अगले दिन सुबह रविवार था इसलिए आज दोनो भाई बहन देर तक सोते रहे।
कमला रोज की तरह सुबह जल्दी ही उठ गई थी और घर के काम काज को खत्म कर दिया और उसके बाद नाश्ते की तैयारी में जुट गई। उसे याद आया कि अभी तक उसके बच्चे तो उठे ही नहीं है तो वो देखने के लिए उपर की तरफ अाई ताकि उन्हें उठा सके। सबसे पहले अजय का कमरा पड़ता था इसलिए वो अजय के कमरे में घुस गई। अजय अपने कमरे में सिर्फ अंडर बाहर पहनकर सोया था और उसकी चादर में एक बहुत बड़ा उभार साफ दिख रहा था। ये देखते ही कमला के होंठो पर स्माइल अा गई और समझ गई कि उसका बेटा पूरी तरह से जवान हो गया है क्योंकि ऐसा उभार तो कभी उसने अपने पति की चादर में भी नहीं देखा था। कमला की अपने बेटे को इस हालत में उठाने की हिम्मत नहीं हुई और उसके रूम से बाहर निकल गई।
सौंदर्या के बाद जल्दी ही इसकी भी शादी करनी पड़ेगी ये सोचते हुए वो अपनी बेटी के रूम में घुस गई और सौंदर्या ऐसे ही सोई पड़ी हुई थी। उसकी नाइटी के जांघो तक सरकी हुई थी और चूचियां साफ़ साफ़ अपना आकर दिखा रही थी। कमला को अपने जवानी के दिन याद अा गए कि वो भी अपने जवानी के दिनों में कुछ कुछ ऐसी ही लगती थी लेकिन उसकी बेटी तो उससे भी ज्यादा ही आगे निकल गई है। कमला अपनी बेटी के पास बेड पर बैठ गई और उसे उठाने लगी
" सौंदर्या उठ जाओ बेटी। काफी समय हो गया है।
सौंदर्या अपनी मम्मी की आवाज सुनकर एकदम से उठ गई और उसने अपनी नाइटी की हालत को देखा तो अपनी मा से शर्मा गई और अपनी नाइटी ठीक करने लगी। कमला ये सब देख कर फिर से मुस्कुरा उठी और बोली:"
" इतनी उम्र हो गई है तेरी, थोड़ा ध्यान से सोया कर, अब तो तेरा भाई भी घर लौट आया है। तुझे ऐसी हालत में देखा तो क्या सोचेगा वो ?
सौंदर्या को अपने भाई का नाम सुनते ही उसकी आंखो के आगे रात हुई घटना याद आ गई। उसका मुंह शर्म से लाल हो गया और सारे बदन में सिरहन सी दौड़ गई और उसने अपना सिर अपनी मा की गोद में रख दिया। कमला अपनी बेटी के बालो को सहलाते हुए बोली:"
" चल जल्दी से नहाकर अा जा तब तक मैं नीचे कुछ बना देती हूं तुम दोनो के लिए।
सौंदर्या:"ठीक हैं मम्मी, देखो ना मौसम रात से ही कितना अच्छा हैं बस इसलिए देर तक सो गई। मा भाई उठ गया क्या ?
कमला:" क्या उठा हैं ? सोने में तो वो तुझसे भी चार कदम आगे हैं।
" मा आप और दीदी दोनो मिलकर मेरी बुराई कर रही हो ? देखो मैं तो उठ गया हूं।
अजय की आवाज सुनकर दोनो ने गेट की तरफ देखा जो उनकी बाते सुनकर उठ गया था। अपने बेटे को देखते ही कमला बोली:"
" बुराई नहीं तारीफ कर रही थी अपने बेटे की। सोने में एक्सपर्ट हो तभी तो इतना लेट उठे हो तुम। और तुम्हारी दीदी भी कम नहीं हैं सोने में। रविवार के दिन तो दोपहर से पहले कभी नहीं उठती है बेचारी।
अजय और कमला दोनो हंस पड़े तो सौंदर्या खीज सी गई और अपनी मा से लिपट गई और बोली:'
" मा ये अच्छी बात नहीं है आपकी। मेरी जैसी मेहनती लड़की गांव में कोई दूसरी नहीं मिलेगी आपको। हान बता देती हूं आपको।
कमला:" अच्छा चल बहुत बाते हो गई। जाओ जल्दी से दोनो नहा कर अा जाओ। मैं तब तक नाश्ता लगा देती हूं।
इतना कहकर कमला नीचे की तरफ अा गई और अजय अपने कमरे में घुस गया और अपने कपड़े लेकर बाथरूम में का दरवाजा खोला तो उसकी नजर अपनी दीदी की नंगी कमर पड़ी क्योंकि उसने अपने पीठ पर बंधी हुई ब्रा की डोरी को खोल दिया था।
दरवाजा खुलने से सौंदर्या एक झटके के साथ हैरानी से पलट गई और उसकी बड़ी बड़ी गोल ठोस चूचियां अजय के सामने एक पल के लिए ही सही लेकिन पूरी तरह से बिल्कुल बेपर्दा हो गई और अजय इससे पहले कुछ बोलता सौंदर्या ने एक झटके के साथ गेट को बंद कर दिया और उसे डांटते हुए बोली:"
" बदतमीज बेशर्म, ये मेरा बाथरूम हैं, भाग यहां से नीचे।
अजय अपनी बहन की चुचियों को देखकर अवाक सा खड़ा रह गया और अब उसकी डांट सुनकर बिना कुछ बोले चुपचाप नीचे की तरफ अा गया और बाथरूम में नहाने के लिए घुस गया। वहीं सौंदर्या को अपने आप पर गुस्सा अा रहा था कि उसने बाथरूम का बंद क्यों नहीं किया, लेकिन वो तो पहले भी कभी नहीं करती थी लेकिन अब जरूर करना पड़ेगा क्योंकि पहले घर में मर्द नहीं था और अब उसका भाई वापिस लौट आया है।
सौंदर्या ये सब सोचते हुए नहाने में जुट गई और थोड़ी देर बाद ही वो नहाकर एक साडी सुंदर सी साडी पहनकर बाहर अा गई और खाने की टेबल पर बैठ गई जहां अजय और उसकी मम्मी पहले से ही बैठे हुए थे।
कमला:" आओ देवी जी आपका ही इंतजार था बस।
सौंदर्या स्माइल करते हुए खाने लगीं और सभी लोग नाश्ता करने लगे। अजय अपनी बहन की डांट से हल्का सा उदास था लेकिन वो जानता था कि गलती उसकी ही है और अभी तक उसकी आंखो के आगे उसकी बहन की चूचियां घूम रही थी। काश वो उन्हें थोडी देर और देखा पाता। लेकिन अब क्या हो सकता था, कुछ भी नहीं । उसने फिर से अपनी नजर उठाकर अपनी दीदी की चुचियों की तरफ देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई।
अजय खाते हुए बार बार अपनी गर्दन को इधर उधर घुमा रहा था जिस पर कमला का ध्यान पड़ा तो उसने पूछा :'
" अजय क्या हुए बेटा ? तेरी गर्दन में दर्द हैं क्या ?
अजय:" हान मम्मी बहुत दर्द हैं रात से ही, घूम नहीं रही हैं ठीक से मेरी गर्दन।
कमला हल्की सी परेशान होते हुए:" क्या हुआ बेटा तुझे ?
अजय को रात हुआ हादसा याद आया कि किस कदर उसकी दीदी ने उसकी गर्दन को अपनी जांघो में कस लिया था। उसके होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"
" हुआ तो कुछ नहीं है मम्मी, ऐसा लग रहा है जैसे किसी शेरनी ने मेरी गर्दन को जोर से दबोच किया हो , बिल्कुल जोर से कसकर।
अजय ने अपनी मा की नजरे बचाकर अपनी दीदी की तरफ देखा तो उसकी बात का मतलब समझ कर पहले तो सौंदर्या के होंठो पर तीखी सी स्माइल अा गई कि उसका भाई उसे ही शेरनी बोल रहा है और फिर बोली:"
" लेकिन भाई तुम तो अपने कमरे में सो रहे थे, शेरनी कहां से अा गई ? सपना देखा था क्या ?
अजय से पहले ही कमला बोल पड़ी:" ज्यादा सपने मत देखा करो तुम। शेरनी बहुत ज्यादा खतरनाक होती है तुझे कुछ पता भी हैं ?
अजय ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और स्माइल करते हुए कहा:"
" ठीक है मम्मी आगे से नहीं देखा देखूंगा, लेकिन रात तो लगता था जैसे भूखी शेरनी से पाला पड़ गया था मेरा।
भूखी शेरनी सुनते ही सौंदर्या के तन बदन में मीठी मीठी टीस सी उठ गई और चुपचाप खाती रही।कमला बोली:"
" बेटा भूखी शेरनी तो और भी ज्यादा खतरनाक होती है, ऐसे सपने मत देखा कर।
अजय:" मम्मी सपने तो सपने होते हैं, उन पर किसी का जोर थोड़े ही चलता है।
सब्जी खत्म हो गई थी तो कमला सब्जी लेने के लिए अंदर रसोई में चली गई तो सौंदर्या अपनी बड़ी बड़ी लाल लाल आंखो से अजय को घूरती हुई बोली:"
"चुपचाप खाना खा ले। आजकल बहुत ज्यादा सपने अा रहे हैं तुझे।
अजय:" दीदी खाना ही तो खा रहा हूं, वैसे ही रात जो हुआ वो किसी हसीन सपने की तरह ही तो था।
तभी कमला अा गई और दोनो चुप चाप अपना खाना खाने में जुट गए।
कमला:" अरे अजय आज राजू अपना नौकर नहीं आयेगा वो शहर किसी काम से गया है। तुम एक काम करना खेत से भैंसो के लिए घास लेते आना।
अजय:" ठीक है मम्मी, मैं चला जाऊंगा, आप फिक्र ना करे।
खाना खत्म हो गया तो सौंदर्या अपने कमला बर्तन और रसोई में साफ सफाई करने में जुट गए और अजय अपने कमरे में अा गया और पिंकी के बारे में सोचने लगा। उसकी समझ में नहीं अा रहा था कि उसके कातिलों का कैसे पता लगाया जाए। जब तब वो नहीं पकड़े जाते उसकी दीदी पर भी खतरा रहेगा।
अजय नीचे अा गया और ट्रैक्टर ट्राली को बाहर निकाला और मम्मी से बोला:"
" मम्मी में खेत में जा रहा हूं घास लेने के लिए, मजदूरों ने अब तक तो घास काट ही दिया होगा।
कमला ने एक पल के लिए सोचा और बोली:" बेटा काट दिया होगा लेकिन हल्की हल्की बारिश हो रही है रात से ही, मौसम खराब हैं, मैं चलती हूं तेरे साथ रुक जरा।
सौंदर्या को बारिश में भीगना बहुत पसंद था और उसे लगा कि ये बहुत सुनहरा मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए इसलिए बोली:"
" मम्मी आप रहने दो। मैं भाई के साथ चली जाती हूं।
कमला:" लेकिन बेटी तुम क्या करोगी वहां ? तुम्हे तो घास का काम भी नहीं आता। और जंगल में जवाब लड़की का बारिश में जाना ठीक नहीं होता।
सौंदर्या:" मम्मी आप चिंता मत कीजिए। भाई हैं ना मेरे साथ। वो सब संभाल लेगा।
इससे पहले की कमला कुछ बोलती सौंदर्या ट्रैक्टर पर बैठ गई और अजय अपनी दीदी को देखते ही खुश हो गया।
कमला:" अरे बेटे इसका ध्यान रखना, ज्यादा मत भीगने देना नहीं तो बीमार पड़ जाएगी ये। अच्छा ले छाता लगा ले ये बड़े वाला। दोनो भीगने से बच जाओगे
अजय ने अपनी मम्मी से छाता लिया और अपनी दीदी को पकड़ा दिया।
अजय:" मम्मी आप फिक्र मत करो। मैं ध्यान रखूंगा और जल्दी ही वापिस अा जाऊंगा।
अजय ने अपनी मम्मी को समझाया और ट्रैक्टर आगे की तरफ बढ़ा दी। सौंदर्या अजय के बराबर में बैठी हुई थी और हल्की हल्की बारिश बाहर पड़ रही थी। सौंदर्या ने छाता खोला तो उसके अंदर की तड़िया एक झटके से टूट गई और बोली:"
" भाई अब क्या करू , छाता तो टूट गया।
अजय:" दीदी अब क्या कर सकती हो, भीगो बारिश में वैसे भी आपको बहुत पसंद है ना भीगना।
सौंदर्या:" पसंद तो हैं भाई, लेकिन छाता टूट गया और उपर से भीग जाऊंगी तो मा मुझे बहुत ज्यादा डांट देगी।
अजय:" कोई बात नहीं दीदी, मैं सब संभाल लूंगा।
सौंदर्या ने कुछ राहत की सांस ली और जल्दी ही ट्रैक्टर गांव से बाहर निकल गया। बारिश की स्पीड अब थोड़ी बढ़ गई थी।
गांव से थोड़ी दूर जाते ही उन्हें मजदूर आते दिखाई दिए और राजू की पत्नी अजय को देखते ही बोली:"
" साहब जी घास काट कर खेत में छोड़ दी हैं, काले काले बादल उमड़ते देखकर हम तो अा गए।
अजय:" कोई बात नहीं है, मैं खुद उठा कर ट्रैक्टर में रख लूंगा। आप आराम से घर जाए।
इतना कहकर अजय ने ट्रैक्टर आगे की तरफ बढ़ा दिया। अजय को लग रहा था कि ऐसे मौसम में खेत में कोई नही होगा इसलिए उसका मन नाचने लगा जिसका असर उसके लंड पर दिख रहा था और उसने अपनी दीदी की तरफ देखते हुए कहा
" दीदी बारिश तेज हो सकती हैं और जंगल में मुझे नहीं लगता कि कोई दूर दूर तक होगा। इसलिए आप एक काम कीजिए इन्हीं मजदूरों के साथ घर चली जाए।
जंगल में दूर दूर तक कोई नहीं होगा ये बात सुनकर एक पल के लिए सौंदर्या सी सिरहन सी छूट गई और फिर अगले ही पल बोली:
" भाई जब कोई नहीं तभी तो तेरे साथ कोई ना कोई जरूर होना चाहिए। मैं तुझे अकेला नहीं छोड़ सकती।
अजय:" मुझसे कोई खतरा नहीं हैं किसी से, वैसे भी एक लड़की को लड़के के साथ ऐसे मौसम में अकेले जंगल में नहीं होना चाहिए।
सौंदर्या ने उसकी तरफ तिरछी नजरों से देखा और बोली:"
" ओए मिस्टर मैं लड़की होने से पहले तेरी बहन हू। और तू जानता है कि मैं किसी से नहीं डरती समझे तुम।
सौंदर्या ने अपनी बात कहते हुए अपना सीना तान दिया जिससे उसकी चूचियां बाहर की ओर तन गई और अजय ने अपनी नजर उन पर टिका कर कहा:"
" हान दीदी आपको डरने की क्या जरूरत है, आप तो शेरनी हैं एकदम भूखी शेरनी।
भूखी शेरनी सुनते ही सौंदर्या को वो पल याद अा गया जब उसने अपने भाई का सिर अपनी जांघो के बीच कसकर दबा दिया था। सौंदर्या का चेहरा शर्म से लाल हो गया और अपनी नजरे नीचे झुका ली तो अजय भी अपने ट्रैक्टर पर ध्यान देने लगा।
गांव की ईंटों वाली सड़क पर ट्रैक्टर के चलने से झटके लग रहे थे जिससे सौंदर्या का जिस्म हिलने से बार बार सौंदर्या की चूचियां उछल रही थी अजय को नजर बीच बीच में उन पर पड़ रही थी जिसका सीधा असर उसके लंड पर हो रहा था। आंखो के आगे वो दृश्य अा गया जब उसने एक पल के लिए ही सही लेकिन अपनी अपनी बहन की चुचियों को पूरी तरह से बेपर्दा देखा था और सड़क पर बने हुए गड्ढे पर उसका ध्यान नहीं गया और जैसे ही उसमे ट्रैक्टर का पहिया गिरा सौंदर्या के झटके के साथ उसकी गोद में अा गिरी और मुंह से एक दर्द भरी आह निकल गई और इसके साथ ही अजय के होंठो से भी एक कराह निकल पड़ी अजय ने ट्रैक्टर को ब्रेक लगा दिया और सौंदर्या जैसे ही उठने लगी तो उसे एहसास हुआ कि उसने गिरने से बचने के लिए जिस डंडे को हाथ में पकड़ लिया था वो उसके भाई का लंड था जिसके जोर से पकड़ने से उसके भाई के मुंह से आह निकल पड़ी थी। सौंदर्या की सांसे तेजी से चलने लगी और उसने अपने भाई के लंड को छोड़ दिया और फिर से अपनी सीट पर बैठ गई और बोली:"
" भाई ध्यान से चलाओ, अच्छा हुआ तुम्हे मुझे गिरने से बचा लिया। थैंक्स।
अजय अपनी बहन की हालत देखकर मस्ती से भर उठा और बोला:" दीदी मुझे क्यों थैंक्स बोलना, बोलना ही हैं तो उससे बोलिए जिससे पकड़ कर आप गिरने से बची हैं।
अपनी भाई की बात सुनकर सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और उसने होंठो पर हल्की अा गई तो उसने शर्म और हया के चलते अपने मुंह को दूसरी तरफ घुमा लिया और उसके होंठो पर एक गहरी मुस्कान अा गई।
अजय:" दीदी एक बार मेरी तरफ देखो ना आप, बताओ ना बोलोगी किया थैंक्स ?
सौंदर्या ने अपनी मुस्कान को जैसे तैसे रोका और अजय की तरफ देखकर आंखे निकालते हुए बोली:"
" चुप रह बेशर्म। मार दूंगी तुझे।
अजय अपनी बहन की इस अदा पर मोहित हो गया और उसकी तरफ स्माइल करते हुए बोला:"
" मार दो ना दीदी, भूखी शेरनी से मरने के लिए मैं तो कब से तैयार बैठा हू।
सौंदर्या को समझ नहीं आया कि अपने भाई को क्या जवाब दे, तभी उसकी नज़र सड़क में बने हुए दूसरे गड्डे पर पड़ी और वो चिल्ला उठी
" भाई सड़क में गढ्डा....
इससे पहले कि सौंदर्या आगे बोलती ट्रैक्टर का पहिया गड्ढे में गिर गया और वो फिर से अपने भाई की गोद में जा गिरी। अजय को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन गलती का इनाम सोचकर खुश हो गया। उसकी बहन फिर से उसकी गोद में अा गिरी थी। लेकिन सौंदर्या सचेत थी इसलिए उसने लंड के बजाय अपने भाई के हाथ को बचने के लिए पकड़ लिया था।
सौंदर्या उठने लगी और उसे डांटते हुए बोली:" बाते तो बड़ी बड़ी करता है तू, ट्रैक्टर चला आराम से कहीं चोट लग गई तो ?
अजय ने सामने सड़क पर नजर डाली और अपनी दीदी का हाथ पकड़ते हुए बोला:"
" दीदी देखो ना सड़क टूटी हुई हैं, और बारिश का पानी भरने से गड्ढे नहीं दिख रहे हैं। आप एक काम करो मेरी गोद में बैठ जाओ, बार बार गिरने से बच जाओगी।
सौंदर्या ने उसकी तरफ एक अदा के साथ देखा और अपनी गर्दन तिरछी करती हुई बोली:"
" तुझे पता भी हैं तू क्या कह रहा है? तू मुझे अपनी सगी बहन को अपनी गोद में बैठाएगा पागल।
अजय:" तो उसमे दिक्कत क्या हैं दीदी? गिरकर चोट लग गई तो दिक्कत होगी ना ?
सौंदर्या को अपने भाई की बात ठीक लगी लेकिन अभी वो इतनी बेशर्म नहीं हुई थी अपने भाई की गोद में बैठ जाए इसलिए बोली:"
" ना बाबा ना, मुझे नहीं बैठना, तुम बस ध्यान से चलाओ। मैं इस बार सीट को अच्छे से पकड़ लूंगी।
इतना कहकर वो उसकी गोद से उठ गई और फिर से सीट पर बैठ गई। बारिश अब तेज हो रही थी, काले काले बादल होने से चारो तरफ हल्का अंधेरा हो गया था और सौंदर्या के कपडे पूरी तरह से भीग गई थी जिससे उसके जिस्म के कटाव फिर से नजर अा रहे थे और अजय अपनी दीदी को ऐसी हालत में देखकर अपनी गोद में बैठाए जाने के लिए मरा जा रहा था इसलिए अपनी टांगो को अच्छे से खोल दिया और जान बूझकर एक तेज झटके के साथ ट्रैक्टर गड्ढे में गिरा और सौंदर्या उसकी गोद में बिल्कुल उसकी जांघो के बीच।
सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और वो फिर से उठने लगी तो अजय ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला:"
" बस करो दीदी, आराम से मेरी गोद में ही बैठ जाओ। आप बार बार गिर रही हो।
सौंदर्या उठते हुए बोली:" भाई बैठ तो जाऊ लेकिन किसी ने देख लिया तो क्या सोचेगा ? कैसी बेशर्म बहन हैं जो अपने भाई की गोद में सड़क पर ही बैठी हुई है ?
अजय समझ गया कि उसकी बहन उसकी गोद में बैठना तो चाहती है लेकिन डर रही है तो उसने उठती हुई सौंदर्या का हाथ पकड़ कर फिर से अपनी गोद में गिरा दिया और बोला:"
" दीदी ऐसे मौसम में सड़क पर कोई नहीं आएगा, वैसे भी अंधेरा हो रहा है इसलिए दूर से कोई आ भी गया तो दिखेगा नहीं। अभी थोड़ी देर बैठ जाओ फिर घर जाकर चाहो तो पूरी रात अपने भाई की गोद में बैठना कोई देखेगा भी नहीं ।
अजय ने रात के लिए भी अपनी बहन को ऑफर दे दिया तो अपनी भाई की बात सुनकर सौंदर्या ने सुकून की सांस ली और अपने आपको उसकी गोद में ढीला छोड़ दिया। अजय की तो चांदी हो गई और आगे ट्रैक्टर बढ़ा दिया। सौंदर्या की जांघो में लंड चुभ रहा था जिससे उसकी सांसे तेज हो गई और उसने जोर से अपने भाई के हाथ को कस कर पकड़ लिया। देखते ही देखते अजय का लन्ड पत्थर की तरह कठोर हो गया लेकिन उसकी बहन की जांघो में दबा पड़ा हुआ था। अजय ने एक बार सौंदर्या को उपर उठने का इशारा किया और सौंदर्या जैसे ही उपर उठी अजय ने अपनी टांगो को अच्छे से खोल दिया और सौंदर्या ठीक उसकी जांघो के बीच बैठ गई तो लंड उसकी गांड़ की दरार में कपड़ों के उपर से ही घुस गया। सौंदर्या के मुंह से एक आह निकल पड़ी और उसने और जोर से अपनी भाई को कस लिया और अजय अपनी बहन की हालत देखकर मुस्करा दिया और बोला:_
" क्या हुआ दीदी आप ठीक तो हो ?
इतना कहकर उसने लंड को उपर की तरफ जोर दिया तो सौंदर्या के मुंह से एक आह निकल पड़ी और बोली:"
" उफ्फ भाई क्या कर रहा हैं, जल्दी से चलाओ ना ट्रैक्टर जिससे खेत में पहुंच जाए।
अजय:" दीदी तेज चलाने से झटके तेज लगेंगे और गिरने का खतरा होगा।
इतना कहकर अजय ने अपनी लंड का फिर से दबाव डाला तो सौंदर्या ने दूसरे हाथ से अपनी भाई को जांघ को कस लिया और सिसक उठी:"
" लगने दे ना तेज झटके, मैं सब सह लुंगी अपने भाई की गोद में, मेरा भाई मुझे गिरने नहीं देगा इतना तो मुझे यकीन है।
अजय तो अपनी बहन की बात सुनकर पागल सा हो गया और बोला:" दीदी आपका भाई आपको अपनी बांहों से नहीं गिरने देगा। रुको पहले आप अच्छे से बैठ जाओ नहीं तो तेज धक्कों में दिक्कत होगी।
अजय ने जान बूझकर झटके की जगह धक्के शब्द का इस्तेमाल किया तो सौंदर्या को रोम रोम मस्ती से भर उठा। उसे लग रहा था मानो वो अपने भाई की गोद में चुदने के लिए बैठ रही हैं ये सोचकर उसकी चूत में गीलापन अा गया। अजय ने सौंदर्या को उपर की तरफ उठाया और लंड को बिल्कुल रॉकेट की तरह सीधा करते हुए अपनी जांघो को कस लिया और सौंदर्या को सीधे अपने लंड पर टिका दिया। लंड पर बैठते ही सौंदर्या का जिस्म पूरी तरह से कांप उठा क्योंकि लंड उसकी चूत से जा लगा था।
अजय:" दीदी ट्रैक्टर शुरू कर दू क्या ?
सौंदर्या बोल पाने की स्थिति में कहां थी उसने बस अपनी गर्दन को हिला कर अपनी सहमति दे दी। ट्रैक्टर से पहले अजय का लंड चल पड़ा और सौंदर्या हिलने लगी।
ट्रैक्टर अब स्पीड पकड़ चुका था और उससे कहीं ज्यादा स्पीड अजय का लन्ड। अजय के लंड के इशारों पर सौंदर्या तेजी से उछल रही थी जिससे उसकी साड़ी धीरे धीरे अपने आप खिसकती चली गई और अब सिर्फ पेटीकोट में अपने भाई के लंड पर बैठी हुई थी। लंड अब ज्यादा अच्छे से उसकी चूत को छू रहा था जिससे सौंदर्या की सांसे तूफान बन गई थी और उसकी चूचियां ब्लाउस में उछल उछल पड़ रही थी। तभी सड़क में एक मोड़ अाया और सौंदर्या अपने भाई पर गिरती चली गई और अजय ने मौके का फायदा उठाते हुए मोड़ की वजह से लंड उसकी चूत पर पूरी लंबाई में रगड़ दिया और सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी।
सौंदर्या की उछलती हुई चूचियों को देखकर अजय मदहोश सा हो गया और धक्के तेज करते हुए बोला:"
" दीदी इतना मत उछलो, आपका सब कुछ उछल उछल पड़ रहा है।
सौंदर्या की जुबान को जैसे लकवा मार गया था। उसके मुंह से आवाज नहीं बस सिसकियां निकल रही थी। उसने एक नजर अपनी चुचियों को देखा और वो समझ गई कि उसका भाई उसकी चूचियों की बात कर रहा है जिससे उसकी हालत हो खराब हो गई। कमीना एक तो इतने तेज धक्के मार कर खुद उछाल रहा है इसलिए उल्टा मुझे ही बोल रहा है। गिरने से बचने के लिए उसने दोनो हाथों से अपने भाई की जांघो को पकड़ लिया और खुद ही मस्ती से अपनी कमर पूरी तरह से उसकी छाती से जोड़ दी।
अजय जानता था कि खेत आने वाला है इसलिए उसने ट्रैक्टर की स्पीड पूरी बढ़ा दी और अपने लंड की पूरी आजादी दे दी जिससे सौंदर्या उसकी गोद में रबड़ की गुड़िया की तरह उछल उछल पड़ रही थी। लंड कभी उसकी जांघो पर, कभी चूत तो कभी गांड़ के छेद पर टकरा रहा था जिससे सौंदर्या मस्ती से आह भर रही थी लेकिन गिरने का डर लग रहा था इसलिए उसने खुद ही अपने भाई का हाथ उठाकर अपने सीने पर रख दिया और अजय ने उसकी दोनो चूचियों को अपने हाथ से कपड़ों के उपर से ही दबा दिया। सौंदर्या का धैर्य जवाब दे गया और उसने खुद ही अपनी गांड़ को उठाकर रगड़ना शुरू किया तो अजय ने जोश में आते हुए नीचे से एक जोरदार झटका मारा जिससे लंड का सुपाड़ा उसकी बहन की पूरी तरह से भीग गई चूत के छेद पर दबाव डालते हुए अंदर की तरफ घुसा और लंड ने पिचकारी मार दी अजय सिसक उठा और अपनी बहन के हाथ को पकड़ कर उसकी जांघो पर ले गया तो वीर्य से सौंदर्या का हाथ पूरा भीग गया और अजय सिसकते हुए बोला:"
" आह दीदी खेत अा गया, उफ्फ देखो कितनी बारिश हो रही है, उफ्फ पानी पानी हो गया है सब कुछ ।
सौंदर्या ने अपने हाथ को अपनी जांघो पर फिराया और लंड को अपने चूत की दीवारों पर महसूस करते हुए तड़प उठी और सिसकी
" आह भाई, देखो ना सारा पानी बाहर ही बह गया है।
अजय ने ट्रैक्टर को रोक दिया और अपनी दीदी को अपनी बांहों में कस लिया। अजय ने देखा कि उसके खेत से मेढ़ तोड़कर पानी बाहर निकल रहा है। सौंदर्या ने भी ये देख लिया और बोली:"
" उठो जल्दी, कहीं मेरे इस खेत से भी पानी सारा पानी बाहर ना निकल जाए।
अजय अपनी बात की बात सुनकर तेजी से उठा और ट्रैक्टर से फावड़ा निकाल कर मेढ़ को ठीक किया और उसकी जांघो में देखते हुए बोला:"
" दीदी इस खेत तो क्या मैं तो आपके किसी भी खेत से पानी बाहर ना निकलने दू।
सौंदर्या ने फावड़े के लड़की के हत्थे को देखा तो उसे लगा कि उससे भाई का लंड भी ऐसा ही ज्यादा मोटा और लम्बा होगा। उसका जिस्म पूरी तरह से दहक रहा था।
अजय ने फावड़े को एक तरफ रख दिया और खेत में पड़ी हुई घास को उठा उठा कर ट्रैक्टर में रखने लगा। बारिश के कारण भीग चुकी अपनी शर्ट को उसने उतार दिया और उसकी चौड़ी छाती देख कर सौंदर्या फिर से उसकी ओर देखने लगी।
सौंदर्या को अपनी जांघो में गीलापन महसूस हुआ तो उसने अपने एक हाथ को नीचे ले जाकर देखा तो उसके हाथ में उसके भाई का वीर्य लग गया जिसे देखते ही सौंदर्या के जिस्म में तेज सनसनाहट सी दौड़ गई और उसने तेज हो गई बारिश में उसने अपने पेटीकोट को धोने की सोची और थोड़ा सा पीछे की तरफ जाते हुए एक पेड़ के पीछे खड़ी हो गई और दोनो हाथ फैला कर बारिश का मजा लेने लगी। अजय घास को ट्रैक्टर में रख चुका था और अपनी दीदी को देखा तो वो उसे नहीं मिली तो उसने इधर उधर देखा और पेड़ के पीछे उसे देखने चला आया। सौंदर्या के कपडे भीग चुके थे और उसने अपनी साडी को अपने कंधे पर से हटाने लगी ताकि आराम से अपने पेटीकोट को धो सके। साडी जैसे ही उसके कंधे से हटी तो उसकी लाल रंग की ब्रा में कैद उसकी गीली भीगी हुई ठोस गोल गोल चूचियां बाहर की तरफ उछल पड़ी।
अपनी बहन की गोल गोल पपीते के आकार की चुचियों को ऐसे हिलते हुए देखकर अजय के मुंह से आह निकल पड़ी। उफ्फ क्या माल है उसके बहन। जीती जागती क़यामत हैं। सौंदर्या ने अपनी साडी को एक तरफ किया और अपने पेटीकोट को धोने लगी लेकिन बीच में से ठीक से नहीं धो पा रही थी तो उसने अपनी जांघो को चौड़ा कर लिया ताकि अंदर तक पानी गिर सके। अजय तो पूरी तरह से बेकाबू सा हो उठा और उसने अपने लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
सौंदर्या ने अपने भाई के वीर्य को अच्छे से साफ किया और उसकी नजर ब्रा के बंद अपनी चूचियों पर गई तो उसे खुद पर गर्व हुआ। तभी जोर से बिजली कड़की और सौंदर्या बुरी तरह से डर गई और उसकी हालत में अपने भाई की तरफ दौड़ पड़ी। अजय ये सब देखा रहा था और उस पर तो जैसे क़यामत सी टूट पड़ी। सौंदर्या के भागने से उसकी लाल रंग की ब्रा में बंद चूचियां बहुत ही कामुक अंदाज में उछल उछल पड़ रही थी।
अजय अपनी बहन की हालत देखकर उसके सामने अा गया और तेजी से उसकी तरफ दौड़ी और अपने भाई को अपनी चुचियों को उछलते हुए देखकर उसकी सांसे तेज हो गई और तभी फिर से बिजली कड़की तो एक झटके के साथ वो अपने भाई के सीने में घुस सी गई। अजय ने ऐसे अपनी बांहों में कस लिया और सौंदर्या डरते हुए बोली
" उफ्फ ये बिजली भी आज कुछ ज्यादा ही गिर रही हैं जोर जोर से
अजय ने अपनी बहन की कमर को थाम लिया और सहलाते हुए बोला:"
" हाय दीदी तुम से कहीं ज्यादा बिजलियां तो मुझ पर गिर रही हैं। उफ्फ क्या होगा आज मेरा।
सौंदर्या अपनी कमर सहलाने से मचल उठी और बोली:"
" तुम पर कहां से बिजलियां गिर गई भाई ?
अजय ने अपने मुंह को अपनी दीदी के सामने किया और उसके चेहरे को उपर किया और आंखो में देखते हुए बोला
" दीदी आप बिल्कुल क़यामत लग रही हो। आपकी हर एक अदा जानलेवा हैं उस आसमानी बिजली से कहीं ज्यादा।
सौंदर्या के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"
" भाई मैं कहां से तुम पर बिजलियां गिरा रही हूं। कुछ भी बोल देते हो।
अजय ने बिना कुछ कहे सौंदर्या को अपनी बांहों से आजाद किया और उसे हाथ पकड़ पर तेजी से गोल गोल घुमा दिया जिससे उसकी चूचियां फिर से उछल कर उधर उधर डोल गई और अजय उसकी चूचियों को घूरते हुए बोला:"
" दीदी देखो ना आपकी लाल लाल बिजलियां कैसे मुझ पर गिर रही हैं, बड़ी बड़ी गोल गोल बिजलियां।
सौंदर्या ने अपनी चुचियों की तरफ देखा तो उन्हें लाल रंग की ब्रा में बेलगाम उछलते हुए देखकर समझ गई कि उसका भाई उसकी चूचियों को लाल लाल बिजलियां कह रहा है तो सौंदर्या उसको मारने के लिए उसकी तरफ बढ़ी और अजय उससे दूर हुआ तो सौंदर्या उसकी तरफ भागी जिससे उसकी चूचियां फिर से अपनी औकात दिखाने लगी। अजय उसे मुड मुड कर देख रहा था और सौंदर्या उसके पीछे अपनी चूचियों को उछालती हुई भाग रही थी।
अजय ट्रैक्टर के पास रुक गया और उसकी चूचियों को देखने लगा तो सौंदर्या उसके पास अाई और उसके कान पकड़ कर खींचते हुए बोली:"
" बहुत बिगड़ गया है तू। मैं तो तुझे बच्चा समझती थी।
अजय:" आह दीदी मेरा कान छोड़ो, ये बच्चा अब बच्चे पैदा करने लायक हो गया है।
तभी फिर से आसमान में काले काले बादल छा गए और सौंदर्या डरते हुए बोली:"
" भाई शायद बारिश और ज्यादा होगी, घर जाकर तुझे ठीक करती हूं। बहुत बोलता है।
अजय ने भी मौसम के हालात को समझते हुए ट्रैक्टर को चालू कर दिया और जल्दी ही वो अपने घर पहुंच गए। कमला बहुत परेशान थी और उन्हें देखकर राहत की सांस ली।
अजय ने घास को अंदर डाला और तब तक सौंदर्या नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई। घास उतारकर अजय भी नहाने के लिए घुस गया और उसके बाद दोनो भाई बहन ने अपनी मा के साथ खाना खाया।
बारिश में ज्यादा भीगने के कारण दोनो का शरीर अकड़ गया था इसलिए बिस्तर पर लेटते ही दोनो नींद के आगोश में चले गए जबकि कमला अपने घर के काम खत्म करने में जुट गई।
शाम को सौंदर्या की आंख खुली और वो अपनी मम्मी के साथ घर के काम में जुट गई तो उसे देखते ही कमला बोली:"
कमला:" उठ गई मेरी प्यारी बेटी, काफी देर तक सोती रही।
सौंदर्या:" हान मम्मी, भीग गई थी इसलिए नींद बहुत अच्छी अाई मुझे। समय का पता ही नहीं चला।
कमला:" सो ले बेटी जी भरकर, उसके बाद तो अगले हफ्ते आचार्य जी अा रहे हैं तो तेरी कुंडली का दोष दूर होते ही तेरी शादी होते देर नहीं लगेगी। फिर कहां तुझे आराम मिलेगा ससुराल में बेटी !
सौंदर्या अपनी मम्मी की बात सुनकर स्माइल करी और बोली:"
" मैं कहीं नहीं जाऊंगी आपको छोड़कर। शादी के लिए कोई ऐसा लड़का देख लुंगी जो हमारे ही साथ रहे।
कमला:" अरे बेटी मेरे लिए तो शादी हो जाए बस वही बड़ी बात है, घर जमाई कहां मिलते है आजकल ? ।
सौंदर्या:" मिल जाएगा मम्मी, मैं कोशिश करूंगी।
कमला:" अच्छा ठीक है। सभी बन गई है। तुम रोटी बना लो तब तक मैं भैंस का दूध निकाल लेती हूं मौसम भी थोड़ा खराब है आज।
कमला बाल्टी लेकर दूध दुहने चली गई और सौंदर्या रोटी बना रही थी। उसके मन में आज दिन भर हुई घटना घूम रही थी खास तौर से वो ट्रैक्टर वाला दृश्य।
सौंदर्या सोच रही थी कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। ये सब गलत हैं क्योंकि वो मेरा सगा भाई है। तभी उसके मन में दूसरा विचार अाया कि सौंदर्या उसके साथ मजा बहुत अा रहा था, टू खुद ही ट्रैक्टर के बहाने उसकी गोद में उछल रही थी। नहीं नहीं ये सब मुझे बंद करना ही होगा, आज नहीं तो कल इसका अंजाम बहुत बुरा हो सकता है।
सौंदर्या ने अपने मन को पक्का किया और रोटी बनाती रही। रोटी बन गई थी और कमला भी दूध लेकर अा गई थी।
रात के करीब आठ बज गए थे और सारा परिवार साथ में खाना खा रहा था।
अजय बार बार अपनी दीदी की तरफ देख रहा था और उससे बाते कर रहा था लेकिन सौंदर्या कोई भाव नहीं दे रही थी जिससे उसका मूड खराब हो रहा था।
कमला:" क्या हुआ बेटा ? कुछ परेशान सा लग रहा है?
अजय के चेहरे के भाव बदल से गए और बोला:"
" नहीं मम्मी, बस बारिश में भीग गया था इसलिए थोड़ा थकान महसूस हो रही है।
कमला:"इतने दिन के बाद खेत का काम किया है तो थकान तो होगी ही बेटा। अरे बेटी एक काम करना, सोने से पहले अजय को एक गर्म ग्लास दूध दे देना। थोड़ा ताकत मिलेगी तो सारी थकान दूर हो जायेगी।
सौंदर्या:" ठीक है मम्मी। मैं दे दूंगी सोने से पहले।
उसके बाद सभी लोग खाना खाकर करीब 10 बजे तक टीवी देखते रहे और फिर कमला को नींद आने लगी तो वो भी सोने के लिए चली गई। अजय को अपनी बात करने का मौका मिल गया और बोला:"
" क्या हुआ दीदी? आप जब से जंगल से अाई हो कुछ बदली बदली सी नजर आ रही हो? मुझसे कुछ गलती हुई हैं क्या ?
सौंदर्या:" नहीं भाई ऐसा कुछ नहीं हैं, सब ठीक है।
अजय:" अच्छा दीदी मैं कमरे में जा रहा हूं। नींद अा रही है अगर ही सके तो एक ग्लास दूध दे देना आप मुझे।
इतना कहकर अजय ऊपर अपने कमरे में चला गया। अजय समझ रहा था कि उसकी दीदी शायद अपराध बोध महसूस कर रही है इसलिए उससे बात करनी होगी। लेकिन नीचे उसे अपनी मम्मी का खतरा था इसलिए उपर चला गया ताकि आराम से बात हो सके।
सौंदर्या भी सब समझ रही थी कि अजय ऊपर क्यों गया है और दूध के बहाने वो उसे भी उपर आने के लिए कह गया है। सौंदर्या उसकी चाल समझ गई थी लेकिन अपने भाई को दूध देना जरूरी था।
सौंदर्या ने रसोई से दूध गर्म किया और उपर की तरफ अा गई। अपने दीदी को अपने कमरे में देखकर अजय ने राहत की सांस ली और बोला:"
" आओ दीदी मैं आपका ही इंतजार कर रहा था।
सौंदर्या ने दूध का ग्लास उसकी तरफ किया और बोली:"
" लो तुम जल्दी से ग्लास पकड़ो, मुझे नींद आ रही है।
अजय ने ग्लास लिया और बोला::" दीदी इतनी जल्दी भी क्या हैं सोने की, बैठो थोड़ी देर बाते करते हैं।
सौंदर्या:" नहीं भाई। आज नहीं, मैं थक गई हूं। नींद अा रही है बहुत ज्यादा आज।
इतना कहकर वो बाहर की तरफ चल पड़ी तो अजय की कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या करे। उसने दूध का ग्लास रखा और तेजी से आगे बढ़ कर अपनी बहन का हाथ थाम लिया। सौंदर्या अपना हाथ छुड़ाने लगी लेकिन अजय ने कसकर पकड लिया और बोला:"
" क्या दीदी ? क्यों ऐसे कर रही हो? बताओ तो मुझे ?
सौंदर्या:" अजय मेरा हाथ छोड़ो, मत भूलो कि मैं तुम्हारी बहन हूं। नहीं तो मुंह तोड़ दूंगी तेरा।
सौंदर्या ने गुस्से से कहा तो अजय के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"
" अच्छा जी, आप अपने लाडले भाई का मुंह तोड़ दोगी ?
सौंदर्या पूरी ताकत से अपना हाथ छुड़ाने लगी लेकिन अजय की मजबूत पकड़ उससे टस से मस भी नहीं हुई तो उसने गुस्से से उसे घूरते हुए कहा:"
" अजय मुझे मजबुर मत कर, आखिरी बार बोल रही हो।
अजय ने अपनी पकड़ को और मजबूत किया तो गुस्से से सौंदर्या की आंखे लाल हुई और जबड़े भींच कर उसने दूसरे हाथ से एक जोरदार थप्पड़ अपने भाई के गाल पर कसकर मार दिया।
अजय की आंखे खुली की खुली रह गई और उसने अपनी बहन का हाथ छोड़ दिया और सौंदर्या एक झटके के साथ पलटी और बाहर की तरफ निकल गई। अजय को समझ नहीं आया कि ये सब क्या हुआ और वो दुखी मन से वहीं अपने बेड पर बैठ गया।