सौंदर्या ने आंखे खोली तो उसे कमरे में कोई नहीं दिखा। वो बैठ गई और अपने मोबाइल की तरफ देखा तो उसमें नेटवर्क ही नहीं थे।
उसे समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे, कमरे में कोई खिड़की तक नहीं थी। वो उदास होकर बैठ गई और बचने के बारे में उपाय सोचने लगी।
तभी एक झटके के साथ दरवाजा खुल गया और मनोज के साथ शेरा भी अंदर दाखिल हुआ। उनके मुंह से दारू की तेज बदबू अा रही थी और नशे के कारण दोनो की आंखे लाल सुर्ख हो गई थी। दोनो सौंदर्या को घूर रहे थे जिससे सौंदर्या बुरी तरह से डर गई थी।
मनोज:" शेरा यार पहले मैं इसे आज कली से फूल बनाता हूं और बाद में तुम इसका मजा लेना।
शेरा: ठीक है , जैसे आपको ठीक लगे, लेकिन मैं आराम से नहीं बैठ कर नहीं देख सकता, कुछ ना कुछ तो मैं भी इसके साथ करता रहूंगा।
शेरा ने सौंदर्या की चूचियों को घूरते हुए कहा तो सौंदर्या के चेहरे पर डर उमड़ आया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े।
मनोज:" क्या यार ये तो पहले ही डर गई है। ऐसे कैसे काम चलेगा सौंदर्या मेरी जान। अब तो तुम्हे आखिरी सांस तक यहीं रहकर चुदना होगा।
इतना कहकर मनोज हंस पड़ा तो शेरा भी हंसने लगा। दोनो को जानवर की तरह हंसते देख कर सौंदर्या की रुलाई छूट गई और वो जोर जोर से रोते हुए बोली:
" मनोज मुझे छोड़ दो, मेरे साथ ये सब मत करो, मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। मैं तो पहले से ही मांगलिक हूं।
मनोज:" अरे मेरी जान, बर्बाद नहीं तेरी ज़िन्दगी आबाद कर रहा हूं। लंड मिल जाएगा तुझे आज जिसके लिए तू तड़प रही है।
सौंदर्या:" नहीं, मुझे नहीं चाहिए कुछ भी, भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। तरस खाओ मुझ पर तुम भाई।
मनोज ने उसकी एक नहीं सुनी और टीवी को शुरू कर दिया और एक एडल्ट फिल्म शुरू कर दी और बोला:*
" मेरे सामने तुम्हे शर्म आएगी और तुम देख नहीं पाओगे, नहीं देखोगी तो गर्म कैसे होगी तुम, मैं थोड़ी देर बाद अंदर आऊंगा जब तक तुम्हारी चूत भीग गई होगी मेरी जान।
इतना कहकर मनोज बाहर चला गया और उसके पीछे पीछे ही शेरा भी अा गया जबकि सौंदर्या पीछे टीवी बंद करने के लिए बोलती रह गई। सौंदर्या डर गई थी और उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। आखिरकार उसका ध्यान अपने आप ही टीवी पर चला गया जिसमें एक लड़का अपनी भाभी पर लाइन मार रहा था और भाभी भी उसे खुलकर भाव दे रही थी ।
वहीं अजय ने रामू से सब कुछ मालूम किया तो पता चला कि कल रामू को कपडे धोते समय अज्जू भाई का मास्क मिल गया था जिससे उसे पता चल गया कि अजय ही अज्जु भाई है। इतना सब कुछ जान लेने के बाद उसकी गाड़ी तेजी से दौड़ती हुई खंडर की तरफ चल पड़ी। कच्चे रास्ते पर आते ही उसने गाड़ी को बंद कर दिया और उसे सामने खंडर नजर आया तो रामू को गाड़ी से बाहर निकाला और उसकी कमर के ठीक पीछे एक बंदूक लगाई और सड़क पर चल पड़ा। रामू किसी यंत्र चालित मशीन की तरह उसके इशारे पर चलता रहा क्योंकि वो जानता था कि अगर उसने कुछ भी होशियारी दिखाई तो अजय गोली चला देगा।
अजय को आगे मुड़कर सिर्फ पेड़ो का एक झुंड ही नजर आया और वो समझ गया कि ये ही मनोज और उसके गुण्डो का अड्डा हो सकता है। अजय ने धीरे धीरे सावधानी पूर्वक अपने कदम आगे बढ़ाए और वो जल्दी ही उसे एक सूखा हुआ पेड़ नजर आया जिसके पीछे अंदर खंडर में जाने का रास्ता था।
मनोज ने साइड में लगा बटन दबा दिया और आगे एक दरवाजा नजर आया और देखते ही देखते दरवाजे के हॉल से दो काली आंखे नजर अाई और उन्होंने मनोज को पहचान कर दरवाजा खोल दिया क्योंकि मनोज के बराबर में खड़ा हुआ अजय उन्हें नजर नहीं आया था।
दरवाजे के खुलते ही मनोज एक झटके के साथ अंदर गिरा और अजय तेजी से अपने घुटनों के बल झुका और गार्ड के कुछ समझने से पहले ही अजय की उंगली हिली और अगले ही पल गार्ड की लाश फर्श पर पड़ी नजर आईं।
अजय अंदर घुस गया और उसने बिना देर किए मनोज को गर्दन से पकड़ा और उंगली से उसकी नस दबाई तो मनोज बेहोश होता चला गया। अजय ने गार्ड के कपडे पहने और मनोज को को एक कोने में फेंक दिया और अन्दर बढ़ गया।
अजय को आश्चर्य हो रहा था क्योंकि अंदर सिर्फ टूटी फूटी दीवारें ही थी और उसे अभी तक कोई नजर नहीं आया था। उसके गांव के पास के जंगल में ऐसा खुफिया अड्डा भी हो सकता है उसने सपने में भी नहीं सोचा था। अजय को तभी कुछ आवाजे सुनाई दी तो वो दीवार के पीछे छुप गया और सामने से उसे एक गार्ड आता दिखाई दिया जो शायद सुरक्षा का जायजा लेने आया था।
अजय ने उस पर चीते की फुर्ती से वार किया और देखते ही देखते उसकी लाश पड़ी हुई नजर आईं। अजय उसी दिशा में बढ़ गया जिधर से वो गार्ड अाया था। अजय ने देखा कि गार्ड के गले में चाबियो का एक छल्ला लटका हुआ था जिसमें कुछ चाबिया थी अजय ने वो लिया और आगे बढ़ गया। अजय थोड़ा आगे पहुंचा तो एक दरवाजा नजर आया जिस पर ताला लगा हुआ था। अजय ने ताली लगाई और देखते ही देखते दरवाजा खुल गया और उसे नीचे की तरफ सीढ़ियां जाती हुई नजर आईं और और अजय बिना एक पल की भी देरी किए हुए नीचे उतरता चला गया। अजय की आंखे हैरानी से खुली रह गई। अंदर एक बहुत ही खूबसूरत महल जैसा बना हुआ था और उसे उपर खुला आसमान नजर आया। अजय को अपनी आंखो पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था जो वो देख रहा है क्या हकीकत है।
अजय ने सपने में भी नहीं सोचा था कि बेजान सी पड़ी हुई खंडहर इमारत के अन्दर इतना शानदार अड्डा भी हो सकता है।
अजय सावधानीपूर्वक आगे बढ़ गया और धीरे धीरे इमारत के पीछे की तरफ अा गया और पाइप के सहारे उपर चढ़ गया और देखा कि एक गुंडा छत पर बैठा हुआ दारू पी रहा था तो अजय ने उस पहरा दे रहे गुंडे पर घात लगाकर हमला किया और उसकी गर्दन तोड़ दी। बेचारा गुंडा इससे पहले की कुछ समझ आता उसकी ज़िन्दगी खत्म हो गई। अजय ने उसकी लाश को एक तरफ किया और सीढ़ियों से होता हुआ नीचे की तरफ चल पड़ा।
वहीं मनोज और शेरा दोनो दारू के पैग लगा रहे थे और उनके पास की करीब चार से पांच गुंडे और बैठे हुए थे जो शायद इस इन्तजार में थे कि कब ये दोनो सौंदर्या पर को लूटे और उसके बाद हमारा नंबर आए।
मनोज;" क्या बोलते हो शेरा ? अब तक तो बेचारी वीडियो देख देख कर गर्मा गई होगी।
शेरा के होंठो पर मुस्कान थिरक उठी और बोला:" बिल्कुल साहब, काफी देर हो गई और वो तो होगी भी कुंवारी ही क्योंकि संस्कारी जो ठहरी। लेकिन अभी गर्म हो गई होगी, थोड़ी देर शुरू में आना कानी करेगी लेकिन इसके बाद खुद ही मस्ती करेगी।
इतना कहकर वो हंस पड़ा तो सारे लोग जोर जोर से हंसने लगे और मनोज उठकर अंदर की तरफ चल पड़ा।
अंदर सौंदर्या वीडियो को देखकर अपनी आंखे बंद कर ली थी लेकिन टीवी से आती कामुक सिसकियां उसके ना चाहते हुए भी उसके जिस्म पर अपना असर छोड़ रही थी। सौंदर्या के चेहरे का रंग बदलता जा रहा था और आंखों में लाली अा गई थी। सौंदर्या अंदर ही अंदर बुरी तरह से कांप रही थी कि अब उसका क्या होगा? लेकिन उसे अभी भी अपने बचने की एक उम्मीद नजर आ रही थी और वो था उसका अपना भाई अजय।
रोशनी मनोज की बहन इस वक़्त वहीं इमारत में एक आलीशान कमरे के अंदर मात्र पेंटी ब्रा में सोई हुई थी और उसकी आंखे खुली तो उसने अपने सामने रखी हुई दारू की बोतल को उठाया और गटागट पीने लगी। उसने जोर से आवाज लगाई तो एक गुंडा तेजी से अंदर अाया और उसकी नजर रोशनी के बूब्स पर चली गई लेकिन फिर नजरे चुरा कर बोला:"
" अच्छा हुआ मैडम आप उठ गई, आपके लिए एक खुशखबरी हैं।
रोशनी उसे घूरते हुए बोली;" साले, मेरे आंखे फाड़ फाड़ कर क्या देख रहा है
वो कांप उठा और बोला:" मैडम कुछ नहीं, मुझे माफ़ कर दीजिए। वो सौंदर्या पकड़ी गई और अंदर कमरे में बंद हैं।
रोशनी के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने उस गुंडे को इशारे से अपने पास आने का इशारा किया तो वो डरते डरते उसके पास पहुंच गया और नजरे झुका कर खड़ा हो गया। रोशनी ये सब देखकर स्माइल करते हुए बोली:"
" थोड़ी देर पहले तो मुझे घूर रहा था तू और अब क्या हिजड़े की तरह नजरे झुकाए खड़ा हुआ है।
गुंडा उसके कदमों पर गिर पड़ा और रोते हुए बोला:"
" मुझे माफ कर दीजिए। अनजाने में मेरा ध्यान चला गया, आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।
रोशनी ने एक अदा के साथ अपने हाथ को पीछे ले जाते हुए अपने ब्रा को खोल दिया और उस ब्रा को उसने गुंडे के गले में फंसा कर उसे उपर उठाया और बोली:
" ले देख ले मेरी चूचियों को, तेरे लिए मेरी तरफ से आज का तोहफा, तूने दिल खुश कर दिया सौंदर्या के बारे में बताकर।
गुंडे ने शर्म से मारे अपने आंखे बंद कर ली तो रोशनी ने उसके हाथ पकड़ लिए अपने बूब्स पर रख दिए तो गुंडा डर और घबराहट के मारे बेहोश हो गया। रोशनी उसकी हालत पर जोर जोर से हंसने लगी और बाथरूम में नहाने के लिए घुस गई।
मनोज जैसे ही कमरे के अंदर घुसा तो डर के मारे सौंदर्या की आंखे खुल गई और उसने मनोज को अपने सामने देखा तो डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई। मनोज ने उसकी तरफ एक बार ध्यान से देखा और उसकी तेजी से चलती हुई सांसे, बड़ी बड़ी लाल हो चुकी आंखे देखकर समझ गया था कि सौंदर्या अब मस्ती में अा गई है।
मनोज: सौंदर्या आखिरकार आज तुम मेरे नीचे अा ही जाओगी। कितना तड़पा हुआ तुम्हारे किए।
सौंदर्या: नहीं मनोज, देखो ऐसा कुछ मत करना, मुझे जाने दो। नहीं तो तुम्हारा अंजाम बहुत बुरा होगा,अजय तुम्हे छोड़ेगा नहीं।
मनोज:" मेरा छोड़ और अपनी फिक्र कर मेरी जान, आज तुझे कली से फूल बना दूंगा। मसल दूंगा तेरी जवानी को। देख तेरी ये मदमस्त चूचियां कैसे तड़प तड़प कर उछल उछल पड़ रही है। हाय दिखा दे ना अपनी ये ज़ालिम चूचियां मुझे।
सौंदर्या अंदर से दर गई थी लेकिन हिम्मत करते हुए बोली:"
" कमीने तुझे शर्म नहीं आती। ऐसी बाते अपनी बहन से करता तो तुझे पता चलता।
तभी साइड से एक कमरे का गेट खुला और रोशनी एक काले रंग की छोटी ड्रेस पहने हुए हाथ में सिगरेट के कश लगाती हुई कमरे के अंदर दाखिल हुई और बोली:"
" करी थी मेरी जान सबसे पहले मुझसे मुझसे ही करी थी और मैंने अपनी अपनी चूचियों को दिखा दिया था क्योंकि अगर अपने सगे भाई को नहीं दिखाऊंगी तो और किसे दिखाऊंगी।
इतना कहकर उसने अपनी ड्रेस को उपर उठा दिया और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी होकर लहरा उठी।
सौंदर्या की आंखे खुली की खुली रह गई। उफ्फ कमीनी ने कैसे अपने भाई के आगे अपनी चूचियों को नंगा कर दिया।
मनोज:" मिल गया तुझे जवाब, चल अब जल्दी से दिखा दे मुझे अपने है मस्ती भरे अमृत कलश।
सौंदर्या को काटो तो खून नहीं, उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। तभी रोशनी थोड़ा आगे हुई और बोली:"
" ओह भाई मेरी चूचियां देख ले ना फिर से, इससे जरा भी कम नहीं है। और चूचियां छोड़ तुझे अपनी चूत ही दिखा देती हूं।
इतना कहकर वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपनी दोनो टांगो को खोलते हुए मनोज के सिर को अपनी टांगो के घुसा दिया।
मनोज के होठ अपने आप उसकी चूत पर जा लगे और रोशनी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।
मनोज ने अपने जीभ को उसकी चूत के होंठो पर घुमाया तो रोशनी मस्ती से सिसक उठी
" भाई उफ्फ चूस ना मेरी चूत को ऐसे ही, फिर तुझे आज सौंदर्या की चूत भी मिलेगी।
सौंदर्या के मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और वो बिना पलके झपकाए रोशनी के मुंह को देख रही थी जिसकी दोनो आंखें इस समय मस्ती से बंद थी।
वहीं दूसरी तरफ अजय सीढ़ियों से नीचे उतरा और उसने बाहर बैठे दोनो गुण्डो को मौत के घाट उतार दिया। तभी अंदर से दारू लेने के एक गुंडा बाहर की तरफ निकला और वो भी मौत को प्यारा हो गया।
मनोज ने धीरे से अन्दर झांका तो उसे शेरा और उसके साथ दो आदमी दिखाई दिए। शेरा इस वक़्त नशे में चूर था और दोनो गुण्डो बैठ कर दारू पी रहे थे। अजय ने सावधानी से आगे बढ़ा और उसने अपनी जेब से एक तेज धार वाला चाकू निकाला और बिना समय गंवाए हमला किया तो एक गुंडे की गर्दन फर्श पर पड़ी हुई थी वहीं दूसरा फुर्ती से उठा लेकिन अजय ने उससे कहीं ज्यादा फुर्ती से उसकी गर्दन को काट दिया और उसकी दर्द भरी आह सुनकर शेरा की आंखे खुल गई और उसने अजय पर हमला किया लेकिन अजय तेजी से झुकते हुए उसके वार को बचा गया और उल्टा होते हुए शेरा को जमीन पर गिरा दिया और उसके मुंह पर हाथ रखते हुए उसके टट्टे पर जोरदार लात जड़ दी तो शेरा दर्द के मारे बेहोश हो गया और अजय ने अगले ही पल उसकी गर्दन तोड़ दी।
अजय ने अब जैसे ही दरवाजे को खोला तो उसे उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। नशे में धुत मनोज अपनी सगी बहन की चूत चाट रहा था और सौंदर्या दोनो को बड़ी उत्सुकता के साथ देख रही थी। सौंदर्या की नजर जैसे ही अपने भाई पर पड़ी तो उसकी जान में जान अा गई और उसने एक जोरदार धक्का कुर्सी पर बैठी हुई रोशनी को दिया और रोशनी के साथ साथ उसकी टांगो के बीच में फंसा हुआ मनोज भी फर्श पर गिर पड़ा और दोनो के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी।
दोनो ने उपर की तरफ देखा तो सौंदर्या के साथ अजय खड़ा नजर आया। मनोज को अपनी आंखो पर जैसे यकीन ही नहीं हुआ और उसने जोर जोर से अपने गुण्डो को आवाज लगाई लेकिन कोई अंदर नहीं आने वाला था।
अजय:" तेरे सारे लोगों को मैनें जहन्नुम में भेज दिया और अब तुम्हारी बारी है ।
मनोज खड़ा हुआ और उसने अजय अपने हमला किया तो अजय ने उसके हाथ को पकड़ लिया और उठकर दीवार पर पटक दिया तो उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसके मुंह से दर्द भरी चींखें निकल पड़ी।
रोशनी ने अपने भाई की ये हालत देखकर अजय पर छलांग लगा दी लेकिन फुर्तीला अजय सामने से हट गया और रोशनी का सिर सीधे दीवार से जा टकराया और फट गया तो रोशनी का जिस्म एक झटके के साथ अजय के उपर गिरा और अजय फिर से दर्द से कराह उठा क्योंकि रोशनी के गिरने से उसकी पसलियां टूट गई थी। अजय आगे बढ़ते हुए उसके पास बैठ गया और बोला:"
" हरामजादे मेरी बहन पर नजर उठाने से पहले तुझे सोचना चाहिए था कि सौंदर्या मेरी इकलौती बहन है और मेरी जान है कुत्ते वो।
अजय ने इतना कहकर उसकी गर्दन को पकड़ा और तोड़ दिया। बेचारा ठीक से चींखें भी नहीं सका।
सौंदर्या दौड़ती हुई अपने भाई के गले लग गई और जल्दी ही दोनो भाई बहन वहां से निकल पड़े। प्लान के मुताबिक सौंदर्या सीधे पुलिस स्टेशन गई और बताया कि दारू पीकर सभी लोग आपस में लड़ पड़े और मौका उठाकर वो भाग अाई।
पुलिस ने अड्डे पर हमला किया लेकिन वहां सिर्फ लाशे बरामद हुई और बहुत सारे हथियार।
सौंदर्या अपने भाई के साथ घर अा गई और उसकी मा ने उसे देखते ही गले से लगा लिया।