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Incest माँ बनी पहले दादी फिर बिवी

Smoker king

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जब मैं घर वापस आता हूं तो मुझे घर में ना ही दादाजी और ना ही मां दिखाई देती है तभी मुझे पानी गिरने का आवाज सुनाई देता है जिसे सुन मैं समझ जाता हूं कि जरूर मां नहा रही होगी.

हमारा आंगन बहुत बड़ा है वही एक कोने में चापाकल बना हुआ था चापाकल को पापा ने कुछ पुराने कपड़ों से चारों ओर से ढक दिया था ताकि अंदर मां नहा सके.

पानी के आवाज को सुन मेरा मन बहक जाता है, मुझे मां को नहाती हुई देखने का मन करने लगता है और ऊपर से घर में भी कोई नहीं था, में जा के घर का मेन गेट बंद कर देता हूं ताकि कोई अचानक अंदर ना आ सके.

मैंने पहले ही चापाकल के चार और बंदे कपड़े को एक जगह से फाड़ दिया था जहां से मैं हमेशा मां को नहाते हुए देखता हूं, मैं हमेशा जहां से मां को नहाते हुए देखता हूं मैं उसी जगह चला जाता हूं और अंदर मां को नहाते हुए देख नहीं लगता हूं.

मां ने अभी तक नहाना शुरू नहीं किया था वो एक पत्थर पर बैठे हुए थे और अपने साया पेटीकोट को अपने कमर पर चढ़ा लिया था जिसे मुझे मां का चुत साफ दिखाई दे रहा था.



मां आपने हाथ से चुत के ऊपर पानी डाल उसे अच्छे से धो रही थी



और उसके बाद वो अपने चुत पर अच्छे से साबुन लगाती है



उसके बाद वो अपने चुत के सामने एक आईना रख देती है



मैं समझ जाता हूं मां अपने चुत के बाल को साफ करने वाली है मुझे थोड़ा सा हैरानी होता है क्योंकि 10 दिन पहले ही उन्होंने अपने चुत के बाल को अच्छे से साफ किया था अभी उसके चुत पर ना के बराबर बाल था. फिर भी ना जाने क्यों वह अपने चुत के बाल को क्यों साफ कर रही थी.

जहां वो एक बार चुत के बाल को साफ करने के बाद दोबारा तभी साफ करती है जब पापा उसे कहते हैं, तभी मेरे दिमाग की घंटी बजती है और मैं समझता हूं कि मां आपने छूट के बाल को क्यों साफ कर रही है

सच में औरतों को समझ पाना बहुत मुश्किल है जहां कल रात तक मां पापा से चुद रही थी वही अभी अपने ससुर के लिए अपनी चुत के बाल को साफ कर रही थी.

चुत के सामने आईना रखने के बाद माँ ब्लेड उठाती है और अपने चुत के बाल को छिलने लगती है. वह आईने को देखते हुए आपने मुलायम चुत को काफी सावधानी और अच्छे से साफ करने लगती है.



आह्ह मां अपनी चुत के बाल को साफ करते हुए काफी प्यारी लग रही हैं मन कर रहा था अंदर जाकर उसे जीभर के प्यार करूं.



कहानी के रिव्यु को देख लग रहा है कि किसी को कहानी पसंद नहीं आ रहा

1 घंटे बाद एक और अपडेट आ जाएगा
 

Smoker king

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तभी ना जाने कौन मादरचोद आके दरवाजे को पीटने लगता है. अचानक शोर के कारण में डर जाता हूं. मां को पता नहीं था कि मैं घर वापस आ चुका हूं इसीलिए दरवाजे पर कौन है यह देखने के लिए मां अपने जगह पर से उठने लगती है.

मां को उठता देख मेरे मुंह से अचानक निकल जाता है - मां तुम रहने दो मैं देख लूंगा.

ये मैंने क्या बोल दिया मैं अपनी गलती को समझता उससे पहले ही मां समझ जाती है कि मैं कहां हूं. इसका अहसास होते ही मां तुरंत अपने साया से अपनी चुत को ढक लेती है और झुक के मुझे छेद से देख लेती है.

जैसे कि हम दोनों की आंखें आपस में मिलती है मैं वहीं पर जम जाता हूं मां की आंखों को देख मेरा दिल जोरो से धड़कने लगता है.

मां को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं वहां क्या कर रहा हूं उनके लिए इस बात को मानना नामुमकिन था कि उसका जान से ज्यादा प्यारा बेटा उसे नहाते हुए देख रहा है.

काफी लंबे समय तक हम दोनों एक दूसरे को देखने के अलावा और कुछ नहीं करते तभी दरवाजे पर फिर से आवाज आता है और मैं होश में आ जाता हूं और वहां से तुरंत भाग जाता हूं जब जाकर दरवाजा खोलता हूं तो देखता हूं कि बाहर गांव के कुछ लड़के खड़े थे मन तो कर रहा था सबको खूब गाली दूं लेकिन मैं खुद पर काबू रखते हुए केहता हूं - क्या हुआ तुम लोग यहां क्या कर रहे हो.

तभी उसमें से एक लड़का कहता है - क्या दिन भर अपनी मां के पेट में घुसा रहता है चला जाना नहीं मुखिया जी के घर अपनी मां का मड़वा सजाने.

उसके बात को सुन सब लोग हंसने लगता है मन तो कर रहा था एक घुसा लगा दूं उसके नाक पर, लेकिन अपने खराब वक्त को देखते हुए उसके साथ चला जाना ही मैं ठीक समझता हूं और वहां से चला जाता हूं.

घर से सीधा में मुखिया जी के घर चला जाता हूं, जहां उनके घर के बगल में ही एक बड़ा सा पंडाल बन रहा था, उसे के अंदर कई सारे छोटे मंडप बनाया जाएगा और उसी में सबका शादी होगा.

मुझे बहुत बुरा लग रहा था इतने सालों से मां को मेरे ऊपर कभी शक नहीं हुआ लेकिन आज जब वह मुझे कुछ दिनों बाद मिल जाती तब मैं पकड़ा गया. ना जाने मैं कैसे उससे नजरे मिलाऊंगा. शादी के बाद भले ही मैं कुछ भी करता लेकिन उन्हें बुरा लगता.

यही सब सोचते हुए मैं काम कर रहा था, समय कब निकल जाता है मुझे पता ही नहीं चलता, शाम हो जाता है, शादी कराने के लिए पंडित भी आ जाता है, कुछ देर में दादाजी भी आ जाता है उन्होंने एक शेरवानी और धोती पहना था.

शादी में किसी के घर से भी कोई मेहमान नहीं आया था बस गांव के ही लोग मौजूद था मुझे जैसे ही मां का ख्याल आता है मैं उन्हें इधर-उधर देखने लगता हूं लेकिन वह कहीं भी नहीं थी और ना ही वहां पर पापा थे.

कुछ देर बाद जब पंडित वधु को बुलाता है तब मां और बाकी गांव की महिलाएं एक कमरे से बाहर आती है और जाकर अपने अपने जगह पर बैठ जाती है मां जब कमरे से बाहर आती है तब मैं भीड़ में छुप जाता हूं ताकि वह मुझे देख ना सके.

मां शादी के जोड़े में काफी सुंदर लग रही थी पूरा शरीर सोने के गहनों से ढका हुआ था मैं समझ जाता हूं ये गहनों देने वाला मेरा दादाजी है. वह अपने पूरे जीवन की कमाई को मां के ऊपर लुटा चुका था.

मां को तड़ने वाला सिर्फ में एक नहीं था गांव के सारे मर्दों उसे ही ताड़ रहा था, यहां तक कि मंडप पर बैठे सारे मर्द मेरी मां को ही हसरत भरी निगाहों से देख रहा था.

1 घंटे बाद मां और दादा जी की शादी हो जाता है और सब कोई अपने अपने घर जाने लगता है, मैं पहले निकल जाता हूं ताकि मुझे मां से आंखें ना मिलाना पड़े.

और वैसे भी आधे दिन से मैं वही पर था मुझे घर जाकर दादाजी और मां का सुहागरात को देखने की तैयारी भी करना था
 

sunoanuj

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Bhaut hee jabardast update.. mitr updates thore se bade karo aisa lagta hai kuch adhura rah gaya…
 

Mass

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जब मैं घर वापस आता हूं तो मुझे घर में ना ही दादाजी और ना ही मां दिखाई देती है तभी मुझे पानी गिरने का आवाज सुनाई देता है जिसे सुन मैं समझ जाता हूं कि जरूर मां नहा रही होगी.

हमारा आंगन बहुत बड़ा है वही एक कोने में चापाकल बना हुआ था चापाकल को पापा ने कुछ पुराने कपड़ों से चारों ओर से ढक दिया था ताकि अंदर मां नहा सके.

पानी के आवाज को सुन मेरा मन बहक जाता है, मुझे मां को नहाती हुई देखने का मन करने लगता है और ऊपर से घर में भी कोई नहीं था, में जा के घर का मेन गेट बंद कर देता हूं ताकि कोई अचानक अंदर ना आ सके.

मैंने पहले ही चापाकल के चार और बंदे कपड़े को एक जगह से फाड़ दिया था जहां से मैं हमेशा मां को नहाते हुए देखता हूं, मैं हमेशा जहां से मां को नहाते हुए देखता हूं मैं उसी जगह चला जाता हूं और अंदर मां को नहाते हुए देख नहीं लगता हूं.

मां ने अभी तक नहाना शुरू नहीं किया था वो एक पत्थर पर बैठे हुए थे और अपने साया पेटीकोट को अपने कमर पर चढ़ा लिया था जिसे मुझे मां का चुत साफ दिखाई दे रहा था.



मां आपने हाथ से चुत के ऊपर पानी डाल उसे अच्छे से धो रही थी



और उसके बाद वो अपने चुत पर अच्छे से साबुन लगाती है



उसके बाद वो अपने चुत के सामने एक आईना रख देती है



मैं समझ जाता हूं मां अपने चुत के बाल को साफ करने वाली है मुझे थोड़ा सा हैरानी होता है क्योंकि 10 दिन पहले ही उन्होंने अपने चुत के बाल को अच्छे से साफ किया था अभी उसके चुत पर ना के बराबर बाल था. फिर भी ना जाने क्यों वह अपने चुत के बाल को क्यों साफ कर रही थी.

जहां वो एक बार चुत के बाल को साफ करने के बाद दोबारा तभी साफ करती है जब पापा उसे कहते हैं, तभी मेरे दिमाग की घंटी बजती है और मैं समझता हूं कि मां आपने छूट के बाल को क्यों साफ कर रही है

सच में औरतों को समझ पाना बहुत मुश्किल है जहां कल रात तक मां पापा से चुद रही थी वही अभी अपने ससुर के लिए अपनी चुत के बाल को साफ कर रही थी.

चुत के सामने आईना रखने के बाद माँ ब्लेड उठाती है और अपने चुत के बाल को छिलने लगती है. वह आईने को देखते हुए आपने मुलायम चुत को काफी सावधानी और अच्छे से साफ करने लगती है.



आह्ह मां अपनी चुत के बाल को साफ करते हुए काफी प्यारी लग रही हैं मन कर रहा था अंदर जाकर उसे जीभर के प्यार करूं.



कहानी के रिव्यु को देख लग रहा है कि किसी को कहानी पसंद नहीं आ रहा

1 घंटे बाद एक और अपडेट आ जाएगा
story and theme is good bhai...dadi and phir biwi...but problem hain ki aapki story adhoori reh jaati hain..hope is baar is sexy story ko aap poora karoge..thank you.
 

Abhi32

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Super update bro
तभी ना जाने कौन मादरचोद आके दरवाजे को पीटने लगता है. अचानक शोर के कारण में डर जाता हूं. मां को पता नहीं था कि मैं घर वापस आ चुका हूं इसीलिए दरवाजे पर कौन है यह देखने के लिए मां अपने जगह पर से उठने लगती है.

मां को उठता देख मेरे मुंह से अचानक निकल जाता है - मां तुम रहने दो मैं देख लूंगा.

ये मैंने क्या बोल दिया मैं अपनी गलती को समझता उससे पहले ही मां समझ जाती है कि मैं कहां हूं. इसका अहसास होते ही मां तुरंत अपने साया से अपनी चुत को ढक लेती है और झुक के मुझे छेद से देख लेती है.

जैसे कि हम दोनों की आंखें आपस में मिलती है मैं वहीं पर जम जाता हूं मां की आंखों को देख मेरा दिल जोरो से धड़कने लगता है.

मां को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं वहां क्या कर रहा हूं उनके लिए इस बात को मानना नामुमकिन था कि उसका जान से ज्यादा प्यारा बेटा उसे नहाते हुए देख रहा है.

काफी लंबे समय तक हम दोनों एक दूसरे को देखने के अलावा और कुछ नहीं करते तभी दरवाजे पर फिर से आवाज आता है और मैं होश में आ जाता हूं और वहां से तुरंत भाग जाता हूं जब जाकर दरवाजा खोलता हूं तो देखता हूं कि बाहर गांव के कुछ लड़के खड़े थे मन तो कर रहा था सबको खूब गाली दूं लेकिन मैं खुद पर काबू रखते हुए केहता हूं - क्या हुआ तुम लोग यहां क्या कर रहे हो.

तभी उसमें से एक लड़का कहता है - क्या दिन भर अपनी मां के पेट में घुसा रहता है चला जाना नहीं मुखिया जी के घर अपनी मां का मड़वा सजाने.

उसके बात को सुन सब लोग हंसने लगता है मन तो कर रहा था एक घुसा लगा दूं उसके नाक पर, लेकिन अपने खराब वक्त को देखते हुए उसके साथ चला जाना ही मैं ठीक समझता हूं और वहां से चला जाता हूं.

घर से सीधा में मुखिया जी के घर चला जाता हूं, जहां उनके घर के बगल में ही एक बड़ा सा पंडाल बन रहा था, उसे के अंदर कई सारे छोटे मंडप बनाया जाएगा और उसी में सबका शादी होगा.

मुझे बहुत बुरा लग रहा था इतने सालों से मां को मेरे ऊपर कभी शक नहीं हुआ लेकिन आज जब वह मुझे कुछ दिनों बाद मिल जाती तब मैं पकड़ा गया. ना जाने मैं कैसे उससे नजरे मिलाऊंगा. शादी के बाद भले ही मैं कुछ भी करता लेकिन उन्हें बुरा लगता.

यही सब सोचते हुए मैं काम कर रहा था, समय कब निकल जाता है मुझे पता ही नहीं चलता, शाम हो जाता है, शादी कराने के लिए पंडित भी आ जाता है, कुछ देर में दादाजी भी आ जाता है उन्होंने एक शेरवानी और धोती पहना था.

शादी में किसी के घर से भी कोई मेहमान नहीं आया था बस गांव के ही लोग मौजूद था मुझे जैसे ही मां का ख्याल आता है मैं उन्हें इधर-उधर देखने लगता हूं लेकिन वह कहीं भी नहीं थी और ना ही वहां पर पापा थे.

कुछ देर बाद जब पंडित वधु को बुलाता है तब मां और बाकी गांव की महिलाएं एक कमरे से बाहर आती है और जाकर अपने अपने जगह पर बैठ जाती है मां जब कमरे से बाहर आती है तब मैं भीड़ में छुप जाता हूं ताकि वह मुझे देख ना सके.

मां शादी के जोड़े में काफी सुंदर लग रही थी पूरा शरीर सोने के गहनों से ढका हुआ था मैं समझ जाता हूं ये गहनों देने वाला मेरा दादाजी है. वह अपने पूरे जीवन की कमाई को मां के ऊपर लुटा चुका था.

मां को तड़ने वाला सिर्फ में एक नहीं था गांव के सारे मर्दों उसे ही ताड़ रहा था, यहां तक कि मंडप पर बैठे सारे मर्द मेरी मां को ही हसरत भरी निगाहों से देख रहा था.

1 घंटे बाद मां और दादा जी की शादी हो जाता है और सब कोई अपने अपने घर जाने लगता है, मैं पहले निकल जाता हूं ताकि मुझे मां से आंखें ना मिलाना पड़े.

और वैसे भी आधे दिन से मैं वही पर था मुझे घर जाकर दादाजी और मां का सुहागरात को देखने की तैयारी भी करना था
 
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Smoker king

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story and theme is good bhai...dadi and phir biwi...but problem hain ki aapki story adhoori reh jaati hain..hope is baar is sexy story ko aap poora karoge..thank you.
New new kahani likhne ke karan Pichhli do kahani ko pura nahi kar paya lekin is kahani ko jaroor pura karunga
 
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