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Nice and hot bidu(Episode 2)
मै कम्पनी में गया।बहोत दिन के बाद थोड़ा खुश था।मेरी खुशी देख ऑफिस का स्टाफ भी खुश हुआ।कम्पनी स्टाफ के आधे से ज़्यादा लोग मुझे पसंद करने लगे थे।मेरा काम करने का तरीका ही वैसे था।जितना काम उतना दाम,सबको समान न्याय।
सभी फाइल मेरे सामने पड़ी हुई थी।मै एक एक फाइल देख रहा था।उसमे हाजिरी की फ़ाइल भी थी।उसमे मुझे किसी की कमी दिखाई दी।बलबीर बहोत दिन से गायब था।मैंने दूसरी फ़ाइल ली।उसमे बहोत ज्यादा पैसा कम्पनी से बाहर इन्वेस्ट कर लिया गया था।1 महीने में पूरा कम्पनी का कामकाज ही बदल गया था। मैंने मैनेजमेंट की तत्काल मीटिंग रखी।उसमे सारे के सारे मैनेजमेंट के लोग शामिल थे।बड़े मामा को इस बात का पता करवा दिया।
मैं कॉन्फ्रेंस रूम में जाके बैठ गया।एक एक कर सारे सदस्य जमा हो गए।बड़े मामा और रवि को वीडियो कॉन्फ्रेंस पे लिया था।छोटे मामा भी आये थे क्योकि उनके शेयर मेरे नाम हो गए ये बात अभीतक सबको मालूम नही थी।न मैंने बताई थी न मामा ने।संजू ,छोटी मामी की मा और पिताजी,और एक आदमी।संजू और रवि की तरह स्लिपिंग पार्टनर।
वो:हाई,माय सेल्फ संपत सिंह।(हाथ मिलाते हुए)
मैं:नमस्ते।बैठिए।
सबसे बोलते हुए-हा तो लेडीज़ एंड जेंटलमेन नाना जी के बाद आप लोगो ने हमे काफी साथ दिया कम्पनी के प्रगतिकारक कार्य में हाथ लगाए उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया।पर मुझे मालूम हुआ की कई दिनों से कम्पनी घाटे में जा रही है।जो टेंडर हमे मिलने चाहिए वो किसी और को मिल रहे है।और जिसमे हमे कुछ फायदा ही नही है उसमे इन्वेस्टमेंट हो रहा है।बड़े मामा से-बड़े मामा जी आपके परमिशन के बिना ये पॉसिबल है??
बड़े मामा:मुझे इस बात का अभी अभी मालूम पड़ा,बीच में पिताजी और तुम्हारे हुए हादसे में थोड़े व्यस्त थे उन दिनों में ये कांड हुआ है।
मै बाकी ओ को:आज से बिना मेरे वेरिफिकेशन के फाइल मामा जी के पास नही जाएगी।वो बाकी बड़े जिम्मेदारी ओ को संभाल रहे है।तो पहले कोई भी बात हो मेरे पास आनी चाहिए।क्यो मामा जी सही न?
बड़े मामा:ठीक कहा तुमने 2 बार काम को वेरीफाई करेंगे तो नजर बनी रहेंगी कामकाज पे,इस प्रस्ताव को मेरी अनुमति है।
मैं:तो इस बात को सभी की अनुमति है अइसा मै समझ लेता हु और ये मीटिंग खत्म होती है यही पे,शुक्रिया आप लोगो का आने के लिए।
मीटिंग खत्म होने के बाद सब लोग निकल जाते है।मै मेरे केबिन में जाता हु।उसके कुछ मिनिट के बाद ही मुझे छोटी मामी का कॉल आता है।
छो मामी:ये क्या हरकत है वीरू,ये तुम सही नही किये।
मै चौक कर:कौनसी बात ,क्या सही नही किये।
छोटी मामी:मेरे पति को मिले शेयर्स तुमने कैसे हतिया लिए,ये सरासर गलत बात है।
मै:मामी जी थोड़ा रुकिए भावनाओ को काबू में कीजिये।आपके पतिदेव ने खुद अपने हाथो से पूरे होश के साथ हस्ताक्षर दिए है।चाहिए तो आपको दिखा देता हु।
छोटी मामी:ठीक है,मैं ठीक 1 घण्टे के बाद फार्म हाउस में मिलती हु,मुझे मेरी जायदाद चाहिए।
बात ये थी की अभी हर एक काम में मेरा वेरिफिकेशन लगने वाला था तो किसी को भी बिना किसी ठोस कारण के पैसे नही मिलने वाले थे।जब इसका विरोध जताने की योजना बनी तो उनको मालूम पड़ा की मामा के हिस्से की जायदाद निकल चुकी है।ये बात मा ने बेटी को बोल दी क्योकि दामाद नाकारा था।और उसी नाकारे दामाद की वजह से उसको अपनी हवस नही मिटाने को मिलनेवाली थी।
मुझे शिवकरण पे भरोसा नही था।इसलिए मै अकेले ही गाड़ी लेके चला गया।मामी मेरे पहले ही वहाँ पहोंच गयी थी।
मैं ऊपर वाले कमरे में गया।मामी हर बार जिस जगह को चुनती है उसी कमरे में चला गया।
मामी:वीरू ये क्या चल रहा है,ओ कागजाद मुझे दे दो,तुम सही नही कर रहे।
मैं:क्या सही क्या गलत आप के मुह से शोभा नही देता,आप इतनी नीच हो की जायदाद के लिए मुझे छोड़ो खुद के बाप जैसे नाना को मारना चाहा तुमने,तू सिखाएगी मुझे अच्छा बुरा।
मामी:पहली बात तो तू तड़ाक मत कर और पिताजी को मैंने मारने की कोशिश नही की।तेरे छोटे मामा हो सकते है,अइसे काम उन्हें ही सूझते है।
मैं:पर वो काम तो आपके इशारों पे करते है। और तुमसे तू तड़ाक में ही बात होगी तेरी वही औकात है।
मामी ने आगे आके एक झांपड मारा"नालायक"
मै हस्ते हुए:अरे मार ले।अभी तू भूल गयी की तेरे फड़फड़ाने वाले पंख मेरे हाथ में है।
मामी थोड़ी सहमी:देख वीरू ये सही बात नही है।तुम सही से कागजात नही दोगे तो बुरा होगा,देख लेना
मैं:और क्या बुरा होना बाकी है री,मौत के दरवाजे से आया हु यहाँ।अभी किसी के बाप का डर नही।अभी डरना तुम लोगो को है।अभी बारी तुम लोगो की है ।
मामी:मतलब तू अइसे नही मानेगा।बोल क्या चाहिए तुझे।
मैं:वही जो एक मर्द को चाहिए रहता है,देखता हु उसपे दिल बहल गया तो दे दूंगा।
मामी:क्या मतलब है तुम्हारा,तुम होश में हो,ये मुमकिन नही।
मैं:तो आपको कागजाद देना भी मुझे मुश्किल लग रहा है,क्यो शिला!??
उनका नाम मेरे मुह से सुन मामी तिलमिला गयी।पर उनके हाथ बंधे थे।
मामी:ठीक है पर वादा करो तुम मुझे मेरी जायदाद वापस दोगे,बिना कुसी शर्त।
मै:हा किया वादा।चलो घर पे फोन लगा के बहाना बनाओ की तुम अपनी मा के घर रुकने वाली हो रात भर।
मामी:रात भर क्यो?
मै:अरे तुझे मालूम नही।तेरी चुत की कुटाई रातभर होगी।
मामी:तुम मजाक कर रहे हो,राइट??
मैं:नही ये सच्चाई है,और वो मानेगी भी आप,जायदाद का लालच जो है।
मामी की बोलती बन्द।जायदाद उनका सबसे बडी कमजोरी थी।क्या करे बचपन से ही पैसों में खेलती आई है।खून में भरा है वो।उन्होंने चुप चाप फोन लगाया,और घर पे जैसे मैंने कहा वैसे बता दिया।
जैसे हो वो पीछे घूमी मैंने उन्हें बाहों में लिया और ओंठो को कस के चूमा।काफी देर ओंठ चुसने के बाद उनको छोड़ा।
मामी:ये क्या बत्तमीजी है।
मैं:लो इसपे दस्तखत कर दो।
मामी ने सब पढ़ लिया:क्या है ये कैसी अनुमति?
मै:अरे उसमे साफ साफ लिखा है मै मेरे भांजे वीरू के साथ मेरे रजामंदी से होश में शाररिक सम्बन्ध प्रस्थापित कर रही हु।
मामी:इसकी क्या जरूरत,मैं तैयार हु।
मै:मैं आप लोगो के ऊपर भरोसा नही कर सकता।तो दस्तखत करो।और साड़ी उतारो।
दस्तखत करने के बाद मामी ने साड़ी उतार दी।अभी वो ब्लाउज और पेटीकोट में थी।मेरे सामने थोड़ी नजर झुकाए खड़ी थी।
मैं:अरे शिला तेरे जैसी घमंडी औरत को नजर झुकाना शोभा नही देता।उठा ले।
(कैसी भी रांड हो नए नवेले पुरुष के सामने लज्जा आएगी ही।)
मैं उनके पास गया।और उनके गोल घूमने लगा।
मैं:अरे वा शिला तेरा बदन तो एकदम धांसू माल है रे।
मामी:वीरू तुम्हारे मा के उम्र की हु,उतना लिहाज रखना।
मैं:मा तो नही हो।तेरी गांड देख(एक फ़टका मार दिया मामी सिसक गयी।)क्या बड़ी और गोल मटोल है।साला किसी का भी लण्ड खड़ा हो जाए।
बोलते बोलते मै अपने लन्ड को पेंट के उपर से मसल रहा था।वो उसको नोटिस की पर नजर घुमा दी।मै उनके सामने गया और ब्लाउज के ऊपर से चुचो पे हाथ घुमाने लगा।दोनो चुचो को हाथ में भर के टटोलने लगा।
मैं:क्या गुब्बारे जैसे चुचे है रंडी तेरे ,इतने बड़े की हाथ में भी नही आ रहे।
मैंने उनके ब्लाउज और ब्रा को उतारा।पीछे खड़े रहके उनके चुचो को मसलने लगा।उनके कानो को मुह में लेके चुसने लगा।मामी खुदको काबू कर रही थी।मैंने उनके चुचो के निप्पल्स को मसला वैसे ही वो "आउच्च आआह"करके सिसक गयी।मै अपना तना लन्ड पूछे से गांड पे घिसने लगा।
उनकी पेटीकोट का नाडा खींचा तो पेटीकोट नीचे गिर गया।मामी ने गुलाबी रंग की पेंटी पहनी थी।उनकी फूली हुई चुत लण्ड को बेहाल कर रही थी।मैन पेंटी के अंदर हाथ डाला।चाची आंख बन्द करके ओंठ चबाते हुऐ सिकारिया ले रही थी।उनकी चुत को मैं मसल के सहलाने लगा।
मैं:हाये मामी तेरी चुत तो पानी छोड़ रही है।क्या मस्त गर्म है याररर।
मामी:साले रंडी की औलाद औरत को सहलाक़े मसल के खुद गर्म करता है लन्ड को गांड पे घिसता है।और कहता है चुत पानी छोड़ रहा है।साले तेरी रंडी मा की गांड में लन्ड डालेगा तो भी वो पानी छोड़ेगी।
मैं:पहले तेरे चुत में तो डाल दु।
चुत में उंगली डाल के अंदर बाहर की और बाहर निकाल के मैंने खुद चुस ली।
मैं:हाये मामी बहोत ही मीठा है।तू इतनी कड़वी और चुत का रस मीठा।गजब हो तुम।
मै चाची को बेड के पास ले जाके बैठा दिया।और मैं खुद नंगा होकर लन्ड को सहलाते हुए उनके सामने खड़ा हुआ।
मामी तो मुह खुला कर के ताकती रही।मैंने उनके ओंठो पर लण्ड रगड़ना चालू किया।और मुह के अंदर घुसाया।ओ कोई साथ नही दे रही थी तो।
मैंने उनके सिर को पकड़ा और आहिस्ता आहिस्ता आगे पीछे करने लगा।वो कोई रिएक्शन नही दे रही थी।काफी देर तक आहिस्ता करने के पश्चात मैंने उनका मुह चोदने की गति बढ़ाई।उनके मुह से"ओ ओओओ आआह उम्म आआह ओ"।मामी ने मैई कमर कस के पकड़ ली थी।मै झड़ने आया था।मैंने मेरी स्पीड और बढ़ा दी।और पूरा गाढ़ा रस उनकी मुह में छोड़ दिया।
अभी उनको बेड पे लिटाया।उनकी चुत के पास जाके चूमने लगा।उनकी चुत को चाटने लगा।वो अभी पूरी हवस के अधीन हो गयी थी।उन्होंने अपने पैरों में मेरे सिर जो जखड के रखा।चुत काफी लाल गुलाबी थी।मैं चुत के पंखुड़ियों को मुह में लेके उसके लुफ्त उठाने लगा।काफी मजा आ रहा था।चुत के अंदर से जीभ पे आता हुआ सफेद रस जैसे वनीला आईसक्रीम लग रहा था,और उसके जैसा मीठा भी।
मैने उनकी गाड़ को पैरों को पकड़ के ऊपर किया और गांड को चाटने लगा।साली की गांड अभी तक फ्रेश थी।चुत का रस गांड तक आ गया था।वो पूरा चाटके साफ कर दिया।मामी की चुत में आग बढ़ गयी थी पर रंडिया का घमंड था की लन्ड डाल के चुत की खुजली मिटाने की ख्वाइश भी नही बता सकती थी।
पर मुझे उनके चुत से लाव्हा की तरह फसफ़सती रस ने उनके अंदर जलते हुए हवस की सूचना कर दी।मैंने लन्ड को मसल के चुत पे लगाया और धक्का लगा दिया।लन्ड उनकी सहनशीलता से काफी तगड़ा था तो,वो सहन नही कर पाई।
मामी:आआह आआह अबे रंडी के धीरे से कर छिनाल की पैदाइश आआह फाड़ दी चुत मेरी साले आआह आआह।
मैं:मैं रंडी की औलाद क्या छिनाल साली घर घर जाके चुदास फूक के तू आती है रंडिया तेरी चुत को आज भोसड़ा बना के ही रहूंगा।
मैं पूरे जोर लगा के उसकी चुत चोदने लगा।उनको बहोत दर्द हो रहा था पर साली घमंडी रंडिया पूरी रंडी थी,पेल के ले रही थी।
मामी:मार चुत मेरी भड़वे साले देखती हु तेरे में कितना दम है,आआह आआह जितना चोदना आआह उम्म आउच्च है चोद मेरी चुत बहोत उड़ रहा है तेरा लण्ड देखते है कितनी देर मारता है चुत आआह।
मैंने उनके चुचे कस के पकड़े थोड़ा कमर से उनको ऊपर की तरफ मोड़ा और नीचे झुक कर चुत मारने लगा।
मामी:और जोर से साले रंडवे भड़बे क्या दम नही तेरे में आआह आआह और अंदर मार थोड़ा जोर से आआह
मुझे अइसे महसूस हो रहा था की साली कुत्ति रंडिया घमंड दिखाने के बहाने मजे भी ले रही है।
मै:अरे रंडिया तेरी चुत आज पूरी सूजा न दी तो नाम बदल दु।ले भोसदिवाली कुतिया आज तू पूरी रांड बनेगी बापचोदी बहोत आग है न तेरे में भाईचोदी आज तो तेरी चुत का भोसड़ा बनेगा।
मै अभी पूरा लालम लाल था।मामी कितनी भी बड़ी रांड हो उसकी चुत मेरे तगड़े लन्ड के सामने नही टिक पाई ज्यादा देर।मै पूरी जोर से उसकी चुत ठोक रहा था।चुचे नोच रहा था।
मामी:आआह वीरू मेरा झड गया आआह धीरे आआह बहोत दुख रहा है आआह अरे भड़वे पूरी फाड़ देगा क्या चुत आआह आआह अम्मा आआह हाये आएहबे रंडी के।
मै उनकी कोई बात नही मान रहा था।जब मेरा पूरा झडा मैं पूरा गाढ़ा रस उनके पूरे शरीर पे फवारे उड़ाते है फैला दिया।
मामी पूरी निढाल होकर पड़ी थी।उनकी चुत जलन से पूरी लाल हो गयी थी।मै उनको वैसे ही छोड़ा और थोड़ा कॉफी लेके फ्रेश होकर आया।वो गांड ऊपर किये सिस्कारते हुए बेड पे पड़ी थी।गांड को देख फिरसे मेरा लण्ड हरकत करने लगा।
मै मैंने-हा मेरे भाई मुझे भी तेरी भावनाये पता चल रही है मारेंगे जरूर मारेंगे,चल कुछ ढूंढते है,सुखी मारेंगे तो मर जाएगी रंडी।
मैंने बाथरूम मेंसे वैसलीन उठाया और पीछे से जाके उनके गांड को पकड़ा।वो तिलमिलाही थोड़ी दूर हटी ।मैन फिरसे गांड को पकड़ा और थोड़ा फैलाया।वैसलीन उसकी गांड पे लगाया।
मामी:वीरू नही,तेरा लण्ड बहोत तगड़ा है मै नही सहन कर पाऊंगी,प्लीज् वीरू तू बाकी कुछ भी कर गांड मत मार आआह।
पर मै सुनने के हालात में नही था।मैंने उसको पलट के घोड़ी बनाया अपने लन्ड को वैसलीन लगा के गांड की छेद पे टिकाया और धक्का दिया।
मामी:आआआआह अमा!!!!!!!!!आआह वीरू निकल आआह बहोत दर्द हो रहा थ हाआआआआ वीयू गांड फट गयी मेरी आआह प्लीज निकाल आआह।आआह मर गयी आआह।(उनके आंखों से पानी आने लगा।)
मैं थोड़ी देर रुक फिरसे पूरी जोरोसे गांड पेलना चालू किया।
मामी पहले"आआह वीयू धीरे आआह गांड फट गयी आआह वीरू प्लीज निकाल आआह"करते हुए चिल्लाती रही पर उनको भी महसूस हुआ की अभी मैं मनाने वाला नही ये जान के वो चुप चाप गद्दे में मुह डालके धक्के सहन करने लगी।अभी उनका शरीर निढाल हो रहा था।मुझे लगा की कहि कुछ हो न जाए मैंने लन्ड को बाहर निकाला।पर मेरा लण्ड काफी जोष में था उसे पानी छोडने तक चैन नही मिलने वाला था।
मैंने मामी को बाहों में लिया आगे से अपना लण्ड चुत में डाला और उनको चोदने लगा।उनके ओंठो को चुसने लगा।
मामी:आआह आआह वीरू धीरे आआह मर जाऊंगी आआह आ हए हाहा
उनकी पूरी चुत लालम लाल हो गयी थी।चुचे नोचने से लाल रेशाये आयी थी।ओंठो को नोच चूस काट के चुसने से वो भी लाल हो गए थे।मामी का पूरा अंग मेरे लण्ड के रस से भरा था।
मैंने उनको गोदी में उठाया और बाथरूम लेके गया।शॉवर चालू किया और बेसिंग साइड चिपका कर खड़ा किया।उनके पूरे शरीर पर शैम्पू छोड़ दिया।उनके बाल से उनके मुह तकसे चुत से पैर तक।उनके सॉफ्ट ओंठो के पंखुडियो को धीरे से चुम चूसता हुआ नीचे चुचो तक आया।फिर उनके चुचे बारी बारी मुह में लेके चुसने लगा।उनकी चुत पर शैम्पू से ही मसलने लगा।उनके मुह से सिस्की निकली।क्योकि बहोत लाल हो गई थी उसके जलन से उनको दर्द हुआ।
मै नीचे बैठा उनकी चुत में जीभ डाली और घुमाने लगा।चुत की चारो ओर से शैम्पू निकाल चाटने लगा।उनके चुत से गर्म खट्टा मीठा रस का टेस्ट आने लगा।ओ फिरसे गर्म हो गयी थी।
उनको बेसिंग को चिपका के उनके चुत में लण्ड डाला थोड़ा पैर ऊपर कर चुत को पेलने लगा।
मामी:आआह वीरू चोद भडवे पूरी चुत का भोसड़ा बना दिया बहनचोद साले आआह चोद आज पूरा कबाड़ा बना के छोड़ेगा।
मैं:अरे रंडी छिनाल साली तू है ही चुत चुदासी बापचोदी तेरी चुत में अभीतक अइसा लण्ड नही गया नही तो बेटाचोदी तू तो अस्सली रंडी खाने में चुत मरवा रही होती।आज से तेरी चुत ज्यादा खुजली नही देगी
रात मामी की चुत का भोसड़ा बनाया।सुबह तक उनकी हालात बहोत खराब थी पूरे पैर फैला कर चल रही थी।मैंने जेक शारदा को बुलाया।शारदा ने उसको मलम वैगरा लगाया।तब तक मै आफिस निकल गया।
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