बहुत ही कमाल का लिखा रहे हो इसे पहले वाले पार्ट से अभी रोचक और उत्तेजना से परिपूर्ण 
बस ये दिल ❤ मांगे मोर



बस ये दिल ❤ मांगे मोर



दरवाजे की दस्तक सुनकर प्रमिला ने रवि को बोला जा जल्दी से बाथरूम में घुस जा, मामी होगी, और खुद ने जल्दी से गाउन डालकर दरवाजा खोला सामने स्वाति थी प्रमिला की हालत देखकर समझ गई कार्यक्रम सम्पन्न हो चुका है, दोनों बोबों को थाम कर बोली हो गया दो आशिकों का मिलन और उसे चूम लिया, हां हो गया क्या थोड़ी देर से नहीं आ सकती थी थोड़ी खुमारी का और मजा ले पाते, तभी स्वाति बोली अरे नहीं सुनो दीदी अन्नू की सबसे छोटी ननद सुरेखा और उसके पति अजीत दोनों आएं हैं शायद शादी का कोई काम होगा आपका और अन्नू का पुछ रहे हैं, हाय राम प्रमिला बोली ये अचानक कैसे चार दिन पहले, चल तू चाय पानी पिला मैं अभी आई, फिर दरवाजा बंद कर के रवि को आवाज लगाई बोली जल्दी निकल रवि अन्नू दीदी के सुसराल से आए हैं मुझे तैयार होकर जाना है तू भी जल्दी से हाल में आ जाना, फिर वो जल्दी जल्दी तैयार हुई , तब तक रवि पहले ही हाल में पहुंचा देखा मामी चाय नाश्ता सर्व कर रही है उसने देखा एक बड़ी ताजी गबदू गौरी मस्त बॉब्स वाली औरत और एक आदमी बैठे थे, मामी ने परिचय करवाया ये अन्नू का भाई रवि है अभी बाहर गया था सगाई के समय इसलिए आप नहीं मिली दीदी, और रवि ये अन्नू दीदी की ननद रानी सुरेखा दीदी है और ये इनके पति अजीत जी, रवि तो सुरेखा को देखकर सुध बुध खो बैठा , क्या कंटीली जवानी क्या पहाड़ और क्या ही रूप यौवन, उसे कुछ समझ ही नही आया, और सुरेखा भी गबरू पहलवान टाइप बॉडी बिल्डर रवि को देख कर अंदर ही अंदर मस्त हो गई थी , मामी ने रवि को हिलाया तो रवि होश में आया और आगे बढ़ा सुरेखा भी खड़ी हो गई थी रवि पैर छुने नीचे झुका तो गोरे गोरे सुंदर बिछिया और हरी नेल पालिश से सजे पैर देख कर मोहित हो गया और कामुकता से हाथ बढ़ा कर बहुत ही रोमांटिक तरीके से पूरे पंजों पर दोनों हाथ से दोनों पैरों को छुआ और आखरी में दोनों अंगूठों को थोड़ा जोर से दबा कर उठने लगा, सुरेखा के शरीर में इस छुअन से सनसनी दौड़ गई और उसकी चूत एक बूंद रस की टपका गई, ये सब इतनी जल्दी हुआ कि रवि के पूरा खड़ा होने के पहले ही सुरेखा चूत के बवाल में दब गई और तुरंत ही रवि के सिर पर हाथ फेरते हुए नीचे गाल तक लाई और शरारती तरीके से गालों को थोड़ा जोर से दबोचा और बोली जुग जुग जियो रवि भैय्या, जैसे हमारी अन्नू के भाई वैसे मेरे भाई, रवि मन में धत्त तेरी की ये तो बहिन ही बन गई, सारा मजा ही किरकिरा कर दिया, लेकिन परोक्ष रूप से मुस्करा कर हाथ जोड़कर अजीत के पांव छूने झुका और पास के सोफे पर बैठ गया, तब तक प्रमिला भी आ गई, बड़ी सुंदर लग रही थी , अब रवि के सामने तीन तीन कमाल की सेक्स देवियां थी जिनको देखकर उसका बुरा हाल था, खैर नमस्कार चमत्कार के बाद सब बैठ गए
प्रमिला कितनी खुशी की बात आप सुरेखा जी आई अजीत जी बड़ी खुशी की बात आप पधारे,
सुरेखा जी बात ये है कि अन्नू के कुछ कपड़े अभी बनाना बाकी है तो उनका नाप लेने आई हूं अब तीन दिन में सब करना है तो मुझे ही आना पड़ा, कहां हैं हमारी भाभी अन्नू,
प्रमिला अरे उसे अब कॉलेज का जॉब छोड़ना पड़ेगा इसलिए आज फाइनल सेटलमेंट के लिए कॉलेज गई है शाम तक आयेगी।
oh ठीक है हमे तो कल सुबह निकलना है कोई बात नहीं।
तभी सुरेखा का फोन बजा किसी कैटरर का फोन था बोला आज सब फाइनल कीजिए वरना हम काम नहीं कर पाएंगे, प्रमिला बोली मैं अभी आती हूं फिर सुरेखा से बोली सुरेखा जी जरा शादी के अर्जेंट काम से जाना पड़ेगा माफ कीजिए चार पांच घंटे में वापस आती हूं सुरेखा बोली कोई बात नही ये काम भी जरूरी है आप जाओ, प्रमिला ने रवि से कहा जल्दी से गाड़ी निकाल और मेरे साथ चल। वो दोनों चले गए, तब अजीत भी बोला मुझे भी कुछ काम है बहुत कम आना होता है यहां , में भी निपटा कर शाम तक आता हूं। इतना बोल कर वो भी चला गया,
अब स्वाति उठी उसने मैन door lock किया और सुरेखा का हाथ पकड़ कर उसे उठाती हुई बोली सुरेखा जी चलिए मेरे कमरे में आराम से बैठते है, सुरेखा हंसती हुई स्वाति का हाथ पकड़े पकड़े उसके बिस्तर पर जा कर स्वाति के साथ बैठ गई, स्वाति ने हाथ नहीं छोड़ा और बोली आपसे तो सगाई की आपा धापी में कुछ बात ही नहीं हो पाई, आप ने मुझे सबसे ज्यादा इंप्रेस किया है आपके यहां की सब औरतों में जितनी भी आई थी, सुरेखा ने थोड़ा blush किया और बोली ये तो आपकी नज़र का बड़प्पन है वरना मैं तो बस साधारण सी हूं, स्वाति ने उसके हाथ हो दोनों हाथों से सहलाते हुए कहा कितनी कोमल सुडौल और सुंदर हाथ हैं आपके सुरेखा जी , और हाथ ही क्या आपका पूरा शरीर सांचे में ढला एक अप्सरा का रूप है , अगर आपकी इजाजत हो तो आपके नाजुक हाथ चूम लूं, सुरेखा शर्म से लाल होकर धीरे से बोली हूं हूं
स्वाति ने तुरंत दोनों हाथों को बारी बारी से देर तक चूमा, सुरेखा बहुत खुश हुई और बोली अगर आप मुझे अप्सरा कहती हैं तो आप क्या किसी रानी से कम हो, यदि अभी हमारे यहां राजाओं का राज होता तो कसम से आपको कोई भी राजा उठवा कर अपने हरम में रानी बना कर रखता, स्वाति भी शर्म से सकुचाती हुई बोली कुछ भी , और दोनों खिलखिलाकर देर तक हंसती रही।
दोनों एक जैसी थी रूप और स्वभाव में स्वाति बोली एक बात कहूं सुरेखा जी
हां बोलिए
मैं आपसे एक रिश्ता जोड़ना चाहती हूं क्योंकि अब हम करीबी रिश्तेदार तो हैं ही, क्या हम दोनों पक्की वाली सहेलियां बन सकती है जो किसी भी रिश्ते से मजबूत और गहरा हो, जाने क्यों मुझे लगता है कि आप कुछ ज्यादा स्पेशल हो ओर आपसे जुड़ कर में भी खरा सोना बन जाऊंगी, इतनी प्रेम से पगी बातें सुनकर सुरेखा भी भाव विभोर हो गई और आगे बढ़कर स्वाति के गले से लग गई , बोली इतना प्रेम स्वाति जी मैंने सोचा नहीं था मेरी भाभी के घर कोई इतना प्यारा और दिल को छू लेने वाला मिलेगा, और वो खुशी के मारे चार बूंद आंसू के गिराने लगी , यही हाल स्वाति का था उसकी आंखों से भी अश्रु बहने लगे जब दोनों के कंधे पर एक दूसरे के आंसू गिरे तब उनको पता चला दोनों रो रहे है तुरंत दोनों अलग हुए और एक दूसरे के आंसू पोछने लगे। और एक दूसरे की आंखों देखते हुए मुस्कराने लगे।
अब दोनों एक साथ नीचे खड़े हुए और एक दूसरे के सिर पर हाथ लगा कर बोले आज से कसम खाते हैं दोनों स्वाति और सुरेखा दो शरीर एक आत्मा हुए और दोनो एक दूसरे पर पूरा विश्वास रखते हुए एक दूसरे की बात मानेंगे और कभी दिल से दूर नहीं होंगे, और आत्मीयता से आलिगणबद्ध हो गए करीब करीब तीन मिनिट तक एक दूसरे की दिल की धड़कन सुनते रहे, अंत में स्वाति सुरेखा के कान में धीरे से बोली आपको चूम लूं बुरा तो नहीं मानोगी, इससे पहले की कोई जवाब आता सुरेखा ने अपना मुंह स्वाति के सामने किया और बढ़ कर उसके होठों को चूमने लगी, स्वाति भी तैयार थी वो भी जोर शोर से सुरेखा का साथ देने लगी और एक कदम आगे बढ़कर अपनी जुबान सुरेखा के मुंह में डाल दी तब सुरेखा भी उसकी जुबानी की होठों से पकड़ कर चूसने लगी, अब स्वाति के हाथ नीचे जाकर सुरेखा के उन्नत चूतड को पकड़ कर अच्छे से दबाने लगी सुरेखा मस्ती में चिंहुक उठी और ज्यादा मादक हो कर तेजी से चूसने लगी, और अपने दोनों हाथों से स्वाति के दोनों विशाल और कठोर बूब्स को ताकत से मसलने लगी स्वाति ने एक मादक हुंकार भरी और गांड छोड़ कर सुरेखा के वक्षों का भयंकर तरीके से मर्दन करने लगी, दोनों वासना में डूबी देर तक खेलती रही फिर करीब पंद्रह मिनिट बाद अलग हुई और पलंग पर बैठ गई।
स्वाति ने नशिली आंखों से सुरेखा को देखते हुए बोला आप कितनी खूबसूरत और अच्छी हो जो आपने दिया है मैं उसकी आभारी हूं , सुरेखा ने स्वाति के हाथों को पकड़ कर बोली ऐसा मत बोलिए, आपने इस अनजान घर में जैसा मेरा स्वागत किया है में कभी भूल नहीं सकती हूं, अब आज से no आप no जी सिर्फ सुरेखा आप मुझे ,,,, अच्छा और तुम मुझे आप कहोगी ऐसा नहीं चलेगा सिर्फ स्वाति और तू ही कहेगी न मुझे, सुरेखा ने हां में सिर हिलाया और बोली ok स्वाति जान, और दोनों हंसने लगी।
इस सब में स्वाति की चूत रस बहाने लगी थी तो सुरेखा के चूचों में बड़ी हलचल हो रही थी, स्वाति बिस्तर पर लेट गई और सुरेखा को खीच कर पास में सुला लिया और एक दूसरे की आंखों में देखने लगी और स्वाति से बोली अभी हम दोनों कम से कम चार घंटे इस घर में अकेले हैं , सुरेखा हां हैं तो और शरारत से जीवन निकल नाक चढ़ा कर बोली तो तो क्या स्वाति रानी।
स्वाति बोली मैं तुझको बहुत प्यार करना चाहती हूं मगर ये निगोड़े कपड़े बीच n में आ रहे है
अच्छा ये बात है तो खोल दे इनको किस बात का इंतजार कर रही है , स्वाति बोली मैं तो खोल दूं तेरे मगर कौन खोलेगा, सुरेखा हाय री मेरी रानी मुझे भी तो तेरी रस बहाती चूत देखनी है कैसे रो रही होगी अपनी पक्की सहेली को सामने पाकर, स्वाति हां री सुरेखा आज मुझे स्वर्गलोक की अप्सरा की योनि को पहली बार देखने का मौका मिलेगा और दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगी और जल्द ही पूर्ण नंगे हो गए और एक दूसरे को निहारने लगे। अब दोनों आमने सामने बैठ कर एक दूसरे की निल्लप्स उंगली और अंगूठे से पकड़ कर दबाने लगी दोनों की चूत खुशी के मारे रो रही थी, दोनों सिसकने लगी और एक दूसरे के होठों का चुम्बन करती हुई पहली बार एक साथ झड़ गई और एक दूसरे को बांहों में भरकर पलंग पर लेट गई, दो मिनिट तक दोनों एक दूसरे की आंखों में देखती रही और गहरा प्यार महसूस करती रही , फिर स्वाति ने एक हाथ से सुरेखा की चूत को पहली बार छुआ और बीच वाली उंगली उसकी चूत में धीरे से सरका दी , सुरेखा कराह उठी हाय तो स्वाति तू कितनी सेक्सी है मैने आज तक तुझसी सुंदर और सेक्सी औरत नहीं देखी है, और अपना हाथ धीरे धीरे स्वाति की चूत की ओर बढ़ाने लगी, तब स्वाति बोली एक बात पूंछू रानी तुमसे , हां बोल, ओर स्वाती की चूत के होंठों के बीच में अपनी उंगली सरकाई स्वाति चिंहुक कर बोली एक बात बता क्या हम जैसी औरतों की काम पिपासा सिर्फ एक लंड बुझा सकता है मेरी तो नहीं, ये अभी मैने जाना है तुम्हारा अनुभव क्या कहता है सुरेखा,
सुरेखा स्वाति की उंगली से हौले हौले चूदाई से एक बार मस्ती से आंख बंद कर के सीत्कार करती हुई बोली, तूने तो मेरे मुंह की बात छीन ली, में अभी सच में यही सोच रही थी, लेकिन हमारी मर्यादा हमें ऐसा करने से रोकती है, कई बार में बहकी मगर इज्जत का खयाल कर के कुछ कर नहीं पाई और हसबैंड के डर से भी आगे नहीं बढ़ पाई, मगर ये सच है कि एक लंड से हमारे जैसियों का कुछ नहीं होता है री स्वाति, और वासना में डूबी सिसकियां लेने लगी।
स्वाती अच्छा एक बात बता यदि शादी के बाद कोई तेरे साथ होती तेरी रक्षा करने वाली और पूरी गोपनीयता से तुझे लंड दिलवाती तो तू क्या करती बता सुरेखा।
सुरेखा हाय स्वाति मजा आ जाता आज बारह साल हो गए मेरी शादी को कम से पांच लंड तो दिलवा ही दिए होते उसने ।
स्वाति क्या हमारी जवानी बेकार नहीं चली गई न तो हमें सुख मिला और ना ही हम किसी को आनंद और चूत की चुसाई और चूदाई ही दे पाए।
सुरेखा बात तो तू एकदम सच बोल रही है, लेकिन अब क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।
स्वाति बोली एक बात बता यदि तुझे किसी को संवारने और उसकी चूत की रक्षा और छुड़वाने का मौका इस जिंदगी में मिले तो तू क्या करेगी।
सुरेखा ऐसा कभी हुआ तो मैं उसकी जवानी बेकार नहीं जाने दूंगी और उसे लंड दिलवाने की पूरी पूरी कोशिश करूंगी।
स्वाति सिर्फ कोशिश या सच में कई लंड दिलवाएगी अपनी देख रेख में ताकि उसकी कोई बदनामी न हो ओर अपने घर में वो पूरी इज्जत और सम्मान से रहे कई लंड छुपकर खाने के बावजूद।
सुरेखा बिलकुल यही करूंगी मगर ऐसी आए तो मेरे पास।
स्वाति जल्द ही आ रही है तेरे घर एक ऐसी ही।
सुरेखा खुशी से झूमती हुई बोली कौन है जल्दी बता , क्या तू ही तो नहीं आ रही है , आजा तेरी बहुत सेवा करूंगी ।
स्वाति अरे मैं नहीं हूं और कोई है
सुरेखा बता ना कौन है
स्वाति पहले कसम खा तू बुरा नहीं मानेगी और नहीं कर पाए तो भूल जायेगी कि मैंने ऐसी कोई बात की है तेरे से।
सुरेखा बोली तुझे आत्मा से अपना माना तेरी बात का कैसे बुरा मानूंगी, तू बिंदास बता कौन है वो।
स्वाति थोड़ी हिचकिचाई
सुरेखा बोली बता ना अपनी मां की कसम खा कर कहती हूं मुझे बिलकुल भी बुरा नहीं लगेगा।
स्वाति ठीक है फिर लेकिन ये मत समझना कि वो आवारा है या गिरी हुई , ये मेरी दिली इच्छा है उसकी नहीं, में चाहती हूं उसकी जवानी भी हमारी तरह बेकार जाए और वो अपनी प्यास दबा कर हमारी तरह मायूस होकर जिए।
सुरेखा बोली स्वाति मैं समझ गई अच्छे से मेरे मन में उसके लिए कोई गलत भावना नहीं आएगी।
स्वाति बोली वो है मेरी लाडली मेरी बेटी अन्नू।
सुरेखा बोली आश्चर्य से स्वाति को कुछ देर देखती रही।
स्वाति बोली बोल ना क्या हुआ चुप क्यों है अभी तो बड़ी बड़ी बात कर रही थी।
सुरेखा होश में आते हुए बोली अन्नू यानी मेरी होने वाली भाभी, मेरे सगे भाई की पत्नी।
स्वाति हां तेरी भाभी और मेरी बेटी , उसे मैने अपनी बेटी माना है और तुझमें मैने खुद को देखा है इसलिए मेरी बेटी को मैं तेरी छोटी बहन के रूप में देना चाहती हूं और चाहती हूं तू उसकी जवानी संवार दे उसे यौवन सुख दिलवा , उसकी सारी जवानी भर।
सुरेखा बोली एक बात बोलूं स्वाति बुरा तो नहीं मानेगी ना
नहीं ना जब तू नही मानी तो मैं क्यों मानूंगी बोल।
तुझे याद है जब हम तेरी भांजी सारी तेरी बेटी को देखने आए थे वो यहीं हाल में साड़ी पहन कर बैठी थी कितनी दमक रही थी स्वाति हां सच है वो हम दोनों से भी सुंदर है, तो क्या कहना चाह रही है सुरेखा तू।
सुरेखा बोली सुन न शांति से, सब उसकी खूबसूरती देख रहे थे मगर मुझे उसके चेहरे पर एक बहुत सेक्सी चूदास दिख रही थी, जैसे इस अन्नू के लंड की बड़ी आस और चूत को गहरी प्यास हैं, सच कहूं मुझे शिद्दत से ये अहसास होता रहा था और आज तक हो रहा है। मैं अन्नू को उस दिन देखकर ही समझ गई थी कि अगर इसको मौका दिया जाए तो ये एक नंबर की चुदेल औरत बनेगी सिर्फ शादी के छह महीने के अंदर ही।
स्वाति हाय सुरेखा सच में तू मेरी कार्बन कॉपी है तुझे औरत की सही पहचान है अब बोल तू करेगी वो जो में चाहती हूं मेरी बेटी के साथ।
सुरेखा बिलकुल करूंगी अन्नू मेरी सगी भाभी सही मगर मैं उसे तेरी बेटी और अपनी सगी बहन मान कर जो तूने कहा वो सब करूंगी।
स्वाति लेकिन एक शर्त है सारे लंड सिर्फ तेरे परिवार यानी तेरे मायके के ही होने चाहिए चाहे 18 बरस से लेकर 45 या सिर्फ 50 बरस तक ही होना चाहिए, और पहले मुझे दिखाकर ही अन्नू को उससे चुदावाएगी, pls सुरेखा ये रिक्वेस्ट है तुझ से, pls pls।
सुरेखा पक्का ऐसा ही होगा सिर्फ मेरे मायके के लंड और तेरी परमिशन से, मैने तो अभी अभी सोच भी लिया है एक लंड उसके लिए, शादी के पंद्रहवें या जायदा से ज्यादा बिसवे दिन उसे उसका पहला लंड दिलवा दूंगी।
स्वाति कौन है बता ना कौन है वो मेरी जान निकली जा रही है जानने को।
सुन जब हम सब देख कर जबसे घर वापस गए हैं अजीत ने
स्वाति बीच में बोली अजीत यानी तेरा पति।
सुरेखा हां ना, पर पूरी बात तो सुन , अजीत ने मेरी जान खा रखी है कि अन्नू कितनी सुंदर है कितनी सेक्सी है क्या मस्त चूचे हैं और क्या मस्त गांड है और तो और वो जबरदस्ती मेरे साथ यहां आए की उनको मस्त चूचे और गांड वाली से मिलने का मौका मिलेगा, और जब अन्नू अभी यहां नही मिली उनसे सब्र नहीं हुआ और वो खिसक गए
स्वाति हाय मेरी बन्नो तूने तो मुझे खुश कर दिया , मैं वारी वारी जाऊं और तेज तेज अपनी उंगली सुरेखा की चूत में चलाते हुए बोली आज रात को में तुझे मेरी बेटी और तेरी बहन कम सौतन से मिलवाती हूं क्योंकि अजीत से चुद कर तेरी सौतन बन जायेगी।
नहीं सौतन नहीं सुरेखा बोली मैं अन्नू को ज्यादा दिन तक एक लंड का होकर नहीं रहने दूंगी हर थोड़े महीने बाद एक नया लंड मेरी अन्नू भाभी को पेश किया जाएगा
इतनी सेक्सी बातें और चूत की जबरदस्त रगड़ाई से थोड़ी ही देर में दोनों दसवीं बार एक साथ झड़ी, और एक दूसरे की बांहों में बेसुध होकर सो गई।