लाइन में कुछ कैदी बिना खाने के रह गई।
"मादरचोद्द, सिस्टम ही खराब है साला"
"साला आज भूखे रह गए।"
किंजल ने खाना निपटाया, प्लेट धो दी।
"चल तुझे पूरा एरिया दिखा के लाती हूं।"
किंजल शिफा और सोनिया के पीछे पीछे चल पड़ी।
"ये वीआईपी बैरक है "। कुछ दूर सोनिया ने इशारा करके बताया। किंजल ने देखा सभी बैरक में 1 या 2 बेड लगे थे। पर अंदर का ज्यादा कुछ नहीं दिख रहा था।
"यहाँ सब सुविधा मिलती है। कूलर, एसी, होटल का खाना, घर का खाना, टीवी, मोबाइल। बस कीमत लगती है।"
"कितनी कीमत?" किंजल ने पूछा।
"बहुत अमीर होना पड़ता है। वैसे सुना है तेरा बाप भी बहुत अमीर था। "
किंजल की आंखे भर आई। उसे उसके मां बाप ने गोद लिया था। पर अब उसे कोई नही पूछेगा। करोड़ो की संपत्ति सब रिश्तेदार खा जायेंगे।
(समाज में यही होता है। आदमी अगर जेल जाए तो उसे बचाने में सारा परिवार लग जाता है। औरत अगर जेल में हो तो कोई सुध भी नही लेता। उसे बिना बोले ही परिवार से निष्काशित समझ लिया जाता है।)
"तूने पहले कोई काम किया है?" सोनिया ने पूछा।
"नही"
"मैं चलती हु तू भी आ जाना। नही तो वार्डन चिल्लाएगी।" शिफा बोली।
"ये कहा जा रही है?" किंजल ने पूछा।
"बोला ना यहा कुछ मुफ्त नहीं मिलता, पैसा देना पड़ता है या कमाना पड़ता है।" सोनिया बोली।
तभी दोनो एक बड़े हाल के सामने से निकल रहे थे। जहा काफी सिलाई मशीन एक लाइन में लगी थी। और कपड़ों के ढेर थे। एक महिला जेल कर्मचारी कोने में सिगरेट सुलगा रही थी। तभी एक ढेर के पीछे से एक हवलदार अपनी पेंट का बटन बंद करता हुआ निकला।
किंजल और सोनिया फटाफट आगे बढ़ गए और वो उन्हें देख नही पाया। किंजल ने पीछे मुड़ के देखा एक कैदी हाल से बाहर निकल रही थी। वो समझ गई अंदर क्या हो रहा था। सोनिया ने उसकी नजर पकड़ ली।
"कभी कभी कुछ ऐसे भी कमाती है ।अपनी आंख कान खुली रखना। पर मुंह कभी मत खोलना।"
सोनिया एक कोने में खड़ी हो गई, जहा कोई उसे देख नही सकता था। उसने एक ईंट के पीछे से एक छोटा सा लिफाफा निकला। उसमें 2 सिगरेट और लाइटर था। उसने सिगरेट सुलगा ली। सामने दूर 8- 10 बच्चे थे, जिन्हे एक अधेड़ सी औरत खाना दे रही थी। और कुछ टूटे फूटे खिलौने पड़े थे।
"ये बच्चे यही रहते हैं"?
"कैदियों के हैं। जब 6 साल के हो जाएंगे तो या तो रिश्तेदार ले जायेंगे, या अनाथाश्रम" सोनिया बोली।
सोनिया ने सिगरेट खतम की और दोनो वापिस चल पड़े।
"यहां क्या क्या काम कर सकते है ?"
"रसोई, बाथरूम सफाई, बाहर की सफाई, सिलाई, बुनाई, वीआईपी की नौकरी, लाइब्रेरी, लॉन्ड्री, डिस्पेंसरी। तुझे क्या आता है?" सोनिया ने पूछा
"मैने तो कभी कुछ नहीं किया।"
"ए, तुझे वार्डन ने बुलाया है।" वही महिला जेलकर्मी अचानक सामने से आती हुई बोली। जो कुछ देर पहले सिलाई वाले हाल में थी।
"जा, जल्दी से" सोनिया बोली।
किंजल जेलकर्मी के पीछे पीछे चल पड़ी। सभी बैरकों के आगे से गुजरते हुए किंजल ने ध्यान दिया कई बैरक बड़े बड़े और गंदे थे। और कुछ छोटे और साफ सुथरे थे। बदबू भी नही थी।
जेल कर्मी ने उसे एडमिन ब्लॉक में वार्डन के ऑफिस के आगे छोड़ दिया। किंजल ऑफिस के अंदर गई।
वार्डन शर्ट और ट्राउजर पहनी थी। टेबल पर पैर रख कर आराम से रिलैक्स कर रही थी।
"जेल का सिस्टम तो तूने देख ही लिया होगा। नही देखा तो समझ ले" अभी तुझे सजा नही हुई है इसलिये हम तुझे कोई काम नही दे सकते। पr तु चाहे तो अपनी मर्जी से कोई काम कर सकती है। अगर वहा जगह खाली हो तो। और किसी के साथ लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिए मुझे। कोई भी तकलीफ हो तो मेरे पास आने का। ज्यादा दिमाग नही चलाना। बाकी तुझे रजनी समझा देगी। "
किंजल वापिस आ गई।
सोनिया वही ग्राउंड में बैठी थी छांव में। बस कुछ ही लोग थे ग्राउंड में। बाकी सब अपने अपने काम पे। जेल में भी सब जात पात और पैसे पे चलता था। छोटी जात वाली औरतों को साफ सफाई के काम पे लगाया जाता था।
"ले आई ज्ञान?"
"हां।" किंजल बोली। "में क्या काम करूंगी मुझे तो कुछ समझ ही नही। तुम क्या करती हो?" किंजल ने पूछा।
"मैं सुकून बांटती हूं।" सोनिया बोली
"मतलब?"
"समझ जायेगी जल्दी।"
"शिफा आंटी क्या करती है?" किंजल ने फिर पूछा।