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Incest मानव बना दानव

Manav's story is ending soon. What should be the theme of my next story?

  • Restart शीघ्रपत्नी

    Votes: 13 52.0%
  • Restart Hypnotism MFF मराठी

    Votes: 1 4.0%
  • New MFF

    Votes: 5 20.0%
  • New mFmF

    Votes: 0 0.0%
  • New MMF

    Votes: 6 24.0%

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A.A.G.

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Hiresh ke laude ne Maya ke samne hi dum todna shuru kar diya tha. Hiresh ne apni shadi se pehle Solanki se injection se apna viry nikalkar store karvaya tha.

Mohini samaj se darne vali ladki hai aur apne kunvare rehne se apna pativrata hona jyada karti hai.

Jab Hiresh apni mardangi sabit karne ke liye baap banana chahta tha tab use sperm bank se apna viry nikalkar doctor se Kamya ko banvaya (test tube baby). Kamya paida hote hue operation kiya gaya aur Mohini kunvari maa bani.

Hiresh ab jaan raha hai ki nashe ki vajah se apnon ko khona kya hota hai. Ab Manav use usi tarah jalil karega jaise usne Maya ko kiya tha.
bhai lekin mohini maa bani hogi toh bachha uske chut se hi nikla hoga na..toh woh kaise kunwari reh sakti hai..!! agar harish ka sperm aur mohini ke eggs lekar bahar bachha banaya hai toh mohini kunwari hi hogi lekin agar uske pet me bachha pala hai toh woh kunwari nahi ho sakti kyunki uske chut se hi bachha niklega na..!!
maya se bhi ganda jalil karna jiski wajah se woh harami khudkhushi kar le..!!
 
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Lefty69

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Lefty69

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bhai lekin mohini maa bani hogi toh bachha uske chut se hi nikla hoga na..toh woh kaise kunwari reh sakti hai..!! agar harish ka sperm aur mohini ke eggs lekar bahar bachha banaya hai toh mohini kunwari hi hogi lekin agar uske pet me bachha pala hai toh woh kunwari nahi ho sakti kyunki uske chut se hi bachha niklega na..!!
maya se bhi ganda jalil karna jiski wajah se woh harami khudkhushi kar le..!!
Bhai amir log chut faad lene se behtar caesarean section operation se baccha nikalte hain. Pet kaat ke baccha nikala jata hai par chut tight bach jati hai.
 
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Bhai amir log chut faad lene se behtar caesarean section operation se baccha nikalte hain. Pet kaat ke baccha nikala jata hai par chut tight bach jati hai.
ha yeh kiya hoga..lekin ek baat ka bahot bura lag raha hai ki uss harami ka bachha mohini ke pet me pala hai..matlab uski wajah se mohini pregnant ho gayi jo ki nahi honi chahiye thi..ab dekhte hai manav unn dono miya biwi ko kaise barbaad karta hai..!!
 

Incestlala

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समय के साथ सारे राज़ भी धुंधले होने लगते हैं।


मानव 29 साल का आकर्षक पुरुष था पर उससे जलने वाले लोगों की तरह उस से डरने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी थी। मानव हर साल में दो से तीन बार Amsterdam जाता ताकि वहां की अपनी कंपनियों के साथ अपनी बेटी Rosy को भी मिल पाए।



Rosy अब 10 साल की शरारती लड़की थी जिसे अपने Indian दादाजी और Godfather का होना बिलकुल ठीक लगता था। मानव Stella और Andrew के आपसी प्यार की इज्जत करते हुए सिर्फ उनके तय किए वक्त पर Andrew के साथ Stella को चोदता। Dr Black जितना उनसे मुमकिन था उतना Rosy से प्यार करते और Stella भी उनपर कुछ कुछ भरोसा करती।


28 साल की जुड़वा बहनों को अचानक मां बनने की इच्छा उमड़ पड़ी, तो उन्होंने मानव को अपने बच्चे का पिता बनने के लिए मनाया। Vicky भी अब दादी बनने को तयार थी हालांकि उसके मुताबिक बच्चा पैदा होने से पहले Jenny और Julie को पहले शादी करनी चाहिए। Jenny और Julie भी Rosy की परवरिश करते Andrew से प्रभावित हो चुकी थी। Jenny और Julie ने Shah Industrial products के दो उभरते मैनेजर को उनसे शादी के लिए मना लिया और वह दोनो भी open marriage के लिए तयार हो गए।


शादी की सुहागरात दोनों बहनों ने मानव के साथ मनाते हुए भारी पैरों से ही अपने पति को मिलना तय किया। मानव अपनी सारी औरतों और औलादों पर नजर रखते हुए आगे बढ़ रहा था पर उसकी जिंदगी में आती औरतें मुसाफिर के रास्ते में आते पड़ाव की तरह कुछ पल का सुकून देती और पीछे छूट जाती।


साफिया का बेटा जंगली पौधे की तरह बढ़ रहा था और मानव एक भरी हुई जिंदगी में तन्हा जी रहा था। मोहिनी और काम्या की तलाश ऐसे ठंडी पड़ी थी मानो उन्हें धरती निगल गई हो।


मोहिनी के पिता गुजर गए तो मानव ने मोहिनी को वापस बुलाने के लिए कई इश्तियार छपवाए पर फिर भी कोई सामने नहीं आया। मोहिनी के पिता की वसीयत के मुताबिक अब मानव शाह Shah Diamonds का एक छत्र राजा था। धीरज शाह ने आफिया के साथ पनवेल के आगे एक फॉर्महाउस में रिटायरमेंट ले ली। धीरज ने अपना पूरा कारोबार मानव की एक कंपनी को सौंप दिया जिस से मानव की बिगड़े हुए अमीरजादे की छवि बनी रहे।


मार्च 2006

35 साल का मानव अपने हम राज़ छोटे और साफिया के साथ ऑफिस जा रहा था जब सड़क किनारे के एक चेहरे ने उसका रंग उड़ा दिया।



मानव, “छोटे गाड़ी रोक!! वो… वो लड़की दिख रही है?”


images-1

छोटे और साफिया ने उस स्कूली लड़की को देखा और हां कहा।


मानव, “मुझे उसकी पूरी खबर चाहिए! चाहे जो करना पड़े! मुझे पूरी कहानी चाहिए!”


छोटे को कुछ और बताने की जरूरत नहीं थी। साफिया को गाड़ी चलाने को कह कर छोटे बाहर की भीड़ में खो गया।


शाम को बेचैन मानव के सामने साफिया और छोटे खड़े हो गए तो मानव की आंखों में बेबस डर पहली बार देख कर चौंक गए।


छोटे, “लड़की का नाम पूजा है। वह 15 साल की है और दसवीं की परीक्षा खत्म कर लौट रही थी। अपनी मां शांती उम्र 35 के साथ झोपड़ी में किराए पर रहती है। शांति एक गारमेंट पैकिंग कंपनी में काम करती है। बाप गंगाराम उम्र 45 हफ्ते दो हफ्ते में एक बार आता है और 1- 2 दिन बाद चला जाता है। उसके काम ठिकाने की किसी को खबर नही लेकिन उसके बर्ताव से पड़ोसियों को नशे की आदत का शक है। बॉस मैं शांती को देख चुका हूं। वो थकी हुई हताश औरत मोहिनी नहीं हो सकती।“


मानव कड़वी मुस्कान से, “जिंदगी के बोझ शक्ल बदल सकते हैं लेकिन नस्ल नहीं। (मेज में से एक तस्वीर निकालकर दिखाते हुए) मैं और मोहिनी 10 वी की परीक्षा से पहले।“


साफिया, “लड़की बिलकुल अपनी मां पर गई है! गाड़ी भेजूं?”


मानव, “नहीं!! मोहिनी भाभी खुद काम्या को लेकर आएंगी! वसीम भाई को बताओ की मोहिनी का पता मिल गया है।“

-----

अगले दिन सुबह शांती सोच रही थी कि वह अपनी जवान होती बेटी को झोपड़ी में अकेले कैसे छोड़े जब किसी ने उसे पुकारा। गारमेंट पैकिंग कंपनी का आदमी वहां खड़ा था।


आदमी, “शांती, वसीम भाई के लोगों ने हंगामा कर दिया है! वो लोग किसी मोहिनी और काम्या को ढूंढ रहे हैं। मोहिनी बिलकुल पूजा की तरह दिखती है!”


शांती बर्फ सी ठंडी पड़ गई।


शांती, “आप उन्हें मेरा पता बता दो! भैय्या बहुत बहुत शुक्रिया मुझे आगाह करने के लिए!”


आदमी, “हम तुम्हें 1 घंटा दिला देंगे। खुश रहना!”


आदमी चला गया और पूजा को शांती ने जरूरी चीजें उठाकर बांधने को कहा।


पूजा, “मां! ये कौन लोग हैं? और हम क्यों भाग रहे हैं? हम कहां जा रहे हैं?”


शांती, “पूजा तुम्हारा नाम काम्या है और मैं मोहिनी हूं! तुम्हारे पिता ने वसीम भाई से कई लाख रुपए लिए थे और उन्हें डूबा दिया। अब वसीम भाई हमें कोठे पर बिठा कर हमें नीलाम करके अपना पैसा वसूल करेगा।“


काम्या, “पर मैं तो…”


मोहिनी, “तुम्हें लगता है की वसीम भाई किसी लड़की के बालिक होने का इंतजार करता है? वो तुम्हें किसी अरबी शैख को बेच देगा।“


मोहिनी और काम्या अपनी पूरी जिंदगी का सामान बस एक पोटली में बांध कर 15 मिनट बाद घर से भाग गई। डर से कांपती मोहिनी को काम्या ने दुबारा उसकी मंजिल पूछी तो मोहिनी ने उसे उसके चाचा के बारे में बताया।


काम्या, “बाबा ने बताया की चाचा बहुत बुरा आदमी है। बाबा तो चाचा के नाम से भी डरते हैं।“


मोहिनी, “हम अक्सर उन्हीं से डरते हैं जिन से हम ने बुरा बर्ताव किया है। असलियत तो यह है कि तुम्हारे बाबा ने चाचा के साथ धोखा किया है। अब उन्हें डर है कि चाचा भी उनके साथ वैसा ही सलूक करेंगे।“


काम्या, “आप भी तो चाचा का नाम लेने से डरती हो!”


मोहिनी की आंखों में आंसू भर आए।


मोहिनी, “मैं और मानव एक दूसरे से प्यार करते थे। पर जब तुम्हारे बाबा ने मानव के खिलाफ झूठी बातें फैलाई तो मेरे पिता ने मेरी शादी तुम्हारे बाबा के साथ तय की। मानव, शायद जिंदगी में आखरी बार, मदद मांगने मेरे घर आया। उसने मुझे रुकने को कहा। यहां तक की अगर मैं बाद में मन बदल दूं तो वह खुद मेरी शादी किसी और से कराने को तैयार था। पर मैं अपने पिता को मना करने से डरती थी। इस लिए मैंने मानव को बुरा भला कहा और भगा दिया। मैने मानव का न केवल दिल तोड़ा पर उसका विश्वास भी तोड़ा। आज मानव शाह एक अय्याश नशेड़ी है और उसकी वजह मैं हूं!”


काम्या को अपनी जिंदगी में बताई कई बातों को पूरी तरह बदलना पड़ रहा था और वह इन्ही बातों में खोई एक आलीशान बिल्डिंग के सामने खड़ी हो गई। वॉचमैन ने उस गरीब मां बेटी को अंदर आने से रोका तो मोहिनी ने पहले धीरज शाह और फिर मानव शाह से मिलने की गुजारिश कि। वॉचमैन उन्हें डंडे से मारकर भगाने वाला था जब बिल्डिंग के सबसे पुराने वॉचमैन ने उसे रोका।


वॉचमैन ने मां और फिर बेटी को गौर ने देखा और फिर “मोहिनी मैडम” को सलाम करते हुए मानव के कमरे तक ले गया।


वॉचमैन, “मोहिनी मैडम, आप मेरे साथ अच्छा बर्ताव करती थी इस लिए आखरी बार पूछता हूं। क्या आप सच में मानव सेठ से मिलना चाहती है? अब वो पुराने मानव बाबू नहीं रहे। वो औरतों को इस्तमाल करने वाला दरिंदा बन गया है। लोगों ने इस कमरे में से कुंवारियों की लाशें बाहर जाती हुई देखी हैं। आखरी बार सोच लो!”


Watchman जवाब लिए बगैर चला गया और काम्या ने सहमी हुई आंखों से मोहिनी को देखा।


मोहिनी, “मेरी बच्ची, हमें वसीम भाई के कोठे और तुम्हारे चाचा के बिस्तर के बीच चुनाव करना है! मानव चाहे जितना ही बदला हो, पर मेरा मानव किसी बेकसूर को सज़ा नही देगा! तुम अगर सलामत रही तो…”


मोहिनी ने अपनी बात को पूरा नहीं किया और मानव का दरवाजा खटखटाया। एक बेहद खूबसूरत औरत ने दरवाजा खोला और बाहर खड़ी मां बेटी को देख कर अपनी एक भौं उठाई।


images-3

images-2
मोहिनी, “में मोहिनी शाह और मेरी बेटी काम्या शाह, मानव शाह से मिलने आईं हैं।“


औरत ने उन्हें अंदर आने दिया और मेजबान की तरह उन्हें पानी और शरबत दिया।


साफिया, “बॉस! आपकी भाभी और भतीजी आप से मिलने आईं हैं।“


मानव सिर्फ एक रेशमी पैंट पहने हुए एक हाथ में (चाय का) जाम लिए बेडरूम के दरवाजे में खड़ा हो गया।


मानव, “मैं छोटी बच्चियों से बात नहीं करता, बहुत रोती बिलखती हैं। वैसे भी छोटी बच्ची थक गई होगी, उसे अपने कमरे में ले जाओ! मैं भाभी से अपने कमरे में बात करूंगा।“


मोहिनी सर झुकाकर मानव के कमरे में गई और साफिया काम्या को अपने कमरे में ले गई।


काम्या साफिया का मंगलसूत्र देख कर, “आप शादीशुदा हो? फिर भी यहां रहती हो?”


साफिया हंस पड़ी, “ओह!!… मजा आने वाला है! तुम बिलकुल अपने चाचा जैसी हो! उसके नजरों से भी कुछ नहीं छूटता और वह किसी से नहीं डरता। ये मेरा कमरा था जब मैं शादी से पहले उनके लिए काम करती थी। अब भी मैं और मेरे पति उनके लिए काम करते हैं पर कई सालों बाद भी इस कमरे को मेरा कमरा कहा जाता है। और हां, तुम्हारे चाचा ने कई औरतों को इस्तमाल किया है पर कभी किसी से जबरदस्ती नहीं की। इस कमरे में तुम उतनी ही महफूज हो जितनी किसी बैंक की तिजोरी में।“


काम्या, “तो मुझे चाचा से डरना नहीं चाहिए?”


साफिया, “काम्या, तुम इतनी बड़ी हो चुकी हो की औरत मर्द के संबंध समझो। सुनो, मेरी मां शौहरत की भूखी थी और शौहरत के लिए किसी के भी साथ हो लेती। ऐसी ही एक जगह पर मुझे एक कुत्ता मिला। उसका चेहरा जख्म के पुराने घावों का बड़ा भयानक नमूना था। उस कुत्ते की गली में सब इंसान भी उस से डरते थे। मैं जैसे ही बाहर निकली वह दांत निकालकर मेरी ओर लपका। लेकिन मैं बिना डरे खड़ी रही। वह मेरे सामने खड़ा हो कर गुर्राया तो मैंने उसे मेरा हाथ दिया। उसने मेरा हाथ अपने दांतों में पकड़ा तो मैने अपना हाथ खींचा नही। वह मुझे बिना चोट पहुंचाए चला गया। असलियत में उसे देख कर डरने वालों ने उसे डरावना बना दिया था।“


काम्या, “फिर उस कुत्ते का क्या हुआ?”


साफिया, “मैंने वह गली छोड़ी और उसने मेरे लिए अपनी पूरी दुनिया बदल दी। वह मेरे साथ कुछ साल था और उसने मुझे बुरे लोगों से बचाया। मेरे 18 वे जन्मदिन से कुछ महीने पहले वह बूढ़ा हो कर मेरी गोद में चुपके से हमेशा के लिए सो गया।“


काम्या, “उसने आप को चाचा से नहीं बचाया!”


साफिया, “नहीं! तुम्हारे चाचा ने मुझे बचाए रखा! शायद मेरे दोस्त को पता चल गया था कि अब मुझे बचाने कोई और आ रहा है और वह आराम कर सकता है।“


काम्या साफिया को देख कर इतना समझ गई की उसका चाचा न तो उसके बाबा का बताया हैवान है, न मां का बताया जख्मी आशिक और ना ही इस परी का बताया खूंखार फरिश्ता। चाचा क्या है यह काम्या खुद अपने लिए तय करेगी।
Superb Start
 

Incestlala

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समय के साथ सारे राज़ भी धुंधले होने लगते हैं।


मानव 29 साल का आकर्षक पुरुष था पर उससे जलने वाले लोगों की तरह उस से डरने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी थी। मानव हर साल में दो से तीन बार Amsterdam जाता ताकि वहां की अपनी कंपनियों के साथ अपनी बेटी Rosy को भी मिल पाए।



Rosy अब 10 साल की शरारती लड़की थी जिसे अपने Indian दादाजी और Godfather का होना बिलकुल ठीक लगता था। मानव Stella और Andrew के आपसी प्यार की इज्जत करते हुए सिर्फ उनके तय किए वक्त पर Andrew के साथ Stella को चोदता। Dr Black जितना उनसे मुमकिन था उतना Rosy से प्यार करते और Stella भी उनपर कुछ कुछ भरोसा करती।


28 साल की जुड़वा बहनों को अचानक मां बनने की इच्छा उमड़ पड़ी, तो उन्होंने मानव को अपने बच्चे का पिता बनने के लिए मनाया। Vicky भी अब दादी बनने को तयार थी हालांकि उसके मुताबिक बच्चा पैदा होने से पहले Jenny और Julie को पहले शादी करनी चाहिए। Jenny और Julie भी Rosy की परवरिश करते Andrew से प्रभावित हो चुकी थी। Jenny और Julie ने Shah Industrial products के दो उभरते मैनेजर को उनसे शादी के लिए मना लिया और वह दोनो भी open marriage के लिए तयार हो गए।


शादी की सुहागरात दोनों बहनों ने मानव के साथ मनाते हुए भारी पैरों से ही अपने पति को मिलना तय किया। मानव अपनी सारी औरतों और औलादों पर नजर रखते हुए आगे बढ़ रहा था पर उसकी जिंदगी में आती औरतें मुसाफिर के रास्ते में आते पड़ाव की तरह कुछ पल का सुकून देती और पीछे छूट जाती।


साफिया का बेटा जंगली पौधे की तरह बढ़ रहा था और मानव एक भरी हुई जिंदगी में तन्हा जी रहा था। मोहिनी और काम्या की तलाश ऐसे ठंडी पड़ी थी मानो उन्हें धरती निगल गई हो।


मोहिनी के पिता गुजर गए तो मानव ने मोहिनी को वापस बुलाने के लिए कई इश्तियार छपवाए पर फिर भी कोई सामने नहीं आया। मोहिनी के पिता की वसीयत के मुताबिक अब मानव शाह Shah Diamonds का एक छत्र राजा था। धीरज शाह ने आफिया के साथ पनवेल के आगे एक फॉर्महाउस में रिटायरमेंट ले ली। धीरज ने अपना पूरा कारोबार मानव की एक कंपनी को सौंप दिया जिस से मानव की बिगड़े हुए अमीरजादे की छवि बनी रहे।


मार्च 2006

35 साल का मानव अपने हम राज़ छोटे और साफिया के साथ ऑफिस जा रहा था जब सड़क किनारे के एक चेहरे ने उसका रंग उड़ा दिया।



मानव, “छोटे गाड़ी रोक!! वो… वो लड़की दिख रही है?”


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छोटे और साफिया ने उस स्कूली लड़की को देखा और हां कहा।


मानव, “मुझे उसकी पूरी खबर चाहिए! चाहे जो करना पड़े! मुझे पूरी कहानी चाहिए!”


छोटे को कुछ और बताने की जरूरत नहीं थी। साफिया को गाड़ी चलाने को कह कर छोटे बाहर की भीड़ में खो गया।


शाम को बेचैन मानव के सामने साफिया और छोटे खड़े हो गए तो मानव की आंखों में बेबस डर पहली बार देख कर चौंक गए।


छोटे, “लड़की का नाम पूजा है। वह 15 साल की है और दसवीं की परीक्षा खत्म कर लौट रही थी। अपनी मां शांती उम्र 35 के साथ झोपड़ी में किराए पर रहती है। शांति एक गारमेंट पैकिंग कंपनी में काम करती है। बाप गंगाराम उम्र 45 हफ्ते दो हफ्ते में एक बार आता है और 1- 2 दिन बाद चला जाता है। उसके काम ठिकाने की किसी को खबर नही लेकिन उसके बर्ताव से पड़ोसियों को नशे की आदत का शक है। बॉस मैं शांती को देख चुका हूं। वो थकी हुई हताश औरत मोहिनी नहीं हो सकती।“


मानव कड़वी मुस्कान से, “जिंदगी के बोझ शक्ल बदल सकते हैं लेकिन नस्ल नहीं। (मेज में से एक तस्वीर निकालकर दिखाते हुए) मैं और मोहिनी 10 वी की परीक्षा से पहले।“


साफिया, “लड़की बिलकुल अपनी मां पर गई है! गाड़ी भेजूं?”


मानव, “नहीं!! मोहिनी भाभी खुद काम्या को लेकर आएंगी! वसीम भाई को बताओ की मोहिनी का पता मिल गया है।“

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अगले दिन सुबह शांती सोच रही थी कि वह अपनी जवान होती बेटी को झोपड़ी में अकेले कैसे छोड़े जब किसी ने उसे पुकारा। गारमेंट पैकिंग कंपनी का आदमी वहां खड़ा था।


आदमी, “शांती, वसीम भाई के लोगों ने हंगामा कर दिया है! वो लोग किसी मोहिनी और काम्या को ढूंढ रहे हैं। मोहिनी बिलकुल पूजा की तरह दिखती है!”


शांती बर्फ सी ठंडी पड़ गई।


शांती, “आप उन्हें मेरा पता बता दो! भैय्या बहुत बहुत शुक्रिया मुझे आगाह करने के लिए!”


आदमी, “हम तुम्हें 1 घंटा दिला देंगे। खुश रहना!”


आदमी चला गया और पूजा को शांती ने जरूरी चीजें उठाकर बांधने को कहा।


पूजा, “मां! ये कौन लोग हैं? और हम क्यों भाग रहे हैं? हम कहां जा रहे हैं?”


शांती, “पूजा तुम्हारा नाम काम्या है और मैं मोहिनी हूं! तुम्हारे पिता ने वसीम भाई से कई लाख रुपए लिए थे और उन्हें डूबा दिया। अब वसीम भाई हमें कोठे पर बिठा कर हमें नीलाम करके अपना पैसा वसूल करेगा।“


काम्या, “पर मैं तो…”


मोहिनी, “तुम्हें लगता है की वसीम भाई किसी लड़की के बालिक होने का इंतजार करता है? वो तुम्हें किसी अरबी शैख को बेच देगा।“


मोहिनी और काम्या अपनी पूरी जिंदगी का सामान बस एक पोटली में बांध कर 15 मिनट बाद घर से भाग गई। डर से कांपती मोहिनी को काम्या ने दुबारा उसकी मंजिल पूछी तो मोहिनी ने उसे उसके चाचा के बारे में बताया।


काम्या, “बाबा ने बताया की चाचा बहुत बुरा आदमी है। बाबा तो चाचा के नाम से भी डरते हैं।“


मोहिनी, “हम अक्सर उन्हीं से डरते हैं जिन से हम ने बुरा बर्ताव किया है। असलियत तो यह है कि तुम्हारे बाबा ने चाचा के साथ धोखा किया है। अब उन्हें डर है कि चाचा भी उनके साथ वैसा ही सलूक करेंगे।“


काम्या, “आप भी तो चाचा का नाम लेने से डरती हो!”


मोहिनी की आंखों में आंसू भर आए।


मोहिनी, “मैं और मानव एक दूसरे से प्यार करते थे। पर जब तुम्हारे बाबा ने मानव के खिलाफ झूठी बातें फैलाई तो मेरे पिता ने मेरी शादी तुम्हारे बाबा के साथ तय की। मानव, शायद जिंदगी में आखरी बार, मदद मांगने मेरे घर आया। उसने मुझे रुकने को कहा। यहां तक की अगर मैं बाद में मन बदल दूं तो वह खुद मेरी शादी किसी और से कराने को तैयार था। पर मैं अपने पिता को मना करने से डरती थी। इस लिए मैंने मानव को बुरा भला कहा और भगा दिया। मैने मानव का न केवल दिल तोड़ा पर उसका विश्वास भी तोड़ा। आज मानव शाह एक अय्याश नशेड़ी है और उसकी वजह मैं हूं!”


काम्या को अपनी जिंदगी में बताई कई बातों को पूरी तरह बदलना पड़ रहा था और वह इन्ही बातों में खोई एक आलीशान बिल्डिंग के सामने खड़ी हो गई। वॉचमैन ने उस गरीब मां बेटी को अंदर आने से रोका तो मोहिनी ने पहले धीरज शाह और फिर मानव शाह से मिलने की गुजारिश कि। वॉचमैन उन्हें डंडे से मारकर भगाने वाला था जब बिल्डिंग के सबसे पुराने वॉचमैन ने उसे रोका।


वॉचमैन ने मां और फिर बेटी को गौर ने देखा और फिर “मोहिनी मैडम” को सलाम करते हुए मानव के कमरे तक ले गया।


वॉचमैन, “मोहिनी मैडम, आप मेरे साथ अच्छा बर्ताव करती थी इस लिए आखरी बार पूछता हूं। क्या आप सच में मानव सेठ से मिलना चाहती है? अब वो पुराने मानव बाबू नहीं रहे। वो औरतों को इस्तमाल करने वाला दरिंदा बन गया है। लोगों ने इस कमरे में से कुंवारियों की लाशें बाहर जाती हुई देखी हैं। आखरी बार सोच लो!”


Watchman जवाब लिए बगैर चला गया और काम्या ने सहमी हुई आंखों से मोहिनी को देखा।


मोहिनी, “मेरी बच्ची, हमें वसीम भाई के कोठे और तुम्हारे चाचा के बिस्तर के बीच चुनाव करना है! मानव चाहे जितना ही बदला हो, पर मेरा मानव किसी बेकसूर को सज़ा नही देगा! तुम अगर सलामत रही तो…”


मोहिनी ने अपनी बात को पूरा नहीं किया और मानव का दरवाजा खटखटाया। एक बेहद खूबसूरत औरत ने दरवाजा खोला और बाहर खड़ी मां बेटी को देख कर अपनी एक भौं उठाई।


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मोहिनी, “में मोहिनी शाह और मेरी बेटी काम्या शाह, मानव शाह से मिलने आईं हैं।“


औरत ने उन्हें अंदर आने दिया और मेजबान की तरह उन्हें पानी और शरबत दिया।


साफिया, “बॉस! आपकी भाभी और भतीजी आप से मिलने आईं हैं।“


मानव सिर्फ एक रेशमी पैंट पहने हुए एक हाथ में (चाय का) जाम लिए बेडरूम के दरवाजे में खड़ा हो गया।


मानव, “मैं छोटी बच्चियों से बात नहीं करता, बहुत रोती बिलखती हैं। वैसे भी छोटी बच्ची थक गई होगी, उसे अपने कमरे में ले जाओ! मैं भाभी से अपने कमरे में बात करूंगा।“


मोहिनी सर झुकाकर मानव के कमरे में गई और साफिया काम्या को अपने कमरे में ले गई।


काम्या साफिया का मंगलसूत्र देख कर, “आप शादीशुदा हो? फिर भी यहां रहती हो?”


साफिया हंस पड़ी, “ओह!!… मजा आने वाला है! तुम बिलकुल अपने चाचा जैसी हो! उसके नजरों से भी कुछ नहीं छूटता और वह किसी से नहीं डरता। ये मेरा कमरा था जब मैं शादी से पहले उनके लिए काम करती थी। अब भी मैं और मेरे पति उनके लिए काम करते हैं पर कई सालों बाद भी इस कमरे को मेरा कमरा कहा जाता है। और हां, तुम्हारे चाचा ने कई औरतों को इस्तमाल किया है पर कभी किसी से जबरदस्ती नहीं की। इस कमरे में तुम उतनी ही महफूज हो जितनी किसी बैंक की तिजोरी में।“


काम्या, “तो मुझे चाचा से डरना नहीं चाहिए?”


साफिया, “काम्या, तुम इतनी बड़ी हो चुकी हो की औरत मर्द के संबंध समझो। सुनो, मेरी मां शौहरत की भूखी थी और शौहरत के लिए किसी के भी साथ हो लेती। ऐसी ही एक जगह पर मुझे एक कुत्ता मिला। उसका चेहरा जख्म के पुराने घावों का बड़ा भयानक नमूना था। उस कुत्ते की गली में सब इंसान भी उस से डरते थे। मैं जैसे ही बाहर निकली वह दांत निकालकर मेरी ओर लपका। लेकिन मैं बिना डरे खड़ी रही। वह मेरे सामने खड़ा हो कर गुर्राया तो मैंने उसे मेरा हाथ दिया। उसने मेरा हाथ अपने दांतों में पकड़ा तो मैने अपना हाथ खींचा नही। वह मुझे बिना चोट पहुंचाए चला गया। असलियत में उसे देख कर डरने वालों ने उसे डरावना बना दिया था।“


काम्या, “फिर उस कुत्ते का क्या हुआ?”


साफिया, “मैंने वह गली छोड़ी और उसने मेरे लिए अपनी पूरी दुनिया बदल दी। वह मेरे साथ कुछ साल था और उसने मुझे बुरे लोगों से बचाया। मेरे 18 वे जन्मदिन से कुछ महीने पहले वह बूढ़ा हो कर मेरी गोद में चुपके से हमेशा के लिए सो गया।“


काम्या, “उसने आप को चाचा से नहीं बचाया!”


साफिया, “नहीं! तुम्हारे चाचा ने मुझे बचाए रखा! शायद मेरे दोस्त को पता चल गया था कि अब मुझे बचाने कोई और आ रहा है और वह आराम कर सकता है।“


काम्या साफिया को देख कर इतना समझ गई की उसका चाचा न तो उसके बाबा का बताया हैवान है, न मां का बताया जख्मी आशिक और ना ही इस परी का बताया खूंखार फरिश्ता। चाचा क्या है यह काम्या खुद अपने लिए तय करेगी।
Superb Start
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मानव ने बेड पर बैठ कर चाय के जाम का एक घूंट पीकर मोहिनी को देखा। इस थकी हुई औरत की गहराई में कहीं उसकी दगाबाज दोस्त छुपी हुई थी।


खामोशी बर्दाश्त न होने से मोहिनी ने पहल की।


मोहिनी, “मानव…”


मानव टोकते हुए, “भाभी आप हमारा रिश्ता भूल तो नहीं रहीं? मैं आपका देवर हूं, ऐसे नाम से पुकारो तो लोग क्या कहेंगे?”


मोहिनी, “देवरजी, हम दोनों दोस्त थे। शायद कुछ और भी…”


मानव हंसकर, “ना भाभी!! ना!! ऐसे देवर भाभी के रिश्ते को बदनाम ना करो! आप बड़े भइया से पहले आ गईं? आपको यूं आना नही चाहिए। इस घर में काम करने वाले नौकर भी बदनाम होते हैं। लोग आप के बारे में क्या सोचेंगे?”


मोहिनी, “मानव तुम लोगों का कब से सोचने लगे। मुझे मदद की जरूरत है मानव! मेरे लिए नही तो शाह परिवार की इज्जत के लिए मुझे मदद करो!”


मानव ठहाका लगाकर हंस पड़ा, “भाभीजी, मैं लोगों के बारे में नहीं सोचता पर आप काफी सोचती हो। याद है? जब मैंने तुम्हें शादी करने से रोकने की कोशिश की तब तुमने क्या कहा था? अगर मैं अपने पिता की बात न मानूं तो लोग क्या कहेंगे? होने वाले देवर के लिए मंगेतर को छोड़ दूं तो लोग क्या कहेंगे? जब तुम्हारे पिता ने तुम्हें अपने पति से बच कर रहने की सलाह दी तो क्या कहा? पतिव्रता स्त्री अपने पति का साथ ना दे तो लोग क्या कहेंगे? तो अब उन्हीं लोगों से मदद मांगो जिन्हें खुश रखने के लिए तुमने अपनी और मेरी जिंदगी बरबाद कर दी।“


मोहिनी रोने लगी, “मानव, मैं डरपोक हूं जो पापा के जाने के बाद भी नहीं आई। पर आज अगर तुमने हमें नहीं बचाया तो वसीम भाई के लोग हमें नहीं छोड़ेंगे! नोच नोच कर तोड़ेंगे मेरी मासूम बेटी को! जवान होने से पहले ही मरजाएगी बेचारी! (मोहिनी घुटनों पर बैठ कर हाथ जोड़े रोने लगी) हमें बचा लो!! बचा लो हम बेसहारा औरतों को!”


मानव, “तुम्हारे पिता ने मुझ पर पहले भरोसा नहीं किया पर मेरी उनसे कोई दोस्ती नहीं थी। इस लिए मैं उन पर गुस्सा नही। लेकिन फिर तुम्हारे पिता ने मुझ पर भरोसा किया तब पूरी तरह किया और एक मुश्किल दौर में मेरी मदद की। उस एहसान के बदले मैं तेरी बेटी को 18की होने तक अपनी पनाह में अपनी औलाद की तरह महफूज़ रखूंगा। उसे सही तरह से पढ़ाऊंगा और उसे उसकी काबिलियत के हिसाब से अपने पैरों पर खड़े होने की नीव रखूंगा। लेकिन जिस दिन वह 18 की हो जाए, वह या तो मेरे बिस्तर में होगी या घर के बाहर। रही बात तुम्हारी और तुम्हारे पीछे पीछे छुपकर आते मेरे बड़े भइया की तो तुम्हें अपने सर पर छत रखने की कीमत चुकानी होगी।“


मोहिनी, “कैसी कीमत?”


मानव, “ये बात मैं तेरे पति से करूंगा। तब तक तू मेरी ठुकराई हुई दोस्ती के नाम पर अपनी बेटी के साथ रह ले।“


मोहिनी जानती थी की मानव ने काम्या को बालिक होते ही लूटने का मन बना लिया है तो वह उसे छोड़ने वाला नही। मोहिनी ने बगल के कमरे में जाकर अपनी बेटी को गले लगाया और दोनों मां बेटी एक दूसरे को ढाढस बंधाते हुए सो गई।

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अगले दिन सुबह हमेशा की तरह छोटे और साफिया मानव से मिलने आए तब मोहिनी ने घर की औरत के काम का जिम्मा उठाया और सबको चाय नाश्ता परोसा।


मानव ने मां बेटी को अपने साथ नाश्ता करने को कहा और नाश्ता करने के बाद साफिया से अपने मेहमानों की बात की।


मानव, “साफिया, कल तुम्हारी मुलाकात हो चुकी है लेकिन दुबारा पहचान करा देता हूं। ये मेरी भाभी और भतीजी हैं। एक अरसे बाद ये समाज में वापस अपनी जगह लेने को तैयार हो रही हैं। मैं चाहता हूं कि तुम इन्हें इनके लिए कपड़े खरीदने और बाकी खरीददारी में इनकी मदद करो। छोटेलाल मुझे यकीन है की मेरे बड़े भाईसाहब इनके पीछे पीछे जरूर आयेंगे। तो उनकी खातिरदारी की भी तयारी की जाए।“


छोटे ने सर हिलाकर हां कहा तो साफिया ने बस मानव को कंपनी क्रेडिट कार्ड दिखाया।

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मानव, “खूबसूरत औरतें बड़ी बेरहमी से बदला लेती हैं। काट लो मेरी जान, हम आप से क्या शिकवा करेंगे?”


साफिया और मानव के बीच चलती बातें देख कर मां बेटी उनके रिश्ते को लेकर उलझन में थीं। मोहिनी यह मानना नही चाहती थी पर उसे साफिया से बेहद ईर्षा हो रही थी।


साफिया ने छोटेलाल से काम की कुछ बात की और मां बेटी समझ गए की साफिया और छोटे का रिश्ता क्या है।


मानव, “भाभी, आप ने मुझे और अपने पिता को इतनी ठेस पहुंचाई है कि अब आप हम दोनों से मदद की उम्मीद नहीं कर सकती लेकिन मेरे लिए काम करते हुए आप दोनों मेरी पनाह में रह सकती हैं। साफिया तुम्हें तुम्हारे काम बताएगी और उनके लिए तयार भी करेगी।“


साफिया मां बेटी को अपनी पुरानी सहेली हनीफा के boutique में ले गई और दोनों को अंडरवियर समेत पूरा वॉर्डरोब दिलाया। हनीफा काम्या को तयार करते हुए हिचकिचाई तो साफिया ने उसे यकीन दिलाया की मानव अब भी बदला नहीं। यह बात सुनकर हनीफा ने मोहिनी को जो nightgown दिखाए उस से मां बेटी को मोहिनी पर आने वाली मुसीबत का पूरा अंदाजा हो गया।

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मोहिनी के लिए रोज के इस्तमाल की साड़ी और ब्लाउज भी कुछ ऐसे ही थे जो डिजाइनर look में फैशनेबल थे पर अंग प्रदर्शन में ललचाने के हिसाब से बने थे।


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काम्या के कपड़े मोहिनी से बिलकुल अलग थे। हालांकि दोनों के अंडरवियर बेहतरीन थे काम्या के नाइटगाउन किसी भी जवान होती लड़की का सपना थे।


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काम्या के लिया साफिया के कहने पर घर के कपड़ों के साथ कुछ ऑफिस के कपड़े भी थे।


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अब साफिया ने काम्या को बताया की अगले 2-3 साल तक उसे साफिया की assistant के तौर पर काम करना होगा। यह काम आज जैसा नहीं है और काफी मेहनत और लगन की जरूरत के साथ ही राज़ रखने की जरूरत भी होगी।


आगे साफिया मां बेटी को ब्यूटी पार्लर में ले गई जहां दोनों के बालों को काटा और सेट किया गया। दोनों औरतों के हाथ और पैरों के नाखूनों को तराशने और रंगने के साथ ही दोनों के पूरे बदन को मालिश कर चमकाया गया।


जब मां बेटी साफिया के सामने आईं तो वह दोनों बेहद खूबसूरत पर डरी हुई दिख रही थी।


मोहिनी, “मैं आप के सामने हाथ जोड़ती हूं! आप मेरे साथ जो चाहें करें पर मेरी बेटी को लूटने से बचाइए।“


साफिया, “मोहिनी भाभी, एक औरत होने के नाते मैं आप का डर समझती हूं पर आप का यह कहना ही बताता है की आप कभी मानव शाह को पहचान नहीं पाई। मानव शाह आप से रिश्ता ठुकराएगा क्योंकि आप ने उसे उस वक्त धोखा दिया जब आप उसका इकलौता सहारा थीं। काम्या के लिए मानव सेठ को मैने तड़पते हुए देखा है क्योंकि वह किसी बेकसूर को 13 साल तक उसके हक्क से दूर रख रहा था। आप के साथ मानव सेठ अपना हिसाब करेंगे पर काम्या मेरे साथ काम करेगी।“


मोहिनी को अपनी बेटी के लिए तस्सली मिली पर उसकी कीमत उसे उसकी गिरी हुई छवि जान कर मिली। मोहिनी घर पहुंचते हुए समझ नहीं पा रही थी कि वह मानव से लूटने की बात से डर रही थी या उत्तेजित हो रही थी।


मोहिनी को घर छोड़कर दोपहर को साफिया काम्या के साथ ऑफिस पहुंची। काम्या ऑफिस में अपने चाचा का नाटक तुरंत पहचान गई और उसने चाचा ने मेज पर रखा चाय का जाम उठाकर गटक लिया।


छोटे और साफिया हंस पड़े क्योंकि मानव को एक छोटी बच्ची ने पहली नजर में पकड़ और पहचान लिया था। मानव की नजरों में साफिया ने पहली बार उसके और छोटे के अलावा किसी और के लिए शरारती हंसी देखी थी।


मानव, “तुम्हारे नाना तुम्हें देख कर खुश होते। अब जाओ और साफिया का हाथ बटाकर अपने रहने खाने की कीमत चुकाओ!”


साफिया और काम्या साफिया के दफ्तर में पहुंची तो काम्या सोच रही थी। साफिया ने काम्या से पूछा कि वह क्या सोच रही है तो काम्या बिना हिचकिचाहट बोल पड़ी।


काम्या, “आप की कुत्ते वाली कहानी समझ आ गई। आप का कुत्ता इस लिए भोंकता और काटता था क्योंकि उसे कई बार प्यार करके ठुकराया गया था। वो और चाचा दोनों सिर्फ एक बात से डरते हैं। कोई उन से दुबारा प्यार करके उन्हें ठुकराए। चाचा कटहल की तरह हैं। वह अंदर से जितना ज्यादा मीठा होगा उसके कांटे उतने ही नुकीले होंगे।“


साफिया ने जल्दी से दरवाजे और परदे बंद किए और काम्या को गले लगाया।


साफिया, “तुम्हारे नाना तुम्हारे बारे में सच कहते थे। मैं इस से ज्यादा नहीं बोल सकती!… चलो अपना काम शुरू करते हैं वरना शाम को कटहल के कांटे झेलने पड़ेंगे!”


शाम को मानव अपने तीन हम राज़ के साथ घर लौटा तो वॉचमैन ने उसे बताया की कोई भिखारी उसके लिए रुका हुआ है। मानव ने गंदी मुस्कान के साथ उसे अपने घर छोड़ने के लिए कहा।


वॉचमैन, “मानव साहब, ये गंगाराम आपसे मिलने रुका हुआ था।“


मानव ने गंगाराम को अंदर बुला लिया और छोटे ने दरवाजा बंद किया। छोटे को देख कर गंगाराम कांपने लगा।


गंगाराम, “तुम।!!… तुम मर चुके हो!!… मैने तुम्हें मरा हुआ देखा था!!”


मानव हंसकर, “अरे नहीं!! वो पुराना नाटक!! वो तो मेरे बड़े भैय्या की लालच को ठिकाने लगाने के लिए किया गया था।“


कमरे में मोहिनी और काम्या के बदले हुए रूप को देख कर गंगाराम उन्हें गंदी गालियां देने लगा और मानव की ओर लपका। छोटे ने आसानी से गंगाराम को पकड़ कर गिरा दिया। गंगाराम के हाथ से एक मैला चाकू गिर गया। छोटे ने उस चाकू को रुमाल से उठाया और सबूत की तरह जमा किया।


गंगाराम, “तू मेरा भाई नही, मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी पनौती है! हर बार किसी श्राप की तरह मेरी जिंदगी को जलाने लौट आता है!”


मानव, “हीरेष भैय्या, आप ने जिंदगी में पहली बार किसी के पीछे छुपे बगैर मुझ पर हमला किया है। अफसोस, हमेशा की तरह अब भी मुझे किसी अपने ने बचा लिया।“


हिरेष, “ये सब तेरे पालतू कुत्ते हैं! तू कुछ साबित नहीं कर सकता!”


मानव हंसकर, “हीरेष भैय्या, सबूत जुटाना भी मुझे आप ने ही सिखाया है। याद है कैसे आप ने हमारी मां की इज्जत लूटने के वीडियो बनाए थे? जमाना बदल गया है भैय्या! वो देखो छोटे छोटे कैमरा हर कमरे की हर हरकत और हर आवाज 24 घंटे रिकॉर्ड करते हैं! आप का यहां आना, मुझ पर हमला करना और यह चाकू बरामत होना। सब सबूत के तौर पर कानूनन है। अब सिर्फ एक सवाल है। क्या आप पुलिस हवालात में कानून से सजा पाना चाहते हो या मुझसे कोई सौदा करना चाहते हो?”


हीरेष ने लालच भरी नजरों से मानव को देखते हुए, “कैसा स… सौदा तू इन दोनों को लूटना चाहता है? बदले में मुझे क्या देगा?”


मोहिनी और काम्या चौंक कर हीरेष को देखने लगी।


मानव, “हां, मैं मोहिनी भाभी और कच्ची काम्या की इज्जत लूटूंगा। इतना ही नहीं, जब मैं इन दोनों की इज्जत लूटूंगा तब तू इन्हें पकड़ कर मेरी मदद करेगा। बदले में मैं तुझे वसीम भाई के हवाले नही करूंगा!”


हीरेष ने मोहिनी और काम्या को देखा, “वैसे भी मेरा लौड़ा खड़ा नहीं होता तो ये दोनों मेरे किसी काम की नहीं। लेकिन काम्या की जवानी 5 लाख रुपए दिलाएगी। मुझे तू वो 5 लाख दे दे।“


अपने पिता से नीलाम होते हुए देख कर छोटी काम्या टूट गई और मोहिनी ने अपने पति को पहचानकर काम्या को गले लगाया।


मानव, “काम्या की जवानी बेचने के लिए तुझे वसीम भाई से बात करनी होगी। जा!!… उस से सौदा कर! तू जिंदा बचा तो मैं वसीम भाई से सौदा करूंगा। क्या लगता है? वसीम भाई किस से सौदा करेगा?”


हीरेष गिड़गिड़ाते हुए, “मैंने इन दोनों को इतने सालों तक बचाया छुपाया! मुझे कुछ तो मिलना चाहिए! मैं जानता हूं कि तू जिस कुंवारी को चोदता है वह मर जाती है! मैं इन दोनों को तेरे नीचे पकड़ूंगा। इनकी लाशें भी ठिकाने लगाऊंगा! बस एक बार मुझे cocaine दिला दे। एक कश लेने दे! मैं पूरी जिंदगी तेरे लिए गुलामी करूंगा!”


मानव, “हमारी मां ने खुदकुशी करने से पहले तेरी करतूतों के सबूत मेरे लिए छोड़े थे। क्यों न हम सब मिलकर उन्हें देखें? फिर तू मेरे जरिए अपनी बीवी और बेटी से वो सब करवाएगा जो तूने हमारी मां से किया था। बदले में मैं तुझे तेरे दोस्त Dr Solanki कि तरह हर रोज छोटे के हिसाब से काम करने के बाद नशे की एक गोली दूंगा।“


हीरेष, “रोज़ नशा मिलेगा? चलो अभी इन दोनों को लूट लो! मैं इन्हें हर तरह से तुझ से चुधवाऊंगा! ये दोनों भी इन्हें चोदेंगे? कोई बात नही! सब से इन्हें चुधवाऊंगा!!”


मानव, “चलो भाभीजी!! आप के पति देव आप को परोसने को उतावले हो रहे हैं!”


मानव ने मोहिनी को पकड़ कर उठाया और अपने कमरे में ले गया। हीरेष उनके पीछे पीछे अंदर गया तो छोटे ने दरवाजा बंद करते हुए साफिया के बगल में बैठ गया।


काम्या रोते हुए, “चाचा बहुत बुरा हैं! वो… वो… मेरी मां… मुझे…”


साफिया, “मैंने तुमसे कहा था की मानव शाह किसी बेकसूर को चोट नहीं पहुंचाता। अफसोस कि इस मामले में तुम्हारी मां पूरी तरह बेकसूर नहीं है। तुम्हारे लिए मैंने खाना लाया है। तुम अपने कमरे में बैठ कर खाना खाओ और मेरा दिया हुआ काम कर के सो जाओ। मेरी मां रण्डी थी। मैं जानती हूं कि बगल के कमरे में अपनी मां के साथ जो हो रहा है उसे भूलना कितना मुश्किल है। तुम्हारा काम और तुम्हारी पढ़ाई ही तुम्हें मदद करेगी।“


काम्या, “पर रात में वो मेरे लिए आए तो?”


साफिया, “तुम इस कमरे को अंदर से बंद कर सकती हो और मानव शाह ने कभी किसी के साथ बलात्कार नहीं किया। मैं कल सुबह तुम्हें ऑफिस के लिए लेने आऊंगी। अगर किसी ने भी तुम्हें उंगली तक लगाई तो मैं उसे नामर्द बना दूंगी! समझी?”


सहमी हुई काम्या को साफीया ने अपने कमरे में बंद कर दिया और साफिया छोटे के साथ चली गई। काम्या ने साफिया की बात पर भरोसा करते हुए पढ़ाई और काम करने लगी। आधे घंटे बाद काम्या को अपनी मां की घुटी हुई चीख सुनाई दी और उसके गाल पर आंसू बह गए।
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Incestlala

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मोहिनी को मानव ने बेड पर फेंक दिया और वह डर कर दोनों भाइयों को देखने लगी।


मोहिनी (हाथ जोड़कर), “मानव!!…
मैं तुम्हारी दोस्त!!…
तुम्हारा पहला प्यार!!…
मैं पतिव्रता हूं!!…
मुझे तुम्हारे आपसी झगड़े में यूं बरबाद ना करो!!…

जी!!…
कुछ कीजिए!!…
मैने आप के लिए सब कुछ छोड़ा!!…
मुझे खुशी नही दे पाए तो दर्द तो ना दीजिए!!…
मैं आप दोनों के पैर पड़ती हुं!!…”



मानव अपने कपड़े उतारते हुए, “भैय्या, आप इसके पति हो। इसे नंगा कर दो। मैं भी तो अपना पहला प्यार आजमाना चाहता हूं।“



हीरेष को अपनी बीवी को बचाने की इच्छा उमड़ रही थी। आखिर मोहिनी ने ही पिछले 13 सालों में पीटकर ही सही पर नशे के लिए पैसे दिए थे। दो हफ्ते में दो बार ढंग का खाना दिया था। हीरेष मानव को रोकने मुड़ा जब उसने मानव के हाथ में एक नशे की गोली देखी।



हीरेष को आज माया की हालत पता चली। कैसे अपने अंदर उमड़ते जज्बातों का गला घोंटते हुए नशा अपने तलप में इंसान की इंसानियत को मार देती है। हीरेष वहशी जानवर की तरह मोहिनी पर लपका और उसने मोहिनी को थप्पड़ मार कर बेड पर गिरा दिया।



नशे को तड़पते हीरेष से पीटने को आदि हो चुकी मोहिनी हीरेष से लड़ते हुए अपनी इज्जत बचाने की कोशिश करने लगी। मानव अपने भाई और भाभी की बेड पर चलती लड़ाई देखते हुए अपनी पैंट उतार कर खड़ा हो गया। मानव का 15 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा अजगर मोहिनी की नज़र में आया तो उसे मानो सांप सूंघ गया।


हीरेष ने मौके का फायदा उठाकर मोहिनी के हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया। हीरेष ने मानव का फूला हुआ अनैसर्गिक अंग देखा और उसका गला सुख गया।


हीरेष, “मानव… ये क्या??…”


मानव हंस कर, “भैय्या ये आप की गोलियों का असर है। सांड को गर्मी देने की गोलियों ने अब मुझे सांड की गर्मी दी है। एक रात में 16 से 17 बार चोदकर ही ठंडा पड़ सकता हूं!”


हीरेष, “मर जाएगी ये!”


मानव, “सिर्फ कुंवारियां फटने से मरती हैं। अगर ये जवान होती बेटी की मां मर गई तो तुम इसकी लाश ठिकाने लगाना! वरना गोली भूल जाओ और दोनो दफा हो जाओ यहां से!”


मोहिनी, “जी!!…
भाग जाते हैं!!…
किसी गांव में अपना झोपड़ा बना लेंगे! जब काम्या बड़ी हो जाएगी तब उसे लेने आएंगे।
जी!! चलो!!…
क्या सोच रहे हो!!…
जी!!…
जी नहीं!!…
नही!!…
भगवान के लिए अब तो अपनी आंखें खोलो!! नशा छोड़ो!!…
जी!!…
जी!!…
जी नहीं!!…
नही!!…
नही जी नहीं!!…”



हीरेष ने नशे की गोली को देखते हुए मोहिनी के पल्लू को हटाया और ब्लाउज को खोला। मानव ने हंसते हुए अपने लौड़े को हिलाकर खड़ा करते हुए उसे तेल से पोत दिया। मोहिनी ने अपने घुटनों को जोड़ कर अपनी इज्जत बचानी चाही लेकिन हीरेष ने अपनी बीवी की पेटीकोट का नाड़ा तोड़ कर उसे मानव के लिए बस पैंटी में परोस दिया।



मानव को हाथ जोड़कर मिन्नतें करती मोहिनी रोने के सिवा कुछ नहीं कर सकती थी। मानव ने मोहिनी के पैरों को उठाकर अपने कंधों पर फैलाकर रखा और हीरेष ने अपनी पत्नी की इज्जत बचाती lace के पैंटी को उतार दिया।



आज सुबह पार्लर में चिकनी की गई मोहिनी की कसी हुई चूत न चाहते हुए भी यौन रसों से भीग कर अपने प्रेमी के लिए फूल रही थी। मोहिनी ने अपनी इज्जत बचाने की आखरी कोशिश की।



मोहिनी, “मानव मैं मर जाउंगी!!…
मानव मैं कुंवारी हूं!!…
मैं इस से मर जाऊंगी!!…
जी!!…
आप को मेरी कसम, सच बताओ!!…”


हीरेष, “मोहिनी सच बोल रही है मानव। मेरा लौड़ा नशे से कब का बंद हो गया है। शादी से पहले मैने अपने गोटियों में इंजेक्शन लगवा कर अपना बचाकुचा वीर्य निकलवाया। कुंवारी सुहागन होने की शर्म से मोहिनी ने ज्यादा पतिव्रता होने की कोशिश करते हुए हमेशा मेरा साथ दिया। काम्या के लिए हमने डॉक्टरी इलाज से मेरा बॉटल बंद वीर्य इस्तमाल किया। मानव अगर तेरा लौड़ा कुंवारियों का कातिल है तो मोहिनी कल सुबह का सूरज नहीं देख पाएगी। अपनी भाभी नही, बचपन की सहेली नही तो इंसानियत से ही सही। मोहिनी को बक्श दे!”


मानव, “बड़े भैय्या जब आप मां को लूटते थे तब अगर उसका मासिक धर्म शुरू होता तो क्या अपना खड़ा लौड़ा दबा लिया करते थे?”


हीरेष ने सर झुकाकर सच बिन बोले कह दिया।


मानव आह भरते हुए, “ठीक है। मैं मोहिनी को नहीं चोदूंगा! पर इस लौड़े को ठंडा करना होगा। बड़े भइया, या तो अपनी पैंट उतार कर अपनी कोरी गांड़ मुझे दे दो या बगल के कमरे में से कच्ची कली काम्या को खींच कर अपनी मां को जगह लिटा दो!”


हीरेष से डर कर अपनी पैंट कमर में पकड़ ली और चुपके से दरवाजे की ओर जाने लगा।


मोहिनी, “नही!!…
जी नहीं!!…
आप पागल हो गए हैं?…
अपनी नाबालिक बेटी को मरवाओगे?…”


हीरेष, “समझा करो!!… वो नाबालिक है!!… अगर मानव ने उसे चोद कर मार डाला तो वह उम्रकैद के लिए जायेगा! ये सब कुछ हमारा होगा!!”


मोहिनी ने उठकर अपने पति को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर से थप्पड़ जड़ा दिया। नशे की आदत से कमजोर हीरेष एक ओर जमीन पर गिर गया।


मोहिनी, “तुम्हें औरत का बदन चाहिए ना? आ!!…
लूटले मुझे!!…
हां मैं कुंवारी हूं!!…
ले!!…
मार दे मुझे!!…
दे मुझे इस मुसीबत से आज़ादी!!…
बस अपना वादा याद रखना!!…
तू मेरी बेटी से उसके बालिक होने तक दूर रहेगा और उसे अपने बिस्तर में लेने से पहले जाने का मौका देगा!!…”


मानव, “मैंने कई सौ औरतों को इस्तमाल किया है पर हर मां एक जैसी ही होती है! मेरी मां ने भी मुझे नशे से दूर रखने के लिए तेरे पति से जान कर भी नशे की गोलियां खाई। जा!!… बेड पर लेट कर अपनी टांगे खोल! अपनी पहली और आखरी सुहागरात को मनाते हुए तेरी कोई आखरी ख्वाइश?”


मोहिनी, “अगर मुझे मरना ही है तो मुझ पर कोई एहसान मत करना और मेरे पति को मेरी हर हालत दिखनी चाहिए!”


मानव ने मोहिनी के पैरों को अपने कंधों पर रख कर अपने सेब जैसे सुपाड़े से मोहिनी की कुंवारी कली को खोला।


मोहिनी, “जी, आप के नशे ने मेरा प्यार लूट लिया, मेरी जवानी बर्बाद कर दी, मेरे पिता को मुझसे तोड़ा, दो वक्त के खाने को मोहताज कर दिया और अब अपनी जान गंवा कर अपनी बेटी जी जवानी खरीदने पर मजबूर कर दिया। आज जी भर के देख लो की अपनी बीवी की जवानी को कैसे जलाया जाता है!”


मानव ने अपनी भाभी की आंखों में हीरेष के लिए जलती नफरत देखी और खुशी खुशी आगे बढ़ने लगा।


सुपाड़े से मोहिनी की यौन पंखुड़ियां फैलने लगी और वह आहें भरती बेड के सिरहाने को पकड़कर अपनी आखें बंद कर रोने लगी। मानव के सुपाड़े ने गीली पंखुड़ियां को और फैलाया तो वह फैलकर अपने जोड़ में से फटने लगी। खून की पतली लकीर ने गांड़ पर से होते हुए चादर को रंगना शुरू किया और मोहिनी अपना सर हिलाते हुए रोने लगी।


मानव ने अपने हाथों को मोहिनी के बगल में रख कर अपने सीने को मोहिनी के ऊपर बनाए रखा। मानव ने अपने लौड़े पर थोड़ा और जोर दिया और उसके सुपाड़े की नोक ने मोहिनी की जवानी के महीन परदे को चूम लिया।


मोहिनी को पहली बार अपनी जवानी का एहसास हुआ और वह झड़ते हुए घूटी हुई आवाज में चीख पड़ी।


मोहिनी, “आ!!…
आ!!…
आ… ई… ई… ईश!!!…
आह!!!…”
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Lib am

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समय के साथ सारे राज़ भी धुंधले होने लगते हैं।


मानव 29 साल का आकर्षक पुरुष था पर उससे जलने वाले लोगों की तरह उस से डरने वाले लोगों की संख्या बढ़ने लगी थी। मानव हर साल में दो से तीन बार Amsterdam जाता ताकि वहां की अपनी कंपनियों के साथ अपनी बेटी Rosy को भी मिल पाए।



Rosy अब 10 साल की शरारती लड़की थी जिसे अपने Indian दादाजी और Godfather का होना बिलकुल ठीक लगता था। मानव Stella और Andrew के आपसी प्यार की इज्जत करते हुए सिर्फ उनके तय किए वक्त पर Andrew के साथ Stella को चोदता। Dr Black जितना उनसे मुमकिन था उतना Rosy से प्यार करते और Stella भी उनपर कुछ कुछ भरोसा करती।


28 साल की जुड़वा बहनों को अचानक मां बनने की इच्छा उमड़ पड़ी, तो उन्होंने मानव को अपने बच्चे का पिता बनने के लिए मनाया। Vicky भी अब दादी बनने को तयार थी हालांकि उसके मुताबिक बच्चा पैदा होने से पहले Jenny और Julie को पहले शादी करनी चाहिए। Jenny और Julie भी Rosy की परवरिश करते Andrew से प्रभावित हो चुकी थी। Jenny और Julie ने Shah Industrial products के दो उभरते मैनेजर को उनसे शादी के लिए मना लिया और वह दोनो भी open marriage के लिए तयार हो गए।


शादी की सुहागरात दोनों बहनों ने मानव के साथ मनाते हुए भारी पैरों से ही अपने पति को मिलना तय किया। मानव अपनी सारी औरतों और औलादों पर नजर रखते हुए आगे बढ़ रहा था पर उसकी जिंदगी में आती औरतें मुसाफिर के रास्ते में आते पड़ाव की तरह कुछ पल का सुकून देती और पीछे छूट जाती।


साफिया का बेटा जंगली पौधे की तरह बढ़ रहा था और मानव एक भरी हुई जिंदगी में तन्हा जी रहा था। मोहिनी और काम्या की तलाश ऐसे ठंडी पड़ी थी मानो उन्हें धरती निगल गई हो।


मोहिनी के पिता गुजर गए तो मानव ने मोहिनी को वापस बुलाने के लिए कई इश्तियार छपवाए पर फिर भी कोई सामने नहीं आया। मोहिनी के पिता की वसीयत के मुताबिक अब मानव शाह Shah Diamonds का एक छत्र राजा था। धीरज शाह ने आफिया के साथ पनवेल के आगे एक फॉर्महाउस में रिटायरमेंट ले ली। धीरज ने अपना पूरा कारोबार मानव की एक कंपनी को सौंप दिया जिस से मानव की बिगड़े हुए अमीरजादे की छवि बनी रहे।


मार्च 2006

35 साल का मानव अपने हम राज़ छोटे और साफिया के साथ ऑफिस जा रहा था जब सड़क किनारे के एक चेहरे ने उसका रंग उड़ा दिया।



मानव, “छोटे गाड़ी रोक!! वो… वो लड़की दिख रही है?”


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छोटे और साफिया ने उस स्कूली लड़की को देखा और हां कहा।


मानव, “मुझे उसकी पूरी खबर चाहिए! चाहे जो करना पड़े! मुझे पूरी कहानी चाहिए!”


छोटे को कुछ और बताने की जरूरत नहीं थी। साफिया को गाड़ी चलाने को कह कर छोटे बाहर की भीड़ में खो गया।


शाम को बेचैन मानव के सामने साफिया और छोटे खड़े हो गए तो मानव की आंखों में बेबस डर पहली बार देख कर चौंक गए।


छोटे, “लड़की का नाम पूजा है। वह 15 साल की है और दसवीं की परीक्षा खत्म कर लौट रही थी। अपनी मां शांती उम्र 35 के साथ झोपड़ी में किराए पर रहती है। शांति एक गारमेंट पैकिंग कंपनी में काम करती है। बाप गंगाराम उम्र 45 हफ्ते दो हफ्ते में एक बार आता है और 1- 2 दिन बाद चला जाता है। उसके काम ठिकाने की किसी को खबर नही लेकिन उसके बर्ताव से पड़ोसियों को नशे की आदत का शक है। बॉस मैं शांती को देख चुका हूं। वो थकी हुई हताश औरत मोहिनी नहीं हो सकती।“


मानव कड़वी मुस्कान से, “जिंदगी के बोझ शक्ल बदल सकते हैं लेकिन नस्ल नहीं। (मेज में से एक तस्वीर निकालकर दिखाते हुए) मैं और मोहिनी 10 वी की परीक्षा से पहले।“


साफिया, “लड़की बिलकुल अपनी मां पर गई है! गाड़ी भेजूं?”


मानव, “नहीं!! मोहिनी भाभी खुद काम्या को लेकर आएंगी! वसीम भाई को बताओ की मोहिनी का पता मिल गया है।“

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अगले दिन सुबह शांती सोच रही थी कि वह अपनी जवान होती बेटी को झोपड़ी में अकेले कैसे छोड़े जब किसी ने उसे पुकारा। गारमेंट पैकिंग कंपनी का आदमी वहां खड़ा था।


आदमी, “शांती, वसीम भाई के लोगों ने हंगामा कर दिया है! वो लोग किसी मोहिनी और काम्या को ढूंढ रहे हैं। मोहिनी बिलकुल पूजा की तरह दिखती है!”


शांती बर्फ सी ठंडी पड़ गई।


शांती, “आप उन्हें मेरा पता बता दो! भैय्या बहुत बहुत शुक्रिया मुझे आगाह करने के लिए!”


आदमी, “हम तुम्हें 1 घंटा दिला देंगे। खुश रहना!”


आदमी चला गया और पूजा को शांती ने जरूरी चीजें उठाकर बांधने को कहा।


पूजा, “मां! ये कौन लोग हैं? और हम क्यों भाग रहे हैं? हम कहां जा रहे हैं?”


शांती, “पूजा तुम्हारा नाम काम्या है और मैं मोहिनी हूं! तुम्हारे पिता ने वसीम भाई से कई लाख रुपए लिए थे और उन्हें डूबा दिया। अब वसीम भाई हमें कोठे पर बिठा कर हमें नीलाम करके अपना पैसा वसूल करेगा।“


काम्या, “पर मैं तो…”


मोहिनी, “तुम्हें लगता है की वसीम भाई किसी लड़की के बालिक होने का इंतजार करता है? वो तुम्हें किसी अरबी शैख को बेच देगा।“


मोहिनी और काम्या अपनी पूरी जिंदगी का सामान बस एक पोटली में बांध कर 15 मिनट बाद घर से भाग गई। डर से कांपती मोहिनी को काम्या ने दुबारा उसकी मंजिल पूछी तो मोहिनी ने उसे उसके चाचा के बारे में बताया।


काम्या, “बाबा ने बताया की चाचा बहुत बुरा आदमी है। बाबा तो चाचा के नाम से भी डरते हैं।“


मोहिनी, “हम अक्सर उन्हीं से डरते हैं जिन से हम ने बुरा बर्ताव किया है। असलियत तो यह है कि तुम्हारे बाबा ने चाचा के साथ धोखा किया है। अब उन्हें डर है कि चाचा भी उनके साथ वैसा ही सलूक करेंगे।“


काम्या, “आप भी तो चाचा का नाम लेने से डरती हो!”


मोहिनी की आंखों में आंसू भर आए।


मोहिनी, “मैं और मानव एक दूसरे से प्यार करते थे। पर जब तुम्हारे बाबा ने मानव के खिलाफ झूठी बातें फैलाई तो मेरे पिता ने मेरी शादी तुम्हारे बाबा के साथ तय की। मानव, शायद जिंदगी में आखरी बार, मदद मांगने मेरे घर आया। उसने मुझे रुकने को कहा। यहां तक की अगर मैं बाद में मन बदल दूं तो वह खुद मेरी शादी किसी और से कराने को तैयार था। पर मैं अपने पिता को मना करने से डरती थी। इस लिए मैंने मानव को बुरा भला कहा और भगा दिया। मैने मानव का न केवल दिल तोड़ा पर उसका विश्वास भी तोड़ा। आज मानव शाह एक अय्याश नशेड़ी है और उसकी वजह मैं हूं!”


काम्या को अपनी जिंदगी में बताई कई बातों को पूरी तरह बदलना पड़ रहा था और वह इन्ही बातों में खोई एक आलीशान बिल्डिंग के सामने खड़ी हो गई। वॉचमैन ने उस गरीब मां बेटी को अंदर आने से रोका तो मोहिनी ने पहले धीरज शाह और फिर मानव शाह से मिलने की गुजारिश कि। वॉचमैन उन्हें डंडे से मारकर भगाने वाला था जब बिल्डिंग के सबसे पुराने वॉचमैन ने उसे रोका।


वॉचमैन ने मां और फिर बेटी को गौर ने देखा और फिर “मोहिनी मैडम” को सलाम करते हुए मानव के कमरे तक ले गया।


वॉचमैन, “मोहिनी मैडम, आप मेरे साथ अच्छा बर्ताव करती थी इस लिए आखरी बार पूछता हूं। क्या आप सच में मानव सेठ से मिलना चाहती है? अब वो पुराने मानव बाबू नहीं रहे। वो औरतों को इस्तमाल करने वाला दरिंदा बन गया है। लोगों ने इस कमरे में से कुंवारियों की लाशें बाहर जाती हुई देखी हैं। आखरी बार सोच लो!”


Watchman जवाब लिए बगैर चला गया और काम्या ने सहमी हुई आंखों से मोहिनी को देखा।


मोहिनी, “मेरी बच्ची, हमें वसीम भाई के कोठे और तुम्हारे चाचा के बिस्तर के बीच चुनाव करना है! मानव चाहे जितना ही बदला हो, पर मेरा मानव किसी बेकसूर को सज़ा नही देगा! तुम अगर सलामत रही तो…”


मोहिनी ने अपनी बात को पूरा नहीं किया और मानव का दरवाजा खटखटाया। एक बेहद खूबसूरत औरत ने दरवाजा खोला और बाहर खड़ी मां बेटी को देख कर अपनी एक भौं उठाई।


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मोहिनी, “में मोहिनी शाह और मेरी बेटी काम्या शाह, मानव शाह से मिलने आईं हैं।“


औरत ने उन्हें अंदर आने दिया और मेजबान की तरह उन्हें पानी और शरबत दिया।


साफिया, “बॉस! आपकी भाभी और भतीजी आप से मिलने आईं हैं।“


मानव सिर्फ एक रेशमी पैंट पहने हुए एक हाथ में (चाय का) जाम लिए बेडरूम के दरवाजे में खड़ा हो गया।


मानव, “मैं छोटी बच्चियों से बात नहीं करता, बहुत रोती बिलखती हैं। वैसे भी छोटी बच्ची थक गई होगी, उसे अपने कमरे में ले जाओ! मैं भाभी से अपने कमरे में बात करूंगा।“


मोहिनी सर झुकाकर मानव के कमरे में गई और साफिया काम्या को अपने कमरे में ले गई।


काम्या साफिया का मंगलसूत्र देख कर, “आप शादीशुदा हो? फिर भी यहां रहती हो?”


साफिया हंस पड़ी, “ओह!!… मजा आने वाला है! तुम बिलकुल अपने चाचा जैसी हो! उसके नजरों से भी कुछ नहीं छूटता और वह किसी से नहीं डरता। ये मेरा कमरा था जब मैं शादी से पहले उनके लिए काम करती थी। अब भी मैं और मेरे पति उनके लिए काम करते हैं पर कई सालों बाद भी इस कमरे को मेरा कमरा कहा जाता है। और हां, तुम्हारे चाचा ने कई औरतों को इस्तमाल किया है पर कभी किसी से जबरदस्ती नहीं की। इस कमरे में तुम उतनी ही महफूज हो जितनी किसी बैंक की तिजोरी में।“


काम्या, “तो मुझे चाचा से डरना नहीं चाहिए?”


साफिया, “काम्या, तुम इतनी बड़ी हो चुकी हो की औरत मर्द के संबंध समझो। सुनो, मेरी मां शौहरत की भूखी थी और शौहरत के लिए किसी के भी साथ हो लेती। ऐसी ही एक जगह पर मुझे एक कुत्ता मिला। उसका चेहरा जख्म के पुराने घावों का बड़ा भयानक नमूना था। उस कुत्ते की गली में सब इंसान भी उस से डरते थे। मैं जैसे ही बाहर निकली वह दांत निकालकर मेरी ओर लपका। लेकिन मैं बिना डरे खड़ी रही। वह मेरे सामने खड़ा हो कर गुर्राया तो मैंने उसे मेरा हाथ दिया। उसने मेरा हाथ अपने दांतों में पकड़ा तो मैने अपना हाथ खींचा नही। वह मुझे बिना चोट पहुंचाए चला गया। असलियत में उसे देख कर डरने वालों ने उसे डरावना बना दिया था।“


काम्या, “फिर उस कुत्ते का क्या हुआ?”


साफिया, “मैंने वह गली छोड़ी और उसने मेरे लिए अपनी पूरी दुनिया बदल दी। वह मेरे साथ कुछ साल था और उसने मुझे बुरे लोगों से बचाया। मेरे 18 वे जन्मदिन से कुछ महीने पहले वह बूढ़ा हो कर मेरी गोद में चुपके से हमेशा के लिए सो गया।“


काम्या, “उसने आप को चाचा से नहीं बचाया!”


साफिया, “नहीं! तुम्हारे चाचा ने मुझे बचाए रखा! शायद मेरे दोस्त को पता चल गया था कि अब मुझे बचाने कोई और आ रहा है और वह आराम कर सकता है।“


काम्या साफिया को देख कर इतना समझ गई की उसका चाचा न तो उसके बाबा का बताया हैवान है, न मां का बताया जख्मी आशिक और ना ही इस परी का बताया खूंखार फरिश्ता। चाचा क्या है यह काम्या खुद अपने लिए तय करेगी।
बहुत ही शानदार अपडेट। मानव ने दानव का लिबास ओढ़ कर भी खुद को इंसानों से बेहतर बनाए रक्खा। बहुत ही खूबसूरत चित्रण।
 

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मानव ने बेड पर बैठ कर चाय के जाम का एक घूंट पीकर मोहिनी को देखा। इस थकी हुई औरत की गहराई में कहीं उसकी दगाबाज दोस्त छुपी हुई थी।


खामोशी बर्दाश्त न होने से मोहिनी ने पहल की।


मोहिनी, “मानव…”


मानव टोकते हुए, “भाभी आप हमारा रिश्ता भूल तो नहीं रहीं? मैं आपका देवर हूं, ऐसे नाम से पुकारो तो लोग क्या कहेंगे?”


मोहिनी, “देवरजी, हम दोनों दोस्त थे। शायद कुछ और भी…”


मानव हंसकर, “ना भाभी!! ना!! ऐसे देवर भाभी के रिश्ते को बदनाम ना करो! आप बड़े भइया से पहले आ गईं? आपको यूं आना नही चाहिए। इस घर में काम करने वाले नौकर भी बदनाम होते हैं। लोग आप के बारे में क्या सोचेंगे?”


मोहिनी, “मानव तुम लोगों का कब से सोचने लगे। मुझे मदद की जरूरत है मानव! मेरे लिए नही तो शाह परिवार की इज्जत के लिए मुझे मदद करो!”


मानव ठहाका लगाकर हंस पड़ा, “भाभीजी, मैं लोगों के बारे में नहीं सोचता पर आप काफी सोचती हो। याद है? जब मैंने तुम्हें शादी करने से रोकने की कोशिश की तब तुमने क्या कहा था? अगर मैं अपने पिता की बात न मानूं तो लोग क्या कहेंगे? होने वाले देवर के लिए मंगेतर को छोड़ दूं तो लोग क्या कहेंगे? जब तुम्हारे पिता ने तुम्हें अपने पति से बच कर रहने की सलाह दी तो क्या कहा? पतिव्रता स्त्री अपने पति का साथ ना दे तो लोग क्या कहेंगे? तो अब उन्हीं लोगों से मदद मांगो जिन्हें खुश रखने के लिए तुमने अपनी और मेरी जिंदगी बरबाद कर दी।“


मोहिनी रोने लगी, “मानव, मैं डरपोक हूं जो पापा के जाने के बाद भी नहीं आई। पर आज अगर तुमने हमें नहीं बचाया तो वसीम भाई के लोग हमें नहीं छोड़ेंगे! नोच नोच कर तोड़ेंगे मेरी मासूम बेटी को! जवान होने से पहले ही मरजाएगी बेचारी! (मोहिनी घुटनों पर बैठ कर हाथ जोड़े रोने लगी) हमें बचा लो!! बचा लो हम बेसहारा औरतों को!”


मानव, “तुम्हारे पिता ने मुझ पर पहले भरोसा नहीं किया पर मेरी उनसे कोई दोस्ती नहीं थी। इस लिए मैं उन पर गुस्सा नही। लेकिन फिर तुम्हारे पिता ने मुझ पर भरोसा किया तब पूरी तरह किया और एक मुश्किल दौर में मेरी मदद की। उस एहसान के बदले मैं तेरी बेटी को 18की होने तक अपनी पनाह में अपनी औलाद की तरह महफूज़ रखूंगा। उसे सही तरह से पढ़ाऊंगा और उसे उसकी काबिलियत के हिसाब से अपने पैरों पर खड़े होने की नीव रखूंगा। लेकिन जिस दिन वह 18 की हो जाए, वह या तो मेरे बिस्तर में होगी या घर के बाहर। रही बात तुम्हारी और तुम्हारे पीछे पीछे छुपकर आते मेरे बड़े भइया की तो तुम्हें अपने सर पर छत रखने की कीमत चुकानी होगी।“


मोहिनी, “कैसी कीमत?”


मानव, “ये बात मैं तेरे पति से करूंगा। तब तक तू मेरी ठुकराई हुई दोस्ती के नाम पर अपनी बेटी के साथ रह ले।“


मोहिनी जानती थी की मानव ने काम्या को बालिक होते ही लूटने का मन बना लिया है तो वह उसे छोड़ने वाला नही। मोहिनी ने बगल के कमरे में जाकर अपनी बेटी को गले लगाया और दोनों मां बेटी एक दूसरे को ढाढस बंधाते हुए सो गई।

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अगले दिन सुबह हमेशा की तरह छोटे और साफिया मानव से मिलने आए तब मोहिनी ने घर की औरत के काम का जिम्मा उठाया और सबको चाय नाश्ता परोसा।


मानव ने मां बेटी को अपने साथ नाश्ता करने को कहा और नाश्ता करने के बाद साफिया से अपने मेहमानों की बात की।


मानव, “साफिया, कल तुम्हारी मुलाकात हो चुकी है लेकिन दुबारा पहचान करा देता हूं। ये मेरी भाभी और भतीजी हैं। एक अरसे बाद ये समाज में वापस अपनी जगह लेने को तैयार हो रही हैं। मैं चाहता हूं कि तुम इन्हें इनके लिए कपड़े खरीदने और बाकी खरीददारी में इनकी मदद करो। छोटेलाल मुझे यकीन है की मेरे बड़े भाईसाहब इनके पीछे पीछे जरूर आयेंगे। तो उनकी खातिरदारी की भी तयारी की जाए।“


छोटे ने सर हिलाकर हां कहा तो साफिया ने बस मानव को कंपनी क्रेडिट कार्ड दिखाया।

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मानव, “खूबसूरत औरतें बड़ी बेरहमी से बदला लेती हैं। काट लो मेरी जान, हम आप से क्या शिकवा करेंगे?”


साफिया और मानव के बीच चलती बातें देख कर मां बेटी उनके रिश्ते को लेकर उलझन में थीं। मोहिनी यह मानना नही चाहती थी पर उसे साफिया से बेहद ईर्षा हो रही थी।


साफिया ने छोटेलाल से काम की कुछ बात की और मां बेटी समझ गए की साफिया और छोटे का रिश्ता क्या है।


मानव, “भाभी, आप ने मुझे और अपने पिता को इतनी ठेस पहुंचाई है कि अब आप हम दोनों से मदद की उम्मीद नहीं कर सकती लेकिन मेरे लिए काम करते हुए आप दोनों मेरी पनाह में रह सकती हैं। साफिया तुम्हें तुम्हारे काम बताएगी और उनके लिए तयार भी करेगी।“


साफिया मां बेटी को अपनी पुरानी सहेली हनीफा के boutique में ले गई और दोनों को अंडरवियर समेत पूरा वॉर्डरोब दिलाया। हनीफा काम्या को तयार करते हुए हिचकिचाई तो साफिया ने उसे यकीन दिलाया की मानव अब भी बदला नहीं। यह बात सुनकर हनीफा ने मोहिनी को जो nightgown दिखाए उस से मां बेटी को मोहिनी पर आने वाली मुसीबत का पूरा अंदाजा हो गया।

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मोहिनी के लिए रोज के इस्तमाल की साड़ी और ब्लाउज भी कुछ ऐसे ही थे जो डिजाइनर look में फैशनेबल थे पर अंग प्रदर्शन में ललचाने के हिसाब से बने थे।


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काम्या के कपड़े मोहिनी से बिलकुल अलग थे। हालांकि दोनों के अंडरवियर बेहतरीन थे काम्या के नाइटगाउन किसी भी जवान होती लड़की का सपना थे।


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काम्या के लिया साफिया के कहने पर घर के कपड़ों के साथ कुछ ऑफिस के कपड़े भी थे।


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अब साफिया ने काम्या को बताया की अगले 2-3 साल तक उसे साफिया की assistant के तौर पर काम करना होगा। यह काम आज जैसा नहीं है और काफी मेहनत और लगन की जरूरत के साथ ही राज़ रखने की जरूरत भी होगी।


आगे साफिया मां बेटी को ब्यूटी पार्लर में ले गई जहां दोनों के बालों को काटा और सेट किया गया। दोनों औरतों के हाथ और पैरों के नाखूनों को तराशने और रंगने के साथ ही दोनों के पूरे बदन को मालिश कर चमकाया गया।


जब मां बेटी साफिया के सामने आईं तो वह दोनों बेहद खूबसूरत पर डरी हुई दिख रही थी।


मोहिनी, “मैं आप के सामने हाथ जोड़ती हूं! आप मेरे साथ जो चाहें करें पर मेरी बेटी को लूटने से बचाइए।“


साफिया, “मोहिनी भाभी, एक औरत होने के नाते मैं आप का डर समझती हूं पर आप का यह कहना ही बताता है की आप कभी मानव शाह को पहचान नहीं पाई। मानव शाह आप से रिश्ता ठुकराएगा क्योंकि आप ने उसे उस वक्त धोखा दिया जब आप उसका इकलौता सहारा थीं। काम्या के लिए मानव सेठ को मैने तड़पते हुए देखा है क्योंकि वह किसी बेकसूर को 13 साल तक उसके हक्क से दूर रख रहा था। आप के साथ मानव सेठ अपना हिसाब करेंगे पर काम्या मेरे साथ काम करेगी।“


मोहिनी को अपनी बेटी के लिए तस्सली मिली पर उसकी कीमत उसे उसकी गिरी हुई छवि जान कर मिली। मोहिनी घर पहुंचते हुए समझ नहीं पा रही थी कि वह मानव से लूटने की बात से डर रही थी या उत्तेजित हो रही थी।


मोहिनी को घर छोड़कर दोपहर को साफिया काम्या के साथ ऑफिस पहुंची। काम्या ऑफिस में अपने चाचा का नाटक तुरंत पहचान गई और उसने चाचा ने मेज पर रखा चाय का जाम उठाकर गटक लिया।


छोटे और साफिया हंस पड़े क्योंकि मानव को एक छोटी बच्ची ने पहली नजर में पकड़ और पहचान लिया था। मानव की नजरों में साफिया ने पहली बार उसके और छोटे के अलावा किसी और के लिए शरारती हंसी देखी थी।


मानव, “तुम्हारे नाना तुम्हें देख कर खुश होते। अब जाओ और साफिया का हाथ बटाकर अपने रहने खाने की कीमत चुकाओ!”


साफिया और काम्या साफिया के दफ्तर में पहुंची तो काम्या सोच रही थी। साफिया ने काम्या से पूछा कि वह क्या सोच रही है तो काम्या बिना हिचकिचाहट बोल पड़ी।


काम्या, “आप की कुत्ते वाली कहानी समझ आ गई। आप का कुत्ता इस लिए भोंकता और काटता था क्योंकि उसे कई बार प्यार करके ठुकराया गया था। वो और चाचा दोनों सिर्फ एक बात से डरते हैं। कोई उन से दुबारा प्यार करके उन्हें ठुकराए। चाचा कटहल की तरह हैं। वह अंदर से जितना ज्यादा मीठा होगा उसके कांटे उतने ही नुकीले होंगे।“


साफिया ने जल्दी से दरवाजे और परदे बंद किए और काम्या को गले लगाया।


साफिया, “तुम्हारे नाना तुम्हारे बारे में सच कहते थे। मैं इस से ज्यादा नहीं बोल सकती!… चलो अपना काम शुरू करते हैं वरना शाम को कटहल के कांटे झेलने पड़ेंगे!”


शाम को मानव अपने तीन हम राज़ के साथ घर लौटा तो वॉचमैन ने उसे बताया की कोई भिखारी उसके लिए रुका हुआ है। मानव ने गंदी मुस्कान के साथ उसे अपने घर छोड़ने के लिए कहा।


वॉचमैन, “मानव साहब, ये गंगाराम आपसे मिलने रुका हुआ था।“


मानव ने गंगाराम को अंदर बुला लिया और छोटे ने दरवाजा बंद किया। छोटे को देख कर गंगाराम कांपने लगा।


गंगाराम, “तुम।!!… तुम मर चुके हो!!… मैने तुम्हें मरा हुआ देखा था!!”


मानव हंसकर, “अरे नहीं!! वो पुराना नाटक!! वो तो मेरे बड़े भैय्या की लालच को ठिकाने लगाने के लिए किया गया था।“


कमरे में मोहिनी और काम्या के बदले हुए रूप को देख कर गंगाराम उन्हें गंदी गालियां देने लगा और मानव की ओर लपका। छोटे ने आसानी से गंगाराम को पकड़ कर गिरा दिया। गंगाराम के हाथ से एक मैला चाकू गिर गया। छोटे ने उस चाकू को रुमाल से उठाया और सबूत की तरह जमा किया।


गंगाराम, “तू मेरा भाई नही, मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी पनौती है! हर बार किसी श्राप की तरह मेरी जिंदगी को जलाने लौट आता है!”


मानव, “हीरेष भैय्या, आप ने जिंदगी में पहली बार किसी के पीछे छुपे बगैर मुझ पर हमला किया है। अफसोस, हमेशा की तरह अब भी मुझे किसी अपने ने बचा लिया।“


हिरेष, “ये सब तेरे पालतू कुत्ते हैं! तू कुछ साबित नहीं कर सकता!”


मानव हंसकर, “हीरेष भैय्या, सबूत जुटाना भी मुझे आप ने ही सिखाया है। याद है कैसे आप ने हमारी मां की इज्जत लूटने के वीडियो बनाए थे? जमाना बदल गया है भैय्या! वो देखो छोटे छोटे कैमरा हर कमरे की हर हरकत और हर आवाज 24 घंटे रिकॉर्ड करते हैं! आप का यहां आना, मुझ पर हमला करना और यह चाकू बरामत होना। सब सबूत के तौर पर कानूनन है। अब सिर्फ एक सवाल है। क्या आप पुलिस हवालात में कानून से सजा पाना चाहते हो या मुझसे कोई सौदा करना चाहते हो?”


हीरेष ने लालच भरी नजरों से मानव को देखते हुए, “कैसा स… सौदा तू इन दोनों को लूटना चाहता है? बदले में मुझे क्या देगा?”


मोहिनी और काम्या चौंक कर हीरेष को देखने लगी।


मानव, “हां, मैं मोहिनी भाभी और कच्ची काम्या की इज्जत लूटूंगा। इतना ही नहीं, जब मैं इन दोनों की इज्जत लूटूंगा तब तू इन्हें पकड़ कर मेरी मदद करेगा। बदले में मैं तुझे वसीम भाई के हवाले नही करूंगा!”


हीरेष ने मोहिनी और काम्या को देखा, “वैसे भी मेरा लौड़ा खड़ा नहीं होता तो ये दोनों मेरे किसी काम की नहीं। लेकिन काम्या की जवानी 5 लाख रुपए दिलाएगी। मुझे तू वो 5 लाख दे दे।“


अपने पिता से नीलाम होते हुए देख कर छोटी काम्या टूट गई और मोहिनी ने अपने पति को पहचानकर काम्या को गले लगाया।


मानव, “काम्या की जवानी बेचने के लिए तुझे वसीम भाई से बात करनी होगी। जा!!… उस से सौदा कर! तू जिंदा बचा तो मैं वसीम भाई से सौदा करूंगा। क्या लगता है? वसीम भाई किस से सौदा करेगा?”


हीरेष गिड़गिड़ाते हुए, “मैंने इन दोनों को इतने सालों तक बचाया छुपाया! मुझे कुछ तो मिलना चाहिए! मैं जानता हूं कि तू जिस कुंवारी को चोदता है वह मर जाती है! मैं इन दोनों को तेरे नीचे पकड़ूंगा। इनकी लाशें भी ठिकाने लगाऊंगा! बस एक बार मुझे cocaine दिला दे। एक कश लेने दे! मैं पूरी जिंदगी तेरे लिए गुलामी करूंगा!”


मानव, “हमारी मां ने खुदकुशी करने से पहले तेरी करतूतों के सबूत मेरे लिए छोड़े थे। क्यों न हम सब मिलकर उन्हें देखें? फिर तू मेरे जरिए अपनी बीवी और बेटी से वो सब करवाएगा जो तूने हमारी मां से किया था। बदले में मैं तुझे तेरे दोस्त Dr Solanki कि तरह हर रोज छोटे के हिसाब से काम करने के बाद नशे की एक गोली दूंगा।“


हीरेष, “रोज़ नशा मिलेगा? चलो अभी इन दोनों को लूट लो! मैं इन्हें हर तरह से तुझ से चुधवाऊंगा! ये दोनों भी इन्हें चोदेंगे? कोई बात नही! सब से इन्हें चुधवाऊंगा!!”


मानव, “चलो भाभीजी!! आप के पति देव आप को परोसने को उतावले हो रहे हैं!”


मानव ने मोहिनी को पकड़ कर उठाया और अपने कमरे में ले गया। हीरेष उनके पीछे पीछे अंदर गया तो छोटे ने दरवाजा बंद करते हुए साफिया के बगल में बैठ गया।


काम्या रोते हुए, “चाचा बहुत बुरा हैं! वो… वो… मेरी मां… मुझे…”


साफिया, “मैंने तुमसे कहा था की मानव शाह किसी बेकसूर को चोट नहीं पहुंचाता। अफसोस कि इस मामले में तुम्हारी मां पूरी तरह बेकसूर नहीं है। तुम्हारे लिए मैंने खाना लाया है। तुम अपने कमरे में बैठ कर खाना खाओ और मेरा दिया हुआ काम कर के सो जाओ। मेरी मां रण्डी थी। मैं जानती हूं कि बगल के कमरे में अपनी मां के साथ जो हो रहा है उसे भूलना कितना मुश्किल है। तुम्हारा काम और तुम्हारी पढ़ाई ही तुम्हें मदद करेगी।“


काम्या, “पर रात में वो मेरे लिए आए तो?”


साफिया, “तुम इस कमरे को अंदर से बंद कर सकती हो और मानव शाह ने कभी किसी के साथ बलात्कार नहीं किया। मैं कल सुबह तुम्हें ऑफिस के लिए लेने आऊंगी। अगर किसी ने भी तुम्हें उंगली तक लगाई तो मैं उसे नामर्द बना दूंगी! समझी?”


सहमी हुई काम्या को साफीया ने अपने कमरे में बंद कर दिया और साफिया छोटे के साथ चली गई। काम्या ने साफिया की बात पर भरोसा करते हुए पढ़ाई और काम करने लगी। आधे घंटे बाद काम्या को अपनी मां की घुटी हुई चीख सुनाई दी और उसके गाल पर आंसू बह गए।
आखिरकार मानव का आखिरी बदला भी पूरा होने वाला है मगर इस हीरेश को तो अपाहिज बना कर सड़क पर भीख मंगवानी चाहिए। ऐसा लगता है कि अब मानव मोहिनी से शादी करके अपनी जिंदगी फिर से जीना चाहता है। देखते है आगे क्या होता है।
 

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मोहिनी को मानव ने बेड पर फेंक दिया और वह डर कर दोनों भाइयों को देखने लगी।


मोहिनी (हाथ जोड़कर), “मानव!!…
मैं तुम्हारी दोस्त!!…
तुम्हारा पहला प्यार!!…
मैं पतिव्रता हूं!!…
मुझे तुम्हारे आपसी झगड़े में यूं बरबाद ना करो!!…

जी!!…
कुछ कीजिए!!…
मैने आप के लिए सब कुछ छोड़ा!!…
मुझे खुशी नही दे पाए तो दर्द तो ना दीजिए!!…
मैं आप दोनों के पैर पड़ती हुं!!…”



मानव अपने कपड़े उतारते हुए, “भैय्या, आप इसके पति हो। इसे नंगा कर दो। मैं भी तो अपना पहला प्यार आजमाना चाहता हूं।“



हीरेष को अपनी बीवी को बचाने की इच्छा उमड़ रही थी। आखिर मोहिनी ने ही पिछले 13 सालों में पीटकर ही सही पर नशे के लिए पैसे दिए थे। दो हफ्ते में दो बार ढंग का खाना दिया था। हीरेष मानव को रोकने मुड़ा जब उसने मानव के हाथ में एक नशे की गोली देखी।



हीरेष को आज माया की हालत पता चली। कैसे अपने अंदर उमड़ते जज्बातों का गला घोंटते हुए नशा अपने तलप में इंसान की इंसानियत को मार देती है। हीरेष वहशी जानवर की तरह मोहिनी पर लपका और उसने मोहिनी को थप्पड़ मार कर बेड पर गिरा दिया।



नशे को तड़पते हीरेष से पीटने को आदि हो चुकी मोहिनी हीरेष से लड़ते हुए अपनी इज्जत बचाने की कोशिश करने लगी। मानव अपने भाई और भाभी की बेड पर चलती लड़ाई देखते हुए अपनी पैंट उतार कर खड़ा हो गया। मानव का 15 इंच लम्बा और 5 इंच मोटा अजगर मोहिनी की नज़र में आया तो उसे मानो सांप सूंघ गया।


हीरेष ने मौके का फायदा उठाकर मोहिनी के हाथों को अपने हाथों में पकड़ लिया। हीरेष ने मानव का फूला हुआ अनैसर्गिक अंग देखा और उसका गला सुख गया।


हीरेष, “मानव… ये क्या??…”


मानव हंस कर, “भैय्या ये आप की गोलियों का असर है। सांड को गर्मी देने की गोलियों ने अब मुझे सांड की गर्मी दी है। एक रात में 16 से 17 बार चोदकर ही ठंडा पड़ सकता हूं!”


हीरेष, “मर जाएगी ये!”


मानव, “सिर्फ कुंवारियां फटने से मरती हैं। अगर ये जवान होती बेटी की मां मर गई तो तुम इसकी लाश ठिकाने लगाना! वरना गोली भूल जाओ और दोनो दफा हो जाओ यहां से!”


मोहिनी, “जी!!…
भाग जाते हैं!!…
किसी गांव में अपना झोपड़ा बना लेंगे! जब काम्या बड़ी हो जाएगी तब उसे लेने आएंगे।
जी!! चलो!!…
क्या सोच रहे हो!!…
जी!!…
जी नहीं!!…
नही!!…
भगवान के लिए अब तो अपनी आंखें खोलो!! नशा छोड़ो!!…
जी!!…
जी!!…
जी नहीं!!…
नही!!…
नही जी नहीं!!…”



हीरेष ने नशे की गोली को देखते हुए मोहिनी के पल्लू को हटाया और ब्लाउज को खोला। मानव ने हंसते हुए अपने लौड़े को हिलाकर खड़ा करते हुए उसे तेल से पोत दिया। मोहिनी ने अपने घुटनों को जोड़ कर अपनी इज्जत बचानी चाही लेकिन हीरेष ने अपनी बीवी की पेटीकोट का नाड़ा तोड़ कर उसे मानव के लिए बस पैंटी में परोस दिया।



मानव को हाथ जोड़कर मिन्नतें करती मोहिनी रोने के सिवा कुछ नहीं कर सकती थी। मानव ने मोहिनी के पैरों को उठाकर अपने कंधों पर फैलाकर रखा और हीरेष ने अपनी पत्नी की इज्जत बचाती lace के पैंटी को उतार दिया।



आज सुबह पार्लर में चिकनी की गई मोहिनी की कसी हुई चूत न चाहते हुए भी यौन रसों से भीग कर अपने प्रेमी के लिए फूल रही थी। मोहिनी ने अपनी इज्जत बचाने की आखरी कोशिश की।



मोहिनी, “मानव मैं मर जाउंगी!!…
मानव मैं कुंवारी हूं!!…
मैं इस से मर जाऊंगी!!…
जी!!…
आप को मेरी कसम, सच बताओ!!…”


हीरेष, “मोहिनी सच बोल रही है मानव। मेरा लौड़ा नशे से कब का बंद हो गया है। शादी से पहले मैने अपने गोटियों में इंजेक्शन लगवा कर अपना बचाकुचा वीर्य निकलवाया। कुंवारी सुहागन होने की शर्म से मोहिनी ने ज्यादा पतिव्रता होने की कोशिश करते हुए हमेशा मेरा साथ दिया। काम्या के लिए हमने डॉक्टरी इलाज से मेरा बॉटल बंद वीर्य इस्तमाल किया। मानव अगर तेरा लौड़ा कुंवारियों का कातिल है तो मोहिनी कल सुबह का सूरज नहीं देख पाएगी। अपनी भाभी नही, बचपन की सहेली नही तो इंसानियत से ही सही। मोहिनी को बक्श दे!”


मानव, “बड़े भैय्या जब आप मां को लूटते थे तब अगर उसका मासिक धर्म शुरू होता तो क्या अपना खड़ा लौड़ा दबा लिया करते थे?”


हीरेष ने सर झुकाकर सच बिन बोले कह दिया।


मानव आह भरते हुए, “ठीक है। मैं मोहिनी को नहीं चोदूंगा! पर इस लौड़े को ठंडा करना होगा। बड़े भइया, या तो अपनी पैंट उतार कर अपनी कोरी गांड़ मुझे दे दो या बगल के कमरे में से कच्ची कली काम्या को खींच कर अपनी मां को जगह लिटा दो!”


हीरेष से डर कर अपनी पैंट कमर में पकड़ ली और चुपके से दरवाजे की ओर जाने लगा।


मोहिनी, “नही!!…
जी नहीं!!…
आप पागल हो गए हैं?…
अपनी नाबालिक बेटी को मरवाओगे?…”


हीरेष, “समझा करो!!… वो नाबालिक है!!… अगर मानव ने उसे चोद कर मार डाला तो वह उम्रकैद के लिए जायेगा! ये सब कुछ हमारा होगा!!”


मोहिनी ने उठकर अपने पति को दोनों हाथों से पकड़ा और जोर से थप्पड़ जड़ा दिया। नशे की आदत से कमजोर हीरेष एक ओर जमीन पर गिर गया।


मोहिनी, “तुम्हें औरत का बदन चाहिए ना? आ!!…
लूटले मुझे!!…
हां मैं कुंवारी हूं!!…
ले!!…
मार दे मुझे!!…
दे मुझे इस मुसीबत से आज़ादी!!…
बस अपना वादा याद रखना!!…
तू मेरी बेटी से उसके बालिक होने तक दूर रहेगा और उसे अपने बिस्तर में लेने से पहले जाने का मौका देगा!!…”


मानव, “मैंने कई सौ औरतों को इस्तमाल किया है पर हर मां एक जैसी ही होती है! मेरी मां ने भी मुझे नशे से दूर रखने के लिए तेरे पति से जान कर भी नशे की गोलियां खाई। जा!!… बेड पर लेट कर अपनी टांगे खोल! अपनी पहली और आखरी सुहागरात को मनाते हुए तेरी कोई आखरी ख्वाइश?”


मोहिनी, “अगर मुझे मरना ही है तो मुझ पर कोई एहसान मत करना और मेरे पति को मेरी हर हालत दिखनी चाहिए!”


मानव ने मोहिनी के पैरों को अपने कंधों पर रख कर अपने सेब जैसे सुपाड़े से मोहिनी की कुंवारी कली को खोला।


मोहिनी, “जी, आप के नशे ने मेरा प्यार लूट लिया, मेरी जवानी बर्बाद कर दी, मेरे पिता को मुझसे तोड़ा, दो वक्त के खाने को मोहताज कर दिया और अब अपनी जान गंवा कर अपनी बेटी जी जवानी खरीदने पर मजबूर कर दिया। आज जी भर के देख लो की अपनी बीवी की जवानी को कैसे जलाया जाता है!”


मानव ने अपनी भाभी की आंखों में हीरेष के लिए जलती नफरत देखी और खुशी खुशी आगे बढ़ने लगा।


सुपाड़े से मोहिनी की यौन पंखुड़ियां फैलने लगी और वह आहें भरती बेड के सिरहाने को पकड़कर अपनी आखें बंद कर रोने लगी। मानव के सुपाड़े ने गीली पंखुड़ियां को और फैलाया तो वह फैलकर अपने जोड़ में से फटने लगी। खून की पतली लकीर ने गांड़ पर से होते हुए चादर को रंगना शुरू किया और मोहिनी अपना सर हिलाते हुए रोने लगी।


मानव ने अपने हाथों को मोहिनी के बगल में रख कर अपने सीने को मोहिनी के ऊपर बनाए रखा। मानव ने अपने लौड़े पर थोड़ा और जोर दिया और उसके सुपाड़े की नोक ने मोहिनी की जवानी के महीन परदे को चूम लिया।


मोहिनी को पहली बार अपनी जवानी का एहसास हुआ और वह झड़ते हुए घूटी हुई आवाज में चीख पड़ी।


मोहिनी, “आ!!…
आ!!…
आ… ई… ई… ईश!!!…
आह!!!…”
बहुत ही जबरदस्त ट्विस्ट, मजा आ गया। आखिर मानव को अपना पहला प्यार मिल ही गया। अब अगर मानव और मोहिनी की शादी हो जाए तो सच में मज़ा आ जायेगा और कहानी को एक जबरदस्त अंजाम भी मिल जाएगा।
 
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