"उसका छोड़ खुद का देख। बिना काम के मुफ्त में सिर्फ रोटी मिलेगी सुबह शाम । बाकी जरूरतें पैसे से ही पूरे होने वाली है इधर।" सोनिया ने समझाया।
"बाकी जरूरतें मतलब?" किंजल ने पूछा।
"सबसे बड़ी जरूरत प्रोटेक्शन, साफ कपड़े, pad, नशा। जैसे बाहर की जिंदगी में सब चाहिए होता है जेल की जिंदगी में भी सब चाहिए होता है। जरूरत अगर बड़ी होंगी तो वह इस जेल की मजदूरी से पूरी नहीं होने वाली। 4 दिन काटे कि अपने आप समझ आ जाएगा।" सोनिया बोली।
"प्रोटेक्शन मतलब? यहां यह सब पुलिस वाले protect नहीं करते क्या?"
इतने में दोनों चलते-चलते सोनी और शिफा के बैरक के सामने आ गए। किंजल ने देखा यह बैरक उसके बैरक से छोटे थे। उसके बैरक से ज्यादा साफ। बदबू भी नहीं थी। मुश्किल से 10 12 कैदी रहते होंगे इसके अंदर।
"पुलिस सिर्फ बाहर वालों से बचाती है, अंदर वालों से मौसी बचाएगी सिर्फ। और वह मुफ्त में किसी को नहीं बचाती । तुझे मांगता है तो बोल तेरी डील करवाती हो।" सोनिया बोली।
अगले बैरक में वही गुसलखाने वाली औरत अकेली सो रही थी जिसे किंजल ने देखा था।
"यह अभी क्यों सो रही है? इसे जेल वाले ने निकाला नहीं क्या?" किंजल ने फिर पूछा।
"इसने रात को मजदूरी की थी। इसका दिन में सोने का हिस्सा वार्डन के पास चला गया है। बोला ना जो कुछ बाहर नहीं मिलता यहां वह सब भी मिलता है। तुम भी जल्दी से पैसों का जुगाड़ कर ले नहीं तो तेरे लिए यहां दिन काटने बहुत मुश्किल हो जाएंगे।" सोनिया बोली।
किंजल घबराती हुई बोली "मैं कहां से लाऊंगी?"
"वह तू जान। जेल का मौसम रोज एक जैसा नहीं होता।" सोनिया ने साफ लफ्जो में बोला।
उधर शिफा वार्डन के ऑफिस में
"मैडम ने बोला है अगले महीने से कलेक्शन बढ़ाने का" सुषमा बोली।
"पर मैडम इतने कम लोग हैं काम के। हिस्सा कैसे बनाऊंगी।naa कोई हाई प्रोफाइल आ रहा है।" शिफा टेंशन में बोली।
"कल ही तो आई है हाई प्रोफाइल पीछे माल भी अच्छा है। सुना करोड़ों का माल था।" सुषमा ने पूछा।
"अब कोई करोड़ों का नहीं है उसके हाथ में कुछ भी नहीं है गोद ली हुई बच्ची थी सब परिवार वाले खा जाएंगे" शिफा ने बताया।