फ़ारूक बोले, “चलो तुम्हें रूम दिखा देता हूँ!” फिर सुनील फ़ारूक के साथ छत पर चला गया। सुनील को घर और ऊपर वाला रूम बेहद पसंद आया। अंदर बेड, दो कुर्सियाँ और स्टडी टेबल मौजूद थी। बाथरूम और टॉयलेट छत के दूसरी तरफ़ थे लेकिन वो भी साफ़-सुथरे थे। रूम देखने के बाद सुनील ने फ़ारूक से पूछा, “बताइये फ़ारूक भाई... कितना किराया लेंगे आप...?” फ़ारूक ने सुनील की तरफ़ देखते हुए कहा, “अरे यार जो भी तुम्हारा बजट हो दे देना!”
रूम का और खाने-पीने का मिला कर साढ़े तीन हज़ार महीने का किराया तय करने के बाद फिर सुनील ने फ़ारूक से रुखसाना और उसके रिश्ते के बारे में पूछा तो फ़ारूक ने बताया कि रुखसाना उसकी बीवी है। सुनील को लगा था कि रुखसाना फ़ारूक की बड़ी बेटी है शायद।
फ़ारूक: “वो दर असल सुनील बात ये है कि, रुखसाना मेरी दूसरी बीवी है। जब मैं चौबीस साल का था तब मेरी पहली शादी हुई थी और पहली बीवी से सानिया हुई थी... शादी के तेरह साल बाद मेरी पहली बीवी की मौत हो गयी... फिर मैंने अपनी बीवी की मौत के बाद अढ़तीस साल की उम्र में रुखसाना से शादी की। रुखसाना की भी पहले शादी हुई थी... लेकिन उसके शौहर की भी मौत हो गयी और बाद में जब रुखसाना तेईस साल की थी तब मेरी और रुखसाना की शादी हुई!”
अब सारा मसला सुनील के सामने था। थोड़ी देर बाद सुनील वापस चला गया। अगले दिन शाम को सुनील फ़ारूक के साथ ऑटो से अपना सामान ले कर आ गया और फिर अपना सामन ऊपर वाले रूम में सेट करने लगा।
फ़ारूक: “अच्छा सुनील... गरमी बहुत है... तुम नहा धो लो... फिर रात के खाने पर मिलते हैं!” उसके बाद नीचे आने के बाद फ़ारूक ने रुखसाना से बोला, “जल्दी से रात का खाना तैयार कर दो... मैं थोड़ी देर बाहर टहल कर आता हूँ!” ये कह कर फ़ारूक बाहर चला गया। रुखसाना जानती थी कि फ़ारूक अब कहीं जाकर दारू पीने बैठ जायेगा और पता नहीं कब नशे में धुत्त वापस आयेगा। इसलिये उसने खाना तैयार करना शुरू कर दिया। आधे घंटे में रुखसाना और सानिया ने मिल कर खाना तैयार कर लिया। अभी वो खाना डॉयनिंग टेबल पे लगा ही रही थी कि लाइट चली गयी। ऊपर से इतनी गरमी थी कि नीचे तो साँस लेना भी मुश्किल हो रहा था।
रुखसाना ने सोचा कि क्यों ना सुनील को ऊपर ही खाना दे आये। इसलिये उसने खाना थाली में डाला और ऊपर ले गयी। जैसे ही वो ऊपर पहुँची तो लाइट भी आ गयी। सुनील के रूम की तरफ़ बढ़ते हुए उसके ज़हन में अजीब सा डर उमड़ रहा था। रूम का दरवाजा खुला हुआ था। रुखसाना सिर को झुकाये हुए रूम में दाखिल हुई तो उसके सैंडलों की आहट सुन कर सुनील ने पीछे पलट कर उसकी तरफ़ देखा।