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Incest मां और मैं

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Thanks Shefali maa(I hope I read ur name right, correct me if my elementary Bangla reading is wrong )
With ur Ashirwad I will be able to write better n touching contents.
I love to get my reader's comments
Aww..you are nice boy..you are absolutely correct in reading my name without any wrong.
Keep going on your stories..my 'ashirwaad' is always with you.
 
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Reactions: Sangya and mate4u

Sangya

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ye bilkul sahi kiya,ye nahi ki bus aa kar ekdum se chudaai shuru kar di,thoda manana-rijhana bhi jaruri hai
Romance seduction मां बेटे के प्यार को नया मोड़ देने के लिए समय लगेगा
बेटा धीरे-धीरे मां को पटाएगा
और
मां जो कि अपनी पनियाती चूत को मरवाने को बहुत ज्यादा व्यग्र है भी बेटे की उत्तेजना को पूरी तरह से भड़काने के बाद ही अपनी खेली-खाई चूत ही अपने बेटे को परोसने को तैयार होगी

अपडेट लिख रहा हूं कुछ समय जरूर लगेगा पर पाठकों को आंनद देने का प्रयास जारी है
 

Rajizexy

Punjabi Doc
Supreme
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Superb story
 
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Reactions: Sing is king 42
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Thanks Shefali maa(I hope I read ur name right, correct me if my elementary Bangla reading is wrong )
With ur Ashirwad I will be able to write better n touching contents.
I love to get my reader's comments
Aww..so sweet boy..If you want you can DM me.. tumhari story ko leke thodi baatein bhi ho jayegi
 

Sangya

Member
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कल का दिन बहुत कशमाकश में बिताया
पापा के जाने के बाद मां का पहला करवाचौथ था और मैं बहुत वर्षों से मां के प्रेमी पति की जिम्मेवारी और मजा ले रहा था और पापा के बाद भी बदस्तूर मां की शरीर की भूख और दिल के प्यार की इच्छाओं को पूरा कर रहा हूं
मां ने व्रत तो नहीं रखा पर रात्रि मिलन की इच्छा जाहिर की
उधर पत्नी को तो संभोग सुख देना ही था अतः मैं रास्ता खोज रहा था कि कैसे बारी बारी से मां और पत्नी दोनों की चूत में अपना वीर्य छोड़ सकूं
उपर से शाम की बारिश और घने बादलों ने चंद्रमा को ढककर सभी सुहागन स्त्रियों को अर्घ्य देने में देरी कर दी ११ बजे के बाद तो पत्नी व्रत खोल पाई उसके बाद मुझे उसके कपड़े उतारने और चौथे में १ बज गया
अब समस्या थी कि इतनी रात सजी संवरी दुबारा से चुदने को आतुर पत्नी को छोड़कर कैसे मां के पास जाऊं और उधर मां भी अपने प्यारे बेटे के लंड को अपनी गर्म चूत का दुलार देने को बेचैन थी
खैर मैंने अपनी पत्नी की पहली चुदाई के बाद मां को व्हाट्स ऐप विडियो काल किया और फोन का कैमरा अपनी चुदाई पर फोकस करके सेट कर दिया फिर मजे से कुछ अलग अलग आसनों में बीवी को ठोकने लगा
मुझे पता था कि मां की ठरक हमारी चुदाई को देखकर बढ़ जाएगी और मेरे लौड़े से चुदवाने से पहले ही मां गर्म हो कर अपनी नर्म उंगलियों से अपनी योनि को रसदार बना लेगी और कम से कम एक बार खीरे से अपनी चूत खुद ही मार भी लेगी
दूसरी बार की जबरदस्त घोड़ी चुदाई से बीवी थककर चूर हो गई और एकदम से गहरी नींद में सो गई तब जाकर मैंने मां का हाल देख पाया
मुझे लगता था कि मां कुछ नाराज होगी पर मां बहुत तसल्ली से बोली कि तूने ठीक किया उस बेचारी ने पूरे दिन निर्जला रहकर तप किया इसलिए तेरा लौड़ा लेने का पहला हक उसी का बनता है
मैं: मां तुम भी तो हमेशा अपनी चिंता छोड़ मेरी सलामती की फिक्र करती हो तो तुम्हारे को भी हमेशा खुश रखने की मेरी जिम्मेदारी बनती है खासतौर पर पापा के जाने के बाद...
मां: वह तो तू हमेशा ही रखता आया है तेरे डंडे के होते मैंने और मेरे शरीर ने कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं की
मां की यह भरोसे वाली बात सुनकर मैंने मां को चूमना शुरू किया और एक ही मिनट में मैं और मां बिल्कुल नंगे होकर एक दूसरे के शरीर को पागलों की तरह चाट रहे थे
अगले दो घंटे तक मैंने मां को अपने पापा की तरह धमाधम दमादम चोदकर बेटे का फर्ज निभाया और फिर अपने कमरे में आकर बीवी की कमर तक उठी साड़ी के बीच में से चमकती चूत को चाटने लगा...
 
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rajeev13

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कल का दिन बहुत कशमाकश में बिताया
पापा के जाने के बाद मां का पहला करवाचौथ था और मैं बहुत वर्षों से मां के प्रेमी पति की जिम्मेवारी और मजा ले रहा था और पापा के बाद भी बदस्तूर मां की शरीर की भूख और दिल के प्यार की इच्छाओं को पूरा कर रहा हूं
मां ने व्रत तो नहीं रखा पर रात्रि मिलन की इच्छा जाहिर की
उधर पत्नी को तो संभोग सुख देना ही था अतः मैं रास्ता खोज रहा था कि कैसे बारी बारी से मां और पत्नी दोनों की चूत में अपना वीर्य छोड़ सकूं
उपर से शाम की बारिश और घने बादलों ने चंद्रमा को ढककर सभी सुहागन स्त्रियों को अर्घ्य देने में देरी कर दी ११ बजे के बाद तो पत्नी व्रत खोल पाई उसके बाद मुझे उसके कपड़े उतारने और चौथे में १ बज गया
अब समस्या थी कि इतनी रात सजी संवरी दुबारा से चुदने को आतुर पत्नी को छोड़कर कैसे मां के पास जाऊं और उधर मां भी अपने प्यारे बेटे के लंड को अपनी गर्म चूत का दुलार देने को बेचैन थी
खैर मैंने अपनी पत्नी की पहली चुदाई के बाद मां को व्हाट्स ऐप विडियो काल किया और फोन का कैमरा अपनी चुदाई पर फोकस करके सेट कर दिया फिर मजे से कुछ अलग अलग आसनों में बीवी को ठोकने लगा
मुझे पता था कि मां की ठरक हमारी चुदाई को देखकर बढ़ जाएगी और मेरे लौड़े से चुदवाने से पहले ही मां गर्म हो कर अपनी नर्म उंगलियों से अपनी योनि को रसदार बना लेगी और कम से कम एक बार खीरे से अपनी चूत खुद ही मार भी लेगी
दूसरी बार की जबरदस्त घोड़ी चुदाई से बीवी थककर चूर हो गई और एकदम से गहरी नींद में सो गई तब जाकर मैंने मां का हाल देख पाया
मुझे लगता था कि मां कुछ नाराज होगी पर मां बहुत तसल्ली से बोली कि तूने ठीक किया उस बेचारी ने पूरे दिन निर्जला रहकर तप किया इसलिए तेरा लौड़ा लेने का पहला हक उसी का बनता है
मैं: मां तुम भी तो हमेशा अपनी चिंता छोड़ मेरी सलामती की फिक्र करती हो तो तुम्हारे को भी हमेशा खुश रखने की मेरी जिम्मेदारी बनती है खासतौर पर पापा के जाने के बाद...
मां: वह तो तू हमेशा ही रखता आया है तेरे डंडे के होते मैंने और मेरे शरीर ने कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं की
मां की यह भरोसे वाली बात सुनकर मैंने मां को चूमना शुरू किया और एक ही मिनट में मैं और मां बिल्कुल नंगे होकर एक दूसरे के शरीर को पागलों की तरह चाट रहे थे
अगले दो घंटे तक मैंने मां को अपने पापा की तरह धमाधम दमादम चोदकर बेटे का फर्ज निभाया और फिर अपने कमरे में आकर बीवी की कमर तक उठी साड़ी के बीच में से चमकती चूत को चाटने लगा...
क्या लाजवाब लिखा है मित्र।

इसको थोड़ा और विस्तार दिया जाये तो रोमांच और बढ़ जायेगा।
 
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