Vikashkumar
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Well Done
Apne kahani ko khatam kiya bich me chodddaaa ni
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Awesome updateगाड़ी अपने मंजिल की तरफ बढ़ रही थी और सुबह हो गई तो सभी को भूख लगने लगी तो अजय ने गाड़ी को एक ढाबे के बाहर रोक दिया और खाना लेने चला गया।जाने से पहले उसने शाहनाज को इशारा किया कि सौंदर्या को एक बार समझाए। शाहनाज ने इसे प्यार से आवाज लगाई तो सौंदर्या भी उठ गई थी लेकिन पूरी तरह से खामोश थी। अपने भाई को न पाकर उसने शाहनाज की तरफ देखा तो शहनाज बोली:"
" खाने के लिए कुछ लेने गया है। आता ही होगा।
सौंदर्या:" ना आए तो ही बेहतर हैं। मुझे उसकी शक्ल से भी नफरत हो गई है।
शाहनाज: ऐसा नहीं बोलते। सगा भाई हैं वो तुम्हारा।
सौंदर्या:" मेरा उससे कोई रिश्ता नहीं, मर गया है वो मेरे लिए।
शाहनाज:" सौंदर्या गलती इंसान से ही होती हैं और अजय भी तो इंसान ही है। देखो ना उसने तुम्हारे लिए इतना सब कुछ किया है और आज सिर्फ उसकी वजह से ही तुम्हे मंगला से मुक्ति मिली।
सौंदर्या:* बस बस इससे अच्छा तो मांगलिक ही ठीक थी। और आपका उसका इतना पक्ष इसलिए ले रही हो क्योंकि आप के उसके साथ गलत संबंध है।
शाहनाज को समझ नही आया कि क्या जवाब दे। थोड़ी देर के लिए खामोश रही और फिर बोली:"
" जो कुछ हुआ वो पूजा विधि और हालात के चलते हुआ। मैं तो अब हमेशा के लिए अपने बेटे के साथ फिर से अमेरिका चली जाऊंगी लेकिन तुम्हे अपने भाई के साथ जिंदगी भर साथ रहना होगा इसलिए कोई ऐसा कदम मत उठाना कि जिंदगी भर पछतावा हो तुम्हे।
इतना कहकर शहनाज़ चुप हो गई। अजय भी आ गया था और दोनो के लाख समझाने के बाद भी सौंदर्य ने खाना नही खाया तो उन दोनो में भी नही खाया और थोड़ी देर के बाद आखरिकर वो घर पहुंच ही गए।
अजय और शहनाज़ बुरी तरह से डर गए थे कि अगर सौंदर्या ने अपना मुंह खोल दिया तो क्या होगा। कमला दौड़ती हुई आई और सभी की आरती उतारने लगी। शादाब भी अपनी मां को देखकर बहुत खुश था। सौंदर्या बिलकुल खामोश थी तो कमला बोली कि इसे क्या हुआ ?
शाहनाज:" वो पूजा का असर हैं अभी शायद। कुछ दिन में ठीक हो जायेगी।
उसके बाद सभी लोगो ने खाना खाया और सौंदर्या को कमला ने खुद अपने हाथ से खाना खिलाया। धीरे धीरे रात गहराने लगी और जैसे ही 12 बजे तो कमला ने सौंदर्या, अजय और शहनाज़ तीनो को एक कमरे में इकट्ठा किया और बोली:"
" बेटा तुम्हारे जाने के बाद आचार्य जी ये खत देकर गए थे। बोल रहे थे कि अब मैं कभी वापिस नहीं आऊंगा। ये खत मांगलिक दोष से निवारण के बाद सौंदर्या ही अपने हाथो से पढ़ेगी। सिर्फ तुम तीनो को ही बस पता होगा कि इसमें क्या लिखा हैं। इसलिए मैं चलती हु।
तीनो एक दूसरे का मुंह देखने लगे और कमला बाहर निकल गई। सौंदर्या ने कांपते हाथो से खत को खोला और पढ़ने लगी
" प्यारी बेटी सौंदर्या। जब तुम ये खत पढ़ रही होगी तो मांगलिक दोष से पूरी तरह से मुक्त हो गई होगी। तुम्हारे इस दोष निवारण के लिए अजय और शहनाज़ का बहुत बड़ा योगदान हैं जिसे तुम अपनी जान देकर भी नही उतार पाओगी। वहां पर तुम तीनो के बीच जो भी संबंध बने वो सब मंगल प्रभाव के चलते बने ताकि तुम्हारी पूजा सफल न हो सके लेकिन फिर भी तुम कामयाब रहे तो इसके लिए अजय और शहनाज़ दोनो ही जिम्मेदार है। इस खत को पढ़ने के बाद इस कमरे से बाहर निकलते ही पूजा विधि में वहां जो भी हुआ तुम सब भूल जाओगे और तुम्हे चाह कर भी कुछ भी याद नही रहेगा। तुम्हे अपने भाई से बेहतर जीवन साथी कहीं नहीं मिल सकता इसलिए तुम्हारी उससे शादी होकर रहेगी। तुम्हारे मंगल दोष से मुक्त होते ही मुझे भी जीवन से मुक्ति मिल जाएगी क्योंकि तुम लोगो को जो राह मैने दिखाई वो धर्म संगत नहीं थी लेकिन कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था। सदा खुश रहना।
ये सब सुनकर तीनो की आंखे भर आई क्योंकि आचार्य जी अब इस दुनिया में नही रहे थे। तीनो ही एक दूसरे से लिपट कर रो रहे थे और माफी मांग रहे थे। आखिर कर वो कमरे से बाहर आ गए और सब कुछ एक सपने की तरह भूल गए।
अजय और सौंदर्या दोनो की शादी हो गई क्योंकि कमला ने खत को पढ़ने के बाद अपन सहमति दे दी थी। शादाब भी अपनी मां शाहनाज के साथ वापिस अपने घर की तरफ चल पड़ा।
समाप्त।
Sahmat hai HumBhai mai aap ke lekhani ka diwana hu kyoki aap ki lekhani Unique hai aur jo Unique hota hai wo start bhi hota hai Rahi baat update post karne ki ham aap se request karenge kyo ki aap ki story ke addicted ho gye hai
% MAST HAI
Position | Benifits |
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Winner | 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories) |
1st Runner-Up | 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories) |
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Best Supporting Reader | Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership |
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अशोक अपने मा बाप के पीछे पीछे चला गया और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो पीछे मुड़कर सौंदर्या को एक झलक और देख सके।
वहीं अजय तो अपने बेटे के साथ ये सब होते देख कर जैसे पत्थर के बुत की तरह बैठा का बैठा रह गया और उसके पैरो में खड़े होने की भी हिम्मत नहीं बची थी। कमला सौंदर्या को तसल्ली देने में लगी हुई थी
" बेटी चुप हो जाओ। वो लड़का तुम्हारे लायक नहीं था, अरे आज कल मांगलिक जैसी बातो में कोई विश्वास नहीं करता। वो अपने मा बाप का गुलाम निकला, अच्छा हुआ पहले ही पता चल गया नहीं तो तुम्हे शादी के बाद समस्या होती।
सौंदर्या अपनी मा की बातो को सुनकर थोड़ा सा सहज हुई और उसके आंसू हल्के से कम हुए और वो सुबकते बोली:"
" मम्मी मेरी ही किस्मत खराब हैं किसी को क्या दोष दू मैं। ना मैं मांगलिक होती और ना ये सब होता मेरे साथ।
कमला ने अपनी बेटी का हाथ अपने हाथ में लिया और प्यार से सहलाते हुए बोली:"
" नहीं बेटी तेरी किस्मत खराब नहीं हैं बस तेरी परीक्षा ले रही हैं, अशोक भी पुराने जमाने की सोच का ही लड़का निकला।
सौंदर्या ने अपनी दोनो आंखे खोल दी और बोली:'
" मम्मी कोई भी लड़का अपने मा बाप के खिलाफ जाकर शादी नहीं कर सकता, हम चाहे कितने भी आधुनिक क्यों ना बन जाए लेकिन अपनी रीति रिवाज और परम्परा को नहीं भूलते। क्या आप एक मांगलिक लड़की से अजय की शादी कर सकती हैं ?
सौंदर्या के सवाल को सुनते ही कमला के दिमाग में धमाका सा हुआ और उसे एक पल के लिए समझ नहीं आया कि वो क्या जवाब दे। अजय अपनी बहन की बात सुनकर जैसे नींद से जागा और बोला:"
" सौंदर्या दीदी आज मैंने आपके दुख को सही से समझा हैं और महसूस कर सकता हूं कि ये ही समस्या हर मांगलिक लड़की के साथ आती होगी। इसलिए मैं आपकी कसम खाता हूं कि अगर कोई मांगलिक लड़की मुझे पसंद अाई तो शादी जरूर करूंगा।
कमला ने एक बार अजय की तरफ देखा और खामोश हो गई वहीं सौंदर्या उठ खड़ी हुई और तेजी से उपर की तरफ चल पड़ी।
सौंदर्या तेजी से जीने की सीढ़ियां चढ़ रही थी जिससे उसकी भारी भरकम चूचियां उपर नीचे हो रही थी।
अजय की नज़रे अपने आप ही फिर से अपनी बहन की उछलती हुई चूचियों पर चली गई। अजय को खुद पर शर्म अा रही थी कि मैं ये सब क्यों देख रहा हूं।
अजय ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और बोला:"
" मम्मी क्या हर बार इसकी साथ ऐसा ही होता है ?
कमला:" बेटा ये बहुत कुछ झेल चुकी हैं बेचारी। हर बार जब कोई रिश्ता आता हैं तो हमेशा इसका दिल टूट जाता हैं। अब खड़े खड़े तुम मेरे क्या मुंह देख रहे हो ? जाओ और जाकर अपनी बहन को मनाओ।
अजय ऊपर की तरफ चल पड़ा और सौंदर्या के दरवाजे को नॉक किया तो पता चला कि वो अंदर से बंद था।
अजय:" दीदी क्या कर रही हो आप ? दरवाजा खोलो ना प्लीज़
सौंदर्या गुस्से में बोली:" भाई मेरा मन ठीक नहीं है। तुम जाओ मैं बाद में बात करूंगी।
अजय:" मेरी प्यारी दीदी दरवाजा खोलो ना आप। मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।
सौंदर्या:" बाहर से ही बोल दे क्या बात है ? मैं नहीं खोलती।
अजय:" दीदी आप मुझसे क्यों गुस्सा हो ? मेरी क्या गलती हैं इसमें ? आप कहो तो अभी जाकर उस अशोक के बच्चे के हाथ पैर तोड़ दू।
सौंदर्या:" नहीं अजय। ये तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो ? अच्छा रुको मैं दरवाजा खोलती हूं।
सौंदर्या ने आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया और अजय अंदर कमरे में अा गया और बोला:"
" दीदी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं। लेकिन आप फिक्र मत करो। अपने भाई पर भरोसा करो मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा।
सौंदर्या बिना कुछ बोले आगे बढ़ी और अजय के गले से लग गई। अजय ने भी अपनी दीदी को अपने गले लगा लिया। बाहर दरवाजे पर राधा भी अा गई थी और उसे खुशी हुई कि अब उसकी सहेली काफी हद तक सामान्य हो गई थी।
राधा अंदर घुस गई और बोली:"
" क्या बात हैं बड़ा प्यार अा रहा है अपने भाई पर सौंदर्या ?
सौंदर्या:" भाई पर तो सबको ही प्यार आता हैं राधा। क्या तू नहीं करती अपने भाई से प्यार ?
राधा:" करती हूं बाबा। अच्छा बात सुन, मैं अब घर जा रही हूं। सारा काम ऐसे ही पड़ा हुआ हैं।
कमला उपर अा गई थी और बोली:" पहले सब नीचे चलो नाश्ता तैयार हैं। उसके बाद जाना जिसे जहां जाना हैं।
सारे नीचे अा गए और नाश्ता करने लग गए। सबने पेट भर कर खाया और उसके बाद राधा अपने घर की तरफ निकल गई और अजय और सौंदर्या रात के थके होने के कारण फिर से गहरी नींद में डूब गए जबकि कमला अपने घर के काम में लग गई।
मनोज अपने अड्डे पर बैठा हुआ था और अपने गुंडों से बात कर रहा था।
गुंडा:" मैं सच कह रहा हूं भाई। रात नाचने वाली लड़की ने हो मास्क पहना था ये वही मास्क हैं जो उस दिन उस लड़के ने पहना हुआ था।
मनोज:" अगर तेरी बात सच है तो उस मास्क का जरूर मेरे गांव से कोई सम्बन्ध हैं। मुझे हर हाल में पता करना होगा कि वो लड़की कौन हैं ताकि मैं उस लड़के तक पहुंच जाऊं। अच्छा शेरा को बुला कर लाओ, पता नहीं कहां रह गया है वो ? पिंकी का भी आज मुझे काम तमाम करना ही हैं।
गुंडा:" जी साहब मैं जा रहा हूं।
इतना बोलकर वो आदमी बाहर निकल गया और मनोज अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे लड़की का पता किया जाए।
थोड़ी देर बाद ही शेरा अा गया और देखते ही देखते सारे लोग कुछ गाड़ियों में भर कर शहर की तरफ चल पड़े।
पिंकी बेचारी कल उस दिन वाले हादसे के बाद आज पहली बार घर से निकली थी और सड़क पर जा रही थी तभी पीछे से एक खुली हुई जीप अाई और देखते ही देखते गुंडों ने उसे उठाकर गाड़ी में पटक दिया और अगले ही पल उसके मुंह पर क्लोरोफॉर्म लग गई थी और पिंकी बेहोश हो गई।
मुंह पर पानी के छींटे पड़े तो पिंकी की आंखे खुली तो उसने आपको एक पुराने से कमरे में बंद पाया। सामने ही कुर्सी पर कुछ लोग बैठे हुए थे जिन्हें देखकर वो डर गई।
तभी अंदर कुछ लोग और अा गए और मनोज भी अंदर अा गया और पिंकी की तरफ देखते हुए बोला:"तो ये हैं वो पिंकी जिसने मेरी बहन को थप्पड़ मारा था।
साली की चूचियां तो कमाल की लग रही है शेरा।
मनोज की बात सुनकर पिंकी की नजर अपनी चूचियों पर गई तो उसके मुंह से एक चींखं निकल पड़ी क्योंकि वो पूरी तरह से नंगी पड़ी हुई थी। पिंकी ने अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक लिया और अपनी टांगो को कस लिया और बोली:"
" भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा ?
मनोज:" कैसे छोड़ दे तुझे भगवान के लिए जबकि तुम्हें भगवान ने ही हमारे लिए बनाया हैं। सुन जिस रोशनी को तूने थप्पड़ मारा था मैं उसका भाई हूं। सब समझ गई होगी अब तू।
पिंकी की आंखो के आगे एक के बाद एक नज़ारे घूमने लगे और उसे याद आया कि उसने अभी कुछ दिन पहले एक लड़की को थप्पड़ मार दिया था क्योंकि उसने लिफ्ट में सबके सामने उसकी चूचियां दबा दी थी।
पिंकी:" मुझे माफ़ कर दो, मैं जानती हूं मेरी गलती हैं लेकिन तुम्हारी बहन ने भी तो मेरे साथ गलत किया था।
मनोज:" गलत कुछ नहीं किया वो शर्ट हार गई थी और उसकी सहेली ने उसे करने के लिए ये ही टास्क दिया था कि लिफ्ट में जो लड़की सबसे पहले दिखे उसकी चूचियां दबानी हैं। बस ये सारी बात थी और तुम बन गई झांसी की रानी।
पिंकी समझ गई थी कि वो बुरी तरह से फंस गई है इसलिए उसने डर के मारे दोनो हाथ जोड़ दिए और बोली:"
" मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हू मुझे माफ कर दो तुम।
एक बार फिर से उसकी चूचियां नंगी हो गई और सभी गुण्डो के मुंह से एक आह निकल पड़ी।
मनोज:" उफ्फ हाथ जोड़ने के बहाने फिर से अपनी चूचियां दिखा रही है कमीनी।
पिंकी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसके हाथ अपने आप फिर से उसकी चूचियों पर चले गए। मनोज ने इशारा किया और दो लोग आगे बढ़े और पिंकी के दोनो हाथो को पकड़ कर पीछे फैला दिया जिससे उसकी चूचियां फिर से हवा में लहरा गई। पिंकी उनकी पकड़ में तड़प उठी और दर्द भरी आह के साथ बोली:"
" आह मुझे छोड़ दो प्लीज। मत करो मेरे साथ ऐसा।
मनोज ने हाथ आगे बढाया और उसकी चूचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर से मसल दिया तो पिंकी एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। मनोज पूरी ताकत से उसकी चूचियों को मसलने लगा और पिंकी की दर्द भरी आह निकल रही थी। उसके बाद मनोज ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी और पिंकी दर्द से तड़पती रही।
अगले दिन सुबह पिंकी की लाश शहर के बाहर पड़ी हुई मिली और देखते ही देखते ये बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और सौंदर्या ने जैसे ही टीवी में सुबह सुबह उस लड़की की फोटो देखी तो उसकी हालत डर के मारे खराब हो गई।
सभी का दिल से धन्यवाद।
अभी बुखार और खांसी हैं। मेरी और पत्नी दोनों की रिपोर्ट में इन्फेक्नशन हैं लेकिन जल्दी ही ठीक हो जाएगा। आप सभी की दुआओ की जरूरत है। भगवान पर भरोसा हैं
When new post will come please le me know..story padh k meri halat kharab ho gyi..bahut Garmi aa gyi body me..