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Incest मजबूरी या जरूरत

rohnny4545

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तीनों कपड़े की दुकान के बाहर खड़े थे संजू स्कूटी को पार्क करके अपनी मां और बहन दोनों के साथ बाहर खड़ा होकर कुछ देर तक दुकान को देख रहा था,,,, यह दुकान काफी बड़ी थी इस तरह की बड़ी दुकान में खरीदी करने के बारे में तो कभी आराधना सोची भी नहीं थी,,,, और वैसे भी कपड़े कितनी बड़ी दुकान वह पहली बार देख रही थी और इस जगह पर भी वह पहली बार आ रही थी,,,यह जगह भी उसके लिए अनजान थी और यह दुकान भी उसके लिए अंजाम थी वैसे भी किसी के देखे जाने का डर उसे हमेशा बना रहता था लेकिन संजू उन दोनों को इतनी दूर लेकर आया था की आराधना थोड़ा निश्चित थी लेकिन फिर भी चारों तरफ नजर दौड़ा कर देख ले रही थी कहीं कोई जान पहचान का तो नहीं है,,,।

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मम्मी में तो पहली बार इतनी बड़ी दुकान देख रही है और वह भी कपड़े की बाप रे बाप इतनी बड़ी भी दुकान होती है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है,,,।


तो सच कह रही है मोहिनी मैं भी पहली बार ही इतनी बड़ी दुकान देख रही हूं अंदर तो खरीदी करने के बारे में सोच कर ही मुझे डर लग रहा है।


तुम दोनों भी खामखा डर रहे हो,,, जिंदगी में सब कुछ पहली बार ही होता है अंदर देखना इतने सारे कपड़े हैं कि सब कुछ खरीदने का मन करेगा और वह भी इंपॉर्टेंड,,,।


संजू महंगा मिलेगा तो क्यों यहां पर लेकर आया वहीं से खरीद लिए होते तो,,,


क्या मम्मी तुम अभी भी इस तरह की बातें कर रही हो अब तो मैं भी कमाने लगा हूं और वैसे भी ₹100000 जो मिला है,,,


अरे वह तो मैं तुम दोनों की पढ़ाई के लिए और मोहिनी की शादी के लिए रखने वाली हूं,,,, यह सब की फिजूल खर्ची में उड़ा देंगे तो कोई मतलब नहीं निकलेगा,,,


मैं जानता हूं मम्मी इसीलिए तो उसमें से ₹1 भी नहीं लिया हूं यह तो मेरी कमाई के हैं और कभी-कभी इंसान को अच्छा भी पहन लेना चाहिए जिसमें वह अच्छा महसूस करें वैसे भी तुम दोनों इतनी खूबसूरत कि तुम्हारे बदन पर महंगी चड्डी और ब्रा ही अच्छी लगेगी,,,


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लेकिन भाई तू तो हम दोनों को नंगी करने के बाद ही मानता है और रात भर नंगी ही रखता है तो इस तरह के कपड़े खरीदने का मतलब क्या है,,,।
(मोहिनी चुटकी लेते हुए बोली तो संजू भी मुस्कुराता हुआ बोला)


तेरी बात सही है लेकिन तुम दोनों को नंगी करने के पहले कपड़े भी उतारने पड़ते हैं और इस तरह के महंगे कपड़े हो इंपोर्टेड कपड़े हो तो नंगी करने का मजा ही बढ़ जाता है,,,,।
(संजू की मां अपनी बेटी की इस बात से पूरी तरह से सहमत थी लेकिन वह इसका जवाब बिल्कुल भी नहीं दे रही थी वह अपने मन में अच्छी तरह से समझ रही थी कि वाकई में अगर खूबसूरत बदन पर मैंने कपड़े हो तो उसे उतारने का मजा ही उतारने वाले को बढ़ जाता है और साथ ही पहनने वाली भी मस्त हो जाती है,,,, संजू की बातों को सुनकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुट रही थी वाकई में उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन दोनों को खरीदी करवाने के लिए उनका बेटा नहीं बल्कि उनका प्रेमी आया है,,,, आराधना अभी भी चारों तरफ नजर दौड़कर इधर-उधर देख ले रही थी उसे इस तरह से चक्कर पड़ नजर उठा कर देखते हुए पाकर संजू बोला,,,)


इसे क्या देख रही हो मम्मी,,,,


अरे मुझे डर लग रहा है कि कहीं कोई पहचान का ना मिल जाए,,,,।


क्या मम्मी तुम भी खामखा डरती हो यह जगह बहुत दूर है और यहां पर कोई पहचान का मिलने वाला नहीं है और अगर मिल भी गया तो कौन सा हम कोई गलत काम करने के लिए यहां है हम तो खरीदी करने के लिए आए हैं,,,, ना कि गेस्ट हाउस में आए हैं इसलिए बिल्कुल भी चिंता मत करो,,


(संजू की बात सुनकर आराधना को थोड़ी राहत हुई तो वह बोली,,,)


अरे इस तरह से अब बाहर ही खड़े रहेंगे की अंदर भी चलेंगे वैसे भी देर हो रही है,,,,।


देर हो गई तो क्या होगा वैसे भी आज घर पर खाना नहीं बनाना है,,, यहीं से खा कर चलेगे,,,।
(इतना कहते हुए संजू कपड़े की दुकान की सीढ़ियां चढ़ने लगा और पीछे-पीछे आराधना और मोहिनी भी सीढीया चढने लगी,,,,,, लेकिन सीढ़ियां चढ़ते समय आराधना के नितंबों में एक अद्भुत कशिश और लचक नजर आ रही थी,,,,, एक सीढ़ी चढ़ने के लिए जैसे ही वह ऊपर कदम उठाती थी तो उसके नितंबों का घेराव एकदम बड़े से तरबूज की तरह हो जाता था जो कि साड़ी फाडकर बाहर आने के लिए उतारू हो जाता था वैसे तो इस समय आराधना के ऊपर किसी की नजर नहीं थी लेकिन इतना तो निश्चित था कि अगर वह आराधना को इस तरह से सीढ़ियां चढ़ता हुआ देख लेता तो मन में न जाने कितने सपने देखने लगता आराधना को लेकर और उसके पीछे-पीछे बड़ी सी दुकान में भी चला ही आता,,,,। देखते ही देखते तीनों चिड़िया चढ़ चुके थे और दरवाजे पर खड़ा दरवाजा खुद ही दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर तीनों का अभिवादन किया और तीनों दुकान के अंदर प्रवेश कर गए,,,।


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दुकान के अंदर प्रवेश करते ही मोहिनी और आराधना दोनों की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई लेकिन संजू सहज बना रहा क्योंकि अपने दोस्त के साथ वह पहले भी यहां आ चुका था,,,। इसलिए इसमें उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी,,,।


बाप रे भाई इतनी बड़ी दुकान,,,( मोहिनी चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए बोली,,,, तो उसे बीच में टोकते हुए संजू बोला,,,)


भाई मत बोल,,,, यहां पर मैं तेरा प्रेमी हूं समझ गई ना,,,,


ओहहहह ,,,,सोरी,,,,(मुस्कुराते हुए मोहिनी बोली आराधना दोनों की बातें सुन रही थी और अंदर ही अंदर अजीब सी हलचल महसूस कर रही थी,,,, आराधना अच्छी तरह से देख पा रही थी की दुकान में कम से कम पांच काउंटर थे और सभी काउंटर पर लड़कीया ही थी,,, आराधना के मन में थोडी घबराहट भी थी,,, क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे अपने बेटे की मौजूदगी में उसे काउंटर वाली लड़की से ब्रा और पेटी मांगेगी,,, जबकि संजू पहले से ही कह चुका था कि वह उस दुकान पर दोनों को अपनी प्रेमिका बनाकर ले जा रहा है लेकिन फिर भी वह दुनिया की नजर में प्रेमी प्रेमिका हो सकते हैं लेकिन वास्तविकता तो यही थी कि दोनों मां बेटे ही थे और इस रिश्ते को वह अपनी नजर में कैसे ठुकरा सकती थी घर की चार दिवारी के अंदर भले ही वह एक कमरे में प्रेमी प्रेमिका और पति पत्नी की तरह व्यवहार करते थे लेकिन दुनिया की नजर में उसे ऐसा करने में शर्म महसूस हो रही थी और इसीलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि काउंटर पर क्या होगा इसलिए उसने सब कुछ अपने बेटे संजू पर ही छोड़ रखी थी,,,।


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दुकान में ज्यादा फिर बार नहीं थी पहले काउंटर पर ही केवल दो लोग खड़े थे बाकी के काउंटर अभी भी खाली थे और संजू सभी काउंटर पर नजर घूमर अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेने के बाद कौन है में जो की एक खूबसूरत लड़की काउंटर संभाल रही थी मुस्कुराता हुआ उसी काउंटर की तरफ बढ़ गया,,, मोहिनी और आराधना दोनों का दिल धक कर रहा था दोनों के मन में थोड़ी बहुत घबराहट थी लेकिन संजू बिल्कुल भी घबरा नहीं रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका तो यह रोज का काम हो जैसे ही वह काउंटर पर पहुंचा उसके बोलने से पहले ही काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर बोली,,,।


वेलकम सर वेलकम मैम बताइए मैं आप सबके लिए क्या मदद कर सकती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए वह आराधना की तरफ देखने लगी,,,, और आराधना मारे शर्म से गाड़ी जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले संजू मन ही मन मुस्कुरा रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रहा था कि वह काउंटर वाली लड़की आराधना को क्या समझ रही थी,,,,। आराधना और संजु और मोहिनी मे उम्र का काफी फर्क था जो कि इस उम्र के फर्क को वह काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी,,, क्योंकि वह ऐसा ही समझ रही थी की आराधना ही दोनों को कपड़े दिलाने के लिए लेकर आई है लेकिन वह क्या जानती थी कि सब कुछ यहां उलट पलट रिश्ता हो चुका है वह काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर कुछ बोल पाती ईससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


ईन दोनों के लिए अच्छी सी चड्डी और ब्रा दिखाओ एकदम इंपॉर्टेंड महंगी वाली,,,।


(इतना सुनते ही मोहिनी तो थोड़ा सहज बनी रही लेकिन आराधना के तो पसीने छूटने लगे वह शर्म से पानी पानी होने लगी और यही हाल काउंटर वाली लड़की का था हालांकि उसे शर्म तो नहीं महसूस हुई लेकिन वह हैरान जरूर थी क्योंकि जिस तरह से संजू ने एकदम खुले शब्दों में दोनों के लिए चड्डी और ब्रा लेने के लिए बोला था ऐसा उसने आज तक ना तो देखी थी और नहीं सुनी थी क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि संजू उस औरत के बेटे की उम्र का था,,, वह काउंटर वाली लड़की हैरानी से कभी आराधना और मोहिनी की तरफ तो कभी संजू की तरफ देख रही थी संजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसे काउंटर वाली लड़की के मन में क्या चल रहा है इसलिए सब कुछ साफ करते हुए वह बोला,,,।)


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क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो कोई अपनी प्रेमिका को चड्डी और ब्रा नहीं दिला सकता क्या,,!(संजू के शब्दों में पूरी तरह से शरारत छुपी हुई थी,,, और वह अपने शब्दों से अपनी बातों से उसे काउंटर वाली लड़की के तन बदन में भी हलचल जगाना चाहता था जो कि उसकी बातों को सुनकर ऐसा हो भी रहा था,,,। आश्चर्य से संजू की तरफ और आराधना की तरफ देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की दबे शब्दों में बोली,,,)


दिला सकता है क्यों नहीं दिला सकता लेकिन,,,


मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही हो मेरी उम्र में और उनकी उम्र में बहुत फर्क लग रहा है ना लेकिन प्यार तो किसी भी उम्र में हो सकता है,,,,(संजू की बातेंआराधना के तन बदन में आग लग रही थी वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी और उसके शर्म का पानी उसकी चूत में से बह रहा था,,, वह कुछ भी बोल सकते कि स्थिति में नहीं थी और उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोल क्या सफाई दे,,,, काउंटर वाली लड़की को संजू की बातों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था तो वह ना चाहते हुए भी आराधना से पूछ बैठी,,,)


क्या आप भी ईनसे प्यार करती हैं,,,।


(उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल‌ तो नहीं पाई बस हां मैं सर हिला दी और शर्म से लाल हो गई,,, आराधना कि हामी सुनकर काउंटर वाली लड़की एकदम हैरान हो गई लेकिन उसे इतना तो पता ही था कि प्यार किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन वह इस तरह का प्यार पहली बार अपनी आंखों से देख रही थी,,, सुनी तो बहुत बार थी लेकिन पहली बार उसकी आंखों के सामने ऐसा प्यार नजर आया था और फिर वह मोहिनी की तरफ मुखातीब होते हुए बोली,,,)


और तुम,,,,


मैं भी इनसे प्यार करती हूं,,,(मोहिनी बेझिजक संजू की तरफ इशारा करते हुए बोली,,, मोहिनी की भी बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से हैरान हो गई और अगला सवाल दागते हुए बोली,,,)


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बाप रे तुम दोनों एक ही लड़के से,,,,


हैरान मत होइए मैडम दोनों मां बेटी हैं और दोनों मुझसे बहुत प्यार करती हैं,,,,
(संजू की बात सुनकर तो काउंटर वाली लड़की की हालत और ज्यादा खराब हो गई उसकी आंखें आश्चर्य से फटी के फटी रह गई इस यकीन नहीं हो रहा था की मां बेटी एक साथ एक ही लड़के से प्यार कर रही थी,,,,,, वह एकदम आश्चर्य से बोली)


क्या कह रहे हो सर क्या सच में,,,,(संजू की तरफ देखने के बाद वह मोहिनी और आराधना की तरफ देखते हुए बोली तो दोनों मां बेटी हां मैं सर हिला दी दोनों के चेहरे पर शर्म और उत्तेजना साफ नजर आ रही थी,,,,, फिर संजय मुस्कुरा कर बोला,,,)


अब तो यकीन आ गया ना मैडम,,,।


(काउंटर वाली लड़की की तो हालत खराब हो गई थी,,,, उसकी तो बोलती बंद हो गई थी वह हैरान होकर तीनों को देख रही थी तब संजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)


परेशान होने की जरूरत नहीं है बस जो कह रहा हूं वह जल्दी से दिखाइए इनके लिए और उनके लिए चड्डी और ब्रा एकदम महंगी वाली जिसे पहनने के बाद उनके खूबसूरत अंग और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगे,,,,
(संजू इस तरह की अश्लील बातें उसे काउंटर वाली लड़की के सामने कर रहा था और उससे ही कर रहा था और वह लड़की भी हैरान थी क्योंकि आज तक इस तरह के शब्दों में उससे किसी ने बात नहीं किया था इसलिए संजू के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसके तन बदन में भी अजीब सी हलचल होने लगी,,, वह समझ गई थी कि यह पूरा बेशर्म है,,,। तभी तो एक साथ दो दो को घुमा रहा था,,।)


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कौन सी साइज का दिखाऊं,,,(आराधना की तरह देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो आराधना से पहले संजू ही बोल पड़ा)


तुम्हें तो अनुभव होना चाहिए देखकर ही पता लगा लेना चाहिए कि कौन से साइज का है,,,(संजू अपनी मां की छातियों की तरफ देखते हुए बोला,,,, आराधना की तो हालत खराब हो गई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका बेटा एक अनजान लड़की से इस तरह से अश्लील बातें करेगा एकदम खुलकर संजू की बातों को सुनकर आराधना के चेहरे पर शर्म की रेखा साहब से रखने लगी उसके गोरे-गोरे गाल सुर्ख लाल होने लगे,,, वह अपने पैर से संजू के पर को जोर से दबाकर उसे चुप रहने का इशारा करने लगी लेकिन संजू कहां चुप रहने वाला था,,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


मेरे हाथों में तो खरबूजे जैसे लगते हैं 38 डी का साइज निकालो,,,
(अपनी चुचियों का साइज अपने बेटे के मुंह से सुनकर एक बार फिर से वह शर्म से पानी पानी होने लगी और उसके बगल में खड़ी मोहिनी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और वैसे भी जिसके हाथ में औरत की चूचियां होती है उससे बेहतर भला कौन उसके माप को समझ पाएगा,,,, संजू जिस तरह से खुले शब्दों में आराधना की चुचियों का साइज बता रहा था और वह भी अश्लील शब्दों का सहारा लेकर उसकी बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की की हालत खराब हो रही थी वैसे तो उसने कभी भी अपने कस्टमरों से इस तरह की बातों की उम्मीद की नहीं थी लेकिन आज उसके साथ पहली बार हो रहा था कि कोई लड़का इस तरह की बातें कर रहा था और न जाने क्यों उसे भी इस तरह की बातें सुनने में मजा आने लगा था क्योंकि उसकी खुद की चूत उत्तेजना से पानी टपका रही थी,,,, संजू की बात सुनकर काउंटर वाली लड़की 38 के साइज का ब्रा निकलने लगी फिर आराधना धीरे से उससे बोली,,,)


पागल हो गया क्या तू किस तरह की बातें कर रहा है वह लड़की क्या समझेगी,,,


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तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो उस लड़की को तो मैं पहले ही समझा दिया हूं कि तुम मेरी प्रेमिका हो तुम दोनों मां बेटी मुझसे बहुत प्यार करती हो बस बात खत्म,,,,


सच में तू पागल हो गया है,,,,,।
(वह काउंटर वाली लड़की थोड़ी देर बाद ढेर सारी 38 के साइज की ब्रा लेकर आई हो काउंटर पर बिछा दी और बोली,,,)


लो इसमें से जो तुम्हें पसंद हो ले लो,,,,


(संजू उसमें से एक दो ब्रा को अपने हाथ में लेते हुए उसे काउंटर वाली लड़की से बोला)


अगर इनमें से तुम्हें पसंद करना पड़े तो कौन सी ब्रा पसंद करोगी,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना थोड़ा घबरा गई उसे लगा की संजु की बातसे वह लड़की संजू पर गुस्सा करेगी इसलिए वह उस लड़की की तरफ देखने लगी लेकिन वह लड़की संजू की बात सुनकर बिल्कुल भी गुस्सा किए बिना मुस्कुरा कर ब्रा ढेर में से एक खूबसूरत ब्रा को निकाल जो की जालीदार था,,, और बोली,,,)


आप पर यह बहुत खूबसूरत जचेगी,,,,
(उसे लड़की की बात सुनकर आराधना फिर से शर्मा गई और उसके हाथ में से खुद संजू ब्रा लेकर एकदम बेशर्मों की तरह दोनों हाथों से ब्रा को खोलकर उसके बड़े-बड़े कप को नापने के लिए तुरंत उसे अपनी मां की छातियों पर रख दिया और मुस्कुराते हुए बोला,,)

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तुम सच कह रही हो यह ब्रा बहुत खूबसूरत लगेगी जब यह पहन लेंगी,,,,।
(संजू की हरकत और उसकी बातों को सुनकर आराधना की हालत ऐसी हो गई काटो तो खून नहीं वह पूरी तरह से स्तब्ध थी संजू की हरकत पर उसकी बातों पर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इस तरह की बातें कर रहा है और इस तरह की हरकत कर रहा है और वह भी कपड़े की दुकान पर एक अनजान लड़की की आंखों के सामने,,,, जितना हैरान आराधना थी उससे भी कई ज्यादा हैरान व काउंटर वाली लड़की थी क्योंकि उसे भी अपने कस्टमर से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी आज तक उसने कभी भी इस तरह की हरकत अपनी आंखों के सामने होता हुआ नहीं देखी थी इसलिए वह भी आश्चर्य से संजू और आराधना दोनों को देख रही थी संजू के हाथों में अभी भी वह मखमली लाल रंग का बरा था जो की जालीदार था और वह सही माप के लिए अपनी मां की छाती पर उसे लगाया हुआ था जिसे शर्मा कर खुद आराधना अपने हाथ में लेकर अपनी छाती से अलग कर दी,,,,, काउंटर वाली लड़की भी कुछ नहीं बोल पा रही थी वह बस इतना ही बोली,,,)


अगर आप चाहे तो इसे पहन कर चेंजिंग रूम में देख सकती है,,,,।


नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है घर पर भी चेक कर लूंगी और वैसे भी यह मेरे माप का ही है,,,,।
(आराधना की बात सुनते ही वह काउंटर वाली लड़की संजू की तरफ देखते हुए धीरे से बोली)


सही माप लिए हो आपने,,,,।
(काउंटर वाली लड़की के खाने के मतलब को संजू मोहिनी और आराधना तीनों अच्छी तरह से समझ रहे थे संजू तो उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया था लेकिन आराधना की हालत खराब हो गई थी वह शर्म के मारे टमाटर की तरह एकदम लाल हो गई थी,,, काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर संजू बोला)

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दिन रात जिसके हाथ में हो उसे तो सही माप का पता होगा ही,,,, मैं तो कहता हूं जाकर चेक कर लो बाद में कभी गड़बड़ हो गई तो इतनी दूर आना पड़ेगा,,,


नहीं नहीं बिल्कुल सही माप है,,,


कैसी बातें कर रही हो जान,,,,(संजू जानबूझकर काउंटर वाली लड़की के सामने अपनी मां को जान शब्द कहकर संबोधन किया था और इस शब्द को सुनकर काउंटर वाली लड़की की दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी थी उसने आज तक ऐसा फ्लर्ट करने वाला लड़का नहीं देखी थी,,,) जाकर जल्दी से चेक कर लो,,,, ताकि घर पर किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए,,,,।


नहीं नहीं ऐसे ही ठीक है मैं जानती हूं ना अपना माप,,,,


अरे तुम जितना जानती हो उससे ज्यादा मैं जानता हूं क्योंकि उतारना तो मुझे ही पड़ता है,,,,(एक बार फिर से संजू ने यह बात कह कर आराधना के साथ-साथ उसे काउंटर वाली लड़की की चूत से पानी की बुंद टपका दिया था,,,) इसीलिए कह रहा हूं जाकर जल्दी से चेक कर लो कहो तो मैं आ जाऊं,,,,


नहीं सर इसकी कोई जरूरत नहीं है अगर यह चेक करना चाहे तो अकेले जा सकती है,,,
(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की को ऐसा ही लगा कि अगर यह अंदर चेक करने जाएगी तो यह भी पीछे-पीछे चल जाएगा और अगर ऐसा होता हुआ मैनेजर ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी इसीलिए उसे रोकते हुए बोली,,,, उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना ही बोली,,,)


नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है,,, मुझे चेक नहीं करना है,,,,


ठीक है मैडम कितनी ब्रा चाहिए,,,


बस एक ही,,


अरे एक ही क्यों दो-तीन ले लो अच्छा लगेगा,,,, एक काम करो मैडम यह नीली और ब्लैक वाली भी निकाल दो दोनों रंग गोरे रंग पर और ज्यादा खूबसूरत लगते हैं,,,,


(संजू की बातों और उसकी हरकत से काउंटर वाली लड़की के खुद का पानी निकलने शुरू हो गया था उसने आज तक कस्टमर को काउंटर पर संभालते के संभालते इस तरह की उत्तेजना का अनुभव अपने बदन में नहीं की थी लेकिन आज पहली बार संजू की मौजूदगी में उसकी बातों को सुनकर उसकी हालत खराब हो रही थी,,, वह जल्दी से तीन ब्रा पैक कर दी थी और फिर बोली,,,)


और कुछ चाहिए,,,


(काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


अरे मैडम चड्डी भी तो दिखाओ बोल तो था,,, बिना चट्टी के ब्रा पहनने में मजा नहीं आएगा,,,,।
(संजू की बात सुनकर आराधना शर्मा के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, और काउंटर वाली लड़की अपने मन में सोचने के लिए की यह लड़का जब सबके सामने यह हरकत कर रहा है तो बंद कमरे में बिस्तर पर इसकी क्या हालत करता होगा,,, और अपने आप से ही बात करते हुए बोली जरूर इस लड़के में बहुत दम होगा तभी तो मां बेटी दोनों एक की ही दीवानी है,,,,)


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अब रहने दो बहुत देर हो गई है देखो 7:00 बज गए हैं (दुकान पर दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखते हुए आराधना बोली )


अरे तो क्या हुआ जो लेने आए हैं उसे तो लेना ही पड़ेगा तुम जल्दी से चड्डी निकालो,,,,


क्या,,,?(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से चौंकते हुए बोली और संजू भी अपनी बात पर गौर करते हुए एकदम से बोला)


मेरा मतलब है जल्दी से अच्छी सी चड्डी दिखाओ,,,


साइज,,,?(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली)


देख तो रही हो,,,,(एकदम से आराधना के कंधों पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे घूमाते हुए,,,) एकदम तरबूज जैसी है बड़ी-बड़ी,,,,(आराधना की गोल-गोल गांड को उस काउंटर वाली लड़की के सामने करते हुए संजू बोला तो वह लड़की एकदम से हकी-बकी रह गई,,,, आराधना भी एकदम से शर्म से पानी के साथ-साथ मदहोश हो गई संजू की हरकत एक तरफ उसे शर्मसार कर रही थी वहीं दूसरी तरफ उसके बदन में मदहोशी का रस घोल रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी पेंटिं गीली हो रही थी,,, इस बार उसे काउंटर वाली लड़की ने ज्यादा सवाल जवाब नहीं की और तुरंत आराधना के माप की चड्डी भी निकाल दी,,, जिसे देखकर संजू बोला,,,)


अरे इससे भी जालीदार दिखाओ ना देखने में मजा आए जिसमें सबकुछ नजर आता हो,,,।


(संजू की बात सुनते ही काउंटर वाली लड़की आश्चर्य से आराधना की तरफ देखने लगी आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि संजू अपनी मनमानी किए बिना मानेगा नहीं इसलिए बोली)


निकाल दो पहनना ही पड़ेगा,,,,


प्यार बहुत गहरा नजर आता है,,,,(इतना कहकर वह काउंटर वाली मुस्कुरा कर संजू के बताएं अनुसार जालीदार चड्डी भी ले आई जिसे हाथ में लेते ही संजू एकदम से मदहोश होता हुआ बोला,,,)


अब आएगा असली मजा जल्दी से पैक कर दो,,,,


(और फिर वह काउंटर वाली लड़की आराधना के सारे कपड़ों को पैक कर दी और फिर वह बोली,,,)


और इन मैडम के लिए कुछ नहीं लोगे,,,,(मोहिनी की तरफ देखते हुए वह पूरी तो संजू मुस्कुराता हुआ बोला ,,,)


लेंगे क्यों नहीं लेंगे अगर नहीं लेंगे तो नाराज नहीं हो जाएगी और नाराज हो जाएगी तो फिर देगी नहीं,,,,


( देगी नहीं के मतलब को,, काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी और वह एकदम से शर्मा गई और पल भर में अपने मन में कल्पना करने लगी कि अगर वास्तव में यह उसे लड़की के लिए चड्डी और ब्रा नहीं खरीदेगा तो घर पर जाकर वह लड़की सच में उसे चोदने नहीं देगी वह बार-बार उसे मनाएगा और वह रूठ जाएगी इस तरह के दृश्य को वह अपने मन में कल्पना करके वह पानी पानी हो गई,,,, मोहिनी भी एकदम बेशर्मी दिखाते हुए बोली,,,)


सही कह रहे हो अगर नहीं दिलाओगे तो मैं दूंगी भी नहीं सिर्फ मम्मी की लेते रहना,,,,
(मोहिनी की बात सुनकर आराधना उसे आश्चर्य से देखने लगी और मोहिनी को ही सिर्फ सुनाई दे इतने धीमे श्वर में बोली ,,,)


अब तू भी शुरू पड़ गई,,,,


साइज बताओ,,,,,,(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो इस बार भी संजू बीच में बोल पड़ा)


देख लो अभी तो मोसंबी जैसे हैं तीन-चार महीने बाद लेकर आऊंगा तो इसके भी कश्मीरी सेव की तरह हो जाएंगे,,,,
(एक बार फिर से संजू की बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की ने गहरी सांस ली और अपनी मां से ही उसके साइज की ब्रा और पेटी निकलने लगी क्योंकि उसका साइज भी खुद उसके जैसा ही था वैसे तो इस तरह की बातें और हरकत पर किसी भी काउंटर वाली लड़की मैनेजर से शिकायत कर सकती थी लेकिन न जाने क्यों इस काउंटर वाली लड़की ने संजू की बात पर बिल्कुल भी विरोध नहीं किया था बल्कि उसकी बातों का आनंद ही ले रही थी तभी तो उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी,,,, थोड़ी ही देर में खरीदी हो चुकी थी दुकान से निकलते निकलते 8:00 बज गए थे काफी देर हो चुकी थी और वैसे भी संजू ने कुछ ज्यादा ही दूरी पर लेकर आया था तीनों जल्दी से स्कूटी पर बैठ गए और संजू थोड़ा तेज भागते हुए कुछ ही देर में अपने घर के पास वाले बाजार में पहुंच गया और वहां से खाना पैक करा कर वह तीनों घर पर पहुंच गए,,, इस सफ़र से तीनों काफी थक चुके थे इसलिए खाना खाकर तीनों एक ही बिस्तर पर सो गए,,,, उन तीनों को बेसब्री से सुहागरात वाली रात का इंतजार था।
 
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pie

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Ho saari night ho besharmi ki raat, ek mein, ek sandhya, ek mohini aur ho chudayi ho besharmi wali....
 
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Motaland2468

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तीनों कपड़े की दुकान के बाहर खड़े थे संजू स्कूटी को पार्क करके अपनी मां और बहन दोनों के साथ बाहर खड़ा होकर कुछ देर तक दुकान को देख रहा था,,,, यह दुकान काफी बड़ी थी इस तरह की बड़ी दुकान में खरीदी करने के बारे में तो कभी आराधना सोची भी नहीं थी,,,, और वैसे भी कपड़े कितनी बड़ी दुकान वह पहली बार देख रही थी और इस जगह पर भी वह पहली बार आ रही थी,,,यह जगह भी उसके लिए अनजान थी और यह दुकान भी उसके लिए अंजाम थी वैसे भी किसी के देखे जाने का डर उसे हमेशा बना रहता था लेकिन संजू उन दोनों को इतनी दूर लेकर आया था की आराधना थोड़ा निश्चित थी लेकिन फिर भी चारों तरफ नजर दौड़ा कर देख ले रही थी कहीं कोई जान पहचान का तो नहीं है,,,।


मम्मी में तो पहली बार इतनी बड़ी दुकान देख रही है और वह भी कपड़े की बाप रे बाप इतनी बड़ी भी दुकान होती है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है,,,।


तो सच कह रही है मोहिनी मैं भी पहली बार ही इतनी बड़ी दुकान देख रही हूं अंदर तो खरीदी करने के बारे में सोच कर ही मुझे डर लग रहा है।


तुम दोनों भी खामखा डर रहे हो,,, जिंदगी में सब कुछ पहली बार ही होता है अंदर देखना इतने सारे कपड़े हैं कि सब कुछ खरीदने का मन करेगा और वह भी इंपॉर्टेंड,,,।


संजू महंगा मिलेगा तो क्यों यहां पर लेकर आया वहीं से खरीद लिए होते तो,,,


क्या मम्मी तुम अभी भी इस तरह की बातें कर रही हो अब तो मैं भी कमाने लगा हूं और वैसे भी ₹100000 जो मिला है,,,


अरे वह तो मैं तुम दोनों की पढ़ाई के लिए और मोहिनी की शादी के लिए रखने वाली हूं,,,, यह सब की फिजूल खर्ची में उड़ा देंगे तो कोई मतलब नहीं निकलेगा,,,


मैं जानता हूं मम्मी इसीलिए तो उसमें से ₹1 भी नहीं लिया हूं यह तो मेरी कमाई के हैं और कभी-कभी इंसान को अच्छा भी पहन लेना चाहिए जिसमें वह अच्छा महसूस करें वैसे भी तुम दोनों इतनी खूबसूरत कि तुम्हारे बदन पर महंगी चड्डी और ब्रा ही अच्छी लगेगी,,,


लेकिन भाई तू तो हम दोनों को नंगी करने के बाद ही मानता है और रात भर नंगी ही रखता है तो इस तरह के कपड़े खरीदने का मतलब क्या है,,,।
(मोहिनी चुटकी लेते हुए बोली तो संजू भी मुस्कुराता हुआ बोला)


तेरी बात सही है लेकिन तुम दोनों को नंगी करने के पहले कपड़े भी उतारने पड़ते हैं और इस तरह के महंगे कपड़े हो इंपोर्टेड कपड़े हो तो नंगी करने का मजा ही बढ़ जाता है,,,,।
(संजू की मां अपनी बेटी की इस बात से पूरी तरह से सहमत थी लेकिन वह इसका जवाब बिल्कुल भी नहीं दे रही थी वह अपने मन में अच्छी तरह से समझ रही थी कि वाकई में अगर खूबसूरत बदन पर मैंने कपड़े हो तो उसे उतारने का मजा ही उतारने वाले को बढ़ जाता है और साथ ही पहनने वाली भी मस्त हो जाती है,,,, संजू की बातों को सुनकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुट रही थी वाकई में उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन दोनों को खरीदी करवाने के लिए उनका बेटा नहीं बल्कि उनका प्रेमी आया है,,,, आराधना अभी भी चारों तरफ नजर दौड़कर इधर-उधर देख ले रही थी उसे इस तरह से चक्कर पड़ नजर उठा कर देखते हुए पाकर संजू बोला,,,)


इसे क्या देख रही हो मम्मी,,,,


अरे मुझे डर लग रहा है कि कहीं कोई पहचान का ना मिल जाए,,,,।


क्या मम्मी तुम भी खामखा डरती हो यह जगह बहुत दूर है और यहां पर कोई पहचान का मिलने वाला नहीं है और अगर मिल भी गया तो कौन सा हम कोई गलत काम करने के लिए यहां है हम तो खरीदी करने के लिए आए हैं,,,, ना कि गेस्ट हाउस में आए हैं इसलिए बिल्कुल भी चिंता मत करो,,


(संजू की बात सुनकर आराधना को थोड़ी राहत हुई तो वह बोली,,,)


अरे इस तरह से अब बाहर ही खड़े रहेंगे की अंदर भी चलेंगे वैसे भी देर हो रही है,,,,।


देर हो गई तो क्या होगा वैसे भी आज घर पर खाना नहीं बनाना है,,, यहीं से खा कर चलेगे,,,।
(इतना कहते हुए संजू कपड़े की दुकान की सीढ़ियां चढ़ने लगा और पीछे-पीछे आराधना और मोहिनी भी सीढीया चढने लगी,,,,,, लेकिन सीढ़ियां चढ़ते समय आराधना के नितंबों में एक अद्भुत कशिश और लचक नजर आ रही थी,,,,, एक सीढ़ी चढ़ने के लिए जैसे ही वह ऊपर कदम उठाती थी तो उसके नितंबों का घेराव एकदम बड़े से तरबूज की तरह हो जाता था जो कि साड़ी फाडकर बाहर आने के लिए उतारू हो जाता था वैसे तो इस समय आराधना के ऊपर किसी की नजर नहीं थी लेकिन इतना तो निश्चित था कि अगर वह आराधना को इस तरह से सीढ़ियां चढ़ता हुआ देख लेता तो मन में न जाने कितने सपने देखने लगता आराधना को लेकर और उसके पीछे-पीछे बड़ी सी दुकान में भी चला ही आता,,,,। देखते ही देखते तीनों चिड़िया चढ़ चुके थे और दरवाजे पर खड़ा दरवाजा खुद ही दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर तीनों का अभिवादन किया और तीनों दुकान के अंदर प्रवेश कर गए,,,।


दुकान के अंदर प्रवेश करते ही मोहिनी और आराधना दोनों की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई लेकिन संजू सहज बना रहा क्योंकि अपने दोस्त के साथ वह पहले भी यहां आ चुका था,,,। इसलिए इसमें उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी,,,।


बाप रे भाई इतनी बड़ी दुकान,,,( मोहिनी चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए बोली,,,, तो उसे बीच में टोकते हुए संजू बोला,,,)


भाई मत बोल,,,, यहां पर मैं तेरा प्रेमी हूं समझ गई ना,,,,


ओहहहह ,,,,सोरी,,,,(मुस्कुराते हुए मोहिनी बोली आराधना दोनों की बातें सुन रही थी और अंदर ही अंदर अजीब सी हलचल महसूस कर रही थी,,,, आराधना अच्छी तरह से देख पा रही थी की दुकान में कम से कम पांच काउंटर थे और सभी काउंटर पर लड़कीया ही थी,,, आराधना के मन में थोडी घबराहट भी थी,,, क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे अपने बेटे की मौजूदगी में उसे काउंटर वाली लड़की से ब्रा और पेटी मांगेगी,,, जबकि संजू पहले से ही कह चुका था कि वह उस दुकान पर दोनों को अपनी प्रेमिका बनाकर ले जा रहा है लेकिन फिर भी वह दुनिया की नजर में प्रेमी प्रेमिका हो सकते हैं लेकिन वास्तविकता तो यही थी कि दोनों मां बेटे ही थे और इस रिश्ते को वह अपनी नजर में कैसे ठुकरा सकती थी घर की चार दिवारी के अंदर भले ही वह एक कमरे में प्रेमी प्रेमिका और पति पत्नी की तरह व्यवहार करते थे लेकिन दुनिया की नजर में उसे ऐसा करने में शर्म महसूस हो रही थी और इसीलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि काउंटर पर क्या होगा इसलिए उसने सब कुछ अपने बेटे संजू पर ही छोड़ रखी थी,,,।


दुकान में ज्यादा फिर बार नहीं थी पहले काउंटर पर ही केवल दो लोग खड़े थे बाकी के काउंटर अभी भी खाली थे और संजू सभी काउंटर पर नजर घूमर अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेने के बाद कौन है में जो की एक खूबसूरत लड़की काउंटर संभाल रही थी मुस्कुराता हुआ उसी काउंटर की तरफ बढ़ गया,,, मोहिनी और आराधना दोनों का दिल धक कर रहा था दोनों के मन में थोड़ी बहुत घबराहट थी लेकिन संजू बिल्कुल भी घबरा नहीं रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका तो यह रोज का काम हो जैसे ही वह काउंटर पर पहुंचा उसके बोलने से पहले ही काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर बोली,,,।


वेलकम सर वेलकम मैम बताइए मैं आप सबके लिए क्या मदद कर सकती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए वह आराधना की तरफ देखने लगी,,,, और आराधना मारे शर्म से गाड़ी जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले संजू मन ही मन मुस्कुरा रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रहा था कि वह काउंटर वाली लड़की आराधना को क्या समझ रही थी,,,,। आराधना और संजु और मोहिनी मे उम्र का काफी फर्क था जो कि इस उम्र के फर्क को वह काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी,,, क्योंकि वह ऐसा ही समझ रही थी की आराधना ही दोनों को कपड़े दिलाने के लिए लेकर आई है लेकिन वह क्या जानती थी कि सब कुछ यहां उलट पलट रिश्ता हो चुका है वह काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर कुछ बोल पाती ईससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


ईन दोनों के लिए अच्छी सी चड्डी और ब्रा दिखाओ एकदम इंपॉर्टेंड महंगी वाली,,,।


(इतना सुनते ही मोहिनी तो थोड़ा सहज बनी रही लेकिन आराधना के तो पसीने छूटने लगे वह शर्म से पानी पानी होने लगी और यही हाल काउंटर वाली लड़की का था हालांकि उसे शर्म तो नहीं महसूस हुई लेकिन वह हैरान जरूर थी क्योंकि जिस तरह से संजू ने एकदम खुले शब्दों में दोनों के लिए चड्डी और ब्रा लेने के लिए बोला था ऐसा उसने आज तक ना तो देखी थी और नहीं सुनी थी क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि संजू उस औरत के बेटे की उम्र का था,,, वह काउंटर वाली लड़की हैरानी से कभी आराधना और मोहिनी की तरफ तो कभी संजू की तरफ देख रही थी संजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसे काउंटर वाली लड़की के मन में क्या चल रहा है इसलिए सब कुछ साफ करते हुए वह बोला,,,।)


क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो कोई अपनी प्रेमिका को चड्डी और ब्रा नहीं दिला सकता क्या,,!(संजू के शब्दों में पूरी तरह से शरारत छुपी हुई थी,,, और वह अपने शब्दों से अपनी बातों से उसे काउंटर वाली लड़की के तन बदन में भी हलचल जगाना चाहता था जो कि उसकी बातों को सुनकर ऐसा हो भी रहा था,,,। आश्चर्य से संजू की तरफ और आराधना की तरफ देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की दबे शब्दों में बोली,,,)


दिला सकता है क्यों नहीं दिला सकता लेकिन,,,


मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही हो मेरी उम्र में और उनकी उम्र में बहुत फर्क लग रहा है ना लेकिन प्यार तो किसी भी उम्र में हो सकता है,,,,(संजू की बातेंआराधना के तन बदन में आग लग रही थी वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी और उसके शर्म का पानी उसकी चूत में से बह रहा था,,, वह कुछ भी बोल सकते कि स्थिति में नहीं थी और उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोल क्या सफाई दे,,,, काउंटर वाली लड़की को संजू की बातों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था तो वह ना चाहते हुए भी आराधना से पूछ बैठी,,,)


क्या आप भी ईनसे प्यार करती हैं,,,।


(उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल‌ तो नहीं पाई बस हां मैं सर हिला दी और शर्म से लाल हो गई,,, आराधना कि हामी सुनकर काउंटर वाली लड़की एकदम हैरान हो गई लेकिन उसे इतना तो पता ही था कि प्यार किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन वह इस तरह का प्यार पहली बार अपनी आंखों से देख रही थी,,, सुनी तो बहुत बार थी लेकिन पहली बार उसकी आंखों के सामने ऐसा प्यार नजर आया था और फिर वह मोहिनी की तरफ मुखातीब होते हुए बोली,,,)


और तुम,,,,


मैं भी इनसे प्यार करती हूं,,,(मोहिनी बेझिजक संजू की तरफ इशारा करते हुए बोली,,, मोहिनी की भी बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से हैरान हो गई और अगला सवाल दागते हुए बोली,,,)


बाप रे तुम दोनों एक ही लड़के से,,,,


हैरान मत होइए मैडम दोनों मां बेटी हैं और दोनों मुझसे बहुत प्यार करती हैं,,,,
(संजू की बात सुनकर तो काउंटर वाली लड़की की हालत और ज्यादा खराब हो गई उसकी आंखें आश्चर्य से फटी के फटी रह गई इस यकीन नहीं हो रहा था की मां बेटी एक साथ एक ही लड़के से प्यार कर रही थी,,,,,, वह एकदम आश्चर्य से बोली)


क्या कह रहे हो सर क्या सच में,,,,(संजू की तरफ देखने के बाद वह मोहिनी और आराधना की तरफ देखते हुए बोली तो दोनों मां बेटी हां मैं सर हिला दी दोनों के चेहरे पर शर्म और उत्तेजना साफ नजर आ रही थी,,,,, फिर संजय मुस्कुरा कर बोला,,,)


अब तो यकीन आ गया ना मैडम,,,।


(काउंटर वाली लड़की की तो हालत खराब हो गई थी,,,, उसकी तो बोलती बंद हो गई थी वह हैरान होकर तीनों को देख रही थी तब संजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)


परेशान होने की जरूरत नहीं है बस जो कह रहा हूं वह जल्दी से दिखाइए इनके लिए और उनके लिए चड्डी और ब्रा एकदम महंगी वाली जिसे पहनने के बाद उनके खूबसूरत अंग और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगे,,,,
(संजू इस तरह की अश्लील बातें उसे काउंटर वाली लड़की के सामने कर रहा था और उससे ही कर रहा था और वह लड़की भी हैरान थी क्योंकि आज तक इस तरह के शब्दों में उससे किसी ने बात नहीं किया था इसलिए संजू के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसके तन बदन में भी अजीब सी हलचल होने लगी,,, वह समझ गई थी कि यह पूरा बेशर्म है,,,। तभी तो एक साथ दो दो को घुमा रहा था,,।)


कौन सी साइज का दिखाऊं,,,(आराधना की तरह देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो आराधना से पहले संजू ही बोल पड़ा)


तुम्हें तो अनुभव होना चाहिए देखकर ही पता लगा लेना चाहिए कि कौन से साइज का है,,,(संजू अपनी मां की छातियों की तरफ देखते हुए बोला,,,, आराधना की तो हालत खराब हो गई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका बेटा एक अनजान लड़की से इस तरह से अश्लील बातें करेगा एकदम खुलकर संजू की बातों को सुनकर आराधना के चेहरे पर शर्म की रेखा साहब से रखने लगी उसके गोरे-गोरे गाल सुर्ख लाल होने लगे,,, वह अपने पैर से संजू के पर को जोर से दबाकर उसे चुप रहने का इशारा करने लगी लेकिन संजू कहां चुप रहने वाला था,,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


मेरे हाथों में तो खरबूजे जैसे लगते हैं 38 डी का साइज निकालो,,,
(अपनी चुचियों का साइज अपने बेटे के मुंह से सुनकर एक बार फिर से वह शर्म से पानी पानी होने लगी और उसके बगल में खड़ी मोहिनी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और वैसे भी जिसके हाथ में औरत की चूचियां होती है उससे बेहतर भला कौन उसके माप को समझ पाएगा,,,, संजू जिस तरह से खुले शब्दों में आराधना की चुचियों का साइज बता रहा था और वह भी अश्लील शब्दों का सहारा लेकर उसकी बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की की हालत खराब हो रही थी वैसे तो उसने कभी भी अपने कस्टमरों से इस तरह की बातों की उम्मीद की नहीं थी लेकिन आज उसके साथ पहली बार हो रहा था कि कोई लड़का इस तरह की बातें कर रहा था और न जाने क्यों उसे भी इस तरह की बातें सुनने में मजा आने लगा था क्योंकि उसकी खुद की चूत उत्तेजना से पानी टपका रही थी,,,, संजू की बात सुनकर काउंटर वाली लड़की 38 के साइज का ब्रा निकलने लगी फिर आराधना धीरे से उससे बोली,,,)


पागल हो गया क्या तू किस तरह की बातें कर रहा है वह लड़की क्या समझेगी,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो उस लड़की को तो मैं पहले ही समझा दिया हूं कि तुम मेरी प्रेमिका हो तुम दोनों मां बेटी मुझसे बहुत प्यार करती हो बस बात खत्म,,,,


सच में तू पागल हो गया है,,,,,।
(वह काउंटर वाली लड़की थोड़ी देर बाद ढेर सारी 38 के साइज की ब्रा लेकर आई हो काउंटर पर बिछा दी और बोली,,,)


लो इसमें से जो तुम्हें पसंद हो ले लो,,,,


(संजू उसमें से एक दो ब्रा को अपने हाथ में लेते हुए उसे काउंटर वाली लड़की से बोला)


अगर इनमें से तुम्हें पसंद करना पड़े तो कौन सी ब्रा पसंद करोगी,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना थोड़ा घबरा गई उसे लगा की संजु की बातसे वह लड़की संजू पर गुस्सा करेगी इसलिए वह उस लड़की की तरफ देखने लगी लेकिन वह लड़की संजू की बात सुनकर बिल्कुल भी गुस्सा किए बिना मुस्कुरा कर ब्रा ढेर में से एक खूबसूरत ब्रा को निकाल जो की जालीदार था,,, और बोली,,,)


आप पर यह बहुत खूबसूरत जचेगी,,,,
(उसे लड़की की बात सुनकर आराधना फिर से शर्मा गई और उसके हाथ में से खुद संजू ब्रा लेकर एकदम बेशर्मों की तरह दोनों हाथों से ब्रा को खोलकर उसके बड़े-बड़े कप को नापने के लिए तुरंत उसे अपनी मां की छातियों पर रख दिया और मुस्कुराते हुए बोला,,)


तुम सच कह रही हो यह ब्रा बहुत खूबसूरत लगेगी जब यह पहन लेंगी,,,,।
(संजू की हरकत और उसकी बातों को सुनकर आराधना की हालत ऐसी हो गई काटो तो खून नहीं वह पूरी तरह से स्तब्ध थी संजू की हरकत पर उसकी बातों पर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इस तरह की बातें कर रहा है और इस तरह की हरकत कर रहा है और वह भी कपड़े की दुकान पर एक अनजान लड़की की आंखों के सामने,,,, जितना हैरान आराधना थी उससे भी कई ज्यादा हैरान व काउंटर वाली लड़की थी क्योंकि उसे भी अपने कस्टमर से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी आज तक उसने कभी भी इस तरह की हरकत अपनी आंखों के सामने होता हुआ नहीं देखी थी इसलिए वह भी आश्चर्य से संजू और आराधना दोनों को देख रही थी संजू के हाथों में अभी भी वह मखमली लाल रंग का बरा था जो की जालीदार था और वह सही माप के लिए अपनी मां की छाती पर उसे लगाया हुआ था जिसे शर्मा कर खुद आराधना अपने हाथ में लेकर अपनी छाती से अलग कर दी,,,,, काउंटर वाली लड़की भी कुछ नहीं बोल पा रही थी वह बस इतना ही बोली,,,)


अगर आप चाहे तो इसे पहन कर चेंजिंग रूम में देख सकती है,,,,।


नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है घर पर भी चेक कर लूंगी और वैसे भी यह मेरे माप का ही है,,,,।
(आराधना की बात सुनते ही वह काउंटर वाली लड़की संजू की तरफ देखते हुए धीरे से बोली)


सही माप लिए हो आपने,,,,।
(काउंटर वाली लड़की के खाने के मतलब को संजू मोहिनी और आराधना तीनों अच्छी तरह से समझ रहे थे संजू तो उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया था लेकिन आराधना की हालत खराब हो गई थी वह शर्म के मारे टमाटर की तरह एकदम लाल हो गई थी,,, काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर संजू बोला)


दिन रात जिसके हाथ में हो उसे तो सही माप का पता होगा ही,,,, मैं तो कहता हूं जाकर चेक कर लो बाद में कभी गड़बड़ हो गई तो इतनी दूर आना पड़ेगा,,,


नहीं नहीं बिल्कुल सही माप है,,,


कैसी बातें कर रही हो जान,,,,(संजू जानबूझकर काउंटर वाली लड़की के सामने अपनी मां को जान शब्द कहकर संबोधन किया था और इस शब्द को सुनकर काउंटर वाली लड़की की दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी थी उसने आज तक ऐसा फ्लर्ट करने वाला लड़का नहीं देखी थी,,,) जाकर जल्दी से चेक कर लो,,,, ताकि घर पर किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए,,,,।


नहीं नहीं ऐसे ही ठीक है मैं जानती हूं ना अपना माप,,,,


अरे तुम जितना जानती हो उससे ज्यादा मैं जानता हूं क्योंकि उतारना तो मुझे ही पड़ता है,,,,(एक बार फिर से संजू ने यह बात कह कर आराधना के साथ-साथ उसे काउंटर वाली लड़की की चूत से पानी की बुंद टपका दिया था,,,) इसीलिए कह रहा हूं जाकर जल्दी से चेक कर लो कहो तो मैं आ जाऊं,,,,


नहीं सर इसकी कोई जरूरत नहीं है अगर यह चेक करना चाहे तो अकेले जा सकती है,,,
(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की को ऐसा ही लगा कि अगर यह अंदर चेक करने जाएगी तो यह भी पीछे-पीछे चल जाएगा और अगर ऐसा होता हुआ मैनेजर ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी इसीलिए उसे रोकते हुए बोली,,,, उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना ही बोली,,,)


नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है,,, मुझे चेक नहीं करना है,,,,


ठीक है मैडम कितनी ब्रा चाहिए,,,


बस एक ही,,


अरे एक ही क्यों दो-तीन ले लो अच्छा लगेगा,,,, एक काम करो मैडम यह नीली और ब्लैक वाली भी निकाल दो दोनों रंग गोरे रंग पर और ज्यादा खूबसूरत लगते हैं,,,,


(संजू की बातों और उसकी हरकत से काउंटर वाली लड़की के खुद का पानी निकलने शुरू हो गया था उसने आज तक कस्टमर को काउंटर पर संभालते के संभालते इस तरह की उत्तेजना का अनुभव अपने बदन में नहीं की थी लेकिन आज पहली बार संजू की मौजूदगी में उसकी बातों को सुनकर उसकी हालत खराब हो रही थी,,, वह जल्दी से तीन ब्रा पैक कर दी थी और फिर बोली,,,)


और कुछ चाहिए,,,


(काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


अरे मैडम चड्डी भी तो दिखाओ बोल तो था,,, बिना चट्टी के ब्रा पहनने में मजा नहीं आएगा,,,,।
(संजू की बात सुनकर आराधना शर्मा के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, और काउंटर वाली लड़की अपने मन में सोचने के लिए की यह लड़का जब सबके सामने यह हरकत कर रहा है तो बंद कमरे में बिस्तर पर इसकी क्या हालत करता होगा,,, और अपने आप से ही बात करते हुए बोली जरूर इस लड़के में बहुत दम होगा तभी तो मां बेटी दोनों एक की ही दीवानी है,,,,)


अब रहने दो बहुत देर हो गई है देखो 7:00 बज गए हैं (दुकान पर दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखते हुए आराधना बोली )


अरे तो क्या हुआ जो लेने आए हैं उसे तो लेना ही पड़ेगा तुम जल्दी से चड्डी निकालो,,,,


क्या,,,?(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से चौंकते हुए बोली और संजू भी अपनी बात पर गौर करते हुए एकदम से बोला)


मेरा मतलब है जल्दी से अच्छी सी चड्डी दिखाओ,,,


साइज,,,?(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली)


देख तो रही हो,,,,(एकदम से आराधना के कंधों पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे घूमाते हुए,,,) एकदम तरबूज जैसी है बड़ी-बड़ी,,,,(आराधना की गोल-गोल गांड को उस काउंटर वाली लड़की के सामने करते हुए संजू बोला तो वह लड़की एकदम से हकी-बकी रह गई,,,, आराधना भी एकदम से शर्म से पानी के साथ-साथ मदहोश हो गई संजू की हरकत एक तरफ उसे शर्मसार कर रही थी वहीं दूसरी तरफ उसके बदन में मदहोशी का रस घोल रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी पेंटिं गीली हो रही थी,,, इस बार उसे काउंटर वाली लड़की ने ज्यादा सवाल जवाब नहीं की और तुरंत आराधना के माप की चड्डी भी निकाल दी,,, जिसे देखकर संजू बोला,,,)


अरे इससे भी जालीदार दिखाओ ना देखने में मजा आए जिसमें सबकुछ नजर आता हो,,,।


(संजू की बात सुनते ही काउंटर वाली लड़की आश्चर्य से आराधना की तरफ देखने लगी आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि संजू अपनी मनमानी किए बिना मानेगा नहीं इसलिए बोली)


निकाल दो पहनना ही पड़ेगा,,,,


प्यार बहुत गहरा नजर आता है,,,,(इतना कहकर वह काउंटर वाली मुस्कुरा कर संजू के बताएं अनुसार जालीदार चड्डी भी ले आई जिसे हाथ में लेते ही संजू एकदम से मदहोश होता हुआ बोला,,,)


अब आएगा असली मजा जल्दी से पैक कर दो,,,,


(और फिर वह काउंटर वाली लड़की आराधना के सारे कपड़ों को पैक कर दी और फिर वह बोली,,,)


और इन मैडम के लिए कुछ नहीं लोगे,,,,(मोहिनी की तरफ देखते हुए वह पूरी तो संजू मुस्कुराता हुआ बोला ,,,)


लेंगे क्यों नहीं लेंगे अगर नहीं लेंगे तो नाराज नहीं हो जाएगी और नाराज हो जाएगी तो फिर देगी नहीं,,,,


( देगी नहीं के मतलब को,, काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी और वह एकदम से शर्मा गई और पल भर में अपने मन में कल्पना करने लगी कि अगर वास्तव में यह उसे लड़की के लिए चड्डी और ब्रा नहीं खरीदेगा तो घर पर जाकर वह लड़की सच में उसे चोदने नहीं देगी वह बार-बार उसे मनाएगा और वह रूठ जाएगी इस तरह के दृश्य को वह अपने मन में कल्पना करके वह पानी पानी हो गई,,,, मोहिनी भी एकदम बेशर्मी दिखाते हुए बोली,,,)


सही कह रहे हो अगर नहीं दिलाओगे तो मैं दूंगी भी नहीं सिर्फ मम्मी की लेते रहना,,,,
(मोहिनी की बात सुनकर आराधना उसे आश्चर्य से देखने लगी और मोहिनी को ही सिर्फ सुनाई दे इतने धीमे श्वर में बोली ,,,)


अब तू भी शुरू पड़ गई,,,,


साइज बताओ,,,,,,(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो इस बार भी संजू बीच में बोल पड़ा)


देख लो अभी तो मोसंबी जैसे हैं तीन-चार महीने बाद लेकर आऊंगा तो इसके भी कश्मीरी सेव की तरह हो जाएंगे,,,,
(एक बार फिर से संजू की बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की ने गहरी सांस ली और अपनी मां से ही उसके साइज की ब्रा और पेटी निकलने लगी क्योंकि उसका साइज भी खुद उसके जैसा ही था वैसे तो इस तरह की बातें और हरकत पर किसी भी काउंटर वाली लड़की मैनेजर से शिकायत कर सकती थी लेकिन न जाने क्यों इस काउंटर वाली लड़की ने संजू की बात पर बिल्कुल भी विरोध नहीं किया था बल्कि उसकी बातों का आनंद ही ले रही थी तभी तो उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी,,,, थोड़ी ही देर में खरीदी हो चुकी थी दुकान से निकलते निकलते 8:00 बज गए थे काफी देर हो चुकी थी और वैसे भी संजू ने कुछ ज्यादा ही दूरी पर लेकर आया था तीनों जल्दी से स्कूटी पर बैठ गए और संजू थोड़ा तेज भागते हुए कुछ ही देर में अपने घर के पास वाले बाजार में पहुंच गया और वहां से खाना पैक करा कर वह तीनों घर पर पहुंच गए,,, इस सफ़र से तीनों काफी थक चुके थे इसलिए खाना खाकर तीनों एक ही बिस्तर पर सो गए,,,, उन तीनों को बेसब्री से सुहागरात वाली रात का इंतजार था।
Ab bas suhagraat ka intezar hai.
 
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Kumarshiva

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तीनों कपड़े की दुकान के बाहर खड़े थे संजू स्कूटी को पार्क करके अपनी मां और बहन दोनों के साथ बाहर खड़ा होकर कुछ देर तक दुकान को देख रहा था,,,, यह दुकान काफी बड़ी थी इस तरह की बड़ी दुकान में खरीदी करने के बारे में तो कभी आराधना सोची भी नहीं थी,,,, और वैसे भी कपड़े कितनी बड़ी दुकान वह पहली बार देख रही थी और इस जगह पर भी वह पहली बार आ रही थी,,,यह जगह भी उसके लिए अनजान थी और यह दुकान भी उसके लिए अंजाम थी वैसे भी किसी के देखे जाने का डर उसे हमेशा बना रहता था लेकिन संजू उन दोनों को इतनी दूर लेकर आया था की आराधना थोड़ा निश्चित थी लेकिन फिर भी चारों तरफ नजर दौड़ा कर देख ले रही थी कहीं कोई जान पहचान का तो नहीं है,,,।


मम्मी में तो पहली बार इतनी बड़ी दुकान देख रही है और वह भी कपड़े की बाप रे बाप इतनी बड़ी भी दुकान होती है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है,,,।


तो सच कह रही है मोहिनी मैं भी पहली बार ही इतनी बड़ी दुकान देख रही हूं अंदर तो खरीदी करने के बारे में सोच कर ही मुझे डर लग रहा है।


तुम दोनों भी खामखा डर रहे हो,,, जिंदगी में सब कुछ पहली बार ही होता है अंदर देखना इतने सारे कपड़े हैं कि सब कुछ खरीदने का मन करेगा और वह भी इंपॉर्टेंड,,,।


संजू महंगा मिलेगा तो क्यों यहां पर लेकर आया वहीं से खरीद लिए होते तो,,,


क्या मम्मी तुम अभी भी इस तरह की बातें कर रही हो अब तो मैं भी कमाने लगा हूं और वैसे भी ₹100000 जो मिला है,,,


अरे वह तो मैं तुम दोनों की पढ़ाई के लिए और मोहिनी की शादी के लिए रखने वाली हूं,,,, यह सब की फिजूल खर्ची में उड़ा देंगे तो कोई मतलब नहीं निकलेगा,,,


मैं जानता हूं मम्मी इसीलिए तो उसमें से ₹1 भी नहीं लिया हूं यह तो मेरी कमाई के हैं और कभी-कभी इंसान को अच्छा भी पहन लेना चाहिए जिसमें वह अच्छा महसूस करें वैसे भी तुम दोनों इतनी खूबसूरत कि तुम्हारे बदन पर महंगी चड्डी और ब्रा ही अच्छी लगेगी,,,


लेकिन भाई तू तो हम दोनों को नंगी करने के बाद ही मानता है और रात भर नंगी ही रखता है तो इस तरह के कपड़े खरीदने का मतलब क्या है,,,।
(मोहिनी चुटकी लेते हुए बोली तो संजू भी मुस्कुराता हुआ बोला)


तेरी बात सही है लेकिन तुम दोनों को नंगी करने के पहले कपड़े भी उतारने पड़ते हैं और इस तरह के महंगे कपड़े हो इंपोर्टेड कपड़े हो तो नंगी करने का मजा ही बढ़ जाता है,,,,।
(संजू की मां अपनी बेटी की इस बात से पूरी तरह से सहमत थी लेकिन वह इसका जवाब बिल्कुल भी नहीं दे रही थी वह अपने मन में अच्छी तरह से समझ रही थी कि वाकई में अगर खूबसूरत बदन पर मैंने कपड़े हो तो उसे उतारने का मजा ही उतारने वाले को बढ़ जाता है और साथ ही पहनने वाली भी मस्त हो जाती है,,,, संजू की बातों को सुनकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुट रही थी वाकई में उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन दोनों को खरीदी करवाने के लिए उनका बेटा नहीं बल्कि उनका प्रेमी आया है,,,, आराधना अभी भी चारों तरफ नजर दौड़कर इधर-उधर देख ले रही थी उसे इस तरह से चक्कर पड़ नजर उठा कर देखते हुए पाकर संजू बोला,,,)


इसे क्या देख रही हो मम्मी,,,,


अरे मुझे डर लग रहा है कि कहीं कोई पहचान का ना मिल जाए,,,,।


क्या मम्मी तुम भी खामखा डरती हो यह जगह बहुत दूर है और यहां पर कोई पहचान का मिलने वाला नहीं है और अगर मिल भी गया तो कौन सा हम कोई गलत काम करने के लिए यहां है हम तो खरीदी करने के लिए आए हैं,,,, ना कि गेस्ट हाउस में आए हैं इसलिए बिल्कुल भी चिंता मत करो,,


(संजू की बात सुनकर आराधना को थोड़ी राहत हुई तो वह बोली,,,)


अरे इस तरह से अब बाहर ही खड़े रहेंगे की अंदर भी चलेंगे वैसे भी देर हो रही है,,,,।


देर हो गई तो क्या होगा वैसे भी आज घर पर खाना नहीं बनाना है,,, यहीं से खा कर चलेगे,,,।
(इतना कहते हुए संजू कपड़े की दुकान की सीढ़ियां चढ़ने लगा और पीछे-पीछे आराधना और मोहिनी भी सीढीया चढने लगी,,,,,, लेकिन सीढ़ियां चढ़ते समय आराधना के नितंबों में एक अद्भुत कशिश और लचक नजर आ रही थी,,,,, एक सीढ़ी चढ़ने के लिए जैसे ही वह ऊपर कदम उठाती थी तो उसके नितंबों का घेराव एकदम बड़े से तरबूज की तरह हो जाता था जो कि साड़ी फाडकर बाहर आने के लिए उतारू हो जाता था वैसे तो इस समय आराधना के ऊपर किसी की नजर नहीं थी लेकिन इतना तो निश्चित था कि अगर वह आराधना को इस तरह से सीढ़ियां चढ़ता हुआ देख लेता तो मन में न जाने कितने सपने देखने लगता आराधना को लेकर और उसके पीछे-पीछे बड़ी सी दुकान में भी चला ही आता,,,,। देखते ही देखते तीनों चिड़िया चढ़ चुके थे और दरवाजे पर खड़ा दरवाजा खुद ही दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर तीनों का अभिवादन किया और तीनों दुकान के अंदर प्रवेश कर गए,,,।


दुकान के अंदर प्रवेश करते ही मोहिनी और आराधना दोनों की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई लेकिन संजू सहज बना रहा क्योंकि अपने दोस्त के साथ वह पहले भी यहां आ चुका था,,,। इसलिए इसमें उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी,,,।


बाप रे भाई इतनी बड़ी दुकान,,,( मोहिनी चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए बोली,,,, तो उसे बीच में टोकते हुए संजू बोला,,,)


भाई मत बोल,,,, यहां पर मैं तेरा प्रेमी हूं समझ गई ना,,,,


ओहहहह ,,,,सोरी,,,,(मुस्कुराते हुए मोहिनी बोली आराधना दोनों की बातें सुन रही थी और अंदर ही अंदर अजीब सी हलचल महसूस कर रही थी,,,, आराधना अच्छी तरह से देख पा रही थी की दुकान में कम से कम पांच काउंटर थे और सभी काउंटर पर लड़कीया ही थी,,, आराधना के मन में थोडी घबराहट भी थी,,, क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे अपने बेटे की मौजूदगी में उसे काउंटर वाली लड़की से ब्रा और पेटी मांगेगी,,, जबकि संजू पहले से ही कह चुका था कि वह उस दुकान पर दोनों को अपनी प्रेमिका बनाकर ले जा रहा है लेकिन फिर भी वह दुनिया की नजर में प्रेमी प्रेमिका हो सकते हैं लेकिन वास्तविकता तो यही थी कि दोनों मां बेटे ही थे और इस रिश्ते को वह अपनी नजर में कैसे ठुकरा सकती थी घर की चार दिवारी के अंदर भले ही वह एक कमरे में प्रेमी प्रेमिका और पति पत्नी की तरह व्यवहार करते थे लेकिन दुनिया की नजर में उसे ऐसा करने में शर्म महसूस हो रही थी और इसीलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि काउंटर पर क्या होगा इसलिए उसने सब कुछ अपने बेटे संजू पर ही छोड़ रखी थी,,,।


दुकान में ज्यादा फिर बार नहीं थी पहले काउंटर पर ही केवल दो लोग खड़े थे बाकी के काउंटर अभी भी खाली थे और संजू सभी काउंटर पर नजर घूमर अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेने के बाद कौन है में जो की एक खूबसूरत लड़की काउंटर संभाल रही थी मुस्कुराता हुआ उसी काउंटर की तरफ बढ़ गया,,, मोहिनी और आराधना दोनों का दिल धक कर रहा था दोनों के मन में थोड़ी बहुत घबराहट थी लेकिन संजू बिल्कुल भी घबरा नहीं रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका तो यह रोज का काम हो जैसे ही वह काउंटर पर पहुंचा उसके बोलने से पहले ही काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर बोली,,,।


वेलकम सर वेलकम मैम बताइए मैं आप सबके लिए क्या मदद कर सकती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए वह आराधना की तरफ देखने लगी,,,, और आराधना मारे शर्म से गाड़ी जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले संजू मन ही मन मुस्कुरा रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रहा था कि वह काउंटर वाली लड़की आराधना को क्या समझ रही थी,,,,। आराधना और संजु और मोहिनी मे उम्र का काफी फर्क था जो कि इस उम्र के फर्क को वह काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी,,, क्योंकि वह ऐसा ही समझ रही थी की आराधना ही दोनों को कपड़े दिलाने के लिए लेकर आई है लेकिन वह क्या जानती थी कि सब कुछ यहां उलट पलट रिश्ता हो चुका है वह काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर कुछ बोल पाती ईससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


ईन दोनों के लिए अच्छी सी चड्डी और ब्रा दिखाओ एकदम इंपॉर्टेंड महंगी वाली,,,।


(इतना सुनते ही मोहिनी तो थोड़ा सहज बनी रही लेकिन आराधना के तो पसीने छूटने लगे वह शर्म से पानी पानी होने लगी और यही हाल काउंटर वाली लड़की का था हालांकि उसे शर्म तो नहीं महसूस हुई लेकिन वह हैरान जरूर थी क्योंकि जिस तरह से संजू ने एकदम खुले शब्दों में दोनों के लिए चड्डी और ब्रा लेने के लिए बोला था ऐसा उसने आज तक ना तो देखी थी और नहीं सुनी थी क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि संजू उस औरत के बेटे की उम्र का था,,, वह काउंटर वाली लड़की हैरानी से कभी आराधना और मोहिनी की तरफ तो कभी संजू की तरफ देख रही थी संजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसे काउंटर वाली लड़की के मन में क्या चल रहा है इसलिए सब कुछ साफ करते हुए वह बोला,,,।)


क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो कोई अपनी प्रेमिका को चड्डी और ब्रा नहीं दिला सकता क्या,,!(संजू के शब्दों में पूरी तरह से शरारत छुपी हुई थी,,, और वह अपने शब्दों से अपनी बातों से उसे काउंटर वाली लड़की के तन बदन में भी हलचल जगाना चाहता था जो कि उसकी बातों को सुनकर ऐसा हो भी रहा था,,,। आश्चर्य से संजू की तरफ और आराधना की तरफ देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की दबे शब्दों में बोली,,,)


दिला सकता है क्यों नहीं दिला सकता लेकिन,,,


मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही हो मेरी उम्र में और उनकी उम्र में बहुत फर्क लग रहा है ना लेकिन प्यार तो किसी भी उम्र में हो सकता है,,,,(संजू की बातेंआराधना के तन बदन में आग लग रही थी वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी और उसके शर्म का पानी उसकी चूत में से बह रहा था,,, वह कुछ भी बोल सकते कि स्थिति में नहीं थी और उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोल क्या सफाई दे,,,, काउंटर वाली लड़की को संजू की बातों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था तो वह ना चाहते हुए भी आराधना से पूछ बैठी,,,)


क्या आप भी ईनसे प्यार करती हैं,,,।


(उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल‌ तो नहीं पाई बस हां मैं सर हिला दी और शर्म से लाल हो गई,,, आराधना कि हामी सुनकर काउंटर वाली लड़की एकदम हैरान हो गई लेकिन उसे इतना तो पता ही था कि प्यार किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन वह इस तरह का प्यार पहली बार अपनी आंखों से देख रही थी,,, सुनी तो बहुत बार थी लेकिन पहली बार उसकी आंखों के सामने ऐसा प्यार नजर आया था और फिर वह मोहिनी की तरफ मुखातीब होते हुए बोली,,,)


और तुम,,,,


मैं भी इनसे प्यार करती हूं,,,(मोहिनी बेझिजक संजू की तरफ इशारा करते हुए बोली,,, मोहिनी की भी बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से हैरान हो गई और अगला सवाल दागते हुए बोली,,,)


बाप रे तुम दोनों एक ही लड़के से,,,,


हैरान मत होइए मैडम दोनों मां बेटी हैं और दोनों मुझसे बहुत प्यार करती हैं,,,,
(संजू की बात सुनकर तो काउंटर वाली लड़की की हालत और ज्यादा खराब हो गई उसकी आंखें आश्चर्य से फटी के फटी रह गई इस यकीन नहीं हो रहा था की मां बेटी एक साथ एक ही लड़के से प्यार कर रही थी,,,,,, वह एकदम आश्चर्य से बोली)


क्या कह रहे हो सर क्या सच में,,,,(संजू की तरफ देखने के बाद वह मोहिनी और आराधना की तरफ देखते हुए बोली तो दोनों मां बेटी हां मैं सर हिला दी दोनों के चेहरे पर शर्म और उत्तेजना साफ नजर आ रही थी,,,,, फिर संजय मुस्कुरा कर बोला,,,)


अब तो यकीन आ गया ना मैडम,,,।


(काउंटर वाली लड़की की तो हालत खराब हो गई थी,,,, उसकी तो बोलती बंद हो गई थी वह हैरान होकर तीनों को देख रही थी तब संजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)


परेशान होने की जरूरत नहीं है बस जो कह रहा हूं वह जल्दी से दिखाइए इनके लिए और उनके लिए चड्डी और ब्रा एकदम महंगी वाली जिसे पहनने के बाद उनके खूबसूरत अंग और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगे,,,,
(संजू इस तरह की अश्लील बातें उसे काउंटर वाली लड़की के सामने कर रहा था और उससे ही कर रहा था और वह लड़की भी हैरान थी क्योंकि आज तक इस तरह के शब्दों में उससे किसी ने बात नहीं किया था इसलिए संजू के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसके तन बदन में भी अजीब सी हलचल होने लगी,,, वह समझ गई थी कि यह पूरा बेशर्म है,,,। तभी तो एक साथ दो दो को घुमा रहा था,,।)


कौन सी साइज का दिखाऊं,,,(आराधना की तरह देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो आराधना से पहले संजू ही बोल पड़ा)


तुम्हें तो अनुभव होना चाहिए देखकर ही पता लगा लेना चाहिए कि कौन से साइज का है,,,(संजू अपनी मां की छातियों की तरफ देखते हुए बोला,,,, आराधना की तो हालत खराब हो गई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका बेटा एक अनजान लड़की से इस तरह से अश्लील बातें करेगा एकदम खुलकर संजू की बातों को सुनकर आराधना के चेहरे पर शर्म की रेखा साहब से रखने लगी उसके गोरे-गोरे गाल सुर्ख लाल होने लगे,,, वह अपने पैर से संजू के पर को जोर से दबाकर उसे चुप रहने का इशारा करने लगी लेकिन संजू कहां चुप रहने वाला था,,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


मेरे हाथों में तो खरबूजे जैसे लगते हैं 38 डी का साइज निकालो,,,
(अपनी चुचियों का साइज अपने बेटे के मुंह से सुनकर एक बार फिर से वह शर्म से पानी पानी होने लगी और उसके बगल में खड़ी मोहिनी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और वैसे भी जिसके हाथ में औरत की चूचियां होती है उससे बेहतर भला कौन उसके माप को समझ पाएगा,,,, संजू जिस तरह से खुले शब्दों में आराधना की चुचियों का साइज बता रहा था और वह भी अश्लील शब्दों का सहारा लेकर उसकी बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की की हालत खराब हो रही थी वैसे तो उसने कभी भी अपने कस्टमरों से इस तरह की बातों की उम्मीद की नहीं थी लेकिन आज उसके साथ पहली बार हो रहा था कि कोई लड़का इस तरह की बातें कर रहा था और न जाने क्यों उसे भी इस तरह की बातें सुनने में मजा आने लगा था क्योंकि उसकी खुद की चूत उत्तेजना से पानी टपका रही थी,,,, संजू की बात सुनकर काउंटर वाली लड़की 38 के साइज का ब्रा निकलने लगी फिर आराधना धीरे से उससे बोली,,,)


पागल हो गया क्या तू किस तरह की बातें कर रहा है वह लड़की क्या समझेगी,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो उस लड़की को तो मैं पहले ही समझा दिया हूं कि तुम मेरी प्रेमिका हो तुम दोनों मां बेटी मुझसे बहुत प्यार करती हो बस बात खत्म,,,,


सच में तू पागल हो गया है,,,,,।
(वह काउंटर वाली लड़की थोड़ी देर बाद ढेर सारी 38 के साइज की ब्रा लेकर आई हो काउंटर पर बिछा दी और बोली,,,)


लो इसमें से जो तुम्हें पसंद हो ले लो,,,,


(संजू उसमें से एक दो ब्रा को अपने हाथ में लेते हुए उसे काउंटर वाली लड़की से बोला)


अगर इनमें से तुम्हें पसंद करना पड़े तो कौन सी ब्रा पसंद करोगी,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना थोड़ा घबरा गई उसे लगा की संजु की बातसे वह लड़की संजू पर गुस्सा करेगी इसलिए वह उस लड़की की तरफ देखने लगी लेकिन वह लड़की संजू की बात सुनकर बिल्कुल भी गुस्सा किए बिना मुस्कुरा कर ब्रा ढेर में से एक खूबसूरत ब्रा को निकाल जो की जालीदार था,,, और बोली,,,)


आप पर यह बहुत खूबसूरत जचेगी,,,,
(उसे लड़की की बात सुनकर आराधना फिर से शर्मा गई और उसके हाथ में से खुद संजू ब्रा लेकर एकदम बेशर्मों की तरह दोनों हाथों से ब्रा को खोलकर उसके बड़े-बड़े कप को नापने के लिए तुरंत उसे अपनी मां की छातियों पर रख दिया और मुस्कुराते हुए बोला,,)


तुम सच कह रही हो यह ब्रा बहुत खूबसूरत लगेगी जब यह पहन लेंगी,,,,।
(संजू की हरकत और उसकी बातों को सुनकर आराधना की हालत ऐसी हो गई काटो तो खून नहीं वह पूरी तरह से स्तब्ध थी संजू की हरकत पर उसकी बातों पर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इस तरह की बातें कर रहा है और इस तरह की हरकत कर रहा है और वह भी कपड़े की दुकान पर एक अनजान लड़की की आंखों के सामने,,,, जितना हैरान आराधना थी उससे भी कई ज्यादा हैरान व काउंटर वाली लड़की थी क्योंकि उसे भी अपने कस्टमर से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी आज तक उसने कभी भी इस तरह की हरकत अपनी आंखों के सामने होता हुआ नहीं देखी थी इसलिए वह भी आश्चर्य से संजू और आराधना दोनों को देख रही थी संजू के हाथों में अभी भी वह मखमली लाल रंग का बरा था जो की जालीदार था और वह सही माप के लिए अपनी मां की छाती पर उसे लगाया हुआ था जिसे शर्मा कर खुद आराधना अपने हाथ में लेकर अपनी छाती से अलग कर दी,,,,, काउंटर वाली लड़की भी कुछ नहीं बोल पा रही थी वह बस इतना ही बोली,,,)


अगर आप चाहे तो इसे पहन कर चेंजिंग रूम में देख सकती है,,,,।


नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है घर पर भी चेक कर लूंगी और वैसे भी यह मेरे माप का ही है,,,,।
(आराधना की बात सुनते ही वह काउंटर वाली लड़की संजू की तरफ देखते हुए धीरे से बोली)


सही माप लिए हो आपने,,,,।
(काउंटर वाली लड़की के खाने के मतलब को संजू मोहिनी और आराधना तीनों अच्छी तरह से समझ रहे थे संजू तो उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया था लेकिन आराधना की हालत खराब हो गई थी वह शर्म के मारे टमाटर की तरह एकदम लाल हो गई थी,,, काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर संजू बोला)


दिन रात जिसके हाथ में हो उसे तो सही माप का पता होगा ही,,,, मैं तो कहता हूं जाकर चेक कर लो बाद में कभी गड़बड़ हो गई तो इतनी दूर आना पड़ेगा,,,


नहीं नहीं बिल्कुल सही माप है,,,


कैसी बातें कर रही हो जान,,,,(संजू जानबूझकर काउंटर वाली लड़की के सामने अपनी मां को जान शब्द कहकर संबोधन किया था और इस शब्द को सुनकर काउंटर वाली लड़की की दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी थी उसने आज तक ऐसा फ्लर्ट करने वाला लड़का नहीं देखी थी,,,) जाकर जल्दी से चेक कर लो,,,, ताकि घर पर किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए,,,,।


नहीं नहीं ऐसे ही ठीक है मैं जानती हूं ना अपना माप,,,,


अरे तुम जितना जानती हो उससे ज्यादा मैं जानता हूं क्योंकि उतारना तो मुझे ही पड़ता है,,,,(एक बार फिर से संजू ने यह बात कह कर आराधना के साथ-साथ उसे काउंटर वाली लड़की की चूत से पानी की बुंद टपका दिया था,,,) इसीलिए कह रहा हूं जाकर जल्दी से चेक कर लो कहो तो मैं आ जाऊं,,,,


नहीं सर इसकी कोई जरूरत नहीं है अगर यह चेक करना चाहे तो अकेले जा सकती है,,,
(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की को ऐसा ही लगा कि अगर यह अंदर चेक करने जाएगी तो यह भी पीछे-पीछे चल जाएगा और अगर ऐसा होता हुआ मैनेजर ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी इसीलिए उसे रोकते हुए बोली,,,, उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना ही बोली,,,)


नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है,,, मुझे चेक नहीं करना है,,,,


ठीक है मैडम कितनी ब्रा चाहिए,,,


बस एक ही,,


अरे एक ही क्यों दो-तीन ले लो अच्छा लगेगा,,,, एक काम करो मैडम यह नीली और ब्लैक वाली भी निकाल दो दोनों रंग गोरे रंग पर और ज्यादा खूबसूरत लगते हैं,,,,


(संजू की बातों और उसकी हरकत से काउंटर वाली लड़की के खुद का पानी निकलने शुरू हो गया था उसने आज तक कस्टमर को काउंटर पर संभालते के संभालते इस तरह की उत्तेजना का अनुभव अपने बदन में नहीं की थी लेकिन आज पहली बार संजू की मौजूदगी में उसकी बातों को सुनकर उसकी हालत खराब हो रही थी,,, वह जल्दी से तीन ब्रा पैक कर दी थी और फिर बोली,,,)


और कुछ चाहिए,,,


(काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


अरे मैडम चड्डी भी तो दिखाओ बोल तो था,,, बिना चट्टी के ब्रा पहनने में मजा नहीं आएगा,,,,।
(संजू की बात सुनकर आराधना शर्मा के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, और काउंटर वाली लड़की अपने मन में सोचने के लिए की यह लड़का जब सबके सामने यह हरकत कर रहा है तो बंद कमरे में बिस्तर पर इसकी क्या हालत करता होगा,,, और अपने आप से ही बात करते हुए बोली जरूर इस लड़के में बहुत दम होगा तभी तो मां बेटी दोनों एक की ही दीवानी है,,,,)


अब रहने दो बहुत देर हो गई है देखो 7:00 बज गए हैं (दुकान पर दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखते हुए आराधना बोली )


अरे तो क्या हुआ जो लेने आए हैं उसे तो लेना ही पड़ेगा तुम जल्दी से चड्डी निकालो,,,,


क्या,,,?(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से चौंकते हुए बोली और संजू भी अपनी बात पर गौर करते हुए एकदम से बोला)


मेरा मतलब है जल्दी से अच्छी सी चड्डी दिखाओ,,,


साइज,,,?(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली)


देख तो रही हो,,,,(एकदम से आराधना के कंधों पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे घूमाते हुए,,,) एकदम तरबूज जैसी है बड़ी-बड़ी,,,,(आराधना की गोल-गोल गांड को उस काउंटर वाली लड़की के सामने करते हुए संजू बोला तो वह लड़की एकदम से हकी-बकी रह गई,,,, आराधना भी एकदम से शर्म से पानी के साथ-साथ मदहोश हो गई संजू की हरकत एक तरफ उसे शर्मसार कर रही थी वहीं दूसरी तरफ उसके बदन में मदहोशी का रस घोल रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी पेंटिं गीली हो रही थी,,, इस बार उसे काउंटर वाली लड़की ने ज्यादा सवाल जवाब नहीं की और तुरंत आराधना के माप की चड्डी भी निकाल दी,,, जिसे देखकर संजू बोला,,,)


अरे इससे भी जालीदार दिखाओ ना देखने में मजा आए जिसमें सबकुछ नजर आता हो,,,।


(संजू की बात सुनते ही काउंटर वाली लड़की आश्चर्य से आराधना की तरफ देखने लगी आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि संजू अपनी मनमानी किए बिना मानेगा नहीं इसलिए बोली)


निकाल दो पहनना ही पड़ेगा,,,,


प्यार बहुत गहरा नजर आता है,,,,(इतना कहकर वह काउंटर वाली मुस्कुरा कर संजू के बताएं अनुसार जालीदार चड्डी भी ले आई जिसे हाथ में लेते ही संजू एकदम से मदहोश होता हुआ बोला,,,)


अब आएगा असली मजा जल्दी से पैक कर दो,,,,


(और फिर वह काउंटर वाली लड़की आराधना के सारे कपड़ों को पैक कर दी और फिर वह बोली,,,)


और इन मैडम के लिए कुछ नहीं लोगे,,,,(मोहिनी की तरफ देखते हुए वह पूरी तो संजू मुस्कुराता हुआ बोला ,,,)


लेंगे क्यों नहीं लेंगे अगर नहीं लेंगे तो नाराज नहीं हो जाएगी और नाराज हो जाएगी तो फिर देगी नहीं,,,,


( देगी नहीं के मतलब को,, काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी और वह एकदम से शर्मा गई और पल भर में अपने मन में कल्पना करने लगी कि अगर वास्तव में यह उसे लड़की के लिए चड्डी और ब्रा नहीं खरीदेगा तो घर पर जाकर वह लड़की सच में उसे चोदने नहीं देगी वह बार-बार उसे मनाएगा और वह रूठ जाएगी इस तरह के दृश्य को वह अपने मन में कल्पना करके वह पानी पानी हो गई,,,, मोहिनी भी एकदम बेशर्मी दिखाते हुए बोली,,,)


सही कह रहे हो अगर नहीं दिलाओगे तो मैं दूंगी भी नहीं सिर्फ मम्मी की लेते रहना,,,,
(मोहिनी की बात सुनकर आराधना उसे आश्चर्य से देखने लगी और मोहिनी को ही सिर्फ सुनाई दे इतने धीमे श्वर में बोली ,,,)


अब तू भी शुरू पड़ गई,,,,


साइज बताओ,,,,,,(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो इस बार भी संजू बीच में बोल पड़ा)


देख लो अभी तो मोसंबी जैसे हैं तीन-चार महीने बाद लेकर आऊंगा तो इसके भी कश्मीरी सेव की तरह हो जाएंगे,,,,
(एक बार फिर से संजू की बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की ने गहरी सांस ली और अपनी मां से ही उसके साइज की ब्रा और पेटी निकलने लगी क्योंकि उसका साइज भी खुद उसके जैसा ही था वैसे तो इस तरह की बातें और हरकत पर किसी भी काउंटर वाली लड़की मैनेजर से शिकायत कर सकती थी लेकिन न जाने क्यों इस काउंटर वाली लड़की ने संजू की बात पर बिल्कुल भी विरोध नहीं किया था बल्कि उसकी बातों का आनंद ही ले रही थी तभी तो उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी,,,, थोड़ी ही देर में खरीदी हो चुकी थी दुकान से निकलते निकलते 8:00 बज गए थे काफी देर हो चुकी थी और वैसे भी संजू ने कुछ ज्यादा ही दूरी पर लेकर आया था तीनों जल्दी से स्कूटी पर बैठ गए और संजू थोड़ा तेज भागते हुए कुछ ही देर में अपने घर के पास वाले बाजार में पहुंच गया और वहां से खाना पैक करा कर वह तीनों घर पर पहुंच गए,,, इस सफ़र से तीनों काफी थक चुके थे इसलिए खाना खाकर तीनों एक ही बिस्तर पर सो गए,,,, उन तीनों को बेसब्री से सुहागरात वाली रात का इंतजार था।
Again fantastic update mindblowing👌👌
Thoda update jaldi diya kre plz
Again repeated Ekk request hai pura kr dijiyega
Sanju aaradhana ko apni suhagan bna ker hi suhagraat manaye,ho sake to mohini ki ass opening bhi sanju kr de
Waiting for next update,plz thodaa jaldi update dene ki koshish karna
 
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Alok

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बहुत ही मज़ेदार शोपिंग rohnny4545 भाई।।
 
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Bittoo

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तीनों कपड़े की दुकान के बाहर खड़े थे संजू स्कूटी को पार्क करके अपनी मां और बहन दोनों के साथ बाहर खड़ा होकर कुछ देर तक दुकान को देख रहा था,,,, यह दुकान काफी बड़ी थी इस तरह की बड़ी दुकान में खरीदी करने के बारे में तो कभी आराधना सोची भी नहीं थी,,,, और वैसे भी कपड़े कितनी बड़ी दुकान वह पहली बार देख रही थी और इस जगह पर भी वह पहली बार आ रही थी,,,यह जगह भी उसके लिए अनजान थी और यह दुकान भी उसके लिए अंजाम थी वैसे भी किसी के देखे जाने का डर उसे हमेशा बना रहता था लेकिन संजू उन दोनों को इतनी दूर लेकर आया था की आराधना थोड़ा निश्चित थी लेकिन फिर भी चारों तरफ नजर दौड़ा कर देख ले रही थी कहीं कोई जान पहचान का तो नहीं है,,,।


मम्मी में तो पहली बार इतनी बड़ी दुकान देख रही है और वह भी कपड़े की बाप रे बाप इतनी बड़ी भी दुकान होती है मुझे तो यकीन नहीं हो रहा है,,,।


तो सच कह रही है मोहिनी मैं भी पहली बार ही इतनी बड़ी दुकान देख रही हूं अंदर तो खरीदी करने के बारे में सोच कर ही मुझे डर लग रहा है।


तुम दोनों भी खामखा डर रहे हो,,, जिंदगी में सब कुछ पहली बार ही होता है अंदर देखना इतने सारे कपड़े हैं कि सब कुछ खरीदने का मन करेगा और वह भी इंपॉर्टेंड,,,।


संजू महंगा मिलेगा तो क्यों यहां पर लेकर आया वहीं से खरीद लिए होते तो,,,


क्या मम्मी तुम अभी भी इस तरह की बातें कर रही हो अब तो मैं भी कमाने लगा हूं और वैसे भी ₹100000 जो मिला है,,,


अरे वह तो मैं तुम दोनों की पढ़ाई के लिए और मोहिनी की शादी के लिए रखने वाली हूं,,,, यह सब की फिजूल खर्ची में उड़ा देंगे तो कोई मतलब नहीं निकलेगा,,,


मैं जानता हूं मम्मी इसीलिए तो उसमें से ₹1 भी नहीं लिया हूं यह तो मेरी कमाई के हैं और कभी-कभी इंसान को अच्छा भी पहन लेना चाहिए जिसमें वह अच्छा महसूस करें वैसे भी तुम दोनों इतनी खूबसूरत कि तुम्हारे बदन पर महंगी चड्डी और ब्रा ही अच्छी लगेगी,,,


लेकिन भाई तू तो हम दोनों को नंगी करने के बाद ही मानता है और रात भर नंगी ही रखता है तो इस तरह के कपड़े खरीदने का मतलब क्या है,,,।
(मोहिनी चुटकी लेते हुए बोली तो संजू भी मुस्कुराता हुआ बोला)


तेरी बात सही है लेकिन तुम दोनों को नंगी करने के पहले कपड़े भी उतारने पड़ते हैं और इस तरह के महंगे कपड़े हो इंपोर्टेड कपड़े हो तो नंगी करने का मजा ही बढ़ जाता है,,,,।
(संजू की मां अपनी बेटी की इस बात से पूरी तरह से सहमत थी लेकिन वह इसका जवाब बिल्कुल भी नहीं दे रही थी वह अपने मन में अच्छी तरह से समझ रही थी कि वाकई में अगर खूबसूरत बदन पर मैंने कपड़े हो तो उसे उतारने का मजा ही उतारने वाले को बढ़ जाता है और साथ ही पहनने वाली भी मस्त हो जाती है,,,, संजू की बातों को सुनकर आराधना के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फुट रही थी वाकई में उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उन दोनों को खरीदी करवाने के लिए उनका बेटा नहीं बल्कि उनका प्रेमी आया है,,,, आराधना अभी भी चारों तरफ नजर दौड़कर इधर-उधर देख ले रही थी उसे इस तरह से चक्कर पड़ नजर उठा कर देखते हुए पाकर संजू बोला,,,)


इसे क्या देख रही हो मम्मी,,,,


अरे मुझे डर लग रहा है कि कहीं कोई पहचान का ना मिल जाए,,,,।


क्या मम्मी तुम भी खामखा डरती हो यह जगह बहुत दूर है और यहां पर कोई पहचान का मिलने वाला नहीं है और अगर मिल भी गया तो कौन सा हम कोई गलत काम करने के लिए यहां है हम तो खरीदी करने के लिए आए हैं,,,, ना कि गेस्ट हाउस में आए हैं इसलिए बिल्कुल भी चिंता मत करो,,


(संजू की बात सुनकर आराधना को थोड़ी राहत हुई तो वह बोली,,,)


अरे इस तरह से अब बाहर ही खड़े रहेंगे की अंदर भी चलेंगे वैसे भी देर हो रही है,,,,।


देर हो गई तो क्या होगा वैसे भी आज घर पर खाना नहीं बनाना है,,, यहीं से खा कर चलेगे,,,।
(इतना कहते हुए संजू कपड़े की दुकान की सीढ़ियां चढ़ने लगा और पीछे-पीछे आराधना और मोहिनी भी सीढीया चढने लगी,,,,,, लेकिन सीढ़ियां चढ़ते समय आराधना के नितंबों में एक अद्भुत कशिश और लचक नजर आ रही थी,,,,, एक सीढ़ी चढ़ने के लिए जैसे ही वह ऊपर कदम उठाती थी तो उसके नितंबों का घेराव एकदम बड़े से तरबूज की तरह हो जाता था जो कि साड़ी फाडकर बाहर आने के लिए उतारू हो जाता था वैसे तो इस समय आराधना के ऊपर किसी की नजर नहीं थी लेकिन इतना तो निश्चित था कि अगर वह आराधना को इस तरह से सीढ़ियां चढ़ता हुआ देख लेता तो मन में न जाने कितने सपने देखने लगता आराधना को लेकर और उसके पीछे-पीछे बड़ी सी दुकान में भी चला ही आता,,,,। देखते ही देखते तीनों चिड़िया चढ़ चुके थे और दरवाजे पर खड़ा दरवाजा खुद ही दरवाजा खोला और मुस्कुरा कर तीनों का अभिवादन किया और तीनों दुकान के अंदर प्रवेश कर गए,,,।


दुकान के अंदर प्रवेश करते ही मोहिनी और आराधना दोनों की आंखें आश्चर्य से फटी की फटी रह गई लेकिन संजू सहज बना रहा क्योंकि अपने दोस्त के साथ वह पहले भी यहां आ चुका था,,,। इसलिए इसमें उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी,,,।


बाप रे भाई इतनी बड़ी दुकान,,,( मोहिनी चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए बोली,,,, तो उसे बीच में टोकते हुए संजू बोला,,,)


भाई मत बोल,,,, यहां पर मैं तेरा प्रेमी हूं समझ गई ना,,,,


ओहहहह ,,,,सोरी,,,,(मुस्कुराते हुए मोहिनी बोली आराधना दोनों की बातें सुन रही थी और अंदर ही अंदर अजीब सी हलचल महसूस कर रही थी,,,, आराधना अच्छी तरह से देख पा रही थी की दुकान में कम से कम पांच काउंटर थे और सभी काउंटर पर लड़कीया ही थी,,, आराधना के मन में थोडी घबराहट भी थी,,, क्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे अपने बेटे की मौजूदगी में उसे काउंटर वाली लड़की से ब्रा और पेटी मांगेगी,,, जबकि संजू पहले से ही कह चुका था कि वह उस दुकान पर दोनों को अपनी प्रेमिका बनाकर ले जा रहा है लेकिन फिर भी वह दुनिया की नजर में प्रेमी प्रेमिका हो सकते हैं लेकिन वास्तविकता तो यही थी कि दोनों मां बेटे ही थे और इस रिश्ते को वह अपनी नजर में कैसे ठुकरा सकती थी घर की चार दिवारी के अंदर भले ही वह एक कमरे में प्रेमी प्रेमिका और पति पत्नी की तरह व्यवहार करते थे लेकिन दुनिया की नजर में उसे ऐसा करने में शर्म महसूस हो रही थी और इसीलिए उसे समझ में नहीं आ रहा था कि काउंटर पर क्या होगा इसलिए उसने सब कुछ अपने बेटे संजू पर ही छोड़ रखी थी,,,।


दुकान में ज्यादा फिर बार नहीं थी पहले काउंटर पर ही केवल दो लोग खड़े थे बाकी के काउंटर अभी भी खाली थे और संजू सभी काउंटर पर नजर घूमर अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लेने के बाद कौन है में जो की एक खूबसूरत लड़की काउंटर संभाल रही थी मुस्कुराता हुआ उसी काउंटर की तरफ बढ़ गया,,, मोहिनी और आराधना दोनों का दिल धक कर रहा था दोनों के मन में थोड़ी बहुत घबराहट थी लेकिन संजू बिल्कुल भी घबरा नहीं रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका तो यह रोज का काम हो जैसे ही वह काउंटर पर पहुंचा उसके बोलने से पहले ही काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर बोली,,,।


वेलकम सर वेलकम मैम बताइए मैं आप सबके लिए क्या मदद कर सकती हूं,,,,(ऐसा कहते हुए वह आराधना की तरफ देखने लगी,,,, और आराधना मारे शर्म से गाड़ी जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले संजू मन ही मन मुस्कुरा रहा था क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रहा था कि वह काउंटर वाली लड़की आराधना को क्या समझ रही थी,,,,। आराधना और संजु और मोहिनी मे उम्र का काफी फर्क था जो कि इस उम्र के फर्क को वह काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी,,, क्योंकि वह ऐसा ही समझ रही थी की आराधना ही दोनों को कपड़े दिलाने के लिए लेकर आई है लेकिन वह क्या जानती थी कि सब कुछ यहां उलट पलट रिश्ता हो चुका है वह काउंटर वाली लड़की मुस्कुरा कर कुछ बोल पाती ईससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


ईन दोनों के लिए अच्छी सी चड्डी और ब्रा दिखाओ एकदम इंपॉर्टेंड महंगी वाली,,,।


(इतना सुनते ही मोहिनी तो थोड़ा सहज बनी रही लेकिन आराधना के तो पसीने छूटने लगे वह शर्म से पानी पानी होने लगी और यही हाल काउंटर वाली लड़की का था हालांकि उसे शर्म तो नहीं महसूस हुई लेकिन वह हैरान जरूर थी क्योंकि जिस तरह से संजू ने एकदम खुले शब्दों में दोनों के लिए चड्डी और ब्रा लेने के लिए बोला था ऐसा उसने आज तक ना तो देखी थी और नहीं सुनी थी क्योंकि वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि संजू उस औरत के बेटे की उम्र का था,,, वह काउंटर वाली लड़की हैरानी से कभी आराधना और मोहिनी की तरफ तो कभी संजू की तरफ देख रही थी संजू अच्छी तरह से समझ रहा था कि उसे काउंटर वाली लड़की के मन में क्या चल रहा है इसलिए सब कुछ साफ करते हुए वह बोला,,,।)


क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो कोई अपनी प्रेमिका को चड्डी और ब्रा नहीं दिला सकता क्या,,!(संजू के शब्दों में पूरी तरह से शरारत छुपी हुई थी,,, और वह अपने शब्दों से अपनी बातों से उसे काउंटर वाली लड़की के तन बदन में भी हलचल जगाना चाहता था जो कि उसकी बातों को सुनकर ऐसा हो भी रहा था,,,। आश्चर्य से संजू की तरफ और आराधना की तरफ देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की दबे शब्दों में बोली,,,)


दिला सकता है क्यों नहीं दिला सकता लेकिन,,,


मैं जानता हूं तुम क्या सोच रही हो मेरी उम्र में और उनकी उम्र में बहुत फर्क लग रहा है ना लेकिन प्यार तो किसी भी उम्र में हो सकता है,,,,(संजू की बातेंआराधना के तन बदन में आग लग रही थी वह शर्म से पानी पानी हो जा रही थी और उसके शर्म का पानी उसकी चूत में से बह रहा था,,, वह कुछ भी बोल सकते कि स्थिति में नहीं थी और उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या बोल क्या सफाई दे,,,, काउंटर वाली लड़की को संजू की बातों पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हो रहा था तो वह ना चाहते हुए भी आराधना से पूछ बैठी,,,)


क्या आप भी ईनसे प्यार करती हैं,,,।


(उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल‌ तो नहीं पाई बस हां मैं सर हिला दी और शर्म से लाल हो गई,,, आराधना कि हामी सुनकर काउंटर वाली लड़की एकदम हैरान हो गई लेकिन उसे इतना तो पता ही था कि प्यार किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन वह इस तरह का प्यार पहली बार अपनी आंखों से देख रही थी,,, सुनी तो बहुत बार थी लेकिन पहली बार उसकी आंखों के सामने ऐसा प्यार नजर आया था और फिर वह मोहिनी की तरफ मुखातीब होते हुए बोली,,,)


और तुम,,,,


मैं भी इनसे प्यार करती हूं,,,(मोहिनी बेझिजक संजू की तरफ इशारा करते हुए बोली,,, मोहिनी की भी बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से हैरान हो गई और अगला सवाल दागते हुए बोली,,,)


बाप रे तुम दोनों एक ही लड़के से,,,,


हैरान मत होइए मैडम दोनों मां बेटी हैं और दोनों मुझसे बहुत प्यार करती हैं,,,,
(संजू की बात सुनकर तो काउंटर वाली लड़की की हालत और ज्यादा खराब हो गई उसकी आंखें आश्चर्य से फटी के फटी रह गई इस यकीन नहीं हो रहा था की मां बेटी एक साथ एक ही लड़के से प्यार कर रही थी,,,,,, वह एकदम आश्चर्य से बोली)


क्या कह रहे हो सर क्या सच में,,,,(संजू की तरफ देखने के बाद वह मोहिनी और आराधना की तरफ देखते हुए बोली तो दोनों मां बेटी हां मैं सर हिला दी दोनों के चेहरे पर शर्म और उत्तेजना साफ नजर आ रही थी,,,,, फिर संजय मुस्कुरा कर बोला,,,)


अब तो यकीन आ गया ना मैडम,,,।


(काउंटर वाली लड़की की तो हालत खराब हो गई थी,,,, उसकी तो बोलती बंद हो गई थी वह हैरान होकर तीनों को देख रही थी तब संजू मुस्कुराता हुआ बोला,,,)


परेशान होने की जरूरत नहीं है बस जो कह रहा हूं वह जल्दी से दिखाइए इनके लिए और उनके लिए चड्डी और ब्रा एकदम महंगी वाली जिसे पहनने के बाद उनके खूबसूरत अंग और भी ज्यादा खूबसूरत लगने लगे,,,,
(संजू इस तरह की अश्लील बातें उसे काउंटर वाली लड़की के सामने कर रहा था और उससे ही कर रहा था और वह लड़की भी हैरान थी क्योंकि आज तक इस तरह के शब्दों में उससे किसी ने बात नहीं किया था इसलिए संजू के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर उसके तन बदन में भी अजीब सी हलचल होने लगी,,, वह समझ गई थी कि यह पूरा बेशर्म है,,,। तभी तो एक साथ दो दो को घुमा रहा था,,।)


कौन सी साइज का दिखाऊं,,,(आराधना की तरह देखते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो आराधना से पहले संजू ही बोल पड़ा)


तुम्हें तो अनुभव होना चाहिए देखकर ही पता लगा लेना चाहिए कि कौन से साइज का है,,,(संजू अपनी मां की छातियों की तरफ देखते हुए बोला,,,, आराधना की तो हालत खराब हो गई थी उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका बेटा एक अनजान लड़की से इस तरह से अश्लील बातें करेगा एकदम खुलकर संजू की बातों को सुनकर आराधना के चेहरे पर शर्म की रेखा साहब से रखने लगी उसके गोरे-गोरे गाल सुर्ख लाल होने लगे,,, वह अपने पैर से संजू के पर को जोर से दबाकर उसे चुप रहने का इशारा करने लगी लेकिन संजू कहां चुप रहने वाला था,,,, वह अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,)


मेरे हाथों में तो खरबूजे जैसे लगते हैं 38 डी का साइज निकालो,,,
(अपनी चुचियों का साइज अपने बेटे के मुंह से सुनकर एक बार फिर से वह शर्म से पानी पानी होने लगी और उसके बगल में खड़ी मोहिनी मंद मंद मुस्कुरा रही थी और वैसे भी जिसके हाथ में औरत की चूचियां होती है उससे बेहतर भला कौन उसके माप को समझ पाएगा,,,, संजू जिस तरह से खुले शब्दों में आराधना की चुचियों का साइज बता रहा था और वह भी अश्लील शब्दों का सहारा लेकर उसकी बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की की हालत खराब हो रही थी वैसे तो उसने कभी भी अपने कस्टमरों से इस तरह की बातों की उम्मीद की नहीं थी लेकिन आज उसके साथ पहली बार हो रहा था कि कोई लड़का इस तरह की बातें कर रहा था और न जाने क्यों उसे भी इस तरह की बातें सुनने में मजा आने लगा था क्योंकि उसकी खुद की चूत उत्तेजना से पानी टपका रही थी,,,, संजू की बात सुनकर काउंटर वाली लड़की 38 के साइज का ब्रा निकलने लगी फिर आराधना धीरे से उससे बोली,,,)


पागल हो गया क्या तू किस तरह की बातें कर रहा है वह लड़की क्या समझेगी,,,


तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो उस लड़की को तो मैं पहले ही समझा दिया हूं कि तुम मेरी प्रेमिका हो तुम दोनों मां बेटी मुझसे बहुत प्यार करती हो बस बात खत्म,,,,


सच में तू पागल हो गया है,,,,,।
(वह काउंटर वाली लड़की थोड़ी देर बाद ढेर सारी 38 के साइज की ब्रा लेकर आई हो काउंटर पर बिछा दी और बोली,,,)


लो इसमें से जो तुम्हें पसंद हो ले लो,,,,


(संजू उसमें से एक दो ब्रा को अपने हाथ में लेते हुए उसे काउंटर वाली लड़की से बोला)


अगर इनमें से तुम्हें पसंद करना पड़े तो कौन सी ब्रा पसंद करोगी,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना थोड़ा घबरा गई उसे लगा की संजु की बातसे वह लड़की संजू पर गुस्सा करेगी इसलिए वह उस लड़की की तरफ देखने लगी लेकिन वह लड़की संजू की बात सुनकर बिल्कुल भी गुस्सा किए बिना मुस्कुरा कर ब्रा ढेर में से एक खूबसूरत ब्रा को निकाल जो की जालीदार था,,, और बोली,,,)


आप पर यह बहुत खूबसूरत जचेगी,,,,
(उसे लड़की की बात सुनकर आराधना फिर से शर्मा गई और उसके हाथ में से खुद संजू ब्रा लेकर एकदम बेशर्मों की तरह दोनों हाथों से ब्रा को खोलकर उसके बड़े-बड़े कप को नापने के लिए तुरंत उसे अपनी मां की छातियों पर रख दिया और मुस्कुराते हुए बोला,,)


तुम सच कह रही हो यह ब्रा बहुत खूबसूरत लगेगी जब यह पहन लेंगी,,,,।
(संजू की हरकत और उसकी बातों को सुनकर आराधना की हालत ऐसी हो गई काटो तो खून नहीं वह पूरी तरह से स्तब्ध थी संजू की हरकत पर उसकी बातों पर उसे यकीन नहीं हो रहा था कि संजू इस तरह की बातें कर रहा है और इस तरह की हरकत कर रहा है और वह भी कपड़े की दुकान पर एक अनजान लड़की की आंखों के सामने,,,, जितना हैरान आराधना थी उससे भी कई ज्यादा हैरान व काउंटर वाली लड़की थी क्योंकि उसे भी अपने कस्टमर से इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी आज तक उसने कभी भी इस तरह की हरकत अपनी आंखों के सामने होता हुआ नहीं देखी थी इसलिए वह भी आश्चर्य से संजू और आराधना दोनों को देख रही थी संजू के हाथों में अभी भी वह मखमली लाल रंग का बरा था जो की जालीदार था और वह सही माप के लिए अपनी मां की छाती पर उसे लगाया हुआ था जिसे शर्मा कर खुद आराधना अपने हाथ में लेकर अपनी छाती से अलग कर दी,,,,, काउंटर वाली लड़की भी कुछ नहीं बोल पा रही थी वह बस इतना ही बोली,,,)


अगर आप चाहे तो इसे पहन कर चेंजिंग रूम में देख सकती है,,,,।


नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है घर पर भी चेक कर लूंगी और वैसे भी यह मेरे माप का ही है,,,,।
(आराधना की बात सुनते ही वह काउंटर वाली लड़की संजू की तरफ देखते हुए धीरे से बोली)


सही माप लिए हो आपने,,,,।
(काउंटर वाली लड़की के खाने के मतलब को संजू मोहिनी और आराधना तीनों अच्छी तरह से समझ रहे थे संजू तो उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया था लेकिन आराधना की हालत खराब हो गई थी वह शर्म के मारे टमाटर की तरह एकदम लाल हो गई थी,,, काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर संजू बोला)


दिन रात जिसके हाथ में हो उसे तो सही माप का पता होगा ही,,,, मैं तो कहता हूं जाकर चेक कर लो बाद में कभी गड़बड़ हो गई तो इतनी दूर आना पड़ेगा,,,


नहीं नहीं बिल्कुल सही माप है,,,


कैसी बातें कर रही हो जान,,,,(संजू जानबूझकर काउंटर वाली लड़की के सामने अपनी मां को जान शब्द कहकर संबोधन किया था और इस शब्द को सुनकर काउंटर वाली लड़की की दोनों टांगों के बीच हलचल होने लगी थी उसने आज तक ऐसा फ्लर्ट करने वाला लड़का नहीं देखी थी,,,) जाकर जल्दी से चेक कर लो,,,, ताकि घर पर किसी भी प्रकार की दिक्कत ना आए,,,,।


नहीं नहीं ऐसे ही ठीक है मैं जानती हूं ना अपना माप,,,,


अरे तुम जितना जानती हो उससे ज्यादा मैं जानता हूं क्योंकि उतारना तो मुझे ही पड़ता है,,,,(एक बार फिर से संजू ने यह बात कह कर आराधना के साथ-साथ उसे काउंटर वाली लड़की की चूत से पानी की बुंद टपका दिया था,,,) इसीलिए कह रहा हूं जाकर जल्दी से चेक कर लो कहो तो मैं आ जाऊं,,,,


नहीं सर इसकी कोई जरूरत नहीं है अगर यह चेक करना चाहे तो अकेले जा सकती है,,,
(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की को ऐसा ही लगा कि अगर यह अंदर चेक करने जाएगी तो यह भी पीछे-पीछे चल जाएगा और अगर ऐसा होता हुआ मैनेजर ने देख लिया तो गड़बड़ हो जाएगी इसीलिए उसे रोकते हुए बोली,,,, उसे काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना ही बोली,,,)


नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है,,, मुझे चेक नहीं करना है,,,,


ठीक है मैडम कितनी ब्रा चाहिए,,,


बस एक ही,,


अरे एक ही क्यों दो-तीन ले लो अच्छा लगेगा,,,, एक काम करो मैडम यह नीली और ब्लैक वाली भी निकाल दो दोनों रंग गोरे रंग पर और ज्यादा खूबसूरत लगते हैं,,,,


(संजू की बातों और उसकी हरकत से काउंटर वाली लड़की के खुद का पानी निकलने शुरू हो गया था उसने आज तक कस्टमर को काउंटर पर संभालते के संभालते इस तरह की उत्तेजना का अनुभव अपने बदन में नहीं की थी लेकिन आज पहली बार संजू की मौजूदगी में उसकी बातों को सुनकर उसकी हालत खराब हो रही थी,,, वह जल्दी से तीन ब्रा पैक कर दी थी और फिर बोली,,,)


और कुछ चाहिए,,,


(काउंटर वाली लड़की की बात सुनकर आराधना कुछ बोल पाती इससे पहले ही संजू बोल पड़ा,,,)


अरे मैडम चड्डी भी तो दिखाओ बोल तो था,,, बिना चट्टी के ब्रा पहनने में मजा नहीं आएगा,,,,।
(संजू की बात सुनकर आराधना शर्मा के मारे अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, और काउंटर वाली लड़की अपने मन में सोचने के लिए की यह लड़का जब सबके सामने यह हरकत कर रहा है तो बंद कमरे में बिस्तर पर इसकी क्या हालत करता होगा,,, और अपने आप से ही बात करते हुए बोली जरूर इस लड़के में बहुत दम होगा तभी तो मां बेटी दोनों एक की ही दीवानी है,,,,)


अब रहने दो बहुत देर हो गई है देखो 7:00 बज गए हैं (दुकान पर दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ देखते हुए आराधना बोली )


अरे तो क्या हुआ जो लेने आए हैं उसे तो लेना ही पड़ेगा तुम जल्दी से चड्डी निकालो,,,,


क्या,,,?(संजू की बात सुनकर वह काउंटर वाली लड़की एकदम से चौंकते हुए बोली और संजू भी अपनी बात पर गौर करते हुए एकदम से बोला)


मेरा मतलब है जल्दी से अच्छी सी चड्डी दिखाओ,,,


साइज,,,?(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली)


देख तो रही हो,,,,(एकदम से आराधना के कंधों पर अपने दोनों हाथ रख कर उसे घूमाते हुए,,,) एकदम तरबूज जैसी है बड़ी-बड़ी,,,,(आराधना की गोल-गोल गांड को उस काउंटर वाली लड़की के सामने करते हुए संजू बोला तो वह लड़की एकदम से हकी-बकी रह गई,,,, आराधना भी एकदम से शर्म से पानी के साथ-साथ मदहोश हो गई संजू की हरकत एक तरफ उसे शर्मसार कर रही थी वहीं दूसरी तरफ उसके बदन में मदहोशी का रस घोल रही थी उसे साफ महसूस हो रहा था कि उसकी चूत बहुत सारा पानी छोड़ रही थी जिसकी वजह से उसकी पेंटिं गीली हो रही थी,,, इस बार उसे काउंटर वाली लड़की ने ज्यादा सवाल जवाब नहीं की और तुरंत आराधना के माप की चड्डी भी निकाल दी,,, जिसे देखकर संजू बोला,,,)


अरे इससे भी जालीदार दिखाओ ना देखने में मजा आए जिसमें सबकुछ नजर आता हो,,,।


(संजू की बात सुनते ही काउंटर वाली लड़की आश्चर्य से आराधना की तरफ देखने लगी आराधना अच्छी तरह से जानती थी कि संजू अपनी मनमानी किए बिना मानेगा नहीं इसलिए बोली)


निकाल दो पहनना ही पड़ेगा,,,,


प्यार बहुत गहरा नजर आता है,,,,(इतना कहकर वह काउंटर वाली मुस्कुरा कर संजू के बताएं अनुसार जालीदार चड्डी भी ले आई जिसे हाथ में लेते ही संजू एकदम से मदहोश होता हुआ बोला,,,)


अब आएगा असली मजा जल्दी से पैक कर दो,,,,


(और फिर वह काउंटर वाली लड़की आराधना के सारे कपड़ों को पैक कर दी और फिर वह बोली,,,)


और इन मैडम के लिए कुछ नहीं लोगे,,,,(मोहिनी की तरफ देखते हुए वह पूरी तो संजू मुस्कुराता हुआ बोला ,,,)


लेंगे क्यों नहीं लेंगे अगर नहीं लेंगे तो नाराज नहीं हो जाएगी और नाराज हो जाएगी तो फिर देगी नहीं,,,,


( देगी नहीं के मतलब को,, काउंटर वाली लड़की अच्छे से समझ रही थी और वह एकदम से शर्मा गई और पल भर में अपने मन में कल्पना करने लगी कि अगर वास्तव में यह उसे लड़की के लिए चड्डी और ब्रा नहीं खरीदेगा तो घर पर जाकर वह लड़की सच में उसे चोदने नहीं देगी वह बार-बार उसे मनाएगा और वह रूठ जाएगी इस तरह के दृश्य को वह अपने मन में कल्पना करके वह पानी पानी हो गई,,,, मोहिनी भी एकदम बेशर्मी दिखाते हुए बोली,,,)


सही कह रहे हो अगर नहीं दिलाओगे तो मैं दूंगी भी नहीं सिर्फ मम्मी की लेते रहना,,,,
(मोहिनी की बात सुनकर आराधना उसे आश्चर्य से देखने लगी और मोहिनी को ही सिर्फ सुनाई दे इतने धीमे श्वर में बोली ,,,)


अब तू भी शुरू पड़ गई,,,,


साइज बताओ,,,,,,(गहरी सांस लेते हुए वह काउंटर वाली लड़की बोली तो इस बार भी संजू बीच में बोल पड़ा)


देख लो अभी तो मोसंबी जैसे हैं तीन-चार महीने बाद लेकर आऊंगा तो इसके भी कश्मीरी सेव की तरह हो जाएंगे,,,,
(एक बार फिर से संजू की बात को सुनकर काउंटर वाली लड़की ने गहरी सांस ली और अपनी मां से ही उसके साइज की ब्रा और पेटी निकलने लगी क्योंकि उसका साइज भी खुद उसके जैसा ही था वैसे तो इस तरह की बातें और हरकत पर किसी भी काउंटर वाली लड़की मैनेजर से शिकायत कर सकती थी लेकिन न जाने क्यों इस काउंटर वाली लड़की ने संजू की बात पर बिल्कुल भी विरोध नहीं किया था बल्कि उसकी बातों का आनंद ही ले रही थी तभी तो उसकी खुद की चूत पानी छोड़ रही थी,,,, थोड़ी ही देर में खरीदी हो चुकी थी दुकान से निकलते निकलते 8:00 बज गए थे काफी देर हो चुकी थी और वैसे भी संजू ने कुछ ज्यादा ही दूरी पर लेकर आया था तीनों जल्दी से स्कूटी पर बैठ गए और संजू थोड़ा तेज भागते हुए कुछ ही देर में अपने घर के पास वाले बाजार में पहुंच गया और वहां से खाना पैक करा कर वह तीनों घर पर पहुंच गए,,, इस सफ़र से तीनों काफी थक चुके थे इसलिए खाना खाकर तीनों एक ही बिस्तर पर सो गए,,,, उन तीनों को बेसब्री से सुहागरात वाली रात का इंतजार था।
धाँसू अपडेट
 
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