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Incest माँ ने की मदद

Napster

Well-Known Member
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अब माँ की इस मदद के बाद मुझे मज़ा आने लगता है। माँ रात का खाना बना लेती है और हम खाना खा लेते हैं।
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फिर माँ मुझे अपने कमरे में ही सोने के लिए कहती है। मैं यह सुनकर खुश हो जाता हूँ। फिर माँ कमरे में दूध लेकर आती है। मैं उसे पी जाता हूँ। फिर हम दोनों एक-दूसरे के बगल में सोते हैं। माँ ने मैक्सी पहनी हुई थी। माँ लाइट बंद कर देती है। अब मैं माँ को छूने की कोशिश करता हूँ।
मैं माँ के chuche पर हाथ फेरता हूँ।
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तो माँ आज कुछ नहीं बोल रही होती। तो मैं ये सब देखकर और हिम्मत करता हूँ। अब मेरा मन chuchoo 👄को suckingका था। पर मैं खुद डर रहा था, मैं ये सोच रहा था माँ ये सब देखकर गुस्सा हो जाएगी। अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था माँ के चूचे छूने से।
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फिर मैं हिम्मत करके माँ से चिपक कर सोने का नाटक करता हूँ। इसकी वजह से माँ को मेरा खड़ा लंड उनको महसूस हो रहा था। अब माँ धीरे से कहती है दर्द हो रहा है क्या? मैं ये सुनकर डर जाता हूँ कि माँ जाग रही है। मैं माँ को धीमी आवाज़ में कहता हूँ हाँ दर्द हो रहा है।
फिर माँ लेटे-लेटे मेरे निकर को नीचे करती है और अपने दाहिने हाथ से मेरे पहले ही खड़े लंड को पकड़ लेती है और हिलाने लगती है।
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पर मैंने आज सोच लिया था कि मैं माँ को आज ज़रूर चोदूँगा।
इसलिए मैं बहुत टाइम ले रहा था निकालने में।
ये सब देखकर माँ कहती है कि मेरे दूध चू लो ताकि जल्दी हो जाए, ये सब सुनकर तो मेरे होश उड़ गए कि माँ ने आगे से कहा, अब तो मैं इन्हें छोड़ने ही नहीं वाला था, ऐसा मौका फिर कहाँ। मैंने माँ के चूचे ऐसे चूसे कि उनके शरीर में गर्मी और चुदाई के लिए प्यास बढ़े। पर माँ को मेरे छूने से जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा हो, पर मेरे को इससे फर्क पड़ रहा था, इसलिए अब मेरा जल्दी से झड़ जाता है। good night

बहुत ही शानदार और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
अपडेट थोडे बडे होने चाहिये पढते समय मजा आने लगता हैं तो अपडेट समाप्त हो जाता है
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 

Desilove

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बहुत ही शानदार और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गया
अपडेट थोडे बडे होने चाहिये पढते समय मजा आने लगता हैं तो अपडेट समाप्त हो जाता है
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Danyvaad dost
 
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Desilove

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"अब माँ और मैं एक साथ बिस्तर पर सो जाते हैं। इसके बाद हमें नींद आ जाती है। अब सुबह आज मेरी जल्दी आँख खुल जाती है, देखता हूँ कि माँ मेरे बगल में ही सो रही है। कल की यादगार रात के बाद मेरी हिम्मत और बढ़ रही थी। माँ बहुत कामुक लग रही थी सोते हुए। अब माँ की मैक्सी हल्की नीचे होने की वजह से माँ के चूची दिख रहे थे, अब माँ के चूची चूसने का मन कर रहा था। अब मैं सुबह सुबह अपनी माँ के चूची चूसने के लिए उनकी ढीली मैक्सी थोड़ी और नीचे करता हूँ। माँ अभी भी गहरी नींद में ही थी। इसके बाद मैं माँ के दायीं चूची चूसने लगता हूँ। अब मैं और जोश में आ गया था, अब मैं बायीं चूची दबाना और दायीं चूची मुँह से चूसना शुरू कर दिया।

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अब मेरी इस हरकत से माँ की नींद खुल गयी और ये सब देखकर मुझे नहीं रोकती है। मैं चूची चूसने में इतना खो गया कि मुझे पता ही नहीं चला कि माँ कब उठ गयी। अब माँ मुझे कहती है, "आराम से चूसो।" ये सुनकर मैं हिल गया कि माँ कब जाग गयी। मुझे लगा था कि माँ गुस्सा करेगी पर माँ के मुँह से ये शब्द सुनकर मैं खुश हो गया। अब मैं माँ के दूध को बिना डरे और मजे से 15 मिनट तक चूसता रहा और माँ ने कुछ भी नहीं बोला। फिर मेरा लंड इस हरकत से लोहे जितना टाइट हो गया। अब मैं उसे माँ का दूध चूसते हुए माँ के पैरों पर रगड़ रहा था जिससे माँ को मदहोशी हो रही थी। फिर माँ कहती है कि सुबह सुबह शुरू हो गए, मैं माँ को कहता हूँ, "प्लीज माँ मुँह से चूसना लो दे दो।"
तो माँ मेरे मासूम से चेहरे देखकर उठती है और मैं बिस्तर पर ही लेटा था और माँ मुँह से लौड़ा चूसने लगती है

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। और मैं इस सुख को फिर से शब्दों में नहीं बता सकता कि कितना मजा आ रहा था। अब भी आज माँ जल्दी नहीं जागना चाहती थी तो मैं बहुत समझ ले रहा था। तो माँ अपने दोनों चूची की जगह से मेरे लंड को हिलाने लगती है ये देखकर तो मैं हैरान हो जाता हूँ।"माँ के साथ एक रविवार
आज रविवार था, और हमें कहीं नहीं जाना था। छुट्टी थी, तो माँ मुझे जगाने के बाद बिस्तर पर ही फिर सो जाती हैं। फिर मेरी आँख खुलती है, देखता हूँ तो सुबह के 11 बज रहे हैं। माँ नहा धोकर घर के काम कर रही थीं। अब मैं नहा धोकर खाना खाने जाता हूँ। अब माँ कहती हैं कि घर का सामान खत्म हो गया है, तो मैं मार्केट जाऊँगी, तुम भी चलोगे? पर मैं मना कर देता हूँ क्योंकि मुझे आज कुछ काम था।
माँ कहती हैं, "ठीक है।" फिर दोपहर में माँ बाज़ार चली जाती हैं। अब मेरा काम ये था कि माँ को कैसे सेक्स के लिए मनाया जाए। इसके लिए मैं गूगल और एआई की मदद लेता हूँ, और वो मुझे कई नए तरीके बताते हैं जिनसे औरत को सेक्स के लिए राज़ी किया जा सकता है। अब क्योंकि माँ मेरे सम्मोहन से पहले ही बहुत आगे बढ़ गई थीं, तो हमें इसमें कोई दिक्कत नहीं होने वाली थी। तकरीबन मैं 3 घंटे से तरीकों को देख रहा था और कई पोर्न देखे जिनमें माँ और बेटे कैसे सेक्स करते हैं। इसके बाद माँ भी मार्केट से आ जाती हैं, क्योंकि आज रविवार था तो मार्केट में बहुत भीड़ थी।
मैं: "लाओ माँ, मैं सामान रखवाने में आपकी मदद कर देता हूँ।"
माँ: "ठीक है।"
माँ: "आज तो दर्द नहीं हो रहा था, ल**?"
मैं: "हल्का-हल्का हो रहा है।"
माँ: "सुबह-सुबह करने के बाद भी दर्द हो रहा है? कहीं दिक्कत ज़्यादा तो नहीं होगी?"
मैं: "नहीं माँ, बस हल्का है।"
मैं ऐसे इसलिए बोलता हूँ क्योंकि मुझे अपने तरीके आज़माने थे। और मैं अब माँ को पूरी तरीके से चोदना चाहता था।
तो माँ थोड़े डरे स्वर में कहती हैं, "चलो कमरे में।"
मैं और माँ फिर कमरे में चले जाते हैं। इसके बाद माँ मुझे पैंट निकालने को कहती हैं। मैं अपनी पैंट निकालता हूँ। मेरा ल** बिल्कुल शांत था। माँ अब अपने हाथों से बिस्तर पर बैठी हुई मेरे ल** को हिलाना शुरू करती हैं। पर मैं कुछ ज़्यादा हरकत नहीं करता जिससे माँ को गुस्सा आ रहा था और वो परेशान स्वर में कहती हैं कि,
माँ: "आयुष, क्या हुआ? करो ना जल्दी से।"
मैं: "माँ, मुझे महसूस नहीं हो रहा है।"

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फिर माँ अपनी ब्लाउज के बटन खोलने लगती हैं, और गोरे-गोरे चूचियाँ बाहर की तरह अपने लगते हैं। माँ अब अपना ब्रा भी निकाल देती हैं। अब माँ पूरी तरह से नंगी हो गई थीं। और फिर माँ कहती हैं, "चूचियाँ चूसो, दबाओ, कुछ भी करो पर जल्दी से निकालो। मुझे अभी और भी काम करने हैं। और ऑफिस से भी कुछ काम आ गया है जो कि करना है।" मैं अब जो गूगल और एआई से पढ़ा था, उसी हिसाब से करने लगता हूँ। मैं माँ के चूचियों को चूसने लगता हूँ, और चूसते-चूसते बीच-बीच में काटने लगता हूँ। जिससे मैंने आज पहली बार माँ के मुँह से सिसकियाँ सुनीं। जब मैंने ये किया तो माँ कहती हैं, "अब उसने दोष कब का खत्म हो गया है। अब उसे काटने से नहीं आएगा।" माँ कहती हैं, "मुझे करने दो।" माँ को भी इसमें मज़ा आ रहा था, तो वो ज़्यादा कुछ नहीं बोलीं। अब मैं अपने माँ के गोरे चूचियों को चूसता जा रहा था और काटता जा रहा था जिससे वो लाल हो रहे थे। माँ भी अपनी जीभ काट रही थीं, और ये सब मैं देख रहा था। मुझे लगा अब ये तरीका काम कर रहा है, पर माँ मुझे बीच-बीच में बोलती रहती थीं कि जल्दी खत्म करो। अब मैं माँ को बिस्तर में कितना चाहता था ताकि उनकी च** भी रगड़ सकूँ, पर माँ बिस्तर पर बैठे-बैठे मेरे ल** को हिलाए जा रही थीं

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। अब मैं अपनी चरम सुख पर आ गया था और मैं झड़ गया। और मेरे वीर्य कुछ माँ के मुँह पर गया, कुछ चूचियों पर। फिर माँ अपने मुँह से मेरे ल** को साफ कर बाथरूम में चली गईं। फिर वो अपने काम करने लगीं। अब भी मैं सोच रहा था कि मैं आज कितने करीब था, पर नहीं कर पाया। कुछ देर बाद माँ के फोन में मैसेज आता है कि कल मेरे स्कूल में पेरेंट्स-टीचर मीटिंग है। इसके बाद रात को माँ खाना खाते वक़्त मुझे इसके बारे में बताती हैं। मैं ये सुनकर डर जाता हूँ क्योंकि मेरे इस हाफ ईयरली टेस्ट बहुत बेकार गए थे जिसके बारे में माँ को मैंने बिल्कुल भी नहीं बताया था।
 

Desilove

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"आज भी हम एक ही कमरे में सो रहे थे, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। कल की वजह से मैं परेशान था, क्योंकि माँ मुझे बहुत भरोसा करती है और मैंने झूठ बोला कि मैंने सभी टेस्ट में अच्छा किया।

माँ मुझसे पूछती है, 'जग रहे हो?' मैं कहता हूँ, 'हाँ'। फिर माँ पूछती है, 'दर्द हो रहा है क्या?' मैं कहता हूँ, 'नहीं'। फिर माँ कहती है, 'सो जाओ, फिर कल सुबह स्कूल जाना है'।"
सुबह हम दोनों तैयार होकर पीटीएम जाते हैं। वहाँ मेरी क्लास टीचर माँ को मेरे रिजल्ट के बारे में बताती है, जिससे सुनकर माँ के होश उड़ जाते हैं। माँ वहाँ मुझे कुछ नहीं बोलती। माँ ये सब सुनकर एकदम गुस्सा हो जाती है। फिर टीचर बोलती है, "इन पर आपको और ध्यान देना होगा।" इसके बाद माँ मुझे घर के पास छोड़कर ऑफिस चली जाती है। जब हम स्कूल से घर आ रहे थे, माँ पूरे रास्ते मुझे कुछ नहीं बोली। हम दोनों गाड़ी में एकदम शांत थे। फिर माँ घर में आकर सोचने लगती है कि मैं माँ को शाम में क्या बोलूँगा।
शाम को माँ लेट आती है, फिर खाना बनाती है। पर मेरे से उन्होंने बात तक नहीं की। अब हम शांत होकर खाना खा लेते हैं। तब मैं माँ के कमरे की तरफ जा रहा होता हूँ। तो माँ एक गुस्से वाली आवाज़ में कहती है, "अपने कमरे की तरफ जाओ।" मैं शांति से अपने कमरे की तरफ चला जाता हूँ। सुबह ये यही सब था जो माँ ने मुझे बोला था। अब माँ मेरे कमरे में दूध लेकर आती है, मैं उसे पी लेता हूँ। माँ गुस्से में मुझसे पूछती है, "दर्द हो रहा है क्या?" मैं माँ के डर की वजह से मना कर देता हूँ। अब माँ गुस्से में कहती है, "अब भी झूठ ही बोल रहे होगे।" मैं डर की वजह से कह देता हूँ, "नहीं।" पर माँ माँ होती है, वो नीचे बैठकर मेरे पैंट को खुद उतारकर मेरे लंड को पकड़कर हिलाने लगती है। पर डर और गलती की वजह से मुझे ये सब सूझ ही नहीं रहा था। मेरा लंड बिलकुल भी हरकत नहीं करता। और माँ और गुस्सा हुआ जा रही थी। और मैं ये सब देखकर ma वहीं बैठे-बैठे रोने लगता हूँ।

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माँ ये सब देखकर बिस्तर पर बैठ जाती है और अपनी बाँहों में भर लेती है। मुझे शांत करने लगती है। मैं रोते-रोते कहने लगता हूँ कि, "मॉम, मैं आपको आज के बाद झूठ नहीं बोलूँगा। मैं डर गया था कि आप मुझ पर गुस्सा करोगी, इसलिए मैंने झूठ बोला था।" माँ ये सब सुनकर कहती है, "पहले तो तुम चुप हो जाओ।" पर मैं चुप होने में 5 मिनट लगाता हूँ। इसके बाद माँ कहती है कि, "क्या मैंने कभी तुम्हें मारा है?" मैं कहता हूँ, "नहीं माँ।" फिर माँ कहती है, "तुम झूठ बोलना सीख गए और तुम्हारे इतने कम नंबर क्यूँ?" फिर मैं माँ को सब बताता हूँ, जब से ये दर्द शुरू था मेरा किसी भी चीज़ पर ध्यान नहीं था। फिर माँ मेरी बात समझ जाती है क्योंकि मैं पढ़ाई में पहले से अच्छा था। फिर माँ मुझे सही से शांत करवाती है और कहती है, "अब जब भी दर्द हो हल्के से हल्के में यहीं हूँ। तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो और चाहे तो एक्स्ट्रा ट्यूशन लगवा लो।" फिर माँ खुशी वाला माहौल बनाती है, फिर हम कुछ देर आज हँस कर बातें करते हैं जिससे मेरी आज की सारी टेंशन चली जाती है। और मैं खुश हो जाता हूँ।
अब माँ मेरे को छेड़ते हुए पूछती है, "दर्द हो रहा है?" मैं अब बिना डरे बोलता हूँ, "है।" अब माँ मेरे बिस्तर पर मेरे lund को पकड़कर चूसने लगती है।

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जिससे मुझे मज़ा आने लगता है। अब माँ अपनी नाईटी ढीली कर देती है जिससे दोनों चूचे दिखने लगते हैं। अब मैं माँ को bistar पर आकर बैठने को कहता हूँ जिससे माँ के चूचे चूस सकूँ। पर जब मैं आज चूचे चूस रहा था तो माँ मेरे सर पर हाथ फेर रही थी और कह रही थी, "और चूस मेरे बच्चे।" अब मैं उसे और उत्तेजित होकर चूस रहा था।

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माँ मेरे लंड हाथों से हिलाए जा रही थी। अब मैं धीरे से अपने चरम सीमा पर पहुँच तक़रीबन 1 घंटे बाद मैं झड़ गया।
अब मैं माँ को अपने साथ ही सोने के लिए कहता हूँ। माँ मान जाती है। मेरे कमरे का बेड सिंगल है जिसमें अगर दो लोगों को सोना हो तो चिपक के सोना होगा। अब मैं और माँ मेरे बिस्तर पर चिपक के सो रहे थे। अब मेरे लंड फिर धीरे-धीरे माँ के चिपकने की वजह से कड़ा हो गया। अब माँ और मैं बिस्तर पर बातें कर रहे हैं। माँ माँ से चिपक कर पूछ रहा था कि, "माँ, मेरा लंड कैसा है?" तो माँ बोलती है, "तेरे लंड तो तेरे पापा से भी बड़ा और मोटा भी है। अगर कोई लड़की इसको देखेगी तो इसकी दीवानी बन जाएगी।" माँ के मुँह से सुनकर मेरा लंड और टाइट हो रहा था। अब माँ को कहता हूँ, "माँ, आपने दूसरी शादी क्यूँ नहीं की?"

माँ कहती है अब मेरी उम्र हो गयी है। और मैं बूढ़ी हो गयी हूँ पता नहीं कोई मुझसे शादी करता है कि नहीं।
मैं :- आप कहाँ अभी बूढ़ी हुई हो आप अभी भी जवान हो।
माँ ये सुनकर शर्मा जाती है।
अब मेरा खड़ा ल** माँ से चिपक रहा था। मैं ल** को माँ के पैरों पर रगड़ रहा था। फिर माँ कहती है फिर से शुरू हो गया। मैं कहता हूँ माँ तुम बहुत सुन्दर हो क्या करूँ। माँ ये सुनकर और शर्मा जाती है।
माँ कहती है ये बेड बहुत छोटा है चलो मेरे कमरे में चलते हैं। पर मैं माँ को मना कर देता हूँ क्योंकि आज मेरे पास बढ़िया अवसर था। अब मैं माँ के चेहरे और करीब आ जाता हूँ और हम दोनों एक दूसरे के बहुत ही ज्यादा करीब थे हम दोनों के एक दूसरे की साँसे साफ़ महसूस हो रही थी। अब मेरी दिल की धड़कन और तेज होती जा रही थी। फिर माँ एकदम से कहती है कि कोई मदद चाहिए क्या। फिर मैं अपने खड़े ल** की तरफ इशारा करता हूँ। अब माँ लेटे लेटे ही अपने हाथों से मेरे खड़े ल** को हिलाने लगती है पर मेरे दिमाग में और कुछ चल रहा था। अब मैं माँ के चूचे चूसने लगता हूँ

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उनके खुले शरीर को चूमने लगता हूँ क्योंकि माँ ने ऊपर के कपड़े बिना पहने हुए ही सोई थी। मेरे माँ का गोरा बदन मुझे और उत्तेजित कर रहा था। अब मैं माँ के बदन को चूम ही रहा था तो मुझे माँ के सिसकियों की आवाज सुनाई दी। मुझे ये सुनकर और मज़ा आ रहा था कि माँ भी कामुक हो रही है। अब अपने काम को धीरे-धीरे शुरू कर रहा था। माँ और मेरा चेहरा आस पास ही था। अब मैं माँ के सुन्दर चेहरे को चूमना चाहता था और उनके रसीले होंठ पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी। मैं धीरे से माँ की गर्दन पर चूमने लगता हूँ। माँ और उत्तेजित हो जाती है। पर उतनी ही देर में मुझसे कहती है कि तुम दूध चूसो ये सब क्या कर रहे हो माँ ये सब दबे स्वर में कह रही थी उनका भी मन था करने का पर वह जान बूझकर मना कर रही थी। फिर मैं माँ के चूचे चूसता हूँ और माँ मेरे ल** को हिलाती रहती है। और मैं जैसे अपने चरम सुख पर था वैसे ही माँ को बता देता हूँ अब माँ उठकर मेरे ल** को चूसने लगती है। माँ के गरम मुँह मेरा गरम ल** और भी मज़ा आ रहा था। अब मैं कुछ देर में माँ के मुँह में झड़ देता हूँ। अब माँ बाथरूम से आकर मेरे कमरे में मेरे साथ सो जाती है। फिर हम दोनों इस काम क्रिया के बाद सो जाते हैं। अब मेरी नींद प्यास की वजह से खुल जाती है देखता हूँ माँ उल्टा मुँह करके सो रही है। मैं पानी पीने के बाद उससे और चिपक जाता हूँ। और उनके उभरे हुए गा** पर अपना ल** रगड़ता हूँ।

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माँ शायद गहरी नींद में ही थी।
मुझे माँ के चूतड़ों पर रगड़ते वक्त मज़ा आ रहा था। अब मैं ऐसा तकरीबन पौन घंटे से कर रहा था और मैं झड़ जाता हूँ और मेरा झाड़ा हुआ माँ की maxi par gira deta hu.
मैं उसे साफ करने की भी कोशिश नहीं करता हूँ। और माँ से चिपक कर सो जाता हूँ। जैसे कोई बंदर अपनी माँ से।
 
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