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Incest मजबूरी या जरूरत

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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,, आराधना खाना बनाते हुए अपने पति के बारे में सोच रही थी कि वह अपने पति को क्या जवाब देगी क्या बोलेगी कैसे समझाएंगी,,,लेकिन वह मन में ठान चुकी थी कि चाहे जो हो जाए वह यह जॉब को करके ही रहेगी,,, क्योंकि महीने के अंत में मिलने वाली तनख्वाह के बारे में वह पहले से ही सोच विचार कर रखी थी उन पैसों से वह घर के लिए बहुत कुछ करना चाहती थी और अधिकांशतः तौर पर वह अपनी घर की जरूरतों को पूरी करके अपने परिवार का जीवन यापन करना चाहती थी,,,,,,,,



आज खुशी के मारे आराधना ने सब्जी पूरी और खीर बनाई थी,,,,,,, खाने का समय हो गया था इसलिए आराधना अपने दोनों बच्चों को बुलाकर खुद साथ में बैठकर खाने लगी तो है पहले साथ में बैठकर खाना नहीं खाती थी अपने पति का इंतजार करती रहती थी और अपने पति के साथ ही खाना खाती थी लेकिन अपने पति के व्यवहार और उसके बेरुखी के कारण उसने अपने जीवन में धीरे-धीरे परिवर्तन लाना शुरू कर दी थी,,,, और अपने पति का इंतजार किए बिना ही अपने बच्चों के साथ खाना खाने लगी थीं,,,,,, थाली में पड़ी मीठी खीर की कटोरी को देखकर संजू को अपनी बहन की गुलाबी चूत याद आ रही थी एकदम फुली हुई कसी हुई और मालपुए के मीठे रस से भरा हुआ,,,,, अपनी बहन की गुलाबी चूत याद आते ही,,, संजू के मुंह में पानी आने लगा था और जिस तरह से संजू खीर से भरी हुई कटोरी को अपनी बहन की चूत को याद करके देख रहा था उसे देखते हुए आराधना बोली,,,।)

संजू तेरे मुंह में पानी आ रहा है ना खीर देख कर,,, ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं है खाना शुरु कर दे,,,।


हां हां खाता हूं,,,(अपनी मां की बात सुनते ही संजु हकलाहट भरे स्वर में बोला,,,वह अपनी मां को कैसे समझा था कि उसे खीर देखकर नहीं बल्कि अपनी बहन की चूत को याद करके मुंह में पानी आ रहा है,,,, वकील नहीं बल्कि अपनी बहन की चूत का रस पीना चाहता था,,,, मोहिनी भी संजू की तरफ देख रही थी,,,, और अपने भाई के भोले चेहरे को देख कर मोहिनी अपने मन में सोचने लगी कि सीधा-साधा दिखने वाला उसका भाई एक लड़की की चूत देखकर कैसा मदहोश हो गया था,,,,अपने भाई के इस तरह के चरित्र पर उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था लेकिन क्या करें जो कुछ भी रात को हुआ था उसी से इनकार करना अपनी नामुमकिन था,,, लेकिन वह अच्छी तरह से जानती थी कि मर्दों की हालत औरत के अंगों को देखकर हमेशा खराब हो जाती है और वह तो अपने भाई को सीधे-सीधे आसमान की सैर पर प्ले गई थी अपनी चूत दिखा कर,,,




ऐसे में उसका भाई क्या दुनिया का कोई भी मर्द होता तो मदहोश होकर पिघल जाता और वही उसके भाई ने भी किया था बस अपने लंड को उसकी चूत में डालने की हिम्मत नहीं जुटा पाया,,, था,,, अपने भाई की उस हरकत को याद करके मोहिनी की चूत के इर्द-गिर्द चीटियां रेंगने लगी उसे अपनी चूत में खुजली महसूस होने लगी,,,वह अपने भाई की जीभ को फिर से अपनी चूत पर और चूत के अंदर महसूस करना चाहती थी,,,, उस पल को याद करके मोहिनी की चूत अपने आप गीली होना शुरू हो गई थी,,,,।

आराधना के साथ-साथ संजु और मोहीनी ने भी खाना खाना शुरु कर दिया था लेकिन संजु इस बात से बेचैन हुआ जा रहा था कि,,,आज उसकी बहन में फ्रॉक की जगह सलवार कमीज पहनी थी,,,, और यह देखकर संजु के अरमानों पर पानी फिर गया था,,, ऐसा नहीं था कि मोहीनी के फ्रॉक ना पहनने का मलाल केवल संजू को ही था,,,, मोहिनी भी फ्रॉक ना पहनने की वजह से खुद हैरान थी क्योंकि वह आज भी फ्रॉक कहना चाहती थी लेकिन आनन-फानन में उसे याद नहीं रहा और वह अनजाने मेरी सलवार कमीज पहन ली थी अब उसके लिए दिक्कत इस बात की हो गई थी कि वह अगर वापस अपनी सलवार कमीज उतारकर फ्रोक पहनती तो संजू को इस बात का साफ हो सकता था कि उसकी बहन जो कुछ भी कर रही है जानबूझकर कर रही है और मोहिनी ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी कि उसके भाई को जरा सा भी शक हो कि वह जानबूझकर फ्रॉक के अंदर चड्डी नहीं पहनती,,,, मोहिनी को लगने लगा कि आज की रात वह अपने मन की नहीं कर पाएगी,,, इसलिए अपने मन को मार कर सारा ध्यान भोजन ग्रहण करने में लगा दी खाना बहुत ही स्वादिष्ट बना था शायद आज जो मिलने की खुशी में उसकी मां की आंखों से और भी ज्यादा स्वादिष्ट खाना बन गया था,,,,,।



खाना खा लेने के बाद आराधना बर्तन मांजने लगी और मोहिनी घर में झाड़ू लगाने लगी अभी तक अशोक घर पर नहीं आया था,,,,, अभी आराधना बर्तन मांज ही रही थी कि अशोक घर में दाखिल होते ही,,, आराधना से जोर से बोला,,,।


या मैं क्या सुन रहा हूं,,,, तुम जॉब करोगी,,,,


हां अब बिल्कुल ठीक सुने हैं,,,(आराधना उसी तरह से बैठे हुए ही अशोक की तरफ देख कर बोली)


क्या तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम अब मुझसे पूछे बिना ही जॉब करोगी घर से बाहर निकलोगी,,,


क्या करूं मजबूरी हो गई है,,, तुम्हें पता भी है कि 3 महीनों से घर कैसे चल रहा है आपने घर पर 3 महीने से तनख्वाह दिए हो कि नहीं,,,,


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देख मैं कुछ सुनना नहीं चाहता,,,,
(संजू और मोहिनी खड़े होकर हैरानी से सब कुछ देख रहे थे और अशोक अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) तू यह जॉब बिल्कुल भी नहीं करेगी,,,


मैं यह जॉब करके रहूंगी हम लोगों को पैसे की जरूरत है और तुम से पूरा नहीं पड़ रहा है,,,,,,(इतना कहते हुए आराधना अपनी जगह पर खड़ी हो गई,,, और आराधना का जवाब सुनकर अशोक जल भुन जा रहा था,,, वह आराधना की बातें सुनकर गुस्से से बोला)

पैसे नहीं पूरे पड रहे हैं या कुछ और,,,(इतना कहते हुए अशोक आराधना के बिल्कुल करीब पहुंच गया और उसकी वहां पकड़ कर बोला) देख रहा हूं कुछ दिनों से तेरे तेवर बदले बदले नजर आ रहे हैं,,,, मेरे से पूरा नहीं पड़ रहा है तो बाहर चुदवाने के लिए जोब का बहाना बना रही है,,,,।


यह क्या कह रहे हैं आप कुछ तो शर्म करिए मोहिनी और संजू खड़े हैं,,,,।
(मोहिनी तो अपने पापा के मुंह से चुदवाने जैसे शब्दों को सुनकर एकदम हक्की बक्की रह गई क्योंकि उसने आज तक अपने पापा की मुंह से इस तरह के शब्दों को नहीं सुनी थी जो कि अक्सर रातों को ही होती थी और वह घोड़े बेच कर सो रही होती थी लेकिन आज वह जाग रही थी अपने पापा के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर एकदम हैरान संजू भी हैरान हो गया था क्योंकि आज उसके पापा मोहिनी की मौजूदगी में इस तरह की बातें कर रहा था,,,,)




अरे तो क्या हुआ खड़े हैं तो खड़े रहने दे आखिरकार बच्चों को भी तो पता चले उनकी मां क्या गुल खिलाती है,,, किस-किस का लेती फिरती है,,,,,
(इस बार आराधना एकदम गुस्से में आ गई और एकदम क्रोधित होते हुए बोली,,,)


अशोक,,,, तुम को शर्म नहीं आती इस तरह की बातें करते हुए,,,,।

शर्म,,,, सर मैं तो तुझे आनी ही चाहिए हरामजादी,,, दूसरों का लंड तुझे पसंद आ रहा है,,, हरामी कुत्तिया,,,(इतना कहने के साथ ही अशोक ने जोर से आराधना को धक्का मारा और वह दो कदम पीछे जाकर गिरने ही वाली थी कि ,, सही समय पर फुर्ती दिखाते हुए,,, संजू अपनी मां को अपने हाथों में थाम लिया और उसे गिरने से बचा लिया अपने पापा की हरकत पर मोहिनी पूरी तरह से हथ भ्रत हो गई वह एकदम से घबरा गई वह रोने लगी,,,,संजू सोच रहा था कि सब कुछ बातों से हल हो जाएगा लेकिन उसे बीच-बचाव करना ही पड़ा अपनी मां को गिरने से बचाते हुए उसका हाथ अनजाने में ही उसकी चूची पर आ गया था जिसे सहारा देते समय वाह अपनी मां को उठाते हुए अनजाने में ही चूची को जोर से दबा दिया था पहले तो उसे लगा था कि शायद उसकी मां की बांह उसके हाथ में आ गई हैलेकिन दबाते ही उसे इस बात का एहसास हो गया कि उसके हाथों में तो उसकी मां की चूची आ गई थी,,,, जल्दी से अपनी मां को खड़ी की और अपने हाथ को जल्दी से ऊंची पर से हटा दिया क्योंकि मोहिनी वहीं मौजूद थी,,,, और अपनी मां को संभालते हुए बोला,,,)

पापा मम्मी पर इल्जाम लगाते हुए पहले कभी सोचा है कि 3 महीनों से घर का खर्चा कैसे चल रहा है घर में राशन है कि खत्म हो गया है दूधवाले उधार दे रहे हैं कि नहीं,,,, इन सब के बारे में कभी सोचे हो मैं जानता हूं,,,,मम्मी मौसी के पास से उधार पैसे लेकर आई थी तब जाकर घर का राशन आया वरना सब को भूखे ही सोना पड़ता तुम्हारा क्या है तू तो दारु पी के पेट भर लेते हो,,,,,


संजू ,,,देख रहा हूं तू बहुत अपनी मां की तरफदारी करने लगा है तेरी मां ने तुझे भी कुछ दिखा दी है क्या या कुछ दे दी है,,,।
(मोहिनी तो अपने पापा की यह बात सुनकर एकदम सनन है कि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसके पापा इस तरह से बातें करेंगे अपने पापा के कहने का मतलब को मोहिनी अच्छी तरह से समझ रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसके पापा उसके बड़े भाई पर इस तरह से इल्जाम लगा रहे हैं वह आंखें फाड़ सब कुछ देख रही थी और आराधना रोने लगी थी,,,, यह सब सुनकर और देख कर संजू का पारा और ज्यादा गरम हो गया वह आगे बढ़ा और अपने पापा का गिरेबान पकड़कर बोला,,,,)

बस कर अगर एक शब्द भी आकर बोला तो यहीं पर बाप बेटी का रिश्ता खत्म कर दूंगा,,, जैसा तू खुद है वैसा ही तुझे दिखाई देता है,,,, और रही बात जॉब करने की तो मम्मी है जॉब करके रहेगी मैं भी देखता हूं कौन रोकता है,, दे मम्मी को इस तरह से घुट घुट कर जीते हुए नहीं देखना चाहता उसे भी पूरा हक है अपनी जिंदगी आजादी से जीने का,,,,
(आराधना अपने बेटे की बात सुन रही थी और हैरानी से उसकी तरफ देख रही थी उसका बेटा देखते ही देखते बहुत बड़ा हो गया था जो कि उसकी खुशियों के बारे में बातें कर रहा था उसकी आजादी के बारे में सोच रहा था,,,,अशोक संजू की पकड़ से पूरी तरह से हैरान था उसे इस बात का अंदाजा हो गया था कि आप संजू उससे ज्यादा तगड़ा और मजबूत हो चुका है उसके साथ झगड़ा करने में अपनी ही बेज्जती करने के बराबर है इसलिए वह गुस्से से संजू का हाथ छुड़ाते हुए बोला,,,,)

भाड़ में जाओ तुम लोग,,,,,
(और इतना कहकर कमरे से बाहर निकल गया संजू मोहिनी और आराधना में से किसी ने भी उसे रोकने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं किया,,,, आराधना रोते हुए कमरे की दहलीज पर बैठ गई थी और आंसू बहा रही थी उसे देखकर मानी उसके पास जाकर उसे चुप कराने लगी,,, संजू भी उन दोनों के पास जाकर बैठ गया और अपनी मां को समझाते हुए बोला,,,)

बिल्कुल भी चिंता मत करो मम्मी सब कुछ ठीक हो जाएगा तुम्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है,,,, तुम्हें भी खुलकर जीने का हक है,,, हम दोनों की तरफ से किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है हम लोग भी यही चाहते हैं कि तुम्हें जॉब करो और अपनी जिंदगी बेहतर करो,,,, क्योंकि घर में जो कुछ भी होता है इसे भूलने का बस यही तरीका है,,,,।
(संजू की बातों को सुनकर आराधना को धीरे बदलने लगी उसे सांत्वना मिलने लगी कि उसका बेटा और उसकी बेटी उसके बारे में अच्छा ही सोच रहे थे,,,, थोड़ी देर बाद आराधना अपने कमरे में चली गई,,,, और संजू और मोहिनी भी अपने कमरे में आ गए संजू के अरमानों पर तो पहले से ही मोहिनी ने ठंडा पानी गिरा दी थी सलवार समीज पहनकर वही सोच रहा था कि अगर आज भी मोहिनी फ्रॉक पहन कर सोएगी तो आज वह फिर से अपनी बहन की चूत का रसपान करेगा और उसमें लंड डालने की कोशिश करेगा,,,लेकिन ऐसा हो नहीं पाया था दोनों बैठ कर अपने पापा के बारे में बातें कर रहे थे मोहिनी पहली बार अपने पापा के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर पूरी तरह से हैरान थी क्योंकि उसके पापा सीधे सीधे समझी और उसकी मां के बीच गलत संबंध के बारे में बोल रहे थे ,,,, मोहिनी हैरान होते हुए अपने भाई से बोली,,,)


क्या मेरे सो जाने के बाद यही सब होता था घर में,,,!


हां,,, मोहिनी रोज रात को यही सब होता था,,,,।
(संजू अपनी बहन को बहुत कुछ बताना चाहता था जो कुछ भी रात को होता था वह खुल कर बताना चाहता था लेकिन इतना सुनकर ही मोहनी रोने लगी उसे रोता हुआ देखकर संजु समझ गया कि आगे बढ़ाना ठीक नहीं हैकाफी देर तक दोनों इसी तरह से बैठे रह गया और कब दोनों को नींद आ गई पता ही नहीं चला,,,, सवेरे उठकर आराधना रात को जो कुछ भी हुआ उसे भूल जाना चाहती थी आज उसकी जॉब का पहला दिन था इसलिए जल्दी से आहत होकर नाश्ता और खाना दोनों तैयार कर चुकी थी क्योंकि वह लेट नहीं होना चाहती थी,,,,,,,, लेकिन नहाने के बाद अपने ब्लाउज का बटन बंद करते समय उसे रात वाली अपने बेटे की हरकत याद आ गई जब हो उसे उठाने के चक्कर में उसकी चूची को दबाते हुए उसे उठा रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि रात को संजू के यहां पर जो कुछ भी हुआ था वह अनजाने में हुआ था या जानबूझकर,,,, यही सब सोचकर उसके तन बदन में झनझनाहट सी फैलने लगी थी क्योंकि उसे संभालने के चक्कर में संजु ने बड़ी जोर से चूची को दबाया था जो कि अनजाने में ही उसके हाथ में आ गई थी और यही आराधना नहीं समझ पा रही थी कि ,, संजू ने जो कुछ भी किया जानबूझकर किया या अनजाने में,,,,।

जॉब का आज पहला दिन था इसलिए आराधना हल्का सा मेकअप की थी और बला की खूबसूरत लग रही थी जिसे देखकर मोहिनी भी हैरान हो गई थी वह अपनी मां को देखते हुए बोली,,,।

वाह मम्मी तुम तो आज बहुत खूबसूरत लग रही हो,,,

चल रहने दे जल्दी से नाश्ता कर और कॉलेज के लिए जा तुझे भी देर हो रही होगी,,,,


इतनी भी देर नहीं हो रही हैं,, मैं समय पर पहुंच जाऊंगी,,, और तुम भी समय पर ऑफिस पहुंच जाना आज पहला दिन है ना,,,

हां मैं भी यही सोच रही हो और वैसे भी आज ऑफिस आने जाने के लिए स्कूटी मिल जाएगी तो आराम रहेगा,,,,, मैं तुझे भी तेरे कॉलेज छोड़ दूंगी,,,,


यह तो बहुत अच्छा रहेगा,,,,
(इतना क्या करवा नाश्ता करने लगी और सब्जी भी आकर नाश्ता करने लगा वह अपनी मां की खूबसूरती को अपनी आंखों से पी रहा था आज उसकी मां और भी ज्यादा बला की खूबसूरत लग रही थी लेकिन मोहिनी की मौजूदगी में वहां अपनी मां से उसकी खूबसूरती की तारीफ नहीं कर पा रहा था,,,,, थोड़ी देर में मोहिनी और संजु कॉलेज जाने के लिए निकल गए,,, और उसके बाद आराधना भी बड़ी प्रसन्नता के साथ घर से बाहर ऑफिस जाने के लिए निकल गई,,,,शाम को जब वह घर लौटी तो बहुत खुश नजर आ रही थी क्योंकि ऑफिस से उसे स्कूटी मिली थी और भाई स्कूटी बड़े आराम से चला कर घर पर लेकर आई थी इस बात की खुशी उसे और ज्यादा थी,,,, अपनी बड़ी बड़ी गांड स्कूटी की सीट पर रखने में उसे पहले तो बहुत ही अजीब लग रहा था और तन बदन में उत्तेजना का एहसास भी हो रहा था,,,,।

आराधना को जॉब करते 10 दिन गुजर चुके थे इन 10 दिनों में वह बड़े अच्छे से अपना काम संभाल ली थी,, संजय को भी अच्छा हो गया था घर में स्कूटी होने की वजह से हुआ अभी शाम को सब्जी वगैरह लेने के लिए निकल जाता था और उसी बहाने घूम भी लेता था,,, संजू और मोहीनी का भी काम नहीं बन पा रहा था, मोहिनी का महावारी शुरू हो गया था और वह इस दौरान कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहती थी,,,,।

आराधना की तबीयत थोड़ा नरम पड़ने की वजह से वह आधे दिन की छुट्टी लेकर घर पर आ गई थी,,,
Roni bhai gajab ka jabar just or dhasu update tha maje dar. Or waise bhi ab aaradhna ki beti ko bhi ghar ki sachai pata lag gai.
Dekhte hai agle update me sanju kya karta hai.
Great update with awesome writing style.
Waise update me is baar kafi samay laga diya aapne.
 

Raz-s9

No nude av/dp -XF STAFF
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पारिवारिक संघर्ष, एक वास्तविक जीवन की तस्वीर जिसमें माँ की लाचारी, बेटा माँ की मदद करता है और माँ के शरीर से खेलता है। यह वास्तव में अच्छा है, जब संजू अपनी माँ को उठाते हुए दूध निचोड़ता है। रूहान भाई ऐसा दृश्य देखकर समय नहीं बिताना चाहते। कृपया अगला अपडेट जल्द दें
 

masterji1970

मम्मी का दीवाना (पागल)
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मैं जानता हूँ कि ye काल्पनिक कथा है और बहुत ही शानदार तरीके से लिखी गई है, पर आज लेखक महोदय कुछ अच्छा नहीं लगा, कुछ क्या, बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा |

1 तरह पति ,पत्नि को बुरी तरह से शाब्दिक और मानसिक प्रताड़ित कर रहा है और mar भी रहा है,दूसरी तरफ बेटा सिर्फ़ tharak के लिए lodu ya tharki ya gandu बना हुआ अपनी माँ chudwa रहा है।

Totaly wrong, rest writer know well,this is just my opinion
दोस्त, मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ, परन्तु आपकी आपत्ति मुझे जायज नहीं लग रही / यह तो कहानी के एक भाग है और कहानीकार / लेखक का अपना मत / तर्क है /
 

rohnny4545

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दोस्त, मैं आपकी बात से पूर्णतया सहमत हूँ, परन्तु आपकी आपत्ति मुझे जायज नहीं लग रही / यह तो कहानी के एक भाग है और कहानीकार / लेखक का अपना मत / तर्क है /
Nice
 

Napster

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कुछ देर पहले जाग रही मोहिनी सोने का नाटक करके लेटी हुई थी और जानबूझकर अपनी फ्रॉक को कमर से ऊपर तक खींच ली थी ताकि उसके भाई को उसकी मदद से जवानी का व केंद्र बिंदु नजर आ जाए जिसे देखकर वह पूरी तरह से मदहोश कर उसके साथ संभोग करें जिसके बारे में अपने भाई के लंड को देख कर मोहिनी मदहोश हो गई थी,,,,,,,,, अपनी सहेली के बताई गई युक्ति पर वह पूरी तरह से काम कर रही थी उसे विश्वास था कि उसकी सहेली की बताई गई युक्ति जरूर काम करेंगी,,,, इसीलिए तो वह पूरी तैयारी के रूप में सुबह ही अपनी चूत को क्रीम लगाकर एकदम साफ कर ली थी,,,, इतना तो वह जानती थी कि लड़कों को लड़कियों की जवान चिकनी चूत ज्यादा पसंद आती है,,,, इसीलिए वह समय होते ही अपने भाई से नजर बचाकर लेट गई थी और अपनी फ्रॉक को कमर तक उठा दी थी और इस तरह से लेटी थी कि उसके भाई को ऐसा ही लग रहा था कि वह पूरी तरह से गहरी नींद में सो रही है जबकि वह जाग रही थी,,,,।

मोहिनी वैसे तो इस तरह की लड़की बिल्कुल भी नहीं थी वह संस्कारी लड़की थी और अपने बड़े भाई की इज्जत भी करती थी लेकिन जवानी का यह उम्र यह दौर उसे भी वही करने पर मजबूर कर रहा था जैसा कि आमतौर पर दूसरी लड़कियां उम्र के दबाव में आकर कर बैठती हैं,,, अपनी मौसी के मुंह से गंदी गंदी बातों को सुनकर पहले ही उसे अपनी चूत से काम रस बहता हुआ महसूस हो चुका था और रही सही कसर संजू के खाने लंदन में कर दिया था जिसे वह अनजाने में ही अपनी नजरों के सामने देख ली थी,,, जिंदगी में पहली बार एक जवान तगड़े लंड के दर्शन कर लेने के बाद से तो उसकी सोच ही बदल गई,,,अपने भाई के खड़े लंड को देखकर ही उसकी चूत से काम रस बहना शुरू हो गया था अपनी जवानी की आग को भड़कता हुआ देखकर मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,और जवानी में नादानी करते हुए वहां अपनी हथेली से ही अपनी चूत की गर्मी को शांत करने का बेड़ा उठाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को अपनी कोमल पंखुड़ियों के बीच उसे प्रवेश कराकर अपनी जवानी की गर्मी को शांत करने की कोशिश करी थी और उसमें कामयाब भी हो गई थी लेकिन यह गर्मी यह जरूरत यह कामना कभी पूरी होने वाली थोड़ी थी जितनी पूरी करने की कोशिश करो इतनी ज्यादा भड़कती है और ऐसा ही कुछ महीने के साथ भी हो रहा था,,, इसीलिए तो वह अपने भाई को अपनी जवानी दिखाकर मदहोश कर देना चाहती थी और वही अपने भाई के साथ करना चाहती थी जो एक जवान लड़का जवान लड़की के साथ करता हैं,,,भाई-बहन के बीच के पवित्र रिश्ते को वह एक तरफ रख कर केवल एक मर्द और एक औरत के बीच के रिश्ते को ही देख रही थी,,,,।


और देखते ही देखते मोहिनी की युक्ति काम करने लगी क्योंकि समय हो जाने पर संजू भी सोने की तैयारी कर रहा था और अचानक ही ट्यूबलाइट की रोशनी में संजू की आंखों में वह तेरे से देखा जिसके बारे में उसने कभी कल्पना भी नहीं किया था संजू की सांसे अटक सी गई आंखों में अजीब सी चमक नजर आने लगी वह आश्चर्य से खुला का खुला रह गया वह अपनी बहन मोहिनी को देख रहा था जो कि उसके बगल में लेटी हुई थी और उसका फ्रॉक कमर तक उठा हुआ था और आश्चर्य की बात यह थी कि वह फ्रॉक के नीचे चड्डी नहीं पहनी थी,,,, पल भर में ही संजू की सांसे धुकनी की तरह चलने लगी,,, उसे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था वह बार-बार अपनी आंखों को मलमल कर दोबारा देखने की कोशिश कर रहा था कि कहीं वह कोई सपना तो नहीं देख रहा है लेकिन जो कुछ भी उसकी आंखें देख रही थी वह सपना नहीं बल्कि हकीकत का रूप था,,,,।
संजू को बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि वहां क्या करें कभी मोहिनी की तरफ से कभी बंद दरवाजे की तरफ तो कभी ट्यूबलाइट की तरफ देख ले रहा था,,,,, कुछ देर तक संजू उसी तरह से घुटनों के बल बैठा का बैठा रह गया,,,,,,, मोहिनी के चेहरे को बड़ी बारीकी से देख रहा था और मोहिनी भी अद्भुत अदाकारी दिखाते हुए सोने का नाटक बड़ी बखूबी से निभा रही थी संजू को यही लग रहा था कि उसकी बहन मोहिनी गहरी नींद में सो रही है जबकि वह पूरी तरह से जागी हुई थी नींद तो उसकी आंखों में कोसों दूर तक नजर नहीं आ रही थी और वैसे भी ऐसे हालात में नींद कब नौ दो ग्यारह हो जाती है पता ही नहीं चलता,,,,,,,,, कुछ देर तक समझो बड़े गौर से मोहिनी को इसलिए देख रहा था कि कहीं उसे लग रहा था कि वह जॉब तो नहीं रही है लेकिन पूरी तरह से तसल्ली कर लेने के बाद वहां निश्चिंत हो गया था कि मोहिनी गहरी नींद में है और उसकी नींद के बारे में उसे अच्छी तरह से मालूम था कि वह हमेशा घोड़े बेच कर सोती है उसे कुछ भी पता नहीं रहता और शायद यही ख्याल संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल पैदा कर रहा था,,,,

उत्तेजना के मारे सुख रहे गले को अपने दुख से गिला करते हुए संजू अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच अपना ध्यान केंद्रित करते हुए उस खूबसूरत बेशकीमती खजाने को अपनी आंखों से टटोलने लगा जो की पूरी तरह से एक पत्नी दरार के रूप में नजर आ रही थी और उत्तेजना के मारे उसके इर्द-गिर्द दो अंगुल जितनी गोलार्ध तवे पर गर्म रोटी की तरह उपसी हुई थी,,,,,, ऐसा नहीं था कि संजू पहली बार किसी चूत को अपनी आंखों से देख रहा था जिंदगी में पहली बार वहां सर्वप्रथम अपनी मौसी की चूत के दर्शन करने वाला वह पहला लाभार्थी था,,,,पहली बार अपनी मौसी की चूत देखकर उसके तन बदन में जो आग लगी थी जो उत्तेजना का बवंडर उठा था,, उस बारे में लिखने में शायद कोई शब्द नहीं मिल रहे थे,,,,और वाकई में मर्दों के जीवन में पहली बार किसी चूत के दर्शन कर लेना किसी बड़े सफलता को हासिल कर लेने से कम नहीं होता,,,कोई संजू के साथ भी हुआ था संजू दिन-रात बस अपनी मौसी की चूत के बारे में ही सोचता रह जाता था लेकिन संजय की मौसी उम्र दराज औरत थी और उसकी चूत में और मोहिनी की चूत में जमीन आसमान का फर्क था,,, क्योंकि उसकी मौसी दो बच्चों की मां थी और उम्रदराज होने के नाते उसकी चूत के भूगोल में बदलाव लाजमी था इसीलिए तो संजीव अपनी बहन की कमसिन चूत देखकर एकदम पागल हुआ जा रहा था,,,, मोहिनी की चूत क्या है बस एक हल्की सी पतली लकीर थी और उसकी मौसी की चूत संजू अच्छी तरह से देख चुका था और उसे भोग भी चुका था,,, संजू की मौसी की चुत के अंदर की गुलाबी पत्तियां बाहर निकल कर चूत की शोभा बढ़ा रही थी और वह थोड़ी सी फैली हुई थी संजू जब तक अपनी बहन की चूत ने देखा था तब तक वह सब औरतों की चूत के बारे में बस अपनी मौसी की चूत की भी कल्पना किया करता था उसे लगता था कि सब की चूत एक जैसी ही होती है और यह वास्तविक भी था कि सब की चूत एक जैसी होती है लेकिन उम्र में फर्क होता है जिससे चूत की साइज और उसके दिखाव में भी फर्क आ जाता है,,,,।

यहां पर संजू साफ तौर पर देख पा रहा था कि उसकी बहन की चूत एकदम चिकनी है और अंदर की गुलाबी पत्तियां बिल्कुल भी बाहर निकली हुई नहीं है,,,,, संजू की हालत खराब होती जा रही थी,,, उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें कुछ देर पहले ही अपनी मां के बारे में सोच कर अपने आपको प्रेषित कर चुका था दिन रात अपनी मां को चोदने का उसके तन बदन में आग लगा रहा,, था,,,, अपनी मां की जवानी की गर्मी तो बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था दूसरी तरफ उसे अपनी छोटी बहन की कमसिन जवानी अपनी आंखों से नंगी देखकर उसकी हालत और ज्यादा खराब हो गई थी लंड का आलम यह था कि कभी भी अंदर से लावा फुटने का डर महसूस हो रहा था,,,,। अपनी बहन की चूत देखकर समझो अपने मन में सोच रहा था कि इसे अपने हाथ से छूकर देखा जाए की कैसा महसूस होता है,,, फिर उसके मन में इस बात का डर भी था कि कहीं मोहिनी जाग गई तो,,, फिर यह कहना था कि मोहिनी तो हमेशा घोड़े बेच कर सोती है उसे कुछ भी पता नहीं चलता अगर उसके साथ कुछ कर लिया भी जाए तो उसे पता नहीं चलेगा,,,, यह सोच कर सब्जियों की सांसे ऊपर नीचे होने लगी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें,,,, और वह इस बात से हैरान था कि उसकी बहन आज चड्डी क्यों नहीं पहनी है,,,,फिर अपने मन में सोचता कि हो सकता है कि वह हमेशा चड्डी ना पहनती हो बस आज ही उसका ध्यान उस पर गया हो वैसे भी गर्मी का मौसम है,,,।


संजू का दिमाग काम करना बंद कर दिया था अपनी आंखों के सामने अपनी बहन की कमसिन जवानी को नंगी देख कर उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें,,,,आखिरकार सोच विचार कर लेने के बाद अपनी बहन की गहरी नींद का फायदा उठाने का मन में सोच कर वह अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत के करीब ले जाने लगा,,,दूसरी तरफ काफी देर से मोहिनी को महसूस हो रहा था कि उसकी चूत उसके भाई की आंखों के सामने एकदम नंगी पड़ी है और उसका भाई कुछ कर नहीं रहा है उसे अपने भाई पर गुस्सा भी आ रहा था और इस तरह से अपने भाई को अपनी चूत का दीदार कराने में उत्तेजना का भी अनुभव हो रहा था वह काफी हद तक उत्तेजित हो गई थी,,,,हालांकि उसके भाई को किसी भी प्रकार का शक ना हो जाए इस वजह से वह अपनी चूत का बार-बार शुक्रिया भी अदा कर रहे थे क्योंकि अभी तक उत्तेजित होने के बावजूद भी उसकी चूत से काम रस की एक बूंद भी उस पतली लकीर से बाहर नहीं आई थी,,,, वरना उसका भाई समझ जाता कि जवानी की गर्मी उसे भी सता रही है,,,,,,, संजू पूरी तरह से आत्ममंथन कर चुका था वह सोच विचार दिया था कि जो होगा देखा जाएगा इसलिए वह अपनी हथेली को अपनी बहन की चूत के करीब न जाने लगा जैसे जैसे उसकी हथेली उसकी चूत के करीब जा रही थी वैसे वैसे संजू के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी उसके पूरे बदन में कंपन सा महसूस हो रहा था,,,, इस कार्य को करने में बहुत जोखम था इस बात को वह जानता थाअपने मन में यही सोच रहा था कि अगर उसकी बहन जाग गई और उसे इस तरह की गंदी हरकत करते देख ली तो क्या सोचेगी कहीं वह अपनी मम्मी या पापा को ना बता दें कि यह सोच कर तो संजू की हालत और ज्यादा खराब हुई जा रही थी लेकिन जवानी का जोश उन्माद खुमारी उसकी आंखों में भी छा चुकी थी,,,,, बेहद खूबसूरत कली उसकी आंखों के सामने खेलती हुई नजर आ रही थी और उसे पकड़ कर उसकी खुशबू लेने का मन संजू को तड़पा रहा था और संजू इसी तड़प को कम करना चाहता था इसलिए जो भी होगा देखा जाएगा सोच कर वह अपनी हथेली को धीरे-धीरे अपनी बहन की चूत के बेहद करीब ले गया,,,,,,।

संजू को अपनी उंगलियों में कंपन साफ महसूस हो पा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें चूत की गर्मी उसे अपनी उंगली के पोरो तक महसूस हो रही थी,,, और देखते ही देखते अपनी इच्छाओं के आधीन हो कर,, संजू अपनी बहन की चूत पर अपनी अगली को हल्के से रख दिया,,,,, फिर क्या था पहली बार संजू ने किसी सवाल लड़की की चूत पर अपनी उंगली का स्पर्श कराया था जिसका असर उसके तन बदन में देखने को मिल रहा था,,,, जैसे मोती से भरे सीप पर हाथ रखते ही सीपी अपने पूरे वर्चस्व को अपने अंदर सी कोड देती है उसी तरह से ही मोहिनी भी अपनी चुत पर अपने भाई की उंगली स्पर्श होते ही वह अपने बदन को हल्की सी सिकोड ली,,, मोहिनी की यह हरकत उत्तेजना के वजह से संजू की नजर में नहीं आई वह तो पूरी तरह से अपनी बहन की चूत की बनावट में खो चुका था और उसकी उंगली चूत की बीचो-बीच की पत्नी दरार पर टिकी हुई थी जोकी बड़े हल्के से वह अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत पर रखे हुए था ताकि उंगली के दबाव से उसकी बहन की नींद ना खुल जाए,,,,।

एक जवान लड़के की उंगली पहली बार मोहिनी अपनी चूत पर महसूस करते ही पूरी तरह से उत्तेजित हो गई,,, यह पल उसके लिए बेहद खास होता जा रहा था जिसके बारे में वर्णन कर पाना बहुत मुश्किल था अवर्णनीय पल का आनंद वह ले रही थी,,,,,देखते ही देखते संजू अपनी हिम्मत को बढ़ाते हुए अपनी हरकत को भी बनाना शुरू कर दिया और अपनी उंगली को केवल एक उंगली को अपनी बहन की चूत की पतली दरार की संपूर्ण लकीर पर ऊपर से नीचे तक अपनी उंगली के पोर को घसीटने लगा,,,,संजू को जितना मजा आ रहा था उससे कहीं ज्यादा आनंद मोहिनी के तन बदन को अपनी आगोश में लिए हुए था मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपनी भावनाओं को काबू में किए हुए थी,,,,

उसकी आंखें बंद थी जो कि बार-बार संजू अपनी बहन के चेहरे की तरफ देख ले रहा था उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी नींद ना खुल जाए जबकि वह बात अच्छी तरह से जानता था कि सुबह से पहले बाबू उठने वाली नहीं है क्योंकि जब भी सोती है तो घोड़े बेच कर सोती है वरना उसके मम्मी पापा में इतना ग्रह कलेश लड़ाई झगड़ा गाली गलौज हुआ लेकिन उसकी आंख एक बार भी नहीं खुली थी और यही शायद संजू के हौसले को बढ़ा रहा था,,,,,हल्के हल्के अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत पर घुमा रहा संजू उत्तेजना के मारे अपनी उंगली का दबाव अपनी बहन की चूत पर बढ़ाने लगा,,,,,और ऐसा करने में संजू की हालत खराब होती जा रही थी उत्तेजना के मारे उसका लंड पूरी तरह से गदर मचाने पर आमादा हो चुका था जिसे वह बार-बार अपने हाथ से दबा कर उसे काबू में करने की नाकाम कोशिश कर रहा था,,,,,,,।

अपनी मौसी की चूत से खेल चुका संजु इस समय अपनी बहन की चूत से खेल रहा था दोनों में उम्र और अनुभव दोनों मेल बिल्कुल भी नहीं था जहां एक तरफ संजू की मौसी पूरी तरह से परिपक्व और अनुभव से भरी हुई थी वहीं दूसरी तरफ मोहिनी बिलकुल नादान थी उसकी चूत बेहद कोमल और चिकनी थी जिस पर उंगली घुमाने ने संजू को स्वर्ग का आनंद प्राप्त हो रहा था संजू का मन कर रहा था कि अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के गुलाबी छेद में डालकर उसके काम रस को अपनी जीभ से चाटा जाए उसके स्वाद को अपने अंदर उतार कर देखा जाए कि कितना नशा होता है लेकिन ऐसा करने मे संजू को डर भी लग रहा था,,, लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू भी नहीं कर पा रहा था जैसा उसके दिमाग में करने को चल रहा था वैसा वैसा बा करता चला जा रहा था देखते ही देखते संजू अपनी बहन की गहरी नींद में होने का फायदा उठाते हुए अपनी पूरी हथेली को उसकी चूत पर रख कर उसकी छोटी सी चूत को अपनी हथेली में छुपा लिया,,,, चूत की गर्मी उसके तन बदन में आग लगा रही थी और यही हालत मोहिनी की भी थी संजू तो औरत की चूत को चोद कर मजा ले चुका था इसलिए वह थोड़ा बहुत अपने आप पर काबू करने में माहिर था लेकिन मोहिनी का तो यह पहली बार था पहली बार वह किसी जवान लड़की की हंसी को अपनी चूत पर महसूस कर रही थी और वह भी अपने बड़े भाई की,,,अपनी भावनाओं पर काबू कर पाना उसके लिए बेहद मुश्किल हुआ जा रहा था लेकिन फिर भी वहां एक आनंद की परिभाषा को सार्थक करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थी,,, जिसमें वहां अब तक तो कामयाब होती नजर आ रही थी क्योंकि संजीव को जरा भी शक नहीं हुआ था कि उसकी बहन गहरी नींद में नहीं बल्कि जाग रही है,,,,

उत्तेजना के मारे संजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी लंड की हालत खराब थी जिसे वह बार-बार अपने हाथ से दबा कर काबू में करने की कोशिश कर रहा था लेकिन दूसरी हथेली से अपनी बहन की चूत को दबोच कर‌ वह पूरी तरह से मस्त हुआ जा रहा था उससे रहा नहीं जा रहा था और वह तुरंत एक हाथ में अपनी बहन की चूत को थामे हुए दूसरे हाथ से अपने पहचानो को नीचे की तरफ सरकार रहा था वह घुटनों के बल बैठा हुआ था,,, और देखते ही देखते वह अपनी बहन की चूत को अपनी हथेली में दबोचे हुए दूसरे हाथ से अपने पहचाने को घुटनो तक नीचे खींच कर ला दिया था पहचान में से बाहर आते हैं उसका लंड हवा में खुली सांस लेते हुए ऊपर नीचे होकर हिलने लगा जो कि बेहद लुभावना और मादकता से भरा हुआ लग रहा था,,,अगर इस समय मोहिनी अपनी आंखें खोल कर अपने भाई के लंड को देख ले तो शायद खुद ही अपने भाई के लंड को पकड़ कर अपनी गुलाबी चूत के छेद पर रख दे और उसे धक्का मारने के लिए बोले,,,,।

लाख कोशिश करने के बावजूद भी अपने भाई की कामुक हरकत की वजह से अपने तन बदन की उत्तेजना को ना छुपा सकने और उसे काबू में ना कर सकने के कारण मोहिनी की चूत से काम रस की भूत अमृत की धार बनकर मोती के दाने की तरह पतली दरार से बाहर आने लगी जो कि संजू की हथेली को गिला करने लगी,,,, दो दो बार अपनी मौसी की चुदाई कर चुका संजु इतना तो समझ ही गया था कि एक औरत की चूत कब गीली होती है,,, और इसीलिए हीअपनी बहन की चूत से काम रस बहार आता हुआ देखकर संजू मन ही मन खुश होने लगा लेकिन वह यह नहीं अंदाजा लगा पाया कि उसकी बहन जाग रही थी शायद अगर यह अंदाजा लगा लेता तो अब तक वह अपनी बहन की दोनों टांगें फैलाकर उसके ऊपर चढ़ चुका होता,,, उसे ऐसा ही लग रहा था कि नींद में उसकी बहन उत्तेजित हुई जा रही है खैर जो भी हो मजा दोनों को आ रहा था दोनों भाई बहन अपने अपने तरीके से आनंद ले रहे थे मोहिनी नींद में होने का नाटक करके पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी अपने भाई की हथेली की हरकत उसे आनंद विभोर कर रही थी,,,वहीं दूसरी तरफ संजय की हरकत बढ़ती जा रही थी अब तक अपनी बहन में किसी भी प्रकार का बदलाव आता ना देख कर उसकी हिम्मत बढ़ने लगी वह समझ गया कि उसकी बहन के साथ कुछ भी करो उसे कुछ समझ में नहीं आएगा क्योंकि वह गहरी नींद में सो रही है इसीलिए संजू उत्तेजना के मारे अपनी हथेली को उसकी चूत पर एकदम से कस लिया,,,,मदहोश होकर संजीवनी इतनी जोर से उसकी चूत को अपनी हथेली में दबोचा था कि मोहिनी के मुंह से आह निकलती निकलते रह गई थी,,,,।

मोहिनी मन ही मन बहुत खुश हो रही थी वह समझ गई थी कि उसकी सहेली की बताई गई युक्ति उसे बराबर काम आ रही है वह कभी सोच नहीं थी कि उसका भाई उसके साथ इस तरह की हरकत करेगा लेकिन इतना विश्वास जरूर था कि उसकी चूत देख लेने के बाद उसके भाई की हालत खराब हो जाएगी और ऐसा हो भी रहा था लेकिन इस तरह की हरकत की उसे उम्मीद नहीं थी,,,,वह तो बस अपनी चूत दिखा कर अपने भाई को पागल कर देना चाहती थी और धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहती थी लेकिन उसका भाई खुद ही अपनी हरकत को बढ़ावा दे रहा था मोहिनी को भी अपने भाई की मदहोशी भरी गर्म सांसे अच्छी लग रही थी और जिस तरह से उसने अपनी हथेली में उसकी चूत को लेकर जोर से दबाया था उसकी हरकत पर तो वह पानी पानी हुई जा रही थी,,,,। जवानी के खेल में कितना मजा आता है मोहिनी में कभी सोची ही नहीं थी लेकिन आज उसे सब कुछ समझ में आने लगा था कि क्यों लड़कियां लड़कों के पीछे और लड़के लड़कियों के पीछे पागल रहते हैं आखिरकार दोनों की मंजिल यही तो रहती है दोनों टांगों के बीच,,,,लड़कियां लड़कों को अपनी दोनों टांगों के बीच लाने के लिए परेशान और लड़के लड़कियों के दोनों टांगों के बीच जाने के लिए परेशान बस यही आजकल का फलसफा और प्रेम है,,,, जो कि सिर्फ चुदाई पर आकर खत्म हो जाती है,,,।

संजू अपने खाने लंड को हाथ में लेकर धीरे-धीरे मुठिया रहा था और दूसरे हाथ की उंगली को धीरे-धीरे अपनी बहन की चुत को कुरेदना शुरू कर दिया था,,,। गोरी गोरी चूत के अंदर का भुगोल पूरी तरह से गुलाबी था जिसे देखकर संजू के मुंह में पानी आ रहा था,,,, संजू अपनी एक उंगली से उसकी चूत की दरार को खोलने की कोशिश कर रहा था और वह इस कोशिश में कामयाब भी होता जा रहा था चुत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी जिसकी वजह से चूत से निकला हुआ काम रस संजू की उंगलियों को भी भीगो रहा था,,,,,,, मोहिनी हल्के सेअपनी एक आंख को थोड़ा सा खोज कर संजू की तरफ देख रही थी और जैसे ही हो अपनी आंख खोलकर संजू की तरफ नजर दौड़ाई तो मोहिनी को संजू के हाथ में उसका मोटा तगड़ा लंड नजर आया जिसे वो धीरे धीरे हिला रहा था यह देखकर मोहिनी के तन बदन में आग लग गई वह जल्द से जल्द अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए मचलने लगी,,,लेकिन ऐसा अभी वह कर नहीं सकती थी बस देखकर ही अपने मन को मनाने की कोशिश कर रही थी,,,।
Mohini ki choot dekhta Sanju



संजू अपनी हरकत को बढ़ा रहा था देखते ही देखते वह अपनी उंगली को अपनी बहन की चूत की दरार में ऊपर से नीचे तक उसमें हल्के से गडा कर घुमाने लगा,,,, संजू के साथ-साथ मोहिनी को भी मजा आ रहा था,,,,,,मोहिनी बड़ी मुश्किल से अपने घर में शिकारियों को काबू में की हुई थी हालांकि अभी तक उसके मुंह से गर्म सिसकारी कभी निकली नहीं थी लेकिन इस तरह के हालात में लड़की के मुंह से कर्मचारी निकलना लाजमी था,, लेकिन जैसे तैसे करके वहां अपने आप पर काबू रखी हुई थी अपने भाई की हरकत उसे पूरी तरह से मस्त कर रही थी,,,हल्की-हल्की कसमसा हाट मोहिनी के भजन में हो रही थी जिस पर उत्तेजना के मारे मदहोश संजू के ध्यान में नहीं आ रहा था वह तो एक हाथ में अपना लंड पकड़ कर अपनी बहन की चूत से खेल रहा था,,,,,,,,,

इस खेल को धीरे-धीरे खेलते हुए इस खेल में आगे बढ़ते हुए रात के तकरीबन 1:00 बज गए,,,, ना तो संजू को पता चला और ना ही मोहिनी को आखिरकार खेल ही कुछ ऐसा था,,,, इस खेल को खेलते समय ना तो समय की परवाह रहती है ना जमाने की,,,, संजू की हिम्मत बढ़ती जा रही थी एक पल तो उसका मन किया कि अपने लंड को अपनी बहन की चूत से सिर्फ सटाकर ही मजा लिया जाए,,,लेकिन ऐसा कर रहे हैं उसे डर लग रहा था तो वह अपनी बीच वाली उंगली कोअपनी बहन की चूत की लकीर में ऊपर से नीचे तक लाते हुए उसकी गुलाबी छेद को उंगली से टटोलते हुए,,, अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे उस गुलाबी मुख्यद्वार में प्रवेश कराने लगा,,,, यह हरकत पूरी तरह से संजु को मदहोश किए जा रही थी चुदाई से भी ज्यादा सुख संजु को प्राप्त हो रहा था,,, और यही हाल मोहिनी का भी था आज दूसरी बार उसकी चूत के गुलाबी छेद में कोई उंगली प्रवेश कर रही थी पहली बार तो वह खुद की उंगली थी और दूसरी बार अपने भाई की इसलिए वह पूरी तरह से गदगद हुए जा रही थी,,,, जैसे-जैसे चूत के अंदर अपनी भाई की उंगली को प्रवेश करने दे रही थी वैसे वैसे मोहिनी की सांस अटक जा रही थी,,,,मोहिनी हल्के से अपनी आंखों को खोल कर अपने भाई की तरफ देख रही थी उसके हाथ में उसका मोटा तगड़ा लंड था जिसे वो जोर जोर से हिला रहा था,,,,अपने भाई के नंबर को देखकर वह अपने मन यहीं सोच रही थी विकास उसका भाई हिम्मत दिखाकर अपने लंड को उसकी चूत में डाल देता तो कितना मजा आ जाता,,,।
Mohini ki chut chatta Sanju


देखते ही देखते धीरे-धीरे संजू अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद में अपनी बीच वाली उंगली को धीरे धीरे डालना शुरू कर दिया,,,, देखते ही देखते चुत की अंदरूनी अड़चनों को दूर करते हुए संजु की उंगली चूत की गहराई में अधिक से अधिक अंदर तक जा पहुंची और मोहिनी के तन बदन में आग लगाने लगी आखिरकार मोहिनी की खुद की उंगली नहीं थी यह तो एक जवान लड़की की उंगली थी जो कि इस समय मोहिनी को लंड से कम मजा नहीं दे रही थी,,,,मोहनी पूरी तरह से पागल हो जा रही थी उसे बर्दाश्त कर पाना मुश्किल बजा रहा था क्योंकि संजू अपनी हरकत को पढ़ाते हुए अपनी बीच वाली उंगली को उसकी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था एक तरह से वह अपनी बहन की चूत को अपनी उंगली से चोद रहा था,,, और जोर-जोर से अपने लंड को हिला रहा था,,,,,,मोहिनी के लिए हालात काबू से बाहर जा रहे थे अपने आप पर बिल्कुल भी काबू पर सकने की स्थिति में नहीं थी,,,,, किसी भी वक्त उसके मुंह से गर्म सिसकारी की धार फूट सकती थी जिसे वह बड़ी मुश्किल से अपने काबू में लिए हुए थी,,,,,।

अभी तक मोहिनी की नींद नहीं टूटी थी और इसीलिए संजू की हरकत बढ़ती जा रही थी उसकी हिम्मत और उसका हौसला भी बढ़ता जा रहा था,,,, जिस तरह का आनंद संजू लुट रहा था वह अपने आनंद को बढ़ाना चाहता था,,क्योंकि अपनी बहन की गुलाबी चूत के साथ खेलने के बाद वह पूरी तरह से उत्तेजना के परम शिखर पर विराजमान हो चुका था,,,,,, क्योंकि आज वह अपनी बहन की चूत से खेल कर ही पूरी तरह से मस्त हो चुका था ,, चुदाई से भी अधिक अद्भुत सुख से प्राप्त हो रहा था,,,।उसकी इतनी हरकत के बावजूद भी अभी तक मोहिनी के तन बदन में किसी भी प्रकार की हरकत होता ना देगा कर संजू का हौसला बढ़ रहा था वह अपनी बहन की चूत में लगातार अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रहा था और उसी के छोटे से गुलाबी छेद का जायजा ले रहा था,,,अब तो खुश है इतना तो समझ में आ ही गया था कि उसकी मौसी की चूत की तरह उसकी बहन की चूत खुली नहीं है क्योंकि इसमें उंगली भी बड़ी मुश्किल से जा रही थी और उसकी मौसी की चूत में उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड बड़े आराम से चला गया था,,, और वहअपनी बहन की गुलाबी चूत के छोटे से छोटे को देखते हुए इतना तो समझ ही गया था कि अपनी बहन का सरकार पाए बिना वह अपनी बहन की चूत में अपना लंड नहीं डाल सकता था,,, और वह मन मानी भी नहीं कर सकता था क्योंकि ऐसा करने पर मोहिनी के लिए खोल सकती थी और बात भी कर सकती थी,,, संजू अपने मन में यही सोच रहा था लेकिन वह कहां जानता था कि अगर जो कुछ भी अपने मन में सोच रहा है अगर वह अपनी बहन के साथ पड़े तो उसकी बहन उसका पूरा का पूरा साथ दें क्योंकि यही तो मोहिनी भी चाहती थी,,,,,लेकिन संजू इस बात से अनजान था इसलिए वो अपने तरीके से मजा लेना चाहता था,,,,।
Aoni bahan ki chut dekhkar Sanju se raha nahi javraha tha

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संजू अपनी बहन की चूत में डूबी हुई अपनी पूरी उंगली को एक बार बाहर निकाल कर उसे बड़ी बारीकी से देखने लगा उसकी बीच वाली उंगली पूरी तरह से उसकी बहन की चूत के काम रस में डूबी हुई थी जिसमें से कामरस अमृत की बूंद की तरह नीचे टपक रही थी,,, जिसे संजू जाया नहीं होने देना चाहता था और वह अपनी बहन की चूत में घुसी हुई पूरी उंगली को पूरी की पूरी ऊंगली को अपने होठों के बीच प्रवेश करा कर चाटना शुरू कर दिया और अपने भाई की यह हरकत को मोहिनी अपनी आंखों से देख रही थी और अपने भाई की हरकत को देखकर वह पूरी तरह से रोमांचित हो उठी,,,मोहिनी अपने भाई की हरकत को देखकर अपने मन में यही सोच रही थी कि उसका भाई उसकी चूत का रस चाट रहा है अगर यही काम वह अपना मुंह लगाकर उसके चुत से सीधे-सीधे चाटता तो कितना मजा आ जाता,,,,,,मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी उसकी सांसे काफी गहरी चल रही थी जो कि अभी भी उत्तेजना से ग्रस्त संजू की नजर में नहीं आ रहा था अगर अपनी बहन की हालत को देखने का तो शायद संजीव आज अपनी बहन को चुदाई का अद्भुत सुख देता जिसके लिए उसकी बहन तड़प रही थी,,,,।

संजू पूरी तरह से कामाग्नि में जलते हुए अपनी बहन की चूत से अपनी उंगली को निकाल कर उसे जीभ लगाकर चाट रहा था,,, हल्का कड़वा नमकीन रस पूरी तरह से संजू को पागल किए जा रहा था एक हाथ से वो जोर-जोर से लंड को हिला रहा था मानो कि जैसे वह अपनी बहन की चुदाई कर रहा हो,,,,अच्छी तरह से चाट लेने के बाद वह दोबारा उसी उंगली को अपनी बहन की चूत में डाल दिया और फिर से अंदर-बाहर करने लगा,,,, उत्तेजना के मारे मोहिनी की कमर कसमसा रही थी,,,उसके पास में होता तो वह कब से अपनी कमर को ऊपर उठाकर अपने भाई को अपनी आगोश में ले लेती,,, लेकिन अभी ऐसा करना ठीक नहीं था अगर वो ऐसा करती तो उसका भाई क्या सोचता कि उसकी बहन खुद छुड़वाना चाहती है,,,, और ऐसा ना करना नहीं चाहती थी इसलिए अपने मन पर बहुत भारी पत्थर रखकर काबू किए हुए थी,,,।

संजू फिर से अपनी बहन की चूत से होली को बाहर निकाल कर फिर से उसे अपने मुंह में ले कर चाटना शुरू कर दिया यही क्रिया वह तीन चार बार कियामोहिनी एक बार झड़ चुकी थी जिसका अंदाजा संजू को बिल्कुल भी नहीं था और दूसरी बार पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी,,,,।संजू की सांसे बड़ी तेजी से चल रही थी उसका मन बिल्कुल भी काबू में नहीं था वह तो मोहिनी को चोदना चाहता था लेकिन उसके छोटे से छेद के कारण वह अपनी इस हरकत को अपने तरीके से अंजाम नहीं दे सकता था यह बात भी अच्छी तरह से जानता था इसलिए अपने मन को मनाते हुए वह अपनी उंगली को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपने प्यासे होठों को उसकी दोनों टांगों के बीच ले जाने लगा जो कि मोहिनी हल्की खुली आंखों से यह देख रही थी उसके दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चलने लगी,, क्योंकि वह समझ गई थी जो काम संजू उंगली से चाट कर कर रहा है वही काम अब वह शायद अपने होठों से करना चाहता है यह ख्याल मोहिनी के तन बदन में आग लगा रहा था,,,
और देखते ही देखते संजू अपनी बहन के गहरी नींद का फायदा उठाते हुए अपने प्यासी होठों को अपनी बहन की गरम चूत पर रख दिया और जैसे ही संजू ने अपने होठों को अपनी बहन की चूत पर रखा उसमें से मादक खुशबू पूरी तरह से संजू को अपनी आगोश में ले ली और वह जोर लगाकर अपने नथुनों से,, अपनी बहन की चूत के अंदर के मादक खुशबू को अपनी छाती में भर लेना चाहता था और वैसा ही हो रहा था संजू पूरी तरह से मस्त हो गया और यही हाल मोहिनी का भी था मोहिनी पूरी तरह से उत्तेजना से गदगद हुए जा रही थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें एक पल के लिए तो उसके दोनों हाथ उठ गए थे अपने भाई के सर पर रख कर उसे जोर से दबाने के लिए लेकिन तुरंत अपने आप को संभाल कर अपने हाथों को संभाल ले गई,,, और अपने को कैसे अपने सूखे गले को गिला करने की कोशिश करने लगी,,,, मोहिनी के लिए यह सब कुछ नया नया सा था मोहिनी की युक्ति काम कर गई थी उसका भाई पूरी तरह से उसकी जवानी के केंद्र बिंदु पर अपना ध्यान केंद्रित कर चुका था,,,,, संजु गहरी सांस लेते हुए अपनी बहन की चूत को चाटना शुरू कर दिया था उसका सिर मोहिनी की दोनों टांगों के बीच था इसलिए मोहिनी अपनी आंखों को अच्छी तरह से खोलकर अपने भाई की हरकत को साफ तौर पर देख पा रही थी क्योंकि उसके भाई का ध्यान पूरी तरह से उसकी चूत में डूबा हुआ था,,,, ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में मोहिनी को सब कुछ साफ नजर आ रहा था वह अपनी युक्ति पर जो कि उसकी सहेली की बताई गई थी उस पर अमल करके पूरी तरह से खुश थी उसका भाई उसकी चूत का दीवाना हो चुका था और इस समय उसकी दोनों टांगों के बीच कब्जा जमाया हुआ था,,,,

Sanju apni chaddhi nikal kar apni bahan k upar jhuk gaya



पहली बार मोहिनी किसी जवान लड़के से अपनी चूत चटवां रही थी और वह भी अपने भाई से,,, मोहिनी पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी संजू की अभी तक केवल अपनी मौसी की चूत का मजा ले रहा था लेकिन आज अपनी बहन की जवान कमसिन चूत का मजा लेते हुए वह सारी दुनिया को भूल चुका था,,,मोहिनी पूरी तरह से मस्त होकर अपनी अमृतधारा बार-बार अपनी चूत से बहा रही थी जिसे उसका भाई अपने होंठ और जीभ से चाट कर साफ कर दे रहा था,,, मोहिनी अपनी भाई की कामुक हरकत की वजह से दूसरी बार झड़ चुकी थी,,,, संजू की हालत खराब हो जा रही थी उसके लंड से कभी भी लावा फूट सकता था अपनी बहन की चूत चाटते हुए संजू बार-बार अपने मन में उसकी चूत में अपने लंड डालने का विचार कर रहा था लेकिन इस बात से अनजान बिल्कुल भी नहीं था कि उसकी बहन की चूत के छेद के मुकाबले उसके लंड की मोटाई कुछ ज्यादा ही थी और ऐसा कर पाना इस समय संभव बिल्कुल भी नहीं था,,, इसलिए वहां अपने मन को मनाते हुए एक और युक्ति लगाने की सोचा क्योंकि किसी भी वक्त उसके लंड का पानी निकल सकता था और वह चाहता था कि अपनी बहन की नींद का फायदा उठाते हुए अपने लंड को उसके सुपाड़े को अपनी बहन की गुलाबी चूत पर रगड कर हीं पानी निकाला जाए,,,, यही सोचकर वहअपने सिर को अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच से उठाते हुए गहरी गहरी सांस लेने लगा और तुरंत मोहिनी अपनी आंखों को फिर से बंद कर दी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आप उसका भाई क्या करने वाला है लेकिन अब वह धीरे-धीरे अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच आ चुका था अपनी बहन की चिकनी जांघों पर हाथ रखते हुए उसे स्वर्ग का आनंद प्राप्त हो रहा था,,, संजू यह बात अच्छी तरह से जानता था कि मोहिनी बला की खूबसूरत लड़की थी जिसे पाना शायद हर लड़कों का मकसद रहता है,,,, लेकिन यह बात भीसंजू अच्छी तरह से जानता था कि उसकी बहन सीधी-सादी और भोली भाली है कभी भी लड़कों के चक्कर में पढ़ने वाली नहीं थी,,,, लेकिन इस बात से संजर पूरी तरह से अनजान था कि धीरे-धीरे उसे जवानी की गर्मी सताने लगी थी और यह भी उसी की मर्जी थी कि आज संजू उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बनाए हुए हैं,,,।

संजू अपनी बहन की दोनों टांगों को फैला कर उसकी दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल आ चुका था यह पूरी तरह से संभोग मुद्रा था जिसमें मर्द का लंड औरत की चूत में होता है लेकिन यहां पर संजू को ऐसा कुछ भी नहीं करना था,,, हालांकि यहां भी एक मर्द का लंड और एक औरत की चूत थी लेकिन लंड को चूत में प्रवेश नहीं कराना था,,संजीव अपनी खुली आंखों से अपनी बहन की चूत को देख रहा था जिससे वह जी भर कर खेल रहा था,,, चूत फुल कर गरम रोटी की तरह हो गई थी,,,, जिसमें से काम रस बह रहा था संजू अपनी बहन की चूत को नजर भर कर देख रहा था क्योंकि ट्यूबलाइट की रोशनी में एकदम साफ नजर आ रही थी जिसका रंग एकदम गुलाबी हो गया था संजू पूरी तरह से तैयार था अपनी हरकत को अंजाम देने के लिए और दूसरी तरफ मोहिनीव्याकुल और बेचैन नजर आ रही थी उसे लग रहा था कि जिस तरह से संजू उसकी दोनों टांगों के बीच जगह बना रहा है जरूर अपने लंड को उसकी बुर में डालने की कोशिश करेगा और इसलिए मोहिनी अपने आप को तैयार कर चुकी थी उसे लगने लगा था कि उसकी जिंदगी का मकसद पूरा होने वाला है,,,, उसकी चूत में अब उसके भाई का लंड होगा,,, जिसके बारे में सोच कर ही उसने यह सारी काम लीला रचाई थी,,, अपने मकसद में वह इतनी जल्दी कामयाब हो जाएगी इस बारे में उसने कभी अंदाजा नहीं लगाई थी उसकी दिल की धड़कन बड़ी तेजी से चल रही थी वह हल्के से अपनी आंखों को खोलकर अपने भाई के तरफ देख रही थी संजू के हाथ में उसका नंबर था जिसे वह ऊपर नीचे करके हीला रहा था अपने भाई के लंड को देख कर मोहिनी के तन बदन में आग लग रही थी उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि उसके छोटे से छेद में उसके भाई का लंड घुसेगा कैसे,,,, फिर भी वह अपने भाई के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए पूरी तरह से तैयार थी,,,,।।

संजू की सांस अटक रही थी वह जानता था कि वह इस हालत में अपनी बहन को चोद नहीं पाएगा लेकिन ऊपर ऊपर से मजा ले कर अपना पानी निकाल जरूर सकता है इसीलिए वह अपने घुटनों को अपनी बहन की जांघों के और करीब लाते हुए अपने लंड की सुपाड़े को अपनी बहन की चूत पर रख दिया,,, यह मोहिनी और संजू दोनों के लिए वह पल था जब वह दुनिया को भूल कर एक नई दुनिया में प्रवेश कर रहे थे और यह सुख यह पल दोनों के लिए अद्भुत और अवर्णनीय था,,, जिसकी किसीसे तुलना नहीं कर सकते थे,,,।

अपने भाई के लंड कैसे पानी को अपनी चूत की गुलाबी छेद पर महसूस करते ही मोहिनी की तो सांस ही अटक गई,,, संजू की यह हरकत मोहिनी के लिए चुत में लंड घुसाने से कम नहीं था,,, उसकी छातियां ऊपर नीचे होने लगी साथ ही उसकी चुचियों में अकड़न सी आने लगी,,, संजू अपनी बहन की तरफ बिल्कुल भी नहीं देख रहा था उसका सारा ध्यान अपनी बहन की गुलाबी चूत पर था जिसमें से काम रस अभी भी निकल रहा था संजू अपनी हरकत को आगे बढ़ाते हुए अपने लंड को हाथ में पकड़ कर,,, अपने सुपाड़े को अपनी बहन की चूत के गुलाबी छेद पर रगडते हुए उसे एक पल के लिए अंदर डालने की कोशिश करने लगा,,,,,, अपनी गुलाबी चूत के छेद में अपने भाई के लंड के सुपाड़े को अंदर घुसता हुआ महसूस करते हीमोहिनी को इस बात का आभास हो गया कि इतनी जल्दी उसके भाई का लंड उसकी चूत में घुसने वाला नहीं है और उसके बदन में उत्तेजना के मारे कसमसाहट आ गई,,,, अपनी बहन के बदन में आई कसमसाहट को देखकरसंजू पूरी तरह से सचेत हो गया वह समझ गया कि इसके आगे हरकत करना ठीक नहीं है अगर ऐसा करेगा तो यह सुख भी उसके हाथ से ज्यादा रहेगा इसलिए वह समझदारी दिखाते हुए अपनी बहन की चूत पर अपने लंड के सुपाड़े को रगड़ना शुरु कर दिया,,,

बड़ी मुश्किल से अपने मुंह से निकलने वाली सिसकारी को अपने होठों को दबाकर महीने में शांत कर दी यह सुख बेहद अद्भुत और अवर्णनीय था इस बारे में कभी मोहिनी ने सोची भी नहीं थी कि ऐसी हरकत करने में इतना आनंद आएगा वह पूरी तरह से मस्त हो गई थी उसकी चूत पानी पानी हुई जा रही थी,,, बार-बार उसकी चूत से काम रस रह-रहकर बह जा रहा था,,,, वह पूरी तरह से मस्ती के सागर में गोते लगा रही थी,,, मोहिनी के लिए यह चुदाई से कम नहीं था,,, संजू पागल हो जा रहा था अपनी लंड क सुपाडे को अपनी बहन की चूत की गुलाबी दरार पर रगडते हुए उसे भी एक बेहद खूबसूरत चूत का मजा मिल रहा था जिसका मजा चुदाई से कम बिल्कुल भी नहीं था,,,, लेकिन या खेल ज्यादा देर तक टिक नहीं पाया क्योंकि मोहिनी की गरम चूत की आंच में संजू का मोटा तगड़ा लंड ज्यादा देर टिक नहीं पाया और पिघलने लगा उसके लंड से गरम लावा फूट पड़ा,,, और धीरे-धीरे मोहिनी की चूत के ऊपरी भाग को भी होने लगा अपने भाई के लंड से निकलेगरम लावा की गर्मी को वह अपनी चूत के इर्द गिर्द महसूस करके वह पूरी तरह से गनगना गई थी,,,,।

थोड़ी ही देर में संजू पूरा का पूरा अपना गरम लावा अपनी बहन की चूत के ऊपर गिरा दिया,,, वासना का तूफान शांत हो चुका था संजू अभी भी अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच घुटनों के बल था और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर उसे अपनी बहन की चूत पर सटाया हुआ था,,,फिर एक नजर अपनी बहन के ऊपर डाला वह उसी स्थिति में सोने का नाटक कर रही थी जो कि संजु को लग रहा था कि वह गहरी नींद में सो रही है,,, संजू धीरे से अपनी बहन की दोनों टांगों के बीच से अलग हुआ और अपना टी-शर्ट बाहर निकाल कर अपनी बहन की चूत पर गिराया हुआ सारे लावा को साफ करने लगा और अच्छे से साफ करने के बाद वह वापस अपनी जगह पर आ गया मोहिनी अभी भी उसी स्थिति में सो रही थी अभी भी उसकी चूत साफ नजर आ रही थी,,,,दीवार पर टंगी घड़ी की तरफ संजू किधर गई तो वह हैरान रह गया क्योंकि घड़ी में 3:00 बज रहा था,,, अपनी बहन की गर्म जवानी से खेलने के चक्कर में समय कब गुजर गया उसे पता ही नहीं चला,,। मोहिनी भी अपने बाल की हरकत से तृप्त हो चुकी थी हाना की चुदाई का असली सुख से प्राप्त नहीं हुआ था लेकिन इतना भी उसके लिए बहुत था वह उसी स्थिति में गहरी नींद में सो गई और संजू भी सो गया,,,।
एक बहुत ही अद्भुत गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया
संजू और मोहिनी की काम लिला अवर्णनीय और अप्रतिम है
मोहिनी का संयम रखना बहुत ही जबरदस्त हैं संजू उसके काम अंगों से इतना खेला फिर भी जागते रहने के बाद भी गहरी निंद में सोने का नाटक बहुत खुब निभाया संजू के लिये तो स्वर्गीय आनंद था और वो उसमें डुब गया
संजू का भी संयम देखने लायक हैं नजर के सामने खुबसुरत गुलाबी नंगी अनचुदी चुत हैं और वो उसको चुसता चाटता हैं उसपर अपने लंड का सुपाडा घिसता हैं लेकीन चोदन नहीं करता और उसपर अपना गर्म गर्म लावा उंडेलता हैं खैर
दोनों का मिलन कब होता है देखते हैं आगे
 
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