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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

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yeh saundarya bhi bari tej hain un dono ko bahar bhijwa kar aaram se akele tv dekh rahi hain... devar ne line fenk ke mara bhabhi pe bhabhi chotil...

ajay ke bhi galti hain usse wo mask ghar mein nahin rakhna chahiye tha... wo ek mask ne aaj uski behen kee izzat khatre mein daal dee... agar iske pahunchne tak wahan bhabhi aur dewar ne kaam shuru kar diya toh yeh sala pura bf miss kar jayega... toh phir khandhar mein jaane ka kya fayda...

waie iss adde ko banane mein kaaif kharcha aaya hoga akhir uss manoj ke paap ka mahal tha yeh.... zahir hain banane waale ko bhi shehjahan kee tarah isne ga##d katwa diye honge... waise itna jyada kharcha aur suraksha isko gopniye banaye rakhne ke liye kari thee kya idhar cctv (dekh lo unique bhaiya phir se cctv pe aa raha hoon.. abkee baar batao kee cctv kyun nahin tha) nahin lagaya hain... agar hain toh ajay in action kisi ko dikha kyun nahin..

bechari saundarya bf kaun sunta hain bhala... are janti thee kee bhai aayega hi tab tak bf dekh leti...

waise yeh saundarya ke pakre jaane se raushani kyun khus hain kaheen saundarya se bra toh nahin dhulwayegi... ab idhar toh shab launde hi hain kisi launde ko degi toh saale usme kasrat kar ke chhor denge...

jaise hi saundarya ne ajay ko dekh uski jaan mein jaan aaye... kab se bechari raushani ko dekh rahi thee apne bhai ke saath... ab wo bhi dikhayegi kee ek uska hi bhai nahin hain iska bhi bhai bahut bara tharkee hain jo usko pehle bhi sui chubha chuka hain...

well saundary ke dil mein apne bhai ke liye izzat aur tharak dono badh gayee hogi... akhir aise aise rasleela jo dekha hain usne... lekin manoj ko ajay ne mara hain yeh khabar kaheen uske baap tak pahunchi toh jaroor ek naya dushman khara ho jayega...


अड्डा बनाने वाले के मनोज ने शाहजहां कि तरह हाथ नहीं गा... ड काट दी होगी।

ये बहुत मस्त लगा।
 

parkas

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सौंदर्या ने आंखे खोली तो उसे कमरे में कोई नहीं दिखा। वो बैठ गई और अपने मोबाइल की तरफ देखा तो उसमें नेटवर्क ही नहीं थे।

उसे समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे, कमरे में कोई खिड़की तक नहीं थी। वो उदास होकर बैठ गई और बचने के बारे में उपाय सोचने लगी।

तभी एक झटके के साथ दरवाजा खुल गया और मनोज के साथ शेरा भी अंदर दाखिल हुआ। उनके मुंह से दारू की तेज बदबू अा रही थी और नशे के कारण दोनो की आंखे लाल सुर्ख हो गई थी। दोनो सौंदर्या को घूर रहे थे जिससे सौंदर्या बुरी तरह से डर गई थी।

मनोज:" शेरा यार पहले मैं इसे आज कली से फूल बनाता हूं और बाद में तुम इसका मजा लेना।


शेरा: ठीक है , जैसे आपको ठीक लगे, लेकिन मैं आराम से नहीं बैठ कर नहीं देख सकता, कुछ ना कुछ तो मैं भी इसके साथ करता रहूंगा।

शेरा ने सौंदर्या की चूचियों को घूरते हुए कहा तो सौंदर्या के चेहरे पर डर उमड़ आया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े।

मनोज:" क्या यार ये तो पहले ही डर गई है। ऐसे कैसे काम चलेगा सौंदर्या मेरी जान। अब तो तुम्हे आखिरी सांस तक यहीं रहकर चुदना होगा।

इतना कहकर मनोज हंस पड़ा तो शेरा भी हंसने लगा। दोनो को जानवर की तरह हंसते देख कर सौंदर्या की रुलाई छूट गई और वो जोर जोर से रोते हुए बोली:

" मनोज मुझे छोड़ दो, मेरे साथ ये सब मत करो, मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। मैं तो पहले से ही मांगलिक हूं।

मनोज:" अरे मेरी जान, बर्बाद नहीं तेरी ज़िन्दगी आबाद कर रहा हूं। लंड मिल जाएगा तुझे आज जिसके लिए तू तड़प रही है।

सौंदर्या:" नहीं, मुझे नहीं चाहिए कुछ भी, भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। तरस खाओ मुझ पर तुम भाई।

मनोज ने उसकी एक नहीं सुनी और टीवी को शुरू कर दिया और एक एडल्ट फिल्म शुरू कर दी और बोला:*

" मेरे सामने तुम्हे शर्म आएगी और तुम देख नहीं पाओगे, नहीं देखोगी तो गर्म कैसे होगी तुम, मैं थोड़ी देर बाद अंदर आऊंगा जब तक तुम्हारी चूत भीग गई होगी मेरी जान।

इतना कहकर मनोज बाहर चला गया और उसके पीछे पीछे ही शेरा भी अा गया जबकि सौंदर्या पीछे टीवी बंद करने के लिए बोलती रह गई। सौंदर्या डर गई थी और उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। आखिरकार उसका ध्यान अपने आप ही टीवी पर चला गया जिसमें एक लड़का अपनी भाभी पर लाइन मार रहा था और भाभी भी उसे खुलकर भाव दे रही थी ।


वहीं अजय ने रामू से सब कुछ मालूम किया तो पता चला कि कल रामू को कपडे धोते समय अज्जू भाई का मास्क मिल गया था जिससे उसे पता चल गया कि अजय ही अज्जु भाई है। इतना सब कुछ जान लेने के बाद उसकी गाड़ी तेजी से दौड़ती हुई खंडर की तरफ चल पड़ी। कच्चे रास्ते पर आते ही उसने गाड़ी को बंद कर दिया और उसे सामने खंडर नजर आया तो रामू को गाड़ी से बाहर निकाला और उसकी कमर के ठीक पीछे एक बंदूक लगाई और सड़क पर चल पड़ा। रामू किसी यंत्र चालित मशीन की तरह उसके इशारे पर चलता रहा क्योंकि वो जानता था कि अगर उसने कुछ भी होशियारी दिखाई तो अजय गोली चला देगा।

अजय को आगे मुड़कर सिर्फ पेड़ो का एक झुंड ही नजर आया और वो समझ गया कि ये ही मनोज और उसके गुण्डो का अड्डा हो सकता है। अजय ने धीरे धीरे सावधानी पूर्वक अपने कदम आगे बढ़ाए और वो जल्दी ही उसे एक सूखा हुआ पेड़ नजर आया जिसके पीछे अंदर खंडर में जाने का रास्ता था।

मनोज ने साइड में लगा बटन दबा दिया और आगे एक दरवाजा नजर आया और देखते ही देखते दरवाजे के हॉल से दो काली आंखे नजर अाई और उन्होंने मनोज को पहचान कर दरवाजा खोल दिया क्योंकि मनोज के बराबर में खड़ा हुआ अजय उन्हें नजर नहीं आया था।

दरवाजे के खुलते ही मनोज एक झटके के साथ अंदर गिरा और अजय तेजी से अपने घुटनों के बल झुका और गार्ड के कुछ समझने से पहले ही अजय की उंगली हिली और अगले ही पल गार्ड की लाश फर्श पर पड़ी नजर आईं।

अजय अंदर घुस गया और उसने बिना देर किए मनोज को गर्दन से पकड़ा और उंगली से उसकी नस दबाई तो मनोज बेहोश होता चला गया। अजय ने गार्ड के कपडे पहने और मनोज को को एक कोने में फेंक दिया और अन्दर बढ़ गया।

अजय को आश्चर्य हो रहा था क्योंकि अंदर सिर्फ टूटी फूटी दीवारें ही थी और उसे अभी तक कोई नजर नहीं आया था। उसके गांव के पास के जंगल में ऐसा खुफिया अड्डा भी हो सकता है उसने सपने में भी नहीं सोचा था। अजय को तभी कुछ आवाजे सुनाई दी तो वो दीवार के पीछे छुप गया और सामने से उसे एक गार्ड आता दिखाई दिया जो शायद सुरक्षा का जायजा लेने आया था।

अजय ने उस पर चीते की फुर्ती से वार किया और देखते ही देखते उसकी लाश पड़ी हुई नजर आईं। अजय उसी दिशा में बढ़ गया जिधर से वो गार्ड अाया था। अजय ने देखा कि गार्ड के गले में चाबियो का एक छल्ला लटका हुआ था जिसमें कुछ चाबिया थी अजय ने वो लिया और आगे बढ़ गया। अजय थोड़ा आगे पहुंचा तो एक दरवाजा नजर आया जिस पर ताला लगा हुआ था। अजय ने ताली लगाई और देखते ही देखते दरवाजा खुल गया और उसे नीचे की तरफ सीढ़ियां जाती हुई नजर आईं और और अजय बिना एक पल की भी देरी किए हुए नीचे उतरता चला गया। अजय की आंखे हैरानी से खुली रह गई। अंदर एक बहुत ही खूबसूरत महल जैसा बना हुआ था और उसे उपर खुला आसमान नजर आया। अजय को अपनी आंखो पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था जो वो देख रहा है क्या हकीकत है।

अजय ने सपने में भी नहीं सोचा था कि बेजान सी पड़ी हुई खंडहर इमारत के अन्दर इतना शानदार अड्डा भी हो सकता है।

अजय सावधानीपूर्वक आगे बढ़ गया और धीरे धीरे इमारत के पीछे की तरफ अा गया और पाइप के सहारे उपर चढ़ गया और देखा कि एक गुंडा छत पर बैठा हुआ दारू पी रहा था तो अजय ने उस पहरा दे रहे गुंडे पर घात लगाकर हमला किया और उसकी गर्दन तोड़ दी। बेचारा गुंडा इससे पहले की कुछ समझ आता उसकी ज़िन्दगी खत्म हो गई। अजय ने उसकी लाश को एक तरफ किया और सीढ़ियों से होता हुआ नीचे की तरफ चल पड़ा।

वहीं मनोज और शेरा दोनो दारू के पैग लगा रहे थे और उनके पास की करीब चार से पांच गुंडे और बैठे हुए थे जो शायद इस इन्तजार में थे कि कब ये दोनो सौंदर्या पर को लूटे और उसके बाद हमारा नंबर आए।

मनोज;" क्या बोलते हो शेरा ? अब तक तो बेचारी वीडियो देख देख कर गर्मा गई होगी।

शेरा के होंठो पर मुस्कान थिरक उठी और बोला:" बिल्कुल साहब, काफी देर हो गई और वो तो होगी भी कुंवारी ही क्योंकि संस्कारी जो ठहरी। लेकिन अभी गर्म हो गई होगी, थोड़ी देर शुरू में आना कानी करेगी लेकिन इसके बाद खुद ही मस्ती करेगी।

इतना कहकर वो हंस पड़ा तो सारे लोग जोर जोर से हंसने लगे और मनोज उठकर अंदर की तरफ चल पड़ा।

अंदर सौंदर्या वीडियो को देखकर अपनी आंखे बंद कर ली थी लेकिन टीवी से आती कामुक सिसकियां उसके ना चाहते हुए भी उसके जिस्म पर अपना असर छोड़ रही थी। सौंदर्या के चेहरे का रंग बदलता जा रहा था और आंखों में लाली अा गई थी। सौंदर्या अंदर ही अंदर बुरी तरह से कांप रही थी कि अब उसका क्या होगा? लेकिन उसे अभी भी अपने बचने की एक उम्मीद नजर आ रही थी और वो था उसका अपना भाई अजय।

रोशनी मनोज की बहन इस वक़्त वहीं इमारत में एक आलीशान कमरे के अंदर मात्र पेंटी ब्रा में सोई हुई थी और उसकी आंखे खुली तो उसने अपने सामने रखी हुई दारू की बोतल को उठाया और गटागट पीने लगी। उसने जोर से आवाज लगाई तो एक गुंडा तेजी से अंदर अाया और उसकी नजर रोशनी के बूब्स पर चली गई लेकिन फिर नजरे चुरा कर बोला:"

" अच्छा हुआ मैडम आप उठ गई, आपके लिए एक खुशखबरी हैं।

रोशनी उसे घूरते हुए बोली;" साले, मेरे आंखे फाड़ फाड़ कर क्या देख रहा है

वो कांप उठा और बोला:" मैडम कुछ नहीं, मुझे माफ़ कर दीजिए। वो सौंदर्या पकड़ी गई और अंदर कमरे में बंद हैं।

रोशनी के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने उस गुंडे को इशारे से अपने पास आने का इशारा किया तो वो डरते डरते उसके पास पहुंच गया और नजरे झुका कर खड़ा हो गया। रोशनी ये सब देखकर स्माइल करते हुए बोली:"

" थोड़ी देर पहले तो मुझे घूर रहा था तू और अब क्या हिजड़े की तरह नजरे झुकाए खड़ा हुआ है।

गुंडा उसके कदमों पर गिर पड़ा और रोते हुए बोला:"

" मुझे माफ कर दीजिए। अनजाने में मेरा ध्यान चला गया, आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।

रोशनी ने एक अदा के साथ अपने हाथ को पीछे ले जाते हुए अपने ब्रा को खोल दिया और उस ब्रा को उसने गुंडे के गले में फंसा कर उसे उपर उठाया और बोली:

" ले देख ले मेरी चूचियों को, तेरे लिए मेरी तरफ से आज का तोहफा, तूने दिल खुश कर दिया सौंदर्या के बारे में बताकर।

गुंडे ने शर्म से मारे अपने आंखे बंद कर ली तो रोशनी ने उसके हाथ पकड़ लिए अपने बूब्स पर रख दिए तो गुंडा डर और घबराहट के मारे बेहोश हो गया। रोशनी उसकी हालत पर जोर जोर से हंसने लगी और बाथरूम में नहाने के लिए घुस गई।

मनोज जैसे ही कमरे के अंदर घुसा तो डर के मारे सौंदर्या की आंखे खुल गई और उसने मनोज को अपने सामने देखा तो डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई। मनोज ने उसकी तरफ एक बार ध्यान से देखा और उसकी तेजी से चलती हुई सांसे, बड़ी बड़ी लाल हो चुकी आंखे देखकर समझ गया था कि सौंदर्या अब मस्ती में अा गई है।

मनोज: सौंदर्या आखिरकार आज तुम मेरे नीचे अा ही जाओगी। कितना तड़पा हुआ तुम्हारे किए।

सौंदर्या: नहीं मनोज, देखो ऐसा कुछ मत करना, मुझे जाने दो। नहीं तो तुम्हारा अंजाम बहुत बुरा होगा,अजय तुम्हे छोड़ेगा नहीं।

मनोज:" मेरा छोड़ और अपनी फिक्र कर मेरी जान, आज तुझे कली से फूल बना दूंगा। मसल दूंगा तेरी जवानी को। देख तेरी ये मदमस्त चूचियां कैसे तड़प तड़प कर उछल उछल पड़ रही है। हाय दिखा दे ना अपनी ये ज़ालिम चूचियां मुझे।

सौंदर्या अंदर से दर गई थी लेकिन हिम्मत करते हुए बोली:"

" कमीने तुझे शर्म नहीं आती। ऐसी बाते अपनी बहन से करता तो तुझे पता चलता।

तभी साइड से एक कमरे का गेट खुला और रोशनी एक काले रंग की छोटी ड्रेस पहने हुए हाथ में सिगरेट के कश लगाती हुई कमरे के अंदर दाखिल हुई और बोली:"

" करी थी मेरी जान सबसे पहले मुझसे मुझसे ही करी थी और मैंने अपनी अपनी चूचियों को दिखा दिया था क्योंकि अगर अपने सगे भाई को नहीं दिखाऊंगी तो और किसे दिखाऊंगी।

इतना कहकर उसने अपनी ड्रेस को उपर उठा दिया और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी होकर लहरा उठी।

सौंदर्या की आंखे खुली की खुली रह गई। उफ्फ कमीनी ने कैसे अपने भाई के आगे अपनी चूचियों को नंगा कर दिया।


मनोज:" मिल गया तुझे जवाब, चल अब जल्दी से दिखा दे मुझे अपने है मस्ती भरे अमृत कलश।

सौंदर्या को काटो तो खून नहीं, उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। तभी रोशनी थोड़ा आगे हुई और बोली:"

" ओह भाई मेरी चूचियां देख ले ना फिर से, इससे जरा भी कम नहीं है। और चूचियां छोड़ तुझे अपनी चूत ही दिखा देती हूं।

इतना कहकर वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपनी दोनो टांगो को खोलते हुए मनोज के सिर को अपनी टांगो के घुसा दिया।

मनोज के होठ अपने आप उसकी चूत पर जा लगे और रोशनी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।



download-20210811-231513मनोज ने अपने जीभ को उसकी चूत के होंठो पर घुमाया तो रोशनी मस्ती से सिसक उठी

" भाई उफ्फ चूस ना मेरी चूत को ऐसे ही, फिर तुझे आज सौंदर्या की चूत भी मिलेगी।

सौंदर्या के मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और वो बिना पलके झपकाए रोशनी के मुंह को देख रही थी जिसकी दोनो आंखें इस समय मस्ती से बंद थी।

वहीं दूसरी तरफ अजय सीढ़ियों से नीचे उतरा और उसने बाहर बैठे दोनो गुण्डो को मौत के घाट उतार दिया। तभी अंदर से दारू लेने के एक गुंडा बाहर की तरफ निकला और वो भी मौत को प्यारा हो गया।

मनोज ने धीरे से अन्दर झांका तो उसे शेरा और उसके साथ दो आदमी दिखाई दिए। शेरा इस वक़्त नशे में चूर था और दोनो गुण्डो बैठ कर दारू पी रहे थे। अजय ने सावधानी से आगे बढ़ा और उसने अपनी जेब से एक तेज धार वाला चाकू निकाला और बिना समय गंवाए हमला किया तो एक गुंडे की गर्दन फर्श पर पड़ी हुई थी वहीं दूसरा फुर्ती से उठा लेकिन अजय ने उससे कहीं ज्यादा फुर्ती से उसकी गर्दन को काट दिया और उसकी दर्द भरी आह सुनकर शेरा की आंखे खुल गई और उसने अजय पर हमला किया लेकिन अजय तेजी से झुकते हुए उसके वार को बचा गया और उल्टा होते हुए शेरा को जमीन पर गिरा दिया और उसके मुंह पर हाथ रखते हुए उसके टट्टे पर जोरदार लात जड़ दी तो शेरा दर्द के मारे बेहोश हो गया और अजय ने अगले ही पल उसकी गर्दन तोड़ दी।

अजय ने अब जैसे ही दरवाजे को खोला तो उसे उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। नशे में धुत मनोज अपनी सगी बहन की चूत चाट रहा था और सौंदर्या दोनो को बड़ी उत्सुकता के साथ देख रही थी। सौंदर्या की नजर जैसे ही अपने भाई पर पड़ी तो उसकी जान में जान अा गई और उसने एक जोरदार धक्का कुर्सी पर बैठी हुई रोशनी को दिया और रोशनी के साथ साथ उसकी टांगो के बीच में फंसा हुआ मनोज भी फर्श पर गिर पड़ा और दोनो के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी।

दोनो ने उपर की तरफ देखा तो सौंदर्या के साथ अजय खड़ा नजर आया। मनोज को अपनी आंखो पर जैसे यकीन ही नहीं हुआ और उसने जोर जोर से अपने गुण्डो को आवाज लगाई लेकिन कोई अंदर नहीं आने वाला था।

अजय:" तेरे सारे लोगों को मैनें जहन्नुम में भेज दिया और अब तुम्हारी बारी है ।

मनोज खड़ा हुआ और उसने अजय अपने हमला किया तो अजय ने उसके हाथ को पकड़ लिया और उठकर दीवार पर पटक दिया तो उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसके मुंह से दर्द भरी चींखें निकल पड़ी।

रोशनी ने अपने भाई की ये हालत देखकर अजय पर छलांग लगा दी लेकिन फुर्तीला अजय सामने से हट गया और रोशनी का सिर सीधे दीवार से जा टकराया और फट गया तो रोशनी का जिस्म एक झटके के साथ अजय के उपर गिरा और अजय फिर से दर्द से कराह उठा क्योंकि रोशनी के गिरने से उसकी पसलियां टूट गई थी। अजय आगे बढ़ते हुए उसके पास बैठ गया और बोला:"

" हरामजादे मेरी बहन पर नजर उठाने से पहले तुझे सोचना चाहिए था कि सौंदर्या मेरी इकलौती बहन है और मेरी जान है कुत्ते वो।

अजय ने इतना कहकर उसकी गर्दन को पकड़ा और तोड़ दिया। बेचारा ठीक से चींखें भी नहीं सका।

सौंदर्या दौड़ती हुई अपने भाई के गले लग गई और जल्दी ही दोनो भाई बहन वहां से निकल पड़े। प्लान के मुताबिक सौंदर्या सीधे पुलिस स्टेशन गई और बताया कि दारू पीकर सभी लोग आपस में लड़ पड़े और मौका उठाकर वो भाग अाई।


पुलिस ने अड्डे पर हमला किया लेकिन वहां सिर्फ लाशे बरामद हुई और बहुत सारे हथियार।

सौंदर्या अपने भाई के साथ घर अा गई और उसकी मा ने उसे देखते ही गले से लगा लिया।
Nice and superb update..
 

andyking302

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अजय ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। धीरे धीरे अपनी रफ्तार से चलती हुई गाड़ी गांव से बाहर निकल गई और सड़क पर आते ही एक तेज रफ्तार के साथ दौड़ पड़ी। गाड़ी में पूरी शांति थी, ऐसा लग रहा था मानो अजय और सौंदर्या दोनो गूंगे हो। दोनों एक दूसरे से बात करना चाह रहे थे लेकिन हिम्मत नही हो रही थी। आखिकार हिम्मत करके अजय ने चुप्पी तोड़ी और बोला:"

" दीदी आप किस टाइम तक फ्री हो जाएगी शाम को ?

सौंदर्या ने एक नजर अपने भाई पर डाली और भावहीन चेहरे के साथ बोली:"

" करीब 5 बज जाएंगे। आप उससे पहले ही अा जाना भाई।

अजय;" आप फिक्र मत कीजिए। मैं आपको बाहर ही मिल जाऊंगा जब आप आओगी।

सौंदर्या ने राहत की सांस ली और कार में एक बार फिर से खामोशी ने अपना डेरा डाल दिया। सौंदर्या ने अजय की तरफ देखा जो भावहीन चेहरे के साथ गाड़ी चला रहा था तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ कि उसे अपने भाई को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था। आखिर गलती उसकी भी तो हैं। थप्पड़ के बजाय उसे अपने भाई को प्यार से समझाना चाहिए था।

सौंदर्या का कॉलेज अा गया और उसने एक प्यार भरी नजर के साथ अपने भाई को देखा और अंदर चली गई। अजय उसे अंदर जाते हुए देखता रहा और थोड़ी देर बाद ही सौंदर्या आगे मुड़कर आंखो से ओझल हो गई।

अजय ने गाड़ी को शहर की तरफ घुमा दिया और उस जगह पहुंच गया जहां उसने शेरा और उसके गुण्डो को मारा था। उसने आस पास नजर दौड़ाई लेकिन उसे कुछ खास नजर नहीं आया।

पिंकी की लाश यहां से थोड़ी ही दूर मिली थी इसलिए अजय ने सोचा कि घटना स्थल पर एक बार जरूर जाया जाए। अजय ने अपनी कार आगे बढ़ाई और थोड़ी देर बाद वो उस जगह अा गया जहां से पिंकी की लाश मिली थी। चारो और लोगो की भीड़ सड़क से अा जा रही थी और अजय ने काफी देर तक इधर उधर देखा लेकिन उसे कुछ खास नहीं मिला तो उसने अपनी गाड़ी को वापिस लिया और घूमने ही वाला था कि उसे एक बाइक पर बैठे हुए व्यक्ति पर शक हुआ लेकिन अजय ने तुरंत अपना चेहरा दूसरी तरफ घुमा दिया मानो उसने देखा ही नहीं और गाड़ी को हल्की रफ्तार से आगे बढ़ा दिया। शीशे से उसने धीरे से देखा तो उसके दिमाग़ में हलचल मच गई क्योंकि बाइक भी उसकी तरफ अा रही थी। अजय ने जान बूझकर गाड़ी को सड़क पर बाई तरफ घुमा दिया तो थोड़ी दूर जाने पर बाइक भी उसी दिशा में घूम गई। अब अजय के दिमाग में शक की कोई बात ही नहीं रह गई थी और वो समझ गया था कि बाइक उसका पीछा कर रही है। लेकिन क्यों कर रही हैं और ये बाइक पर कौन आदमी हैं और उसके पीछे यहीं से क्यों लगा जहां पिंकी की हत्या हुई हैं।

कोई तो है जो मुझे ये नहीं जानने देना चाहता हूं कि पिंकी की मौत क्यों और किसने की जबकि मैं तो कोई पुलिस ऑफिसर भी नहीं हु। अजय ने अपने दिमाग पर जोर दिया तो उसे एक बात समझ अा गई कि उसकी दीदी पिंकी को बचाने के लिए ही तो गुण्डो से भिड़ गई थी तो कहीं अब पिंकी के बाद दीदी ही तो उनके निशाने पर नहीं है।

अजय के दिमाग में खतरे की घंटी बज उठी और उसने तुरंत गाड़ी को सौंदर्या के कॉलेज की तरफ दौड़ा दिया। गाड़ी हवा से बातें कर रही थी और थोड़ी देर बाद ही वो कॉलेज के सामने था।

कॉलेज के बाहर पहले से पुलिस की गाडियां देखकर उसके दिमाग को झटका सा लगा और वो तेजी से नीचे उतरा तो देखा कि कॉलेज के प्राचार्य बुरी तरह से डरे हुए थे और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही थी।

ऑफिसर:" आपके स्कूल से दिन में ही एक महिला टीचर का किडनैप हो गया कैसे ? आपके पास तो अपने गार्ड है।

प्राचार्य: मेरे गार्ड बेहोश और जख्मी हालात में मिले हैं। ये तो आपको सोचना चाहिए कि शहर में पुलिस के होते हुए गुण्डो की हिम्मत इतनी कैसे बढ़ गई ?

अजय का दिल किसी अनहोनी की आशंका से कांप उठा और वो तेजी से आगे आया और एक महिला अध्यापक से पूछा :"

" क्या हुआ हैं यहां ? किसका किडनैप हो गया है ?

मैडम के चेहरे पर खौफ के मारे हवाइयां उड़ी हुई थी और वो डरते हुए बोली:"

" हमारे कॉलेज की एक टीचर सौंदर्या का।

अजय अपनी बहन का नाम सुनते ही परेशान हो गया क्योंकि वो जानता था कि उसकी बहन बहुत बड़े खतरे ने पड़ चुकी है। अजय ने तुरंत पीछे नजर दौड़ाई क्योंकि वो जानता था कि जो बाइक वाला उसका पीछा कर रहा हैं जरूर उसके है गैंग ने उसकी बहन का किडनैप किया है। लेकिन अजय को बाइक वाला दूर दूर तक कहीं नहीं दिखाई दिया।

अजय परेशान हो उठा और तेजी से गाड़ी से बाहर निकला और इधर उधर बाइक वाले को देखने लगा लेकिन उसे वो कहीं नजर नहीं आया। अजय को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे ?

अजय तेजी से आते हुए अपनी गाड़ी में बैठा और गाड़ी सीधे रोड की तरफ दौड़ा दी और बाइक की तलाश में जुट गया।

एक बहुत ही वीरान सा खंडर था ये शहर से बाहर की तरफ। मुख्य सड़क से हटकर एक कच्छी मिट्टी की सड़क बस यहां आने के लिए एक मात्र रास्ता थी। बरसात की वजह से सड़क पर जगह जगह पानी भरा हुआ था और कीचड़ बहुत ज्यादा हो गई थी।

इसी सड़क पर एक स्कॉर्पियो मुड़ी और धीरे धीरे खंडर की तरफ बढ़ने लगी। स्कॉर्पियो के पीछे तीन गाडियां और थी जो गुण्डो से पूरी तरह से भरी हुई थी। शेरा ने गाड़ी को खंडर के ठीक सामने रोक दिया और उसके साथ ही सारे गुंडे गाड़ी से बाहर निकल गए।

शेरा ने गाड़ी की डिक्की खोली तो उसमे सौंदर्या बेहोश पड़ी हुई थी। शेरा की आंखों चमक उठी और उसने सौंदर्या के अचेत जिस्म को कंधे पर उठाया और अंदर की तरफ चल पड़ा। एक एक करके सभी गाड़ियों से गुंडे उतर गए थे गाड़ियों को घास और लकड़ियों से ढक दिया गया। अब दूर दूर से गाड़ी नजर नहीं अा रही थी बल्कि घास का एक ढेर नजर आ रहा था।

शेरा सौंदर्या को लिए हुए एक अंदर घुस गया और शेरा को देखते ही सामने बैठे हुए मनोज की आंखे चमक उठी।

मनोज अपनी कुर्सी से उठ गया और एक विजयी मुस्कान के साथ बोला:" शाबाश मेरे शेर, तुम सचमुच शेर हो। मानना पड़ेगा तुम्हारी हिम्मत को क्योंकि आज तुमने जो किया हैं उसके लिए सचमुच शेर का ही दिल चाहिए।


शेरा ने सौंदर्या को एक चारपाई पर पलट दिया और स्माइल करते हुए बोला:" डरता नहीं हूं इसलिए ही तो मेरा नाम शेरा हैं। लीजिए जिसकी आपको तलाश थी आपके सामने पड़ी है।

मनोज ने एक नजर सौंदर्या की तरफ देखा और शेरा के कंधे पर हाथ रखकर उसे शबासी दी और बोला:"

" शेरा मुझे अपने बाद पर सिर्फ तुम पर ही तो सबसे ज्यादा भरोसा है। सच में तुम एक सच्चे वफादार हो।

शेरा अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया और उसके बाद मनोज ने सभी को बाहर जाने का इशारा किया तो एक के बाद एक सभी लोग बाहर चले गए। शेरा भी बाहर चला गया जबकि मनोज ने उसे जाने के लिए नहीं बोला था।

मनोज ने सौंदर्या में मुंह में ठूंसा हुआ कपड़ा बाहर निकल लिया और एक बॉटल से थोड़ा सा पानी लेकर सौंदर्या में मुंह पर छिड़क दिया तो सौंदर्या ने एक झटके के साथ अपनी आंख खोल दी और अपने आप को एक बिल्कुल अंजना जगह पर पाया।उसकी नजर अपने सामने बैठे हुए मनोज पर पड़ी तो उसकी समझ में आ गया कि ये सब उसी का किया धरा है।

सौंदर्या:" मनोज ये क्या बदतमीजी हैं ? मुझे इस तरह क्यों उठा कर लाया गया ?

इतना कहकर सौंदर्या उठ खड़ी हुई और गुस्से से उसकी तरफ देखने लगी। मनोज ने उसकी तरफ एक स्माइल दी और बोला:_

" मेरी प्यारी सौंदर्या तुमने और तुम्हारे भाई ने मेरी इज्जत मिट्टी में मिला दी, मेरे गुण्डो पर पहली बार किसी ने हाथ उठाया और उन्हें बुरी तरह से मारा अजय ने सिर्फ तुम्हारी वजह से।

सौंदर्या के चेहरे पर गुस्से के भाव बढ़ गए और बोली:" अच्छा तो तुम गांव में शरीफ होने का नाटक करते हो और ये शहर में फैले हुए सारे अपराध की असली वजह तुम हो।

मनोज:" सही समझी तुम सेक्सी सौंदर्या, मेरे आदमी ही सब कुछ करते हैं और पिंकी की मौत भी मेरी वजह से ही हुई हैं क्योंकि उसने मेरी बहन के खिलाफ जाने की कोशिश करी थी।

सौंदर्या की आंखे लाल सुर्ख हो गई और वो गुस्से से अपने शब्दो को चबाते हुए बोली:"

" बस मनोज, अब तुम्हारे पापो का घड़ा भर गया हैं और मैं सारी दुनिया को तुम्हारी करतूत बताउंगी।

मनोज ने उसकी तरफ देखा और जोर जोर से हंसने लगा मानो वो कोई जोक सुना रही हो।

सौंदर्या:" हंस लो अपनी आखिरी हंसी तुम क्योंकि फिर इसके बाद कोई तुम्हे जेल में रोना पड़ेगा।

मनोज:' मर गए मुझे जेल भेजने वाले, जरा पहले यहां से निकल कर तो दिखाओ तुम।

सौंदर्या तेजी से आगे की तरफ बढ़ी और मनोज ने सामने लगे स्विच को दबा दिया तो कमरे का एक मात्र दरवाजा तेजी से बंद हो गया और सौंदर्या के माथे पर परेशानी और डर को रेखाएं उमड़ अाई।

सौंदर्या:" देखो मनोज तुम मुझे जाने दो नहीं तो अंजाम बहुत बुरा होगा तुम्हारा।

मनोज थोड़ा सा आगे आया और उसकी आंखो में देखते हुए बोला:" मेरे अंजाम की छोड़, अपनी फिक्र करो। दुनिया की कोई ताकत मेरी मर्जी के बिना ये दरवाजा नहीं खोल सकती। मान लो तुम बाहर चली भी गई तो मेरे आदमी भूखे कुत्तों की तरह तुम्हे नोच डालेंगे। ये देखो।

इतना कहकर उसने टीवी ऑन किया तो बाहर खड़े और बेहद डरावनी सूरत के गुंडे नजर आए जिन्हे देखते ही सौंदर्या का पसीना टपक पड़ा।

मनोज:" मान लो तुम गुण्डो से भी बच गई तो यहां से बाहर कैसे निकल पाओगी ? ये एक घणा जंगल हैं और तुम्हे कोई दूर रास्ता नजर नहीं आएगा। बाहर तुम्हे जंगली जानवर खा जाएंगे।


सौंदर्या समझ गई थी कि वो बेहद बुरी तरह से फंस गई है और उसका बचना मुश्किल है लेकिन उसे अपने भाई पर पूरा भरोसा था कि वो उसे जरूर बचा लेगा।
सौंदर्या सोच में डूब गई।

मनोज" किस सोच में डूब गई मेरी जान ? देखो तुम्हे अब सारी ज़िन्दगी यहीं रहना होगा मेरी रखैल बन कर, कहां तो तुम एक लंड के लिए तरस रही थी यहां अब तुम्हे हर रोज लंड मिलेंगे, एक नहीं काफी सारे। मेरे सारे आदमी तुम्हारी साथ बारी बारी से मस्ती करेंगे।

सौंदर्या मनोज की बात पूरी होते ही बेहोश हो गई और मनोज ने उसके उसे उठा कर बेड पर पटक कर और कमरे को बाहर से बंद करने के बाद बाहर अा गया और अपने गुण्डो से बात करने लगा।


अजय को समझ नहीं आ रहा था कि वो अपनी बहन को कहां तलाश करे। दोपहर हो गई थी लेकिन उसे अभी तक कुछ भी समझ नहीं आ रहा था।

अजय ने गाड़ी को सड़क के किनारे रोक दिया और सोच में डूब गया कि आखिर उसकी दीदी का किडनैप क्यों और किसने किया तो उसके आगे सिर्फ एक ही वजह उभरी। वहीं पिंकी वाली और वो समझ गया कि ये दोनो काम जरूर एक ही आदमी के है।


अजय ने अपने दिमाग को उधर इधर दौड़ाया तो उसे एक उम्मीद की किरण नजर आईं। उसे सामने सड़क पर सीसीटीवी कैमर लगा नजर अाया जिसमे वो उस बाइक का नंबर पता कर सकता था जो उसका पीछा कर रही थी।

अजय ने सावधानी से उसकी डिटेल निकाली तो बाइक सवार उसे जाना पहचाना सा लगा मानो अजय उसे बहुत अच्छे से जानता हो। अजय ने बाइक का नंबर नोट किया और बार बार वो उस आदमी की फोटो देखने लगा जो बाइक पर बैठा हुआ था।

अजय ने उस आदमी की पेंट की जेब पर ध्यान दिया तो उसकी जेब से कुछ बाहर की तरफ निकला हुआ था। अजय ने वीडियो को स्टार्ट किया तो थोड़ा आगे जाकर मोड़ पर उसकी जेब से कुछ गिरा और अजय ने बिना देर किए कार को उस दिशा में दौड़ा दिया और जल्दी ही वो उस जगह पहुंच गया और उसे सड़क पर अपना अज्जु भाई का मास्क दिखाई दिया।

अजय को आंखे चमक उठी और उसने वो मास्क उठा लिया और वो समझ गया कि ये सब इस मास्क की वजह से हुआ है क्योंकि गुण्डो को पता चल गया होगा कि मैंने ही उनके लोगो को मारा था इसलिए उन्होंने मेरी बहन को उठा लिया। अजय एक बात तो साफ समझ गया था कि उसकी दीदी बहुत बड़े खतरे में पड़ गई है।

अजय ने बहुत ध्यान से फिर से वीडियो को देखा और उस आदमी के बारे में सोचने लगा कि ये कौन हो सकता हैं। अजय अपनी सोच में डूबा हुआ था कि उसका फोन बज उठा ।

उसकी मम्मी का फोन था। अजय अपनी मम्मी को अभी कुछ भी बताकर उन्हें परेशान नहीं करना चाहता था।

कमला: अरे बेटा, अजय शाम को थोड़ा जल्दी अा जाना, रामू आज काम पर नहीं आया है इसलिए घास तुम्हे ही लाना होगा। आज फिर से शहर गया है वो किसी काम से।

अजय:" ठीक है मम्मी। आप फिक्र मत कीजिए। मैं जल्दी अा जाऊंगा।

इतना कहकर उसने फोन काट दिया। अचानक अजय के दिमाग में एक विस्फोट सा हुआ और उसने फिर से वीडियो देखी तो उसकी आंख हैरत से खुलती चली गई और उसे सारी कहानी समझ में आ गई।


शाम हो गई थी और अजय ने गांव से थोड़ी दूर ही अपनी कार को एक पेड़ की साइड में छुपा है और खुद एक पेड़ के पीछे छुपकर किसी का इंतजार करने लगा। थोड़ी ही देर हुई थी कि एक बाइक उसे सामने से आती हुई नजर आईं और जैसे ही बाइक उसके पास आई उसने जंप लगा दी और बाइक सवार सड़क पर गिर पड़ा और अजय ने उसे बिना कोई मौका दिए हुए उस पर हमला कर दिया।

रामू तड़प उठा। हान ये रामू ही तो था। उसके घर का नौकर। अजय ने उसे पकड़ लिया और उसकी गर्दन की एक नस दबाई तो तो वो बेहोश होता चला गया।
शानदार भाई
 

andyking302

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सौंदर्या ने आंखे खोली तो उसे कमरे में कोई नहीं दिखा। वो बैठ गई और अपने मोबाइल की तरफ देखा तो उसमें नेटवर्क ही नहीं थे।

उसे समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे, कमरे में कोई खिड़की तक नहीं थी। वो उदास होकर बैठ गई और बचने के बारे में उपाय सोचने लगी।

तभी एक झटके के साथ दरवाजा खुल गया और मनोज के साथ शेरा भी अंदर दाखिल हुआ। उनके मुंह से दारू की तेज बदबू अा रही थी और नशे के कारण दोनो की आंखे लाल सुर्ख हो गई थी। दोनो सौंदर्या को घूर रहे थे जिससे सौंदर्या बुरी तरह से डर गई थी।

मनोज:" शेरा यार पहले मैं इसे आज कली से फूल बनाता हूं और बाद में तुम इसका मजा लेना।


शेरा: ठीक है , जैसे आपको ठीक लगे, लेकिन मैं आराम से नहीं बैठ कर नहीं देख सकता, कुछ ना कुछ तो मैं भी इसके साथ करता रहूंगा।

शेरा ने सौंदर्या की चूचियों को घूरते हुए कहा तो सौंदर्या के चेहरे पर डर उमड़ आया और उसकी आंखो से आंसू टपक पड़े।

मनोज:" क्या यार ये तो पहले ही डर गई है। ऐसे कैसे काम चलेगा सौंदर्या मेरी जान। अब तो तुम्हे आखिरी सांस तक यहीं रहकर चुदना होगा।

इतना कहकर मनोज हंस पड़ा तो शेरा भी हंसने लगा। दोनो को जानवर की तरह हंसते देख कर सौंदर्या की रुलाई छूट गई और वो जोर जोर से रोते हुए बोली:

" मनोज मुझे छोड़ दो, मेरे साथ ये सब मत करो, मेरी ज़िन्दगी बर्बाद हो जाएगी। मैं तो पहले से ही मांगलिक हूं।

मनोज:" अरे मेरी जान, बर्बाद नहीं तेरी ज़िन्दगी आबाद कर रहा हूं। लंड मिल जाएगा तुझे आज जिसके लिए तू तड़प रही है।

सौंदर्या:" नहीं, मुझे नहीं चाहिए कुछ भी, भगवान के लिए मुझे छोड़ दो। तरस खाओ मुझ पर तुम भाई।

मनोज ने उसकी एक नहीं सुनी और टीवी को शुरू कर दिया और एक एडल्ट फिल्म शुरू कर दी और बोला:*

" मेरे सामने तुम्हे शर्म आएगी और तुम देख नहीं पाओगे, नहीं देखोगी तो गर्म कैसे होगी तुम, मैं थोड़ी देर बाद अंदर आऊंगा जब तक तुम्हारी चूत भीग गई होगी मेरी जान।

इतना कहकर मनोज बाहर चला गया और उसके पीछे पीछे ही शेरा भी अा गया जबकि सौंदर्या पीछे टीवी बंद करने के लिए बोलती रह गई। सौंदर्या डर गई थी और उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। आखिरकार उसका ध्यान अपने आप ही टीवी पर चला गया जिसमें एक लड़का अपनी भाभी पर लाइन मार रहा था और भाभी भी उसे खुलकर भाव दे रही थी ।


वहीं अजय ने रामू से सब कुछ मालूम किया तो पता चला कि कल रामू को कपडे धोते समय अज्जू भाई का मास्क मिल गया था जिससे उसे पता चल गया कि अजय ही अज्जु भाई है। इतना सब कुछ जान लेने के बाद उसकी गाड़ी तेजी से दौड़ती हुई खंडर की तरफ चल पड़ी। कच्चे रास्ते पर आते ही उसने गाड़ी को बंद कर दिया और उसे सामने खंडर नजर आया तो रामू को गाड़ी से बाहर निकाला और उसकी कमर के ठीक पीछे एक बंदूक लगाई और सड़क पर चल पड़ा। रामू किसी यंत्र चालित मशीन की तरह उसके इशारे पर चलता रहा क्योंकि वो जानता था कि अगर उसने कुछ भी होशियारी दिखाई तो अजय गोली चला देगा।

अजय को आगे मुड़कर सिर्फ पेड़ो का एक झुंड ही नजर आया और वो समझ गया कि ये ही मनोज और उसके गुण्डो का अड्डा हो सकता है। अजय ने धीरे धीरे सावधानी पूर्वक अपने कदम आगे बढ़ाए और वो जल्दी ही उसे एक सूखा हुआ पेड़ नजर आया जिसके पीछे अंदर खंडर में जाने का रास्ता था।

मनोज ने साइड में लगा बटन दबा दिया और आगे एक दरवाजा नजर आया और देखते ही देखते दरवाजे के हॉल से दो काली आंखे नजर अाई और उन्होंने मनोज को पहचान कर दरवाजा खोल दिया क्योंकि मनोज के बराबर में खड़ा हुआ अजय उन्हें नजर नहीं आया था।

दरवाजे के खुलते ही मनोज एक झटके के साथ अंदर गिरा और अजय तेजी से अपने घुटनों के बल झुका और गार्ड के कुछ समझने से पहले ही अजय की उंगली हिली और अगले ही पल गार्ड की लाश फर्श पर पड़ी नजर आईं।

अजय अंदर घुस गया और उसने बिना देर किए मनोज को गर्दन से पकड़ा और उंगली से उसकी नस दबाई तो मनोज बेहोश होता चला गया। अजय ने गार्ड के कपडे पहने और मनोज को को एक कोने में फेंक दिया और अन्दर बढ़ गया।

अजय को आश्चर्य हो रहा था क्योंकि अंदर सिर्फ टूटी फूटी दीवारें ही थी और उसे अभी तक कोई नजर नहीं आया था। उसके गांव के पास के जंगल में ऐसा खुफिया अड्डा भी हो सकता है उसने सपने में भी नहीं सोचा था। अजय को तभी कुछ आवाजे सुनाई दी तो वो दीवार के पीछे छुप गया और सामने से उसे एक गार्ड आता दिखाई दिया जो शायद सुरक्षा का जायजा लेने आया था।

अजय ने उस पर चीते की फुर्ती से वार किया और देखते ही देखते उसकी लाश पड़ी हुई नजर आईं। अजय उसी दिशा में बढ़ गया जिधर से वो गार्ड अाया था। अजय ने देखा कि गार्ड के गले में चाबियो का एक छल्ला लटका हुआ था जिसमें कुछ चाबिया थी अजय ने वो लिया और आगे बढ़ गया। अजय थोड़ा आगे पहुंचा तो एक दरवाजा नजर आया जिस पर ताला लगा हुआ था। अजय ने ताली लगाई और देखते ही देखते दरवाजा खुल गया और उसे नीचे की तरफ सीढ़ियां जाती हुई नजर आईं और और अजय बिना एक पल की भी देरी किए हुए नीचे उतरता चला गया। अजय की आंखे हैरानी से खुली रह गई। अंदर एक बहुत ही खूबसूरत महल जैसा बना हुआ था और उसे उपर खुला आसमान नजर आया। अजय को अपनी आंखो पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था जो वो देख रहा है क्या हकीकत है।

अजय ने सपने में भी नहीं सोचा था कि बेजान सी पड़ी हुई खंडहर इमारत के अन्दर इतना शानदार अड्डा भी हो सकता है।

अजय सावधानीपूर्वक आगे बढ़ गया और धीरे धीरे इमारत के पीछे की तरफ अा गया और पाइप के सहारे उपर चढ़ गया और देखा कि एक गुंडा छत पर बैठा हुआ दारू पी रहा था तो अजय ने उस पहरा दे रहे गुंडे पर घात लगाकर हमला किया और उसकी गर्दन तोड़ दी। बेचारा गुंडा इससे पहले की कुछ समझ आता उसकी ज़िन्दगी खत्म हो गई। अजय ने उसकी लाश को एक तरफ किया और सीढ़ियों से होता हुआ नीचे की तरफ चल पड़ा।

वहीं मनोज और शेरा दोनो दारू के पैग लगा रहे थे और उनके पास की करीब चार से पांच गुंडे और बैठे हुए थे जो शायद इस इन्तजार में थे कि कब ये दोनो सौंदर्या पर को लूटे और उसके बाद हमारा नंबर आए।

मनोज;" क्या बोलते हो शेरा ? अब तक तो बेचारी वीडियो देख देख कर गर्मा गई होगी।

शेरा के होंठो पर मुस्कान थिरक उठी और बोला:" बिल्कुल साहब, काफी देर हो गई और वो तो होगी भी कुंवारी ही क्योंकि संस्कारी जो ठहरी। लेकिन अभी गर्म हो गई होगी, थोड़ी देर शुरू में आना कानी करेगी लेकिन इसके बाद खुद ही मस्ती करेगी।

इतना कहकर वो हंस पड़ा तो सारे लोग जोर जोर से हंसने लगे और मनोज उठकर अंदर की तरफ चल पड़ा।

अंदर सौंदर्या वीडियो को देखकर अपनी आंखे बंद कर ली थी लेकिन टीवी से आती कामुक सिसकियां उसके ना चाहते हुए भी उसके जिस्म पर अपना असर छोड़ रही थी। सौंदर्या के चेहरे का रंग बदलता जा रहा था और आंखों में लाली अा गई थी। सौंदर्या अंदर ही अंदर बुरी तरह से कांप रही थी कि अब उसका क्या होगा? लेकिन उसे अभी भी अपने बचने की एक उम्मीद नजर आ रही थी और वो था उसका अपना भाई अजय।

रोशनी मनोज की बहन इस वक़्त वहीं इमारत में एक आलीशान कमरे के अंदर मात्र पेंटी ब्रा में सोई हुई थी और उसकी आंखे खुली तो उसने अपने सामने रखी हुई दारू की बोतल को उठाया और गटागट पीने लगी। उसने जोर से आवाज लगाई तो एक गुंडा तेजी से अंदर अाया और उसकी नजर रोशनी के बूब्स पर चली गई लेकिन फिर नजरे चुरा कर बोला:"

" अच्छा हुआ मैडम आप उठ गई, आपके लिए एक खुशखबरी हैं।

रोशनी उसे घूरते हुए बोली;" साले, मेरे आंखे फाड़ फाड़ कर क्या देख रहा है

वो कांप उठा और बोला:" मैडम कुछ नहीं, मुझे माफ़ कर दीजिए। वो सौंदर्या पकड़ी गई और अंदर कमरे में बंद हैं।

रोशनी के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने उस गुंडे को इशारे से अपने पास आने का इशारा किया तो वो डरते डरते उसके पास पहुंच गया और नजरे झुका कर खड़ा हो गया। रोशनी ये सब देखकर स्माइल करते हुए बोली:"

" थोड़ी देर पहले तो मुझे घूर रहा था तू और अब क्या हिजड़े की तरह नजरे झुकाए खड़ा हुआ है।

गुंडा उसके कदमों पर गिर पड़ा और रोते हुए बोला:"

" मुझे माफ कर दीजिए। अनजाने में मेरा ध्यान चला गया, आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।

रोशनी ने एक अदा के साथ अपने हाथ को पीछे ले जाते हुए अपने ब्रा को खोल दिया और उस ब्रा को उसने गुंडे के गले में फंसा कर उसे उपर उठाया और बोली:

" ले देख ले मेरी चूचियों को, तेरे लिए मेरी तरफ से आज का तोहफा, तूने दिल खुश कर दिया सौंदर्या के बारे में बताकर।

गुंडे ने शर्म से मारे अपने आंखे बंद कर ली तो रोशनी ने उसके हाथ पकड़ लिए अपने बूब्स पर रख दिए तो गुंडा डर और घबराहट के मारे बेहोश हो गया। रोशनी उसकी हालत पर जोर जोर से हंसने लगी और बाथरूम में नहाने के लिए घुस गई।

मनोज जैसे ही कमरे के अंदर घुसा तो डर के मारे सौंदर्या की आंखे खुल गई और उसने मनोज को अपने सामने देखा तो डर के मारे उसकी सांसे तेज हो गई। मनोज ने उसकी तरफ एक बार ध्यान से देखा और उसकी तेजी से चलती हुई सांसे, बड़ी बड़ी लाल हो चुकी आंखे देखकर समझ गया था कि सौंदर्या अब मस्ती में अा गई है।

मनोज: सौंदर्या आखिरकार आज तुम मेरे नीचे अा ही जाओगी। कितना तड़पा हुआ तुम्हारे किए।

सौंदर्या: नहीं मनोज, देखो ऐसा कुछ मत करना, मुझे जाने दो। नहीं तो तुम्हारा अंजाम बहुत बुरा होगा,अजय तुम्हे छोड़ेगा नहीं।

मनोज:" मेरा छोड़ और अपनी फिक्र कर मेरी जान, आज तुझे कली से फूल बना दूंगा। मसल दूंगा तेरी जवानी को। देख तेरी ये मदमस्त चूचियां कैसे तड़प तड़प कर उछल उछल पड़ रही है। हाय दिखा दे ना अपनी ये ज़ालिम चूचियां मुझे।

सौंदर्या अंदर से दर गई थी लेकिन हिम्मत करते हुए बोली:"

" कमीने तुझे शर्म नहीं आती। ऐसी बाते अपनी बहन से करता तो तुझे पता चलता।

तभी साइड से एक कमरे का गेट खुला और रोशनी एक काले रंग की छोटी ड्रेस पहने हुए हाथ में सिगरेट के कश लगाती हुई कमरे के अंदर दाखिल हुई और बोली:"

" करी थी मेरी जान सबसे पहले मुझसे मुझसे ही करी थी और मैंने अपनी अपनी चूचियों को दिखा दिया था क्योंकि अगर अपने सगे भाई को नहीं दिखाऊंगी तो और किसे दिखाऊंगी।

इतना कहकर उसने अपनी ड्रेस को उपर उठा दिया और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी होकर लहरा उठी।

सौंदर्या की आंखे खुली की खुली रह गई। उफ्फ कमीनी ने कैसे अपने भाई के आगे अपनी चूचियों को नंगा कर दिया।


मनोज:" मिल गया तुझे जवाब, चल अब जल्दी से दिखा दे मुझे अपने है मस्ती भरे अमृत कलश।

सौंदर्या को काटो तो खून नहीं, उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। तभी रोशनी थोड़ा आगे हुई और बोली:"

" ओह भाई मेरी चूचियां देख ले ना फिर से, इससे जरा भी कम नहीं है। और चूचियां छोड़ तुझे अपनी चूत ही दिखा देती हूं।

इतना कहकर वो एक कुर्सी पर बैठ गई और अपनी दोनो टांगो को खोलते हुए मनोज के सिर को अपनी टांगो के घुसा दिया।

मनोज के होठ अपने आप उसकी चूत पर जा लगे और रोशनी के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।



download-20210811-231513मनोज ने अपने जीभ को उसकी चूत के होंठो पर घुमाया तो रोशनी मस्ती से सिसक उठी

" भाई उफ्फ चूस ना मेरी चूत को ऐसे ही, फिर तुझे आज सौंदर्या की चूत भी मिलेगी।

सौंदर्या के मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और वो बिना पलके झपकाए रोशनी के मुंह को देख रही थी जिसकी दोनो आंखें इस समय मस्ती से बंद थी।

वहीं दूसरी तरफ अजय सीढ़ियों से नीचे उतरा और उसने बाहर बैठे दोनो गुण्डो को मौत के घाट उतार दिया। तभी अंदर से दारू लेने के एक गुंडा बाहर की तरफ निकला और वो भी मौत को प्यारा हो गया।

मनोज ने धीरे से अन्दर झांका तो उसे शेरा और उसके साथ दो आदमी दिखाई दिए। शेरा इस वक़्त नशे में चूर था और दोनो गुण्डो बैठ कर दारू पी रहे थे। अजय ने सावधानी से आगे बढ़ा और उसने अपनी जेब से एक तेज धार वाला चाकू निकाला और बिना समय गंवाए हमला किया तो एक गुंडे की गर्दन फर्श पर पड़ी हुई थी वहीं दूसरा फुर्ती से उठा लेकिन अजय ने उससे कहीं ज्यादा फुर्ती से उसकी गर्दन को काट दिया और उसकी दर्द भरी आह सुनकर शेरा की आंखे खुल गई और उसने अजय पर हमला किया लेकिन अजय तेजी से झुकते हुए उसके वार को बचा गया और उल्टा होते हुए शेरा को जमीन पर गिरा दिया और उसके मुंह पर हाथ रखते हुए उसके टट्टे पर जोरदार लात जड़ दी तो शेरा दर्द के मारे बेहोश हो गया और अजय ने अगले ही पल उसकी गर्दन तोड़ दी।

अजय ने अब जैसे ही दरवाजे को खोला तो उसे उसकी आंखे खुली की खुली रह गई। नशे में धुत मनोज अपनी सगी बहन की चूत चाट रहा था और सौंदर्या दोनो को बड़ी उत्सुकता के साथ देख रही थी। सौंदर्या की नजर जैसे ही अपने भाई पर पड़ी तो उसकी जान में जान अा गई और उसने एक जोरदार धक्का कुर्सी पर बैठी हुई रोशनी को दिया और रोशनी के साथ साथ उसकी टांगो के बीच में फंसा हुआ मनोज भी फर्श पर गिर पड़ा और दोनो के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी।

दोनो ने उपर की तरफ देखा तो सौंदर्या के साथ अजय खड़ा नजर आया। मनोज को अपनी आंखो पर जैसे यकीन ही नहीं हुआ और उसने जोर जोर से अपने गुण्डो को आवाज लगाई लेकिन कोई अंदर नहीं आने वाला था।

अजय:" तेरे सारे लोगों को मैनें जहन्नुम में भेज दिया और अब तुम्हारी बारी है ।

मनोज खड़ा हुआ और उसने अजय अपने हमला किया तो अजय ने उसके हाथ को पकड़ लिया और उठकर दीवार पर पटक दिया तो उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और उसके मुंह से दर्द भरी चींखें निकल पड़ी।

रोशनी ने अपने भाई की ये हालत देखकर अजय पर छलांग लगा दी लेकिन फुर्तीला अजय सामने से हट गया और रोशनी का सिर सीधे दीवार से जा टकराया और फट गया तो रोशनी का जिस्म एक झटके के साथ अजय के उपर गिरा और अजय फिर से दर्द से कराह उठा क्योंकि रोशनी के गिरने से उसकी पसलियां टूट गई थी। अजय आगे बढ़ते हुए उसके पास बैठ गया और बोला:"

" हरामजादे मेरी बहन पर नजर उठाने से पहले तुझे सोचना चाहिए था कि सौंदर्या मेरी इकलौती बहन है और मेरी जान है कुत्ते वो।

अजय ने इतना कहकर उसकी गर्दन को पकड़ा और तोड़ दिया। बेचारा ठीक से चींखें भी नहीं सका।

सौंदर्या दौड़ती हुई अपने भाई के गले लग गई और जल्दी ही दोनो भाई बहन वहां से निकल पड़े। प्लान के मुताबिक सौंदर्या सीधे पुलिस स्टेशन गई और बताया कि दारू पीकर सभी लोग आपस में लड़ पड़े और मौका उठाकर वो भाग अाई।


पुलिस ने अड्डे पर हमला किया लेकिन वहां सिर्फ लाशे बरामद हुई और बहुत सारे हथियार।

सौंदर्या अपने भाई के साथ घर अा गई और उसकी मा ने उसे देखते ही गले से लगा लिया।
शानदार update bhai
 

Desi Man

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बहुत धांसू अपडेट हैं दोस्त
 
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