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Adultery मिस्टर वारिस - Adultery, Incest, Thriller

कहानी के लिये क्या सुझाव है?

  • बहोत अच्छी

    Votes: 43 63.2%
  • अच्छी है

    Votes: 19 27.9%
  • ठीक नही

    Votes: 1 1.5%
  • कुछ कमियां है (कमेंट में बताएंगे)

    Votes: 3 4.4%
  • लिखना बंद कर दे तु!!

    Votes: 2 2.9%

  • Total voters
    68

urc4me

Well-Known Member
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258
Hotel ki safai ka kam shru ho gaya hai. isme labh hi labh hai. Pratiksha agle rasprad update ki
 

Svin

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Bhai kahani ni to badhiya hai.
1. Dadi ko pata chal raha hai ayashi ke liye use paisa chahiye.
2. Maa ka role kuch samz nahi aara hai.
3. Our bahne bhi sirf dolt ke piche hi najar aa rahi hai.
4. Chote chacha ka kand bhi aagaya.
5. In sub main me jo varis hai uska asa koi khas kam hi najar nahi aara hai.
Ek simple story hai . bas narajgi age kya.

6. Wah hotel ke room main rahker story khali hotel staff tak rahegi. Use ghar per
Sift karo.
7.bahne ke sath koi seen nahi hai.
8. Koi to ho jo ghar main hero ka sath denar dadi to nahi. Per wah sirf family business ko dhan. Rakhne ko boli.

8. Ghar ko mahilaye ki life bhi pata chale.
 

WriterTeja

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Bhai kahani ni to badhiya hai.
1. Dadi ko pata chal raha hai ayashi ke liye use paisa chahiye.
2. Maa ka role kuch samz nahi aara hai.
3. Our bahne bhi sirf dolt ke piche hi najar aa rahi hai.
4. Chote chacha ka kand bhi aagaya.
5. In sub main me jo varis hai uska asa koi khas kam hi najar nahi aara hai.
Ek simple story hai . bas narajgi age kya.

6. Wah hotel ke room main rahker story khali hotel staff tak rahegi. Use ghar per
Sift karo.
7.bahne ke sath koi seen nahi hai.
8. Koi to ho jo ghar main hero ka sath denar dadi to nahi. Per wah sirf family business ko dhan. Rakhne ko boli.

8. Ghar ko mahilaye ki life bhi pata chale.
कहानी बहोत लम्बी है भाई। अभी MC का फेमिली रजिस्ट्रेशन बाकी है। वो वहां मालिक बन कर घूम रहा है पर कायदे से वो मालिक नही है। वो वारिस घर का कम धंदे का ज्यादा है। वो फेमिली बिजनेस जिसमे और भी फेमिली है उसका सबसे ज्यादा मैनेजमेंट सपोर्ट और हक मिलना जरूरी है इसके लिए वारिस को लाया गया है। अभी तो सिर्फ प्लॉट सजा रहा हु। आगे बेड भी सजायेंगे। stay tune 😍
 

WriterTeja

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● Season 3 Episode 5
🥳🥳 Show Beggining

कहानी आगे…


मैं नीचे आया तब रात के 8 बजे थे। आज डिनर का मुझे जरा भी मुड़ नही था। मैंने सेक्युरिटी के डिनर टाइम में सारे होटल के कोने कोने का जायजा लिया। ये अलीबाग का दरवाजा कहा है? और उसके 40 चोर कौन है ? शुरुवात हुई सुपिया की एंट्री से। आमतौर पर कोई भी आया हुआ विजिटर पहले रिसेप्शन पर जाता है पर सुपिया जाके मिली मिस रेखा जी से। अच्छा रेखा जी, आप है वो मैनेजर रिया। कोई शॉक होनेवाली बात नही थी, मुझे थोड़ा बहोत अंदाजा था ही। रेखा ने सुपिया को कमरे तक पहुंचाया और गमला फेंक कर नीचे आ गयी। अभी मामला साफ था। कल सुबह स्कूल लेनी थी रेखा की।


मैंने सेक्युरिटी को बोल कर उस जिगलो की अच्छी खासी मेहमाननवाजी करने को कहा। और साथ मे मजे करने के लिए कुछ पैसे भी दिए। और मैं एडमिनिस्ट्रेशन में आ गया। एडमिनिस्ट्रेशन में 6 लोग थे। एक एडमिन (प्रेरणा,उम्र 38) , एक आईटी मैनेजर (परवेश, उम्र 40), आईटी असिस्टेंट(नीता, उम्र 28), पियून(बाबू,25) और 2 मैनेजिंग स्टाफ (कहानी के बिन काम के पात्र)।


मैंने पूरा एडमिन डेटा लेते हुए । आजतक के सस्पेशियस कस्टमर इंट्री परवेश को निकालने के लिए कहा। मैं एडमिन रूम में घुसने के बाद सिर्फ काम की बात कर रहा था। न हाई न हेलो। चल थी गतिविधियों के तहत मुझे इसके लिए टाइम देना सही नही लग रहा था। मैं पूरा डेटा लेकर अपने कमरे में गया। मैं पिछले 6 साल का पूरा डेटा एक्सेल lookup से वेरिफाई कर रहा था।


इसी बीच एडमिन लोग इन से सबका इन आउट टाइमिंग, कार्ड स्वयपिंग का डेटा भी सर्च कर रहा था। मुझे बिना स्टाफ रजिस्ट्री के 3 कार्ड इन आउट एक्टिविटी में दिखाई दिए। उसका एक स्वैप आज भी हुआ था। मतलब वो जिगलो, राइट। बाकी के दो के स्वैप मेरे यहाँ आने के पहले के थे और रोज बार बार हो रहे थे। एडमिन के आईटी के लिए उसके मेल भी जा रहे थे सस्पेशियस के विषय मे पर आईटी का जवाब कोड बग होने का आता था। इसकी मैया की बुर चोदू, भोसडीके फाइव स्टार रंडी खाना चलाके रखा है यहां। एडमिन तर मिला है इसमें।


मैं आज बहोत थका था तो सो गया। सुबह 11 बजे तक मेरी नींद खुली तो मैने सब डेटा मेरे प्रायव्हेट सर्वर पर डाल दिया। और एडमिन का लोग इन मेरे मोबाइल पर रख दिया। जी हां, कम्प्यूटर सायन्स, डेटा सायन्स और साइबर सेक्युरिटी का यूनिवर्सिटी टॉपर हु मैं। मेरे बनाये कई एंटीवायरस है। कई इंस्टिट्यूट और सरकारी विभागों से इंटर्न में काम किये थे स्कॉलरशिप के लिए।


अभी मैं रिसेप्शन पे था और सेक्युरिटी चीफ की राह देख रहा था। तभी मेरे मोबाइल का नोटिफिकेशन बजा और उसी समय स्टाफ इंट्री से सेक्युरिटी चीफ अंदर घुसे। उनसे मिलने की जल्दबाजी में मैंने नोटिफिकेशन नजरो से हल्के से देखा और उनसे इंट्रो करने गया। नाम पूरन चौधरी, 50 ,52 साल के होंगे। उनका पदके अलावा कुछ जानकारी नही थी उसवक्त मेरे पास।


हम गाड़ी में बैठ हवेली जाने के लिए निकले। गाड़ी बड़ी शानदार थी। इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम, फायर प्रूफ, बुलेटप्रूफ एक्सट्रा…। कुछ समय ड्रायविंग के बाद अचानक से गाड़ी रेंगने लगी। उसका स्पीड ओव्हॉलिमिट हो गया। क्या करे कुछ समझ नही आ रहा था। पूरन चाचा पूरी तरह मुझे बचाने के तौर तरीकों में व्यस्त थे। मैंने थोड़ा अंदाजा लगा लिया और मोबाइल निकाला । तो मुझे सबसे पहले वो नोटिफिकेशन दिखा। उस 3 कार्ड मेसे एक और कार्ड उस वक्त होटल से आउट हुआ था। मतलब कोई आया था और हमारे निकलने से पहले बाहर आया। मैंने गाड़ी का ऐसे कंट्रोल छोड़ने का कारण कैसे वैसे पता लगा लिया जोकि कंट्रोल हैक था। पूरा कंट्रोल उसके हाथ मे नही गया था ये हम दोनों का नसीब था । मैंने पूरन अंकल के कान में कुछ बोला और मोबाइल से मेरा हैक एक्टिवेट कर दिया। पर हमें ज्यादा कुछ करने का समय नही मिला पर मैने सेफ्टी को ओपन करके गाड़ी को रस्ते के बाहर धकेल दिया।


इधर हवेली (आधे घंटे बाद)**


""""ब्रेकिंग!! हाइवे पे एक *** कार जिसका नम्बर*** है उसके अचानक संतुनल खोने से गाड़ी रास्ते के बाहर जाके ब्लास्ट हो गयी। गाड़ी के ओव्हॉस्पीड होने से ये घटना हुई है ऐसे ट्रैफिक कंट्रोल रूम का कहना है।घटना में दो मृत पाए गए है, आगे कार्यवाही जारी है…""""


मामा: माँ ये तो तुम्हारी गाड़ी है।


उस समय सब डायनिंग पर थे। नानी के होश उड़ चुके थे। जरूर मन ही मन वो मेरी मौत के लिए वो खुद को कोस रही होगी। माँ भी पागलो की तरह रो रही थी। चेतन उनको संभाल रहा था। बाकी सब चौक गए थे। कुछ समय के बाद नानी ने आंसू पोंछे और मामा को गाड़ी निकालने बोला।


वो लोग जैसे ही दरवाजे से बाहर आये हवेली का गेट खुला और एंट्री हुई यमलोक रिटर्न पूरन चौधरी और विकि की। जी हां काले वस्त्र , काला मुह, उसमे हल्कासा खून और जिंदा रहने का सुकून था बस ज्यादा कुछ फील नही हो रहा था।


हमारी मौत से ज्यादा तो हमारे जिंदा वापस आने का सबसे ज्यादा शॉक लगा था उनको। पर सिर्फ हमारा आना नही तो साथ मे दो और बिन बुलाए मेहमान लाना उनके शॉक का असली कारण था।


क्या हुआ था वहां?चलिए एक्सीडेंट सिन पर**


सेफ्टी कंट्रोल से सेफ्टी एक्टिवेट हो गईं। गाड़ी पलटी पर हम बच गए। पर जहां गाड़ी पलटी हुई वह पर काम करने वाले दोनों की उस गाड़ी से टक्कर लगने से मौत हो गयी। पर वो हमें बाद में मालूम पड़ा।


हमे मालूम था कि वो लोग आस पास ही होंगे क्योंकि गाड़ी कंट्रोल हैक करने के लिए 100 या 200 मीटर का दायरा लगता है। उनको झांसे में लेने के हमने खुदसे ही पेट्रोल टैंक के इस्तेमाल से गाड़ी ब्लास्ट करवा दी। हमारे अनुमान के तहत किलर्स जायजा और कन्फर्म करने के लिए वहां आये। हमने मौका न गवाते हुए दोनों को घेरा और बड़े मेहनत से कुटा पीटा और उन्ही की गाड़ी से हवेली पहुंचे।


नानी ने झट से आके मुझे गले लगाया," विकि विकि तू ठीक है ना, तुझे चोट नही आई न ज्यादा…सोरी सोरी.. सब मेरी गलती है… कितने बड़े झमेले में मैंने तुम्हें डाल दिया …है भगवान मेरा बच्चा।"


मैं,"चील नानी, एक तो मैं बच्चा नही हु। और दूसरी बात इसमे आपकी कोई गलती नही है। आप खामखा इल्जाम मत लो।"


पूरण,"जी मैम, गलती दरअसल मेरी है। मुझे ही ..!!"


"पूरन अंकल अभी आप शुरू मत हो जावो यार, मौत सामने थी फिर भी आप मेरे लिये सोच रहे थे," मैंने पूरन अंकल के कंधे पे हाथ रख अपना आभार जताया।


नानी मुस्कुराते,"कोई किसीका अच्छा दोस्त बना लगता है।"


पुरन," सच कह दु तो मैम आज मालिक की वजह से जिंदा है, लास्ट मोमेंट पे उन्होंने मुझे स्टेयरिंग पर दबाव छोड़ खुद को सेफ पोजिशन में लाने को कहा, और खुद भी पोजिशन ले लिए और सेकंड में एअर बैग, फायर सिस्टम ऑन होकर गाड़ी पलट गई। उम्रभर में ऐसा थ्रिलर मोमेंट कभी नही देखा।"


नानी," चॉइस किसकी है।" हम तीनों हस पड़े।


तब तक फेमिली वाले भी पास आ गए जो दूर से हमारी ये बाते सुन रहे थे। सब ने हमारी हालत पूँछी। और सब उन दो गाड़ी में बंधे गुंडो को देखने लगे।


मैं, " पूरन अंकल, आज का बस ट्रेलर है। अब ऐसी स्टंटस और थ्रिल मोमेंट बार बार दिखेंगे आपको। एके झलक और दिखता हु। बस उस लौंडो को लेकर स्विमिंग पूल पर उल्टा लटका दो।" हमने उनका सामान पहले ही अपने पास लेके रखा था।सब लोग मेरी बातें सुनते रहे।


सिन स्विमिंग पूल-


दो लोग गर्दन पानी के ठीक ऊपर लहराते हुए उल्टा लटक रहे थे। घरवाले बाजू में जगह पकड़ के बैठे, खड़े थे। पूरन अंकल एक रस्सी का कंट्रोल लिए खड़े थे।


दादी मेरे पीछे बैठी थी, बोली,"विकि इसकी सच मे जरूरत है क्या?"


मैं,"जी हां नानी, हुकूमत करनी हो तो डर फैलाना जरूरी होता है। ये बस नमूने है, ये लोक सबक होंगे उनके लिए जो इनको कट्रोल करते है। उनको पता लगने चाहिए। बाप से पंगा नही लिया जाता।" पूरन अंकल को इशारा किया और चाचा ने दोनों के मुह 2 मिनिट पानी मे घुसाए रस्सी कंट्रोल छोड़ के और बाहर निकाले। ये नजारा काफी डरावना था। पूरन अंकल भी कुछ देर के लिए डर से गये। पर लोग हैरान तब हुए जब मेरे आंखों या चेहरे पर शिखस्त भी नही दिखी।


" मैं सवाल पूछूंगा और तुम जवाब दोगे ,ठीक है।"


" फक ऑफ" उनमे से एक। मैंने पूरन चाचा को फिरसे इशारा किया पर इसबार 30 सेकंड बढ़ा दिए।


"हर गलत जवाब और 30 सेकंड बढ़ेंगे, तो जानलो ये तुम्हारा आखरी चांस है। 3 मिनिट झेल नही पावोगे। "मैं।


उसमे से दूसरे की पूरी फ़टी पड़ी थी। उसने जवाब देने का वादा कर दिया।


मैं," 3 सवाल है। ये सब प्लान मेरे कल के इन्वेस्टिगेशन के बाद चालू हुआ ये तो तय है। बस मुझे बताओ। तुम पहले से ही होटल में थे? मेरी फेमिली का कोई इसमे शामिल है? मेरे बाद कोई और टारगेट था क्या?"


वो," जी हम सुबह ही वहां आ गए थे। आपकी बाहर जाने की राह देख रहे थे। कल रात 11 बजे हमे सुपारी मिली कि *** नम्बर की गाड़ी को इस स्पॉट पर उड़ा दो। किसने दी सुपारी मालूम नही ।"


मेरे लिए इतना काफी था। मैंने पूरन अंकल को उन दोनों को पुलिस स्टेशन पोहचाने के लिए बोला। और पीछे घुमा। सबके चेहरे चींख चीख के मुझे इस पूरे घटना का जवाब पूछ रहे थे।


नानी,"ये क्या हो रहा है विकि, कुछ बतावोगे? (गुस्सा टपक रहा था)तुम्हे आये दो दिन न हुए ऐसा क्या हुआ कि किलर मारने आ गए।"


मामा," भांजे , कुछ मद्त चाहिए तो बेझिझक मांग ले। मैं तुम्हारे साथ हु।" मामी ने हामी भर दी।


रितु," विकि, अभी तू इस घर का इकलौता बेटा, भांजा, भाई है। पूरा घर सपोर्ट में खड़ा हो जाएगा। है कि नही नीतू?!!"


नीतू," हा नही तो क्या?!!! दादा के बाद कोई मर्द सा आया है घर मे। अभी हमे थोड़ा धीरज मिल रही है।"


कोई और बोले और इस फेमेली प्यार से मैं पिघल जाऊ उससे पहले मैंने बोलना चालू किया, " चिंता मत करो, ये ही मेरी आज तक कि जिंदगी रही है तो मुझे कोई डर नही। डर बस इतना है कि आप लोगों की जीव को कोई हानि न पहुंचाए। (मेरे उनके लिए फिक्र से मेरा एक स्टेप उनकी ओर बढ़ गया था। काफी लोगोंके आंखों में वो दिख रहा था।) बस यहां बात यू है कि कल मैंने एक इन्वेस्टिगेशन कैपेन चलाया होटल में और उसमें कई गलत चीजे मुझे मिली और आगे भी मिलती जाएंगी। मेरा इसमे इन्वॉल्व होना जिनको पसंद नही आया उन्होंने रातोरात ये कांड प्लान किया। वो रहने दो, नानी चलो रजिस्टार बंद होने से पहले कायदे का काम निपटा लेते है।"


दोपहर के बाद**


दफ्तरी काम पूरा हुआ और हम घर आये। खाना खाने के बाद मैं नानी के साथ कमरे में गया। कमरे में जाते ही मैंने नानी के पूरे रूम को छानना शुरू किया।


नानी,"क्या ढूंढ…."


मैं,"शुऊऊऊऊ…"


कुछ देर ढूंढने के बाद मुझे 2 ,3 वॉइस बग मील जिनको मैंने हवेली से बाहर स्विमिंग पूल की ओर फेंक दिया। फिर नानी का फोन पूरा रिबूट मार दिया। क्योंकि मैं कब किसके साथ कहा जाने वाला हु ये हम तीनों को मालूम था। पूरन अंकल पर शक था पर वो इतने लेवल तर जाएंगे ऐसे नही लगता। दफ्तरी काम के वक्त मैने उनके बारे में पूछताछ की तो काफी कलीन और फेमिली वाला बंदा मालूम हुआ।तो जाहिर है वॉइस बग और फोन टैप हो रहा था।


नानी," विकि अब तैयार हो जाओ, अभी असली युद्ध चालू हुआ है। अभी और संभालना। जैसे मैंने बताया कि तुम्हे खोना मैं सह नही पाऊंगी।" नानी भावुक हो गयी और मुझे कस के गले लगा लिया। वो काफी डर सी गयी थी। वो दिखाती नही थी पर वो डरी जरूर थी।


नानी,"और हा आज यही पर सो जाना । दो तीन दिन तक मेरे आंखों के ओझल ना होना। आज से ऑफिशियल हाउस मैन बन गए हो। आजसे बड़े मामा की तरह घर के बड़े फैसले। सभी व्यवहार तुम्हारी जिम्मेदारी है। और तुम्हारा खयाल रखना हमारी।"


मैं,"ठीक है। मैं रात के खाने में नही रहूंगा। बस अभी के लिये इजाजत दी। कुछ जरूरी काम निपटाने है। वो करके मैं रात को आ जाऊंगा।"


नानी,"ठीक है। पर खयाल रखना। "


मैं हामी भर के वहा से निकल गया।


--------------- अभी रुको, आगे सेक्स ही सेक्स है---------
 

sunoanuj

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Jabardast updates… story bahut sahi chal rahi hai… keep posting 👏🏻👏🏻
 
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