गली से बात मत कर और जो तू कहता है ना कि इसमें,,,(एक बार फिर से अपनी मां की तरफ आंखों से इशारा करके) इसमें कोई दम ही नहीं है इसके बदन में कोई आकर्षण ही नहीं है कि किसी का इसे देखकर खड़ा हो तो फैसला इसी समय हो जाए अगर तू एक बाप की औलाद है तो,,,


हरामी के पिल्ले बाप का नाम मत लेना,,,,


इसलिए तो कह रहा हूं दूध का दूध पानी का पानी हो जाए अगर तू एक बाप की औलाद है तो अभी फैसला करने के लिए तैयार हो जाएगा,,,,।
(अपने बेटे को अपनी तरफ से लड़ता हुआ देखकर आराधना मन ही मन बहुत ज्यादा प्रसन्न हो रही थी लेकिन आज उसे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि वह एक बेटे की हैसियत से उसकी तरफदारी कर रहा था बल्कि ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका कोई प्रेमी हो जो उसकी तरफदारी करके उसके पति से उसे पाने के लिए लड़ रहा हो और संजू की यही हरकत आराधना के मन में उतरती चली जा रही थी आराधना भी पूरी तरह से अपने बेटे की बातों को सुनकर पूरी तरह से प्रसन्नता के शिखर पर चली जा रही थी आज वह बहुत खुश नजर आ रही थी,,, लेकिन उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह किस तरह से फैसला करेगा उसके मन में इस बात का डर भी था कि कहीं वह फिर से तो नहीं अपने ही बाप के सामने उसको चोदेगा,,,, और इस बात से उसे घबराहट भी हो रही थी और मन में उत्तेजना भी हो रही थी क्योंकि अपने ही पति के सामने अपने बेटे के द्वारा चुदवाने में उसे बहुत मजा आया था उसे उसे समय ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे वह अपने पति से अपनी बेइज्जती का अपने अपमान का बदला ले रही हो और जी भर कर उसने बदल ली भी थी लेकिन इस समय क्या होने वाला है उसे पता नहीं था संजू की बातों को सुनकर अशोक खामोश हो चुका था,,,, लेकिन बाद उसकी मर्दानगी पर आ गई थी इसलिए वह भी काफी गुस्से में नजर आ रहा था और वह भी समझ नहीं पा रहा था कि उसका बेटा ऐसा क्या करेगा कि जिससे दोनों की मर्दानगी के बारे में पता चलेगा और इस बात के बारे में पता चलेगा की आराधना में अभी भी पूरी तरह से जवानी बरकरार है जो की हकीकत ही था कि उम्र के इस पड़ाव में भी आराधना बेलगाम घोड़ी की तरह थी वह पूरी तरह से जवानी से भरी हुई थी और कोई भी जवां मर्द उसकी जवानी उसकी चूत से निचोडने के लिए व्याकुल नजर आता था,,, कुछ देर तक कमरे में खामोशी छाई रही तो इस खामोशी भरे सन्नाटे को तोड़ते हुए संजू बोला,,,)


है तैयार अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए,,,


चल रहने दे कल का लौंडा मुझसे क्या टक्कर लेगा,,,


कल का लौंडा ही तेरी बीवी की जवानी की प्यास बुझा रहा है अपने मोटे लंड से और तेरी बीवी भी जी भरकर चुदाई का मजा लूट रही है,,,।
(संजू किस तरह की बातों को सुनकर आराधना की चूत से मदन रस टपकने लगा क्योंकि वह पूरी तरह से एक उसके प्रेमी की भाषा बोल रहा था ना कि उसके बेटे की आज पूरी तरह से आराधना को संजू में अपना प्रेमी अपना पति नजर आ रहा था जो कि उसकी तरफदारी कर रहा था और बातों ही बातों में उसकी जवानी की तारीफ भी कर रहा था अशोक तो अपने ही बेटे के मुंह से अपनी मां के लिए इस तरह के शब्दों को सुनकर पूरी तरह से हैरान हो चुका था लेकिन इसमें कुछ ज्यादा हैरानी की बात नहीं थी क्योंकि इससे भी ज्यादा हैरानी भरी हरकत को तो वह अपनी आंखों से ही उसे दिन देख चुका था जब उसकी आंखों के सामने ही उसका जवान बेटा अपनी ही मन की चुदाई कर रहा था और उसकी मां भी बेशर्म बनाकर अपने ही पति के सामने अपने ही बेटे से चुदवा रही थी,,,,,, संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


क्या हुआ आगे बढ़ाना है कि यहीं से हार मान लेना है,,,,


जाने दे मेरे राजा इसमें दम ही नहीं है दम होता तो आज मैं इसके बिस्तर पर होती,,,
(अपनी पत्नी के मुंह से इस तरह की बेशर्मी भरी बातें सुनकर अशोक पूरी तरह से दंग हो गया था उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके सामने उसकी बीवी खड़ी है ऐसा लग रहा था कि जैसे वह किसी रेड लाइट एरिया में खड़ा है और उसके सामने कोई रंडी उस भाव तोल कर रही है लेकिन अपनी बीवी के मुंह से अपनी मर्दानी की पर सवाल उठता हुआ देख कर वह एकदम कड़े स्वर में बोला,,,)


मैं तैयार हूं क्या करना होगा,,,,,,(अशोक ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता था लेकिन बाद मर्दानगी पर आ गई थी इसलिए उसे हां कहना ही पड़ा,,,)


सोच लो अभी भी तुम्हारे पास समय है,,,, क्यों बेइज्जत होकर इस घर से जाना चाहते हो वैसे भी पहले से ही इतनी बेइज्जती करवा चुके हो एक खूबसूरत जवानी से भरी हुई औरत तुमसे नहीं संभाली गई,,,,,,,


वह सब बातें छोड़ अभी जो करना है वह बता ना तुझे पानी पिला दिया तो मेरा नाम अशोक नहीं,,,,


मेरा मन नहीं मान रहा है आखिरकार तुम हो तो मेरे आप ही इसलिए कहता हूं कि शांति से तलाक के लिए ₹100000 नगद और यह घर हमारे नाम कर दो अगर मेरे सर के पीछे पड़ो के तो फिर एक बार फिर से अपने ही नजर में गिर जाओगे,,,,


मैं एक फूटी कौड़ी नहीं देने वाला और यहां से धक्के मार कर निकाल दूंगा,,,


ऐसा कभी सपने में भी मत सोचना,,, वरना रांडवा ही रह जाओगे शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकते मुझे भी थोड़ा बहुत कानून मालूम है जिंदगी भर खर्चा देने से अच्छा है कि एक ही बार में ₹100000 और यह घर हमारे नाम कर दो और रुखसत हो जाओ यहां से वरना शादी के बारे में सोचना भी नहीं और अगर मैं अपने पर आ गई तो तुम्हें जेल की चक्की पीसने के लिए मजबूर कर दूंगी,,,,


तु मुझे धमकी दे रही है हरामजादी,,,


वैसे तो यह तेरे लिए सलाह ही है लेकिन इसे धमकी ही समझना,,,, तू भले घाट घाट का पानी पिया होगा लेकिन,,, तू औरत की ताकत तो नहीं जानता तुझे तो सिर्फ बिस्तर पर ही मर्दानगी दिखाने आती है और वह भी ठीक से नहीं दिखा पाता,,,,


साली मेरी मर्दानगी पर सवाल मत उठाना अगर मैं मर्द नहीं होता तो दो-दो बच्चों की मां नहीं बनी होती,,,


मैं तो मां बन गई लेकिन तू बाप बन पाया तु कभी बाप नहीं बन पाया,,,, यह जो कुछ भी हो रहा है सब तेरी ही करनी धरनी है,,,,।
(आराधना की बात बिल्कुल सही थी जो कुछ भी आराधना के घर में हो रहा था उसके पीछे पूरी तरह से अशोक ही जिम्मेदार था क्योंकि पहले संजू ऐसा बिल्कुल भी नहीं था वह अपनी मां को एक मां के नजरिया सही देखा था लेकिन घर मे हो रहे झगड़े को देखकर और आधी आधी रात को अपने आप की काली करतूतों को देखकर और वह भी अपनी बीवी के साथ,,, यह सब देखकर संजू अपने आप में ही बड़ा होने लगा और अपनी मां को अपने आप की जुर्म से बचने के लिए उसे बीच में कूदना ही पड़ा और समय जिस तरह के हालात उसे कमरे में नजर आते थे उसे देखकर उसकी आंखों में भी वासना के डोरे उपसने लगे थे,,, अपनी मां को अर्धनग्न अवस्था में देखकर और उसे अपने पाप के जुर्म से बचने के लिए इधर-उधर हाथ लगाना ही पड़ता था और ऐसे में वह पूरी तरह से जवान था और एक जवान खूबसूरत औरत के अंगों पर हाथ पडते ही उसके अंदर की भी जवान और करने की दोनों फुटने लगती थी,,, और बार-बार अपनी और अपनी बीवी के बीच में अपने बेटे को आता देख कर अशोक गुस्से से तिल मिला जाता था और जवान बेटे के सामने बेबसी की हालत में वह अपने ही बेटे और अपनी ही बीवी पर झूठा इल्जाम लगाता था दोनों के बीच शारीरिक संबंध को लेकर बातें बनाया करता था और इन्हीं बातों को सुनकर जो कुछ भी संजू अपने मन में सोचा नहीं था उसे करने के लिए प्रेरित होने लगा,,,, और पति से प्यार न पाकर अपने बेटे के द्वारा अपने आप को संभालने की स्थिति में आराधना का भी झुकाव अपने बेटे की तरफ बढ़ने लगा और बढ़ते बढ़ते इतना बढ़ गया कि दोनों एक ही बिस्तर तक आ गए और दोनों के बीच जिस्मानी ताल्लुकात पैदा हो गए,,,, ओर यह सिलसिला अभी तक शुरू था,,,)


अपने आप को छुपाने के लिए मुझ पर झूठा इल्जाम मत लगा,,,,(अशोक गुस्से में बोला)


तुम बात को बदलने की कोशिश कर रहे हो इसीलिए कह रहा हूं कि हमारी शर्त मान कर चले जाओ,,,,,,


नहीं मैं यहां हार मानने के लिए नहीं आया हूं,,,,


तो तैयार हो,,,


हां मैं बिल्कुल तैयार हुं ,,


सोच लो अगर हार गए तो,,,,


जैसा तुम दोनों कहते हो वैसा ही करूंगा,,,,


मम्मी पापा तो एकदम तैयार हो गए हैं,,,, तो शुरू करें ,,,,


लेकिन करना क्या है,,,?(आराधना भी आश्चर्य जताते हुए बोली क्योंकि उसे भी नहीं मालूम था कि संजू कौन सा खेल खेलने वाला है,,,)


बहुत आसान है मेरी जान,,,(अपनी मां को जान कहकर संबोधित करते हुए) तुम्हें ज्यादा कुछ नहीं करना है बस अपनी साड़ी कमर तक उठाना है और अपनी चड्डी को अपने हाथों से एकदम मादक अदा भी खैर कर उसे उतरना है बस इतनी से ही मर्दानगी का पता चल जाएगा अगर इतना देखकर इनका लंड खड़ा हो गया,,, तो सही मायने में यह पूरे मर्द हैं और अगर मेरा नहीं खड़ा हुआ तो मैं हार मान लूंगा,,,, और फिर समझ जाऊंगा कि इनमें किसी भी प्रकार की कमी नहीं है,,,,।


यह कैसा खेल है,,,(आराधना फिर से संजू की तरफ देखते हुए बोली)


तुम नहीं जानती रानी जवानी का थर्मोमीटर औरतों की दोनों टांगों के बीच होती है उसे देखकर ही मर्दों का पर चढ़ने लगता है बस यही देखना है कि तुम्हारी टांगों के बीच की पतली दरार को देखकर कौन सबसे पहले उत्तेजित होता है और कितना होता है,,,,


(संजू एकदम बेशर्मी भरी बातें अपनी मां के सामने तो करता ही था लेकिन अपने आप के सामने भी वह पूरी तरह से बेशर्म हो चुका था क्योंकि वह जानता था कि उसके बाप से अब उसका कोई रिश्ता नहीं है वह इस परिवार के लिए बिल्कुल अनजान बन गया था,,, संजू की बातों को सुनने के बाद अशोक कुछ देर खामोश रहने के बाद बोला,,,)


मैं बिल्कुल तैयार हूं,,,,


ऐसे नहीं,,,(और इतना कहने के साथ ही अपने पेट की बटन खोलने लगा और देखते ही देखते संजू पेट की बटन खोलने के बाद अपने अंडरवियर सहित अपनी पेट को नीचे घुटनों तक खींच दिया और,,, कमर के नीचे दोनों टांगों के बीच उसका हथियार एकदम से झुलने लगा जो कि सुषुप्त अवस्था में भी गजब का लग रहा था जिसे देखकर ही अशोक के पसीने छूट रहे थे,,,) अपनी पैंट इस तरह से उतार दो,,,, तभी तो पता चलेगा की मम्मी का थर्मामीटर हम दोनों के पारे को कितना ऊपर ले जाता है ,,,,


(अशोक को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,, अपने बेटे के लंड को जो कि अभी खड़ा भी नहीं था उसे देखकर उसके खुद के पसीने छूट रहे थे लेकिन वह इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं था,,, वह भी संजू की तरह अपने पेंट को घुटनों के नीचे खींच दिया,,, और उसके लंड को देखकर आराधना की हंसी छूटने वाली थी लेकिन वह अपने आप को किसी तरह से रोक ले गई आराधना की जवानी के दिन अशोक के छोटे से लंड से गुजर रही थी और जब तक उसने अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में नहीं ली थी तब तक उसे अपने पति का ही लंड बड़ा लगता था लेकिन अब बात कुछ और थी इसीलिए तो अपने पति के छोटे से लंड को देखकर उसकी हंसी छूटने वाली थी,,,,।)


अब शुरू करो मम्मी,,,,


(अपने बेटे की बेशर्मी भरी बातों को सुनकर आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी थी उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी,,, अपने पति और अपने बेटे को अर्धनग्न अवस्था में देखकर वह भी अपने काम को अंजाम देने के लिए तैयार हो गई कमरे के अंदर का दृश्य धीरे-धीरे पूरी तरह से अपने पूरे सबाब में अपनी रंगत बिखेर रहा था,,,,, आराधना अपने बेटे के द्वारा बताए गए खेल को खेलने के लिए काफी उत्सुक भी थी और काफी उत्तेजित भी थी वह धीरे-धीरे अपनी मादक अदा बिखेरना शुरू कर दी वह दोनों हाथों को अपनी जांघों के इर्द-गिर्द रखकर अपनी नाजुक उंगलियां के सहारे अपनी साड़ी को पकड़ ली और उसे उंगलियों के सहारे से ऊपर की तरफ उठाना शुरू कर दी और जैसे-जैसे साड़ी ऊपर की तरह पड़ रही थी अशोक के लंड में तो नहीं लेकिन संजू के लंड में गजब की हरकत हो रही थी,,, देखते ही देखते अपनी मादक मुस्कान बिखरे हुए आराधना अपनी साड़ी को घुटनों तक उठा दी थी और उसकी नंगी मांसल चिकनी पिंडलियों को देखकर अशोक के लंड में अभी भी जरा सा भी हरकत नहीं हुआ,,, लेकिन संजू के लंड में भूचाल आना शुरू हो गया,,, संजू अपनी कमर पर दोनों हाथ रखकर मुस्कुराता हुआ अपनी मां की तरफ देख रहा था वह अपने लंड की तरफ देख भी नहीं रहा था लेकिन उसे एहसास हो रहा था कि उसके लंड में हरकत हो रही है और वह इस बात से बहुत खुश भी था,,,,।


अपनी मां की नंगी चिकनी टांग को देखकर ही संजू से रहा नहीं गया और वह अपनी मां की खूबसूरती की तारीफ में बोला,,,।


वाह मेरी जान क्या मस्त जवानी है तेरी,,, तेरी तो पिंडलियों पर ही लंड रगड़ रगड़ कर पानी निकाल दुं,,,।
(एक तरफ आराधना की नंगी घुटनों के नीचे के भाग को देखकर संजू की हालत खराब हो रही थी वहीं दूसरी तरफ अशोक के लंड में जरा भी हरकत नहीं हो रही थी तो वह खुद ही अपने लंड को पकड़कर झटका मार कर उसे नींद से जगाने की कोशिश कर रहा था,, )


और ऊपर कर मेरी रानी साड़ी उठा अपना जलवा दिखा जवानी दिखा,,,,
(अपने बेटे के लंड की हालत और अपने बेटे के जोश को देखकर आराधना मन ही मन में मुस्कुरा रही थी खुश हो रही थी उत्तेजित हो रही थी और देखते ही देखते वह अपनी साड़ी को अपनी आधी जांघो तक उठा दी उसकी मोटी मोटी केले के तने के समान चिकनी जांघों को देख कर तो संजू का लंड जैसे ग्रीन सिग्नल पकड़ फाटक का डंडा एकदम से खड़ा हो जाता है इस तरह से उसका लंड भी पूरी तरह से खड़ा हो गया मानो कि जैसे ढीले डाले फुग्गे में हवा भर दी गई हो,,, वहीं दूसरी तरफ अशोक की हालत खराब हुई जा रही थी वह अपने लंड को पकड़ कर जोर-जोर से हिला रहा था लेकिन उसमें बिल्कुल भी हरकत नहीं हो रही थी,,, उसकी एक बजा यह भी थी कि वह अपनी आंखों के सामने अपनी जवान बेटे और अपनी बीवी की शर्म भरी हरकत को देख रहा था,,,,)


वाह मेरी आराधना रानी क्या मस्त मोटी मोटी जांगे हैं तेरी आहहहह इसे देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए,,,,ऊफफ,,,, कमर तक उठा मेरी जान अपनी साड़ी को,,,आहहहहह क्या मस्त नजारा है इसे देखने के लिए ही तो मैं तड़प रहा हूं,,,,।


(अशोक की तरफ से किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हो रही थी ना तो लंड से और ना ही मुंह से लेकिन संजू की तरफ से उसका लंड और मुंह दोनों हरकत में आ चुके थे,,,, और दोनों बराबर हरकत कर रहे थे अपने बेटे की बात को सुनकर आराधना भी पूरी तरह से मस्ती के सागर में डूबने के लिए तैयार थी और अपने बेटे की बात सुनते ही वह एकदम से अपनी साड़ी को कमर तक उठा दी और उसकी साड़ी कमर तक उठते ही उसकी पीले रंग की लाजवाब चड्डी नजर आने लगी जो कि उसके गोरे रंग पर और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी चड्डी आगे से पूरी तरह से खेली हो चुकी थी जो कि इस बात का सबूत था कि इस खेल में उसे भी बहुत मजा आ रहा था और यह नजारा अशोक भी देख रहा था अशोक भी अपनी बीवी की चड्डी के आगे वाले गीलेपन को देखकर अंदर ही अंदर गुस्से से आग बबूला हो रहा था,,,,। वहीं दूसरी तरफ संजू और आराधना दोनों एकदम खुश नजर आ रहे थे वह दोनों जानबूझकर अशोक के सामने इस तरह की हरकत करके मुस्कुरा रहे थे वह अशोक को बेइज्जत करना चाहते थे अशोक को उसके ही नजर में गिराना चाहते थे और जो की इसमें दोनों कामयाब भी होते नजर आ रहे थे अपनी मां की गली चड्डी को देखकर संजू अपने लंड को हाथ में पकड़ लिया उसे धीरे-धीरे मुठीयाते हुए बोला,,,)


देख रहे हो अशोक बाबू तुम्हारी बीवी पानी छोड़ रही है मेरे लंड को देखकर,,,,(अपने लंड को बेशर्मी से मुट्ठी आते हुए) तुम्हारी बीवी अपनी चूत में मेरे लंड को लेना चाहती है,,,, इस बेहतरीन नजारे को देखकर भी अशोक बाबू तुम्हारे लंड में तो बिल्कुल भी हरकत नहीं हो रही है,,,,(अपने बाप के लंड की तरफ देखकर,,,,,, अशोक को तो जैसे काटो तो खून नहीं वह बेहद शर्मिंदगी महसूस कर रहा था उसकी हालत एकदम खराब हो रही थी अपनी आंखों के सामने ही अपनी बीवी और अपने बेटे की शर्मनाक हरकत को देखकर वह गुस्से से आग बबूला होता जा रहा था लेकिन वह इस समय शर्त के अधीन हो चुका था और इस बात तो उसे भी एहसास था कि वाकई में उसके लंड में किसी भी प्रकार की हरकत नहीं हो रही थी,,,, संजू अपनी बेशर्मी भरी बातों को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


हाय मेरी जान तू कितना पानी छोड़ती है आज तो तेरी चुत की खैर नहीं,,, बस अब जल्दी से अपनी चड्डी उतार दे और नंगी हो जा,,,,


बस मेरे राजा देर किस बात की है,,,,(और इतना कहने के साथ ही आराधना अपने दोनों हाथों की नाजुक उंगलियों से अपनी पीली चड्डी पकड़ कर उसे उतारना शुरू कर दी और देखते ही देखते वह पूरी तरह से नंगी हो गई कमर के नीचे वह पूरी तरह से नंगी थी एकदम पागल कर देने वाले अंदाज में वह अपनी दोनों टांगों को थोड़ा सा खोल कर अपनी चूत को संजू की तरफ आगे परोसते हुए अपनी हथेली को अपनी चूत पर रखकर रगड़ते हुए बोली,,,,)


हाय मेरे राजा तेरे लंड को देखकर मेरी चूत पानी छोड़ रही है,,, और इन महाशय को देखो अभी तक इनके लंड में हरकत ही नहीं हुई है,,,,(अशोक की तरफ देखकर एक कदम आगे बढ़कर संजू के खड़े लंड को अपने पति के सामने ही पकड़ ली और उसे आगे पीछे करके हिलाते हुए बोली,,,) इसे कहते हैं मर्द और इसे कहते हैं मर्दानगी,,,,,
(अपनी मां का हाथ अपने लंड पर पडते ही,,, संजू अपने आप के सामने अपनी उत्तेजना को संभाल नहीं पाया और तुरंत उसे अपनी बाहों में भरकर उसके लाल-लाल होठों को अपने होठों में भरकर चूसना शुरू कर दिया यह देखकर तो अशोक की हालत एकदम से खराब हो गई वह पागलों की तरह दोनों की हरकत को देखने लगा एक बार पहले भी उसकी आंखों के सामने ही दोनों बेशर्मी की सारी हदें पार कर चुके थे लेकिन आज फिर से उसकी आंखों के सामने वही दृश्य दोहराया जा रहा था,,, संजू से रहा नहीं जा रहा था वह पागलों की तरह अपनी मां को चूमते हुए उसे अपनी बाहों में पकड़ कर धीरे-धीरे दीवार की तरफ आगे पढ़ने लगा और जैसे ही उसकी पीठ को वह दीवार से सटाया वह अपने सब्र का बांध एकदम से तोड़ दिया,,, और तुरंत अपनी मां की दोनों टांगों को पड़कर उसे दीवार के सहारे ऊपर उठाया और अपनी कमर से लपेट दिया इस तरह से उसकी मां उसकी गोद में आ चुकी थी और संजू अपने लंड को अपना हाथ नीचे की तरफ ले जाकर उसे पकड़ लिया और उसके गुलाबी छेद पर लगाकर एक धक्का मारा और पूरा का पुरा लंड एक ही बार में आराधना की चूत में समा गया,,,,।


अशोक कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि आराधना से तलाक मांगने पर उसके घर में इस तरह का नजारा देखने को मिलेगा संजू पागलों की तरह अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया था और आराधना पागलों की तरह गरमा गरम सिसकारी छोड़ रही थी जो कि इस बात का सबूत था कि उसे अपने बेटे के साथ कितना मजा मिल रहा था,,,,, संजू और आराधना को इस बात की बिल्कुल भी चिंता नहीं थी कि वह अशोक के सामने संभोग कर रहे हैं उन्हें तो बल्कि इस बात की खुशी थी कि वह वाकई में अशोक के सामने फिर से चुदाई का खेल खेल रहे हैं अशोक पूरी तरह से अपनी नजरों में गिर चुका था अशोक ने अपने बेटे के मोटे तगड़े लंड का लोहा भी मान लिया था क्योंकि किसी भी सूरत में,,, संजू के लंड के आगे उसका लंड कुछ भी नहीं था और जिस तरह से वह दम खम दिखा कर अपनी गोद में उठाए हुए उसकी चुदाई कर रहा था यह उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था कुछ देर तक दोनों इसी तरह से गुत्थम गुत्था होकर एक दूसरे को मजा लेते और देते हुए झड़ना शुरू कर दिए,,,, और फिर धीरे से संजू अपने लंड को अपनी मां की चूत में से बाहर निकाला और अपनी मां को धीरे से अपनी गोद में से नीचे उतार दिया आराधना गहरी गहरी सांस लेते हुए बोली,,,)


देख लिया इसे कहते हैं मर्द अब तू अपनी शर्तें भी हार चुका है अगर मुझे छुटकारा चाहता है तलाक जाता है तो मेरी शर्त मानने वरना जिंदगी भर तुझे इसी तरह से बेइज्जत करते रहूंगी,,,,


(अशोक के पास दूसरा कोई चारा नहीं था वह किसी भी तरह से अब संजू और अपनी बीवी से आंख मिलाकर उनके सामने खड़ा नहीं हो सकता था क्योंकि वह पूरी तरह से उन दोनों की आंखों के सामने भेज तो चुका था सर ऊंचा करके अपनी बीवी और बच्चों के सामने जीना उसके लिए बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था इसलिए वह उन दोनों की शर्त मानते हुए बोला,,,)


ठीक है मुझे मंजूर है परसों में₹100000 नगद हो रही है यह घर तुम्हारा नाम कर दूंगा,,,,(इतना कहने के साथ ही अशोक घर से बाहर निकल गया बेइज्जत होकर और उसे जाता हुआ देखकर दोनों के चेहरे पर सुकून नजर आने लगा)

Wah kya baat he rohnny4545 Bhai,

Kya mast tarike se ashok ko haraya he sanju ne......................aakhirkar wo sharmindgi se haar maan kar aaradhna aur sanju ki demand maan hi li...............

Gazab Bhai
 

Alok

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Behad kaamuk update rohnny4545 bhai...
 

simapatel

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Bahut badhiya update Bhai.
dm me please
 
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Visgu

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Mast update bhai
 
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