शाम को अन्नू और अजीत तकरीबन एक ही समय आए, अन्नू अंदर आई तो अपनी ननद सुरेखा को देखा थोड़ा चौंकी , शादी के ऐन पहले ये यहां कैसे, फिर उनके पैर छुए सुरेखा ने आशीष दिया, स्वाति बोलो बेटी अन्नू ये तुम्हारे कुछ नाप लेने आई है लेकर सुबह जल्दी निकल जायेगी, तभी अजीत भी घर में दाखिल हुआ, तीनों अंदर थी आवाज सुनकर स्वाति बाहर आई अजीत को देखा बोली भाई साहब आप बैठिए मैं पानी भेजती हूं, अंदर गई तो देखा अन्नू बाथरूम में फ्रेश होने गई थी, स्वाति ने सुरेखा से पूछा अन्नू का दीवाना तेरा पति अजीत आ गया है क्या बोलती है दोनों का आमना सामना कर दिया जाए ।
सुरेखा बोली हां ज़रूर देखना कैसी लार टपकेगी उसकी, तू बोल देना हम दोनों ऊपर हैं तो वो निश्चिंत होकर ताड़ेगा अपनी होने वाली सलहज को, हम दोनों छुपकर देखते है क्या करते हैं दोनों, तू अन्नू को बोल दे कि ये तेरे पे लट्टू है जरा प्यार से बात करे।
तभी अन्नू आ गई, सुरेखा बहाने से दूर चली गई, स्वाति अन्नू से बोली तेरे नंदोई अजीत भाई साब भी आए है बाहर, जा उनको पानी और कुछ नाश्ता लेकर जा, और शरारत से उसके गाल को चूमते हुए बोली वो तेरा बहुत बड़ा आशिक है जब से यहां तुझको देखा तब से बेचारा बेहाल है जरा उसका ध्यान रखना और अदा से इठलाते हुए बात करना, क्या पता सुसराल में ये तेरा सबसे पहला लंड ही न हो।
अन्नू शर्म से लाल हुई और बोली आपको कैसे पता ये सब इनके बारे में, स्वाति बोली अभी जा ना वो wait कर रहे हैं तेरा, फिर बाद में डिटेल में बताती हूं, अभी जरा उसका मन बहला और लंड खड़ा कर के आ, जा।
अन्नू की हालत खराब होने लगी, उसका ये पहली बार था कि वो अपने आशिक के पास जा रही थी, यदि मामी नहीं बताती तो कोई हलचल नहीं होती अब जबकि उसे पता चल चुका है तो अजीब सा लग रहा था।
अन्नू ने नाश्ता हाथ में लिया स्वाति ने पानी की ट्रे और दोनों बाहर गए अन्नू ने टेबल पर नाश्ता रखा स्वाति ने पानी फिर स्वाति बोली भाई साहेब अपनी नई नवेली सलहज कुमारी अनामिका से मिलिए ,अजीत अनामिका कुमारी क्यू, स्वाति अभी बकायदा श्रीमती होने में पांच दिन बाकी है, अजीत हंसने लगा, तभी अन्नू आगे बढ़कर पांव छूने लगी अभी आधी ही झुकी थी कि अजीत ने उसकी बांहों को पकड़ कर उसके बोबों को देखते हुए बोला अरे नहीं नहीं आप ये कष्ट न करो, स्वाति बोली क्यों नहीं, आप से छोटी है पांव छूना इसका फर्ज है, अजीत वो ठीक है मगर सिर्फ आपसे और अन्नू जी से भी कहता हूं कि इनकी जगह मेरे पैरों में नहीं है (फिर मन में बोला मेरे पैरों के बीच में है)ये मेरे पैर न छुए जहां तक हो सके।
और उसको खड़ा किया और सीधे उसकी आंखों में गौर से देखा और एक कामुक लुक देकर धीरे से हंसा। बोला आप बैठिए अन्नू जी स्वाति जी, और पूछा सुरेखा कहां है स्वाति बोली हम दोनों ऊपर कुछ शादी की तैयारी देख रही थी, आप दोनों बातें करो मैं भी उसके पास ऊपर जा रहीं हूं काम निपटा कर दोनों नीचे आते है तब तक एक दूसरे को जान लीजिए आखिर को इसको वहीं आना है हमेशा के लिए और आप और सुरेखा जी ही तो इसके सब से करीब और खास होने वाले हैं और इतना कहकर अन्नू की तरफ मुड़कर आंख मारते हुए इशारा किया एंजॉय बेबी, और मैन door को लॉक करती हुई अंदर चली गई, जहां सुरेखा इसका इंतजार कर रही थी और हंस कर बोली वाह री स्वाति क्या गजब का परिचय करवा दिया दोनों का, देख अब अजीत क्या क्या करेगा, मरे जा रहा है इसकी चूत को फाड़ने के लिए।
बाहर अन्नू ने पहली बार अजीत को ध्यान से देखा सगाई में इतने लोगों की भीड़ में किसी पर ध्यान नहीं जो दे पाई थी, उसने देखा लंबा पूरा हैंडसम हंसमुख लाल लाल सेब जैसे गाल वाला उसके पति से इक्कीस उसका नंदोई अजीत है, वो देख कर थोड़ा लजाई लेकिन उसकी चूत ने एक बूंद रस छोड़ कर अपने खूबसूरत आशिक नंदोई का स्वागत किया।
अन्नू लजाई सामने बैठी है अजीत ने पूछा कैसी हो अन्नू जी आप, आप मुझे पहचान जाती यदि क्या यदि आपकी मामी आपके साथ नहीं होती और आपको बताती नहीं।
अन्नू शरमाते हुए जी नहीं
अजीत चुटकी लेते हुए बोला क्या मैं इतना खराब हूं कि आपने मुझे अपनी सगाई पर एक नजर भर भी नहीं देखा।
अन्नू अरे नहीं, और शर्म से नीचे देखती हुई बोली आप तो किसी हीरो से कम नहीं हो , वो तो मैं ही सगाई पर इतना घबरा रही थी कि कुछ समझ नहीं आ रहा था सॉरी न जी और हाथ जोड़ कर थोड़ा इठलाते और अदा के साथ बिजली गिरते हुए बोली।
अंदर सुरेखा बोली स्वाति से देख कैसे जाल फेंक रहा है, स्वाति बोली और तू देख कैसे अन्नू भी कम नहीं पड़ रही है बिजली गिरा रही है, मैने उसे बोल दिया है कि ये ही तेरा सबसे पहला लंड है तेरी सुसराल में जो तेरी चूत की सिंचाई करने वाला है
सुरेखा क्या सच में तूने साफ साफ बोल दिया, हाय दय्या कितनी खराब है ये मौका तो मुझे देना था न उसको बताने का, चल कोई बात अब आगे देखो, देखो क्या होता है।
अजीत अरे अन्नू जी आप तो दिल पर ले बैठी मैं तो बस ऐसे ही, ये बात उसने अन्नू के चूचों को देखते हुए बोली, अन्नू ने देख ली उसकी नज़र और बॉब्स में सुरसुरी महसूस की, आप सब जानते है कि अन्नू वो लड़की है जो लाख में एक है जिसकी चुदास और सेक्स की इच्छा बहुत बहुत ज्यादा है किसी आम औरत के मुकाबले, वो दिन रात गर्म ही रहती है और यहां तो मामी की परमिशन भी है और सुसराल का ही अपने परिवार का मामला है तो डर और चिंता की कोई बात ही नही है।
वो बोली जी आप को नाराज करने का रिस्क मैं नहीं ले सकती हूं ना,
अजीत क्यों ऐसा क्यों।
अब तक अजीत का लंड अन्नू के इठलाने और अदा से बिजली गिराने की वजह से खड़ा होना शुरू हो गया था ।
अन्नू ने उस लंड को देखा गौर से, जिसे अजीत ने भी महसूस किया और फिर अजीत की आंखों में देखती हुई बोली आपका बहुत स्पेशल है,,, ऐसा जानबूझ कर उसने बोला, फिर बोली नहीं नही मेरा मतलब है आप तो खास हो मेरे पति की बहन के सिरमौर, तो मेरे लिए भी खास हुए ही न, फिर दूसरी बार अजीत के लंड को थोड़ी ज्यादा देर देखने के बाद अजीत की आंखों में देखा,
अंदर दोनों औरतों को हैरानी थी इतनी जल्दी ये तो खुलने लगे, शायद उनको ये पक्का पता था वो अकेले है और कोई उन्हें देख नहीं रहा है। स्वाति बोली very good मेरी गुड़िया अन्नू, सुरेखा बोली वाह re मेरे पतिदेव आप तो छुपे रुस्तम निकले,
बाहर अन्नू ने अजीत को लगभग अधमरा कर दिया था, आखरी बार अजीत के पूरे तन्ना चुके लंड को भरपूर नजरों से देखते हुए खड़ी हुई और बोली अब मैं अंदर जाऊं , अजीत जल्दी से खड़ा हुआ और मिमियाते हुए बोला इतनी जल्दी अभी तो आप आई हो थोड़ा तो बैठो अभी तो आपको मैने देखा ही नहीं है
अन्नू इससे ज्यादा मैं यहां में बैठ नहीं पाऊंगी, यदि आपको ज्यादा ही चाह है कि आप मेरे साथ यहां देर तक बैठे रहें तो स्वाति मामी ही तय करेगी बिना उनकी परमिशन के में ये नहीं कर सकती, आप उनसे रिक्वेस्ट कीजिए अगर वो मान जाए आपको उनसे ही इजाजत लेनी पड़ेगी , और मटकते हुए अंदर आने लगी, दोनों स्वाति और सुरेखा जल्दी से भाग कर सीढ़ियों पर पंहुच गई जैसे ही अन्नू अंदर घुसी दोनों ये अहसास दिया जैसे अभी ही ऊपर से नीचे आ रही हैं। स्वाति बोली दे आई नाश्ता, चल इधर आ और हाथ पकड़ कर उसे किचन में ले गई और पूछा क्या हुआ, जबकि वो सब जानती थी फिर भी अनजान बनते हुए,
अन्नू ने सब बताया और उसके लंड की हालत जो उसने की थी वो भी और आखरी में बोली वो तो चाहते है कि मैं कम से कम दो घंटे उनके सामने ही बैठी रहूं, मैने कहा ये तो मामी ही तय करेगी उनसे पूछो।
वाह मेरी बन्नो तू तो जल्दी जल्दी सीखने लगी,स्वाति बोली अन्नू से, और आगे बोली तू क्या चाहती है आगे अभी बढ़ना है या शादी के बाद, अन्नू शर्म से गढ़ती हुई बोली थोड़ा सा अभी।
हाय री मेरी चूत की प्यासी , चल देखती हूं।
फिर दोनों बाहर आई और अन्नू को सुरेखा के पास बिठा कर दोनों के हाथ आपस में मिला कर बोली दोनों भी पक्की दोस्ती करो , में अजीत जी से मिलकर आती हूं।
स्वाति बाहर आई अजीत अकेली स्वाति को देख कर बोला सुरेखा ,,, स्वाति बोली वो अब भी ऊपर ही है और अन्नू भी ऊपर आ गई है, मैं पूछने आई हूं कि कुछ चाहिए आपको अभी हम और दो तीन घंटे busy रहेंगे, तभी स्वाति का मोबाइल बजा उसने देखा प्रमिला का है उठा कर बोली हां दीदी, उधर से प्रमिला बोली हमको थोड़ा टाइम और लगेगा स्वाति कितना करीबन ढाई तीन घंटे, तुम उन लोगों को देख लेना हम आते हुए खाना लेकर आएंगे तुम बनाना मत, उनका ध्यान रखो , अन्नू आ गई, हां दीदी अन्नू आ गई है आप चिंता मत करो आराम से आओ। और फोन काट दिया।
अजीत से बोली दीदी और रवि को अभी और तीन घंटे लगेंगे आने में, आप बताइए क्या सेवा करूं आपकी, ।अजीत ने लंड छुपा रखा था अपने बैग से और धीरे से शरमाते हुए बोला स्वाति जी एक निवेदन है आपसे, और हाथ जोड़ लिए, स्वाति बोली अरे आप ऐसा न करें क्या बात है बोलिए, अजीत ने हाथ जोड़े रक्खे और बोला यदि आपको बुरा न लगे तो एक निवेदन करूं, स्वाति मन ही हंस रही थी पर सीरियस ही रही बोली जी कहिए
अजीत अगर बुरा लगे तो माफ कीजिएगा और सुरेखा से शिकायत मत कीजिएगा pls, बहुत ही घबरा रहा था कहने में, स्वाति बोली आप कहिए कुछ चिंता मत कीजिए आप सम्मान नीय है मेरे लिए,
अजीत जी अन्नू मेरा मतलब अन्नू जी तो थोड़ी ही देर में चली गई, मैं तो ठीक से बात कर भी नहीं पाया, यदि आप उनको थोड़ी देर और भेज दें तो बड़ी मेहरबानी होगी, pls यदि आप उचित समझें तो।
अरे तो इसमें इतनी रिक्वेस्ट की क्या बात है, आप खुद को इतना दयनीय क्यों बना रहे हैं मैं अभी जा कर डांट लगाती हूं अन्नू को बिना आपकी इजाजत के उठ के कैसे आ गई। नहीं नहीं स्वाति जी उनको कुछ न कहिए pls वो वो ,,, और झेंपने लगा,
अच्छा समझी, ठीक है भेजती हूं।
अजीत एक और रिक्वेस्ट है
क्या
क्या आप अन्नू जी कुछ कुछ नवेली दुल्हन सी सज कर भेज सकती हैं, मेरा बहुत मन है उनको दुल्हन रूप में देखने की कि वो कैसी लगेगी।
ओह, ये भी , अच्छा ठीक है
मगर सुरेखा के होते हुए में कैसे अन्नू जी से,,, अजीत बोला,
अरे आप निश्चिंत होकर अन्नू से बात कीजिए हम दोनों को भी कुछ काम है बाजार में हम दो घंटे में वापस आयेंगे, दीदी रवि भी नहीं है आप निश्चिंत होकर बातें कीजिए।
मैं उसको भेजती हूं।
इतना कह कर स्वाति अंदर आई, यहां दोनों औपचारिक बातें कर रही थी, स्वाति दोनों को पकड़ कर बेडरूम में ले गई, और अन्नू से बोली देख अन्नू ये सुरेखा दीदी तेरी दीदी तो है लेकिन साथ ही मेरी तरहतेरी मां भी वहां सुसराल में, जैसे में तेरी यहां पीहर में पूरा ध्यान रखने वाली वैसे ही ससुराल में ये हैं, ये तेरी पूरी मदद करेगी और रक्षा भी वहां , ये बहुत अच्छी हैं और तू इन पर पूरा भरोसा कर सकती है मेरी ही तरह। मैने तेरे बारे में सब कुछ बता दिया है सब कुछ तेरी चुदास तेरी प्यास और तेरी जरूरत भी, अन्नू सुन कर बहुत शर्मा गई और स्वाति के सीने में मुंह छिपाने लगी स्वाति ने उसको पकड़ कर सुरेखा के गले लगा दिया और बोली अब इनको सब सौप और इनकी शरण में जा ये ही तेरा उद्धार करेगी। सुरेखा ने भी अन्नू को जोरों से भींच लिया और एक हाथ से उसके चूचे मसलती हुई बोली मेरी प्यारी भाभी अब तू चिंता मत कर में हूं ना। तभी स्वाति दोनों के पास आकर बोली और हैं अन्नू तू पुछ रही थी ना कि मुझे अजीत के दिल की बात और उसके तेरे पर फिदा होने की बात कैसे पता तो सुन ये सब तेरी इस सुरेखा मां ने बताया कि इसका पति तुझ पर लट्टू है, फिर हम दोनों ने मिलकर ही तुझे उससे मिलाया है लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि अजीत नहीं जनता है कि सुरेखा ही तुझे उससे मिलवा रही है, सो उसे ये कभी पता न चले और हां वहां शादी के बाद तेरी पहली चूदाई अजीत के साथ भी इसका जिम्मा है ये ही सब जमाएगी लेकिन अजीत को पता नहीं चलेगा वो समझेगा उसने ही तुझे फांसा और बिस्तर तक लाया है,।
सुरेखा अजीत अन्नू से और देर तक बात करना चाह रहा है क्या करें तू बता
सुरेखा मिलने देते हैं लेकिन मेरी भाभी अन्नू सुनो सब कुछ करना सब कुछ मगर अजीत से अभी चुदना मना है जब मैं परमिशन दू तभी , समझी मेरी चूत मरानी भाभी
अन्नू दीदी ऐसा मत बोलो ना मुझे शर्म आती है, हां समझी नहीं करूंगी।
क्या नही करेगी
अरे बाबा आपके पति से नहीं चुदुगी जब तक आप न कहे तब तक, अब तो ठीक और इतना कह कर सुरेखा के होठों को चूमने लगी, सुरेखा भी भिड़ गई अन्नू से और दोनों बराबरी से चूमने लगे।
ओ देवियों रुको और सुनों वो महाशय चाहते हैं कि उनकी प्रेयसी अन्नू रानी दुल्हन के लिबास में उनके सामने आए।
अन्नू बोली हाय मेरी मां शादी के पहले ही दुल्हन, कैसे रोमांटिक इंसान है आपके पति सुरेखा दीदी।
सुरेखा ने एक ठंडी सांस भरी हे मेरे भरतार अब ये भी, फिर स्वाति से और कुछ ,
हां वो चाहते हैं तुमको इस बारे में कुछ पता न चले।
ठीक है मगर ये कैसे हो।
स्वाति बोली उनके सामने हम दोनो बाजार जाने का बोलकर बाहर चले जायेंगे मगर पीछे के दरवाजे फिर अंदर आ जायेंगे, उनको पता नहीं चलेगा, सिर्फ अन्नू को पता है कि हम अंदर है और उसकी काम लीला देख रही है छुपकर।
अन्नू तू खुल के मजे ले हम दोनो तेरी मम्मियां तेरे साथ है।
चल जल्दी जा कोई भी जोड़ा शादी का पहन ले चार चार में से।और अजीत के पास जा, हम आगे से निकल कर वापस अंदर आते हैं तब तक। अन्नू रस छोड़ती कपड़े पहनने अंदर गई, स्वाति और सुरेखा दोनों गले लगी सुरेखा बोली मुझे तो बहुत खुशी मिल रही है अन्नू को पहला लंड दिलवा कर, स्वाति और मुझे बहुत खुशी हो रही है मेरी बेटी को तुझ जैसी मम्मी सुसराल में दिलवा कर। दोनों ने खुशी खुशी hug किया और अजीत को दिखाते हुए घर से बाहर निकल गई। फिर से पीछे से घर में घुसी अन्नू और अजीत की रास लीला देखने को।