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Incest माँ को पटाया बेटे ने

Ting ting

Ting Ting
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अभी मैं एक कहानी शुरू करने जा रहा हूँ। यह कहानी एक माँ और बेटे के बीच की होगी. बेटा माँ को देख कर कामुक हो जाता है और वो फिर कैसे अपनी माँ को seduce करता है और उस से सम्भन्ध बनाता है. यह मुख्य रूप से इस कहानी का सार होगा.
आशा करता हूँ की आप सब को यह कहानी पसंद आएगी.
शुक्रिया
 
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Ting ting

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दोस्तो, मेरा नाम अहमद है। मैं आंटियों को ज़्यादा पसंद करता हूँ, और ये कहानी मेरे और मेरी अम्मी के बीच की है।

मेरी अम्मी का नाम शबाना है और उनकी गांड बहुत बड़ी और चौड़ी है . जिसे देख के किसी का भी लंड खड़ा हो जाये, उनकी चूची मीडियम साइज़ की है और गोल मटोल है।

मेरे घर में चार लोग हैं मैं , अम्मी, बहन और अब्बा। हम लोग गांव में रहते हैं, शहर में हमारी दुकान है, अब्बा दुकान के लिए सुबह 9 बजे चले जाते हैं। वो सुबह 6 बजे उठे हमारे खेत का चक्कर काटकर आते हैं, बहन स्कूल में हैं, अम्मी घर में ही रहती हैं।

कहानी शुरू होती है जब मैं 10वीं कक्षा में था और मुझे एक नया मोबाइल मिला, इंटरनेट कनेक्शन के साथ। मैंने छठी कक्षा से ही अपने दोस्तों के साथ पोर्न देखना शुरू कर दिया था।

जब मेरा पर्सनल मोबाइल मिला तो मुझे एक दिन अनाचार के बारे में पता चला। मैं सारा दिन पोर्न देखता था अम्मी- बेटा, भाई-बहन, मुझे सब में मजा आता था। लेकिन मैंने कोई गलत कदम नहीं उठाया।

जब मैं 11वीं बार आया तब से मैं सेक्स कहानियां भी पढ़ना शुरू कर दिया, हमेशा मां-बेटा वाली कहानियां पढ़ता था। घर में एक ही कूलर होने के वज़ह से हम सब को एक ही बेडरूम में सोना पढ़ता था।

आधी रात को पता नहीं मेरे अंदर क्या घुस गया, मैं बहुत हॉर्नी हो गया था, मेरी बहन पास में सोई थी। अँधेरा होने से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, मैंने अपना हाथ उसे दूध पर रख दिया और धीरे-धीरे मसलने लगा। उसके नरम दूध मुझे पागल किये जा रहा था।

मैंने ऐसे ही 20 मिनट तक दूध दबाया उसके, मैंने अपना दूसरा हाथ उसकी चूत के तरफ बढ़ाया। उसके कपड़ो के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा।

शगुफ्ता ने अचानक करवट ली तो मैं डर गया, अपना हाथ उसके ऊपर से हटा लिया। लेकिन मेरा लंड बात नहीं मान रहा था, मैंने अपना हाथ उसको गांड पे रखा और सहलाने लगा। अहा क्या मजा है, लेकिन अपने लंड पर कंट्रोल नहीं कर पाया और अपना मोबाइल लेके बाथरूम की तरफ बढ़ गया ।

ऐसे ही करीब 15 दिनों तक चला, एक रात में बाथरूम जाने के लिए फ्लैश लाइट जलाई, मैं जैसे ही उठा।

मैंने देखा मेरी अम्मी की नाइटी और साया (पेटीकोट) उनके जाँघों तक है। मेरी अम्मी की चूत साफ़ दिखाई दे रही थी, चूत पर झाँटे भी थी। मैंने उनकी गांड पर हाथ रखा और सहलाया, लेकिन अम्मी गहरी नींद में सोती है।

तो मैंने अम्मी की चूत को भी सहलाया, मैं डर गया। मैं सीधे बाथरूम गया और आज मेरी अम्मी की चूत को याद करते हुए उनके नाम की मुठ मारके आया।

मैं ये हरकत अपनी 12वीं क्लास तक कर चुकी है, कभी-कभी अम्मी की चूत देखने को मिल जाती थी तो कभी सिर्फ बहन के दूध दबा लेता था। एक रात में शगुफ्ता का दूध संभल रहा था कि उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मेरा तो गांड फट गया, लेकिन मैंने सोने का नाटक किया और अपना हाथ वैसे ही रहने दिया। अगले दिन शगुफ्ता ने अम्मी को बता दिया तो अम्मी ने मुझे गुस्सा किया "कि ये बुरी आदत है" अब अम्मी मेरे पास सो गई, मेरा बचपन की आदत में उनके ऊपर हाथ जोड़े सोता था। तो मैंने वैसे ही किया, अम्मी कुछ नहीं बोली। मैं अम्मी की चूत सहलाने के लिए मरा जा रहा था। आधी रात को मैंने देखा कि उनकी नाइटी और साया उनको घुटनो तक है, मैंने अपने हाथ से साया को उठाया और उनकी गांड पर रख दिया। अम्मी की चूत में बहुत बाल थे, फिर भी मैंने उनकी चूत को सहलाया। मैंने सोच लिया कि कैसे भी अम्मी को चोदना पड़ेगा।

अम्मी गहरी नींद में सोती थी तो मैंने उनकी चूत सहलाना शुरू कर दिया, इधर मैंने अपना निक्कर को नीचे कर दिया और मैं अपने दुसरे हाथ से अपनी मुठ मार रहा था, फ़्लशलाइट बंद कर दिया मैंने।

अब अँधेरे में, अम्मी जब हिलती तो मैं सहलाना छोड़ देता था, फिर थोड़ी देर बाद शुरू कर देता था। मैं अब झड़ने वाला था, अम्मी भी गांड हिला रही थी नींद में, उनको भी मजा आ रहा था, मैं उनकी चूत सहलाते हुए झड़ गया।

मैंने अम्मी की नाइटी सही की, फिर अपने आप को साफ किया और सो गया। मैं सुबह कॉलेज जाने के लिए तैयार हुआ और बाथरूम में नहाने गया, वाहा मैंने शगुफ्ता की पैंटी देखी। पैंटी देखते ही लंड खड़ा हो गया, मैंने पैंटी उठाई और अपने नाक पर लगाके सूंघने लगा।

वाह क्या खुशबू थी उसकी चूत की, फिर मैंने उसकी चूत वाली जगह पर अपना लंड लगाया और मुठ मरने लगा। मैं कंट्रोल नहीं कर पाया और पैंटी में ही झड़ गया। मैं बहुत डर गया, और दोषी महसूस करने लगा, मैंने उसकी पेंटी वही पे रख दिया।

लेकिन अगली बार से मैंने रोजाना उसकी पैंटी पे मुठ मरने लगा, और बाहर झड़ गया ताकि उसे शक न हो। अब डेली मैं यहीं करने लगा, रात को अम्मी की चूत सहलते हुवे मुँह मारना, और सुबह बहन की पैंटी में।

मैं रोजाना अलग-अलग कहानियां पढ़ता था, तो मेरे दिमाग में अजीब ख्याल आने लगे। मैं ये सोचने लगा की, “क्या मेरी अम्मी अब्बा के साथ खुश हैं? क्या अब्बा रोज़ सेक्स करते हैं अम्मी से? हां अम्मी किसी और से चुदवा रही है?” "क्या किसी के साथ चक्कर तो नहीं?"

लेकिन अब मैंने ये सोचने लगा कि मुझे कैसे पता चलेगा, "अम्मी चूत में लंड लेना चाहती है या नहीं?", "वो अकेली महसूस करती है या नहीं?"

शाम को मैं पोर्न देख रहा था, मेरा शरीर गरम हो चुका था और लंड खड़ा। मैंने एक कदम आगे बढ़ाने की सोची, मैंने पोर्न के हिसाब से अम्मी को अपना खड़ा लंड दिखाने का सोचा।

किचन से बेडरूम साफ दिखायी देता था, मैं नहाके सीधा बेडरूम में गया, दरवाजा खुला छोड़ दिया। मैंने अपना तौलिया हटा दिया, पूरा नंगा 8 इंच का लंड लेके। मैंने अपनी किताब जोर से नीचे फेंक दी ताकि अम्मी को सुनायी दे।

अम्मी: बेटा! क्या हुआ? (वो अपने काम में बिजी थी) मैंने उनका कोई जवाब नहीं दिया तो वो मुड़के बेडरूम की तरफ देखी। मैं अपने शीशे से देख रहा था कि वो अपने नजरे मेरे खड़े लंड पे बैठा के रखी और एक मूर्ति की तरह खड़ी हो गई।

कुछ 30 सेकंड लंड दिखाने के बाद मैंने कपड़े पहन लिया। तब से मैंने अपनी आदत बना ली थी अम्मी को लंड दिखाने का, अब मुझे कोई आवाज़ नहीं देना पड़ता, जैसे मैं नहाके बेडरूम में चला जाता अम्मी मुझे देखना शुरू कर देती। अम्मी मेरे लंड को कामुक नज़रो से देखती थी.
 

Ting ting

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ship20

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good start ..
going great //
keep rocking
 

Motaland2468

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Waiting for next update bro
 

Ting ting

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घर में मैं सिर्फ लोअर पहनता था उसे नीचे चड्ढी नहीं पहनता था, इसे मेरा लंड साफ देखती थी अम्मी को। मैं ऐसे ही उनके सामने घुमता था, अम्मी भी कुछ नहीं बोलती बस, मेरे लंड को निहारते रहती।

एक शाम मैं कॉलेज से जल्दी एके पोर्न देख रहा था हेडफोन लगा के। मैंने इतना खो दिया था कि मुझे पता नहीं चला अम्मी मेरे पास आ गई, और मुझे थप्पड़ मरने लगी मेरे हाथो पे।

अम्मी: क्या कर रहा है तू? ये सब शुरू कर दिया तूने?

मैं : (मेरा दिमाग खराब हो गया अम्मी को देखके) अम्मी गलती हो गई माफ करदो (मैं रोते हुए बात कर रहा था)

मां: मैं तेरे अब्बा को बताऊंगी (मेरे हाथ से मेरा मोबाइल ले लिया)।

मैं : अम्मी प्लीज़ अब्बा को मत बताओ, वो घर से निकल देंगे मुझे। तुम जो बोलोगे मैं वो करुंगा बस अब्बा को मत बताना।

मैं उनसे भीख मांग रहा था कि अब्बा को मत बताओ लेकिन मेरी कोई बात सुनने के मूड में नहीं थी। डिनर के टाइम पर अपनी नज़र अपनी प्लेट पर रखें। मैंने एक बार पानी लेने के लिए हाथ उम्र बढ़ाई तो देखा अम्मी गुस्से से मुझे देख रही है, मैंने अपना सिर फिर से नीचे कर लिया। अगले दिन मुझे समझ आ गया कि अम्मी ने अब्बा को नहीं बताया।

दो हफ्ते ऐसे ही चला गया, मैं अपनी अम्मी से बात करना बंद कर दिया था डर की वज़ह से। मैं सिर्फ पढाई कर रहा था, ना ही मुठ मारी तब से। कुछ चाहिए होता तो मैं शगुफ्ता से मांग लेता था।

मेरी अम्मी सब देख रही थी, अब वह डर गई है कि मैं उससे बात करना बंद कर दूंगी। क्यूकी मैं अम्मी से बहुत करीब था, हंसी-मजाक करता रहता था, उससे ज्यादा टाइम में ही बिताता था। एक शाम मैं कॉलेज से आया, अम्मी ने मुझे बुलाया और मेरा मोबाइल वापस दे दिया।

अम्मी: बेटा क्या हुआ तुझे? तूने कब से ये शुरू किया? तू बस अपनी पढाई पे ध्यान दे।

(मैंने कुछ भी नहीं बोला)

मां: (मेरा मोबाइल दे दिया मुझे) तुझे मस्ती करनी चाहिए, पर ये सब से पढ़ाई में ध्यान नहीं लगता।

मैं : ये सब भी मस्ती है अम्मी (उस समय पता नहीं मेरे अंदर क्या घुस गया)

(लेकिन वो मुझे गुस्सा नहीं करी)

अम्मी: कब से शुरू किया ये देखना?

मैं : (हल्के आवाज में) एक साल से , पर पढ़ाई पर कोई समस्या नहीं आई।

अम्मी: मैंने तेरा मोबाइल देखा, एक जवान लड़का उसका अम्मी चाची के उमर की औरत से कैसे कर सकती है? ये फालतू चीज़ मत देखा कर.

मैं : वो अम्मी और बेटे (अम्मी ये सुनके पागल हो गई)।

अम्मी: ये बकवास है, एक अम्मी अपने बेटे के साथ ये नहीं कर सकती।

मैं : वो अम्मी बेटे ।

अम्मी: मैं यकीन नहीं करती.

मैं अपने मोबाइल पर अम्मी बेटे वाला पोर्न और कहानियाँ सर्च किया (हिन्दी वाले), फिर अम्मी को दिखाने लगा। पहले तो वो हिचकिचाई देखने से, फिर करीब एक घंटा देनो ने मिलके पोर्न और कहानियां पढ़ीं।

वो कभी अपने हाथ को अपनी चूत पर सहलाती हुई जैसे खुजली हो, मुझे समझ आ गया था कि वो गरम हो चुकी है। फिर अम्मी उठके किचन में चली गई।

मैंने फिर से अम्मी को लंड दिखाने का काम जारी रखा, अब से वो मुझे अलग नजरों से देखती है और मेरे लंड को गौर से देखती है और कभी अपनी चूत नाइटी के ऊपर से सहलाती है।

मैं मेरी अम्मी के गले लगता (गले लगाना) था हमेशा, अब मेरा प्लान चेंज हो गया थोड़ा। मैं अपना चड्ढी निकल के सिर्फ लोअर में अम्मी को पीछे से गले लगाता ताकि मेरा लंड उसकी चूत में फंसा, और सामने से गले मिले तो उसकी चूत पे लगे।

संडे के दिन शगुफ्ता अपने दोस्त के वहा गई हुई थी, अब्बा दुकान पे और मेरे बेडरूम में लंड सहलाते हुए कहानी पढ़ रहा था। मैं घर में देखा तो अम्मी पड़ोस के आंटी से बात करने गयी थी, तो मैंने बेडरूम में आकर अपना लोअर निकाल कर मुठ मरते हुए कहानी पढ़ रहा था।

कुछ 20 मिनट बाद मैं झड़ गया, मैंने अपना माल साफ किया और किचन में पानी पीने के लिए चल पड़ा।

लेकिन अम्मी खिड़की से मुझे सब देख रही थी। मेरी नज़र उन पे पड़ी, उनकी आँखों में सिर्फ काम वासना नज़र आ रही थी। जब अम्मी ने मुझे देख लिया तब वहां से चली गई। मैं डर भी रहा था, मैं अम्मी से माफ़ी मांगने गया, और सोच रहा था कि अम्मी अब्बा को बता ना दे।

मैं : अम्मी माफ़ करदो मुझे, पता नहीं मुझे क्या हो गया था। अगली बार नहीं करूंगा.

अम्मी: पिछली बार भी तूने यही बोला था।

मैं : ये आखिरी बार था बस.

अम्मी: (वो थोड़ी हंसी थी, मुझे समझ नहीं आया) तू मोबाइल पर क्या देख रहा था?

मैं : कुछ नहीं.

अम्मी: तूने कहा था जो मैं बोलूंगी वो करेगा तू (गुस्सा होके)।

मैंने अम्मी को वो कहानी दिखाई, अम्मी ने पूरी कहानी पढ़ी।

अम्मी: बेटा ये गलत है, तुझे ये सब पढ़ना नहीं चाहिए।

मैं : क्या ग़लत है अम्मी? पिछली बार मैंने आपको दिखाया था। ये सब करते हैं आज कल।

अम्मी: तो तू भी मेरे बारे में यही सब सोचता है ?

मैं : (मैं कुछ नहीं बोला).

अम्मी: छी... तू मेरे बारे में यही सब सोच रहा है।

मैं : मैं आपसे प्यार करता हूं अम्मी ।

अम्मी: मैं भी करती हूँ, पर ऐसे नहीं। समाज के हिसाब से ये गलत है बेटा।

(और मैंने ये बोल दिया जिसे अम्मी का मुझ पर देखने का तरीका बदल गया)।

मैं : अम्मी अगर अम्मी बेटा ये करता है तो किसी को पता नहीं चलता, समाज क्या बोलेगा फ़िर?

अम्मी: तेरा दिमाग ख़राब है क्या? तुझे पता है तू क्या बोल रहा है?

मैं : हा अम्मी , जिन महिलाओं को पति से सुख नहीं मिलता, उनको बाहर मुंह मरना पड़ता है। अगर औरत बाहर जाएगी. तो बाहर वाला फैदा भी उठा सकता है, जो बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। अम्मी अपने बेटे को जवान बनाती है पल पोस के। तो अम्मी का तो पूरा हक बनता है ना बेटे पर। बेटे के साथ करे तो दोनों खुश भी रहेंगे, और जब चाहे तब...

(अम्मी ने रोक दिया मुझे)।

अम्मी: मैं बहुत खुश हूँ और मैं बाहर मुँह नहीं मारती, तू ये सब बंद कर नहीं सकती तो तेरे अब्बा को बताऊँगी।

मैंने अम्मी को लंड दिखाना बंद नहीं किया, कभी-कभी मैं जान बुझ कर मुठ मारता था, मुझे पता रहता कि अम्मी घर में है फिर भी। अम्मी मुझे चिप चिप कर देखती थी, मुझे पता था मैंने उनकी चूत की आग को भड़का दिया है।

एक रविवार को मैं मुठ मार चुका था, मैं जानता था कि अम्मी मेरे लंड को देख रही है। झाड़ने के बाद में बाथरूम की तरफ बढ़ा, कुछ दूर पहले से मुझे अम्मी के गुनगुनाने की आवाज आई।

जैसे ही मैं दबे पाव नज़दीक गया, मुझे पता चला अम्मी मेरा नाम लेके अपनी चूत में उंगली कर रही थी आआहह… मम्म्ह्ह … चोद मुझे… चोद अपनी अम्मी को।

ये बहुत बार सुना था उस दिन के बाद से, मुझे पता था अम्मी तैयार है मेरा लंड अपनी चूत में लेने के लिए बस थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
 

sunoanuj

Well-Known Member
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Bahut hi behtarin shuruat hai …👏🏻👏🏻👏🏻
 
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