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शहनाज़ और अजय दोनो अपनी अपनी सांसे दुरुस्त कर रहे थे। लंड कभी का सिकुड़ कर उसकी चूत से बाहर निकल गया था और अजय अभी तक शहनाज़ की पीठ पर ही पड़ा हुआ था जिससे शहनाज़ को ज्यादा वजन लग रहा था। शहनाज़ ने उसे ऊपर से हटने के लिए बोलने के लिए अपना मुंह उसकी तरफ घुमाया तो अजय ने शहनाज़ के होंठो को फिर से अपने मुंह में भर लिया। शहनाज़ अजय के होंठो की लज्जत को महसूस करते ही फिर से पिघल गई और उसने अपनी एक बांह उसके गले में डालकर अजय के निचले होंठ को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
अजय शहनाज़ की प्रतिक्रिया मिलते ही जोश में अा गया और उसने शहनाज़ के होंठो को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया तो शहनाज़ एक बार फिर से बेकाबू होती चली गई और शहनाज़ ने मस्ती में आते हुए अपने होंठ खोल दिए और अजय की जीभ बिना देर किए उसके मुंह में घुसती चली गई।
शहनाज़ की जीभ जैसे ही अजय की जीभ से टकराई तो शहनाज़ ने उसकी जीभ को चूसना शुरू कर दिया और अपने दोनो हाथ उपर करते हुए उसने अजय की गांड़ पर बांध दिए। अजय की जीभ शहनाज़ किसी जंगली बिल्ली की तरह चूस रही थी और शहनाज़ की गर्म गर्म जीभ से निकलते उसके कामुक रस का असर सीधे अजय के लन्ड पर हो रहा था जिसमें एक बार फिर से हलचल शुरू हो गई थी। कभी शहनाज़ अजय की जीभ चूसती तो कभी अजय शहनाज़ की। एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और दोनो ने एक दूसरे की आंखो में देखा तो दोनो के होंठो पर स्माइल अा गई और शहनाज़ बोली:"
" उफ्फ कितना वजन हैं तुम्हारे अंदर, क्या खाते हो तुम पता नहीं सांड कहीं के। चलो उतरो मेरे उपर से तुम।
अजय ने उतरने के बजाय शहनाज़ की गांड़ पर अपने शरीर का दबाव बढ़ाया और बोला:"
" क्यों अच्छा नहीं लगा क्या तुम्हे मेरे वजन शहनाज़ ?
अजय ने बोलते हुए थोड़ा और दबाव दिया तो शहनाज़ के मुंह से आह निकल पड़ी और उसकी तरफ आंखे निकालते हुए बोली;"
" सुधर जाओ तुम, ज्यादा वजन किसी को अच्छा नहीं लगता, आह मार ही दोगे क्या ?
अजय ने आगे बढ़कर उसके गाल को चूम लिया और बोला:"
" तुम तो मेरी जान बन गई हो शहनाज़, तुम्हे कैसे मार सकता हूं मैं मेरी जान।
इतना कहकर अजय उसके उपर से हट गया तो शहनाज़ ने राहत की सांस ली और वो सीधे होकर लेट गई तो उसकी नजर केले के पत्ते पर पड़ी जो बुरी तरह से फट गया था। शहनाज़ ने अपने नीचे से केले के पत्ते को हटाया और अजय को देते हुए बोली:"
" हद हैं तुम्हारी भी, अब इस केले के पत्ते की क्या गलती थी जो इसे भी फाड़ दिया तुमने ?
अजय वहीं शहनाज के पास लेट गया और बोला:"
" इसे भी मतलब और भी कुछ फट गया क्या केले के पत्ते से अलग शहनाज़?
अजय ने इतना कहकर उसकी चूत की तरफ देखा तो शहनाज़ ने शर्मा कर अपनी टांगों को बंद कर दिया और बोली:"
" ऐसे भोले बन रहे हो जैसे कुछ जानते ही नहीं, बात करते हो क्या फट गया।। ऐसे क्यों करता है क्या भला एक दम पागल जानवर की तरह, जंगली कहीं के तुम।
अजय ने एक उंगली शहनाज़ के होंठो पर फिराई और बोला:"
" तुम्हे अच्छा नहीं लगा क्या मेरा जंगलीपन?अब वो हैं ही इतनी खूबसूरत मेरी क्या गलती, लाओ दिखाओ तो कितनी फट गई ?
शहनाज़ उसके सवाल पर शर्मा गई और कस मर अपनी टांगो को बंद करते हुए एक हाथ को चूत के उपर दबा दिया और बोली:"
" जाओ नहीं दिखाती, फिर से तुम जानवर बन गए तो मेरा क्या होगा फिर ?
अजय ने अपना हाथ उसकी जांघों में घुसा दिया और उसके हाथ के उपर रखते हुए बोला:"
" अब अगर मैं तुम्हे देखकर बहक ना जाऊ तो ये तो तुम्हारी खूबसूरती का अपमान होगा ना शहनाज़।
इतना कहकर उसने शहनाज़ के हाथ को हटाना चाहा तो शहनाज़ ने पूरी जोर से अपने हाथ को अपनी चूत पर कस लिया तो अजय ने एक हाथ उसकी चूची पर रख दिया और बोला:"
:" हाथ से तो इसे ऐसे छुपा रही हो जैसे बहुत बड़े खजाने पर ताला लगा रही हो तुम ?
शहनाज़ ने जैसे ही अजय के हाथ को अपनी चूची पर महसूस किया तो उसके जिस्म में फिर से एक उत्तेजना की लहर दौड़ गई और उसने दूसरे हाथ को अपनी चूची पर रखे हुए अजय के हाथ पर रख दिया और हल्का सा दबाव देते हुए बोली:"
" हान पागल अजय, इसमें हम लड़कियो का सबसे बड़ा खजाना ही तो होता है जिसे लूटने के लिए तुम मरे जाते हो। समझे।
अजय ने शहनाज़ की चूची को अपनी पूरी हथेली में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"
" आह शहनाज़ तुम्हारे इस खजाने को खोलने के लिए एक ताली मेरे पास हैं।
इतना कहकर अजय ने अपनी एक टांग को दूसरी के ऊपर करते हुए अपने आधे खड़े हुए लंड को बाहर की तरफ उछाल दिया तो शहनाज़ की नजरो के सामने फिर से अजय का मोटा तगड़ा लंड अा गया जिसने थोड़ी देर पहले उसकी चींखें निकलवा रखी थी। शहनाज़ लंड को देखते ही कांप उठी और बोली:"
" उफ्फ अजय, ये तो बहुत बड़ी और मोटी चाभी हैं, आह मेरे ताले में फंस सी जाती हैं।
शहनाज़ की बात सुनकर अजय ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और चूसकर बोला:"
:" आह शहनाज़, मेरी चाभी बिल्कुल तेरे ताले के लिए ही बनी हुई है, लूटने दे मुझे तेरा सारा खजाना आह मेरी जान।
इतना कहकर अजय ने शहनाज़ के हाथ को जोर से पकड़कर अलग कर दिया और उसकी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया तो शहनाज़ के मुंह से मस्ती से आह निकल पड़ी और उसने सब शर्म लिहाज छोड़कर उसके लंड को पकड़ लिया और सिसकते हुए बोली:"
:" ,आह लूट ले मेरा सब कुछ अजय तुमने पूजा के बहाने एक तीर से दो शिकार कर दिए समझे तुम। उफ्फ कितना अच्छा है ये अजय।
अजय ने शहनाज़ की गीली चूत मे एक उंगली पूरी जोर से घुसा दी और बोला:"
" शिकार खुद ही मेरे तीर के नीचे अा गया इसमें तीर की क्या गलती भला?
शहनाज़:" आह अजय ज़ालिम, मैं तो तेरे तीर पर मर मिटी, तुम इतने ज़ालिम और निर्दयी क्यों हो ?
अजय ने दूसरे हाथ से शहनाज़ की चूची को जोर जोर से मसलना शुरू किया और दूसरी उंगली भी शहनाज़ की चूत में घुसा दी तो शहनाज़ दर्द से तड़प उठी और अजय बिना देर किए दोनो उंगली एक साथ अंदर बाहर करने लगा और बोला:"
" आह शहनाज़, मुझसे धीरे धीरे या प्यार से कुछ होता ही नहीं, क्या तुम्हे पंसद नहीं आया ये ?
इतना कहते हुए अजय ने शहनाज़ के निप्पल को उंगली के बीच में भर कर जोर से उमेथ दिया तो शहनाज़ के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और वो अजय से लिपट गई और सिसकते हुए बोली:"
" आह अजय, बहुत ज्यादा पसंद आया, लेकिन थोड़ा प्यार से करो ना मुझे प्यार।
अजय फिर से शहनाज़ के उपर अा गया और दोनो हाथो में उसकी चूचियां पकड़ ली और जोर जोर से दबाने लगा तो शहनाज़ के मुंह से मस्ती और दर्द भरी आह निकल पड़ी। अजय ने चूची के निप्पल को अपने मुंह में भर लिया जोर से अपने दांतो में दबा कर चूस लिया।
निप्पल पर दांत गड़ते ही शहनाज़ दर्द से कराह उठी और उसने अजय के गले में हाथ डाल लिए और सिसकते हुए बोली:"
" आह अजय, उफ्फ ऐसे मत कर शैतान, दर्द होता हैं बहुत।
अजय का लन्ड पूरी तरह से फिर से खड़ा हो गया और शहनाज़ की चूत के आस पास छूने लगा शहनाज़ ने अपनी जांघो को पूरा खोल दिया और लंड उसकी चूत के छेद पर रगड़ खाने लगा तो अजय और शहनाज़ दोनो की एक साथ मस्ती से सिसक पड़े। अजय कभी जोर से शहनाज़ की चुचियों को मसलता, कभी उंगलियों के बीच निप्पल जोर से रगड़ता तो कभी निप्पल को मुंह में भर कर चूस लेता। शहनाज़ जोर जोर से दर्द और मस्ती से सिसकियां भर रही थी।
शहनाज़ की चूत पूरी तरह से भीग गई थी और लंड जैसे ही उसके छेद पर दस्तक देता तो शहनाज़ मस्ती से आंखे बंद कर लेती।अजय ने लंड का सुपाड़ा चूत के छेद पर टिका दिया और शहनाज़ ने अजय की तरफ देखते हुए उसे सेक्सी स्माइल दी तो अजय ने उसके कूल्हों को थामते हुए तगड़ा धक्का लगाया और आधे से ज्यादा लंड शहनाज़ की चूत में घुसा दिया।
शहनाज़ एक फिर से दर्द से कराह उठी और उसके होंठ चूम लिए तो अजय ने फिर से एक जोरदार धक्का मारा और पुरा लंड उसकी चूत में गहराइयों तक घुसता चला गया।
अजय ने शहनाज़ के होंठो को चूसते हुए धक्के लगाने शुरू कर दिए और शहनाज़ दर्द से कराह रही थी। अजय ने कुछ ही धक्कों में पूरी स्पीड पकड़ ली और शहनाज़ का मुंह एक बार फिर से मस्ती से खुल गया
:" आह अजय, फिर से घुस गया तेरा लौड़ा शहनाज़ की चूत में, आह दर्द होता हैं।
अजय ने उसकी चूचियों को हाथो में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए तेज तेज धक्के लगाने लगा तो शहनाज़ भी नीचे से अपनी गांड़ उठा उठा कर चूत में लंड लेते हुए उससे ताल मिलाने लगीं।
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शहनाज़ ने अपने दोनो पैर अजय की कमर पर लपेट दिए और अजय जोर जोर से उसकी चूचियां रगड़ते हुए लंड को अंदर बाहर कर रहा था और शहनाज़ के मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी
:" आह अजय मेरी चूत चोद, उफ्फ हाय, पूरी जोर से चोद मुझे, फाड़ मेरी चूत।
शहनाज़ अपनी चूत लंड पर उछालती ही जोर जोर से सिसकियां ले रही थी और अजय अब एक पागल सांड की तरह चूत में धक्के लगाने लगा। शहनाज़ पागल सी हो गई और उसका पूरा जिस्म उछल उछल पड़ रहा था। हर धक्के लगाने शहनाज़ की गांड़ उछलती और अजय के लन्ड के नीचे दब जाती। शहनाज़ की चूत में तूफान सा उठने लगा और शहनाज़ जोर जोर से मस्ती भरी सिसकारियां लेते हुए बोली:"
:" आह अजय, आह मेरी चूत आह अम्मी, हाय मैं गई घुस जा मेरी चूत में अजय।
शहनाज़ ने कसकर अजय को पकड़ लिया और अजय ने अपने लंड को बाहर निकाल कर पूरी ताकत से एक तगड़ा धक्का लगाया और लंड सीधे उसकी चूत की दीवारों को रगड़ता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया और इसके साथ ही शहनाज़ की चूत ने अपना रस छोड़ दिया और वो निढाल सी होकर अजय से चिपक गई। अजय ने थोड़ी देर तक ऐसे ही लंड को घुसाए रखा और जैसे ही शहनाज़ की सिसकियां कम हुई और उसने अजय की तरफ देखा तो अजय ने तेजी से लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरी ताकत से वापिस उसकी चूत में ठोक दिया। जैसे ही लंड फिर से शहनाज़ की बच्चेदानी से टकराया तो वो दर्द से तड़प उठी और जोर से सिसकी:"
" आह बस कर अजय, उफ्फ फट जायेगी मेरी चूत, आह निकाल ले बाहर अपना लंड। उफ्फ अम्मी मेरी हाय मर जाऊंगी
अजय शहनाज की दर्द भरी सिसकारियां सुनकर पूरी तरह से जोश में अा गया और उसने तेज तेज धक्के लगाते हुए आगे को झुककर शहनाज़ के दोनो कंधे पकड़ लिए और पूरी ताकत से अपने लंड को तेजी से उसकी चूत में पेलने लगा। हर धक्के पर शहनाज़ की चूत कि दीवारें फैल रही थी और उसकी चूत में जलन हो रही थी। दर्द से तड़पती हुई शहनाज़ कभी उसकी कमर में नाखून घुसा रही थी तो कभी गद्दे पर अपने हाथ पैर इधर उधर पटक पटक कर जोर जोर से चिल्ला रही थी।
:" आह सांड मुझे छोड़ दे, उफ्फ मार ही डालेगा क्या मुझे!! कुछ तो रहम कर आह्हह
शहनाज़ बचने के चक्कर में खिसकती हुई बेड के किनारे पर अा गई थी लेकिन अजय उसे पूरी तरह से अपनी टांगो में फंसाए हुए चोद रहा था, शहनाज़ का सिर गद्दे से नीचे लटक गया था लेकिन अजय किसी जंगली जानवर की तरह उसे चोद रहा था। हर धक्के पहले से तेज पड़ रहा था और शहनाज़ की दर्द भरी सिसकारियां अब दूर दूर तक गूंज रही थी। अजयअजय चूत में लंड घुसे घुसे ही शहनाज को पकड़ कर फिर से बेड के बीच में खीचं लिया और फिर से उसकी चूत चोदने लगा तो शहनाज़ बदहवाश सी हो गईं और जोर जोर से अजय के कंधे में नाखून गड़ाने लगी। अजय को उसके लंड में तूफान सा उठता हुआ महसूस हुआ और उसने अब अपने पूरे लंड को बाहर निकाल निकाल कर ठोकना शुरू कर दिया।शहनाज़ की चूत एक बार फिर से गर्म हो गई और शहनाज़ के मुंह से अब आवाज नहीं निकल रही थीं बल्कि उसकी हल्की आंखे बंद हो गई थी और उसकी सफ़ेद सफ़ेद पुतलियां मस्ती से इधर उधर घूमती रही थी। शहनाज़ ने अब अपने दोनो हाथ उसकी गर्दन में लपेट दिए थे और अजय का लंड किसी मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था और एक बार फिर से शहनाज़ की चूत जवाब दे गई और शहनाज़ ने कांपते हुए अपना रस छोड़ दिया। अजय भी झड़ने के करीब ही पहुंच गया था लेकिन शहनाज़ को अब अपनी चूत में असहनीय दर्द हो रहा था तो फिर से दर्द से कराह उठी और उसने निकलने के लिए खुद को पीछे की तरफ सरका दिया तो लंड भी उसकी चूत से बाहर निकल गया तो अजय तड़प उठा और उसने तेजी से शहनाज़ को आगे होते हुए पकड़ा और एक ही धक्के में फिर से अपना मोटा लंड जड़ तक घुसा दिया। शहनाज़ एक बार फिर से दर्द से बिलबिला उठी और फिर से बचने के लिए पीछे हुई तो अजय ने फिर से आगे होते हुए लंड के तेज तेज धक्के लगाए।
शहनाज़ से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी टांगो को पूरी तरह से कस लिया तो अजय ने अपनी गांड़ का दम लगाया और लंड को एक आखिरी शक्तिशाली धक्के के साथ शहनाज़ की चूत में घुसा दिया और दोनो एक साथ जोर से सिसक पड़े। अजय के लंड से वीर्य की पिचकारी पर पिचकारी निकल कर शहनाज़ की जलती हुई चूत को ठंडा करने लगी और शहनाज़ ने बार फिर से मस्ती में आते ही अपने गुलाबी रसीले होंठों को अजय के होंठो से जोड़ दिया।