sunoanuj
Well-Known Member
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Bahut hi behtarin update.. khani me sex or romanch ka sahi sahi maatra mein mishran hai.. naa kam naa jyada ..
Bahut hi gajab likh rahe ho aap…
Bahut hi gajab likh rahe ho aap…
Swagat..... abhinandan...... aabhar....... ... kehte ki sabr ka phal meetha hota .... magar itna meetha hota hai ye mujhe aaj pata chala hai ............. dhamaal updateपूजा की विधि में दिखे इंद्र धनुष के प्रभाव का सौंदर्या के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था और आते ही गहरी नींद में चली गई। अजय ने सोती हुई सौंदर्या को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसका माथा चूम कर वापिस शहनाज के पास आ गया। शहनाज भी थकी हुई थी और अजय ने कमरे में आते ही गेट को ठीक से बंद किया और शहनाज के उपर से चादर को हटा दिया जो कि करवट लेकर सोई हुई थी, शहनाज पूरी तरह से नंगी हो गई। अजय शहनाज के नंगे जिस्म को देखते ही जोश में आ गया और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लपेट लिया और शहनाज की चूत से अपने लंड को अड़ा दिया और एक जोरदार धक्का शाहनाज की चूत में जड़ दिया तो अजय का लन्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चूत में घुसता चला गया और गहरी नींद में सो रही शहनाज इस अचानक हुए हमले से दर्द से तड़प उठी। जब तक उसे समझ आता अजय ने उसकी चूचियों को बेरहमी से मसलते हुए उसकी चूत पर फाड़ना शुरू कर दिया तो शहनाज दर्द से कराह उठी
" आह पागल हो गया है क्या ,!! सोते सोते ही घुसा दिया आह अम्मी, बता तो देता ज़ालिम।
अजय ने शहनाज की गर्दन को चाट लिया और तगड़े तगड़े धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह मेरी जान, अच्छा नहीं लगा क्या ऐसे घुसाना ? हाय तेरी चूत कितनी टाइट है।
शहनाज तगड़े धक्कों से आगे को खिसकती हुई बेड के किनारे तक पहुंच गई थी और एक हाथ से अजय को थामते हुए सिसक उठी"
" आह कुछ कुछ अच्छा लगा, पर थोड़ा आराम से कर ना, नहीं तो नीचे गिर जाऊंगी।
अजय ने शहनाज को पकड़ कर बेड के बीच में खींच लिया और उसकी दोनो टांगो को मोड़ कर उसकी चूचियों से टिका दिए और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा तो शहनाज़ फिर से तड़प उठी और अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया तो अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया। शहनाज फिर से मस्ती से सिसक उठी और अजय ने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। शहनाज अजय के नीचे पड़ी हुई जोर जोर से सिसकते हुए चुद रही थी।
शहनाज से लंड की मार बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत की दीवारों में तूफान सा उठने लगा तो शहनाज़ बावली सी हो गईं और अजय को जोर जोर से से अपने उपर खींचने लगी मानो उसे पूरी तरह से अपने अंदर घुसा लेना चाहती हो। अजय ने शहनाज की बेकरारी समझते हुए अपने लंड के धक्के पूरी बेरहमी से लगाए तो शहनाज का धैर्य जवाब दे गया और उसकी चूत और मुंह दोनो एक साथ मस्ती से खुल गए
" आह अजय, मर गई मेरी चूत, सीईई आईआईआई चोद दिया तूने शहनाज को।
इतना कहकर शहनाज़ दीवानी सी हुई उसका मुंह चूमने लगी तो अजय ने एक झटके के साथ उसे उल्टी बेड पर पटक कर उसकी चूत में फिर से अपना लंड ठोक दिया और तेजी से चोदने लगा। शहनाज इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए दर्द से कराहती हुई आगे को सरकी
" आह पागल है क्या, ऐसे कौन प्यार करता है, मार डालेगा क्या मुझे तू
अजय ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर खींच लिया और जोर जोर से चोदते हुए गुर्राया
" आह प्यार नही चुदाई करता ऐसे, आह शहनाज तेरी चूत क्या मस्त हैं, लंड से आज तक कोई मरी, सिर्फ चूत मरती हैं।
इतना कहकर अजय जोर से उसकी चूत को ठोकने लगा। शहनाज का पूरा जिस्म लंड के धक्कों से हिल रहा था और उसके मुंह से निकलती दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां अजय को और मदहोश कर रही थी।
अजय के लंड में भी तूफान सा उमड़ रहा था और शहनाज की चूत एक बार फिर से गीली हो गई जिससे धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी और शहनाज अजय की आंखो में देखते हुए उसे तेज तेज चोदने का इशारा कर रही थी। अजय अपने लंड को बस सुपाड़े तक अंदर रहने देता और फिर से पूरा घुसा देता। शहनाज पागल सी हुई जोर जोर से सिसक रही थी और अजय तेज धक्के लगाने के लिए उसकी पीठ पर सवार होकर एक पागल सांड की तरह कस कस कर जोर जोर से पूरी बेरहमी से चोदने लगा तो शहनाज की चूत एक बार फिर से पिघल गई और वो एक बार फिर से जोर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई जिससे उसकी चूत और चिकनी हो गईं और अजय को लगा जैसे उसके लंड में तूफान सा आ गया हैं तो उसने पूरे लंड को तेजी से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के लिए जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज जोर से दर्द से कराह उठी तो अजय ने उसके मुंह को अपने हाथ से बंद कर लिया और अगले की पल जोरदार धक्कों की बारिश शहनाज की चूत में करने लगा।
अजय ने अपनी लंड को पूरा बाहर निकाला और अगले ही पल एक धक्का पूरी ताकत से उसकी चूत में जड़ दिया और उसका लंड शाहनाज की चूत की गहराई में उतर का वीर्य की बारिश करने लगा और अजय शाहनाज की कमरे पर गिरकर उसकी गर्दन को चूमने लगा। शहनाज उसके नीचे पड़ी हुई अपने उखड़ी सांसों को काबू कर रही थी और अजय उसकी गर्दन को चूम रहा था। अजय का लंड सिकुड़ कर शहनाज की चूत से बाहर निकल गया तो शहनाज ने अपने बदन की पूरी हिम्मत समेटकर उसे अचानक से धक्का दिया तो अजय बेड पर गिर गया और शहनाज ये देखकर मुस्कुरा उठी तो अजय ने हल्की नाराजगी जताते हुए उसकी चूचियों को जोर से उमेठ दिया तो शहनाज ने उसका लंड जोर से मुट्ठी से भींच दिया तो अजय के चेहरे दर्द के भाव उभर आए तो शहनाज ने उसके लंड को ढीला छोड़ दिया और बोली:
" तुम सुधर नहीं सकते क्या ? क्यों बिल्कुल जंगली की तरह प्यार करते हो? थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाते।
अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई और शहनाज के गाल चूम कर बोला:"
" क्यों तुम्हे पसंद नही आता क्या मेरा ये जंगलीपन ? मजे तो बहुत करती करते हो तुम जोर जोर से सिसकियां लेकर !!
शहनाज ने अजय की चौड़ी छाती पर हाथ फिराया और बोली:"
" हान पसंद आता है लेकिन ये सही तरीका नहीं होता चुदाई का समझे तुम।
अजय ने शहनाज की गांड़ को हाथो में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"
" हाय मेरी जान शहनाज, जब तक औरत चींखें ना मारे तो चुदाई का क्या मतलब!!
शहनाज जोर से गांड़ दबाए जाने से फिर से दर्द से कराह उठी और बोली"
" आउच अजय, उफ्फ क्या करू तेरा, कैसे सुधारु तुझे? बस किसी तरह पूजा खत्म हो जाए तो मेरी चूत की जान बचे।
इतना बोलकर शहनाज मुस्कुरा उठी तो उसकी बात सुनकर अजय ने शहनाज के हाथो को पकड़ लिया और उसके उपर फिर से चढ़ गया और उसके माथे को चूम कर बोला:"
" आह शहनाज अब तो तू जिंदगी भर मेरा लंड तेरी चूत की पूजा करेगा।
शहनाज कुछ बोलती उससे पहले ही इतना कहकर अजय ने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए और चूसने लगा। शहनाज चाह कर कुछ नहीं बोल पाई और फिर से अजय के साथ मदहोश होती चली गई। अजय का लन्ड फिर से पूरी तरह से खड़ा होकर उसकी चूत में घुसता चला गया और बेड पर फिर से एक जंग छिड़ गई जिसमे शहनाज हार कर भी जीत रही थी। अजय ने पूरी बेदर्दी से शाहनाज को पूरी रात चोदा और शहनाज का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत बुरी तरह से फट गई थी और शहनाज का गोरा चिट्टा जिस्म अजय के दबाए मसले जाने से जगह जगह से लाल पड़ गया था। आखिकार रात भर हुई चुदाई के बाद दोनों दो गए।
सुबह करीब आठ बजे के आस पास सौंदर्या की आंखे खुली और तैयार होकर दोनो को उठा दिया तो दोनो न चाहते हैं भी उठ गए और नाश्ता करने लगे।
अजय:" दीदी बस आज आखिरी पूजा होगी और कल से आपकी जिंदगी की एक नई सुबह शुरू हो जाएगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल फैल गई और बोली:" भाई ये सब तो आप और शहनाज के कारण ही हो रहा है। आप नही होते तो शायद मैं कभी ठीक नहीं हो सकती।
अजय:" मेरे नही बल्कि शाहनाज के कारण कहो दीदी, इन्होंने आप पर आने वाली मुश्किल को अपने उपर झेला हैं।
सौंदर्या:हान शाहनाज ये तो बात बिलकुल सच है, ये नही होती तो पता क्या होता।
शाहनाज दोनो की बाते सुन रही थी और बोली:"
" बस बहुत हो गई तारीफ, अब आज रात होने वाली पूजा पर ध्यान दो क्योंकि उसके बाद ही तुम दोष मुक्त हो पाओगी।
सौंदर्या:" हान आपकी बात ठीक हैं, भाई किस तरह की पूजा विधि होगी आज ?
अजय:" मंगल आज आपकी कुंडली से निकल जायेगा लेकिन खुशी खुशी तभी जायेगा जब आप से खुश हो जाए। मंगल को खुश करने के लिए आपको पहले मंगल यंत्र को शुद्ध करके पहनना होगा और उसके बाद बिलकुल एक दुल्हन की तरह खुद को तैयार करना होगा ताकि मंगल आपके रूप सौंदर्य पर मोहित हो सके। बाकी तो सब पूजा की विधियां होगी जो समय आने पर मैं आपसे खुद ही करा लूंगा। एक बात और आज शाहनाज पूजा में नही होगी।
शहनाज:" कोई बात नही मैं यहीं अपने कमरे में रहूंगी, मेरी कोई भी मदद चाहिए तो मैं काम आ जाऊंगी।
सौंदर्या:" मेरा दिल तो बहुत घबरा रहा हैं, बस किसी तरह से आज को पूजा सफल हो जाए।
अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे तसल्ली देते हुए बोला:"
" आप चिंता मत करो दीदी, सब कुछ आराम से हो जायेगा। मेरे होते हुए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।
शाहनाज:" और फिर मैं भी तो यहीं रहूंगी। कोई भी समय मेरी जरूरत हो तो आ जाऊंगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल आ गई और सभी ने अपना खाना खत्म किया और उसके बाद सभी लोग रात की पूजा की तैयारी में जुट गए। शाम के करीब सात बज गए थे और सूरज ढल गया था। पूजा का मुहूर्त 10:15 मिनट था और जैसे जैसे समय करीब आता जा रहा था वैसे वैसे सौंदर्या बेचैन हो रही थी।
शहनाज ने मंगल यंत्र को गंगा जल से शुद्ध कर दिया था जो कि बेहद खूबसूरत होकर चमक रहा था। मंगल यंत्र लेकर सौंदर्या नहाने के लिए घुस गई और ही अपने बदन को पूरी तरह से शुद्ध किया और मंगल ग्रह को हाथ में लेते ही उसका बदन कांपने लगा। उसने धीरे से मंगल यंत्र को अपनी नाभि के उपर टिकाया और नीचे से अपनी जांघो के बीच से निकालते हुए अपनी पीठ पर ले गई और पीठ पर लपटेकर फिर से अपनी नाभि पर बांध दिया।
मंगल यंत्र एक बार फिर से सौंदर्या की चिकनी चूत पर बंध गया था लेकिन इस बार पहले के मुकाबले काफी टाइट बंधा था और घुंघरू कुछ ढीले हो गए जो इधर उधर हिल रहे थे और सौंदर्या को अजीब से गुदगुदी महसूस हो रही थी। सौंदर्या ने अपने जिस्म पर एक चादर लपेट ली और बाहर निकल गई। शाहनाज को देखते ही वो हल्की सी शर्मा ने और फिर शाहनाज और सौंदर्या दोनो ने मिलकर सौंदर्या का मेकअप शुरू कर दिया। करीब 09:40 मिनट तक सौंदर्या पूरी तरह से तैयार हो गई और खुद को शीशे में देख कर शरमा गई।
शहनाज:" बहुत खूबसूरत लग रही हो सौंदर्या, जल्दी ही तुम अब दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी और इसके बाद तुम्हारी सुहागरात होगी।
सौंदर्या शर्मा गई और तभी अजय भी अंदर आ गया और सौंदर्या के रूप सौंदर्य की तारीफ किए बिना ना रह सका। सभी ने हल्का भोजन किया और उसके बाद अजय और सौंदर्या दोनो पूजा के लिए घाट की तरफ निकल गए जबकि शहनाज़ ना चाहते हैं हुए भी अपने कमरे में आ गई और सोचने लगी कि बस आज पूजा होने के बाद कल वो वापिस अपने बेटे के पास चली जायेगी। सोचते सोचते ही दिन भर की थकी होने और रात भर हुई चुदाई के कारण उसे नींद आ गई।
अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ बढ़ते चले जा रहे थे और सौंदर्या के चलने से मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास रगड़ रहे थे जिससे सौंदर्या बेचैनी महसूस कर रही थी।
Wah kya damaakedar update diya haiपूजा की विधि में दिखे इंद्र धनुष के प्रभाव का सौंदर्या के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था और आते ही गहरी नींद में चली गई। अजय ने सोती हुई सौंदर्या को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसका माथा चूम कर वापिस शहनाज के पास आ गया। शहनाज भी थकी हुई थी और अजय ने कमरे में आते ही गेट को ठीक से बंद किया और शहनाज के उपर से चादर को हटा दिया जो कि करवट लेकर सोई हुई थी, शहनाज पूरी तरह से नंगी हो गई। अजय शहनाज के नंगे जिस्म को देखते ही जोश में आ गया और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लपेट लिया और शहनाज की चूत से अपने लंड को अड़ा दिया और एक जोरदार धक्का शाहनाज की चूत में जड़ दिया तो अजय का लन्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चूत में घुसता चला गया और गहरी नींद में सो रही शहनाज इस अचानक हुए हमले से दर्द से तड़प उठी। जब तक उसे समझ आता अजय ने उसकी चूचियों को बेरहमी से मसलते हुए उसकी चूत पर फाड़ना शुरू कर दिया तो शहनाज दर्द से कराह उठी
" आह पागल हो गया है क्या ,!! सोते सोते ही घुसा दिया आह अम्मी, बता तो देता ज़ालिम।
अजय ने शहनाज की गर्दन को चाट लिया और तगड़े तगड़े धक्के लगाते हुए बोला:"
" आह मेरी जान, अच्छा नहीं लगा क्या ऐसे घुसाना ? हाय तेरी चूत कितनी टाइट है।
शहनाज तगड़े धक्कों से आगे को खिसकती हुई बेड के किनारे तक पहुंच गई थी और एक हाथ से अजय को थामते हुए सिसक उठी"
" आह कुछ कुछ अच्छा लगा, पर थोड़ा आराम से कर ना, नहीं तो नीचे गिर जाऊंगी।
अजय ने शहनाज को पकड़ कर बेड के बीच में खींच लिया और उसकी दोनो टांगो को मोड़ कर उसकी चूचियों से टिका दिए और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा तो शहनाज़ फिर से तड़प उठी और अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया तो अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया। शहनाज फिर से मस्ती से सिसक उठी और अजय ने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। शहनाज अजय के नीचे पड़ी हुई जोर जोर से सिसकते हुए चुद रही थी।
शहनाज से लंड की मार बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत की दीवारों में तूफान सा उठने लगा तो शहनाज़ बावली सी हो गईं और अजय को जोर जोर से से अपने उपर खींचने लगी मानो उसे पूरी तरह से अपने अंदर घुसा लेना चाहती हो। अजय ने शहनाज की बेकरारी समझते हुए अपने लंड के धक्के पूरी बेरहमी से लगाए तो शहनाज का धैर्य जवाब दे गया और उसकी चूत और मुंह दोनो एक साथ मस्ती से खुल गए
" आह अजय, मर गई मेरी चूत, सीईई आईआईआई चोद दिया तूने शहनाज को।
इतना कहकर शहनाज़ दीवानी सी हुई उसका मुंह चूमने लगी तो अजय ने एक झटके के साथ उसे उल्टी बेड पर पटक कर उसकी चूत में फिर से अपना लंड ठोक दिया और तेजी से चोदने लगा। शहनाज इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए दर्द से कराहती हुई आगे को सरकी
" आह पागल है क्या, ऐसे कौन प्यार करता है, मार डालेगा क्या मुझे तू
अजय ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर खींच लिया और जोर जोर से चोदते हुए गुर्राया
" आह प्यार नही चुदाई करता ऐसे, आह शहनाज तेरी चूत क्या मस्त हैं, लंड से आज तक कोई मरी, सिर्फ चूत मरती हैं।
इतना कहकर अजय जोर से उसकी चूत को ठोकने लगा। शहनाज का पूरा जिस्म लंड के धक्कों से हिल रहा था और उसके मुंह से निकलती दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां अजय को और मदहोश कर रही थी।
अजय के लंड में भी तूफान सा उमड़ रहा था और शहनाज की चूत एक बार फिर से गीली हो गई जिससे धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी और शहनाज अजय की आंखो में देखते हुए उसे तेज तेज चोदने का इशारा कर रही थी। अजय अपने लंड को बस सुपाड़े तक अंदर रहने देता और फिर से पूरा घुसा देता। शहनाज पागल सी हुई जोर जोर से सिसक रही थी और अजय तेज धक्के लगाने के लिए उसकी पीठ पर सवार होकर एक पागल सांड की तरह कस कस कर जोर जोर से पूरी बेरहमी से चोदने लगा तो शहनाज की चूत एक बार फिर से पिघल गई और वो एक बार फिर से जोर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई जिससे उसकी चूत और चिकनी हो गईं और अजय को लगा जैसे उसके लंड में तूफान सा आ गया हैं तो उसने पूरे लंड को तेजी से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के लिए जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज जोर से दर्द से कराह उठी तो अजय ने उसके मुंह को अपने हाथ से बंद कर लिया और अगले की पल जोरदार धक्कों की बारिश शहनाज की चूत में करने लगा।
अजय ने अपनी लंड को पूरा बाहर निकाला और अगले ही पल एक धक्का पूरी ताकत से उसकी चूत में जड़ दिया और उसका लंड शाहनाज की चूत की गहराई में उतर का वीर्य की बारिश करने लगा और अजय शाहनाज की कमरे पर गिरकर उसकी गर्दन को चूमने लगा। शहनाज उसके नीचे पड़ी हुई अपने उखड़ी सांसों को काबू कर रही थी और अजय उसकी गर्दन को चूम रहा था। अजय का लंड सिकुड़ कर शहनाज की चूत से बाहर निकल गया तो शहनाज ने अपने बदन की पूरी हिम्मत समेटकर उसे अचानक से धक्का दिया तो अजय बेड पर गिर गया और शहनाज ये देखकर मुस्कुरा उठी तो अजय ने हल्की नाराजगी जताते हुए उसकी चूचियों को जोर से उमेठ दिया तो शहनाज ने उसका लंड जोर से मुट्ठी से भींच दिया तो अजय के चेहरे दर्द के भाव उभर आए तो शहनाज ने उसके लंड को ढीला छोड़ दिया और बोली:
" तुम सुधर नहीं सकते क्या ? क्यों बिल्कुल जंगली की तरह प्यार करते हो? थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाते।
अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई और शहनाज के गाल चूम कर बोला:"
" क्यों तुम्हे पसंद नही आता क्या मेरा ये जंगलीपन ? मजे तो बहुत करती करते हो तुम जोर जोर से सिसकियां लेकर !!
शहनाज ने अजय की चौड़ी छाती पर हाथ फिराया और बोली:"
" हान पसंद आता है लेकिन ये सही तरीका नहीं होता चुदाई का समझे तुम।
अजय ने शहनाज की गांड़ को हाथो में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"
" हाय मेरी जान शहनाज, जब तक औरत चींखें ना मारे तो चुदाई का क्या मतलब!!
शहनाज जोर से गांड़ दबाए जाने से फिर से दर्द से कराह उठी और बोली"
" आउच अजय, उफ्फ क्या करू तेरा, कैसे सुधारु तुझे? बस किसी तरह पूजा खत्म हो जाए तो मेरी चूत की जान बचे।
इतना बोलकर शहनाज मुस्कुरा उठी तो उसकी बात सुनकर अजय ने शहनाज के हाथो को पकड़ लिया और उसके उपर फिर से चढ़ गया और उसके माथे को चूम कर बोला:"
" आह शहनाज अब तो तू जिंदगी भर मेरा लंड तेरी चूत की पूजा करेगा।
शहनाज कुछ बोलती उससे पहले ही इतना कहकर अजय ने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए और चूसने लगा। शहनाज चाह कर कुछ नहीं बोल पाई और फिर से अजय के साथ मदहोश होती चली गई। अजय का लन्ड फिर से पूरी तरह से खड़ा होकर उसकी चूत में घुसता चला गया और बेड पर फिर से एक जंग छिड़ गई जिसमे शहनाज हार कर भी जीत रही थी। अजय ने पूरी बेदर्दी से शाहनाज को पूरी रात चोदा और शहनाज का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत बुरी तरह से फट गई थी और शहनाज का गोरा चिट्टा जिस्म अजय के दबाए मसले जाने से जगह जगह से लाल पड़ गया था। आखिकार रात भर हुई चुदाई के बाद दोनों दो गए।
सुबह करीब आठ बजे के आस पास सौंदर्या की आंखे खुली और तैयार होकर दोनो को उठा दिया तो दोनो न चाहते हैं भी उठ गए और नाश्ता करने लगे।
अजय:" दीदी बस आज आखिरी पूजा होगी और कल से आपकी जिंदगी की एक नई सुबह शुरू हो जाएगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल फैल गई और बोली:" भाई ये सब तो आप और शहनाज के कारण ही हो रहा है। आप नही होते तो शायद मैं कभी ठीक नहीं हो सकती।
अजय:" मेरे नही बल्कि शाहनाज के कारण कहो दीदी, इन्होंने आप पर आने वाली मुश्किल को अपने उपर झेला हैं।
सौंदर्या:हान शाहनाज ये तो बात बिलकुल सच है, ये नही होती तो पता क्या होता।
शाहनाज दोनो की बाते सुन रही थी और बोली:"
" बस बहुत हो गई तारीफ, अब आज रात होने वाली पूजा पर ध्यान दो क्योंकि उसके बाद ही तुम दोष मुक्त हो पाओगी।
सौंदर्या:" हान आपकी बात ठीक हैं, भाई किस तरह की पूजा विधि होगी आज ?
अजय:" मंगल आज आपकी कुंडली से निकल जायेगा लेकिन खुशी खुशी तभी जायेगा जब आप से खुश हो जाए। मंगल को खुश करने के लिए आपको पहले मंगल यंत्र को शुद्ध करके पहनना होगा और उसके बाद बिलकुल एक दुल्हन की तरह खुद को तैयार करना होगा ताकि मंगल आपके रूप सौंदर्य पर मोहित हो सके। बाकी तो सब पूजा की विधियां होगी जो समय आने पर मैं आपसे खुद ही करा लूंगा। एक बात और आज शाहनाज पूजा में नही होगी।
शहनाज:" कोई बात नही मैं यहीं अपने कमरे में रहूंगी, मेरी कोई भी मदद चाहिए तो मैं काम आ जाऊंगी।
सौंदर्या:" मेरा दिल तो बहुत घबरा रहा हैं, बस किसी तरह से आज को पूजा सफल हो जाए।
अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे तसल्ली देते हुए बोला:"
" आप चिंता मत करो दीदी, सब कुछ आराम से हो जायेगा। मेरे होते हुए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।
शाहनाज:" और फिर मैं भी तो यहीं रहूंगी। कोई भी समय मेरी जरूरत हो तो आ जाऊंगी।
सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल आ गई और सभी ने अपना खाना खत्म किया और उसके बाद सभी लोग रात की पूजा की तैयारी में जुट गए। शाम के करीब सात बज गए थे और सूरज ढल गया था। पूजा का मुहूर्त 10:15 मिनट था और जैसे जैसे समय करीब आता जा रहा था वैसे वैसे सौंदर्या बेचैन हो रही थी।
शहनाज ने मंगल यंत्र को गंगा जल से शुद्ध कर दिया था जो कि बेहद खूबसूरत होकर चमक रहा था। मंगल यंत्र लेकर सौंदर्या नहाने के लिए घुस गई और ही अपने बदन को पूरी तरह से शुद्ध किया और मंगल ग्रह को हाथ में लेते ही उसका बदन कांपने लगा। उसने धीरे से मंगल यंत्र को अपनी नाभि के उपर टिकाया और नीचे से अपनी जांघो के बीच से निकालते हुए अपनी पीठ पर ले गई और पीठ पर लपटेकर फिर से अपनी नाभि पर बांध दिया।
मंगल यंत्र एक बार फिर से सौंदर्या की चिकनी चूत पर बंध गया था लेकिन इस बार पहले के मुकाबले काफी टाइट बंधा था और घुंघरू कुछ ढीले हो गए जो इधर उधर हिल रहे थे और सौंदर्या को अजीब से गुदगुदी महसूस हो रही थी। सौंदर्या ने अपने जिस्म पर एक चादर लपेट ली और बाहर निकल गई। शाहनाज को देखते ही वो हल्की सी शर्मा ने और फिर शाहनाज और सौंदर्या दोनो ने मिलकर सौंदर्या का मेकअप शुरू कर दिया। करीब 09:40 मिनट तक सौंदर्या पूरी तरह से तैयार हो गई और खुद को शीशे में देख कर शरमा गई।
शहनाज:" बहुत खूबसूरत लग रही हो सौंदर्या, जल्दी ही तुम अब दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी और इसके बाद तुम्हारी सुहागरात होगी।
सौंदर्या शर्मा गई और तभी अजय भी अंदर आ गया और सौंदर्या के रूप सौंदर्य की तारीफ किए बिना ना रह सका। सभी ने हल्का भोजन किया और उसके बाद अजय और सौंदर्या दोनो पूजा के लिए घाट की तरफ निकल गए जबकि शहनाज़ ना चाहते हैं हुए भी अपने कमरे में आ गई और सोचने लगी कि बस आज पूजा होने के बाद कल वो वापिस अपने बेटे के पास चली जायेगी। सोचते सोचते ही दिन भर की थकी होने और रात भर हुई चुदाई के कारण उसे नींद आ गई।
अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ बढ़ते चले जा रहे थे और सौंदर्या के चलने से मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास रगड़ रहे थे जिससे सौंदर्या बेचैनी महसूस कर रही थी।
Mza to tab hi aayega mza lene ka haq sabka haisir is scene me soundariya ko mat laao bhale hi sahenaz ke saath ho jaye ya kamla ke saath, soundriya ko bas ajay ke saath hi rahene do. aur ajay aur uske maa ke beech kuch romance, kuch lukachipi, kuch ankmicholi ho to maza ajaye baki aap ek acche writter ho aap ko ham se jyada pata hai .........
Bhaisir is scene me soundariya ko mat laao bhale hi sahenaz ke saath ho jaye ya kamla ke saath, soundriya ko bas ajay ke saath hi rahene do. aur ajay aur uske maa ke beech kuch romance, kuch lukachipi, kuch ankmicholi ho to maza ajaye baki aap ek acche writter ho aap ko ham se jyada pata hai .........