Episode 2 season 5
वह से शाम को बाहर आने के बाद मुझे नानी का कॉल आया। उनको डर लग रहा था कि ये कोई ट्रेप तो नही ,पर मैने उन्हें तसल्ली दे दी। नानी इस वक्त हर्मन के पास थी क्योंकि मेरा कोई कॉन्ट्रेक्ट नही हो रहा था तो वो वहां गयी थी। नानी ने कहा कि फोन स्पीकर पर है और कोई और आपसे बात करना चाहता है। मैंने कैज्युअली हा कहा।
"हेलो विकि, सुनैना बोल रही हु"
"जी बोलिये "
" आज के सरप्राइज के लिए रियली सोरी। एक्च्युलि ये करतूत मेरे बेटी शोभा की है। उसे लगा कि तुम इस काम के लायक नही इसलिए टेस्ट कर रही थी। पर तुमने काफी अच्छे तरीके से संभाला"
" मिस सुनैना , नानी ने मेरे बारे में बताया होगा या मेरे बारे में आपने कही से भी जो सुना होगा वो इस वाहियात टेस्ट के बाद आपके बेटी की अक्लमंदी की टेस्ट करनी पड़ेगी ऐसे लगता है। ये जो भी चल रहा है उसमें सबसे ज्यादा जान का खतरा मुझे है। इस बार नानी की वजह से कुछ नही किया। नही तो ये भेजी हुई चमची। जिसने भेजा वो जिस चेयर पर बैठे वोडका पी रही है। उस चेयर के साथ गायब हो जाएगी। मैं झुनझुनवाला बाद में विकि पहले हु। नानी ने क्या बताया मालूम नही, मैं आपके साथ किस भी तरीके का गठबंधन नही करना चाहता, बाय…"
मेरा गुस्सा काफी हायपर था। कोई मेरी टेस्ट ले ये मेरे ईगो को काफी हर्ट करने वाला मोमेंट था।
इधर हर्मन के पास,
" व्हाट द फक ऑफ धिस?" कंचन ,हर्मन की बहू चौकते हुए और थोड़ी गुस्से में तिलमिला गयी, " कितना बत्तमीजी से बात करता है आपका पोता।"
" किसी करप्ट गुंडी, हवसी पोलिटीशनी औरत के साथ एक ऐसे आदमी को टेस्ट करवावोगे जिसके ऊपर कुछ समय पहले ही जानलेवा हमला हुआ है वो कैसे रिएक्ट करेगा," नानी ने जबाब दिया।
" रियली सोरी डियर" सुनैना काफी शर्मनाक फील कर रही थी। अभी के समय झुनझुनवाला और मेरी क्या जरूरत है ये एक अनुभवी औरत को ही मालूम।
" पर वो मेरी लोकेशन और सिच्युएशन कैसे जानता है?" शोभा घबराई थी। उसका दाव उसे कहि महंगा ना पड़े ये डर उसे लगने लगा।
" विकि है वो, इस शहर के बड़े बड़े हस्ती और शनपत्ति करनेवालों की खबर होती है। उसका खुद का एक इन्वेस्टिगेशन टीम है। मैं उसकी मालकिन नही वो मेरा मालिक है। उसके बाप का खून छोड़ा तो उसके जैसा नही है तो अगली बार संभाल के, वो जो बोला है वो बिना पलक झपके कर देगा।," इतना कह नानी ने वह से सुनैना को अलविदा कह निकल गयी।
कायरा," इनका साथ होना जरूरी है क्या? मेरे बुआ को धमकी दे, मेरे परिवार को धमकी दे ऐसे आदमी से मैं रिश्ता बनाऊ?"
सुनैना," वैसे देखा जाए तो हा। तुम्हारी लाइफ के लिए जरूरी है। एक ही उम्र के हो दोनों। वो अभी झुनझुनवाला का आधा एम्पायर संभाल रहा है और तुम ड्रग्स, दारू, पब में डूबी हो। हर्मन को संभालने के लिए ए सही इंसान है।" इतना कह सुनैना भी निकल गयी।
कंचन," शोभा इट्स नॉट डन। इसका जवाब तो देना होगा।"
शोभा," हर्मन से शनपट्टी करने का जबाव मैं दूंगी जरूर, अपने बॉडीगार्ड बढ़वा दो। उसकी ताकद को भी कम समझ के भूल नही करनी चाहिए।"
शोभा और कांचन अपनी बातों में लगी और कायरा सूरज जैसे ही नीचे गिरा अपने नशेड़ी दोस्तो के साथ पब के लिए निकल गयी।
***वो पब एक्च्युलि विकि का था जो हाली में रियल इस्टेट की डील में उनके नाम हुआ था। ये बात हाली में हुई थी तो बाहर कोई न्यूज़ नही थी। आज उस पब में विकि भी पहली बार गया था। वहां के नजारे और करतुते देखने। ड्रग्ज माफिया शहर में था तो वो उसके इस पब में भी होगा ये आम बात थी।***
भानुमति के हवेली से ये पब रास्ते मे था तो दिमाग ठंडा करने वहां पर काफी भीड़ थी पर ऊपरी हिस्सा व्हीआईपी था तो वो काफी सुना था। वहां पर कई लोग झुंड में थे। डांस, हुल्लड़बाजी कर रहे थे। उस चीजो के लिए बॉडीगार्ड्स थे।
ए जगह सेक्स सर्विस का कव्हर था। यहाँ पर एम्प्लोयी करके लड़के जमा कर बड़े घर की औरतों के शौक पूरे किए जाते थे। लडकिया जमा के बड़े घर के मर्दो के शौक। ज्यादातर आउटडोर कॉल थे। मैं उसी कस्टमर की गेस्ट चेक करने वहां गया था। काफी महीनों से ये पब कम क्लब चल नही रहा था। नए जिगलो रिक्रूट नही थे पुराने निकल जाए रहे थे। लडकिया भी भाग रही थी। क्योंकि अमीरजादे मर्दो औरतो के घिनोने फेंटसी के चलते उनकी जान की आफत आ जाती थी।
उस दिन वहाँ कायरा मौजूद थी। वो और उसके दोस्त वैसे रोजाना वहां आते थे पर आज यहां आना और मेरा भी यहां होना कुछ अलग मोड़ ला दिया। कोई गैंग ने नीचे आकर मेरे नाम का पुकारना चालू किया। मेरा नाम कोई जानता नही था तो कोई कुछ बोल नही रहा था। बॉडीगार्ड्स उनको रुका रहे थे पर उनके हाथ मे गन्स थी। तो वो सेफ डिस्टेन्स पर थे।
मैं शोर सुन नीचे आया। हर कोई उस "विकि" को देखने के लिए उत्सुक था। कायरा तो बार पे बैठ दोस्तो के साथ मेरे मौत का तमाशा देखने के रुख में थी।
मैं नीचे आया और उस 4, 5 लोगो के गैंग के सामने खड़ा हो गया। एक हट्टा कट्टा बॉडी मसल वाला नो जवान और चार पांच हट्टे कट्टे गुंडों के बीच आज क्लेश होगा ये देख नशेड़ी पब्लिक चियर्स करने लगी। पर वो लोग एंटरटेनमेंट के मुड़ में जरा भी नही दिख रहे थे।
"क्यो बे घोंचू, नया लगता है शहर में" गन निकलते हुए एक 28, 30 साल का उनका बोस मेरे पास आने लगा, " चार पैसे क्या आ गए, मारने काटने की धमकी देता है। अब मार के दिखा। तुमको मालूम किसकी बात कर रहा हु मैं।"
इस सब कोड वर्ड का पता सिर्फ उस जगह में तीनों को था। एक मैं ,दूसरा ये और तीसरी कायरा। मुझे मालूम नही था कि कायरा वह थी तब तक।
" अभी अपना वक्त गिनना चालू कर, ये तुम्हारा जिंदगी का आखरी वक्त है। " उसने रिवॉल्वर मेरे सर पे तानी। मेरी आँखें सीधे उसके आंखों से भिड़ रही थी। उसे लग रहा था कि मैं डर जाऊंगा और माफी की भीख मांगूंगा। कपड़े से गैंगस्टर लग तो रहे थे पर ऐसे सिचुएशन में कभी फसे नही होंगे इसलिए वो आदमी पैनिक होने लगा।
पैनिक होने के चक्कर मे रिवॉल्वर का उसका बॅलन्स छुटा और रिवॉल्वर वर समय देख मैंने कब्जा कर लिया। और बिना सेकंड गवाए उसे चार चेलो के गुर्दो पर गोली के निशान गुंदवा दिए। ए इतना जल्दी हुआ कि अचानक से अफरा तफरी मच गई। मैंने हवा में एक गोली फेकते हुए "अटेंशन प्लीज" चिल्लाया तो सब जगह पर रुक गए। कायरा की आंखे फ़टी की फटी थी।
"देख भोसडीके , आखरी गोली बची है। चाहिए तो बोल," मैंने उसके प्रायवेट पार्ट पर निशाना लगाते हुए खुन्नस दी। वो फट्टू एक फटके में मुत पड़ा और उसी जगह मेरे पैर में गिर गया। मैंने उसके भेजे पर बंदूक लगाई, " देख चुतये , अगर मारना है तो मार देने का, वॉर्निंग बोर्निंग देने के लिये हम लोग हीरो नही है रे। तेरे को विलन का कैरेक्टर नही मालूम क्या? मारने का तो एक सांस में ठोक देने का.. एक गोली , सुकून से आत्मा को टाटा बाय बाय"
" मुझे बख्स दो, मैं मैं….मैं फिर से …" वो हकला रहा था। मुझे उतना टाइम नही था कि वह और रुकू। मैंने बॉडीगार्ड्स को वहां से इनको साफ करने को बोला और वहां से निकल गया। थोड़ी वक्त में होश में आते हुए कायरा ने मेरा पीछा किया पब के डोअर तक पर तब तक मैं निकल गया था।
वहां से सीधा मैं घर चला गया माँ के रूम में । मा जग रही थीं । नानी की गोलियां होती थी तो वो जल्दी सो जाती थी। मामा मामी ने घर के हालात देख सेफ्टी के लिए दूसरे बंगले में शिफ्ट हुए थे। दादी रजिया जुनैद हमेशा फार्महाउस में थ्रीसम में मशगूल थे। मा अभी अकेली पड़ गयी थी। चेतन भी काम की वजह से आजकल बाहर ही रहता था।
मुझे देख जैसे मा बोखला गयी। सीधे आके मेरे गले चढ़ गई,"कहा था इतने दिन, तुम्हारे मा की याद ही नही तुम्हे। अभी अकेला घर खाने को दौड़ता है। " मैंने कुछ जवाब नही दिया। बस उनके माथे पर चूमा और बेड पर लिटा दिया। उनको पीछे से बाहों में लेकर लेट गया। उन्होंने मेरे हाथों को कस के पकड़ा जैसे मैं कहि उन्हें छोड़ न जाउ। मा एकदम बच्चे जैसा बर्ताव कर रही थी। वो उसवक्त रोज वाली नाइटी में थी पर सिर्फ गाउन ओढा था। अंदर कुछ भी नही था। शुरुवात में जब गले मिली तब वो पुरी ठंडी पड़ी थी। मेरे से चिपकने से अभी काफी गर्म हो गयी थी। बेड पर लिटाते ही गाउन कमर तक ऊपर आ गया। उनकी गांड और चुत खुली पड़ गयी। मैं गांड पर लन्ड घिसते हुए चुचे दबाने और मसलने लगा। "आह उम्म उफ" उसकी धीमी सिसकिया सुनाई दे रही थी। वो झट से मेरे तरफ घूमी और उसकी वजह से चुचे छाती पर लपके और लन्ड चूत पर घिसने लगा। ज्यादा वक्त न गवाते मैंने लंड में घुसाते हुए प्रोग्राम आरम्भ किया।
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