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Incest मां और मैं

Gokb

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Sangya

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Started work to progress on all open sub stories
संजय और मौसी (मां बेटे की पहली चुदाई) का विवरण अच्छे से याद करके भाषा का भी निर्णय कर लिया है
किंतु अपरिहार्य कारणों से लेखन में नहीं उतार नहीं पा रहा हूं
कुछ अतिरिक्त समय लग रहा है ज्ञानी पाठकों से विनम्र निवेदन है कि धैर्य बनाए रखें जल्द ही मेरी जिंदगी के सच्चे अनुभवों को कहानी के रूप में आनंद ले पाएंगे
 

loundiya baaz

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संजय और मौसी (मां बेटे की पहली चुदाई) का विवरण अच्छे से याद करके भाषा का भी निर्णय कर लिया है
किंतु अपरिहार्य कारणों से लेखन में नहीं उतार नहीं पा रहा हूं
कुछ अतिरिक्त समय लग रहा है ज्ञानी पाठकों से विनम्र निवेदन है कि धैर्य बनाए रखें जल्द ही मेरी जिंदगी के सच्चे अनुभवों को कहानी के रूप में आनंद ले पाएंगे
Bhai aaram se likho mai jab tak padhta hu picha ke update
 
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Sangya

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बहुत लंबे इंतजार के बीच में बहुत सारे व्यवधान आ गए थे और कई कारणों से लिखने के बाद भी पिछला अपडेट डिलीट कर दिया था किंतु अब अपनी प्यारी मां से विशेष आज्ञा लेकर, मां की चुदाई की आत्मकथा को अब मैं इतिहास का भाग बनाना चाहता हूं

कहानी को एकदम से विराम देने से बहुत सारे पाठक शिकायत कर रहे थे और उनकी शिकायत वाजिब भी थी अतः अपना दायित्व पूरा करने के लिए इस आत्मकथा को 2-3 अपडेट के बाद समुचित विराम दूंगा

उसके बाद एक नया थ्रेड सिर्फ भाई बहन और भाभियों पर लिखना चाहता हूं
 
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Motaland2468

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बहुत लंबे इंतजार के बीच में बहुत सारे व्यवधान आ गए थे और कई कारणों से लिखने के बाद भी पिछला अपडेट डिलीट कर दिया था किंतु अब अपनी प्यारी मां से विशेष आज्ञा लेकर, मां की चुदाई की आत्मकथा को अब मैं इतिहास का भाग बनाना चाहता हूं

कहानी को एकदम से विराम देने से बहुत सारे पाठक शिकायत कर रहे थे और उनकी शिकायत वाजिब भी थी अतः अपना दायित्व पूरा करने के लिए इस आत्मकथा को 2-3 अपडेट के बाद समुचित विराम दूंगा

उसके बाद एक नया थ्रेड सिर्फ भाई बहन और भाभियों पर लिखना चाहता हूं
Plz continue karo
 

Sangya

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पूर्वकथा
मां एक दिन पहले मौसी के घर आई थी और मेरा अचानक ही अपने दोस्त के साथ दिल्ली जाकर उसकी बहन पिंकी को एयरपोर्ट से रिसीव करके मुरादाबाद जाने का कार्यक्रम बना था
जब एयरपोर्ट पर मेरे दोस्त ने अपनी बहन को रिसीव किया तो मुझे साथ में देखकर पिंकी कुछ निराश हुई और रेस्टोरेंट में बैठकर चाय पीते समय दोनों भाई-बहन में कुछ बात हुई तो मेरा दोस्त बोला कि संजय, पिंकी यहां पर दो दिन के लिए अपनी पुरानी सहेली से मिलना चाहती है इसलिए हम यहां पर दो दिन रुक कर मुरादाबाद चलेंगे तुम भी अपनी मौसी के घर जाकर आओ और वापसी में हम इकट्ठे जाएंगे
मुझे अंदाजा लगा कि दोनों भाई बहन बहुत दिनों बाद मिलें है अतः चुदासे हो रही होगें इसलिए घर जाने से पहले दोनों भाई-बहन दो दिन तक किसी होटल में रह कर पिंकी पप्पू का खेल खेलेंगे अच्छे से चुदाई करेंगे तभी घर जाएंगे
मैं भी मौका पाकर मौसी के घर जाना चाहता था इसलिए खुशी-खुशी मेरठ आ गया यहां आकर पता चला कि मौसी और मौसा तो बुढ़ापे के हनीमून के लिए गोवा गए हैं और घर में मेरा मौसेरा भाई आकाश और मां ही है
आकाश मेरा बड़ा भाई ही नहीं मेरा दोस्त भी है और मेरे मन को बहुत अच्छे से समझता है पिछली बार मुरादाबाद मैं मेरे घर मैं छुट्टियां मनाने के दौरान आकाश ने मेरे और मेरी बहन संजना के गुपचुप चल रहे संबंधों को समझकर हम दोनों को प्रोत्साहित किया कि हम खुलकर लंड चूत के खेल का मज़ा लें और बिना किसी अपराध बोध के चुदाई का भरपूर आनंद लें।
उसी समय मैंने आकाश से अपनी मां को चोदने की इच्छा बताई थी और आकाश ने मुझे भरोसा दिलाया था कि वह मुझे मेरी मां को चोदने का जुगाड़ बना देगा मुझे पता था कि आकाश मेरी मौसी यानी अपनी मां को कई सालों से भोग रहा है और अब जब यहां आकर मैंने देखा कि मां और आकाश घर में अकेले हैं तो मुझे लगा कि आकाश ने मां का बाजा बजा दिया होगा किंतु आकाश बहुत सामान्य खुले दिल से व्यवहार कर रहा था और मुझे मिलते ही उसने मुझे मेरे मादरचोद इरादों को याद कराया और कहा कि इस मौके का फायदा उठाकर मैं अपनी मां का भरोसा जीत कर उसका भोसड़ा अपने अधिकार में ले लूं
इसके लिए आकाश ने मेरा मनोबल बढ़ाया और समझा बुझाकर अपने ऑफिस में जरूरी काम होने का बहाना बनाकर हमें 24 घंटे के एकांतवास का मौका दे दिया
आकाश के जाते ही मां मुझे बहुत प्यार से बात करने लगी शायद आकाश ने मां को भी कुछ उत्साहित किया हो इससे मैं मां ज्यादा खुल गया और मां के साथ सोफे पर बैठकर आलिंगन करके बातीयते रहे और हम मां बेटे की बात से यह महसूस हुआ कि हमारे संबंध में उतने खुले हुए नहीं है जितने की आकाश और उसकी मां के हैं
मैं समझ गया की मां चाहती है मैं भी आकाश की तरह अपनी मां की सेवा करूं और उसका अकेलापन दूर करूं
सोफे पर अधलेटे हुए हम दोनों एक दूसरे का आलिंगन कर रहे थे और भविष्य में इकट्ठे मजे लेने की संभावना टटोल रहे थे अचानक मां ने कपड़े धोने की इच्छा जताई
ज्यादा कपड़े तो थे नहीं इसलिए मां ने अपने पहने हुए ब्लाउज पेटीकोट को छोड़कर बाकी कपड़े इकट्ठे किए और मेरे भी कपड़े उतरवा कर मुझे तोलिया बांधकर अपने सामने गुसलखाने में बिठाकर कपड़े धोने लगी
ब्लाउज पेटीकोट में मां के अधनंगे शरीर का अवलोकन करते हुए मैं खड़ा होकर मां की मदद करने लगा था और मां के नंगी चूचियों पर साबुन हटाने का बहाना करते हुए मां की छाती और चूचियों को मसल रहा था
बाद में मां ने अपना पेटिकोट और ब्लाउज उतार कर भी धो लिया और सिर्फ एक चादर अपने शरीर पर लपेट ली और ब्लाउज पेटीकोट भी धो दिया इस समय मैंने भी सिर्फ तौलिया लपेटा हुआ था और मां ने सिर्फ अपनी चूची से लेकर जांघों तक एक चादर लपेटी हुई थी
हम दोनों खड़े होकर रस्सी पर कपड़े सूखते के लिए डाल रहे थे कि मां अचानक गिर गई
अब आगे की कहानी
 
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