Update 6
फिर रजत अपनी मां को सहारा देकर नीचे ले आया और उसे उसके कमरे में लिटा कर जल्दी से बाहर कुछ खाने को लाने के लिए निकल गया।
अब आगे :–
लड़की – दादा जी , दादा जी देखो कौन आया है।
बूढ़ा आदमी – कौन है बेटा?
लड़की – अरे दादा जी आप फिर से मुझे भूल गए आप बहुत गंदे है आप बार बार मुझे भूल जाते है जाइए मैं आपसे बात नही करने वाली।
बूढ़ा आदमी – हां ये आवाज तो कुछ जानी पहचानी सी लग रही है लेकिन नाम याद क्यूं नही आ रहा कौन हो सकता है हां मेरी शेरनी पोती की आवाज है ये तो....
लड़की – आहा आप तो पहचान गए अब जल्दी से मेरा नाम क्या है वो भी बता दो बस और वह अपने दादा के गले में हाथ डाल उनसे लिपट जाती है।
बूढ़ा आदमी – (जान बूझकर) तुम कविता हो ना बेटी
लड़की – नो दादा जी मैं कविता नही हूं थोड़ा गुस्सा होते हुए और अपना मुंह फुलाते हुए।
बूढ़ा आदमी – लेकिन ऐसी सुरीली आवाज तो कविता की है।
लड़की – नही ये सुरीली और मीठी आवाज किसी कविता बबिता की नही है।
अब वो बूढ़ा आदमी थोड़ा सोचने का नाटक करता है जिसे देख वह लड़की और गुस्सा होकर अपना मुंह फूला लेती है।
लड़की – जाइए अब मैं आप से कभी बात नही करूंगी अब आपकी बहुत उम्र हो गई है आप मुझे पहचान भी नही पाते ऐसे में मैं ही पागल हूं जो ऐसे बूढ़े आदमी के साथ अपना टाइम खराब कर रही हूं।
लड़की की ऐसी गुस्से वाली बाते सुन वो बूढ़ा आदमी जोर जोर से हसने लगा....
हां हां हां हां अरे बेटा हां हां हां......
सही कहा अब मैं बूढ़ा हो गया हूं लेकिन मेरी पोती तो शेरनी है।
लड़की – और नही तो क्या मैं आज भी स्ट्रॉन्ग होने के लिए विटामिन वाला बनाना शेक पीती हूं।
बूढ़ा आदमी –और अपने दिमाग को तेज बनाने के लिए बादाम भी खाया करो बेटा।
लड़की – मेरा दिमाग पहले से ही तेज है एक आप ही है जिसका दिमाग खराब हो गया है आपको बादाम शेक की जरूरत है मुझे नही।
बूढ़ा आदमी – अच्छा बेटा लेकिन अब मैं इस उम्र में ज्यादा खा पी के क्या करूंगा वैसे भी अब मुझे कौन सा कंपीटीशन में भाग लेना है अब तो बस भगवान से दुआ है की जल्दी से जल्दी मुझे ऊपर बुला ले ताकि मैं किसी पर बोझ न बन सकू।
लड़की अपने दादा जी की ऐसी बात सुन एक दम से भड़क जाती है।
बुड्ढे आपको बहुत जल्दी है ना मुझे छोड़ के जाने की इसीलिए आप दुआ कर रहे हो देख लेना एक दिन मैं भी आप सबको छोड़कर कहीं दूर चली जाऊंगी और फिर आप बुलाएंगे भी तो भी नही आऊंगी।
बूढ़ा आदमी अपनी पोती के सर पर हाथ फेरते हुए– अच्छा तुझे लगता है मैं तुझे यहां से जाने दूंगा।
लड़की – क्यूं नही जाने दोगे मेरा पति मुझे तुम सबसे छीनकर ले जाएगा और बस तुम सब बस ऐसे ही देखते रह जाओगे।
बूढ़ा आदमी उस लड़की की ये बात सुनकर जोर जोर से हसने लगता है और इतना ही नहीं वह हस्ते हस्ते अपना पेट पकड़कर हंसता रहता है।
तभी उसी रूम में उस लड़की की मां आ जाती है।
लड़की की मां – अरे वाह! दादा जी और पोती में ऐसी कौन सी बाते हो रही है जिससे ये कमरा पूरा हसी के ठहाको से गूंज रहा है।
बूढ़ा आदमी – मुझसे मत पूछो hahahaha ये लड़की बहुत हसाती है बहुत शैतान है इसी से पूछो हाहाहाहाह
लड़की की मां – बेटा हिमानी तुम बताओ तुम्हारे दादा जी का तो हस हस के बुरा हाल हो रहा है।
जी हां ये वही हिमानी है जो रजत की क्लास में उसके साथ ही पढ़ती है।
हिमानी – मां वो वो ....मां वो
हिमानी की मां – अब ये वो वो क्या लगा रक्खा है?
हिमानी – (वहां से भागते हुए) मैं कुछ भी न बताने वाली
अब हिमानी वहां से शर्माते हुए अपने रूम की ओर भाग गई।
हिमानी के दादा जी – हाहाहाहाहाह ....लगता है शर्मा गई ...बड़ी ही प्यारी बच्ची है।
हिमानी की मां भी हस्ते हुए – आपके प्यार ने ही इसे बिगाड़ रक्खा है मजाल है कोई कुछ कह भी जाए सबकी दादी मां बनी घूमती है।
और फिर दोनो ही मुस्कुरा पड़ते है......
ट्रिंग ट्रिंग..... ट्रिंग...... ट्रिंग......
दादा जी – बहू देखो तो किसका फोन आया है सुबह सुबह...
रेखा– जी बाबू जी
हिमानी की फैमिली......
राजेंद्रनाथ सिंह उम्र 75 साल –हिमानी के दादा जी
स्वर्गवासी लज्जावती जी – हिमानी की दादी
किशोर सिंह उम्र 50 –
हिमानी के पिता जी ( इस शहर के बहुत बड़े लायर )
एक रौबदार पर्सनालिटी उम्र 50 की हो गई लेकिन अभी भी शरीर से बिल्कुल 42 से 45 के लगते है इसके शूट बूट से रहने के स्टाईल से आज कल की नई लड़कियों की भी चूत गीली हो जाती है फिर रेखा तो हमेशा इनपे जान छिड़कती है और वही पर ये जनाब अपनी रेखा से ऐसे प्यार करते है की शादी की बाद पराई औरत को नजर उठा कर भी नही देखते ये अपनी रेखा से सच्चे दिल से प्यार करते है।
रेखा उम्र 45 (हिमानी की मां ) हाउसवाइफ
खूबसूरती की ऐसी मिशाल जिसके सामने तो रंभा और उर्वशी भी शर्मा जाए नैन ऐसे जैसे कोई बड़ी झील एक बार प्यार से मुस्करा दे मुर्दे में भी जान आ जाए शरीर का ऐसा कटाव जैसे भगवान ने इन्हे बड़ी ही फुर्सत से संवारा हो मध्यम वर्गीय चूचियां और सुराही नुमा कमर के साथ साथ लचकदार गुदाज नितम्ब जिसे देख नामर्द भी मर्दानगी की दुहाई करे अभी ये सब कम था जो भगवान ने इन्हे लज्जा करने का अनोखा वरदान भी सौप दिया हो दो दो बेटियों के बावजूद भी इन्होंने अपने आप को पूरी तरह नग्न कभी ना देखा और इनका पति प्रेम वो तो ऐसा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती दो जिस्म एक जान है दोनो ऐसा प्यार है पति पत्नी का कभी सपने में भी किसी दूसरे मर्द के बारे नही सोचा इनके लिए इनके पति पतिपरमेश्वर जैसे है।
हेमा उम्र 20 साल हिमानी की बड़ी बहन (कॉलेज स्टूडेंट)
आपने ये कहावत तो सुनी होगी जैसे मां वैसी ही संतान तो ये यहां पर उचित ही बैठेगा क्यूंकि इनकी दोनो बेटियां इन्ही की कार्बन कॉपी है दोनो बहने दूध जैसी गोरी और दोनो की छवि ऐसी जैसे किसी अनोखे सांचे में ढाला गया हो जहां हेमा का शरीर थोड़ा सा भारी है वही हिमानी अभी दुबली पतली सी लड़की है अगर आप हेमा को किसी से मिलाना चाहते है तो आप एक्ट्रेस अदा शर्मा से मिल लीजिए वही अगर आप हिमानी की बात करे तो अपनी कोमल की तरह एक्ट्रेस प्रणीत सुभाष जैसी लगती है दोनो ही बहने लुक और हुक में एक दूसरे को टक्कर देती है।
हिमानी उम्र 18 साल अपनी हीरोइन और रजत की होने वाली gf
वापस स्टोरी पर आते है.....
रेखा – हेलो हां जी कौन बोल रहे है।
फोन से – क्या ये काल मिस्टर राजेंद्रनाथ को लगी है।
रेखा – हां ये कॉल उन्ही के फोन पर आई है और हम उनकी बहू आपसे बात कर रहे है।
फोन से – अच्छा जी , तो आप मिस्टर राजेंद्रनाथ को मेरा संदेशा दे दीजिएगा उनसे कहना की उनके अजीत मित्र अमर बहादुर जी की तबियत बहुत खराब है और वो बार बार सिर्फ उनसे मिलने की गुजारिश कर रहे है, मैं उनका सबसे बड़ा बेटा राजेश बोल रहा हूं।
रेखा – जी अच्छा, ये लीजिए आप स्वयं बाबू जी से बात कर लीजिए।
राजेंद्रनाथ – क्या हुआ बहू किसका फोन है? (राजेंद्रनाथ थोड़ा घबराते हुए अपनी बहू से बोला)
रेखा – ये लीजिए आप स्वयं बात कर लीजिए।
और फिर रेखा अपने ससुर को फोन पकड़ा देती है।
राजेंद्रनाथ – हेलो कौन बोल रहा है?
राजेश– हेलो प्रणाम अंकल ! मैं अमर बहादुर का बड़ा बेटा राजेश बोल रहा हूं पिता जी की तबियत बहुत ज्यादा खराब है और वो बस आपसे मिलने चाहते है बस ये ही बताने के लिए आपको कॉल किया था, अगर आप आ सकते (फिर उदास होते हुए बोला) अंकल उनके पास ज्यादा समय नहीं है।
राजेंद्रनाथ – (दुखी और गंभीर होकर राजेश से बोला) तुम चिंता ना करो मैं उससे मिलने जरूर आऊंगा वो मेरा सबसे खास मित्र है।
राजेश – जी धन्यवाद अंकल
और इसी के साथ कॉल कट जाती है......
रेखा..बाबू जी ये आपके वही मित्र है जिसके किस्से बताते आप कभी नही थकते है ना?
राजेंद्रनाथ – हां सही पहचाना ये मेरा वही मित्र है लेकिन आज में और बीते कल में बहुत ज्यादा अंतर है समय की मार इशान को कमजोर और अपाहिज बना देता है।
जिस अमर की बाते करते मैं कभी नही थकता आज वो खुद से टूटा, बिखरा, लाचार, और बेबस महसूस कर रहा है।
रेखा – क्या आप जाने वाले है?
राजेंद्रनाथ – हां, मुझे जाना होगा।
रेखा – ठीक है मैं हेमा को आपके साथ भेज देती हूं वो आपके साथ रहेगी तो मुझे आपकी चिंता नहीं होगी और हेमा आपका पूरा ध्यान रखेगी।
और फिर बहुत जल्द हेमा और उसके दादा एक साथ हेमा की कार से एक गांव की ओर चल देते है।
इधर कोमल अपने कमरे में :–
कोमल....ये आज मुझे क्या हो गया है मुझे बार बार इतनी बेचनी क्यूं महसूस हो रही है ऐसा लग रहा है जैसे कोई मुझे बार बार मेरे नाम से बुला रहा है।
आज ही मेरे नींद की गोलियों को भी खत्म होना था मेरे बेटे ने आज फिर से मुझे ऐसी हालत में देख लिया है पता नहीं मैं कैसी मां हूं जो अपने ही बेटे को दुख और उसकी चिंता का कारण बनी हूं।
पता नही अभी उसके कैसे कैसे ख्याल आ रहे होंगे पता नही वह मुझे लेके क्या सोच रहा होगा।
अभी कोमल अपने ही ख्यालों में खोई थी जब उसका बेटा रजत उसके कमरे में फिर से प्रवेश करता है।