ओके माँ।
और दोनों बाहर आ जाती है चाय ले कर और सब मिलकर नास्ता करते है ।
तभी रवि कहता है की उसका काम हो गया है अब वो और नीतू घर जायेंगे पर प्रीति उन दोनो को रोक लेती है
और थोड़ी देर बाद रमेश भी आ जाता है।
और सब मिलकर बात करते है और हसी मज़ाक़ और खाने की तैयारी होती है ।
और आज प्रीति और नीतू अरुन को किसी और नज़र से देख रही थी।
जैसे कह रही हो आज नहीं छोडेंगे कच्चा खा जाएंगे
और अरुन समझ नहीं पा रहा था किस को लाइन दे किसको नही।
तभी दरवाजे पे बेल बजती है अरुन दरवाजा खोलता है
और सामने सुभाष खड़ा था।
यानी अरुन के फुफा जी और प्रीति के हसबैंड।
और उनको लेके अंदर आ जाता है।
प्रीति सुभाष को देख कर उसका मूड ख़राब हो जाता है।
कहाँ वो अरुन को पटाने की सोच रही थी और कहा उसका पति आ गया अब अरुन से कैसे चुदबायेगी।
वो सब मिलकर प्रीति को समझाते है की ग़ुस्सा छोड दे और घर चली जाये।
वैसे चलि भी जाती। अरुन नहीं होता तो पर अब उसे अरुन का लंड चाहिए था।
और वो उसके बिना नहीं जाना चाहती थी। इसलिए उसने सुभाष को रुकने के लिए राजी कर लिया।
रमेश अपने परिवार को देख कर खुश था पर उसे क्या पता था की उसके घर में बेटे ने उसकी जगह ले ली है और अब वो घर की सभी औरतो का मालिक अरुन है।
और उस घर की सभी औरतें उसके एक इशारा पे उसके निचे लेटने को तैयार हो रही है।
और यही हाल प्रीति का था उसने ठान लिया था की आज अरुन से चुदवा कर रहेगी।
तभी
प्रीति: अरुन अब आई हु तो सोच रही कुछ शॉपिंग कर लूँ। फिर ये आ गए है ले जाने के लिए।
सुभाष: मैं ले चलता हूँ।
प्रीति: नहीं आप रहने दो मैं अरुन के साथ उसकी बाइक पे चली जाऊँगी।
रमेश: हाँ बेटा जा बुआ को ले जा ।
प्रीति: अरुन मैं अभी तयार हो कर आई।
अरून सरला को देखता है ,और सरला उसको परमिशन दे देती है।
अरुण: बुआ रुको मुझे भी चेंज करना है।
और दोनों साथ साथ रूम में आते है ।
और अब अरुन अपनी माँ की आज्ञा का पालन करता है और वो ये की प्रीति की फाड़नी है ।
ओर उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था।
अरुण: बुआ साथ चलना है तो मेरी पसंद के कपडे पहनने पडेंगे।
प्रीति: तो इस में क्या प्रॉब्लम है बता।
अरुण: इतना आसान नहीं है मेरी पसंद के कपडे।
प्रीति: बोल तो सही ।
अरुण: मुझे ब्लैक कलर पसंद है।
प्रीति: हाँ मेरे पास है ब्लैक साडी ।
अरुण: खाली साडी से नहीं होगा।
प्रीति; है ब्लाउज और पेटीकोट भी है।
अरुण: उससे भी नहीं होगा।
प्रीति: अब क्या रह गया ।
अरुण: बोलू बुरा तो नहीं मानोगी।
प्रीति: अगर दोस्ती करनी है तो बुरा क्या मानना।
अरुण: तो मुझे सब कुछ ब्लैक चाहिये।
ब्लैक साडी , ब्लाऊज, पेटीकोट , ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी।
प्रीति: मतलब।
अरुण: सब कुछ साफ़ बोला है।
प्रीति: बेशरम अपनी बुआ से कोई ऐसे बोलता है।
अरुण: मैं तो ऐसे ही बोलता हु अब आप की मर्ज़ी गर्ल फ्रेंड बनना है तो जल्दी करो।
प्रीति: अगर मैं ब्लैक ब्रा पेंटी नहीं पहनी तो तुझे कैसे पता चलेगा।।
अरुण: टाइम आएगा तो चेक कर लुँगा और अगर नहीं पहनी तो दोस्ती खतम।
प्रीति: अरे अरे मेरा बेटा नाराज हो गया अपनी बुआ से जा बाहर वेट कर मैं चेंज करके आती हुँ।
और अरुन बाहर आ जाता है।