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Incest माँ की अधूरी इच्छा(complete)

Nevil singh

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ओके माँ।
और दोनों बाहर आ जाती है चाय ले कर और सब मिलकर नास्ता करते है ।
तभी रवि कहता है की उसका काम हो गया है अब वो और नीतू घर जायेंगे पर प्रीति उन दोनो को रोक लेती है
और थोड़ी देर बाद रमेश भी आ जाता है।
और सब मिलकर बात करते है और हसी मज़ाक़ और खाने की तैयारी होती है ।
और आज प्रीति और नीतू अरुन को किसी और नज़र से देख रही थी।
जैसे कह रही हो आज नहीं छोडेंगे कच्चा खा जाएंगे
और अरुन समझ नहीं पा रहा था किस को लाइन दे किसको नही।
तभी दरवाजे पे बेल बजती है अरुन दरवाजा खोलता है
और सामने सुभाष खड़ा था।
यानी अरुन के फुफा जी और प्रीति के हसबैंड।
और उनको लेके अंदर आ जाता है।
प्रीति सुभाष को देख कर उसका मूड ख़राब हो जाता है।
कहाँ वो अरुन को पटाने की सोच रही थी और कहा उसका पति आ गया अब अरुन से कैसे चुदबायेगी।
वो सब मिलकर प्रीति को समझाते है की ग़ुस्सा छोड दे और घर चली जाये।
वैसे चलि भी जाती। अरुन नहीं होता तो पर अब उसे अरुन का लंड चाहिए था।
और वो उसके बिना नहीं जाना चाहती थी। इसलिए उसने सुभाष को रुकने के लिए राजी कर लिया।

रमेश अपने परिवार को देख कर खुश था पर उसे क्या पता था की उसके घर में बेटे ने उसकी जगह ले ली है और अब वो घर की सभी औरतो का मालिक अरुन है।
और उस घर की सभी औरतें उसके एक इशारा पे उसके निचे लेटने को तैयार हो रही है।
और यही हाल प्रीति का था उसने ठान लिया था की आज अरुन से चुदवा कर रहेगी।
तभी
प्रीति: अरुन अब आई हु तो सोच रही कुछ शॉपिंग कर लूँ। फिर ये आ गए है ले जाने के लिए।
सुभाष: मैं ले चलता हूँ।
प्रीति: नहीं आप रहने दो मैं अरुन के साथ उसकी बाइक पे चली जाऊँगी।

रमेश: हाँ बेटा जा बुआ को ले जा ।
प्रीति: अरुन मैं अभी तयार हो कर आई।
अरून सरला को देखता है ,और सरला उसको परमिशन दे देती है।
अरुण: बुआ रुको मुझे भी चेंज करना है।
और दोनों साथ साथ रूम में आते है ।
और अब अरुन अपनी माँ की आज्ञा का पालन करता है और वो ये की प्रीति की फाड़नी है ।
ओर उसका दिमाग तेजी से काम कर रहा था।
अरुण: बुआ साथ चलना है तो मेरी पसंद के कपडे पहनने पडेंगे।
प्रीति: तो इस में क्या प्रॉब्लम है बता।
अरुण: इतना आसान नहीं है मेरी पसंद के कपडे।
प्रीति: बोल तो सही ।
अरुण: मुझे ब्लैक कलर पसंद है।
प्रीति: हाँ मेरे पास है ब्लैक साडी ।
अरुण: खाली साडी से नहीं होगा।
प्रीति; है ब्लाउज और पेटीकोट भी है।
अरुण: उससे भी नहीं होगा।
प्रीति: अब क्या रह गया ।
अरुण: बोलू बुरा तो नहीं मानोगी।
प्रीति: अगर दोस्ती करनी है तो बुरा क्या मानना।
अरुण: तो मुझे सब कुछ ब्लैक चाहिये।
ब्लैक साडी , ब्लाऊज, पेटीकोट , ब्लैक ब्रा और ब्लैक पेंटी।
प्रीति: मतलब।
अरुण: सब कुछ साफ़ बोला है।
प्रीति: बेशरम अपनी बुआ से कोई ऐसे बोलता है।
अरुण: मैं तो ऐसे ही बोलता हु अब आप की मर्ज़ी गर्ल फ्रेंड बनना है तो जल्दी करो।
प्रीति: अगर मैं ब्लैक ब्रा पेंटी नहीं पहनी तो तुझे कैसे पता चलेगा।।
अरुण: टाइम आएगा तो चेक कर लुँगा और अगर नहीं पहनी तो दोस्ती खतम।
प्रीति: अरे अरे मेरा बेटा नाराज हो गया अपनी बुआ से जा बाहर वेट कर मैं चेंज करके आती हुँ।
और अरुन बाहर आ जाता है।
fair
 
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Nevil singh

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थोड़ी देर में प्रीति और अरुन मार्किट के लिए निकल जाते है।
ओर बाइक पे बैठ कर रोड पे आ जाते है
अरुण: कहाँ चलना है।
प्रीति: जहाँ तेरा मन करे।
अरुण: लेना क्या है।
प्रीति : कुछ नहीं ,वो तो तेरे फुफा जी आ गये थे और मुझे तेरे से बात करनी थी इसलिए बाहर आई हूँ।
अरुण: ओके तो बोलो क्या बात करनी है।
प्रीति: अब क्या बात करुं अपनी मर्ज़ी के तो कपडे पहना दिए तूने और तेरी बाइक पे बैठी हु वो भी तेरी पसंद के कपडे पहन कर और आगे सरक कर बैठ जाती है जिस से उसके मम्मे अरुन की पीठ से रगडने लगते है।
अरुण: बोलो कहा चलना है या ऐसे ही अपने बूब्स मेरी पीठ पे रगडने है।
प्रीति: बड़ा बेशरम है तू , ये तो बाइक की ब्रेक लग रही है इसलिए तुझसे लग रही है।
अरुण: बुआ रहने दो पर मुझे मस्त लग रहे है
बहुत टाइट है कसे हुए।
प्रीति: चुप कर बेशरम।
और अरुन हँस पडता है
और एक मॉल के सामने बाइक रोक देता है।
और प्रीति का हाथ पकड़ कर अंदर आ जाता है।
दोनो मॉल में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर घूमते है।
प्रीति: मेरे हाथ क्यों पकड़ रखा है।
अरुण: क्यों की गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रेंड ऐसे ही घूमते है।
प्रीति; मैंने कब कहा की मैं तुम्हारी गर्ल फ्रेंड हू।
अरुण: हो तभी मेरी पसंद की ब्लैक कलर की ब्रा पेंटी पहनी हो।
प्रीति: तुझे कैसे पता की ब्लैक पहनी है।
अरुण': बस बिश्वास है की मेरी गर्ल फ्रेंड मुझसे झूट नहीं बोलेंगी।
प्रीति: हाँ ब्लैक ही पहनी है तेरी पसंद की ।
अब खुश।
अरुण: जब से आप को देखा है खुश हुँ।
आप बताओ।
प्रीति: मैं बहुत खुश हु ।
शायद लाइफ में सबसे ज्यादा खुश।
और अरुन प्रीति के काँधे पे अपनी बाजु रख कर अपनी तरफ खींच लेता है और प्रीति उसके काँधे पे सर रख देती है।
थोड़ी देर ऐसे घुमने के बाद अरुन प्रीति को मॉल के अंदर मौजुद अंडरगार्मेन्ट्स की दुकान पर ले जाता है।
प्रीति: यहाँ क्यों आये है।
अरुण: रुक जाओ।
सेल्स गर्ल:मे आई हेल्प यु।
अरुण: यस इनके साइज के अंडरगारर्मेन्ट्स दिखाओ लेटेस्ट डिजाइन।
सेल्स गर्ल :सर साइज़।
अरून प्रीति की तरफ देखता है ।
साइज़ और प्रीति कुछ भी बोले बिना साइज बता देती है।और अरुन अपने पसंद की २ सेट ब्रा पेंटी के लेता है।
प्रीटी: ये मेरे को नहीं आएँगी छोटी रहेंगी ।
अरुण: एकदम फिट आएँगी डोंट वरी।
बस आज रात पहन कर दिखा देना ।ठीक
प्रीति: क्यों दिखाऊ तुम मेरे पति हो।।
एरिन: पति से ज्यादा तुम्हारा लवर और लवर हस्बैंड से ज्यादा होता है।।
सो बी रेडी फॉर नाईट।
और दोनों बाहर आ जाते है।
और अरुन कुछ खाना है या घर पर चले।
प्रीति: पहली डेट पर लाए हो और पूछ रहे हो।
अरुण: वो कहीं बाहर खाने पर आप के पति नाराज़ हो जाये।
प्रीति: उनकी टेंशन मत लो तुम वो करो जो तुम्हारा मन हो।
उस टाइम दोनों पार्किंग लोट में थे और आस पास कोई नहीं था।
और प्रीति के कहते ही अरुन प्रीति को अपनी बाँहों में खींचकर उस के लिप्स चुसने लगता है।
थोड़ी देर के बाद प्रीति अरुन का साथ देने लगती है।
best
 
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हाफ एन ऑवर मैं रेडी हो सरला और अरुन रेडी थे बाजार जाने की लिये।

अरुण: चले माँ ।
सरला: चल।

बाइक पे बैठ के

अरुन: कहाँ चलना है मोम
सरला:मॉल चले।
सरल: अरुन
अरुण: हाँ मोम।
सरला: एक बात पुछु।
अरुण : हाँ
सरला:तुझे कैसे पता था की मेरी तबीयत फ्राइडे को ख़राब होगी और ट्यूसडे को सही।

आरन: मन ही मन क्या जवाब दूँ
सरला: बता न किस तरीके की तबीयत ख़राब होगी मेरी जो ५ दिन में ठीक हो जाएगी।
सरला समझ चुकी थी की अरुन को पता है पर वो उसके मुह से सुनना चाहती थी।
बात करते २ मॉल आ गया।

बाइक पार्किंग मैं खड़ी करके दोनों शॉपिंग के लिए आ गये।
घर की ज़रूरत का सामन खरीदते हुए
सरला: जवाब नहीं दिया।
अरुण: माँ छोडो ना।
सरला: मन ही मन अरुन को परेसान देखते हुए खुश हो रही थी पर ये भी जानना चाहती थी की क्या जो वो सोच रही है वो सही है या उसकी गलतफहमि।
सरला: कुछ पूछ रही हूँ।
अरुन: माँ प्लीज मैं नहीं बता पाउंगा।
सरला: मेरे साथ बाजार आना है ये याद है बाकि याद नहि।
अरुण: हां
सरला: तो जवाब दे।
अरुण: थोड़ी देर खामोश रहने के बाद माँ जब लास्ट मंथ आप ने कहा की बैक में पेन हो रहा है तो मुझे डाउट हुआ की आप को हकलाते हुए पीरियड्स है जिस की बजह से आप की बैक पेन हो रही और फ्राइडे को वही डेट थी जो लास्ट मंथ थी इस लिए आईडिया लगाये और बोल दिया की तबीयत ख़राब हो जायेगि
ओर शांत हो गया।यह कहकर सरला से नज़र नहीं मिला रहा था और ऐसी ही हालत सरला की भी थी ।

ओर हो भी क्या न ये वो बात थी जिसको लड़की या तो अपनी माँ से या पत्नी हस्बैंड से शेयर करते है
ओर यहाँ माँ बेटे बात कर रहे थे।

सरला सच जानना भी चाहती थी और जान कर अजीब सा महसूस कर रही थी।

ऐसे ही मॉल में सामान लेने के बाद दोनों घर आ गये बिना बात किये हुए।
शाम को रमेश ऑफिस से आ गया और उस ने गौर किया की दोने माँ बेटा एक दूसरे को अवॉयड कर रहे है

रमेश सरला से : क्या हुआ

सरला: कहा।

रमेश: कहाँ क्या तुम और अरुन बात नहीं कर रहे।

सरला:ऐसा नहीं है आप को ऐसा क्यों लग रहा है
रमेश: ओके हो सकता है
ओर सोने चला जाता है।
सरला किचन मैं काम कर रही थी
और सोचती है अरुन से कैसे बात करे उसे शरम आ रही थी की उसने आज अपने बेटे से पीरियड्स पे बात की और अरुन को पता है की उसके पीरियड्स कब आये है यही सोचते २ वो सोने चली जाती है।

अगली सुबह
रमेश ऑफिस चला जाता है और अरुन कॉलेज के लिए निकल रहा होता है
तभी
सरला: उसे आवाज़ देते हुए ब्रेकफास्ट तो कर ले ।
अरुण;माँ मन नहीं है।
उसे पता था की उसकी माँ ने भी ब्रेकफास्ट नहीं किया होगा और जब साथ करेगे तो कुछ बात होगी और वो सरला को फेस नहीं करना चाहता था।

सरला: मैंने कहा न ब्रेकफास्ट कर और उसका हाथ पकड़ के डायनिंग टेबल पर बिठा देति है और ब्रेकफास्ट लेने किचन मैं चली जाती है
और फिर दोनों साथ बैठ कर ब्रेकफास्ट करते है
पर कोई बात नहीं करते।

अरुण: ब्रेकफास्ट करने के बाद माँ कॉलेज जा रहा हू।

सरला: ओके बेटे।

अरुण: बाय मोम।

अरुन के जाने के बाद सोचती है अरुन कितना बड़ा हो गया की सिर्फ बैक पेन से उसने आईडिया लगा लिए मेरे पीरियड्स के बारे में ।
और हँस देती है।
और घर के काम ख़तम करने के बाद खाली बैठी थी
और उसलसे अरुन का ख्याल आया है
और उसे कॉल करती है
सरला: हेलो अरुण
अरुण: है मोम
सरला: कहा हो
अरुण: कॉलेज में।
सरला: क्लास में।
अरुण: नहीं माँ ब्रेक है।
सरला:ओके और चुप हो जाती है।
अरुण: बोलो माँ ।
सरला: कुछ नाहि।
अरुण: कॉल क्यों की
सरला: बस ऐसे ही।
अरुण:कोई काम था।
सरला: क्या मैं अपने बेटे को कॉल नहीं कर सकती।
अरुण: नहीं ऐसी बात नहीं है।
सरला: चल ओके बाय।
अरुण: बाय मोम
सरला कॉल कटने के बाद सोचती है पहले तो मैं कभी अरुन को कॉल नहीं की बिना किसी इमरजेंसी के पर आज क्यों की।

उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है
ऐसे सोचते २ उसका टाइम पास हो जाता है इधर अरुन का कॉलेज से आने का टाइम हो जाता है
तो वो आईने के सामने खड़ी होके अपने मेकअप चेक करती है जो की उसने आज तक नहीं किया था अरुन के आने पर।

और आज सरला अरुन का इंतज़ार कर रही थी और आज अरुन लेट आया पूरे २ घंटे अपने टाइम से।

सरला सोच रही थी की उससे कॉल कर लुँ पर हिम्मत नहीं हो रही थी की क्या बात करती।
तभी डोर बेल्ल बजति है।
गेट खोलने पर अरुन सामने खड़ा था।
सरला: ये क्या टाइम है आने का।

अरुण: वो दोस्तों से साथ था टाइम पता ही नहीं चला।
सरला: हाँ सही है दोस्त ज्यादा जरुरी है माँ से।
सरला ने ये बोल तो दिया पर सोचने लगी मैंने तो कभी उससे ऐसा नहीं कहा पर आज क्यु।

अरुण:ऐसा नहीं है मोम।
और अंदर आ जाता है ।
और फ्रेश होने चला जाता है।
Kahani shuru ho hi gayi
 
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Nevil singh

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तभी किसी की आवाज़ आती है और दोनों अलग ही जाते है।
अरुण: कैसे लगी अपने बॉय फ्रेंड की किस।
प्रीति: गुस्से में देखते हुए बहुत अच्छी और हँस देती है।
और अरुन प्रीति को लेके रेस्टोरेंट में जाता है जहाँ दोनों प्रीति की पसंद का डिनर करते है और घर की ओर चल देते है।।
तभी रास्ते में मेडिकल स्टोर आता है।
अरून बाइक रोक देता है।
प्रीति: यहाँ क्या करना है।
आ: डॉटड कोंन्डोम।
प्रीति: सच में।
अरुण: आज तो मैं अपनी गर्ल फ्रेंड की लुँगा वो भी डॉटड कंडोम लगा कर।
प्रीति: चुप कर बदमाश और धीरे से अरुन के कान में
मुझे बिना कंडोम के अच्छा लगता है उसकी ज़रूरत नहो।
पर ये सब होगा कैसे।
अरुण: वो मुझ पर छोड दो ।
और मेडिकल स्टोर में जा कर नींद की गोलियां लेता है।
प्रीति: मना किया था न कंडोम मत लो मुझे बिना इसके पसंद है।
अरुण: क्या पसंद है।
प्रीति: मुझे भी अपनी तरफ बेशरम बनायेंगा।
बिना कंडोम के चुदना बस अब खुश।
अरुण: बहुत खुश।
और प्रीति के हाथ में नीन्द की गोलियां दे कर प्लान समझाता है।
प्रीति: ग्रेट आईडिया और इससे किसी को शक़ भी नहीं होगा। और दोनों घर आ जाते है।

घर आ कर।
सरला: क्या लाये हो ।
प्रीति: कुछ पसंद नहीं आया।
सुभाष: फिर इतनी देर।
प्रीति: गुस्से में इसीलिए मेरी तुम्हारे से नहीं पटती
सुभाष चुप हो जाता है।
और सब सोने की तैयारी करते है ।
अब सोये कैसे।
डीसाइड ये होता है।प्रीति की ज़िद की बजह से ।
प्रीति सुभाष और अरुन सरला के कमरे में।
रवि और नीतू अरुन के कमरे में।
और सरला और रमेश ड्राइंग रूम में।
पर अभी सब ड्राइंग रूम में मूवी देख रहे थे।
सरला किचन से सब के लिए कोल्ड ड्रिंक्स का और स्नैक का इन्तज़ाम करने आती है और अरुन को हेल्प के लिए आवाज़ देती है।
अब दोनों माँ बेटा या असली आशिक इस स्टोरी के किचन में अकेले।
और मौका देख कर अरुन सरला को हग करता है।
सरला: छोड़ मेरे राजा कोई देख लेगा।
अरुण: और कितने दिन जान।
सरल: बस कुछ दिन फिर मैं और आप और कोई नही।
और अरुन सरला को प्रीति के साथ हुई सारी बात बता देता है।
अरुण: माँ अब भी टाइम है।
हम ऐसा कुछ नहीं करते।
सरला: नहीं जो बोला वो करो मुझे कोई जलन नहीं हो रही ।
तूम उसके साथ एन्जॉय करो मेरी जान और बोल कर लिप्स पे किस करती है तभी नीतू भी किचन में आ जाती है।
और दोनों अलग हो जाते है।
नीतू: क्या हुआ काफी देर हो गई।
सरला: बस आ रहे है।
नीतू : तो अरुन आज बुआ के साथ सोयेगा।
सरला: हाँ वो ज़िद कर रही है।
नीतू: अरुन भी तो मना कर सकता है।
अरुण: ठीक है मना कर देता हु और तेरे साथ सो जाता हूँ।
नीतू: मना किसने किया है।
अरुण: तो बुआ के साथ प्रोग्राम कैंसिल और तेरे साथ फिट।
सरला: नहीं ऐसा कुछ नहीं होगा। अरुन तू चल मैं आती हूँ और अरुन चला जाता है।
सरला नीतू से
क्यूं मेरा और अरुन का प्लान ख़राब कर रही है।
नीतू: मुझे मेरा भाई चाहिए ।
सरला: मिल जायेगा बेटा बस आज रात की बात है।
अरून प्रीति को सुभाष के सामने चोदेगा सोच मुझे कितनी ख़ुशी मिलेगी।
नीतू: पर ये होगा कैसे।
सरला: वो तेरा भाई है और मेरा पति वो कुछ भी कर सकता है।
जान तेरे नाना और नानी से मेरा हाथ मांग सकता है
और तेरे पापा के सामने मुझसे शादी कर सकता है तो सोच वो क्या नहीं कर सकता।
नीतू : हाँ जो अपनी माँ को चोद सकता है वो क्या नहीं कर सकता।
सरला: हाँ ये तो भूल ही गई।
और दोनों हँस देते है।
perfect
 

Nevil singh

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मुवी ख़तम होने के बाद।
सब अपने २ बेड पे।
प्रीति सुभाष और अरुन तीनो रूम में।
कपडे चेंज करते है।
सुभाष बाथरूम में।
अरुण: वो गिफ्ट दिया था वही पहन कर सोना।
प्रीति: ओके बाबा।
अरुण : जाओ दूध ले आओ।
प्रीति:अभी लाई।
कुछ देर बाद
सुभाष दूध पिते हुए
और प्रीति चेंज करने चली जाती है।
सुभाष अरुन से।
सुभाष: देख तेरी बुआ को ।रात के १२ बजे नहा रही है।
अरुण: हो सकता है गर्मी लग रही हो।
सुभाष: हाँ हो सकता है पर अपने घर में कभी नहीं नहाती इतना लेट।
तभी प्रीति बाथरूम से बाहर आ जाती है।
उसने नाइटी पहने हुई थी।
और ड्रेसिंग टेबल पे अपना मेकअप करते हुए
सुभाष कुछ बोलना चाहता है पर दूध पिने की बजह से नीन्द आ जाती है क्योंकी प्रीति ने अरुन से चुदने के लिए सुभाष के दूध में नीन्द की गोलियां मिला दी थी जो अरुन ने मेडिकल स्टोर से खरीद के दी थी।
प्रीति आवाज़ देते हुए ।
अरुण: डोंट वरी अब ये सुबह से पहले नहीं उठेंगे।
मेकअप ख़तम करने के बाद प्रीति बेड पर आती है और सुभाष से बात करते हुए।
उठ जाओ आप देखो नहीं तो तुम्हारा ये भतीजा तुम्हारी बीवी को तुम्हारे सामने चोद देगा। बचा लो मुझे इस से
प्लीज बचा लो।
अरुण: अब ये नहीं उठेंगे चलो आ जाओ अपने नए पति के पास।

प्रीति उठ कर अरुन के पास आती है।
प्रीति : तुम्हे शरम नहीं आएगी मुझे मेरे पति के सामने चोदते हुए।
नही मेरी जान और उठ कर बाथरूम चला जाता है और थोड़ी देर बाद नहा कर सिर्फ टॉवल में बाहर आता है।
प्रीति अरुन को देखते हुए
अपनी बाँहे फैला देती है।
और अरुन आ कर उसकी बाँहों में समां जाता है।
प्रीति: हम कुछ गलत तो नहीं कर रहे।
अरुण: अगर आप को गलत लग रहा है तो मैं चला जाता हूँ।
प्रीति: नहीं नहीं मैं तो पूछ रही थी।
अरुण; अब मत पूछना।
प्रीति: ओके नहीं पूछुँगी।
बाहर दो इंसान ऐसे थे जिन्हे नीन्द नहीं आ रही थी सरला और नीतू पर समझ नहीं पा रही थी की क्या करे।
अंदर।
बेड पे सुभाष लेटा था ।
प्रीति: अब भी टाइम है बचा लो अपनी बीवी को इस लड़के के चगुल से फिर काफी देर हो जायेगी।
पर सुभाष तो गहरी नींद में सो रहा था।
प्रीति: नहीं उठ रहे ये अरुन तुझे जो करना है कर ले मैं इनकी तरफ से परमिशन देती हू।
बना ले मुझे अपनी बीबी।
और अरुन प्रीति को बेड पे बैठा देता है।
और अपनी टॉवल उतार देता है।
पोसिशन प्रीति बेड पे अपनी टांगे लटका कर बैठी थी
और अरुन का लंड उस के मुह के सामने था ।
अरुण: लो चुसो इसे मेरी जान।
प्रीति की ऑंखें फटी की फटी रह जाती है
और कुछ आवाज़ नहीं निकलती।
अरुण: क्या हुआ सुरु करो।
प्रीति: ये क्या है।
अरुण: तुम्हारा होने वाला असली पति का लण्ड।
प्रीति: ये तो किसी डण्डे की तरह है।
अरुण: तो क्या हुआ मेरी जान चुसो इसे।
और प्रीति के दोनों हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख देता है।
प्रीति ड़रते हुए अरुन के लंड को पकड़ती है।
ये तो बहुत बड़ा है अरुन मैं नहीं ले पाऊँगी इसे और ड़रते २ उस पर हाथ फेरती है।
अरुण: कुछ नहीं होगा बहुत आराम से करुँगा।
अभी तुम पहले इसे चुसो जल्दी से।
ramye
 

Nevil singh

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और अरुन अपने लंड को प्रीति के गालो पे और मुह पे रगडने लगता है।
अरुण: जल्दी से मूँह खोलों ।
प्रीति थोड़ा सा मुह खोल देती है।
और अरुन के लिए इतना ही काफी था और अपने लंड का टोपा प्रीति के मुँह में पेल देता है।
और प्रीति टोपे को जीभ से चाटने लगती है।
अरुण: आह शाबाश ऐसे ही चाट।
हाहह और थोड़ा अंदर घुसा देता है।
प्रीति रुकने का इशारा करती है ।
और जितना मुँह में था उसे अंदर बाहर करती है।
अरुण: बहुत अच्छा बुआ आह ओह आह सी चुसो
ऐसे ही तुम एक्सपर्ट हो बुआ लण्ड चुसने में
और अपना लंड और घूसाने लगता है।
प्रीति उसे रुकने को बोलती है और
उतना ही चुसती है ।
अरुन प्रीति का एक हाथ अपने टट्टों पे रख देता है
और प्रीति उन्हें सहलाने लगती है।और अपनी स्पीड बढ़ा देती है।
अरुण: आह आ मौसी आह सी धीरे धीरे मेरी जान मजा आ रहा है तू तो एक्सपर्ट रंडी है।
प्रीति अरुन के मुह से ये सुन के रुक जाती है।
अरुण: क्या हुआ मेरी रांड मुँह क्यों रोक दिए चूस जल्दी २।
अभी तो बहुत कुछ करने है।
और प्रीति बिना कुछ बोले लंड चुसना फिर से शूरु कर देती है।
अरुण: आह ओह माँ आह सी प्रीति मेरी जान।
ऐसे ही चूस अपने नए खसम के लंड को।
आह ओह मज़ा आ रहा है।
अरून अपना और लंड घुसाने लगता है प्रीति रुकने का इशारा करती है।
अरुण: क्या हुआ मेरी रांड इसको पूरा नहीं ले पा रही
क्यूं फुफा का छोटा है क्या मेरे से ।
प्रीति हाँ में सर हिलाती है पर लंड को चुसती रहती है।
अरुण: अगर मेरे से मज़े लेने है तो पूरा लेना पडेगा।
प्रीति हाँ में सर हिला देती है।
अरुण: चल अभी इतना ही चूस फिर तेरी चुत की बारी और फिर गाण्ड की।
गाण्ड वाली बात पे प्रीति रुक जाती है।
अरुण: रुक नहीं तो और टाइम लगेगा चुसती रह।
और प्रीति चालु हो जाती है।

बाहर सरला और नीतू दोनों इतनी बैचन हो गई की उस वक़्त दोनों अरुन के रूम की खिड़की से झाँक रही थी
सरला और नीतू को बुरा तो लग रहा था पर मर्ज़ी तो सरला की थी तो ये सब तो सहना पडेगा।

अंदर।प्रीति का बुरा हाल था चूस चूस कर पर अरुन था की झड नहीं रहा था।
नीतु सरला से ।
माँ भाई तो झड नहीं रहा।
सरला: वो ऐसे नहीं झडेगा जब तक कोई उससे किसीकी बातें नहीं करेगा।
नीतू: फिर बुआ की तो हालत ख़राब हो जाएंगी।
सरला: हाँ तभी पता चलेगा उसे की पति से दूरी क्या होती है।
अरुण: आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ अअअअअअअ ुह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ चुसू मेरी जान
क्या हुआ मेरी रांड को ।थक गई क्या
प्रीति हाँ में सर हिलाती है।
तो ठीक है अपनी बेटी को बुला ले वो चूस देगी ।
वो तो एक बच्चे की माँ है कुछ सिखाया है उसे या वो भी तेरे जैसी है।
प्रीति अरुन को घुरते हुए।
अरुण: घुर क्या रही है।
जलदी कर नहीं तो रहने दे ।मैं कोई और इन्तज़ाम करता हूँ।
प्रीति ना में सर हिलाती है।
और जोर जोर से चुसने लगती है।
rashleela
 

Nevil singh

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और एक हाथ से टट्टों को सहलाती है।
और अरुन के लंड को चुसती है।
अरुण: आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह धीरे धीरे कर रांड ये लंड है कोई डंडा नहीं जो मरोड़ रही है साली कुतिया।
बाहर सरला।
मार डालेगी क्या मेरे बेटे को। नहीं चूस रही तो बोलती मैं चूस दूंगी पर मरोड़ तो मत मेरे राजा के लंड को।
नीतू: माँ अंदर चले हम दोनों भाई का ख़याल रख लेंगे।
किसी प्रीति की हमें ज़रूरत नही।
सरला: रुक जा बेटी देखते है नहीं तो मैं जाऊंगी अपने राजा के पास उसकी रैंड नंबर १।

अंदर।
आ: और तेज़ मेरी राँड जल्दी कर आह मेरा आने वाला है आह माँ आह सा आ ओह उह माँ मार ड़ाला कमिनी बहन की लोडी आह सी आ और अरुन का शरीर अकडने लगता है और पिचकारी छोड देता है
प्रीति अपना मुह हटाने की कोशिश करती है पर अरुन प्रीति के सर को अपने लंड पे दबा देता है और सारा पानी प्रीति को पीना पड़ता है।
प्रीति की ऑंखों से ऑंसू आ जाते है पर अरुन कोई रहम नहीं करता और अपनी आखरी बूँद तक निकाल कर अपना लंड प्रीति के मुह से बाहर निकालता है।
प्रीति एकदम से बेड पर गिर जाती है ।
और लम्बी २ साँस लेती है और खाँसने लगती है।

अरून प्रीति के ऑंसू पोछता है और
कुछ नहीं हुआ मेरी जान अभी तो पूरा भी नहीं गया था।
प्रीती: और कितना डालेगा मादरर्चोद मैं कोई रंडी नहीं हु जो तू इतनी बेरहमी से मेरे मुँह को चोद रहा था। लास्ट में तो तूने मेरी जान ही निकाल दी थी।
पुरा गधे का लंड है
अरुण: क्यों फुफा का कितना है।
प: तेरे से पूरा आधा वो तो अच्छा है मैं उनसे ज़िद कर के लंड चुस्वाति थी नहीं तो तूने आज मेरी जान ले लेती थी।
अरुण: मुझे तेरी जान नहीं चुत चाहिये।
बोल देगी या नहीं ।
प्रीति: जब ओखली में सर दे दिया है तो मुसल से क्या डरना।
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Nevil singh

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अरुन बेड पर बैठ जाता है।
चल रांड दिखा ना ब्रा पेंटी मैं कैसे लग रही है।
और प्रीति उठ कर नाइटी उतारते हुए ।
अरुण : ज्यादा नखरे मत कर जल्दी उतार ।
और प्रीति नाइटी उतार देती है।
प्रीति: सुभाष से कहती है ।ये बोलते है तुम्हे बहुत प्यार करता हु भतीजा रांड बोल रहा है अपना लंड चुसवा दिया अब चोदने जा रहा है और ये मेरा पति सो रहा है कैसे पति है कितनी बेहरमी से मेरे मुह को चोदा।फिर भी इसकी नीन्द नहीं खुली ।
फिर ब्रा पेंटी में अरुन के सामने खड़ी हो जाती है।
प्रीति अब अरुन की स्टाइल में।
प्रीति: कैसे लग रही है तेरी रांड ।
अरुण: बहुत ज़बर्दस्त बिलकुल नंबर १ माल ।
क्या मम्मे है तेरे बिलकुल पपीता और गाण्ड तो तरबुज हो रही है जांघे बिलकुल केले के पेड़ की तरह और कमर बिलकुल सुराहिदार।
ये चोद के बहुत मजा आएगा।
प्रीति: तो चोद न रोका किसने है जिसने रोकना था वो देख कैसे घोड़े बेच कर सो रहा है।
और अरुन के पास आ कर अपनी ब्रा उतार कर अपना एक मम्मा उसके मुह में दे देति है।
अब चूस इन्हे ।
अपनी माँ के तो चुसे होंगे ही अब बुआ के चूस और अरुन एक हाथ दूसरे मुम्मे पे रख कर मसलता है और एक को मुँह में भरकर चूसने लगता है।
आह चूस मेरे राजा ।
आह ओह क्या चुसता है।
आह उह मा
और अरुन प्रीति को बेड पे लीटा देता है ।
और उसकी पेंटी उतार कर दोनों पैर अपने काँधे पे रख कर प्रीति की चुत को सूँघता है।
आआआ रांड क्या खुशबु है तेरी चुत की और एकदम चिकनी भी की है क्या अपने खसम के लिये।
प्रीति: हाँ मेरे राजा तेरे लिए चिकनी की है मैं जानती हु आज कल के लोंडो को चिकनी चुत पसंद है।
और अरुन इतना सुनते ही प्रीति की चुत की फांकों को खोलकर चुत चाटने लगता है।
अब बारी प्रीति की
प्रीति: अअअअअ ये क्या कर रहे हो छी गंदी जगह है ये बेटा वहाँ से अपना मुह हटा।

और अरुन वहाँ से मुह हटा कर लंड का सुपाडा प्रीति की चुत पे लगा कर एक ही झटके में आधा घुसा देता है
प्रीति की चीख निकलने वाली होती है की अरुन प्रीति की कच्छी उसके मुह में ठूँस देता है और बेहरमी से पेलने लगता है।
और कुछ देर उसके मम्मे मसलने के बाद प्रीति को कुछ राहत मिलती है।
और प्रीति अपने मुह से कच्छी निकाल कर सुभाष से: देखो कैसे ये मुझे बेरहमी से चोद रहा है बचाओ मुझे इससे और अरुन को अपने उपर खींच लेती है।
ओर उसके कान में आज पहली बार किसी मरद का लंड अंदर गया है दर्द तो होगा ही कोई रहम मत कर और जैसे चाहे वैसे चोद।
और अरुन एक बार पूरा लंड निकाल कर एक ही झटके में पुरा पेल देता है और प्रीति अपने मुह पे अपना हाथ रख के अपना मुह बंद कर लेती है।
और अरुन प्रीति को बेरहमी से चोदने लगता है।
प्रीति: आ माँ आह सी धीरे धीरे आह माँ मार डाला कमिने मादरर्चोद ने । फाड़ दिया मेरी चुत तेरे लंड ने इतना दर्द को तीन बच्चे पैदा करने में भी नहीं हुआ
मादरचोद।
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ।
कल तेरी माँ को बताऊँगी की तेरे लड़का का लंड मर्द का लंड से भी बडा है।मैंने तो चुदवा लिए तू भी चुदवा ले ।
khaat kabddi
 

Nevil singh

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कम से कम बूढ़ापा को सही से कट जायेगा जवानी तो भाई ने बर्वाद कर दी ।
भाभी पसंद नहीं थी इसलिए मेरा सहारा ले कर भाभी से दुर रहते थे और भाभी को लगता था की मैं उन लोगों के दूरी की बजह हूँ।क्या करती भाई बड़े थे इसलिए कुछ कह नहीं पाई।
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ
अब बोल दूंगी तुम दोनों का मिलन करवा दूंगी तो मेरा कुछ बोझ हल्का हो जाएगा।
बोल अरुन अपनी माँ को चोदेगा।बोल न मेरे बेटे
चोदेगा न ।
अरुन कुछ नहीं बोलता और बाहर सरला शॉकड थी ।
ओ सोच रही थी वो बदला ले रही है पर वो तो उसकी खुशी के लिए अरुन से और सरला से बात करने को राजी थी।

नीतु माँ ये क्या हो गया भाई भी बंट गया और काम भी नहीं हुआ।

अंदर

अरुन प्रीति को चोदते हुए रुक जाता है।
प्रीति; क्या हुआ अरुन बुरा लगा।
जब तुम मुझे चोद सकते हो तो अपनी माँ को क्यों नही।वो बहुत तरसी है अपने पति के प्यार के लिए ।।
वो जगह तू पूरी कर सकता है।बोल अरुन बोल मानेगा मेरी बात।
मानेगा तो।
तू बोल रहा था न मेरी बेटी को चोदेगा तो तू मेरी बात मान मैं तुझसे अपनी बेटी चुदवा दुँगी।
सरला शॉक से रोने लगी।
जीसे मैं इतना गलत समझ रही थी वो मेरे खातिर अपनी बेटी चुदवाने के लिए तैयार है।
और रोने लगती गई है नीतू उसे समझाती है।

अंदर
प्रीति; बोल ना मेरे बेटे चोदेगा न अपनी माँ को।
अरुण: हाँ माँ की खातिर उसकी खुशी की खातिर चोदुँगा पर वो नहीं मानेगी।
प्रीति: वो तो मुझ पे छोड़ दे मैं मना लुंगी क्यों की मैं उसकी सब से फवरेट ननद हु और वो मेरी भाभी।
अरुण: अगर वो मान जायेगी तो ज़रूर चोद दुन्गा।
प्रीति: आ अब मुझ को तो चोद और ठण्डा कर दे ।
तेरे जैसे लंड पा के मैं निहाल हो गई और कल सरला की भी दिला कर उसे भी निहाल कर दूँगी।
चोद मेरे राजा तेज़ तेज़ चोद और झड जा मुझ में।
अरून कहा माँ का बदला लेने के लिए प्रीति की बेरहमी से चोद रहा था पर अब उसको अच्छा जान कर प्रीति को बड़े प्यार से चोदता है।
hunkaar
 

Nevil singh

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प्रीति: ये प्यार वाली चुदाई अपनी माँ को करना मुझे तो बेरहमी से चोद जैसे पहले चोद रहा था।
और अरुन प्रीति की बात सुन कर पूरा लंड निकाल कर फिर से पूरा घुसा देता है और बेरहमी से पेलने लगता है।
प्रीति: आआआअह्ह उउउउउउउह माआआआज़ा आ मायआ आआआआ माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ माआआआआ मरररररररर डाआआआआआ कमिने मादरर्चोद। मेरी आज ही फाड़ दे मेरी जान
आआआआह उउउउउउउह माआआआआ आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई आआआ अअअअअअअ उह्ह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊऊह माआआआआ मरररररररर डाआआआआआ ज़ालिम आआआअह्ह मा।
प्रीति: अपनी बेटी की भी चुत दिलाऊँगी और नीतू की भी ओ भी मस्त माल है बिलकुल तेरी माँ की तरह उसका पति भी ढिला है।
अब तू ही उसको चोद कर ठण्डा कर सकता है।
अरून अपनी माँ और बहन की चोदने की सोच कर
करीब १ घंटे प्रीति को नॉन स्टोप चोद कर प्रीति की चुत में झड जाता है।और प्रीति के उपर लेट जाता है।
प्रीति : अभी से थक गया अरुण।अरुन की ऑंखों में देखते हुए।
अरुण: नहीं वो।।
प्रीति; मुझे पता है।
आ: हाँ वो।
प्रीति: मैं तभी समझ गई थी जब तूने बेहरमी के साथ पहली बार में पूरा डाल दिया था।
अपनी माँ और बहन के साथ ऐसा मत करियो नहीं तो वो मर जायंगे।
अरुण: ठीक है समझ गया।
प्रीति: पक्का मेरे राजा चल अब सो जा रात हो गई है
तूने तो मेरी चाल ही बिगाड दी ।
कल अपनी माँ और बहन की बिगाड देना।
अरुण शरमा जाता है।
प्रीति: हा हा शरमा रहा है अपनी बुआ को चोदने में नहीं शरमाया ।
और अरुन को गले लगा लेती है।
ओर सुभाष को देखती है।
चुद गई तुम्हारी बीवी भतीजे से और हो गई उसकी रखैल।
आज से सिर्फ अरुन ही मुझे चोदेगा ।
प्रीति : चोदेगा न।
अरुण: हाँ और आप की गाण्ड भी माँरुंगा।
प्रीति: ठीक है पर पहली बार करना तो आराम से मारना
अरुण: पक्का ।
और दोनों एक दूसरे के बाँहों मैं लेटे हुए सो जाते है।
और बाहर नीतू और सरला दोनों भी उठ कर अपने २ जगह आ जाती है।
कहा सर्ला प्रीति को रँगे हाथ पकड़ कर बेइज्जत करना चाहती थी और कहा अरुन को उसकी बाँहों में छोड़ कर अपने बिस्तर में आ जाती है।
और इधर नीतू फाइनली अरुन से चुदने का ख्वाव पूरा होते हुए देखती है।
और सुबह सभी उठ जाते है।
सभी ब्रेकफास्ट टेबल पे।
सरला और नीतू किचन में
ब्रेकफास्ट बना रही थी।
नीतू: माँ आज बुआ आप से बात करेंगी।
सरला: हाँ देखते है क्या होता है।
नीतू: माँ भाई ने बुआ की चाल बिगाड दी।
सरला: बेटा और पति किसका है।
नीतू: मेरा पति और आप क बेटा।
सरला: चुप कर बेशरम मेरा पति।
और दोनों हँस पडते है।
तभी प्रीति किचन में आ जाती है।
प्रीति: क्या हो रहा है।
सरला: कुछ नहीं बस हो गया आप चलो।
वैसे आप लंगड़ा के क्यों चल रही है।
प्रीति:आप के बेटे की बजह से।
सरला: प्रीति के चेहरे को देखते हुए
क्या।
प्रीति: कुछ नहीं मज़ाक़ कर रही थी।
rashili
 
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