अगले दिन सुबह मां आंगन में झाड़ू लगा रही थी और मैं उसके मादक शरीर को भूखे भेड़िए की तरह देख रहा था. वह मेरी और अपनी गांड झुका के झाड़ू लगा रही थी. अभी आधे आंगन में ही झाड़ू लगा था कि तभी वहां पापा और दादाजी आ जाते हैं जिसे देख मां झाड़ू लगाना छोड़ देती है और अपने सिर पर पल्लू ले लेती है.
पापा और दादा जी आंगन में रखे खाट पर जाकर बैठ जाते हैं और हमें भी अपने पास बुला लेते हैं. जब हम वहां जाते हैं तो मैं देखता हूं कि दादा जी का मुंह लटका हुआ था जिसे देख मुझे कुछ समझ नहीं आता है. और मैं पापा से पूछ लेता हूं - क्या हुआ.
पापा - अरे बेटा जो शादी होने वाला था ना उसके नियमों को बदल दिया गया है.
पापा के बात को सुन मुझे भी जोर का झटका लगता है दिल तेजी से धड़कने लगता है और चेहरा सिकुड़ने जैसा लगने लगता है. मुझे मेरे सपने टूटते हुए नजर आ रहा था मैं आगे कुछ और सोचता उससे पहले ही मां पापा से कहती है - बदलाव कैसा बदलाव किया गया है.
पापा - तुम्हें तो पता ही है कि यह शादी सिर्फ 30 जून से 31 जुलाई तक ही होता है लेकिन इस साल शादी 5 बार होगा. इसीलिए नियमों में कुछ बदलाव किया गया है.
दरअसल 30 जून से 31 जुलाई के बीच गांव में हर एक सप्ताह सामूहिक शादी कराया जाता है जिसमें सब लोग बारी-बारी शादी करता है. जिसमें घर का सबसे बड़ा मर्द सबसे पहले शादी करता है और उसके बाद उससे छोटा मर्द अगले सप्ताह शादी करता है. इससे पहले गांव मैं अधिकतर 1 महीने में चार ही बार शादी हुआ है लेकिन इस साल 5 बार शादी होने वाला था.
मैं सदमे में ही रहते हुए पापा से कहता हूं - 5 बार शादी होगा तो इसमें नियम बदलने की क्या जरूरत आन पड़ा.
पापा - अरे पागल 1 महीने में 4 ही सप्ताह होता है और शादी 5 कराना है तो नियम बदलना ही था जुलाई के बाद तो शादी हम लोग नहीं करा सकते थे ना. जो कराना है इसी 1 महीने में कराना है.
मैं - तो नियम में क्या बदलाव किया गया है.
पापा - अगर किसी ने इससे पहले यह 1 सप्ताह वाला शादी किया है तो वह दोबारा 1 सप्ताह के लिए शादी नहीं कर सकता सिर्फ तीन ही दिन के लिए कर सकता है और जिसका पहली बार है वह 1 सप्ताह के लिए कर सकता है.
पापा के बात को सुन मेरे जान में जान आता है और मैं खुश हो जाता हूं क्योंकि अब मुझे मां के लिए 1 सप्ताह तक रुकने का जरूरत नहीं था वह मुझे 3 दिन बाद ही मिल जाती लेकिन दादा जी का चेहरा देखने लायक था उसके तो सारे सपने ही टूट गए बेचारा.
पापा - और एक बात आज ही पहला शादी होने वाला है तो कुसुम तुम शाम तक तैयार हो जाना और राजू तुम मुखिया जी के घर चले जाओ वहां पर शादी की तैयारियां करना है तुम्हें.
मैं - ठीक है पापा मैं दोपहर तक चला जाऊंगा.
इतनी देर तक दादा जी ने कुछ भी नहीं बोला था बस अपना चेहरा लटकाए बैठे थे, जिसके बाद सब कोई अपने अपने काम में लग जाता है क्योंकि शाम को शादी था तैयारियां भी करना था.
पापा खेत चले जाते हैं दादा जी वैसे ही अपना चेहरा लटकाए खाट पर बैठे रहते हैं और मैं मां के साथ रसोई घर में चला जाता हूं. जहां मुझे हर रोज की तरह मां प्याज काटने दे देती है और मैं उसे वहीं पर नीचे बैठ के काटने लगता हूं मां भी वहीं पर काम कर रही थी.
मैं मां के साथ खुलने के लिए बड़े हिम्मत जुटा के कहता हूं - शादी से पहले ही मुझसे इतना काम करा रही है शादी के बाद पता नहीं कितना कराओगी.
मेरे बात को सुन मां को हंसी आ जाता है और वह हंसते हुए ही मुझसे कहती है - वो तो तुम्हें शादी के बाद ही पता चलेगा.
मां को हंसता देख मेरा हिम्मत बढ़ जाता है और मैं उनसे कहता हूं - मां तुम इस शादी से खुश तो हो ना.
मैं मां से यह सवाल इसलिए पूछता हूं क्योंकि मां इस शादी के लिए ना ही मना किया था और ना ही घर में इसे लेकर कोई खास बात हुआ था. मैं मां के मन को जानने के लिए इस सवाल को पूछा था.
मां मेरे सवाल का जवाब देने की जगह उल्टा मुझे से सवाल कर लेती है - तुम्हें क्या लगता है मैं खुश हूं या नहीं.
मैं कुछ देर सोचने के बाद मां से कहता हूं - आप पापा से बहुत प्यार करती हो वो जो कह देते हैं आप उसके बातों को मान लेती हो कोई सवाल नहीं करती हमेशा उसका आदर करती किसी देवता की तरह, और आज तुम दादा जी के साथ शादी करोगी और इसके 3 दिन बाद अपने खुद के बेटे से इसीलिए पूछा.
मां कुछ देर तो चुप रहती है लेकिन फिर केहती है - मैं तुम्हारे पापा के सारे बात को इसलिए मानती हूं क्योंकि वह मेरे पति है लेकिन आज जब वह मुझे तलाक दे देगा तब वह मेरा पति नहीं रहेगा और फिर तुम्हारे दादा जी मुझसे शादी करो मेरा पति बन जाएगा तो इसमें बुरा क्या है इसीलिए मुझे कोई दुख नहीं.
मैं - शादी के बाद जब दादा जी तुम्हारे साथ वो सब करेगा तब तुम्हें बुरा नहीं लगेगा.
मां - एक पत्नी होने के नाते अपने पति के साथ सोना कोई गलत बात नहीं है मैं किसी पराए के साथ थोड़ी सो रही हूं.
इसके बाद मैं मां से कोई और सवाल जवाब नहीं करता क्योंकि उन्होंने कुछ ही बातों में सब कुछ क्लियर कर दिया था.
खाना बनाने के बाद हम सब खाना खाते हैं और मां मुझे खेत में पापा को खाना देने आने को कहती है. जिसके बाद मैं खाना लेकर पापा को देने चला जाता हूं और जब मैं वापस घर आता हूं तो मुझे मां कहीं भी दिखाई नहीं देती और ना ही दादाजी दिखाई देते हैं. मैं मां को इधर उधर खोज ही रहा था कि तभी मुझे कुछ आवाज सुनाई देता है.
आखिर कहां है दादाजी ओर मां और मुझे कौन सा आवाज सुनाई देता है यह जानने के लिए अगले अपडेट का इंतजार करें.