Superhit update"आंटी मुझे बहुत डर लग रहा है मुझे बचा लो प्लीज" किंजल काटते हुए बोली। उसके हाथ पैर डर के मारे कांप रहे थे। दिल की धड़कन तेजी से चल रही थी।
"कितना पैसा मांगा है उसने?" शिफा ने पूछा।
"2 लाख।" किंजल अभी भी कांप रही थी।
"तो करना तेरे मां-बाप को इतनी अमीर थे। तेरे लिए दो लाख क्या बड़ी चीज है।" शिफा उसे भापते हुए बोली।
"मैं कहां से लाऊं? सब कुछ मम्मी पापा के पास ही था अब जो गलती हो गई रिश्तेदार भी सब लॉक up मे मुझे इतनी लंबी गालियां देकर गए हैं।" किंजल मुंह नीचे कर के बोली।
"उन्होंने उस औरत को इतनी बुरी तरह से मारा। पता नहीं बेचारी जिंदा भी है या नहीं। मुझे सच में बहुत डर लग रहा है। मुझे यह सब अपने साथ नहीं करवाना।"
"देख बच्चे जेल का उसूल है यहां पर आदमी के साथ वही किया जाता है जो जुर्म वो बाहर करके आया है।"शिफा उसका हाथ पकड़ के बोली।
"तू तो वैसे भी कच्ची उम्र की है तुझे तो यह ऐसे ही भूखे कुत्तों की तरह नोच लेंगे। यहां जीने के लिए या तो पैसा होना चाहिए या ताकत। तेरी ताकत तो मुझे दिख ही रही है, अब बस पैसा ही तुझे बचा सकता है।"
किंजल को समझ नही आ रहा था, क्या करे। वो शिफा की तरफ देखने लगी। इतने में सोनिया वहा आई। "क्या बात है?? बड़े सीरियस मूड में हो?"
"मौसी लेके गई थी इसे। सिक्योरिटी फीस मांगी है।" शिफा ने बताया।
"लो हो गया काम। पैसा तेरे पास है नहीं अब क्या होगा तेरा।" सोनिया आंखे चढ़ाते बोली।
"तो बताओ ना अब क्या करूं मैं? यह कोई काम करने से पैसा नहीं मिलेगा क्या?" किंजल ने पूछा।
"तुझे यह कोई सॉफ्टवेयर कंपनी दिखती है क्या जो एक महीना काम करके 200000 मिल जाएगा।" सोनिया फिर मुंह बिचका के बोली।
"आंटी आप क्या काम करती हो ?मैंने आपको वीआईपी बैरक में देखा था।" किंजल कुछ याद करते हुए बोली।
शिफा और सोनिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और शिफा भड़क कर किंजल को बोली "ज्यादा इधर-उधर मत देखा कर अपने काम से काम रखा कर।"
"प्लीज मेरी भी कुछ मदद करो मुझे कुछ रास्ता दिखाओ आप तो यहां काफी देर से हो और सब को जानते हो सब पता है। कुछ तो रास्ता होगा।" किंजल हाथ जोड़ते हुए बोली।
"चल देखती हूं कुछ और तू कर लेगी काम?" शिफा उठते हुए बोली।
"प्लीज मुझे अपने साथ ही रखो मुझे बहुत डर लग रहा है।" किंजल डर से गिड़गिड़ाती बोली।
शिफा ने मुस्कुरा कर सोनिया को देखा। सोनिया बोली "तुझे जो बोलोगी ध्यान से सुन और जो बोलूंगी अपने आप तक ही रखना ज्यादा इधर-उधर बात की तो तूने देखी लिया कि जेल में क्या-क्या होता है।"
"नहीं मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी। प्रॉमिस" किंजल सोनिया की तरफ रोते हुए बोली।
सोनिया हंस पड़ी। "तेरे प्रॉमिस को यहां कौन पूछता है एक गलती और सीधा खत्म"।
"मैं यहां आने से पहले पार्लर चलाती थी और साथ में लड़कियां सप्लाई करती थी l पति निकम्मा था तो यह काम करना पड़ता था पेट पालने के लिए। वह तो किसी नेता के साथ मेरा लफड़ा हो गया इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। और यह सोनिया अपने बॉयफ्रेंड के चक्कर में ड्रग्स के साथ पकड़ी गई थी। हम औरत जात के साथ सबसे बड़ा लफड़ा यह है कि एक बार अगर किसी जेल के लफड़े में फंस गए तो परिवार दोस्त सब मुंह मोड़ लेते हैं। यही इसके साथ हुआ ना तो system में किसी ने सुनी ना घरवालों ने साथ दिया,।" शिफा बोली।
"मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी। प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो।" किंजल आशंका से घबराते हुए बोली।
"अभी यहीं तेरी दुनिया है यहां किसी तरह सेट हो जा उसके बाद सब सही है। बाकी मैं हूं तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुझे। अगर तू मेरे साथ काम कर सकती है तो बोल। मैं मौसी से बात करके कुछ जमा लेती हूं।" शिफा समझाते हुए बोली।
"सोच कर बता दे। बाकी तेरी मर्जी है।" सोनिया उठते हुए बोली।
इतने में 4:30 की घंटी बज गई। यह कपड़े धोने नहाने आने का समय था। सब कैदी बाहर गुसल खाने के आसपास अपने अपने कपड़े लेकर इकट्ठे होने लगे। किंजल के पास बस एक जोड़ी कपड़े थे जो उसने पहने हुए थे। जिसमें से पसीने की बदबू आ रही थी। चल तू भी नहा ले और कपड़े धो ले थोड़ा अच्छा लगेगा।
"पर मेरे पास तो और कपड़े है ही नही।" किंजल बोली।
"वाह अभी भी सोचने को टाइम चाहिए। एक काम कर चादर लपेट कर धो ले।" शिफा बोली।
किंजल शिफा के साथ चल पड़ी। दोनो पहले किंजल के बैरक में गए। किंजल ने अपनी चादर और तौलिया उठाया। बाहर निकलते टाइम वही औरत सामने आई जिसने किंजल को सोते टाइम थप्पड़ मारा था। वो अजीब से गुस्से में किंजल को देख रही थी। पर शिफा को साथ देख साइड हट गई। किंजल ने देखा कि शिफा से भी औरते डरती थी।
फिर वो दोनों शिफा के बैरक गए। वहा से शिफा और सोनिया ने अपने अपने कपड़े उठाए। किंजल ने देखा वो छोटा और साफ सुथरा बैरक था। उस्के आ सब औरते भी साफ सुथरी थी। न चेहरे पे बाल। सर के बाल भी साफ सुथरे, वैक्सिंग किए हुए।
वहा से तीनों गुसलखाने की तरफ बढ़े। वहा अभी काम भीड़ थी। किंजल दोनो के पीछे एक गुसलखाने में गई। वहा कोई नही जा रहा था। उन दो गुसलखानो में कोई नही जा रहा था। तभी एक गुसलखाने से उसने उस वीआईपी बैरक की एक औरत बाहर निकलती दिखी। किंजल को समझते देर न लगी की ये भी वीआईपी गुसलखाने हैं। किंजल शिफा के पीछे गुसलखाने में घुस गई। अंदर 2 3 औरते चादर में खुद को बांधे कपड़े धो रही थी। शायद वीआईपी बैरक के कैदियों के कपड़े थे। शकल से ही गवार या छोटी जाती की औरते लग रही थी वो। एक झाड़ू से सभी खानों में सफाई कर रही थी।
शिफा और सोनिया ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। शिफा का गोरा रंग तीखे नैन नक्श खूबसूरत थे। शरीर पे एक भी बाल नहीं था। कमर में थोड़ा मांस था। पर चूचे मोटे और हल्के लटके हुए थे। मांस जांघें और उभरी हुई गांड़। गहरे भूरे निप्पल बड़े बड़े। गहरी नाभी। बिना बालो की choot मांस जांघो में छुपी हुई। उधर सोनिया कसे हुए चूचे। ज्यादा बड़े नही पर खड़े निप्पल। हल्का गेहुआं रंग। तीखी नाक। पतली कमर। गांड़ के पास छोटे छोटे जलने के निशान। सिगरेट से जलाए हुए। दोनो अपने अपने नल के नीचे नहाने लगी। किंजल सामने उनकी तरफ पीठ करके नहा रही थी। जबकि शिफा और सोनिया ने उसकी तरफ चेहरा कर कर लिया था। और इसके बदन को घूर रही थी।
"ये ले।" शिफा ने किंजल को आवाज देकर शैंपू का एक पाऊंच तो उसकी तरफ फेंका।
"थैंक्यू " किंजल ने पाउच उठाया और फाड़कर शैंपू से अपने बाल धोने लगी। इतने दिनों बाद अपने सर से गंदगी निकलते देख उसे कुछ हल्कापन का एहसास हुआ। किंजल नहा कर अपना तौलिया से बदन पोंछे हुए दूसरी तरफ घूमी तो उसने देखा सोनिया और शिफा दोनों उसके बदन को ताड़ रहे थे। कितना अजीब तो किंजल को कॉलेज में दूसरे लड़कों की नजरों से भी महसूस नहीं हुआ जितना अभी उसे सोनिया और शिफा के साथ हो रहा था। किंजल ने तोलिया से खुद को लपेटकर छुपाया। और दोनों को देखने लगी।
"हमें क्या देख रही है चल जल्दी से कपड़े धो ले।" सोनिया बोली। किंजल बिना कुछ बोले चुपचाप देखती रही। सच यह था कि उसने कभी जिंदगी में कपड़े नहीं धोए थे। अमीर मां-बाप की लड़की थी। घर में नौकर वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते थे। शिफा उसकी नजर देख कर समझ गई कि उसे कपड़े धोने नहीं आते।
"देख अब यहां आ गई है तो अपने काम खुद करने सीखने होंगे। पुरानी जिंदगी को भूल जा। चल मैं बताती हूं। तोलिया उतार अपनी चादर लपेट। उधर उन दोनों के पास बैठ
जा जैसे दोनों करती हैं वैसे करती जा।
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Nice and beautiful update....."आंटी मुझे बहुत डर लग रहा है मुझे बचा लो प्लीज" किंजल काटते हुए बोली। उसके हाथ पैर डर के मारे कांप रहे थे। दिल की धड़कन तेजी से चल रही थी।
"कितना पैसा मांगा है उसने?" शिफा ने पूछा।
"2 लाख।" किंजल अभी भी कांप रही थी।
"तो करना तेरे मां-बाप को इतनी अमीर थे। तेरे लिए दो लाख क्या बड़ी चीज है।" शिफा उसे भापते हुए बोली।
"मैं कहां से लाऊं? सब कुछ मम्मी पापा के पास ही था अब जो गलती हो गई रिश्तेदार भी सब लॉक up मे मुझे इतनी लंबी गालियां देकर गए हैं।" किंजल मुंह नीचे कर के बोली।
"उन्होंने उस औरत को इतनी बुरी तरह से मारा। पता नहीं बेचारी जिंदा भी है या नहीं। मुझे सच में बहुत डर लग रहा है। मुझे यह सब अपने साथ नहीं करवाना।"
"देख बच्चे जेल का उसूल है यहां पर आदमी के साथ वही किया जाता है जो जुर्म वो बाहर करके आया है।"शिफा उसका हाथ पकड़ के बोली।
"तू तो वैसे भी कच्ची उम्र की है तुझे तो यह ऐसे ही भूखे कुत्तों की तरह नोच लेंगे। यहां जीने के लिए या तो पैसा होना चाहिए या ताकत। तेरी ताकत तो मुझे दिख ही रही है, अब बस पैसा ही तुझे बचा सकता है।"
किंजल को समझ नही आ रहा था, क्या करे। वो शिफा की तरफ देखने लगी। इतने में सोनिया वहा आई। "क्या बात है?? बड़े सीरियस मूड में हो?"
"मौसी लेके गई थी इसे। सिक्योरिटी फीस मांगी है।" शिफा ने बताया।
"लो हो गया काम। पैसा तेरे पास है नहीं अब क्या होगा तेरा।" सोनिया आंखे चढ़ाते बोली।
"तो बताओ ना अब क्या करूं मैं? यह कोई काम करने से पैसा नहीं मिलेगा क्या?" किंजल ने पूछा।
"तुझे यह कोई सॉफ्टवेयर कंपनी दिखती है क्या जो एक महीना काम करके 200000 मिल जाएगा।" सोनिया फिर मुंह बिचका के बोली।
"आंटी आप क्या काम करती हो ?मैंने आपको वीआईपी बैरक में देखा था।" किंजल कुछ याद करते हुए बोली।
शिफा और सोनिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और शिफा भड़क कर किंजल को बोली "ज्यादा इधर-उधर मत देखा कर अपने काम से काम रखा कर।"
"प्लीज मेरी भी कुछ मदद करो मुझे कुछ रास्ता दिखाओ आप तो यहां काफी देर से हो और सब को जानते हो सब पता है। कुछ तो रास्ता होगा।" किंजल हाथ जोड़ते हुए बोली।
"चल देखती हूं कुछ और तू कर लेगी काम?" शिफा उठते हुए बोली।
"प्लीज मुझे अपने साथ ही रखो मुझे बहुत डर लग रहा है।" किंजल डर से गिड़गिड़ाती बोली।
शिफा ने मुस्कुरा कर सोनिया को देखा। सोनिया बोली "तुझे जो बोलोगी ध्यान से सुन और जो बोलूंगी अपने आप तक ही रखना ज्यादा इधर-उधर बात की तो तूने देखी लिया कि जेल में क्या-क्या होता है।"
"नहीं मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी। प्रॉमिस" किंजल सोनिया की तरफ रोते हुए बोली।
सोनिया हंस पड़ी। "तेरे प्रॉमिस को यहां कौन पूछता है एक गलती और सीधा खत्म"।
"मैं यहां आने से पहले पार्लर चलाती थी और साथ में लड़कियां सप्लाई करती थी l पति निकम्मा था तो यह काम करना पड़ता था पेट पालने के लिए। वह तो किसी नेता के साथ मेरा लफड़ा हो गया इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। और यह सोनिया अपने बॉयफ्रेंड के चक्कर में ड्रग्स के साथ पकड़ी गई थी। हम औरत जात के साथ सबसे बड़ा लफड़ा यह है कि एक बार अगर किसी जेल के लफड़े में फंस गए तो परिवार दोस्त सब मुंह मोड़ लेते हैं। यही इसके साथ हुआ ना तो system में किसी ने सुनी ना घरवालों ने साथ दिया,।" शिफा बोली।
"मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी। प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो।" किंजल आशंका से घबराते हुए बोली।
"अभी यहीं तेरी दुनिया है यहां किसी तरह सेट हो जा उसके बाद सब सही है। बाकी मैं हूं तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुझे। अगर तू मेरे साथ काम कर सकती है तो बोल। मैं मौसी से बात करके कुछ जमा लेती हूं।" शिफा समझाते हुए बोली।
"सोच कर बता दे। बाकी तेरी मर्जी है।" सोनिया उठते हुए बोली।
इतने में 4:30 की घंटी बज गई। यह कपड़े धोने नहाने आने का समय था। सब कैदी बाहर गुसल खाने के आसपास अपने अपने कपड़े लेकर इकट्ठे होने लगे। किंजल के पास बस एक जोड़ी कपड़े थे जो उसने पहने हुए थे। जिसमें से पसीने की बदबू आ रही थी। चल तू भी नहा ले और कपड़े धो ले थोड़ा अच्छा लगेगा।
"पर मेरे पास तो और कपड़े है ही नही।" किंजल बोली।
"वाह अभी भी सोचने को टाइम चाहिए। एक काम कर चादर लपेट कर धो ले।" शिफा बोली।
किंजल शिफा के साथ चल पड़ी। दोनो पहले किंजल के बैरक में गए। किंजल ने अपनी चादर और तौलिया उठाया। बाहर निकलते टाइम वही औरत सामने आई जिसने किंजल को सोते टाइम थप्पड़ मारा था। वो अजीब से गुस्से में किंजल को देख रही थी। पर शिफा को साथ देख साइड हट गई। किंजल ने देखा कि शिफा से भी औरते डरती थी।
फिर वो दोनों शिफा के बैरक गए। वहा से शिफा और सोनिया ने अपने अपने कपड़े उठाए। किंजल ने देखा वो छोटा और साफ सुथरा बैरक था। उस्के आ सब औरते भी साफ सुथरी थी। न चेहरे पे बाल। सर के बाल भी साफ सुथरे, वैक्सिंग किए हुए।
वहा से तीनों गुसलखाने की तरफ बढ़े। वहा अभी काम भीड़ थी। किंजल दोनो के पीछे एक गुसलखाने में गई। वहा कोई नही जा रहा था। उन दो गुसलखानो में कोई नही जा रहा था। तभी एक गुसलखाने से उसने उस वीआईपी बैरक की एक औरत बाहर निकलती दिखी। किंजल को समझते देर न लगी की ये भी वीआईपी गुसलखाने हैं। किंजल शिफा के पीछे गुसलखाने में घुस गई। अंदर 2 3 औरते चादर में खुद को बांधे कपड़े धो रही थी। शायद वीआईपी बैरक के कैदियों के कपड़े थे। शकल से ही गवार या छोटी जाती की औरते लग रही थी वो। एक झाड़ू से सभी खानों में सफाई कर रही थी।
शिफा और सोनिया ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। शिफा का गोरा रंग तीखे नैन नक्श खूबसूरत थे। शरीर पे एक भी बाल नहीं था। कमर में थोड़ा मांस था। पर चूचे मोटे और हल्के लटके हुए थे। मांस जांघें और उभरी हुई गांड़। गहरे भूरे निप्पल बड़े बड़े। गहरी नाभी। बिना बालो की choot मांस जांघो में छुपी हुई। उधर सोनिया कसे हुए चूचे। ज्यादा बड़े नही पर खड़े निप्पल। हल्का गेहुआं रंग। तीखी नाक। पतली कमर। गांड़ के पास छोटे छोटे जलने के निशान। सिगरेट से जलाए हुए। दोनो अपने अपने नल के नीचे नहाने लगी। किंजल सामने उनकी तरफ पीठ करके नहा रही थी। जबकि शिफा और सोनिया ने उसकी तरफ चेहरा कर कर लिया था। और इसके बदन को घूर रही थी।
"ये ले।" शिफा ने किंजल को आवाज देकर शैंपू का एक पाऊंच तो उसकी तरफ फेंका।
"थैंक्यू " किंजल ने पाउच उठाया और फाड़कर शैंपू से अपने बाल धोने लगी। इतने दिनों बाद अपने सर से गंदगी निकलते देख उसे कुछ हल्कापन का एहसास हुआ। किंजल नहा कर अपना तौलिया से बदन पोंछे हुए दूसरी तरफ घूमी तो उसने देखा सोनिया और शिफा दोनों उसके बदन को ताड़ रहे थे। कितना अजीब तो किंजल को कॉलेज में दूसरे लड़कों की नजरों से भी महसूस नहीं हुआ जितना अभी उसे सोनिया और शिफा के साथ हो रहा था। किंजल ने तोलिया से खुद को लपेटकर छुपाया। और दोनों को देखने लगी।
"हमें क्या देख रही है चल जल्दी से कपड़े धो ले।" सोनिया बोली। किंजल बिना कुछ बोले चुपचाप देखती रही। सच यह था कि उसने कभी जिंदगी में कपड़े नहीं धोए थे। अमीर मां-बाप की लड़की थी। घर में नौकर वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते थे। शिफा उसकी नजर देख कर समझ गई कि उसे कपड़े धोने नहीं आते।
"देख अब यहां आ गई है तो अपने काम खुद करने सीखने होंगे। पुरानी जिंदगी को भूल जा। चल मैं बताती हूं। तोलिया उतार अपनी चादर लपेट। उधर उन दोनों के पास बैठ
जा जैसे दोनों करती हैं वैसे करती जा।
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Behtreen update Bhai"आंटी मुझे बहुत डर लग रहा है मुझे बचा लो प्लीज" किंजल काटते हुए बोली। उसके हाथ पैर डर के मारे कांप रहे थे। दिल की धड़कन तेजी से चल रही थी।
"कितना पैसा मांगा है उसने?" शिफा ने पूछा।
"2 लाख।" किंजल अभी भी कांप रही थी।
"तो करना तेरे मां-बाप को इतनी अमीर थे। तेरे लिए दो लाख क्या बड़ी चीज है।" शिफा उसे भापते हुए बोली।
"मैं कहां से लाऊं? सब कुछ मम्मी पापा के पास ही था अब जो गलती हो गई रिश्तेदार भी सब लॉक up मे मुझे इतनी लंबी गालियां देकर गए हैं।" किंजल मुंह नीचे कर के बोली।
"उन्होंने उस औरत को इतनी बुरी तरह से मारा। पता नहीं बेचारी जिंदा भी है या नहीं। मुझे सच में बहुत डर लग रहा है। मुझे यह सब अपने साथ नहीं करवाना।"
"देख बच्चे जेल का उसूल है यहां पर आदमी के साथ वही किया जाता है जो जुर्म वो बाहर करके आया है।"शिफा उसका हाथ पकड़ के बोली।
"तू तो वैसे भी कच्ची उम्र की है तुझे तो यह ऐसे ही भूखे कुत्तों की तरह नोच लेंगे। यहां जीने के लिए या तो पैसा होना चाहिए या ताकत। तेरी ताकत तो मुझे दिख ही रही है, अब बस पैसा ही तुझे बचा सकता है।"
किंजल को समझ नही आ रहा था, क्या करे। वो शिफा की तरफ देखने लगी। इतने में सोनिया वहा आई। "क्या बात है?? बड़े सीरियस मूड में हो?"
"मौसी लेके गई थी इसे। सिक्योरिटी फीस मांगी है।" शिफा ने बताया।
"लो हो गया काम। पैसा तेरे पास है नहीं अब क्या होगा तेरा।" सोनिया आंखे चढ़ाते बोली।
"तो बताओ ना अब क्या करूं मैं? यह कोई काम करने से पैसा नहीं मिलेगा क्या?" किंजल ने पूछा।
"तुझे यह कोई सॉफ्टवेयर कंपनी दिखती है क्या जो एक महीना काम करके 200000 मिल जाएगा।" सोनिया फिर मुंह बिचका के बोली।
"आंटी आप क्या काम करती हो ?मैंने आपको वीआईपी बैरक में देखा था।" किंजल कुछ याद करते हुए बोली।
शिफा और सोनिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और शिफा भड़क कर किंजल को बोली "ज्यादा इधर-उधर मत देखा कर अपने काम से काम रखा कर।"
"प्लीज मेरी भी कुछ मदद करो मुझे कुछ रास्ता दिखाओ आप तो यहां काफी देर से हो और सब को जानते हो सब पता है। कुछ तो रास्ता होगा।" किंजल हाथ जोड़ते हुए बोली।
"चल देखती हूं कुछ और तू कर लेगी काम?" शिफा उठते हुए बोली।
"प्लीज मुझे अपने साथ ही रखो मुझे बहुत डर लग रहा है।" किंजल डर से गिड़गिड़ाती बोली।
शिफा ने मुस्कुरा कर सोनिया को देखा। सोनिया बोली "तुझे जो बोलोगी ध्यान से सुन और जो बोलूंगी अपने आप तक ही रखना ज्यादा इधर-उधर बात की तो तूने देखी लिया कि जेल में क्या-क्या होता है।"
"नहीं मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी। प्रॉमिस" किंजल सोनिया की तरफ रोते हुए बोली।
सोनिया हंस पड़ी। "तेरे प्रॉमिस को यहां कौन पूछता है एक गलती और सीधा खत्म"।
"मैं यहां आने से पहले पार्लर चलाती थी और साथ में लड़कियां सप्लाई करती थी l पति निकम्मा था तो यह काम करना पड़ता था पेट पालने के लिए। वह तो किसी नेता के साथ मेरा लफड़ा हो गया इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। और यह सोनिया अपने बॉयफ्रेंड के चक्कर में ड्रग्स के साथ पकड़ी गई थी। हम औरत जात के साथ सबसे बड़ा लफड़ा यह है कि एक बार अगर किसी जेल के लफड़े में फंस गए तो परिवार दोस्त सब मुंह मोड़ लेते हैं। यही इसके साथ हुआ ना तो system में किसी ने सुनी ना घरवालों ने साथ दिया,।" शिफा बोली।
"मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी। प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो।" किंजल आशंका से घबराते हुए बोली।
"अभी यहीं तेरी दुनिया है यहां किसी तरह सेट हो जा उसके बाद सब सही है। बाकी मैं हूं तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुझे। अगर तू मेरे साथ काम कर सकती है तो बोल। मैं मौसी से बात करके कुछ जमा लेती हूं।" शिफा समझाते हुए बोली।
"सोच कर बता दे। बाकी तेरी मर्जी है।" सोनिया उठते हुए बोली।
इतने में 4:30 की घंटी बज गई। यह कपड़े धोने नहाने आने का समय था। सब कैदी बाहर गुसल खाने के आसपास अपने अपने कपड़े लेकर इकट्ठे होने लगे। किंजल के पास बस एक जोड़ी कपड़े थे जो उसने पहने हुए थे। जिसमें से पसीने की बदबू आ रही थी। चल तू भी नहा ले और कपड़े धो ले थोड़ा अच्छा लगेगा।
"पर मेरे पास तो और कपड़े है ही नही।" किंजल बोली।
"वाह अभी भी सोचने को टाइम चाहिए। एक काम कर चादर लपेट कर धो ले।" शिफा बोली।
किंजल शिफा के साथ चल पड़ी। दोनो पहले किंजल के बैरक में गए। किंजल ने अपनी चादर और तौलिया उठाया। बाहर निकलते टाइम वही औरत सामने आई जिसने किंजल को सोते टाइम थप्पड़ मारा था। वो अजीब से गुस्से में किंजल को देख रही थी। पर शिफा को साथ देख साइड हट गई। किंजल ने देखा कि शिफा से भी औरते डरती थी।
फिर वो दोनों शिफा के बैरक गए। वहा से शिफा और सोनिया ने अपने अपने कपड़े उठाए। किंजल ने देखा वो छोटा और साफ सुथरा बैरक था। उस्के आ सब औरते भी साफ सुथरी थी। न चेहरे पे बाल। सर के बाल भी साफ सुथरे, वैक्सिंग किए हुए।
वहा से तीनों गुसलखाने की तरफ बढ़े। वहा अभी काम भीड़ थी। किंजल दोनो के पीछे एक गुसलखाने में गई। वहा कोई नही जा रहा था। उन दो गुसलखानो में कोई नही जा रहा था। तभी एक गुसलखाने से उसने उस वीआईपी बैरक की एक औरत बाहर निकलती दिखी। किंजल को समझते देर न लगी की ये भी वीआईपी गुसलखाने हैं। किंजल शिफा के पीछे गुसलखाने में घुस गई। अंदर 2 3 औरते चादर में खुद को बांधे कपड़े धो रही थी। शायद वीआईपी बैरक के कैदियों के कपड़े थे। शकल से ही गवार या छोटी जाती की औरते लग रही थी वो। एक झाड़ू से सभी खानों में सफाई कर रही थी।
शिफा और सोनिया ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। शिफा का गोरा रंग तीखे नैन नक्श खूबसूरत थे। शरीर पे एक भी बाल नहीं था। कमर में थोड़ा मांस था। पर चूचे मोटे और हल्के लटके हुए थे। मांस जांघें और उभरी हुई गांड़। गहरे भूरे निप्पल बड़े बड़े। गहरी नाभी। बिना बालो की choot मांस जांघो में छुपी हुई। उधर सोनिया कसे हुए चूचे। ज्यादा बड़े नही पर खड़े निप्पल। हल्का गेहुआं रंग। तीखी नाक। पतली कमर। गांड़ के पास छोटे छोटे जलने के निशान। सिगरेट से जलाए हुए। दोनो अपने अपने नल के नीचे नहाने लगी। किंजल सामने उनकी तरफ पीठ करके नहा रही थी। जबकि शिफा और सोनिया ने उसकी तरफ चेहरा कर कर लिया था। और इसके बदन को घूर रही थी।
"ये ले।" शिफा ने किंजल को आवाज देकर शैंपू का एक पाऊंच तो उसकी तरफ फेंका।
"थैंक्यू " किंजल ने पाउच उठाया और फाड़कर शैंपू से अपने बाल धोने लगी। इतने दिनों बाद अपने सर से गंदगी निकलते देख उसे कुछ हल्कापन का एहसास हुआ। किंजल नहा कर अपना तौलिया से बदन पोंछे हुए दूसरी तरफ घूमी तो उसने देखा सोनिया और शिफा दोनों उसके बदन को ताड़ रहे थे। कितना अजीब तो किंजल को कॉलेज में दूसरे लड़कों की नजरों से भी महसूस नहीं हुआ जितना अभी उसे सोनिया और शिफा के साथ हो रहा था। किंजल ने तोलिया से खुद को लपेटकर छुपाया। और दोनों को देखने लगी।
"हमें क्या देख रही है चल जल्दी से कपड़े धो ले।" सोनिया बोली। किंजल बिना कुछ बोले चुपचाप देखती रही। सच यह था कि उसने कभी जिंदगी में कपड़े नहीं धोए थे। अमीर मां-बाप की लड़की थी। घर में नौकर वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते थे। शिफा उसकी नजर देख कर समझ गई कि उसे कपड़े धोने नहीं आते।
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"तो करना तेरे मां-बाप को इतनी अमीर थे। तेरे लिए दो लाख क्या बड़ी चीज है।" शिफा उसे भापते हुए बोली।
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"तू तो वैसे भी कच्ची उम्र की है तुझे तो यह ऐसे ही भूखे कुत्तों की तरह नोच लेंगे। यहां जीने के लिए या तो पैसा होना चाहिए या ताकत। तेरी ताकत तो मुझे दिख ही रही है, अब बस पैसा ही तुझे बचा सकता है।"
किंजल को समझ नही आ रहा था, क्या करे। वो शिफा की तरफ देखने लगी। इतने में सोनिया वहा आई। "क्या बात है?? बड़े सीरियस मूड में हो?"
"मौसी लेके गई थी इसे। सिक्योरिटी फीस मांगी है।" शिफा ने बताया।
"लो हो गया काम। पैसा तेरे पास है नहीं अब क्या होगा तेरा।" सोनिया आंखे चढ़ाते बोली।
"तो बताओ ना अब क्या करूं मैं? यह कोई काम करने से पैसा नहीं मिलेगा क्या?" किंजल ने पूछा।
"तुझे यह कोई सॉफ्टवेयर कंपनी दिखती है क्या जो एक महीना काम करके 200000 मिल जाएगा।" सोनिया फिर मुंह बिचका के बोली।
"आंटी आप क्या काम करती हो ?मैंने आपको वीआईपी बैरक में देखा था।" किंजल कुछ याद करते हुए बोली।
शिफा और सोनिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और शिफा भड़क कर किंजल को बोली "ज्यादा इधर-उधर मत देखा कर अपने काम से काम रखा कर।"
"प्लीज मेरी भी कुछ मदद करो मुझे कुछ रास्ता दिखाओ आप तो यहां काफी देर से हो और सब को जानते हो सब पता है। कुछ तो रास्ता होगा।" किंजल हाथ जोड़ते हुए बोली।
"चल देखती हूं कुछ और तू कर लेगी काम?" शिफा उठते हुए बोली।
"प्लीज मुझे अपने साथ ही रखो मुझे बहुत डर लग रहा है।" किंजल डर से गिड़गिड़ाती बोली।
शिफा ने मुस्कुरा कर सोनिया को देखा। सोनिया बोली "तुझे जो बोलोगी ध्यान से सुन और जो बोलूंगी अपने आप तक ही रखना ज्यादा इधर-उधर बात की तो तूने देखी लिया कि जेल में क्या-क्या होता है।"
"नहीं मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी। प्रॉमिस" किंजल सोनिया की तरफ रोते हुए बोली।
सोनिया हंस पड़ी। "तेरे प्रॉमिस को यहां कौन पूछता है एक गलती और सीधा खत्म"।
"मैं यहां आने से पहले पार्लर चलाती थी और साथ में लड़कियां सप्लाई करती थी l पति निकम्मा था तो यह काम करना पड़ता था पेट पालने के लिए। वह तो किसी नेता के साथ मेरा लफड़ा हो गया इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। और यह सोनिया अपने बॉयफ्रेंड के चक्कर में ड्रग्स के साथ पकड़ी गई थी। हम औरत जात के साथ सबसे बड़ा लफड़ा यह है कि एक बार अगर किसी जेल के लफड़े में फंस गए तो परिवार दोस्त सब मुंह मोड़ लेते हैं। यही इसके साथ हुआ ना तो system में किसी ने सुनी ना घरवालों ने साथ दिया,।" शिफा बोली।
"मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी। प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो।" किंजल आशंका से घबराते हुए बोली।
"अभी यहीं तेरी दुनिया है यहां किसी तरह सेट हो जा उसके बाद सब सही है। बाकी मैं हूं तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुझे। अगर तू मेरे साथ काम कर सकती है तो बोल। मैं मौसी से बात करके कुछ जमा लेती हूं।" शिफा समझाते हुए बोली।
"सोच कर बता दे। बाकी तेरी मर्जी है।" सोनिया उठते हुए बोली।
इतने में 4:30 की घंटी बज गई। यह कपड़े धोने नहाने आने का समय था। सब कैदी बाहर गुसल खाने के आसपास अपने अपने कपड़े लेकर इकट्ठे होने लगे। किंजल के पास बस एक जोड़ी कपड़े थे जो उसने पहने हुए थे। जिसमें से पसीने की बदबू आ रही थी। चल तू भी नहा ले और कपड़े धो ले थोड़ा अच्छा लगेगा।
"पर मेरे पास तो और कपड़े है ही नही।" किंजल बोली।
"वाह अभी भी सोचने को टाइम चाहिए। एक काम कर चादर लपेट कर धो ले।" शिफा बोली।
किंजल शिफा के साथ चल पड़ी। दोनो पहले किंजल के बैरक में गए। किंजल ने अपनी चादर और तौलिया उठाया। बाहर निकलते टाइम वही औरत सामने आई जिसने किंजल को सोते टाइम थप्पड़ मारा था। वो अजीब से गुस्से में किंजल को देख रही थी। पर शिफा को साथ देख साइड हट गई। किंजल ने देखा कि शिफा से भी औरते डरती थी।
फिर वो दोनों शिफा के बैरक गए। वहा से शिफा और सोनिया ने अपने अपने कपड़े उठाए। किंजल ने देखा वो छोटा और साफ सुथरा बैरक था। उस्के आ सब औरते भी साफ सुथरी थी। न चेहरे पे बाल। सर के बाल भी साफ सुथरे, वैक्सिंग किए हुए।
वहा से तीनों गुसलखाने की तरफ बढ़े। वहा अभी काम भीड़ थी। किंजल दोनो के पीछे एक गुसलखाने में गई। वहा कोई नही जा रहा था। उन दो गुसलखानो में कोई नही जा रहा था। तभी एक गुसलखाने से उसने उस वीआईपी बैरक की एक औरत बाहर निकलती दिखी। किंजल को समझते देर न लगी की ये भी वीआईपी गुसलखाने हैं। किंजल शिफा के पीछे गुसलखाने में घुस गई। अंदर 2 3 औरते चादर में खुद को बांधे कपड़े धो रही थी। शायद वीआईपी बैरक के कैदियों के कपड़े थे। शकल से ही गवार या छोटी जाती की औरते लग रही थी वो। एक झाड़ू से सभी खानों में सफाई कर रही थी।
शिफा और सोनिया ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। शिफा का गोरा रंग तीखे नैन नक्श खूबसूरत थे। शरीर पे एक भी बाल नहीं था। कमर में थोड़ा मांस था। पर चूचे मोटे और हल्के लटके हुए थे। मांस जांघें और उभरी हुई गांड़। गहरे भूरे निप्पल बड़े बड़े। गहरी नाभी। बिना बालो की choot मांस जांघो में छुपी हुई। उधर सोनिया कसे हुए चूचे। ज्यादा बड़े नही पर खड़े निप्पल। हल्का गेहुआं रंग। तीखी नाक। पतली कमर। गांड़ के पास छोटे छोटे जलने के निशान। सिगरेट से जलाए हुए। दोनो अपने अपने नल के नीचे नहाने लगी। किंजल सामने उनकी तरफ पीठ करके नहा रही थी। जबकि शिफा और सोनिया ने उसकी तरफ चेहरा कर कर लिया था। और इसके बदन को घूर रही थी।
"ये ले।" शिफा ने किंजल को आवाज देकर शैंपू का एक पाऊंच तो उसकी तरफ फेंका।
"थैंक्यू " किंजल ने पाउच उठाया और फाड़कर शैंपू से अपने बाल धोने लगी। इतने दिनों बाद अपने सर से गंदगी निकलते देख उसे कुछ हल्कापन का एहसास हुआ। किंजल नहा कर अपना तौलिया से बदन पोंछे हुए दूसरी तरफ घूमी तो उसने देखा सोनिया और शिफा दोनों उसके बदन को ताड़ रहे थे। कितना अजीब तो किंजल को कॉलेज में दूसरे लड़कों की नजरों से भी महसूस नहीं हुआ जितना अभी उसे सोनिया और शिफा के साथ हो रहा था। किंजल ने तोलिया से खुद को लपेटकर छुपाया। और दोनों को देखने लगी।
"हमें क्या देख रही है चल जल्दी से कपड़े धो ले।" सोनिया बोली। किंजल बिना कुछ बोले चुपचाप देखती रही। सच यह था कि उसने कभी जिंदगी में कपड़े नहीं धोए थे। अमीर मां-बाप की लड़की थी। घर में नौकर वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते थे। शिफा उसकी नजर देख कर समझ गई कि उसे कपड़े धोने नहीं आते।
"देख अब यहां आ गई है तो अपने काम खुद करने सीखने होंगे। पुरानी जिंदगी को भूल जा। चल मैं बताती हूं। तोलिया उतार अपनी चादर लपेट। उधर उन दोनों के पास बैठ
जा जैसे दोनों करती हैं वैसे करती जा।
.....
Nice update"आंटी मुझे बहुत डर लग रहा है मुझे बचा लो प्लीज" किंजल काटते हुए बोली। उसके हाथ पैर डर के मारे कांप रहे थे। दिल की धड़कन तेजी से चल रही थी।
"कितना पैसा मांगा है उसने?" शिफा ने पूछा।
"2 लाख।" किंजल अभी भी कांप रही थी।
"तो करना तेरे मां-बाप को इतनी अमीर थे। तेरे लिए दो लाख क्या बड़ी चीज है।" शिफा उसे भापते हुए बोली।
"मैं कहां से लाऊं? सब कुछ मम्मी पापा के पास ही था अब जो गलती हो गई रिश्तेदार भी सब लॉक up मे मुझे इतनी लंबी गालियां देकर गए हैं।" किंजल मुंह नीचे कर के बोली।
"उन्होंने उस औरत को इतनी बुरी तरह से मारा। पता नहीं बेचारी जिंदा भी है या नहीं। मुझे सच में बहुत डर लग रहा है। मुझे यह सब अपने साथ नहीं करवाना।"
"देख बच्चे जेल का उसूल है यहां पर आदमी के साथ वही किया जाता है जो जुर्म वो बाहर करके आया है।"शिफा उसका हाथ पकड़ के बोली।
"तू तो वैसे भी कच्ची उम्र की है तुझे तो यह ऐसे ही भूखे कुत्तों की तरह नोच लेंगे। यहां जीने के लिए या तो पैसा होना चाहिए या ताकत। तेरी ताकत तो मुझे दिख ही रही है, अब बस पैसा ही तुझे बचा सकता है।"
किंजल को समझ नही आ रहा था, क्या करे। वो शिफा की तरफ देखने लगी। इतने में सोनिया वहा आई। "क्या बात है?? बड़े सीरियस मूड में हो?"
"मौसी लेके गई थी इसे। सिक्योरिटी फीस मांगी है।" शिफा ने बताया।
"लो हो गया काम। पैसा तेरे पास है नहीं अब क्या होगा तेरा।" सोनिया आंखे चढ़ाते बोली।
"तो बताओ ना अब क्या करूं मैं? यह कोई काम करने से पैसा नहीं मिलेगा क्या?" किंजल ने पूछा।
"तुझे यह कोई सॉफ्टवेयर कंपनी दिखती है क्या जो एक महीना काम करके 200000 मिल जाएगा।" सोनिया फिर मुंह बिचका के बोली।
"आंटी आप क्या काम करती हो ?मैंने आपको वीआईपी बैरक में देखा था।" किंजल कुछ याद करते हुए बोली।
शिफा और सोनिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और शिफा भड़क कर किंजल को बोली "ज्यादा इधर-उधर मत देखा कर अपने काम से काम रखा कर।"
"प्लीज मेरी भी कुछ मदद करो मुझे कुछ रास्ता दिखाओ आप तो यहां काफी देर से हो और सब को जानते हो सब पता है। कुछ तो रास्ता होगा।" किंजल हाथ जोड़ते हुए बोली।
"चल देखती हूं कुछ और तू कर लेगी काम?" शिफा उठते हुए बोली।
"प्लीज मुझे अपने साथ ही रखो मुझे बहुत डर लग रहा है।" किंजल डर से गिड़गिड़ाती बोली।
शिफा ने मुस्कुरा कर सोनिया को देखा। सोनिया बोली "तुझे जो बोलोगी ध्यान से सुन और जो बोलूंगी अपने आप तक ही रखना ज्यादा इधर-उधर बात की तो तूने देखी लिया कि जेल में क्या-क्या होता है।"
"नहीं मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी। प्रॉमिस" किंजल सोनिया की तरफ रोते हुए बोली।
सोनिया हंस पड़ी। "तेरे प्रॉमिस को यहां कौन पूछता है एक गलती और सीधा खत्म"।
"मैं यहां आने से पहले पार्लर चलाती थी और साथ में लड़कियां सप्लाई करती थी l पति निकम्मा था तो यह काम करना पड़ता था पेट पालने के लिए। वह तो किसी नेता के साथ मेरा लफड़ा हो गया इसलिए मुझे अंदर आना पड़ा। और यह सोनिया अपने बॉयफ्रेंड के चक्कर में ड्रग्स के साथ पकड़ी गई थी। हम औरत जात के साथ सबसे बड़ा लफड़ा यह है कि एक बार अगर किसी जेल के लफड़े में फंस गए तो परिवार दोस्त सब मुंह मोड़ लेते हैं। यही इसके साथ हुआ ना तो system में किसी ने सुनी ना घरवालों ने साथ दिया,।" शिफा बोली।
"मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगी। प्लीज मेरे साथ ऐसा मत करो।" किंजल आशंका से घबराते हुए बोली।
"अभी यहीं तेरी दुनिया है यहां किसी तरह सेट हो जा उसके बाद सब सही है। बाकी मैं हूं तेरे साथ कुछ नहीं होगा तुझे। अगर तू मेरे साथ काम कर सकती है तो बोल। मैं मौसी से बात करके कुछ जमा लेती हूं।" शिफा समझाते हुए बोली।
"सोच कर बता दे। बाकी तेरी मर्जी है।" सोनिया उठते हुए बोली।
इतने में 4:30 की घंटी बज गई। यह कपड़े धोने नहाने आने का समय था। सब कैदी बाहर गुसल खाने के आसपास अपने अपने कपड़े लेकर इकट्ठे होने लगे। किंजल के पास बस एक जोड़ी कपड़े थे जो उसने पहने हुए थे। जिसमें से पसीने की बदबू आ रही थी। चल तू भी नहा ले और कपड़े धो ले थोड़ा अच्छा लगेगा।
"पर मेरे पास तो और कपड़े है ही नही।" किंजल बोली।
"वाह अभी भी सोचने को टाइम चाहिए। एक काम कर चादर लपेट कर धो ले।" शिफा बोली।
किंजल शिफा के साथ चल पड़ी। दोनो पहले किंजल के बैरक में गए। किंजल ने अपनी चादर और तौलिया उठाया। बाहर निकलते टाइम वही औरत सामने आई जिसने किंजल को सोते टाइम थप्पड़ मारा था। वो अजीब से गुस्से में किंजल को देख रही थी। पर शिफा को साथ देख साइड हट गई। किंजल ने देखा कि शिफा से भी औरते डरती थी।
फिर वो दोनों शिफा के बैरक गए। वहा से शिफा और सोनिया ने अपने अपने कपड़े उठाए। किंजल ने देखा वो छोटा और साफ सुथरा बैरक था। उस्के आ सब औरते भी साफ सुथरी थी। न चेहरे पे बाल। सर के बाल भी साफ सुथरे, वैक्सिंग किए हुए।
वहा से तीनों गुसलखाने की तरफ बढ़े। वहा अभी काम भीड़ थी। किंजल दोनो के पीछे एक गुसलखाने में गई। वहा कोई नही जा रहा था। उन दो गुसलखानो में कोई नही जा रहा था। तभी एक गुसलखाने से उसने उस वीआईपी बैरक की एक औरत बाहर निकलती दिखी। किंजल को समझते देर न लगी की ये भी वीआईपी गुसलखाने हैं। किंजल शिफा के पीछे गुसलखाने में घुस गई। अंदर 2 3 औरते चादर में खुद को बांधे कपड़े धो रही थी। शायद वीआईपी बैरक के कैदियों के कपड़े थे। शकल से ही गवार या छोटी जाती की औरते लग रही थी वो। एक झाड़ू से सभी खानों में सफाई कर रही थी।
शिफा और सोनिया ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए। शिफा का गोरा रंग तीखे नैन नक्श खूबसूरत थे। शरीर पे एक भी बाल नहीं था। कमर में थोड़ा मांस था। पर चूचे मोटे और हल्के लटके हुए थे। मांस जांघें और उभरी हुई गांड़। गहरे भूरे निप्पल बड़े बड़े। गहरी नाभी। बिना बालो की choot मांस जांघो में छुपी हुई। उधर सोनिया कसे हुए चूचे। ज्यादा बड़े नही पर खड़े निप्पल। हल्का गेहुआं रंग। तीखी नाक। पतली कमर। गांड़ के पास छोटे छोटे जलने के निशान। सिगरेट से जलाए हुए। दोनो अपने अपने नल के नीचे नहाने लगी। किंजल सामने उनकी तरफ पीठ करके नहा रही थी। जबकि शिफा और सोनिया ने उसकी तरफ चेहरा कर कर लिया था। और इसके बदन को घूर रही थी।
"ये ले।" शिफा ने किंजल को आवाज देकर शैंपू का एक पाऊंच तो उसकी तरफ फेंका।
"थैंक्यू " किंजल ने पाउच उठाया और फाड़कर शैंपू से अपने बाल धोने लगी। इतने दिनों बाद अपने सर से गंदगी निकलते देख उसे कुछ हल्कापन का एहसास हुआ। किंजल नहा कर अपना तौलिया से बदन पोंछे हुए दूसरी तरफ घूमी तो उसने देखा सोनिया और शिफा दोनों उसके बदन को ताड़ रहे थे। कितना अजीब तो किंजल को कॉलेज में दूसरे लड़कों की नजरों से भी महसूस नहीं हुआ जितना अभी उसे सोनिया और शिफा के साथ हो रहा था। किंजल ने तोलिया से खुद को लपेटकर छुपाया। और दोनों को देखने लगी।
"हमें क्या देख रही है चल जल्दी से कपड़े धो ले।" सोनिया बोली। किंजल बिना कुछ बोले चुपचाप देखती रही। सच यह था कि उसने कभी जिंदगी में कपड़े नहीं धोए थे। अमीर मां-बाप की लड़की थी। घर में नौकर वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते थे। शिफा उसकी नजर देख कर समझ गई कि उसे कपड़े धोने नहीं आते।
"देख अब यहां आ गई है तो अपने काम खुद करने सीखने होंगे। पुरानी जिंदगी को भूल जा। चल मैं बताती हूं। तोलिया उतार अपनी चादर लपेट। उधर उन दोनों के पास बैठ
जा जैसे दोनों करती हैं वैसे करती जा।
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