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Incest माँ की अधूरी इच्छा(complete)

Nevil singh

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इसी तरह दोनों बातें करते हुए अपनी मर्ज़िल की ओर बढ़ते है।
करीब दो बजे सरला
सरला: अरुन जी अब सही में किसी होटल में रोक कर आराम कर लो।
कब तक ड्राइव करोगे।
अरुण: जान दो बज गये और ३ घंटे की बात है फिर सुबह हो जायेगी फिर देखते है।
सरला: पर आप थक गये होगे और मुझे ड्राइविंग नहीं आती की आप रेस्ट कर लो और मैं ड्राइव कर लु।
अरुण: कोई बात नही आप मेरे साथ हो ये ही काफी है
और ड्राइव करता रहता है ।
अरुण: जान तुम सो जाओ ।
सरला: पर आप जग रहे हो तो मैं कैसे सो जाऊँ।
अरुण: इट'स ओके बेबी और उसका सर पकड़ कर अपनी जांघ पे रख लेता है और एक हाथ उसके बालों में फेरते हुए उसे सुलाने लगता है।
सरला अरुन के प्यार भरे स्पर्श से सो जाती है
और अरुन ड्राइव करता रहता है।


करीब सुबह ६ बजे सरला की आँख खुलती है
सरला: जान कितने बज गये ।
अरुण: ६
सरला:क्या जानू
आप ने जगाया नही।
अरुण: तो क्या हुआ तुम सोती हुए बहुत खूबसूरत लग रही थी।
बिलकुल छोटा बच्चा जैसे अपनी माँ की गोद में सोता है।
सरला: मैं आप को इतनी अच्छी लगती हूँ।
अरुण: बहुत मेरी जान जैसे कोई राजकुमारी हो और किस्मत से मुझे मिल गई हो।
सरला: आप भी न ।
आप की नहीं मेरी किस्मत अच्छी है जो आप मुझे मिले
और मेरी बेजान ज़िन्दगी में दोबारा जान डाल दी ।
जानु।
अरुण: हाँ बेबी।
सरला: आप की राजकुमारी को सुसु आई है।
अरुण: १० मिनट रुक सकती हो
सरला: ओके रुक जाऊंगी पर उससे ज्यादा नही।
अरुण: ओके , चलो अच्छे बच्चे की तरह अपनी टी शर्ट पहनो ।
उजाला हो रहा है।
सरला: क्यों अच्छी नहीं लग रही।

अरुण: बहुत , पर ये रूप मेरे लिए है किसी और के लिए नही।
अब कार के अंदर का सीन बाहर दिख रहा है और मैं नहीं चाहता किसी की नज़र मेरी जान को लग जाये।
सरला के ऑंखों में ऑंसू आ जाते है।
अरुण: अब क्या हुआ।
सरला: आप की बातें सुन कर आ गये ।
आप ने ये नहीं बोला की तुम्हे कोई ऐसे देखेगा तो अच्छा नहीं लगेंगा।
आप ने क्या बोला
"""" कोई देखेगा तो नज़र लग जायेगी """"""
इसका मतलब मैं कैसे भी कपडे पहनु आप को कोई प्रॉब्लम नहीं है पर खुबसुरती को नज़र न लगे इसलिए ये कपडे लोगों के सामने न पहनूँ।
अरुण: अब हो गया या और भी कुछ कहना है।
सरला: हाँ कहना है
**** आई लव यु सो मच अरुण जी ****
अरुण: लव यु सो मच।
और कार को हाईवे के साथ मौजूद होटल की पार्किंग में रोक देता है।

और दोनों उतर कर रिसेप्शन पर।
अरुण : रूम फॉर २ प्लस
रेसप्शनइस्ट:सर योर नेम।
मि एंड मिसेज अरुन ।
और एड्रेस लिखवा देता है।
और अटेंडेंड उनको रूम में छोड़ देता है।
रूम के गेट बंद करके सरला।
मि एंड मिसेज अरुण।
क्या बात है।
अरुण: क्यों अच्छा नहीं लगा ।
सरला: बहुत ।
अब चलिये सुसु करने आप को भी लगी होगी
और दोनों बाथरूम में एक साथ सुसु करते है।
सरला: आप बाहर जाओ मुझे फ्रेश होने दो।
अरुण: तो मेरे सामने हो जाओ।
सरला: बाहर जाओ न प्लीज।
आप चलो मैं १० मिनट में आई।
प्लीज
और अरुन बाहर आ जाता है।
और बेड पे लेट जाता है कब उसकी आँख लग जाती है पता नहीं ।
kimti
 

Nevil singh

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उधर सरला को २ नंबर जाना था इसलिए अरुन को बाहर भेज कर फ्रेश होती है और साथ साथ नहा भी लेती है और अरुन को आवाज़ देती है टॉवल के लिए पर कोई जवाब न पाकर।
बाहर नंगी ही आ जाती है।
बाहर अरुन आराम से बेड पर सो रहा था।
सरला: कितना क्यूट है मेरा राजा और पास जा कर उसके माथे पे किस करती है और अपने बदन को टॉवल से पोंछ कर वो भी अरुन के साथ वैसे ही नंगी सो जाती है।

करीब ४ घंटे सोने के बाद
सरला की मोबाइल रिंग करता है
सरला: हेलो
उधर सरला की माँ
सरिता देवी
सरिता: कहा हो बेटी।
सरला: रास्ते में है शाम तक आ जाएंगे।
सरिता: कब तक आ जाओगे ।
सरला: यही ६या ७ बजे तक।
सरिता: ओके ।
और कॉल कट जाती है
और सरला अरुन को देखती है ।
अरुन सरला को ही देख रहा था।
सरला को याद आया की उसने कपडे नहीं पहने हुए है।
सरला: बदमाश चुप चाप देख रहे हो पर बोल नहीं सकते कपडे पहन लो।
अरुण: मैं पागल हु जो इतने शानदर नज़ारे को ढाकने के लिए बोलू कभी कभी दिखते है ऐसे हसीं नजारे।
सरला: अब अगर नज़ारे देख लिए हो तो कुछ खा ले या नज़ारे देखकर पेट भरना है।
अरुण: भूख तो मुझे भी लगी है।
और सरला को पकड़ कर उसके मम्मे खाने लगता है।
सरला: क्या कर रहे हो मैं नहा चुकी हूँ।
अरुण: कोई बात नहीं एक बार और नहा लेना।
और धीरे धीरे निचे को सरकने लगता है।
सरला: ओह अरुन प्लीज रहने दो ।
अरुण: ऐसा मौका जाने दू पागल नहीं हु और सरला की पुसी के लिप्स को अपने दोनों हाथों से खोल कर उसके दाने को अपने दाँतो से धीरे धीरे काटने लगता है।
सरला: आह अरुन क्या कर रहा है।
अभी घर भी पंहुचे नहीं है की तेरी नानी का फ़ोन आया आआह्ह्ह्हह्ह सीईईई धीरे जल्दी आने को उउउउउउउउफ
बोल रही थी ।
आआआआ
पर अरुन कुछ नहीं सुनता।
और अपने काम को पूरी मस्ती से करता है।
सरला:उफ़ आआआअह्ह स्स्स्सस्स्स्स माआआआआ
अरून सुनो न जान और उसके सर को पकड़ कर अपनी चुत पे दबा देती है।
दाँतो से मत काटो बेटा लग रही है।
अरून सरला को देखता है।
और उठ कर सरला के कान में।
मुझे से धीरे कुछ भी नहीं होता खास कर तुम्हारी चुत और गाण्ड के साथ और अपना लंड सरला की चुत में ड़ालने लगता है।
सरला: उफ़ आराम से जान ।
अरुण: आज चलो आप की बात मान लेता हु मेरी माँ आज आराम से ही करुन्गा।
और धीरे धीरे धक्के मारने लगता है और सरला की ऑंखों में देखता रहता है।
सरला: क्या देख रहे हो।
अरुण: कुछ गलत तो नहीं किया ।
सरला: नहीं बेटा मैं तुम्हारी हु पूरी तुम्हारी जैसे चाहे जब चाहे और जो चाहे करो मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं मेरे बेटे।
अरुण: आप सेक्स के टाइम माँ बोलने को बोलती हो और मैं आप को रांड और रखेल बोलता हूँ।
सरला: तो क्या हुआ।
जो मान करे बोलो पर मुझे सिर्फ चुदते वक़्त ये एहसास होना चाहिए की मेरे बेटे ने मेरे पति की जगह ले ली है और अब वो ही मेरी इस जिस्म का मालिक है और वो ही इसे भोग सकता है।
अरुण: आराम २ से धक्के लगा रहा था ।
सरला: क्या हुआ बेटा थके हुए हो ।
अरुण: नहीं तो ।
सरला: फिर इतनी धीरे क्यों कर रहे हो।
अरुण: आप ही ने तो कहा धीरे करने ले लिए ।
सरला: मैंने कब बोला।
अरुण: नहीं बोला?
सरला: नहीं ।
अरुण: पक्का।
सरला: है बाबा पक्का।
सरला का इतना बोलना था की अरुन अपना पूरा लंड निकाल कर एक बार में ही पूरा पेल देता है।
सरला: आह मआआआज़ा आ गया।
ये हुई न बात ।
और ये बात सिर्फ मेरे बेटे के लंड में हो सकती है ।
और अरुन सरला को बेरहमी से चोदने लगता है।
अरुण: माँ आप को रफ़ सेक्स पसंद है ना।
सरला: ये क्या होता है।
अरुण: हिंदी में बेरहमी से बेतहासा चुदाई कोई रहम नहीं चाहे लड़की कुछ भी बोले।
सरला: हाँ मेरे राजा और तेज़ ।
इसी तरह पसंद है मुझे ।
और शायद मुझे ये नहीं मिला इसलिए मैं अब तक प्यासी थी जो तुम ने मेरी प्यास बुझा दी।
और झड जाती है।
अरुण: छोड दिया ना।
सरला: शरमाते हुए हाँ।
छोड़ दिया पानी । तुम्हारा लंड ही ऐसा है जो अच्छे अच्छे को छुडवा दे।
पर अरुन का अभी नहीं हुआ था।
सरला।: टाइम लगेगा राजा ।
अरुण: आप बताओ जल्दी करूँ।
सरला:हाँ। ,
प्लीज भूख लगी है।
और अरुन अपनी स्पीड बढ़ा देता है।
सरला: अब आआआ आया अपनी औक़ात पे है ना ।मैं प्यार से करुँगा धीरे धीरे करुँगा सब दिखावा है।
तुझे मुझे बेरहमी से चोदने में मजा आता है है ना।
अरुण: हाँ माँ हाँ जीतनी बेरहमी से मारू वो भी कम है
क्यूं की तू आराम से खुश नहीं होती तेरी जीतनी बेरहमी से मारूँगा उतना ही मज़े आता है तुझे।
सरला: हाँ मेरे राजा बेटा हाँ ऐसे ही चोद और भर दे मेरी बच्चेदानी अपने वीर्य से और बना दे अपने बच्चो की माँ आह आ माँ मार ड़ाला।
और अरुन सरला के चुत में झडने लगता है।
अरुण: आह आ आ माँ।
सरला: बोल मेरे होने बाले बच्चो के बाप ।
आए हाय उह माँ आह मज़ा आ गया।
और अरुन को अपने सिने से लगा लेती है
कुछ देर युही लेटे रहने के बाद।
anmol
 

Nevil singh

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सरला अरुन की ऑंखों में देखते हुए
अरुण: क्या देख रही हो।
सरला: कितना प्यारा है मेरे होने बाले बच्चो का बाप।
अरुण: अच्छा जी
सरला: अब चले या यहीं ज़िन्दगी गुजारनी है।
और अरुन सरला को लेकर बाथरूम जाता है और अपने हाथो से दोनों एक दूसरे को नहलाते है छेड़छाड़ करते हुए।
और बाहर आ कर।
सरला: क्या पहनूँ जान ।
अरुण: वो पहनो जो पहन के अपने घर जा सको जानेमन।
सरला: अपनी पेंटी और ब्रा अरुन को देती है ।
पहना दो प्लीज।
और अरुन अपने हाथों से सरला को ब्रा और पेंटी पहनाता है।
और सरला और अरुन रेडी हो कर चेक आउट करते है और होटल के रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट करते है और अपने सफर पे निकल पडते है।
amulye
 

Nevil singh

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सरला: कब तक घर पहुच जायेंगे जान।
अरुण: बस कुछ घंटे ।
सरला: जानते हो अरुन जी ।
अरुण: क्या बेबी।
सरला: आई लव माय हस्बैंड सो मच ।
अरुण: कितना।
सरला: इतना बोल कर अपने दोनों बाँहों फैला देती है
और इसी तरह हलकी फुलकी बातें करते हुए
दोनो घर पहुचने वाले होते है।
अरुण: जान यहाँ की मशहूर स्वीट्स की दुकान कहाँ है।
सरला: क्यु।
अरुण: बेबी पहली बार अपने ससुराल जा रहा हु तो खाली हाथ थोड़े ही जाउँगा।
सरला: अरुन को देखते हुए।
आप ने क्या कहा।
अरुण:बेबी और क्या।
सरला: उसके गाल पे किस करती है।
अरुण: अब ये क्यु।
सरला: बस ऐसे ही।
और वह वहाँ के फेमस दुकान पे जाते है और अरुन वहाँ से सब से अच्छी स्वीट परचेस करता है।
सरला: और कुछ लेना है
अरुण: किसके लिये
सरला: अपने साले ले लिए उसकी बीवी और बच्चेः
अरुण: ऑफ़ कोर्स बेबी
और सरला अरुन को शॉपिंग कराती है।
शॉप्पिंग करने के बाद
दोनो घर की ओर चल देते है।
और गेट पर जाकर सरला डोरबेल बाजाती है।
गेट खुलता है।
सामने सरिता देवि सरला की माँ उम्र ५६ साल।लेकिन लगती 44-45 की है।बहूत खूबसूरत।
अंदर आओ बेटी।
और दोनों अंदर आते है
अरून झुक कर पैर छुता है।
सरला: क्या कर रहे हो और अरुन को रोक देती है।
तुम्हारी कमर में दर्द है न डॉक्टर ने झुकने के लिए मना किया है फिर भी।
सरिता: रहने दे बेटा ।
और दोनों अंदर आ जाते है।
फॅमिली इंट्रोडक्शंन
अरून के नाना- रामेश्वर उम्र ६२ साल रिटायर्ड सरकारी एम्प्लॉयी।
शीला- अरुन की मामी और सहलज उम्र ३० साल
राजेश- अरुन का मामा उम्र ३६ साल
और शीला और राजेश के बच्चे
एक लड़का और एक लड़की
राज और सिम्मी अभी छोटे छोटे है।
अरुण तो सब को जानता था ।
पर आज एक नये रिश्ते के साथ आया था।
और सब से मिल कर सरला अरुन को अपने रूम में ले जाती है।
सरला: ये है हमारा कमरा।
अरुण: मुझे लगा आप का।
सरला: हाँ मेरा था पर अब से हमारा है।
अरुण: सरला वैसे तुम ने मुझे नानी के पैर क्यों नहीं छूने दिए।
सरला: आप भी न कुछ नहीं समझते।
वो अब आप की सास है और उस हिसाब से आप दामाद और घर के दामाद सास ससुर के पैर नहीं छूते समझे बुद्धू।
अरुण: समझाओगी तो समझुगा।
सरला: आप फ्रेश हो जाओ ।
मै किचन में हु माँ और भाभी के साथ।
अरुण: ओके
और सरला किचन में आ जाती है।

सरिता: सरला आज मैं बहुत खुश हूँ तुझे देख कर।
सरला: क्यों माँ ऐसा क्या हुआ आज मैं तो शादी के बाद बहुत बार आई हु पर आप ने कभी कुछ ऐसा नहीं कहा।
सरिता: क्यों की शादी के बाद तुझे पहली बार इतना खुश देखा है ।
शीला: हाँ दीदी मम्मी सही बोल रही है इतने सालों से मैं भी देख रही हु।
आज आप बहुत खुश और सुन्दर भी लग रही हो ।
आप की ड्रेसिंग सेन्स बिलकुल चेंज हो गई है।
आप सूट में बहुत सूंदर लग रही हो।
सरला: शरमा जाती है ।
मन ही मन।
इन्हे क्या पता ये ख़ुशी मेरे पति रमेश की नहीं मेरे असली पति अरुन के मेरी ज़िन्दगी में आने की है।
और सरला इन दोनों की हेल्प करती है खाना बनाने में
सरिता: जा अरुन को बुला ला खाना रेडी है।
सरला: अच्छा माँ और रूम में आ जाती है।
अरून बेड पे लेटा था।
सरला: जान क्या हुआ।
अरुण: कुछ नहीं अकेले था तुम्हारे बारे में सोच रहा था।
सरला: क्या सोच रहे थे।
अरुण: यही की मेरी माल क्या कर रही होगी।
सरला: हट बदमाश ,चलो खाना खाने ।
अरुण: यही ले आओ ना।
सरला: नहीं सब के साथ डिनर करो।
और दोनों डायनिंग टेबल पे
सभी वहां होते है।
डिनर के बाद सरला और अरुन सब के लिए जो गिफ्ट लाए थे सभी को दिए और हलकी फुलकी बातचित करते हुए सुब अपने अपने रूम में सोने जाते है।
रामेश्वर : अरुन कहा सोयेगा।
सरिता: अपनी माँ के रूम में और कहां।
सरला किचन में सब से बोल चुकी थी।
रामेश्वर: पर वो ।
सरिता : सोने दो माँ बेटा साथ सोयेंगे और क्या
और सभी अपने अपने रूम में।
सरला: कैसे लगा आप को मेरी फैमिली से मिलके।
अरुण: अच्छे है सब ।
पर साली कोई नहीं है।
सरला: क्या सोनिया दी है ना।
अरुण: पर यहाँ कोई नहीं है और साली के बिना ससुराल अधूरा है।
सरला: अच्छा जी अब आप को साली भी चाहिए ।
अरुण: बिलकुल साली आधि घरवाली होती है।
जो घर वाली नहीं करती वो साली कर देती है।
सरला: सॉरी जान वो यहाँ नहीं है जो भी काम हो मुझे बोल देना मैं कर दुँगी।
अरुण: कोई बात नहीं सहलज तो है तुम्हारी भाई की बीबी।
सरला: ये ठीक है।
और दोनों चेंज करते है।
सरला नाइटी पहनते हुए।
अरुण: क्या ज़रूरत इसकी।
सरला: ये मेरा मायका है कोई भी रूम में कभी भी आ सकता है।
ujjwaal
 

Nevil singh

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और तभी।
दरवाजे पे नॉक होती है।
सरला: कौन।
शीला: मैं हु दीदी।
सरला: आ जाओ भाभी दरवाजा खुला है।
और शीला अंदर आ जाती है।
शीला: सोने की तैयारी।
सरला: हाँ भाभी ड्राइव करते हुए अरुन काफी थक गये है।
शीला एक नार्मल हाउस वाइफ न ज्यादा सूंदर न बेकार बस कोई एक बार देख ले तो प्यार तो हो ही जाएगा।
शीला अरुन से
और पढाई कैसे चल रही है।
अरुण: अच्छी ।
शीला: जीजू कैसे है।
सरला: अरुन की ओर देखती है ।
बहुत अच्छा है उन्ही की बजह से मैं यहाँ हूँ।
सरला: जीजू अब आप को सूट पहनने देते है पहले तो मना करते थे।
सरला: वो ही लेके आते है , ये भी वो ही लेके आए है।
शीला: जीजू की पसंद एकदम मस्त है।
सरला:हाँ।
मन ही मन ।
मै भी तो उन्ही की पसंद हूँ।
सरला: चलो आप लोग सो जाओ कल बात करते है ।
गुड़ नाइट।
सरला: गुड नाईट भाभी।
शीला के जाने के बाद ।
अरुण: तो ये सूट पापा ने दिलाये है।
सरला: जान जब मैं बोल रही थी तो आप को देखते रही थी इसका मतलब आप ने दिलाये उनसे तो नहीं बोल सकती।
अरुण: बोलोगी उनसे भी बोलोगी।
सरला: मतलब ।
अरुण: वक़्त आने दो।
सरला: चुप रहो और सो जाओ।
अरुण: कुछ करना है।
सरला: नहीं जान आज नहीं सुबह ही आपने बैंड बजायी है।
अब कल बजाना ।
अरुण: क्या ।
सरला: मेरी गाण्ड।
और दोनों हँस देते है और मज़ाक़ करते हुए सो जाते है।

अगली सुबह अरुन की आँख जब खुलती है
तो सरला बेड पे नहीं थी ।
अरुन को लगा बाथरूम में होगी पर वहाँ भी नही।
अरून वेट करता है ।
और सरला आधे घंटे बाद आती है।
सरला: उठ गये क्या या अभी और सोना है।
अरुण: मुझे उठे हुए दो घण्टा हो गया है।
सरला: बेड पे आते हुए मुझ से झूठ बोलोगे ।
नीतु के पापा मैं हर आधे घंटे में चेक कर रही थी आप को पर आप सो रहे थे।
ओ मम्मी आ गई बोली बहुत दिनों बाद आई हो बात करते है उन्हें के पास बैठी थी।
अभी भी उनको बाथरूम को बोल कर आई हूँ।
अरुण: तो चले
सरला: नहीं आप जाओ मैं तो उनसे झूठ बोल कर आई हूँ।

अरुन जैसे तुम्हारी मर्ज़ी वैसे मैं यहाँ क्या कर सकता हूँ।
सरला: आप को कुछ करने की ज़रूरत नहीं है।मैं हु न करने के लिए और अरुन के लंड को मसल कर भाग जाती है ।
सरल: जाओ जल्दी नहीं तो फट जायेगा कितना टाइट हो रखा है।
और सरला बाहर आ जाती है।
और इसी तरह सुबह का नास्ते का टाइम हो जाता है।
और सभी नास्ता करते है और अरुन के मामा जॉब पे चले जाते है।
और सभी घर पे।
सरला अरुन को रेडी होने ले लिए बोलती है।
अरून कहा जाना है।
सरला: आप मुझे से पुछोगे ।
अरुण: सॉरी मेमसाहब।
और तैयार हो जाता है ।
सरला: मैं क्या पहनूं।
तभी शीला आ जाती है।
शीला: दीदी आप अरुन से क्यों पूछ रही हो ।
सरला: झेप जाती है वो वो इसे मेरा साडी पहनना पसंद नहीं। और साथ जा रही हु तो कुछ बोलेगा इसलिए बेटर है ।
इससे ही पूछ लो ।
शीला: हाँ ये भी ठीक आज कल के बच्चे भी न मेरा बेटा भी।माँ आप पे ये अच्छा नहीं लग रहा
आप स्कूल ये मत पहन कर मत आया करो।
बच्चे तो बच्चे होते है।
शीला: वो दीदी मैं तो आप के कपडे लेने आई थी छत पे सुखाने के लिये।
सरला: हाँ बाथरूम में है।
और शीला उसके कपडे लेने चली जाती है और अरुन रेडी हो कर बाहर जाता है और सरला को बता जाता है क्या पहनना है।
और दोनों तैयार होकर बाहर आ जाते है ।
सरला:माँ चलो ।
और सरितदेवी भी आ जाती है।
और वो तीनो कार में बैठ जाते है।
अरुण: अब तो बता दो कहा जाना है।
सरला: मंदिर चलना है , माँ की बहुत इच्छा थी ।
क्या मेरी बेटी जब खुश होगी तो मंदिर ले कर आऊँगी।
और माँ की नज़र में मैं उन्हें बहुत खुश लग रही हूँ।
और मैं खुश नहीं हु।
सब से पहली ख़ुशी तुम पैदा हुए और दूसरी अब
और तीनो मंदिर आ जाते है।
और पूजा करते है।
मंदिर का पुजारी जब सरला को सिन्दुर का टीका लगाता है।
roshan
 

Nevil singh

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तभी अरुन पंडित को रोक कर सिन्दुर अपने हाथ में ले कर सरला की मांग में लगा देता है।
तभी सरिता देवी:
ये क्या किया तुमने अरुण।
अरुण: वो नानी।
सरला: बीच में, गलती से लग गया होगा माँ।
सरिता : पर इसने तुम्हारी मांग में लगा दिया।
सरला: तो क्या हुआ माँ बच्चा है।
सरिता कुछ कहना चाहती है पर सरला रोक देती है।
अरुण: ग़ुस्सा हो जाता है और बाहर आ जाता है।
सरला: क्या माँ आप भी गलती से हो गया कौन सी बड़ी बात है।
गुस्सा कर दिया ना।
सरिता: ये कोई बड़ी बात नही।
सरला: नहीं माँ ।
और अरुन के पीछे पीछे आ जाती है।
और अरुन सुनो तो अरुण।
अरून रुक जाता है।
और हँस देता है।
सरला: ये क्या है जान आप आ क्यों गये।
अरुण: देखने के लिए अपनी माँ की बात का क्या जवाब देति हो।
सरला: तो क्या मिला ।
अरुण: यही आप से ज्यादा मुझे कोई प्यार नहीं कर सकता।
सरला: थैंक्स समझने के लिए।
आज आप ने शादी ले बाद पहली बार मेरी मांग में सिंदूर भरा है ।
अरुण: हाँ तो।
सरला: अब से रोज आप ही भरोगे अपने हाथ से।
अरुण: ओके जान तभी सरिता आ जाती है।
सरिता: क्या हुआ इसको ।
सरला: कुछ नहीं अब ठीक है।
सरिता: मैंने क्या बोला था।
सरला: कुछ नहीं माँ।
कुछ मत बोला करो इसे बहुत जल्दी ग़ुस्सा हो जाता है
और तीनो घर के लिए निकल जाते है।

घर पहुच कर
और अरुन रूम में आ जाता है।
और सरिता अपने पति के पास।
और सरला किचन में शीला के पास खाना बनाने में हेल्प करने।
शीला: आ गये मंदिर से।
सरला: हाँ काफी दिनों के बाद मंदिर गई थी।
शीला: दी आप से एक बात पुछु।
सरला: हाँ पुछो क्या हुआ।
शीला: वो आप के अन्देरगरर्मेन्ट्स बहुत सेक्सी और स्टाइलिश है।
सरला: चौंक जाती है।
उसने कपडे सुखाने को शीला से बोल तो दिया पर ये भूल गई की पहले जब आती थी तो वही इंडियन स्टाइल वाले अंडरगारर्मेन्ट्स पहनती थी और अब अरुन के दिलाने के बाद वो ये स्टाइलिश ब्रा पेंटी पहनती है ।
शीला: दी क्या हुआ।
सरला: हाँ वो तुम्हारे जीजाजी की पसंद है।
शीला: या ये भी अरुन के पसंद के है।
सरला: भाभी क्या बोल रही हो।
शीला: वही जो सुबह आप बोल रही थी ।
क्या अरुन के पसंद के कपडे पहनती हो ।
तो मैंने सोचा शायद ये भी अरुन के पसंद के हो ।
क्यूं की आज कल यही फैशन चल रहा है।
और जीजाजी इतने मॉडर्न तो हो नहीं सकते।
जो आप को सूट पहनने नहीं देते वो ये स्टाइलिश ब्रा पेंटी कैसे पहनने देंगे जिसमें से दीखता ज्यादा होगा ढकता कम ।
सरला कुछ बोलना चाहती है।
शीला दी पर बहुत ही सेक्सी है मैं भी उनसे लेने के लिए बोलुंगी।
सरला: अगर तुम्हे पसंद है तो तुम रख लो।
मै और खरीद लुंगी।
शीला: खरीद लुंगी या अरुन ला देगा और भी मॉडर्न और सेक्सी।
सरला: भाभी ऐसा नहीं है।
शीला: इटस ओके दीदी।
wonderful
 

Nevil singh

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सभी लंच करते है।
पर सरला अभी भी सोच रही थी शीला क्या सोच रही होगी मेरे बारे में।
कही उनको कोई शक़ तो नहीं हो गया।
और रूम में आ जाती है ।
थोड़ी देर में सरिता देवी आ जाती है।
सरिता: अरुन नाराज़ हो ।
अरुण: नहीं नानी।
सरिता: बेटा जो तुमने किया था वो सिर्फ पति करता है।
सरला: ठीक है माँ हो गया सो हो गया।
सरिता: पता है अगर ये दोबारा लगाये तो ।
सरला: पहले तो लगाएगा नहीं और हो गया तो हो गया
मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पडता।
वेसे भी उनको मेरी फ़िक्र कहाँ है ।
क्या कर रही हूँ। कहा जा रही हूँ। क्या पहन रही हूँ। ।
सिर्फ मेरे बेटे को चिंता है मेरी इसलिए इसकी कोई भी गलती माफ़ कर सकती हूँ।
तभी
शीला अंदर आते हुए।
सही कह रही हो दी।
जब जीजाजी को कोई मतलब नहीं तो आप कुछ भी करो उन्हें क्या फर्क पडेगा।
सरला शीला को देख कर चुप हो जाती है।
लगता है भाभी ने सब सुन लिया।
सरिता: तू चुप कर शीला तुझे पता है मंदिर में क्या हुआ
अरून ने सरला की मांग भर दी सिन्दूर से।
शीला: क्या ।
सरिता: हाँ।
सरला: ऐसे कोई बात नहीं भाभी।वो माथे पे लगा रहा था गलती से मांग में लग गया।
और माँ ने उस बात के लिए अरुन को काफी सुनाया।
सरिता: क्या बोला मैंने उसे ,कुछ नही।
शीला: माँ जी आप अरुन को कुछ मत बोलो दीदी उसके बारे में कुछ नहीं सुनेंगी।
सरिता: मतलब ।
शीला: कुछ नहीं आप जाओ आराम करो।
और सरितदेवी चलि जाती है।
और शीला
दीदी आप और अरुन भी आराम कर लो काफी थक गये होगे।
सरला: भाभी वो क्या है न की।
शीला: मैं सब समझ रही हूँ दी और मैं आप के साथ
हूँ।
मै भी अगर आप की जगह होती तो यही करती जो आप ने किया।
इँसान कब तक ज़िंदा लाश की तरह जिए उसकी ख़ुशी भी इम्पोर्टेन्ट है ।
मै पहले भी आप से कई बार कहने की कोशिश की पर हिम्मत नहीं हुई पर आप ने सही फैसला लिया।
और सब से बड़ी बात घर की बात घर में रहेगी।
सरला: क्या बोल रही हो भाभी ।
शीला : कुछ नहीं समझदार के लिए इशारा काफी है।
और बाहर चली जाती है।

सरला थोड़ी टेंशन में।
अरुण: क्या हुआ जान।
सरला: मुझे लग रहा है भाभी को हम पे शक़ हो गया है।
अरुण: किस बात का।
सरला: अरुन को सारी बात बता देती है।
अरुण: तो इसमें ड़रने की क्या बात है ।
तूम मुझे इसीलिए लाई थी न की घर के दामाद की तरह ।
तो अब क्या प्रॉब्लम है अगर पता चल गया तो क्या फ़र्क़ पड़ता है।
ज़स्ट चिल बेबी।
सरला:मैं अभी आई।
अरुण:कहा जा रही है मेरी बुलबुल।
सरला: अभी आती हूँ मेरे खसम।
और शीला के पास जाती है।
शीला अपने रूम में।
शीला: दी आप यहाँ।
सरला: भाभी तुम क्या बोल रही थी।
शीला: कुछ नहीं और हँस देती है।
सरला: भाभी क्या हुआ।
शीला: इसे कहते है चोर की दाढ़ी में तिनका।
सरला: मैं समझी नही।
शीला: मुझे सिर्फ शक़ था पर आप ने यहाँ आ कर साबित कर दिया की जो मैं सोच रही हु वो सही है।
सरला: भाभी साफ साफ़ बोलो।
शीला: तो सुनो दी।
जब आप पिछली बार आयी थी तो अरुन कुछ शादी की परमिशन मांग रहा था उस टाइम मुझे कुछ समझ नहीं आया था पर ।
अब जब आप आई तो आप का ड्रेसिंग स्टाइल ।
आप के चेहरे की ख़ुशी ।
आप की डिज़ाइनर ब्रा पेंटी , अरुन से पूछ्ना क्या पहनूं, और आज अरुण का मांग भरना और सासु माँ को बताना की अरुन आप का ख्याल रखता है और वही डीसाईड करता है आप को क्या करना है और क्या पहनना है।
तो इससे ये साबित होता है की ये अब नए वाले जीजाजी कर रहे है।
सरला: मतलब।
शीला: अरुन जीजाजी।
सरला: भाभी ऐसा नहीं है।
ऐसा ही है।
सरला मुड के देखती है।
अरून खड़ा था।
हाँ साली साहिबा मैं हूँ तुम्हारे नए इकलौता जीजाजी।
marvellous
 

Nevil singh

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सरला: क्या कह रहे हो अरुण।
अरुण: माँ मामी सब समझ गई है।
सरला: पर अरुण।
अरुण: कोई फायदा नहीं माँ।
हूम भी यहाँ यही बन कर आये थे पति और पत्नि
तो मामी को बताने में क्या प्रॉब्लम है।
सरला: हाँ भाभी अरुन और आप सही बोल रहे हो
और क्या करती।
जब आप अकेले हो जाते हो तो जो कोई भी आप का साथ दे वही आप को अपना लगता है।
ऐसा ही मेरे साथ हुआ।
मेरे बेटे अरुन ने मेरा हर जगह साथ दिया ।
और आज जो मेरे चेहरे पे ख़ुशी या चेंज देख पा रही हो वो सब इसकी बजह से ।
ये नहीं होता तो मैं टूट जाती ।
और रोने लगती है और अरुन के साथ ये सब कैसे हुआ सब बता देती है प्रीति और नीतू के बारे में छोड़कर।
सरला: आप बताओ भाभी मैंने क्या गलत किया।
शीला: मैं तो बोल ही रही हु आप की जगह मैं होती तो मैं भी यही करती।


और शायद पहले आप ने तो फिर भी टाइम लिया
मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है इस रिश्ते से ।
हालांकि ये समाज की नजर में गलत है और शायद गलत हो भी पर आप ने चुनाब सही किया है क्यों की एक माँ को उसके बेटे से ज्यादा कोई प्यार नहीं कर सकता।
शीला अरुन से
"""""। वेलकम तो दिस फैमिली जीजाजी """"""
अरुण: थैंक्स शीला जी।
पर मेरी कोई साली नहीं है।
शीला: सोनिया दी है ना।
अरुण: पर अभी उनको नहीं मालूम ।
शीला: तो जब तक उनको पता नहीं चल जाता आप मुझे अपनी साली समझ लीजिये।
अरुण: ओके समझ लिया।
अरुण: सरला अब तो चुप हो जाओ।
अब तो हमारा साथ मेरी साली भी दे रही है।
शीला: जीजाजी सही कह रहे है दी।
सीरियसली मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है और जितना हो सकेगा हेल्प करुँगी ।
सरला: शीला के पास जाते हुए थैंक्स भाभी मुझे और मेरे प्यार को समझने के लिये।
आप माँ को देखो न कितना रियेक्ट कर रही थी माँग में सिन्दुर भर गया था।
शीला: आप तो जानती है। माँ पापा के बजह से टेंशन में रहती है।
आप और सासु माँ की लाइफ सेम है बस फ़र्क़ इतना है की आप को अरुन जीजाजी मिल गये पर मेरी सासु माँ यानि आप की माँ को कोई अरुन नहीं मिला।
अगर हम उनको समझाएगे तो वो समझ जायेगी और हमारा साथ देंगी।
सरला: सच भाभी आप मेरा साथ दोगी ।
शीला: बिलकुल दी आखिर मुझे भी तो जीजाजी वाला प्यार चाहिए ।
आधी घर वाली का।
अरुण: हम तो लुटने के लिए तैयार है साली साहिबा।
सरला: अभी बताऊ आप को अरुन जी।
शीला: ओह क्या बात है अरुन जी।
सरला शरमा जाती है ।
शीला: सुच में दी मैं आप के लिए बहुत खुश हूँ।
मेरी शादी के बाद से आज मैंने आप को इतना खुश देखा है आप सदा ऐसे ही खुश रहो।
और मेरे से जो होगा मैं आप के लिए करुँगी।
सरला और शीला गले मिलती है।
अरून: मैं
सरला उसको भी अपने साथ गले लगा लेती है।

सरला: थैंक्स भाभी।
शीला: इट'स ओके ।
और दोनों अपने रूम में आ जाते है।
सरला अरुन को अपनी बाँहों में भर लेती है।
अरुण: इतना प्यार क्यु।
सरला: आज मैं बहुत खुश हूँ।
भाभी ही सही किसी को तो पता चला की आप मेरे पति हो।और वो मम्मी से भी बात करेंगी।
अरुण: बहुत खुश हो न मेरी जान।
सरला: हाँ बहुत खुश और अरुन के गाल पे किस करके बाथरूम में चली जाती है।
अंदर से।
आप जल्दी से रेडी हो जाओ कहीं घुमने चलते है।
और दोनों रेडी हो जाते है।
तभी शीला कही जा रहे हो आप दोनो।
सरला: हाँ सोच रही हु कहीं घुम आऊँ।
शीला: हाँ चले जाओ लव बर्ड्स हो न घर पे अच्छा नहीं लग रहा होगा।
सरला: ऐसा नहीं है भाभी।
शीला: मैं कुछ नहीं बोल रही जहाँ जाना है जाओ पर जल्दी आ जाना।
सरला: क्यों
शीला: साले साहब आने वाले होंगे वो नहीं जाने देंगे ।
सरला: तो क्या हुआ वो भी चलेंगे साथ में।
शीला :नहीं वो नहीं आप लव बर्ड्स हो अकेले में टाइम स्पेंड करना चाहोगे।
सरला: ऐसा कुछ नहीं है वो भी चलेंगे तो खुशी होगी।
तभी सरिता आ जाती है।
कहिं जा रहे हो।
सरला: हाँ माँ सोचा कही घुम आए।
fabelous
 

Nevil singh

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कहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट कल सुबह।कहानी के बारे में अपने विचार अवश्य दें।thanks
fantasic
 

Nevil singh

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सरिता: रमेश का फ़ोन आया था तुम्हारे पापा के मोबाइल पे।
सरला: क्या बोल रहे थे ।
सरिता: तबीयत की पूछ रहे थे ।
सरिता: फिर ।
सरिता: वो अच्छा हुआ मैं वही थी बात सम्हाल ली।
की सरला का मन था मिलने का और रमेश भेज नहीं रहे थे इसलिए झूठ बोल कर आ गई।
सरला: अब।
सरिता: कुछ नहीं पापा गुस्से में है झूठ क्यों बोला।
शीला : छोडो न तुम दोनों घुमने जाओ।
पापा से वो बात कर लेंगे।
सरला: नहीं अभी रहने देते है बाद में चले जाएंगे।

कुछ देर बाद सभी शाम की चाय पे
शीला: किचन में।
सरला: मैं देखति हु ।।
अरुण:नहीं माँ आप रहने दो मैं मामी की हेल्प करता हूँ।।
और किचन में आ जाता है।
क्या हो रहा है साली साहिबा।
शीला: ओह जीजू यहाँ कैसे।
अरुण: सोचा थोड़ी हेल्प करा दू साली साहिबा की।
शीला: रहने दिजिये मैडम ने देख लिया न तो सारी हेल्प धरी की धरी रह जायेगी।
आओ हाँ मैं चाय लाती हुं
अरुण: कोई हेल्प नहीं चाहिये।
शीला: चाहिए एक बडा ।
क्या आप अपनी बीवी को वो सारी खुशियां देंगे।
जीससे वो अभी तक महरूम है।
अरुण: प्रॉमिस वो सब दूंगा जो वो सोच भी नहीं सकती
और कुछ तो दे भी दिया है।
शीला: जैसे की
अरुण: मन ही मन ( लण्ड)
शीला: कुछ बोला आपने ।
अरुण: नहीं कुछ नही।
तभी सरला आ जाती है।
शीला: सबर नहीं हुआ पति के बिना।
सरला: नहीं ऐसी बात नहीं है वो तो।
शीला: रहने दो दी आप। मन नहीं लगता जीजू के बिना एक पल भी।
सरला: हाँ यही सच है मैं इनके बिना एक पल भी नहीं रह सकती।
शीला: ओके लव बर्ड्स कुछ इन्तज़ाम करती हुँ की
तूम दोनों अकेले साथ वक़्त गुजार सको।

सभी चाय पीते है
इधर उधर की बाते करते हुए
थोडा देर बाद।
शीला ;दी छत पे चले।
सरला: हाँ चलो।
और सभी
अरुन सरला शीला और उसके बच्चेः
अरून बच्चो के साथ खेल रहा था और
सरला शीला के साथ
शीला: दी अगर रमेश जीजू को पता चल गया तो।
सरला: देखते है क्या होगा डर तो बहुत लगता है पर अब मैं पीछे नहीं हट सकती जो होगा देखा जाएगा।
शीला: आप दोनों क रिलेशन सिर्फ शादी तक ही सीमित है या।
सरला: या क्या
शीला: आप समझ रही हो।
सरला: जो होना चाहिए वो सब।
शीला: दी ।
सरला: हा सब मतलब सब।
शीला मज़ाक़ करते हुए
तो मजा किसके साथ आया इनके साथ या उनके ।
सरला: चुप हो जाओ भाभी अरुन इधर ही देख रहे है।
शीला: क्यों अब सब कुछ के बाद भी शरम लगती है।
बताओ न दी कौन अच्छा है ज़रूरी नहीं जो प्यार ज्यादा करता हो तो बेड में भी उतना ही प्यार करे।
सरला: भाभी चुप करो।
शीला: बताओ न क्यों की दी अगर आदमी बेड में सही नहीं है तो प्रॉब्लम आनी शुरु हो जाती है और फिर ।
सरला: ऐसा कुछ नहीं होगा हमारे बीच ।
शीला: क्यो
सरला: क्यों की वो बेड पे प्यार से भी ज्यादा खतरनाक है उन्हें झेलना लड़िकियों के बस का नहीं वो तो मैं दो बच्चो की माँ हु तब जाके बरदास्त कर पाई कोई कुवारी होती तो मर् जाती और नज़र झुका लेती है।
शीला: दी ।
सरला: हाँ भाभी बहुत बेदर्द है तुमारे जीजाजी।
और शीला अरुन को देखने लगती है।
सरला: क्या देख रही हो भाभी वो मेरे है आप अपनी सोचो।
शीला: दी मैं उनकी साली हु तो आधा हक़ मेरा भी है।
सरला: वो किसी को कुछ नहीं समझते मेरे सामने।
शीला; इतना कॉंन्फिडेंट ।
सरला: हाँ १००%
शीला: लगा शर्त।
स: हाँ लगा
और दोनों शर्त लगा लेती है जिस से अरुन अन्जान था।

लेकिन कहते है न जो सोचो वो नहीं होता यहाँ भी ये हुआ।और हुआ क्यों की रमेश की कॉल आई सरला की मोबाइल पे जो की निचे था और सरिता उसे ले के उपर आ रही थी और उसने सरला और शीला की सारी बात सुन ली।

पर कुछ कहती नहीं और निचे आ जाती है।
कुछ देर बाद सभी निचे आ जाते है क्यों की शीला का पति ऑफिस से आ गया था और बच्चो को होमवर्क करना था।
सरला निचे आ कर।
मन ही मन यहाँ आ कर गलती कर दी कुछ टाइम ही नहीं मिल रहा अरुन के साथ अकेले में
और अपने रूम में आ जाती है।
अरून अपने मामा के साथ कही गया था।
सरिता सरला के रूम में।
क्या कर रही हो दादी।
सरला: ये क्या बोल रही हो माँ।
सरिता:वही जो सच है।
सरला: मैं समझी नही।
सरिता: जो बात तुझे मुझे बतानी थी वो तू अपनी भाभी को बता रही है।
सरला: कौन सी बात।
सरिता: अरुन वाली।
सरला: मतलब।
सरिता: ये की मैंने सब सुन लिया।
सरला सरिता की नज़रो में देखते हुए।
सरिता: कब से चल रहा है।
सरला: सब कुछ बता देती है ।
सरिता: तुझे डर नहीं लगा अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा।
खास कर रमेश को या तेरे पापा को।
सरला: क्या करती माँ।
बस हो गया मैंने कभी नहीं सोचा था की ऐसा कुछ होगा पर हालत ऐसे बन गये की न मैं रोक पाई और न अरुन
और अब हम एक दूसरे के बिना नहीं रह पाएँगे।
सरिता: पर वो तेरा बेटा है।
सरला: जानती हु माँ।
सरिता: सोचा है 15-20 साल बाद तू बुढ़िया हो जायेगी तो अरुन क्या करेगा तू उसे कैसे खुश रख पायेगी।
अभी वो २० का है उसकी ज़रूरत बढेगी तब क्या करेगी।
pyari
 
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