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Adultery मिस्टर वारिस - Adultery, Incest, Thriller

कहानी के लिये क्या सुझाव है?

  • बहोत अच्छी

    Votes: 43 62.3%
  • अच्छी है

    Votes: 20 29.0%
  • ठीक नही

    Votes: 1 1.4%
  • कुछ कमियां है (कमेंट में बताएंगे)

    Votes: 3 4.3%
  • लिखना बंद कर दे तु!!

    Votes: 2 2.9%

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achinsaha

I 🖤 🖤Darkness 🖤🖤
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Season 1 || Episode 1
इस कहानी की शुरुवात होती है असल मे मेरी पारिवारिक इतिहास से पर मै इस कहानी को उस जगह से शुरू करना चाहता हु जहा से मुझे इस कहानी का पता चला । नमस्कार दोस्तों , मेरा नाम विकास (विकि ) और मै आज मेरे जिंदगी गई गंदगी आपके सामने बया करने जा रहा हु।


कोविड के बाद मेरे कम्पनी का काम घर से होता था। वैसे मैं बचपन जे होस्टल में ही रहा हु। बचपन मे मा बाप का तलाक होने के बाद मुझे होस्टल का रास्ता दिखा दिया गया। कुछ सालों बाद दोनों ने अलग से अपना संसार बना लिया नई शादी करके और मैं तो जैसे अनाथ ही हो गया। पर सबसे ज्यादा महसूस तब होने लगा जब मुझे होस्टल ने रूम खाली करने के लिए कहा। जाहिर सी बात थी कि नए स्टूडेंट्स के लिए रूम देना होस्टल का काम था।


उस समय मेरी उम्र २५ की थी और बार, होटल, स्ट्रीट फाइट और न जाने किस किस जगह पे काम कर मैं कम्प्यूटर साइंस की डिग्री तक पढ़ाई खत्म कर चुका था। कोविड खत्म होते होते एक विदेसी कम्पनी में जॉब का इंटरव्यू दिया था। बेरोजगारी कम थी कि होस्टल छोड़ने की नोटिस आगयी। नई मुसीबत आन पड़ी। पढ़ाई के लोन सर पर थे।हफ्ते भर का समय था मुझे होस्टल छोड़ने के लिए।


सारा सामान बंधवा कर मैंने गिने चुने होस्टल मेट्स से बिदाई की रस्म पूरी कर आया। कम खर्चे का घर हमारी शहर में ढूंढना मतलब बड़ी ही परेशानी वाली भागदौड़ थी। फिर भी पूरा आत्मविश्वास जुटा कर मैं घर ढूंढने लगा। पर कहते है कि भगवान के घर देर है पर अँधेर नही । हताश होकर मैं सातवे दिन अपने नसीब के भरोसे होस्टल से निकल पड़ा और रास्ते पर आते ही मुझे एक कॉल आया।


" विकि?"


एक चालीस पैतालीस साल की औरत का फोन था।


"जी बोल रहा हु, आप कौन?"


"मैं मिसेस कल्कि झुनझुनवाला, आप प्रमिलादेवी के ग्रैंड सन हो ना?"


प्रमिला देवी… इस मुसीबत को मैं कैसे भूल गया। बदनसीबी से ये मेरे दादी है। मेरे महान पिताजी की माताजी। इनके पराक्रम ऐसे है कि मेरे पिता जी इनके तीसरे पति के इकलौते बेटे। पहले दो पति का, उनका इनके पति होने का कोई कायदे का प्रूफ नही है, बात समझ रहे हो ना? नस्ल की बेहया और अय्याशी में मगरूर औरत है ये। मेरे मा बाप का डिवोर्स होने में इनके महत्वपूर्ण योगदान है। इनका पोता होने से अच्छा मैन अनाथ होकर जीना पसंद किया इससे ही आप समझ जाओ इनकी क्या वैल्यू है मेरी जिंदगी में। अब इन्होंने क्या नई मुसीबत खड़ी की है वो देखते है।


" माफ कीजिये, मैं ऐसी किसी औरत को नही जानता, अपने गलत जगह फोन लगाया है। WRONG NUMBER………"


इतना कहकर मैंने फोन रख दिया। पर कुछ समय बाद उसी नंबर से फिरसे कॉल आया। पर इसबार फोन पे कोई और था। इतनी भी सोचने की बात नही है, माननीय श्रीमती प्रमिलादेवी खुद अपने गटर भरे मुह से मेरे कानों में टपक पड़ी थी।


" विकि बेटा.."नशे में धुत आवाज ।


"क्यो परेशान कर रही है आप मुझे, आपके बेटे ने कब का आपसे रिस्ता तोड़ दिया है और आपके कृपा से मुझसे भी। और क्या छीनना चाहते हो…!?"


मेरा गुस्सा चरण पे था। मिस कल्कि झुनझुनवाला ने बीच मे आते हुए मुझे समझाने की कोशिस की,


" देखो बेटा, तुम्हारा गुस्सा जायस है और मैं आप लोगो के पारिवारिक मामले में टांग नही अड़ाऊंगी। मैंने तुम्हें इसी लिए कॉल किया था कि ,तुम्हारे दादी के करोड़ो रूपये के कर्ज बाकी है। उसे देने के लिए उन्होंने आपका नाम बताया। मुझे मालूम है कि यह इतनी आसान बात नही, पर तुम्हारे दादी के और मेरे पति के 'पुरानी' जान पहचान के चलते कुछ सोचा है मैंने, बस तुम आज शाम को मुझे मेरे पते पर मिलने आ जाना।


अभी मेरा माथा ठनका, मैं गुस्से में ही बोला," मुझे उनसे कोई लेनदेन नही है,.....।"


मिस कल्कि," हम आपको पूछ नही रहे है, बता रहे है। अगर सीधे से नही आओगे तो मेरे लोग लेने आ जाएंगे।मैं फोन रख रही हु।"


मुसीबते आती है तो पूरी बारात लेके आती है। मुझे बिना झंझट का ये मैटर खत्म करना था इसलिए दिनभर रूम के लिए भटक कर मैं झुनझुनवाला के पास चला गया। शहर के व्हाइट कॉलर सबसे महंगे एरिया में एक बंगले का पता था वो। मैं आने वाला हु यह सेक्युरिटी को पहले से ही पता था। उन्होंने बिना नोकझोक मुझे अंदर भेज दिया।


मैं जिस समय गया था उस समय वहां घर मे कोई नही दिख रहा था। मैं बडेसे दरवाजे के सामने जाकर घंटी बजाई।दरवाजा एक मोटीसी मध्यम आयु की एक महिला ने खोला। उसने करीब करीब साड़ी पहन रखी थी। करीब करीब इसलिए कह रहा हु क्योकि उसने साड़ी क्यो पहनी थी इसमे ही मुझे कुछ लॉजिक नही दिख रहा था। वैसे भी वो बहोत ज्यादा ब्लाउज परकर के दिख रही थी। 40 44 40 की बला मेरे मुंह से कुछ निकलने से पहले ही मुझे खींच कर हॉल के कॉर्नर में सीढियो के नीचे के एक रूम में लेकर गयी और दरवाजा बंद कर दिया।


" तुम्हे अकल नही क्या? तेरे मेनेजर को बताया था कि अड्रेस के पीछे के बाजू से भेजने को, तू सामने से क्यो आया?" वो।


मुझे उसकी बातें समझ नही आ रही थी।उनका चेहरा जाना पहचाना लग रहा था पर ध्यान में नही आ रहा था। गिन चुन के कुछ शब्द जमा कर बोलने ही वाला था उतने में उन्होंने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। एक 50 साल की औरत मेरे सामने नंगी खड़ी थी। कॉलेज में रंडिया बहोत चोदी थी पर ऐसा कोई सिन कभी नही जिंदगी में आया था।



उसने देखते ही देखते मेरे ऊपर सांप की तरह रेंगना चालू कर दिया। मेरे पेन को आधा नीचे कर हिलाना चालू कर दिया और देखते ही देखते चूसने भी लग गई । उसे किस बात की जल्दी थी , असलियत मे ये रंडीबाज है कौन? इसका मुझे कुछ मालूम पता नहीं हो रहा था । मै बर्फ की तरह स्तब्ध था।


अचानक से कुछ गाडियोकि आवाज आई और वो कपड़े जमा कर भाग गई। मैं तो जैसे पगलाने के कगार पे था। मैंने फिरसे एकबार पता चेक करने के इरादे दे सवर के बाहर आया तो दरवाजे पे बारात खड़ी थी।


"विकि बेटा"


आवाज थोड़ी बहोत पहचान की लग रही थी। कुछ कुछ झुनझुनवाला की जैसी। मैं कुछ बोलता उसके पहले वो मेरे गले आके मिली।


"तुम कब आये?" वो।


मैं ये सब सपने की तरह देख रहा था। पर वो जैसे बरसो से जानती हो ऐसे पेश आ रही थी।


"आगये हो तो , तुम्हारी पहचान करवा दु तुम्हारी 'फैमिली से' " वो।


आखरी वाले शब्द जहर जैसे चुभ गए। फिर भी, चलो मिलते है मेरी सो कोल्ड फेमिली से। इनके इरादे देख लगता है आज इस अनाथ को गोद लेने का प्रोग्राम रखा हो । सभी बड़े डायनिंग पे जमा हो गए। माफिया वाला फील आ रहा था।


मेरे सामने कुछ 10 15 लोग खड़े थे। बड़ा महल ,बड़ी फेमीली। उस मे एक चेहरा धुंधला धुंधला पहचान का लग रहा था। पर कुछ सोच पाउ उससे पहले इंट्रो चालू हुआ।


ये है,


यशवंत: बड़े मामा , 48 साल, घर का बिजनेस।

शाश्वती: बड़ी मामी, 45 साल , हाउसवाइफ।

रितु: बड़ी बहन , 30 साल, बड़े मामा मामी की बेटी, संसार छोड़ आई हुई।


नीलम: बड़ी मौसी 45 साल, हाउसवाइफ।

निलेश: बड़े मौसा 42 साल, घरेलू रियल इस्टेट बिजनेस।

नीतू: बड़ी बहन,


सरिता (सरु): छोटी मौसी, 35 साल, घरेलू बिजनेस।

विश्वास: छोटे मौसा,38 साल, घरेलू होटल बिजनेस।

(कोई संतान नही)


अभी आया हार्ट अटैक मोमेंट*


ये है तुम्हारी माँ , सुशीला देवी (उम्र 40, घरेलू ब्यूटी पार्लर बिजनेस)

और ये सौतेले पापा , चेतन, उम्र 35 साल।


"कोई संतान नही"


किसी बच्चे को तड़पाने का नतीजा भगवान इनको देना ही था। बारातियों का परिचय हो चुका था। अभी आगे,


और मैं तुम्हारी माँ की माँ तुम्हारी नानी " शर्मिलादेवी झुनझुनवाला।"


"अभी गोल गोल बाते न घुमाते हुए सीधे मुद्दे पे आते है। तुम्हे यहां बुलाने का मतलब सिर्फ फेमेली ही नही , उसके साथ कि जिम्मेदारी भी है।"


मैं मिश्किल ओठो में हस दिया। सबके चेहरे शोक में हो गए। दादी ने भी हल्की एटीट्यूड स्माइल देकर बात चालू रखी।


" जैसे कि तुम देख ही सकते हो कि इस परिवार का वारिस बने ऐसा कोई है नही। अब ये जगह तुम्हे भरनी है। थोड़ी बेशरम फेमिली लगी होगी तुम्हे ये पर हालात के मद्देनजर थोड़ा प्रेक्टिकल सोच लो। अगर तुम वारिसदार नही बने तो झुनझुनवाला एम्पायर होटल बिजनेस से बाहर हो जाएगा। दर असल तुम्हारे मामा के बाद घर मे कोई और नही है जो इस जगह के लिए कोलिफाइड है। तुम्हारे पिता, जन्मदाता पिता को भी इसके लिए मनाया गया पर तुम्हारी माँ के साथ हुए झगड़े में वो दूसरे गुट से मिल हमारे एम्पायर को तोड़ना चाहेंगे। हमसे पहले तो नही पर अब के बाद वो भी ये ऑफर तुम्हे जरूर देंगे। खानदानी दुश्मनी जो ठहरी।"


तभी वही औरत जो हवस में डूबी मुझे खाने के लिए टूट पड़ी थी वो अचानक से ऊपर से नीचे उतरते हुए आई।


नानी," इनकी पहचान करना रह गया। ये महोतरमा है आपकी दादी, आपके सगे पापा की माँ, मेरी बहन।"


बहन? दादी? जो औरत मेरा लन्ड मुह में लेके मेरा स्वागत की वो मेरी दादी थी।


है भगवान, है कहा रे तू 🎼🎼


नानी" तुम करीब करीब आधी नस्ल से हमारे वंश नियमोके आधीन हो। शिक्षा से भी उच्च शिक्षित हो। स्वयसुरक्षा के भी गुण है तुममे। बस एकबार मान जावो तो फेमिली रजिस्ट्रेशन के बाद तुम सितारा होटल्स के मैनेजमेंट टेस्ट के लिए कोलिफाइड हो जावोगे।"


मैं गला खराष्ते हुए," नानी, आपको नानी इस लिए बोल रहा हु क्योकि किसी इरादे क्यो ना बुलाया हो आपने पर अच्छा लगा मुझे आपका अपनापन। मैं आपका वारिसदार बनने के लिए कुछ शर्तों से तैयार हूं पर पैसो के लिए या जायदाद के लिए मत समझना।


नानी," नही नही, तुम्हे पैसो की लालच नही ये जानती हूं। पूरा बैकग्राउंड चेक की हु। इसलिये तो तुम्हे चुना गया है। घर की बेटियों को ऐशो आराम से फुर्सत कहा।तुम शर्त बतावो…"


" पहली और जरूरी बात, इस घर से पेपर के अलावा कोई नाता नही है मेरा। खास कर इन (मा, सौतेले पापा की तरफ उंगली करते हुए और दादी की और उंगली करते हुए) लोगो से। कैसे भी हो, फेमिली से गद्दारी मुझे पसंद नही । और इसी कारण से ये वारिसदार का ऑफर मैं मान रहा हु क्योकि, सामने वाले ने मेरे पैदा होने के साथ ही बहोत सारी गद्दारीया कर रखी है, उसके प्रायश्चित की अब बारी है। गद्दी, पैसा, गाड़ी, घर और कुछ, ये सब तो मिलेगा ये आपका थाट देखकर मैं समझ गया। पर मैं इस घर मे नही रहूंगा। बचपन से अनाथ हु, इतने लोगो की आदत नही है। बस अभी के लिए इतनाही।"


"तुम्हारी सारी शर्त मंजूर !! तुम्हारी गाड़ी, क्रेडिट कार्ड और एक फार्म हाउस और एक VVIP होटल रूम तुम्हारे काम के लिए दी जाएगी। कल से तुम किससे क्या नाता रखते हो ये तुम्हारे उपर छोड़ देती हूं। पर तुमने मुझे नानी बोला है और ऑफर मंजूर किया है उस हिसाब से कल से तुम सितारा होटल्स ग्रुप के वर्किंग डायरेक्टर की गद्दी संभालोगे। इज दैट क्लियर?"

नानी से सबकी ओर गर्दन घुमाई और मेरे साथ सभी लोगो ने हामी भर दी।

........ Episode 2 Loading.....

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Nice beginning
 
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WriterTeja

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Season 2 Episode 9
सुबह डायनिंग पर मा , दादी , नानी , मामा, मामी, रितु थे। जुनैद और उसकी माँ किसी काम से गाँव निकल गए थे। नाश्ते के बीच मे ही मामा कल की सरप्राइज के लिए माफी मांगने लगा पर मैंने उन्हें अपने मन मे कोई गिलाशिकवा न होने की बात साफ कर दी। मामा ने करीब करीब सुकून भारी सांस छोड़ी।

" छोटे , मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए थी ऑफिस के काम के लिए। शाम को वक्त मील गया तो प्लीज ऑफिस में आ जाना । " रितु ने मुझे आज बहोत दिनों बाद हक से पुकारा था। आज सही में परिवार में बैठने का फल आ रहा था।

मामी," विकि बेटा, नाश्ता होने के बाद कमरे में आ जाना कुछ बात करनी है !" सभी लोग जाने के बाद मामा मामी बचे थे। तभी मामी का बुलावा एक समय के लिए टेंशन दे गया। ये कुछ ज्यादा ही फ़ास्ट नही हुआ?

मा और नानी आज किचन देखने वाली थी। दादी हर बार की तरह नशे में धुत होने निकल गयी। रितु डायनिंग से ही ऑफिस के लिए रवाना हुई। मैं रूम में जाकर तैयार होकर मामी के रूम में गया। मामा भी वही पर थे।

नॉर्मली ये थोड़ा ओवर हो गया ऐसे बोल सकते है लोग। मामा काम से रिटायर्ड हो चुका था। गोल्फ, लाफिंग क्लब, बार्स में उसका समय बुढापा गुजारने में निकालने का उसका फैसला था। मैं रूम में गया तो मामा राइडिंग वाले कपड़े में था। मेरे ख्याल से वो आज राइडिंग टूर के लिए निकलने वाला था। मामी स्लीवलेस ब्लाउज और ट्रासंफरेंट साड़ी में ढली थी।

"हा मामी जी ?" मैं कैज्युअली पूछ लिया।

"कितनी दे लगा दी जानू" मैं शॉक में जाने से पहले ही मामी ने करीब आकर ओंठो पर धाबा बोल दिया। मामा बराबर मेरे सामने था। मुझे यातो उनको शॉक या गुस्से में पाना अपेक्षित था। पर मामा ने एकदम एंजोयिंगली स्माइल दिया। मैंने मामी को संभाला और थोड़ा सरका।

" मामा जी सोररी ये…"मैं अपनी बाजू रखने लगा।

" कोई नही विकि। अब बीवी ही बेवफा हुई तो तुम्हारी क्या गलती। वैसे भी मैं समय दे नही पता, खैर तुम ही सही। " मामा शब्दों को टटोलते बोल गए।

"पर मामा…"

" मैं ए नही कहता कि ये सही है ब्ला ब्ला ब्ला। पर मैं इतना लाचार हु की अपनी स्वाभिमान के लिए डट के खड़ा रह सकू इतन लायक नही। और वैसे भी खेती अपने घर की और अनाज भी अपने घर ही आएगा तो दिक्कत क्या है। अबसे मैं रिटायर्ड हु। इस झमेलों से दूर ही रहूंगा। झुनझुनवाला की जिम्मेदारी अब तेरी.." भरी आंखों से मामा ने मामी के गालों पर गुड़ बाय का चूमा लेकर अपनी सवारी पे निकल गए।

" इतना क्या डर रहा है। वॉल्टन में घिरे परिवार में कोई पवित्र नही है। यहां रिश्ते सिर्फ व्यवहार है। " मामी की मायूसी नापते हुए मैंने उनको बाहों में लिया और कस के चुम लिया। मामी काफी मजे ले रही थी। दोनों दोपहर तक तगड़ा सेक्स किये। मामी उम्र के हिसाब से काफी स्टेमिनेबाज थी। दोपहर खाना खाकर मैं ऑफिस के लिए निकला रितु के पास।

ब्यूटी पार्लर सलोन्स को रितु देखती थी , चेतन रियल इस्टेट देख रहा था। एक कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स में रितु ने अपना ऑफिस बनवाया था। जिसमे उसके गिने चुने लोग रहते थे। मैं गया तब दो चार लड़के अपना इन्शुरन्स लेने के लिए झगड़ रहे थे । मैं झट से अंदर घुसा तो एक लड़का और दो लड़कियां (एक औरत होगी शायद) वहां उनको शांत करते दिखे।

"आप बाद में आइए प्लीज, अभी यहाँ बिजी है हम"

मैंने उनको बाजू किया और लड़कों के पास गया।

" क्या शोर है ये? तमीज से जरा "

एक लड़का," तू क्यो बीच मे चिल्ला रहा है बे भोसडी के?" दूसरा," तेरे को प्रॉब्लम है तो कान में रुई घुसा ले रंडी के…।." तीसरा अपनी कम्युनिकेशन स्किल दिखाने ही वाला था कि उसके गाल पे एक तगड़ा खींच लिया कि वो बेहोश हो गया। पहले की तो वो सिन देख मूत निकल गया। दूसरा,"सोरी सोरी, प्लीज हमे बक्शो, हम तो सिर्फ अपने हक का लेने आये है।"

" हर चीज का एक तरीका होता है। यहां औरते है, ऑफिस के क्लाइंट्स के कॉल आते है। तुम लोग गाली गलौच करके मोहोल खराब कर रहे हो । क्या हुआ है बताओ?"

पहला," कुछ हप्तों पहले इनके ब्यूटी पार्लर के लिये हम लोग काम करना चालू किये थे मसाज थरेपी में। "

दूसरा," पहले तो ठीक था। बाद में बाते अलग लेवल पे गयी। उससे भी हमे कोई तकलीफ नही थी। पर…."

"पर क्या? अब पैसे ज्यादा चाहिए?"मैं।

" वैसे ही समझो। इनके क्लाइंट भूखी शेरनी जैसी होती है या, पागल गधी की जैसी। उनको झेलने के लिए हम लोगो को बहोत सहन करना पड़ता है। ऊपर से खर्चे बढ़ते है। " तीसरा होश में आते ही।

मैंने वहां खड़े स्टाफ से इशारा किया," रितु कहा है?"

स्टाफ एक दूसरे का मुह देखने लगे। लड़का बोला, " मैम केबिन में है। " मैं केबिन की ओर बढ़ने लगा।

उसमेसे एक सीनियर थी उस 'औरत" ने मुझे रुकाया," वेट मिस्टर, आप कौन हो वैसे? ऑफिशियल मैटर में पड़े तो पड़े और अभी अंदर घुस रहे है? अपॉइंटमेंट मेल दिखाओ फिर…"

उनकी बात तोड़ते हुए," आप मिस…?"

वो," मिसेस जुली फर्नांडिस , असिस्टेन्ट मैनेजर VIKI'S Beauty Cafe फॉर्मर झुनझुनवाला ब्यूटी सलोन , वर्किंग फ्रॉम लास्ट 15 इयर"

*** जी हाँ, सब इस्टेट को टेकओवर करने के बाद सिन्हा जी के मद्त से हमने ब्यूटी पार्लर का ब्रांड नाम बदल दिया था। क्योंकि जनरेशन के हिसाब से और मार्केटिंग के हिसाब से जरूरी था। मसाज पार्लर की बात कान पर डाली थी रितु ने पर वो फेमिली बिजनेस की तरह यहां भी सेक्सिज्म लायेगी इतने जल्दी ये सोचा न था…खैर!!***


मैं," मिस जुली , आपने ब्रेंड का पहला नाम क्या बोला?"

जुली," कम सुनाई देता है आपको की बस टाइम वेस्ट करने का बहाना….जाने दो… विकि…V…I…K….I"

"क्या मतलब है इसका? कोई कारण इसके पीछे का?"मैं।

लड़का," ये हमारे मेन चेअरमन का नाम है।"

मैं," आपका क्या नाम है भाई साहब?"

वो," सनी सर , 2 मन्थ इंटर्न"

" सनी जी, आजसे आप विकिज ब्यूटी कैफे का मार्केटिंग और हायरिंग स्टाफ मैनेजर का काम देखेंगे। आपकी सेलेरी कितनी है ? " मैं।

सनी," दस हजार सर….."

मैं," एक झिरो और लगाओ और दिल लगाके काम करना "

" ये आप क्यो बता रहे है? " नाक फुसफुसाते हुए जुली बीच मे टपक पड़ी।

" द विकि झुनझुनवाला ,चेअरमन झुनझुनवाला कॉर्पोरेशन " रितु केबिन से बाहर आते हुए बोली।

सनी को एक लाख का झटका सहन नही हो रहा था और उसके इंटर्न में कम्पनी का ओनर उसे प्रमोशन दे रहा है ये बात से वो ज्यादा ही शॉक हो गया। 20 साल की उम्र में ये बहोत बड़ा अचीवमेंट था उसका।

जुली अभी संकट वाली मुद्रा में थी। उसके साथ खड़ी लड़की रिसेप्शनिस्ट थी लगता है। उसने अपना परिचय दिया, " मैं सोनी…यहां रिसेप्शन और ऑफिस असिस्टेन्ट का काम देख रही हु। पिछले 6 महीने से। "

"नाइस टू मिट यू सोनी" मैंने हस्ते हुए ग्रिट किया," सो रितु"

" हा विकि…" रितु के चेहरे पर भी चिंता दिख रही थी । वही चिंता जो अभी सच होने वाली थी।

" मिस जुली का फेयरवेल का इंतजाम करो, इतने साल सेवा देने के बाद इनकी बिदाई शान से होनी चाहिए"मैं।

"पर विकि …." रितु ने जुली की साइड लेना चाहा।

" और कोई जवाब चाहिए या…."मैने थोड़ा व्यंग्यात्मक टोन से पूछा।

" नही , इट्स ओके" रितु ने मेरी मुड़ को भांप लिया।

मैं रितु के केबिन में चला गया।

इधर…….

"आपको जॉब की जरूरत थी इसलिए आपको निकाला नही था। विकि का सीधा फरमान था पुराने लोगो को उड़ाने का। आज वो पहली बार यहां आया और आपने ये किया" रितु ने जुली की खबर लेना चालू किया।

" पर मेम आप तो बड़ी बहन है..आप बोलेंगे तो" सोनी।

" वो मुझे धक्के मार के साथ मे निकलवा देगा। " रितु।

"मतलब ऐसे कैसे?" सनी।

" विकि से मैं ही क्या मेरे पापा और मेरी नानी भी डरती है। वैसे वो दिल का बुरा नही है पर काम की जगह काम और रिश्तों की जगह रिश्ते रखता है। मेरे एक मौसा फरार, दूसरे फेमिली के साथ दुनियाभर ठोकरे खा रहे ही, एक मौसी जेल में। मुझे इनको जॉइन ना करना " रितु के शरीर पे जैसे कांटा आ गया।

"फिर अब क्या होगा" जुली।

"आप मेरी फ्रेंड की माँ हो इसलिए मैं प्रोफेशनली ट्राय करती हूं आपकी बाजू रखने की कोशिश।" रितु की बात सुन जुली ने थोड़ी सांस छोड़ी। उम्र में 45 के आसपास होनेवाली जुली सिंगल मदर थी।

रितु अन्दर आ गयी," क्या सच मे तुम उन्हें..?"

मैं," लगता है तुम दोनों का फेयरवेल एकसाथ करना पड़ेगा..?

"सोसोस सोरी, मैं बस उनके लिए बुरा…" रितु की फट ही गयी।

" तुम्हारे बाप की जहाँगीरी खत्म हो गयी है, अभी ये मेरी सल्तनत है। मैं कहु वही आखरी वचन। " थोड़ा रेशली था पर दुखी से ज्यादा रितु डरी हुई थी। उम्र में तकरीबन 5, 6 साल का फर्क था तो वो मेरी बड़ी बहन लगती थी पर सच्ची में मैं इस घर मे नानी को छोड़ किसी के रिश्ते की परवाह नही कर रहा था।

मैं," और ये सोफे के पास क्या है?" मैं पास जाकर देखा," दारू?? अभी ऑफिस हवर्स में ये सब होने लगा है? मालकिन नही हो यह कि वो भूल रही हो..?" सिर्फ मैं हो बोले जा रहा था वो सुन्न खड़ी थी। सवाल पे सवाल आ रहे थे। हालत से उसको नशा चढ़ रहा है ऐसे लग रहा था।




.... Continue....
 

prem pujari

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Season 2 Episode 9
सुबह डायनिंग पर मा , दादी , नानी , मामा, मामी, रितु थे। जुनैद और उसकी माँ किसी काम से गाँव निकल गए थे। नाश्ते के बीच मे ही मामा कल की सरप्राइज के लिए माफी मांगने लगा पर मैंने उन्हें अपने मन मे कोई गिलाशिकवा न होने की बात साफ कर दी। मामा ने करीब करीब सुकून भारी सांस छोड़ी।

" छोटे , मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए थी ऑफिस के काम के लिए। शाम को वक्त मील गया तो प्लीज ऑफिस में आ जाना । " रितु ने मुझे आज बहोत दिनों बाद हक से पुकारा था। आज सही में परिवार में बैठने का फल आ रहा था।

मामी," विकि बेटा, नाश्ता होने के बाद कमरे में आ जाना कुछ बात करनी है !" सभी लोग जाने के बाद मामा मामी बचे थे। तभी मामी का बुलावा एक समय के लिए टेंशन दे गया। ये कुछ ज्यादा ही फ़ास्ट नही हुआ?

मा और नानी आज किचन देखने वाली थी। दादी हर बार की तरह नशे में धुत होने निकल गयी। रितु डायनिंग से ही ऑफिस के लिए रवाना हुई। मैं रूम में जाकर तैयार होकर मामी के रूम में गया। मामा भी वही पर थे।

नॉर्मली ये थोड़ा ओवर हो गया ऐसे बोल सकते है लोग। मामा काम से रिटायर्ड हो चुका था। गोल्फ, लाफिंग क्लब, बार्स में उसका समय बुढापा गुजारने में निकालने का उसका फैसला था। मैं रूम में गया तो मामा राइडिंग वाले कपड़े में था। मेरे ख्याल से वो आज राइडिंग टूर के लिए निकलने वाला था। मामी स्लीवलेस ब्लाउज और ट्रासंफरेंट साड़ी में ढली थी।

"हा मामी जी ?" मैं कैज्युअली पूछ लिया।

"कितनी दे लगा दी जानू" मैं शॉक में जाने से पहले ही मामी ने करीब आकर ओंठो पर धाबा बोल दिया। मामा बराबर मेरे सामने था। मुझे यातो उनको शॉक या गुस्से में पाना अपेक्षित था। पर मामा ने एकदम एंजोयिंगली स्माइल दिया। मैंने मामी को संभाला और थोड़ा सरका।

" मामा जी सोररी ये…"मैं अपनी बाजू रखने लगा।

" कोई नही विकि। अब बीवी ही बेवफा हुई तो तुम्हारी क्या गलती। वैसे भी मैं समय दे नही पता, खैर तुम ही सही। " मामा शब्दों को टटोलते बोल गए।

"पर मामा…"

" मैं ए नही कहता कि ये सही है ब्ला ब्ला ब्ला। पर मैं इतना लाचार हु की अपनी स्वाभिमान के लिए डट के खड़ा रह सकू इतन लायक नही। और वैसे भी खेती अपने घर की और अनाज भी अपने घर ही आएगा तो दिक्कत क्या है। अबसे मैं रिटायर्ड हु। इस झमेलों से दूर ही रहूंगा। झुनझुनवाला की जिम्मेदारी अब तेरी.." भरी आंखों से मामा ने मामी के गालों पर गुड़ बाय का चूमा लेकर अपनी सवारी पे निकल गए।

" इतना क्या डर रहा है। वॉल्टन में घिरे परिवार में कोई पवित्र नही है। यहां रिश्ते सिर्फ व्यवहार है। " मामी की मायूसी नापते हुए मैंने उनको बाहों में लिया और कस के चुम लिया। मामी काफी मजे ले रही थी। दोनों दोपहर तक तगड़ा सेक्स किये। मामी उम्र के हिसाब से काफी स्टेमिनेबाज थी। दोपहर खाना खाकर मैं ऑफिस के लिए निकला रितु के पास।

ब्यूटी पार्लर सलोन्स को रितु देखती थी , चेतन रियल इस्टेट देख रहा था। एक कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स में रितु ने अपना ऑफिस बनवाया था। जिसमे उसके गिने चुने लोग रहते थे। मैं गया तब दो चार लड़के अपना इन्शुरन्स लेने के लिए झगड़ रहे थे । मैं झट से अंदर घुसा तो एक लड़का और दो लड़कियां (एक औरत होगी शायद) वहां उनको शांत करते दिखे।

"आप बाद में आइए प्लीज, अभी यहाँ बिजी है हम"

मैंने उनको बाजू किया और लड़कों के पास गया।

" क्या शोर है ये? तमीज से जरा "

एक लड़का," तू क्यो बीच मे चिल्ला रहा है बे भोसडी के?" दूसरा," तेरे को प्रॉब्लम है तो कान में रुई घुसा ले रंडी के…।." तीसरा अपनी कम्युनिकेशन स्किल दिखाने ही वाला था कि उसके गाल पे एक तगड़ा खींच लिया कि वो बेहोश हो गया। पहले की तो वो सिन देख मूत निकल गया। दूसरा,"सोरी सोरी, प्लीज हमे बक्शो, हम तो सिर्फ अपने हक का लेने आये है।"

" हर चीज का एक तरीका होता है। यहां औरते है, ऑफिस के क्लाइंट्स के कॉल आते है। तुम लोग गाली गलौच करके मोहोल खराब कर रहे हो । क्या हुआ है बताओ?"

पहला," कुछ हप्तों पहले इनके ब्यूटी पार्लर के लिये हम लोग काम करना चालू किये थे मसाज थरेपी में। "

दूसरा," पहले तो ठीक था। बाद में बाते अलग लेवल पे गयी। उससे भी हमे कोई तकलीफ नही थी। पर…."

"पर क्या? अब पैसे ज्यादा चाहिए?"मैं।

" वैसे ही समझो। इनके क्लाइंट भूखी शेरनी जैसी होती है या, पागल गधी की जैसी। उनको झेलने के लिए हम लोगो को बहोत सहन करना पड़ता है। ऊपर से खर्चे बढ़ते है। " तीसरा होश में आते ही।

मैंने वहां खड़े स्टाफ से इशारा किया," रितु कहा है?"

स्टाफ एक दूसरे का मुह देखने लगे। लड़का बोला, " मैम केबिन में है। " मैं केबिन की ओर बढ़ने लगा।

उसमेसे एक सीनियर थी उस 'औरत" ने मुझे रुकाया," वेट मिस्टर, आप कौन हो वैसे? ऑफिशियल मैटर में पड़े तो पड़े और अभी अंदर घुस रहे है? अपॉइंटमेंट मेल दिखाओ फिर…"

उनकी बात तोड़ते हुए," आप मिस…?"

वो," मिसेस जुली फर्नांडिस , असिस्टेन्ट मैनेजर VIKI'S Beauty Cafe फॉर्मर झुनझुनवाला ब्यूटी सलोन , वर्किंग फ्रॉम लास्ट 15 इयर"

*** जी हाँ, सब इस्टेट को टेकओवर करने के बाद सिन्हा जी के मद्त से हमने ब्यूटी पार्लर का ब्रांड नाम बदल दिया था। क्योंकि जनरेशन के हिसाब से और मार्केटिंग के हिसाब से जरूरी था। मसाज पार्लर की बात कान पर डाली थी रितु ने पर वो फेमिली बिजनेस की तरह यहां भी सेक्सिज्म लायेगी इतने जल्दी ये सोचा न था…खैर!!***


मैं," मिस जुली , आपने ब्रेंड का पहला नाम क्या बोला?"

जुली," कम सुनाई देता है आपको की बस टाइम वेस्ट करने का बहाना….जाने दो… विकि…V…I…K….I"

"क्या मतलब है इसका? कोई कारण इसके पीछे का?"मैं।

लड़का," ये हमारे मेन चेअरमन का नाम है।"

मैं," आपका क्या नाम है भाई साहब?"

वो," सनी सर , 2 मन्थ इंटर्न"

" सनी जी, आजसे आप विकिज ब्यूटी कैफे का मार्केटिंग और हायरिंग स्टाफ मैनेजर का काम देखेंगे। आपकी सेलेरी कितनी है ? " मैं।

सनी," दस हजार सर….."

मैं," एक झिरो और लगाओ और दिल लगाके काम करना "

" ये आप क्यो बता रहे है? " नाक फुसफुसाते हुए जुली बीच मे टपक पड़ी।

" द विकि झुनझुनवाला ,चेअरमन झुनझुनवाला कॉर्पोरेशन " रितु केबिन से बाहर आते हुए बोली।

सनी को एक लाख का झटका सहन नही हो रहा था और उसके इंटर्न में कम्पनी का ओनर उसे प्रमोशन दे रहा है ये बात से वो ज्यादा ही शॉक हो गया। 20 साल की उम्र में ये बहोत बड़ा अचीवमेंट था उसका।

जुली अभी संकट वाली मुद्रा में थी। उसके साथ खड़ी लड़की रिसेप्शनिस्ट थी लगता है। उसने अपना परिचय दिया, " मैं सोनी…यहां रिसेप्शन और ऑफिस असिस्टेन्ट का काम देख रही हु। पिछले 6 महीने से। "

"नाइस टू मिट यू सोनी" मैंने हस्ते हुए ग्रिट किया," सो रितु"

" हा विकि…" रितु के चेहरे पर भी चिंता दिख रही थी । वही चिंता जो अभी सच होने वाली थी।

" मिस जुली का फेयरवेल का इंतजाम करो, इतने साल सेवा देने के बाद इनकी बिदाई शान से होनी चाहिए"मैं।

"पर विकि …." रितु ने जुली की साइड लेना चाहा।

" और कोई जवाब चाहिए या…."मैने थोड़ा व्यंग्यात्मक टोन से पूछा।

" नही , इट्स ओके" रितु ने मेरी मुड़ को भांप लिया।

मैं रितु के केबिन में चला गया।

इधर…….

"आपको जॉब की जरूरत थी इसलिए आपको निकाला नही था। विकि का सीधा फरमान था पुराने लोगो को उड़ाने का। आज वो पहली बार यहां आया और आपने ये किया" रितु ने जुली की खबर लेना चालू किया।

" पर मेम आप तो बड़ी बहन है..आप बोलेंगे तो" सोनी।

" वो मुझे धक्के मार के साथ मे निकलवा देगा। " रितु।

"मतलब ऐसे कैसे?" सनी।

" विकि से मैं ही क्या मेरे पापा और मेरी नानी भी डरती है। वैसे वो दिल का बुरा नही है पर काम की जगह काम और रिश्तों की जगह रिश्ते रखता है। मेरे एक मौसा फरार, दूसरे फेमिली के साथ दुनियाभर ठोकरे खा रहे ही, एक मौसी जेल में। मुझे इनको जॉइन ना करना " रितु के शरीर पे जैसे कांटा आ गया।

"फिर अब क्या होगा" जुली।

"आप मेरी फ्रेंड की माँ हो इसलिए मैं प्रोफेशनली ट्राय करती हूं आपकी बाजू रखने की कोशिश।" रितु की बात सुन जुली ने थोड़ी सांस छोड़ी। उम्र में 45 के आसपास होनेवाली जुली सिंगल मदर थी।

रितु अन्दर आ गयी," क्या सच मे तुम उन्हें..?"

मैं," लगता है तुम दोनों का फेयरवेल एकसाथ करना पड़ेगा..?

"सोसोस सोरी, मैं बस उनके लिए बुरा…" रितु की फट ही गयी।

" तुम्हारे बाप की जहाँगीरी खत्म हो गयी है, अभी ये मेरी सल्तनत है। मैं कहु वही आखरी वचन। " थोड़ा रेशली था पर दुखी से ज्यादा रितु डरी हुई थी। उम्र में तकरीबन 5, 6 साल का फर्क था तो वो मेरी बड़ी बहन लगती थी पर सच्ची में मैं इस घर मे नानी को छोड़ किसी के रिश्ते की परवाह नही कर रहा था।

मैं," और ये सोफे के पास क्या है?" मैं पास जाकर देखा," दारू?? अभी ऑफिस हवर्स में ये सब होने लगा है? मालकिन नही हो यह कि वो भूल रही हो..?" सिर्फ मैं हो बोले जा रहा था वो सुन्न खड़ी थी। सवाल पे सवाल आ रहे थे। हालत से उसको नशा चढ़ रहा है ऐसे लग रहा था।




.... Continue....
ritu thukne wali hai re baba
 

Naik

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Season 2 || Episode 8
माँ मेरे सासों को महसूस करते ही उठ कर बाजू हो गयी। मैंने उनको गोद मे उठा कर बाथटब ले गया। मैं नीचे बैठ उन्हें ऊपर बिठा कर उनकी पूरी बॉडी पर साबुन फैलाया और रगड़ने लगा। मूत्र और वीर्य की सुगंध फैल गयी थी उनके ऊपर पर ये सुगंध दुर्गंध में बदलने से पहले उनके नशीले बदन को चमकाना था।


मैं मा के चूत को मसल रहा था। मा सिसकियों में मजे उठा रही थी। मा को ऑर्गेजम देने की चक्कर मे मेरा लन्ड खड़ा हुआ और उनकी दो टांगो के बीच सलामी देने लगा। मा ने मुझे उठाकर शॉवर के नीचे लाया और नीचे बैठ लन्ड चूसने लगी। सुबह का ब्रेकफास्ट शॉवर के साथ करने की आदत सी लगा रही थी। कुछ समय मे पहला वीर्य निकलते ही वो दीवार की और छाती लगाए गांड खोल के झुक गयी। काफी पोर्न फिल्में देखती है ऐसे लग रहा था। मैने भी काफी न सोचते हुए उनके चूत में लन्ड सटाये हुए चूत मारना चालू किया। बड़े घोड़े की दौड़ाई के बाद मेरा पानी उनके अंदर ही छूट गया। मा ने कुछ रिएक्शन नही दिया, क्या मालूम उनको यही चाहिए था । उनको दीवार पे सटाये उनको ओंठो को चूसने लगा। अभी ब्रेकफास्ट का समय मेरा था।


कुछ देर बाद मा जाकर खुद को सुखाते हुए बेड पर वैसे ही नंगी बैठ गयी। मैं कुछ देर में वैसे ही लन्ड हिलाते हुए बाहर आ गया। मा बस शर्मीले रुख में मुस्कुराते हुए मुझे देखती रही। मा बेड के ऊपरी कोने पर थी। मुझे कुछ सुझा और मैं कॉर्नर पर सो कर उनके गोद मे सिर रखा। उनके चुचे साइज से बड़े थे तो मेरे मुह तक घिस रहे थे। मेरा अंदाजा सही निकला और मैंने निपल्स को दबा के खींचना चालू किया। पहले मा की दुखभरी सिसकी निकली बाद में उन्हें भी मजे आने लगे। मा के चुचो से दूध निकलने में ज्यादा समय नही लगा। उन्होंने मेरे माथे को चूम लिया।


" कितना बड़ा सुख है संतान को दूध पिलाना इसका मुझे आज अनुभव आ गया" मा थोड़ी भावुक थी।


मैंने थोड़ी देर दूध चुसके मा को बेड के बीच लेकर आया। उनके माथे को, आंखों के पलको को चूमते हुए उनके ओंठ चूमने लगा। फिर उनके चुचे फिर पेट और जाकर रुका चूत पे। उनकी चूत की फट को मुह से जिब से मसलना चालू किया। मेरे चूत क्रीड़ा उनके वासना भरी सुसकिया और कामना भरी शरीर की हलचल को बखूबी बया कर रही थी। ज्यादा देर न करते हुए मैंने उनकी चूत का पानी निकाल दिया। मा वैसे ही फिर सो गई। घड़ी में देखा तो सुबह के 6 बजे थे। मैं माँको सही से ढक, सुला कर गार्डन में चला गया।


हवेली के पीछे पेड़ो का बड़ा बगीचा था। हवेली से कुछ दूर जाते ही अंदर घुसने के बाद ये हवेली से संपर्क टूट जाता है। उस बगीचे के अंदर काफी नए नए पेड़ लगाए थे। नाना को गार्डनिंग का बड़ा शौक था। और बड़े बगीचे हमले के वक्त बहोत काम आते थे। वहां अंदर ही एक स्विमिंग पूल और छोटा फार्म हाउस बेड रूम था जो छूटटी के वक्त नाना पीने के लिए और हरियाली का आनंद लेने के लिए करते थे।


मैं कल रात गुस्से में यही आया था फिर कमरे में गया। मुझे एकांत का नया ठिकाना मिल गया था। सुबह सुबह उन पेड़ो से जाने का एक अलग अनुभव था। पक्षियों की किलबिलाहट और सुमधुर हवा हिल स्टेशन वाला अनुभव दे रहे थे।


हवेली के गायब होते ही थोड़ी देर चलते ही मुझे मेरे पीछे किसी का एहसास हुआ। मुझे पहले आंखों का धोका लगा पर फिर उस व्यक्ति से मुझे पुकारा," विकि बेटा रुको, मैं आ ही हु।" मा का तो आवाज नही था।


वो मामीजी थी। बड़ी तेजी से आ रही थी। नाइटी की वजह से दौड़ने में अटक रही थी। इतनी सुबह नाइटी में कोई भला बगीचे में दौड़ता है? कुछ ही पल में देखते देखते वो मेरे पास पहुंच गई। उनकी सांसे फूली हुई थी। सांसो के दबाव से सामने वाले गुब्बारे भी हवा में उछल रहे थे। आज इतने दिनों में पहली बार मामी की ओर मेरा ध्यान गया था।


45 साल की और 30 साल की उम्र की एक लड़की की माँ फिट तो नही थी पर जवानी की फली हुई यौवना थी। मामी अप्पर मिडल क्लास से बड़ी हुई थी। एवरेज पढ़ाई, शॉपिंग, स्मॉल पार्टी और घर पे टाइमपास इसके अलावा उन्होंने शादी के बाद कुछ किया नही होगा। इनके और मामा के शादी की कहानी मुझे मालूम नही थी। आज मामी को पहली बार नाइटी ड्रेस में देखा था। वैसे वो फैंसी थी न ओल्ड फैशन तो उनका फैशन भी रेगुलर था, जैसे उनकी नाइटी। नाइटी के अंदर कुछ था ऐसे लग तो नही रहा था क्योंकि निपल्स के भवरे साफ दिख रहे थे। उनकी कमर फैली थी और उससे गांड के फैलने का अंदाजा आ सकता था। पेट बड़ा नही था पर कॉमन मिडल एज की तरह ही था।


मामी हाँफते हुए," विकि मुझे तुमसे जरूरी बात करनी है।"


"आराम से मैं कहि भागे नही जा रहा हु मामीजी"मैं।


"बात यू है कि, कुछ बाते बाहर से मालूम होने से अच्छा खुद ही बताए तो गलतफहमी नही होती" मामी नर्व्हस होने लगी।


"क्या बात है मामी?" मैं अभी थोड़ा सीरियस हुआ।


" वो कल तुम्हे अचानक सरप्राइज देने का प्लान हरमन्स का था जिसमे तुम्हारे मामा ने हेल्प की। मैं बस तुमसे माफी मांगने के साथ इन्हें माफ करने की गुजारिश करने आई हूं। प्लीज इन्हें हर्ट मत करना, वो नादानी में होगया" मामी गिड़गिड़ाने लगी।


उन्हें मैं" मैं नाराज नही हु" ए बताने से पहले बगीचे के मिनी स्विमपुल में माफी मांगने के लिए नीचे होते वक्त मामी का बॅलन्स बिगड़ा और वो स्विमपुल में गिर गयी। स्विमपुल पानी कमर तक ही था तो डूबने के कोई खतरा नही था पर वो पूरी गीली हुई थी और सुबह की ठंड से उनका शरीर कंपने लगा था। मैने झट से हाथ देकर बाहर खींच लिया और साइड के स्माल फार्म रूम में लेके गया।


मामी की नाइटी पूरी शरीर को चिपकी थी। कपड़े को चमड़ी समझा गया होता तो अभी वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी। वहां टॉवेल था ना आग जलाने का कुछ। बगीचे में हम काफी अंदर थे और बाहर ठंडी हवा चल रही थी। सुबह की ठंड में इस कंडीशन में लेके जाना मुझे तो सही नही लगा। अभी दोनों में ऑकवर्ड सा माहौल था। वो अपने पूरे मेहनत से खुद की यौन सुंदरता को छुपाने की कोशिश कर रही थी पर भरे हुए शरीर को वो आसानी से छुपा नही पा रही थी।


थोड़ा सा हालत सुधर ही रहा ऐसे लगने के चौखट पे ही एक बड़ी ठंडा हवा आई और मामी मेरे गले से लग गयी। उनकी गर्मी से मेरे लंड देव ने अपना काबू खोया था ये उनके पास चिपकते ही हुए लन्ड चुत घर्षण से मालूम हुआ। घर्षण से "आह मम गॉड" की सिसकी सुनाई पड़ी और लन्ड देव की काम चेतना को अग्नि मिल गयी। मैंने उनको अपनी बाहों में जखडा। बिना शब्द के कुछ पल तक वैसे ही खड़े रहते हुए मन ही मन " ये गलत है" ऐसे एकदूसरे को समझा रहे थे।


समझने से बुझने की तरफ बढ़ ही रहे थे कि वायु देव फिरसे प्रकट हुए। नए आए झोंके ने घर्षण को बढ़ाया तो बढ़ाया पर साथ मे आग भी लगा गया।नाइटी से चिपके फूली चूत के छेद में सेट होकर कपड़े के उपरसे ही लन्ड ने तीली जला दी। तभी कुछ हुआ और मामी दूर हट गई। वो बाहर भागने ही वाली थी कि ठंडी हवा की एक चटकारे ने उन्हें अंदर भगा दिया और इसबार वो घाई में टक्कर खाके मेरे साथ स्माल बेड पर गिर गयी।


इसबार नाइटी कमर तक आई थी। खुली चूत लन्ड पे थी। उनके चुचे हाथ मे सुकून फरमा रहे थे। हमारी सांसे एक दुसरो की सांसो से युद्ध छेड चुकी थी। मैंने दाव न छोड़ते हुए ओंठो पर कब्जा जमाया। मामी के सिर्फ आँखोने हलचल की और पलकोने उनको अपने पल्लू के नीचे शांत कराया। एक हाथ से शॉर्ट नीचे कर लंड को खुले अंग से चूत के अंदर डाल दिया। और एक हाथ से ही मामी के फैले गांड पर दबाव दिया। ठंड से उनका बॉडी कंट्रोल बिगड़ा था तो ज्यादा मेहनत नही लगी। बस " उम्म आह आआआ उम्म" जैसी सिसकारी गूंजी बस।


मामी के ओंठो का स्वाद मुझे काफी पसंद आया , मैं तो चूस चबा कर मजे ले रहा था। ठंड से चोदना नही हो रहा था पर चुमाई से मामी इतने जल्दी गर्म हुई कि खुद ही ऊपर नीचे होने लगी। कई बार रुक कर लन्ड को घुसलने लगी। मेरे लन्ड को पूरी चूत में महसूस करना चाहती थी। साधारण ये शौक बहोत दिन वासना से भूखे लोग करते है। मामी और मेरे कपड़े आहिस्ते कब निकल गए मालूम नही हुआ। वो चूत को चुदने और मैं उसके मुखस्वाद में परिपूर्ण समोहित की तरह मगन हो चुका था।


अभी चुदने की वजह से मामी की सांसे दम ले रही थी , यही वक्त था कि ओंठो ने एक दूसरे से जुदाई सह ली। मैंने करवट लेते हुए मामी को नीचे लाया और खूंटे से जमीन खोदने लगा। साथ मे मलाई की ढेरी को चूसने मसलने लगा। उसमे अभी भी मलाई निकल रही थीं। आज सुबह से दुग्धधारी बने काफी मजा आ रहा था। मामी ने पानी छोड़ दिया था। उम्रदराज से अभी वो सिकुड़ने वाली थी तो मैंने कुटाई का आवेग बढ़ाया और पूरे होश में चुत में पानी छोड़ दिया। मामी की आंखे खड़ी हुई पर उनके शरीर मे क्षीणता थी। मैंने एक स्माइल दी और ओंठो पर चुम दिया। मेरे चुम्मे से वो शरमाई और आंखे नीची के लि।


" काफी नशीला अंदाज है शाशू (शाश्वती मामी का नाम) तुम्हारा, मेरे लंड को पहले मुलाकात में झेल डाला" मैंने पूरा फ्रेंक होकर बोलना शुरू किया। मामी फिर से शॉक और मेरा फिर एक चुम्मा विथ निप्पल्स की पिंचाई के साथ। मामी अब पूरी कब्जे में थी फिर भी पूछ ही दी, " पर वो मामा…" मैं बात काटते बोला," पहली बात मैं घर के अभी के किसी आदमी से कल के लिए गुसा नही था, तो डोंट वरी और दूसरी बात , तुम मेरी हो, समझी बात शाशू ?!!" फिरसे एक माथे पे चुम्मा। मामीजी के चेहरे से जो धुंधली टेंशन की रेशा थी वो मिट गई थी। अभी वो भूतकाल से वर्तमान की स्थिति में आ रही थी।


" मैं तेरी ही हु" इसबार ओंठो पे ओंठो का एक करारा तमाचा पड़ा जो काफी मीठा था। "पर ये सफेद काम रस का क्या करूँ" मामी ने चूत से बहते वीर्य की बात छेड़ी।


मैं," अभी तो संभाल लो पर जल्द ही मेरा तेरा "हम" वाली याद भविष्य में लानी है, समझी??!!" मेरी बात से मामी शर्मा गयी। हमने कपड़े एक बाजू टांग दिए और नंगे ही बेड पर सो दिए।


"जानू अभी आगे क्या करना है? कुछ सोचा है?" मामी ने बिजनेस की बात छेड़ दी।


" करना क्या है? कर चुका हूं?" मैंने थोड़ा टेढ़ा हस्ते हुए बोला।


मामी, " क्या? "


" आसान है हर्मन सिर्फ खेल खेल रहा है सिंधा के साथ। उसे हमसे दुश्मनी नही। मुझे डर वॉल्टन जितने का या हारने के नही तो उस आदमी का लग रहा है जो जीत के लिए लोगो की जान लेता है। किसी और कि जिंदगी को खुद के लिए इस्तेमाल करता है। खुदकी मा, बीवी, संतान भी उसके लिए मायने नही रखती। वॉल्टन रूल के हिसाब से जो तीन लोग पब्लिक सपोर्ट देंगे उनकी कुंडली पहले से ही मेरे पास थी। नसीब ही समझो। अभी उसका इस्तेमाल कर कल एक ही दिन में तीनों का पत्ता साफ किया। कल का सरप्राइज मेरे लिए नही सिंधा के लिए था। मिस्टर हर्मन को उनके परिवार की जान के बदले मेरा गुलाम बनना पड़ा, हर्मन को बताके मैनेही कल की मीटिंग करवाई। सोरी बट मेरे बिगड़े शैतान बाप को लगता है कि मामा भोला है तो उसने उसमे कुछ टेढ़ा नही सूंगा। कल के तीनों लोग पब्लिक वोटिंग के लिए मैंने तय किये है ये उसको मालूम ही नही हुआ।"


"मतलब इनको कल बकरा बनाया गया तुम लोगो की प्लान से " मामी ने गुस्सा होने की बजाय मजाक किया ये बात से मुझे थोड़ा सुकून मिला।


" वैसे ही समझो। पर वहां जुनैद आएगा ये मुझे मालूम था तो मामाजी की सेफ्टी की चिंता नही थी," इस बात पर भावुक सा वातावरण बना और मामी ने एक छोड़ा से लिपकिस दे दिया। ये ग्रेटिट्यूड था उनके पति की चिंता करने का।


" अभी पॉलिटिशन की बीवी का अय्याशी का वीडियो उसे भेज दिया , समाज सेविका का वासना का नंगा नाच उनको भेज दिया और वर्कर लीडर का सेक्स क्रश रेखा थी तो उसे एक दिन के लिए सुला दिया। बस अभी इलेक्शन के वक्त उस भोसडपप्पू का मुह देखना है" मैं।


" तुम्हे झूठ लगे पर काफी दिनों बाद किसी जिम्मेदात पॉवरफुल हाथ मे झुनझुनवाला परिवार की जिम्मेदारी गयी है ऐसे लगा। थैंक यू हमारी लाइफ में आने के लिए। इनके पिताजी के जाने के बाद जैसे हम नाम के हिस्सेदार थे वॉल्टन के , चल तो मिजासी सिंधा का चल रहा था। थैंक यू थेँक्यु यू वेरी मच…" आवेश में मामी ने केस कर चुम्मा दे दिया।


" हा हा, समझा। लंड को उकसा मत । अभी तक गया हूं।"मैं हस दिया।


" अभी थोड़ा और स्टेमिना बढ़ाओ मेरे लन्ड देवता, मेरी चूत बहोत प्यासी रहेगी रोज। " मामी ने लन्ड पर हल्का हाथ घुमाते हुए बोला।


मैं उनकी चूत की मसलन करते हुए,"हा चुतरानी , तेरी चुत की सेवा हर रोज ताबडतोड होगी। तुहि तो बची थी। बाकी तो पहले से चालू है।"


"मतलब दोनों मा जी, दोनों मौसी और" मामी चौक गयी।


" मा, रजिया बस!!" मैं चुत को उंगली से मसल कर मुस्कराहट में बोला।


" औ अम्म्म पूरे खानदान को चोद दिया। बहनों को क्यो छोड़ा फिर?!!!" मामी ने ताना दिया।


"पहले भरी जवानी चोद दु फिर उधर भी मुह मारेंगे" मैं!


"मेरी बेटी भी…..?!!?"मामी ने वासना के कटाक्ष से पूछ लिया।


" माँ की चुत मार ली तो बेटी क्यो तड़पे? पूरी पलंगतोड़ चुदाई होगी।"


" वा रे मेरे लन्ड के शैतान , सबसे " हम" वाली सिंचाई करेगा तो फेमिली और बढ़ेगी, वैसे उसमे बुरा कुछ नही" मौसी ने खड़े हुए लन्ड पे चुत टिकाए बोली," अभी तेरी रांड की चूत को चोद तुम्हारा मामा उठने का वक्त हो गया है। "


करीब आधा घंटा उछलने के बाद दोनों ने हवेली की ओर निकल लिए।

..... Continue......
Bahot badhiya shaandar update
Mami ka namber bhi lag gaya sahi h
 

Naik

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Season 2 Episode 9
सुबह डायनिंग पर मा , दादी , नानी , मामा, मामी, रितु थे। जुनैद और उसकी माँ किसी काम से गाँव निकल गए थे। नाश्ते के बीच मे ही मामा कल की सरप्राइज के लिए माफी मांगने लगा पर मैंने उन्हें अपने मन मे कोई गिलाशिकवा न होने की बात साफ कर दी। मामा ने करीब करीब सुकून भारी सांस छोड़ी।

" छोटे , मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए थी ऑफिस के काम के लिए। शाम को वक्त मील गया तो प्लीज ऑफिस में आ जाना । " रितु ने मुझे आज बहोत दिनों बाद हक से पुकारा था। आज सही में परिवार में बैठने का फल आ रहा था।

मामी," विकि बेटा, नाश्ता होने के बाद कमरे में आ जाना कुछ बात करनी है !" सभी लोग जाने के बाद मामा मामी बचे थे। तभी मामी का बुलावा एक समय के लिए टेंशन दे गया। ये कुछ ज्यादा ही फ़ास्ट नही हुआ?

मा और नानी आज किचन देखने वाली थी। दादी हर बार की तरह नशे में धुत होने निकल गयी। रितु डायनिंग से ही ऑफिस के लिए रवाना हुई। मैं रूम में जाकर तैयार होकर मामी के रूम में गया। मामा भी वही पर थे।

नॉर्मली ये थोड़ा ओवर हो गया ऐसे बोल सकते है लोग। मामा काम से रिटायर्ड हो चुका था। गोल्फ, लाफिंग क्लब, बार्स में उसका समय बुढापा गुजारने में निकालने का उसका फैसला था। मैं रूम में गया तो मामा राइडिंग वाले कपड़े में था। मेरे ख्याल से वो आज राइडिंग टूर के लिए निकलने वाला था। मामी स्लीवलेस ब्लाउज और ट्रासंफरेंट साड़ी में ढली थी।

"हा मामी जी ?" मैं कैज्युअली पूछ लिया।

"कितनी दे लगा दी जानू" मैं शॉक में जाने से पहले ही मामी ने करीब आकर ओंठो पर धाबा बोल दिया। मामा बराबर मेरे सामने था। मुझे यातो उनको शॉक या गुस्से में पाना अपेक्षित था। पर मामा ने एकदम एंजोयिंगली स्माइल दिया। मैंने मामी को संभाला और थोड़ा सरका।

" मामा जी सोररी ये…"मैं अपनी बाजू रखने लगा।

" कोई नही विकि। अब बीवी ही बेवफा हुई तो तुम्हारी क्या गलती। वैसे भी मैं समय दे नही पता, खैर तुम ही सही। " मामा शब्दों को टटोलते बोल गए।

"पर मामा…"

" मैं ए नही कहता कि ये सही है ब्ला ब्ला ब्ला। पर मैं इतना लाचार हु की अपनी स्वाभिमान के लिए डट के खड़ा रह सकू इतन लायक नही। और वैसे भी खेती अपने घर की और अनाज भी अपने घर ही आएगा तो दिक्कत क्या है। अबसे मैं रिटायर्ड हु। इस झमेलों से दूर ही रहूंगा। झुनझुनवाला की जिम्मेदारी अब तेरी.." भरी आंखों से मामा ने मामी के गालों पर गुड़ बाय का चूमा लेकर अपनी सवारी पे निकल गए।

" इतना क्या डर रहा है। वॉल्टन में घिरे परिवार में कोई पवित्र नही है। यहां रिश्ते सिर्फ व्यवहार है। " मामी की मायूसी नापते हुए मैंने उनको बाहों में लिया और कस के चुम लिया। मामी काफी मजे ले रही थी। दोनों दोपहर तक तगड़ा सेक्स किये। मामी उम्र के हिसाब से काफी स्टेमिनेबाज थी। दोपहर खाना खाकर मैं ऑफिस के लिए निकला रितु के पास।

ब्यूटी पार्लर सलोन्स को रितु देखती थी , चेतन रियल इस्टेट देख रहा था। एक कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स में रितु ने अपना ऑफिस बनवाया था। जिसमे उसके गिने चुने लोग रहते थे। मैं गया तब दो चार लड़के अपना इन्शुरन्स लेने के लिए झगड़ रहे थे । मैं झट से अंदर घुसा तो एक लड़का और दो लड़कियां (एक औरत होगी शायद) वहां उनको शांत करते दिखे।

"आप बाद में आइए प्लीज, अभी यहाँ बिजी है हम"

मैंने उनको बाजू किया और लड़कों के पास गया।

" क्या शोर है ये? तमीज से जरा "

एक लड़का," तू क्यो बीच मे चिल्ला रहा है बे भोसडी के?" दूसरा," तेरे को प्रॉब्लम है तो कान में रुई घुसा ले रंडी के…।." तीसरा अपनी कम्युनिकेशन स्किल दिखाने ही वाला था कि उसके गाल पे एक तगड़ा खींच लिया कि वो बेहोश हो गया। पहले की तो वो सिन देख मूत निकल गया। दूसरा,"सोरी सोरी, प्लीज हमे बक्शो, हम तो सिर्फ अपने हक का लेने आये है।"

" हर चीज का एक तरीका होता है। यहां औरते है, ऑफिस के क्लाइंट्स के कॉल आते है। तुम लोग गाली गलौच करके मोहोल खराब कर रहे हो । क्या हुआ है बताओ?"

पहला," कुछ हप्तों पहले इनके ब्यूटी पार्लर के लिये हम लोग काम करना चालू किये थे मसाज थरेपी में। "

दूसरा," पहले तो ठीक था। बाद में बाते अलग लेवल पे गयी। उससे भी हमे कोई तकलीफ नही थी। पर…."

"पर क्या? अब पैसे ज्यादा चाहिए?"मैं।

" वैसे ही समझो। इनके क्लाइंट भूखी शेरनी जैसी होती है या, पागल गधी की जैसी। उनको झेलने के लिए हम लोगो को बहोत सहन करना पड़ता है। ऊपर से खर्चे बढ़ते है। " तीसरा होश में आते ही।

मैंने वहां खड़े स्टाफ से इशारा किया," रितु कहा है?"

स्टाफ एक दूसरे का मुह देखने लगे। लड़का बोला, " मैम केबिन में है। " मैं केबिन की ओर बढ़ने लगा।

उसमेसे एक सीनियर थी उस 'औरत" ने मुझे रुकाया," वेट मिस्टर, आप कौन हो वैसे? ऑफिशियल मैटर में पड़े तो पड़े और अभी अंदर घुस रहे है? अपॉइंटमेंट मेल दिखाओ फिर…"

उनकी बात तोड़ते हुए," आप मिस…?"

वो," मिसेस जुली फर्नांडिस , असिस्टेन्ट मैनेजर VIKI'S Beauty Cafe फॉर्मर झुनझुनवाला ब्यूटी सलोन , वर्किंग फ्रॉम लास्ट 15 इयर"

*** जी हाँ, सब इस्टेट को टेकओवर करने के बाद सिन्हा जी के मद्त से हमने ब्यूटी पार्लर का ब्रांड नाम बदल दिया था। क्योंकि जनरेशन के हिसाब से और मार्केटिंग के हिसाब से जरूरी था। मसाज पार्लर की बात कान पर डाली थी रितु ने पर वो फेमिली बिजनेस की तरह यहां भी सेक्सिज्म लायेगी इतने जल्दी ये सोचा न था…खैर!!***


मैं," मिस जुली , आपने ब्रेंड का पहला नाम क्या बोला?"

जुली," कम सुनाई देता है आपको की बस टाइम वेस्ट करने का बहाना….जाने दो… विकि…V…I…K….I"

"क्या मतलब है इसका? कोई कारण इसके पीछे का?"मैं।

लड़का," ये हमारे मेन चेअरमन का नाम है।"

मैं," आपका क्या नाम है भाई साहब?"

वो," सनी सर , 2 मन्थ इंटर्न"

" सनी जी, आजसे आप विकिज ब्यूटी कैफे का मार्केटिंग और हायरिंग स्टाफ मैनेजर का काम देखेंगे। आपकी सेलेरी कितनी है ? " मैं।

सनी," दस हजार सर….."

मैं," एक झिरो और लगाओ और दिल लगाके काम करना "

" ये आप क्यो बता रहे है? " नाक फुसफुसाते हुए जुली बीच मे टपक पड़ी।

" द विकि झुनझुनवाला ,चेअरमन झुनझुनवाला कॉर्पोरेशन " रितु केबिन से बाहर आते हुए बोली।

सनी को एक लाख का झटका सहन नही हो रहा था और उसके इंटर्न में कम्पनी का ओनर उसे प्रमोशन दे रहा है ये बात से वो ज्यादा ही शॉक हो गया। 20 साल की उम्र में ये बहोत बड़ा अचीवमेंट था उसका।

जुली अभी संकट वाली मुद्रा में थी। उसके साथ खड़ी लड़की रिसेप्शनिस्ट थी लगता है। उसने अपना परिचय दिया, " मैं सोनी…यहां रिसेप्शन और ऑफिस असिस्टेन्ट का काम देख रही हु। पिछले 6 महीने से। "

"नाइस टू मिट यू सोनी" मैंने हस्ते हुए ग्रिट किया," सो रितु"

" हा विकि…" रितु के चेहरे पर भी चिंता दिख रही थी । वही चिंता जो अभी सच होने वाली थी।

" मिस जुली का फेयरवेल का इंतजाम करो, इतने साल सेवा देने के बाद इनकी बिदाई शान से होनी चाहिए"मैं।

"पर विकि …." रितु ने जुली की साइड लेना चाहा।

" और कोई जवाब चाहिए या…."मैने थोड़ा व्यंग्यात्मक टोन से पूछा।

" नही , इट्स ओके" रितु ने मेरी मुड़ को भांप लिया।

मैं रितु के केबिन में चला गया।

इधर…….

"आपको जॉब की जरूरत थी इसलिए आपको निकाला नही था। विकि का सीधा फरमान था पुराने लोगो को उड़ाने का। आज वो पहली बार यहां आया और आपने ये किया" रितु ने जुली की खबर लेना चालू किया।

" पर मेम आप तो बड़ी बहन है..आप बोलेंगे तो" सोनी।

" वो मुझे धक्के मार के साथ मे निकलवा देगा। " रितु।

"मतलब ऐसे कैसे?" सनी।

" विकि से मैं ही क्या मेरे पापा और मेरी नानी भी डरती है। वैसे वो दिल का बुरा नही है पर काम की जगह काम और रिश्तों की जगह रिश्ते रखता है। मेरे एक मौसा फरार, दूसरे फेमिली के साथ दुनियाभर ठोकरे खा रहे ही, एक मौसी जेल में। मुझे इनको जॉइन ना करना " रितु के शरीर पे जैसे कांटा आ गया।

"फिर अब क्या होगा" जुली।

"आप मेरी फ्रेंड की माँ हो इसलिए मैं प्रोफेशनली ट्राय करती हूं आपकी बाजू रखने की कोशिश।" रितु की बात सुन जुली ने थोड़ी सांस छोड़ी। उम्र में 45 के आसपास होनेवाली जुली सिंगल मदर थी।

रितु अन्दर आ गयी," क्या सच मे तुम उन्हें..?"

मैं," लगता है तुम दोनों का फेयरवेल एकसाथ करना पड़ेगा..?

"सोसोस सोरी, मैं बस उनके लिए बुरा…" रितु की फट ही गयी।

" तुम्हारे बाप की जहाँगीरी खत्म हो गयी है, अभी ये मेरी सल्तनत है। मैं कहु वही आखरी वचन। " थोड़ा रेशली था पर दुखी से ज्यादा रितु डरी हुई थी। उम्र में तकरीबन 5, 6 साल का फर्क था तो वो मेरी बड़ी बहन लगती थी पर सच्ची में मैं इस घर मे नानी को छोड़ किसी के रिश्ते की परवाह नही कर रहा था।

मैं," और ये सोफे के पास क्या है?" मैं पास जाकर देखा," दारू?? अभी ऑफिस हवर्स में ये सब होने लगा है? मालकिन नही हो यह कि वो भूल रही हो..?" सिर्फ मैं हो बोले जा रहा था वो सुन्न खड़ी थी। सवाल पे सवाल आ रहे थे। हालत से उसको नशा चढ़ रहा है ऐसे लग रहा था।




.... Continue....
Badhiya shaandar update
Mami tow badi fast nikli mama ka Patta kat ker dia bhanje ke liye sahi h
Juli ki naukari gayi or Ritu ko bhi achchi khansi sunni padi
Baherhal dekhte h aage kia hota h
 
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prem pujari

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Season 2 Episode 9
सुबह डायनिंग पर मा , दादी , नानी , मामा, मामी, रितु थे। जुनैद और उसकी माँ किसी काम से गाँव निकल गए थे। नाश्ते के बीच मे ही मामा कल की सरप्राइज के लिए माफी मांगने लगा पर मैंने उन्हें अपने मन मे कोई गिलाशिकवा न होने की बात साफ कर दी। मामा ने करीब करीब सुकून भारी सांस छोड़ी।

" छोटे , मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए थी ऑफिस के काम के लिए। शाम को वक्त मील गया तो प्लीज ऑफिस में आ जाना । " रितु ने मुझे आज बहोत दिनों बाद हक से पुकारा था। आज सही में परिवार में बैठने का फल आ रहा था।

मामी," विकि बेटा, नाश्ता होने के बाद कमरे में आ जाना कुछ बात करनी है !" सभी लोग जाने के बाद मामा मामी बचे थे। तभी मामी का बुलावा एक समय के लिए टेंशन दे गया। ये कुछ ज्यादा ही फ़ास्ट नही हुआ?

मा और नानी आज किचन देखने वाली थी। दादी हर बार की तरह नशे में धुत होने निकल गयी। रितु डायनिंग से ही ऑफिस के लिए रवाना हुई। मैं रूम में जाकर तैयार होकर मामी के रूम में गया। मामा भी वही पर थे।

नॉर्मली ये थोड़ा ओवर हो गया ऐसे बोल सकते है लोग। मामा काम से रिटायर्ड हो चुका था। गोल्फ, लाफिंग क्लब, बार्स में उसका समय बुढापा गुजारने में निकालने का उसका फैसला था। मैं रूम में गया तो मामा राइडिंग वाले कपड़े में था। मेरे ख्याल से वो आज राइडिंग टूर के लिए निकलने वाला था। मामी स्लीवलेस ब्लाउज और ट्रासंफरेंट साड़ी में ढली थी।

"हा मामी जी ?" मैं कैज्युअली पूछ लिया।

"कितनी दे लगा दी जानू" मैं शॉक में जाने से पहले ही मामी ने करीब आकर ओंठो पर धाबा बोल दिया। मामा बराबर मेरे सामने था। मुझे यातो उनको शॉक या गुस्से में पाना अपेक्षित था। पर मामा ने एकदम एंजोयिंगली स्माइल दिया। मैंने मामी को संभाला और थोड़ा सरका।

" मामा जी सोररी ये…"मैं अपनी बाजू रखने लगा।

" कोई नही विकि। अब बीवी ही बेवफा हुई तो तुम्हारी क्या गलती। वैसे भी मैं समय दे नही पता, खैर तुम ही सही। " मामा शब्दों को टटोलते बोल गए।

"पर मामा…"

" मैं ए नही कहता कि ये सही है ब्ला ब्ला ब्ला। पर मैं इतना लाचार हु की अपनी स्वाभिमान के लिए डट के खड़ा रह सकू इतन लायक नही। और वैसे भी खेती अपने घर की और अनाज भी अपने घर ही आएगा तो दिक्कत क्या है। अबसे मैं रिटायर्ड हु। इस झमेलों से दूर ही रहूंगा। झुनझुनवाला की जिम्मेदारी अब तेरी.." भरी आंखों से मामा ने मामी के गालों पर गुड़ बाय का चूमा लेकर अपनी सवारी पे निकल गए।

" इतना क्या डर रहा है। वॉल्टन में घिरे परिवार में कोई पवित्र नही है। यहां रिश्ते सिर्फ व्यवहार है। " मामी की मायूसी नापते हुए मैंने उनको बाहों में लिया और कस के चुम लिया। मामी काफी मजे ले रही थी। दोनों दोपहर तक तगड़ा सेक्स किये। मामी उम्र के हिसाब से काफी स्टेमिनेबाज थी। दोपहर खाना खाकर मैं ऑफिस के लिए निकला रितु के पास।

ब्यूटी पार्लर सलोन्स को रितु देखती थी , चेतन रियल इस्टेट देख रहा था। एक कॉरपोरेट कॉम्प्लेक्स में रितु ने अपना ऑफिस बनवाया था। जिसमे उसके गिने चुने लोग रहते थे। मैं गया तब दो चार लड़के अपना इन्शुरन्स लेने के लिए झगड़ रहे थे । मैं झट से अंदर घुसा तो एक लड़का और दो लड़कियां (एक औरत होगी शायद) वहां उनको शांत करते दिखे।

"आप बाद में आइए प्लीज, अभी यहाँ बिजी है हम"

मैंने उनको बाजू किया और लड़कों के पास गया।

" क्या शोर है ये? तमीज से जरा "

एक लड़का," तू क्यो बीच मे चिल्ला रहा है बे भोसडी के?" दूसरा," तेरे को प्रॉब्लम है तो कान में रुई घुसा ले रंडी के…।." तीसरा अपनी कम्युनिकेशन स्किल दिखाने ही वाला था कि उसके गाल पे एक तगड़ा खींच लिया कि वो बेहोश हो गया। पहले की तो वो सिन देख मूत निकल गया। दूसरा,"सोरी सोरी, प्लीज हमे बक्शो, हम तो सिर्फ अपने हक का लेने आये है।"

" हर चीज का एक तरीका होता है। यहां औरते है, ऑफिस के क्लाइंट्स के कॉल आते है। तुम लोग गाली गलौच करके मोहोल खराब कर रहे हो । क्या हुआ है बताओ?"

पहला," कुछ हप्तों पहले इनके ब्यूटी पार्लर के लिये हम लोग काम करना चालू किये थे मसाज थरेपी में। "

दूसरा," पहले तो ठीक था। बाद में बाते अलग लेवल पे गयी। उससे भी हमे कोई तकलीफ नही थी। पर…."

"पर क्या? अब पैसे ज्यादा चाहिए?"मैं।

" वैसे ही समझो। इनके क्लाइंट भूखी शेरनी जैसी होती है या, पागल गधी की जैसी। उनको झेलने के लिए हम लोगो को बहोत सहन करना पड़ता है। ऊपर से खर्चे बढ़ते है। " तीसरा होश में आते ही।

मैंने वहां खड़े स्टाफ से इशारा किया," रितु कहा है?"

स्टाफ एक दूसरे का मुह देखने लगे। लड़का बोला, " मैम केबिन में है। " मैं केबिन की ओर बढ़ने लगा।

उसमेसे एक सीनियर थी उस 'औरत" ने मुझे रुकाया," वेट मिस्टर, आप कौन हो वैसे? ऑफिशियल मैटर में पड़े तो पड़े और अभी अंदर घुस रहे है? अपॉइंटमेंट मेल दिखाओ फिर…"

उनकी बात तोड़ते हुए," आप मिस…?"

वो," मिसेस जुली फर्नांडिस , असिस्टेन्ट मैनेजर VIKI'S Beauty Cafe फॉर्मर झुनझुनवाला ब्यूटी सलोन , वर्किंग फ्रॉम लास्ट 15 इयर"

*** जी हाँ, सब इस्टेट को टेकओवर करने के बाद सिन्हा जी के मद्त से हमने ब्यूटी पार्लर का ब्रांड नाम बदल दिया था। क्योंकि जनरेशन के हिसाब से और मार्केटिंग के हिसाब से जरूरी था। मसाज पार्लर की बात कान पर डाली थी रितु ने पर वो फेमिली बिजनेस की तरह यहां भी सेक्सिज्म लायेगी इतने जल्दी ये सोचा न था…खैर!!***


मैं," मिस जुली , आपने ब्रेंड का पहला नाम क्या बोला?"

जुली," कम सुनाई देता है आपको की बस टाइम वेस्ट करने का बहाना….जाने दो… विकि…V…I…K….I"

"क्या मतलब है इसका? कोई कारण इसके पीछे का?"मैं।

लड़का," ये हमारे मेन चेअरमन का नाम है।"

मैं," आपका क्या नाम है भाई साहब?"

वो," सनी सर , 2 मन्थ इंटर्न"

" सनी जी, आजसे आप विकिज ब्यूटी कैफे का मार्केटिंग और हायरिंग स्टाफ मैनेजर का काम देखेंगे। आपकी सेलेरी कितनी है ? " मैं।

सनी," दस हजार सर….."

मैं," एक झिरो और लगाओ और दिल लगाके काम करना "

" ये आप क्यो बता रहे है? " नाक फुसफुसाते हुए जुली बीच मे टपक पड़ी।

" द विकि झुनझुनवाला ,चेअरमन झुनझुनवाला कॉर्पोरेशन " रितु केबिन से बाहर आते हुए बोली।

सनी को एक लाख का झटका सहन नही हो रहा था और उसके इंटर्न में कम्पनी का ओनर उसे प्रमोशन दे रहा है ये बात से वो ज्यादा ही शॉक हो गया। 20 साल की उम्र में ये बहोत बड़ा अचीवमेंट था उसका।

जुली अभी संकट वाली मुद्रा में थी। उसके साथ खड़ी लड़की रिसेप्शनिस्ट थी लगता है। उसने अपना परिचय दिया, " मैं सोनी…यहां रिसेप्शन और ऑफिस असिस्टेन्ट का काम देख रही हु। पिछले 6 महीने से। "

"नाइस टू मिट यू सोनी" मैंने हस्ते हुए ग्रिट किया," सो रितु"

" हा विकि…" रितु के चेहरे पर भी चिंता दिख रही थी । वही चिंता जो अभी सच होने वाली थी।

" मिस जुली का फेयरवेल का इंतजाम करो, इतने साल सेवा देने के बाद इनकी बिदाई शान से होनी चाहिए"मैं।

"पर विकि …." रितु ने जुली की साइड लेना चाहा।

" और कोई जवाब चाहिए या…."मैने थोड़ा व्यंग्यात्मक टोन से पूछा।

" नही , इट्स ओके" रितु ने मेरी मुड़ को भांप लिया।

मैं रितु के केबिन में चला गया।

इधर…….

"आपको जॉब की जरूरत थी इसलिए आपको निकाला नही था। विकि का सीधा फरमान था पुराने लोगो को उड़ाने का। आज वो पहली बार यहां आया और आपने ये किया" रितु ने जुली की खबर लेना चालू किया।

" पर मेम आप तो बड़ी बहन है..आप बोलेंगे तो" सोनी।

" वो मुझे धक्के मार के साथ मे निकलवा देगा। " रितु।

"मतलब ऐसे कैसे?" सनी।

" विकि से मैं ही क्या मेरे पापा और मेरी नानी भी डरती है। वैसे वो दिल का बुरा नही है पर काम की जगह काम और रिश्तों की जगह रिश्ते रखता है। मेरे एक मौसा फरार, दूसरे फेमिली के साथ दुनियाभर ठोकरे खा रहे ही, एक मौसी जेल में। मुझे इनको जॉइन ना करना " रितु के शरीर पे जैसे कांटा आ गया।

"फिर अब क्या होगा" जुली।

"आप मेरी फ्रेंड की माँ हो इसलिए मैं प्रोफेशनली ट्राय करती हूं आपकी बाजू रखने की कोशिश।" रितु की बात सुन जुली ने थोड़ी सांस छोड़ी। उम्र में 45 के आसपास होनेवाली जुली सिंगल मदर थी।

रितु अन्दर आ गयी," क्या सच मे तुम उन्हें..?"

मैं," लगता है तुम दोनों का फेयरवेल एकसाथ करना पड़ेगा..?

"सोसोस सोरी, मैं बस उनके लिए बुरा…" रितु की फट ही गयी।

" तुम्हारे बाप की जहाँगीरी खत्म हो गयी है, अभी ये मेरी सल्तनत है। मैं कहु वही आखरी वचन। " थोड़ा रेशली था पर दुखी से ज्यादा रितु डरी हुई थी। उम्र में तकरीबन 5, 6 साल का फर्क था तो वो मेरी बड़ी बहन लगती थी पर सच्ची में मैं इस घर मे नानी को छोड़ किसी के रिश्ते की परवाह नही कर रहा था।

मैं," और ये सोफे के पास क्या है?" मैं पास जाकर देखा," दारू?? अभी ऑफिस हवर्स में ये सब होने लगा है? मालकिन नही हो यह कि वो भूल रही हो..?" सिर्फ मैं हो बोले जा रहा था वो सुन्न खड़ी थी। सवाल पे सवाल आ रहे थे। हालत से उसको नशा चढ़ रहा है ऐसे लग रहा था।




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ritu thukne wali hai re baba
 
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