सौंदर्या अपने कॉलेज जाने के लिए तैयार होने लगी जबकि अजय अभी तक सोया हुआ था। सौंदर्या के मन में पूरी तरह से उथल पुथल मची हुई थी और एक अनजाना सा भय उसके दिमाग पर छा गया था।
ना चाहते हुए भी उसकी आंखो के आगे बार बार पिंकी का चेहरा घूम रहा था, कितनी मासूम थी वो बेचारी पिंकी, उसने किसी का क्या बिगाड़ा होगा। है भगवान पिंकी को तो मैंने भी बचाने की कोशिश करी थी तो क्या वो अब मुझसे भी बदला ले सकते हैं ?
ये विचार मन में आते ही उसके शरीर में तेज कंपकपी सी दौड़ गई और उसकी आत्मा तक सिहर उठी। नहीं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। तभी उसके मन में दूसरा विचार अाया कि जो गुंडे बीच बाजार लड़की के कपड़े फाड़ सकते हैं वो कुछ भी कर सकते हैं।
है भगवान मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या जरू। क्या गुण्डो से डरकर घर बैठ जाऊं। नहीं ये तो कायरता होगी और मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए। वो इसी उधेड़ बुन में लगी हुई थी कि कॉलेज जाए या नहीं इसी बीच सीमा के पापा घर के अंदर दाखिल हुए।
सौंदर्या ने उन्हें देखते ही नमस्ते करी तो उसके पापा खुश हो गए और बोले:"
" अरे बेटी सौंदर्या मैंने तो ये बताने के लिए अाया था कि आज सीमा ससुराल से मिलने के लिए वापिस अा रही हैं। घर में काम होगा बहुत इसलिए आज कॉलेेज मत जाना तुम, सीमा से भी मिल लेना क्या पता अगली बेचारी कब आएगी घर।
सौंदर्या को जैसे आज सुबह से ही कॉलेज ना जाने के लिए ही सोच रही थी और अब तो उसे बहाना भी मिल गया। उसने तुरंत हामी भर दी।
तभी कमला भी अंदर से अा गई और बोली:" भाई साहब ये तो बहुत खुशी की बात है कि सौंदर्या वापिस अा रही है। सौंदर्या आज नहीं जायेगी कॉलेज।
सौंदर्या:हान मा मैं सीमा से मिल लूंगी, शादी के बाद भी घर में बहुत काम होते हैं।
सीमा के पापा:" अरे सौंदर्या बेटी तेरी चाची बता रही थी कि शादी से पहले दिन तू टंकी से अनाज लेने गई थी और तूने टंकी खुली छोड़ दी और सारा अनाज कमरे में फैल गया। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि क्या सच में तुझसे ऐसा हुआ है ?
सौंदर्या की आंखो के आगे सारी कहानी घूम गई कि सीमा, सपना और राधा की बातो को सुनकर वो बहक गई थी और अनाज की टंकी सच में खुली रह गई थी। वो हल्का सा झेंप गई और बोली:"
" जी चाचा जी, मुझसे गलती तो हुई हैं लेकिन मुझे चाची ने जल्दी जल्दी दूसरे काम के लिए बुला लिया था जिससे ये सब हुआ। आगे से ऐसा कुछ नहीं होगा।
कमला:" बेटी सौंदर्या मुझे तुम पर पूरा यकीन है। आखिर मेरी बेटी गांव में सबसे ज्यादा समझदार लड़की जो हैं।
सीमा के पापा:" अच्छा बेटी मैं चलता हूं। कुछ और काम भी देखने हैं तुम जल्दी से अा जाना।
इतना कहकर सीमा के पापा चले गए और कमला बोली:"
" अरे देखना ये अजय उठा हैं या नहीं अभी तक ? पता नहीं कितना सोता हैं ये लड़का।
सौंदर्या:" मम्मी भाई शहर से थका हुआ अाया और आते ही शादी के काम में लग गया था शायद इसलिए सो रहा होगा।
कमला:" अच्छा बहुत पक्ष ले रही हैं अपनी लाडले भाई तू, देख 9 बंजने वाले हैं। तू जल्दी से उसे उठा दे मैं तब तक कुछ बना लेती हूं तुम दोनो के लिए।
सौंदर्या अपने भाई को उठाने के लिए उसके कमरे में पहुंच गई और देखा कि अजय आराम से पीठ के बल सोया हुआ पड़ा था। नींद में उसके जिस्म पर से चादर सरक गई और अजय ने उपर के हिस्से में कुछ नहीं पहना हुआ था जिससे उसका सपाट पेट और चौड़ी छाती पूरी तरह से खुले हुए थे। अजय के सांस लेने के कारण उसकी छाती और पेट हल्के से उपर नीचे हो रहे थे जिससे उसके जिस्म में बने हुए सिक्स पैक बहुत खूबसूरत लग रहे थे।
सौंदर्या ये सब देखकर बहुत अच्छा महसूस कर रही थी कि उसका भाई सच में बहुत आकर्षक लगता है। अजय शायद गहरी नींद में सोया था इसलिए उसे बिल्कुल भी नहीं था उसकी बहन उसके पास बैठी हुई है।सौंदर्या ने एक हल्के गुलाबी रंग की साड़ी और उसी रंग का ब्लाउस पहना था खुले बालो में बेहद खूबसूरत लग रही थी। अजय के पास बैठी सौंदर्या अपने भाई को देखते हुए धीरे धीरे स्माइल कर रही थी और उसके बालो में बेहद प्यार से उंगलियां घुमा रही थी।
वो ये भी भूल गई थी कि वो अपने भाई को उठाने के लिए हैं और बाहर उसकी मम्मी इंतजार कर रही है उनका। अपनी भाई की चौड़ी और कठोर छाती के साथ साथ सिक्स पैक एब्स देखकर वो मंत्र मुग्ध सी हो गई थी।
तभी उनके कानो में कमला की तेज आवाज पड़ी कि सौंदर्या कहां रह गई तुम और सौंदर्या एकदम से डर के मारे उछल पड़ी और उसका एक हाथ अजय की छाती पर चला गया। छाती पर हाथ पड़ते ही सौंदर्या की आंखे मस्ती से बंद हो गई और उसने अपने भाई की छाती को हल्का सा सहला दिया और उसे ज़िन्दगी में पहली बार इतनी सुखद अनुभूति हुई।
तभी दूसरी बार उसके कानों में अपनी मा की आवाज पड़ी जो काफी नजदीक से अा रही थी। शायद उसकी मम्मी उधर ही अा रही थी इसलिए सौंदर्या डर के मारे खड़ी हो गई और एक चादर जल्दी से अपने भाई के उपर डाल दी और जोर जोर से उसे आवाज लगाने लगी:
:" भाई उठ जाओ। उठो ना देखो कितनी देर हो गई है।
तभी कमला अंदर अा गई और बोली:" लगता है ये अजय बहुत गहरी नींद में हैं। रुक मैं इसका इलाज करती हूं।
इतना कहकर कमला आगे बढ़ी और तेजी से उसके कान में चिल्लाई तो अजय हड़बड़ा कर उठ गया और उसने इधर उधर देखा तो अपनी मा और बहन को देखकर सुकून महसूस किया और बोला:"
" ओह मम्मी, कितनी अच्छी नींद अा रही थी मुझे। आपने उठा दिया ।
कमला: अच्छी नींद के बच्चे 9 बज गए हैं और ये गांव हैं। जल्दी से तैयार हो जा नहाकर, हम दोनों भी भूखे हैं तेरे चक्कर में।
अजय जल्दी से उठा और बाथरूम में घुस गया जबकि सौंदर्या अपनी मम्मी के साथ बाहर आ गई और खाने की टेबल लगाने लगी।
नाश्ता लग गया था और सभी साथ में बैठ कर कर रहे थे। अजय अपनी मा के हाथ के खाने को बहुत पसंद करता था इसलिए बड़े चाव से खा रहा था। सौंदर्या ये सब बहुत ध्यान से देख रही थी और बोली:"
" क्या बात है भाई, शहर से भुखे ही आए हो क्या ? जब भी मौका मिलता है तो खाने पर टूट पड़ते हो। थोड़ा आराम से खाओ।
अजय:" अरे दीदी शहर में कहां मा के हाथ का खाना मिलता है , अब इतने सालो के बाद मौका मिला है तो मन करता हैं बस खाए जाऊ खाए जाऊ।
कमला:" कोई बात नहीं मेरे लाल, तुम जी भर कर खाओ। तेरा जो भी मन किए बता दिया करो मैं बना दूंगी।
अजय:" वाह, मा हो तो ऐसी , मम्मी दीदी तो मेरे खाने पर नजर रखती हैं।
सौंदर्या:" अरे नहीं मेरे भाई। मैं तो चाहती हूं कि तुम खूब खा खाकर शक्तिमान बन जाओ।
ये बोलकर सौंदर्या हंसने लगी तो अजय बोला:"
" आप उसकी चिंता मत करो, वो तो मैं बन ही जाऊंगा। लेकिन आप कॉलेज नहीं गई अभी तक ?
सौंदर्या एक पल के लिए तो कॉलेज जाने के बारे में सोचकर डर गई लेकिन फिर संयम से काम लेते हुए बोली:"
" अरे भाई, आज सीमा वापिस अा रही है ससुराल से, उसके पापा आए थे तो वहां जाना हैं मुझे। तुम भी चलो ना मेरे साथ।
अजय:" अरे दीदी आप ही जाओ। मुझे तो अभी भी नींद लगी हैं बहुत। मैं तो अभी आराम करूंगा अच्छे से।
सौंदर्या:" हान ठीक हैं कुंभकरण महाराज। आप पूरे दिन आराम करो। लेकिन पहले खा तो लो आराम से पेट भर कर। अच्छा मम्मी मैं जा रही हूं।
इतना कहकर सौंदर्या खड़ी हुई और बाहर की तरफ निकल गई जबकि अजय और कमला अपनी बाते करते रहे।
अजय:" मम्मी मैं तो कल से बहुत परेशान हू। सौंदर्या दीदी के आंसू देखकर तो मन किया था कि उस कमीने अशोक की सारी हड्डियां तोड़ डालू।
कमला:" मार पीट से क्या फायदा बेटा। सौंदर्या तो बेचारी बहुत दुखी हैं। इससे छोटी लड़कियां भी शादी के बाद बच्चो की मा बन गई है तो दुख तो उसे होगा ही।
अजय:" मम्मी अगर मांगलिक लड़का नहीं मिला तो क्या सारी ज़िन्दगी दीदी की शादी नहीं हो पाएगी क्या ?
कमला:" बेटे बिना मांगलिक लड़के तो सारी नहीं हो सकती। इसका बस एक ही उपाय हैं कि सौंदर्या की कुंडली से दोष दूर किए जाए। इसलिए मैंने महान ज्योतिष आचार्य तुलसी प्रसाद जी से मिलने का समय मांगा है। शायद वो हमारी कोई मदद कर सके बेटा।
अजय:" मम्मी ये तो बहुत अच्छी बात है, फिर तो अपनी दीदी की भी शादी हो जायेगी।
कमला:" हान बेटा। लड़की की सही उम्र में शादी हो जाए तो ठीक रहता है।
अजय:" मम्मी वैसे लड़की की शादी के लिए कितनी उम्र ठीक होती हैं ?
कमला:" बेटा गांव में तो पहले 18 तक शादी हो जाती थी लेकिन अभी थोड़ा लेट होने लगा है इसलिए 22 या 23 तक हो जानी चाहिए।
अजय:" अच्छा मम्मी एक बात बताओ, आपकी शादी कितनी उम्र में हुई थी ?
कमला:" अरे बेटा उस टाइम की तो बात ही कुछ और थी। मात्र 16 साल की उम्र में मेरी शादी हो गई थी तेरे पापा से।
अजय:" अच्छा मम्मी। सच में पहले बहुत छोटी उम्र में शादी होती थी। मैंने खाना खा लिया।
अजय खाना खा चुका था इसलिए कमला बर्तन उठाते हुए बोली:" और क्या। पहले तो ऐसा ही होता था। अच्छा मुझे अभी थोड़ा काम है। बाद में बात करती हूं बेटा। तुम चाहो तो फिर से कुंभकर्ण बन सकते हो।
इतना कहकर कमला हंस पड़ी और अजय भी अपनी मम्मी के साथ जोर जोर से हंसने लगा।
दूसरी तरफ सौंदर्या सीमा के घर अा गई थी और देखा कि राधा और सपना पहले से ही मौजूद थीं। सपना उसे देखती ही बोली:
" कैसी हो रूप की रानी? आज बड़ा चमक रही हो?
सौंदर्या अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और बोली:" ठीक हूं मैडम जी। मै वैसे रूप कि रानी नहीं हू। समझी तुम।
राधा:" सच में आज तुम कमाल लग रही हो सौंदर्या। रूप की रानी तो कुछ भी नहीं तुम्हारे आगे।
तभी सीमा की मम्मी अंदर अा गई और उन्हें काम बताने लगी। सारी लड़कियां अपने काम में लग गई और थोड़ी देर बाद ही सारा खाना बन गया था। तभी घर के बाहर गाड़ी रुकने की आवाज अाई और सीमा की मम्मी बोली:"
" लगता है सीमा अा गई।
इतना सुनते ही सारी लड़कियां खुशी से बाहर की तरफ दौड़ पड़ी। सच में सीमा ही थी। अपनी सहेलियों को देखते ही उसके चहेरे पर स्माइल अा गई और वो गाड़ी से उतर कर अंदर अा गई।
सीमा का पति और दूसरे सभी लोग सीमा के पापा ने घर में बाहर की तरफ बने हुए एक कमरे में टिका दिए और उनकी आव भगत में लग गए।
वहीं सीमा अंदर अपने कमरे में बैठ गई और सभी लड़कियों से गले मिल रही थी। सपना ने गले मिलते हुए ही उसकी गांड़ पर साडी के उपर से ही हाथ फिर दिया तो सीमा के मुंह से एक आह निकल पड़ी।
सीमा:" उफ्फ कमीनी क्या करती हैं, दुखता है बहुत।
सपना:" हाय सिर्फ हाथ लगाने से ही दुख रहा है। इसका मतलब रात को तेरे पति ने बहुत अच्छे से तुझे मसला हैं।
ये सुनते ही सीमा का चेहरा शर्म से लाल हो गया और सौंदर्या के चेहरे पर भी पता नहीं क्यों शर्म की हल्की सी लालिमा दौड़ गई। राधा ये देखते ही मुस्कुरा उठी और बोली:"
" तुझे क्या हुआ सौंदर्या, तुम क्यों शर्मा रही हो ?
इससे पहले कि सौंदर्या कुछ बोलती सीमा की मम्मी की आवाज अाई जो सौंदर्या को बुला रही थी। सौंदर्या एकदम से बाहर निकल गई तो सभी हंस पड़ी।
सीमा की मम्मी ने सौंदर्या को कुछ काम दिया और खुद मोहल्ले में सब को बताने के लिए चली गई कि सीमा अाई हैं।
वहीं दूसरी तरफ सौंदर्या जानती थी कि अंदर सपना और राधा जरूर सीमा से मस्ती करेगी इसलिए मौका मिलते ही वो बराबर वाले कमरे में घुस गई। उपर बने हुए रोशनदान से साफ आवाज बाहर अा रही थी। सौंदर्या जानती थी कि उसे बाहर भी जाना पड़ सकता है लेकिन वो पूरी बात जरूर सुनना चाहती थी इसलिए उसने अपने फोन को निकाल कर रिकॉर्डिंग शुरू कर दिया ताकि अगर बीच में जाना पड़ा तो बाद में सुन सके।
सपना:" तो बोल ना सीमा रानी कैसी रही तेरी सुहागरात ?
राधा:" हाय काफी मजा आएगा होगा तुझे तो 7 इंच के साथ। बोल ना अब शर्मा क्यों रही है?
सौंदर्या फिर से उनकी बाते सुनकर मचल उठी। सच में वो जाने के लिए उत्सुक थी कि सीमा के साथ क्या हुआ।
सीमा:" क्या बताऊं अब। पूरी रात मेरी हालत खराब कर दी। सच कहूं तो ऐसा लग रहा था मानो पहली बार सेक्स कर रही हूं मैं। सच में बहुत दर्द हुआ। लेकिन जब दर्द खत्म हुआ तो मैं मस्ती में सिसक रही थी, उछल रही थी, मैं अपने आपे से बाहर थी। बाहर निकलता तो ऐसे लग रहा था जैसे जिस्म से जान निकल रही हो।
सीमा की बाते सुनकर सौंदर्या अपने एक पैर को दूसरे पर रगड़ने लगीं और आंखे बंद करके सोचने लगी कि सीमा की उस वक़्त क्या हालत रही होगी।
सपना:" साफ साफ बता कैसे कैसे क्या हुआ ? हमे भी तो कुछ पता चले।
सीमा:" अच्छा बताती हू बाबा। तुम ऐसे नहीं मानोगी। मैं कमरे में उनका इंतजार कर रही थी। दिल की धड़कन मेरी भी बढ़ रही थी क्योंकि मैं पहले ही उनका लंड देख चुकी थी। सच में परेशान थी कि 7 इंच का लंड जैसे अंदर घुस पाएगा। फिर धीरे से कमरे का दरवाजा खुला और मैं डर और शर्म के मारे कांप उठी।
सौंदर्या की सांसे तेज होने लगी थी और जिस्म में अजीब सी हलचल मची हुई थी। सौंदर्या ने अपने दोनो हाथो की उंगलियों को एक दूसरे में फंसा लिया और मरोड़ने लगी। उसके कान आवाज पर लगे हुए थे।
राधा:" बोल ना फिर आगे क्या हुआ ? क्यों चुप हो गई
इससे पहले की सीमा कुछ बोलती उसकी मम्मी अंदर अाई और बोली:"
" अरे सौंदर्या हैं क्या यहां ?
सीमा एक पल के लिए तो डर ही गई लेकिन फिर बोली:"
" नहीं मम्मी वो तो बाहर चली गई थी। बाहर ही देखो।
सौंदर्या बिना आवाज किए कमरे से बाहर निकली और किचेन में घुस गई। सीमा की मम्मी अाई और देखते ही बोली:"
" अरे बेटी मैं तुम्हे अंदर देख रही थी। चलो कोई बात नहीं । तुम सलाद काट लो।
इतना कहकर उसने चाकू सौंदर्या की तरफ बढ़ा दिया। सौंदेया का मूड खराब हो चुका था लेकिन वो जानती थी कि उसकी पास रिकॉर्डिंग होगी।
थोड़ी देर में पहले सभी पुरुष और उसके बाद सभी लड़कीयों ने खाना खाया। खाना खाकर जाते हुए जब सीमा लंगड़ा कर चल रही थी तो सपना बोली:"
" हाय तेरी तो चाल ही बिगाड़ दी है सात इंच ने। कितनी अच्छी किस्मत हैं तेरी।
राधा:" सच में जरूर तूने पुण्य किए होंगे जो ऐसा लंड किस्मत में मिला हैं तुझे।
सीमा:" चुप हो जाओ तुम। बहुत मस्ती करती हो मेरे साथ।
सपना:" मस्ती क्या सीमा, सच कहूं तो मेरे पास एक डिल्डो है 7 इंच का, लेकिन चाल तो मेरी उससे आज तक नहीं बिगड़ी।
सीमा:" पागल लड़की डिल्डो तो सिर्फ प्यास भड़काते हैं, मर्द जब उपर चढकर धक्के मारता हैं उसकी बात ही अलग होती हैं।
राधा:" अरे आज रात के लिए तुम मुझे दे दो ना अपना डिल्डो। मैं तो बहुत तड़प रही हूं।
सपना बाते करते हुए अंदर जा रही थी कि उसकी जेब से कुछ गिरा और सौंदर्या ने देखा कि ये चाबियो का एक गुच्छा था इसलिए इसके दिमाग में एक प्लान आया और तेजी से आगे बढ़ कर उसे उठा लिया।
सौंदर्या हैरान हो गई कि सीमा ऐसी चीज अपने पास रखती हैं। जैसे ही सभी लड़कियां अंदर गई तो सौंदर्या को अपने फोन का ध्यान आया और तेजी से कमरे में घुस गई और देखा कि अभी तक रिकॉर्डिंग चालू थी।
सौंदर्या खुश हुई और फोन को बंद करके अपने पॉकेट में रखा और बाहर निकल गई।
सौंदर्या सीमा की मम्मी से बोली:"
"चाची मुझे घर कुछ काम हैं । मैं अभी आती हूं।
सीमा की मम्मी:" ठीक है बेटी लेकिन जल्दी आना।
सौंदर्या:" ठीक हैं, बस अाई और गई मैं।
सौंदर्या बिजली की गति से बाहर निकल गई और सामने ही सड़क के दूसरी तरफ बने हुए सीमा के घर के पास अा गई। वो जानती थी कि इस समय सभी लोग खेत पर होंगे। उसने एक बार चोर नजरो से इधर उधर देखा और धड़कते दिल के साथ अंदर घुस गई। उसकी सांसे बहुत तेजी से चल रही थी। उसके पूरा जिस्म पसीने से भीग चुका था लेकिन वो तेजी से उपर की तरफ दौड़ी और जल्दी ही सीमा के कमरे के सामने अा गई।
उसने ताले को चाबी से खोला लेकिन ये चाबी नहीं लगी तो उसकी हालत खराब हो गई। वो अच्छे से जानती थी कि अगर पकड़ी गई तो किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेगी।
उसने एक के बाद एक जल्दी करके सारी चाबी से कोशिश करनी शुरू कर दी और जल्दी ही उसकी मेहनत रंग लाई और ताला खुलते ही वो कमरे के अंदर घुस गई।
उसने कांपते हाथो से सीमा की अलमारी को खोला और जल्दी जल्दी सामान देखने लगी। लेकिन उसे कुछ हाथ नहीं लगा। आखिरकार उसने एक बार फिर से ढूंढ़ा और उसके हाथ में एक पैकेट जैसा कुछ अाया और सौंदर्या ने तेजी के साथ उसे खोला और उसकी आंखे खुशी से चमक उठी।
" डिल्डो"
डिल्डो उसने सुना जरूर था लेकिन आज पहली बार देख रही थी। उसने हाथ में लिया तो उसकी लम्बाई उसकी पूरी हथेली से बाहर निकल गई।
सौंदर्या की हालत खराब हो गई। उसने तेजी से पैकेट को लिया और कमरा बंद करते हुए बाहर निकल गई। उसने घर को पहले की तरह बंद किया और सड़क पर अा गई।
तभी उसकी नजर अपने हाथ में पकड़े हुए डिल्डो के पैकेट पर पड़ी जिस पर लंड छपा हुआ था तो सौंदर्या की सिट्टी पित्ती घूम हो गई। लेकिन मेहनत और रिस्क लेकर उसने डिल्डो निकाल तो लिया लेकिन अभी उसे कहां रखे।
उसकी समझ में कुछ नहीं अा रहा था तभी सामने से गांव का एक लड़का आता नजर आया तो सौंदर्या का दिल ऐसे धड़कने लगा मानो उसकी छाती को फाड़ कर बाहर आ जायेगा।
सौंदर्या ने पैकेट को अपने पीछे कर लिया और अपने घर की तरफ चल पड़ी। जैसे जैसे वो आदमी पास आता जा रहा था सौंदर्या की हालत खराब होती जा रही थी। उसे लग रहा था मानो उसकी उसकी सारी इज्जत आज मिट्टी में मिल जाएगी।
वो आदमी सौंदर्या को घूरता हुआ उसके पास से निकाल गया तो सौंदर्या ने तेजी से वो पैकेट आगे कर लिया क्योंकि वो जानती थी कि पीछे से वो आदमी जरूर उसकी गांड़ को घूर रहा होगा।
थोड़ा आगे जाकर सौंदर्या ने पीछे की तरफ देखा तो पाया कि आदमी खड़ा हुआ उसकी गांड़ को ही घूर रहा था। सौंदर्या तेजी से आगे मुड़ी और देखते ही देखते अपने घर के सामने अा गई।
सौंदर्या को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे, उसने अजीब मुसीबत गले में डाल ली थी। तभी सड़क पर फिर से उसे वहीं आदमी नजर आया जो शायद फिर से उसे घूरने अाया था। सौंदर्या ने फैसला किया और डिल्डो के पैकेट को अपनी लहंगे में घुसा लिया और घर के अंदर घुस गई।
उसने चैन की सांस ली और अगले ही उसे लगा कि मानो उसने भूत देख लिया हो। उसकी मम्मी खड़ी हुई थी। सौंदर्या को काटो तो खून नहीं
कमला:" क्या हुआ बेटी ? तुझे तो बहुत पसीना आया हैं ?
सौंदर्या:" मम्मी वो मैं वो दौड़ कर अाई हूं । तेजी से इसलिए...
कमला:" क्या हुआ बेटी बोल ना ? डर क्यों रही हैं ?
सौंदर्या को मन कर रहा था कि ये धरती फट जाए और वो उसमे समा जाए। उससे कोई जवाब नहीं बन रहा था।
कमला: कहीं तेरे पीछे फिर से कुत्ता तो नहीं भाग पड़ा था ?
सौंदर्या की सांस में सांस अाई और बोली:"
" हा हान। मम्मी फिर से कुत्ता मेरे पीछे भाग पड़ा था। बड़ी मुश्किल से बची हू आज।
कमला:" रूक मैं तेरे लिए पानी लाती हूं। बैठ जा आराम से।
सौंदर्या जानती थी कि बैठने से उसके लहंगे में उभार बन सकता है इसलिए कमला के किचेन में घुसते ही वो तेजी से चलती हुई उपर अपने कमरे में घुस गई। उसने जल्दी से पैकेट को बाहर निकाला और अपनी अलमारी में छुपा लिया। वो अलमारी बंद कर रही थी कि अपनी मम्मी की आवाज सुनकर वो गिरते गिरते बची।
" बेटी क्या हुआ? अलमारी में क्या कर रही है तू?
सौंदर्या डर गई कि कहीं उसकी मम्मी ने उसे देख तो नहीं लिया। लेकिन फिर बहाना बनाते हुए बोली:"
" मम्मी सीमा के लिए कोई गिफ्ट देख रही थी। मिला ही नहीं।
कमला:" परेशान मत हो। पैसे दे देना। अपनी पसंद से खरीद लेगी वो। अच्छा लो तुम पहले पानी पियो।
सौंदर्या ने चैन की सांस ली और और अपने कमरे ने बैठ कर पानी पीने लगी।
सौंदर्या:" मम्मी वो आप मुझे पैसे दे दो। मैं अभी बाथरूम से आती हूं।
कमला नीचे की तरफ अाई और सौंदर्या बाथरूम के गेट से वापिस फिर अपने कमरे में घुस गई। उसने पैकेट को ठीक से छुपाया और नीचे अा गई।
कमला ने उसे पैसे दिए और बोली:"
" बेटी मैं भी आऊ क्या तेरे साथ ? क्या पता फिर से कुत्ता मिला जाए।
सौंदर्या:" नहीं मम्मी। आप रहने दो। गर्मी हैं बहुत बाहर। वो तो घर के अंदर चला गया था।
इतना कहकर सौंदर्या तेजी से वापिस
चल पड़ी। उसे चिंता हो रही थी कि अगर सीमा की मम्मी ने सबको बता दिया कि मैं घर गई हूं तो दिक्कत हो जाएगी। वो अपने जिस्म की सारी ताकत समटेकर तेजी से चल रही थी और कुछ ही मिनट में वो सीमा के घर के अंदर घुस गई।
सौंदर्या अंदर डरते हुए घुस गई कि कहीं कोई दिक्कत ना हो जाए लेकिन सभी कुछ था।
सीमा की मम्मी अभी भी बाहर ही काम कर रही थी और अंदर से बाते करने की आवाज अा रही थी। सौंदर्या ने धीरे से मौका देखकर चाभी को निकाला और एक साइड में फेंक दिया और अंदर चली गई।
थोड़ी देर तक उनकी मस्ती भरी बाते चलती रही। उसके बाद धीरे धीरे शाम होने लगी और आखिरकार सीमा के वापिस जाने का समय हो गया। सीमा करीब छह बजे गाड़ी में बैठकर वापिस चली गई।
उसके बाद एक एक करके सभी लड़कियां अपने घर की तरफ लौट गई। सपना और राधा दोनो सपना के घर गई लेकिन वहां अलमारी में डिल्डो ना पाकर दोनो परेशान हो गई। खास तौर से सपना की हालत खराब थी कहीं किसी के घर में हाथ लग गया तो बहुत दिक्कत हो जाएगी।
दूसरी तरफ सौंदर्या अपने घर पहुंच गई। गर्मी ज्यादा होने के कारण उसने अपनी ब्रा निकाल दी और फिर नीचे आकर अपनी मा के साथ काम में लग गई।
सौंदर्या:" मम्मी बाहर कहीं बाहर गया है क्या ? दिख नहीं रहा है।
कमला:" अरे बेटी वो घूमने के लिए गया हुआ हैं। खेत देखने अपने, उसके बाद शाम को वापिस अा जाएगा।
सौंदर्या:" ये तो अच्छा किया भाई ने। मैं भी उसके साथ जाती लेकिन सीमा के यहां चली गई।
कमला:" कोई बात नही, तुम कल चली जाना। अब एक काम करो जल्दी से खाना बनाने में मेरी मदद करो।
सौंदर्या अपनी मा के साथ काम में लग गई और थोड़ी देर बाद ही खाना बन गया। बाहर अब हल्का हल्का अंधेरा होने लगा था।
अजय खेत देखकर वापिस अा रहा था कि उसे बाथरूम लगी और वो सड़क के किनारे एक खेत में मूतने लगा। तभी उसे खेत के अंदर से कुछ आवाज आती हुई महसूस हुई और अजय सतर्क हो गया।
धीरे धीरे दबे पांव वो आगे बढ़ा और धीरे धीरे अा रही आवाज अब सिसकियों में बदल गई थी। अजय ने देखा कि एक लड़की पूरी तरह से घोड़ी बनी हुई थी और पीछे से कोई उसे चोद रहा था जिससे उसकी मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी।
अजय ने सेक्सी वीडियो तो बहुत देखी थी लेकिन आज पहली बार सच में सेक्स होते देख रहा था। अजय के लंड में तनाव आने लगा। पीछे से आदमी की गांड़ साफ हिलती हुई दिख रही थी और लड़की की सिसकियां तेज होती जा रही थी। किसी की भी शक्ल वो नहीं देख पा रहा था लेकिन शरीर साफ दिख रहे थे। उसका हाथ अपने आप अपने लंड पर पहुंच गया और पेंट के उपर से ही हिलाने लगा।
तभी आदमी ने तेजी से एक धक्का मारा और लड़की के उपर गिर गया जिससे दोनो आगे को गिर पड़े। इसके साथ दोनो झड़ते चले गए और अजय जानता था कि अब उसका रुकना ठीक नहीं हैं इसलिए बाहर निकल गया और अपने घर की तरफ चल पड़ा।
अजय घर पहुंच गया लेकिन उसके मन में अभी भी वहीं चुदाई वाला दृश्य घूम रहा था और उसके अंदर जबरदस्त हलचल मची हुई थी।
अजय को देखते ही सौंदर्या खुश हो गई और बोली:"
" भाई अा गए खेत से घूमकर तुम ? कैसा लगा ?
अजय:" हान दीदी अा गया। काफी अच्छा लगा, गांव की ताजी साफ हवा। मजा आ गया सच में।
कमला:" अच्छा अभी काफी अंधेरा हो गया है। मुझे तो सीमा के घर जाना हैं थोड़ा काम हैं। सौंदर्या तब तक तुम अपने भाई को खाना खिला देना।
सौंदर्या:" ठीक है मम्मी। चलो भाई तुम जल्दी से फ्रेश होकर अा जाओ। मैं खाना लगा देती हूं।
अजय बाथरूम में घुस गया और थोड़ी देर बाद वापिस अा गया। तब तक खाना लग गया था सौंदर्या वहीं अजय के सामने खड़ी हुई थी। उसने एक गुलाबी रंग का सुंदर सूट पहना हुआ था और उसमें काफी आकर्षक लग रही थी। अजय की नज़रे अपनी बहन पर ही टिकी हुई थी क्योंकि नीचे ब्रा ना होने के कारण उसकी चुचियों का उभार काफी दिख रहा था और सौंदर्या को इसका एहसास नहीं था।
सौंदर्या थोड़ा आगे हुई और स्माइल करती हुई बोली:"
" भाई देखो मैंने आपकी पसंद का खाना बनाया है। मटर पनीर और रायता भी घर की दही का।
सौंदर्या के थोड़ा आगे होने से उसके उभार पहले से ज्यादा अच्छे से दिख रहे थे और अजय उन्हें देखने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा था।
अजय:" हान दीदी खुशबू तो बहुत अच्छी अा रही है। सच में मजा अा जाएगा आज तो।
सौंदर्या ने अपने भाई को खाना परोसना शुरु कर दिया और अजय खाना खाने लगा।
सौंदर्या:" कैसा बना हैं खाना ? पसंद आया मेरे भाई को ?
अजय:" दीदी बहुत सच में मजा आ गया। आपने बहुत अच्छा खाना बनाया है। दीदी थोड़ा पनीर और दो ना मुझे।
सौंदर्या पनीर देने के लिए थोड़ा सा आगे झुकी और जैसे क़यामत हो गई। सौंदर्या ये भूल गई थी कि उसने ब्रा नहीं पहनी हैं और उसके नीचे झुकते ही उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर छलक उठी।
अपनी बहन की चुचियों के उभार को ऐसे उछलते देखकर अजय मस्त हो गया और उसकी नजरे सीधी वहीं टिक गई।
सौंदर्या को उसकी नज़रों का एहसास हुआ तो उसे अपनी गलती महसूस हुई लेकिन वो आंखे नीची करके पनीर डालती रही और अजय ने जी भर कर अपनी बहन के उभार को निहारा।
जैसे ही सौंदर्या वापिस पीछे हुई तो अजय ने एक आखिरी नजर उसकी चूचियों के उभार पर गड़ाई और खाना खाने में लग गया। सौंदर्या को अब थोड़ी शर्म अा रही थी कि उसे अपने भाई के घर में होते ब्रा नहीं निकालनी चाहिए थी।
अजय खाना खाते हुए बोला:"
" दीदी सच में आपने बहुत ज्यादा स्वादिष्ट खाना बनाया है। जी करता है आपकी उंगलियां चूम लूं। सच में मजा अा गया।
सौंदर्या:" बस बस ज्यादा नौटंकी मत कर। दीदी जब तक ही याद होती हैं तब तक शादी ना हो जाए।
अजय:" तुम्हारी कसम दीदी। सच में खाना अच्छा बना है। और पत्नी के आने से क्या आप मेरी दीदी नहीं रह जाओगे? वैसे वो बाद में आएगी पहले मैं आपकी शादी कर दूंगा।
सौंदर्या:" भाई शादी को छोड़। मुझे तुझसे कुछ जरूरी बात करनी थी।
अजय:" हान बोल मेरी प्यारी बहन। क्या हुआ?
सौंदर्या:" भाई वो लड़की जिसे तुमने गुण्डो से शहर में बचाया था उसे किसी ने मार दिया है।
अजय को एक झटका सा लगा और चौंकते हुए बोला:"
" इसका मतलब गुण्डो ने उसे मार दिया और शायद वो अब मुझसे ढूंढे। उनकी इज्ज़त खराब हुई होगी पिटने के कारण।
सौंदर्या:" तुम्हे भी और भाई तुमसे ज्यादा खतरा तो मुझे हैं क्योंकि मेरे मुंह पर तो मास्क भी नहीं था।
अपनी दीदी की बाते सुनकर अजय को आने वाले खतरे का एहसास हुआ और वो समझ गया कि उसकी दीदी सच में खतरे में पड़ चुकी हैं।
अजय:" दीदी आप फिक्र मत करो। आपके भाई के होते हुए कोई आपको छू भी नहीं सकता है। आज से आपकी सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी हैं।
सौंदर्या:" लेकिन भाई तुम कहां कहां मेरे साथ रहोगे ? कोई दूसरा उपाय देखना होगा।
अजय:" जब तक कोई दूसरा उपाय नहीं मिलता मैं हर टाइम आपके साथ रहूंगा। मैं जल्दी ही उन तक पहुंच कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दूंगा।