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Romance मां का "दूध छुड़वाने से चुसवाने" तक का सफर

Mosi ka Number lagaya jaaye ya nahi?


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gop1

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Bhai aage ka kya socha
Khani Puri karoge ya nahi 1 bar btaa do
Ham ummid karte h aap iska jbab denge
 

sutapap0

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Ek aur adhuri kahani
 

inocent_boy

Love is in the air.
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Enjoywuth

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मां का "दूध छुड़वाने से चुसवाने" तक का सफर : पार्ट 1
वैसे तो मेरा नाम साहिल है पर घर में सभी मुझे गोलू कहकर बुलाते है। हमारे घर में 3 ही लोग हैं। मैं मां और पापा। मैं अपनी बारवी की पढ़ाई पूरी कर चुका था और अब बस इंतजार कर रहा था रिजल्ट आने का। हुआ यूं के एक दिन मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देख रहा था और हमारे घर की घंटी बजी। मां किचन से निकल कर गेट खोलने गई और आते हुए बोली: अरे काजल आओ आओ अंदर आओ।
हमारे पड़ोस की आंटी की बेटी का नाम काजल था। मैं उन्हे दीदी कहकर बुलाया करता था। आज काजल दीदी अपनी शादी के 5-6 साल बाद अपने घर आई थी। उनके साथ एक छोटा सा बच्चा भी था। मैंने उन्हें नमस्ते किया और बच्चे को हेलो किया। मां किचन में उनके लिए पानी लेने गई।
दीदी बोली : अरे गोलू, कैसा है तु?
मैं: बिल्कुल बढ़िया दीदी, आप बताओ।
दीदी : मैं भी मस्त
मैं: आप बड़े टाइम बाद आए हो ..
दीदी : हां गोलू, बस शादी के बाद ऐसा ही है, इतनी दूर से रोज रोज नहीं आया जाता ना।
मैं: हां दीदी वो तो है, (मेने बच्चे की तरफ इशारा करते हुए कहा) ये अंशु है? इतना बड़ा हो गया ये?
दीदी बोली : और नहीं तो क्या, ढाई साल का होने वाला है।
मां किचन से आई और उन्हें सोफे पर बैठने के लिया कहा और पानी दिया।
मां : और बता काजल, ससुराल में सब कैसे हैं?
दीदी : जी सब बढ़िया आंटी
मां : तेरा चेहरा बड़े टाइम बाद देख रही हूं, कब आई वैसे?
दीदी : आंटी, बस आज सुबह ही, अब अंशु के पापा यहां आ रहे थे किसी काम से तो मैंने सोचा मां से भी मिल आती हूं इसी बहाने।
मां : हां बढ़िया किया, क्या लोगी चाय या कॉफी?
दीदी : अरे कुछ भी नहीं आंटी, मैं तो बस आपसे यूंही मिलने चली आई। आप बताइए कैसी चल रही है लाइफ?
मां : सब अच्छा चल रहा है बेटा, ऐसे कैसे कुछ भी नहीं लेना, मैं कॉफी बना कर लाती हूं, तुम बैठो।
दीदी : अरे रहने दीजिए ना..
मां उठ कर किचन की और जाते हुए : तुम गोलू से बातें करो, मैं अभी आई बस।
दीदी और मैं फिर बाते करने लगे इधर उधर की और 5 मिनट बाद मां कॉफी बनाकर ले आई।
फिर हम ने मिलकर कॉफी पी और थोड़ी बातें की। कुछ 10 मिनट बाद अंशु सोफे से नीचे खिसक कर दीदी के आगे चिपक कर खड़ा हो गया और धीरे धीरे दीदी को कुछ बोलने लगा। इतने में दीदी बोली : अभी नहीं बेटा, घर जाकर।
दीदी के ऐसा बोलते ही वो रोने लगा के मां ने पूछा : क्या हुआ अंशु, जाओ भईया के साथ , भईया तुमको दुकान से चीजी दिलवाएगा।
अंशु फिर और रोने लगा और दीदी की चुन्नी खींचने लगा।
दीदी : नहीं बाबू, अच्छे बच्चे हो न आप, अभी नहीं, घर जाकर।
जब अंशु और तेज रोने लगा तो मां ने पूछा :क्या हुआ काजल इसे? क्या बोल रहा है ये तेरे से?
दीदी : अरे आंटी इसे भूख लगी है और...
मां : और क्या?
दीदी : दरअसल ये अभी भी मेरा दूध पीता है, ये आदत छोड़ ही नहीं रहा।
मां : ओ अच्छा ऐसा है। ओए अंशु शैतान, इतना बड़ा हो गया है फिर भी मम्मी का दूध पीना है, अब तो छोड़ दे मम्मी को।
दीदी : ये तो जिद्दी है एकदम,रोने लग जाता है इसे मना करती हूं तो।
अंशु को फिर रोता देख मां बोली : चलो कोई नहीं बेटा, तुम पीला लो इसे दूध।
दीदी ने मां के मुंह से ये सुनते ही बिना मेरे वहां होने की फिक्र किए अंशु को उठाया और बोली : चल आ, जिद्दी कहीं का, जब देखो रोने लग जाता है।
दीदी ने उसे थोड़ा ऊपर उठाया और गोद में लिटाकर मेरे सामने ही अपनी कुर्ती थोड़ी सी ऊपर की ओर अपना एक बूब्स निकाल कर उसके मुंह में दे दिया। मैं ये सब देख कर हैरान सा हो गया। आज पहली बार मैने अपनी आखों से किसी के बूब्स देखें हो मानो।
शायद ये बस एक मां की ममता ही थी अपने बच्चे की लिए जिसने फिक्र ना की मेरी मौजूदगी की भी। मुझे यूं तो थोड़ी सी ही झलक मिली उनके गोरे गोरे बूब्स की पर, जो भी था ये एहसास मजेदार सा था।
फिर मां उन्हे ऐसा देखकर बोली : वैसे अंशु भी गोलू पर ही गया है इस मामले में
दीदी : क्या, कैसे?
मां मेरी ओर इशारा करते हुए बोली : ये भी बड़ा शैतान था, इसने तीन साल तक मेरा दूध पीना नहीं छोड़ा था। बड़ी मुश्किल से इस से पीछा छुड़ाया था।
दीदी और मां हसने लगी और मैं चुपचाप सोचने लगा : क्या सच में?
दीदी : अरे आंटी मुझे भी बताओ ने, कैसे आपने गोलू से पीछा छुड़वाया था?
मां : हां , हुआ यूं की, ये गोलू तो तेरे अंशु से भी जिद्दी था, अगर मैं मना करती थी तो रोता नहीं था बल्कि गुस्से में आके मेरी कमीज खींचने लगता था और जबरदस्ती पीने की कोशिश करता था।
मैं हैरान हुआ और पूछा : सच में मां?
मां : और नहीं तो क्या, तूने बहोत परेशान किया है मुझे बचपन में
मैं: आप झूठ बोल रहे हो मां
मां : लो कर लो बात, अब इसमें क्या झूठ बोलूंगी।
दीदी हसने लगी और बोली : आंटी बताओ ना कैसे पीछा छुड़वाया था आपने। मैं भी अंशु से छुड़वाना चाहती हूं।
मां : अरे मेरी सास ने मुझे बताया था के अगर बच्चा दूध ना छोड़े पीना और छुड़वाना हो तो दूध पर थोड़ी सी लाल मिर्ची पाउडर लगा लिया करो। ऐसा 5-6 बार करो। इस से होगा ये के जब बच्चा दूध पिएगा और उसे पीने पे मिर्ची लगेगी तो वो अपने आप धीरे धीरे छोड़ देगा।
दीदी : हां शायद हो सकता है, पर आंटी इसमें मुझे जलन तो नहीं होगी शरीर पर?
मां : नहीं नहीं इतनी नहीं होगी, बिल्कुल हल्की सी ही चिरमिराहट होती है, ज्यादा नहीं।
दीदी : ठीक है आंटी मैं ट्राई करूंगी।
फिर थोड़ी बहुत और बातें हुई परिवार वगैरा के बारे में और दीदी अपने घर चली गई।
Hamre yaha maa nipples par kuch kadava chiz laga leti he jese ki nim ka fal aata he vo ya karela ka kuch esa....
 

DINNA

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mast update
 

DINNA

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mast likh rahe ho bhai
 
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