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Adultery मलाई- एक रखैल

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naag.champa

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मलाई- एक रखैल


Malai-11111.jpg
अनुक्रमणिका

अध्याय 1 // अध्याय 2 // अध्याय 3 // अध्याय 4 // अध्याय 5
अध्याय 6 // अध्याय 7 // अध्याय 8 // अध्याय 9 // अध्याय 10
अध्याय 11 // अध्याय 12 // अध्याय 13

(कहानी संपूर्ण)




 
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naag.champa

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wow...........................great................... naag.champa

Hindi font main likh rahe ho ....................... 🤩 🤩 🤩
जी हां, मैं हिंदी फोंट में ही दिख रही हूं| ताकि पाठकों को कहानी पढ़ने का पूरा मजा आए| आशा है मेरी कहानी आपको अच्छी लगी और अगले अपडेट्स भी आपको मजेदार लगेंगे :angel5:
 

naag.champa

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Rasprad aur Romanchak update. Pratiksha agle update ki
मेरी कहानी पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, अगला अपडेट में बहुत ही जल्द देने वाली हूँ, उम्मीद है आपको पसंद आएगी- अपने कमैंट्स जरूर पोस्ट कीजिएगा|:angel3::angel3::angel3:
 

naag.champa

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मलाई- एक रखैल-6

छतरी तो एक ही थी और बारिश बहुत तेज हो रही थी| इसलिए हम लोग थोड़ा बहुत भी गए थे| जब हम घर पहुंचे तब तक कमला मौसी ने हम लोगों के लिए चाय बना कर रखी थी और उन्होंने अपने कमरे में मेरे लिए कपड़े भी निकाल कर रखे थे|

हम लोगों के आते ही उन्होंने कहा, "अरि मलाई, तू और सचिन भाई तो एकदम भी गए हैं एक काम कर तू अंदर वाले बाथरूम में नहा ले वहां गर्म पानी क गीजर लगा हुआ है"

मैंने थोड़ा हिचकते हुए कहा, “लेकिन अंदर वाले कमरे में तो सचिन अंकल ठहरे हुए हैं...”

“तो क्या हुआ उस बाथरूम में गीजर तो लगा हुआ है ना? गरम पानी आता है| जा; जा कर नहा ले और यह देख मैंने तेरे लिए कपड़े भी निकाल कर रखे हैं...”

मैंने दोबारा गौर किया इस बार भी कमला मौसी ने मेरे लिए जो कपड़े निकाले थे वह सिर्फ एक नाइटी थी और एक पैंटी… न जाने क्यों वह यह चाहती थी कि सचिन अंकल की मौजूदगी में मैं ब्रा ना पहनू… अगर मैं ब्रा नहीं पहनूंगी तो मेरे स्तनों का जोड़ा मेरी हर हरकत पर हिलेगा डूलेगा... और मुझे मालूम है सचिन अंकल की मरदानी नजर मेरे स्तनों पर जरूर पडेंगी... क्या कमला मौसी को इस बात का एहसास नहीं? हां, उन्हें पता तो जरूर है- लेकिन वह जानबूझकर मेरे को ब्रा नहीं पहनने देना चाहती... शायद वह चाहती हैं कि मैं ऐसे ही उनके सचिन भाई को लुभायुं|

मैं उनसे इशारों इशारों में पूछने ही वाली थी कि मेरी ब्रा कहां है? लेकिन न्यू मार्केट का वाकया मुझे याद आया, कि कितने कामुक तरीके से सचिन अंकल ने मेरे होठों को चुमा था... हम लोग तन और मन से कितने करीब आ गए थे उस करीबी की गर्मी अभी भी मेरे अंदर बाकी थी... इसलिए मैं चुपचाप सर झुका कर अंदर वाले कमरे में (जहां सचिन आकर ठहरे हुए थे) लगे हुए बाथरूम की तरफ जाने लगी है इतने में सचिन अंकल ने कहा, "एक बात कहूं कमला, तुम्हारी यह लड़की मलाई बहुत खूबसूरत है... लेकिन मैं जब से यहां आया हुआ हूं, मैं देख रहा हूं कि इसने अपने बालों को बड़े सुंदर तरीके से जुड़े में बांध रखा है... और उसका जुड़ा भी इतना भरा पूरा सा- इतना बड़ा है, अगर बुरा ना मानो तो क्या तुम इससे कहोगी, अपने बाल खोलकर मुझे दिखाएं?"

“हां हां, क्यों नहीं?” कमला मौसी बिल्कुल गदरा कर मुस्कुराई और उन्होंने मेरे अध गीले बालों का जुड़ा खोलकर, मेरे बालों को मेरे पीठ पर फैला दिया... सचिन अंकल सोफे पर बैठे हुए थे वह उठकर कर मेरे करीब आए और मेरे बालों को दो-चार बार सहलाया, और फिर वह बोले, “अरे वाह तुम्हारी यह लड़की मलाई तो खुले बालों में और भी ज्यादा खूबसूरत लगती है| मैं एक बात कहूं इससे कहो कि अपने बाल खुले ही रखा करें बहुत खूबसूरत दिखती है खुले बालों में...”

पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लग रहा था कि अगर कमला मौसी वहां नहीं होती तो शायद वह मुझे दोबारा अपनी बाहों में भर कर चूम लेते…

मैं चंद सेकंड वहां खड़ी रही और उसके बाद तेज़ कदमों से चलती हुई बाथरूम में घुस गई और दरवाजा बंद कर दिया|

वहां मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और दीवार पर लगे आईने पर अपनी नंगी छवि देखी... कमला मौसी का कहना बिल्कुल ठीक था... उनकी बातें मेरे कानों में गूंजने लगी, 'यह तो तेरे खेलने कूदने के दिन है तू क्या अपनी जवानी को ऐसे ही पड़े पड़े सूखने देगी?'

मैंने शावर चला दिया और दीवार से टिक कर गीज़र के गुनगुने पानी में अपना सारा बदन भगोने लगी…

बारिश होने बंद होने का नाम ही नहीं रही थी... शुक्र है कि केबल टीवी चल रहा था... रात का खाना हम लोगों ने चुपचाप ही खाया... लेकिन मेरे मन के समंदर में मानो कोई चक्रवाती तूफान आया हुआ था... इसलिए मैं चुपचाप ही थी... लेकिन कमला मौसी ने खामोशी को जाहिर नहीं होने दिया... वह सचिन अंकल से बातें करती रही है वह दोनों हंसते रहे और जब भी मैं उन दोनों को एक दूसरे की तरफ देखते हुए हंसता हुआ देखती है न जाने क्यों मेरे अंदर एक अजीब सी जलन से पैदा हो रही थी|

खैर, खाना खाने के बाद मैं ऊपर के कमरे में सोने चली गई... लेकिन नींद मानो मेरी आंखों से कोसों दूर थी... लेटे लेटे मैंने अपने मोबाइल फोन पर मैंने 10- 10 15- 15 मिनट की 2-3 ब्लू फिल्में देख डाली...

फिल्मों को देखते देखते मेरे अंदर काफी गर्मी छा गई थी... खुली खिड़की से आते हुए ठंडी हवाओं के भीगे भीगे के झोंके जैसे मेरे बदन में आग लगा रहे थे... कल सुबह जल्दी उठकर कमला मौसी के साथ मिलकर घर के सारे काम निपटाने हैं उसके बाद दुकान में भी जाना है| अगर मैं और कमला मौसी दोनों के दोनों दुकान में चले गए तो घर में अकेले सचिन अंकल क्या करेंगे? अगर सुबह जल्दी उठना है तो मुझे अब तक सो जाना चाहिए था...

मैं सिर्फ एक पतली सी फ्रंट ओपन स्लीवलैस नाइटी और चड्डी पहन कर ही बिस्तर पर लेटी हुई थी... कमर के निचले हिस्से से मैंने कपड़े हटाए और अपनी चड्डी नीचे सरका कर अपने यौनांग में उंगली करने लगी.... मुझे बार-बार न्यू मार्केट के बस स्टैंड मैं बिताए हुए वह लम्हे याद आ रहे थे जब जाने अनजाने में ही सचिन अंकल ने मुझे इतना कामुक तरीके से चूमा था... हम लोग एक दूसरे के इतना करीब आ गए थे कि हमारे शरीर के निचले हिस्से भी एक दूसरे के साथ छू रहे थे... मेरा मन एक अनजाने से भंवर में फस चुका था और ना जाने मैं कहां समा जा रही थी... सचिन अंकल तो नीचे वाले कमरे नहीं सो रहे हैं... या फिर वह जगे हुए हैं? क्या वह भी यही सब सोच रहे हैं जो मैं सोच रही हूं? जब हम लोग इतना करीब आ गए थे. तो मैंने उनकी आंखों में झांक कर देखा था... उनके नीले नीले आंखों की गहराई होंगे न जाने क्यों मुझे लगा उनके अंदर भी एक आग सी भड़क है... और वह आग है मुझे पाने की इच्छा... लेकिन मैंने सोचा क्या यह ठीक है? अगर इस वक्त मैं सिर्फ उनको देखने के लिए ही सही, अगर उनके कमरे में गई? और उन्हें पता चल गया, तो वह क्या सोचेंगे? या फिर अगर उन्होंने मुझे अपने पास बुला लिया तो? मैं तो एक शादीशुदा औरत हूं... आज अगर मेरी और सचिन अंकल के बीच कुछ होता है, तो शायद किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी... अभी कमला मौसी तब तक सो चुकी होंगी, और घर में भी फिलहाल कोई नहीं है... लेकिन क्या यह ठीक है?

फिर अचानक बिजली कड़की... और कुछ देर के लिए चारों तरफ एकदम सन्नाटा सा छा गया, मार दो सारा माहौल भी मेरे फैसले का इंतजार कर रहा हो... और मुझसे रहा नहीं जा रहा था...

मैंने अपनी चड्डी ऊपर चढ़ाई और झटके के साथ अपने बिस्तर पर उठ कर बैठ गई... और मन ही मन यह तय कर लिया आर होगा या पार यह कहकर मैंने उठ कर जब अपनी बेडरूम का दरवाजा खोला तो सामने खड़ी शख्स को देखकर मैं बिल्कुल भौं-चक्की रह गई|

मैंने देखा कि कमला मौसी सिर्फ एक नाइटी पहने हुए दरवाजे के बाहर दीवार से अपना कंधा टेक कर खड़ी है और मेरी तरफ एक शरारत भरी मुस्कान लिए देख रही है...

मैंने हकलाते हुए उनसे पूछा "क-क-क- कमला मौसी आप कब से यहां खड़ी हैं?"

कमला मौसी ने अपनी बाँछों को खिला कर कहा, “पिछले 5 मिनट से… न जाने क्यों मुझे ऐसा लगा कि मैं एक बार तुझे देख कर आऊं कि तुझे ठीक से नींद आ रही है कि नहीं, यूं तो जब अनिमेष घर पर नहीं होता तो नीचे मेरे साथ आकर सोती है... लेकिन आज तो तू सीधे अपने बेडरूम में चली गई... इसलिए मैंने सोचा कि एक बार देख कर आऊं… बस मैं कमरे के बाहर ही खड़ी थी तो मुझे तेरी आहों की आवाज सुनाई दी… क्या सोच रही है? जा कहां रही थी?”

मुझे काटो तो खून नहीं, मैंने इधर उधर देखते हुए कहा, “जी कहीं नहीं… बस यूं ही...”

लेकिन कमला मौसी पूरा माजरा समझ गई थी उन्होंने मुस्कुरा कर प्यार से मेरे गालों पर हाथ फेर कर मेरा माथा चूमा और फिर बोली, “जा, चली जा… तेरे सचिन अंकल सोते वक्त अपना दरवाजा लॉक नहीं करते… किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी… जा मेरी बच्ची चली जा… मैं सब जानती हूं मैं सब समझ सकती हूं यह मत भूल कि मैं भी कभी तेरी की उम्र की थी... पेट की आग और बदन की आग में ज्यादा फर्क नहीं होता... जा मेरी बच्ची चली जा सचिन भाई के पास”

मैं फटी फटी आंखों से कमला मौसी की ओर देख रही… मैं तो सचमुच सचिन अंकल के कमरे में ही जाने की ठान कर बिस्तर से उठ कर बैठी थी और कमरे से बाहर निकल कर उन्हीं के पास जा रही थी क्योंकि मुझसे और रहा नहीं जा रहा था… और ऐन वक्त पर कमला मौसी ने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया था... अब किसी भी तरह की कोई भी दलील देने का कोई फायदा नहीं|

इसलिए मैं सर झुका कर सचिन अंकल के कमरे की तरफ जाने के लिए सीढ़ियों से उतरने ही वाली थी की कमला मौसी ने मेरा हाथ पकड़ा और फिर मेरे कुल्हों पर हाथ फेरा, और फिर वह बोली, “अरि यह क्या? तूने पैंटी क्यों पहन रखी है? उतार दे इसको… अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी तेरे को… चल पैंटी उतर के जा… उनके कमरे में जाकर अपनी अपनी नाइटी उतार देना और अपने बालों को खोल देना... याद है ना? उन्होंने कहा था कि तू खुले बालों में खूबसूरत लगती है... और ऐसी हालत है वह तुझे नंगी देखेंगे तो जरूर उनका दिल आ जाएगा... और मेरा यकीन मान तेरे सचिन अंकल तेरे को पूरी तरह से रिलैक्स और खुश कर देंगे... मैं जैसा कहती हूं अगर तू वैसा ही करेगी... मेरी अगर बात मानकर चलेगी, तो यकीन मान तेरा भला ही होगा… तू ऐश करेगी… मैं हूं ना तेरी कमला मौसी”

क्रमशः
 
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The_InnoCent

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
78,989
115,642
354
अध्याय - 4, 5, 6
Behad hi shandar aur behad hi dilchasp story,,,,:claps:


naag.champa Madam idhar ke teeno adhyaay bhi behad khubsurat the aur likhne ka andaz bhi lajawab. :superb:

To malaayi airport akele hi Sachin uncle ko lene gayi thi. Zaahir hai kamla mausi ne jo soch rakha hai uske hisaab se malaayi ko akele hi jana tha taaki dono ke beech kisi baat ke liye asahajta na ho. Sachin uncle America me rahne wala ek rangeen mizaaj aadmi hai to malaayi ek aisi bala jisse apni bhadakti huyi jawani ka taap na to sahan ho raha hai aur na hi uske kaabu me hai. Sachin uncle ka nature malaayi ko akarshit kar gaya aur wo uski taraf attract ho gayi. Khair ghar aane ke baad jab dono new market gaye to Sachin uncle ne usko had se zyada khush karne ke liye shopping karwaayi jo ki malaayi ki ummido se pare wali baat thi. Shadi ke baad pati ke itne dino tak door rahne se zaahir hai ki kuch to asar hoga hi, sath hi kamla mausi ki baato ne uski soch ko bhi badal diya aur aise me jab koi is tarah ka insaan samne aaye to uska nateeja is roop me to niklega hi. Bus stand par sachin uncle ne ekdam se malaayi ki malaayi chaat li. Malaayi ko unse aisi ummid to nahi thi lekin man me kyoki aisi hi chahat thi is liye usne unhe roka bhi nahi. Itna kuch hone ke baad malaayi ka aur bhi zyada sachin uncle ki taraf akarshit ho jana hairani ki baat nahi thi. Apne kamre me bed par pade huye usne is bare me bahut socha aur aakhir me usne deside kiya ki ab jo hoga dekha jayega. Kamla mausi ki kahi huyi baat uske zahen me naach uthi aur usne soch liya ki wo apni jawani ko is tarah jaya nahi hone degi. Kamre se nikli to kamla mausi kisi pretni ki tarah uske samne aa gayi. Waise uski timing gazab ki thi, manovigyaan ka achha khaasa gyaan hai use. Use achhi tarah pata tha usne malaayi me jo aag lagaayi hai uska asar kab aur kis tarah se hoga. Khair usne malaayi ko spast roop se kah diya ki wo sachin uncle ke paas jaye aur khud ko unke hawale kar de. Malaayi ki haalat to wahi thi ki andha kya chaahe do aankhe. Kamla mausi ne uski penty bhi utarwa di, zaahir hai itne kapdo ki bhala kya zarurat hai waha??? :lol:

Shandar kahani madam, ab aage ka intzaar hai,,,,:waiting:
 
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जबरदस्त अपडेट है । कमला मौसी मलाई के माध्यम से अपने सारे अरमान पूरे करना चाहती है जो वो अपनी जवानी में पूरे ना कर सकी
 

Arjun007

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शानदार अपडेट👌👌👌👌
रात की चुदाई में मलाई के अन्दर जो शर्म और डर है वो लगभग खत्म हो जाएगी। फिर तो दुकान पर भी मलाई अपना रस टपकायेगी।
 

naag.champa

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Super hot
आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
साथ बने रहिये आशा है कि बाक़ी अपडेटेड भी आपको अच्छे लगेंगें
 
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