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थोड़ी देर के बाद सानिया सतीश के लंड को पकड कर उसको अपने हाथों से सहलाते हुए बोलि, " बेटा लग रहा है की तुम्हारा औज़ार (डंडा) किसी भी औरत को और खास कर मुझे खुश कर सकता है.
ओर अगर किसी कुंवारी लड़की के चूत मे चला जाये तो उसकी चूत ही फट जाएगी." फिर सानिया सतीश के सामने जमीन पर बैठ गयी और सतीश के लंड से खेलने लगी. धीरे धीरे सानिया ने सतीश के सुपारे को अपनी जीभ से सहलाने लगी सतीश का तो सर घूम रहा था और मूह लाल हो रहा था.
सतीश ने अपनी मम्मी को पकड़ कर उठाया और अपनी गोद पर अपने तरफ मुह करके बैठा लिया.
फिर वह अपनी मम्मी से लिपट गया और उनको चूमने लगा थोड़ी देर तक चूमने के बाद मे हाथ बढा कर सानिया के पीछे ले गया और उनकी ब्रा की हुक खोल दिया.
ब्रा ख़ुलते ही सानिया की बड़ी बडी, गोल गोल और भरी भरी स्तन बाहर सतीश की नज़रों के सामने निकल आई.
ओर..............
मम्मी के स्तन बहुत ही सुन्दर है और उनका साइज करिबन 39 डी है और ऊपर की तरफ तने हुए है.
मम्मी के स्तन के निप्पल हलके गुलाबी रंग और चने के साइज के है.
सतीश ने जैसे उन स्तनो को छुआ उसे वह दोनों बहुत नरम और गरम लगे.
सतीश झुक कर सानिया के स्तन के निप्पल को अपने मुह में लिया और धीरे धीरे चुसने लगा.
जैसे जैसे वह निप्पल को चुस रहा था उनकी साइज बढ्ने लगी और पूरी तरह से तन कर खड़े हो गये.
जैसे किसी पत्थर से बनी मूर्ति की होती है.
सतीश बुरी तरह से अपनी मम्मी के स्तन को चूस रहा था और सानिया कभी कभी दर्द से कराह देती मगर सानिया ने एक बार भी उसको ऐसा करने से नहीं रोका और उसको अपनी मर्ज़ी का करने दिया.
सतीश सानिया के स्तन चुसते हुए सानिया से लिपटे जा रहा था और जब वह बहुत गरम हो गया तो वह बगल में अपनी मम्मी को लेकर लेट गया. सानिया सतीश के ऊपर लेट गयी.
सतीश फिर सानिया को पकड़ कर पलट गया और सानिया के ऊपर चढ़ कर सानिया को चूमने लगा और दोनों हाथों से उनके स्तन मसलने लगा.
थोड़ी देर के बाद सतीश को लगा की शायद बाहर कोई मम्मी के बैडरूम की तरफ आ रहा है.
किसी के कदमो की आहट तेज होती जा रही है.
आचानक कमरे का दरवाज़ा खुला और मोना कमरे दाखिल हो गयी.
ओ सीधे बेड के पास आके खड़ी हो गई और फिर उसने जो देखा वो चोंका देणे वाला था..............
उसकी आँखे और मुह दोनों खुले के खुले रह गये.
उसने सोचा क्या ऐसा भी हो सकता है ........................?
क्या.....
ओर अगर किसी कुंवारी लड़की के चूत मे चला जाये तो उसकी चूत ही फट जाएगी." फिर सानिया सतीश के सामने जमीन पर बैठ गयी और सतीश के लंड से खेलने लगी. धीरे धीरे सानिया ने सतीश के सुपारे को अपनी जीभ से सहलाने लगी सतीश का तो सर घूम रहा था और मूह लाल हो रहा था.
सतीश ने अपनी मम्मी को पकड़ कर उठाया और अपनी गोद पर अपने तरफ मुह करके बैठा लिया.
फिर वह अपनी मम्मी से लिपट गया और उनको चूमने लगा थोड़ी देर तक चूमने के बाद मे हाथ बढा कर सानिया के पीछे ले गया और उनकी ब्रा की हुक खोल दिया.
ब्रा ख़ुलते ही सानिया की बड़ी बडी, गोल गोल और भरी भरी स्तन बाहर सतीश की नज़रों के सामने निकल आई.
ओर..............
मम्मी के स्तन बहुत ही सुन्दर है और उनका साइज करिबन 39 डी है और ऊपर की तरफ तने हुए है.
मम्मी के स्तन के निप्पल हलके गुलाबी रंग और चने के साइज के है.
सतीश ने जैसे उन स्तनो को छुआ उसे वह दोनों बहुत नरम और गरम लगे.
सतीश झुक कर सानिया के स्तन के निप्पल को अपने मुह में लिया और धीरे धीरे चुसने लगा.
जैसे जैसे वह निप्पल को चुस रहा था उनकी साइज बढ्ने लगी और पूरी तरह से तन कर खड़े हो गये.
जैसे किसी पत्थर से बनी मूर्ति की होती है.
सतीश बुरी तरह से अपनी मम्मी के स्तन को चूस रहा था और सानिया कभी कभी दर्द से कराह देती मगर सानिया ने एक बार भी उसको ऐसा करने से नहीं रोका और उसको अपनी मर्ज़ी का करने दिया.
सतीश सानिया के स्तन चुसते हुए सानिया से लिपटे जा रहा था और जब वह बहुत गरम हो गया तो वह बगल में अपनी मम्मी को लेकर लेट गया. सानिया सतीश के ऊपर लेट गयी.
सतीश फिर सानिया को पकड़ कर पलट गया और सानिया के ऊपर चढ़ कर सानिया को चूमने लगा और दोनों हाथों से उनके स्तन मसलने लगा.
थोड़ी देर के बाद सतीश को लगा की शायद बाहर कोई मम्मी के बैडरूम की तरफ आ रहा है.
किसी के कदमो की आहट तेज होती जा रही है.
आचानक कमरे का दरवाज़ा खुला और मोना कमरे दाखिल हो गयी.
ओ सीधे बेड के पास आके खड़ी हो गई और फिर उसने जो देखा वो चोंका देणे वाला था..............
उसकी आँखे और मुह दोनों खुले के खुले रह गये.
उसने सोचा क्या ऐसा भी हो सकता है ........................?
क्या.....