,सौंदर्या की चूत झड़ने के बाद मस्ती से उसकी आंखे बंद हो गई थी और अजय उसके उपर पड़ा हुआ था। दोनो भाई बहन अपनी एक पहली चुदाई को आंखे बंद करके महसूस कर रहे रहे थे।
सौंदर्या की चूत में वीर्य की बारिश करने के बाद अजय का लंड धीरे धीरे सिकुड़ कर बाहर की तरफ सरक रहा था और सौंदर्या इस अनोखे अदभुत एहसास से फिर से मस्त हो रही थी और उसने आंखे खोल कर एक बार फिर से अजय के होंठो को चूम लिया। अजय का लंड पूरी तरह से बेजान होकर उसकी चूत से बाहर निकल गया।
लंड बाहर निकलते ही अजय सौंदर्या के उपर से हटकर उसके साइड में आ गया और प्यार से उसके बालो में उंगली घुमाते हुए उसके चेहरे को देखने लगा तो सौंदर्या शर्मा गई और बोली:"
" ऐसे मत देखो ना भाई, मुझे शर्म आती है।
अजय:" अरे देख रहा था कि मेरी दीदी पूरी तरह से मंगल दोष से मुक्त होने के बाद पहले से भी कहीं ज्यादा खूबसूरत लग रही है।
सौंदर्या उसकी बात सुनकर खुशी से मारे उछल पड़ी और उसका जोर जोर से मुंह चूमते हुए बोली
" क्या भाई सच में मेरे मांगलिक दोष का निवारण हो गया हैं ?
अजय: हान दीदी बस आपके बुरे दिन अब खत्म हो गए, अब आपके अच्छे दिन शुरू हो गए हैं।
सौंदर्या अपने भाई से लिपट गई और अजय ने भी उसे अपनी बाहों में समेट लिया।
सौंदर्या:" भाई क्यों न मां को हम अभी ये खुश खबरी दे।
अजय:" क्या पता दीदी मां सो गई होंगी। रात बहुत हो गई है।
सौंदर्या: अच्छा ठीक हैं तो कल फिर दिन में कॉल करेंगे। अच्छा भाई अब अंदर चलते हैं। बाहर मुझे ठंड लग रही है।
अजय ने नंगी सौंदर्या को गोद में उठा लिया और उसे लेकर कमरे की तरफ चल पड़ा। कमला दोनो की मा सोई नहीं थी बल्कि नंगी होकर बेड पर पड़ी हुई थी और शादाब उसके उपर चढ़ा हुआ उसकी गांड़ मार रहा था और कमला जोर जोर से सिसक रही थी।
अजय अपने भाई के बांहों में बांहे डाले हुए कमरे की तरफ चल पड़ी तो अजय को अपने हाथो पर चिपचिपा सा एहसास हुआ और अजय उसे बाथरूम के अंदर ले गया। सौंदर्या की दोनो जांघें खून से सनी हुई थी जिसे देखकर सौंदर्या डर सी गई तो अजय ने प्यार से उसका मुंह चूम लिया और बोला:"
" डरने की कोई बात नहीं दीदी, ये मंगल ग्रह आपका कुंवारापन अपने साथ ही ले गया।
सौंदर्या उसकी बात सुनकर शर्मा सी गई और मुंह नीचे करके बोली:"
" जाओ गंदे भाई, सब कुछ किया तुमने खुद हैं और दोष बेचारे मंगल को दे रहे हैं।
इतना कहकर सौंदर्या ने अपनी चूत को हाथ से छुआ तो उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और उसकी उंगली खून से सन गई थी तो अजय ने उसकी उंगली को साफ किया और हल्के गुनगुने पानी पानी से उसकी चूत को धोने लगा। देखते ही देखते सौंदर्या की सिर्फ एक बार चुदी हुई चूत शीशे की तरफ साफ होकर चमकने लगी तो अजय ने उसकी चूत को सहला दिया और फिर अजय ने सौंदर्या को नहलाया और अपनी गोद में उठा कर फिर से बेड पर लेकर आ गया। अजय का लंड एक बार फिर से पूरी तरह से अकड़ कर लोहे की रोड जैसा बन गया था मानो जंगली शेर के मुंह खून लग गया था। हां खून ही तो लग गया था अजय के लंड पर आज सौंदर्या की चूत का जिससे लंड आज पूरा बवाल मचाए हुए था अजय के अंदर।
दोनो भाई बहन अपनी तक पूरी तरह से नंगे ही थे। सौंदर्या को शर्म आ रही थी क्योंकि वो अपने साथ के पूरी तरह से नंगी थी बस सिर्फ पर गीले बालों को ढकने के लिए एक तौलिया बांधे हुए थी इसलिए वो अपने कपड़े लेने के लिए अलमारी की तरफ बढ़ी और अजय प्यासी आंखो से उसे देख रहा था। जैसे ही सौंदर्या कपड़े निकालने के लिए झुकी तो उसकी चूत और गांड़ दोनो बाहर की तरफ खुल गए थे
अजय ने पहली बार किसी औरत को इस पोजीशन में देखा और उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और वो तेजी से अपनी दीदी के पास पहुंच गया और पीछे से उसकी चूत और गांड़ के दोनो छेद एक साथ देखने लगा। सौंदर्या थोड़ी सी और अंदर की तरफ झुकी और उसकी सिर्फ एक बार चुदी हुई चूत के दोनो लाल सुर्ख होंठ हल्के से खुल गए और अजय का धैर्य जवाब दे गया। उसने अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और आगे को झुकते हुए अपनी दीदी की कमर को पकड़ते हुए एक जोरदार धक्का उसकी चूत में जड़ दिया। सौंदर्या उससे पहले कि कुछ समझती लंड जोरदार आवाज के आवाज के साथ उसकी चूत में घुसता चला गया और सौंदर्या दर्द के मारे चिल्ला पड़ी
" आह हम्ममम सीआई आह मर गई आह्ह्ह्ह।
अजय उसकी दर्द भरी चींख सुनकर पूरे जोश में आ गया और बिना देर किए तेजी से उसकी चोद को चोदना शुरू कर दिया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प रही थी और अजय उसकी टाइट चूत की दीवारों को महसूस करके पगला सा गया था और जोर जोर से धक्के मारने लगा। सौंदर्या को हल्का हल्का अच्छा लगने लगा और उसने अपना हाथ अपनी चूचियों पर रख दिया तो अजय ने चूत में लंड घुसे घुसे ही उसे अपनी गोद में उठा लिया और बेड पर पटक दिया और उसके ऊपर चढ़कर धक्के लगाने लगा तो सौंदर्या जोर जोर से सिसकियां लेते हुए मचलने लगी और उसकी चूत अपने भाई के तगड़े धक्के के आगे ज्यादा देर नहीं टिक सकी और उसने अजय को कसते हुए अपने रस की बुंदे उसके लंड पर टपका दी। अजय ने उसकी दोनो चुचियों को अपनी हथेलियों में कस लिया और जोर जोर से दबाने लगा सौंदर्या दर्द से कराहती हुई तड़प उठी और जोर लगाते हुए छूटने की कोशिश करते हुए साइड से हो गई तो अजय ने उसकी एक टांग को अपनी टांग के नीचे दबा दिया और एक हाथ को उसकी गर्दन में लपेट कर जोर जोर से धक्के मारने लगा। सौंदर्या की चूत अभी नई नई थी और उसकी चूत में दर्द हो रहा था और अजय को एहसास था कि थोड़ी देर चोदने के बाद सौंदर्या भी शहनाज की तरह उसकी दीवानी हो जायेगी इसलिए वो उसकी चूत को जोर जोर से कस कस कर मसलते हुए तेज तेज धक्के लगाने लगा।
सौंदर्या की चूत में लंड किसी हथौड़े की तरह लग रहा था और सौंदर्या दर्द के मारे जोर जोर से चिल्लाने लगी तो अजय ने उसका मुंह अपने हाथ से बंद कर दिया और पूरी ताकत से चोदने लगा तो सौंदर्या की आंखो मे आंसू आ गए और अजय से छूटने की कोशिश करने लगी। अजय उसकी एक चूची को हाथ से मसल रहा और और दूसरी को मुंह में जोर जोर से चूसते हुए उसकी चूत की धज्जियां उड़ा रहा था। सौंदर्या अपने भाई के इस वहशीपन को ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पाई और पूरी ताकत से उसे अपने ऊपर से धकेल दिया और तेजी से कमरे से बाहर की तरफ भागी लेकिन अजय ने उसे तेज से पकड़ लिया और उसे कमरे में पड़ी एक टेबल पर पटक दिया और उसकी टांगो को खोल कर फिर से लंड से लंड घुसा दिया तो सौंदर्या दर्द से दोहरी होती चली गई और चिल्ला उठी
" आह्ह्ह्ह्ह भाई, उफ्फ सीईईईआई नाहिई छोड़ दे मुझे , आह मर जाऊंगी मैं। आह दर्द हो रहा है बहुत तेजजज्ज।
अजय ने उसके दोनो कंधो को थाम लिया और आवारा सांड की तरह पूरी ताकत से धक्के लगाते हुए सिसका
" आआआह्हह मेरी दीदी, देख न कितना मजा आयेगा अभी तुझे, तेरा भाई कैसे चोदता हैं तुझे !! बस थोड़ी देर में तेरा दर्द गायब, हाय तेरी चूत मेरा लौड़ा कैसे कस रही हैं आआआह्हह्ह
सौंदर्या चूत में लंड घुसने से फिर से दर्द से कराह उठी और उससे छूटने की कोशिश करने लगी। हर धक्के पर उसे लग रहा था मानो अजय का लंड नही बल्कि खंजर उसकी चूत में घुस रहा है। सौंदर्या टेबल पर थी और उसकी दोनो टांगो को खोले हुए तेजी से उसे चोद रहा था और सौंदर्या का मुंह हर धक्के पर दर्द से खुल रहा था और अजय बिना उसकी परवाह किए हुए इसे अपनी मर्दानगी मानकर उसे और ज्यादा जोर से चोद रहा था।
सौंदर्या की चूत की दीवारों में आग सी लग गई थी और उसकी चूत से खून आने लगा जबकि अजय को लग रहा था कि उसकी दीदी की चूत फिर से गीली हो रही हैं और देखते ही देखते कुछ धक्के के बाद सौंदर्या जोर जोर से सिसकियां लेते हुए बेहोश सी हो गई तो और अजय के लंड में भी उबाल आया तो उसने लंड को बाहर निकाला और फिर से पूरी ताकत से सौंदर्या की चूत में घुसा दिया तो सौंदर्या मुंह फाड़कर दर्द से चिल्ला उठी और बेहोश होती चली गई। अजय ने उसकी चूत को अपने वीर्य से भर दिया और आंखे बंद किए उसके मुंह को चूमने लगा।
सौंदर्या की दर्द भरी चींख सुनकर शाहनाज तेजी से दौड़ती हुई आई और देखा कि सौंदर्या टेबल पर बेहोश पड़ी हुई हैं और अजय का लंड उसकी चूत से धीरे धीरे बाहर निकल रहा था, सौंदर्या की जांघें खून से सनी हुई थी। शाहनाज गुस्से से आगे बढ़ी और एक जोरदार थप्पड़ अजय के गाल पर जड़ दिया और तेजी से उसे सौंदर्या के उपर से हटा दिया और गुस्से से चिल्लाई
" अजय जानवर हो गया हैं क्या तू ? ये क्या कर दिया तूने अपनी बहन के साथ ?
अजय को काटो तो खून नहीं, अपने अपना सिर पकड़ लिया और सोचने लगा कि ये उसने क्या कर दिया। उसे अपने आप पर बड़ी शर्म आ रही थी और देखते ही देखते उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े। शाहनाज ने गर्म पानी किया और अजय के लंड की मार से बिलकुल लाल सुर्ख होकर सूज जाने के कारण मोटी हो गई उसकी चूत को गर्म अपनी से झारने लगी ताकि सौंदर्या को थोड़ा आराम मिल सके। थोड़ी देर गर्म पानी से सिकाई करने के बाद उसने सौंदर्या के जिस्म को एक चादर से ढक दिया और उसके माथे को चूम लिया और उसके मुंह पर पानी के छींटे मारे तो सौंदर्या ने दर्द से कराहते हुए अपनी आंखों को खोल दिया और शाहनाज को देखते ही उसकी आंखो से आंसू निकल पड़े और शाहनाज की गोद में अपना सिर छुपाकर फफक फफक कर रो पड़ी। शाहनाज ने उसका हाथ पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी माथे को सहला कर तसल्ली देते हुए बोली:"
" रोते नही सौंदर्या, चुप हो जाओ, अपने आपको संभालो।
सौंदर्या भरे हुए गले से सिसकते हुए बोली:"
" मैं किसी को मुंह दिखाने के लायक नही रही, मेरे अपने ही भाई ने मेरे साथ ये क्या कर दिया।
शाहनाज:" बस सौंदर्या, ये सब शायद उससे तुम्हारी मांगलिक पूजा विधि के चलते हुआ होगा। गलती इंसान से ही होती हैं। भाई हैं वो तुम्हारा छोटा।
सौंदर्या जैसे ही उपर को उठने को हुई तो उसे अपनी जांघो के बीच में तेज दर्द का एहसास हुआ और फिर से दर्द से कराह उठी। शाहनाज ने उसे लेटे रहने का इशारा किया और बोली:"
" अजय अगर पूजा की सब विधियां ठीक से पूरी हो गई हो तो गाड़ी निकाल लाओ ताकि घर चल सके।
अजय का चेहरा आंसुओ से भरा हुआ था और सौंदर्या की बाते सुनकर उसके अंदर उसकी तरफ देखने की हिम्मत नही हो रही थी इसलिए वो बिना कुछ बाहर निकल गया और गाड़ी लेने चला गया।
सौंदर्या:" क्या मेरा इस हाल में घर जाना सही होगा ? घर में सबको क्या बोलूंगी मैं ?
शाहनाज:" उसकी चिंता तुम मुझ पर छोड़ दो। मैं सब कुछ संभाल लूंगी, वैसे भी पूजा खत्म होने के बाद यहां रुकने का कोई मतलब ही नहीं बनता।
इतना कहकर शाहनाज ने जल्दी से सारा सामान पैक किया और बाहर गाड़ी में ले जाकर रख दिया। उसके बाद उसे अजय को इशारा किया तो अजय अंदर आ गया और सौंदर्या की तरफ देखा तो उसने मुंह अपना मुंह गुस्से से दूसरी तरफ घुमा लिया।
अजय:" दीदी मुझसे गलती हो गई हैं, आप जो चाहे सजा देना लेकिन मैं आपको गाड़ी में बिठा देता हु।
इतना कहकर अजय आगे बढ़ा तो सौंदर्या किसी घायल नागिन की तरफ फुंफकार उठी
" हाथ भी मत लगाना मुझे, खुद चली जाऊंगी मैं। मर गई आज के बाद तेरे लिए मैं।
इतना कहकर वो धीरे धीरे लंगड़ाती हुई आगे बढ़ने लगी तो अजय ने हिम्मत करके उसका एक हाथ पकड़ लिया तो सौंदर्या ने गुस्से से उसके हाथ को दूर फेंक दिया और आगे बढ़ने लगी। अजय ने उम्मीद भरी नजरो से शाहनाज की तरफ देखा तो शहनाज ने उसे शांत ही रहने का इशारा किया और आगे बढ़कर सौंदर्या को सहारा देते हुए गाड़ी के अंदर ले आई।
अजय ने आगे बैठ कर गाड़ी को स्टार्ट किया और गाड़ी उनके घर की तरफ चल पड़ी। सौंदर्या शाहनाज की गोद में सिर रखकर सो गई और अजय अपने आप में खोया हुआ सा गाड़ी चलाने लगा।