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Adultery मिस्टर वारिस - Adultery, Incest, Thriller

कहानी के लिये क्या सुझाव है?

  • बहोत अच्छी

    Votes: 43 62.3%
  • अच्छी है

    Votes: 20 29.0%
  • ठीक नही

    Votes: 1 1.4%
  • कुछ कमियां है (कमेंट में बताएंगे)

    Votes: 3 4.3%
  • लिखना बंद कर दे तु!!

    Votes: 2 2.9%

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sunoanuj

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Vedvixit

Take Off Your CLOTHES, We Need To Talk.. 🔥
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Season 1 || Episode 1
इस कहानी की शुरुवात होती है असल मे मेरी पारिवारिक इतिहास से पर मै इस कहानी को उस जगह से शुरू करना चाहता हु जहा से मुझे इस कहानी का पता चला । नमस्कार दोस्तों , मेरा नाम विकास (विकि ) और मै आज मेरे जिंदगी गई गंदगी आपके सामने बया करने जा रहा हु।


कोविड के बाद मेरे कम्पनी का काम घर से होता था। वैसे मैं बचपन जे होस्टल में ही रहा हु। बचपन मे मा बाप का तलाक होने के बाद मुझे होस्टल का रास्ता दिखा दिया गया। कुछ सालों बाद दोनों ने अलग से अपना संसार बना लिया नई शादी करके और मैं तो जैसे अनाथ ही हो गया। पर सबसे ज्यादा महसूस तब होने लगा जब मुझे होस्टल ने रूम खाली करने के लिए कहा। जाहिर सी बात थी कि नए स्टूडेंट्स के लिए रूम देना होस्टल का काम था।


उस समय मेरी उम्र २५ की थी और बार, होटल, स्ट्रीट फाइट और न जाने किस किस जगह पे काम कर मैं कम्प्यूटर साइंस की डिग्री तक पढ़ाई खत्म कर चुका था। कोविड खत्म होते होते एक विदेसी कम्पनी में जॉब का इंटरव्यू दिया था। बेरोजगारी कम थी कि होस्टल छोड़ने की नोटिस आगयी। नई मुसीबत आन पड़ी। पढ़ाई के लोन सर पर थे।हफ्ते भर का समय था मुझे होस्टल छोड़ने के लिए।


सारा सामान बंधवा कर मैंने गिने चुने होस्टल मेट्स से बिदाई की रस्म पूरी कर आया। कम खर्चे का घर हमारी शहर में ढूंढना मतलब बड़ी ही परेशानी वाली भागदौड़ थी। फिर भी पूरा आत्मविश्वास जुटा कर मैं घर ढूंढने लगा। पर कहते है कि भगवान के घर देर है पर अँधेर नही । हताश होकर मैं सातवे दिन अपने नसीब के भरोसे होस्टल से निकल पड़ा और रास्ते पर आते ही मुझे एक कॉल आया।


" विकि?"


एक चालीस पैतालीस साल की औरत का फोन था।


"जी बोल रहा हु, आप कौन?"


"मैं मिसेस कल्कि झुनझुनवाला, आप प्रमिलादेवी के ग्रैंड सन हो ना?"


प्रमिला देवी… इस मुसीबत को मैं कैसे भूल गया। बदनसीबी से ये मेरे दादी है। मेरे महान पिताजी की माताजी। इनके पराक्रम ऐसे है कि मेरे पिता जी इनके तीसरे पति के इकलौते बेटे। पहले दो पति का, उनका इनके पति होने का कोई कायदे का प्रूफ नही है, बात समझ रहे हो ना? नस्ल की बेहया और अय्याशी में मगरूर औरत है ये। मेरे मा बाप का डिवोर्स होने में इनके महत्वपूर्ण योगदान है। इनका पोता होने से अच्छा मैन अनाथ होकर जीना पसंद किया इससे ही आप समझ जाओ इनकी क्या वैल्यू है मेरी जिंदगी में। अब इन्होंने क्या नई मुसीबत खड़ी की है वो देखते है।


" माफ कीजिये, मैं ऐसी किसी औरत को नही जानता, अपने गलत जगह फोन लगाया है। WRONG NUMBER………"


इतना कहकर मैंने फोन रख दिया। पर कुछ समय बाद उसी नंबर से फिरसे कॉल आया। पर इसबार फोन पे कोई और था। इतनी भी सोचने की बात नही है, माननीय श्रीमती प्रमिलादेवी खुद अपने गटर भरे मुह से मेरे कानों में टपक पड़ी थी।


" विकि बेटा.."नशे में धुत आवाज ।


"क्यो परेशान कर रही है आप मुझे, आपके बेटे ने कब का आपसे रिस्ता तोड़ दिया है और आपके कृपा से मुझसे भी। और क्या छीनना चाहते हो…!?"


मेरा गुस्सा चरण पे था। मिस कल्कि झुनझुनवाला ने बीच मे आते हुए मुझे समझाने की कोशिस की,


" देखो बेटा, तुम्हारा गुस्सा जायस है और मैं आप लोगो के पारिवारिक मामले में टांग नही अड़ाऊंगी। मैंने तुम्हें इसी लिए कॉल किया था कि ,तुम्हारे दादी के करोड़ो रूपये के कर्ज बाकी है। उसे देने के लिए उन्होंने आपका नाम बताया। मुझे मालूम है कि यह इतनी आसान बात नही, पर तुम्हारे दादी के और मेरे पति के 'पुरानी' जान पहचान के चलते कुछ सोचा है मैंने, बस तुम आज शाम को मुझे मेरे पते पर मिलने आ जाना।


अभी मेरा माथा ठनका, मैं गुस्से में ही बोला," मुझे उनसे कोई लेनदेन नही है,.....।"


मिस कल्कि," हम आपको पूछ नही रहे है, बता रहे है। अगर सीधे से नही आओगे तो मेरे लोग लेने आ जाएंगे।मैं फोन रख रही हु।"


मुसीबते आती है तो पूरी बारात लेके आती है। मुझे बिना झंझट का ये मैटर खत्म करना था इसलिए दिनभर रूम के लिए भटक कर मैं झुनझुनवाला के पास चला गया। शहर के व्हाइट कॉलर सबसे महंगे एरिया में एक बंगले का पता था वो। मैं आने वाला हु यह सेक्युरिटी को पहले से ही पता था। उन्होंने बिना नोकझोक मुझे अंदर भेज दिया।


मैं जिस समय गया था उस समय वहां घर मे कोई नही दिख रहा था। मैं बडेसे दरवाजे के सामने जाकर घंटी बजाई।दरवाजा एक मोटीसी मध्यम आयु की एक महिला ने खोला। उसने करीब करीब साड़ी पहन रखी थी। करीब करीब इसलिए कह रहा हु क्योकि उसने साड़ी क्यो पहनी थी इसमे ही मुझे कुछ लॉजिक नही दिख रहा था। वैसे भी वो बहोत ज्यादा ब्लाउज परकर के दिख रही थी। 40 44 40 की बला मेरे मुंह से कुछ निकलने से पहले ही मुझे खींच कर हॉल के कॉर्नर में सीढियो के नीचे के एक रूम में लेकर गयी और दरवाजा बंद कर दिया।


" तुम्हे अकल नही क्या? तेरे मेनेजर को बताया था कि अड्रेस के पीछे के बाजू से भेजने को, तू सामने से क्यो आया?" वो।


मुझे उसकी बातें समझ नही आ रही थी।उनका चेहरा जाना पहचाना लग रहा था पर ध्यान में नही आ रहा था। गिन चुन के कुछ शब्द जमा कर बोलने ही वाला था उतने में उन्होंने अपने कपड़े उतारना शुरू किया। एक 50 साल की औरत मेरे सामने नंगी खड़ी थी। कॉलेज में रंडिया बहोत चोदी थी पर ऐसा कोई सिन कभी नही जिंदगी में आया था।



उसने देखते ही देखते मेरे ऊपर सांप की तरह रेंगना चालू कर दिया। मेरे पेन को आधा नीचे कर हिलाना चालू कर दिया और देखते ही देखते चूसने भी लग गई । उसे किस बात की जल्दी थी , असलियत मे ये रंडीबाज है कौन? इसका मुझे कुछ मालूम पता नहीं हो रहा था । मै बर्फ की तरह स्तब्ध था।


अचानक से कुछ गाडियोकि आवाज आई और वो कपड़े जमा कर भाग गई। मैं तो जैसे पगलाने के कगार पे था। मैंने फिरसे एकबार पता चेक करने के इरादे दे सवर के बाहर आया तो दरवाजे पे बारात खड़ी थी।


"विकि बेटा"


आवाज थोड़ी बहोत पहचान की लग रही थी। कुछ कुछ झुनझुनवाला की जैसी। मैं कुछ बोलता उसके पहले वो मेरे गले आके मिली।


"तुम कब आये?" वो।


मैं ये सब सपने की तरह देख रहा था। पर वो जैसे बरसो से जानती हो ऐसे पेश आ रही थी।


"आगये हो तो , तुम्हारी पहचान करवा दु तुम्हारी 'फैमिली से' " वो।


आखरी वाले शब्द जहर जैसे चुभ गए। फिर भी, चलो मिलते है मेरी सो कोल्ड फेमिली से। इनके इरादे देख लगता है आज इस अनाथ को गोद लेने का प्रोग्राम रखा हो । सभी बड़े डायनिंग पे जमा हो गए। माफिया वाला फील आ रहा था।


मेरे सामने कुछ 10 15 लोग खड़े थे। बड़ा महल ,बड़ी फेमीली। उस मे एक चेहरा धुंधला धुंधला पहचान का लग रहा था। पर कुछ सोच पाउ उससे पहले इंट्रो चालू हुआ।


ये है,


यशवंत: बड़े मामा , 48 साल, घर का बिजनेस।

शाश्वती: बड़ी मामी, 45 साल , हाउसवाइफ।

रितु: बड़ी बहन , 30 साल, बड़े मामा मामी की बेटी, संसार छोड़ आई हुई।


नीलम: बड़ी मौसी 45 साल, हाउसवाइफ।

निलेश: बड़े मौसा 42 साल, घरेलू रियल इस्टेट बिजनेस।

नीतू: बड़ी बहन,


सरिता (सरु): छोटी मौसी, 35 साल, घरेलू बिजनेस।

विश्वास: छोटे मौसा,38 साल, घरेलू होटल बिजनेस।

(कोई संतान नही)


अभी आया हार्ट अटैक मोमेंट*


ये है तुम्हारी माँ , सुशीला देवी (उम्र 40, घरेलू ब्यूटी पार्लर बिजनेस)

और ये सौतेले पापा , चेतन, उम्र 35 साल।


"कोई संतान नही"


किसी बच्चे को तड़पाने का नतीजा भगवान इनको देना ही था। बारातियों का परिचय हो चुका था। अभी आगे,


और मैं तुम्हारी माँ की माँ तुम्हारी नानी " शर्मिलादेवी झुनझुनवाला।"


"अभी गोल गोल बाते न घुमाते हुए सीधे मुद्दे पे आते है। तुम्हे यहां बुलाने का मतलब सिर्फ फेमेली ही नही , उसके साथ कि जिम्मेदारी भी है।"


मैं मिश्किल ओठो में हस दिया। सबके चेहरे शोक में हो गए। दादी ने भी हल्की एटीट्यूड स्माइल देकर बात चालू रखी।


" जैसे कि तुम देख ही सकते हो कि इस परिवार का वारिस बने ऐसा कोई है नही। अब ये जगह तुम्हे भरनी है। थोड़ी बेशरम फेमिली लगी होगी तुम्हे ये पर हालात के मद्देनजर थोड़ा प्रेक्टिकल सोच लो। अगर तुम वारिसदार नही बने तो झुनझुनवाला एम्पायर होटल बिजनेस से बाहर हो जाएगा। दर असल तुम्हारे मामा के बाद घर मे कोई और नही है जो इस जगह के लिए कोलिफाइड है। तुम्हारे पिता, जन्मदाता पिता को भी इसके लिए मनाया गया पर तुम्हारी माँ के साथ हुए झगड़े में वो दूसरे गुट से मिल हमारे एम्पायर को तोड़ना चाहेंगे। हमसे पहले तो नही पर अब के बाद वो भी ये ऑफर तुम्हे जरूर देंगे। खानदानी दुश्मनी जो ठहरी।"


तभी वही औरत जो हवस में डूबी मुझे खाने के लिए टूट पड़ी थी वो अचानक से ऊपर से नीचे उतरते हुए आई।


नानी," इनकी पहचान करना रह गया। ये महोतरमा है आपकी दादी, आपके सगे पापा की माँ, मेरी बहन।"


बहन? दादी? जो औरत मेरा लन्ड मुह में लेके मेरा स्वागत की वो मेरी दादी थी।


है भगवान, है कहा रे तू 🎼🎼


नानी" तुम करीब करीब आधी नस्ल से हमारे वंश नियमोके आधीन हो। शिक्षा से भी उच्च शिक्षित हो। स्वयसुरक्षा के भी गुण है तुममे। बस एकबार मान जावो तो फेमिली रजिस्ट्रेशन के बाद तुम सितारा होटल्स के मैनेजमेंट टेस्ट के लिए कोलिफाइड हो जावोगे।"


मैं गला खराष्ते हुए," नानी, आपको नानी इस लिए बोल रहा हु क्योकि किसी इरादे क्यो ना बुलाया हो आपने पर अच्छा लगा मुझे आपका अपनापन। मैं आपका वारिसदार बनने के लिए कुछ शर्तों से तैयार हूं पर पैसो के लिए या जायदाद के लिए मत समझना।


नानी," नही नही, तुम्हे पैसो की लालच नही ये जानती हूं। पूरा बैकग्राउंड चेक की हु। इसलिये तो तुम्हे चुना गया है। घर की बेटियों को ऐशो आराम से फुर्सत कहा।तुम शर्त बतावो…"


" पहली और जरूरी बात, इस घर से पेपर के अलावा कोई नाता नही है मेरा। खास कर इन (मा, सौतेले पापा की तरफ उंगली करते हुए और दादी की और उंगली करते हुए) लोगो से। कैसे भी हो, फेमिली से गद्दारी मुझे पसंद नही । और इसी कारण से ये वारिसदार का ऑफर मैं मान रहा हु क्योकि, सामने वाले ने मेरे पैदा होने के साथ ही बहोत सारी गद्दारीया कर रखी है, उसके प्रायश्चित की अब बारी है। गद्दी, पैसा, गाड़ी, घर और कुछ, ये सब तो मिलेगा ये आपका थाट देखकर मैं समझ गया। पर मैं इस घर मे नही रहूंगा। बचपन से अनाथ हु, इतने लोगो की आदत नही है। बस अभी के लिए इतनाही।"


"तुम्हारी सारी शर्त मंजूर !! तुम्हारी गाड़ी, क्रेडिट कार्ड और एक फार्म हाउस और एक VVIP होटल रूम तुम्हारे काम के लिए दी जाएगी। कल से तुम किससे क्या नाता रखते हो ये तुम्हारे उपर छोड़ देती हूं। पर तुमने मुझे नानी बोला है और ऑफर मंजूर किया है उस हिसाब से कल से तुम सितारा होटल्स ग्रुप के वर्किंग डायरेक्टर की गद्दी संभालोगे। इज दैट क्लियर?"

नानी से सबकी ओर गर्दन घुमाई और मेरे साथ सभी लोगो ने हामी भर दी।

........ Episode 2 Loading.....

please Feedback for this story


Dhamaake daar story hai
keep it up 👏👏👏
 

WriterTeja

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● Season 1 Episode 4.
कहानी आगे…


हालांकि रेखा मेरी शिकार थी पर सीमा को शिकार बनाने के दो कारण प्रमुख थे। एक ये था कि रेखा की नोकरी इनसेक्यूर (घातक मोड़ पे) लेवल पर लानी थी जिससे मैं जब तक पूरी तरह से मेरे इस नए मौहोल में घुल मिल सेटल नही होता तब तक इस लौड़ी के कुछ कारनामे मेरे विरोध में घटने नही चाहिए। दूसरा ये की ये अगर मौसा का पक्ष छोड़ मेरे पास आई तो वैसे भी समझ जाओ की बेवफा है वो ,तो वफादार कुत्ता/कुत्ती पालना जरूरी है जिसके पहले मालिक आप हो और कुत्ता/कुत्ती इस धंदे में नई हो। इस सोच को समझदार आदमी के लक्षण बोलते है। समाज हो या परिवार, पोलिटिक्स तो बनता है।


मुझे उठने में दोपहर हो गयी थी। नानी के 4 मिसकॉल के बाद एक मेसेज था,


"तू सोया है लगता है। तुम्हे ये बताने के लिए मेसेज कर रही हु की तुम्हारा डीएनए टेस्ट के लिए डॉक्टर दोपहर को आएंगे। वो करवा लेना और कल दोपहर को मेरा सेक्युरिटी चीफ तुम्हे बर्थ रजिस्ट्रेशन के लिए लेने आएगा तो तैयार रहना। मिलते है कल।"


पढ़ने के तुरंत की मेरे रूम की रिंग बजी। बाहर से डॉक्टरर्स की कन्फर्मेशन आई। डॉक्टर्स से सब टेस्ट करने के बाद मैं फ्रेश होकर होटल के चक्कर मारने लगा तो मुझे मेरे फ्लोर के नीचे सफाई के डिब्बे के पास ड्रग्स के कुछ पैकेट्स दिखे। मैंने सफाई वालो को चुपचाप एक बाजू लिया और हाथ चेक किये तो उनमें से किसीके हाथ पर कुछ नही था। मतलब ये चीज बाहरसे किसीने कचरे में फेकि थी।


मैंने कंट्रोल रूम में जाके व्हिडिओ चेक किया तो मुझे एक रूम से जो ठीक उस कचरे के स्पेस के सामने था वहां से एक बैग बाहर आता हुआ दिखा, जैसे किसीने फेंक दिया हो। मैं उस जगह फिरसे गया और और छानबीन की तो मालूम पड़ा कि वह पर और भी चीजे थी जो हैरान करने वाली थी। वह अलग अलग सिरिंज, गांजा, सिगरेट मैंने पाई।


मैंने रिसेप्शन पे कॉल करके उस रूम की जानकारी निकाली। वो रूम मेरे फ्लोर के नीचे था तो वो जरूर वीआईपी था। रजिस्टर पे नाम नही था, न कुछ जानकारी। मेरे चार शब्द सुनाने के बाद मुझे मालूम पड़ा कि वहां कोई श्वेता सिंग करके औरत आई थी। मैंने आगे की बात न सुनते हुए फोन काट दिया। मेरा दिमाग खराब हो रखा था। मैंने अपना फोन का केमेरा चालू किया लाइव मोड़ पे, जिसका वीडियो क्लाउड में जाये, कम्प्यूटर साइंस का पढ़ाई का सही उपयोग अभी चालू हुआ था।


बड़े मशागत के बाद अंदर से दरवाजा खुला। हाथ मे सिगरेट और पेग, शरीर पर ट्रांसपरेंट नाइटी, अंदर ब्रा और V शेप पेंटी पर एक 35,40 की औरत मेरे सामने नजर सुजाये हवा में भटक लटक रही थी।


"नॉनसेंस, यू ब्लडी रास्कल.. तुम लोगो को बोला है कि मुझे डिस्टर्ब मत करो तो क्यो आ जाते हो मेरी गांड मारने।"वो फस्ट्रेट हो गयी थीं । उसके बेड पर और ड्रग्स थे।शायद अभी खोले नही थे । मतलब ये पहले स्टेज पर ही थी। ये वीआईपी है तो बड़ी हस्ती होगी समाज मे। इससे निपटने का शातिर आयडिया ढूंढना पड़ेगा।


"सुनिए मेडम जी, हम न आपके न इस होटल के नोकर है। आय एम फ्रॉम नारकॉटिक्स डिपार्टमेंट (मैंने मेरा पर्स में से कॉलेज लायब्ररी कार्ड निकाल के शो ऑफ किया। और उसने मान भी लिया। ""नशा"") आपको अवैध नशा करने के चार्ज में गिरफ्तार करने का ऑर्डर है।"


उसका नशा कंट्रोल में आगया। पसीने आने लगे।


"मैं एक महिला हु मुझे अरेस्ट करने के लिए लेडी.." वो हिचकिचाहट में अपनी लाइन सेफ कर रही थी पर मैंने उसका कॉन्फिडेंस तोड़ने के लिए कहा," हा जी जरूर, नीचे रिसेप्शन पर खड़ी है आरती का सामान लेके, चलिए आप"


"ये देखो, नेता की पत्नी है हम, सत्ता हमारी है, एक फोन करेंगे नोकरी खतरे में….." उसके इस फिल्मी फ़टे पुराने डायलॉग को फिरसे तोड़ते हुए बोला,"अच्छा जी, अगर मैं ये बात मीडिया में दु तो तुम्हारे पति का करियर खत्म, सत्ता गिरेगी अलग से और आपका तलाक बोनस में, है कि नही बिन बरसात दिवाली।" उसके सारे पैतरे मिट्ठी में थे


"अरे क्या साब, क्यो हमारी लेने पर तुले हो। लेवन देवन से मामला निपटा लो "टेंशन के मारे वैसे नशा उतर गया था उसका।


पर अरेर, ये क्या भाषा है। टोटल अनपढिया टोन था। विकि गधे, किसी की ड्रेस से उसकी अवकात मत नापा कर। बाकी बात लेने देने पर आई है तो ले भी ले और दे भी दे।


"ठीक है, तुम चुत दो हम छूट दे देंगे।"मैं।


वो चौक गयी, हड़बड़ाई और भयंकर गुस्से में बोली,"तुम अपनी पद का गलत इस्तेमाल ना करो, ये एक महिला का यौन शोषण है।"


"पहली बात मैं निवेदनपूर्व इजाजत ले रहा हु, दूसरी बात मांडवली आपकी चॉइस थी मेरी नही। नही तो नही, बात सीधे से ले जाएंगे।


मैं इतना बोल के दरवाजे की ओर बढ़ा। वो डर सी गयी और मुझे पीछे से हाथ खींच के रुकवा दी। खींचते समय डर के मारे इतना जोर से खींचा की मैं सीधा उसके ऊपर गया , कंट्रोल न कर पाने से दोनों बेड पर गिर गए। वो मेरे नीचे और मैं उसके उपर।करीब करीब खुदाई शुरू होने वाली थी उससे पहले मैंने होश में आते हुए खुद को वहां से बाजू कर लिया। और मुड़ कर फोन लगाया रिसेप्शन को।


" नजदीकी पोलिस स्टेशन को खबर दो यहां गैरकानूनी काम हो रहे है। हमे कम्प्लेंट करनी है " मैं।


सामने से धीमी आवज बाहर आई,"जी सर।" उतना सुन कर श्वेता ने मुझे घुमाया और सीधे ओंठो से ओठ चिपका दिए। मैं अभी भी सेक्शुअली उसपे हावी नही हुआ था। उसने जोश में खुदको नंगा किया और जूझे बेड पर धकेलते हुए मेरी पेंट निकाली। जैसे ही मैं थोड़ा सहयोग देने लगा तो उसने झट से बाजू से अपना फोन लिया और रिकॉर्ड चालू किया।


रोते हुए," ये देखो ये बंदा सरकारी कर्मचारी है, नारकोटिक्स का अधिकारी है और समाज की इज्जतदार औरतो को होटल लेके जाता है ब्लैकमेल करके और खुद नशे में धुत होकर जबरदस्ती करता है।….ब्ला ब्ला ब्ला…"


पॉलिटिशियन की औरत है तो सीधी उंगली तो नही होगी ये तो तय था। मैं शांति से उठा और खुद को ठीक कर के वहा से जाने लगा। वो पीछे आई," क्यो फट गई। औकात देखके…" मैंने उसकी बात काटते हुए, " अबे चूतड़ की नाम पे कलंक अनपढ़ औरत (उसका गुस्सा और अपमान वाला चेहरा देखनेवाला था) लायब्ररी का कार्ड दिखाया तोभी तुझे मालूम नही पड़ा और तुम्हे मैं नारकोटिक्स लगा।"


वो ," तो तू है कौन?


मैं," इस होटल का नया मालिक।"


वो," मालिक हुआ तो क्या हुआ? तुम ऐसे कस्टमर के प्रायव्हसी में कैसे आ सकते हो…"


मैं," प्रायवहसी में आना गलत है? ये जो कर रहे हो वो प्रायवहसी नही, गुनाह है। वो गुनाह जो मेरी होटल की इमेज डेमेज करेगा और मुझे कंगाल। मेरा करियर शुरू होने के पहलेही खत्म हो जाएगा।"


वो," तो क्या? मैं जो चाहू करु। तुम मेरा कुछ नही उखाड़ पावोगे। नेता की बीवी हु। और कुछ आड़ा टेढा सोचा तो ये व्हिडिओ वायरल हो जाएगा। होटल के नाम के साथ।"


मैं मजाकिया टोंन में हसने लगा, वो मेरे हसने पर थोड़ा चौक गयी।


"क्या हुआ पगला गया क्या,? हस क्यो रहा है?," वो


"तू अभीतक नही समझी। मैं अंदर आने से पहले दरवाजा खुला रखा था। ऊपर देख (दोनों दरवाजे के सामने ऊपर देखे) ये केमेरा सीधा बेड पे फोकस करता है। इसका मतलब है। नशे के साथ तेरी पूरी ब्लू फ़िल्म हमारे पास है। जिसमे फसेंगी तू और उसपे ये व्हिडिओ कुछ ना कर पायेगा।"


अभी उसका सारा नशा उतर गया था। उसने घबराहट में झट से दरवाजा बंद कर लिया। मैंने वहां से अपनी सवारी नीचे की ओर घुमाई।


शाम के पांच बजे थे।


** सत्ता के एक चमचे का वीक पॉइंट हाथ लग गया मेरे। इसका इस्तेमाल सही से करना होगा** इसी सोच विचार में चल रहा था तभी किसी रूम के सामने से कुछ फूल गिरे दिखाई दिए। आजूबाजू कोई है क्या देख कर कोई हाउसकीपिंग है क्या देखा पर कोई नही था। तो मैंने वो फूल उठाये और थोड़े फैला कर शो पीस में रख दिये। मैं वहां से आगे जाने वाला था तभी उस शोपीस के ठीक दूसरी बाजू से दरवाजा खुला और अंधेरे कमरे से आवाज आई," जल्दी से अंदर आ जाओ"


मैं हड़भड़ाते हुए अंदर गया। एक वीआयपी कमरा जैसा रहता है वैसा कमरा था। औरत काफी घरेलू लग रही थी। खानदानी पहराव। माथे पर कुमकुम, गले मे मंगलसूत्र, हाथ मे चूड़ियां और बाकी का आप समझ जावो। ये क्या भोसड़खाना लगा रखा है बे यहां।ये औरत मन्दिर की जगह वी आय पी रूम में क्या कर रही है?


"तुम्हे मिस रिया ने भेजा है ना?" वो।


"कौन रिया?"मैं रिएक्ट हुआ।


"तुम्हे रिया मालूम नही, यहां की मैनेजर" वो अभी थोड़ा डर रही थी। कहि वो गेम से बाहर ना जाए इसलिए मैंने थोड़ा प्लेबॉय स्क्रिप्ट ट्राय करने का सोचा। गलत जगह गलत इंसान को देखके उस सिन का पूरा ज्ञान हो जाता है, वही काम मेरा सिक्स सेंस उस समय कर रहा था।


"मैनेजर मेडम बोलो, ऐसे काम मे नाम नही बताये जाते, बस कुछ क्लू होते है जैसे कि गमला?( फसी फसी फसी, फस जा आंटी, जल्दी से। क्योकि अब मेरी फट रही है।)


"राइट राइट। माफ करना मैं नई हु। ऐसे सिचुएशन में पहले कभी थी नही। तुम काफी अनुभवी बंदे लगते हो। क्या नाम ? सोरी रूल्स इज रूल्स।" वो थोड़ा हाय ब्लड प्रेशर से मीडियम पे आगयी। ऊपर से कुल भी बन रही थी।


"वैसे रूल्स आर रूल्स पर आप जैसे नो जवान हसीन कुड़ी वास्ते मैं एक रूल जरूर तोड़ सकता हु। (वो थोड़ी शरमाई) आये हए क्या गुलाबी गाल फुले देखो किसीके आह!!! (चलो छोड़ो भी के इसमे हाथ झटकाये) वैसे मेरा नाम मिस्टर युमजोंग, खूबसूरत औरते मुझे मिस्टर जोंग बुलाती हैं।


** वाचको की जानकारी के लिए। युमजोंग कोरियन वर्ड है जिसका मीन्स है लंड( Penis)**


"वो अच्छा, सो जोंग। मेरा नाव मिसेस सुपिया छत्री है। और सही में मैं इस गेम की नई प्लेयर हु। मेरे पहरावे से मालूम हुआ ही रहेगा। (मैं गर्दन हिलाक़े कैज्युअल हस्ते हुए हामी भर दिया।)


मैं," वो तो मैं सोच ही रहा हु।पर आप यहा क्यो? मुझे मालूम है ये वर्क इथिक्स के खिलाफ है ऐसे सवाल पूछना पर आप जानते हो मैं क्यों पूछ रहा हु, राइट!!"


"सीट (उन्होंने बेड पे एन्ड पर मुझे बैठना ऑफर किया और खुद भी बैठ गयी।) सो मैं पिछले दो महीने पहले यहां किसी फेमिली फंक्शन के लिए आई थी तो यहां ठहरी थी। उस समय मैंने यह कि एक जॉय क्लब में जॉइन किया। मेरे पति बिजनेसमन है और इस शहर में आना जाना रहता है तो बहोत समय यही जाता है। तो क्लब के एक इवेंट में मेरी मुलाकात मैनेजर रिया से हुई। उन्होंने मुझे बहोत हेल्प की है यहां कंफर्ट देने के लिए। सो मीन टाइम हम दोस्त बन गए और उसने इस फन गेम का जिक्र कियास , सी वी आर हिअर।" उसने क्येज्यूल स्माइल से खत्म किया। वो मॉडर्न भी थी और पुराने तौर तरीके की भी। दोनों पर्सनेलिटी बड़ी खूब निभा रही थी।


"पर अगर आपके पति को इसका? मतलब समझ रहे हो ना? आपका पहराव पूरा पतिव्रता टाइप है। "मैं।


"वो फो, तुम्हे क्या लगता है मेरे वो अय्याशी नही करते" अभी मेरे जैसे इसी होटल के किसी रूम में किसी मिस योंग के साथ होंगे।" जोंग योंग वाले जोक पे हम दोनों हंस पड़े।


मैं," फिर भी अगर वो गलत है तो आप भी गलती करो ये उनके जैसा ही हुआ ना।"


वो थोड़ी भावुक हुई," तुम्हारे मेरे विचार कितने म्युचुअल है। (उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए। और कस लिएऔर मायूसी सा मुह कर लिया । लगता है उसको कंफर्ट की जरूरत है) पर रिया बोली एक्शन इज रॉन्ग, रिएक्शन इज सेल्फ डिफेंस। वो गलत नही होता। मेरा पति मेरे वफाई के ऊपर अन्याय कर रहा है और मेरा पूरा हक बनता है मेरे वफाई को न्याय देने का। तो इन सेल्फ डिफेंस, मैं आय फ़ॉर आय का फॉर्मूला इस्तेमाल करूँगी। लव और वॉर में सब जायस है। उसने लव को ठुकरा दिया अभी वॉर देखेगा। एयर वैसे भी वो कभी मुझे शारिरिक सुख दे न पाया। मेरा सेल्फ लिविंग कुछ तो है कि नही?" उसने फिरसे कैज्युअल स्माइल देकर बातचीत को हल्का सा ठहराव दिया।


उसके आंखे भरी थी। आसुओ की बूंदे साफ साफ झलक रही थी। मैंने झट से अपने हाथ ऊपर किये और आंसू पोंछ लिए। उसने वेदना भरी आंखे और वासना भरी चेहरे से अपनी भावनाएं बया कर दी। उसके मुह से सिसकी और ओंठ को दांतों के कंट्रोल करते हुए उसने मेरे हाथों को अपने हाथों से मुह पर और दबोचा और एक हाथ के तल पर चुम लिया।


" इस लमहे का इंतजार हर औरत को रहता है जोंग। उसके बिना बताए कोई उसके आंसू को खुद के हाथों से पोंछे।"वो फिरसे रोने लगे उससे पहले मैंने उसके ओंठो पर अपने ओंठो से धावा बोल दिया। उसने बिना देर किए पूरा साथ दिया। ओंठ एक दूसरे का जैसे खून करने के लिए हावी थे। मैंने उसको पेड़ पर बैठे बैठे सुला दिया पर ओंठ न छूटे, न मेरे न उसके। हम एकदूसरे पर ऊपर नीचे होते हुवे अटैक कर रहे थे।ओंठो के उस युद्ध मे बस मेरी अंदर वेअर और उसका इनरवेयर बाकी था। हर ऊपर नीचे वाली हरकत ने एक एक कपड़ा उतार दिया था। कुछ देर बाद वो युद्ध थमा। सुपिया हांफ रही थी।


वैसे सुपिया 35 से 40 साल की एक शादीशुदा औरत है। जिसका बॉडी 36 40 38 जैसा आसपास रहेगा। जिमेस्टिक बॉडी न कोई योगा करती होगी ऐसे लग रहा था। उसका हांफना नॉर्मल लगा मुझे। तभी बेल बजी। सुपिया चौकी पर मैने लिड ली। दरवाजे के आड़े जा के खड़ा हुआ।


"जी 1405 यही…?"


"आप " मैं सामने से सवाल किया।


"जी वो गमला…..(उसने बात बदली) जी कुछ नही, एन्जॉय युवरसेल्फ़..बाय.. सोरी फ़ॉर डिस्टर्ब" वो कन्फ्यूजन में वहां से निकल गया।


मैंने डोर के सेक्युरिटी फोन से धीमी आवाज में बोला, " गार्ड एक पर्पल चेस्क में एक आदमी 13 फ्लोर पे आएगा। उसको मेरे कहने तक कहि पर कैद करो। बाकी बाद में बताता हूं। "


जाहिर सी बात थी कि बंदा वही था जिसकी वजह से आज विकि जोंग का किरदार निभा रहा था। जोंग? अबे चूतिये विकि कोई दूसरा नाम नही मिला। कम कोरियन पोर्न देखा कर।


चलते है बेड पर***


मुझे आते देख आंखों से सुपिया ने पूछा,"कौन?"


"रूम सर्विस" मैंने ग्लोबल जवाब दिया और इतिहास गवाह है कि वो मान गयी।


मैंने उसको खड़े खड़े निहारना चालू किया। मेरी आँखों के उस हवसी देखने से वो शर्मा रही थी, नॉटी स्माइल दे रही थी। मैं कमर से उंगली लपका के अंडरवियर उतार दी। मैं पूरा नंगा था। 7 इंच उसे सलामी दी रहा था।


"वो शिट, इज धिस रियल ? वोआओ!!" वो चकित हो गयी। लगता है ये साइज उसने पहली बार देखी थी।


"मेरे पति का इससे आधे से भी कम है।। ओ मैया मोरी" शॉक और खुशी दोनों हवस में मिक्स करदे तो क्या बन सकता है उसका अनुभव मुझे हो रहा था। मैंने हाथ मे लन्ड हिलाते हुए बेड पर घुटनो से चलते हुए उसके पास गया। उसने धीरे धीरे हाथ बढ़ाते हुए मेरा लन्ड हाथ मे लिया और हल्के हल्के सहलाने लगी। मैंने पीछे से हाथ डाल ब्रा निकाल कर बाजू कर दी। ब्रा MZ CUP थी।


मैं होलिबोल की तरह टॉस किये जा रहा था। सहला रहा था। निप्पल को महसूस कर रहा था। थोड़ा दबाया तो थोड़ा पानीसा दूध भी आ रहा था। उससे उसका जोश और भी बढ़ा और उसने चूसना चालू किया मेरे लन्ड को। मैं तो सातवे आसमान पे चला गया। उसका ब्लोजॉब उतना अच्छा नही था पर परफेक्शन से जरूरी मुझे उसका एन्जॉयमेन्ट ज्यादा जरूरी लगा।


कुछ पल आनंद लेने के बाद उसको मैंने सुलाया और चुचे चूसना मसलना शुरू किया । एक पर मुह से चूसा तो एक हाथ से दूसरे को मसल रहा था। वो वासनाभरी आह, सिसकी भरती जा रही थी। मैंने उसमे और बढ़ावत देने के लिए चूत में हाथ डाल के चूत के दाने को मसनला, चुभना, दबाके मसलना चालू किया। वो तो जैसे ड्रग वाली नशे में तैर रही थी। मेरे मुह को छाती, चुचे पर दबा रही थी। मैं नीचे खिसका, पेंटी खिसका कर जीभ से चूत चोदना चालू किया। बीचमे चुट को चाट, खा रहा था। उसका शरीर बुखार ठंडी की तरह कांप रहा था। वो पानी छोड़ चुकी थीं।


वो पूरी ठंडी पड़े उससे पहले मैंने उसके चुत पर लन्ड लगा कर ठुकाई चालू कर दी। इसके पैर ऊपर की तरफ फैले और वह मेरे नीचे फैली थी। मैंने बीच बीच में ओंठ चुमना चालू रखा।


"आह उम्म, फक मि हार्ड ऊऊऊऊममममम टफ टफ चोदो जोर से आह आह हनी आह फक फक आह…."


अभी वो मेरे ऊपर आयी। बाल एक हाथ से बांध चुचे पकड़ते हुए वो उछल रही थी।मैंने उसके चुचो को कस लिया वो मेरे कंधो पर झुकाव देखे गांड उड़ा रही थी। अभी वक्त था घोड़ी का पर वो उसके लिए अभी थकी थी। तो उसको लिटा के एक पैर ऊपर कर पीछे से लन्ड डालके चोदना चालू किया।


"आह आह एह हए ऍह ये फ़ेकिंग गुड़ , गांडू प्रतीक देखना चाहिए था, एह इह भोसडी वाले को देखना चाहिएए ममम दैट्स कॉल फ़ेकिंग, बुर चोदना इसे कहते मममममम आहह, फक हार्ड फ़ास्ट आह आह.."


अभी मेरा निकल रहा था। मैं बाहर निकाल कर छोड़ने वाला था उससे पहले उसने घूमकर मेरा लन्ड पकड़ा और झट से नीचे चली गयी। फवारा सीधे मुह में।


कुछ देर तक बेड पर ही लेटे रहे। "थेंक्स जोंग, आज बहोत दिन बाद औरत होने का एहसास हुआ" इतना बोलते हुए उसने मुझे एक लंबा लिपकिस दिया और अपना फोन निकाल के एक नंगी तस्वीर मेरे बाहों में लेली और कुछ पल में ही सो गई। कुछ देर बाद मैं उठ कर चला गया।


मैं नीचे जाने तक कुछ बाते सोच रहा था। प्रोफेशनल इंटरनेशनल होटल में 2 कौड़ी की लॉज की तरह एंट्री की झोल ऊपर से ऐसे काम के लिए ऐसे लोग,उसमे ड्रग्स अलग। सेक्युरिटी की लवड़े, वर्क रूल्स के लवड़े, कस्टमर इथिक्स के लवड़े। और भेंछोद ये रिया कौन है? स्टाफ का पोर्टफोलियो देखना पड़ेगा। और ये अश्लील औरतो और ड्रग्स का अलीबाबा का दरवाजा ढूंढना तो ….जरूरी है!!


मैं दरवाजा ढूंढ लेता हूं तब तक आप भी सोचिये और कहानी कैसी वो कमेंट करके बताइये। सारे तरह के सुझाव यहां ध्यान में लिए जाते है। कोई फेंटेसी हो तो वो भी बताइये। हम भी सुनना पसंद करेंगे।
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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● Season 1 Episode 4.
कहानी आगे…


हालांकि रेखा मेरी शिकार थी पर सीमा को शिकार बनाने के दो कारण प्रमुख थे। एक ये था कि रेखा की नोकरी इनसेक्यूर (घातक मोड़ पे) लेवल पर लानी थी जिससे मैं जब तक पूरी तरह से मेरे इस नए मौहोल में घुल मिल सेटल नही होता तब तक इस लौड़ी के कुछ कारनामे मेरे विरोध में घटने नही चाहिए। दूसरा ये की ये अगर मौसा का पक्ष छोड़ मेरे पास आई तो वैसे भी समझ जाओ की बेवफा है वो ,तो वफादार कुत्ता/कुत्ती पालना जरूरी है जिसके पहले मालिक आप हो और कुत्ता/कुत्ती इस धंदे में नई हो। इस सोच को समझदार आदमी के लक्षण बोलते है। समाज हो या परिवार, पोलिटिक्स तो बनता है।


मुझे उठने में दोपहर हो गयी थी। नानी के 4 मिसकॉल के बाद एक मेसेज था,


"तू सोया है लगता है। तुम्हे ये बताने के लिए मेसेज कर रही हु की तुम्हारा डीएनए टेस्ट के लिए डॉक्टर दोपहर को आएंगे। वो करवा लेना और कल दोपहर को मेरा सेक्युरिटी चीफ तुम्हे बर्थ रजिस्ट्रेशन के लिए लेने आएगा तो तैयार रहना। मिलते है कल।"


पढ़ने के तुरंत की मेरे रूम की रिंग बजी। बाहर से डॉक्टरर्स की कन्फर्मेशन आई। डॉक्टर्स से सब टेस्ट करने के बाद मैं फ्रेश होकर होटल के चक्कर मारने लगा तो मुझे मेरे फ्लोर के नीचे सफाई के डिब्बे के पास ड्रग्स के कुछ पैकेट्स दिखे। मैंने सफाई वालो को चुपचाप एक बाजू लिया और हाथ चेक किये तो उनमें से किसीके हाथ पर कुछ नही था। मतलब ये चीज बाहरसे किसीने कचरे में फेकि थी।


मैंने कंट्रोल रूम में जाके व्हिडिओ चेक किया तो मुझे एक रूम से जो ठीक उस कचरे के स्पेस के सामने था वहां से एक बैग बाहर आता हुआ दिखा, जैसे किसीने फेंक दिया हो। मैं उस जगह फिरसे गया और और छानबीन की तो मालूम पड़ा कि वह पर और भी चीजे थी जो हैरान करने वाली थी। वह अलग अलग सिरिंज, गांजा, सिगरेट मैंने पाई।


मैंने रिसेप्शन पे कॉल करके उस रूम की जानकारी निकाली। वो रूम मेरे फ्लोर के नीचे था तो वो जरूर वीआईपी था। रजिस्टर पे नाम नही था, न कुछ जानकारी। मेरे चार शब्द सुनाने के बाद मुझे मालूम पड़ा कि वहां कोई श्वेता सिंग करके औरत आई थी। मैंने आगे की बात न सुनते हुए फोन काट दिया। मेरा दिमाग खराब हो रखा था। मैंने अपना फोन का केमेरा चालू किया लाइव मोड़ पे, जिसका वीडियो क्लाउड में जाये, कम्प्यूटर साइंस का पढ़ाई का सही उपयोग अभी चालू हुआ था।


बड़े मशागत के बाद अंदर से दरवाजा खुला। हाथ मे सिगरेट और पेग, शरीर पर ट्रांसपरेंट नाइटी, अंदर ब्रा और V शेप पेंटी पर एक 35,40 की औरत मेरे सामने नजर सुजाये हवा में भटक लटक रही थी।


"नॉनसेंस, यू ब्लडी रास्कल.. तुम लोगो को बोला है कि मुझे डिस्टर्ब मत करो तो क्यो आ जाते हो मेरी गांड मारने।"वो फस्ट्रेट हो गयी थीं । उसके बेड पर और ड्रग्स थे।शायद अभी खोले नही थे । मतलब ये पहले स्टेज पर ही थी। ये वीआईपी है तो बड़ी हस्ती होगी समाज मे। इससे निपटने का शातिर आयडिया ढूंढना पड़ेगा।


"सुनिए मेडम जी, हम न आपके न इस होटल के नोकर है। आय एम फ्रॉम नारकॉटिक्स डिपार्टमेंट (मैंने मेरा पर्स में से कॉलेज लायब्ररी कार्ड निकाल के शो ऑफ किया। और उसने मान भी लिया। ""नशा"") आपको अवैध नशा करने के चार्ज में गिरफ्तार करने का ऑर्डर है।"


उसका नशा कंट्रोल में आगया। पसीने आने लगे।


"मैं एक महिला हु मुझे अरेस्ट करने के लिए लेडी.." वो हिचकिचाहट में अपनी लाइन सेफ कर रही थी पर मैंने उसका कॉन्फिडेंस तोड़ने के लिए कहा," हा जी जरूर, नीचे रिसेप्शन पर खड़ी है आरती का सामान लेके, चलिए आप"


"ये देखो, नेता की पत्नी है हम, सत्ता हमारी है, एक फोन करेंगे नोकरी खतरे में….." उसके इस फिल्मी फ़टे पुराने डायलॉग को फिरसे तोड़ते हुए बोला,"अच्छा जी, अगर मैं ये बात मीडिया में दु तो तुम्हारे पति का करियर खत्म, सत्ता गिरेगी अलग से और आपका तलाक बोनस में, है कि नही बिन बरसात दिवाली।" उसके सारे पैतरे मिट्ठी में थे


"अरे क्या साब, क्यो हमारी लेने पर तुले हो। लेवन देवन से मामला निपटा लो "टेंशन के मारे वैसे नशा उतर गया था उसका।


पर अरेर, ये क्या भाषा है। टोटल अनपढिया टोन था। विकि गधे, किसी की ड्रेस से उसकी अवकात मत नापा कर। बाकी बात लेने देने पर आई है तो ले भी ले और दे भी दे।


"ठीक है, तुम चुत दो हम छूट दे देंगे।"मैं।


वो चौक गयी, हड़बड़ाई और भयंकर गुस्से में बोली,"तुम अपनी पद का गलत इस्तेमाल ना करो, ये एक महिला का यौन शोषण है।"


"पहली बात मैं निवेदनपूर्व इजाजत ले रहा हु, दूसरी बात मांडवली आपकी चॉइस थी मेरी नही। नही तो नही, बात सीधे से ले जाएंगे।


मैं इतना बोल के दरवाजे की ओर बढ़ा। वो डर सी गयी और मुझे पीछे से हाथ खींच के रुकवा दी। खींचते समय डर के मारे इतना जोर से खींचा की मैं सीधा उसके ऊपर गया , कंट्रोल न कर पाने से दोनों बेड पर गिर गए। वो मेरे नीचे और मैं उसके उपर।करीब करीब खुदाई शुरू होने वाली थी उससे पहले मैंने होश में आते हुए खुद को वहां से बाजू कर लिया। और मुड़ कर फोन लगाया रिसेप्शन को।


" नजदीकी पोलिस स्टेशन को खबर दो यहां गैरकानूनी काम हो रहे है। हमे कम्प्लेंट करनी है " मैं।


सामने से धीमी आवज बाहर आई,"जी सर।" उतना सुन कर श्वेता ने मुझे घुमाया और सीधे ओंठो से ओठ चिपका दिए। मैं अभी भी सेक्शुअली उसपे हावी नही हुआ था। उसने जोश में खुदको नंगा किया और जूझे बेड पर धकेलते हुए मेरी पेंट निकाली। जैसे ही मैं थोड़ा सहयोग देने लगा तो उसने झट से बाजू से अपना फोन लिया और रिकॉर्ड चालू किया।


रोते हुए," ये देखो ये बंदा सरकारी कर्मचारी है, नारकोटिक्स का अधिकारी है और समाज की इज्जतदार औरतो को होटल लेके जाता है ब्लैकमेल करके और खुद नशे में धुत होकर जबरदस्ती करता है।….ब्ला ब्ला ब्ला…"


पॉलिटिशियन की औरत है तो सीधी उंगली तो नही होगी ये तो तय था। मैं शांति से उठा और खुद को ठीक कर के वहा से जाने लगा। वो पीछे आई," क्यो फट गई। औकात देखके…" मैंने उसकी बात काटते हुए, " अबे चूतड़ की नाम पे कलंक अनपढ़ औरत (उसका गुस्सा और अपमान वाला चेहरा देखनेवाला था) लायब्ररी का कार्ड दिखाया तोभी तुझे मालूम नही पड़ा और तुम्हे मैं नारकोटिक्स लगा।"


वो ," तो तू है कौन?


मैं," इस होटल का नया मालिक।"


वो," मालिक हुआ तो क्या हुआ? तुम ऐसे कस्टमर के प्रायव्हसी में कैसे आ सकते हो…"


मैं," प्रायवहसी में आना गलत है? ये जो कर रहे हो वो प्रायवहसी नही, गुनाह है। वो गुनाह जो मेरी होटल की इमेज डेमेज करेगा और मुझे कंगाल। मेरा करियर शुरू होने के पहलेही खत्म हो जाएगा।"


वो," तो क्या? मैं जो चाहू करु। तुम मेरा कुछ नही उखाड़ पावोगे। नेता की बीवी हु। और कुछ आड़ा टेढा सोचा तो ये व्हिडिओ वायरल हो जाएगा। होटल के नाम के साथ।"


मैं मजाकिया टोंन में हसने लगा, वो मेरे हसने पर थोड़ा चौक गयी।


"क्या हुआ पगला गया क्या,? हस क्यो रहा है?," वो


"तू अभीतक नही समझी। मैं अंदर आने से पहले दरवाजा खुला रखा था। ऊपर देख (दोनों दरवाजे के सामने ऊपर देखे) ये केमेरा सीधा बेड पे फोकस करता है। इसका मतलब है। नशे के साथ तेरी पूरी ब्लू फ़िल्म हमारे पास है। जिसमे फसेंगी तू और उसपे ये व्हिडिओ कुछ ना कर पायेगा।"


अभी उसका सारा नशा उतर गया था। उसने घबराहट में झट से दरवाजा बंद कर लिया। मैंने वहां से अपनी सवारी नीचे की ओर घुमाई।


शाम के पांच बजे थे।


** सत्ता के एक चमचे का वीक पॉइंट हाथ लग गया मेरे। इसका इस्तेमाल सही से करना होगा** इसी सोच विचार में चल रहा था तभी किसी रूम के सामने से कुछ फूल गिरे दिखाई दिए। आजूबाजू कोई है क्या देख कर कोई हाउसकीपिंग है क्या देखा पर कोई नही था। तो मैंने वो फूल उठाये और थोड़े फैला कर शो पीस में रख दिये। मैं वहां से आगे जाने वाला था तभी उस शोपीस के ठीक दूसरी बाजू से दरवाजा खुला और अंधेरे कमरे से आवाज आई," जल्दी से अंदर आ जाओ"


मैं हड़भड़ाते हुए अंदर गया। एक वीआयपी कमरा जैसा रहता है वैसा कमरा था। औरत काफी घरेलू लग रही थी। खानदानी पहराव। माथे पर कुमकुम, गले मे मंगलसूत्र, हाथ मे चूड़ियां और बाकी का आप समझ जावो। ये क्या भोसड़खाना लगा रखा है बे यहां।ये औरत मन्दिर की जगह वी आय पी रूम में क्या कर रही है?


"तुम्हे मिस रिया ने भेजा है ना?" वो।


"कौन रिया?"मैं रिएक्ट हुआ।


"तुम्हे रिया मालूम नही, यहां की मैनेजर" वो अभी थोड़ा डर रही थी। कहि वो गेम से बाहर ना जाए इसलिए मैंने थोड़ा प्लेबॉय स्क्रिप्ट ट्राय करने का सोचा। गलत जगह गलत इंसान को देखके उस सिन का पूरा ज्ञान हो जाता है, वही काम मेरा सिक्स सेंस उस समय कर रहा था।


"मैनेजर मेडम बोलो, ऐसे काम मे नाम नही बताये जाते, बस कुछ क्लू होते है जैसे कि गमला?( फसी फसी फसी, फस जा आंटी, जल्दी से। क्योकि अब मेरी फट रही है।)


"राइट राइट। माफ करना मैं नई हु। ऐसे सिचुएशन में पहले कभी थी नही। तुम काफी अनुभवी बंदे लगते हो। क्या नाम ? सोरी रूल्स इज रूल्स।" वो थोड़ा हाय ब्लड प्रेशर से मीडियम पे आगयी। ऊपर से कुल भी बन रही थी।


"वैसे रूल्स आर रूल्स पर आप जैसे नो जवान हसीन कुड़ी वास्ते मैं एक रूल जरूर तोड़ सकता हु। (वो थोड़ी शरमाई) आये हए क्या गुलाबी गाल फुले देखो किसीके आह!!! (चलो छोड़ो भी के इसमे हाथ झटकाये) वैसे मेरा नाम मिस्टर युमजोंग, खूबसूरत औरते मुझे मिस्टर जोंग बुलाती हैं।


** वाचको की जानकारी के लिए। युमजोंग कोरियन वर्ड है जिसका मीन्स है लंड( Penis)**


"वो अच्छा, सो जोंग। मेरा नाव मिसेस सुपिया छत्री है। और सही में मैं इस गेम की नई प्लेयर हु। मेरे पहरावे से मालूम हुआ ही रहेगा। (मैं गर्दन हिलाक़े कैज्युअल हस्ते हुए हामी भर दिया।)


मैं," वो तो मैं सोच ही रहा हु।पर आप यहा क्यो? मुझे मालूम है ये वर्क इथिक्स के खिलाफ है ऐसे सवाल पूछना पर आप जानते हो मैं क्यों पूछ रहा हु, राइट!!"


"सीट (उन्होंने बेड पे एन्ड पर मुझे बैठना ऑफर किया और खुद भी बैठ गयी।) सो मैं पिछले दो महीने पहले यहां किसी फेमिली फंक्शन के लिए आई थी तो यहां ठहरी थी। उस समय मैंने यह कि एक जॉय क्लब में जॉइन किया। मेरे पति बिजनेसमन है और इस शहर में आना जाना रहता है तो बहोत समय यही जाता है। तो क्लब के एक इवेंट में मेरी मुलाकात मैनेजर रिया से हुई। उन्होंने मुझे बहोत हेल्प की है यहां कंफर्ट देने के लिए। सो मीन टाइम हम दोस्त बन गए और उसने इस फन गेम का जिक्र कियास , सी वी आर हिअर।" उसने क्येज्यूल स्माइल से खत्म किया। वो मॉडर्न भी थी और पुराने तौर तरीके की भी। दोनों पर्सनेलिटी बड़ी खूब निभा रही थी।


"पर अगर आपके पति को इसका? मतलब समझ रहे हो ना? आपका पहराव पूरा पतिव्रता टाइप है। "मैं।


"वो फो, तुम्हे क्या लगता है मेरे वो अय्याशी नही करते" अभी मेरे जैसे इसी होटल के किसी रूम में किसी मिस योंग के साथ होंगे।" जोंग योंग वाले जोक पे हम दोनों हंस पड़े।


मैं," फिर भी अगर वो गलत है तो आप भी गलती करो ये उनके जैसा ही हुआ ना।"


वो थोड़ी भावुक हुई," तुम्हारे मेरे विचार कितने म्युचुअल है। (उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए। और कस लिएऔर मायूसी सा मुह कर लिया । लगता है उसको कंफर्ट की जरूरत है) पर रिया बोली एक्शन इज रॉन्ग, रिएक्शन इज सेल्फ डिफेंस। वो गलत नही होता। मेरा पति मेरे वफाई के ऊपर अन्याय कर रहा है और मेरा पूरा हक बनता है मेरे वफाई को न्याय देने का। तो इन सेल्फ डिफेंस, मैं आय फ़ॉर आय का फॉर्मूला इस्तेमाल करूँगी। लव और वॉर में सब जायस है। उसने लव को ठुकरा दिया अभी वॉर देखेगा। एयर वैसे भी वो कभी मुझे शारिरिक सुख दे न पाया। मेरा सेल्फ लिविंग कुछ तो है कि नही?" उसने फिरसे कैज्युअल स्माइल देकर बातचीत को हल्का सा ठहराव दिया।


उसके आंखे भरी थी। आसुओ की बूंदे साफ साफ झलक रही थी। मैंने झट से अपने हाथ ऊपर किये और आंसू पोंछ लिए। उसने वेदना भरी आंखे और वासना भरी चेहरे से अपनी भावनाएं बया कर दी। उसके मुह से सिसकी और ओंठ को दांतों के कंट्रोल करते हुए उसने मेरे हाथों को अपने हाथों से मुह पर और दबोचा और एक हाथ के तल पर चुम लिया।


" इस लमहे का इंतजार हर औरत को रहता है जोंग। उसके बिना बताए कोई उसके आंसू को खुद के हाथों से पोंछे।"वो फिरसे रोने लगे उससे पहले मैंने उसके ओंठो पर अपने ओंठो से धावा बोल दिया। उसने बिना देर किए पूरा साथ दिया। ओंठ एक दूसरे का जैसे खून करने के लिए हावी थे। मैंने उसको पेड़ पर बैठे बैठे सुला दिया पर ओंठ न छूटे, न मेरे न उसके। हम एकदूसरे पर ऊपर नीचे होते हुवे अटैक कर रहे थे।ओंठो के उस युद्ध मे बस मेरी अंदर वेअर और उसका इनरवेयर बाकी था। हर ऊपर नीचे वाली हरकत ने एक एक कपड़ा उतार दिया था। कुछ देर बाद वो युद्ध थमा। सुपिया हांफ रही थी।


वैसे सुपिया 35 से 40 साल की एक शादीशुदा औरत है। जिसका बॉडी 36 40 38 जैसा आसपास रहेगा। जिमेस्टिक बॉडी न कोई योगा करती होगी ऐसे लग रहा था। उसका हांफना नॉर्मल लगा मुझे। तभी बेल बजी। सुपिया चौकी पर मैने लिड ली। दरवाजे के आड़े जा के खड़ा हुआ।


"जी 1405 यही…?"


"आप " मैं सामने से सवाल किया।


"जी वो गमला…..(उसने बात बदली) जी कुछ नही, एन्जॉय युवरसेल्फ़..बाय.. सोरी फ़ॉर डिस्टर्ब" वो कन्फ्यूजन में वहां से निकल गया।


मैंने डोर के सेक्युरिटी फोन से धीमी आवाज में बोला, " गार्ड एक पर्पल चेस्क में एक आदमी 13 फ्लोर पे आएगा। उसको मेरे कहने तक कहि पर कैद करो। बाकी बाद में बताता हूं। "


जाहिर सी बात थी कि बंदा वही था जिसकी वजह से आज विकि जोंग का किरदार निभा रहा था। जोंग? अबे चूतिये विकि कोई दूसरा नाम नही मिला। कम कोरियन पोर्न देखा कर।


चलते है बेड पर***


मुझे आते देख आंखों से सुपिया ने पूछा,"कौन?"


"रूम सर्विस" मैंने ग्लोबल जवाब दिया और इतिहास गवाह है कि वो मान गयी।


मैंने उसको खड़े खड़े निहारना चालू किया। मेरी आँखों के उस हवसी देखने से वो शर्मा रही थी, नॉटी स्माइल दे रही थी। मैं कमर से उंगली लपका के अंडरवियर उतार दी। मैं पूरा नंगा था। 7 इंच उसे सलामी दी रहा था।


"वो शिट, इज धिस रियल ? वोआओ!!" वो चकित हो गयी। लगता है ये साइज उसने पहली बार देखी थी।


"मेरे पति का इससे आधे से भी कम है।। ओ मैया मोरी" शॉक और खुशी दोनों हवस में मिक्स करदे तो क्या बन सकता है उसका अनुभव मुझे हो रहा था। मैंने हाथ मे लन्ड हिलाते हुए बेड पर घुटनो से चलते हुए उसके पास गया। उसने धीरे धीरे हाथ बढ़ाते हुए मेरा लन्ड हाथ मे लिया और हल्के हल्के सहलाने लगी। मैंने पीछे से हाथ डाल ब्रा निकाल कर बाजू कर दी। ब्रा MZ CUP थी।


मैं होलिबोल की तरह टॉस किये जा रहा था। सहला रहा था। निप्पल को महसूस कर रहा था। थोड़ा दबाया तो थोड़ा पानीसा दूध भी आ रहा था। उससे उसका जोश और भी बढ़ा और उसने चूसना चालू किया मेरे लन्ड को। मैं तो सातवे आसमान पे चला गया। उसका ब्लोजॉब उतना अच्छा नही था पर परफेक्शन से जरूरी मुझे उसका एन्जॉयमेन्ट ज्यादा जरूरी लगा।


कुछ पल आनंद लेने के बाद उसको मैंने सुलाया और चुचे चूसना मसलना शुरू किया । एक पर मुह से चूसा तो एक हाथ से दूसरे को मसल रहा था। वो वासनाभरी आह, सिसकी भरती जा रही थी। मैंने उसमे और बढ़ावत देने के लिए चूत में हाथ डाल के चूत के दाने को मसनला, चुभना, दबाके मसलना चालू किया। वो तो जैसे ड्रग वाली नशे में तैर रही थी। मेरे मुह को छाती, चुचे पर दबा रही थी। मैं नीचे खिसका, पेंटी खिसका कर जीभ से चूत चोदना चालू किया। बीचमे चुट को चाट, खा रहा था। उसका शरीर बुखार ठंडी की तरह कांप रहा था। वो पानी छोड़ चुकी थीं।


वो पूरी ठंडी पड़े उससे पहले मैंने उसके चुत पर लन्ड लगा कर ठुकाई चालू कर दी। इसके पैर ऊपर की तरफ फैले और वह मेरे नीचे फैली थी। मैंने बीच बीच में ओंठ चुमना चालू रखा।


"आह उम्म, फक मि हार्ड ऊऊऊऊममममम टफ टफ चोदो जोर से आह आह हनी आह फक फक आह…."


अभी वो मेरे ऊपर आयी। बाल एक हाथ से बांध चुचे पकड़ते हुए वो उछल रही थी।मैंने उसके चुचो को कस लिया वो मेरे कंधो पर झुकाव देखे गांड उड़ा रही थी। अभी वक्त था घोड़ी का पर वो उसके लिए अभी थकी थी। तो उसको लिटा के एक पैर ऊपर कर पीछे से लन्ड डालके चोदना चालू किया।


"आह आह एह हए ऍह ये फ़ेकिंग गुड़ , गांडू प्रतीक देखना चाहिए था, एह इह भोसडी वाले को देखना चाहिएए ममम दैट्स कॉल फ़ेकिंग, बुर चोदना इसे कहते मममममम आहह, फक हार्ड फ़ास्ट आह आह.."


अभी मेरा निकल रहा था। मैं बाहर निकाल कर छोड़ने वाला था उससे पहले उसने घूमकर मेरा लन्ड पकड़ा और झट से नीचे चली गयी। फवारा सीधे मुह में।


कुछ देर तक बेड पर ही लेटे रहे। "थेंक्स जोंग, आज बहोत दिन बाद औरत होने का एहसास हुआ" इतना बोलते हुए उसने मुझे एक लंबा लिपकिस दिया और अपना फोन निकाल के एक नंगी तस्वीर मेरे बाहों में लेली और कुछ पल में ही सो गई। कुछ देर बाद मैं उठ कर चला गया।


मैं नीचे जाने तक कुछ बाते सोच रहा था। प्रोफेशनल इंटरनेशनल होटल में 2 कौड़ी की लॉज की तरह एंट्री की झोल ऊपर से ऐसे काम के लिए ऐसे लोग,उसमे ड्रग्स अलग। सेक्युरिटी की लवड़े, वर्क रूल्स के लवड़े, कस्टमर इथिक्स के लवड़े। और भेंछोद ये रिया कौन है? स्टाफ का पोर्टफोलियो देखना पड़ेगा। और ये अश्लील औरतो और ड्रग्स का अलीबाबा का दरवाजा ढूंढना तो ….जरूरी है!!


मैं दरवाजा ढूंढ लेता हूं तब तक आप भी सोचिये और कहानी कैसी वो कमेंट करके बताइये। सारे तरह के सुझाव यहां ध्यान में लिए जाते है। कोई फेंटेसी हो तो वो भी बताइये। हम भी सुनना पसंद करेंगे।
बढ़िया स्टोरी है भाई, plot is good as well narration.
 
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