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Incest मजबूरी या जरूरत

Tiger 786

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जिंदगी में पहली बार मनीषा चुदाई के अद्भुत सुख को प्राप्त करते हुए उसे महसूस कर रही थी वह पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी एक जवान लड़की होने के नाते उसे इतना तो पता था कि चुदाई के काम में बहुत मजा आता है लेकिन इतना ज्यादा मजा आता है वह कभी सपने में नहीं सोचा कि बहुत पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी संजू के लंड के मोटाई को अपनी चूत की अंदरूनी दीवारों में महसूस करके वह पानी पानी हो चुकी थी संजू एक बार पानी निकाला था और वह 3 बार पानी फेंक चुकी थी,,, बेहद अद्भुत और अविस्मरणीय,,, चुदाई का मजा लेकर मनीषा पूरी तरह से निहाल हो चुकी थी अब तो वहां संजू की और भी ज्यादा दीवानी हो चुकी थी,,,,,



पूरे रास्ते पर स्कूटी पर बैठे-बैठे मनीषा को यही एहसास हो रहा था कि जैसे अभी भी संजू का मोटा तगड़ा लंड उसकी चूत में घुसा हुआ है हल्का हल्का मीठा दर्द उसे अभी भी अपनी चूत में महसूस हो रहा था लेकिन यह दर्द उस सुख के आगे कुछ भी नहीं था जिस सुख को प्राप्त करने के लिए मनीषा ने कोई भी जल्दबाजी नहीं की थी सब कुछ अपने आप ही हो गया था झरने पर आने से पहले मनीषा के मन में या संजू के मन में इस तरह की भावना बिल्कुल भी नहीं थी लेकिन झरने के पानी में उतरते ही जैसे दोनों के तन बदन में मदहोशी छाने लगी थी,,, ऐसा लग रहा था कि वह छोटा सा तालाब मीठे झरने का पानी से नहीं बल्कि शराब की बूंदों से भरा हुआ था जिसका नशा एहसास अभी भी दोनों के तन बदन में अपना असर दिखा रहा था,,,



संजू और मनीषा दोनों उसी रेस्टोरेंट के पास पहुंच चुके थे जहां से वह दोनों नए सफर की शुरुआत किए थे लेकिन यहां पर उसकी मम्मी का फोन आ गया था और वह एकदम से आंखों में खुशी लिए संजू की तरफ देख रही थी संजू भी मनीषा के मतलब को अच्छी तरह से समझ गया था दोनों के तन बदन में फिर से हलचल होने लगी मनीषा की चूत से तो अभी भी काम रस टपक रहा था और रात भर घर वालों की बिरादरी में क्या क्या होगा इस बारे में सोच कर ही उसके तन बदन में मदहोशी का नशा छा रहा था मनीषा रात के मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार थी इसलिए संजू को अपने घर पर फोन करके यह कहने को कह दी थी कि उसके दोस्त की बर्थडे पार्टी और आज वह रात को ही रुकेगा और संजू भी एक नई और खूबसूरत चूत की लालच में घर पर इंतजार कर रही दो दो चूत को छोड़कर मनीषा की चूत में खो जाने के लिए तैयार हो गया,,,,, वैसे तो मनीषा शर्म के मारे संजू से नजर नहीं मिला पा रही थी संजू से बड़ी होने के बावजूद भी वह संजू से शर्मा रही थी क्योंकि जिंदगी में पहली बार वह अपने तन को किसी जवान मर्द को सौंपी थी और वह भी किसी और को नहीं अपने ही चचेरे भाई को इसलिए संजू से आंख मिलाने में उसे शर्म महसूस हो रही थी,,,, घर पर खाना तो बनाना नहीं था इसलिए,,,, मनीषा एक अच्छे से रेस्टोरेंट्स खाना पैक करा कर संजू के साथ अपने घर पर पहुंच गई थी,,,,


घर का मुख्य द्वार बंद करके दोनों सोफा सेट पर आकर बैठ गए पंखा चालू करके दोनों ठंडी हवा लेने लगे संजू मनीषा की तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था लेकिन मनीषा के तन बदन में अजीब सी हलचल हो रही थी वह संजू की नजरों का सामना नहीं कर पा रही थी बार-बार उसकी आंखों के सामने वही तेरी याद आ रहा था जब बड़े से पत्थर पर लिटा कर संजू ने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों से खिला कर उसकी मखमली चूत में अपना मोटा लंड डालकर उसको चोदा था,,, बेहद अद्भुत सुख प्राप्त करने के बावजूद भी उस अदृश्य के बारे में सोच कर मनीषा शर्म से पानी पानी हुए जा रही थी आज उसके जीवन में उसकी चूत में लंड प्रवेश का उद्घाटन था जो कि बेहद सफलतापूर्वक संजू ने प्राप्त कर लिया था मनीषा की चूत का उद्घाटन करके वह भी बेहद खुश था वह मनीषा को देखकर बार-बार मुस्कुरा रहा था और मनीषा अपनी नजरों को चुरा रही थी तो यह देखकर संजू बोला,,,,।


क्या हुआ मनीषा तुम्हें अच्छा नहीं लगा क्या,,,?

नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है,,,

तो कुछ बोल क्यों नहीं रही हो,,,, अगर ऐसे ही शर्म आती रहोगी तो अभी तो पूरी रात बाकी है और तुम भी तो रात को कुछ करने के लिए ही मुझे अपने घर लेकर आई हो ना फिर इस तरह से शर्माओगी तो मजा कैसे ले पाओगी,,,,

नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है संजू पहली बार था ना इसलिए मुझे थोड़ी शर्म आ रही है,,,


अरे यह तो अच्छी बात है शर्माने वाली लड़कियां और भी ज्यादा खूबसूरत और ज्यादा ही मजा देती हैं,,,,,
(संजू के मुंह से यह सुनकर मनीषा और ज्यादा शर्माने लगी,,, यह देखकर संजू समझ गया था कि अगर ज्यादा मजा लेना है तो मनीषा को उसके व्यक्तित्व से विपरीत खोलना पड़ेगा महीनों से मनीषा के साथ रहते हुए वह इतना तो समझ ही गया था कि मनीषा उसकी सहेली काव्या जितनी खुली हुई बिल्कुल भी नहीं है उन लड़कियों के साथ रहने के बावजूद भी मनीषा अभी तक एक संस्कार की डोरी में बंधी हुई है अपने आपको मर्यादा की दीवार की आड़ में रखे हुए हैं है,,,,,,, और यह अच्छा भी था संजू के लिए क्योंकि संजू को ऐसी लड़कियां और भी ज्यादा मजा देती हैं जो शर्माती है अभी तक झरने के किनारे तो वह मनीषा से खुलकर मजा ले चुका था हालांकि मनीषा वहां भी शर्म आ रही थी लेकिन उसे बेहद मजा भी दे रही थी और वही मजा संजू फिर से दोहराना चाहता था और इसके लिए मनीषा के बारे में चुदाई का नशा भरना होगा तभी रात अच्छे से गुजरेगी,,,, संजू यह सब अनुभव अपनी मौसी और अपनी मां के साथ साथ अपनी छोटी बहन के साथ ले चुका था और उसे मालूम था कि एक अच्छी खासी रात बिताने के लिए औरत को किस तरह से प्यार करना चाहिए और औरत को किस तरह से उनके अंदर की एक नई औरत को जलाना चाहिए इसमें संजू अच्छी तरह से माहीर था,,, इसलिए मनीषा की शर्म को देखते हुए उसके शर्म को दूर करने के लिए संजू बोला,,,,।)

सब कुछ छोड़ो मनीषा एक अच्छी सी चाय पिला दो फिर बदन में ताजगी आ जाए उसके बाद देखना मैं कैसे तुम्हें खुश करता हूं,,,,(इतना सुनते ही मनीषा शर्मा कर मुस्कुराने लगी और अपनी जगह से उठते हुए बोली)



2 मिनट में बनाकर लाइ,,,,(और इतना कहने के साथ ही मनीषा अपनी जगह से उठी और किचन की ओर चल दी संजू उसे जाते हुए देख रहा था सलवार के अंदर कैसी हुई उसकी गांड को देख रहा था हालांकि दोपहर में वह मनीषा के नंगे बदन के दर्शन करके उन्हें पूरी तरह से भोग भी चुका था लेकिन मर्द की आदत कभी नहीं जाती उनकी नजर हमेशा औरतों के उन्हीं अंगों पर रहती है जिन्हें वह बहुत बार देख चुके होते हैं उनका मजा ले चुके होते हैं लेकिन हर बार उस अंग को देखकर उनके बदन में एक अच्छा सा नया नशा छाने लगता है और इस समय भी संजू के बदन में भी वही हो रहा था जैसे ही मनीषा किचन के अंदर प्रवेश की संजू अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ और जाकर किचन के दरवाजे पर खड़ा होकर अंदर के नजारे को देखने लगा जहां पर मनीषा चाय बनाने की तैयारी में लगी हुई थी,,,, किचन के दरवाजे पर खड़े होकर संजू को वह दृश्य याद आने लगा जब इसी तरह से वहां किचन के अंदर प्रवेश किया था और मनीषा की मां को अपनी बाहों में लेकर उसके अंगों से खेलने लगा था घर में सभी लोग की उपस्थिति होने के बावजूद भी संजू ने किचन के अंदर जबरदस्त आनंद प्रमोद का उदाहरण देते हुए मनीषा की मां के साथ पूरी मस्ती किया था आज समय अपने चक्र गति से चलते हो वहीं पर आकर ठहर गया था सब कुछ वैसा ही था बस सामने वाला किरदार बदल चुका था आज मनीषा की मां नहीं किचन में मनीषा थी जिसके साथ वह कुछ भी कर सकता था मनीषा को इस बात का अहसास तक नहीं था की किचन के दरवाजे पर संजू खड़ा है संजू मनीषा को देख कर मुस्कुरा रहा था मनीषा के व्यक्तित्व को वह फिर से खोलना चाहता था इसलिए वह अंदर गया और सीधे मनीषा की कमर को दोनों हाथों से पकड़ कर उसके गर्दन पर अपने होंठ को रख दिया,,,,, मनीषा को इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी वह एकदम से चौक गई और जैसे ही उसे इस बात का एहसास हुआ कि उसके पीछे संजू खड़ा है तो वह उत्तेजना से सिहर उठी संजू उसी तरह से उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख कर होठों को रगड़ना शुरू कर दिया और उसकी कमर पर कसाब बढ़ाने लगा और साथ ही उसके नितंबों के उभार पर अपने पेंट का तंबू रगड़ने लगा यह हरकत पूरी तरह से उत्तेजित कर देने वाली थी और मनीषा भी बेशक उत्तेजित हो जा रही थी वह पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी हालांकि उसने गैस स्टोव पर चाय रख दी थी पकने के लिए लेकिन संजू अपनी अलग खिचड़ी पकाना शुरू कर दिया था,,,, मनीषा के तन बदन में फिर से उत्तेजना की लहर उठने लगी और इस लहर को और ज्यादा बढ़ाने के लिए संजू अपने दोनों हथेली को ऊपर की तरफ लाकर उसकी चूची पर रख दिया और उसे दोबारा शुरू कर दिया कुर्ती में होने के बावजूद भी,,,, रबड़ के गेंद की तरह उसकी चुची संजू के हाथों में आनंद देने लगी संजू पागलों की तरह उसकी चूची को दबाना शुरू कर दिया और मनीषा गहरी गहरी सांस लेने लगी,,,,।



संजू के लंडको अपनी गांड पर महसूस करते ही मनीषा की चूत गीली होने लगी मनीषा कुछ कह पाती जाकर पाती इससे पहले ही उसकी दोनों बांहों को पकड़कर संजू एक झटके से उसे अपनी तरफ घुमा लिया और उसके खूबसूरत चेहरे को अपने दोनों हथेली में भरकर देखने लगा शर्म के मारे मनीषा की आंखें बंद हो गई उसके लाल लाल होठ खुले के खुले रह गए लाल-लाल होठों में कंपन हो रही थी जिसे देखकर संजू से रहा नहीं गया और वह उसके कंपन को दूर करने के लिए अपने प्यासे होठों को उसके तपते होंठ पर रखकर चुंबन करने लगा,,,,,, संजू की हरकत से मनीषा के तन बदन में एक बार फिर से आग लगने लगे वहीं दोपहर वाला एहसास उसके तन बदन को झकझोरने लगा,,,, संजू पागल हुआ जा रहा था मनीषा के लाल लाल होंठ उसकी उत्तेजना को और ज्यादा बढ़ा रहे थे वह पूरी तरह से काम भावना से ग्रस्त हो गया और पागलों की तरह उसके लाल-लाल होठों का रसपान करने लगा यहां तक कि वह उसकी कमर को कस के दोनों हाथों से पकड़ कर उसे ऊपर उठाया और किचन के फ्लोर पर रख दिया,,,,,

संजू के इस चमन में मनीषा बराबर का साथ दे रही थी वह भी अपने आप को पूरी तरह से इस चुंबन में डूबा देना चाह रही थी,,,,, संजू लगातार चुंबन करते हुए उसके अंगों से खेल रहा था उसकी नारंगी जैसी चूची को जोर जोर से पकड़ कर उसका रस निकालने में लगा हुआ था अब संजू से सब्र कर पाना बिल्कुल भी उसके बस में नहीं था इसलिए वह तुरंत कुर्ती को पकड़ कर ऊपर की तरफ उठाने लगा और मनीषा भी उसका साथ देते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ उठा दी और संजू अगले ही पल मनीषा की कुर्ती को उतार कर फेंक दिया और उसकी ब्रा के हुक को एक झटके में खोल कर उसकी ब्रा को भी उसकी नंगी चिकनी बाहों में से अलग कर दिया कमर के ऊपर वह पूरी तरह से नंगी हो गई उसके नारंगी जैसी चूचियां एकदम टमाटर की तरह लाल हो चुकी थी संजू गहरी सांस लेते हुए मनीषा की छाती को देख रहा था और यह देख कर संजू शर्म से पानी पानी हुई जा रही थी यह देखकर मनीषा और भी ज्यादा हैरान थी कि संजू अपने आप पर बिल्कुल भी सब्र नहीं कर पाता है,,,,, आखिरकार पूरी रात बाकी थी लेकिन संजू से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था और संजू की जल्दबाजी से मनीषा को भी मजा आ रहा था क्योंकि मनीषा का यह सब पहली बार था आज पहला दिन था उसके कौमार्य भंग का और इतनी जबरदस्त और दिलचस्प तरीके से संजू ने उसका कौमार्य भंग किया था कि मनीषा पूरी तरह से अपनी जवानी को उसके कदमों में लूटा दी थी,,,,,।



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वाह मनीषा मेरी रानी तुम्हारी चूची कितनी खूबसूरत है एकदम नारंगी की तरह मन करता है इसे मुंह में लेकर इसका रस पी जाऊं,,,,
(संजू की बात सुनकर जवाब में मनीषा भी बहुत कुछ बोलना चाहती थी लेकिन शर्म के मारे उसके होंठ खुल नहीं पा रहे थे,,,, लेकिन संजू को मनीषा के जवाब की कोई जरूरत नहीं थी संजू उसके चेहरे के भाव को अच्छी तरह से पढ़ पा रहा था और वह जानता था कि जो कुछ भी वह करेगा मनीषा की उसमें हामी ही होगी इसीलिए तो संजू मनीषा के छातीयो की तरफ आगे बढ़‌ा और अगले ही पल उसकी नारंगी जैसी चूची की शोभा बढ़ा रही खजूर को मुंह में लेकर पीना शुरू कर दिया,,,,, मनीषा के मुंह से हल्की सी सिसकारी की आवाज टूट पड़ी और संजू उस गरमा-गरम सिसकारी की आवाज से और भी ज्यादा जोशीला हो गया और पागलों की तरह दोनों चूची को अपनी दोनों हथेली में कस के दबाते हुए बारी-बारी से पीना शुरू कर दिया ऐसा नहीं था कि संजू की हरकत से मनीषा को दर्द महसूस हो रहा था दर्द तो उसे हल्का हल्का महसूस तो हो ही रहा था क्योंकि संजू उसकी छातियों को जोर जोर से दबा रहा था लेकिन जिस तरह का सुख वह दे रहा था वह काबिले तारीफ थी,,,,

किचन फ्लोर पर मनीषा को बिठाकर संजू उसकी चूची को जोर जोर से दबाते हुए पीने का आनंद ले रहा था और दूसरी तरफ गेश के स्टॉव पर चाय पूरी तरह से पक चुकी थी और उस में उबाल आने लगा था जैसे ही वह बाल आया और गैस के बर्नल पर चाय गिरते हैं उसमें से आवाज आई मनीषा का ध्यान तुरंत उस तरफ गया और वह एकदम से चौक गई और संजू को उसी स्थिति में रोककर खुद किचन के पूरा ऊपर से नीचे उतरी और गैस को बंद करने लगे इस दौरान उसके बदन पर कमर के ऊपर कुछ भी नहीं था वह पूरी तरह से नंगी थी,,,,

बाप रे चाय पक गई और तुम्हारी वजह से जल भी गई,,,


तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की दूध पिलाने वाली हो तो चाय भला कौन पीना पसंद करेगा,,,

अच्छा बच्चु,,,,(संजू की तरफ देखे बिना ही वह मुस्कुराकर शरमाते हुए बोली,,,)

तो क्या मनीषा तुम्हारी चूची पीने में इतना मजा आ रहा था कि अब चाय पीने का मन बिल्कुल भी नहीं कर रहा है,,,,

लेकिन चाय तो तुम्हें पीनी ही पड़ेगी क्योंकि तुमने बनवाई है,,,,


कोई बात नहीं तुम्हारे हाथ से तो मैं जहर पी लूंगा तो चाय क्या चीज है लेकिन मेरी एक शर्त है,,,,

कैसी शर्त,,,?

पहले बोलो मानोगे कि नहीं,,,,

पहले बताओ तो,,,,


नहीं मुझे डर लग रहा है कि कहीं तुम इंकार कर दी तो,,,,


तुमसे प्यार करती हूं तुम्हारी बात को मैं टाल नहीं सकती,,,


तो फिर तुम्हें इस प्यार की कसम मेरी बात तुम्हें मानना पड़ेगा,,,,

कहो तो सही,,,,(दो कप को ट्रे में रखते हुए बोली,,,)

देखो आज की रात घर में कोई नहीं है सिर्फ मैं और तुम हो और हम दोनों के बीच सबकुछ हो चुका है किसी से कोई पर्दा नहीं है तो क्यों ना हम दोनों आज के साथ बिना कपड़ों के ही घर में रहे यहां वहां चाहे जहां जाए लेकिन बिना कपड़ों के एकदम नंगे इस बंद घर में,,,,


पागल हो गए हो क्या,,,?(मनीषा एकदम से मुस्कुराते हुए बोली संजू की बात सुनकर उसे शर्म महसूस होने लगी थी)

देखो मनीषा यह गलत बात है तुम्हें मैंने प्यार का वास्ता दिया हूं और तुम हो कि ईन्कार कर रही हो,,,

अरे संजू यह भी कोई बात है,,,, नहीं मुझे शर्म आती है,,,


शर्म कैसी अभी कुछ देर में ही तुम्हारे कपड़े उतार कर मैं तुम्हें नंगी कर दूंगा और तुम्हारी चूत में लंड डालकर चोदुंगा तब तुम्हें शर्म नहीं आएगी,,,

संजू,,,,,,,,(मनीषा थोड़ा सा शर्माते हुए और थोड़ा नखरा दिखाते हुए बोली)

मान जाओ ना मेरी जान,,,(संजू फिर से मनीषा को पीछे से अपनी बाहों में लेते हुए बोला और इस बार फिर से उसकी नंगी चूची पर अपनी हथेली रखकर दबा दिया जिससे मनीषा के तन बदन में हलचल होने लगी और वह संजू की बात टाल नहीं पाई और बोली)

तुम मानोगे नहीं ना,,,

बिल्कुल भी नहीं,,,,
(मनीषा शर्म से पानी पानी हो जा रही थी लेकिन संजू की बात माने बिना कोई रास्ता भी नहीं था इसलिए वह दूसरी तरफ किए हुए ही अपनी सलवार की दूरी खोलने लगी आधा कपड़ा तो खुद संजू ने अपने हाथों से उतार कर अपना काम कर दिया था आधा काम उसे खुद करना था,,,, देखते ही देखते मनीषा अपने सलवार की डोरी को खोल चुकी थी उसका दिल जोरों से धड़क रहा था संजू की बात माने बिना उसके पास कोई रास्ता नहीं था आज तक उसने कभी किसी के सामने अपने कपड़े उतारे नहीं थी लेकिन आज के दिन जो कुछ भी वह नहीं की थी सब कुछ बात करने पर मजबूर भी हो चुकी थी और ऐसा करने में उसे मजा भी आ रहा था वह भी यह सोचकर उत्सुक थी कि बिना कपड़ों के घर में घूमने में कैसा महसूस होगा क्योंकि वह अपने कमरे में भी पूरी तरह से नंगी होकर इधर-उधर नहीं घूमी थी तो पूरे घर में कैसे और वह भी एक जवान लड़की के सामने कैसे नंगी रहेगी यही सोचकर वह हैरान भी थी और यही सोचकर उसके बदन में हलचल भी हो रही थी देखते ही देखते हो अपनी सलवार की डोरी को खोलकर सलवार को नीचे करने से पहले नजर पीछे करके संजू की तरफ देखने लगी जो कि संजू हाथ बांधे उसी की तरफ देख रहा था और यह देख कर मनीषा के तन बदन में हलचल होने लगी,,,
Superb update
 

Tiger 786

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माहौल पूरी तरह से गर्म हो चुका था किचन में गरमा-गरम दृश्य परोसा जा रहा था मनीषा के सोच के विरुद्ध संजू पूरी तरह से अपनी मनमानी करने पर उतर आया था और जिस तरह के हालात नजर आ रहे थे ऐसे में मनीषा भी उसका साथ दे रही थी क्योंकि इस खेल में मनीषा को भी बराबर का मजा प्राप्त हो रहा था,,,, मनीषा अपने अंदर शर्म महसूस कर रहे थे लेकिन संजू अपनी सूझबूझ और अपनी हरकत की वजह से मनीषा के इस शर्म को पूरी तरह से दूर कर देना चाहता था,,, और उसके कहे अनुसार अपने मम्मी पापा की गैर हाजिरी में मनीषा और संजू दोनों को नग्न अवस्था में पूरे घर में रहना था इस बात को सोचकर ही मनीषा की चूत पानी छोड़ रही थी जो अपने कमरे में नंगी होकर इधर-उधर नहीं घूमती थी वह पूरे घर में एक जवान लड़के के साथ नंगी होकर कैसे घूमेगी इस बात को लेकर मनीषा के तन बदन में अजीब सी हलचल और उत्सुकता थी जिसके चलते वह भी संजू की बात मानने को तैयार हो गई थी,,,
Manisha apne kamre me


कमर के ऊपर तो पहले से ही संजू ने उसके कपड़े उतार कर उसे नंगी कर दिया था उसके संतरे नग्न अवस्था में और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आ रहे थे बस कमर के नीचे नंगी होना बाकी था और वह काम मनीषा बखूबी निभा रही थी संजू किचन में मनीषा के ठीक पीछे खड़ा था दोनों के बीच तकरीबन 2 फीट की दूरी थी संजू की नजर उसकी नंगी चिकनी पीठ पर थी जो कि बेहद मखमल कि तारा बेहद मुलायम थी,,,,, मनीषा के दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि उसे अपने हाथों से नंगी होना था इसलिए वह अपनी सलवार की डोरी धीरे-धीरे खोल रही थी उसका दिल जोरों से धड़क रहा था बार-बार वह अपनी नजर को तिरछी करके संजू की तरफ देख रही थी संजू उसी को ही देख रहा था बेहद अजीब पल था मनीषा के लिए एक जवान लड़के की गैर हाजिरी में उसके सामने उसे अपने कपड़े उतार कर नंगी होना था,,,,, मनीषा को यह काम अपने हाथों से करने में शर्म महसूस हो रही थी जबकि यह बात अच्छी तरह से जानती थी कि कुछ देर में ही वह पूरी तरह से नंगी होकर बिस्तर पर चुदाई का मजा लेने वाली है और वह भी उसी शख्स से जिसके सामने उसे शर्म महसूस हो रही है,,,,,
बदन में हलचल और उत्सुकता लिए मनीषा अपनी सलवार की डोरी को खोलकर कमर पर कसी हुई अपनी सलवार को ढीली कर ली और उसे दोनों हाथों से थाम ली वह अच्छी तरह से जानती थी कि सलवार को छोड़ते ही सलवार उसके नंगे पन को उजागर करके उसके कदमों में जा गिरेगी ऐसा करना जरूरी भी था क्योंकि संजू भी यही चाहता था लेकिन फिर भी शर्म का एहसास उसके तन बदन में अजीब सी लहर पैदा कर रहा था उसका चेहरा शर्म के मारे लाल टमाटर की तरह हो गया था कुछ देर तक मनीषा उसी तरह से अपनी सलवार को उंगलियों का सहारा देकर पकड़े हुए खड़ी रही तो संजू बोला,,,।
Manisha ki lene ki taiyari me sanju

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अरे अब उतारोगी भी या ऐसे ही खडी रहोगी,,,,

अरे उतार रही हुं ना,,,, तुम्हें बहुत जल्दी पड़ी है,,,

अरे क्यों नहीं तुम्हारे नंगे बदन की खूबसूरती को मैं जी भर कर देखना चाहता हूं,,,,


ऐसे कह रहे हो जैसे कि देखे नहीं हो,,,,


अरे तुम क्या जानो मनीषा औरत का शरीर होता ही ऐसा है कि चाहे जितनी बार उसे नंगी देखो,,,, मन भरता ही नहीं है हर बार एक अलग मजा एक अलग नशा लेकर दिल में उतर जाता है,,,।
(संजू की बातों को सुनकर मनीषा मन ही मन मुस्कुरा रही थी एक तरह से वह उसकी खूबसूरती की तारीफ ही कर रहा था,,,, संजू की बातें मनीषा के दिल में हलचल मचा रही थी वह भी जल्द से जल्द संजू की आंखों के सामने अब नंगी हो जाना चाहती थी वह भी इस अनुभव को पूरी तरह से जी लेना चाहती थी,,,, इसलिए एक संस्कारी नारी के अंदर की बेशर्म औरत को प्रदर्शित करते हुए वह अपनी सलवार को अपने दोनों हाथों की उंगलियों की पकड़ से आजाद कर दी और अगले ही पल उसकी खूबसूरत सलवार उसके खूबसूरत नंगे बदन को उजागर करते हुए सीधे जाकर उसके कदमों में गिर गया,,,,, संजू की आंखों के सामने मनीषा नंगी हो गई लेकिन उसके नंगे पन को पूरी तरह से लागू करने में अभी भी उसकी छोटी सी पेंटिं बाधा रुप बन रही थी,,,, लेकिन संजू की आंखों में एकदम से चमक आ गई मनीषा की उभरी हुई गांड बेहद खूबसूरत लग रही थी ट्यूबलाइट की रोशनी में एकदम गोरी चिकनी बेदाग गांड की खूबसूरती को देखकर संजू मन ही मन प्रसन्न हो रहा था लाल रंग की पेंटिं में उसकी खूबसूरत गांड और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी,,,, मनीषा की गांड की दोनों फांकों की दरार कुछ ज्यादा ही गहरी थी जोकि गांड की खूबसूरती को और भी ज्यादा निखार रही थी,,,, गांड की दरार में मनीषा की लाल रंग की पेंटी अंदर तक फंसी हुई थी जिसे देखकर संजू का लंड एकदम से टनटन आ गया था,,,,,
Manisha or sanju


écrire une fraction sur word
मनीषा का दिल जोरों से धड़क रहा था वह अपने दोनों हाथों को फिर से अपनी पेंटिं पर रखकर उसे उतारने ही वाली थी कि,,, संजू आगे बढ़ा और अपनी दोनों हथेली को मनीषा की गोल-गोल गांड पर रखकर उसे अपनी हथेली में कस के दबा दिया जिससे मनीषा के मुंह से आह निकल गई,,, संजू की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वह मनीषा की कार को जोर-जोर से दोनों हाथों से दबाते हुए उसकी गर्दन पर अपने होंठ रख कर गरम गरम सांसे छोड़ रहा था और उस गरम गरम सांसो को अपनी गर्दन पर महसूस करके मनीषा की मलाई उसकी चूत से निकलकर बाहर आ रही थी,,,,, संजू पागलों की तरह दोनों हाथों से मनीषा की गांड पर चपत लगा रहा था जिससे मनीषा की गोरी गोरी गाल टमाटर की तरह लाल हो गई वैसे तो मनीषा को संजू के चपत से दर्द हो रहा था लेकिन उसे एक अद्भुत मजा भी आ रहा था और उसकी आंखों में नशा भी चाहा था पहली बार वह किसी मर्द के हाथों में अपने गोरे बदन को खूबसूरत बदन को सौंप रही थी वैसे तो दिन में ही वह अपने आप को संजू के हाथों में सौंप कर मस्त हो गई थी लेकिन आज पहला ही दिन था जब दूसरी बार वह अपना सर्वस्व संजू पर निछावर करने पर तैयार थी,,,, संजू भी इस मौके का पूरी तरह से फायदा उठाते हुए उसकी गांड पर चपत लगाते हुए बोला,,,,
Sanju or manisha


वाह मनीषा तुम्हारी जैसी खूबसूरत लड़की मैंने आज तक नहीं देखा,,,‌,,, कसम से तुम्हारे बदन की खुशबू मुझे मदहोश कर रही है मेरा मन बिल्कुल भी काबू में नहीं है मन कर रहा है कि अपने लंड को तुम्हारी गांड में डाल दुं,,,,
(मनीषा संजू की हरकत और उसकी गरमा गरम बातों से पूरी तरह से मदहोश हो जा रही थी उसकी आंखों में 4 बोतलों का नशा छाने लगा था वह अपने आप के काबू में बिल्कुल भी नहीं थी इसलिए मदहोश होते हुए अपना हाथ पीछे की तरफ लाई और पेंट के ऊपर से ही संजू के लंड को पकड़ कर उसे जोर जोर से दबाने लगी यह देखकर संजू बहुत खुश होने लगा क्योंकि उसकी हरकत पूरी तरह से मनीषा को उसके व्यक्तित्व से बाहर लाने में मदद कर रहा था वह पूरी तरह से खुल रही थी अगर ऐसा ना होता तो वह अपने हाथ पीछे की तरफ लाकर उसके लंड को ना पकड़ती,,,,, संजू अब पीछे हटने वाला नहीं था,,,, देखते ही देखते संजू अपने दोनों हाथों को उसकी छाती पर रखकर उसके संतरो को दबा दबा कर उसका रस निचोड़ने लगा,,,।
Manisha or sanju

अपने मम्मी पापा के गैर हाजिरी में,,, मनीषा पूरी तरह से खुलकर संजू से मजा ले रही थी,,,,, वादे के मुताबिक मनीषा को अपने सारे कपड़े उतार कर नंगी होना था लेकिन वह पैंटी उतार पाती इससे पहले ही संजू मनीषा की मदमस्त कर देने वाली गांड को देख कर पागल हो गया और उसी स्थिति में मनीषा के खूबसूरत बदन से खेलने लगा,,,,। चाय कबकी पक चुकी थी,,, लेकिन चाय को छोड़कर संजू अपनी अलग खिचड़ी पका रहा था वह अपनी पूरी हथेली में आ रही मनीषा की चूची को जोर जोर से दबाकर उसे टमाटर बना रहा था,,,, दूसरी तरफ मनीषा के तन बदन में चुदाई की लहर उठने लगी थी,,, वह पागल हुए जा रही थी उसे अपने बदन की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी खास करके चूत में जिस तरह की हलचल हो रही थी उसे मिटाने के लिए उसे संजू के मोटे तगड़े लंड की बेहद जरूरत थी इसीलिए तो वह पेंट के ऊपर से संजू के मोटे लंड को दबा दबा कर उसे और ज्यादा मजबूत बना रही थी और जब उससे रहा नहीं गया तो पेंट के अंदर धीरे से हाथ डालकर उसके नंगे लंड को पकड़ ली और ऐसा करने से मनीषा के तन बदन में उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी वह पागल होने लगी वह पीछे की तरफ नजर घुमाकर संजू की तरफ देखने लगी तो संजू धीरे से अपने होठों को मनीषा के होंठ पर रखकर उसका रसपान करते हुए उसकी चूची का आनंद लेने लगा और मनीषा के द्वारा अपने लंड को दबाने का सुख भोगने लगा,,,,, मनीषा के बदन की गर्माहट और उसकी चाहत देखकर संजू समझ गया था कि अब उसे लंड की बेहद जरूरत है,,,, वह भी पागल हुआ जा रहा था उससे भी अब बर्दाश्त कर पाना मुश्किल था इसलिए उसने तुरंत मनीषा के कंधों को पकड़कर आगे की तरफ झुकाया और जैसे मनीषा की समझ गई कि अब संजू क्या करने वाला है इसलिए वह तुरंत किचन फ्लोर को पकड़ ली,,, और धीरे से अपनी गांड को संजू के सामने परोस दी संजू मनीषा की अद्भुत हरकत को देखकर पूरी तरह से पागल हो गया अब उससे बरदास कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हुआ जाना था इसलिए वह तुरंत मनीषा की चड्डी को दोनों हाथों से पकड़ा उसे खींच के नीचे कर दिया और मनीषा भी अपने पैरों का सहारा लेकर अपनी चड्डी को अपने पैर में से निकाल कर फिर से एक तरफ फेंक दी अब वह किचन के अंदर पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी वह पीछे नजर घुमा कर देखी तो अभी भी संजू कपड़े में ही था तो वह व्यंग भरी नजरों से संजू को ऊपर से नीचे की तरफ देखने लगी तो सं६ उसका इशारा समझ गया और अगले ही पल अपने सारे कपड़े उतार कर एकदम नंगा हो गया किचन के अंदर अब दो जवान बदन एकदम नंगे होकर एक होने वाले थे संजू ने तुरंत मनीषा की कमर को दोनों हाथों से पकड़कर अपनी तरफ खींचा और उसकी गोल-गोल गांड को एकदम अपने लंड के सिधान पर कर लिया,,,, मनीषा का दिल जोरों से धड़क रहा था कुछ ही देर में उसकी चूत में मोटा लंड घुसने वाला था एक बार फिर से मनीषा उस पल को भोगना चाह रही थी जिस पल को और दोपहर में भोक चुकी थी,,,,।
Sanju k upar chadhi huyi manisha


मनीषा के बदन में कसमसाहट बढ़ने लगी और जैसे ही मनीषा ने संजू के लंड के सुपाड़े को अपनी गरम चूत पर महसूस की वह पूरी तरह से पानी पानी हो गई,,, उसकी चूत से काम रस का बुलबुला छूटने लगा और अगले ही पल संजू एक करारा झटका मारा और पूरा का पूरा लंड मनीषा की चूत में समा गया,,,,, दोपहर में ही संजू ने मनीषा की चूत में अपने लंड के लिए रास्ता बना लिया था इसलिए इस समय उसमें डालना में उसे बिल्कुल भी दिक्कत पेश नहीं हुई और बड़े आराम से वह सीधे मनीषा के बच्चेदानी में अपना स्पर्श कराकर उसे मदहोश कर दिया और फिर उसे चोदना शुरु कर दिया,,,, मनीषा के साथ से ऊपर नीचे होने लगी एक बार फिर से उसकी चूत की गरम दीवारें पानी छोड़ने लगी,,,, संजू के लंड को मनीषा अपनी चूत की गहराई तक महसूस कर रही थी और यह एहसास उसे पूरी तरह से मस्त कर रहा था वह संजू से मजा लूट रही थी,,,,
SAnju or Manish ghar me ekdam nange

आहहह आहहहह आहहहह संजू बहुत मजा आ रहा है,,आहहहह आहहहह बहुत मोटा है तुम्हारा,,,

फिर भी तो बड़े आराम से ले रही हो,,,,(संजू गहरी गहरी सांस लेता हुआ बोला)

हां तुम सच कह रहे हो तुम्हारा देखकर तो मैं घबरा गई थी मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मेरे छोटे से छेद में चला जाएगा लेकिन तुमने बिना चोट पहुंचाए मुझे बहुत मजा ले रहे हो,,,,

अभी तो शुरुआत है पूरी रात अभी बाकी है मेरी जानू,,,

आहहहह आहहहह संजू आहहह आहहहह ,,,,
(मनीषा मस्ती के सागर में गोते लगाते हुए गरमा गरम सिसकारियां ले रही थी पूरा कमरा उसकी गर्म सिसकाकीयो से गूंज रहा था लेकिन उसकी मादक सिसकारियां को सुनने के लिए वहां पर संजू के सिवा और कोई नहीं था,,,, संजू का लंड बड़े रफ्तार से मनीषा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था,,,,,,, मनीषा का चेहरा बता रहा था कि उसे कितना मजा मिल रहा है,,,, अभी तक उसने किसी भी मर्द को अपने बदन को छूने तक नहीं देखे लेकिन संजू को देखते ही उसके आकर्षण में इस कदर वह खो गई थी कि मन ही मन था निकली थी कि अपना सर्वस्व संजू को सौंप देगी और अपने वादे को पूरा करते हुए आज वह अपनी बेशकीमती खजाने को अपनी मदमस्त कर देने वाली गुलाबी चूत को संजू को परोस दी थी और संजू भी मनीषा को खुश करता हुआ उसके लिए खिलौने से जी भर कर खेल रहा था,,,,,
Manisha Sanju k lund se khelti huyi

कुछ देर तक घमासान चुदाई करने के बाद दोनों की सांसे बड़ी तेजी से चलने लगी और देखते ही देखते दोनों झड़ गए,,,,, थोड़ी ही देर में संजू ने धीरे से अपने लंड को मनीषा की चूत से बाहर निकाला तो उस पर मनीषा की चूत का काम रस लगा हुआ था जो कि उसके लंड से नीचे फर्श पर टपक रहा था जिसे देखकर मनीषा शरमा गई थी,,,,,

चाय तो ठंडी हो गई,,,(शर्म के मारे मनीषा संजू की तरफ देखे बिना ही बोली)

फिर से गर्म कर दो उसके बाद खाना खाते हैं,,,,

ठीक है तुम बाहर जाओ मैं लेकर आती हूं,,,

क्या मनीषा अभी भी शर्मा रही हो,,,

Sanju or manisha


तुम जाओ संजू,,,,(मनीषा मुस्कुराते हुए बोली तो संजू की मुस्कुराकर किचन से बाहर चला गया,,,,, मनीषा को अभी भी सब कुछ सपना सा लग रहा था ऐसा लग रहा था कि जैसे वह बेहद खूबसूरत ख्वाब देख रही हो क्योंकि जो कुछ भी हो रहा था वह कल्पना से बिल्कुल परे था वह कभी सपने में भी नहीं सोची थी की चुदाई में इतना जबरदस्त सुख मिलता है,,,, वरना वह कब से संजु के साथ चुदाई का मजा ले ली होती,,, हालांकि इतना तो उसे पता ही था कि चोदने चुदवाने में बहुत मजा आता है लेकिन इस कदर आनंद आता है वह कभी सोची नहीं थी,,,, नीचे फर्श पर नजर गई तो उस पर उसके कपड़े भी करे पड़े थे उसकी पेंटी भी एक कोने में पड़ी हुई थी जिसे देखकर वह मुस्कुराने लगी,,,, थोड़ी देर में वह दो कप में चाय लेकर नंगी ही संजू के पास गई और धीरे से शर्माते संकोचाते हुए सोफे पर बैठ गई और संजू को चाय थमा दी,,,दोनों चाय की चुस्की लेने लगे,,, संजू भी पूरी तरह से नंगा था उसका लंड ढीला होने के बावजूद भी बहुत ही मोटा लग रहा था बार-बार मनीषा की नजर उसके लंड पर चले जा रही थी और चाय पीने के दौरान भी मनीषा के नंगे बदन को देख रहा था,,,,,
Sanju or manisha

थोड़ी देर में मनीषा खाली कब लेकर अपनी जगह से उठी और किचन की तरफ आगे बढ़ गई उसे शर्म तो बहुत आ रही थी लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था गोरी गोरी गांड पानी भरे गुब्बारे की तरह आपस में रगड़ खाते हुए इधर-उधर हो रही थी जिसे देख कर संजू के तन बदन में आग लग रही थी,,,,, मनीषा खाली कब को धोकर बाथरूम में चली गई और पेशाब करने लगी,,,, पेशाब करने के बाद बड़े अच्छे से अपनी चूत को साबुन लगाकर साफ की और टावल से पोछकर नंगी ही बाथरूम से बाहर आ गई,,,, देखते ही देखते 10:00 बज गए थे,,,, मनीषा खाना लगा रही थी और समझो वही कुर्सी पर बैठकर मनीषा के नंगे बदन को देख रहा था नंगी होने के बाद मनीषा स्वर्ग से उतरी अप्सरा नजर आ रही थी बेहद खूबसूरत घटिला और कसेला बदन,,,, और उसकी खूबसूरती बढ़ा रही है उसकी संतरे जैसी चूचियां सब कुछ उसे और भी ज्यादा खूबसूरत बना रही थी संजू उसे ही देखे जा रहा था,,, मनीषा खाना परोस रही थी और आगे से उसकी मदमस्त कर देने वाली संतरे जैसी चूचियां बहुत खूबसूरत लग रही थी जिससे जी भर कर खेलने के बाद भी संजू की प्यास बुझी नही थी इसलिए वह डाइनिंग टेबल पर दोनों हाथ की कोहनी को रखकर उसकी चूची की तरफ देखते हुए बोला,,,)


मनीषा तुम्हारी चूची देख कर ही प्यास बढ़ जाती है,,,,

क्या तुम्हें इतनी अच्छी लगती है,,,(खाना परोस ते हुए मुस्कुराकर मनीषा बोली)

मुझे तो बहुत अच्छी लगती है,,,

लेकिन मेरी तो बड़ी-बड़ी भी नहीं है फिर कैसे अच्छी लगती है और मैंने तो सुनी होगी लड़कों को बड़ी-बड़ी चूचियां पसंद है,,,,,(यह पहला मौका था जब मनीषा अपने मुंह से चूची शब्द बोल रही थी और मनीषा के मुंह से चूची शब्द सुनकर संजू का लंड तनने लगा,,)

हां ऐसा है लेकिन सबको नहीं सबकी पसंद अलग-अलग है,,,,


तुम्हें कैसी पसंद है,,,?



मुझे तो तुम्हारी पसंद है,,,,, संतरे जैसी गोल-गोल हथेली में भी पूरी तरह से आ जाती है,,,, सच मनीषा तुम्हारी चूची दबाने में बहुत मजा आ रहा था और पीने में तो पूछो मत,,,,आहहहह,,,,


चलो‌अब रहने दो चाहे जितना भी मजा ले लोगे लेकिन जी नहीं भरने वाला,,,, देख नहीं रहे हो मार मार कर एकदम (अपनी चूत की तरफ नजर से इशारा करके जो कि डाइनिंग टेबल के ऊपर इस अदा पर एकदम साफ नजर आ रही थी) सुजा दीए हो,,,,
(मनीषा के मुंह से इतना सुनकर और उसकी अदा देख कर संजू पूरी तरह से मस्त हो गया उसके लंड की एठन बढ़ने लगी,,,, और वह पागलों की तरह मनीषा की चूत की तरफ देखे जा रहा था,,,, और बोला)

यह तो मेरा प्यार है मेरी रानी अभी तो पूरा खेल बाकी है,,,

चलो रहने दो अब यह खेल में नहीं खेलने वाली,,,,

यह खेल तुम क्या तुम्हारी मां भी,,,(इतना कहने के साथ ही संजू एकदम से रुक गया और घबराहट भरे स्वर में बोला)
सससस सॉरी मनीषा मेरे मुंह से अचानक ही निकल गया,,,
(संजू के मुंह से अपनी मां का जिक्र सुनकर मनीषा पहले तो हैरानी से उसे देखती रहेगी लेकिन जब उसे इस बात का एहसास हुआ कि गलती से उसके मुंह से निकल गया है तो वह मुस्कुरा दी और कोई बात नहीं बोलकर बात को टाल दी,,,, यह बात मनीषा बिल्कुल भी नहीं जानती थी कि संजू उसकी मां को पहले ही चोद चुका है और आए दिन मौका देख कर उसकी मां खुद अपनी चूत उसके आगे परोस देती है,,,, थोड़ी ही देर में होटल से लाया हुआ खाना प्लेट में सजाकर वह भी डाइनिंग टेबल पर खाना खाने के लिए बैठ गई थी दोनों पूरी तरह से नंगी तैयार जिंदगी में पहली बार संजू भी और मनीषा भी नंगे ही कमरे में रहने का अद्भुत सुख को भोग रहे थे और सच कहा जाए तो इस अवस्था में दोनों को बेहद आनंद प्राप्त हो रहा था थोड़ी देर में दोनों खाना खाकर कमरे में चले गए क्योंकि मनीषा के साथ-साथ संजू भी नहीं चाहता था कि उन दोनों का समय बेकार में व्यर्थ हो,,,,,


बिस्तर पर सांचौर मनीषा दोनों संपूर्ण अवस्था में थे कपड़े उतारने की जय मत दोनों में से किसी को नहीं करनी थी दोनों के अंग साफ नजर आ रहे थे संजू का लंड तो लगातार अपनी औकात में ही खड़ा था जिसे देखकर मनीषा भी हैरान रह जा रही थी लेकिन इस बात की खुशी उसके मन में हो रही थी कि आखिरकार संजू का लंड खड़ा भी तो उसकी चूत की सेवा करने के लिए ही है जो कि इस समय उसकी चूत बहुत सेवा मांग रही थी,,,,, बिस्तर पर पेट के बल मनीषा लेटी हुई थी और संजू बिस्तर पर घुटनों के बल आगे बढ़ते हुए उसकी दोनों गांड की आंखों को दोनों हाथों में पकड़ कर दबाते भी उस पर चुंबन की बौछार कर दिया जिससे मनीषा के तन बदन में सावन की फुहार फूटने लगी वह मदहोश होने लगी और अगले ही पल संजू उसे पीठ के बल लिटा कर उसकी दोनों टांगों को चौड़ी करके उसकी चूत को चाटने शुरू कर दिया,,,, मनीषा मदहोश हुए जा रही थी उसकी आंखों में खुमारी छा रही थी,,, संजू अपने अनुभव से और हरकत से मनीषा को एक बार फिर से स्वर्ग का सुख दे रहा था मनीषा बिस्तर पर मछली की तरह तड़प रही थी थोड़ी ही देर में संजू अपने अद्भुत आसन का करामत दिखाते हुए उसकी दोनों टांगों के बीच जमा रहा और अपने लंड को मनीषा के होठों पर रगड़ने लगा और अगले ही पल मनीषा अपने लाल-लाल होठों को खोल कर संजू के लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने शुरू कर दी एक साथ दो-दो काम हो रहे थे दोनों एक दूसरे के अंगों को चाट रहे थे दोनों के बदन में उत्तेजना की लहर उठ रही थी दोनों वासना के तूफान में फंसते चले जा रहे थे,,,,

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संजू पर खुद का संयम था इसलिए वह खुद को संभाले हुए था लेकिन मनीषा की हालत खराब होती जा रही थी वह जल्द से जल्द संजू के लंड को अपनी चूत में ले लेना चाहती थी इसलिए वह खुद ही बोली,,,।

अब हम से बर्दाश्त नहीं हो रहा है संजू जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो,,,
(पहली बार मनीषा अपनी तड़प को अपने शब्दों में दर्शा रही थी जिसे सुनकर संजू से भी रहा नहीं गया और वह तुरंत उसकी दोनों टांगों को फैला कर उसकी गुलाबी छेद में समा गया और धक्का लगाना शुरू कर दिया,,,, संजू मनीषा को चोदना शुरु कर दिया था और हर धक्के के साथ मनीषा की आह निकल जा रही थी,,,, संजू के धक्के इतने करारे थे कि पलंग चरर मरर कर रही थी,,,,

,, दोनों चचेरे भाई बहन रात भर मजा लेते रहे,,,, मनीषा को थक कर चूर हो गई थी लेकिन संजू ना तो वरना उसे सोने दिया घर में ऐसा कोई कोना नहीं था जहां पर समझूं मनीषा को ले जाकर उसकी चुदाई ना किया हो किचन से लेकर के बाथरूम टॉयलेट पोट कर वीडियो पर बिस्तर पर कमरे के बाहर कुर्सी पर रात के 3:00 बजे तो वह मनीषा को गोद में उठाए हुए छत पर लेकर गया और छत पर पूरी तरह से अंधेरा होने पर उसका भरपूर फायदा उठाते हुए आसमान के नीचे खुले में उसकी जी भर कर चुदाई किया,,,, और फिर सुबह 6:00 दोनों नहा धोकर तैयार हो गए और नाश्ता करके अपने अपने कॉलेज के लिए भी चले गए,,,,

Manisha ki to suhagrat mana di Sanju ne 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥
 

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एक ही दिन में मनीषा ने जो संभोग के अद्भुत क्रीडा का जी भर के आनंद ली थी वह बेहद अकल्पनीय था,,,,, मनीषा कभी सोची नहीं थी कि एक ही दिन में वह कितनी बार चुदवाएगी,,,, मनीषा पूरी तरह से तृप्त हो चुकी थी और संजू भी अपनी चचेरी बहन की कुंवारी चूत को पाकर अपने आप को धन्य महसूस कर रहा था,,, संजू कभी सोचा भी नहीं था कि कुछ ही महीनों में उसे इतनी खूबसूरत हसीन चूत चोदने को मिलेगी शुरुआत मौसी से करने के बाद वह अपने आपको बेहद भाग्यशाली समझ रहा था कि वह पहली बार में ही अपनी मौसी की जी भर कर चुदाई किया था उसकी मोटी फांकों वाली चूत पाकर वह‌ धन्य हो गया था,,, वो कभी सोचा भी नहीं था कि परिवार में ही अपनी सगी मौसी को चोदने का सुख से प्राप्त होगा और यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ मौसी से शुरू होगा तो छोटी बहन पर आगे और छोटी बहन की कमसिन चूत उसे पूरी तरह से दीवाना कर गई फिर काव्या फिर अपनी सगी मां जिसकी चूत का सुख पाकर वह अपने आप को दुनिया का सबसे भाग्यशाली बेटा समझने लगा था और फिर उसके बाद अपनी ही मौसी की लड़की मनीषा सफर बेहद रोमांचक होता जा रहा था मंजिल कहां जाकर मिलेगी इस बारे में संजू को बिल्कुल भी ज्ञान नहीं था लेकिन मंजिल पर पहुंचने से पहले सफर का मजा वह पूरी तरह से उठा रहा था,,,,,


दूसरी तरफ मोहिनी की आंखों के सामने बार-बार उसकी मां का नंगा बदन नजर आता था और उस नंगे बदन पर घूमते हुए उसके भाई के हाथ होठ और उसकी रसीली चूत में घुसता हुआ उसके भाई का मोटा लंड,,,, सब कुछ याद करके मोहिनी अपने काबू में नहीं रह पा रही थी ना चाहते हुए भी उसकी आंखों के सामने अपनी मां के कमरे वाला हर एक दिल से नजर आने लगता था और यह दृश्य उसके बदन में इतनी ज्यादा मदहोशी भर देता था कि बदल की मदहोशी उसकी चूत के रास्ते से बहने लगती थी,,,, मोहिनी के मन में अब कुछ और चल रहा था अपनी मां की खूबसूरती है उसके खूबसूरत बदन को देखकर वह भी अपनी मां की तरफ आकर्षित होती चली जा रही थी उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां बड़ी बड़ी बहन गोरा नंगा बदन गजब की लंबाई लिए हुए उसका पूरा खूबसूरत बदन सब कुछ मोहिनी के दिलो-दिमाग पर अजीब सा जादू कर रहा था मोहिनी खुद भी बेहद खूबसूरत थी लेकिन उसे अपनी मां की खूबसूरती कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही थी और वह इस बात से इंकार नहीं कर पा रही थी कि उससे ज्यादा खूबसूरत उसकी मां है,,,,


santa cruz spca

जब जब अपने भाई को अपनी मां की चुदाई करते हुए देखती थी तब तक उसके मन में यही होता था कि वह भी कमरे में घुस जाए और एक साथ अपनी मां के साथ बिस्तर पर नंगी बैठकर अपने भाई के लंड का मजा ले,,,, लेकिन ऐसा करने में उसे डर महसूस हो रहा था,,,,, क्योंकि वह यह सोचकर घबरा रही थी कि अगर उसकी मां को यह सब पता चल गया तो उसकी मां उसके बारे में क्या सोचेंगी,,,, क्योंकि घर का माहौल तो कुछ दिनों से घर का माहौल पूरी तरह से संस्कारी और मर्यादा से भरा हुआ था उसकी मां की कुछ उम्मीदें थी मोहिनी से और मोहिनी है बात अच्छी तरह से जानती थी नहीं जानती थी कि अगर वह कुछ भी गलत करेगी तो उसकी मां शर्मिंदा हो जाएगी और समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं रह जाएगी इसलिए अपने आप को किसी तरह से रुकी हुई थी,,,, अपना मन इन सब बातों से हटाकर वह घर के काम में व्यस्त होने की पूरी कोशिश करती थी लेकिन नाकामयाब हो जाती थी क्योंकि बार-बार उसकी आंखों के सामने उसकी मां की बड़ी बड़ी गांड उसके भाई के मोटे तगड़े लंड पर कुदती हुई नजर आती थी,,,,। और वह मादकता से भरा हुआ नजारा वह बर्दाश्त नहीं कर पाती थी,,,,



ऐसे ही एक दिन रात के 8:00 बज रहे थे और उसकी मां गैस पर दाल चढ़ा कर पड़ोस की आंटी का हाल समाचार लेने गई थी क्योंकि वह कुछ दिनों से बीमार थी घर में केवल संजू और मोहिनी ही थे मोहिनी अपने भाई को मनाना चाहती थी एक साथ तीन-तीन लोग मिलकर चुदाई का मजा ले इसलिए और वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसका भाई मान जाएगा,,,,, इसलिए वह अपनी मां की गैरमौजूदगी में अपने भाई से बोली,,,,।

भाई तू आजकल बहुत मजा लूट रहा है मां की चूत में कुछ ज्यादा ही रस हैं ना,,,,


अरे पूछ मत मोहिनी मां की चूत तो बेहद कसी हुई है कसम से मोहिनी जब भी मम्मी की चूत में डालता हूं तो ऐसा लगता है कि किसी कुंवारी लड़की को चोद रहा हूं,,,(संजू एकदम से खुश होता हुआ बोला)


क्यों मुझे चोदने में मजा नहीं आता क्या,,,?(मोहिनी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोली)



नहीं नहीं मोहिनी ,,,, तेरी तो बात ही कुछ और है आखिर तुम भी तो मम्मी की चूत से बाहर आई है तो तु भी तो उनकी तरह ही होगी ना,,,,,


लेकिन मैं जानती हूं भाई मम्मी मुझसे ज्यादा खूबसूरत है मैं तेरे साथ मम्मी को देख चुकी हूं मम्मी का नंगा बदन खूबसूरत चूची बड़ी-बड़ी गांड एकदम गठीला बदन,,,, मम्मी मेरे से भी ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी है तभी तो तू रोज रात को मम्मी को चोदता है,,,


लेकिन तेरे को चोदने के बाद ही तो जाता हूं,,,,


जाता तो है ना,,,,


मुझे समझ में नहीं आ रहा है तु कहना क्या चाहती है,,,



मैं कहना चाहती हूं कि जो रोज तू रात को मम्मी के रूम में जाकर खेल खेलता है उस खेल में मैं शामिल होना चाहती हुं,,,,
(मोहिनी की बात सुनकर संजू एकदम से हैरान होता हुआ बोला)


क्या,,, पागल हो गई हो क्या तु,,,, तुझे कुछ समझ में आ रहा है कि तू क्या बोल रही है अगर तू कमरे में आ गई तो समझ लो हम दोनों के बीच क्या चल रहा है मम्मी को पता चल जाएगा,,,,


तो क्या हुआ भाई मैं भी तो जानती हूं कि तेरे और मम्मी के बीच क्या चल रहा है,,,,


मैं सब समझता हूं तू क्या कहना चाह रही है लेकिन हम दोनों के बीच क्या चल रहा है अगर यह मम्मी को पता चल गया तो मम्मी के साथ यह धोखा होगा मम्मी हम दोनों से बहुत उम्मीद लगाए बैठी है,,,, उन्हें पता चल जाएगा कि हम दोनों एक साथ कमरे में सो कर क्या करते हैं,,,,


तो इसमें क्या हो गया भाई एक न एक दिन तो मम्मी को पता ही चल जाने वाला है,,,,


नहीं मोहिनी मैं बिल्कुल भी नहीं चाहता कि मम्मी कौन दोनों के बारे में कुछ भी पता चले या मम्मी को इस तरीके से धोखा तो नहीं देना चाहता,,,


वाह भाई एक तरफ रोज मम्मी की चुदाई भी करते हो दूसरी तरफ कहते हो कि मम्मी को धोखा नहीं देना चाहता,,,,,


देख मोहिनी तू समझने की कोशिश नहीं कर रही है,,,, तू जो बोल रही है सुनकर मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है और सच कहूं तो मैं भी उत्सुक हूं एक साथ दो दो की चूत लेने के लिए मम्मी की भी और तेरी और सोच कितना मजा आएगा जब एक साथ में मम्मी की भी लूंगा और तेरी भी लूंगा एक ही बिस्तर पर तुम दोनों को नंगी करके,,,,, चोदुंगा,,,,, लेकिन मम्मी को इस बारे में बिल्कुल भी भनक तक नहीं है कि हम दोनों के बीच कुछ चल रहा है मम्मी तुझसे बहुत प्यार करती है तू ही सोच अगर मम्मी को इस बारे में पता चल गया कि उनके पीठ पीछे उनकी लड़की अपने ही भाई से चुदवा रही है तो उन पर क्या बीतेगी,,,, मेरा और मम्मी के बीच जो कुछ भी हुआ वह तो समझ लो एक तरह से अनजाने में ही आकर्षण हुआ है,,,, मैं मम्मी को पापा की मार से बचाने जाता था और मम्मी आपके जैसे कपड़ों में रहती थी इसी तरह से हम दोनों की आंखें चार हुई और फिर यह सब सिलसिला शुरू हो गया लेकिन तुम्हारे और मेरे बीच में जो चल रहा है इसके बारे में मम्मी को क्या बताऊंगा,,,,


(संजू चाहे कुछ भी हो अपनी मां की इज्जत करता था उसका सम्मान करता था भले ही अपनी मां के शरीर का आकर्षण उसे इस कदर हो गया था कि आज उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गया था लेकिन वह किसी भी हालत में या नहीं बताना चाहता था कि उसकी और उसकी छोटी बहन के बीच भी यही सिलसिला ना जाने कब से शुरू है क्योंकि यह खुलासा होने पर उसकी मां का दिल टूट जाता था वह दुखी हो सकती थी अपनी बेटी से वह इस तरह की उम्मीद बनाकर कभी नहीं रखी थी वह चाहती थी कि उसकी बेटी भी उसी गंदी लड़कियों की तरह बिल्कुल भी ना हो,,,,, एक तरफ संजू मोहिनी को समझाने की पूरी कोशिश कर रहा था लेकिन मोहिनी अपनी मां की खूबसूरत बदन के आकर्षण में और एक साथ बिस्तर पर अपनी मां के साथ नंगी होकर अपने भाई से चुदाई का आनंद लूटने की लालच में वह कुछ भी समझने को तैयार नहीं थी,,,और, फिर भी मोहिनी जब नहीं मानी तो समझो बोला,,,,)

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देख मोहिनी जो तू कह रही है वैसा करने में मुझे भी बहुत मजा आएगा लेकिन जो कुछ भी करना है तुझे ही करना है अब मम्मी को कैसे समझाना है यह तू जाने और तेरा काम मैं सिर्फ दरवाजा खुला छोड़ दूंगा उसकी कड़ी नहीं लगाऊंगा और मौका देख कर तू भी कमरे में आ जाना,,,, देखता हूं फिर क्या होता है,,,,

(अपने भाई की बात सुनकर मोहिनी खुश हो रही थी क्योंकि उसे अपने भाई की तरफ से हरी झंडी मिल गई थी वहां रात को अपनी मां के कमरे में जा सकती थी और फिर जैसा वह चाहती थी वैसा हो सकता था बस मोहिनी को अपने तरीके से काम लेना था जो कि मोहीनीको अच्छी तरह से आता था,,,, संजू अपनी बहन के पास था उसे अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था एक साथ दो दो चूत को चोदने का या उसके पास पहला मौका था और वह इस अवसर को गवाना भी नहीं चाहता था और किसी भी तरह से अपनी मां को नाराज भी नहीं करना चाहता था इसलिए सब कुछ मोहिनी के हाथों में छोड़ दिया था,,,,, थोड़ी ही देर में आराधना भी घर पर आ गई और खाना बनाकर समूह पर तीनों ने भोजन भी कर लिया,,,,, आज संजू मोहिनी की चुदाई किए बिना 12:00 बजते ही अपनी मां की कमरे में चले गया वह जानबूझकर अपनी बहन को चोदा नहीं क्योंकि वह जानता था कि जमकर चुदाई करने के बाद उसकी बहन को गहरी नींद आ जाती है और वह ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहता था इसलिए अपनी मां के कमरे में जाते ही मैं दरवाजा तो बंद कर दिया था लेकिन अपनी मां की नजर से बचाकर कड़ी को बंद नहीं किया था वैसे ही खुला छोड़ दिया था,,,,, 12:00 बजने के बावजूद भी आराधना की आंखों में नींद बिल्कुल भी नहीं थी वह बड़ी बेसब्री से अपने बेटे का इंतजार कर रही थी और अपने बेटे को अपने कमरे में आता देखकर पूरी तरह से उत्साहित हो गई थी और इस उत्साह में उसकी चूत भी पूरी तरह से शामिल थी,, जोकी खुशी के मारा बह रही थी,,,।
Fantastic update
 

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मोहिनी का दिल बड़े जोरों से धड़क रहा था वह अपने कमरे से निकलकर अपनी मां के कमरे के बाहर खड़ी हो गई थी संजू ने बड़ी चालाकी से दरवाजे को बंद तो कर दिया था लेकिन उसकी कड़ी नहीं लगाया था दरवाजा पूरी तरह से खुला छोड़ रखा था,,,, क्योंकि एक तरह से खुला दरवाजा अपनी बहन के लिए आमंत्रण था कि वह किसी भी वक्त मौका देखकर अंदर आ सकती है,,,,, संजू के दोनों हाथ में घी के लड्डू थे जिससे वह अपनी भूख मिटा रहा था,,, दरवाजे को खुला छोड़ने में संजू का दील भी बड़े जोरों से धड़क रहा था,,,,,, क्योंकि उसे इस बात का अहसास हो चुका था कि अद्भुत आनंद प्राप्त होने वाला है,,,,।


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हर दिन की तरह आज भी आराधना की आंखों में नींद नहीं थी उसे अपनी बेटी का नशा हो गया था उसके मर्दाना अंग को अपने अंदर लेकर जो अद्भुत मदहोशी का वह एहसास करती थी उस एहसास में वह पूरी तरह से डूब चुकी थी और वह उस एहसास में रोज जीना चाहती थी इसीलिए तो आज भी वह जाग रही थी,,, दरवाजे की खुलने की आवाज से ही उसकी चूत में थइरकन होने लगती थी,,, उसकी चूत भी अपने साजन से मिलने की राह देखती रहती थी और जैसे ही दरवाजा खोलने की आवाज होती थी उसकी चूत एकदम खुशी के मारे फुदकने लगती थी,,,,,,,, दरवाजा बंद होने की आवाज सुनते ही बिस्तर पर लेटी हुई आराधना सर उठाकर संजू की तरफ देखने लगी उसके होठों पर मादक मुस्कान थी,,,, औरतों की मुस्कान की भी एक अलग कहानी होती है मुस्कान भी अलग अलग तरीके की होती है,,,, किसी परिचित से मिलने की अलग मुस्कान किसी खास से मिलने की अलग मुस्कान किसी जगह पर पहुंच जाने की अलग मुस्कान और ऐसे शख्स को देखकर जिसके साथ शारीरिक संबंध बनाना है औरत की मुस्कान कुछ अलग ही किस्म की हो जाती है उसकी मुस्कान देख कर ही मर्द का लंड खड़ा हो जाए कुछ ऐसा ही संजू भी महसूस कर रहा था अपनी मां के लाल लाल होठों को देखकर और उसे मुस्कुराता हुआ देखकर संजू के लंड में हरकत होने लगी,,,,,,, वह अपनी मां के बिस्तर की तरफ आगे बढ़ते हुए बोला,,,,।



हाय मेरी जान तेरी आंखों में नींद नजर ही नहीं आती,,,

कैसे आएगी मेरे राजा तेरा इंतजार जो करती रहती है,,,


तू मेरी रानी इंतजार खत्म हुआ,,,, देख तेरा सैयां तेरे सामने खड़ा है,,,,,

(अपने बेटे की बात सुनकर आराधना मुस्कुराने लगी और दरवाजे के पीछे खड़ी मोहिनी दरवाजे की पतली दरार में से इस अदभुत मिलन और उन दोनों की कामलीला से भरपूर बातों को सुनकर मदहोश हुए जा रही थी,,,, वह मौके की तलाश में थी मौका मिलते ही वह कमरे में प्रवेश कर जाने वाली थी और फिर सारी बाजी अपने हाथ में लेकर एक अद्भुत काम क्रीड़ा को अंजाम देने वाली थी,,,,, आराधना अपने बेटे के लंड से पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी उसके आकर्षण में पूरी तरह से खो चुकी थी इसलिए बिस्तर के करीब आते ही वह संजू के पैजामा को दोनों हाथों से पकड़ कर तुरंत नीचे कर दी और अपने बेटे के टनटनाए लंड को देखकर मुस्कुराने लगी,,, और अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपने बेटे के बमपिलाट लंड को अपने हथेली में भरते हुए बोली,,,,)




देख तो तेरा लंड कितना पागल हुआ जा रहा है मेरी चूत से मिलने के लिए,,,,


फिर देर किस बात की है मम्मी मिला दो अपनी चूत से और गर्म कर दो मेरे लंड को ताकि अंदर का जमाना बा पूरी तरह से पिघल कर तुम्हारी चूत को भर दे,,,,

ऐसा ही होगा मेरे बेटे लेकिन पहले तेरे लंड से खेलने तो दे,,,ऊममममम,,,(लंड के आलूबुखारे जैसे मोटे सुपाडे को अपनी गाल पर रगडते हुए,,,)आहहहहहह कितना गर्म है रे तेरे लंड की गर्मी से तो मेरी चूत पिघल रही है,,,,,।


इसका काम ही यही है मम्मी औरतों की चूत को पिघलाना,,, और अगर ऐसा ना कर पाया तो लंड किस बात का,,,


सच कह रहा है तू बेटे लंड का काम यही होता है हम औरतों को मस्त कर देना जैसा कि तू कर रहा है,,,,‌ससहहहहह आहहहहह (लंड के मोटे सुपाड़े को अपने लाल-लाल होठों पर रगडते हुए,,,)

अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा मम्मी इसे अंदर ले लो,,,(मदहोश होता हुआ संजू बोला)

बर्दाश्त तो मुझसे भी नहीं हो रहा है मेरे बेटे तेरा सांड जैसा लंड मुझे पागल बना रहा है,,,,


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अगर ऐसा है तो सीधे अपनी चूत में ही ले लो,,,



नहीं मेरे राजा जल्दबाजी में मजा नहीं आता है मजा तो धीरे-धीरे आता है जैसे कि शराब का नशा और सच कहूं तो तेरे से चुदवाने में जो मजा जो नशा चाहता है मैंने तो कभी आज तक इस तरह की कल्पना भी नहीं की थी तेरे साथ मुझे बहुत मजा आता है,,,,



मुझे भी बहुत मजा आता है मम्मी,,,,,
आहहहहहहहह,,,,(इतना कहना था कि संजू के मुंह से आह निकल गई क्यों की आराधना तुरंत अपने बेटे के लंड को उसके सुपाड़े को मुंह में भर ली थी,,,,, दोनों की इस कामलीला को देखकर दरवाजे के बाहर खड़ी मोहिनी बेसब्र हुए जा रही थी उसे सब्र कर पाना मुश्किल हुआ जा रहा था लेकिन अभी भी वह मौके की तलाश में थी,,,, वह अपने भाई और अपनी मां की कामलीला को थोड़ा और निहारना चाहती थी और उसे देखकर गर्म हो जाना चाहती थी वैसे तो इस समय भी मोहिनी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी उसकी चूत से काम रस टपक रहा था,,,,, मोहिनी को दरवाजे की पत्नी दरार में से अंदर का नजारा एकदम साफ नजर आ रहा था कि मैं की आंतरिक लाइट जल रही थी ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में उसकी मां और उसका बड़ा भाई दोनों कामलीला में तल्लीन हो चुके थे मोहिनी साफ तौर पर देख पा रही थी कि उसकी मां की हरकत उसके भाई को कितना मदहोश कर रही थी संजू की आंखें पूरी तरह से बंद हो चुकी थी,,,, उसका एक हाथ कमर पर था दूसरा हाथ आराधना के सर पर और धीरे-धीरे वह अपनी कमर को हीला भी रहा था बेहद अद्भुत और कामोत्तेजना से भरपूर इस नजारे को देखकर मोहिनी सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को रगड़ रही थी,,,,,,, मोहिनी की सांसे ऊपर नीचे हो रही थी हालांकि इस तरह के सुख को वह भी रोज भोगती थी लेकिन अपनी आंखों के सामने अपनी मां को इस हाल में देख कर,,,, वैसे तो वह अब रोज ही अपनी मां को इस हाल में देखती ही थी लेकिन आज की बात कुछ और थी आज वह खुद इस खेल में सहभागी होने वाली थी इसलिए उसके बदन में कुछ अजीब सी हलचल हो रही थी,,,,



देखते ही देखते आराधना अपने बेटे के मुंह से जैसे लंड को पूरा गले तक उतार ली थी और कुछ सेकेंड तक उसे अंदर ले कर,,,गगगगगगग,,गहगगगगग जैसी कामुक आवाज अपने मुंह से निकालकर लंड को बाहर कर दे रही थी,,,, लंड जैसे कि मुंह से बाहर आता था एकदम देखने लायक हो जाता था क्योंकि आराधना अपने थुक और लार से उसे पूरी तरह से गिला कर देती थी जो कि उसके लंड से टपकता था,,, और अपने भाई के लंड को इस हाल में देखकर मोहिनी की चूत में पानी आ जाता था,,,।


कमरे के अंदर का माहौल पूरी तरह से गरमा गया था ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में सब कुछ साफ नजर आ रहा था आराधना को इस बात का अहसास तक नहीं था कि दरवाजे के पीछे से उसकी बेटी उसकी कामलीला को अपनी आंखों से देख कर मस्त हो रही है,,,,,, संजू अपनी कमर को होले होले से हिलाता हुआ अपने दोनों हाथों का सहारा लेकर अपनी टीशर्ट को निकाल कर फेंक दिया उसकी मजबूत चौड़ी छाती देखकर मोहिनी के मुंह में हमेशा पानी आ जाता था क्योंकि जब भी वह अपने भाई के नंगे छाती को देखती थी तब तब उसे अपने पूरे वजूद को अपने भाई की छाती में समा लेने का मन करता था,,,,, एक तरफ आराधना अभी भी पूरी तरह से अपने बेटे के लंड को मुंह में लेकर उसे पूरी तरह से गर्म करने में लगी हुई थी और दूसरी तरफ संजू थोड़ा सा नीचे झुक कर अपनी मां की साड़ी को पैरों से ऊपर की तरफ उठा रहा था और देखते ही देखते संजू की मेहनत रंग लाने लगी और साड़ी धीरे-धीरे उसकी जांघों तक आ गई जानू के नीचे तक हुआ बेशुमार खूबसूरती से भरी हुई थी कोई अनजान मर्द अगर केवल इतना भर देख ले तो भी उसका लंड पानी फेंक दें इस कदर आराधना गदराई जवानी से भरी हुई थी,,,,,,, दूसरे मर्दों की तो छोड़ो अपनी मां की गोरी गोरी मोटी जांघों को देखकर खुद समझो का मन ललचा रहा था और वह गर्म आह भरते हुए अपनी मां की मोटी मोटी जांघों को अपनी हथेली से सहला रहा था,,,,।


सहहहरह आहहहहह,,,, मम्मी तुम्हारी जांघें कितनी खूबसूरत है,,,, मन करता है अपने लंड को तुम्हारी गोरी गोरी जांघों पर रगडता रहूं,,,,,ऊफफ,,,,,,,(कस के अपनी मां की जान को अपनी हथेली में भरते हुए) जी करता है खा जाऊं,,,,,,

(अपने बेटे की बातों का उसकी हरकत का आराधना पर भी असर पड़ रहा था वह पागलों की तरह अपने मुंह को आगे पीछे करके अपने बेटे के लंड को अपने मुंह से ही हस्तमैथुन वाला मजा दे रही थी,,,,,,, जिससे रह-रहकर संजू के मुंह से गर्म सिसकारी फूट पड़ती थी,,,, कुछ देर तक आराधना इसी तरह से अपने बेटे के लंड का मजा लूटती रही लेकिन अब वह भी खुल जाना चाहती थी क्योंकि जिस खेल को वह खेल रही थी उस खेल को खेलने में उसके बदन के वस्त्र बाधा रूप बन रहे थे और वह अपने इस बाधा को दूर कर देना चाहती है इसलिए अपने बेटे के लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल कर वहां धीरे से बिस्तर पर बैठ गई हो खुद ही अपने ब्लाउज का बटन खोलने लगी,,,, यह देखकर मोहिनी अपने मन में बोली,,,


साली मम्मी कितनी छिनार है दोपहर में तो दुनिया के सामने मेरे सामने कितनी सीधी-सादी बनी रहती है और रात को पूरी तरह से रंडी बन जाती है देखो तो सही कैसे उतावली हुए जा रही है अपने हाथ से अपने ब्लाउज का बटन खोल रही है,,,,,(एक तरफ आराधना अपने ब्लाउज के बटन खोल रही थी तो दूसरी तरफ जांघों पर अटकी हुई अपने पजामे को तेरे से अपने पैरों से निकाल कर नीचे फेंक दिया अब वह अपनी मां की आंखों के सामने पूरी तरह से नंगा हो गया था उसका मोटा तगड़ा लंबा लंड आराधना के ठोक और लार में डूब कर और भी ज्यादा भयंकर और मजबूत लगने लगा था,,,, संजू अपनी मां की तरफ देख रहा था वह अपने ब्लाउज के आखिरी बटन को खोल रही थी लेकिन उत्तेजना बस खोल नहीं पा रही थी तो संजू आगे बढ़ता हुआ बोला,,,)




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हाय मेरी रानी यह काम तो मेरे ऊपर छोड़ दो तुम्हारे बदन से कपड़े उतार कर नंगी करना मेरा काम है तुम्हारा नहीं,,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां के ब्लाउज के आखिरी बटन पर रखकर अपनी उंगलियों के सहारे से खोलने लगा,,,, और आराधना अपने बेटे के खड़े लंड को हाथ में लेकर उसे मुठियाने लगी मानो कि जैसे अपनी चूत में लेने से पहले उसमें धार दे रही हो,,,,, देखते-देखते संजू अपनी मां के ब्लाउज के बटन को खून कर उसके ब्लाउज को उसकी बांहों से निकालकर अलग कर दिया,,,,, लेकिन अभी भी छातियों की शोभा बढ़ा रहे दोनों खरबूजा लाल रंग की ब्रा के पर्दे में छिपे हुए थे और बाहर आने के लिए आतुर नजर आ रहे थे,,,,, संजू अपने दोनों हाथों को अपनी मां के पेट की तरफ ले जाते हुए बोला,,,)


कसम से मम्मी लाल रंग की ब्रा में तुम्हारी गोरी गोरी चूचीयां बहुत खूबसूरत लगती है मेरा तो मन नहीं करता पूरा उतारने का,,,
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तो उतार क्यों रहा है,,,(लंड की जड़ को अपनी उंगलियों के सहारे पकड़कर हिलाते हुए बोली)

क्या करु मम्मी मजबूर हूं तुम्हारी चूचियों को दबा दबा कर मुंह में लेकर पीने में मजा बहुत आता है,,,,(ब्रा के हुक को खोल कर अपनी मां की बाहों में से उसे निकालते हुए) तुम्हारी जैसी खूबसूरत चूची मैंने आज तक नहीं देखा एकदम कसी हुई तनी हुई खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी,,,, सच में ईन्५ पीने का मजा ही कुछ और है,,,(ब्रा को उतारकर बिस्तर के नीचे फेंकते हुए,,,,, और फिर अपनी मां की नंगी चूची को दोनों हाथों से पकड़कर उसे जोर-जोर से दबाते हुए खुद अपनी मां के ऊपर चढ़ने लगा और आराधना देखते ही देखते पीठ के बल बिस्तर पर लेट गई और संजू नंगा ही अपनी मां की कमर के इर्द-गिर्द अपने पैर के घुटने रखकर अपनी मां के ऊपर बैठ गया और उसकी छाती को दोनों हाथों से पकड़कर झकझोर ने लगा,,,,,


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आराधना को अपने बेटे के बेदर्दी बनने में भी बहुत मजा आ रहा था संजू पागलों की तरह अपनी मां की चूची को दशहरी आम समझकर जोर जोर से दबा रहा था और आराधना गरमा गरम सिसकारी ले रही थी संजू इस बात को अच्छी तरह से जानता था कि दरवाजे पर खड़ी उसकी बहन सब कुछ देख रही है और इस बात का एहसास भी उसे अच्छी तरह से ताकि उसकी बहन भी पूरी तरह से चुदवासी हो गई है और यह सोचकर तो उसका लंड और भी ज्यादा कड़क हो गया कि एक साथ दो दो चूत में अपना लंड डालेगा,,,,,

apne bete k intejar me aradhna


आराधना पागल हुए जा रही थी एक तरफ संजू इस तन मन धन से अपनी मां को पूरी तरह से मस्त किए हुए थे और दूसरी तरफ से अपने लंड के सहारे उसकी गर्मी को और ज्यादा बढ़ा रहा था क्योंकि जिस तरह से समझो उसके ऊपर बैठा हुआ था उसका लंड पूरी तरह से नाभि से लेकर के उसकी चूची तक अपना असर दिखा रहा था जिसे बार-बार आराधना अपने हाथ में लेकर पकड़ ले रही थी,,,, संजू से अपनी मां की जवानी बर्दाश्त नहीं हो रही थी और वह स्तन मर्दन के साथ-साथ स्तन चूसाई का भी मजा लेने लगा वह नीचे झुका और अपनी मां की चूची को मुंह में लेकर पीना शुरु कर दिया खासकर के चूची की शोभा बढ़ा रहे उसके भूरे रंग के खजूर को पूरी तरह से मुंह में लेकर खींच खींच कर पीना शुरु कर दिया मानो कि जैसे उस में से दूध निकल रहा हो,,,,, और आराधना मस्ती के सागर में गोते लगाने लगी,,,,।
Aradhna apne baalo ko sawarte huye ekdam nangi

सहहहह आहहहहह मेरे राजा मेरा संजू बेटा बहुत मजा दे रहा है तू जोर जोर से पी,,,आहहहहह आहहहहहहहह,,,
(आराधना बिस्तर पर मछली की तरह तड़प रही थी और संजू अपनी मां की तरफ देखकर पूरी तरह से जोश में आ चुका था,,,,, कमर के ऊपर नंगी हो चुकी आराधना कमर के नीचे अभी भी वस्त्रों में थी और कुछ देर तक संजू अपनी मां की चूची से खेलने के बाद अपनी मां को नंगी करने के उद्देश्य से उसके ऊपर से उठा और उसके कमर में ठुशी हुई साड़ी की गांठ को खोलने लगा,,,,

दरवाजे पर खड़ी मोहिनी इस गरमा गरम नजारे को देखकर पूरी तरह से गिली हुई जा रही थी उसकी जवानी रस छोड़ रही थी,,,, मोहिनी को समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें वह पागल हुए जा रही थी दरवाजे पर खड़े होकर अंदर के गरमा गरम दृश्य को देखना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था,,,, वह भी इस काम दिला के खेल में भाग लेना चाहती थी मजा लेना चाहती थी अपनी मां के साथ मिलकर जवान लंड से चुदवाना चाहती थी,,,, लेकिन अभी भी ना जाने क्या सोचकर उसके कदम दरवाजे पर ही जमे रह गए थे और बंदर के दिल से को अपनी आंखों से देख कर पागल हो जा रही थी,,,,, संजू बिस्तर के नीचे खड़ा हो चुका था उसकी मां भी भी पेट के बल लेटी हुई थी और अपने बेटे की क्रिया कलाप को देख रही थी और अंदर ही अंदर उत्तेजित हो रही थी क्योंकि उसका बेटा उसकी साड़ी को खोल रहा था,,,, एक औरत के लिए यह पल बेहद उत्तेजना आत्मक या तो शर्मनाक होता है शर्मनाक इसलिए कि अगर उसकी साड़ी को कोई गैर इंसान जिसे वह जानती ना हो पहचानती ना हो और वह उसकी सारी खोल रहा हो तो ऐसी औरतों को शर्मिंदगी का अहसास होता है लेकिन उसी औरत के परिचित जिसके साथ वह खुल चुकी है शारीरिक संबंध बना चुकी है ऐसा शख्स जब उस औरत की साड़ी को खोलता है तो उसके एवज में उसकी खुद की चूत पानी छोड़ने लगती है आनंद के मारे और यही आराधना के साथ भी हो रहा था और पूरी तरह से गीली हो चुकी थी उसकी पूरी संपूर्ण चुत चिपचिपा हो गया था,,,,।
Aradhna panty badalte huye



संजू अपनी उंगलियों की फुर्ती दिखाते हुए अपनी मां की साड़ी खोलकर उसे कमर से अलग करने लगा था और देखते ही देखते संजू अपनी मां की साड़ी उतार कर नीचे जमीन पर फेंक दिया था उसकी आंखों के सामने उसकी खूबसूरत मां पेटीकोट में थी जिसमें वह बला की खूबसूरत लग रही थी लेकिन जल्द से जल्द संजू अपनी मां को संपूर्ण रूप से नंगी कर देना चाहता था क्योंकि वह जानता था नंगी होने पर उसकी मां स्वर्ग से उतरी अप्सरा से कम नहीं लगती,,,,, इसलिए वह तुरंत ही अपनी मां के पेटीकोट की दूरी पर अपना हाथ रख दिया और उसे खोलने की तैयारी में ही था कि उसके हाथ को पकड़कर इशारों में ही उसकी मां उसे रोकने लगी संजू ऐसे तो रुकने वाला नहीं था लेकिन अपनी मां की आंखों में उसे 4 बोतलों का नशा नजर आ रहा था मदहोशी से भरी हुई आंखें संजू को अपने अंदर डूब के लिए चली जा रही थी संजू अपनी मां की कारी कजरारी आंखों में पूरी तरह से खो गया,,,, आराधना का चेहरा उत्तेजना से तमतमा रहा था इस समय वह काम की देवी तक रही थी पूरी तरह से उत्तेजना से भरी हुई मदहोशी उसके हर एक अंग से टपक रही थी वह संजू का हाथ पकड़े हुए ही बिस्तर पर एकदम से खड़ी हो गई और संजू की आंखों में देखते हुए खुद अपने दोनों हाथों को अपनी पेटीकोट की दूरी पर रखकर एक हाथ से पेटीकोट की डोरी को खींच ली और तुरंत ही पेटीकोट कमर से एकदम ढीली हो गई संजू देखता ही रह गया अपनी मां की मदहोश कर देने वाली अदा को देखकर वह पूरी तरह से पागल हुआ जा रहा था,,,,,,,, इस तरह की अदाकारी को उसने आज तक फिल्मों में देखा था लेकिन आज अपनी आंखों के सामने अपनी मां का नया रूप देख रहा था वह पूरी तरह से कामुकता के सागर में डुबकी लगाते हुए अपने बेटे को साथ में लिए जा रही थी उसकी आंखों में नशा छा रहा था होठो पर थरथराहट थी लेकिन थरथराहट भरे होठों से भी वह संजू को अपने पास बुला रही थी अभी तक उसकी हाथों में पेटीकोट की डोरी थी जिसे वह अपने हाथों से छोड़कर पेटीकोट को उसके कदमों में गिरने पर मजबूर कर दी पलक झपकते ही पेटीकोट मानो सब कुछ त्याग कर उसके कदमों में जा गिरी थी और ऐसा अद्भुत दृश्य उसकी आंखों के सामने नजर आया था जिसे देखकर संजू का लंड 10 गुना और ज्यादा कड़क हो गया था,,, पेटीकोट के कदमों में गिरते ही आराधना संपूर्ण रूप से नंगी हो गई थी मात्र उसके बदन पर छोटी सी लाल चड्डी थी जो कि उसके बेश कीमती खजाने को छुपा रही थी,,,,,,,,,

आराधना अपने बेटे की आंखों में अपनी जवानी की चमक देखकर मंद मंद मुस्कुरा रही थी और खुश हो रही थी वह अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसकी जवानी का असर उसके बेटे पर पूरी तरह से हो रहा है क्योंकि वह देख रही थी कि उसका लंड ठुनकी ले रहा था,,,, अपने बेटे के बदन में और ज्यादा आग लगाते हुए आराधना अपनी टांग को धीरे से हल्का सा खोली और,,,,, अपनी चूत को मखमली चड्डी सहित अपने बेटे के सामने अपनी कमर को आगे की तरफ करके परोस दी यह देखकर संजू अपनी उत्तेजना पर काबू नहीं रख पाया और तुरंत जानू के इर्द-गिर्द अपनी बाहों को लपेटकर वह अपनी मां की चूत को चड्डी के ऊपर से ही चूमना शुरू कर दिया,,,,,,,,,, अपने बेटे की हरकत से आराधना के बदन में और ज्यादा उत्तेजना की चिंगारी फूटने लगी हो पागलों की तरह अपने बेटे के सर को बालों से पकड़कर अपनी कमर को अपनी चूत को जोर-जोर से अपने बेटे के मुंह पर मारने लगी मानो कि एक मर्द औरत की चुदाई कर रहा हूं उसकी कमर बड़े जोरों से चल रही थी वह अपनी चूत को बार-बार अपने बेटे के मुंह पर पटक रही थी और अपनी मां की हरकत पर संजू पूरी तरह से मदहोश हुआ जा रहा था दरवाजे पर खड़ी मोहिनी इस दृश्य को देखकर पागल हुए जा रही थी उसकी आंखें फटी की फटी रह जा रही थी वह अपनी मां को देखकर समझ नहीं पा रही थी कि वास्तव में कमरे के अंदर जो औरत है वह उसकी मां ही है या कोई और है क्योंकि अपनी मां को आज तक उसने इस रूप में नहीं देखी थी पहले ही हर रात को अपने बेटे से चुदाई करवाते हुए मोहिनी देख रही थी लेकिन इस तरह का रूप नहीं देखी थी क्योंकि ऐसा लग रहा था कि जैसे इस खेल की बागडोर को वह अपने हाथों में ले ली हो,,,,,


पहले से ही काम रस में भीग चुकी चड्डी को संजू अपनी जीभ से चाट चाट कर और ज्यादा गिला कर रहा था लेकिन आराधना चाहती थी कि उसका बेटा उसकी नंगी चूत पर अपनी हॉट रखकर चाटे अपनी जीभ को उसकी चूत में डालकर उसकी मलाई को चाटे इसलिए अपने दोनों हाथों को अपनी कमर पर रखकर उंगलियों को चड्डी में फंसा कर उसे उतारने की तैयारी में थी कि संजू अपनी मां की हरकत को देखकर खुद अपनी मां की चड्डी को दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे उतारना शुरू कर दिया देखते ही देखते संजू अपनी मां की चड्डी को घुटने तक उतार कर रख दिया,,,,, आराधना खुमारी भरी आंखों से अपने बेटे को देख रही थी संजू भी अपनी मां की आंखों में ही देख रहा था दोनों की नजरें आपस में टकरा चुकी थी और नजरों ही नजरों में एक अद्भुत आकर्षण पैदा हो रहा था दोनों मदहोश हो जा रहे थे आराधना घुटनों तक आई चड्डी को अपने पैर के सहारा देकर उसे उतारने लगी और अपने पैसे निकालकर चड्डी को एक झटका मार कर फेंक दी और चड्डी जाकर सामने दीवार के कोने में गिर गई,,,,,,, अपनी मां की अद्भुत काम देना को देखकर मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था वह जल्द से जल्द इस खेल में शामिल हो जाना चाहती थी,,,,,,

आराधना पागल हो जा रही थी वह थोड़ा सा अपनी कमर को नीचे झुका कर अपने बेटे के बाल को पकड़ी हुई थी उसकी चूत ठीक संजू के होठों के सामने थी दोनों के बीच केवल 1 फीट की ही दूरी रह गई थी आराधना को ना जाने क्या सूझा कि उसकी चूत से पेशाब की धार फूट पड़ी और सीधे जाकर संजू के मुंह पर गिरने लगी,,,,, पल भर में यह क्या हो गया ना तो आराधना को समझ में आ रहा था ना तो संजू को संजू ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी मां उसके साथ इस तरह की हरकत करेगी अपनी इस हरकत से आराधना ने अपने बेटे को पूरी तरह से मस्त कर दी थी मदहोश कर दी थी पल भर में ही 10 गुना चुदवासा हो गया था वह,,,,,

आराधना को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो गया आराधना जानबूझकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहती थी क्योंकि वह एक समझदार पढ़ी-लिखी और संस्कार ही औरत थी वह कभी सपने में भी ऐसा हरकत करने को सोच नहीं सकती थी लेकिन उसने जना की चलती वह पूरी तरह से विवश हो चुकी थी मजबूर हो चुकी थी अनजाने में ही उसकी चूत से पेशाब का फव्वारा फूट पड़ा था,,, जो कि सीधे संजू के होठों के अंदर धार गिर रही थी आराधना अपने आप को रोक नहीं पाए वह अपनी पेशाब को रोकना चाहती थी पूरा दम लगाकर रोकना चाहती थी लेकिन एक बार पेशाब की धार पहुंचने पर उसे रोक पाना मुश्किल हुआ जा रहा था,,,, देखने वाले को तो यही लग रहा है होगा कि जानबूझकर आराधना अपने बेटे के मुंह में मुत रहि‌ है,,,,, और मोहिनी को भी ऐसा ही लग रहा था मोहिनी तो इस नजारे को देखकर पूरी तरह से पागल हो गई,,,, वह अपनी मां की हरकत पर पूरी तरह से हैरान थी आज तक तो उसने अपने भाई के साथ ऐसा नहीं की थी लेकिन उसकी मां पूरी तरह से मोहिनी को चौंका दी थी,,,, चौक तो संजु भी गया था लेकिन वह एक मर्द था और मर्द तो हमेशा से औरत की इस अदा से इस हरकत के कायल रहते हैं वह मर्द अपने आप को बहुत खुशनसीब समझते हैं जो अपनी चूत से पेशाब की धार उसके मुंह में मारती है,,,,,, और इस समय संजू भी अपने आप को बहुत खुशनसीब समझ रहा था,,,, संजू अपने होठों को या अपने चेहरे को अपनी मां की पेशाब की धार से छुपाने की हटाने की बिल्कुल भी कोशिश नहीं कर रहा था जो कि साफ नजर आ रहा था कि संजू को अपनी मां की हरकत पर पूरी तरह से मजा आ रहा था,,,,,, लेकिन मोहिनी पूरी तरह से मस्त होने के बावजूद भी पूरी तरह से अद्भुत एहसास में डूबी हुई थी अपनी मां से या किसी भी औरत से उसे इस तरह की उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी और अपने भाई से भी इस तरह की उम्मीदों से नहीं थी उसका भाई बड़े चाव से अपनी मां की चूत से निकले पेशाब की धार को पेप्सी की धार समझकर अपने गले के नीचे उतार रहा था,,,,,


अपनी इस हरकत पर आराधना की भी आंखें फटी की फटी रह गई थी वह अपने पेशाब को रोक देना चाहती थी लेकिन ऐसा कर पाना उसके बस में बिल्कुल भी नहीं था लेकिन जैसे ही पेशाब की धार कमजोर पड़ी आराधना उत्तेजना के मारे अपने भाई के सर को कस के पकड़ कर उसे अपनी चूत से हटा दें और उसे अपनी चूत चाटने पर मजबूर कर दे,,,,,, लगातार उसके मुंह से। आहहह आहहहह इस तरह की कराने की आवाज आ रही थी जो कि इस बात का सबूत था कि आराधना को इस हरकत पर बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही थी,,,,,, संजू अपने दोनों हाथों से अपनी मां की बड़ी बड़ी गांड पकड़कर उसकी चूत को चाटने में मगन हो गया अभी भी पेशाब की धार रह-रहकर उसकी चूत से फूट पड़ रही थी और संजू उसे पीने में पूरी तरह से मदहोश और मस्त हुआ जा रहा था और यही मौका था मोहिनी के लिए इस खेल में शामिल होने का,,,, वह अपने मन में सारे चित्र को स्पष्ट कर ली थी कि अंदर जाकर क्या बोलना है क्या कहना है कैसे बर्ताव करना है,,,,, वह अंदर जाने के लिए अपने आप को पूरी तरह से तैयार कर ली थी,,,, गहरी सांस लेकर वह दरवाजे को जोर से धक्का मारकर खोली और कमरे में प्रवेश कर गई और सामने के नजारे को ऐसे चौक कर देखी जैसे मानो पहली बार देख रही हो और बोली,,,,।


यह क्या हो रहा है,,,,?

(धड़ाक से दरवाजे के खुलने की आवाज और मोहिनी की आवाज सुनते ही आराधना एकदम से चूक गई और दरवाजे की तरफ देखी तो मोहिनी खड़ी थी और मोहिनी के सामने अपनी मौजूदा स्थिति को देखते हुए पूरी तरह से घबरा गई उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें उसकी आंखें फटी की फटी रह गई थी वह मोहिनी को एकटक देखती रह गई थी संजू भी पूरी तरह से घबराने का नाटक कर रहा था लेकिन अभी भी उसके होंठ अपनी मां की चूत पर सटे हुए थे क्योंकि आराधना करके उसके बालों को पकड़कर उसे अपनी चूत से सटाई हुई थी,,,,, आराधना कमरे में अपने बेटे के साथ पूरी तरह से नंगी थी बदन पर कपड़े का रेशा तक नहीं था ऐसे में मोहिनी उसकी आंखों के सामने खड़ी थी आराधना की चोरी पकड़ी गई थी आराधना मदहोश पल में पूरी तरह से शर्मिंदा हो गई थी उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें अपनी बेटी की आंखों के सामने भी वह अपने बेटे के बालों को कस के पकड़ कर अपनी चूत से सगाई हुई थी यह पल आराधना के लिए एकदम शर्मनाक हो चुका था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह अपने बेटे को अपनी चूत से कैसे अलग करें वह मोहिनी को देखती ही रह गई थी और मोहिनी अपनी मां को देख रही थी संजू को देख रही थी,,,,,, पल भर के लिए कमरे में पूरी तरह से सन्नाटा छा गया था ऐसा लग रहा था कि संजू जैसे शर्म के मारे अपने चेहरे को अपनी मां की दोनों टांगों के बीच छुपाया हुआ है,,,, आराधना के मुंह से बस इतना ही निकला,,,,)

मममम ,,,,,, मोहिनी तू,,,,,,,
Mohini kya gul khilati hai,maza aayega
Superb update roh
 

Tiger 786

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बेहद उन्माद कौर अत्यधिक काम उत्तेजना से भरे हुए इस मनोहर दृश्य को देखकर मोहिनी के तन बदन में जवानी के जोश वाले भड़क रहे थे उसे बुझाने के लिए उसे अपने भाई के लंड की फुहार की जरूरत थी,,,, जो कि इस समय अपनी मां के साथ काम क्रीड़ा में पूरी तरह से तल्लीन हो चुका था अनजाने में ही उत्तेजना के चलते आराधना की चूत से पेशाब की धार फूट पड़ी थी,,, जो कि सीधे संजू के मुंह में गिर रही थी संजू भी अपनी मां की है इस हरकत से पूरी तरह से चौक गया था लेकिन पहली बार इस तरह के अद्भुत खेल का मजा ले रहा था इसीलिए तो उत्तेजना की स्थिति में अपनी मां की चूत से निकले पेशाब की धार को वह अमृत की धार समझ कर गले के नीचे गटक रहा था,,,, आराधना से यह कार्य अनजाने में ही हुआ था वह अपने पेशाब की तीव्रता को रोकने की भरपूर कोशिश कर रही थी लेकिन उसे रोका नहीं जा रहा था लेकिन कुछ पल में ही उसे इस बात का एहसास होने लगा कि जो किया वह अपने बेटे के साथ कर रही है उसमें उसे बेहद आनंद की प्राप्ति हो रही है,,,, और उसे अपने बेटे के मुंह में मुतने में मजा आने लगा एक मां होने के नाते आराधना की हरकत पर हाथ शर्मनाक थी इस बात को वह भी अच्छी तरह से जानती थी लेकिन इस समय वह एक औरत थी मतवाली औरत प्यासी औरत,,,चुदास‌ से भरी हुई औरत जोकि संजू को अपना बेटा नहीं बल्कि एक मर्द समझकर इस हरकत को अंजाम दे रही थी तभी तो यह बेहद शर्मनाक हरकत भी,,,, वह बेहद सहज रूप से कर ले रही थी,,,,, बाहर खड़ी मोहिनी इस दृश्य को देखकर पानी पानी हुई जा रही थी उसकी चूत बार-बार पानी फेंक रही थी इस तरह की हरकत उसने आज तक अपने भाई के साथ नहीं की थी और अपनी मां को इस तरह की हरकत करते हुए देखा करूंगा पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी मदहोशी और खुमारी उसकी आंखों में पूरी तरह से अपना असर दिखा रहे थे,,,,,



दरवाजे के बाहर खड़ा रहना मोहिनी के लिए मुश्किल हुआ जा रहा था वह जल्द से जल्द कमरे में दाखिल हो जाना चाहती थी और उस मदन मस्त कर देने वाले खेल में शामिल हो जाना चाहती थी,,,, आखिरकार देखते ही देखते गरमा गरम आहें भरते हुए आराधना की चूत से पेशाब कि धार कम होने लगी और मदहोश होते हुए आराधना अपने बेटे के मुंह को अपनी चूत से सटा ली और यही मौका था मोहिनी के लिए कमरे में दाखिल होने का दरवाजे की कड़ी पहले से ही संजू ने लगाया नहीं था दरवाजा पूरी तरह से खुला था बस औपचारिक रूप से उसने उसे बंद किया हुआ था,,, और इस शुभ और मदहोश कर देने वाले अवसर का पूरा फायदा उठाते हुए मोहिनी कमरे में दाखिल हो गई,,,भडाक की आवाज के साथ खुले दरवाजे से और अंदर प्रवेश करते ही मोहिनी के मुंह से केवल इतना ही निकला था,,,,

यह क्या कर रहे हो तुम दोनों,,,,

(बस इतनी सी आवाज सुनकर आराधना और संजू दोनों चौक पर थे संजू तो केवल चौक ने का नाटक भर कर रहा था क्योंकि उसे सब कुछ मालूम था लेकिन आराधना की हालत एकदम खराब हो गई थी आराधना के तन बदन में मानो खून का दौरा एकदम से रुक सा गया था,,,, उसकी हालत ऐसी थी कि मानो काटो तो खून नहीं अपनी बेटी की आंखों के सामने ही वह अपने बड़े बेटे के बालों को कस के पकड़ कर उसके होठों को अपनी चूत से सटाई हुए थी,,,, औपचारिक रूप से सहज रूप से यह दृश्य बेहद शर्मनाक था जो कि संस्कार और मर्यादा और रिश्तो की डोर को तार-तार करते हुए,,,, मां बेटे के रिश्ते को पानी में मिला रहा था,,,,, अपनी बेटी की आंखों के सामने औपचारिक‌ था की आराधना को शर्म से हट जाना चाहिए था अपने नंगे बदन को चादर से ढक लेना चाहिए था लेकिन आराधना को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था वह उसी स्थिति में अपने बेटे को उसी तरह से पकड़े हुए ही अपनी चूत से लगाए हुए थी और संजू भी अपनी मां की दोनों टांगों के बीच अपने होठों को उसकी चूत पर लगाकर उसके काम रस को चाट रहा था ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे शर्म के मारे संजू अपना मुंह अपनी मां की दोनों टांगों के बीच छुपाया हुआ हो,,,,,, कुछ सेकंड तक फटी आंखों से आराधना अपनी बेटी की तरफ देखती रह गई और केवल उसके मुंह से इतना ही निकला,,,।



मममममम,,,,, मोहिनी तु,,,,,
(अब बारी मोहिनी की थी,,,, वह इस खेल की बागडोर अपने हाथों में ले लेना चाहती थी वह जानती थी कि जिस हालात में हो कमरे में दाखिल हुई है उस हालात को देखते हुए उसकी मां के सामने उसकी हर एक शर्त मानने के सिवा और कोई रास्ता नहीं होगा अंदर ही अंदर मोहिनी खुश हो रही थी ऐसा नहीं था कि अपनी मां को यह हालत में देखकर अपने बड़े भाई के साथ देख कर वह गुस्से से आगबबूला हो गई हो उसे तो इस तरह के दृश्य देखकर और मजा आता था खास करके अपने भाई के साथ,,,, वैसे भी वह अपनी मां की मदमस्त कर देने वाली जवानी और उसकी खूबसूरती की कायल हो चुकी थी वह किसी भी हाल में अपनी मां के नंगे बदन कर रस अपने होठों से पीना चाहती थी एक औरत होने के नाते और एक औरत होने के बावजूद भी वह अपनी ही मां की खूबसूरती से पूरी तरह से आकर्षित हो चुकी थी अपनी मां के नंगे बदन के नंगे अंगों को अपने हाथों में लेकर खेलना चाहती थी इसीलिए तो वह इतना षड्यंत्र रची थी,,,,, संजू अभी भी अपने पैसे होठों को अपनी मां की चूत पर रखे हुए था अपनी बहन की मौजूदगी में उसे बिल्कुल भी शर्म का एहसास नहीं था ना तो किसी प्रकार की ग्लानि थी क्योंकि वह इस खेल का सहभागी पहले से ही हो चुका था,,,, वह तो सिर्फ औपचारिकता निभा रहा था,,,,, मोहिनी की खुद की चूत पानी फेंक रही थी लेकिन फिर भी वह अपने आप पर संयम रखते हुए और ऐसा जताते हुए कि वह इस दृश्य को देखकर पूरी तरह से सदमे में है वह थोड़ा सा ऊंची आवाज करते हुए बोली,,,)



हां मम्मी में,,,,, तुम यही सोच रही होगी ना कि इतनी रात को मैं तुम्हारे कमरे में कैसे आ गई,,,,, मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि मैं तुम्हें इस रूप में देख रही हूं और अभी अपने बड़े भाई के साथ क्या मम्मी यह तुमने क्या कर दिया,,,,,, तुम दोनों या खेल बहुत पहले से ही खेल रहे हो लेकिन मैं ही बेवकूफ थी कि तुम दोनों की इस काम क्रीडा को समझ नहीं पाई अच्छा ही होता कि आज भी मेरी आंख नहीं खुलती आज भी मैं गहरी नींद में सोई रहती तो शायद में इस तरह के शर्मनाक दृश्य को अपनी आंखों से देख नहीं पाती,,,,,,
(मोहिनी की बातों को सुनकर आराधना शर्म से गढ़ी जा रही थी हालांकि अभी भी उसकी दोनों टांगे खुली हुई थी और उसकी तीन टांगों के बीच संजू अपना मुंह छुपाए हुए अपनी मां की चूत को अभी भी चाट रहा था और ऐसे हालात में भी अपनी मां को अद्भुत उसको कर दे रहा था जिससे ना चाहते हुए भी आराधना के तन बदन में मदहोशी का असर छा रहा था,,,,,)

मममम,, मोहिनी,,,,,, मुझे माफ कर दे मुझसे गलती हो गई,,,,,(संजू को अपने आप से अलग करते हुए और बिस्तर पर पड़ी चादर को अपने बदन पर झांककर अपने नंगे बदन को छुपाने की कोशिश करते हुए आगे बोली,,,) मैं बहक गई थी मोहिनी,,,,,(इतना कहकर वह रोने लगी)


रोने से तुम्हारी गलती छुपने वाली नहीं है मम्मी,,,, मैं तो कभी सपने में भी नहीं सोच सकती थी कि मेरी मम्मी इस तरह की हरकत करेगी,,,, तुम तो ऐसी बिल्कुल भी नहीं थी मम्मी फिर ऐसा कैसे हो गया,,,,,।
(आराधना के पास जवाब देने के लिए कुछ भी नहीं था वह रोने लगी थी उसकी आंखों से आंसू लगातार बह रहे थे,,,, यह देख कर मोहिनी जानबूझकर नाटक करते हुए संजू की तरफ देख कर बोली,,,)

भाई मुझे तुमसे भी यह उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी,,, आज मैं पहली बार अपनी आंखों से देख रही हूं कि एक बेटा अपनी सगी मां के साथ इस तरह की हरकत कर रहा है,,,,, मुझे तो तुम दोनों को मम्मी और भाई बोलने में शर्म आ रही है अगर यह बात किसी और को पता चलेगी तो सोचो क्या होगा तुम दोनों क्या मेरा भी घर से निकलना भारी हो जाएगा किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रह जाऊंगी,,,,,,(मोहिनी किस तरह की बातें सुनकर आराधना सुबक सुबक कर रो रही थी आज पकड़े जाने पर उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि जो कुछ भी हो कर रही थी वह पाप था वासना की आग में तब कर वह अंधी हो चुकी थी मां बेटे के पवित्र रिश्ते को भी वह नजरअंदाज करते हुए अपने बेटे के साथ ही संबंध बना ली थी,,,,,, एक तरफ अपनी चोरी पकड़ी जाने पर और मोहिनी की बातों को सुनकर जहां आराधना का बुरा हाल था वहीं दूसरी तरफ जो कि इस खेल का सहभागी होने पर संजू अपनी मां को रोता हुआ देखकर उसे रहा नहीं जा रहा था और उसे लगने लगा था कि अपनी मां का बीज बचाओ करने के लिए उसे ही कुछ बोला होगा इसलिए वह बोला,,,)

मोहिनी इसमें मम्मी की कोई गलती नहीं है इसमें सारी गलती मेरी है,,,,


तुम दोनों की गलती है भाई सारा इल्जाम अपने सर पर लेकर मम्मी की करतूतों पर पर्दा नहीं डाला जा सकता तुम्हारी उम्र और मम्मी की उम्र में जमीन आसमान का फर्क है जहां तुम बह गए थे वही मां को रोक देना चाहिए था मम्मी को आगे नहीं बनना चाहिए था मम्मी तो समझदार थी दुनिया देखी थी और सबसे बड़ी बात यह कि तुम कोई गैर लड़के नहीं थे तुम तो सगे बेटे हो और मां बेटे के बीच इस तरह का रिश्ता पाप है,,,,


हां मैं जानता हूं,,,, मां बेटे के बीच का यह रिश्ता जायज बिल्कुल भी नहीं है लेकिन जो कुछ भी हुआ उसमें मेरी गलती थी मेरे ही कारण मां को बहकना पड़ा,,,,,


मुझे विश्वास नहीं हो रहा है भाई क्योंकि जितने तुम कसूरवार हो उतनी ही मम्मी भी कसूरवार हैं,,,,,

नहीं-नहीं मोहिनी,,,, मम्मी का कसूर बिल्कुल भी नहीं है मैं ही कसूरवार हूं,,,,


जो कहना है साफ साफ कहो लेकिन इससे पहले अपने इसको,,,(उंगली के इशारे से संजू के लंड की तरफ दिखाते हुए जो की पूरी तरह से खड़ा था) कपड़े से ढको,,,,।
(ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि इस समय संजू के मोटे तगड़े खड़े लंड को देखकर मोहिनी के बदन में कुछ हलचल ना हो रही हो वह पूरी तरह से मस्त हुए जा रही थी अपने भाई के खड़े लंड को देखकर लेकिन औपचारिक रूप से उसे नाटक के रूप में अपने भाई के खड़े लंड को अनदेखा करना था और संजू भी है बात अच्छी तरह से समझता था इसलिए बिस्तर पर पड़े अपने टीशर्ट को अपनी कमर से लपेटने की नाकाम कोशिश करते हुए बोला,,,)


हां हां मोहिनी तु मेरी बात सुन ,,,(और वहीं दूसरी तरफ रोते हुए दीवाल का सहारा लेकर आराधना बिस्तर पर बैठ गई थी और नजरों को नीचा करके रोए जा रही थी) जैसा तू समझ रही है वैसा बिल्कुल भी नहीं है मम्मी का कसूर बिल्कुल भी नहीं है मैं ही बहक गया था,,,

बहक गया था लेकिन कैसे,,,! तुझे अपनी ही मां में ऐसा क्या दिख गया कि तू बहक गया मम्मी की उम्र और अपनी उम्र के साथ-साथ रिश्ते का भी ख्याल तूने नहीं किया,,,,


अरे पागल मेरी जगह तू अगर होती तो तू भी मेरी तरह ही करती,,,,,

भाई कुछ भी हो मैं तेरी तरह तो बिल्कुल भी नहीं करती की वासना में अंधे होकर अपनी ही मां के साथ,,,, छी,,,,


यह तो तू ऐसा बोल रही है ना अगर मेरी जगह तू होती तो ऐसा ही करती तुझे इतना तो मालूम नहीं है कि पापा रात को आकर मम्मी के साथ जबरदस्ती करते थे उन्हें मारते पीटते थे गाली देते थे और ऐसे हालत में बचाने के लिए मुझे जाना पड़ता था और जब जब मैं मम्मी के कमरे में उन्हें बचाने के लिए गया तब तक तू नहीं जानती मोहिनी मैंने मम्मी को कैसे हाल में देखा हूं अगर उस हाल में तो मम्मी को देख लेती तो शायद तू भी मेरी तरह ही करती अगर तू लड़का होती तो,,,,


ऐसे कौन से हाल में तूने देख लिया भाई कि तुझे ना करने का करना पड़ा,,,,,
(आराधना रोते हुए अपने बेटे और अपनी बेटी दोनों की बातों को सुन रही थी उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें क्योंकि सारा मामला दोनों के हाथ में चला गया था उसके हाथ में कुछ भी नहीं था शिवाए रोने को,,,,)

तू नहीं जानती मोहिनी,,,,, मैंने कैसे-कैसे हालात में मम्मी को देखा हूं उनकी हालत देखकर मेरी जगह कोई भी होता तो उसकी भी हालत होती जैसा कि मेरी हो रही है,,,, तू जानती है मम्मी रात को करीब 1:30 बज रहे थे और मम्मी के कमरे से अजीब अजीब सी आवाज आ रही थी,,,, मम्मी के चीखने की आवाज में बर्दाश्त नहीं कर पाया और मैं तुरंत अपने कमरे से निकलकर मम्मी के कमरे में गया दरवाजा खुला हुआ ही था जैसे मैं दरवाजे पर पहुंचा तो अंदर का दृश्य देखकर मेरे तो होश उड़ गए,,,


क्यों ऐसा क्या देख लिया,,,,,,,


मोहिनी वैसे तो तुझसे बताने में मुझे शर्म आ रही है लेकिन हालात ही कुछ ऐसे हो गए हैं कि मुझे बताना ही पड़ेगा,,,,, मैंने देखा कि मम्मी एकदम नंगी घुटनों के बल बिस्तर पर झुकी हुई है और पापा मम्मी की चूत में लंड डालते हुए जोर-जोर से मम्मी की गांड पर चपत लगा रहे थे और इतनी जोर जोर से मार रहे थे कि मम्मी रो रही थी,,,,, और मम्मी की नजर जैसे ही मुझ पर पड़ी मम्मी शर्म के मारे अपने चेहरे को अपनी ही साड़ी से छुपाने लगी उस समय मैं मम्मी को उस मुसीबत से निकाल नहीं सकता था क्योंकि हालात ही कुछ इस तरह से थे लेकिन मम्मी की हालत पर पापा को बहुत मजा आ रहा था पापा मेरी हाजिरी में भी मम्मी की चूत में अपना लंड अंदर बाहर कर रहे थे यह भी देख रहे थे कि मैं दरवाजे पर खड़ा हूं मैं बिल्कुल भी शर्म नहीं थी मेरे सामने ही मम्मी की चुदाई कर रहे थे,,,,,
(संजू सब बनी बनाई बातें नमक मिर्च लगाकर बता रहा था नजरे नजर झुका कर आराधना अपने बेटे की बात को सुन रही थी और जानती भी थी कि उसका बेटा जो कुछ भी कह रहा है गलत कह रहा था लेकिन उसके पास भी कोई रास्ता नहीं था क्योंकि उसकी गलती पर खुद उसका बेटा पर्दा डाल रहा था,,,, लेकिन इस बात से भी हैरान थी कि संजू अपनी बहन से इस तरह की गंदी बातें बता रहा था,,,, अपने भाई की बात सुनकर जानबूझकर चौक ने का नाटक करते हुए मोहिनी बोली,,,)


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क्या कह रहे हो भाई क्या सच में पापा को बिल्कुल भी शर्म नहीं थी,,,,


नहीं बिल्कुल भी नहीं,,,,


हो सकता हो भाई कि तुम गलत समय पर गए हो हो सकता है कि इसी से दोनों को मजा आ रहा हो,,,,,


नहीं मोहिनी ऐसा बिल्कुल भी नहीं है मम्मी को मजा बिल्कुल भी नहीं आ रहा था क्योंकि मैं देख रहा था ना उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे,,,,,


फिर,,,,


फिर क्या मैं अपने कमरे में आ गया मैं मम्मी की मदद बिल्कुल भी नहीं कर सकता था और जैसे तैसे करके मैं सो गया लेकिन 2 दिन बाद फिर से वही गाली गलौज मारना पीटना शुरू हो गया और मैं फिर से मम्मी के कमरे में गया,,, रोज की तरह उस दिन भी दरवाजा खुला हुआ था,,, मैं कमरे में गया तो देखा पापा जबरदस्ती मम्मी के कपड़े उतार रहे थे ब्लाउज के बटन खुले हुए थे ब्रा चुचियों के ऊपर चढ़ी हुई थी,,,,,(मोहिनी के सामने संजू के मुंह से चूची शब्द सुनकर आराधना एक पल के लिए अपनी नजर उठाकर मोहिनी की तरफ देखने लगी मोहिनी आराधना की तरह दोनों की नजरें आपस में टकराई और शर्मा कर आराधना फिर से अपनी नजरों को नीचे झुका ली,,, कोई और समय होता तो आराधना जरूर अपने बेटे को अपनी बेटी के मौजूदगी में इस तरह के शब्दों का प्रयोग करने से रोकती लेकिन इस समय वह कुछ भी नहीं कर सकती थी,,, संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला) मम्मी पापा को रोकने की बहुत कोशिश कर रही थी लेकिन पापा उसके हाथ को बार-बार झटक दे रहे थे,,,, और मम्मी की चूची पर ताबड़तोड़ तमाचा मार रहे थे जिससे मम्मी को बहुत दर्द हो रहा था मुझे मम्मी का दर्द बर्दाश्त नहीं हो और मैं आगे बढ़कर पापा को पकड़ लिया,,,, पापा को ऐसा करने से रोकने लगा,,,,, मम्मी रोए जा रही थी अपनी हालत पर और शायद इस बात से और ज्यादा दुखी थी कि मेरी आंखों के सामने उनकी ऐसी स्थिति थी,,,, मुझे झटकने की कोशिश करते हुए पापा मम्मी की साड़ी उतारने पर लगे हुए थे और मैं उन्हें रोक रहा था इसी बात पर पापा भी मुझे गाली गलौज करने लगे लेकिन मैं पापा की एक नहीं सुना और उन्हें धक्का देकर एक तरफ कर दिया,,,, जैसे तैसे करके उस समय तो सब कुछ शांत हो गया मैं कुछ देर तक मम्मी के कमरे में बैठा भी रहा,,,, मम्मी रो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे उन्हें अपनी हालत की सुध बुध नहीं थी उनकी सूची अभी भी ब्रा के बाहर थी मोहिनी सच कहूं तो उस समय मुझे पता नहीं क्या होने लगा और मैं अपने हाथों से मम्मी की चूची को‌ ब्रा के अंदर डालकर मम्मी के ब्लाउज का बटन बंद किया उस समय मेरे तन बदन में जो हालत हुई थी पूछ मत मोहिनी मम्मी की चूची खरबूजे जैसी बड़ी-बड़ी भले दिखती है लेकिन रूई की तरह एकदम नरेंद्रन थी पहली बार में किसी औरत की चूची को अपने हाथों से पकड़ा था उस समय मेरी हालत है बिल्कुल इस तरह की,,(अपनी आंख से अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए) हो गई थी मुझे बर्दाश्त नहीं हुआ और मैं तुरंत मम्मी के कमरे से बाहर निकल गया,,,,,
(संजू को अपनी मां की उपस्थिति में अपनी मां की गंदी गंदी बात अपनी बहन को बताने में इतना आनंद और इतनी उत्तेजना का अनुभव हो रहा था कि जिसको बयां कर पाना मुश्किल था यही हाल शर्मसार होने के बावजूद भी आराधना का था आराधना इस बात से जहां हैरान थी कि उसका बेटा अपनी बहन के सामने गंदी गंदी बातें कर रहा है और दूसरी तरफ उस बात से उसके तन बदन में उत्तेजना की लहर भी उठ रही थी,,,, कुछ देर खामोश रहने के बाद मोहिनी बोरी,,,)

Mohini or sanju apni mummy k samne kuch is tarah se


फिर,,,,

फिर क्या यह रोज का हो गया रोज पापा की गाली गलौज होती और मैं उन्हें रोकने के लिए उनके कमरे में चले जाता और मम्मी मुझे रोज अस्त-व्यस्त हालत में दिख जाती है ऐसे ही एक दिन,,,, 12:00 बजे के बाद जब तू गहरी नींद में सो गई तब फिर से मम्मी के कमरे से गाली गलौज की आवाज आने लगी इस बार में पूरी तरह से गुस्से में था मम्मी के कमरे में घुस गया और देखा तो पापा जबरदस्ती मम्मी के साथ संबंध बनाना चाहते थे मम्मी को चोदना चाहते थे मम्मी नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी और पापा जबरजस्ती मम्मी की दोनों टांगें खोलकर अपने लंड को मम्मी की चूत में डालना चाहते थे,,,,(संजू जानबूझकर मोहिनी के सामने गंदी गंदी बातें कर रहा था इससे आराधना को हैरानी भी हो रही थी और उत्तेजना भी महसूस हो रही थी) लेकिन मम्मी बार-बार अपनी हथेली से अपनी चूत को छुपाने नहीं थे क्योंकि मम्मी का मन बिल्कुल भी नहीं था और उन्हें दर्द भी हो रहा था,,,, मुझसे मम्मी की हालत देखी नहीं रही और मैं आगे बढ़कर पापा को पकड़कर जोर से धक्का दिया और पापा दीवाल से जाकर टकरा गए और वहीं पर गिर गए मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि मैं गया और पापा को दो-चार झापड़ भी रसीद कर दिया पापा एकदम खामोश हो गए क्योंकि वह नशे में पूरी तरह से लत थे,,,, मैं मम्मी के पास आए और मम्मी की तरफ नजर किया तो मेरी खुद की हालत खराब हो गई मम्मी उसने एकदम नंगी थी मम्मी के बदन पर बिल्कुल भी कपड़े नहीं थे और मम्मी का गोरा बदन ट्यूबलाइट की रोशनी में कल चमक रहा था मेरी नजर बार-बार मम्मी की दोनों टांगों के बीच उसकी चूत पर चली जा रही थी जिसे देख कर मुझे ना जाने क्या होने लगा मम्मी की चूत एकदम चिकनी थी एकदम मुलायम मक्खन की तरह ऐसा लग रहा था कि मानो जैसे मम्मी ने क्रीम लगाकर आज ही साफ की हो ,,,, मैं बड़े देर तक मम्मी की चूत को घूरता रहा तो कोने में पडे हुए पापा बोले,,,



देख क्या रहा है जा चढ़ जा अपनी मां पर डाल दे अपना लंड अपनी मां की चूत में इंतजार किसका है तुझे मैं सब समझता हूं मेरी पीठ पीछे तुम दोनों जुदाई का खेल खेलते हो और यह रंडी अपने ही बेटे से चुदाई का मजा लुटती है और मुझे हाथ नहीं लगाने देती,,,,, होली हराम ज्यादा मादरचोद अपनी ही मां को चोद कर मादरचोद हो गया है इसे दुनिया में कोई और लड़की नहीं मिली कोई औरत नहीं मिली मिली भी तो अपनी ही मां दोनों मां बेटे आपस में मुंह काला करते रहते हैं,,,,।


मोहिनी पापा के मुंह से इस तरह की गंदी बातें सुनकर मैं तो एकदम से सन्न रह गया और मैं एक पल भी कमरे में नहीं रुका और कमरे से बाहर निकल कर आ गया लेकिन पापा की बात याद कर करके ना जाने क्या होने लगा मेरे बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी जब भी पापा की बात सुनता तो ना जाने क्यों मेरा लंड खड़ा हो जाता था पापा की बात सुनकर ही मेरे मन में ना जाने क्यों मम्मी को चोदने का ख्याल आने लगा,,,,,,, और फिर मम्मी और पापा की दोनों की जमकर लड़ाई होने लगी और पापा घर छोड़ कर चले गए,,,,,,,,

पापा चले गए तो फिर तुझे मौका मिल गया ना भाई इस तरह का काम करने का,,,,


नहीं मोहिनी नहीं तो फिर गलत सोच रही है मैं भले ही मम्मी के बारे में गलत सोचने लगा था लेकिन मेरे मन में ऐसा कुछ भी नहीं था,,,, मम्मी अकेली पड़ गई थी इस बात का एहसास मुझे उस दिन हुआ जब मैं दोपहर में मम्मी के कमरे में गया और मम्मी अपने में खोई हुई थी और अपनी ही उंगली को अपनी चूत में अंदर-बाहर कर रही थी,,,,(इतना सुनते ही आराधना अपनी नजरों को उठाकर सब्जी की तरफ देखने लगी जो कि सरासर झूठ बोल रहा था लेकिन वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा झूठ भी किसी कारण से बोल रहा है इसलिए वह कुछ बोली नहीं और इस बात का असर मोहिनी पर भी कुछ खास नहीं पड़ रहा था क्योंकि मोहिनी सब कुछ जानती थी बस चौक ने का नाटक करते हुए बोली)

क्या,,,?

हा मोहिनी में सच कह रहा हूं मुझे अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था मम्मी की हालत देखकर मुझे जरा सा भी लगा मम्मी जोर जोर से अपनी उंगली को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी मम्मी की आंखें बंद थी मम्मी की हालत देख कर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं इसका मम्मी दोनों टांगें ऊपर उठाकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी मम्मी की गांड और चूत देखकर मेरी हालत खराब हो गई और मम्मी की हरकत से मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मम्मी को भी मर्द की जरूरत पड़ रही है क्योंकि पापा को महीना हो गए थे घर से निकले और तब जाकर मुझे इस बात का एहसास हुआ कि औरत को भी इस चीज की बेहद जरूरत होती है और मोहिनी मम्मी के हालत देखकर मैं घबरा गया था क्योंकि मम्मी जिस तरह से एक मर्द के लिए तड़प रही थी मुझे डर लगने लगा कि कहीं मम्मी घर के बाहर किसी गैर से संबंध ना बना ले अगर ऐसा हो जाता तो हम लोगों की तो बदनामी हो,,, जाती,,,,, और फिर मैंने जो फैसला किया उसका नतीजा आज तुम्हें दिखाई दे रहा है,,,

क्या किया तुमने भाई,,,,,


मैंने जो किया आज मम्मी उससे बहुत खुश है मैंने उस दिन जब देखा कि मम्मी आंखें बंद करके मजा ले रही है तो मैं तुरंत मम्मी के बिस्तर के करीब भी और अपने घुटनों के बल बैठकर बिना कुछ बोले अपने होंठ को मम्मी की चूत पर रख दिया मम्मी एकदम से चौक पर आंखों को खोलकर मेरी तरफ देखी तो एकदम से घबरा गई,,, मुझे मम्मी हटाने की कोशिश कर रही थी मुझे हटाना चाहती थी लेकिन तब तक नहीं अपनी जीभ को मम्मी की चूत पर रख कर चाटना शुरू कर दिया था और मेरी हरकत से मम्मी पल भर में एकदम गरम हो गई क्योंकि महीनों गुजर गए थे वह संबंध नहीं बनाई थी और देखते ही देखते मेरी हरकत से मम्मी की मुंह से गरमा गरम सिसकारी फूटने लगी,,,, और मम्मी जिस हाथ से मुझे हटाने की कोशिश कर रही थी उसी हाथ को मेरे सर पर रख कर जोर जोर से दबाने लगी और फिर उसके बाद मैंने मम्मी को ऐसा सुख दिया ऐसा सुख दिया कि मम्मी रोज मुझ से चुदवाती है,,,,,, और यह मोहिनी सही भी है क्योंकि मम्मी की हालत अगर तुम देखी होती तो तुम्हें समझ में आता कि कैसा गजब हो जाता अगर मैं साथ न दिया होता तो,,,,


तुम्हारी बातों से भाई तुम्हारी बहन से अनैतिकता को नैतिकता का रूप नहीं दिया जा सकता,,, तुम और मम्मी मिलकर जो काम क्रीड़ा कर रहे हो वह बात है तुम लोग को इस बात का एहसास भी है अगर इस बात का पता पापा को चल गया तो क्या होगा,,,,,


पापा ने तो पहले भी हम दोनों पर इल्जाम लगा दिए हैं,,,

लेकिन पक्के तौर पर जानते नहीं है ना अगर यह बात में पापा को बता दु तो,,,,


नहीं नहीं मुझे नहीं ऐसा बिल्कुल भी मत करना एक बार बड़ी मुश्किल से हम लोगों के घर पर खुशियां आई है तुम्हारी इस बात पर सब कुछ ठीक हो जाएगा सब कुछ तबाह हो जाएगा पर एक बार फिर से हम लोगों का परिवार बिखर जाएगा,,,,,
(मोहीनी और संजू की बातों को सुनकर आराधना भी घबराए हुए मोहिनी की तरफ देख रही थी क्योंकि आराधना को भी इस बात का एहसास था कि अगर मोहिनी ने अपने पापा को सब कुछ बता दी तो क्या हो जाएगा क्योंकि वह जानती थी कि वह शराबी है,,,, अपने सभी दोस्तों में उसे बताने में बिल्कुल भी शर्म नहीं आएगी,,,, इसी बात को बस सोचकर घबरा रही थी वह कुछ बोलना चाहती थी लेकिन उसे बोलने की हिम्मत बिल्कुल भी नहीं थी वह अपनी बेटी की आंखों के सामने शर्मसार जो हो गई थी,,,,,)

लेकिन भाई यह मैं कैसे देख सकती हूं अपनी आंखों के सामने की एक मां अपने ही बेटे के साथ हमबिस्तर हुई है,,,,


जरूरी नहीं है कि तुम्हारी आंखों ने हम दोनों को ही देखी है तो हमें दो इसके गुनहगार है ऐसा तो ना जाने कितने घरों में होता होगा जो कि किसी को कानों कान खबर तक नहीं होती होगी,,,, मोहिनी तुम समझने की कोशिश नहीं कर रही हो,,,,,,,(इतना कहने के साथ अपनी कमर पर से अपनी टी-शर्ट को नीचे गिरा कर वहां एक बार फिर से अपनी बहन के सामने संपूर्ण रूप से नंगा हो गया शायद वह अपनी मां को यह दिखाना चाहता था कि वह अपनी हरकतों से अपनी बहन को भी लाइन पर लाना चाहता है,,,,,) मम्मी का रूप खूबसूरत नंगा बदन देख लोगी तो तुम खुद पागल हो जाओगी तब तुम्हें इस बात का एहसास होगा कि मैंने जो किया उसमें कुछ भी गलत नहीं था एक तरह से मैंने मम्मी की सेवा ही किया है उनका साथ दिया है वरना उनके कदम डगमगा जाते ,,,,,


तुम बिल्कुल भी ऐसा मत बताने की कोशिश करो कि तुमने जो कुछ भी किया है उसमें गलत कुछ भी नहीं है मम्मी की मदद किए हो बल्कि तुमने पाप किए हो,,,, मैं जरूर पापा को बता दूंगी,,,,।
(मोहिनी की बात सुनकर आराधना फिर से घबरा गई)

मोहिनी ऐसा बिल्कुल भी मत करना बेटी,,, मैं कहीं की नहीं रह जाऊंगी,,,


तुमने काम ही ऐसा की हो मम्मी,,,


मोहिनी मम्मी का दोष इसमें बिल्कुल भी नहीं है तुम खामखा मम्मी को दोष दे रही हो अगर तुम पापा को बताओगी तो तुम भी एक सुख से वंचित रह जाओगी,,,,
(संजू की बात सुनकर आराधना आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी और मोहिनी भी जानबूझकर नाटक दिखाते हुए आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी और बोली)

मैं समझी नहीं,,,,


अरे पगली बुद्धू है तू हम दोनों के साथ मिल जाएगी तो तुझे भी बहुत मजा आएगा,,,,


तू कहना क्या चाहता है भाई,,,,


मैं यह कहना चाहता हूं कि तू यह बात अच्छी तरह से जानती है कि मम्मी तेरे से इस उम्र में भी बहुत ज्यादा खूबसूरत और सेक्सी लगती है,,,, तेरी चूची से भी बड़ी बड़ी मम्मी की चूची है,,,,(इतना सुनते ही आराधना आश्चर्य से संजू की तरफ देखने लगी और संजू की अपनी मां की तरफ देखकर आंख से इशारा करके उसे खामोश रहने का इशारा कर रहा था क्योंकि मोहिनी और संजू के बीच क्या चल रहा है आराधना को इस बात का बिल्कुल बनाकर नहीं था और आराधना को ऐसा लग रहा था कि उसका बेटा अपनी बहन के बारे में उसके अंगों के बारे में खुलकर कैसे कह रहा है,,, वह खामोश थी अगर कोई और समय होता तो वह अपने बेटे को जरूर रोक दी और डांट थी लेकिन समय आराधना के विपरीत था और आराधना को ऐसा लग रहा था कि संजू मोहिनी को भी इस खेल में शामिल करके उसका मुंह बंद कराना चाहता है,,, मोहिनी आश्चर्य से अपने भाई की बात सुन रही थी) मम्मी का अंग अंग खरा सोना है क्योंकि मैं तो मम्मी को पूरी तरह से नंगी देख चुका हूं और उसके बदन का मजा भी ले चुका हूं इसलिए कह रहा हूं,,,, तू भी मम्मी को एकदम नंगी करीब से दूसरी नजर से देखेगी तो पागल हो जाएगी और मम्मी के अंगों से खेलेगी और मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि तेरी उम्र भी अब लंड लेने लायक हो रही है तेरा भी मन करता होगा तेरी भी दोनों टांगों के बीच की पतली दरार में हलचल होती होगी हम दोनों के बीच जिस तरह का रिश्ता तूने अपनी आंखों से देखी है उस दृश्य को देखकर तेरे बदन में भी गर्माहट आ गई होगी तू भी लंड लेने के लिए मचल रही होगी सिर्फ इस समय गुस्सा में है,,,, गुस्से से बाहर निकल,,,,, और फिर दूसरी नजर से हम दोनों के रिश्ते को देख तुझे भी बहुत मजा आएगा,,,,(संजू अपनी मां के सामने अपनी बहन को बहकाने का नाटक करते हुए धीरे-धीरे उसके करीब जा रहा था वह पूरी तरह से नंगा था उसका लंड एकदम खड़ा हुआ था ऐसे हालात में मोहिनी की नजर भी बार-बार अपने भाई के लंड पर चली जा रही थी जो कि इस दृश्य को आराधना भी अपनी नजरों से देख रही थी वह कुछ बोल नहीं पा रही थी ना चाहते हुए भी वह भी इसी बात को चाह रही थी कि मोहिनी भी इस खेल में शामिल हो जाए ताकि अपना मुंह बंद रख सके,,,,) मैं जानता हूं मांगना तेरी चूत भी मोटे लंड के लिए तरस रही है अगर एक बार तेरी चूत में लंड घुस गया तो तू भी सब रिश्ते नाते को भूल कर इस खेल का मजा लेगी,,,,,(अपने भाई की बात सुनकर मोहिनी एकदम खामोश हो गई थी मानों की नाटक का आखिरी परदा गिरने वाला है और कुछ भी नहीं बोल रही थी बस अपने भाई की बात सुनकर गहरी गहरी सांस ले रही थी वह अपनी मां को यह दिखाना चाहती थी कि उसके बदन में भी उत्तेजना अपना असर दिखा रही है और देखते ही देखते संजू ठीक अपनी बहन के पीछे जाकर खड़ा हो गया और पीछे से अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी बहन की छाती पर हाथ रखकर उसे हल्के से दबाते हुए उसके बेहद करीब इतना करीब कि अपने लंड को वह सीधे सलवार के ऊपर से अपनी बहन की गांड पर धंशा दिया,,, आराधना सब कुछ अपनी आंखों से देख रही थी लेकिन खामोश थी अपने बेटे को वह अपनी ही बहन के साथ मस्ती करते देख रही थी उसे बताते हुए देख रही थी लेकिन कुछ भी कर सकने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थी क्योंकि अब वह भी यही चाहने लगी थी कि उसकी बेटी भी अपने भाई की बात मान जाए और इस खेल में शामिल होकर मजा ले,,,, क्योंकि अगर एक बार मोहिनी भी इस खेल में शामिल हो गई तो आराधना के लिए कुछ भी मुश्किल नहीं हो जाएगा घर में तीनों खुल कर मजा ले सकेंगे और संजू जो कि पहले से ही अपनी बहन की चुदाई करके रोज रात को अपनी रात रंगीन करता था वह भी अपने इस खेल में मोहिनी को शामिल करके अपनी मां के सामने अपनी बहन को चोदने का सुख प्राप्त करेगा और ऐसा आराधना को जताएगा कि आज सही उसके और उसकी बहन के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हो गया है,,,)

मोहिनी की हालत खराब होती जा रही थी मोहिनी की गांड पर संजू का लंड पूरी तरह से अपना असर दिखा‌ रहा था संजू अपनी बहन की गर्दन पर अपने होंठ रख कर उस को चूमते हुए अपनी बहन की चूची को दबाना शुरू कर दिया था और बोला,,,,।


मोहिनी तू भी बड़े लंड का मजा ल६ देख मम्मी कितना मस्त हो जाती है मेरा लंड अपनी चूत में लेकर,,,,

ममममम,,मै कैसे,,,,?(कांपते हुए स्वर में मोहिनी बोली)

तू भी मम्मी की तरह मजा है एकदम नंगी होकर जैसा कि,,,,(ऐसा कहते थे वह धीरे-धीरे अपनी मम्मी के बेहद करीब उसके बिस्तर तक ले जाया और अपना हाथ आगे बढ़ा कर अपनी मम्मी के बदल से चादर को एक झटके से खींचकर अपनी मम्मी को पलभर में ही फिर से नंगी करते हुए) मम्मी नंगी है मैं नंगा हूं तू भी अपने कपड़े उतार कर नंगी हो जाए फिर तुझे ऐसा मजा दूंगा कि तू जिंदगी भर याद रखेगी,,,,,

(मोहिनी कुछ भी नहीं बोल रही थी वह आश्चर्य जताते हुए खामोश खड़ी थी उसकी आंखों में मदहोशी साफ नजर आ रही थी वह नाटक का आखरी पर्दा गिरा चुकी थी सब कुछ उसके सोचने के मुताबिक ही हो रहा था उसकी मां को बिल्कुल भी शक नहीं हुआ था और मोहिनी का जवाब जाने बिना ही अपनी मां की आंखों के सामने ही वह मोहिनी की कुर्ती को नीचे से दोनों हाथों से पकड़ कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा,,,,, यह देख कर जहां एक तरफ आराधना हैरान और आश्चर्य थी वहीं दूसरी तरफ उसके मन में इस बात की खुशी भी थी कि उसका राज का पर्दाफाश करने वाली मोहिनी भी अब इस खेल में शामिल होकर उन दोनों की राजदार बन जाएगी और तीनों मिलकर इस खेल को जिंदगी भर खेलते रहेंगे
Dono bhai behan ne khub natak khela bechari aradhna samaj hi nahi payi
 

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आराधना का दिल जोरों से धड़क रहा था क्योंकि मोहिनी की आंखों के सामने ही उसके बेटे ने उसके बदन से चादर खींचकर उसे एक बार फिर से नंगी कर दिया था लेकिन फिर भी आराधना अपने बेटे को एक शब्द नहीं बोल रही थी क्योंकि उसे इस बात का अहसास हो गया था कि जो भी उसका बेटा इस समय कर रहा है यह उस के भले के लिए ही कर रहा है इसी में उन दोनों की भलाई,,,, है,,,,, आराधना अच्छी तरह से समझ रही थी कि उसका बेटा मोहिनी को उकसाने की कोशिश कर रहा था वह मोहिनी को भी इस खेल में शामिल कर देना चाहता था ताकि तीनों एक-दूसरे के राजदार बनकर रह जाए और इसीलिए आराधना भी खामोश थी,,,,,,



देख मोहिनी मम्मी और मेरे बीच क्या चल रहा है इस बात को पापा से बता कर कोई फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि पापा पहले से ही हम दोनों के बीच इस तरह का इल्जाम लगा चुके हैं इसलिए अगर यह राज पापा के सामने खुल गया तो कोई हर्ज नहीं होगा बल्कि पापा तो तुझ पर भी इल्जाम लगा सकते हैं क्योंकि तू भी पूरी तरह से जवान हो चुकी है तेरे अंगों में निखार आ चुका है,,,,(अपनी ही बहन के लिए इस तरह की बातें सुनकर आराधना आश्चर्य से संजू की तरफ देख रही थी लेकिन हालात के आगे वह पूरी तरह से मजबूर हो चुकी थी अगर आराधना मजबूर ना होती तो मोहिनी को इस काम कीड़ा के खेल में कभी उतरने नहीं देती लेकिन इस समय आराधना भी यही चाहती थी,,,) तेरी जैसी लड़कियां बाहर रोज अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाती हैं तो क्या पापा तुझ पर इल्जाम नहीं लगा सकते जब मुझ पर एक सगे बेटे पर अपनी मां को चोदने का इल्जाम लगा सकते हैं तो फिर तो तू मेरी तो है नहीं तुझ पर भी इल्जाम लगा ही सकते हैं,,,,,,(संजू अपनी मां के बदन पर से चादर खींचकर उसे पूरी तरह से नंगी कर चुका था और खुद भी पूरी तरह से मांगा था इस समय उसका लंड पूरी तरह से अपनी औकात में था जिस पर बार-बार मोहिनी की नजर चली जा रही थी और यह हरकत को आराधना अच्छी तरह से देख रही थी आराधना के मन में एक आशा की किरण नजर आ रही थी वह अपनी बेटी मोहिनी की नजरों से वाकिफ होते ही अपने मन में सोचने लगी कि काश उसके मन में भी संजू के लंड को अपनी चूत में लेने की प्यास जाग जाए तो कितना मजा आ जाए और दूसरी तरफ संजू बार-बार अपनी बहन की आंखों के सामने अपने लंड को पकड़ कर हिला दे रहा था आराधना को ऐसा लग रहा था कि जैसे संजीव जानबूझकर मोहिनी को उकसाने के लिए इस तरह से हरकत कर रहा है उसे क्या मालूम था कि मोहिनी अपनी मां से पहले ही अपने भाई के लंड का स्वाद चख चुकी थी,,,)



देख मोहिनी तू जो करने जा रही है उसमें कोई मजा नहीं है मजा तो इस खेल में शामिल होने में है तू भी मम्मी की तरह जवानी का मजा ले तू ही जरा सोच मम्मी इस उम्र में जब अपनी जवानी की गर्मी को संभाल नहीं पा रही है तो तू इस समय जवानी की पहली सीढ़ी पर पांव रखी है,,,,,,(ऐसा कहते हो गए संजू धीरे-धीरे अपनी बहन की तरफ आगे बढ़ रहा था मोहिनी का दिल जोरों से धड़क रहा था भले ही मोहिनी जो कुछ भी कर रही थी वह केवल नाटक था लेकिन इस नाटक में भी उसे उत्तेजना का अनुभव हो रहा था वह मदहोश हो रही थी एक तरफ बिस्तर पर उसकी मां पूरी तरह से नंगी बैठी हुई थी उसके नंगे बदन को ट्यूबलाइट की रोशनी में चमकता हुआ देखकर खुद मोहिनी के मुंह में पानी आ रहा था और दूसरी तरफ उसका जवान भाई अपने लंड को हाथ से पकड़ कर हिलाते हुए उसके बेहद करीब आ रहा था और वह भी उसकी मां की आंखों के सामने यह नजारा ही बेहद मदहोश कर देने वाला था कि एक मां की आंखों के सामने एक जवान बेटा अपनी बहन की जवानी का रस पीने के लिए उसकी तरफ आगे बढ़ा जा रहा है,,,,,,,, मोहिनी के तन बदन में जवानी की चिंगारी फूट रही थी,,, उसकी सांसे गहरी चलने लगी थी कुछ देर के लिए वह खामोश हो चुकी थी यह देखकर आराधना मन ही मन खुश हो रही थी देखते ही देखते समझो उसके बेहद करीब पहुंच गया और अपनी मां की आंखों के सामने ही अपनी छोटी बहन का हाथ पकड़ कर उसे अपने खड़े लैंड पर रख दिया जैसे ही मोहिनी को अपनी हथेली में गरम गरम एहसास हुआ वह अपनी स्थिति पर गौर की तो उसके होश उड़ गए संजू ने उसकी हथेली को अपने लंड पर रख दिया था,,,, वैसे तो इस समय मोहिनी का मन कर रहा था कि अपनी मां की आंखों के सामने ही अपने भाई के लंड को कस के पकड़ कर घुटनों के बल बैठ जाए और उसे अपनी भूमि गले तक उतार ले लेकिन पहली बार में ही इस तरह की हरकत करना आराधना के मन में शंका पैदा कर सकता था,,,, इसलिए वह अपनी भावनाओं पर काबू करते हुए एकदम घबराहट का नाटक करते हुए अपनी हथेली के पीछे खींचते हुए बोली,,,,।


नननन, नहीं भाई यह मुझसे बिल्कुल भी नहीं होगा,,,,(अपने हाथ को पीछे लेकर एकदम गहरी गहरी सांस लेते हुए बोली मोहिनी की हालत को देखकर आराधना का मन फिर उदास हो गया आराधना अपने मन में मोहिनी को भला बुरा कह रही थी क्योंकि आराधना भी इस बात को अच्छी तरह से जानती थी कि मोहिनी की उम्र की जवान लड़कियां लंड के लिए कितनी पागल रहती है जब वह इस उम्र में अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तड़प रही है तो मोहिनी जैसी जवान लड़कियों का तो पूछो मत लेकिन मोहिनी है कि इस खेल में उतरना नहीं चाहती,,, लेकिन आराधना को अपने बेटे पर पूरा विश्वास था वह अच्छी तरह से जानती थी कि उसका बेटा कोई ना कोई तरीका लगाकर मोहिनी को भी मना ही लेगा जैसा कि उसे मनाया था,,,,)

देखो मोहिनी पागल मत बनो इस खेल में इतना मजा आएगा कि पूछो मत एक बार इस खेल में शामिल हो गई तो जिंदगी भर इस खेल को खेलती रह जाओगी लेकिन तुम्हारा मन कभी भरेगा नहीं,,,

नहीं नहीं भाई मैं मम्मी की तरह इस खेल को खेला नहीं चाहती अभी पढ़ने की उम्र है कुछ करने की उम्र है इस खेल में पढ़कर में अपना जीवन बर्बाद नहीं होने देना चाहती,,,

तुम्हें क्या लगता है तुम्हारे साथ जो तुम्हारी सहेलियां पढती है क्या वह लड़कियां नहीं चुदवाती देखी तो हो कॉलेज में कैसे अपने बॉयफ्रेंड के साथ बाइक पर बैठकर घूमती रहती है क्या जवान लड़के ने लड़कियों को चोदते नहीं है,,,,


मुझे नहीं मालूम,,,,,


तुम्हें सब मालूम है मोहिनी लेकिन तुम कुछ भी नहीं समझने का नाटक कर रही हो तुम पूरी तरह से जवान हो चुकी हो मैं अच्छी तरह से जानता हूं कि इस तरह के दृश्य को देखकर तुम्हारी चूत भी पानी छोड़ रही होगी तुम्हारी चूचियां भी कड़ी हो गई होंगी तुम्हारे मन में भी अरमान मचल रहे होंगे कि मेरी चूत में भी मोटा तगड़ा लंड अंदर बाहर हो,,,,

नहीं नहीं मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं सोच रही हूं,,,,, बस अब मुझे कुछ नहीं कहना है मैं तुम दोनों की करतूतों को जरूर पापा से बता कर ही रहूंगी,,,,,


तुम ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकती मोहिनी,,,


क्यों नहीं कर सकती जरूर करूंगी जरूर पापा को सब कुछ बता दूंगी,,,,,
(मोहिनी के मुंह से इस तरह की बातें सुनकर संजू अपनी मां की तरफ देखने लगा वह देखना चाहता था कि उसकी मां क्या कहती है क्या कहना चाहती है उसके मन में क्या चल रहा है जैसे ही हो अपनी मां की तरफ देखा आराधना और घबराहट और उदासी दोनों साफ नजर आ रहे थे जो कि आज तक संजू अपनी मां के चेहरे पर चमक और उत्तेजना देखते आ रहा था लेकिन आज मोहिनी की वजह से वह उदास थी और यह भी देखा कि उसकी मां इशारों से ही कुछ करने के लिए कह रही थी और आंखों ही आंखों में संजू भी अपनी मां को दिलासा देते हुए मोहिनी की तरफ आगे बढ़ा और बोला,,,,)

ठीक है मोहिनी तुम्हारी अगर यही मर्जी है तो यही सही बता देना पापा को वैसे भी पापा हम दोनों को पहले से ही बदनाम कर चुके हैं तुम बता दोगी तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं होगी,,,, और वैसे भी तुम्हारे बताने से भी हम दोनों रुकने वाले नहीं है मैं रोज इसी तरह से रात को मम्मी की कमरे में आऊंगा और मम्मी को जमकर चोदूंगा,,,, क्योंकि मम्मी भी यही चाहती है हम दोनों की यही मर्जी है और हम दोनों तुम्हारी बात में आकर अपना जीवन बर्बाद नहीं करना चाहते इस खुशी को लुटाना नहीं चाहते,,,,, लेकिन बताने से पहले,,,,(इतना कहने के साथ ही एक बार फिर से वह मोहन के पीछे जाकर खड़ा हो गया और उसे पीछे से अपनी बाहों में भर कर अपने होठों को उसकी गर्दन पर रखकर चूमते हुए बोला) मैं जरूर जानना चाहूंगा कि क्या हम दोनों की इस हालत में देखकर तुम्हें भले गुस्सा आया होगा लेकिन मुझे और मम्मी को नंगा देखकर मम्मी के खूबसूरत नंगे बदन को देख कर मम्मी की चूचियां मम्मी की चूत मम्मी की गांड देखकर और मेरे खड़े लंड को देखकर तुम्हारे बदन में कुछ कुछ नहीं हुआ तुम्हारी चूत से पानी नहीं निकला,,,,,


(एक बार फिर से अपने दोनों हथेली को कुर्ती के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची पर रख कर दबाते हुए) मैं सब कुछ देखना चाहूंगा तभी तुम पापा से कुछ कहने लायक रहोगी,, और अगर तुम्हारी चूत गीली हुई तो तुम पापा से कुछ भी कहने के लायक नहीं रहोगी तुम हम दोनों के राज को पापा के सामने खोलने की हकदार नहीं रहोगी क्योंकि मन ही मन तुम भी यही सब चाहती हो,,,,

नहीं में यह सब नहीं चाहती,,,(अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से गर्म होते ही मैं अपनी आंखों को बंद करके और अपनी गांड के बीचो बीच सलवार के ऊपर से ही अपने भाई के मोटे तगड़े लंड के आकर्षण महसूस करते हुए मोहिनी बोली)


तो डर किस बात का ही दिखाओ मुझे भी,,,,,
(और इतना कहने के साथ ही संजु अपनी बहन की कुर्ती को नीचे से दोनों हाथों में पकड़ कर उसे ऊपर की तरफ उठाने लगा मोहिनी भी अच्छी तरह से जानती थी कि अब ज्यादा नाटक करने से कोई फायदा नहीं है इस खेल में उतरने में ही भलाई है इसलिए वह मदहोशी के आलम में अपने दोनों हाथों को धीरे से ऊपर की तरफ उठाते हुए बोली,,,)

नहीं भाई ऐसा कुछ भी नहीं है,,,,

यही तो देखना चाहता हूं मोहिनी कि तुम दूसरी लड़कियों से अलग हो या दूसरी लड़कियों की तरह ही हो,,,,(इतना कहने के साथ ही संजू मोहिनी की कुर्ती को उसके खूबसूरत बदन से अलग करते हुए उतार कर नीचे फेंक दिया और मोहिनी अपनी मां के कमरे में सलवार और ब्रा में खड़ी हो गई पीले रंग की ब्रा में उसका खूबसूरत गोरा बदन और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था आराधना अपने बेटे की हरकत को और वह भी अपनी सगी बहन के साथ देख कर उसकी हालत खराब होने लगी,,,, अपनी बहन की कुर्ती को उतारकर फेंकने के बाद संजू बिल्कुल भी दे रखी है बिना अपने दोनों हथेली को ब्रा के ऊपर से ही अपनी बहन की चूची पर रखकर दबाना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन को अपने होठों से चूमना शुरू कर दिया कुछ देर पहले जो अपनी भावनाओं पर काबू करके संगम दिखा रही थी और वह भी अपनी मां की आंखों के सामने और इस समय अपने भाई की हरकत से पूरी तरह से मदहोश होकर अपनी आंखों को बंद कर कर गहरी गहरी सांस ले रही थी जिसे देखकर आराधना को सुकून मिल रहा था उसे इस बात का एहसास हो रहा था कि संजू अपनी हरकत से उसकी बहन को मना लेगा और ठीक वैसा ही हो रहा था,,,,,


संजू अपनी छोटी बहन को नंगी करने में लग गया था वह अपने दोनों हाथों से ब्रा का हुक खोल करके अपनी बहन की ब्रा को भी गीली कर दिया और उसे उतारकर कमर से ऊपर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया संतरे जैसे गोल गोल चूची को देखकर संजू के मुंह में पानी आ गया और वह अपनी मां की आंखों के सामने ही उसके पीछे खड़ा होकर अपनी दोनों हथेली में उसकी नंगी चूचियों को लेकर दशहरी आम की तरह दबाना शुरू कर दिया आराधना इस बात से हैरान भी थी कि उसका जवान बेटा अपनी बहन के साथ इतना खुल कैसे गया,,,,। फिर आपने ही मन में उठे शंका के बादल को अपने विश्वास से दुर करते हुए अपने मन में बोली,,,,)
संजू mohini ki chuchi pita hua




नहीं नहीं संजू है ही ऐसा वो किसी भी लड़की या औरत को पलभर में ही अपने काबू में कर सकने की क्षमता रखता है इसीलिए तो मोहिनी भी अपने काबू में बिल्कुल भी नहीं है और अपने भाई की हरकत से मस्त हुए जा रही है,,,,, आराधना अपनी आंखों से अपने बेटे की हरकत को अपनी ही जवान बेटी के साथ देख रही थी और अंदर ही अंदर मस्त भी हुए जा रही थी अगर कोई और समय होता तो शायद आराधना अपने बेटे की हरकत पर उसके गाल पर दो-चार थप्पड़ रसीद कर दी होती लेकिन इस समय माहौल और हालात पूरी तरह से बदले हुए थे इसलिए ना चाहते हुए भी आराधना कुछ कर नहीं सकती थी बस अपने बेटे की हरकत पर मन ही मन उसे शाबाशी दे रही थी,,,,, संजू अपने होंठ को अपनी बहन की गर्दन पर र करते हुए जोर जोर से उसके संतरे जैसी चूची को दशहरी आम की तरह दबा रहा था और अपने भाई की इस हरकत पर मोहिनी पूरी तरह से मदहोश हुए जा रही थी अगर वह अपने भाई के साथ चुदाई का मजा ना भी होती तो शायद इस समय वह अपने भाई की इस तरह की हरकत को कभी माफ नहीं करती लेकिन वह भी जवानी के जोश में पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी वह अच्छी तरह से जानती थी कि इस खेल में कितना बचा है इस खेल को खेलने में कितना मजा आता है इसीलिए तो वह नाटक करने के बावजूद भी अपनी मां की आंखों के सामने अपने भाई की हरकत का मजा ले रही थी,,,, और संजू अपनी बहन की चूची को मसलते हुए और सलवार के ऊपर से ही उसकी गांड पर अपने लंड को धंसाते हुए,,,बोला,,,)

ओहहहहह मोहिनी तेरा बदन कितना खूबसूरत है तेरी चूचियां तो मुझे पागल कर रही है मुझे पूरा यकीन है कि इस समय तेरी चूत का गुलाबी छेद नमकीन रस छोड़ रहा होगा तुझे पता है मोहिनी जब औरत की चूत में मर्द की जीभ अंदर तक जाकर चाटती है तो औरतो को कितना मजा आता है,,,, तो शायद नहीं जानती लेकिन मम्मी से पूछ मम्मी को कितना मजा आता है जब मैं मम्मी की दोनों टांगें खोलकर उनकी गुलाबी चूत में अपनी जीभ डाल कर उनकी मलाई को चढ़ता हूं मम्मी पागल हो जाती है बिस्तर पर करवटें बदलने लगती है छटपटाने लगती है मेरे बाल कस के पकड़ कर अपनी चूत पर लगा देती है,,,,,,, तुझे भी मैं उतना ही मजा दूंगा जितना मम्मी को देता हूं देखना जब तेरी गुलाबी चूत पर मेरी जीभ घूमेगी तो तू कितना पागल हो जाएगी,,,, कसम से बता रहा हूं तो बार-बार पानी छोड़ेगी,,,,, और मोहिनी जब मेरा मोटा लंड तेरी चूत की गहराई नाप आएगा तब तो समझ पाएगी कि एक औरत चुदवाने के लिए क्यों तड़पती है क्यों इस उम्र में मम्मी मेरे लंड के लिए तड़प रही है जब तक तु उस एहसास को जिएगी नहीं तब तक तुझे हम दोनों की स्थिति का बिल्कुल भी पता नहीं चलेगा,,,,,,।


ल लल,,,,लेकीन यह गलत है भाई,,,,


कुछ भी गलत नहीं है मोहिनी एक बार तू मेरी और मम्मी की नजरिए से देख तुझे बहुत मजा आएगा,,,,,( इतना कहने के साथ ही संजू अपनी मां की आंखों के सामने बेशर्मी की सारी हदें पार करते हुए अपनी बहन की सलवार की डोरी पर हाथ रख दिया जिसका एहसास मोहिनी को भी अच्छी तरह से हो रहा था लेकिन अब वह उसे रोकने की कोशिश बिल्कुल भी नहीं कर रही थी,,, क्योंकि वह जानती थी कि उसका काम हो गया है क्योंकि सारी बाजी अब संजू ने संभाल लिया था और अकेले ही पर वह अपनी बहन की सलवार की डोरी को एक झटके से खींच कर खोल दिया और जैसे ही सलवार की डोरी खुली वैसे ही कमर पर उसका कसाव एकदम से ढीला पड़ गया और एक बार फिर से जानबूझकर अपना हाथ एक झटके से अपनी सलवार पर रखकर उसे पकड़ ली ताकि वह नीचे ना गिरे पाए यह सिर्फ अपनी मां को दिखाने के लिए था कि वह इस खेल का हिस्सा अभी भी नहीं बनना चाहती,,, इसलिए वह बोली,,)


नहीं भाई मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहती भाई,,,

कुछ नहीं हो रहा मोहिनी बहुत मजा आएगा तू मेरी बात मान,,, मेरी ना सही मम्मी की तो बात मान ले मम्मी को बहुत मजा आता है इस खेल को खेलने में,,,,


नहीं भाई नहीं,,,,,

मत रोक मोहिनी मुझे मैं पागल हुआ जा रहा हूं तेरे बदन से मादक खुशबू मेरा जोश बढ़ा रही है मुझे मदहोश कर रही है,,,,,(और इतना कहते हुए मोहिनी की हाथ पर अपना हाथ रख कर उसे सलवार पर से हटाने लगा और मोहिनी भी इसी में अपनी भलाई समझ रही थी इसलिए वह भी अपने हाथ का अपने भाई के हाथ में देकर सलवार पर से हटा दी और अगले ही पर सलवार एकदम से ढीली होकर उसके कदमों में जा गिरी,,, एक पल की भी देरी किए बिना संजू अपनी हथेली को ठीक मोहिनी की चूत पर उसकी पैंटी के ऊपर ही रख दिया जो की पूरी तरह से गिरी थी और उसके गीले पन को अपनी उंगलियों पर महसूस करते ही संजू खुश होता हुआ बोला,,,,,)

देख मैंने बोला था ना तेरी भी चूत पानी छोड़ रही है मतलब कि तुझे भी मम्मी और मुझे नंगा देखकर मजा आ रहा था,,,
अपनी मां की आंखों के सामने मोहिनी अपनी चूत चटवाती हुई


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नहीं भाई,,,,,,सहहहहहह,,,आहहहहहहहह,,,(संजू की गरमा गरम हथेली को अपनी चड्डी के ऊपर से ही अपनी चूत पर महसूस करके मोहिनी अपने जज्बात पर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाई और ना चाहते हुए भी उसके मुंह से गरमा गरम सिसकारी की आवाज फूट पड़ी जिसे सुनकर आराधना मन ही मन में खुश होने लगी,,, और अपनी बहन की गरमा गरम सिसकारी की आवाज को सुनकर संजू बोला)

देखी ना मोहिनी तुझे भी मजा आ रहा है तभी तो तेरे मुंह से इस तरह की आवाज आ रही है,,,,
मोहिनी की चुदाई करते हुए संजू


मुझे नहीं पता भाई क्या हो रहा है मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है,,,,


सब समझ में आ जाएगा मोहिनी,,,,(इस बार अपनी हथेली को मोहिनी की पैंटी में डालकर उसकी चूत को अपनी हथेली में दबाते हुए) सहहहहहहह बहुत गर्म चुत‌ है मोहिनी तेरी तुझे भी बहुत मजा आएगा जब तू मम्मी की बड़ी बड़ी चूची को अपने हाथों में लेकर दब आएगी उसके निप्पल को अपने मुंह में लेकर पिए गी,,,, बचपन में तो तो बहुत दूध भी है लेकिन जवानी में मम्मी की चूची को मुंह में लेकर पीने का मजा ही कुछ और होता है मुझे तो बहुत मजा आता है मम्मी की चूची मुंह में लेकर पीने में,,,, तुझे भी बहुत मजा आएगा मंगनी देखना जब मम्मी अपनी दोनों टांगें खोलकर तुझे अपनी चूत के दर्शन कराएगी तब तू,,, धन्य हो जाएगी अपनी आंखों से अपनी मां की चूत की खूबसूरती देखकर देखना इस उम्र में भी मम्मी की चूत जवान लड़की की चूत से भी कहीं ज्यादा हसीन और चिकनी है और मस्त होकर तो कचोरी की तरह एकदम से फुल जाती है और उसमें रसमलाई झरता रहता है,,,,
(मोहिनी अपने भाई की इस तरह की अश्लील बातें सुनकर पूरी तरह से मस्त हो जा रही थी आराधना भी अपने बेटे के मुंह से अपनी ही जवानी की खूबसूरती की गरमा गरम बातें सुनकर उत्तेजित में जा रही थी और वह अपनी आंखों से अपने बेटे की हरकत को देख रही थी जो कि अपनी ही बहन की चड्डी में हाथ डालकर उसकी चूत के रस को अपनी उंगलियों से पी रहा था संजू अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोला,,,) तू ही सोच महीने कितना मजा आएगा जब तू मम्मी की चूत पर अपने होंठ लगा कर अपनी जीभ से उसके काम रस को चाटेगी,,,, सहहहह,,,, बहुत मजा आएगा मोहिनी,,,,( लगातार मोहिनी की चूत को अपनी हथेली से मसलते हुए जिसकी वजह से मोहिनी उत्तेजित हुए जा रही थी),,,, तउ६ मम्मी की चूत चाटेगी और सोच मोहिनी के बाद तू भी अच्छी तरह से जानती है कि मम्मी बहुत ज्यादा खूबसूरत है उसकी चूत कितना मजा देगी तो सोच कर ही पागल हो जाएगी और यह भी तो सोच मम्मी भी तेरी गुलाबी चूत को अपने होठों से चाटेगी उसमें चीभ डालेगी तुझे भी पूरा मजा देगी,,,,,,(इतना सुनते ही मदहोश अवस्था में मोहिनी अपनी आंखों को खोल कर अपनी मां की तरफ देखी और आराधना उसी की तरफ देख रही थी और अपने बेटे की बात पर हामी भरते हुए मुस्कुराकर जैसा संजू कह रहा है वैसा ही होगा इसकी तसल्ली मोहिनी को दे रही थी मोहिनी भी अंदर ही अंदर मचल उठी अपने भाई के बताए अनुसार उस सुख को प्राप्त करने के लिए मोहिनी की गहरी चलती सांसो को देखकर संजू समझ गया कि अब नाटक के खत्म होने का समय आ गया है इसलिए वह बोला,,,)
अपनी मा की चुची दबाकर पीता हुआ संजू

बस मोहिनी अब अपनी चड्डी उतार कर तू भी एकदम नंगी हो जा,,,,(और इतना कहने के साथ ही संजू मोहिनी की चड्डी को दोनों हाथों से खींचकर उसके घुटनों तक ले आया और बाकी का काम मोहिनी इस खेल में सम्मिलित होने का इशारा करते हुए अपने ही पैर का सहारा लेकर अपनी चड्डी को अपने पैरों से बाहर निकाल कर अपने पैर से सरका कर उसे पलंग के नीचे डाल दी,,,)
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