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Incest मां और मेरी शुरुआत की वो ठंडी रात

Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
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🌺 Part - 12 (Trailer) 🌺





अपनी गांड़ और चूत पर बहाने से शैंपू लगाने के बाद मां बॉटल को साइड में रख धीरे से फिर पहले की तरह बैठ गई और इस बार उन्होंने अपने दोनों हाथ साइड पर जमीन पर रख लिए ठीक वैसे ही जैसे लन्ड पर राइड करते वक्त अक्सर कोई मील्फ रखती है ताकी उसके पूरे शरीर का वजन लन्ड पर ना पड़े और लन्ड को चोदने में आसानी हो।
पूरी चोदने की पोजीशन सी लेकर बड़े प्यार से बोली - अब घिस मेरे बच्चे।
मैं भी मां के बैठने से अपने लन्ड के टोपे पर शैंपू की बूंदे महसूस कर रहा था और मैनें भी अपने दोनो हाथ पीछे की ओर जमीन पर रख थोड़ी सही पोजीशन ली और हल्का सा अपनी गांड़ को सिकोड़ के आगे की ओर घिसने के बहाने से एक झटका दिया के लन्ड उनकी चूत पर होता हुआ पूरा गीला हो गया, कुछ शैंपू से तो कुछ उनकी चूत के टपकते रस से।
अब और देर न थी लन्ड को चूत में जाने की। 2 - 3 प्यार भरे हल्के हल्के से झटको के बाद एक दम पच सी आवाज के साथ लन्ड थोड़ा सा अंदर घुसा और इधर मां की एक मादक आवाज आई - आह.....
मैं आधा लन्ड अंदर कर आवाज को सुन रुका ही था के मां कामुक आवाज में बोली - रुक मत मेरे बच्चे, घिस ऐसे ही आराम मिल रहा है चोट पर।
मैनें भी फिर वही सिकुड़ कर लन्ड बाहर किया और एक तेज से झटके से अंदर उतर दिया। ये मेरा भी चूत में लन्ड डालने का पहला ही एक्सपीरिएंस था। उफ्फ मस्त था एकदम गर्म गर्म एहसास । लन्ड के अंदर घुसते ही मां की आवाज आई - आई मां.....
और फिर क्या था मैं भी बस शुरू हों गया धीरे धीरे से झटके देने। मां उम्म उम्म्म की आवाज से अपने दोनों होंठो को दबाकर लन्ड अंदर लेती रही और ये चुदाई प्रोग्राम शुरू हो गया। मैं भी चुप चाप आंखे बंद कर अपनी पहली चुदाई का मजा लेने लगा और जन्नत की सैर या यूं कहूं मां की चूत की सैर करने लगा।
हमारे आगे पीछे होने से पच पच की आवाज हमारे चूत और लन्ड पर लगे शैंपू से आ रही थी तो थोड़ी कीच कीच की आवाज वो स्टूल के नीचे घिसने से आ रही थी।
करीब 3-4 मिनट तक धीरे धीरे ये किस्सा चला के मां बोली - रुक चीकू बेटा।
मैं - क्या हुआ मां?
मां - बेटा तेरे घिसने से तो बहुत आराम मिल रहा है पर ये मेरे हाथ दर्द करने लगे ऐसे रख कर तो।
मैं - तो फिर अब?
मां - मैं ऐसा करती हूं, तेरी तरफ मुंह कर बैठ जाती हुं तू फिर घिसना।
मैं - ठीक है मां।
मां बड़ी शातिर निकली ये सही तरीका था पोजीशन चेंज करने का और लन्ड से जल्दी माल न निकल जाए इसलिए थोड़ा सा चुदाई में गैप देने का। मां शायद जानती थी के ये मेरी पहली चुदाई है और पहली चुदाई में मोस्टली सबका एक्साइटमेंट में जल्दी छूट जाता है इसलिए मां ने शायद ये चुदाई के बीच पोजीशन चेंज करने के बहाने से गैप देना लाजमी समझा।
अब मां बड़े प्यार से मेरे ऊपर से उठी और पच की आवाज के साथ लोड़ा बाहर आ गया चूत से। मां घूम कर जैसे ही बैठने लगी के मेरे हाथ पीछे की ओर देख बोली - बेटा स्टूल पीछे सरका ले ना थोड़ा दीवार के पास कमर टेक लिओ।
मैने भी ऐसे ही बैठे बैठे स्टूल पीछे घिसा और दीवार से थोड़ा सा गैप देकर मां को बैठने को इशारा किया के मां आई और अपनी एक टांग दूसरी साइड रख ठीक मेरे लन्ड पर बैठ गई और अपना सर मेरे कंधे पर रख मुझे अपनी बाहों में लपेट कर सिसक कर बोली - अब घिस।
मैं भी कमर का सपोर्ट अब मिलने पर हाथों को खुला छोड़ हल्का सा झटका देते देते लन्ड फिर से चूत में डाल हिलने लगा और मां मेरे कान के पास हल्का हल्का तेज सांसों के साथ आह आह करने लगी। जब मां को लगा के ऐसे तो लोड़ा सिर्फ आधा ही अंदर जा रहा है तो उन्होंने दोनो पैरों को फोल्ड करने के बजाय खोल कर नीचे जमीन पर रख अपने वजन को सपोर्ट देते हुए चुदना चालू रखा और हल्की हल्की सी सिसकारियां भरती रही।
मैं भी पूरा एक्साइटेड हो चुका था मां के इस चुदने वाले रूप को देख कर। लगता है काफी लंबे समय से उन्हे लोड़ा नहीं मिला था जो आज मौके का फायदा उठा उन्होंने मुझसे चुदाई करवाना जरूरी समझा। मां की चूत आज भी टाइट होगी इतनी मैनें नहीं सोचा था पर शायद लंबे समय से लन्ड ना मिलने की वजह से उनकी चूत की स्किन के टिश्यू आपस में सट गए और फल सवरूप टाइट चूत उन्हे मिली जिसका वो आज बड़े प्यार से मजा मुझे दे रही रही।
हमारा ये चुदाई का सिलसिला चलता रहा के मेने अपने दोनो हाथों को आगे की ओर किया और उनकी कमर पर रख फेरते हुए नीचे गांड़ की ओर ले गया और गांड़ को हल्का हल्का सा मसलने लगा और फिर उनकी दरार के बीच हाथ डाल एक उंगली को उनकी गांड़ के छेद में डाल दिया जिस से मां एकदम उछल गई और उफ्फ की एक आवाज के साथ कांपने लगी।
उनकी चूत में मेरा लोड़ा था और गांड़ में मेरी उंगली कांपना तो बनता ही था मां का।




🌺 Final Update Soon🌺
बहुप्रतीक्षित अद्यतन... TheAdultWriter अंतिम अपडेट कि प्रतिक्षा में... निवेदन है कि जल्दी ही अपडेट आएगा।
 

Rajgoa

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🌺 Part - 3 🌺



मां और मैं, हम दोनों करीब 1 मिनट तक यूंही चुप चाप खड़े रहे फिर मां बोली - हम्मम, ठीक ठीक, सॉरी बेटा वो मैं भी बस .....ये सब इतनी जल्दी में हो गया के बस वो..

मैं - हां मां , बस।
मां - हम्मम, चल छोड़ ये , देख अब खिड़की खुली है, लगा तो आंटी को आवाज जरा।
मैं - हां, लगाता हूं।

मैनें आंटी को आवाज लगाई, फिर पीछे पीछे मम्मी ने भी आवाज लगाई, पर कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।

मैं - कहीं सो तो नहीं गए वो।
मैं - हो सकता है।
मां - टाइम क्या हुआ होगा अभी?

मैनें अपनी घड़ी देखी तो 11 : 17 हो रहे थे। मैनें मां को टाइम बताया तो मां बोली - अरे अब तक तो वो भी सो गए होंगे। ठंडी में तो सब ही जल्दी सो जाते हैं, वो तो तेरे पापा ने जाना था इसलिए हमें लेट हो गया सोने में , नहीं तो अब तक तो हम भी सो गए होते।

मैं - हां मां, फिर अब?
मां - अब क्या, ना फोन है, ना घर पर तेरे पापा हैं, और अब तो लगता है जब तक आंटी नहीं जगती तब तक यहीं ना रहना पड़े हमें।
मैं - हां शायद।
मां - ऊपर से ये इतनी ठंड लग रही है, मेरे तो कपड़े भी बाहर बैड पर ही पड़े थे।

मैं - हां मां, ठंड तो अब रात के साथ साथ और भी बढ़ती जाएगी।
मां - यही तो डर है मुझे, कहीं सुबह तक हमारी कुल्फी ना जम जाए, एक ये पतला सा लोअर ही डाल रखा है मैनें और उपर तो कुछ डाला भी नहीं।

मैं हंसने लगा और बोला - हां वो तो दिखा।
मां - चुप बदमाश, हम यहां फसे हैं और तु हस रहा है।मुझे तो लगता है ये मेरी जिंदगी की आखरी रात है।

मैं हंसी रोक कर - अरे क्या मां, आप भी ना, आखरी रात होगी, ऐसा क्यूं बोल रहे हो, मैं हूं ना आपके साथ, करते हैं कुछ ना कुछ।
मां - हां तु साथ है इस बात का तो मुझे ज्यादा डर है, मैं अकेली होती तो भी चल जाता। पर मेरा बेटा मेरे साथ ठंड में परेशान होगा पूरी रात इसका मुझे ज्यादा दुख है।

मैं मां के होंठों पर उंगली रख के बोला - क्या मां आप कैसी कैसी बाते करने लग गई हो एकदम ही।
मां - कैसी कैसी क्या सही तो बोल रहीं हूं, अगर तुझे इतनी ठंड में कुछ हो गया तो।

मैं - अरे मेरी प्यारी मां, कुछ नहीं होगा मुझे, आप हैं ना मेरे साथ।
मां - हम्मम, काश मैं अपने कपड़े तो कम से कम अंदर ही टांग लेती। थोड़ी ठंडी से तो बचती।

मैंने मां के ये सुनते ही अपनी सफेद टी शर्ट उतार कर मां को दी और बोला - लो मां ये डाल लो , कुछ तो फरक पड़ेगा ही इस से।
मां - पागल है तु, क्या कर रहा है, वापस पहन इसे।
मैं - अरे मां, आपका ख्याल रखना तो मेरा फर्ज है, अब चुपचाप डालो इसे , आपको मेरी कसम।
मां ने कसम का सुनके मेरे हाथ से वो टी- शर्ट पकड़ ली और बोली - ये आजाएगी मुझे?

मैं - हां ट्राई तो करो एक बार।
मां दूसरी तरफ घूमी और टॉवल उतार कर टी शर्ट डालने लगी। जैसे ही उन्होंने टॉवल उतारा उनकी पूरी नंगी पीठ मेरे सामने थी। हालांकि मैं उनके मोटे चूचों को तो एक पल के लिए पहले भी देख चुका था, पर ये उनकी गोरी पीठ के बीच से आती वो लकीर मुझे अपना दीवाना सा बना रही थी।

मां टी शर्ट डाल कर दूसरी तरफ मुंह कर कर ही बोली - ये टाइट है मुझे आगे से।

मैं - कोई नहीं मां, ठंड से तो बचाएगी ही।
मां - हा मुझे तो बचा लेगी, पर मेरे बच्चे को कौन बचाएगा।
मैं - आपको बचाया मुझे बचाया एक ही बात है मां।
मां ने टीशर्ट डाल कर फिर से ऊपर टॉवल ले लिया और मेरी ओर घूम कर बोली - इतनी समझदारी वाली बाते कब से करने लगा तू?
मैं - मैं समझदार ही हूं मां।

मां - हा हा, मेरे समझदार बेटे, अब तु ऐसे बनयान में रहेगा?
मैं - हां, फिर क्या हुआ, मुझे नहीं लगती ठंड इतनी जल्दी।
मैं - हु हु, मुझे तो ये डाल कर भी ठंड लगने लगी है और तु कह रहा है ठंड नहीं लगती।
मैं - हां मां।

मां - अब सुबह के 6-7 बजे तक ऐसे ही बाथरूम में रहना पड़ेगा लगता है, इतनी ठंडी में।
मैं - हां।

मां ने फिर साइड से वाइपर उठाया और नीचे फ्लोर को साफ करते हुए बोली - ये टाइल्स पर तो सोना भी मुश्किल है, इतनी ठंडी हैं ये।

मैं - हां , आप बैठ जाओ मां, अगर थक गई हो तो।
मां - नीचे कहां बैठूंगी बेटा अब?
मैं - अरे ये स्टूल है न छोटा सा नहाने वाला, इसपर ही बैठ जाओ।
मां - और तु?
मैं - मैं खड़ा हूं, कोई नहीं आप बैठो।

मां - नहीं नहीं, तु पागल है तूने पहले टी शर्ट भी मुझे उतार कर दे दी और अब बैठूं भी मैं, इतनी भी गंदी मां नहीं हूं मैं।
मैं - अरे क्या मां, कौन कहता है आप गंदी मां हो, आप तो दुनिया की सबसे अच्छी मां हो, चलो बैठ जाओ, थक जाओगे ऐसे तो पूरी रात।
मां - तु भी बैठ फिर।

मैं - चलो आप बैठो पहले, फिर मैं बैठता हूं।
मां स्टूल पर बैठ गई और मैं जैसे ही टाइल पर बैठा के एक सी की आवाज निकली मेरे मुंह से वो ठंडी की वजह से।

रजाई ओढ कर सोने वाली सर्दी में अगर आप कंबल ओढ कर सो जाओ तो भी ठंड से गांड फट जाती है वो भी कमरे में और यहां तो मां और मैं बाथरूम में वो भी बिना एक चद्दर के , सोचो हालत क्या हुई होगी हम दोनों की ठंड में।

अब मैं भी ठिठुरने सा लगा तो मां ने बोला - देखा कहा था ना ठंड लग जाएगी। इधर बैठ मेरी गोद में।
मैं - क्या गोद में?
मां - हां बैठ चुप चाप, पागल।

मैं मां की गोद में बैठा तो हल्का सा एक गर्माहट का एहसास सा हुआ मुझे। मां ने मेरे बैठते ही अपना टॉवल उतार कर मेरे शरीर पर लपेट दिया और बोली - ये डाल कर रख, ठंड कम लगेगी।




🎉Part - 4 ...
आज रात में


Part - 3 कैसा लगा जरूर कमेंट्स करके बताना...

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