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Romance मां का "दूध छुड़वाने से चुसवाने" तक का सफर

Mosi ka Number lagaya jaaye ya nahi?


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sunoanuj

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Gajab update… bahut hi behtarin kahani hai…
 

Dhansu2

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Update please
 

ashik awara

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मां का दूध छुड़वाने से चुसवाने तक का सफर : पार्ट 54 : 2
कुछ खास शब्द, एक शायरी के अंदाज में गोलू की मां द्वारा पेश है:


नाम है मेरा शीला,
कर देती हूं सबका अंडरवियर मैं गीला।
गोलू मेरा इकलौता बेटा है,
जो बिना थूक लगाए मेरी लेता है।
ना होना तुम कभी भी उदास,
बुला लूंगी मैं तुम्हे अपने पास।
अपने मोटे चूचों को तुम्हारे मुंह में मैं डालूंगी,
उदासी दूर कर तुम्हारा पानी मैं निकालूंगी।
गोलू ने मेरे चूचों का दर्द तो मिटाया,
और इधर मेरी चूत को भी अच्छे से सहलाया।
मैंने भी उसकी खातिरदारी में कोई कसर न छोड़ी,
जब जब उसने कहा, बन गई मैं उसके लिए घोड़ी।
कभी वो किचन, तो कभी सोफे पर मुझे पेलता था,
मैं जब जब कहती थी, तब तब वो सेक्स का खेल खेलता था।
थी मैं भी बड़ी नटखट,
चूस लेती थी लोड़ा उसका फटफट।
उसके पापा का भी मुझे कोई डर ना था,
रंडीखाना वो बन गया, अब हमारा घर ना था।
मेरी चूत से रिसते अमृत रस को वो पिता था,
मस्ती से वो अब अपनी जिंदगी जीता था।
मेरी गांड़ की दरार में वो अपनी जीभ ऐसी घुमाता था,
के पूछो मत बाबा, कितना ही मुझे मजा आता था।
उसके लन्ड को पकड़ मैं किसी आइसक्रीम की तरह चूसती थी,
दूसरी ओर मेरी गांड़ के छेद में उसकी उंगली सांप की तरह घुसती थी।
मैं तो चाहती हूं के ये मुझे रात रात भर सोने ना दे,
मेरी इतनी ले , इतनी ले के कभी सैक्स की भूखी होने ना दे।
मैं तो गोलू को अपनी बहन निशा की भी दिला दूंगी,
उसे अपनी रण्डी बना, खुद गोलू की रण्डी बन खूब मजा लूंगी।
गोलू को चूत के साथ साथ अपनी गांड़ भी दूंगी,
और किसी बिच्च की तरह, इसका लन्ड अन्दर दबा लूंगी।
आखिर में यही कहूंगी के गोलू मुझे यूंही पेले,
और मेरी जब चाहे, जहां चाहें, सलवार खोल लेले।
उफ्फ गोलू तु कितना क्यूट है,
मेरी चूत मांगे तेरा वो बनाना फ्रूट है।
अब से तेरे नाम का सिंदूर मैं भरा करूंगी,
और सिर्फ और सिर्फ तुझे ही चूत दिया करूंगी।
साहिल जी मुझे माफ़ करना की में अभी आपकी कहानी "माँ के हाथों के छाले" ही पढ़ पाया हूँ . पर आपकी तीनों कहानीयां मेने अपने पास सेव कर ली हें पर आपकी कहानियां पढने का बहुत मन हे पर समय की कमी की वजह से कम ही कहानियां पढ़ पा रहा हूँ , बाकि कापी करते हुए जितनी कहानी पढने में आई बहुत खूब लगी मन मोहन देसाई की फिल्मो की तरह मजेदार आप इसी तरह लिखते रहे धन्यवाद
 
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Reactions: Sksony and gop1

Anatole

⏳CLOCKWORK HEART 💙
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मोसी उठी और किचन में जाने लगी। उनकी मस्त मतकती गांड़ को देखकर मैं मन में बोला : उफ्फ मोसी, कितनी मस्त गांड़ मटकाती हो तुम, तुम्हे तो आपका ये बेटा, हनीमून पर ले जाकर ही रहेगा।
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