अपने बाप के सामने ही एक बार फिर से अपनी मां की चुदाई करके और अपनी मर्दानी की को अपने आप की मर्दानगी से कुछ ज्यादा ही बेहतर दिखा कर अपने ही आप को अपनी ही नजर में गिरने पर मजबूर कर दिया था,,, अशोक भी अपने बेटे की मर्दाना ताकत को देखकर दंग रह गया था यह दूसरी बार था जब उसकी आंखों के सामने ही उसके बेटे ने अपनी मां की जमकर चुदाई किया था और उसकी मां भी बिना शर्म किया बेशर्मों की तरह एक रंडी की तरह अपने पति के सामने अपनी ही बेटी के लैंड को अपनी चूत में लेकर अपनी प्यास बुझाने की पूरी कोशिश की थी और अपनी ही नजर में अपने पति को गिराने की भरपूर कोशिश की थी जिसमें वह कामयाबी हो गई थी यह एक तरह से अपने पति के गाल पर थप्पड़ था,,, क्योंकि जिस हालात में वह छोड़कर गया था उसे बाहर निकलना आराधना के लिए बहुत मुश्किल था लेकिन जैसे तैसे करके वह उस मुसीबत की घड़ी से बाहर निकल गई थी साथ ही नए सिरे से अपनी जिंदगी की शुरुआत की थी अपने बच्चों के साथ जिसमें उसे सारे सुख मिल रहे थे जिसमें जिस्मानी सुख भी शामिल था और सभी सुखों के आगे जिस्मानी सुख का कद कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है,,,।
वैसे तो अशोक तलाक के बदले आराधना को एक फूटी कोड़ी नहीं देने वाला था और उसे ऐसा ही लग रहा था कि वह सीधी शादी औरत उसे आराम से तलाक दे देगी लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं था तलाक के बदले में आराधना की कुछ शर्ते द ₹100000 नगद और जिस घर में रहते थे वह घर उसके नाम पर करना था और जिस तरह से संजू ने मरदानी की दिखाने की शर्त के आगे अपनी कुछ शर्ते रखी थी अशोक को मुंह की खानी पड़ी थी और उसे आराधना की शर्त मानना पड़ा था और वहां से वह चलता बना था,,,।
आराधना ने फोन करके अपनी बड़ी बहन को सब कुछ बताती थी और निश्चित किए हुए दिन पर आराधना अपनी बड़ी बहन साधना के साथ-साथ अपने बच्चों और मनीषा को भी लेकर कोर्ट पहुंच चुकी थी आराधना के पक्ष से साधना की पहचान का ही वकील था जो सब कुछ कागज तैयार कर चुका था,,, वहां पर पहले से ही अशोक और उसकी होने वाली बीवी मौजूद थी साधना उसे औरत को देखकर धीरे से आराधना के कान मे बोली,,,।
यार आराधना यह तो तेरी झांट के बाल भी बराबर नहीं है,,, अशोक सच में साला एकदम चुतीया है जो इतनी खूबसूरत रसमलाई को छोड़कर बर्फी के पीछे लट्टू हुआ है,,,,(साधना की बात को संजू सुन रहा था और वह भी मुस्कुराते हुए बोला,,,)
सच कह रही हो मौसी यह औरत तो मम्मी की चूत के पानी के बराबर भी नहीं है,,,
धत्,, हरामी,,,,(आराधना अपने बेटे को आंख दिखाते हुए बोली,,,, बीच में साधना बोल पड़ी,,,)
सच ही तो कह रहा है संजू,,,, अगर यह संजू के नीचे आ जाए तो संजू एक ही रात में इसकी चुत का भोसड़ा बना देगा,,,
हाय दइया दीदी कुछ तो शर्म करो,,, सब लोग यहां पर हैं,,,।
अरे तो क्या हुआ सच ही तो कह रही हूं,,, इसके शरीर को देखकर तुझे नहीं लग रहा है कि संजू का मोटा तगड़ा लंड यह झेल नहीं पाएगी वह तो हम दोनों हैं जो संजू के हर एक धक्के को झेल लेते हैं,,,,(साधना की बातें आराधना को अच्छी तो लग रही थी लेकिन वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी उसे इस बात का डर था कि कहीं उन दोनों की बात कोई सुन ना ले इसलिए वह चकर पकर देख ले रही थी,,,, लेकिन किसी का भी ध्यान उन तीनों की तरफ नहीं था,,, संजू बार-बार अपने पापा के साथ खड़ी उसे औरत की तरफ देख ले रहा था खास करके संजू अपनी नजरों से ही उसकी छतिया और उसकी गांड का माप नापने की कोशिश कर रहा था और उसे अपनी मौसी की बात में सच्चाई नजर आ रही थी उसे पूरा यकीन था कि अगर एक रात के लिए जरूर उसे मिल जाए तो सच में उसकी चूत का भोसड़ा बना दे,,,,, संजू की नजर को साधना भी बड़े अच्छे से पहचान रही थी इसलिए वह मुस्कुराते हुए बोली,,,)
क्या देख रहा है संजू अपनी नई मां की गांड देख रहा है ना,,,।
हाय दीदी कुछ तो शर्म करो,,,(साधना को चुप कराने की कोशिश करते हुए वह बोली,,)
इसमें कौन सी शर्म जब वह खुद की अपनी सगी मां की जमकर चुदाई कर सकता है तो वह तो सिर्फ मुंह बोली है,,,, अच्छा संजू अगर तू सच में अपनी मां की औलाद है तो उसे औरत की गांड पर अपना हाथ फिरा कर दिखा,,,,
यह क्या कह रही हो दीदी बात बिगड़ जाएगी,,,(साधना एकदम आश्चर्य और चिंता दर्शाते हुए बोली क्योंकि उसे अपनी बड़ी बहन की है बात अच्छी नहीं लगी थी क्योंकि इसमें गड़बड़ होने की बात थी अगर वह औरत संजू की हरकत पर आपत्ति जताती है तो बहुत गड़बड़ हो सकती थी,,,,)
कुछ बात नहीं बिगड़ेगी संजू को मैं अच्छी तरह से जानती हूं संजू बड़े अच्छे से संभाल लेगा,,, क्यों संजू सही कह रही हु ना,,,,
(साधना की बात सुनकर संजू कुछ बोला नहीं बस मुस्कुरा रहा था और उसकी मुस्कुराहट देखकर आराधना समझ गई थी कि यह साधना की बात मान गया है इसलिए आराधना के चेहरे पर चिंता के भाव नजर आने लगे,,,, और वह संजू से बोली,,,)
नहीं संजु ऐसा बिल्कुल भी मत करना,,,
(जवाब में संजू कुछ बोला नहीं बस सही मौके का इंतजार करता रहा और थोड़ी देर बाद उसे वह मौका मिल ही गया जब अशोक और साधना का वकील और उसका वकील कागजात लेकर जज के पास गए उस समय वह औरत अपने दोनों हाथ बांधकर खिड़की से कोर्ट की कार्रवाई देख रही थी तभी संजू आगे बढ़ा और उसे आगे बढ़ता हुआ देख कर आराधना का दिल जोरो से धड़कने लगा इन सब के बीच मोहिनी और मनीषा दोनों थोड़ी दूरी पर एक बेंच पर बैठकर बातें कर रहे थे,,, उन दोनों तो मानो जैसे यहां पर पिकनिक मनाने आए थे वैसे भी इस तलाक को लेकर घर का कोई सदस्य कुछ ज्यादा चिंतित नहीं था सबको बस इस रिश्ते से छुटकारा चाहिए था और वह आज होने वाला था,,,,।
साधना उत्सुकता से और आराधना चिंतित होकर देख रही थी वह औरत जिसे संजू का आप शादी करने वाला था वह दोनों हाथ बांधकर खिड़की में से देख रही थी और ऐसी अवस्था में भले चाहे जो भी हो संजू को वह औरत बेहद कामनीय लग रही थी उसके नितंबों का उभार उसकी मां जितना उन्नत तो नहीं था लेकिन किसी भी मर्द को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए काफी था,,,। न जाने क्यों वह औरत भी बार-बार तिरछी नजर से संजू की तरफ देख ले रही थी,,,,,,।
औरतों की संगत में संजू बेहद शातीर और चालाक हो चुका था,,,, वह अपने चारों तरफ नजर दौड़ा कर पूरी तरह से तसल्ली कर लेने के बाद उसे औरत की तरफ आगे बढ़ा और देखते ही देखते वह एकदम से उसके करीब पहुंच गया संजू को अपने बेहद करीब देखकर वह औरत भी थोड़ा सा शक पका गई लेकिन वह औरत संजू के इतने करीब आने पर कुछ रिएक्शन दे पाती इससे पहले ही संजू अपनी हरकत को अंजाम देते हुए अपने हाथ को उसके नितंबों के पीछे ले गया और अपनी हथेली को उसके नितंबों के नीचे वाले भाग पर रखते हुए हल्के से दबाव बनाते हुए उसे ऊपर की तरफ ले आया मानो कि वह उसकी गांड को सहला रहा हो,,,, वह औरत तो संजू की हरकत से पूरी तरह से शक पका गई आश्चर्य से उसकी आंखें एकदम चौड़ी हो गई,,,, और वह संजू की तरफ फटी आंखों से देखने लगी वह औरत कुछ बोल पाती से पहले ही संजू उसके नितंबों पर हाथ रखे हुए ही बोला,,,।)
आज से मेरे पापा के साथ तुम्हारा नया रिश्ता शुरू हो रहा है इस नए रिश्ते के लिए तुम्हें ढेर सारी बधाई तो मानो या ना मानो लेकिन तुम्हारे और मेरे बीच मां बेटे वाला ही रिश्ता है क्योंकि मैं अपने पापा का बेटा हूं और मेरे पापा आप तुमसे शादी करने वाले हैं इस रिश्ते से तुम मेरी मां हुई,,,।(संजू उससे बात करने के दौरान उसकी आंखों में देख रहा था और संजू की बात सुनकर वह भी हैरान थी क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी वजह से आज उससे उसका आप अलग हो रहा है लेकिन फिर भी उसके लड़के में इस बात को लेकर जरा भी दुख नहीं है बल्कि वह उसे नई जीवन की शुरुआत के लिए बधाई दे रहा है वह अपने मन में यही बात सोच रही थी कि मौका देखकर संजू उसकी गोल-गोल गांड पर एक बार फिर से हाथ घुमाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को उसकी गांड की दरार के पीछे करते हुए ऊपर की तरफ ले आया लेकिन चीज जगह से उसने उंगली को अंदर धंसाने की शुरूआत किया था ऐसे हालात में उसकी उंगली उस औरत को अपनी चूत पर महसूस हुई जिससे वह पूरी तरह से गन गना गई थी,,,, ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे औरत ने पहली बार इस तरह की हरकत को अपने बदन में महसूस की थी और जिसे महसूस करने के बाद वह पूरी तरह से मचल उठी थी,,,, संजू उस औरत को बोलने नहीं दे रहा था क्योंकि वह जानता था कि अगर उसे बोलने का मौका दिया तो गड़बड़ हो जाएगा दूर खड़ी आराधना और साधना अपने बेटे की हरकत को देख रही थी आराधना है उसके बेटे की हिम्मत और ताकत को देखकर और साधना इस बात से खुश थी कि उसका भतीजा उसके विश्वास पर पूरी तरह से खरा उतरा था,,,, संजू अपनी उंगली का जादू दिखाते हुए उस औरत से बोला,,,।
तुम्हें देखकर ही मैं समझ गया था कि मेरे पापा के लिए तुम एकदम फिट औरत हो,,,,,(संजू की बात सुनकर वह औरत आश्चर्य से आराधना की तरफ देखने लगी क्योंकि उसे इस बात का एहसास अच्छी तरह से था की खूबसूरती के मामले में उससे ज्यादा आराधना खूबसूरत थी और हसीन भी थी उसके बदन से जवानी पूरी तरह से टपक रही थी इसलिए उसे आश्चर्य हो रहा था और संजू भी शायद उसकी आंखों में इस आश्चर्य को पढ दिया था इसलिए वह बोला,,)
वहां मत देखो मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही हो तुम यही सोच रही हो ना कि मुझे भी ज्यादा खूबसूरत तो वह है,,,, लेकिन शायद तुम एक बात नहीं जानती क्योंकि मेरे पापा को ही पता है कि भले ही वह कितनी भी खूबसूरत औरत है लेकिन बिस्तर पर बिल्कुल ठंडी है और मेरे पापा को बिस्तर पर एकदम गर्म औरत चाहिए बिल्कुल तुम्हारी तरह तुम्हें देख कर ही मैं समझ गया था कि तुम बहुत गर्म औरत हो मेरे पापा की लायक इसीलिए तो सब कुछ छोड़-छाड़ कर वह तुम्हारे पीछे पागल हुए हैं,,,,(संजू की इस बात में उसे औरत को अपनी खूबसूरती और अपनी जवानी के बारे में बडाई नजर आ रही थी अपनी तारीफ नजर आ रही थी इसलिए वह अंदर ही अंदर एकदम खुश होने लगी लेकिन संजू की बातों को सुनकर और जो हरकत उसने किया था उसकी वजह से उसे अपनी चूत गीली होती हुई महसूस हो रही थी जिससे वह खुद हैरान थी,,,, वह अभी तक कुछ बोली नहीं थी लेकिन वह संजू की बात को सुनकर वह बोली,,)
तुम अपनी मां के बारे में ऐसा क्यों कह रहे हो और तुम्हें ऐसा कहना भी नहीं चाहिए अपनी मां के बारे में,,,
मैं जानता हूं तुम जो कुछ भी कह रही हो उसमें सच्चाई है एक बेटे को अपनी मां के बारे में इस तरह की अंदरुनी बातें नहीं बतानी चाहिए लेकिन मैं क्या करता मजबूर हूं मेरी मां की वजह से आज मेरे पापा अलग हो रहे हैं अगर मेरी मां भी तुम्हारी तरह गर्म औरत होती बिस्तर पर मेरे पापा का साथ देती तो शायद आज मेरा परिवार इस तरह से बिखरता नहीं लेकिन फिर भी मैं तुम्हें बधाई दूंगा,,,, तुम मेरे पापा का साथ बहुत अच्छे तरीके से दोगी इसलिए मैं तुम्हें यहां सिर्फ बधाई देने आया हूं,,,(ऐसा कहते हुए संजू फिर से अपनी हथेली को उसके लिए नितंबो पर रख दिया और इस बार उत्तेजना के मारे कस के दबा भी दिया जिससे वह एकदम से चौंक गई और अपने अगल-बगल देखने लगी लेकिन कोई भी उन दोनों को देख नहीं रहा था सिवाय आराधना और साधना के जोकी वह दोनों भी तिरछी नजरों से ही देख रहे थे,,,,, लेकिन फिर भी उस औरत के मुंह से आह निकल गई,,)
आहहहह ,,, यह क्या कर रहे हो,,,
मैं माफी चाहूंगा लेकिन तुम्हारी जैसी खूबसूरत और गर्म औरत को इतने करीब देखकर मैं अपने आप पर काबू नहीं कर पाया और मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है औरतों की खूबसूरत गांड जो कि काम ही देखने को मिलती है और वह आकर्षण मुझे तुम्हारी गांड में देखने को मिल रही है इतनी उभरी हुई कई हुई साड़ी में तुम्हारी गांड और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही है,,,।
(संजू किस तरह से खुली और गंदी बातों को सुनकर वह औरत एकदम से हैरान थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि संजू उसे कोई मौका ही नहीं दे रहा था बोलने का बस अपनी तरफ से हरकत भी कर रहा था और बोले जा रहा था और उसे यह भी समझ में नहीं आ रहा था कि एक तरफ वह उसे मां का दर्जा भी दे रहा था और इस तरह की हरकत भी कर रहा था हालांकि इसकी हरकत को लेकर उसके बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूट रही थी और उसकी चूत से मदन रस का रिसाव भी हो रहा था,,,। संजू की हरकत की वजह से उसकी सांसे गहरी चलने लगी थी संजू को बहुत मजा आ रहा था संजू को अच्छी तरह से एहसास हो रहा था कि उसकी हरकत की वजह से वह औरत पूरी तरह से चुदवासी हो रही थी,,,, संजू उसे औरत से और बातें कर पाता इससे पहले ही अंदर से एक आदमी आया और आराधना को बुलाने लगा और संजू भी अपनी मां के साथ अंदर चला गया,,,,।
थोड़ी देर बाद सब लोग बाहर आ गए सभी के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव नजर आ रहे थे सब कुछ सही तरीके से संपन्न हो चुका था अपनी मां को कोर्ट रूम से बाहर निकलते हुए देख कर मोहिनी और मनीष भी दोनों की तरफ आगे बढ़ गए और सब कुछ सही हो गया यह जानकर राहत की सांस लिए थे वादे के मुताबिक आराधना के हाथों में एक लाख रुपया नगद और घर के कागजात थे जिससे वह और ज्यादा खुश नजर आ रही थी,,,।
अशोक अपनी होने वाली बीवी को लेकर वहां से चला गया था क्योंकि वह पहले से ही संजू और अपनी बीवी की नजरों में गिर चुका था इसलिए वहां पर खड़ा रहना उसके लिए उचित नहीं था लेकिन साधना बहुत खुश नजर आ रही थी क्योंकि संजू उसके विश्वास पर पूरी तरह से खरा उतरा था और इस बात को देखकर आराधना भी हैरान हो गई थी कि उसकी इतनी अश्लील हरकत के बावजूद भी अशोक की होने वाली बीवी ने उसे कुछ भी नहीं कही थी,,,।
अब आराधना तेरे जीवन का नया अध्याय शुरू हो रहा है जिसे तू अपने तरीके से और एकदम खुश होकर जीना संजू तो है ही तेरे साथ,,,(संजू वाली बात वह बड़े धीरे से बोली थी क्योंकि उसके कहने के मतलब को आराधना अच्छी तरह से समझ रही थी इसलिए साधना की बात सुनकर वह शर्मा गई थी,,,, इसके बाद सब लोग अपनी-अपने घर चले गए घर पर पहुंचने के बाद आराधना और मोहिनी बहुत खुश नजर आ रहे थे साथ ही संजू की बहुत खुश था मोहिनी बोली,,,)
अब तो हम लोगों के पास पैसे भी हो गए हैं क्यों ना हम लोग इस मौके को अच्छी तरह से मनाए,,,
लेकिन किस तरह से,,,(आराधना बोली)
सुहागरात की तरह,,,(मोहिनी की बात सुनते ही आराधना और संजू दोनों आश्चर्य से मोहिनी की तरफ देखने लगे और उसकी बात के मतलब को समझ कर दोनों के चेहरे पर मादक मुस्कान तैरने लगी)