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Incest मां के हाथ के छाले

sahilgarg6065

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In-Shot-20221126-221734685


मां ने ठीक इसी तरह खड़े होकर पूछा था : बता ना बेटा, ये कैसी लग रही है मुझपर...

उफ्फ मां की ये मस्त गांड़ सोया हुआ लन्ड जगादे 🍑
 

Shobit2580

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मां ने ठीक इसी तरह खड़े होकर पूछा था : बता ना बेटा, ये कैसी लग रही है मुझपर...

उफ्फ मां की ये मस्त गांड़ सोया हुआ लन्ड जगादे 🍑
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मां के हाथ के छाले
Part : 14
अगली सुबह करीब 7 बजे मेरी आंख खुली तो देखा मां साइड में अपनी टांगो को मोड़कर एक हाथ अपनी गांड़ पर रख कर सो रही थी। मैं मन ही मन मुस्कुराया और बैड से उतर कर फ्रैश हुआ, फिर नहा कर घर का लॉक खोला और बाहर से लोक करके नाश्ता लेने चला गया। नाश्ता लेकर आया और अंदर देखा तो मां अब भी सो रही थी। मैनें किचन में जाकर चाय बनाई, फिर चाय और नाश्ते में गोभी के परांठे लेकर मैं मां के रूम में उन्हें जगाने गया। उन्हें 3-4 बार आवाज लगाई तो वो जागी और अंगड़ाई लेते हुए बोली : गुड मॉर्निंग बेटा, उठ गया तु?
मैं: हां, मां मैं तो रेडी भी हो गया हुं।
मां ने घड़ी की तरफ देखा और बोली : अरे 8 बज गए, तूने पहले क्यूं नहीं उठाया मुझे बेटा?
मैं: मां, आप सोते हुए अच्छी लग रही थी, बस इसीलिए सोचा के अभी थोड़ा और सोने देता हूं।
मां सुनके मुस्कुराने लगी और फिर अपनी टांगो पर देखा और अपनी मुड़ी हुई नंगी टांगों और गांड़ से अंदाजा लगा कर बोली: अच्छा जी, सब समझ रहीं हुं, सोती हुई प्यारी लग रही थी या क्या...
मैं हसने लगा और बोला : सच में मां, बिलकुल बच्चों की तरह सो रही थी आप, टांगो को मोड़कर।
मां भी हसने लगी और बोली : बस बेटा, कभी कभार ठंडी लगती है ना जब, तो मैं यूंही सिकुड़ के सो जाती हूं।
मैं: मां, आपको ठंडी लग रही थी तो आपने मुझे जगाया क्यूं नहीं?
मां : मैं भी नींद में ही थी ना बेटा।
हम दोनो हसने लगे और मैं बोला : मैं नाश्ता भी ले आया हूं , आप करलो फिर मेरा जॉब भी स्टार्ट होने वाली है थोड़ी देर में और 10 बजे एक मीटिंग हैं मेरी।
मैं वर्क फ्रोम होम कर रहा था तो अपने रूम में ही बैठ कर काम करता था। फिर मां बोली
मां : हां, बेटा मैं फ्रैश होकर आती हूं।
मैनें सोचा मां ने इस बार मुझे नहीं कहा अपने साथ आने को। और मैनें मां से कहा : मां, आपके छाले केसे हैं अब , दिखाओ तो जरा।
मां ने छाले दिखाए और कहा : अब बस लगता है कल तक बिलकुल ठीक हो जाएंगे। थैंक्स टू यू बेटा, मेरी इतनी मदद करने के लिए।
मैं : अरे इसमें थैंक्स कैसा मां..., अच्छा आपको नल चलाने में मदद तो नहीं चाहीए ना अब?
मां: नहीं बेटा, अब थोड़ा ठीक है , नल मैं धीरे से चला लुंगी और अगर जरूरत पड़ी तो तुझे बुला लूंगी, तो कोनसा दूर कहीं है मुझसे।
मैं: ठीक है मां, आप फ्रैश हो आओ, फिर खाना खाते हैं।
मां फ्रैश होकर आई और फिर हमने खाना खाया, खाना खाकर मैं अपने रूम में जाने लगा के मां बोली : सुन सोनू बेटा।
मैं: हा मां, ये एक सलवार डाल दे, फिर चले जाना।
मैनें फिर उन्हें बिना पैंटी के सलवार डाली क्योंकि पैंटी धोने का काम तो मैनें अभी किया ही नहीं था। सोचा शाम में कर दूंगा फ्री होकर। फिर उन्हें दवाई देकर और ट्यूब लगाकर मैं अपने रूम में चेयर पर जाकर बैठ गया और काम करने लगा।
करीब 2 घंटे बाद पापा का कॉल आया और मैनें थोड़ी देर बात की ओर फिर मां से बात करवाने के लिए उन्हें फोन देकर आया। अब मां का हाथ इतना ठीक था के वो फोन पकड़ सकती थी। फिर थोड़ी देर बाद मेरे रूम में आई और बोली : तेरे पापा परसो सुबह आएंगे और वो बोल रहे हैं के उनके दोस्त की बेटी की शादी है, हम सबको जाना है।
मैं: ठीक है मां
मां चली गई और बाहर सोफे पर बैठकर टीवी देखने लगी। थोड़ी देर बाद फिर आई और बोली : बेटा, फ्री होकर एक काम कर देना।
मैं: क्या मां?
मां : बेटा, वो मेरे नीचे के बाल काफी बढ़ गए हैं तो प्लीज काट देना, अभी मैं खुद काटने लगी तो कहीं छाले पर ना लग जाए। और वो शादी पर भी जाना है ना तो अगर दूसरी लेडीज के सामने कपड़े बदलने लगी तो अच्छा नहीं लगता ऐसे मुझे।
मैं: मां, आप दूसरी लेडीज के सामने कपड़े क्यूं बदलोगी वहां।
मां : अरे बेटा, शादी वाले घर में इतने मेहमान आए हुए होते हैं के फिर बाथरूम वगैरा में लेडीज का चेंज करना तो इंपॉसिबल सा होता है, इसलिए बाय चांस वहा कोई हाल रूम में बाकी सब लेडीज केसामने करने पड़ जाए तो मै पहले से ही साफ कर के जा रही हूं।
मैं: ओके मां, मैं लंच टाइम में कर दूंगा।
मां : थैंक्यू बेटा, तु अभी काम कर, लंच में कर देना।
मां चली गई और मैं सोचने लगा : वाह सोनू बेटे, अब अच्छे से उनकी साफ चूत देखने का भी मौका मिलेगा, अरे देखने का ही नहीं बल्कि छुने का भी, मजा आ जाएगा। मां की क्लीन चूत दिखने की खुशी में मैनें लंच टाइम से आधे घंटे पहले ही खाना ऑर्डर किया। और वाह रे किस्मत खाना पूरे लंच टाइम स्टार्ट होने पर आया।
फिर मैं लैपटॉप ऑफ करके बाहर गेट से खाना लाया और मां के पास जाकर कहा : खाना मैनें पहले ही ऑर्डर कर दिया था मां, आप बैठे रहो, मैं थाली में डालकर लाता हूं।
फिर मैं थाली में खाना डालकर लाया और हमने खाना 15 मिनट के करीब में खत्म किया और इस से पहले के मां कुछ कहती, मैं बोल पड़ा : चलो मां, आपके वो बाल काट दूं.
मां हंसते हुए : जा मेरे रूम में दराज पर वो लिफाफा पड़ा है एक, उसमे क्रीम है वो लेकर आ और अच्छा एक बात बता
मैं: हां मां, क्या?
मां : बेटा तु क्यूं नहीं काटता अपने नीचे के बाल?
मैं: एक बार काटे थे मां रेजर से, पर फिर डर सा लगता है उस से काटने से।
मां : तो ये मेरी वाली क्रीम से ही काट ले ना तु भी।
मैं: मैनें कभी काटे नहीं मां उस से और मुझे वो यूज करनी भी नहीं आती
मां: अरे मैं हूं ना, मैं बताऊंगी तुझे केसे यूज करते हैं, बेटा महीने में 1 बार काट लिया कर, नहीं तो ज्यादा बढ़ जाएं ना तो इन्फेक्शन , स्मेल और इचिंग होने का भी डर होता है।
मैं: अच्छा, क्या सच में मां?
मां : हां बेटा,चल ऐसा करते हैं मैं तुझे बताती हूं केसे काटते हैं और पहले तु मेरे काट दे बाल,फिर तु अपने काट लेना।
मैं: ठीक है मां
ऐसा कहकर में उनके कमरे से क्रीम लेकर आया। असल में उसे लगाने से बाल खुद ही कुछ मिनट बाद स्किन से हट जाते हैं ये मुझे बाद में पता चला। मैनें समान उठाया और अपने लोवर में से अंडरवियर उतार के मां के बैड पर रख के फिर लोवर डाला और एक्साइटमेंट में वहा से चला गया। फिर मैं मां के पीछे पीछे बाथरूम में गया और बोला : सलवार तो उतारो मां
मां : बेटा पहले मेरा नाड़ा तो खोल दे।
मैनें उनकी कमीज ऊपर उठा कर उनकी गर्दन के पास उन्हें पकड़ाई और नाला खोल कर उनकी चूत एक बार फिर सामने देख कर खुश सा हो गया। फिर उनकी सलवार उतरते ही मां को बिना कुछ कहे उन्हें अपनी बाहों से उठाकर बाथरूम में रखी चौंकी/पीढ़ी पर इस तरह टांगे खोल कर बिठाया जैसे उनके बाल नहीं बल्कि उनकी चूत मारने के लिए अपनी गर्लफ्रेंड को कोई बिठाता है। और मां चौंकते हुए एक मुस्कुराहट के साथ बोली : अरे क्या हो गया तुझे एकदम से।
मैं: कुछ नहीं मां, वो मेरा लंच टाइम ओवर हो जाएगा ना, इसलिए बस थोड़ा जल्दबाजी में हो गया।
मां : हां वो ठीक है, बेटा इतनी जल्दबाजी भी मत करना कहीं मां की चूत ही काट दे।
मां के मुंह से चूत सुनके मैं मुस्कुराया और फिर बोला : क्या काट दे मां।
मां को फिर ध्यान आया के वो क्या बोल गई अचानक और फिर हस्ते हुए कहने लगी : कुछ नहीं
मैं हंसते हुए बोला : अच्छा तो आप भी चूत ही कहती हैं इसे।
मां हंसते हुए : जो नाम है इसका वही कहूंगी ना बेटा।
मां : अब ये पैक खोल इसका, इसमें क्रीम और एक स्पैचूला होगा। वो निकाल..
स्पैचूला एक चम्मच टाइप सा होता है जिस से क्रीम लगाने के बाद बाल को हटाया जाता है।
मैनें वो पैक खोला और समान निकालकर बोला : मां, अब?
मां : अब बेटा ये क्रीम, मेरे ये बालों पर लगा और थोड़ी सी फैला कर 3-4 मिनट के लिए छोड़ दे।
मैनें उनकी चूत पर धीरे धीरे वो क्रीम लगाई और अपनी उंगली क्रीम लगाने के बहाने से उनकी चूत में भी हल्की सी सरका दी। मां कुछ नहीं बोली। फिर मैनें उस स्पैचूला के साथ उस क्रीम को अच्छे से फैलाया। मां की चूत पर क्रीम लगाते लगाते मेरा लन्ड पूरा कड़क हो चुका था।
फिर मैंने कहा : मां, अब?
मां : बेटा, अब रुकना पड़ेगा, इतना तू भी लगा ले अपने बालों पर।
मैनें मस्ती में होकर बिना कुछ ज्यादा कहे अपना लोवर उतारा और ये पहली बार थे के मां मेरा खड़ा लन्ड देख रही थी। ये देखते ही उनकी आंखो में चमक सी आ गई और मैं नीचे जमीन पर बैठा ही था के मां बोली : अरे बेटा, ठंडा है नीचे, रुक जा
मैं यूंही घुटनो के बल बैठा और बोला : मां, ऐसे बैठ कर तो मेरी टांगे सही खुलेंगी नहीं और क्रीम लगेगी नहीं।
मां : हां बेटा, ये पीढ़ी/चौंकी एक ही है ना बैठने के लिए, चल ऐसा कर, पहले मेरे साफ करदे फिर तु अपने कर लेना। अभी मत लगा क्रीम।
मैं: ठीक है मां
फिर मैं यूंही बैठ कर उनकी खुली टांगो के बीच उस चूत को देखने लग गया और बोला : मां, इस क्रीम को लगाने से क्या चूत एकदम साफ हो जाती है?
मां हंसते हुए : हां, बेटा।
मैं: मां, मैनें आजतक कभी सामने से चूत नहीं देखी थी, आज पहली बार देखी है।
मां : हां, तेरी गर्लफ्रेंड है नहीं कोई तो कहा से देखेगा भला।
मैं: मां, गर्लफ्रेंड तो अब है मेरी ओर मैने उसकी चूत देख भी ली है।
मां और मैं फिर हसने लगे और मां बोली : चुप बदमाश कहीं का, मैं नहीं हूं तेरी कोई गर्लफ्रेंड, समझा ना बुद्धू
मैं: आप मानो या ना मानो, मैं तो मानता हूं।
मां : चुप कर, बुद्धू और एक बात बताऊं तुझे?
मैं: क्या मां?
मां : वैसे तूने असली चूत अभी भी नहीं देखी बेटा।
मैं: वो केसे मां?
मां : बेटा, असली चूत तो इन झांटों के पीछे छुपी है, जब से साफ होंगी ना फिर देखना असली चूत तो
फिर मां हसने लगी और बोली : चल अब, इसे साफ कर दे और देख ले असली चूत, तु भी क्या याद रखेगा। तूने मेरी इतनी मदद की है 2-3 दिन से, तो तुझे एक असली चूत के दर्शन तो करवा ही सकती हूं मैं।
मैं खुश होकर उनकी वो क्रीम चूत पर से हटा कर हैरान हो गया ।इतनी गुलाबी और फुली चूत, वाह , असल चूत तो बालों को हटा कर ही देखने पर दिखती है ये मुझे उस दिन पता चला।
मैं उस पर से उंगली फेरने लगा के मां बोली : क्या कर रहा है पागल। चल जल्दी से अब तु भी साफ करले फिर तेरा लंच ब्रेक भी ओवर होने वाला है।
ऐसा बोलते ही मां उस पीढ़ी से उठी और मुझे वहां बैठने का बोलकर मेरे पास घुटनों के बल बैठ गई और मेरे खड़े लन्ड को देखने लगी और बोली : क्रीम लगा इस पर बेटा।
मैनें उस पर क्रीम लगा के बाकी क्रीम साइड पर रखी ही थी के मां चीख पड़ी : कॉकरोच कॉकरोच
एक कॉकरोच उनके पैर के पास से हमारी ओर आ रहा थे के मां एक दम डर के मारे चीखती हुई मेरे ऊपर आ बैठी और चीखी : आहहहह मर गई।
हुआ यूं कि मां की चूत उसी वक्त साफ की थी और मेरे लोड़े पर क्रीम लगी होने के कारण वो बिलकुल चिकना हो रखा था और जैसे ही मां मेरे ऊपर बैठी , लोड़ा सीधा मां की चूत में घुस गया और मां चीख पड़ी। मेरे लन्ड पर पहली बार कोई चूत बैठी थी वो भी मेरी मां की , ये महसूस करते ही मेरी आखें बंद हुई और मां फिर से सिसकी लेते बोली : आह, उई मां
हम दोनो इस वक्त शांत थे के मेरे लैपटॉप से मीटिंग के कॉल की आवाज आने लगी और मां एकदम से होश में आते हुए लन्ड पर से उठी और हम दोनों ने ना तो नजरे मिलाई और ना ही कुछ कहा। मैं मन ही मन अपने मैनेजर को गाली देने लगा के भोंसड़ी वाले ने बनता काम बिगाड़ दिया। फिर 5 मिनट की शांति के बाद मैनें अपने बाल साफ करके पानी से धो कर लोवर डाला तो मां बोली : बेटा, ये सलवार भी डाल देना।
मैं सलवार डालने लगा के मां की साफ चूत और गांड़ की निचली साइड की दरार पर मेरे लन्ड से लगी क्रीम देख कर बोला : मां ये क्रीम ....और नीचे इशारा किया
मां : ये धो दे बेटा।
मैनें फिर पानी से उनकी चूत और वो दरार साफ की और सलवार उनको डालकर अपने रूम में चला गया।
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मां के हाथ के छाले
Part : 15
फिर मैं अपना ऑफिस का काम करने लग जाता हूं और बीच बीच में सोचता रहता हूं के क्या खपाक से मेरा लन्ड मां की चूत में घुस गया था और वो एहसास तो मानों जन्नत की सैर करने जैसा था। मुझमें अभी इतनी हिम्मत नहीं थी के डायरेक्ट मां के पास जाऊं और उन्हें घोड़ी बनाकर चोदना चालू कर दूं। मां भी गर्म हो रही थी ये तो मुझे पता था पर मैं श्योर नहीं था के वो मुझसे चूदवा भी लेंगी। मैंने सोचा अभी जैसे चल रहा है चलने देता हूं और सही मौका मिलने पर चूत का बंदोबस्त भी हो जाएगा। फिर यूंही काम में गुम हो गया और जब 4 बजे मेरा टी ब्रेक हुआ तो मैं अपने कमरे से निकल चाय बनाने के लिए किचन की ओर बढ़ा तो सोचा एक बार मां से भी चाय का पूछ लूं।
जैसे ही मैं मां के कमरे के पास गया और अंदर देखा तो मां मेरा उतारा हुआ अंडरवियर जो मैं जल्दबाजी में उनके बिस्तर पर छोड़ आया था उसे लेकर आखें बंद कर सूंघ रही थी और सिसकियां ले रही थी। ये देखकर तो मैं हैरान ही हो गया और वहा उन्हें ऐसा करते देख अपना लन्ड निकाल कर हिलाने लगा। इधर मेरी लोडू किस्मत ने फिर साथ ना दिया और मां का फोन बज उठा। मां फोन उठा कर बाते करने लगी और उनकी बातों से पता चल गया के ये फोन पापा का था। मैं सीधा किचन में गया, चाय बनाई और चाय लेकर सीधा अपने रूम में जाकर काम पर लग गया। जब शाम के 6 बजे तो मैनें डेली की तरह लैपटॉप बंद किया और थोड़ा स्ट्रैच करता हुआ कमरे से बाहर निकला। मुझे देख मां बोली : हो गया काम खत्म बेटा?
मैं: हां मां
मां : बेटा तेरे पापा का दोबारा कॉल आया था, कपड़े के लिए बोल रहे थे के अगर नए लेने हों तो ले आना कल शादी के लिए।
मां : मेरे पास तो है मां, चल जाएगा मेरा तो
मां : पर मेरे पास तो नहीं है ना बेटा कोई नई साड़ी।
मैं: तो लेलो मां, इसमें क्या प्रोब्लम है।
मां : हां, तु चलेगा क्या मेरे साथ शॉपिंग पर अभी?
मैं: वो सब तो ठीक है मां पर पहले आप ये बताओ के आपके छाले कैसे हैं ? शादी पर जा भी पाओगी आप इसके साथ या नहीं?
मां अपना हाथ आगे बढ़ाकर : नहीं बेटा, अब तो ठीक हो चुके हैं, देख तो। मैनें खुद दोपहर में ट्यूब भी लगाई थी इसपर।
मैं: चलो अच्छा है मां।
मां के छाले अब काफी हद तक ठीक हो गए थे।
फिर मां बोली : चले अब?
मैं: ठीक है मां, मै चेंज करलू फिर चलते हैं।
मां : हां करले, और मुझे भी करवा देना फिर
मैं: मां, अभी तो आपने कहा के छाले ठीक हो गए हैं, फिर चेंज मैं करवाऊ मतलब?
मां : अरे बेटा ठीक तो हो गए हैं काफी हद तक पर अगर अभी इनपर ज्यादा दबाव डालूंगी तो ये निशान छोड़ देंगे मेरे हाथों पर। इसलिए कह रही हूं। बस आज आज मदद करदे फिर कल से तो मैं खुद ही कर लूंगी सब।
मैं: ऐसी बात नहीं है मां, मैं तो बस वैसे ही पूछ रहा था आपसे। आपका बेटा हूं, आप भले जब मर्जी किसी भी चीज में मुझे मदद के लिए कह सकती हैं, मैं कभी मना थोड़ी ना करूंगा आपको।
मां : थैंक्यू बेटा।
मैं: ठीक है मां, मै आया चेंज करके तब तक आप अपने कमरे में चलिए फिर आपके भी कपड़े चेंज करवा देता हूं।
मां : ठीक है बेटा।
मैं अपने कमरे में चेंज कर के मां के कमरे में गया और फिर उनके कहने पर अलमारी खोली और एक लाइट कलर की साड़ी निकली और एक रैड कलर का ब्लाउज। फिर मैंने मां से कहा : मां, साड़ी क्यूं डाल रही हो आज?...सलवार या पजामी क्यूं नहीं?
मां : बेटा बस अभी डाल दे, बाद में तुझे बताऊंगी।
मैं: ठीक है मां।
मैनें फिर उनकी पुरानी सलवार कमीज उतार कर पहले ब्लाउज डाला फिर उनके कहने पर साड़ी डालने लगा। साड़ी डालना मुश्किल होता है सूट के मुकाबले क्युकी उसमे चुन्नटे टाइप बनानी पड़ती है ये मुझे उन्हें डालते डालते समझ आया। फिर जैसे तैसे करके उन्हें
साड़ी पहना दी और फिर हम दोनो कार में बैठ गए।
मां थोड़ा चुपचाप अपने ख्यालों में खोई थी फिर बोली : बेटा, वो मैं कपड़े लूंगी तो दुकान वाला तुझे ट्रायल रूम में मेरे साथ जाने तो नही देगा ना?
मैं: क्या? आप मुझे ट्रायल रूम में लेकर जाना चाहती हैं?
मां : अरे ट्राई तो करने पड़ेंगे ना, और मैं खुद अभी ना डाल पाई इन छालों की वजह से तो?
मैं: ठीक है मां, मैं चल पडूंगा आपके साथ
मां : हां तु तो चलेगा ही बेटा पर वो दुकान वाले को केसे समझाऊंगी? ये सोच रही हूं मैं

इतने में मैं सोच के बोला : मां, ऐसा करते हैं मॉल चलते हैं, वहा पर ट्रायल रूम में घुस जाएंगे, वहां कोई इतना ध्यान नहीं देता।
मां : हां ये ठीक रहेगा।
फिर हम एक मोल में पहुंचे और मैनें मां से कहा : मां, क्या क्या समान लेना है आपको?
मां : सबसे पहले तो एक साड़ी शादी के लिए।
मैं: ठीक है।
फिर हम एक साड़ियों वाली शॉप पर गए और वहां काफी साड़िया देखने के बाद मां को एक साड़ी पसंद आई जिसमे गोल्डन कलर का ब्लाउज और रैड कलर की सितारों से सजाई एक साड़ी और उन्होंने वो फाइनल कर दी। मैंने सोचा मां तो कह रही थी के ट्राई करेगी पर ये तो की ही नहीं और मैं अपनी किस्मत को कोसने लगा के मां बोली : चल बेटा अब, एक जरूरी सामान लेना है। फिर हम कुछ खाने का लेकर घर चलेंगे।
मैं: ठीक है मां।
मां मुझे एक अंडरगार्मेंट्स की शॉप पर ले गई और वहां से उन्होंने एक ब्लैक हल्के से प्रिंट वाली ब्रा और पैंटी का सैट चूज किया और बोली : कैसी लग रही है ये?
मैं: अच्छी है मां।
मैं: मां, आपने तो कहा था के ट्राई करोगी आप, पर आपने तो साड़ी ट्राई ही नहीं की।
मां : अरे बुद्धू वो ब्लाउज मेरे माप का ही था और नीचे से तो साड़ी ढीली टाइट अपने हिसाब से बांध ही सकते हैं इसलिए ट्राई करने की जरूरत ही नहीं पड़ी। और वो तो बस मैंने काफी वक्त से पैंटी नहीं ली ना कोई तो हिप्स का साइज मुझे कन्फर्म नहीं है के पहले वाला ही आ जाएगा या थोड़ा बड़ा लेना पड़ेगा। ब्रा तो मैंने लास्ट मंथ ही लिया था इसलिए उसके साइज का कोई दिक्कत नहीं है मुझे।
मैं: ठीक है मां।
मां ने वो सेट पे साइज देखा और बोली : देख बेटा ब्रा तो ये मुझे आ जाएगी बस इस पैंटी का कन्फर्म करलूं ट्राई करके।
फिर हम दोनो ट्रायल रूम की तरफ गए और वहा एक लड़की खड़ी थी स्टाफ में से, मां उसे देख मुझे बोली : अरे यार, ये अब सवाल करेगी अगर तू साथ गया तो।
मैनें कुछ सोचा और मां का हाथ पकड़ के उन्हें अंदर ट्रायल रूम में ले जाने लगा। मां शोक हो गई। और जैसे ही उस लड़की ने मुझे कहा : सर...
मैंने तुरंत बोला : Hi, She's my girlfriend. If you don't mind can we go together. Actually she has blisters in her hand & unable to try ..so We just want to confirm the size...
उसने मां के हाथ पर थोड़े से बचे हुए छाले देखे और बोली : ओके सर।
मां और मैं अंदर आए और मैंने जैसे ही कुंडी लगाई मां खुश होकर मुझे हग करते हुए बोली : वाह मेरे सोनू जी, छा गए आप तो।
मैं हसने लगा और मां फिर बोली : अच्छा जी, अब मुझे दूसरे के सामने भी गर्लफ्रेंड बना लिया गया है...
मैं: मां आप हो ही मेरी प्यारी सी गर्लफ्रेंड
मां : चुप बदमाश कहीं का।
फिर मां ने कहा : अच्छा सुन, ये पैंटी पकड़।
मुझे पैंटी पकड़ाकर मां ने हल्के हाथों से अपने गोरे बदन पर पहनी उस लाइट सी कलर की साड़ी को ऊपर उठाया और मेरी तरफ गांड़ करके बोली : बेटा, डालियो ये पैंटी, देखूं तो फिट आती है या गांड़ और मोटी हो गई है मेरी?
इस पर मां और मैं हसने लगे और मैनें मां को नीचे बैठकर वो पैंटी डाली और मां शीशे की तरफ घूम कर खुद को देखने लगी और फिर मेरी तरफ गांड़ कर बोली : कैसी लग रही है बेटा?
मैं गांड़ को उस नई पैंटी में देखकर : मस्त है मां, पैंटी भी और...
मां : और क्या?
मैं: कुछ नहीं
मां : अरे बोल ना
मैं: मेरी गर्लफ्रेंड की गांड़।
मां हंसते हुए : चुप कर बदमाश, वो बाहर खड़ी ने सुन लिया ना तो क्या सोचेगी मेरे बारे में।
मैं: यही सोचेगी के एक गर्लफ्रेंड और ब्वॉयफ्रेंड रोमांस कर रहे हैं अंदर।
मां : अच्छा जी, मेरे बेटे को रोमांस भी करना आता है।
मैं: और नहीं तो क्या मां।
मां फिर पैंटी देख कर बोली : उतार दे बेटा अब
मैं: मां इसे डाल कर ही चलो ना घर।
मां हंसते हुए गुदगुदाने लगी और बोली : अरे बुद्धू ये डाल के निकली ना तो बाहर गेट पर पकड़ लेंगे और फिर कहीं मेरी गांड़ में बीप बीप की आवाज ना आने लगे इसपर लगे टैग से।
इसपर हम दोनो हसे और मैंने उनकी वो पैंटी उतारी और साडी नीचे कर के हम बाहर आ गए और हमे मुस्कुराता देख वो स्टाफ गर्ल भी मुस्कुराने लगी और बोली : ठीक है सर ये?
मैं: हां, पैक कर दीजिए।
मां : नहीं नहीं सुनिए।
स्टाफ गर्ल : जी, क्या हुआ मैम?
मां : ये ना पीछे से थोड़ी बड़ी है, मतलब मुझे वो इस में थोड़े छोटे स्ट्रैप वाली चाहिए जो कम हिप्स कवर करे... सेम डिजाइन में।
स्टाफ गर्ल : ओके मैम, मैं चेक करती हूं।
जैसे ही स्टाफ गर्ल गई मैं मां से : वाह, मेरी गर्लफ्रेंड को कम हिप्स कवर करने वाली पैंटी चाइए और अभी भले बिना हिप्स कवर किए क्यूं ना घूम रही हो।
मां और मैं फिर मुस्कुराने लगे और फिर वो लड़की आई और बोली : मैम ये देखिए जरा, ये स्मॉल स्ट्रैप में है सेम साइज, कम हिप्स कवर करेगा..क्या ये चलेगी?
मां : इसपर डिजाइन नहीं है वो
स्टाफ गर्ल : जी मैम, एक्चुअली प्रिंट में फिलहाल ब्लैक का एक ही पीस पड़ा है, आप ये ले लीजिए ये भी अच्छी लगेगी, आप ट्राई कर सकती हैं दोबारा चाहो तो।
मां : नहीं नहीं ट्राई की कोई बात नहीं, आप ये स्मॉल स्ट्रैप वाला सैट पैक कर दीजिए।
मैं उस लड़की के सामने मां का ब्वॉयफ्रेंड बनने की एक्टिंग करते बोला : अरे कर लो बेबी ट्राई, इसी बहाने हमे थोड़ा और रोमांस करने का मोका मिल जाएगा
मां शर्मा गई और वो लड़की हसने लगी और फिर मां बोली : पैक कर तो आप, ये तो पागल है।
मैं: हां , बेबी आपके प्यार ने पागल कर दिया है मुझे।
स्टाफ गर्ल फिर हस्ती हुई चली गई ओके बोलकर
इधर मां मुझे नकली का गुस्सा दिखा कर : पागल है तु बिलकुल ही...ज्यादा मस्ती सूझे रही है तुझे बच्चू।
फिर हमने काउंटर पर बिल पे किया और बाहर से खाना पैक करवाकर घर आ गए।
Nice
 
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