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Bahut zabardast story likh rhe ho bhai keep rocking
Ab zara ma ko bhi seduce karna shuru kardo wo karrant k jhatke do sath me shila ki jhaanto ko bhi jalao
घर पहुँचते मुझे 4 से ऊपर बज गए थे।आज घर में सन्नाटा था क्योकि सुबह झगड़ा होने से घर में ज्यादा बात चित नही हो रही थी।मैं बिना किसी बात पे टांग अड़ाते हुए।कमरे में चला गया।जैसे ही अंदर गया फिसल गया।सब तरफ पानी वो भी साबुन वाला।
"अहह माँ आआह मर गया"
मेरे आवाज से माँ संजू दी और भाभी दौड़ते हुए आयी।संजू दी और मा ने मुझे उठा के बेडपर बैठाया।उन्होंने फैले पानी का जायजा लिया तो मालूम पड़ा की बाथरूम का शॉवर फिरसे गिर गया है और नीचे रखे साबुन पर गिरने से उसमे साबुन भी मिल गया था ।मा ने फिर से ऑफिस प्लम्बर को बुलाया।पहले तो उसको झाड़ा की अइसे आधे अधूरे काम क्यो करते हो।प्लम्बर बिचारा सुनने के सिवाय क्या करता।मा ने संजू को और भाभी को नीचे लेके जाने को बोला उनके कमरे में।
मैं माँ के कमरे में आकर बैठ गया।मुझे ज्यादा लगा नही था।पर अचानक पैर फिसलने से हल्की सी मोच आई थी पैर में जिसकी चिंता करने जैसी कोई बात नही थी।भाभी और संजू दी किसी पार्टी में जाने वाले थे।
संजू:क्या यार वीरू,तुझे पार्टी में लेके जाना था हमे,और ये क्या,नो याररर।
मैं:ठीक है दी,नेक्स्ट टाइम आ जाऊंगा,जाओ आप एन्जॉय करो।
मैं बैठे बैठे ऊब गया।सोचा रूम से किताब लेके आउ ,वैसे भी कुछ दर्द नही था,नाजुक मोच तो मैं सहन कर ही सकता हु।अभी तक रूम साफ भी हो गया होगा।
मैं मेरे रूम के पास गया तो मेरा रूम बंद था।मैं थोड़ा पास गया तो मुझे आवाजे आने लगी।पहले मुझे लगा मेरे कानो का आभास होगा।पर जब आवाजे बढ़ी तो उन आवाजो से मेरे गुस्से का पारा भी बढ़ा।दरवाजा लॉक कर तो दिया उन्होंने पर रूम मेरी थी तो उसकी चाभी मेरे पास भी होंगी ये दिमाग उनमे था नही लगता है।
मैं दरवाजा खोला और फट से अंदर गया।40 साल की मेरी मा 45 से 48 साल के उस प्लम्बर के अंगूठे जैसे लन्ड पे बैठी थी और चुत को मजा दे रही थी।
मेरे अचानक से अंदर आने से दोनो की हवाइयां उड़ गयी।दोनो भी खुदको छुपाने की कोशिश करने लगे।दोनो ने कपड़े पहन लिए।
मैं गुस्से में:ये क्या चल रहा है यहाँ,ये क्या रंडी खाना है क्या?
माँ:बेटा धीरे बोल कोई सुन लेगा।
मैं:तू चुप ही रह।(प्लम्बर से)अरे तू तेरी औकात इतनी बढ़ गयी की मालिक की बेटी के साथ पलँग गर्म करेगा।लन्ड दो इंच का नही चला रंगरंगिया करने।
और गुस्से में मैंने उसके उम्र का लिहाज न करते हुए दो दमदार थप्पड़ जड़ दिए।मेरा गुस्सा अयसेही था की मैं वो एक लेवल पार कर दे तो मैं खुद को संभाल नही पाता था।और उसका ही नतीजा अइसा हुआ की प्लम्बर का ओंठ फट गया।वो वैसे ही गिरा पड़ा रहा।
मा ने आगे आके मुझे रोकने की कोशिश की क्योकि मैं और न मार सकू उसको।पर मैं मेरा पूरा आपा खो गया था।मैंने उनको भी उल्टे हाथ का जड़ दिया।सीधे से घूमने को नही मिला इसलिए ज्यादा दमदार नही लगा।एक बेटा होने के लिहाज से मेरा उनपे हाथ उठाना सही नही था।पर उन्होने भी माँ होने का कोई लिहाज नही रखा था।कोई क्या करता अगर कोई औरत जो उसकी मा हो रंडियाबाजी करती फिर रही हो ओ भी घर में जवान बेटा होते हुए।पहली दफा मैं मान लिया की फस गयी थी,पर ये तो उसने खुद ही कांड किया था।
मैं काफी ज्यादा गुस्से में था।मैं प्लम्बर को लाथो से सन्मानित कर रहा था।करीब करीब वो बेहोश होने की कगार पे था।तभी किसीने मेरा हाथ पीछे से रोका।मैंने उसपर भी हाथ लपेटने के लिए पीछे घुमा तो बड़ी मामी खड़ी थी।मैं थोड़ा ठंडा पड़ गया।बड़ी मामी मुझे बेड पे बिठा के शांत करने लगी।माँ भी आगे आके सफाई देने लगी तो मामी ने उनको रूम का दरवाजा बन्द कर बाहर उनके कमरे में जाने को बोला।
ब मामी मा से:तुम जाओ यहाँ से ,अभी उसका गुस्सा सातवे आसमान पे है।तुम और मत बढ़ाओ।जाओ रूम लॉक करके।खाने की तैयारी करो।मैं ना बोली तब तक नही आना।
माँ रोते हुए नीचे चली गयी किचन मे।
बड़ी मामी ने उस प्लम्बर को झाड़ते है:बलबीर शर्म नही आती तुझे,हमारे घर पे ही अइसी करतुते।इसके बाद इधर दिखे तो तुम्हारी खैर नही।अभी निकलो!!!
प्लम्बर बलबीर कैसे वैसे वहा से खुद को संभालते हुए निकल गया।
मैं गुस्सा रोकने के लिए हाथ को बेड पर पटके जा रहा था।
ब मामी मुस्कराते हुए:अरे मेरा लल्ला गुस्सा हो गया।शांत हो जा।
मैं:मामी अभी आप भी माँ की साइड मत लो अभी ये हद हो गयी है।आप जाओ यहाँ से।
ब मामी:अरे कुछ नही मैं समझा दूंगी उसे,तुम शांत रहो।
(बड़ी मामी ने प्यार में मेरे ओंठो की चुम्मी ली।उनको लगा की उससे मैं पिघल जाऊंगा। पर मैंने उन्हें दूर हटाया।बड़ी मामी हैरान ही रह गयी।)
ब मामी:अरे वीरू तुम कुछ ज्यादा ही ओवर रियेक्ट हो रहे हो।मैं बोल रही हु न गलती हो जाती है,समझाने से हल निकल जाएगा।
मैं:गलती एक बार होती है,दूसरी बार हो उसे गलती बोलना अपनी गलतफहमी है।
बड़ी मामी की आंखे चौड़ी हुई:मतलब।क्या बोलना चाहते हो?
मैं:बड़ी मामी आपको भी मालूम है की मैं क्या बोलना चाहता हु।क्योकि उस बात की आप भी एक गवाह है।
बड़ी मामी थोड़ी डर सी गयी:क्या मतलब है तुम्हारे इस जवाब का?और मैं कहा इसमे आ गयी?
मैं:मामी इतनी भोली भी मत बनो,इस घर में कोई सती सावित्री नही है इसका पता मुझे हो गया है।पर इस बात को दुनियाभर मत फैलाओ ना।
बड़ी मामी:देखो वीरू अइसी पहेली मुझसे न सुलझाई जाएगी न अइसा सस्पेंस सहन होगा,जो बात है सीधे सीधे कह डालो प्लीज!!!!!!!!
मैं:ठीक है उम्र और रिश्ते का लिहाज करते हुए चुप था पर अभी सर के ऊपर पानी जा चुका है।आप तीनो जो कान्ता के भाई के साथ रंगरेलिया उड़ा रही थी ओ सब मालूम है मुझे।(बड़ी मामी के मुह का रंग उड़ सा गया था।गला सुख गया था।)कुछ दिन बाद कान्ता का भाई आना बन्द हो गया ।मुझे लगा आपको गलती का अहसास हो गया।पर आज जो हुआ वो तो हद से बाहर था ।
बड़ी मामी बात संभालने के लिए:तुम्हे कौन बोला की हैम लोग........
मैं बात काटते हुए:मामी बड़ी इज्जत करता हु आपकी मैं था जो सारे सबूत मिटा दिए नही तो आज मुह दिखाने काबिल न रहती।अभी झूट मत बोलो प्लीज।
ब मामी:सबूत मिटाए मतलब?वो फ़ोटो....
मैं:जिसने निकाले थे उससे मैन उस सब फोटोज का बंदोबस्त करवाया और जिसने निकाला उसका भी।अभी उस बात को न किसीको बताने की जरूरत नही।
ब मामी:पर वो शख्स कौन था जो हमे फोटो निकाल छोटी के मोबाइल से ब्लैकमेल कर रहा था ?
मैं:कितनी बड़ी भोली हो याफिर मूर्ख हो आप लोग।जिसने आपको फोटो दिखाए उसने ही निकलवाये।जिससे निकलवाये उसने सिर्फ आधे फ़ोटो आपको दिखाने वाले को दिए।और बाकी देने से पहले उसने एक गलती करदी की वुसमे से एक फोटो मुझे शेयर कर दिए।और मैंने उसे ठिकाने लगा दिया।
(बड़ी मामी का सिर चकराने लगा।)
बड़ी मामी:तुम सीधा बोल दो जो भी है।पहेली मत बुझाओ
मैं:साफ साफ बोलू तो छोटी मामी ने आपको फसाने के लिए आपको इस खेल में लाया जिससे जायदाद बटवारे में आपकी नानाजी के आगे सर्मिन्दा कर सके।और सबूत के लिए किसीसे फोटो निकलवाये।और जिसने फोटो निकाले उसने सिर्फ उनके ही फोटो उस ऍप से भेज दिए।पर बाकी के भी शेयर करता उससे पहले उसने एक फोटो मुझे गलती से भेज कर अपनी योजना का भंडाफोड़ कर दिया।और आपकी नही तो नानाजी के इज्जत के खातिर मैंने बाकी फोटो और फोटो निकलने वाले को ठिकाने लगा दिया।
बडी मामी:तुमने उस शख्स को मार दिया??
मैं:मैंने कहा ना आपको उस बात से मतलब नही,आपको जो रंडियाबाजी करनी है करो पर अइसे लोगो से करती हो जो कल नानाजी के इज्जत को हानिकारक हो।और नाना जी ने हमे सहारा दिया है उनको कुछ हो जाए मुझे बर्दाश्त नही।
बड़ी मामी ने मेरे पैर पकड़ के गिड़गिड़ाने लगी ।
मैं:अरे मामी क्या कर रहे हो।आप गलती कर चुके हो,ओर उम्र का लिहाज है मुझे मुझसे ये पाप न करो
(बड़ी मामी को हाथो से उठा के खड़ा किया और जो सिर शर्म से झुका था उसे उपर उठाया।और उनके रोते हुए आंखों पर चुम्मी देदी।बड़ी मामी का बदन सिहर सा गया।मैंने उनके माथे पर गालो पर चुम्मा दिया।फिर कोमल थरथराहट भरे ओंठो पर चुम्मी दे दी।मामी ने मुझे कस के गले लगाया।)
बड़ी मामी(रोते हुए मुझे चिपके हुए):मुझे माफ कर दो।पिताजी के घर की बड़ी बहु होने का फर्ज नही निभा पाई वही तुमने घर का नातिन होने का फर्ज निभा दिया।फिरसे ये गलती नही होगी।मैं तुम्हारी मा को भी समझा दूंगी।वो भी नही गलती करेगी।
मैंने उनसे अलग होते हुए:आप मा के बारे में बोलो ही मत,उनका ये दूसरी बार है,वो भी घर में बेटा मौजूद होते हुए भी और बेटे के कमरे में ही।उनके लिए कोई इज्जत नही रही मेरे पास।अगर कुछ पूछे तो बता देना की दुनिया के लिया हमारा रिश्ता मा बेटे का जरूर हो,पर मेरे लिए वो एक औरत है।मुझे उनसे कोई गिलाशिकवा नही।क्योकी उन्होंने कुछ वो इज्जत ही नही रखी मेरे दिल में जो उनके लिए कुछ भावना जग उठे।अभी उनको सब कारनामो के लिए खुली छूट है।
बड़ी मामी:पर वीरू अइसे मत करो यार मा है तुम्हारी।
मैं:बड़ी मामी आपको अगर मेरे से रिश्ता रखना है तो मा की दलाली मत करो नही तो आपको भी रास्ता खुला है मेरे जीवन से।
बड़ी मामी (मुझे चिपक जाती है):अइसी बात फिरसे ना करना।तुम्हारी वजह से इस जिंदगी में जान सी आ गयी है।अगर तुम चले जाओगे तो मैं तो अकेले पड़ जाऊंगी।अभी सहारा भी तुम ही हो और जान भी तुम(उन्होंने मेरे माथे पे चुम लिया मेरे)।
मैंने उनको सीधा करके आंखे पोंछ दी।उनका पल्लु चुचो के ऊपर से थोड़ा हट गया था।मेरी नजर वहां गयी।एक आधा नंगा चूचा दिखाई दे रहा था।उन्होंने मेरे नजरो को समझ लिया।और मुस्कराते हुए पूरा पल्लु हटा दिया अभी दोनो अधनंगे चुचे और उनके बीच के गली साफ दिखाई दे रही थी।मैंने अपने हाथ उनके छाती और ब्लाउज के ऊपर से ही घूमाने लगा।बड़ी चाची गर्म होने लगी,उन्होंने आंखे बंद किये और ओंठो को चबाने लगी।
मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को खोला और चुचो को मसलने लगा।निप्पल्स को नोचने लगा।उनको सुखद आनंद आ रहा था।उन्होंने मेरे सिर को पकड़ा और चुचो के बीच दबोच लिया।मैं चुचो को चाटने लगा।चुसने लगा।
मामी का हाथ नीचे चुत को दबा रहा था।"उम्मसीईआह"की सिसकारी मुह से निकलती हुए मुझे ये बया कर रही थी की चुत ने पानी छोड़ना चालू किया है।उसको प्यास लगी है।तुम्हारे लन्ड की भूख लगी है।जल्दी से समा जाओ उसके छेद में जलवे दिखाओ।उसकी भूख मिटाओ।उसकी भड़कती आग शांत करो,अभी ये तन्हाई सहन ना हो रही है।
मामी को मैंने बेड पे सुलाया और साड़ी कमर ऊपर कर के लण्ड को सहलाया।उनके चुत में उंगली डाल के अंदर बाहर किया।बहोत गरम रस बाहर आ रहा था।पूरा लाव्हा रस था।लन्ड की प्यास सिमा तोड़ने पर थी।
मैंने उनके चुत पे लन्ड लगाया और धीमे से अंदर सरकाया।उन्होंने आंखे बंद करके सिसकारी छोड़ दी"आआह सीईई"।
उनके थिरकते हुए ओंठ मेरे ओंठो को ललचा रहे थे।मैंने उनके ओंठो को मुह में लेके चुसने को चालू किया।उनके चुत में लन्ड रगड़ना,धक्के पेलना जारी था।हर एक धक्का उनको सातवे आसमान पे लेजा रहा था।पर कुछ पल की कशमकश उनकी चुत ने खुद को ढीला कर दिया और झड़ गयी।मैंने अभी अपना स्पीड बढ़ा दिया।जब तक मैं झड़ ना जाऊ और उनकी चाहत के लिए मैं पूरा अंदर ही झड़ गये।
कुछ देर एक दूसरे के बहो में पड़े रहे।जब थोड़ी राहत सी मिली ओ तैयार हुई और जाने लगी
बड़ी मामी:खाने के लिए जल्दी आना आज पिताजी भी है।ओ समय के पाबंद है।फिरसे वो छोटी न टांग अड़ा दे।
मैं:ठीक है।जरा कमरा साफ करता हु,अभी मुझे ही करना है,और आ जाऊंगा समय पर,आप चिता मत करो।
वो मुस्कुराई और चली गयी।
आज की सुबह अछि जरूर गयी थी क्योकी बहोत दिनों बाद घर से बाहर गया था।पर शाम थोड़ी मेलोड्रामा हो गयी।एक बेटे का मा से रिश्ता खराब ही गया।छोटी मामी की असलियत बड़ी मामी को मालूम ही गयी, थोड़ा झूट बोलना पड़ा पर उतना चल जाता है किसी को सही मंजिल दिखाने के लिए।अभी खाना खा लेते है कल से फिर नया दिन।हर दिन एक नया कारनामा खड़ा करने वाला होता है।इसलिए जिंदगी गरीबी वाली अछि होती है।अमीरों के घर में जितना पैसा उतनी परेशानियों का झमेला।पिताजी के यहां सती सावित्री वाली औरत यहां रंडियाबाजी करने लगे तो समझ आता है की इंसानियत के आगे पैसा और अभी पैसे को भी हरा देने वाली घटिया चीज है हवस,जो किसी भी हद तक जाएगी ,क्योकि
' निप्पल्स को चुसने मे जो मस्ती है
वो चुचे चुसने मे कहा होती है
लन्ड तो बड़े शान से घुसा सकते है
जहाँ झांट कटी और गुंफाए खुली होती है Episode 6 Comming Soon
Wow gajab update apna hero sach me hero hai, phli kahani pad rhi hu jisme hero chup n ruke sabko sabk sikha rha hai, aur asli mard hone ka proof de rha hai,