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Incest माया की माया

Ek number

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मैं- यार तू मुझे बहुत प्यारी लगती हो और मैं तेरे प्यार की इज्ज़त करता हूँ.. पर मेरी दिल से पसंद सीमा है। माया- अरे बदमाश तू क्या समझता है मुझे पता नहीं? मैंने अक्सर तुझे उसको घूरते देखा है, पर तुझे पता भी है कि वो एक अलग किस्म की लड़की है। उसे लड़कों में कोई दिलचस्पी नहीं है। उसे तो बड़ी चूचियों वाली चिकनी लड़कियां पसंद हैं। लल्ला
वो लेस्बियन है। वो तुझे घास भी नहीं डालेगी, पर मेरे पास उसका तोड़ है, अगर तू..

इतना कह कर माया मेरे होंठ को चूमते हुए बोली- अगर तू मुझसे गुप्त रूप से शादी कर ले.. मतलब जब तक मेरी असली शादी नहीं होती, मुझे अपनी अर्धांगनी बना ले मेरी जान। यार तू मुझे इतना क्यों भाता है.. पता है? मुझे अपने से कम उम्र के तेरे जैसे बच्चे पसंद हैं। मैं इसी लिए तो तुझ पर मरती हूँ। जब से तू यहाँ आया है तुझे खबर नहीं.. मैंने अपने आपको कैसे सम्भाला है। क्या हम जब तक मेरी शादी नहीं होता तब तक पति-पत्नी की तरह रह नहीं सकते? भरोसा रख.. इस बात की मैं किसी को भनक तक नहीं आने दूंगी। यार सीमा तो क्या.. मैं तेरे लिए दुनिया भर की लड़कियों की लाइन लगा कर तेरे चरणों में रख दूंगी.. पर उस बूढ़े से शादी के पहले मैं तुझे बहुत प्यार करना और भोगना चाहती हूँ.. एक भरपूर जिन्दगी जीना चाहती हूँ मेरे लल्ले। क्या तू मुझे जिन्दगी के कुछ पल उधार देगा?

उसकी आँखें फिर से आंसू से भर गईं, अब मुझे लगा कि वो सही में वासना से तड़प रही है और मुझे उसका साथ देना चाहिए, वो सही में मेंरे प्यार की दीवानी है।

मैं- माया लेकिन मुझे कुछ नहीं आता, मैंने कभी किसी औरत के साथ कुछ नहीं किया। इसलिए तो आज सुबह मैंने तुझे काट लिया था। माया- मेरे दिल के टुकड़े.. मैं तुझे प्यार करने की और औरतों को कैसे भरपूर चोदते हैं.. उसके सभी दांवपेंच सिखा दूँगी मेरे लल्ला.. बस तू मुझे थोड़ी सी जिन्दगी जी लेने दे।

मेरे काटने बात उसे याद आते ही वो मुझ पर झपट पड़ी.. और उसने अपने दांतों से मेरे गालों को बड़ी सख्ती काट लिया।

मैंने चिल्लाते हुए कहा- ओहह.. माँआ..या.. ओह्ह्.. तूने मेरे गालों को चीर डाला.. उफ्फ्फ्फ़ माँ..

वो ख़ुशी से हँस पड़ी और उसके चेहरे पर बदला ले लेने की ख़ुशी झलकने लगी थी। माया- पागल.. साले कुत्ते बन्दर तूने भी मुझे ऐसे ही काटा था और मुझे भी ऐसा ही दर्द हुआ था।

मेरे गाल लाल हो गए थे और उस पर उसके दांत गड़ कर निशान बन गया था उसने फिर प्यार से अपनी हथेली से मेरे गालों को सहलाया और कहा- सॉरी मेरे लल्ला.. पर तूने पागल आज सुबह मुझे बहुत ही जोर से काटा था.. और मैं उस वक्त आवाज़ भी नहीं निकाल सकती थी.. पता है? अब तुझे पता चला कि दर्द क्या होता है.. तुझे तो मैं आज काट-काट कर खाऊँगी.. आज अगर तुझे चीर न दिया तो मैं माया नहीं।

वो कामुकता से अपने दांतों से निचला होंठ चबाने लगी। फिर अपनी जुबान मेरे मुँह में घुसा कर मेरी जुबान से टकरा-टकरा कर मुझे किस कर करने लगी। उसके मम्मे मेरी छाती से कसके चिपके हुए थे और वो अपने हाथों से मेरी जाँघों पर बड़े प्यार से सहला रही थी। मेरे तो होश उड़े हुए थे। मैं उसकी कोमल पीठ पर अपना हाथ बड़े प्यार सहला रहा था और उससे उसे बहुत जोश आ रहा था। मेरा लंड कड़ा हो कर बरमूडा पर तम्बू सा उभार बना रहा था। मेरी सांसें तेज हो रही थीं।

उसने कुछ मिनट तक मेरे होंठों को चूमा और मेरी छाती से अपनी चूचियां रगड़ती रही।

उसके मुँह से ‘उह
उह.. उम्म्म.. उह आहह्ह्ह.. उह.. गूंगूं.. चप.. चप.. चपाक चपाक.. पुच्च्च.. पुच्चच..’ की आवाज गूंज रही थी और वो मुझे बुरी तरह से चूमते हुए चूसे जा रही थी।

अचानक वो अकड़ी वो.. उसने मुझे जोर से भींचा.. और चिल्लाई- आह्ह.. लल्ला.. मैं उफफ.. अहह.. अह्हह्ह… मैं गईईई.. अह्ह्ह.. विकी.. ओह.. मैं गई.. अहह माँ.. मैं मर गई.. उफ़ इस्स..सीसी.. अहह लल्ला मुझे अपनी बांहों में कस ले.. अह.. मैं गई.. उम्म्म्म उह्ह.. विकी.. मुझे थाम ले.. मैं.. गई.. माँ.. मैं ग..इई…ई।

वो जबरदस्त चिल्लाने के साथ झड़ गई और मछली जैसे बिना पानी के तड़पती है.. वैसे तड़पते हुए वो मुझ पर ढेर हो गई।

आगे की कहानी अगले एपिसोड में अप सभी बड़ी जल्दी ही मिलेगी। जिसमें मेरी और माया की हॉट-शॉट चुदाई और उसने कैसे मुझे दूसरी लड़कियों और औरतों से चुदाई करवाने की दास्तान होगी।
Zaberjast update
 
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Ek number

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माया नीचे गई और मैं ब्रश करने चला गया। कुछ पल बाद मैं नीचे गया तो घर का मेन गेट बन्द था और घर में शांति थी।

माया ने मुझे आवाज़ दी- मुन्ना यहाँ आ..

वो अपने कमरे में थी.. मैं उसके कमरे में गया.. तो मैं अचम्भे में पड़ गया। कमरा एकदम सजाया हुआ था और मैं सुबह जो फूल लाया था वो बिस्तर पर बिछाए हुए थे। कमरा मानो सुहागरात का कमरा हो.. वैसे ही खुशबूदार था।

मैंने माया को देखा तो मेरे लंड में करंट दौड़ गया। क्या क़यामत लग रही थी वो.. इतनी तैयार तो वो आज सुबह उस वक्त भी नहीं थी.. जब उसे लड़का देखने आया था। उसने गुलाबी रंग का एकदम लो कट गले का कुरता और सलवार पहना था। वो इतना चुस्त था कि उसकी गोरी मुलायम चूचियां मानो कुर्ती के कसाव की वजह से ऊपर उभरी हुई थीं।

कुरते में ऐसे-ऐसे दबी हुई थीं.. मानो अभी कुरते को फाड़ कर बाहर आ जाएंगी। उसके मखमली गुलाबी होंठ आज कुछ ज्यादा ही रसीले लग रहे थे।

मेरे साथ यह सब पहली बार हो रहा था। मुझे एक अजीब सा पर जिन्दगी का पहला नशीला एहसास हो रहा था। उसने पलंग पर रेशमी मखमली महरून चादर बिछाई हुई थी, पास में पड़े टेबल पर केशर वाले दूध का गिलास था।
Nice
 
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक कहानी है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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abmg

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक कहानी है भाई मजा आ गया
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
Thanks a lot. Keep reading
 
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abmg

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Episode 5

अब तक आपने पढ़ा.. माया मेरे साथ बिस्तर चूमा चाटी में ही झड़ गई थी। अब आगे..

माया मेरे बिना कुछ किए ही मुझे केवल चूमते हुए और अपने मम्मे मुझ पर रगड़ते हुए अपने चरम की तरफ आ गई थी। उसने मछली की तरह तड़पते हुए अपनी काम वासना की चरमसीमा को प्राप्त कर लिया था। वो इतने में ही झड़ कर मुझ पर ढेर होकर थोड़ी देर बेजान होकर पड़ी रही।

दोस्तो, यहाँ मैं आपको एक जादुई बात बता दूँ, औरत जिसको बहुत पसंद करती है और यदि उसी से चुदवाने की उसकी मन की चाह जग जाती है, तो वो चाह उसे बहुत तड़पाती है। परिणामस्वरूप जब वो आदमी उसे मिलता है.. तो वो बिना चुदे ही थोड़ी देर केवल चूमाचाटी करने पर ही झड़ जाती है।

पुरुष के अपेक्षा स्त्रियों में दस गुना अधिक कामवासना होती है। वो तो केवल अपने उस पसंदीदा को देखती भर है.. या उससे नजदीक जाकर बात भी करती.. तो उसकी चूत पनियाने लगती है। तो दोस्त जिस औरत को चोदना है.. उसके अन्दर तुम्हारे लिए एक आग लगाने वाली चाह पैदा करो। उसकी वासना को बहुत भड़काओ और फिर जब फल पक जाएगा तो वो अपने आप तुम्हारी झोली में गिर जाएगा।

माया की 30 साल की कुंवारी जवानी आज मेरी गोद में मचल कर बेहोश सी पड़ी थी। मैं- क्यों क्या हुआ माया..! माया- अरे..! मेरे अनाड़ी लल्ले.. मैं झड़ गई.. मेरा पानी छूट गया। वो मेरी गोद से उठी।

मैं- मतलब.. क्या हुआ? तुम इतना मचल क्यों गईं? हालांकि मुझे इस बात का इल्म ही नहीं था। माया- ठहर.. तुझे अभी बताती हूँ.. क्या होता है।

उसने मेरी टी-शर्ट एक झटके के साथ ऊँची करके निकाल दी। साथ ही मुझे धक्का दे कर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे बरमूडा को एक झटके के साथ खींच कर मेरी जाँघों से खींचते हुए पूरी तरह से निकाल दिया।

अब मैं केवल निक्कर में ही था। मेरी धड़कनें तेज हो गई थीं। मेरा लौड़ा निक्कर में बम्बू सा तना हुआ था। मेरी सांसें तेज चल रही थीं। मेरा शरीर थिरक रहा था। मेरे अन्दर गज़ब की आग लग चुकी थी।

मैं- माया कुछ होगा तो नहीं ना.. मुझे डर है अगर कुछ हुआ तो? वो हँसी- ओह्ह्ह मुन्ना.. भगवान का मुझ पर जो अभिशाप है.. वो आज आशीर्वाद बनेगा। तुझे पता है मैं माँ तो बन ही नहीं सकती.. तो मैं प्रेग्नेंट होऊँगी ही नहीं और कुछ होने का डर ही नहीं है। हां तुझे जरूर होगा.. तू आज मेरा चोदू पति बन जाएगा।

मेरे निक्कर में ही वो मेरे खड़े लंड को बड़े प्यार से सहलाने लगी। अब तड़पने की बारी मेरी थी। वो अपनी एक हथेली लंड को रगड़ते हुए सहला रही थी और उसकी दूसरी हथेली मेरी बड़ी जाँघों को सहला रही थी।

मेरे लंड के सुपारे पर करंट सा लग रहा था और वो झटके मार रहा था। मेरे लंड में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही थी। उसमें एक मीठी सिरहन सी पैदा होने लगी
जो मुझे मीठा दर्द भी दे रही थी।

मेरी आंखें बन्द होने लगी थीं। मेरे लंड में एक अजीब सी फीलिंग्स पैदा होने लगी थी.. जिसका शब्दों में वर्णन असंभव है। मैं सिकारने लगा- सी.. सीई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… अह्ह.. ओह्ह्ह.. माया मुझे कुछ हो रहा है.. प्लीज मुझसे.. र..हा नहीं.. जाआता.. मा..या..

उसने एक झटके के साथ मेरा निक्कर भी खींच लिया और मुझे बिल्कुल नंगा कर दिया। मैंने भी अपने पैर उठा कर उसे सहयोग दिया।

उसने मेरा तना हुआ लाल सुपारे से सजा हुआ मेरा सख्त लंड देखा, तो वो हैरान होते हुए मेरे कड़े लंड को ताकती रही।

निक्कर में से निकला हुआ अकड़ा और फनफनाता हुआ मेरा लंड के बाहर आते ही उसकी आंखें चौड़ी हो गईं। उसका मुँह खुला का खुला रह गया। मेरा तपता लोहे जैसा लंड खीरे सा मोटा और लम्बा ऊपर की और तन कर उठा हुआ था, लंड के ऊपर का सुपारा फूल कर लाल चटख दिख रहा था। उसने लंड पर अपने मुलायम होंठ रखकर किस किया ‘पुच्च्च..’

माया- ओहह.. माँ इतना बड़ा.. तेरी निक्कर में समाता कैसे है? ओह गॉड मैं इससे कैसे झेल पाऊँगी माँ..! उसने लपक कर मेरा लौड़ा अपनी मुठ्ठी में भरकर उसकी चमड़ी सुपारे से नीचे को खींची.. तो मुझे दर्द हुआ और मैं जोर से चिल्ला पड़ा। मैं- अरे माया दर्द होता है.. जरा धीरे..!

अभी मेरे लंड के सुपारे से चमड़ी पूरी नीचे नहीं उतरती थी। क्योंकि मेरे लंड की अभी सील नहीं खुली थी। माया- अरे, ये बहुत गर्म है।

उसने मुझे फिर धक्का दे कर बिस्तर पर लेटा दिया और झुककर मेरे लंड को अपने नरम होंठों से बेतहाशा चूमने लगी। वो अपनी हथेलियों से मेरे गोटियां सहलाने लगी।

मैं मस्ती से पागल हो गया। उसने आहिस्ता से मेरा आधा लंड अपनी जुबान से गीला करते हुए अपने मुँह में लप से ले लिया ‘पुच्च्च..’ मैं सिसयाने लगा- ओह्ह्हह माँ.. यह क्या कर रह..ही हो.. आह्ह.. उफफ्फ.. सी सीसई.. सीस.. उह उह.. माया तुम बहुत अच्छा कर रही हो।

उधर माया अपने मुँह में मेरा लौड़ा ‘लपक.. लप..प चप..प..’ करते हुए चूस रही थी। वो पागलों की अपने मुँह में मेरा लंड खींच रही थी और पूरे कमरे में ‘चाप.. चप.. चप.. चाप..’ की आवाज़ आ रही थी।

दोस्तो, आज मुझे मालूम हुआ कि स्त्रियां एक मर्द को कितना आनन्द दे सकती हैं। चाहे वो उम्र में कितनी ही बड़ी या छोटी क्यों न हो। बस उसे सेक्स के दांवपेंच आते हों।

मैं स्वर्ग से आनन्द की अनुभूति करते हुए बिस्तर पर अपने पैर फैलाए
अपने लंड चुसवाने का आनन्द ले रहा था।

माया की हथेलियां मेरी जांघ और गोटियां सहला रही थीं। उसने अब मेरा पूरा लौड़ा अपने मुँह में भरके उसे अपने थूक से गीला कर दिया था। कभी वो लंड को चूसती.. तो कभी अपनी मुठ्ठी में भरकर उसे मुठयाती।

मैं करीब-करीब चीख सा रहा था- हाँ माया ऐसे ही करो.. ऊऊफ अआह.. सी सी सीस उम्म्म.. ओह्ह्ह्ह.. मा..या.. उफ्फ्फ्फ.. अह्ह्ह। उधर माया के मुँह में मेरा लंड ‘पुच.. पुच..’ की आवाज़ करता हुआ अन्दर-बाहर हो रहा था।

उसने मेरी हथेलियां अपनी चूचियों पर रखते हुए उन्हें मसलने का इशारा किया। मैं भी उसकी गुलाबी कठोर चूचियां अपनी उंगलियों से मसलने लगा.. साथ में जोर से दबाने भी लगा।

वो भी अब गर्म होकर निहाल हो रही थी, उसका तपता हुआ लाल शरीर कांप रहा था, वो भी ‘उम्म्म.. सी.. उफ्फ्फ..’ कर रही थी। उसने मेरा लंड बाहर निकाल कर कहा- मेरी छाती फाड़ दे लल्ला.. इसमें लगी 30 साल की आग आज बुझा दे.. इन्हें पी जा..

उसने जोर से मुझे चांटा मारा और मेरा चेहरा अपनी छाती की ओर खींच कर अपने मम्मों पर चिपका दिया। उसने अपना एक स्तन मेरे मुँह में डाल कर उससे जोर से चूसने को कहा ‘पी जा इसे.. इसने मुझे बहुत तड़पाया है.. फाड़ दे इसे..’ मैं ‘चप.. चप..’ करते हुए उसके निप्पल को अपने होंठों से कस कर चूसने लगा।

वो करीब-करीब चिल्ला सी रही थी ‘और जोर से.. खा जा मुझे.. आआई.. ओह्ह्ह्हो.. सी सीस उफ्फ्फ हां.. ऐसे ही मेरे लल्ला.. हां चूस और चूस.. आउच ऊउम.. हां बस ऐसे और जोर से खींच ले.. मेरी पूरी छाती अपने मुँह में मेरे लाअल्लाआ अह्ह्ह्हह..’

मैं दूसरे हाथ से उसके बाएं दूध को जोर से मसलने लगा.. तो वो मछली की तरह तड़प कर अपनी कमर ऊँची कर-कर के मचल रही थी और पागलों की तरह चीख रही थी- आह्ह.. भर ले.. अपने मुँह में भर ले.. मेरे राज्जज्जा.. अब मुझ से रहा नहीं जाता था..

मेरे लंड से चिकनी लार बहती देखी.. तो वो अपना मुँह मेरे लौड़े पर लाकर 69 की पोजीशन में हो गई। वो फिर से मेरा लंड अपनी जुबान से चाटते हुए अपने मुँह में घुसेड़ कर चूसने लगी।

अब उसके मुँह से ‘गूं.. गु.. हूँ..’ की आवाज ही निकल पा रही थी।

अचानक उसने मेरे लंड को दांतों से काटा। मैं चिल्लाया- ओह्ह्ह्ह..

मैंने उससे कस के चांटा मारा। वो जोर से हँसी और जवाब में मेरे गाल को चबा कर काट लिया। वो मेरा मुँह फिर से अपनी निप्पलों पर दबा कर चुसवाने लगी।

माया- विकी
मेरा होने वाला है.. आह्ह.. जरा जोर-जोर से चूसो आआह.. और जोर से.. उसकी छाती लाल हो गई थी। वो अभी भी पागलों की तरह चिल्ला रही थी- आह्ह.. खा जा मेरे लाला.. खा उम्म्म्म सीस.. इसी तरह.. मैं गई..गई उईईए माआआ.. मैं गई… मुझे अपनी बांहों में ले लो.. आह्ह..

वो जोर से मुझे अपने कठोर चूचियों पर कसते हुए फिर से झड़ गई।

मेरा लंड भी छूटने वाला था। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसके चेहरे को अपने लंड की ओर खींच लिया। अपने लौड़े को जोर से उसके मुँह में घुसेड़ कर आगे-पीछे करने लगा। मेरा पूरा शरीर आग से तप रहा था।

वो अपने दोनों होंठों से मेरे लंड को कसते हुए चूस रही थी। वो मेरे लंड को बड़े जोरों से जंगली अंदाज में चूस रही थी। तभी मैं भी चला गया ‘आहह्ह.. उम्म्म.. माआया..’ मेरे लंड से एक जोर की पिचकारी छूटी और उसका पूरा मुँह मेरे वीर्य से भर गया। वो जोर से खांसी तो मेरा वीर्य उसके मुँह से छलक कर बाहर टपकने लगा।

वो बड़ी नशीली आँखों से मुझे बेशरम निगाहों से देखते हुए मुस्कुरा रही थी। वो अपनी जुबान से कभी मेरा वीर्य चाट रही थी.. तो कभी उसे सूँघ रही थी।

अचानक उसने मेरे गीले लंड को फिर से मुँह में लपक लिया। मैं तो ढेर हो कर बिस्तर पर पड़ा था।

यह मेरी जिन्दगी का पहला डिस्चार्ज था.. जब मैंने किसी के साथ सेक्स करते हुए अनुभूत किया हो।

बाप रे.. सेक्स में कितना आनन्द होता है। यह माया ने मुझे एहसास कराया। मेरी तो आंखें बन्द थीं.. पर वो मुझे कहाँ छोड़ने वाली थी।

आगे की कहानी बहुत ही जोरदार और दिल और अच्छे-अच्छों के लंड और चूत को दहलाने देने वाली है और जल्द आ रही है।

To be continued...
 

abmg

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