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अगर किसी को पता हो के title me Romance to Incest change केसे होगा तो मुझे बताना प्लीज।
Niceमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 54 : 2
कुछ खास शब्द, एक शायरी के अंदाज में गोलू की मां द्वारा पेश है:
नाम है मेरा शीला,
कर देती हूं सबका अंडरवियर मैं गीला।
गोलू मेरा इकलौता बेटा है,
जो बिना थूक लगाए मेरी लेता है।
ना होना तुम कभी भी उदास,
बुला लूंगी मैं तुम्हे अपने पास।
अपने मोटे चूचों को तुम्हारे मुंह में मैं डालूंगी,
उदासी दूर कर तुम्हारा पानी मैं निकालूंगी।
गोलू ने मेरे चूचों का दर्द तो मिटाया,
और इधर मेरी चूत को भी अच्छे से सहलाया।
मैंने भी उसकी खातिरदारी में कोई कसर न छोड़ी,
जब जब उसने कहा, बन गई मैं उसके लिए घोड़ी।
कभी वो किचन, तो कभी सोफे पर मुझे पेलता था,
मैं जब जब कहती थी, तब तब वो सेक्स का खेल खेलता था।
थी मैं भी बड़ी नटखट,
चूस लेती थी लोड़ा उसका फटफट।
उसके पापा का भी मुझे कोई डर ना था,
रंडीखाना वो बन गया, अब हमारा घर ना था।
मेरी चूत से रिसते अमृत रस को वो पिता था,
मस्ती से वो अब अपनी जिंदगी जीता था।
मेरी गांड़ की दरार में वो अपनी जीभ ऐसी घुमाता था,
के पूछो मत बाबा, कितना ही मुझे मजा आता था।
उसके लन्ड को पकड़ मैं किसी आइसक्रीम की तरह चूसती थी,
दूसरी ओर मेरी गांड़ के छेद में उसकी उंगली सांप की तरह घुसती थी।
मैं तो चाहती हूं के ये मुझे रात रात भर सोने ना दे,
मेरी इतनी ले , इतनी ले के कभी सैक्स की भूखी होने ना दे।
मैं तो गोलू को अपनी बहन निशा की भी दिला दूंगी,
उसे अपनी रण्डी बना, खुद गोलू की रण्डी बन खूब मजा लूंगी।
गोलू को चूत के साथ साथ अपनी गांड़ भी दूंगी,
और किसी बिच्च की तरह, इसका लन्ड अन्दर दबा लूंगी।
आखिर में यही कहूंगी के गोलू मुझे यूंही पेले,
और मेरी जब चाहे, जहां चाहें, सलवार खोल लेले।
उफ्फ गोलू तु कितना क्यूट है,
मेरी चूत मांगे तेरा वो बनाना फ्रूट है।
अब से तेरे नाम का सिंदूर मैं भरा करूंगी,
और सिर्फ और सिर्फ तुझे ही चूत दिया करूंगी।
Behtreen updateमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 55
फिर मैं और मां, बाहर वाले बाथरूम में घुस गए और वहां पर घुसते ही मैंने मां की नाइटी नीचे सरका दी और मां ने मेरा लोवर उतार दिया। हमने गीजर ऑन कर न ज्यादा गर्म ना ठंडा बल्कि थोड़े ठंडे मोसम के हिसाब से एक नोर्मल से टेंपरेचर में पानी ऑन किया और शावर के नीचे खड़े हो गए।
हम दोनों नंगे शावर के नीचे खड़े थे और शावर से गिरता पानी मां की जुल्फों से होते हुए उनके बूब्स पर फिर बूब्स से होते हुए नीचे चूत से टपक रहा था। मैं ये देखते ही नीचे बैठ गया और मां की चूत के नीचे मुंह कर वो गिरता हुआ पानी पीने लगा। मां ये देखते ही मेरा सर पकड़ अपनी चूत में दबाने लगी और सिसकियों के साथ बोली : गोलू बेटा, काश तेरे जैसा अच्छा बेटा सबको मिले, जो अपनी मां का हर चीज में ध्यान रखे।
मैं: हां मां, मैं आपकी हर एक जरूरत का ध्यान रखूंगा।
मां: उफ्फ मेरे बच्चे, आह आह ।
फिर में मां की चूत से टपकते पानी को अपने होंठों से लगा नीचे सरकाता रहा और मां ने एकदम से मेरा हाथ पकड़ा और मुझे ऊपर उठा कर शावर के नीचे ही मेरे होंठों में अपने होंठ देकर चूसने लगी। मैं भी मां का पूरा साथ देने लगा और उनके होंठों को चूसते चूसते उनकी गांड़ मसलने लगा। उफ्फ क्या मजा आ रहा था , एक तो मां के वो रसीले होंठ और ऊपर से मेरे हाथों में उनकी वो सोफट गांड़ जिसने मुझे अपना दीवाना बना रखा था।
हमारा यूंही किस का सीन लगभग 3_4 मिनट तक चलता रहा और हम दोनों शावर के नीचे खड़े रहे। फिर हम रुके के मां खुश होकर बोली : गोलू, लव यू, यू आर बैस्ट।
मैं: यू आर बैस्ट मां।
मां ने शावर जैल उठाया और आपने हाथों पर लगाकर मेरे लन्ड को रगड़ने लगी। लन्ड रगड़ के बोली : उफ्फ कितना मस्त है तेरा लन्ड गोलू, दिल तो करता है के इसे बस अपनी चूत में ही रखूं दिन रात।
मैं: मां अब ले भी लो इसे अंदर।
मां : नहीं बेटा, अभी नहीं, कॉन्डम लगा कर ही लूंगी इसे अंदर, मैं नहीं चाहती की मेरी बूढ़ी चूत मारने से तेरे लन्ड को कोई भी बीमारी हो। अभी तो मुझे इसपर दिन रात झूलना है।
मैं: मां आप भी ना पहली बात तो ना ही आप बूढ़ी हुई हो अभी और ना ही आपकी ये मस्त चूत, तो इसे आज के बाद बूढ़ी मत कहना।
मां : अच्छा अच्छा ठीक है बाबा नहीं कहूंगी।
मैं: हां और मां की चूत से भला बेटे को कोन सी बीमारी हो सकती है।
मां: नहीं बेटा प्लीज, इस पर मैं तेरी कोई बात नहीं सुनूंगी। तु मेरी जितनी मर्जी दफा मार , पर कॉन्डम लगा कर, मैं नहीं चाहती के तेरे इस प्यारे से लन्ड को मेरी वजह से कुछ भी हो।
मैं: मां आप भी ना ऐसा कुछ नहीं होगा।
मां: नहीं बेटा, मां की एक बात भी नहीं मान सकता तु?
मैं: चलो ठीक है मां, कॉन्डम लगा कर ही लूंगा बस खुश अब।
मां किस करते हुए : ये हुई ना मेरे अच्छे बेटे वाली बात।
फिर मां मेरा लन्ड यूंही रगड़ती रही और बोली : चल अब जल्दी से नहा कर चलते हैं।
मैं: ठीक है मां, जैसा आप कहो।
मां : लव यू गोलू।
मैं: लव यू टू मां।
फिर हम नहाने लगे और नहाकर बाथरूम से बाहर आ गए। मैं अपने कमरे में चला गया जहां मोसी सोई थी और मां अपने कमरे में चले गई। फिर कपड़े डालकर मैं मां के कमरे में गया और बोला : मां , मैं यही सो जाता हूं आपके वाले कमरे में ही।
मां : हां बेटा ठीक है सो जा।
फिर मैं वहां पर लेटा और लेटे लेटे रात के बारे में सोचते सोचते मुस्कुराता रहा और नहाने के बाद क्या मस्त नींद लगी के मां और मोसी के ख्यालों में खो गया।
मेरी एक आवाज से आंख खुली और वो आवाज थी मोसी की जो मुझे हिलाते हुए बुला रही थी : उठ जा गोलू बेटा, नाश्ता बन रहा है, चल आजा मिलकर करते हैं।
मैं नींद से उठा और मोसी को सामने देखकर मुस्कुराया और बोला : क्या.....
मोसी : उठ जा अब, नाश्ता बन रहा है।
मैंने घड़ी की ओर देखा तो साढे 10 बज रहे थे। मोसी मुझे उठाकर चली गई और मैं अंगड़ाई लेटा उठा और बाथरूम गया, फ्रेश होकर ब्रश किया फिर बाहर सोफे पर जाकर बैठ गया। मां और मोसी किचन में ही थे के मां मुझे सोफे पर बैठते देख बोली : उठ गई गोलू, लाऊं नाश्ता।
मैं: हां मां दे दो।
मां नाश्ता लेकर आई और मोसी और मां भी वहां बैठ गई , मैं बोला: आप दोनों ने भी नहीं किया अभी तक नाश्ता?
मां : नहीं
मोसी : मैं भी लेट ही उठी थी तो इसलिए देर हो गई।
मैं: अच्छा, क्या हुआ मोसी रात को नींद नहीं आई क्या आपको।
मोसी मां को देख कर शरमाते हुए : नींद तो रात में काफी अच्छी आई।
मां : हां वो तो आनी ही थी।
मैं शरीफ बनते हुए : वो क्यूं मां?
मां : इसकी टांगों में दर्द था ना, तो मैंने इसकी टांगे मालिश की थी रात में, तो नींद तो अच्छी आनी ही थी।
मोसी : हां हां ,दीदी, सही कहा आपने।
फिर मैं मां को देख कर मुस्कुराया और मां ने मुझे आंख मारी। हम यूंही फिर बाते करते करते नाश्ता करने लगे और नाश्ता खत्म करने के बाद मैं किचन में जाकर मां से बोला: मां , कॉन्डम पड़े हैं या लेकर आऊं?
मां : बेटा अभी तो पड़े है , वो जो कल डिब्बा था ना, उसमे आए थे 5_6, कल दो यूज हो गए एक तेरे लन्ड पर लगाया था अपने लिए और एक अपने लन्ड पर मैनें लगाया था तेरी मोसी के लिए, बाकी तु देख लेना।
मैं हस्ते हुए : हां हां मां , आपने अपने नकली लन्ड पर भी तो लगाया था , सही कहा आपने।
फिर मैं मां से बोला : अच्छा कोन सा फ्लेवर लेकर आऊं?
इधर मेरी ये लास्ट वाली बात से पहले मोसी भी प्लेट लेकर किचन में आ गई और बोली : क्या लेने जा रहा है गोलू?
मैं: वो वो मोसी, मां का आइसक्रीम खाने का मन कर रहा था तो वही पूछ रहा था के कोनसा फ्लेवर लाऊं?
मोसी : आइसक्रीम, सुबह सुबह।
मां : नहीं ये तो अभी घर से जा रहा था ना , तो दोपहर के लिए पूछ रहा था के आते वक्त कोन सी लाऊं?
मोसी : ओह अच्छा, और मुझसे कोन पूछेगा, मैं तेरी कुछ नहीं लगती क्या गोलू?
मैं: अरे नहीं नहीं मोसी, आप भी मेरी मां जैसी ही हो।
मोसी : मां जैसी ही बोलियो तु, मां नहीं बोल सकता क्या।
मैं: हां मोसी, वही।
मोसी : फिर से मोसी, मैनें भी तेरी बचपन में पूरी देखभाल की है, और यहां तक कि तुझे अपना दूध भी पिलाया है।
मां हसने लगी और मैं भी हसने लगा फिर मां बोली : हां गोलू, इसने तुझे अपना दूध भी पिलाया है, अब अगर तुझे आज भी पीना हो तो पिला देगी।
मोसी : हां हां दीदी, इसमें क्या है मेरा बेटा है, मैं पिला दूंगी।
मैं मां और मोसी की ये बाते सुन कर खुश भी था और थोडा सा हैरान भी के ये क्या चल रहा है।
इतने में मां बोली : बोल क्या रही है निशा, तेरी जगह मुझे कोई ऐसा कहता ना, मैं अभी गोलू को पकड़ अपना दूध पिला देती।
मां : बस बस दीदी, जब ये जिद्द कर रहा था पीने को, तब तो आपने पिलाया नहीं, अब क्या कह रही हो।
मोसी : चल छोड़ो ये सब, बता गोलू मेरे लिए कोन सी आइसक्रीम लाएगा?
मैं: आप बताओ, आपको कोनसा फ्लेवर पसंद है?
मोसी सोचती हुई : हम्मम, चॉकलेट, चॉकलेट ले आना।
मैं: और मां आपके लिए?
मां : जो भी तुझे अच्छा लगे, ले आना।
मैं: ठीक है।
फिर मैनें 10 मिनट यूंही फोन चलाया और घर से फिर निकल गया दोस्त के पास।
Shandaar updateमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 57
फिर मैं उठकर किचन में गया और मोसी रोटी बना रही थी तो मैं बोला : मोसी..
मोसी : हां..
मैं: मोसी मां अपने हनीमून पर कहां गई थी?
मोसी हस्ते हुए: दीदी...दीदी का तो हनीमून ही इतना लेट हुआ था।
मैं: वो कैसे?
मोसी: वो जब दीदी की शादी हुई तब एक कमरे में तेरे दादा दादी रहते थे और दूसरे कमरे में सारे रिश्तेदार रुके हुए थे तो वो गए ही शादी के एक हफ्ते बाद और इतना एक हफ्ता दीदी और जीजा जी को अलग अलग सोना पड़ा था।
मैं: ओह अच्छा, पर मां ने तो नहीं बताया मुझे कभी।
मोसी: अब दीदी अपने बेटे को थोड़ी बताएगी के उसका हनीमून कब हुआ, कैसे हुआ, तु भी ना गोलू।
मैं: हां वो भी है।
मैं: आपका कब हुआ था मोसी, पहली रात में ही?
मोसी शर्मा गई और बोली : हां मेरा तो पहली रात में ही हो गया था काम...वो...मेरा मतलब हनीमून।
मैं मोसी के मुंह से निकली बात पर मन ही मन हसा और सोचने लगा के मोसी को उनके हनीमून की बाते करके याद दिलाता हूं सब , क्या पता मोसी गर्म हो जाए।
मैं: मोसी हनीमून पर क्या करते हैं?
मोसी: प्यार करते हैं और क्या करेंगे।
मैं: तो फिर प्यार तो वेलेंटाइन डे पर भी करते हैं।
मोसी: हां पर हनीमून पर पति पत्नी प्यार करते हैं और वेलेंटाइन डे पर गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड।
मैं: तो मोसी वेलेंटाइन डे पर भी तो दोनों घूमने जा सकते हैं ना।
मोसी: हां जा सकते हैं क्या जाते हैं लोग।
मां : तो आप क्यूं नहीं जाती मोसा जी के साथ।
मोसी : उनको काम से फुर्सत मिले तो ना, वैसे भी वो प्यार नही करते अब मुझसे।
मैं: वो क्यूं मोसी।
मोसी : बस मैं बूढ़ी हो गई हूं ना अब, सुंदर नहीं रही , इसलिए।
मैं: मोसी आप भी ना, आप इतनी तो सुंदर है और बूढ़ी बोल रही हैं खुदको।
मोसी: कहां बेटा अब कहां सुंदर।
मैं: मोसी सच में , आप अगर कुंवारी होती ना तो मैं आपसे शादी कर लेता।
मोसी हस्ते हुए : धत पागल।
मैं: सच में मोसी, पर आपने मौसा जी से शादी करली और मेरा दिल तोड़ दिया।
मोसी हस्ते हुए : चुप कर बदमाश, मोसी के साथ मस्ती करता है।
मैं: सच में मोसी, मैं कर लेता शादी आपसे।
मोसी : ऐसा क्या है खास मुझमें।
मैं: आप खुद ही खास है मोसी, कोई पागल ही होगा जो आपसे शादी करने के बाद प्यार ना करे और आपका ख्याल ना रखे।
मोसी शर्मा कर : तु भी ना गोलू।
मैं: अच्छा मोसी, शादी शुदा लोगों के बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड नहीं होते क्या?
मोसी: शादी शुदा के...होते हैं, आज कल तो सबके होते हैं, बस एक तु ही है जिसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
मैं: जब कोई सुंदर लड़की मिलती, आपके जैसी तो ही गर्लफ्रेंड बनाता ना।
मोसी : अच्छा जी, अब मोसी को लड़की बना दिया तूने।
मैं: और नहीं तो क्या मोसी, आप कितनी सुंदर हैं, लड़किया भी फेल हैं आपके सामने तो।
मोसी शरमाती हुई: शर्म नहीं आती तुझे....पागल।
मैं: मोसी आप शादी शुदा हो और दूसरी शादी तो कर नहीं सकते तो....
मोसी: तो क्या...?
मैं: तो आप ब्वॉयफ्रेंड ही बना लो ना।
मोसी : चुप पागल, क्या ब्वॉयफ्रेंड बना लो, कुछ भी कहता है तु।
मैं: इसमें क्या है मोसी, आप ही ने कहा ना सबके होते हैं आजकल।
मोसी: हां तो ऐसे थोड़ी कहते हैं बॉयफ्रेंड बना लो, मुझे भला कोन अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहेगा?
मैं: मैं..
मोसी: चुप कर , मोसी को गर्लफ्रेंड बनाता है कोई भला।
मैं: फिर क्या मोसी, मैं आपका पूरा ख्याल रखा करूंगा।
मोसी : तूने तो आज तक कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं बनाई, तुझे पता भी है गर्लफ्रेंड का ख्याल कैसे रखते हैं।
मैं: सिख जाऊंगा मोसी मैं।
मोसी : चल चुप कर के खाना खा और छोड़ ये बातें , कुछ भी बोलता है तु।
फिर हम रोटी सब्जी लेकर बाहर सोफे पर गए और खाना खाने लगे। खाना खत्म कर मैं मोसी से पहले उठा और अपने बर्तन किचन में रखने गया के मोसी ने आवाज लगाई : गोलू एक गिलास पानी तो देना।
मैं गिलास पानी का लेकर मोसी के देने गया के जैसे ही उन्हें पानी पकड़ाने लगा गिलास एक दम उनके हाथ से छूटा और उनकी कमीज पर सारा पानी गिर गया। पानी के गिरते ही मोसी एक दम खड़ी हो गई और बोली : ओहो ये क्या हो गया, सारे कपड़े भीग गए।
मैं: सॉरी मोसी।
मोसी : अरे तेरी गलती नहीं है गोलू, वो रोटी का घी लगा था हाथों में तो गिलास स्लिप हो गया।
मैं: मोसी कपड़े बदल लो आप।
मोसी : हां बदलने ही पड़ेंगे।
मोसी उठी और किचन में अपने हाथ साफ कर मां के कमरे की ओर जाने लगी। मैं भी उनके पीछे पीछे हो लिया और मोसी अपने नए लाए कपड़ों में से एक ऑरेंज कलर की कमीज उठाकर बाथरूम में घुस गई। मैं वहीं सोई हुई मां के साइड में बैड पर बैठ गया के मोसी ने 2 मिनट बाद बाथरूम का गेट खोल बाहर जैसे ही निकली के ऊपर से नंगी, उफ्फ क्या सीन था।
दिन के उजाले में मोसी के वो कड़क बूब्स देखकर मैं तो खुश सा हो गया। मोसी मुझे देखते ही एकदम घूम गई और बोली : तु यहीं बैठा था, मुझे लगा चल गया होगा।
मोसी मेरी तरफ अब अपनी नंगी पीठ कर ये बोलती हुई फिर से बाथरूम में घुस गई और गेट बंद कर लिया।
मैं बोला : वो मोसी मैं तो बस यूंही आया था, क्या हुआ आप, बिना कपड़ों के , कुछ रह गया क्या?
मोसी: हां वो, मेरे ये अंडरगार्मेंट्स भी गीले हो गए तो वही बस लेने आ रही थी।
मैं: ओह अच्छा।
मोसी: दीदी उठी या नहीं?
मैं: नहीं अभी तो।
मोसी: तु पकड़ा दे गा क्या जरा?
मैं: हां मोसी इसमें क्या है।
मोसी : वो अलमारी में ही होंगे, दिखाओ जरा।
मैनें मां की अलमारी धीरे से खोली और अलमारी के ड्रॉर खोल के इधर उधर देखने लगा के ब्रा पेंटी सब दिखा। मैंने उनमें से एक पैंटी और ब्रा उठा कर उसे प्यार से दबाते हुए मोसी को पकडाने लगा।
मैं: मोसी ये लो।
मोसी ने गेट खोल हाथ बाहर निकाला और पकड़ कर देखा और बोली: ये क्या, पैंटी नहीं चाहिए थी।
मैं: अच्छा, आपने अंडरगार्मेंट्स कहा ना तो।
मोसी : हां वो पानी ऊपर ऊपर ही गिरा था तो।
मैं: ओके, आप डाल लो जो भी डालना है।
Good oneमां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 58
मोसी ने 1 मिनट बाद बोला: गोलू सुन तो
मैं: हां बोलो?
मोसी : देख तो कोई और रखी है क्या, ये तो टाइट है काफी।
मैं: अभी देखता हूं।
मेने अलमारी में से 3 ब्रा उठाई और सब का सेम साइज, मेने तीनों मोसी को पकड़ा दी और बोला : लो मोसी , इनमे से देख लो।
मोसी 2_3 मिनट बाद सब डालकर देखने के बाद बोली : ये तो सभी टाइट हैं।
मैं: फिर अब और तो नहीं है।
मोसी : ठीक है कोई बात नहीं।
फिर मोसी अपनी नई कमीज डाल बाहर आ गई और सारी ब्रा और वो एक पैंटी अलमारी में रखने लगी। मैनें जब देखा के मोसी ने चारों की चारों ब्रा रखी तो मैं मोसी के बूब्स की और देखने लगा। उनके बूब्स पास से देखने पर साफ साफ कमीज में निपल्स दिखा रहे थे।
मैं मोसी के निपल्स देखता रहा और खुश सा हुआ और जैसे ही मोसी मुझे देखने लगी के मैं वहां से चला गया और अपने कमरे में जा बैठा और फोन चलाने लगा।
इधर साढ़े 5 बजे के आसपास मां मेरे कमरे में आई और बोली : गोलू।
मैं: मां, उठ गई आप।
मां : हां।
मैं: हुई नींद पूरी आपकी।
मां : हां बेटा, नींद पूरी करना जरूरी था , वरना रात में कैसे तुझे देती अपनी।
मैं हस्ते हुए : हां मां, मैं तो आपके लिए कुछ लेकर भी आया हूं।
मां : क्या?
मैनें अपनी जेब से एक डिब्बी निकाली और मां को दी।
मां देखकर मुस्कुराई और बोली : इतने से क्या होगा बेटा।
मैं: मां ये तो बस रात के लिए हैं, बाकी मैं आपके लिए एक बड़ी पेटी ले आऊंगा।
मां खुश होकर : उफ्फ गोलू, मेरा मन तो कर रहा है अभी इस नए कॉन्डम को तेरे लन्ड पर चढ़ाऊं और बैठ जाऊं तेरी गोद में।
मैं: मां इसमें सोचना क्या, ये लन्ड तो आपको बिठाने के लिए तयार ही बैठा है, आ जाओ आप।
मां : नहीं नहीं रात में, तु अभी जा और ये राशन लेकर आ और चक्की से आता भी।
मैं: कहा मां, कुछ तो मजा दो ना अपने इस बेटे को।
मां: बेटा अब तेरी राण्ड बनी हूं, तो तुझे मजा ना दूंगी तो किसे दूंगी, आजा मेरे चूस ले।
इधर मैंने मां की कमीज के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाते हुए उनके होंठ चूसने लगा और मां भी मस्ती में मेरे लन्ड पर हाथ फेरने लगी। फिर क्या था मैनें अपने हाथ पीछे ले जाकर कमीज में अंदर डाले और ब्रा का हुक खोलकर उन्हें दो मोटे बूब्स को आजाद कर दिया।
मां की ब्रा खुलते ही मैनें अपने हाथ आगे किए और उनके बूब्स बाहर निकाल कर चूसने लगा।
चूसते चूसते मैं बोला : मां इनमे दूध कब आएगा।
मां : जब तु मेरी अच्छे से दिन रात लेगा तभी दूध बनेगा इसमें तो।
मैं: तो मां अब बस लगता है के वो दिन दूर नहीं।
मां : बेटा चाहती तो मैं भी यहीं हूं के तु जल्द से जल्द इस मोटी भैंस के थनों में दूध ला दे और जम कर चूसे फिर।
मैं हस्ते हुए : मां आप और मोटी भैंस, वाह।
मां : हां बेटे, और तु मेरा काले लन्ड वाला सांड, जो मेरी जम कर लेगा, मुझे पूरा विश्वास है।
मैं: मां आपका विश्वास टूटने नहीं दूंगा और दबा कर लूंगा आपकी तो, आप भी खुश हो जाओगी।
मां : बेटे मैं चाहती हूं के तु मुझे खुश करने से पहले मेरी मार मार कर मुझे रुला दे।
मैं: मां मैं जानता हूं के आपको डोमिनेंट सेक्स पसंद है।
मां : तुझे कैसे पता।
मैं: बस पहले दिन से ही समझ गया था मैं, जब आपने धक्के से मेरा मुंह उस दिन अपने बूब्स में दिया था।
मां : बस तेरी इसी मेरी हर बात को समझने वाली कला की ही तो फैन हो गई हूं मैं, चल अब जा जल्दी से और राशन लेकर आ सारा।
मैं: ठीक है मां, अच्छा जाने से पहले एक पप्पी ले लूं आपकी।
मां : ये भी कोई पूछने वाली बात है , ले।
मां ने मुझे एक पप्पी दी और मैं बोला : यहां की नहीं मां।
मां : फिर कहां की?
मैं: आपकी गांड़ की।
मां : उफ्फ बेटा, तुझे मेरी गांड़ इतनी पसंद है क्या?
मैं: हां मां
हां मां बोलते ही मैनें उन्हें घुमाया और नीचे बैठ कर फट से उनकी पजामी नीचे सरका दी। पजामी नीचे सरकाते ही मां बोली : उफ्फ गोलू बेटा, तुझे पता है ना मुझे कैसे पसंद है।
मैं बिना उनकी पैन्टी को सरकाए, उसे साइड में कर उनकी गांड़ पर पप्पिया लेने लगा।
इधर मां अपनी गांड़ मेरे मुंह की ओर बाहर निकालते हुए : आह गोलू, माई बेबी, कितना मस्त बेटा दिया है ऊपर वाले ने मुझे, ओह आह।
फिर मैं खड़ा हुआ और एक प्यार से मां की गांड़ पर थप्पड़ मार कर सामान की पर्ची ले जाते हुए आंख मार गया।
मां के सात एकदम सैक्स कर लेने से ज्यादा मजा इस तरह छुप छुप कर आगे बढ़ने में आ रहा था। मां भी एक दम मस्त थी मानना पड़ेगा, बड़े वक्त लगाकर तराशा गया हो , ऐसा हुस्न था उनका।
फिर मैं बाइक लेकर बाजार चला गया और सब सामान लेने लगा। पर्ची पर लिखा सब राशन पानी लेकर मैं 7 सवा 7 बजे घर आया और घर आया तो उसी वक्त पापा भी आए ही थे।मैं सब सामान किचन में रख कर बाहर चला गया और फिर चक्की से आता लेकर आया और किचन में रख वहीं फ्रीज के पास खड़ा था के पापा देख कर बोले : गोलू अब बढ़ा और समझदार हो गया है।
मां भी पापा के पास सोफे की साइड में खड़ी थी और बोली : सही कहा आपने।
पापा : हां, अब मुझे कोई काम की फिक्र करने की जरूरत नहीं है।
मां मेरी तरफ मुस्कुराकर: जी बिल्कुल
मां फिर मेरे पास आई और मेरे कान के पास धीरे से बोली : समझा क्या कह रहे हैं पापा?
मैं: क्या
मां धीरे से : यही के पापा की पत्नी की चूत मारने की फिक्र भी अब उन्हें नहीं करनी पड़ेगी, तु और तेरा बड़ा जो हो गया है।
मैं हलका सा हस्ते हुए : मां चुप रहो यार।
मां : क्या चुप लूं, अभी तेरे पापा के सामने ही?...
मैं फिर हल्का सा हस्ते हुए : क्या मां पापा ने सुन लिया तो मरवाओगी क्या?
मां : हां बेटा मरवाऊंगी, पर सिर्फ तेरे से।
मैं समझ गया मां मूड में है और हस्ते हुए : चलो हटो जाने दो।
मां : बेटा हट जाऊंगी तो तेरा केसे जाएगा अंदर, ये बोल मां खोलो जाने दो।
मैं हस्ते हुए : मां, आप भी ना, मूड में लग रही हो।
मां : अब तु पप्पी ही ऐसी जगह पर देकर गया है के मूड तो बनेगा ही ना।
मैं: हां हां, जब जगह ही ऐसी है वो के पप्पी दिए बगैर रहा ही नहीं जाता तो आप बताओ क्या करूं।
मां : इसमें करना क्या है,वो सारी जगह तेरी ही है मेरे लाल, जब मर्जी जितनी मर्जी पप्पी ले।
मैं: लव यू मां।
मां : लव यू टू मेरे बच्चे, चल मैं सामान रखती हूं सारा और डिनर बनाती हूं।
मैं: ओके।
फिर मैं वहां से अपने रूम में चला गया